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चीन: लड़कों में 'मर्दानगी' बढ़ाने को लेकर सरकार ने जारी किया फरमान
05-Feb-2021 6:56 PM
चीन: लड़कों में 'मर्दानगी' बढ़ाने को लेकर सरकार ने जारी किया फरमान

-कैरी एलेन

चीन के शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक नोटिस को लेकर चीन में लोग नाराज़ हैं. इस नोटिस में यह टिप्पणी की गई है कि चीनी युवा 'महिलाओं की तरह' होते जा रहे हैं.

कई ऑनलाइन यूज़र्स ने इसे सेक्सिट टिप्पणी कहते हुए इसकी आलोचना की है लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि चीन के पुरुष सेलिब्रिटी इस धारणा के लिए आंशिक तौर पर जिम्मेदार हैं.

चीन की सरकार ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि देश के लोकप्रिय पुरुष मॉडल 'सेना के नायकों' की तरह मज़बूत और हष्ट-पुष्ट नहीं हैं. यहाँ तक कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग जो खुद फ़ुटबॉल प्रेमी हैं, वो भी चाहते हैं कि देश में अच्छे खिलाड़ी पैदा हों.

इसलिए पिछले हफ्ते शिक्षा मंत्रालय ने एक नोटिस जारी किया जिसमें उनका मकसद साफ़ तौर पर जाहिर हुआ है.

किशोराव्स्था के लड़कों में लड़कियों वाली प्रवृत्ति रोकने के लिए इस नोटिस में शारीरिक शिक्षा को लेकर सुधार लाने की बात कही गई है. इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षकों की बहाली को भी दुरुस्त करने की बात इसमें कही गई है.

इसमें यह सलाह दी गई है कि रिटार्यड एथलिट्स और खेल-कूद के बैकग्राउंड वाले लोगों को शिक्षकों के तौर पर बहाल किया जाए. फ़ुटबॉल जैसे खेल पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि 'छात्रों के अंदर मर्दानगी' पैदा की जा सके.

चीन में मीडिया को बिल्कुल साफ़ छवि वाले 'सामाजिक रूप से जिम्मेदार' स्टार्स को कवर करने के अलावा किसी चीज़ को कवर करने की इजाज़त ना हो, वहाँ इस तरह का फ़ैसला इस दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

हालांकि इस तरह का फ़ैसला आने वाला है, इसके संकेत पहले ही मिलने शुरू हो गए थे.

पिछले साल मई में चीन की शीर्ष सलाहकार समिति के प्रतिनिधि सी ज़ेफू ने कहा था कि चीन के कई नौजवान 'कमज़ोर, डरपोक और हीन भावना से ग्रसित' होते जा रहे है.

उन्होंने दावा किया कि चीनी मर्दों में 'महिलाओं जैसा' रुझान बढ़ता जा रहा है. उनका कहना था कि अगर इस मुश्किल का 'कारगर तरीके से उपाय नहीं निकला' तो ये 'आख़िरकार चीनी राष्ट्र के विकास और उसके अस्तित्व को ख़तरे' में डाल सकते हैं.

सी ज़ेफू ने कहा कि इसके लिए आंशिक तौर पर घर के माहौल को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है क्योंकि ज्यादातर लड़कों का लालन-पालन मां और दादियाँ ही करती हैं.

उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि पुरुष सेलेब्रिटियों का बढ़ता हुआ क्रेज़ भी इसके लिए जिम्मेदार है. इसकी वजह से कई बच्चे अब "सेना के नायकों की तरह नहीं बनना चाहते". उन्होंने स्कूलों को सलाह दी कि नौजवानों को संतुलित शिक्षा देने में स्कूलों को बड़ी भूमिका अदा करनी चाहिए.

शिक्षा मंत्रालय के इस नोटिस को लेकर ज्यादातर चीनी लोगों की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही है. हज़ारों चीनी लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला है. कइयों ने सरकार के इस रवैये को सेक्सिट बताया है.

एक वीबो यूज़र ने पूछा है,"क्या महिलाओं की तरह होना अब एक अपमानजनक बात हो चुकी है?"

उनके इस पोस्ट को दो लाख लोगों ने पसंद किया है. एक अन्य यूज़र ने कहा, "लड़के भी इंसान होते हैं. … भावुक होना, डरना और नरम स्वभाव रखना ये सभी मानवीय गुण ही हैं."

एक अन्य यूज़र ने पूछा है, "मर्द किससे डरते हैं? क्या महिलाओं की तरह होने से?"

एक यूज़र ने दावा किया है कि, "इस देश में औरतों की तुलना में सात करोड़ पुरुष ज्यादा है. किसी भी दूसरे देश में लिंग अनुपात में इस तरह की गैर-बराबरी नहीं है. क्या इतना मर्दानापन पर्याप्त नहीं है?"

एक अन्य यूज़र का कहना था, "इनमें से कोई भी प्रस्ताव औरतों की ओर से नहीं दिए गए हैं."

यह बात सही भी हो सकती है क्योंकि चीन का शीर्ष नेतृत्व कितना पुरुष प्रधान है, इसके बारे में पहले भी बहुत कुछ लिखा जा चुका है.

हालांकि मीडिया में सरकार की इस मुहिम को लेकर कुछ सकरात्मक बातें भी कही गई हैं. ग्लोबल टाइम्स न्यूज़पेपर ने लिखा है इस मुहिम को 'कुछ समर्थन प्राप्त' हुआ है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर चीन के पुरुष सेलेब्रिटीज़ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कुछ टिप्पणियाँ की गई हैं. इन्हें व्यापक पैमाने पर "लिटल फ्रेश मीट' के तौर पर जाना जाता है.

यह संबोधन उन चीनी मर्द आइकॉन की चर्चा के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं जिन्हें नाज़ुक माना जाता है. बॉयबैंड टीएफ़ बॉयज़ और चीनी गायक लू हान इस श्रेणी में आते हैं. ये दोनों ही पॉप स्टार्स हैं. बास्केटबॉल खिलाड़ी याओ मिंग तो देश के बाहर भी काफी नाम कमा चुके हैं.

लेकिन यहाँ यह उल्लेखनीय है कि सरकार के प्रस्ताव में ख़ासतौर पर फ़ुटबॉल को शामिल किया गया है. लेकिन इसको लेकर कोई ताज्जुब भी नहीं होना चाहिए क्योंकि राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहले ही कह चुके हैं कि वो 2050 तक चीन के 'वर्ल्ड फुटबॉल में सुपरपावर' बनने की उम्मीद करते हैं.

लेकिन चीनी फुटबॉल को आगे बढ़ाने की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं. इसे असंभव कार्य कहकर इसका मज़ाक भी उड़ाया जा चुका है.

साल 2006 के फुटबॉल वर्ल्ड कप में इटली को जीत दिलाने वाले मार्सेलो लीप्पी ने जब दो साल पहले चीन के राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम के कोच पद से इस्तीफा दिया था तब यह प्रतिक्रिया आई थी.

इस बीच अब चीन की सरकार हाल के महीनों में चीनी युवाओं के लिए नए रोल मॉडल तैयार करने की मुहिम में लगी हुई है.

जहाँ तक महिलाओं की बात है तो कोविड-19 महामारी के दौर ने यह दर्शाने को लेकर एक अच्छा अवसर प्रदान किया है कि महिलाओं ने फ्रंटलाइनर्स के तौर पर अहम भूमिका निभाई है.

पिछले साल अंतरिक्ष के क्षेत्र में चीन की अहम कामयाबी में जोउ चेंग्यु जैसी महिला की बड़ी भूमिका थी. 24 साल की ये स्पेस कमांडर इसके बाद एक नई सनसनी के तौर पर सामने आई थीं.

सी ज़ेफू ने पिछले साल इस बात के संकते दिए थे कि युवा चीनी मर्दों में मजबूत और निडर सेना के जवानों, पुलिस वालों और फायर फाइटर्स को लेकर अपील कम हो रहा है.

नाज़ुक और कमसिन दिखने वाले पुरुष सेलेब्रिटीज़ की लोकप्रियता बनी हुई है लेकिन उनके लिए अपनी साफ-सुथरी छवि से अलग होने की कवायद भी आसान नहीं है और इसे लेकर उन पर भारी दबाव रहता है.

हाल के सालों में मीडिया को युवा पुरुष स्टार्स को टैटू और कान की बाली के साथ स्क्रीन पर दिखने में जद्दोजहद का सामना करना पड़ा है. एक युवा पॉप स्टार्स को उस वक्त आलोचनाका सामना करना पड़ा था जब साल 2019 में उनकी एतक तस्वीर ोसशल मीडिया में आई थी. इस तस्वीर में वो सधूम्रपान करते दिख रहे थे. (bbc.com)

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