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जर्मनी के एक यहूदी प्रार्थना घर आतंकी हमला करने वाले शख्स को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. 2019 में जर्मन शहर हाले में हुए इस हमले में दो लोगों की मौत हुई थी.
अदालत में सजा सुनाते वक्त स्टेफान बालियत मौजूद था. उसने माना है कि यहूदियों के पवित्र दिन योम किप्पूर के मौके पर उसने प्रार्थना घर में घुसने की कोशिश की. यहूदी प्रार्थना घर का मजबूत दरवाजा बंद होने के कारण वह अंदर नहीं घुस पाया. हालांकि उसने वहां से गुजर रही महिला याना एल (उम्र 40 साल) की हत्या कर दी. उसके बाद उसने पास ही मौजूद एक कबाब की दुकान पर मौजूद केविन एस नाम के एक युवा की भी हत्या की.
बालियत पर इन हत्याओं के साथ ही उस वक्त प्रार्थनघर में मौजूद 51 लोगों की हत्या की कोशिश करने का भी आरोप लगाया गया. अदालत में सुनवाई के दौरान उसने यहूदियों के खिलाफ और नस्लभेदी विचार रखे. इसके साथ ही उसने नारीवाद विरोधी साजिशों का भी खाका खींचा. उसने कहा कि वह प्रार्थनाघर में मौजूद 51 लोगों की हत्या करना चाहता था. उसने महिला की हत्या के लिए माफी मांगी और कहा कि वह किसी गोरी महिला की हत्या नहीं करना चाहता था.
अदालत ने बालियत को "गंभीर गुनहगार" माना है. इसलिए 15 साल से पहले उसकी रिहाई संभव नहीं हो सकेगी. सरकारी वकील और पीड़ितों के वकील ने उम्रकैद की सजा ही मांगी थी. घटना के 14 महीने बाद अदालत ने सजा सुनाई है.
जर्मनी बीते कुछ सालों में अल्पसंख्यकों और यहूदियों के लिए "खतरनाक" जगह बन गया है. हाले की घटना दूसरे विश्व युद्ध के बाद यहूदियों के खिलाफ जर्मनी में सबसे बड़ा हमला था. बालियत ने ना सिर्फ यहूदियों के प्रार्थना घर में जबर्दस्ती घुसने की कोशिश की बल्कि वह इस हमले को एक मशहूर गेमिंग साइट पर सीधा प्रसारित भी कर रहा था.
जर्मन अधिकारियों ने दक्षिणपंथी हिंसा को रोकने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं. हालांकि एक साल के भीतर ही संदिग्ध नवनाजी गुट के हाथों एक क्षेत्रीय राजनेता की और हनाऊ में आप्रवासी पृष्ठभूमि के 9 लोगों की हत्या हो चुकी है. हनाऊ में एक शीशा बार पर अंधाधुंध गोलियां चला कर लोगों की हत्या की गई.