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भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट: डे-नाइट मैच में होगी असल परीक्षा
17-Dec-2020 8:38 AM
भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट: डे-नाइट मैच में होगी असल परीक्षा

इन दिनों भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है, जहां गुरुवार से चार टेस्ट मैच की सिरीज़ शुरू होने जा रही है. इससे पहले दौरे की शुरूआत तीन मैच की एकदिवसीय सिरीज़ से हुई जो 2-1 से ऑस्ट्रेलिया ने जीती.

इसके बाद पलटवार करते हुए तीन मैचों की टी-20 सिरीज़ भारत ने 2-1 से अपने नाम की. लेकिन अब तो टेस्ट क्रिकेट में असली परीक्षा होगी. चार टेस्ट मैच की सिरीज़ का पहला मैच गुरुवार से एडिलेड में खेला जाएगा, वह भी गुलाबी गेंद के साथ डे-नाइट टेस्ट मैच के रूप में यानी दूधिया रोशनी में.

भारत ने अभी तक एक डे-नाइट टेस्ट मैच खेला है. भारत ने नवंबर 2019 को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ यह टेस्ट मैच कोलकाता के ईडन गार्डंस में खेला था और आसानी से एक पारी और तीन रन से जीता. भारत के कप्तान विराट कोहली ने इस टेस्ट मैच में शतक भी बनाया और वह डे-नाइट टेस्ट मैच में शतक बनाने वाले पहले भारतीय भी बने.

दूसरी तरफ़ ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक सात डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं और सभी जीते है. वैसे अभी तक चौदह डे-नाइट टेस्ट मैच खेले गए हैं.

दिलचस्प बात यह है कि इन सभी मैचों के परिणाम निकले हैं, कोई भी टेस्ट मैच ड्रॉ नहीं रहा. इससे साबित होता है कि गुलाबी गेंद के साथ डे-नाइट टेस्ट मैच खेलना बेहद चुनौतियों से भरा है. भारत के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे भी मानते हैं कि इन चुनौतियों का सामना करना आसान नहीं होगा, ख़ासकर शुरुआती सत्र बेहद महत्वपूर्ण होगा. अजिंक्य रहाणे कह चुके हैं कि गुलाबी गेंद के साथ दिन ढलने के दौरान का सत्र अहम होता है. नई गुलाबी गेंद की रफ़्तार सूर्यास्त के समय काफ़ी तेज़ हो जाती है. ऐसे में बल्लेबाज़ों के लिए एकाग्रता बनाए रखना मुश्किल होता है.

अजिंक्य रहाणे के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हर जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले टेस्ट मैच के बाद नियमित कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव के लिए वापस भारत लौट आएंगे और उसके बाद बचे हुए तीन टेस्ट मैचों की कमान उन्हें ही संभालनी है.

ऑस्ट्रेलिया को बड़ा झटका

अजिंक्य रहाणे ने मंगलवार को कहा था कि पहले टेस्ट मैच के लिए टीम संयोजन पर कोई फ़ैसला नहीं किया गया है लेकिन टीम प्रबंधन ने बुधवार को ही अंतिम ग्यारह का ऐलान कर दिया, जिससे खिलाड़ी मानसिक रूप से तैयार रहें.

सलामी जोड़ी और विकेटकीपर को लेकर ही कुछ सवाल थे बाकी नौ खिलाड़ी तो तय ही थे. अब मयंक अग्रवाल के साथ पृथ्वी शॉ पारी की शुरूआत करेंगे और विकेटकीपिंग की ज़िम्मेदारी रिद्धिमान साहा संभालेंगे. इनके अलावा टीम में कप्तान विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, आर अश्विन, मोहम्मद शमी, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह शामिल हैं.

वहीं ऑस्ट्रेलिया को सबसे बड़ा झटका डेविड वॉर्नर के चोटिल होकर टीम से बाहर होने से लगा. डेविड वॉर्नर कितने ख़तरनाक बल्लेबाज़ हैं यह सभी जानते हैं. डे-नाइट क्रिकेट में तो वार्नर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नाबाद 335 रन की रिकार्ड पारी भी खेल चुके हैं.

वॉर्नर के बाहर होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरी समस्या स्टीव स्मिथ का पूरी तरह फ़िट नहीं होना है. स्मिथ कमर दर्द से परेशान हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पास बेहद अनुभवी तेज़ आक्रमण है जिसमें पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हैज़लवुड शामिल हैं. मिचेल स्टार्क ने सात डे-नाइट मैचों में गुलाबी गेंद से 42 विकेट चटकाए हैं.

कोहली के लौटने से क्या बदलेगा?

अब सवाल यह कि गुलाबी गेंद, डे-नाइट टेस्ट मैच, विराट कोहली का इसके बाद स्वदेश लौटना यह सब देखते हुए यह मैच कितना महत्वपूर्ण हो जाता है?

इन सब सवालों के जवाब में क्रिकेट समीक्षक विजय लोकपल्ली कहते हैं कि यह सिरीज़ दोनों टीमों के लिए बेहद अहम है क्योंकि दोनों टीमें रैंकिंग में पहले दूसरे स्थान पर हैं. दोनों टीमों के बीच रोमांचक मैच खेले जाते हैं. लेकिन गुलाबी गेंद का क्रिकेट अलग और चुनौतीपूर्ण है.

ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक सात डे-नाइट मैच खेले हैं और सातों जीते हैं. भारत के पास इस तरह के क्रिकेट का अधिक अनुभव नहीं है, वह केवल एक मैच बांग्लादेश के ख़िलाफ़ खेला है. बांग्लादेश एक कमज़ोर टेस्ट टीम है और उसके पास भी गुलाबी गेंद का अधिक अनुभव नहीं था.

वैसे तो हर टेस्ट मैच में पहला सत्र बेहद महत्वपूर्ण होता है लेकिन गुलाबी गेंद वाले टेस्ट मैच में यह दोनों टीमों के लिए अहम होगा. अगर भारत पहले सत्र में गेंदबाज़ी करता है तो ऑस्ट्रेलिया के कितने विकेट लेता है और अगर बल्लेबाज़ी करता है तो कितने विकेट बचाकर लंच करने आता है यह देखना होगा. विराट कोहली इस टेस्ट मैच के बाद वापस भारत लौटेंगे तो उन पर भी दबाव होगा. इस लिहाज से यह बहुत कांटे का मैच होगा.

आने वाले मैचों में विराट कोहली की कमी कितना खलेगी और क्या पहला टेस्ट मैच अजिंक्य रहाणे के लिए कुछ सीख हासिल करने वाला रहेगा?

इसके जवाब में विजय लोकपल्ली कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं कि विराट कोहली की कमी को खलेगी. वह हर परिस्थिति में रन बनाते हैं. वह भारत के सबसे शानदार बल्लेबाज़ हैं. हर गेंदबाज़ी को आराम से खेलते हैं लेकिन अजिंक्य रहाणे जिन्होंने एक ही टेस्ट मैच में कप्तानी की है, वह भी धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, लेकिन बेहतरीन अंदाज़ में की.

उन्होंने कुलदीप यादव को पहला मैच खिलाया था. रहाणे बेहद नियंत्रण में रहते हैं, ज़्यादा शोर नहीं मचाते. टीम मैन हैं और समझदार हैं. विराट कोहली से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है. और जब विराट वापस आ जाएंगे तो वह उनकी जगह लेने के लिए तैयार होंगे और ख़ुद को आरामदायक स्थिति में भी पाएंगे. उन्हें टीम का समर्थन भी है. अजिंक्य रहाणे के लिए यह सिरीज़ उनके क्रिकेट करियर के लिए बेहद अहम है क्योंकि वह कई बार टीम से अंदर बाहर हुए हैं.

मयंक अग्रवाल के साथ पृथ्वी शॉ को खिलाने के फ़ैसले को लेकर विजय लोकपल्ली कहते हैं कि मयंक अग्रवाल तो नियमित सलामी बल्लेबाज़ हैं ही लेकिन पृथ्वी शॉ केवल टेस्ट सिरीज़ के लिए ही चुने गए हैं.

आईपीएल में उनके प्रदर्शन को छोड़ दिया जाए तो वह केवल चार टेस्ट मैच खेले हैं. वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैच में उनका प्रदर्शन शानदार रहा, और एक शतक भी बनाया. उसके बाद टीम न्यूज़ीलैंड गई जहां सभी नाकाम रहे. लेकिन पृथ्वी शॉ ने अर्धशतक बनाया.

तीन नम्बर पर पुजारा, चार पर कोहली, पांच पर रहाणे और छह पर हनुमा विहारी. हनुमा गेंदबाज़ी भी करते हैं. ऋषभ पंत के लिए बहुत शोर मच रहा है लेकिन रिद्धिमान साहा आज भी भारत के बेहतरीन विकेटकीपर हैं. तीन तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, एक स्पिनर आर अश्विन यानी टीम बिलकुल संतुलित है.

ऑस्ट्रेलिया की टीम को लेकर विजय लोकपल्ली कहते हैं कि कुछ खिलाड़ियों को अगर छोड़ भी दिया जाए तो काग़ज़ पर भी यह टीम उतनी ही मज़बूत है जितनी पहले थी. स्टीव स्मिथ की कमर में दर्द था लेकिन ख़बर है कि बुधवार को उन्होंने अभ्यास किया. भारतीय खिलाड़ी जब तक स्मिथ को आउट नहीं करेंगे तब तक मैच उनसे दूर रहेगा.

मैथ्यू वेड ने तो भारत के ख़िलाफ़ रन भी बनाए है. कैमरून ग्रीन टीम में जगह बनाने की तलाश में हैं. गेंदबाज़ी में नाथन लियन दुनिया के सबसे अच्छे स्पिनर हैं. उनके पास विविधता का भंडार है. पैट कमिंस अपनी तेज़ी से ही बल्लेबाज़ को हिला सकते हैं. स्टार्क एकदिवसीय सिरीज़ में महंगे साबित हुए लेकिन खब्बू गेंदबाज़ हैं जो हैज़लवुड का अच्छा साथ दे सकते हैं.

विजय लोकपल्ली इस मैच में भारत का पलड़ा भारी मानते हैं और इसका कारण है गेंदबाज़ी. वह मानते हैं कि भारतीय गेंदबाज़ बेहद क़ाबिल हैं लेकिन देखना होगा कि वह गुलाबी गेंद की स्विंग और उछाल को कैसे नियंत्रित करेंगे. बल्लेबाज़ी में विराट कोहली टीम को राह दिखाएं और बड़ी पारी खेलें क्योंकि वह केवल एक मैच खेल रहे हैं.

विराट कोहली ने अभी तक एडिलेड में तीन टेस्ट मैच खेले हैं और 71.83 के औसत से 431 रन बनाए हैं जिसमें उनके तीन शतक शामिल हैं.

भारत ऑस्ट्रेलिया सिरीज़ को लेकर एक और क्रिकेट समीक्षक अयाज़ मेमन कहते हैं कि अभी भी खिलाड़ी गुलाबी गेंद और डे-नाइट टेस्ट मैच के आदी नहीं हैं. यहां गेंद भी लाल गेंद से अलग है. इसकी सीम की गहराई अलग है. शाम के समय गेंद अधिक स्विंग होती है. यह सब चुनौतियाँ बल्लेबाज़ों के लिए अधिक हैं. एडिलेड की पिच पहले धीमी होती थी, इससे स्पिनर को मदद मिलती थी. यह बैटिंग पिच मानी जाती थी.

सलामी जोड़ी अगर नाकाम रहती है तो उसका दबाव मिडिल ऑर्डर पर पड़ेगा. ऐसे में भारतीय गेंदबाज़ अपना कमाल दिखा सकते हैं.

अयाज़ मेमन कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के पास घरेलू लाभ तो है लेकिन पहले टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम भी दमदार है. विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, मोहम्मद शमी और उमेश यादव इनके पास बेहद अनुभव है. मयंक अग्रवाल के पास भी घरेलू अनुभव है. आर अश्विन 300 से अधिक टेस्ट विकेट ले चुके हैं. आने वाले मैचों में जब विराट कोहली नहीं खेलेंगे तब भारत को ज़रूर झटका लगेगा.

पिछली बार जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में जीती थी तब ख़ास बात यह थी कि गेंदबाज़ हर पारी में बीस विकेट ले रहे थे. चेतेश्वर पुजारा ने उस सिरीज़ में पांच सौ से ज़्यादा रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अगर पहली पारी या दूसरी पारी में साढ़े तीन सौ या उससे ज़्यादा रन नहीं बनाए तो जीतना मुश्किल होता है. (bbc)

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