अंतरराष्ट्रीय
अमेरिकी सरकार ने मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन को मंज़ूरी दे दी है.
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने फ़ाइजर/बायोएनटेक की वैक्सीन को मंज़ूरी देने के एक सप्ताह बाद इस वैक्सीन को मंज़ूरी दी है.
अमेरिका ने मॉडर्ना की वैक्सीन की 20 करोड़ खेप की ख़रीदारी की है, इसमें साठ लाख वैक्सीन की खेप आपूर्ति के लिए तैयार है.
अमेरिका में कोविड संक्रमण का सबसे ज़्यादा असर देखा गया है.
अब तक देश में कोविड से तीन लाख 11 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि एक करोड़ 72 लाख से ज़्यादा इससे संक्रमित हो चुके हैं.
टेनेसी मेहरी मेडिकल कॉलेज के सीईओ डॉक्टर जेम्स हिलड्रेथ ने कहा, ''जनवरी में कोरोना वायरस के मामले आने के बाद से दिसंबर में दो वैक्सीन का उपलब्ध होना एक असाधारण उपलब्धि है.''
एफडीए के एडवाइज़री पैनल में गुरुवार को 18 साल और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों को मॉडर्ना वैक्सीन लगाने के जोखिम कम और फायदे ज़्यादा होने को लेकर वोटिंग हुई थी जिसमें पैनल ने एक अनुपस्थिति के साथ 20-0 से वोट किया. इसके बाद शुक्रवार को इसे मंज़ूरी दे दी गई.
इस हफ़्ते की शुरुआत में नियामकों ने बताया था कि मॉडर्ना वैक्सीन सुरक्षित है और 94 प्रतिशत प्रभावी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैक्सीन की मंज़ूरी की आधिकारिक घोषणा से घंटों पहले ही इसकी जानकारी दे दी थी.
उन्होंने ट्वीट किया था, ''बधाई, मॉडर्ना वैक्सीन अब उपलब्ध है.''
मॉडर्ना वैक्सीन फ़ाइज़र से कैसे अलग है
मॉडर्ना वैक्सीन को एक से दूसरी जगह ले जाने के दौरान लगभग 20 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखने की ज़रूरत होती है. ये एक सामान्य फ्रीज़र की तरह है.
वहीं फ़ाइज़र/ बायोएनटेक की वैक्सीन को लगभग 75 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाता है. इसके चलते इसका परिवहन मुश्किल हो जाता है.
फ़ाइज़र की तरह ही मॉडर्ना वैक्सीन के भी दो शॉट्स देने की ज़रूरत होगी. मॉडर्ना का दूसरा इंजेक्शन पहले इंजेक्शन के 28 दिनों बाद लगाया जाएगा. वहीं, फ़ाइज़र का में दोनों वैक्सीन के बीच 21 दिनों का अंतर होता है.
मॉडर्ना का अधिकतर उत्पादन कैम्ब्रजि और मैसाचुसेट्स में हो रहा है जबकि फ़ाइज़र/ बायोएनटेक कई देशों में बनाई जा रही है जिसमें जर्मनी और बेल्जियम भी शामिल हैं.
पहले से ही कई देशों ने मॉडर्ना वैक्सीन की करोड़ों डोज़ के लिए ऑर्डर दे दिया है.
ड्यूक यूनिवर्सिटी ग्लोबल हेल्थ इनोवेशन सेंटर के मुताबिक कनाडा पहले ही वैक्सीन की पांच करोड़ 60 लाख डोज़ मंगा चुका है.
ब्रिटेन 70 लाख डोज़ खरीदने वाला है. यूरोपीय संघ ने पिछले महीने वैक्सीन की आठ करोड़ डोज़ खरीदने के अनुबंध की घोषणा की थी. इस अनुबंध में ये भी शामिल है कि वैक्सीन के सुरक्षित और प्रभावी होने पर इसकी आठ करोड़ डोज़ और खरीदी जाएंगी.
जापान पांच करोड़, दक्षिण कोरिया दो करोड़ और स्विट्ज़रलैंड सात करोड़ 50 लाख वैक्सीन खरीदने के लिए अनुबंध कर चुका है.
अमेरिका में टीकाकरण अभियान शुरू हो चुका है. अमेरिका में सोमवार (14 दिसंबर) को कोविड-19 का पहला टीका लगाया गया. ये पहला टीका न्यूयॉर्क के लॉन्ग आईलैंड के एक अस्पताल की नर्स सांद्रा लिंडसी को लगाया गया था. (bbc)