अंतरराष्ट्रीय

बाइडेन: ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम के रोकने तक प्रतिबंध नहीं हटाएंगे
08-Feb-2021 11:38 AM
बाइडेन: ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम के रोकने तक प्रतिबंध नहीं हटाएंगे

ईरान ने अमेरिका से कहा है कि वह 2015 के परमाणु समझौते पर लौटे. अमेरिका ने इसके जवाब में कहा है कि जब तक ईरान अपने वादे को पूरा नहीं करता है उस पर लगे प्रतिबंध नहीं हटाए जाएंगे.

   (dw.com)

राष्ट्रपति बाइडेन ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका ईरान के खिलाफ एकतरफा प्रतिबंध नहीं हटाएगा और तेहरान को पहले अपने परमाणु वादों को पूरा करना होगा. बाइडेन ने पुष्टि की कि ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को तब तक नहीं हटाया जाएगा जब तक कि वह परमाणु समझौते की शर्तों का अनुपालन नहीं करता है. सीबीएस के साथ इंटरव्यू में जब बाइडेन से पूछा गया कि क्या अमेरिका ईरान पर पहले प्रतिबंधों को हटाकर बातचीत की मेज पर लौटने के लिए राजी है, तो बाइडेन ने स्पष्ट तौर पर "नहीं" में जवाब दिया. जब उनसे आगे पूछा गया कि ईरान के लिए यूरेनियम संवर्धन रोकना प्रतिबंध हटाने के लिए शर्त है तो बाइडेन ने सिर हिलाया.

साल 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस समझौते से एकतरफा बाहर होते हुए ईरान पर कठोर प्रतिबंध लगा दिए थे. इसी के साथ समझौते के रद्द होने का डर पैदा हो गया था. 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के साथ ही जर्मनी के साथ परमाणु समझौता हुआ था.

ईरान ने जनवरी में यूरेनियम को 20 प्रतिशत तक समृद्ध करना शुरू कर दिया था. परमाणु समझौते के तहत केवल 3.76 प्रतिशत के यूरेनियम संवर्धन की सीमा तय की गई थी. पिछले महीने बाइडेन ने राष्ट्रपति पद संभालने के बाद, अमेरिका और ईरान ने 2015 के समझौते को पुनर्जीवित करने में रुचि व्यक्त की थी, लेकिन दोनों अपनी शर्तों पर जोर दे रहे हैं.

"अमेरिका को पहले प्रतिबंधों को हटाना चाहिए"

इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह खमेनेई ने रविवार को कहा, "अगर वे चाहते हैं कि ईरान समझौते में वापस लौट आए, तो अमेरिका को लगभग सभी प्रतिबंधों को हटाना होगा." उन्होंने कहा, "एक बार सभी प्रतिबंधों के हटने की पुष्टि हो जाने के बाद हम अपने सभी वादों पर लौटेंगे. यह निर्णय अंतिम और अपरिवर्तनीय है."

खमेनेई का बयान उसी दिन आया जब यमन में चल रहे युद्ध का राजनीतिक समाधान खोजने के अमेरिकी प्रयासों के तहत यमन के लिए अमेरिका के विशेष दूत ने तेहरान का दौरा किया. अधिकांश विश्लेषकों का मानना ​​है कि यमन में युद्ध वास्तव में ईरान और सऊदी अरब के बीच एक छद्म युद्ध है.

ईरान और अमेरिका के बीच पिछले साल तनाव तब चरम पर पहुंच गया जब उसने ईरान के शीर्ष जनरल को हवाई हमले में मार दिया था और देश पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए थे. इसके जवाब में ईरान ने तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था और आसपास के अमेरिकी सैन्य अड्डे पर फायरिंग भी की थी. बाइडेन ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह संकेत दिया था कि वह ईरान के साथ परमाणु समझौते में फिर से शामिल हो सकते हैं.
एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news