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![इंग्लैंड में फैलती कोरोना की नई किस्म कितनी घातक इंग्लैंड में फैलती कोरोना की नई किस्म कितनी घातक](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/16080268622922079_303.jpg)
ब्रिटेन में कोरोना वायरस की नई किस्म सामने आई है. इंग्लैंड के कई हिस्सों में वायरस की यह नई किस्म बड़ी तेजी से फैल रही है. क्यों बदल जाते हैं वायरस?
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ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक के मुताबिक कम से कम 60 स्थानीय प्रशासनों ने कोरोना वायरस के नए रूप से फैले संक्रमण की बात मानी है. फिलहाल इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि वायरस का नया रूप पहले से ज्यादा घातक है. हैनकॉक के मुताबिक इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वायरस के नए वर्जन पर वैक्सीन काम नहीं करेगी. दक्षिणी इंग्लैंड में इसके संक्रमण के 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं.
फिलहाल कोरोना वायरस के लिए होने वाले टेस्ट में वायरस की नई किस्म पकड़ में आ रही है. ब्रिटिश वैज्ञानिकों और वायरस विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस का नया रूप ज्यादा घातक और संक्रामक नहीं है. हालांकि इस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है. वायरस के नए रूप के सामने आने के बाद लंदन में 16 दिसंबर से कड़े लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है.
क्यों बदलता है वायरस का रूप
प्रकृति में मौजूद हर जीवित चीज की तरह वायरस भी लगातार प्रजनन और क्रमिक विकास करते रहे हैं. वायरस एक शरीर को संक्रमित करने के बाद आगे दूसरे शरीर तक पहुंचना चाहते हैं, ताकि वे फैलें और अपनी प्रजाति को जिंदा रख सकें. इस संक्रमण के लिए जीन में जिस तरह के बदलावों की जरूरत पड़ती है, वायरस वे बदलाव करने लगते हैं. विज्ञान की भाषा में इस प्रक्रिया को जेनेटिक म्यूटेशन कहा जाता है.
लगातार म्यूटेशन के बाद खुद को तेजी से फैला सकने वाले नए किस्म तैयार होते हैं. यह एक प्रजाति के लिए मामूली तो दूसरी प्रजातियों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं. कोरोना वायरस (सार्स-कोव-2) भी इसका सबूत है. तमाम वन्य जीवों के लिए यह जानलेवा नहीं है, लेकिन इंसान के शरीर में दाखिल होते ही इस वायरस ने महामारी की शक्ल ले ली.
ओएसजे/एनआर (एपी, रॉयटर्स)