राष्ट्रीय
लखनऊ, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व रामपुर से सांसद आजम खां की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को जमानत मंजूर कर ली। आजम खां के साथ उनकी विधायक पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां को भी जमानत मिली है। कोर्ट ने डॉ. तंजीन फात्मा तथा बेटे अब्दुल्ला आजम खां को तत्काल जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है, जबकि आजम खां को इस केस के शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने विचारण न्यायालय अलीगढ़ से कोर्ट खुलने पर तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने की उम्मीद की है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने डॉ. तंजीन फातिमा, मोहम्मद आजम खां व मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खां की जमानत अर्जियों को निस्तारित करते हुए दिया है।
आजम खां व तंजीन फातिमा पर आरोप है कि उनके बेटे के दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र बने हैं। एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से बनवाया गया है। दोनों में जन्म तिथि में काफी अंतर है।
अब्दुल्ला आजम खां पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का फायदा उठाकर विधानसभा चुनाव लड़ने का आरोप है। हाईकोर्ट ने इनका चुनाव निरस्त कर दिया है।
अब्दुल्ला आजम खां का कहना था कि जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए। तंजीन फातिमा का कहना था कि महिला होने के कारण जमानत दी जाय।
ज्ञात हो कि दोनों केस में जमानत के बाद भी आजम खां अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। कोर्ट ने बीती 17 सितंबर को इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला अपने पास रखा था। आजम खां पर मजकूरा मामलों के अलावा भी कई केस दर्ज हैं। जब तक उन्हें सभी मामलों में जमानत नहीं मिल जाती, वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।
इससे पहले सपा सांसद आजम तथा पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला को रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से सात अक्टूबर को जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों की जमीन कब्जे के तीन मामलों में जमानत मिल चुकी थी।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| इस साल दिसंबर तक देशभर के पुलिस बल एक अद्वितीय 'रियल टाइम' (वास्तविक समय) आपराधिक पहचान प्रणाली - राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) का लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह देश में 80 लाख से अधिक अपराधियों की उंगलियों के निशान और उन्हें पहचानने के लिए एक मजबूत वेब-आधारित प्रणाली होगी।
केंद्र सरकार की लंबे समय से लंबित परियोजना को लागू करने के लिए लगभग सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे हैं, जो उनकी उंगलियों के निशान के आधार पर अपराधियों की पहचान करने में मदद करेंगे। नवंबर के अंत तक कुछ लंबित कार्य पूरे हो जाएंगे।
इस संबंध में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि 'जिला और आयुक्तालय' स्तर के लिए एक फिंगर प्रिंट मशीन के कुछ लंबित कार्यों के पूरा होने के बाद एनएएफआईएस को इस साल दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा, जो कि अपराधियों के फिंगर प्रिंट लेने में मदद करेगा।
हालांकि अधिकारी ने किसी विशेष तारीख का खुलासा नहीं किया, उन्होंने कहा कि परियोजना दिसंबर के तीसरे सप्ताह से पहले शुरू की जा सकती है।
अमेरिका में फेडरल जांच ब्यूरो (एफबीआई) के एकीकृत स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (आईएएफआईएस) की तर्ज पर एनसीआरबी इस प्रणाली की मेजबानी कर रहा है।
एनसीआरबी एनएएफआईएस केंद्र में प्रत्येक राज्य के लिए अलग स्थान आवंटित करेगा। प्रत्येक राज्य का उनके डेटा पर पूरा नियंत्रण होगा, जबकि अन्य राज्यों को केवल इसे रीड करने की अनुमति दी जाएगी।
उन राज्यों के लिए प्रावधान किए जाएंगे, जिनके पास पहले से ही एएफआईएस है। एनएएफआईएस एनसीआरबी में स्थापित किया जाएगा और अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (सीसीटीएनएस) कनेक्टिविटी का उपयोग सभी उपयोगकर्ताओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
एनसीएफआई के निदेशक रामफल पवार ने आईएएनएस को बताया, "एनएएफआईएस राज्यों में अपराध के प्रतिमानों को बदलने और राज्यों में पुलिस विभाग के साथ संवाद करने की क्षमता बढ़ाएगा।"
पवार ने कहा, "एनसीएफआईएस एनसीआरबी के साथ साझेदारी में एक गेम-चेंजर साबित होगा।"
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी उंगलियों के निशान के महत्व पर जोर दिया है।
रेड्डी ने कहा कि फिंगरप्रिंट एक विशिष्ट उपकरण है, क्योंकि इसकी विशिष्टता, स्थायित्व, व्यक्तित्व और अधिग्रहण में आसानी है।
उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड और फिंगरप्रिंट डेटा का डिजिटलीकरण अपराध और अपराधियों की पहचान करने और उन पर नजर रखने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित कस्तूरबा अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने वेतन न मिलने के कारण बुधवार से एक हफ्ते की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। साथ ही वेतन न मिलने पर इस्तीफा देने की धमकी भी दी है। आरडीए के अध्यक्ष सुनील कुमार प्रसाद ने चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है, "जुलाई, 2020 से रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन का भुगतान न होने के कारण सभी रेजिडेंट डॉक्टर कल से हड़ताल पर जा रहे हैं। हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हम अगले 7 दिनों तक हड़ताल पर रहेंगे या तब तक हड़ताल पर रहेंगे जब तक कि हमारा पूरा वेतन नहीं दिया जाता। 20.02.2020 तक वेतन नहीं मिलने पर सभी रेजिडेंट डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। कल से सभी आपातकालीन सेवाओं को रोक दिया जाएगा।"
इससे पहले नागरिक निकाय द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने भी वेतन न मिलने के कारण काम बंद कर दिया था। 5 अक्टूबर से यहां के 200 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर और 300 नर्सिग कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
ये दोनों अस्पताल भाजपा के नेतृत्व वाले उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
वेतन के भुगतान में हो रही देरी को लेकर नॉर्थ एमसीडी के मेयर जय प्रकाश और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार के बीच एक सियासी जंग रही है।
कुछ ही दिनों पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल के कर्मचारियों को वेतन न दिए जाने को लेकर जब भाजपा पर निशाना साधा था, तब मेयर ने उन पर जनता को अंधेरे में रखकर इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
कस्तूरबा अस्पताल के आरडीए अध्यक्ष ने आईएएनएस से कहा कि उन्हें पिछले 4 साल से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, लेकिन कोरोनावायरस महामारी के दौरान स्थिति गंभीर हो गई।
डॉ. सुनील कुमार प्रसाद ने कहा, "यह मामला अब राजनीतिक फुटबॉल बन गया है। अगर एमसीडी के पास पैसा नहीं है, तो उन्हें केंद्र या दिल्ली सरकार की मदद से इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। नहीं तो यह अस्पताल दिल्ली सरकार को सौंप देना चाहिए।"
डॉ. प्रसाद ने आगे कहा कि कोरोना योद्धाओं को सम्मान देने के लिए करोड़ों खर्च किए जाने के बजाय उस पैसे से योद्धाओं को वेतन देना चाहिए था। "वेतन पाना हमारा मूल अधिकार है। मैं सरकार से वेतन सुरक्षा अधिनियम लाने का भी अनुरोध करता हूं।"
पणजी, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| उत्तरी गोवा की जिला पुलिस ने आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाते हुए केंडोलिम के बीच विलेज से आंध्र प्रदेश के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। क्लांगटे पुलिस थाने के निरीक्षक नोलास्को रापोसो ने मंगलवार को कहा कि पुलिस ने सोमवार रात छापेमारी की, जहां से 15,785 रुपये, 32 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप और पांच लाख रुपये कीमत की मोबाइल कॉन्फ्रेंस बॉक्स बरामद की।
गिरफ्तार किए गए लोग कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर मैच पर सट्टा लगा रहे थे। इनकी पहचान अदीरी नागा राजू, इरिंकी वेंकट गणेश, पिठानी किशोर कुमार और रुद्र सूर्यनारायण राजू के रूप में की गई है।
शिमला, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह बुधवार से चुनिंदा मार्गों पर हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की अंतरराज्यीय सेवाओं को फिर से शुरू करेगी। परिवहन मन्त्री बिक्रम सिंह ने कि पहले चरण में 25 रूटों पर अंतरराज्यीय बस सेवाएं आरम्भ की जाएंगी। इनमें चंडीगढ़, पठानकोट, बद्दी, होशियारपुर, लुधियाना, अम्बाला, हरिद्वार इत्यादि प्रमुख हैं।
अंतरराज्यीय रूटों पर सिर्फ गैर-वातानुकूलित (नॉन-एसी) बसें ही चलाई जाएंगी। अंतरराज्यीय बस रूटों में रात्रि बस सेवाएं भी सम्मिलित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि नवरात्रों और त्यौहारों के मद्देनजर लोगों को सुविधा प्रदान करने के ²ष्टिगत प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है। पिछले कुछ समय से आम लोग भी अंतरराज्यीय बस सेवाएं आरम्भ करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अन्य राज्यों के लिए भी अंतरराज्यीय बस सेवाओं का परिचालन आरम्भ किया जाएगा।
परिवहन मन्त्री ने कहा कि अंतरराज्यीय रूटों पर बसों के परिचालन के लिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी दिशा-निदेर्शो का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारती एयरटेल की डीटीएच शाखा-एयरटेल डिजिटल टीवी ने मंगलवार को चिकित्सा और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए समर्पित टीवी चैनल- आकाश एडु टीवी-लॉन्च करने के लिए आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (आकाश) के साथ हाथ मिलाया। आकाश एडू टीवी, जो विशेष रूप से एयरटेल डिजिटल टीवी पर उपलब्ध है, जेईई/एडवांस्ड और नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे भारत भर के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले कोचिंग सत्र प्रदान करेगा।
आकाश की बेस्ट-इन-क्लास फैकल्टी छात्रों को लाइव इंटरेक्टिव कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाएगी और छात्रों को महत्वपूर्ण अवधारणाओं को सीखने और समस्याओं को हल करने में मदद करेगी।
सिर्फ 247 रुपये प्रति माह से शुरू, आकाश एडू टीवी-जेईई और फाउंडेशन एयरटेल डीटीएच चैनल नंबर 467 पर और आकाश एडू टीवी-एनईईटी एयरटेल डीटीएच चैनल नंबर 478 पर उपलब्ध होगा।
कम्पनी ने कहा है कि ये चैनल्स फ्री-प्रीव्यू के लिए 21 अक्टूबर तक उपलब्ध रहेंगे।
नई दिल्ली/लखनऊ, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश के अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्य में अपराध के बढ़ते ग्राफ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की। प्रियंका ने कहा, "उप्र सरकार महिलाओं के साथ अपराध करने वाले अपराधियों को सही ठहराने और उनकी रक्षा करने का काम कर रहा है, इसके कारण पूरे राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं।"
गोंडा एसिड मामले में सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, "17 साल, 10 साल और 8 साल की बेटियां अपने घर में सो रही थीं, तभी किसी ने उनके घर में प्रवेश किया और उन पर एसिड फेंक दिया।"
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि "योगीराज में दलितों पर अत्याचार हो रहा है, क्योंकि सरकार खुद को बचाने के लिए अपराधियों को बचा रही हैं, ऐसे में अपराधी राज्य सरकार से क्यों डरेंगे।"
पार्टी ने कहा कि गोंडा जिले के पसका गांव में तीन नाबालिग दलित बहनों को एसिड से जलाए जाने की घटना से लगता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। इस हमले में 2 लड़कियों को मामूली चोटें आईं, जबकि तीसरी लड़की का चेहरा जल गया है।
वहीं लखनऊ में एक महिला ने आत्मदाह करने की कोशिश।
इस बीच, राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी भी हमले के मूड में आ गई है। पार्टी ने कहा है कि "राज्य में अन्याय और अत्याचार ने हदें पार कर दी हैं।"
पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय महिला ने मंगलवार की दोपहर को विधानसभा के सामने आत्मदाह करने का प्रयास किया। महराजगंज जिले की निवासी इस महिला को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि हाल ही में राज्य में एक के बाद एक कई आपराधिक घटनाएं हुई हैं। पहले हाथरस में दलित लड़की की सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत, फिर झांसी में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म, गोंडा में मंदिर के पुजारी की संपत्ति विवाद में हत्या जैसे मामले लगातार सामने आए हैं।
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश), 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| पूर्व सांसद रशीद मसूद की रुड़की में 5 अक्टूबर को कोरोना से मौत होने के बाद परिवार ने उनकी 'रस्म पगड़ी' का आयोजन किया। इस रस्म के आयोजन ने कई मुस्लिम कट्टरपंथियों को नाराज कर दिया है। रविवार को वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच सहारनपुर के बिलासपुर गांव में यह रस्म की गई। सूत्रों के अनुसार, अनुष्ठान के शुरू होती ही कई मौलवी कार्यक्रम स्थल से न केवल उठकर चले गए, बल्कि उन्होंने इस रस्म पर नारागजी भी जताई।
मौलाना असद कासमी ने मंगलवार को कहा, "वहां हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, रस्म पगड़ी की गई थी। कुछ पंडित वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर रहे थे। पगड़ी बांधना और परिवार में एक वरिष्ठ को चुनना अच्छी परंपरा है, लेकिन इसे इस्लामी परंपरा के अनुसार किया जाना चाहिए था।"
इस रस्म का वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही इस पर तीखी टिप्पणियां भी की गईं।
रस्म पगड़ी का आयोजन परिवार के सबसे बड़े सदस्य की मृत्यु के कुछ दिन बाद किया जाता है और परिवार के अगले बड़े सदस्य को पगड़ी पहनाकर उसे परिवार के मुखिया की तरह सम्मान दिया जाता है।
वैदिक मंत्रों और हिंदू रीति-रिवाजों के बीच आयोजित हुए समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद के बेटे शाजान मसूद के सिर में पगड़ी बांधकर परिवार के प्रमुख का दर्जा दिया गया। रिश्तेदारों और समर्थकों के जमावड़े के बीच बुर्जुगों ने शाजान मसूद को पगड़ी बांधी और इस मौके पर कई हिंदू अनुष्ठान भी किए गए।
हालांकि परिवार मौलवियों की प्रतिक्रिया से प्रभावित नहीं है। पगड़ी बंधवाने वाले शाजान ने कहा, "हमारे यहां यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। मेरे दादा और चाचा के लिए भी उनके हिंदू दोस्तों ने ऐसी रस्म का आयोजन किया था, अब यह मेरे पिता के लिए हुआ है। वैसे भी उनका पूरा जीवन हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए समर्पित रहा और हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं। जो लोग समारोह के जरिए मेरे पिता को श्रद्धांजलि देना चाहते थे, उन्हें इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इस्लाम सभी धर्मो का सम्मान करता है।"
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर । केरल हाईकोर्ट के लव जिहाद पर नए फ़ैसले से उस क़ानून को और बल मिल गया है जिसमें 18 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को अपनी पसंद से शादी करने की आज़ादी होती है..
साथ ही कोर्ट ने कहा है कि ऐसी शादियां देशहित में होती हैं. वी चिदंबरेश और सतीश निनान की न्यायिक खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि सभी अंतरधार्मिक विवाह लव जिहाद की श्रेणी में नहीं आते.
एक वकील ने इस फ़ैसले को वक्त की मांग बताते हुए कहा, "इन मामलों को केरल हाईकोर्ट की ही अलग-अलग बेंच में अलग-अलग तरह से निपटाया गया है."
पिछले साल अदालत की कम से कम तीन बेंचों के सामने लव ज़िहाद का मामला उठा था, जिसमें से एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि अदालत किस तरह दो वयस्क लोगों की शादी ख़त्म कर सकती है.
श्रुति और अनीस की प्रेमकहानी
चेन्नई में वकालत करने वाली गीता रामाशेषन ने बीबीसी हिंदी को बताया, "कोर्ट का यह निर्णय बेहद अहम है, इससे वयस्क अपनी पसंद से शादी करने के अधिकार का उपयोग कर सकेंगे."
जिस मामले में कोर्ट की बेंच ने यह फैसला सुनाया वह श्रुति मेलेदाथ और अनीस हमीद से जुड़ा है. श्रुति और अनीस एक दूसरे से प्यार करते हैं. जब श्रुति ने अनीस के साथ शादी करने की बात अपने घर में बताई तो उनके पिता ने अनीस के मजहब की वजह से इनकार कर दिया.
मई 2017 में श्रुति और अनीस केरल से भागकर हरियाणा के सोनीपत पहुंच गए. उनकी गुमशुदगी कि रिपोर्ट के आधार पर केरल पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया.
'योग केंद्र में श्रुति को दी गई यातनाएं'
श्रुति के परिजनों ने उन्हें एरनाकुलम के उडायमपेरूर स्थित एक योग केंद्र में भर्ती करवा दिया, ताकि वह दोबारा धर्मपरिवर्तन कर हिंदू बन सके. लेकिन श्रुति ने अपना धर्म परिवर्तन करवाया ही नहीं था.
श्रुति ने कोर्ट में बताया कि योग केंद्र में उसे यातनाएं दी जाती थीं. वहां उसके जैसे कम से कम 40 लोग और थे.
कोर्ट को दिए अपने बयान में श्रुति ने कहा, "योग केंद्र के अधिकारियों की बात न मानने पर थप्पड़ और पेट पर लात मारी जाती थी. जब मैंने अनीस के साथ जाने की इच्छा ज़ाहिर की तो मेरे मुंह पर कपड़ा ठूंसकर मुझे चुप करवाया गया."
'बंद हों धर्म बदलवाने वाले केंद्र'
अनीस के वकील, आर सुरेंद्रन ने बताया, "जबरदस्ती श्रुति का प्रेग्नेंसी टेस्ट भी करवाया गया, अगर वह पॉज़िटिव निकलता तो शायद वो उसका अबॉर्शन करवा देते."
कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर योग केंद्र में छापा मारा और वहां के अधिकारियों को हिरासत में लिया. इसके साथ ही यह बात भी सामने आई कि केरल में धर्मपरिवर्तन और पुनःधर्मपरिवर्तन केंद्र चल रहे हैं और इस काम में कई कट्टर संगठन शामिल हैं.
कोर्ट ने केरल पुलिस को यह आदेश भी दिया कि "राज्य में ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन और पुनः धर्मपरिवर्तन करवाने वाले केंद्रों को बंद किया जाए, चाहे वह किसी भी धर्म से जुड़े क्यों न हों. संविधान देश के सब नागरिकों को अपनी इच्छा से धर्म का चुनाव करने का अधिकार देता है."
कोर्ट की बेंच ने कहा, "हर अंतरधार्मिक विवाह को ज़बरदस्ती धार्मिक रंग देना उचित नहीं है. यह मामला पूरी तरह से प्रेम से जुड़ा हुआ था. यहां जिहाद जैसा कुछ भी नहीं था."
यहां तक कि इस मामले में श्रुति और अनीस अपने-अपने धर्म के साथ ही रहना चाहते थे.
कोर्ट ने कविता के साथ पढ़ा आदेश
अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के उस वक्तव्य को भी दोहराया जिसमें उन्होंने लता सिंह और उत्तर प्रदेश सरकार मामले में अंतरजातीय विवाह को देशहित में बताया था.
सरकारी वकील सुमन चक्रवर्ती ने कहा, "न्यायिक खंडपीठ का यह फैसला इस वक़्त की मांग है, कृपया हर शादी को बेवजह की सनसनी न बनाएं."
कोर्ट ने अपने आदेश की शुरुआत अमरीकी कवि माया एंजेलो की कविता की पंक्तियों से की, जो इस तरह हैं,
"प्रेम किसी प्रकार की बंदिशों को नहीं मानता,
वह सभी मुश्किलों को फांदकर,
बंदिशों से छलांग लगाकर, दीवारों को तोड़कर,
उम्मीदों की अपनी मंजिल तक ज़रूर पहुंचता है." (bbc)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| दिल्ली की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ आरोप तय करने में देरी के लिए एजेंसी के अभियोजक पर कथित शारीरिक हमले के लिए सीबीआई के डीआईजी को समन जारी किया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो के अभियोजक (प्रोसिक्यूटर) सुनील कुमार वर्मा ने उप महानिरीक्षक (डीआईजी) राघवेंद्र वत्स पर नौ अक्टूबर की सुबह वत्स के कार्यालय में उनकी पिटाई करने का आरोप लगाया है। वर्मा ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए उसी दिन लोधी रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी।
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में वर्मा ने कहा है, "नौ अक्टूबर को, जैसे ही मैंने उनके कार्यालय में प्रवेश किया, उन्होंने मेरा नाम पूछने के बाद मुझे चेहरे पर मुक्का मारा। उन्होंने फिर मुझे बातचीत करने के लिए बैठने के लिए कहा। मैं उनके कमरे से बाहर चला गया और चिल्लाना शुरू कर दिया कि मेरे साथ मारपीट की गई है। मैं चाहता हूं कि आप उचित कार्रवाई करें।"
12 अक्टूबर को भ्रष्टाचार के मामले में हुई सुनवाई के दौरान वर्मा ने अदालत को बेवजह हुई इस कथित घटना की जानकारी दी।
रोस एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार शर्मा ने आरोप का संज्ञान लिया और 19 अक्टूबर के लिए डीआईजी वत्स को तलब किया है।
1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी राजेंद्र कुमार पर दिल्ली सरकार के निजी फर्म एंडेवर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को 9.5 करोड़ रुपये के ठेके देने का आरोप लगाया गया है। उन्हें 2016 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ने लगा है। खास तौर पर कोरोना महामारी और वायु प्रदूषण का एक साथ होना जानलेवा साबित हो सकता है। इस प्रदूषण का मुख्य कारण पंजाब, हरियाणा व आसपास के अन्य राज्यों में पराली जलाया जाना है। दिल्ली सरकार ने केंद्र और संबंधित राज्यों की सरकारों से वायु प्रदूषण की समस्या से निबटने के लिए कार्रवाई करने की अपील की है। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि पराली के धुएं के कारण होने वाला प्रदूषण पूरे उत्तर भारत की समस्या है और अकेले दिल्ली सरकार इसे नहीं सुलझा सकती।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "पराली का धुआं दिल्ली में आने लगा है। दिल्ली सरकार दिल्ली में अपना खुद का प्रदूषण कम करने का प्रयास कर रही है। इसके तहत दिल्ली के हरियाली क्षेत्र को बढ़ाया गया है और इलेक्ट्रिकल वाहनों के लिए नई पॉलिसी बनाई गई है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है, स्मोक टावर लगाया जाएगा।"
दिल्ली सरकार के मुताबिक, राजधानी में प्रदूषण को कम करने के लिए जो प्रभावी कदम उठाए जा सकते थे, वे उठाए गए हैं। सरकार का मानना है कि दिल्ली में उठाए गए कदमों का असर भी देखने को मिला है। केजरीवाल सरकार चाहती है कि अन्य राज्य सरकारें भी प्रदूषण को लेकर ठोस कदम उठाएं।
सिसोदिया ने कहा, "दिल्ली सरकार लगातार पूरे साल प्रदूषण कम करने पर कार्रवाई कर रही है। हालांकि पराली का प्रदूषण दिल्ली की देन नहीं है। यह दिल्ली के लिए एक समस्या है, लेकिन दिल्ली के अलावा पूरा उत्तर भारत पराली जलाए जाने से प्रभावित होता है। पराली जलाने की समस्या से निबटने के लिए विभिन्न सरकारों ने कोई काम नहीं किया है, जिसका नुकसान सिर्फ दिल्ली को ही नहीं उठाना पड़ रहा है, बल्कि उत्तर भारत के कई राज्यों में यह समस्या है।"
सिसोदिया ने इस संबंध में केंद्र सरकार से भी कार्रवाई करने की अपील की है। सिसोदिया ने कहा, "कोरोना काल में इस प्रकार का प्रदूषण एक जानलेवा खतरा बन गया है। यह सिर्फ दिल्ली के लिए खतरनाक नहीं है, बल्कि पंजाब के जिस किसी गांव में पराली जलाई जा रही है, वहां रहने वाले किसान-मजदूर और उनके परिवारों के लिए भी बुरा है। मैं केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से निवेदन करना चाहता हूं कि वे इस ओर ध्यान दें।"
वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गठित की गई विशेष समिति एपका पर भी दिल्ली सरकार ने सवाल उठाए। उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली और उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण पर एपका की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "क्या इस प्रदूषण पर एपका भी फेल हो गई है। अभी तो ऐसा ही लग रहा है कि एपका फेल हो गई है। सर्दियों में कोरोना भी बढ़ेगा और प्रदूषण बढ़ने की स्थिति की स्थिति से हालात और खराब होंगे। एपका को सरकारों पर दबाव डालना चाहिए कि इस वायु प्रदूषण को खराब होने से रोका जा सके।" (आईएएनएस)
भोपाल, 13 अक्टूबर| मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए चल रहे प्रचार दौरान कांग्रेस के किसान नेता दिनेश गुर्जर द्वारा दिए गए बयान पर भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने ट्विटर पर अपनी तस्वीर (डीपी) बदलने के साथ लिखा है कि "अगर गरीब होना गुनाह है तो मैं भी शिवराज।" भाजपा ने 24 घंटों के लिए 'हैशटैग मैं भी शिवराज' अभियान शुरू किया है। शर्मा ने अपने ट्विटर पोस्ट पर लिखा है, "मुख्यमंत्री शिवराज का पूरा राजनीतिक जीवन ही गरीबों को समर्पित रहा है, क्योंकि एक सामान्य परिवार का व्यक्ति, सामान्य परिवार और उनसे जुड़ी समस्याओं का दर्द समझता है। उनका यह अपमान मध्यप्रदेश के हर गरीब परिवार का अपमान है, और प्रदेश का एक एक व्यक्ति कांग्रेस को इसका जवाब देगा।
उन्होंने आगे लिखा, "अगर गरीब परिवार से होना गुनाह है तो आज मैं कहता हूं- हैशटैग मैं भी शिवराज, और अगले 24 घंटों के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उनकी तस्वीर के साथ अपना नाम बदल रहा हूं। मैं प्रदेश के हर कार्यकर्ता और जनता से निवेदन करता हूं कि संलग्न तस्वीर से अपनी डीपी बदलें और एक सुर में कहें 'मैं भी शिवराज'।"
शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर तंज कसते हुए कहा, "मैं आज 'बड़े उद्योगपति' कमल नाथ से एक सवाल पूछना चाहूंगा, आपकी रईसी आपको मुबारक। पर 'क्या गरीब परिवार से होना कोई गुनाह है? क्या किसान का बेटा होना शर्म की बात है? क्या समाज के गरीब तबके को आप जैसे 'नामदार' हेय दृष्टि से देखते हैं?"
शर्मा का कहना है कि राजनीतिक शुचिता और मर्यादा भूल कांग्रेस लगातार भाजपा नेताओं पर 'ओछी टिप्पणियां' कर रही है। उन्होंने कहा, "इस पंक्ति में कल कांग्रेस ने सभी हदें पार करते हुए हम सभी में आदरणीय और किसान पुत्र शिवराज सिंह चौहान को 'भूखा-नंगा' कहकर संबोधित किया।"
कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने शिवराज सिंह चौहान पर हमला करते हुए कहा था कि कमल नाथ देश के दूसरे नंबर के उद्योगपति हैं और शिवराज भूखे-नंगे परिवार से। (आईएएनएस)
सुमन शर्मा
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| एक दशक पहले चीन-केंद्रित माउंटेन स्ट्राइक कोर (एमएससी) की परिकल्पना की गई थी। जिसके बाद 2013 में लगभग 65,000 करोड़ रुपये की शुरुआती लागत के साथ एक ब्लूप्रिंट तैयार हुई। हालांकि अब भारत-चीन सीमा गतिरोध के छह महीने बीत जाने के बाद विशेषज्ञ चीन के लिए एक दूसरे एमएससी की आवश्यकता के बारे में बात कर रहे हैं।
वित्तीय संकट के कारण 17 एमएससी का काम ठप हो गया और यह आज सिर्फ एक डिवीजन के साथ काम कर रहा है। 17 एमएससी के अंतर्गत एकमात्र ऑपरेशनल डिवीजन 59 डिविजन है, जो कि पानागढ़ में स्थित डिविजन और कॉर्प्स दोनों के साथ है। 59 डिविजन के अंतर्गत छह ब्रिगेड हैं, जिनमें से तीन इन्फैंट्री और एक-एक इंजीनियर, एयर डिफेंस और आर्टिलरी (जो हाल ही में जोड़ा गया है) के हैं।
एक दूसरे एमएससी की आवश्यकता के बारे में सैन्य विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं।
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और सेना प्रमुख जे.जे. सिंह का मानना है कि एक दूसरे माउंटन स्ट्राइक समय की जरूरत है। उन्होंने कहा, "यह एक सोची समझी रणनीति थी। वास्तव में मेरे समय में पानागढ़ को एमएससी के मुख्यालय के रूप में चुना गया था और प्रणब मुखर्जी उस समय रक्षा मंत्री थे। मैकमोहन रेखा पर वह चीजें प्रभावी नहीं थी, जो लद्दाख लाइन ऑफ एक्च ुअल कंट्रोल (एलएसी) पर प्रभावी थी। इलाके और परिस्थितियां अलग हैं, साथ ही भौतिक चुनौतियां भी अलग हैं, इसलिए विभिन्न प्रकार की क्षमताओं की आवश्यकता है। हमारा देश एक बड़ा देश हैं, और हमें अपनी सीमाओं का बचाव करना होगा। यह एक बड़ी अनसुलझी सीमा है जो लगभग 4,000 किलोमीटर की है, और कुछ स्थानों पर यह पाकिस्तान में विलीन हो जाती है। संप्रभुता खोने की कीमत पर खर्च के बारे में सोचना एक अच्छा विचार नहीं है।"
हालांकि सभी वरिष्ठ सैन्य विशेषज्ञ विचार का समर्थन नहीं करते हैं, बल्कि मैनपावर के मुकाबले आधुनिकीकरण का समर्थन करते हैं।
श्रीनगर स्थित 15 कोर के पूर्व जनरल-ऑफिसर-कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहा, "फोर्स स्ट्रक्च र्स को ऑपरेशन की आवश्यकता के आधार पर तय किया जाता है जो खतरे के विश्लेषण पर निर्भर करता है। पहाड़ों के साथ मैदानों और रेगिस्तानों की तुलना नहीं की जा सकती। यह एक विरोधी के खिलाफ पैदा हुई ताकतों की संख्या के बारे में नहीं है। बल पर्याप्त हैं, हमें उन्हें और अधिक आधुनिक बनाने की आवश्यकता है।"
उत्तरी सेना के पूर्व कमांडर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डी. एस. हुड्डा ने कहा, "जमीन पर अधिक बूटों के बजाय अधिक बढ़ी हुई क्षमता, अधिक अग्नि शक्ति, बेहतर बुनियादी ढांचे, रडार निगरानी, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और साइबर क्षमताएं होनी चाहिए। इसके लिए लागत की आवश्यकता है, इसलिए अतिरिक्त सैनिकों के बजाय अधिक से अधिक लड़ने की क्षमता विकसित करना बेहतर विचार है।"
युनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया के निदेशक मेजर जनरल बी.के. शर्मा की अलग राय है। उन्होंने कहा, फिलहाल पूर्वी लद्दाख के लिए अतिरिक्त बलों के अलावा, हमें दो एमएससी चाहिए, एक मध्य क्षेत्र के लिए और दूसरी पूर्वी कमान के लिए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| आईडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल ट्रेडिशनल पीसी मार्केट में 14.6 फीसदी (साल दर साल) का इजाफा हुआ है और 2020 की तीसरी तिमाही में इसकी बिक्री की संख्या 8.13 करोड़ यूनिट्स रही। लेनोवो क्यू3 में 23.7 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रहा जबकि 23 फीसदी हिस्सेदारी के साथ एचपी दूसरे और 14.8 फीसदी के साथ डेल तीसरे स्थान पर रहा।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में हालांकि ट्रेडिशन पीसी मार्केट में सिंगल डिजिट की ही बढ़त देखने को मिली। इस क्षेत्र में जापान भी शामिल है।
अमेरिका में हालांकि ट्रेडिशनल पीसी मार्केट में काफी तेजी देखी गई और तीसरे क्वार्टर में इस सेगमेंट में बिक्री दहाई तक पहुंचने में सफल रही। (आईएएनएस)
डीजीपी
भुवनेश्वर, 13 अक्टूबर| ओडिशा में इस वर्ष 1 जनवरी से 30 सितंबर तक विभिन्न राज्य एजेंसियों ने 1054 क्विं टल से ज्यादा गांजा बरामद किया , जोकि एक रिकॉर्ड है। डीजीपी अभय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सबसे ज्यादा गांजा क्रमश: कोरापुट(413 क्विं टल), मलकानगिरी(240 क्विंटल) और गाजापटी(126 क्विंटल) से बरामद किया गया।
उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षो में औसत रूप से 312 क्विंटल तो बीते पांच वर्षो में औसत रूप से 414 क्विंटल गांजा बरामद किया गया।
अभय ने कहा, "ओडिशा पुलिस ने इस तरह के मादक पदार्थ तस्करी के पीछे संगठित गिरोह के वित्तीय जांच के लिए कमर कसी है। पुलिस ओडिशा में ड्रग व्यापार को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली/धर्मशाला, 13 अक्टूबर| कांग्रेस ने अटल सुरंग से पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका को दोबारा स्थापित करने के लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है, जिन्होंने यूपीए के सत्ता में रहते वर्ष 2010 में रोहतांग सुरंग परियोजना की आधारशिला रखी थी। कांग्रेस ने कहा कि सोनिया गांधी ने 28 जून 2010 को रोहतांग सुरंग परियोजना की मनाली के धूंदी में आधारशिला रखी थी, जिसका नाम अब अटल सुरंग कर दिया गया है।
धर्मशाला से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने कहा, "यह गंदी राजनीति है। परियोजना को तब स्वीकृति दी गई थी, जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और ए.के.एंटनी रक्षा मंत्री थे।"
आशा कुमारी ने कहा कि इसके लिए राशि यूपीए सरकार ने दी थी। उस समय परियोजना की लागत 3200 करोड़ रुपये थी और आधी राशि को तत्काल जारी कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि बीआरओ सुरंग का निर्माण कर रहा था और यह राज्य व केंद्र सरकार दोनों की मिलीभगत हो सकती है। हम मुख्यमंत्री के सामने इस मुद्दे को उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि आधारशिला कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर को अटल सुरंग का उद्घाटन किया था।
सुरंग के उद्घाटन के बाद से ही राजनीतिक पारा बढ़ गया है। हिमाचल कांग्रेस के नेता ग्यालचन ठाकुर ने केयलोंग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है कि उद्घाटन से पहले ही सोनिया गांधी के नाम वाली शिलान्यास पट्टिका को हटा दिया गया है।
लाहौल स्पीति के पार्टी प्रमुख ने कहा, "यह अलोकतांत्रिक और भाजपा नेताओं की शैतानी है।"
वहीं हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने इस बाबत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखा है और चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 15 दिनों के अंदर पट्टिका नहीं लगाई गई तो राज्यव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| दिल्ली की एक कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद दायर किए गए आपराधिक मानहानि का मुकदमा दूसरे कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, क्योंकि यह कोर्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, सिर्फ सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करता है। एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा ने पक्षों को बताया, "सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, केवल सांसदों और विधायकों के खिलाफ दायर मामले को रोज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष सूचीबद्ध किया जा सकता है।"
कोर्ट ने जिला और सत्र न्यायाधीश के समक्ष 14 अक्टूबर के लिए मामले को उचित आदेशों के लिए सूचीबद्ध किया।
अकबर के वकील को मंगलवार को प्रिया रमानी के वकील की अंतिम दलीलों का खंडन करना था।
गौरतलब है कि हैशटैगमीटू आंदोलन के मद्देनजर, प्रिया रमानी ने 2018 में अकबर पर करीब 20 साल पहले यौन दुराचार का आरोप लगाया था।
इसके बाद अकबर ने केंद्रीय मंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया और प्रिया रमानी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उनका कहना था कि प्रिया के आरोप झूठे थे और इससे उनकी प्रतिष्ठा पर दाग लगा है।
प्रिया रमानी अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कई महिला पत्रकारों में से एक हैं। (आईएएनएस)
बरेली (उत्तर प्रदेश), 13 अक्टूबर | बरेली जिले के मीरगंज क्षेत्र में मंगलवार को दुर्गेश प्रसाद नाम के एक एडवोकेट ने संपत्ति विवाद के चलते अपने माता-पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। ललता प्रसाद के दो बेटे और चार बेटी थीं। 72 वर्षीय प्रसाद ने एक घर दुर्गेश और एक उसके छोटे बेटे उमेश को दे रखा था, जबकि वह अपनी पत्नी के साथ तीसरे घर में रहता था।
घर को बांटने को लेकर उनके और दुर्गेश के बीच कुछ विवाद था।
दुर्गेश मंगलवार को अपने पिता से मिलने आया था और पिता पर गोली चला दी। जब उसकी मां गोली की आवाज सुनकर वहां आई तो उसने अपनी मां पर भी गोली चला दी।
दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और दुर्गेश वहां से फरार हो गया।
एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने कहा कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पुलिस टीम आरोपी की तलाश कर रही है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर| दो राज्यों में 11 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव नौ नवंबर को होंगे। ये सीट सांसदों के नवंबर में रिटायर होने के बाद खाली होने वाली हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इनमें से 10 राज्यसभा सीट उत्तरप्रदेश और एक सीट उत्तराखंड से खाली होने वाली है।
चुनाव की अधिसूचना 20 अक्टूबर को जारी होगी और नामांकन भरने की आखिरी तिथि 27 अक्टूबर होगी।
मतदान नौ नवंबर को सुबह नौ बजे से शांम चार बजे तक होगा और मतों की गिनती शाम पांच बजे होगी। चुनाव आयोग 11 नवंबर से पहले चुनावी प्रक्रिया को पूरी कर लेगा।
25 नवंबर को रिटायर होने वाले सदस्य चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, अरुण सिंह, नीरज शेखर, पी एल पुनिया, हरदीप सिंह पुरी, रवि प्रकाश वर्मा, राजाराम, रामगोपाल यादव, वीर सिंह और राज बब्बर हैं।
राज बब्बर उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य हैं और बांकी उत्तरप्रदेश से चुने गए थे।
आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा। चुनाव प्रकिया में उपयोग में लाये जाने वाले सभी हॉल के इंट्री गेट के पास थर्मल चेकिंग होगी और सभी स्थानों पर सैनिटाइजर उपलब्ध होंगे।
आयोग ने गृहमंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए भी कहा है। (आईएएनएस)
राज्यपाल ने उद्धव को लिखा-अचानक सेक्युलर कैसे हो गए? ठाकरे बोले-मुझे नहीं चाहिए आपका सर्टिफिकेट
काईद नाजमी
मुंबई, 13 अक्टूबर| एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच राज्य में मंदिरों को फिर से खोलने के मुद्दे पर लेटर वार शुरू हो गया।
राज्यपाल ने अपने पत्र में ठाकरे के हिंदुत्व पर सवाल उठाते हुए पूछा, "आप हिंदुत्व के एक मजबूत स्तंभ रहे हैं, अब आप क्या 'सेक्युलर' हो गए हैं?" राज्य के मंदिरों में पूजा करने की अनुमति देने के मामले में कोश्यारी ने ठाकरे को पत्र लिखा था और पूछा था कि मंदिर कब से खुल रहे हैं। राज्य में सभी मंदिर कोरोनावायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण 23 मार्च से ही बंद हैं।
कोश्यारी ने पत्र में लिखा कि कैसे ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अयोध्या जाकर भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति को सार्वजनिक रूप से दिखाया था और बाद में 1 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी पर प्रसिद्ध पंढरपुर के भगवान विठ्ठल और देवी रुक्मिणी मंदिर में पूजा की थी।
कोश्यारी ने कहा, "यह विडंबना है कि जहां एक ओर राज्य सरकार ने बार, रेस्तरां और समुद्र तट खोलने की अनुमति दी है, वहीं दूसरी ओर हमारे देवी-देवता अभी भी लॉकडाउन में हैं।"
ठाकरे ने कोश्यारी को इसका कड़ा जवाब देते हुए कहा कि राज्यपाल ने 'हिंदुत्व' के बारे में जो उल्लेख किया है, वह बिल्कुल सही था।
ठाकरे ने कहा, "हालांकि, मुझे किसी से भी हिंदुत्व पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है, न ही मुझे इसे किसी से सीखना है। जो लोग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ हमारे राज्य और इसकी राजधानी (मुंबई) की तुलना करने वाले का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं, वे मेरे हिंदुत्व की परिभाषा में फिट नहीं बैठते।"
ठाकरे ने कहा, "क्या आप ये कहना चाह रहे हैं कि सिर्फ मंदिर खोल देने से कोई हिंदुत्व का मसीहा हो जाता है और उसे बंद करने से वो सेक्युलर हो जाता है?"
ठाकरे ने अपने जवाबी पत्र में कोश्यारी से सीधे पूछा, "आपने उस संविधान की शपथ ली है, जिसका मुख्य सिद्धांत सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) है, क्या आप इससे सहमत नहीं हैं?"
कोश्यारी ने इस पर आश्चर्य जताया कि ठाकरे मंदिरों को फिर से खोलने के फैसले को बार-बार क्यों स्थगित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 8 जून को दिल्ली और जून के अंत तक पूरे देश में मंदिर और दूसरे पूजा स्थल खोल दिए गए।
ठाकरे ने इसके जवाब में कहा, "आप (कोश्यारी) ने ऐसी चीजों का अनुभव किया होगा, मैं इतना महान नहीं हूं।" उन्होंने कहा कि वह (ठाकरे) महाराष्ट्र के लोगों के लिए अच्छा काम करने की कोशिश कर रहे हैं।
कोश्यारी ने याद दिलाया कि कैसे 1 जून को ठाकरे ने घोषणा की थी कि लॉकडाउन अब इतिहास की बात हो जाएगी। लेकिन इस घोषणा के चार महीने बाद अभी भी मंदिरों को खोलने पर प्रतिबंध है।
जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पहली जिम्मेदारी लोगों की जान बचाना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह अचानक से लॉकडाउन लगाना गलत था, उसी तरह अचानक लॉकडाउन हटाना भी गलत है, खासकर ऐसे समय में, जब कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे थे।
राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा कि मंदिरों को खोलने के लिए उन्हें कई अनुरोध मिल चुके हैं। इसके जवाब में ठाकरे ने कहा कि वे सभी अनुरोध भाजपा के लोगों के थे।
हालांकि ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी को आश्वासन दिया कि राज्य में मंदिरों और दूसरे धार्मिक स्थलों को खोलने पर जल्द फैसला लिया जाएगा। (आईएएनएस)
वाराणसी, 13 अक्टूबर| उत्तरप्रदेश के जेल में बंद विधायक विजय मिश्रा के फोन नंबर से उगाही के लिए फोन किया गया। शिकायत दर्ज कराने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। इस कॉल ने पुलिस को अचंभे में डाल दिया है, क्योंकि मिश्रा आगरा जेल में हैं, जबकि उनके फोन, सिम कार्ड को मध्यप्रदेश पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त जब्त कर लिया था और बाद में भदोही पुलिस को सौंप दिया था।
उगाही के लिए फोन ज्ञानपुर नगर पंचायत के चेयरमैन हीरालाल मौर्या को किया गया था, जिन्होंने भदोही पुलिस के समक्ष सोमवार को शिकायत दर्ज कराई।
भदोही पुलिस अधीक्षक आर.बी. सिंह ने अधिकारियों से मामले की जांच करने और इस बात का पता लगाने के लिए कहा है कि आखिर उस नंबर का प्रयोग उगाही के लिए कैसे गिया गया। साथ ही उन्होंने यह पता लगाने के बाद एफआईआर करने के भी आदेश दिए हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "मौर्या ने शिकायत दर्ज कराई की उसे जेल में बंद विधायक के नंबर से शनिवार को फोन आया था। कॉलर ने उनसे 50,000 रुपये की राशि मांगी।"
उन्होंने कहा, "मध्यप्रदेश पुलिस ने 14 अगस्त को मिश्रा से पिस्तौल, मोबाइल फोन और 3 लाख रुपये नकद जब्त किया था। वहीं मिश्रा को भदोही पुलिस को सुपूर्द करते समय भी एमपी पुलिस ने सारी सामग्री सुपूर्द की थी। यह चेक किया जा रहा है कि जब्त फोन में सिम कार्ड था और कैसे इसका प्रयोग किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि कॉलर को खोजने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। मिश्रा को 18 जुलाई को एक कांट्रेक्टर को धमकी देने के मामले में गुंडा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था।
मिश्रा को 14 अगस्त को मध्यप्रदेश में गिरफ्तार किया गया था। (आईएएनएस)
हाथरस, 13 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बुलगड़ी मामले को सीबीआई ने टेकओवर करते ही छानबीन तेज कर दी है। सीबीआई की टीम क्राइम सीन को रिक्रिएट करके सबूत इकट्ठा करने की कोशिश करेगी। घटना स्थल पीड़िता के घर के करीब 500 मीटर दूर है। इसी खेत में 14 सितंबर को युवती पर हमला किया गया था। यहां घटना स्थल पर लोगों को रोकने के लिए पुलिस तैनात है। सीबीआई की टीम के साथ पीड़िता का भाई भी मौके पर है। टीम छह गाड़ी में पहुंची जिमें 15 अधिकारी हैं। घटना स्थल पर सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं।
सीबीआई ने गांव पहुंचकर सबसे पहले घटनास्थल की फोटोग्राफी करवाई। हर संभव तरीके से घटनास्थल को तस्वीरों में कैद किया गया। सीबीआई के साथ फॉरेंसिक टीम भी मौजूद है। मालूम हो कि पूरा गांव छावनी में तब्दील हो चुका है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।
सीबीआई की टीम के पहुंचने से पहले घटनास्थल के आसपास पूरे 1.5 किलोमीटर की परिधि को सील कर दिया गया है। इससे पहले तक यहां सभी लोगों का आना-जाना हो रहा था, लेकिन मंगलवार को किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है।
इससे पहले सीबीआई ने हाथरस के मुख्य आरोपी के खिलाफ गैंगरेप, हत्या का प्रयास और हत्या के साथ एससी-एसटी ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी। उधर, पीड़िता के पिता की मंगलवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनका अचानक बीपी बढ़ गया है। मृत युवती की मां, और बुआ को हॉस्पिटल लाया गया। ईसीजी कराई जा रही है। इनके घर पहुंची चिकित्सकों की टीम से परिजनों ने कोरोना टेस्ट कराने से मना कर दिया।
रात में ही वह परिवार के साथ लखनऊ से लौटे हैं। सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर गांव पहुंचे। हालात खराब होने पर पीड़िता के पिता को हाथरस ले जाया जा सकता है।
सीबीआई की जांच टीम के गांव पहुंचने से पहले ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। सीबीआई ने इस केस और घटना से जुड़े सभी अहम कागजात और केस डायरी को भी खंगाला है।
हाथरस मामले में जांच अधिकारी नियुक्त की गईं डीएसपी सीमा पाहूजा भी अन्य सदस्यों के साथ हाथरस आने की सूचना पर हाथरस पुलिस की टीमें घटनास्थल के साथ ही पीड़िता के घर के आसपास भी मुस्तैद हैं।
हाथरस के एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि सीबीआई टीम ने जांच के दौरान जुटाए गए सबूतों और केस डायरी समेत केस से जुड़े डॉक्यूमेंट्स मांगे थे। एक सीनियर पुलिसकर्मी ने बताया कि जांच के लिए सीबीआई के 15 अधिकारियों के अगले कुछ हफ्ते हाथरस में रहने की संभावना है।
इससे पहले सोमवार को सीबीआई ने केस डायरी सीओ से ले ली। इस केस डायरी में जिला अस्पताल की रेफर रिपोर्ट, फोरेंसिक रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पीड़िता के स्वजन के बयान, पुलिस की मजरूमी चिट्ठी आदि दस्तावेज मौजूद है। टीम अब एक-एक दस्तावेज का अवलोकन करने में जुटी है। केस डायरी का अध्ययन करने के बाद ही सीबीआई अपनी गाडइलाइन से केस की तहकीकात शुरू करेगी।
ज्ञात हो कि 14 सितंबर को हाथरस के बुलगड़ी में हुई घटना के मामले में पुलिस ने युवती के भाई की तहरीर के आधार पर जानलेवा हमला और एससी-एसटी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। घटना के आरोपी संदीप ठाकुर को पुलिस ने 19 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद इस मुकदमे में पीड़िता के बयानों के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म की धाराएं बढ़ाई गईं और तीन अन्य आरोपियों के नाम शामिल किए गए। 26 सितंबर तक अन्य तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर | दिल्ली पुलिस ने एयर इंडिया के नाम पर एक फर्जी जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसके तहत सैकड़ों लोगों से पूरे देश में लाखों रुपये की ठगी की गई। मामले में एक महिला समेत तीन आरोपियों को पकड़ा गया है। गिरोह प्राय: महामारी के दौरान नौकरी गंवाने वाले लोगों को लालच देता था और राष्ट्रीय विमानन कंपनी में नौकरी दिलवाने के नाम पर पैसा जमा करने के लिए कहता था।
लोगों का विश्वास जीतने के लिए लेटर जारी किए गए और साक्षात्कार भी लिया गया।
दरअसल एक महिला ने इस बाबत पालम विलेज पुलिस स्टेशन में शिकायत कराई थी कि उनसे 71,000 रुपये की ठगी की गई है। उसने पुलिस को बताया कि वह 2017 से जोमेटो के साथ काम करती थी लेकिन महामारी में उसकी जॉब चली गई। वह नौकरी तलाश रही थी और उसे एयर इंडिया के नाम से नौकरी का ऑफर मिला।
जिसके बाद उसने अपने रिज्यूम शेयर किया और पहले 1875 रुपये जमा कराए। उसके बाद उसे ऑफर लेटर दिया गया और यूनिफार्म के लिए पैसे मांगे गए। हालांकि उसे शक हो गया।
साउथ वेस्ट दिल्ली के डीसीपी देवेन्द्र आर्या ने कहा, "छानबीन के बाद, साइबर विभाग ने गाजियाबाद के रहने वाले एक शख्स शदाब मलिक को गिरफ्तार किया। इसे पहले भी उत्तराखंड पुलिस द्वारा इसी तरह के काम के लिए गिरफ्तार किया गया था।"
उन्होंने कहा, "मलिक नोएडा के सेक्टर 12 में एक कॉल सेंटर चलाता है। उसके साथ उसके सहयोगी कुमुद रंजन कमलेश और प्रियंका गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया है।"
अधिकारी ने कहा, "अभी तक आरोपियों के 12 फर्जी बैंक खातों की पहचान की गई है। यह गिरोह बीते 5 महीने से साथ काम कर रहा था। इन फर्जी खातों में करीब 60 लाख रुपये की राशि डाली गई थी।" (आईएएनएस)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 13 अक्टूबर | मध्यप्रदेश में विधानसभा के उप-चुनाव में आम जनता से जुड़े मुद्दों पर कम बल्कि दूसरे मुद्दे भाजपा और कांग्रेस के बीच तकरार का कारण बन रहे हैं। अब तो दोनों दलों में गरीब और उद्योगपति जैसे शब्द चुनावी हमले का हथियार बन रहे हैं।
राज्य में उप-चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले आम आदमी से जुड़े मुददों की चर्चा कहीं ज्यादा थी, मगर मतदान की तारीख करीब आने के साथ ही नए-नए मुददे सामने आ रहे हैं। पहले जहां कर्ज माफी बेरोजगारों को रोजगार जैसे मुददे हावी रहे तो बाद में खुददार-गददार, बिकाऊ-बिकाऊ ने जोर पकड़ा, उसके बाद नारियल जैसा विषय तकरार का कारण बना और अब तो गरीब और उद्योगपति पर ही दोनों दल आमने-सामने हैं।
ताजा बयान किसान नेता दिनेश गुर्जर का आया है, जिसमें उन्होंने कमलनाथ को दूसरे नंबर का उद्योगपति बताया, वहीं शिवराज को भूखा-नंगा परिवार से करार दिया। इसे भाजपा ने गरीबों का अपमान बताते हुए चुनावी मुद्दे का रंग देने की कोशिश तेज कर दी है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता के बयान को गरीबों का अपमान बताया है साथ ही उसे कांग्रेस की मानसिकता का प्रतीक भी।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा का कहना है कि कमलनाथ जब छिंदवाड़ा आए थे, तो खाली थैला लेकर आए थे। गरीबों का खून चूसकर उद्योगपति बन गए। प्रदेश के गरीबों के साथ छल किया, भ्रष्टाचार किया और आज अरबपति बन गए हैं। वे क्या जाने गरीबों का दर्द।
कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि किसान नेता दिनेश गुर्जर ने जो बात कही उसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। उनका कहना है कि कमल नाथ का खेती-किसानी से संबंध नहीं है फिर भी उन्होंने किसानों का कर्ज माफ किया, किसानों का बिजली बिल आधा किया और आम आदमी को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई, वहीं शिवराज खुद को गरीब परिवार का किसान बताते हैं, मगर उनके राज में सबसे बुरा हाल किसानों का हुआ है। उनके शासन काल में सबसे ज्यादा आत्महत्या किसानों ने की है, किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिला है। यही तो अंतर है कमल नाथ और शिवराज में।
वहीं राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटैरिया का कहना है कि कांग्रेस नेता गुर्जर का बयान कांग्रेस के लिए सैल्फ गोल जैसा है। प्रदेश में जिन हिस्सों में उप-चुनाव हो रहे है, उनमें से अधिकांश वे इलाके हैं जहां 70 से 80 फीसदी आबादी गरीब, किसान और गांव की है।
कांग्रेस के बयान से भाजपा को बैठे बैठाए मुद्दा मिल गया है। भाजपा इसे गांव, गरीब की अस्मिता से जोड़ेगी। कांग्रेस के नेता का यह बयान चुनाव में वैसा ही असर डालेगा जैसा पिछले चुनाव में आरक्षण को लेकर शिवराज के बयान ने डाला था। शिवराज ने आरक्षण को लेकर कहा था कि कोई माई का लाल नहीं छीन सकता आरक्षण। इसके चलते चुनावी फिजां में भाजपा के खिलाफ एक माहौल बन गया था।(आईएएनएस)
कन्नौज (उत्तर प्रदेश), 13 अक्टूबर | उत्तर प्रदेश में एक ऐसा चोरी का मामला सामने आया है, जिसका निर्णय पुलिस या कोर्ट ने नहीं, बल्कि एक भैंस ने किया है। कन्नौज जिले के जलेसर शहर के अली नगर निवासी वीरेंद्र ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि उसके दोस्त धर्मेंद्र ने उसकी भैंस चुरा ली और उसे किसी और को बेच दिया।
हालांकि, धर्मेंद्र ने इस आरोप का खंडन किया और जोर देकर कहा कि भैंस उनकी है।
भैंस को सोमवार को पुलिस स्टेशन लाया गया और उसे खुला छोड़ दिया गया। इसके बाद वीरेंद्र और धर्मेंद्र दोनों को पुलिसकर्मियों ने भैंस को बुलाने के लिए कहा।
कुछ समय बाद भैंस धर्मेंद्र के पास चली गई और उसके मालिकाना हक का मुद्दा सुलझ गया।
वरिष्ठ उप निरीक्षक विजयकांत मिश्रा ने कहा, "हमने भैंस को अपनी पसंद चुनने देने के इस अनूठे विचार को लेकर प्रयास किया। जब वीरेंद्र और धर्मेंद्र ने भैंस को बुलाया, तो उसने उन्हें देखा और धर्मेंद्र के पास चली गई और इस मुद्दे का फैसला हो गया।"
वीरेंद्र ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उसके दोस्त धर्मेंद्र ने उसकी भैंस चुराई थी, जिसने आगे रसूलाबाद गांव के मुस्लिम नाम के व्यक्ति को बेच दी थी।
मुस्लिम व्यक्ति जब रविवार को पशु मेले में भैंस को बेचने के लिए ले गया, तब वीरेंद्र ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ यह दावा करते हुए हाथापाई करने लगा कि भैंस उसकी है।
मुस्लिम व्यक्ति ने उसके दावे का खंडन किया और कहा कि उन्होंने धर्मेंद्र से यह भैंस खरीदी थी।
पुलिस स्टेशन में धर्मेंद्र ने कहा कि भैंस उनकी है और उन्होंने कुछ दिन पहले पशु को 19,000 रुपये में बेच दिया था। (आईएएनएस)