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नवाज़ शरीफ़ को मरियम पर हमले का डर, इमरान ख़ान और क़मर बाजवा को बताया ज़िम्मेदार
12-Mar-2021 2:42 PM
नवाज़ शरीफ़ को मरियम पर हमले का डर, इमरान ख़ान और क़मर बाजवा को बताया ज़िम्मेदार

इमेज स्रोत,ARIF ALI

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ का एक वीडियो ख़ूब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और सेना प्रमुख क़मर बाजवा को घेरा है. इस वीडियो में उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी मरियम नवाज़ को धमकियाँ दी जा रही हैं.

नवाज़ शरीफ़ ने अपने वीडियो में कहा है कि इमरान ख़ान इस हद तक गिर चुके हैं कि उन्होंने कराची में रात के समय मरियम नवाज़ के होटल का दरवाजा तोड़वाया और अब मरियम को धमकी दी जा रही है कि अगर वो बाज़ नहीं आई, तो उन्हें स्मैश (तबाह) कर दिया जाएगा.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इस समय लंदन में हैं, जहाँ वो इलाज के लिए गए हैं. नवाज़ शरीफ़ ने अपने वीडियो बयान में मरियम नवाज़ की ख़ूब तारीफ़ की और कहा कि वे लोगों के लिए काम कर रही हैं और उनकी सुरक्षा अल्लाह करेंगे.

उन्होंने कहा कि अगर मरियम नवाज़ के साथ कुछ हुआ, तो उसके ज़िम्मेदार इमरान ख़ान के अलावा जनरल क़मर जावेद बाजवा, जनरल फ़ैज़ हमीद और जनरल इरफ़ान मलिक होंगे. नवाज़ शरीफ़ ने कहा कि जो भी आप कर रहे हैं वो संगीन जुर्म है, जिसका हिसाब जल्द ही आपको देना होगा.

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मरियम नवाज़ ने न सिर्फ़ अपने पिता के वीडियो वाले ट्वीट को री-ट्वीट किया है, बल्कि ये भी लिखा है न सिर्फ़ उन्हें धमकियाँ दी जा रही हैं, बल्कि प्रताड़ित भी किया जा रहा है.

नवाज़ शरीफ़ ने अपने बयान में इमरान ख़ान पर विश्वास मत में धांधली का आरोप भी लगाया. हाल ही में हुए सीनेट के चुनाव में वित्त मंत्री अब्दुल हफ़ीज़ शेख़ एक क़रीबी मुक़ाबले में हार गए थे. इसके बाद पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने इमरान ख़ान से इस्तीफ़े की मांग की थी.

लेकिन इमरान ने संसद में विश्वास प्रस्ताव रखा, जिस पर हुई वोटिंग में उन्हें बहुमत हासिल हुआ. विपक्षी पार्टियों ने इस वोटिंग का बहिष्कार किया था. पाकिस्तान की सरकार ने विश्वास मत में धांधली के आरोपों का खंडन किया है और विपक्ष पर धन बल से जीत का आरोप लगाया है.

पाकिस्तान में सेना के प्रवक्ता ने भी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के इन आरोपों से इनकार किया है कि सेना राजनीति में दखल दे रही है. पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि उसे राजनीति में न धकेला जाए.

पिछले साल अक्तूबर में इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ विपक्षी गठबंधन पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) ने कराची के जिन्ना बाग़ में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था. इस प्रदर्शन में मरियम नवाज़ के अलावा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो भी शामिल हुए थे.

इससे पहले जिन्ना की मज़ार पर भी मरियम नवाज़ और उनके पति कैप्टन मोहम्मद सफ़दर गए थे. आरोप ये है कि वहाँ कैप्टन मोहम्मद सफ़दर ने राजनीतिक नारेबाज़ी की.

बाद में पुलिस ने कराची के होटल से कैप्टन सफ़दर को गिरफ़्तार कर लिया. उस समय मरियम नवाज़ ने आरोप लगाया था कि कराची के जिस होटल में वो और उनके पति ठहरे थे, वहाँ पुलिस उनके कमरे की कुंडी तोड़ भीतर चली आई और तब वो लोग सो रहे थे.

मरियम नवाज़ ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था, "हम सो रहे थे जब बहुत सुबह मुझे लगा कि कोई किसी का दरवाज़ा पीट रहा है, मैंने अपने पति को उठाया और कहा कि ये आवाज़ हमारे ही दरवाज़े से आ रही है. सफ़दर ने दरवाज़ा खोला तो वहाँ पुलिसवाले थे जिन्होंने कहा कि वो उन्हें गिरफ़्तार करने आए हैं. सफ़दर ने कहा कि वो कपड़े बदलकर और अपनी दवा लेकर आ रहे हैं, लेकिन वो नहीं माने और दरवाज़ा तोड़ भीतर चले आए."

नवाज़ शरीफ़ ने अपने वीडियो में इसी बात का ज़िक्र किया है. उस दौरान कैप्टन सफ़दर की गिरफ़्तारी को लेकर भी विवाद हो गया था, जब ऐसा आरोप लगा कि कैप्टन सफ़दर की गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस के एक बड़े अफ़सर को ही 'अग़वा' कर लिया गया और उनसे ज़बरदस्ती गिरफ़्तार करवाने के लिए दस्तख़त करवाए गए.

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पुलिस वालों ने इसे अपनी इज़्ज़त का मामला बना लिया और फिर अफ़सर और उनके एक दर्जन से ज़्यादा दूसरे अफ़सरों ने दो महीने के लिए छुट्टी पर जाने की दरख़्वास्त डाल दी. फिर मामले में सेना ने दख़ल दिया और सेना प्रमुख ने मामले की फ़ौरन जाँच कराने का आदेश जारी किया. हालाँकि बाद में कैप्टन सफ़दर को ज़मानत मिल गई और उन्हें छोड़ दिया गया.

नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस गिरफ़्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया था और उनका दावा किया था कि गिरफ़्तारी भले पुलिस ने की, लेकिन इसमें पाकिस्तानी अर्धसैनिक बल रेंजर्स का हाथ था.

क्या है विपक्ष का आंदोलन

पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों से विपक्ष ने इमरान ख़ान की सरकार पर महँगाई, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों को लेकर कई रैलियाँ की है, जिनमें हज़ारों लोगों ने हिस्सा लिया है. विपक्षी दलों ने इमरान ख़ान सरकार के ख़िलाफ़ एक गठबंधन भी बनाया है, जिसे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का नाम दिया गया है.

इस गठबंधन में चार बड़ी पार्टियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फ़ज़लुर) और पख़्तूनख़्वाह मिल्ली अवामी पार्टी के अलावा बलोच नेशनल पार्टी और पख़्तून तहफ़्फ़ुज़ मूवमेंट जैसी छोटी पार्टियाँ भी शामिल हैं.

इस गठबंधन ने पिछले साल देश के कई हिस्सों में रैलियाँ की, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे. पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार ने भी विपक्ष के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला. ख़ुद इमरान ख़ान ने विपक्षी गठबंधन पर कई आरोप लगाए और नवाज़ शरीफ़ के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के मामलों की चर्चा की.

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नवाज़ शरीफ़ ने भी जवाब में पाकिस्तान की सेना पर आरोप लगाए. कई रैलियों को उन्होंने लंदन से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए संबोधित किया.

इमरान ख़ान ने भी नवाज़ शरीफ़ पर भारत के साथ मिलकर काम का आरोप लगाया और उन्हें गीदड़ तक कह दिया.

इमरान ख़ान का कहना था कि नवाज़ शरीफ़ ने अपनी सेहत का बहाना बनाकर सरकार से विदेश जाने की इजाज़त ले ली और वो लंदन में बैठकर वहाँ से सरकार और सेना पर हमले कर रहे हैं जबकि उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक है. इमरान ख़ान का कहना था कि वो नवाज़ शरीफ़ को लंदन से वापस पाकिस्तान लाएँगे.

पिछले कुछ समय से धीमा पड़ा विपक्ष सीनेट के चुनाव के बाद एकाएक फिर आक्रामक हो गया है. (bbc.com)

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