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ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट हमेशा के लिए निलंबित किया
09-Jan-2021 9:21 AM
ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट हमेशा के लिए निलंबित किया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट हमेशा के लिए निलंबित कर दिया गया है. ट्विटर का कहना है कि ऐसा हिंसा को बढ़ावा देने की आशंका को देखते हुए किया गया है.

ट्विटर ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के हाल के ट्वीट्स की गहनता से समीक्षा की गई. ट्विटर के मुताबिक़ @realDonaldTrump के ट्वीट के संदर्भों को भी देखा गया और उसके बाद इस अकाउंट को हमेशा के लिए निलंबित करने का फ़ैसला लिया गया.

इससे पहले ट्रंप के अकाउंट को ट्विटर ने 12 घंटों के लिए लॉक किया था. तब ट्विटर ने कहा था कि अगर इस प्लेटफ़ॉर्म के नियमों को तोड़ा गया तो ट्रंप को हमेशा के लिए बैन कर दिया जाएगा.

बुधवार को ट्रंप ने ऐसे कई ट्वीट किए थे जिसमें अपने हिंसक समर्थकों को 'देशभक्त' कहा था. बुधवार को ट्रंप के सैकड़ों हिंसक समर्थक अमेरिकी कांग्रेस के कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए थे.

तब अमेरिकी कांग्रेस में नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत की औपचारिक पुष्टि की प्रक्रिया चल रही थी. ट्रंप समर्थकों के अमेरिकी कांग्रेस पर हमला बोलने से पहले राष्ट्रपति ने इन्हें संबोधित करते हुए कहा था, ''हमलोग हार नहीं मानेंगे. हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.''

गुरुवार को फ़ेसबुक ने ट्रंप के अकाउंट को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने की घोषणा की थी. इसके अलावा लोकप्रिय गेमिंग प्लेटफॉर्म ट्विच ने भी ट्रंप के चैनल पर अनिश्चित कालीन बैन लगाने की घोषणा की थी. इसके ज़रिए ट्रंप अपनी रैलियों का प्रसारण करते थे. अभी ट्रंप स्नैपचैट पर हैं.

ई-कॉमर्स कंपनी शोपिफाई ने भी ट्रंप के सभी कैंपेन को अपने स्टोर से हटा दिया था. शोपिफ़ाई ऑनलाइन स्टोर प्लेटफॉर्म है. कनाडा की इस कंपनी ने कहा था कि हिंसा को प्रोत्साहित करने वाले मटीरियल थे, इसलिए यह फ़ैसला लिया गया. इसके अलावा शुक्रवार को रेडिट ने भी ट्रंप समर्थकों के डोनाल्ड ट्रंप फोरम को भी बैन कर दिया था.

ट्विटर ने यह फ़ैसला क्यों लिया?

डोनाल्ड ट्रंप ट्विटर का बख़ूबी इस्तेमाल करते थे. वो अपने संदेश को आसानी से ट्वीट कर लोगों तक पहुँचाते थे. ट्रंप इस संक्षेप माध्यम को काफ़ी पसंद करते थे. उन्हें ये पसंद था कि बिना किसी मीडिया के एक क्लिक में करोड़ों लोगों तक ट्विटर में संदेश पहुँचाने की क्षमता है.

ट्विटर ने बुधवार को कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप के हिंसक समर्थकों के हमले के 48 घंटे बाद यह फ़ैसला लिया. इससे पता चलता है कि सोशल मीडिया की इस जाइंट कंपनी के लिए भी यह कोई आसान फ़ैसला नहीं था.

ट्विटर पर ट्रंप के होने से इस प्लेटफॉर्म को बेशुमार फ़ायदा था. ट्विटर दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति से ताज़ातरीन चीज़ें सुनने का प्लेटफॉर्म रहा है. लेकिन ट्विटर को कई वजहों से यह फ़ैसला करना पड़ा. कहा जा रहा है कि ट्रंप भविष्य में हिंसा को हवा दे सकते हैं. लेकिन एक कारण यह भी है कि वो सत्ता से बेदख़ल हो रहे हैं. अब वो अमेरिका के किसी आम आदमी की तरह होंगे.

'ट्रंपवाद' का क्या होगा?

इसके अलवा लगातार ग़लत सूचना फैलाना, फ़र्जी ख़बरें देना और हिंसा के लिए उकसाने वाली पोस्ट भी मुख्यधारा के इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से निलंबन के मुख्य कारण रहे. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बिना मुख्यधारा के मीडिया के समर्थन के 'ट्रंपवाद' ज़िंदा रहेगा? या फिर यह इंटरनेट की दुनिया से ग़ायब हो जाएगा?

ट्विटर ने शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट लिखा था: इस हफ़्ते ख़तरनाक चीज़ें हुईं. हमने बुधवार को स्पष्ट कर दिया था कि ट्विटर के नियमों का और उल्लंघन किया गया तो स्पष्ट रूप से कार्रवाई होगी. हमारा जनहित फ्रेमवर्क है, जो दुनिया के नेताओं और चुने गए अधिकारियों को सीधे सुनने का मंच देता है.''

''हमारा यह सिद्धांत है कि लोगों के पास अपना खाता खुला रखने का अधिकार है. लेकिन हमने ये भी साफ़ कर दिया था कि ट्विटर अकाउंट नियमों से परे नहीं हो सकते. ट्विटर का इस्तेमाल हिंसा फैलाने में नहीं किया जा सकता. हम नीतियों के मामले में आगे भी पारदर्शी बने रहेंगे.''

इससे पहले शुक्रवार को ट्विटर ने ट्रंप के दो वफ़ादारों- पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन और अटॉर्नी सिडनी पॉवेल को हमेशा के लिए बैन कर दिया था. ट्विटर के 350 कर्मचारियों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर करके कंपनी के सीईओ जैक डोर्सी से कैपिटल हिंसा को लेकर ट्रंप के अकाउंट को बैन करने के लिए कहा था.

पत्र में कहा गया था कि ट्रंप के कारण छह जनवरी को हिंसा भड़की है. इससे पहले ट्विटर ने ट्रंप के ख़िलाफ़ मई 2020 में क़दम उठाया था. तब ट्विटर ने उनके ट्वीट में फैक्ट चेक जोड़ दिया था. ट्रंप उस वक़्त पोस्टल बैलेट में धांधली का दावा कर रहे थे.

जब अमेरिका में 'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन चल रहा था तब ट्रंप ने सेना लगाने की धमकी देते हुए कहा था, 'लूटपाट करने वालों को शूट कर दिया जाएगा.'' ट्विटर ने ट्रंप के लगभग हर ट्वीट में फैक्ट चेक लगाए रखा. अमेरिका के सांसदों और कई हस्तियों ने ट्विटर से ट्रंप को हटाने की मांग की थी. ट्विटर पर ट्रंप के 8.8 करोड़ फॉलोवर्स थे. मिशेल ओबामा ने भी ट्रंप को इस प्लेटफॉर्म से हटाने की माँग की थी. (bbc)

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