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इसराइल की मांग के बावजूद मोदी सरकार की यह चुप्पी
11-Feb-2021 1:55 PM
इसराइल की मांग के बावजूद मोदी सरकार की यह चुप्पी

फोटो / netanyahu from his twitter page

द इंडियन एक्स्प्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इंटरनेशनल क्रिमनिल कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ भारत का साथ मांगा है.

नेतन्याहू ने पत्र लिखकर 'अच्छे दोस्त' भारत से कहा है कि वह आईसीसी के निर्णय के ख़िलाफ़ बोलकर उसे स्पष्ट संदेश दे.

बीते सप्ताह आईसीसी ने एक निर्णय में फ़लस्तीनी इलाक़े को भी अपने न्यायिक क्षेत्र में बताया था.

भारत ने अभी इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि भारत ने राजनयिक चैनल से इसराइल को संकेत दिया है कि वह इस मुद्दे पर टिप्पणी करना नहीं चाहता है.

इसराइल भारत को अच्छा दोस्त मानता है और उसे उम्मीद थी कि भारत इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा.

अख़बार ने लिखा है कि इसराइल को लेकर भारत की यह चुप्पी पश्चिम एशिया में नीतिगत स्तर पर बड़े बदलाव के संकेत हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि भारत ने नेतन्याहू के सात फ़रवरी के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया और भारत अभी इस मसले पर कोई पक्ष नहीं लेना चाहता है. हालाँकि भारत और इसराइल दोनों ही आईसीसी फाउंडिंग संधि के सदस्य नहीं हैं.

लेकिन इसराइल ने इस फ़ैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है. इसराइल का कहना है कि इस फ़ैसले से पता चलता है कि आईसीसी एक राजनीतिक बॉडी की तरह काम कर रहा है. इसराइल ने कहा है कि आईसीसी के पास यह अधिकार नहीं है कि वो इस पर कोई फ़ैसला दे. इसराइल ने कहा है कि फ़लस्तीनी अथॉरिटी कोई संप्रभु स्टेट नहीं है इसलिए वो इस पर कोई फ़ैसला नहीं दे सकता. इसराइली पीएम ने इसे यहूदी विरोधी बताया है.

आईसीसी ने 2-1 से यह फ़ैसला पाँच फ़रवरी को दिया था. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि 1967 में इसराइल ने जिन इलाक़ों अपने कब्जे में ले लिया था वो उसके न्यायक्षेत्र में आता है. इसराइल इसके ठीक उलट बोलता रहा है. इस फ़ैसले से युद्ध अपराध में शामिल इसराइली और फ़लस्तीनियों की जाँच की राह खुल जाएगी.

इस फ़ैसले के बाद अब फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसरालियों के किए गए कथित युद्ध अपराधों की जाँच हो सकती है. द हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने यह फ़ैसला छह साल पहले इसराइलियों के ख़िलाफ़ शुरू की गई जाँच के बाद दिया है. इसमें 2014 में 50 दिनों तक चले गज़ा युद्ध में इसराइलियों के युद्ध अपराध की भी जाँच की गई थी. (bbc.com)

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