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![पाकिस्तान ने अचानक लश्कर कमांडर ज़की-उर-रहमान को क्यों गिरफ़्तार किया पाकिस्तान ने अचानक लश्कर कमांडर ज़की-उर-रहमान को क्यों गिरफ़्तार किया](https://dailychhattisgarh.com/2020/article/1609644397akhvi.jpeg)
मुंबई में 26/11 के हमलों के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर ज़की-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान में गिरफ़्तार किया गया है.
पाकिस्तान के आतंक निरोधी विभाग ने लखवी को आतंकवाद के लिए फंडिंग के आरोप में गिरफ़्तार किया है.
गिरफ़्तारी एक ऐसे वक़्त में हुई है जब अगली एफएटीएफ बैठक होने में कुछ हफ़्ते बचे हैं जिसमें फ़ैसला लिया जाएगा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा जाए या नहीं.
फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफ़एटीएफ़ एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में हो रही मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिए नीतियां बनाना है. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद चरमपंथ की फंडिंग को रोकने का उद्देश्य भी इसमें शामिल किया गया.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधी विभाग के प्रवक्ता ने बताया, “लखवी पर एक डिस्पेंसरी के ज़रिए आतंकवाद के लिए फंडिंग इकट्ठी करने का आरोप है.उसने इस डिसपेंसरी से फंड इकट्ठा कर उसे आतंकवादी फंडिंग के लिए और निजी खर्चे के लिए इस्तेमाल किया.”
इस बयान में बताया गया कि इस आरोप के साथ ये बात भी जुड़ी है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लखवी को प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट में डाला है और इसलिए बिना विशेष इजाज़त वह किसी फंड का इस्तेमाल नहीं कर सकता.
इस मामले को लाहौर की एंटी-टेररिज़म कोर्ट में सुना जाएगा.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू के अनुसार भारतीय अधिकारियों ने इस कार्रवाई की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान के लिए ये आम बात हो गई है कि वो एफएटीएफ की बैठक से पहले बड़े आतंकवादी चेहरों को गिरफ्तार करके दिखाता है.
अप्रैल 2015 में मुंबई हमलों के कथित मास्टरमाइंड ज़की-उर-रहमान लखवी को अडियाला जेल के रिहा कर दिया गया था. तब लाहौर हाई कोर्ट ने लखवी की नज़रबंदी को ख़त्म करते हुए उन्हें दस लाख के दो ज़मानती मुचलकों पर रिहा करने का आदेश दिया था. भारत लखवी को 2008 में हुए मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड मानता है जिनमें 166 लोग मारे गए थे. लखवी को पाकिस्तान ने 7 दिसंबर 2008 को गिरफ़्तार किया था. (बीबीसी)