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नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)| महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। राज्य में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं का आरोप लगाते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के राज्यसभा सदस्यों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू को शिकायत दी। शिकायत पत्र में भाजपा सांसदों ने करीब आठ घटनाओं का हवाला दिया है। राज्यसभा सदस्य विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में राज्यसभा सांसद भागवत कराड और डॉ. विकास महात्मे ने आयोग से कहा कि राज्य में दिसंबर 2019 के बाद से मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखने वालों पर अत्याचार किया जाता है।
23 दिसंबर 2019 को हीरामन तिवारी नामक एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर कमेंट किया तो सत्ताधारी शिवसेना के नेताओं ने हमला करते हुए बाल ही मुड़वा दिए थे। भाजपा सांसदों ने बीते 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर में हुई दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग का मामला भी उठाया। भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार में मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है। ऐसे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सभी मामलों को संज्ञान में लेते हुए जांच करते हुए, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
चंडीगढ़, 16 सितंबर (आईएएनएस)| कृषि संबंधी तीन विधेयकों से नाराज सैकड़ों किसानों ने बुधवार को पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में प्रमुख राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया, ताकि संसद में इन्हें कानून न बनाया जा सके। प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर पंजाब के किसी भी सांसद ने संसद में कृषि विधेयकों का समर्थन किया तो उन्हें गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, "जो सांसद संसद में कृषि विधेयकों का समर्थन करेंगे, उन्हें गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि उनके संगठन के सदस्यों ने पंजाब के कई स्थानों पर मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है। हरियाणा में भी किसानों के राजमार्ग अवरुद्ध करने की खबरें हैं।
पंजाब के पटियाला शहर में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के आवास के बाहर और पूर्व मुख्यमंत्री एवं अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल के मुक्तसर जिले के उनके पैतृक बादल गांव में स्थित आवास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने धरना शुरू कर दिया।
दोनों राज्यों के किसानों ने विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली के जंतर मंतर पर भी धरना दिया। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।
किसानों के विरोध को देखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब के विभिन्न स्थानों पर भारी पुलिस की मौजूदगी देखी गई।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे कृषि विधयकों को लेकर राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन न करें। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा, क्योंकि वे अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धारा 144 का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ पहले से दर्ज एफआईआर वापस ले ली जाएंगी।
वह पंजाब कांग्रेस की ओर से किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के बाद गवर्नर हाउस के बाहर मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो पंजाब के लिए मुसीबत पैदा करेगा और वास्तव में पूरे देश पर इसका असर पड़ेगा।
अमरिंदर सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार के द्वार पर यानी दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन करें। उन्होंने किसानों को उनकी लड़ाई में कांग्रेस के समर्थन का आश्वासन भी दिया।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर | दिल्ली में अगस्त के पहले हफ्ते में किए गए सेरोलॉजिकल सर्वेक्षण से पता चला कि कोरोना से ठीक हो चुके 257 लोगों में से 79 लोगों के शरीर में एंटीबॉडी नहीं मिली.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए गए दूसरे दौर के सर्वे की रिपोर्ट से इसका पता चला है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में रह रहे या रह चुके लोगों में कंटेनमेंट जोन में नहीं रहने वाले लोगों की तुलना में कहीं अधिक सीरो प्रेवीलेंस था.
दरअसल सीरो सर्वेक्षण अध्ययन में लोगों के ब्लड सीरम की जांच करके किसी आबादी या समुदाय में ऐसे लोगों की पहचान की जाती है, जिनमें किसी संक्रामक रोग के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि दूसरे दौर का यह सर्वेक्षण लगभग 15,000 लोगों पर किया गया.
सूत्रों का कहना है कि पहले कोरोना संक्रमित पाए गए और कोरोना से ठीक हो चुके 257 लोगों के खून के सैंपल को भी यह जानने के लिए सर्वे में शामिल किया कि उनके शरीर में एंटीबॉडी था या नहीं.
विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, लेकिन उनके शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी नहीं हैं, वे शायद कई महीने पहले महामारी के शुरुआती चरण में ही इससे ग्रसित हो गए हो, इसलिए उनके शरीर में एंटीबॉडी खत्म हो गए हों.
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘लेकिन अधिकतर मामलों में शरीर के मेमोरी सेल वायरस को याद रखेंगे और कोरोना से उबर चुका कोई शख्स दोबारा इसकी चपेट में आएगा तो वे प्रतिरोधक क्षमता को दोबारा सक्रिय कर देंगे.’
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री सत्येंद्र जैन ने पिछले महीने सीरो सर्वेक्षण के पहले दौर के नतीजों का ऐलान करते हुए कहा था कि अगस्त के सीरो सर्वेक्षण में 29.1 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी. (thewire)
नई दिल्ली, 16 सितंबर ( आईएएनएस)। राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चार साल बाद फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं। पिछले कुछ समय से चीन सीमा विवाद सहित कई संवेदनशील मुद्दों पर जब-जब स्वामी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की तो उन्हें बीजेपी समर्थकों ने ट्रोल किया। जिससे नाराज हुए स्वामी ने बीते दिनों बीजेपी आईटी सेल हेड के पद से अमित मालवीय को 24 घंटे के अंदर हटाने की मांग राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने रख दी। उनकी मांग को पार्टी ने संज्ञान में ही नहीं लिया। इससे पहले 2016 में भी स्वामी के तेवर इसी तरह तल्ख थे।
सूत्रों का कहना है कि स्वामी के पार्टी लाइन से हटकर किए जा रहे हमलों को बीजेपी में पसंद नहीं किया जा रहा। पार्टी ने अब स्वामी की बातों को गंभीरता से लेना बंद कर दिया है। पार्टी उनकी बातों को नजरअंदाज करने के फॉर्मूले पर चल रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी के करना राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने पर फिर स्वामी को आगे मौका देने से पार्टी बच सकती है।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस से कहा, "स्वामी जी पार्टी लाइन के अनुरूप चलना नहीं चाहते। ऐसे में उनकी बातों को नजरअंदाज करने के सिवा किया ही क्या जा सकता है?"
दरअसल, हाल में चीन से विवाद, जेईई-नीट परीक्षा और उत्तराखंड के एक मामले को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। नीट और जेईई परीक्षा टालने के लिए स्वामी ने लगातार मुहिम चलाई, लेकिन सरकार ने मांग अनसुनी कर दी।
जीडीपी को लेकर भी हाल में सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी सरकार पर तंज कसा था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कोरोना वायरस संकट को 'एक्ट ऑफ गॉड' बताने पर स्वामी ने कटाक्ष करते हुए पूछा था कि कोरोना के पहले ही जीडीपी गिरकर 3.1 प्रतिशत पर आ चुकी थी, क्या वो भी 'एक्ट ऑफ गॉड' था?
स्वामी के पार्टी विरोधी तेवर भाजपा के समर्थकों को रास नहीं आए। जिस पर उन्हें ट्रोल होना पड़ा। ट्रोल होने से नाराज स्वामी ने बीते सात सितंबर को कहा , "बीजेपी आईटी सेल दुष्ट हो गया है। इसके कुछ सदस्य फर्जी आईडी से मुझ पर निजी हमले कर रहे हैं। यदि नाराज हुए मेरे समर्थकों ने व्यक्तिगत हमले किए तो ठीक उसी तरह से मैं जिम्मेदार नहीं रहूंगा जैसे आईटी सेल की करतूत पर भाजपा जिम्मेदार नहीं होती।"
उन्होंने 9 सितंबर को किए अपने ट्वीट में कहा, "कल तक अगर मालवीय को बीजेपी आईटी सेल से नहीं हटाया जाता है, तो इसका मतलब है कि पार्टी मेरा बचाव नहीं करना चाहती। चूंकि पार्टी में कोई मंच नहीं है, जहां मैं राय रख सकता हूं, इसलिए मुझे अपना बचाव करना होगा।"
भाजपा ने अमित मालवीय को हटाने की स्वामी की मांग अनसुनी कर दी। इस बीच भाजपा के कुछ समर्थकों ने एक विशेष हैशटैग के साथ सुब्रमण्यम स्वामी के खिलाफ ट्रेंडिंग शुरू कर दी। इसमें 1999 में सोनिया गांधी के साथ मिलकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिराने की कोशिश और संघ और बीजेपी के खिलाफ उनके कुछ बयानों से जुड़े ट्वीट किए जाने लगे। इससे पूर्व जुलाई में स्वामी ने ट्वीट कर भाजपा के नैतिक पतन की बातें कहीं थी। उन्होंने कहा था, "वास्तव में भाजपा के नैतिक पतन को देखकर बहुत दुख होता है। कुछ लोगों ने उत्तराखंड हाई कोर्ट में मेरे मंदिर मामले के खिलाफ तर्क दायर करने के लिए एक बैपटिस्ट ईसाई संगठन से वित्तीय मदद ली है।"
2016 में पीएम मोदी ने दी थी स्वामी को नसीहत
यह पहला मौका नहीं है, जब स्वामी बागी दिख रहे हैं। वर्ष 2016 में सुब्रमण्यम स्वामी के पार्टी के खिलाफ तेवर तल्ख हो चले थे। वह तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के बहाने केंद्र सरकार पर तीखे हमले करने लगे थे। उस वक्त के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रह्मण्यम पर हमले के बाद जब तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्वामी को अनुशासन में रहने और सोच-समझकर बयान देने की सलाह दी थी तो उन्होंने पलटवार किया था। कहा था कि 'बिना मांगे मुझे अनुशासन और नियंत्रण की सलाह देने वाले लोग यह नहीं समझ रहे कि यदि मैंने अनुशासन की उपेक्षा की तो तूफान आ जाएगा।'
मामला बढ़ता देख तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में दखल देना पड़ा था। प्रधानमंत्री मोदी ने बगैर नाम लिए सुब्रमण्यम स्वामी को संदेश देते हुए कहा था-अगर कोई पब्लिसिटी के लिए बयान दे रहा है तो ये गलत है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कोई भी पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मौजूदा घटनाओं पर भी पार्टी या सरकार की स्तर से उन्हें नसीहत दी जा सकती है।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा)| केन्द्र ने पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों के तेजी से निस्तारण पर जोर देते हुये बुधवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि इन मामलों को एक निश्चित समय के भीतर उनके नतीजों तक पहुंचाना जरूरी है.
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति ऋषिकेश राय की पीठ के समक्ष केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इन मामलों के तेजी से निस्तारण के बारे में न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया के सुझावों पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
मेहता ने कहा कि अगर विधि निर्माताओं के खिलाफ लंबित मामलों में उच्च न्यायालय ने कार्यवाही पर रोक लगाई है तो शीर्ष अदालत को ऐसे मामले पर एक निश्चित समय के भीतर निर्णय करने का उसे निर्देश देना चाहिए.
उन्होंने पीठ से कहा कि ये मुकदमे समयबद्ध तरीके से अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने चाहिए और अगर कोई केन्द्रीय एजेन्सी (सीबीआई या ईडी) स्थगन आदेश नहीं होने के बावजूद आगे कार्यवाही नहीं कर रही हैं तो वह इसे दूसरे स्तर पर उठायेंगे.
मेहता ने कहा, ‘शीर्ष अदालत जो भी निर्देश देगी, भारत सरकार उसका स्वागत करेगी.’ उन्होंने कहा कि अगर विशेष अदालतों में बुनियादी सुविधाओं से संबंधित कोई मसला है तो शीर्ष अदालत संबंधित राज्य सरकार को ऐसे मामले में ज्यादा से ज्यादा एक महीने के भीतर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दे सकती है.
इससे पहले, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई शुरू होते ही न्याय मित्र हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता ने अपनी रिपोर्ट से सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों के विवरण की ओर पीठ का ध्यान आकर्षित किया.
पीठ ने हंसारिया से सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की तफ्तीश वाले मामलों की स्थिति के बारे में पूछा और कहा कि इनमें से कुछ मामले कई सालों से लंबित हैं.
हंसारिया ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अनेक मामलों पर कर्नाटक जैसे उच्च न्यायालयों ने रोक लगा रखी है और निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून तथा धन शोधन रोकथाम कानून के तहत अनेक मामलों में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है.
उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ मामलों में मुकदमों की सुनवाई तेज नहीं हुयी है और अधिकांश मामले आरोप निर्धारित करने के चरण में लंबित हैं.
पीठ ने कहा कि ऐसे भी मामले हो सकते हैं जिनमें केन्द्रीय एजेन्सियों ने प्राथमिकी दर्ज की हो, लेकिन बाद इनमें बहुत कुछ नहीं हुआ हो.
हंसारिया ने कहा कि ऐसे भी कई मामले हैं जिनमें आरोप भी निर्धारित नहीं हुये हैं.
पीठ ने इस पर टिप्पणी की कि लोक अभियोजक की नियुक्ति नहीं होना, आरोप पत्र दाखिल नहीं होना और गवाहों को नहीं बुलाने जैसे कई मुद्दे हैं.
न्यायालय ने कहा कि अगर राज्य में सिर्फ एक ही विशेष अदालत होगी तो समयबद्ध तरीके से सारे मुकदमों का निस्तारण संभव नहीं हो सकता है।
इस पर मेहता ने कहा कि न्यायालय एक विशेष अदालत में एक निश्चित संख्या में मुकदमें रखने पर विचार कर सकती है. उन्होंने राज्य विशेष के भौगोलिक पहलू का भी जिक्र किया ओर कहा कि उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश विशेष अदालतों के लिये मुकदमों की संख्या निर्धारित कर सकते हैं.
हंसारिया ने कहा कि कुछ राज्य बड़े हैं और उनमें गवाहों के लिये एक जगह से दूसरे स्थान जाना मुश्किल है.
मेहता ने कहा कि केन्द्र ने विशेष अदालतों के लिये राज्यों को धन मुहैया करा दिया है और कई राज्यों ने अभी तक धन के इस्तेमाल का प्रमाण पत्र केन्द्र को नहीं दिया है.
पीठ ने कहा कि वह सालिसीटर जनरल के सुझावों पर विचार करेगी और रिपोर्ट में उठाये गये मुद्दों पर भी आदेश पारित करेगी.
सुनवाई के अंतिम क्षणों मे मेहता ने पीठ से अनुरोध किया कि धन के मुद्दे पर अभी निर्देश नहीं दिया जाये क्योंकि उन्हें इस पहलू पर निर्देश लेने होंगे. मेहता ने इस सुझाव से सहमति व्यक्त की कि उम्र कैद की सजा वाले अपराधों और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज मामलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
हंसारिया ने सुझाव दिया था कि मौत या उम्र कैद की सजा के अपराध वाले मामलों के बाद विशेष अदालत को एससी-एसटी (अत्याचारों की रोकथाम) कानून और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून जैसे कानूनों के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करनी चाहिए. शीर्ष अदालत को न्याय मित्र ने सूचित किया था कि 4,442 मामलों में देश के नेता पर मुकदमे चल रहे हैं। इनमें से 2,556 आरोपी तो वर्तमान सांसद-विधायक हैं.
उन्होंने अपनी पूरक रिपोर्ट में कहा कि सांसदों और विधायकेां के खिलाफ दो सौ से ज्यादा मामले भ्रष्टाचार निरोधक कानून, धनशोधन रोकथाम कानून और पोक्सो कानून के तहत विभिन्न राज्यों में लंबित हैं.
इसी तरह एक दर्जन से ज्यादा सांसदों और विधायकों (पूर्व और वर्तमान) के खिलाफ आयकर कानून, कंपनी कानून, एनडीपीएस कानून, आबकारी कानून तथा शस्त्र कानून के तहत मामले लंबित हैं.
-रजनीश सिंह
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| सुन्नी जिहादियों के समूह इस्लामिक स्टेट ने हाल के वर्षों में 12 भारतीय राज्यों में अपना आधार स्थापित किया है।
ईरान और सीरिया स्थित आतंकवादी संगठन केरल, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर में सबसे ज्यादा सक्रिय है।
इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने 2014 के बाद से सीरिया और इराक के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है और बांग्लादेश, माली, सोमालिया और मिस्र जैसे देशों में उसकी शाखाएं हैं। लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा जैसे अन्य आतंकी संगठनों के साथ उसके संबंध हैं। भारत में अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है।
समूह में शामिल होने वाले विभिन्न राज्यों के व्यक्तियों के कई उदाहरण केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विनय पी. सहस्रबुद्धे के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्य सभा में भारत के विभिन्न राज्यों में आईएस के बढ़ते आधार पर जानकारी प्रदान की है।
रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जांच में पता चला है कि आईएस केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर में सबसे अधिक सक्रिय है।
उन्होंने बताया कि भारत की आतंकवाद-रोधी एजेंसी एनआईए ने दक्षिणी राज्यों तेलंगाना, केरल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में आतंकी गुट की मौजूदगी के संबंध में 17 मामले दर्ज किए और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया, "इस्लामिक स्टेट, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया, दाएश, इस्लामिक स्टेट इन खोरासान प्रॉविन्स (आईएसकेपी), आईएसआईएस विलायत खोरासान, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और शाम-खोरासान को केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 के तहत प्रथम अनुसूची में शामिल कर उन्हें आतंकी संगठन घोषित किया है।"
मंत्री ने बताया कि अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए आईएस इंटरनेट आधारित विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है। इसे देखते हुए संबद्ध एजेंसियां साइबर स्पेस की सतत निगरानी कर रही हैं और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
मंत्री ने बताया, "सरकार के पास सूचना है कि इन लोगों को वित्त कैसे मुहैया कराया जा रहा है और अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के लिए उन्हें विदेशों से कैसे मदद मिल रही है।"
हैदराबाद, 16 सितंबर (आईएएनएस)| तेलंगाना में बुधवार को नक्सल-रोधी अभियान के दौरान गलती से चली एके47 बंदूक से एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि यह घटना पुलिस टीम द्वारा नक्सली को पकड़ने के लिए चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान भद्राद्रि कोथागुडेम जिले के चेरला मंडल के चेनापुरम जंगल क्षेत्र में हुआ।
रिजर्व सब-इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस (आरएसआई) आदित्य साईं कुमार (25 वर्ष) की मौके पर मौत हो गई, उनका शव भद्राचलम क्षेत्र के अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है।
पुलिस अधीक्षक सुनील दत्त के अनुसार, यह घटना तब हुई, जब अधिकारी अन्य लोगों के साथ मिलकर तलाशी अभियान चला रहे थे।
इस बीच, छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे जिले में नक्सलियों की मौजूदगी की खबर के बाद पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, जो अभी भी चल रहा है।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से थमी भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटेगी। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि देश अभी भी कोरोना वायरस के प्रभाव में है और विकास की रफ्तार धीरे-धीर लौटेगी। वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में स्थितियां सुधरी हैं।
उन्होंने कहा, फिर भी, कृषि गतिविधियों और विनिर्माण और निजीकरण के लिए परचेिंजंग मैनेजिंग इंडेक्स (पीएमआई) से जो संकेत मिले हैं, उससे लगता है कि दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों का स्थिरीकरण हो सकता है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में संकुचन (कांट्रैक्शन) भी कम हो रहे हैं।
रिकवरी, हालांकि अभी तक पूरी तरह से नहीं है लेकिन कुछ क्षेत्रों में जून और जुलाई में सुधार हुआ है। सभी संकेतों से लगता है कि रिकवरी धीरे-धीरे होने की संभावना है क्योंकि अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की दिशा में प्रयासों को बढ़ते संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है।
दास के अनुसार, भारत में वित्तीय बाजार की स्थितियों में भी काफी सुधार हुआ है और रेपो रेट में कटौती से फाइनेंसियल सिस्टम में पैसा आया है।
उन्होंने कहा कि सरकार खर्च करने के लिए बैंकों से या दूसरे तरीकों से कर्ज भी ले रही है जिससे सिस्टम में तरलता (लक्वीडिटी) बढ़े और संसाधनों को जुटाने में मदद मिले।
श्रीनगर, 16 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में निवासी प्रमाणपत्र जारी करने से कश्मीरियों को इससे जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफिक) परिवर्तन होने की आशंका है। बुधवार को एक बयान में उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है कि केन्द्र शासित प्रशासन ने 17 लाख से अधिक डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी किए हैं। इनमें से 12.44 लाख प्रमाण पत्र जम्मू में और 4.16 लाख प्रमाण पत्र कश्मीर में जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा, "जल्दबाजी में ये प्रमाण पत्र उन लोगों को जारी किए गए हैं जो इसके अधिकारी नहीं हैं। ऐसे में यह बड़ी लापरवाही का मामला है।"
उन्होंने कहा कि कश्मीरी कहते हैं कि यह कवायद कश्मीर के जनसांख्यिकीय प्रोफाइल को बदलने का एक स्पष्ट प्रयास है। ऐसे में कश्मीर के लोग इसका विरोध करेंगे, वे अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे।
उन्होंने कहा, "अगर जम्मू-कश्मीर की केंद्र शासित सरकार को कश्मीर की जनता की भावनाओं की कोई चिंता नहीं है तो उसे यह काम करना चाहिए।"
लखनऊ, 16 सितंबर (आईएएनएस)| महोबा के व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या से संबंधित पांच ऑडियो टेप सोशल मीडिया पर लीक होने के बाद हलचल मच गई है। गौरतलब है कि व्यवसायी की रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
त्रिपाठी की हत्या के बाद 24 घंटे से भी कम समय के अंदर महोबा के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। त्रिपाठी ने आईपीएस अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। वहीं वह अपनी ही कार में मृत मिले थे, उनकी गर्दन पर गोली लगी थी।
चारों ऑडियो टेप कथित तौर पर मारे गए व्यवसायी के हैं, जिन्होंने मरने से पहले बुंदेलखंड में पत्थर खनन को लेकर राजनेताओं, पुलिस और जिला प्रशासन से जुड़े जबरन वसूली रैकेट का खुलासा किया था।
पहली बातचीत व्यापारी, स्थानीय विधायक और अज्ञात व्यक्तियों के बीच की है, जबकि पांचवीं बातचीत त्रिपाठी के चचेरे भाई बृजेश शुक्ला और अपराधी आशु भदौरिया के बीच की है।
इन ऑडियो टेप का सत्यापन अभी नहीं किया गया है। सामने आए एक ऑडियो त्रिपाठी को एक अनजान व्यक्ति से फोन पर बात करते और कहते सुना जाता है कि "जो डिमांड एसपी साहेब की वही डिमांड डीएम की है। पांच लाख एसपी, पांच लाख डीएम और बाकी सब के लिए पांच लाख। हम क्या खाएंगे?"
उसी ऑडियो में अज्ञात कॉलर को यह कहते हुए सुना जाता है कि उसने जून और जुलाई में एसपी को 6 लाख रुपये का भुगतान किया था, लेकिन जब प्रशासन द्वारा पत्थर को तोड़ने का काम बंद कर दिया गया, तो वह अधिक नहीं दे सका।
अन्य 4.26 मिनट के एक ऑडियो में त्रिपाठी एक सहयोगी से यह कहता है कि वह पहली बार एसपी महोबा से मिला था और उसे बताया था, "आपकी ही छत्रछाया में जी रहे हैं, आप जैसा बोलेंगे वैसा करेंगे।"
इसी ऑडियो में त्रिपाठी कहता है कि वह कभी भी रिश्वत देने के लिए एसपी के पास नहीं गया, लेकिन उसे एक अज्ञात जगह बताई जाएगी, जहां यह राशि उनके गुर्गे को सौंपना होगा।
इसी तरह 28 सेकंड के एक अन्य ऑडियो में त्रिपाठी को यह कहते सुना गया कि उन्होंने एसपी को 5 लाख रुपये और स्टेशन ऑफिसर को 1 लाख रुपये रिश्वत दिया है।
इसके बाद की बातचीत में त्रिपाठी को एक विधायक के साथ बातचीत करते हुए और शिकायत करते सुना जा सकता है कि कैसे महोबा के एसपी, मणिलाल पाटीदार द्वारा उसे 6 लाख रुपये तक की रिश्वत देने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
वहीं एक अन्य 1.49 मिनट का ऑडियो 8 सितंबर को त्रिपाठी को गोली लगने से कुछ ही घंटे पहले की है। ऑडियो में स्थानीय गुंडा भदौरिया को व्यापारी के भतीजे से यह कहते सुना गया कि राजा साहब (एसपी महोबा) बहुत नाराज हैं।
अपराधी कह रहा है, "अपने चाचा इंद्रकांत पर नजर रखो। यदि तुम्हें उसका ठिकाना नहीं मिला, तो इसका परिणाम भुगतना होगा।"
महोबा एसपी के निलंबित होने के बाद उनकी जगह पदभार संभालने वाले अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि इन ऑडियो को सत्यापित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "डीएसपी रैंक का एक अधिकारी मामले की जांच कर रहा है।"
इस बीच उप्र के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी की हत्या और इसके पीछे की परिस्थितियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है।
गौरतलब है कि 8 सितंबर को त्रिपाठी को अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मार दी थी। मरने के चंद घंटे पहले उसने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें आरोप लगाया था कि एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार ने उससे जबरन वसूली की और अगर उनके साथ कुछ भी हुआ, तो उसका जिम्मेदार पाटीदार होंगे।
त्रिपाठी ने कानपुर में इलाज के दौरान 13 सितंबर को दम तोड़ दिया था।
लखनऊ, 16 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्य में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 21 सितंबर से स्कूलों के आंशिक रूप से फिर से खुलने की संभावना 'बहुत कम' है। शर्मा ने कहा, "बहुत कम संभावना है कि स्कूलों को आंशिक रूप से कार्य करने की अनुमति दी जा सकती है। इस महीने आंशिक रूप से या कम से कम स्कूलों को चलाना तो संभव नहीं है। छात्रों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता है।"
केंद्र ने अनलॉक 4.0 दिशानिदेशरें में शिक्षकों से मार्गदर्शन लेने के लिए स्वैच्छिक आधार पर कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए स्कूलों के आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी किए थे।
हालांकि सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर अंतिम फैसला लेंगे कि इस महीने स्कूल फिर से खुलेंगे या नहीं।
हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार के पास स्कूलों को आंशिक रूप से फिर से खोलने की अनुमति देने की कोई योजना नहीं है।
माता-पिता अपने बच्चों को महामारी के दौरान स्कूलों में भेजने के विचार का कड़ा विरोध कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| वैश्विक दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब, जिसका मुख्यालय भारत में स्थित है, उसने कोरोनावायरस की वैक्सीन 'स्पुतनिक 5' के क्लीनिकल ट्रायल और वितरण के लिए रूसी निर्माता रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) से करार किया है। रूस के सॉवरेन वेल्थ फंड ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। 'स्पुतनिक 5' को गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने रशियन डायरेक्ट इवनेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के साथ मिलकर तैयार किया है। इसे 11 अगस्त को पंजीकृत किया गया था।
फंड से एक बयान में कहा गया है, "भारत में विनियामक अनुमोदन के साथ आरडीआईएफ डॉ. रेड्डी को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा। 'स्पुतनिक 5' वैक्सीन, जो पूर्ण एवं सिद्ध सुरक्षा के साथ अच्छी तरह से अध्ययन किए गए मानव एडेनोवायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म पर आधारित है, कोरोनावायरस महामारी के लिए क्लीनिकल (नैदानिक) परीक्षणों से गुजर रही है।"
रूसी फंड ने कहा कि डिलीवरी संभवत 2020 के अंत में शुरू हो सकती है, जो भारत में नियामक अधिकारियों द्वारा सफल परीक्षणों एवं वैक्सीन के पंजीकरण के पूरा होने के अधीन है।
आरडीआईएफ ने कहा, "आरडीआईएफ और डॉ. रेड्डी के बीच समझौता देशों और संगठनों की बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है कि उनकी आबादी की रक्षा के लिए एक विविध एंटी-कोविड वैक्सीन पोर्टफोलियो है।"
इस महीने की शुरूआत में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने कहा था कि रूसी सरकार ने 'स्पुतनिक 5' वैक्सीन के निर्माण में भारत की मदद मांगी है और देश में तीसरे चरण के परीक्षण की मांग की है।
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा था, "रूस के पास वैक्सीन निर्माण का अच्छा इतिहास है, इसलिए हम मानते हैं कि यह वैक्सीन भी अच्छी है। भारत और रूस सरकार की उच्च-स्तरीय समितियों के बीच बातचीत चल रही है। हम इसके तंत्र पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं।"
बता दें कि हाल ही में आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि रूस विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है।
इस बीच, भारत में भी तीन वैक्सीन परीक्षण के उन्नत चरणों में हैं।
पटना, 16 सितंबर (आईएएनएस)| अभिनेता और सांसद रविकिशन तथा सांसद और अभिनेत्री जया बच्चन के बीच बॉलीवुड में ड्रग माफिया को लेकर शुरू हुए विवाद में अब बिहार भााजपा भी कूद गई है। बिहार भाजपा ने कहा कि बलीवुड में सक्रिय बाबा-बेबी, मूवी माफिया, ड्रग माफिया और अंडरवर्ल्ड की पोल खुलने से सभी 'मठाधीश' परेशान हैं। बिहार भाजपा के प्रवक्ता डॉ़ निखिल आनंद ने बुधवार को कहा कि सुशांत की मौत पर चुप्पी साधने वाले और 'फर्जी टेसुआ' बहाने वाले भी अब बोल रहे हैं।
उन्होंने अभिनेत्री जया बच्चन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, "जया बच्चन को भी बॉलीवुड की थाली में छेद होने से तकलीफ है।"
उन्होंने कहा, "आखिर जया बच्चन जी बॉलीवुड के खोखलेपन पर पर्देदारी क्यों करना चाहती हैं? वे उन लोगों के खिलाफ भी सदन में बोलें जो इस देश में रहते-खाते हैं और दूसरे का गुणगान करते हैं।"
भाजपा नेता ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के मामले में कांग्रेस की दोहरी नीति 'एक्सपोज' हो चुकी है।
उन्होंने कहा, "सुशांत और कंगना के मामले में कांग्रेस के शीर्ष नेता घटिया बयानबाजी पर उतर आए हैं। सुशांत मामले में अधीर रंजन चौधरी के घटिया बयान पर कांग्रेस, राजद को अपना स्टैंड साफ कर बताए कि क्या अधीर रंजन चौधरी के बयान से सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और तेजस्वी सहमत हैं?"
नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)| सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड के कोविड -19 वैक्सीन उम्मीदवार के क्लीनिकल परीक्षण को फिर से शुरू करने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) से मंजूरी ले ली है। बुधवार को इस दवा निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। कोविशिल्ड नाम के इस वैक्सीन उम्मीदवार की मैन्यूफेक्चरिंग में भारत भी भागीदार है। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर इंस्टीट्यूट और एस्ट्राजेनेका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। वैक्सीन के लिए पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट पूरे भारत में 17 जगहों पर परीक्षण कर रहा है।
ब्रिटेन में परीक्षण के दौरान एक प्रतिभागी को बूस्टर डोज देने के बाद स्वास्थ्य समस्या होने पर एस्ट्राजेनेका ने परीक्षण रोक दिए थे। उसके द्वारा फिर से परीक्षण शुरू करने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट से यह अपडेट आया है।
बता दें कि इससे पहले 10 सितंबर को डीसीजीआई द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद उसने परीक्षण रोक दिए थे। डीजीसीआई ने पूछा था कि जबकि रोगी की सुरक्षा को लेकर संदेह है, ऐसे में संस्थान कैसे परीक्षण जारी रखे हुए है।
चंडीगढ़, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| क्रिकेटर सुरेश रैना के दो रिश्तेदारों की हत्या और तीन अन्य पर जानलेवा हमले के मामले को अपराधियों के एक अंतर-राज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ हल कर लिया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा कि एक ज्ञात व्यक्ति सहित 11 अन्य अपराधियों को गिरफ्तार करने का प्रयास जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि गिरोह द्वारा किए गए डकैती के अन्य मामलों को हल किया जाएगा।
गौरतलब है कि 19 अगस्त की रात, पठानकोट जिले के थारयाल गांव में गिरोह ने रैना के फूफा व ठेकेदार अशोक कुमार की हत्या कर दी थी। अशोक के बेटे कौशल ने 31 अगस्त को दम तोड़ दिया, जबकि रैना की बुआ और अशोक की पत्नी आशा रानी गंभीर रूप से घायल हो गईं। लुटेरों द्वारा दो अन्य व्यक्तियों पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया गया था।
घटना के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए आईजीपी बॉर्डर रेंज (अमृतसर) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था।
डीजीपी ने कहा कि एसआईटी ने जांच के लिए 100 से अधिक संदिग्धों को तलब किया था।
15 सितंबर को, एसआईटी को सूचना मिली कि तीनों संदिग्धों को सुबह डिफेंस रोड पर देखा गया। छापेमारी की गई और तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने कहा कि आरोपी गिरोह के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में अन्य जगहों पर इसी तरह के कई अपराध किए हैं।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बुधवार को केंद्र सरकार के इस दावे पर सवाल उठाया है कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने कोरोनावायरस के 29 लाख मामलों को रोका है। राज्यसभा सदस्य ने कहा, "स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि इस निर्णय (लॉकडाउन) ने 14 से 29 लाख कोविड-19 मामलों और 37 से 78 हजार मौतों को रोका है। सदन को बताया जाना चाहिए कि इस दावे का वैज्ञानिक आधार क्या है, जिसके जरिए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।"
शर्मा ने इसे 'बहुत व्यापक अंतराल' करार दिया है।
बता दें कि सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में कहा था, "देशव्यापी लॉकडाउन सरकार का एक साहसिक निर्णय है। यह इस तथ्य को साबित करता है कि कोविड-19 का प्रबंधन करने के लिए पूरा देश सामूहिक रूप से साथ खड़ा था। अनुमान है कि इस निर्णय ने 14 से 29 लाख मामले और 37,000 से 78,000 मौतों को होने से रोका है।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने यह भी सवाल किया है कि सरकार के पास प्रवासी श्रमिकों को दी गई सहायता और मृत्यु की संख्या के बारे में डेटा क्यों नहीं है, जबकि वे लॉकडाउन लागू होने के बाद अपने गृहनगर लौट रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासियों के लिए शहरों में क्वारंटीन सेंटर्स जैसी सुविधाओं के जरिए इस रिवर्स माइग्रेशन को रोका जा सकता था। इससे ग्रामीण इलाकों में इस महामारी को फैलने से रोका जा सकता था।
बता दें श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा को बताया कि "प्रवासी श्रमिकों को प्रदान की गई सहायता का राज्यवार डेटा उपलब्ध नहीं है।"
कई सांसदों ने कहा कि "लॉकडाउन के दौरान हजारों प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई है"। इस पर गंगवार ने जवाब दिया कि "ऐसा कोई डेटा उपलब्ध नहीं है"।
शर्मा ने केंद्र से राज्यों से सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में सुधार करने के तरीकों पर बात करने का आग्रह भी किया है।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)| करीब 2,500 लोगों को आसान ईएमआई पर मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के बहाने धोखाबाजी करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने एक बीसीए स्नातक को गिरफ्तार किया है। गाजियाबाद का निवासी आरोपी जितेन्द्र सिंह नकली वेबसाइटों के जरिए लोगों को कम ईएमआई का लालच देता था। इतना ही नहीं पुलिस द्वारा ट्रैकिंग से बचने के लिए वह वर्चुअल प्राइवेट एड्रेस (वीपीए) पर छोटे भुगतान करने के लिए कहता था। मामले में अभी दो आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है।
यह मामला तब सामने आया जब 9 जनवरी को एक शिकायतकर्ता ने गोविंद पुरी पुलिस स्टेशन में एक मामला आईसीपी की धारा 420 के तहत दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ता ने बताया कि पिछले साल दिसंबर में वो मोबाइल फोन खरीदने के लिए गूगल के जरिए खोज की थी। तब उसने एक वेबसाइट 'मोबालिटी वर्ल्ड डॉट इन' पर देखा कि वह सस्ते दरों पर ईएमआई के जरिए मोबाइल देने की पेशकश कर रहा था। फिर इस वेबसाइट के एक्जिक्यूटिव ने उन्हें वीपीए 'पेमोबाइल एट द रेट यूपीआई' द्वारा 1,499 रुपये जमा करने का निर्देश दिया।
फिर वेबसाइट के अधिकारियों ने उनसे संपर्क कर डाउन पेमेंट करने के लिए और पैसे जमा करने को कहा, ताकि उन्हें मोबाइल दिया जा सका। इसके बाद उन्होंने एक्जिक्यूटिव द्वारा दिए गए वीपीए पर 5,998 रुपये जमा किए।
इसके बाद ना तो उन्हें मोबाइल दिया गया और ना ही एक्जिक्यूटिव ने पैसे वापस किए।
साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आर.पी. मीणा ने कहा, "पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह सह-आरोपी प्रवीण कुमार और रजत शुक्ला के साथ मिलकर मासूम लोगों को कम ईएमआई पर मोबाइल फोन देने का लालच देकर ठगते थे। इसके बाद वे छोटी राशि लेते थे और फिर गायब हो जाते थे।"
पिछले 2 सालों के दौरान उन्होंने सिंपलीमोबाइल डॉट कॉम, ईएमआई ऑनलाइन डॉट इन और मोबिलिटी वल्र्ड डॉट इन के नाम से वेबसाइट चलाईं। बचने के लिए वे वेबसाइटों के सेटअप और डोमेन नाम को स्थानांतरित करते रहते थे और पकड़े जाने से बचने के लिए वीपीए के माध्यम से पैसे लेते थे। वे लोगों से 1,999 रुपये से लेकर 7,999 रुपये तक की छोटी राशि लेते थे ताकि पीड़ित पुलिस से संपर्क न करे।
अधिकारी ने कहा, "पूछताछ में उन्होंने बताया है कि अब तक उन्होंने पूरे देश में 2,500 से अधिक लोगों को इसी तरह ठगा है। दो और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। आगे की जांच जारी है।"
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| राज्यसभा ने आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान विधेयक को पारित कर दिया है। यह विधेयक तीन आयुर्वेद संस्थानों को एक संस्थान-- 'इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्ड इन आयुर्वेद' (आयुर्वेद में शिक्षण और अनुसंधान संस्थान) में विलय करने के बारे में है। विधेयक संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करता है। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक की अनुपस्थिति में विधेयक को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा पेश किया गया। नाइक कोरोना से संक्रमित हैं और उपचार करा रहे हैं।
हर्षवर्धन ने कहा, "मंत्रालय देश के विभिन्न हिस्सों में संस्थानों को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दे रहा है और यह मामला यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय को भेजा गया है।"
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के 103 संस्थान हैं, लेकिन आयुर्वेद में कोई नहीं था। उन्होंने कहा कि जामनगर संस्थान को चुना गया है क्योंकि यह देश का सबसे पुराना संस्थान है जिसकी स्थापना 1956 में भारत सरकार ने की थी।
टीआरएस, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, अन्नाद्रमुक, माकपा, बसपा और अन्य दलों के कई सांसदों ने अन्य राज्यों में भी इसी तरह के संस्थानों की मांग की।
सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा, "मंत्री को हर राज्य में ऐसे संस्थानों की मांग को ध्यान में रखकर इस पर विचार करना चाहिए।"
कांग्रेस नेता एल. हनुमंथिया ने चर्चा के दौरान आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "गुजरात को इतना महत्व क्यों दिया जाता है और केरल को भी प्रमुखता दी जानी चाहिए, जो आयुर्वेद क्षेत्र में अग्रणी है।"
अन्नाद्रमुक सदस्य थंबीदुरई ने विधेयक का समर्थन किया।
समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल ने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को उठाया और कहा कि कोविड के समय में मानसिक परामर्श की आवश्यकता है।
राजद सांसद मनोज झा ने आयुर्वेदिक दवाओं के लिए एक नियामक की मांग की ताकि कोई दुरुपयोग न हो। झा ने रामदेव द्वारा किए गए दावों का हवाला दिया कि उन्होंने कोविड-19 के लिए दवा बनाई है।
विधेयक तीन संस्थानों को विलय करने के बारे में हैं--द इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद, श्री गुलाबकुंवरबा आयुर्वेद महाविद्यालय और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक फार्मास्युटिकल साइंसेज। ये सभी जामनगर में हैं।
प्रस्तावित संस्थान गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जामनगर के परिसर में स्थित होगा।
विधेयक में कहा गया है कि संस्थान में 15 सदस्य शामिल होंगे और 'इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिचर्स इन आयुर्वेद' (जामनगर) के निदेशक को संस्थान के पहले निदेशक के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन बिलों पर मचे घमासान के बीच भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने बुधवार को कहा कि कांग्रेस राजनीतिक वजहों से बिलों का विरोध कर रही है। नड्डा ने यह साफ किया कि न तो मंडियां खत्म होंगीं और न ही एमएसपी खत्म होगा। बीजेपी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता के दौरान नड्डा ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने अपने प्रथम और द्वितीय कार्यकाल में हमेशा किसान, गरीब, मजदूर, वंचित और शोषित वर्ग के लोगों को मुख्यधारा में लाना, उनकी सेवा करना, आगे बढ़ाना, उन्हें सशक्त बनाना और वह ताकत के साथ खड़े हो सकें , ऐसे कार्यक्रम और नियम बनाएं हैं।
उसी तरह से फार्मर्स प्रोड्यस ट्रेड एंड कॉमर्स एक्ट और फॉर्मर्स इम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन एग्रीमेंट ऑन प्राइस,
द एसेंशियल कमोडिटीज बिल - ये तीनों बिल कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं और काफी दूर ²ष्टि वाले हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इन तीनों बिलों से किसानों के उत्पाद के दाम बढ़ेंगे
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी इन बिलों का विरोध कर रही है। कांग्रेस पार्टी का दोहरा चेहरा है, ये हमेशा हर चीज में इनका काम राजनीति करना है। कांग्रेस को सिवाय राजनीति के और कुछ नहीं आता है।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)| रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा है कि अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी के कारण आया असर धीरे-धीरे कम होगा। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने कहा, "देश अभी भी कोविड -19 के प्रभाव में है और अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सामान्य ग्रोथ पर वापस आएगी।"
उन्होंने कहा, "पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के बाद दूसरी तिमाही में चीजों में काफी सुधार हुआ है।"
दास ने विश्व बैंक द्वारा किए गए आकलन का हवाला देते हुए कहा कि विश्व स्तर पर इन प्रभावों से उबरने में अधिक समय लगेगा। आरबीआई ने लगातार बड़े पैमाने पर लिक्विडिटी इन्फ्यूजन किया है और इसने सरकार द्वारा कम दर पर और गैर-विघटनकारी तरीके से बड़ी उधारी पाने को सुनिश्चित किया है। इसके अलावा लिक्विडिटी इन्फ्यूजन ने अन्य क्षेत्रों में भी अच्छा काम किया है।
लखनऊ, 16 सितंबर। बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर को फैसला सुनाने वाली है। कोर्ट ने मामले में सभी 32 मुख्य आरोपियों को इस दिन सुनवाई में शामिल होने को कहा है। इनमें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे- लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी और कल्याण सिंह भी शामिल हैं। इस केस में स्पेशल सीबीआई सीबीआई जज एसके यादव फैसला सुनाने वाले हैं।
इसके पहले स्पेशल जज ने 22 अगस्त को ट्रायल का स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद मामले की सुनवाई पूरी करने की समय सीमा को एक महीना बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया था। कोर्ट ने ट्रायल पूरी करने के लिए 31 अगस्त तक का वक्त दिया था। मामले में दो सितंबर से फैसला लिखना शुरू किया जाना था। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मृदल राकेश, आईबी सिंह और महिपाल अहलूवालिया ने आरोपियों की तरफ से मौखिक दलीलें पेश की। इसके पहले कोर्ट ने नाराजगी जताई थी कि बचाव पक्ष अपना लिखित जवाब दाखिल नहीं कर रहा। स्पेशल जज ने बचाव पक्ष के वकील से कहा था कि अगर वह मौखिक रूप से कुछ कहना चाहते हैं तो 1 सितंबर तक कह सकते हैं, वरना उनके मौके खत्म हो जाएंगे।
इसके बाद सीबीआई के वकीलों ललित सिंह, आरके यादव और पी. चक्रवर्ती ने भी मौखिक दलीलें दीं थीं। सीबीआई सुनवाई के दौरान आरोपियों के खिलाफ 351 गवाहों और लगभग 600 दस्तावेज प्रस्तुत कर चुकी है। अदालत को फैसला करने में सीबीआई के गवाहों और दस्तावेजों पर गौर करना है। एजेंसी पहले ही 400 पेजों की लिखित बहस दाखिल कर चुकी है।
बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने दिसंबर, 1992 में ढहाया था। उनका दावा था कि अयोध्या में यह मस्जिद भगवान राम के ऐतिहासिक राम मंदिर के स्थान पर बनाई गई थी। बाबरी विध्वंस मामले में अदालत का फैसला 28 साल बाद आ रहा है।
नयी दिल्ली 16 सितम्बर (वार्ता)। पद्मविभूषण से सम्मानित देश की प्रख्यात कलाविद् एवं राज्यसभा की पूर्व मनोनीत सदस्य कपिला वात्स्यायन का बुधवार को यहां निधन हो गया। वह 91 वर्ष की थीं।
श्रीमती वात्स्यायन के निधन से कला जगत में शोक की लहर है। वह हिंदी के यशस्वी दिवंगत साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय की पत्नी थीं और साठ के दशक में अपने पति से तलाक के बाद वह एकाकी जीवन व्यतीत कर रही थीं।
प्रख्यात संस्कृति कर्मी अशोक वाजपेयी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि श्रीमती वात्स्यायन एक महान विदुषी थी और विलक्षण प्रतिभा की थीं। उन्होंने सहित्य कला और संस्कृति के संवर्धन तथा विकास के लिए ऐतिहासिक कार्य किया। वह अपने आप मे एक संस्था थीं और कला से जुड़ी संस्थाओं का निर्माण किया तथा कलाकारों के बीच संवाद कायम करने में एक सेतु का काम किया। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।
पच्चीस दिसंबर 1928 को जन्मी कपिला वात्स्यायन राष्ट्रीय आंदोलन की प्रसिद्ध लेखिका सत्यवती मलिक की पुत्री थीं। वह संगीत नृत्य और कला की महान विदुषी थीं। उनकी शिक्षा दीक्षा दिल्ली बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय में हुई थी।
संगीत नाटक अकादमी फेलो रह चुकी कपिला जी प्रख्यात नर्तक शम्भू महाराज और प्रख्यात इतिहासकार वासुदेव शरण अग्रवाल की शिष्या भी थीं।
वह राज्यसभा के लिए 2006 में मनोनीत सदस्य नियुक्त की गई थीं और लाभ के पद के विवाद के कारण उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता त्याग दी थी। इसके बाद वह दोबारा फिर राज्यसभा की सदस्य मनोनीत की गई थीं।
लखनऊ, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश स्टेट आयुष सोसायटी द्वारा कोरोनावायरस महामारी से लड़ने के लिए चार आयुर्वेद दवाओं की एक किट प्रदान की जा रही है। आयुष सोसायटी ने कहा कि इस किट का निर्माण केंद्रीय आयुष मंत्रालय के निर्देश पर किया जा रहा है। इसका प्रयोग कोरोना मरीजों के साथ-साथ संक्रमण के लक्षण वाली अन्य बीमारियों में भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
निर्देश का पालन करते हुए राज्य का आयुर्वेद विभाग सभी जिलों में किट्स उपलब्ध करा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की एक टीम को ये दवाएं दिए जाने के सात दिन के बाद ही उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। यह दवाएं रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में प्रभावी हैं।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, ये दवाएं गले की खरास और सांस लेने की समस्याओं को ठीक करती हैं।
इस किट में आयूष-64 टैबलेट, संशमनी वटी, अनू तेल और अगस्त्य हरितकी शामिल हैं।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. निरंकार गोयल ने कहा कि आयूष -64 और संशमनी वटी सभी प्रकार के बुखार को ठीक कर सकते हैं।
संशमनी वटी वायरस के संक्रमण के लिए प्रभावी उपाय है। अनु तेल के एक बूंद को दोनों नासिका छिद्रों में डालने से बंद नाक खुल जाती है, गले का संक्रमण और आंखों की समस्या ठीक हो जाती है। अगस्त्य हरितिकी अवलेह सांस लेने की समस्याओं, टीबी, अस्थमा और बुखार को ठीक करता है।
दवाओं का पहले ही परीक्षण किया जा चुका है। डॉक्टर के मार्गदर्शन के अनुसार, उन्हें सात दिनों के लिए लिया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वास्थ्य कारणों से संसद के मानसून सत्र से अनुपस्थित रहने की अनुमति मांगी है। इसके अलावा, सांसद ऑस्कर फर्नाडीस, नवनीत कृष्णन, नरेंद्र जाधव और सुशील गुप्ता ने भी सदन की कार्यवाही से गैरमौजूद रहने की इजाजत मांगी है।
भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी, अनंत कुमार हेगड़े सहित 17 सांसद कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। भाजपा से कम से कम 12 सांसद कोरोना से संक्रमित हैं।
भाजपा के बेलागवी से सांसद और केंद्रीय रेलवे राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी मानसून सत्र में निश्चित रूप से हिस्सा नहीं ले सकेंगे क्योंकि उन्होंने वो कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि वह ठीकहैं और सदन में उपस्थित रहना मंत्री के लिए सवाल से बाहर है।
इस बीच, केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाइक को शनिवार को वायरस के संक्रमण के बाद पणजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उनकी स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की एक केंद्रीय टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही थी। उनके संसद सत्र में भाग लेने की कम संभावना है।
नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में ऑक्सीजन सिलेंडर की ऊंची कीमतों और कालाबाजारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से कई मरीजों की मौत हो रही है। दिग्विजय सिंह ने कहा, "सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम को बदल रही है और ऑक्सीजन सिलेंडर को भी इसके अंतर्गत लाया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "ऑक्सीजन की कीमत 10 रुपये प्रति घन मीटर है जो अब बढ़कर 50 रुपये प्रति घन मीटर हो गई है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसके कारण कई मरीजों की जान चली गई है और सरकार को इस संबंध में कदम उठाना चाहिए।"
दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "यहां तक कि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने भाषण के दौरान इस मुद्दे का उल्लेख नहीं किया।"
24 घंटे में 1,290 मौतों सहित 90,123 नए मामले सामने के साथ बुधवार को भारत में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 5,020,359 तक पहुंच गई।
भारत में 17 जुलाई को कोरोना मामले 10 लाख तक पहुंचे थे, जो फिर 7 अगस्त को 20 दिनों में 20 लाख हो गए। ये 23 अगस्त को 30 लाख, 5 सितंबर को 40 लाख के पार और फिर 11 दिनों में आखिरकार कुल मामले 50 लाख तक पहुंच गए।
महाराष्ट्र में 10,97,856 मामलों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बना हुआ है, जिसमें 30,409 मौतें शामिल हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं।