अंतरराष्ट्रीय
कोनाक्री. कोरोना महासंकट के बीच पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी में 5 साल बाद जानलेवा इबोला वायरस फैल गया है. इससे 4 लोगों की मौत हो गई है और 4 लोग अभी संक्रमित हैं. इबोला के खतरे को देखते हुए गिनी की सरकार ने इबोला वायरस संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया है. बताया जा रहा है कि गोउइके में एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने के बाद 7 लोगों ने डायरिया, उल्टी और खून आने की शिकायत की. गोउइके लाइबेरिया की सीमा पर है और सभी लोगों को अलग-थलग कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सभी संक्रमित लोगों का इलाज चल रहा है. मंत्रालय ने इबोला को महामारी घोषित करते हुए कहा कि वह इस संकट का अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के हिसाब से सामना कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री रेमी लामाह ने कहा कि अधिकारी इन मौतों को लेकर बहुत चिंतित हैं.
गिनी में वर्ष 2013-2016 में इबोला वायरस फैला था. इस महामारी से अब तक पश्चिमी अफ्रीका में 11300 लोगों की मौत हो चुकी है. ज्यादातर मौतें गिनी, लाइबेरिया और सियरा लिओन में हुई हैं. इन मरीजों की एक और जांच की गई है ताकि यह पुष्टि की जा सके उन्हें इबोला हुआ है या नहीं. स्वास्थ्य सेवा ने कहा कि संपर्क में आए लोगों को अलग थलग करने के लिए हेल्थ वर्कर लगे हुए हैं. उधर, एक अन्य अफ्रीकी देश डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में इबोला वायरस तेजी से फैल रहा. पिछले 7 दिनों में कांगो के नॉर्थ किवु प्रॉविंस में चार मरीजों में इबोला के संक्रमण की पुष्टि हुई है. प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री यूजीन नाजानू सलिता ने कहा कि प्रदेश में इबोला का पहला मामला 7 फरवरी को सामने आया था.
कांगो में इबोला से बिगड़े हालात
कांगों के इक्वाटोर प्रांत में वर्ष 2018 में इबोला का प्रकोप फैला था और 54 मामले सामने आए थे. इसमें 33 लोगों की मौत हो गई थी. कांगो अपने पूर्वी इलाके में फैले इबोला वायरस के दूसरे सबसे बड़े प्रकोप से जूझ रहा है. कांगो में दो नई वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद भी अब तक 2260 लोगों की इबोला वायरस से मौत हो गई है.