राष्ट्रीय
मुंबई, 12 अक्टूबर| मुंबई और मुंबई महानगर के ठाणे, रायगढ़ और पालघर में ग्रिड फेल होने के कारण सोमवार को बिजली गुल होने का असर लोगों के दैनिक जीवन पर देखने को मिला। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
वितरकों में से एक बेस्ट ने कहा कि टाटा की इनकमिंग इलेक्ट्रिक सप्लाई विफल होने के कारण सुबह 10.15 बजे के आसपास बिजली की आपूर्ति बाधित हुई।
बिजली अपूर्ति बाधित होने का असर मुंबई - मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे पर पड़ा और बड़ी संख्या में यात्री इन ट्रेनों में फंसे हुए हैं।
कई स्थानों पर यात्री उतर गए और पास के उपनगरीय रेलवे स्टेशन की ओर जाने लगे।
बीएमसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कलवा, ठाणे में टाटा पावर की सेंट्रल ग्रिड फेल होने के कारण बिजली गुल हुई और बहाली में लगभग एक घंटा लग सकता है।
पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने कहा कि टाटा पावर कंपनी की ग्रिड फेल होने के कारण 10.05 बजे ट्रैक्शन पॉवर में रुकावट के मद्देनजर चर्चगेट और बोरिवली के बीच की सेवाएं बंद हैं। बिजली सप्लाई शुरू होते ही इसे फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
हालांकि, एमएसईटीसीएल से बिजली की आपूर्ति वसई रोड पर उपलब्ध थी।
चर्चगेट-बोरीवली सेक्शन में सेवाएं शुरू करने के लिए भी प्रयास चल रहे थे। यात्रियों से अनुरोध किया गया कि वे घबराएं नहीं और सामाजिक दूरी बनाए रखें।
बिजली आपूर्ति बाधित होने का अन्य प्रभाव पानी की आपूर्ति नहीं होना, कुछ इमारतों में लोगों का लिफ्ट में फंस जाना, आदि के तौर पर देखने को मिला।
(आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश), 12 अक्टूबर| दुधवा टाइगर रिजर्व के धौरहरा रेंज के पास एक तेंदुए के हमले में दो बच्चों की मौत हो जाने के कुछ दिनों बाद अब लखीमपुर खीरी-बहराइच बॉर्डर पर एक नाबालिग बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर दिया। बहराइच रेंज के पास पाठकपुरवा गांव से इस हादसे की सूचना मिली है, जिसमें गांववालों ने मिलकर लड़के को तेंदुए के चंगुल से छुड़ाया है।
पुलिस और वन विभाग ने शनिवार को कहा कि सप्ताहांत में 13 वर्षीय सिकंदर लाल किशोर पर तेंदुए ने हमला किया। वन विभाग की तरफ से यह भी पता लगाए जाने की कोशिश जारी है कि क्या यह वही तेंदुआ है, जो पाठकपुरवा की घटना में भी शामिल रहा है। उसके पैरों के निशान खंगाले जा रहे हैं।
सिंकदर फिलहाल खतरे से बाहर है। उसे कुछ मामूली चोटें आई हैं।
वाइल्डलाइफ ट्रस्ट इंडिया (डब्ल्यूटीआई) के विशेषज्ञों ने क्षेत्र में 15 कैमरा ट्रैप लगाए हैं। उप्र वन विभाग ने भी तेंदुए को पकड़ने के अपने अभियान को तेज कर दिया है। वनाधिकारियों के मुताबिक, चारे के रूप में दो पिंजरों में बकरियों को डालकर अलग-अलग जगहों में रखा गया है।
(आईएएनएस)
मई दिल्ली, 12 अक्टूबर| अभिनेत्री खुशबू सुंदर के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच कांग्रेस ने उन्हें सोमवार को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी सचिव प्रणव झा ने कहा, खुशबू सुंदर को तुरंत प्रभाव से एआईसीसी के प्रवक्ता के पद से हटाया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, 2014 में डीएमके छोड़ने के बाद कांग्रेस में शामिल हुई खुशबू बीजेपी नेताओं से मुलाकात करने तमिलनाडु से दिल्ली के लिए रवाना हुई।
अगले साल होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले जे.पी. नड्डा की मौजूदगी में सोमवार को खुशबू के भाजपा में शामिल होने की संभावना है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| तुअर, उड़द, मूंग और चना समेत तमाम दालों के बेलगाम हुए दाम को काबू करने के मकसद से केंद्र सरकार ने सस्ती दरों पर उपभोक्ताओं को उड़द और तुअर की दाल मुहैया करवाने समेत अन्य कदम उठाए हैं। मगर, दाल कारोबारी इसे नाकाफी मानते हैं। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में दालों के दाम में थोड़ी नरमी आएगी, लेकिन घरेलू उपलब्घता बढ़ाने के लिए तुअर का आयात जरूरी है। ऑल इंडिया मिल एसोसिएशन का कहना है कि जब तक सरकार तुअर का बफर स्टॉक खुले बाजार में नहीं उतारेगी या आयात के लिए लाइसेंस जारी नहीं करेगी, तब तक दालों की महंगाई पर रोक नहीं लगेगी क्योंकि व्यापारियों के पास तुअर का स्टॉक बहुत कम है और नई फसल आने में अभी दो महीने देर है।
दिल्ली-एनसीआर में उपभोक्ताओं को तुअर दाल के लिए 120 से 140 रुपये, उड़द के लिए 130 रुपये से लेकर 150 रुपये और मूंग का 120 रुपये से 150 रुपये प्रति किलो चुकाना पड़ रहा है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्रालय की बेवसाइट पर संकलित कीमतों के अनुसार, देश में रविवार को तुअर का खुदरा भाव 75 से 125 रुपये, उड़द दाल का भाव 70 से 126 रुपये, मूंग दाल का भाव 80 रुपये से 120 रुपये प्रति किलो था।
दालों की महंगाई पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से खुदरा हस्तक्षेप के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को धुली उड़द (खरीफ-2018 का स्टॉक) 79 रुपये प्रति किलो और (खरीफ-2019 का स्टॉक) 81 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जा रही है। इसी तरह, तुअर की दाल 85 रुपये प्रति किलो की दर से मुहैया की जा रही है। यह जानकारी शनिवार को मंत्रालय ने दी।
ऑल इंडिया दाल मिल एसोएिशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि सस्ती दरों पर लोगों को दाल मुहैया करवाने से कीमतों में थोड़ी नरमी आएगी, लेकिन कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
अग्रवाल ने कहा, दालों के दाम पर लगाम तभी लगेगी जब सरकार नेफेड के पास पड़ा तुअर का स्टॉक की बिक्री खुले बाजार में की जाएगी या फिर तुअर आयात का लाइसेंस जारी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल चार लाख टन तुअर आयात का कोटा तय किया है, मगर आयात के लिए लाइसेंस अब तक जारी नहीं किया गया।
नेफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने बताया कि तुअर का आठ लाख टन बफर स्टॉक है और इसमें से तीन से चार लाख टन का स्टॉक निकाला जा सकता है, लेकिन कितना स्टॉक रखा जाएगा और कितना निकाला जाएगा यह सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा।
दलहन बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि तुअर की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है, फिर भी सरकार ने हाल ही में 1.50 लाख टन उड़द आयात करने की इजाजत दी है। ऐसे में संभव है कि तुअर आयात के लिए लाइसेंस जारी की जाए क्योंकि तुअर की नई फसल की आवक शुरू होने में अभी दो महीने से ज्यादा विलंब है।
बता दें कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी फसल वर्ष 2020-21 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान में खरीफ सीजन में तुअर का उत्पादन 40.4 लाख टन होने का आकलन किया गया है जबकि पिछले साल तुअर का उत्पादन 38.3 लाख टन हुआ था।
बेंगलुरू, 12 अक्टूबर| बेंगलुरू के एक होटल में पुलिस की अचानक छापेमारी से हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई। यहां कथित तौर पर जुआ खेल रहे 65 लोगों की गिरफ्तारी के साथ 96 लाख नकद बरामद किए गए। पुलिस ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
बेंगलुरु के संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने यहां एक बयान में कहा, "मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर, शहर की अपराध शाखा (सीसीबी) ने पूर्वी उपनगर के महादेवपुरा में एक होटल पर छापा मारा और सभी 65 आरोपियों को जुआ खेलने के आरोप में गिरफ्तार किए और उनसे नकद (96 लाख रुपये) जब्त किए।"
इसे शहर में जुए के कारोबार का भंडाफोड़ का नाम दिया जा सकता है। अचानक किए गए इस छापेमारी से इस बात का खुलासा हुआ है कि अधिकांश जुआरी पड़ोसी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं, जिन्हें शहर के कई कार्यक्रमों में भाग लेने का लालच दिया गया था।
पाटिल ने कहा, "हमें अब ऐसे कार्यक्रमों के आयोजकों की तलाश है क्योंकि ये काफी बड़े पैमाने पर फैले हुए हैं।"
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "एक अनाम होटल में आयोजित एक समारोह में बड़ी संख्या में आम लोगों की उपस्थिति में न्यायिक पुलिस इसे नोटिस करने में विफल रही।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक वर्चुअल कार्यक्रम में ग्वालियर की राजमाता विजया राजे सिंधिया के सम्मान में 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनके व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछली शताब्दी में भारत को दिशा देने वाले कुछ एक व्यक्तित्वों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी शामिल थीं। राजमाता केवल वात्सल्य की मूर्ति ही नहीं थी, वो एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक भी थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जीया, न राजनीति की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ऐसे कई मौके आए जब पद उनके पास तक चलकर आए। लेकिन उन्होंने उसे विनम्रता के साथ ठुकरा दिया। एक बार खुद अटल जी और आडवाणी जी ने उनसे आग्रह किया था कि वो जनसंघ की अध्यक्ष बन जाएं। लेकिन उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में ही जनसंघ की सेवा करना स्वीकार किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक, भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वो साक्षी रहीं। आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर आपातकाल और राम मंदिर आंदोलन तक, राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम में से कई लोगों को उनसे बहुत करीब से जुड़ने का, उनकी सेवा, उनके वात्सल्य को अनुभव करने का सौभाग्य मिला है। राजमाता एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थीं। साधना, उपासना, भक्ति उनके अन्तर्मन में रची बसी थी। राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। गांव, गरीब, दलित-पीड़ित-शोषित-वंचित, महिलाएं आज देश की पहली प्राथमिकता में हैं।
(आईएएनएस)
मुंबई, 12 अक्टूबर | मजबूत कारोबारी रुझानों के बीच घरेलू शेयर बाजार की शुरूआत सोमवार को तेजी के साथ हुई और आरंभिक कारोबार के दौरान करीब 400 अंक उछला जबकि निफ्टी 100 अंकों से ज्यादा की छलांग लगाकर 12,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर चला गया। हालांकि बाद में सुबह 9.29 बजे सेंसेक्स पिछले सत्र से 326.18 अंकों यानी 0.81 फीसदी की तेजी के साथ 40,835.67 पर कारोबार कर रहा था जबकि निफ्टी बीते सत्र से 84.10 अंकों यानी 0.71 फीसदी की बढ़त के साथ 11,998.30 पर बना हुआ था।
एशिया के अन्य बाजारों से भी सकारात्मक संकेत मिलने से घरेलू शेयर बाजार में लगातार आठवें सत्र में तेजी का माहौल बना हुआ था।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले 207.46 अंकों की तेजी के साथ 40,716.95 पर खुला और आरंभिक कारोबार के दौरान 40,905.49 तक उछला जबकि निचला स्तर 40,696.69 रहा।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते सत्र के मुकाबले 59.35 अंकों की तेजी के साथ 11,973.55 पर खुला और 12,022.05 तक उछला जबकि आरंभिक कारोबार के दौरान निफ्टी का निचला सतर 11,968.85 रहा।
बाजार के जानकार बताते हैं कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा सोमवार को शेयर बाजार में कारोबार की शुरूआत करने को लेकर भी उत्साह का माहौल है जबकि एशिया के अन्य बाजारों से भी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं।(आईएएनएस)
शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड-19 बीमारी के लिए ज़िम्मेदार कोरोना वायरस बैंक नोट, फ़ोन की स्क्रीन और स्टेनलेस स्टील जैसी कुछ सतहों पर 28 दिनों तक जीवित रह सकता है.
ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी का कहना है कि SARS-Cov-2 वायरस कुछ सतहों पर उससे कहीं अधिक देर तक जीवित रह सकता है जितना सोचा गया था .
हालांकि, ये शोध अंधेरे में और स्थिर तापमान में किया गया था. जबकि हाल में पता चला है कि अल्ट्रावायलेट लाइट के इस्तेमाल ये कोरोना वायरस नष्ट हो जाता है.
कुछ जानकार इस बात पर संदेह जताते हैं कि सतह पर मौजूद वायरस से इंसान के संक्रमित होने का कितना वास्तविक ख़तरा होता है.
अधिकतर मामलों में कोरोना वायरस का संक्रमण लोगों की खांसी, छींक या बात करने से निकले थूक के बारीक कणों से होता है.
शोध में क्या कहा गया है?
इससे पहले लेबोरेटरी में हुए टेस्ट में पता चला था कि बैंक नोट और कांच पर कोरोना वायरस दो या तीन दिनों तक ही जीवित रह सकता है जबकि प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील की सतह पर ये छह दिन तक जिंदा रह सकता है. हालांकि लेबोरेटरी टेस्ट के नतीजों में थोड़ा फर्क था.
लेकिन ऑस्ट्रेलियाई एजेंसी सीएसआईआरओ की एक रीसर्च का कहना है कि ये वायरस 'बेहद मज़बूत' है और 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान और अंधेरे में मोबाइल फ़ोन के कांच, प्लास्टिक और बैंक नोट जैसी चिकनी सतहों पर 28 दिनों तक जीवित रह सकता है.
कोरोना वायरस की तुलना में ऐसी ही परिस्थिति मे फ्लू का वायरस 17 दिनों तक जीवित रह सकता है.
वायरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में पता चला है कि ठंडे तापमान की तुलना में गर्म तापमान में ये वायरस कम देर तक जीवित रहता है. 40 डिग्री सेल्सियस पर रखने पर कुछ सतहों पर ये वायरस चौबीस घंटों के भीतर संक्रामक नहीं रह जाता.
चिकनी और कम खुदरा सतहों पर ये वायरस अधिक दिनों तक जीवित रह सकता है जबकि कपड़े जैसी खुदरा सतह पर ये 14 दिनों के बाद जीवित नहीं रह सकता.
क्या इस पर कुछ असहमति है?
कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी के कॉमन कोल्ड सेंटर के पूर्व निदेशक प्रोफ़ेसर रॉन एक्सेल ने इस रिसर्च की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि इसमें कहा गया है कि वायरस 28 दिनों तक जीवित रह सकता है, जिससे "लोगों में अनावश्यक डर" पैदा हो रहा है.
उन्होंने कहा, "ये वायरस खांसी या छींक में गिरे थूक के बारीक कणों और गंदे हाथों से फैलता है. लेकिन इस शोध में वायरस फैलने के कारण के रूप में इंसान के ताज़ा बलगम का इस्तेमाल नहीं किया गया है."
"इंसान के ताज़ा बलगम में बड़ी संख्या में व्हाइट सेल्स होते हैं जो वायरस को नष्ट करने के लिए एन्ज़ाइम बनाते हैं. बलगम में वायरस से मुक़ाबला करने के लिए एंटीबॉडी और केमिकल भी हो सकते हैं."
"मेरी राय में संक्रामक वायरस सतह पर गिरे बलगम में कुछ घंटों के लिए ही जीवित रह सकते हैं न कि कई दिनों के लिए."
इसी साल जुलाई में रटगर्स यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफ़ेसर इमानुएल गोल्डमैन का एक पेपर जानीमानी पत्रिका लैंसेट में छपा था. इसमें कहा गया था कि "सतह पर पड़े थूक के कणों से संक्रमण का ख़तरा कम होता है."
वो कहते हैं कि ऐसे शोध जो वायरस के कारण बड़ा ख़तरा बताते हैं उनमें "वास्तविक जीवन के हालातों से कम ही समानता होती है."
बीते सप्ताह कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में मेडिसीन प्रोफ़ेसर मोनिका गांधी ने कहा था कि कोरोनो वायरस सतहों के ज़रिए नहीं फैलता.
'हाथ और टचस्क्रीन को साफ रखने की आदत डालें'
पल्लब घोष, विज्ञान संवाददाता
कोविड-19 का वायरस मुख्य रूप से हवा के ज़रिए फैलता है. अब तक हुए शोध में पता चला है कि ये वायरस हवा में मौजूद कणों में तीन घंटों तक जीवित रह सकता है.
अब तक इस बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है कि बैंक नोट और टचस्क्रीन जैसे सतहों के ज़रिए ये कितनी तेज़ी से फैल सकता है.
स्टेनलेस स्टील की सतह पर ये वायरस कितनी देर तक जीवित रह सकता है इसे लेकर हाल में जो शोध हुए हैं उनमें पता चला है कि सामान्य तापमान में ये स्टेनलेस स्टील पर तीन से 14 दिनों तक जीवित रह सकता है.
नई रिसर्च में देखा गया कि कांच, काग़ज, प्लास्टिक के नोटों और स्टील पर ये वायरस कितनी देर तक जीवित रह सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि इन सभी सतहों पर 20 डिग्री सेल्सियस पर 28 दिनों के बाद भी वायरस का पता लगाया जा सकता है. इसमें वायरस के जीवित रहने का वक्त पहले के शोध से कहीं अधिक बताया गया है.
ये शोध जिन परिस्थितियों में किया गया वो वायरस के अनुकूल थे, मसलन अंधेरा कमरा, स्थिर तापमान और नम हवा. लेकिन असल जिंदगी में वायरस को अपने अनुकूल परिस्थिति कम ही मिलती है.
फिर भी, शोध के ये नतीजे एक बार फिर बताते हैं कि संक्रमण के ख़तरे को कम करने के लिए नियमित रूप से हाथ धोने और टचस्क्रीन को धोने या सैनिटाइज़ करने की ज़रूरत है. साथ ही संक्रमण के ख़तरे को कम करने के लिए हमें अपना चेहरा छूने से बचना चाहिए.
क्यों महत्वपूर्ण है ये रिसर्च?
सीएसआईआरओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. लैरी मार्शल कहते हैं, "किसी सतह पर ये वायरस कितनी देर तक टिका रह सकता है, ये जानकारी हमें वायरस से निपटने की कोशिशों, संक्रमण को कम करने और लोगों को बचाने में मदद करती है."
रीसर्च में शामिल सदस्यों का कहना है कि ठंडी परिस्थितियों में स्टेनलेस स्टील पर वायरस का अधिक देर तक जीवित रहना ये बताता है कि कोविड-19 महामारी का गंभीर असर मीट प्रोसेसिंग केंद्र और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं के आसपास क्यों हुआ होगा.
पूरी दुनिया में मीट प्रोसेसिंग केंद्रों और बूचड़खानों में काम करने वाले हज़ारों लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
इससे पहले वायरस संक्रमण के अधिक मामलों की एक वजह बंद कमरों में काम करना, ठंडा और नमी भरा माहौल भी बताया गया है. साथ ही अधिक आवाज़ करती मशीनों के आसपास काम करने वालों के ऊंची आवाज़ में बात करने को भी वायरस फैलने का एक अहम कारण बताया गया है.
सीएसआईआरओ के शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके शोध के नतीजे पहले आए उन शोध के नतीजों से मेल खाते हैं जिनमें कहा गया था कि फ्रीज़र में रखे ताज़ा खाने में वायरस अधिक देर तक जीवित रह सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, "खाने या खाना पैक करने के कारण अब तक कोविड-19 के मामले दर्ज नहीं किए गए हैं."
हालांकि संगठन ये ज़रूर बताता है कि संक्रमण के ख़तरे से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां लेना ज़रूरी है.
कोरोना वैक्सीन आने के बाद क्या सब कुछ एकदम से सामान्य हो जाएगा?(bbc)
श्रीनगर, 12 अक्टूबर | श्रीनगर जिले के रामबाग इलाके में सोमवार को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों द्वारा इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू करने के बाद यह मुठभेड़ शुरू हुई।
जैसे ही सुरक्षाबल उस स्थान पर पहुंचे, जहां आतंकवादी छिपे थे, आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने कहा, "श्रीनगर के रामबाग इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस और सीआरपीएफ अपना काम कर रहे हैं।"(आईएएनएस)
लखनऊ, 12 अक्टूबर | हाथरस पीड़िता के परिवार के सदस्य आज हाईकोर्ट के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हो सकते हैं। सुबह कोर्ट के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस संदर्भ में अंतिम निर्णय न्यायाधीशों द्वारा इसी दिन लिया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, "कोविड-19 महामारी के चलते कोर्ट व्यक्तिगत रूप से लोगों की मौजूदगी में सुनवाई नहीं कर रहा है, लेकिन इस मामले में कुछ अलग किया जा सकता है। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ के समक्ष दोपहर के 2.15 बजे मामले की सुनवाई शुरू होगी।"
कड़ी सुरक्षा के बीच परिवार के पांच सदस्य सोमवार सुबह लखनऊ के लिए हाथरस से रवाना हुए। पहले रविवार रात को ही उनका सफर किया जाना था, लेकिन सुरक्षा के कारणों को ध्यान में रखते हुए परिवार ने रात में सफर करने से इंकार कर दिया।
सफर के दौरान पीड़िता के परिवार के साथ कई सुरक्षा कर्मी, अधिकारी और मीडिया कर्मी थे। इस पूरे काफिले के साथ परिवार ने अपना सफर शुरू किया।
सुनवाई का समय दोपहर 2.15 बजे निर्धारित किया गया है।(आईएएनएस)
त्योहारों के मौसम से पहले शुक्रवार को सामने आए एक सर्वे में पता चला है कि करीब 36 प्रतिशत भारतीय बड़े पैमाने पर सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल होने की तैयारी में है. हालांकि अगर सर्वे के आंकड़े सही साबित हुए तो कोविड -19 (Covid-19) के फैलने की आशंका बढ़ सकती है. भारतीयों के लिए साल का सबसे रोमांचक समय आने वाला है. त्योहारी सीजन (Festival Season) के रूप में लोकप्रिय अक्टूबर-नवंबर में नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा और अंत में दीवाली जैसे त्योहार आते हैं.
कोविड -19 महामारी के कारण पिछले कई महीनों से अपने घरों की चारदीवारों तक सीमित रहने वाले लोग अब सकारात्मक भावनाओं के साथ अपने कदम बाहर रखने और सामाजिक तौर पर आयोजित कार्यक्रमों में घुलने मिलने का फैसला कर सकते हैं.
‘लोकल सर्किल्स’ ने आगामी त्योहारी सीजन के दौरान लोगों की समाजीकरण की योजना को समझने के लिए एक सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण में भारत के 226 जिलों से 28,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं.
51 फीसदी भारतीयों ने कहा सामजीकरण नहीं करेंगे
सर्वे के पहले प्रश्न में पूछा गया था कि लोग इस त्योहारी सीजन के दौरान किस तरह से समाजीकरण की योजना बना रहे हैं. इस सवाल के जवाब में खुलासा हुआ कि तीन प्रतिशत ने कहा कि वे पड़ोस के कार्यक्रमों में भाग लेंगे, तीन प्रतिशत ने कहा कि वे उन निजी मिलन समारोह या पार्टियों में शामिल होंगे, जिनका उन्हें निमंत्रण मिलेगा.
वहीं 23 प्रतिशत ने कहा कि वे अपने करीबी परिवार और दोस्तों से मिलने जाएंगे, जबकि सात प्रतिशत ने कहा कि वे उपर्युक्त सभी कार्यों को करेंगे. वहीं 51 फीसदी ने कहा कि वे बिल्कुल भी समाजिकरण नहीं करेंगे. इसका मतलब यह है कि 36 फीसदी भारतीय इस त्योहारी सीजन में सामाजिक होना चाहते हैं.
केरल में ओणम के बाद कोरोना के मामले बढ़े
गौरतलब है कि सितंबर की शुरुआत में ओणम त्योहार समारोह के दौरान केरल के निवासी काफी लापरवाह हो गए थे, जिसके परिणामस्वरूप कोरोनावायरस के मामलों में प्रतिदिन 4,000 से 10,000 की बढ़ोत्तरी देखी गई थी. इसी वजह से केरल सरकार ने धारा 144 लागू कर दी और अक्टूबर के पूरे महीने के लिए राज्य भर में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया.
कोरोनावायरस के कारण लंबे समय से भारतीय मेलजोल, विस्तारित परिवार से मिलने और भीड़ भरे स्थानों पर आने-जाने से बचते आ रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि आगामी त्योहारों के दौरान यह चेन टूटने की संभावना है.
63 प्रतिशत लोगों ने कहा सावधानी के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे
अगला सवाल यह पूछा गया कि कोविड के बावजूद ऐसे कौन से प्रमुख कारण हैं, जो वे इस त्योहारी सीजन में सामाजिक तौर पर भागीदारी सुनिश्चित करना चाहते हैं. इस पर 17 प्रतिशत ने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए सामाजिक रूप से एक कठिन साल रहा है और बाहर जाकर लोगों से मिलना उन्हें खुश करेगा, जबकि 10 प्रतिशत ने कहा कि सामाजिक दबाव होगा, इसलिए उन्हें ऐसा करना होगा.
वहीं लगभग 63 प्रतिशत ने कहा कि वे सावधानी बरतने के साथ सामाजिक भागीदारी का हिस्सा बनेंगे, ऐसे में सब ठीक होगा, कोई समस्या नहीं आएगी, जबकि पांच प्रतिशत ने कहा कि वह पहले ही कोविड -19 संक्रमण से उबर चुके हैं, इसलिए यह चिंता का विषय नहीं है. वहीं पांच फीसदी अनिश्चित थे.
इससे पता चलता है कि 63 प्रतिशत लोग जो इस त्योहारी सीजन को सामाजिक बनाना चाहते हैं, उनका मानना है कि वे सावधानियों का पालन करते हुए सुरक्षित रहेंगे, जबकि कुछ लोग त्योहारों का आनंद लेने और कुछ सामाजिक दबाव में समाज का हिस्सा बनेंगे.
भारत में करीब 70 लाख कोविड के मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने फेस्टिव सीजन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को जारी किया है.
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अक्टूबर को कोविड -19 के मद्देनजर उचित व्यवहार के लिए एक ‘जन आंदोलन’ शुरू किया है. सरकार का कहना है कि वे अधिक मामले वाले जिलों में खास क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए एक्शन प्लान लागू करेगी.(tv9bharat)
महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्र, और तमिलनाडु में कोरोना के सक्रिय मामलों, मृत्यु दर और रिकवरी रेट का प्रतिशत सबसे ज़्यादा है: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
हैदराबाद, 12 अक्टूबर | तेलंगाना के मुलुंग जिले में नक्सलियों ने शनिवार देर रात सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-माओवादी के सदस्यों ने मादुरी भीमेश्वर को बोक्कापुरम गांव में उसकी पत्नी के सामने मौत के घाट उतार दिया। घटना छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे वेंकटपुरम मंडल में हुई।
पुलिस के अनुसार, कम से कम छह सशस्त्र नक्सलियों ने आधीरात को हमला किया।
भीमेश्वर की पत्नी ने पुलिस को कहा कि हमलावरों ने खिड़की के जरिए पहले उससे बातचीत की ओर घर में घुस गया। पीड़ित हमलावरों में से एक को जानता था और उसे उसके नाम से पुकारा रहा था ।
उसने कहा कि हमलावरों ने उसके पति पर बंदूक तान दी, जबकि एक उसके पास छड़ी लेकर खड़ा रहा ओर उसे वहां रहने के लिए कहा।
पीड़िता की पत्नी ने कहा कि उसने अपने पति को छोड़ देने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने कोई दया नहीं दिखाई। नक्सलियों ने पहले उसे पीटा और बाद में उसकी हत्या कर दी।(आईएएनएस)
देहरादून, 12 अक्टूबर | प्रदेश कांग्रेस के कामकाज को लेकर प्रभारी महासचिव हरीश रावत द्वारा की गई टिप्पणी पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ द्वारा नाखुशी जाहिर किए जाने के बाद रावत ने स्पष्टीकरण दिया है। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि पंजाब कांग्रेस के प्रमुख को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है और उनकी बात को 'गलत समझा गया' है।
रावत ने आईएएनएस से कहा, "पंजाब में राज्य इकाई के अध्यक्ष को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब उनसे जिला समितियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि समितियों का गठन न होना चिंता का विषय है। यह पूछे जाने पर कि पंजाब के नेता पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को दिए जा रहे अनुचित महत्व से परेशान हैं, इस पर रावत ने जवाब दिया कि हर कोई इस बात पर सहमत था कि सिद्धू को बोर्ड में लाया जाए और पार्टी की सहमति से ही वह मोगा की रैली में आए थे।
बता दें कि हरीश रावत के जाखड़ से परेशान होने की खबरें आने के बाद जाखड़ ने कह दिया था कि "वह पद छोड़ने के लिए तैयार हैं"। सूत्रों का कहना है कि जाखड़ ने राज्य पुनर्गठन के लिए प्रस्ताव भेजा था लेकिन महामारी के कारण यह मामला लंबित है।
वहीं राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के दौरान सिद्धू को महत्व दिए जाने के बाद से पंजाब कांग्रेस उथल-पुथल मची हुई है। रैली से पहले रावत सिद्धू के आवास पर गए थे और फिर उन्हें अपने साथ मोगा लेकर गए थे। पंजाब के नेता इस बात से चिंतित हैं कि कहीं सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त न कर दिया जाए। यहां तक कि मुख्यमंत्री भी इसका विरोध कर चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि उन्होंने कहा है कि केवल किसी पुराने कांग्रेसी के हाथ में ही यह अहम जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।
2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी हार के बाद जाखड़ ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके इस्तीफे को सोनिया गांधी ने अस्वीकार कर दिया था।(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 12 अक्टूबर | कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने रविवार को कहा कि सोमवार से स्कूलों में 3 हफ्ते तक छुट्टी रहेगी। यह निर्णय कई जिलों में शिक्षकों के कोविड संक्रमित पाए जाने के बाद लिया गया है। येदियुरप्पा ने एक बयान में कहा, "कई शिक्षकों के कोविड-19 संक्रमित पाए जाने के बाद मैंने अधिकारियों को 12 से 30 अक्टूबर तक के लिए स्कूलों में 3 हफ्ते की छुट्टी की घोषणा करने का आदेश दिया है।"
यह निर्णय राज्य प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को विद्यागामा योजना को स्थगित करने के एक दिन बाद आया है। बेलागवी और कलबुर्गी जिलों में सरकारी स्कूलों के 34 छात्रों का परीक्षण पॉजिटिव आया था।
लॉकडाउन के कारण 25 मार्च से स्कूल बंद थे। लेकिन कई सरकारी स्कूलों के पास ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा न होने के कारण सरकार ने इन्हें फिर से कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है।
एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "विद्यागामा योजना को कमजोर वर्गों के करीब 42 लाख छात्रों को स्कूल परिसर में पेड़ों या बरामदे के खुले स्थानों में लगने वाली कक्षाओं से जोड़ने के लिए शुरू किया गया है।"
जबकि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से देशभर के सभी स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने राज्य में कोविड मामलों को बढ़ते देख स्कूल खोलने की अनुमति नहीं दी है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, "महामारी के दौरान राज्य के सराकरी स्कूलों और निजी स्कूलों के शिक्षकों को कक्षाएं न लगने के बावजूद स्कूल आने के लिए मजबूर किया जा रहा है। राज्य सरकार कोविड मामलों की लगातार बढ़ती संख्या के बाद भी शिक्षकों और उनके परिवार के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर | भारत दुनिया का पहला देश बना है, जिसके आठ समुद्र तटों को पहले ही प्रयास में 'ब्ल्यू फ्लैग' सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। देश के पांच राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित भारत के 8 समुद्र तटों को मिले ब्ल्यू फ्लैग प्रमाणपत्र को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उत्कृष्ट उपलब्धि बताया है। प्रमाणपत्र देने का निर्णय एक अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति ने किया, जिसके प्रतिष्ठित सदस्यों में यूएनईपी, यूएएनडब्ल्यूटीओ, एफईई, आईयूसीएन शामिल थे।
'ब्ल्यू फ्लैग' से सम्मानित समुद्र तट हैं -शिवराजपुर (द्वारका-गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड और पादुबिद्री (कर्नाटक), कप्पड़ (केरल), रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश), गोल्डन (पुरी-ओडिशा) और राधा नगर (अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह)।
भारत को तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 'अंतर्राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणालियों' के तहत अंतर्राष्ट्रीय निर्णायक समिति द्वारा तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने संदेश में कहा, "यह एक उत्कृष्ट उपलब्धि है। किसी भी देश को पहले ही प्रयास में 8 समुद्र तटों के लिए कभी भी सम्मानित नहीं किया गया है। यह भारत के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को वैश्विक मान्यता भी प्रदान करता है।"
जावड़ेकर ने कहा, "भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है जिसने केवल 2 साल के समय में यह उपलब्धि हासिल की है।"
जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमारात-यूएई एकमात्र अन्य एशियाई राष्ट्र हैं, जिन्हें दो समुद्र तटों के लिए ब्ल्यू फ्लैग से सम्मानित किया गया है, और वो भी लगभग 5 से 6 वर्ष में। भारत अब 50 'ब्ल्यू फ्लैग' देशों के समूह में शामिल है। अगले पांच वर्षो में देश में 100 ऐसे समुद्र तटों के लिए ब्ल्यू फ्लैग सम्मान प्राप्त करने की योजना बन रही है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | दिल्ली विधानसभा की शांति और सौहार्द संबंधी समिति ऑनलाइन न्यूज पोर्टल न्यूज क्लिक के संपादक प्रदीप पुरकायस्थ और ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा से सोमवार को पूछताछ करेगी। हानिकारक सामग्री से निपटने के लिए कथित निष्क्रियता के लिए फेसबुक के खिलाफ अपनी कार्यवाही जारी रखते हुए यह ऐसा करेगी। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और दिल्ली हिंसा सहित विभिन्न उदाहरणों पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के आचरण के खिलाफ आरोपों के मद्देनजर राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली समिति की पिछली कार्यवाही को जारी रखने का निर्णय लिया गया।
समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ शिकायतों में उठाए गए आरोपों और गंभीर चिंता के मुद्दों के मद्देनजर कुछ और गवाहों को बुलाने का फैसला किया है।
संबंधित कार्यवाही को पूरा करने के लिए समिति ने सोमवार को समिति के समक्ष पेश होने के लिए पुरकायस्थ और सिन्हा को एक औपचारिक नोटिस भेजा है। शिकायतों के निराकरण के लिए और इस मुद्दे पर शीघ्र संज्ञान लेने के उद्देश्य से, समिति ने अपनी पिछली बैठकों में कुछ स्वतंत्र और विशेषज्ञ गवाहों से पूछताछ की, जो फेसबुक के खिलाफ शिकायतों में निर्धारित गंभीर सार्वजनिक महत्व के मुद्दों से संबंधित थे।
समिति ने अपने अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से मीडिया को कार्यवाही में शामिल करने के लिए आमंत्रित करने और पारदर्शिता दर्शाने के लिए ज्यादा लोगों तक पहुंच के साथ पूरी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग करने का निर्णय लिया है।
इस प्रकार सोमवार को समिति की कार्यवाही को भी लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। दिल्ली हिंसा के बाद विधानसभा ने शांति और सौहार्द पर समिति का गठन किया था। इसने कई शिकायतें प्राप्त की हैं, जिसमें कहा गया है कि फेसबुक ने अपने मंच से भावनाओं को आहत करने वाली सामग्री को नहीं हटाया। समिति ने गवाहों को बुलाकर अपने पहले दौर की कार्यवाही शुरू की, जिसमें प्रख्यात पत्रकार और लेखक परंजॉय गुहा ठाकुरता, डिजिटल राइट्स एक्टिविस्ट और पत्रकार निखिल पाहवा शामिल थे।
समिति ने फेसबुक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों का संज्ञान लिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आरोपों पर आलोचना का सामना करना पड़ा है कि यह भारत में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पक्षधर है, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अपने स्वयं के व्यावसायिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में जोर देता रहा है। समिति इस बात की भी जांच कर रही है कि 'क्या दिल्ली हिंसा में फेसबुक के अधिकारियों की कोई भूमिका है' जो इस साल की शुरुआत में हुई थी।
--आईएएनएस
मथुरा 11 अक्टूबर अधिक मास के अवसर पर मथुरा समेत समूचे ब्रजमंडल में हिलोरें मार रही कृष्ण भक्ति की गंगा के बीच मन्दिरों में श्रद्धालु फूलों की होली तक का आनन्द ले रहे हैं।
मथुराधीश मन्दिर एवं मदनमोहन मन्दिर के मुखिया ब्रजेश जी ने रविवार को यूनीवार्ता को बताया कि बल्लभकुल सम्प्रदाय के मन्दिरों में अधिकमास में वर्ष भर के प्रमुख उत्सव जैसे जन्माष्टमी, दधिकाना, होली, दीपावली , झूलन उत्सव आदि मनोरथ के रूप में मनाए जाते हैं। इसकी परंपरा की शुरूवात महाप्रभु बल्लभाचार्य जी ने की थी। इसके अन्तर्गत दो प्रकार के उत्सव होते हैं जिनमें जो उत्सव मन्दिर की ओर से निर्धारित किये जाते हैं उनमें कोई परिवर्तन नही होता लेकिन जो मनोरथ भक्त के द्वारा होते हैं उनमें परिवर्तन हो जाता है।
उन्होंने बताया कि भक्त द्वारा निर्धारित मनोरथ भक्त की इच्छा के अनुरूप होते हैं अन्तर इतना है कि जैसे होली रंग की भी होती है मगर मनोरथ में होली फूलों की ही होती है। यह बात दीगर है कि उस समय वातावरण इतना भावमय हो जाता है कि भक्त और दर्शकों को यह अनुभव होने लगता है कि ठाकुर की कृपा की वर्षा हो रही है। विख्यात द्वारकाधीश मन्दिर में अब तक होली के कई उत्सव हो चुके हैं जबकि वृन्दावन के राधाश्यामसुन्दर मन्दिर और राधा दामोदर मन्दिर में कोरोनावायरस के कारण उत्सव में भक्तों को शामिल नही किया जा रहा है तथा भक्त केवल दर्शन कर अपनी तृष्णा बुझा रहे हैं।
गोवर्धन की परिक्रमा से लेकर चौरासी कोस की परिक्रमा तक, मथुरा की परिक्रमा से बरसाना की गहवर वन की परिक्रमा तक अथवा वृन्दावन की परिक्रमा आदि में जिस प्रकार से अपार जनसमूह परिक्रमा कर रहा है,उससे लगता है कि कन्हैया की नगरी से कोरोनावायरस का प्रकोप समाप्त हो गया है। गोवर्धन परिक्रमा में रात के समय परिक्रमा इतनी सघन हो जाती है कि परिक्रमा मार्ग में तिल भी रखने की जगह नही होती है। परिक्रमार्थियों के बढ़ने से बन्दरों की चांदी हो गई है। उन्हें खाने के लिए इतने फल मिल रहे हैं कि उनसे खाया नही जा रहा है तथा बचे खुचे फल या तो गाय खा रही है अथवा सुअर खा रहे हैं। देश के विभिन्न प्रांतों के लोग न केवल अपने अपने प्रांतों के गीत गाते हुए जब परिक्रमा करते हैं तो परिक्रमा मार्ग लघु भारत सा दिखाई पड़ने लगता है।
किसी समय दिन में गोवर्धन की तीन परिक्रमा करने वाले कृष्णदास बाबा ने बताया कि गोवर्धन में तो दण्डौती,ठढ़ेसुरी , लोटन परिक्रमा करने की होड़ सी लगी हुई है। सन्तजन परिक्रमा करने में पीछे नही हैं। उन्होंने बताया कि कुछ स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण वे वर्तमान में प्रतिदिन तीन परिक्रमा तो नही कर पा रहे हैं मगर एक परिक्रमा रोज कर रहे हैं हालांकि संत सुन्दरदास ने तो परिक्रमा करने का रेकार्ड ही तोड़ दिया है और वे गोवर्धन की नित्य चार परिक्रमा कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इतिहास साक्षी है कि सनातन गोस्वामी यद्यपि एक दिन में गोवर्धन की एक परिक्रमा ही करते थे लेकिन वे वृन्दावन से मथुरा होते हुए गोवर्धन आते थे और एक परिक्रमा करके फिर वापस चले जाते थे और इस प्रकार उन्हें लगभग 85 किलोमीटर रोज पैदल चलना पड़ता था। जब वे बहुत वृद्ध हो गए तो एक बार परिक्रमा करते करते वे थककर बैठ गए । उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर ठाकुर जी बालस्वरूप में आए और उनसे कहा कि वे अधिक वृद्ध हो गए हैं इसलिए वे अब गोवर्धन की परिक्रमा न किया करें पर सनातन उस बालक की बात को अनसुना करके परिक्रमा शुरू करने ही वाले थे कि भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपने विराट रूप के दर्शन कराए और उनसे इस प्रकार परिक्रमा न करने को कहा तो सनातन की अश्रुधारा बह निकली।
ठाकुर ने इसके बाद पास से ही एक शिला उठाई और उस पर जैसे ही अपने चरणकमल रखे शिला मोम की तरह पिघल गई। इसके बाद उन्होंने वंशी बजाकर सुरभि गाय को बुलाया और उस शिला पर उसके खुर का निशान बनवा दिया। इसके बाद उन्होंने उस पर अपनी लकुटी और वंशी भी रख दी जिससे उसका चिन्ह भी बन गया । इसके बाद उन्होंने उस शिला को सनातन को दिया और कहा कि वे जहां पर रह रहे हो वहीं पर इस शिला को रखकर यदि इसकी चार परिक्रमा कर देंगे तो उनकी एक परिक्रमा पूरी हो जाएगी। यह शिला आज भी राधादामोदर मन्दिर में रखी है तथा सामान्य दिनों में तड़के तीन बजे से इस शिला की परिक्रमा वृन्दावनवासी तथा अधिक वृद्ध तीर्थयात्री करते हैं। दण्डौती परिक्रमा इस भाव से की जाती है कि यदि कान्हा के चरणकमल की रज का एक कण मस्तक पर लग जाय तो मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी।
कोरोनावायरस के कारण गोवर्धन में इस बार अधिक भण्डारे नही लगे हैं लेकिन जितने भंण्डारे लगे हैं उनसे तीर्थयात्रियों की भोजन की आवश्यकता की पूर्ति हो रही है।
उधर, चौरासी कोस की परिक्रमा मे अपार जनसमूह उमड़ पड़ा है । इस परिक्रमा में जहां अधिकांश लोग अपने दैनिक उपयोग का सामान एक बोरी में रखकर बोरी को सिर पर रखकर परिक्रमा कर रहे हैं वहीं जो साधन सम्पन्न हैं वे अपने दैनिक उपयोग का सामान किसी वाहन में रखकर ठढ़ेसुरी परिक्रमा कर रहे हैं। कुछ ऐसे भक्त भी है जो चौरासी कोस की दण्डौती परिक्रमा कर रहे हैं।
यही हाल वृन्दावन , मथुरा, क्षीरसागर बल्देव, गहवरवन बरसाना आदि की परिक्रमा का है। कुल मिलाकर अधिक मास श्रीकृष्ण का माह होने के कारण ब्रज का वातावरण कृष्णमय हो गया है तथा तीर्थयात्री कोरोनावायरस के संक्रमण की परवाह किये बिना गोवर्धन की ओर चुम्बक की तरह खिंचे आ रहे हैं।
वार्ता
नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन ने आज कहा कि किसी भी धर्म में में कोई भी धर्माचार्य यह नहीं कहते हैं कि लोगों के जीवन को खतरे में डालकर त्योहार मनाने चाहिए और कोई भी भगवान यह नहीं कहते कि उनकी पूजा के लिए आपको बड़े-बड़े पूजा पंडालों में जाने की जरूरत है। इस वक्त कोरोना के खिलाफ लड़ाई ही पूरी दुनिया के लिए सर्वोपरि धर्म है।
डॉ़ हर्षवर्धन ने संडे संवाद में त्योहारों के मौसम को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पालन सुनिश्चित करने के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा,“ त्योहारों के मौसम में कोरोना के संक्रमण का खतरा निश्चित रूप से अधिक है और इसे लेकर हम सब चिंतित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं त्योहारों को मौसम को देखते हुए जन आंदोलन की शुरूआत की है। अगर इस जन आंदोलन में हम और आप सब अपनी भागीदारी दें तो निश्चित रूप से हमने त्योहारों को लेकर जो दिशा निर्देश जारी किये हैं, वे खुद ब खुद जनता तक पहुंच जायेंगे। इस जन आंदोलन में प्रधानमंत्री ने कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने काे कहा है। विशेषकर सार्वजनिक स्थलों पर सदैव मास्क पहनने और दूसरों से कम से कम दो गज की दूरी रखने की आवश्यकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा,“ देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में लोगों के प्राणों की रक्षा करना मेरा पहला धर्म है। त्योहार आते- जाते रहेंगे। एक व्यक्ति के रूप में और देश के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरा धर्म लोगों की रक्षा करना, जिंदगी बचाना है। मेरा धर्म जिंदगी को बर्बाद करना नहीं है। कोई धर्म या भगवान ये नहीं कहते हैं कि त्योहारों को आडंबरपूर्ण तरीके से मनाने के लिए और प्रार्थना के लिए पंडाल में या मंदिर में या मस्जिद में जाने की जरूरत है। यह असाधारण समय है और इसका निदान भी असाधारण ही होना चाहिए।”
उन्होंने कहा,“कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि अपने धर्म का पालन करो। इस समय हमारा धर्म कहता है कि चाहे जो हो कोविड-19 के खिलाफ लड़ें। गीता में कहा गया है सैनिक का धर्म है कि वह अच्छाई के लिए लड़े और सच्चा वैष्णव वह है, जो अपने अंदर के कृष्ण को पहचाने इसीलिए अपने धर्म और विश्वास को साबित करने के लिए भीड़ इकट्ठा करने की जरूरत नहीं। ”
डॉ़ हर्षवर्धन ने त्योहारों के मौसम में भीड़भाड़ के कारण कोरोना फैलने के खतरे के प्रति आगाह करते हुए कहा ,“ अगर हम इस वक्त ज्यादा भीड़भाड़ करेंगे तो हम बड़ी मुसीबत में फंस जायेंगे। हमारा और आपका लक्ष्य कोरोना को खत्म करना है और यही हमारा धर्म है।”
उन्होंने कहा,“ आपको पता हो कि बाहर आग हुई है तो कैसे त्योहारों के नाम पर लोगों को उसमें झोंक सकते हैं। ऐसे त्योहारों का भला क्या मतलब है। सच्चे मन से भगवान का कहीं भी स्मरण किया जा सकता है। लोगों को परिवार के साथ त्योहार मनाना चाहिए। पहले ऐसे ही त्योहार मनाये जाते थे। फिर भी अगर लोग अपनी मान्यताओं के अनुसार पूजा- पंडाल में जाते हैं तो वहां दो गज की दूरी का जरूर पालन करें। मास्क पहनें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। ”
वार्ता
मुंबई, 11 अक्टूबर | महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को घोषणा की है कि आरे कॉलोनी क्षेत्र के जंगलों को बचाने के लिए मुंबई मेट्रो के प्रस्तावित कार-शेड को नए स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। ठाकरे ने कहा, "हमने कंजुरमार्ग में सरकारी जमीन पर कार-शेड का निर्माण करने का फैसला किया है, इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। साथ ही आरे कॉलोनी में एक इमारत बनाने पर किया गया खर्च भी बेकार नहीं जाएगा और उसका उपयोग किसी अन्य काम में किया जाएगा।"
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि पिछले महीने घोषित की गई 600 एकड़ जमीन के अलावा 200 एकड़ और जमीन आरे कॉलोनी के जंगलों के लिए आरक्षित की जाएगी।
ठाकरे ने कहा कि इसके आदेश कल रात जारी कर दिए गए हैं और 800 एकड़ का ये नया वन क्षेत्र शहर के पर्यावरण के लिए एक वरदान की तरह होगा।
इसके साथ ही मुंबई का मौजूदा वन क्षेत्र 103 वर्ग किमी से 106 वर्ग किमी हो जाएगा।
--आईएएनएस
पटना, 11 अक्टूबर | बिहार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने मतदाताओं को लुभाने के लिए 'सात निश्चय' शीर्षक वाले विजन डॉक्यूमेंट जारी किया है। सत्तारूढ़ पार्टी ने 'सात निश्चय' (पार्ट-2) में अपना ध्यान छात्रों, उनकी शिक्षा और आगामी पांच वर्षो में नौकरी पर रखा है। इससे पहले विजन डॉक्यूमेंट का पार्ट-1, 2015 में लांच किया गया था, जब जदयू महागठबंधन का हिस्सा थी।
नीतीश ने कहा, "हमने अपने शासन में बिहार में कई शैक्षणिक संस्थान स्थापित किए। और अब हम इसके विस्तार स्वरूप आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएंगे और इसे बिहार में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रुप में बदलेंगे।"
जदयू नेता ने कहा, "हम महिलाओं को बिना किसी ब्याज के परियोजना लागत का 5 लाख रुपये या 50 प्रतिशत तक का ऋण देने का प्रस्ताव करते हैं। यह उनकी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें आत्म निर्भर बनाने के लिए है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में सिंचाई को मजबूत बनाने से किसानों को मदद मिलेगी। पूरे राज्य में सभी खेतों तक जल की सप्लाई लाइन पहुंचाने का प्रस्ताव है।
विजन डॉक्यूमेंट के चौथे प्वाइंट में, नीतीश कुमार ने प्रत्येक गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने के बारे में कहा है।
पांचवें प्वाइंट के तहत उन्होंने शहरों में स्वच्छता, वरिष्ठ नागरिकों के लिए घरों का निर्माण, आर्थिक रूप से अशक्त वर्ग के लिए बहुतल इमारत और नदियों के किनारे प्रमुख स्थलों के पास इलेक्ट्रिक शवदाह के बारे में बात की।
वहीं विजन डॉक्यूमेंट में बिहार के प्रत्येक गांवों में सड़क कनेक्टिविटी और शहरी क्षेत्रों में बायपास और फ्लाइ ओवर ने भी जगह पाई।
सातवें बिंदु के रूप में प्रत्येक गांवों में प्राथमिक और सेकेंडरी अस्पतालों और वेटेनरी अस्पतालों के संरचना के विकास के बारे में बात की गई।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव 3 चरणों में निर्धारित है। पहले चरण के रूप में 71 सीटों पर 28 अक्टूबर को चुनाव होंगे। दूसरे चरण के रूप में 94 सीटों पर 3 नवंबर को चुनाव होंगे और बांकी बचे 78 सीटों पर 7 नवंबर को चुनाव होंगे। चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को खुलासा किया कि केंद्र सरकार द्वारा पहले चरण में दिए गए कोविड-19 अनुदान का पूरी तरह से उपयोग करने में महाराष्ट्र, चंडीगढ़ और दिल्ली विफल रहे हैं। महाराष्ट्र और चंडीगढ़ का इस मामले में बहुत खराब प्रदर्शन रहा है, क्योंकि इन दोनों राज्यों ने प्रदान किए गए कुल अनुदान में से आधे का भी इस्तेमाल नहीं किया।
हर्षवर्धन ने कहा, "पहले चरण में, भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए 3,000 करोड़ रुपये जारी किए। तीन को छोड़कर लगभर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए दिए गए अनुदान का उपयोग किया है।"
उन्होंने बताया, "महाराष्ट्र ने 42.5 प्रतिशत, चंडीगढ़ ने 47.8 प्रतिशत और दिल्ली ने 75.4 प्रतिशत का उपयोग किया है।"
मंत्री ने अपने साप्ताहिक वेबिनार, संडे संवाद की मेजबानी करते हुए इन आंकड़ों का खुलासा किया, जहां वह अपने सोशल मीडिया दर्शकों के साथ बातचीत करते हैं। केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उपलब्ध कराए गए धन के उपयोग के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने इस बात का खुलासा किया।
--आईएएनएस
सिसु (हिमाचल प्रदेश), 11 अक्टूबर | जब कोरोना के कारण देश-दुनिया के उद्योग-धंधों पर अभूतपूर्व असर आया है, तब हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी के आलू हॉटकेक्स की तरह बिक रहे हैं।
यहां आलुओं की बंपर फसल हुई है, जो कि पिछले साल की फसल से लगभग दोगुनी है। साथ ही किसानों को अपनी मेहनत का अच्छा मूल्य भी मिल रहा है।
हिमालय में भारत-चीन सीमा के करीब स्थित लाहौल घाटी में एक साल में एक ही फसल पैदा होती है और वो भी हिमालय पर जमी बर्फ के पिघलने से बनी जलधाराओं पर निर्भर है। अभी यहां आलू की कटाई हो चुकी है और अब फसल बिकने के लिए बाजार में जाने तैंयार है।
हर साल घाटी से आल की फसल का एक बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों के बाजारों में जाता है, जहां उनका मुख्य रूप से फसलों के बीज के रूप में उपयोग होता है।
किसान नीरज नेगी ने आईएएनएस को बताया, "इस समय करीब आधी जमीन पर मैककेन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के लिए ठेके पर आलू की खेती हो रही है इसलिए फसल का एक बड़ा हिस्सा कंपनी को बेच दिया गया है।"
उन्होंने बताया कि 2019 की तुलना में इस बार कीमतें और उपज अधिक रही है।
उन्होंने आगे कहा, "चूंकि निजी कंपनियां चिप्स बनाने वाली किस्मों जैसे 'संताना' को बढ़ावा दे रही हैं, इसलिए हम कुछ हिस्सों में वही उगा रहे हैं, वहीं बाकी जमीन में पारंपरिक किस्मों की खेती हो रही है।"
एक अन्य किसान दीपक बोध ने कहा कि मैककेन फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के अलावा हाइफुन फ्रोजन फूड्स और बालाजी फूड्स भी ठेके पर खेती को बढ़ावा दे रही हैं। चिप्स वाली किस्म 'संताना' का 50 किग्रा का एक बैग 1,200 से 1,300 रुपये की कीमत पर बिक रहा है, जबकि 2019 में इसकी कीमत 1,000 रुपये थी।
राज्य के कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार, लाहौल घाटी में 750 हेक्टेयर में 'कुफरी चंद्रमुखी' और 'कुफरी ज्योति' किस्मों के लगभग 35,000-40,000 बैग (50 किलो वाली) की कटाई की जाती है।
लाहौल बीज आलू उत्पादक सहकारी विपणन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रेम लाल ने आईएएनएस को बताया कि वे सीधे उत्पादकों से आलू खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा, "खरीद के बाद हम पूरी फसल को कुल्लू शहर में ले जाएंगे। अक्टूबर के अंत तक हम सरकार के साथ इसकी कीमतें तय करने के बाद इसे बेचना शुरू करेंगे।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनाली और लाहौल घाटी के बीच ऑल वेदर रोड लिंक का उद्घाटन करने के बाद इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अब फूलगोभी, आलू और मटर की फसल जल्दी बाजारों में पहुंच सकेगी।
मोदी ने कहा, "लाहौल की पहचान चंद्रमुखी आलू को मैंने भी चखा है। इसे नए बाजार और नए खरीदार मिलेंगे।"
आलुओं के अलावा लाहौल-स्पीति औषधीय पौधों, सैकड़ों जड़ी-बूटियों और हींग, अकुथ, काला जीरा, केसर जैसे कई मसालों का भी एक बड़ा उत्पादक है। हिमाचल के ये प्रोडक्ट देश और दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि साल में केवल 5 महीने से कम समय की खेती करने वाली यह घाटी सब्जी की कटोरी में बदल रही है, क्योंकि यहां रिटर्न दोगुने से भी ज्यादा है।
--आईएएनएस
सागर, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के सागर जिले में आईपीएल के नाम पर सट्टा खेले जाने का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने 63 लाख रुपये नगद बरामद किए जाने के साथ चार लोगों को हिरासत में लिया है। पुालिस से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार की देर रात को कोतवाली थाना क्षेत्र के भीतर बाजार इलाके में आईपीएल पर सट्टा होने की सूचना मिली। यह सट्टा चेन्नई सुपर किंग और रियल चैलेंजर बेंगलुरु के मैच पर खिलाया जा रहा था। पुलिस ने दबिश दी तो वास्तविकता का खुलासा हो गया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह के अनुसार, पुलिस ने मौके से चार लोगों को हिरासत में लेने के साथ उनके पास से 63 लाख नौ हजार की नगदी, एक रिवॉल्वर, एक देशी कट ्टा व दो कारतूस और सात मोबाइल व एक टीवी सेट भी जब्त किया है।
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर | सभी निर्वासित कश्मीरी पंडितों को एक मंच पर वापस लाने के प्रयास के तहत, ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा ने समुदाय तक पहुंच बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी टीमों को गठित किया है। संगठन ने निर्विवाद रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के डोमिसाइल की परिभाषा में अनुवृद्धि करने के निर्णय का स्वागत किया है।
संगठन ने कश्मीरी पंडितों से बड़ी संख्या में निवासी प्रमाणपत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) के लिए अप्लॉय करने की अपील की है।
संगठन ने नागरिकों के दरवाजे तक सेवा पहुंचाने के कार्यक्रम जन अभियान चलाने के स्थानीय सरकार के प्रयासों की सराहना की।
संगठन ने साथ ही स्थानीय विधानसभा में 10 सीटें और संसद में 2 सीटें आरक्षित करने की मांग की। (आईएएनएस)