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चीन अपनी जनसंख्या घटने से हुआ परेशान
09-Feb-2021 9:58 PM
चीन अपनी जनसंख्या घटने से हुआ परेशान

दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश चीन में लोग अब बच्चे पैदा करने से कतरा रहे हैं. बीते साल चीन में नवजात शिशुओं की संख्या में 15 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.

   (dw.com)

चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय का कहना है कि देश में 2020 में एक करोड़ बच्चे पैदा हुए. यह संख्या एक साल पहले के मुकाबले 15 प्रतिशत कम है. इसकी वजह कोरोना महामारी और उससे पैदा होने वाली स्थिति को माना जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि लोग आर्थिक अस्थिरता के माहौल में परिवार बढ़ाने से पहले बहुत सोच विचार कर रहे हैं.

मंत्रालय का कहना है कि 2019 में चीन में 1.1 करोड़ बच्चों का जन्म हुआ था. पिछले साल इनकी संख्या काफी कम रही. 2020 में जो बच्चे पैदा हुए उनमें से 52.7 लड़के और 47.3 प्रतिशत लड़कियां हैं. सरकार के साथ साथ अब लोग भी देश की घटती जन्मदर को लेकर चिंतित हैं. चीनी सोशल मीडिया पर एक हैशटैग चल रहा है जिसका मतलब है "चीन को कम जन्मदर के जाल से कैसे मुक्त कराएं." लगभग 12 करोड़ लोगों ने इससे जुड़ी पोस्ट्स पर रिएक्ट किया है. एक यूजर ने घटती जन्मदर को "चीनी राष्ट्र के सामने मौजूद सबसे बड़ा संकट बताया."
    
बदलता समाज
कुछ लोग घटती जन्मदर की वजह रोजमर्रा की जरूरतों पर बढ़ते खर्च को मानते हैं जबकि अन्य लोगों के मुताबिक लोगों की सोच में बड़ा बदलाव आ रहा है. चीन की सोशल मीडिया साइट वाइबो पर एक यूजर ने लिखा, "घटती जन्मदर असल में चीनी लोगों की सोच में हो रही प्रगति को दिखाती है. महिलाएं अब सिर्फ बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं हैं." लेकिन एक अन्य यूजर ने लिखा, "अगर पूरा समाज ही बच्चे पैदा करने और उनकी परवरिश को बोझ समझेगा तो फिर समाज के सामने समस्या पैदा हो जाएगी"

हाल के सालों में चीनी जोड़े स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और रहन सहन पर बढ़ते खर्च को देखते हुए बच्चे पैदा करने का फैसला बहुत सोच समझकर ले रहे हैं. चीन ने 1970 के दशक में जनसंख्या को नाटकीय रूप से कम करने के लिए एक बच्चे की नीति लागू की थी. लेकिन देश की तेजी से बूढ़ी होती आबादी को देखते हुए 2016 में इस नीति को छोड़ दिया है. इसके बावजूद जन्मदर में उम्मीद के मुताबिक इजाफा देखने को नहीं मिल रहा है.

बड़ी गिरावट
बीते साल कोरोना महामारी की वजह से पैदा आर्थिक अस्थिरताओं ने ऐसे लोगों को और ज्यादा दुविधा में डाला है. इसका जन्मदर पर दीर्घकालीन असर पड़ सकता है. यह चीन के लिए चिंता की बात है क्योंकि उसकी आबादी लगातार बूढ़ी होती जा रही है और सरकार ने सबको स्वास्थ्य सेवा और पेंशन की गारंटी दी है. चीन में 20 फीसदी आबादी यानी लगभग 25 करोड़ लोगों की उम्र 60 बरस से ज्यादा है.

जन्मदर में आ रही कमी आगे चल कर चीन के श्रम बाजार के लिए समस्याएं पैदा कर सकती है. इससे अर्थव्यवस्था पर भी असर होगा. चीन का राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो इसी महीने जनसंख्या को लेकर 2020 के आंकड़े पेश करेगा.

दिसंबर में चीन के सरकारी मीडिया ने नागरिक मामलों के मंत्री लिय चिहेंग के हवाले से लिखा कि देश की जन्मदर "खतरनाक तरीके से कम हो गई है". यह जनसंख्या को एक निश्चित स्तर पर बनाए रखने के लिए जरूरी प्रति महिला 2.1 जन्म से भी नीचे पहुंच गई है.
एके/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)

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