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विदेश नीति पर बोले राष्ट्रपति जो बाइडेन: लौट आया अमेरिका
05-Feb-2021 1:54 PM
विदेश नीति पर बोले राष्ट्रपति जो बाइडेन: लौट आया अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने पहले राजनयिक संबोधन में देश की विदेश नीति के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने वैश्विक मंच पर राष्ट्रपति के तौर पर "अमेरिका इज बैक" का ऐलान किया.

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बाइडेन ने अपने पूर्ववर्ती डॉनल्ड ट्रंप की बेढंग विदेश नीति के बाद एक नए युग का वादा किया है. गुरुवार को वे विदेश विभाग पहुंचे और अपनी सरकार की विदेश नीति के बारे में पहला संबोधन दिया. बाइडेन ने अपने भाषण में चीन और रूस के प्रति आक्रामक दृष्टिकोण का संकेत दिया तो वहीं म्यांमार की सेना से सैन्य शासन खत्म करने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने यमन पर सऊदी हमलों का समर्थन बंद करने की घोषणा की है. 

बाइडेन ने कहा कि अमेरिका यमन में सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य अभियानों के लिए अपना समर्थन वापस ले रहा है. उन्होंने कहा कि छह साल का युद्ध "समाप्त होना चाहिए" लेकिन जोर देकर कहा कि अमेरिका अपने पुराने सहयोगी सऊदी अरब का समर्थन करना जारी रखेगा. बाइडेन ने चीन और रूस के प्रति अपने भाषण में कहा, "अमेरिकी नेतृत्व को इस बढ़ती तानाशाही से सामने करना होगा, जिसमें चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षा और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने और उसे बाधित करने का रूस का संकल्प शामिल है. हमें चुनौतियों का सामना करना होगा जिनमें महामारी, जलवायु संकट और परमाणु प्रसार शामिल हैं."

ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान टैरिफ बढ़ाए थे, जिसके चलते अमेरिका को एशियाई और यूरोपीय नेताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ा था और वैश्विक गठबंधन को नुकसान भी पहुंचा था. ट्रंप ने कुछ देशों में सत्तावाद को पीछे धकेलने के लिए बहुत ही कम काम किया था. 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर हुए हिंसा के बाद वैश्विक नेताओं जिनमें सहयोगी और प्रतिद्वंद्वी शामिल थे, उन्होंने अमेरिकी लोकतंत्र के स्वास्थ्य के बारे में संदेह व्यक्त किया था. कैपिटल हिल पर हुई हिंसा के लिए ट्रंप पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगा है और गुरुवार को बाइडेन का भाषण एक तरह की हुंकार भरने की कोशिश थी उन शंकाओं को दूर करने और अमेरिकियों को अपने देश के मूल्यों के प्रति समझाने के लिए. 
    
बाइडेन ने कहा, "हम कूटनीति में सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करते हैं क्योंकि निवेश करना है बल्कि यह दुनिया के लिए सही है और हम ऐसा करते हैं. हम ऐसा शांति, सुरक्षा और खुशहाली के साथ जीने के लिए करते हैं. हम अपने हित के लिए भी ऐसा करते हैं." वैश्विक गठबंधन के बारे में उन्होंने कहा, "अमेरिकी गठबंधन हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है और कूटनीति के साथ अग्रणी होने का मतलब है कि हमारे सहयोगियों और प्रमुख साझेदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एक बार फिर चलना है."

अमेरिका ने यमन पर सऊदी हमलों का समर्थन बंद किया 

इसी के साथ बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका यमन में सऊदी के नेतृत्व वाले सैन्य अभियानों के लिए अपना समर्थन वापस ले रहा है. बाइडेन के मुताबिक छह साल से जारी युद्ध को समाप्त होना चाहिए लेकिन जोर देकर कहा कि अमेरिका अपने पुराने सहयोगी सऊदी अरब का समर्थन करना जारी रखेगा. बाइडेन ने कहा, "यमन में युद्ध ने मानवीय और सामरिक तबाही मचाई है और हम यमन में युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी कूटनीति को आगे बढ़ा रहे हैं." उन्होंने कहा,"इस युद्ध में हम यमन में हथियारों की बिक्री समेत सभी अमेरिकी सहयोग को बंद कर रहे हैं." यमन में युद्ध के कारण लाखों लोग भूख से मर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यमन दुनिया की सबसे खराब मानवीय संकट के दौर से गुजर रहा है. 

एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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