राष्ट्रीय
मुंबई, 19 सितंबर (आईएएनएस)| वामपंथी नेता व पूर्व सांसद रोजा देशपांडे का शनिवार की दोपहर 1 बजे निधन हो गया। वह 91 साल की थीं। उनके परिवार से जुड़े सूत्र ने कहा कि रोजा अधिक उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं।
महिला अधिकार कार्यकर्ता और समाजसेवी रोजा के परिवार में एक बेटा व बेटी हैं। उग्र वामपंथी नेता रहे उनके पति बनी देशपांडे का 2015 में निधन हो गया था।
रोजा देशपांडे को अप्रैल में अधिक उम्र से संबंधित बीमारियों और सांस लेने में तकलीफ की वजह से दादर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी।
पूर्व सांसद के पिता श्रीपद अमृत डांगे देश में वामपंथी आंदोलन के सूत्रधार थे।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने बताया है कि 2024 तक देश में 40 करोड़ लोगों को ट्रेनिंग देकर हुनरमंद करने की जरूरत है। राष्ट्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता नीति में 2022 तक देश में इतने स्किल्ड लोगों की जरूरत बताई गई है। यही वजह है कि इस दिशा में वर्ष 2015 से ही केंद्र सरकार कार्य करने में जुटी है। दरअसल, डीएमके सांसद टीआर बालू ने शनिवार को कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री से पूछा था कि कौशल प्रशिक्षण के जरिए युवाओं को सक्षम बनाने के लिए सरकार क्या कर रही है? क्या सरकार का वर्ष 2022 तक 40 करोड़ लोगों को कौशल भारत कार्यक्रम के माध्यम से कौशल प्रदान करने का विचार है?
इस अतारांकित सवाल का लिखित जवाब देते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री आर के सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता नीति 2015 में अनुमान लगाया गया है कि 2022 तक 40 करोड़ कार्यबल को कुशल बनाने की जरूरत है। भारत सरकार ने इस दिशा में 2015 में एक राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन शुरू किया है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत देशभर के 15 हजार से अधिक आईटीआई को व्यावसायिक प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। मार्च 2020 तक, 42.20 लाख उम्मीदवारों को अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया है। जिसमें 17.54 लाख उम्मीदवारों की प्लेसमेंट की गई है।
मुंबई, 19 सितंबर (आईएएनएस)| भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत आईएनएस विराट सेवानिवृत्त होने के बाद गुजरात में अलंग बंदरगाह के लिए अपनी आखिरी यात्रा पर रवाना हो चुका है। अलंग स्थित जहाज तोड़ने वाले यार्ड में देश का सबसे बड़ा यार्ड है, यहां सभी पुराने जहाजों को तोड़ा जाता है। यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी। तत्कालीन ब्रिटेन निर्मित जहाज ने 22,58 दिनों तक समुद्र में रहकर भारतीय नौसेना की सेवा की और 590,000 समुद्री मील और 22,622 घंटे देश की सेवा में उड़ान संचालन को कवर किया।
नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि अपनी अंतिम यात्रा पर दो अन्य जहाजों को लेकर वह करीब 3 दिनों में अलंग पोर्ट पहुंच जाएगा।
एमएसटीसी लिमिटेड द्वारा की गई एक नीलामी में इस जहाज को गुजरात के श्रीराम ग्रीन शिप रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा 38.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया।
इसे पहले 'एचएमएस हर्मिस' के रूप में जाना जाता था, इसने नवंबर 1959 से अप्रैल 1984 तक ब्रिटिश नौसेना की सेवा की थी।
साल 1974 में ब्रिटिश सिंहासन के उत्तराधिकारी प्रिंस चार्ल्स ने 'एचएमएस हर्मिस' पर सवार 845 नेवल एयर स्क्वाड्रन उड़ाए थे।
बाद में इसे भारतीय नौसेना में अपने दूसरे विमान वाहक पोत, 'आईएनएस विराट' के रूप में मई 1987 में व्यापक नवीनीकरण और अपनी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के बाद शामिल किया गया था।
दशकों तक सराहनीय सेवा के बाद भारतीय नौसेना ने आखिरकार मार्च 2017 में उसे सेवानिवृत्त कर दिया और तब से यह नौसेना डॉकयार्ड में था।
करीब 1,500 क्रू दल के साथ वह लड़ाकू-तैयार हवाई जहाजों और हेलीकाप्टरों का एक बड़ा भार उठा सकता था। इसने अक्टूबर 2001-जुलाई 2002 में ऑपरेशन पराक्रम में भाग लिया, 18 जुलाई से 17अगस्त, 1989 तक श्रीलंका में ऑपरेशन पवन में भाग लिया, और अपने लंबे समुद्री करियर में उसने कई अन्य असाधारण उपलब्धियां हासिल की थीं।
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित भारतीय चौकियों पर पाकिस्तानी सेना की ओर से कोई हमला नहीं किया गया है। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने शनिवार को संसद में यह जानकारी दी। मंत्री ने हालांकि कहा कि पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा के पास लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन का सहारा ले रही है।
इस साल एक मार्च से सात सितंबर तक जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम उल्लंघन की 2,453 घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा एक मार्च से 31 अगस्त के बीच जम्मू क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीमा पार से गोलीबारी की 192 घटनाएं हुई हैं।
पिछले छह महीनों में पाकिस्तानी सेना की ओर से सीमा पार से की गई गोलीबारी में नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सेना के जवानों पर 10 घातक हमले हुए हैं, जिसमें जवानों को शहादत देनी पड़ी है। वहीं पाकिस्तान की ओर से हताहतों के विवरण का सही पता नहीं लगाया जा सका है।
नाइक ने कहा कि जब-जब ऐसी घटनाएं हुईं, भारतीय सेना ने आतंकियों और पाकिस्तान की सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया है। इसके अलावा उपयुक्त माध्यमों से भारत ने पाकिस्तान के अफसरों के सामने इन मुद्दों पर अपना विरोध भी दर्ज कराया है।
इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अपने समकक्ष पाकिस्तान रेंजर्स के साथ कई स्तरों पर बातचीत करती है।
इसके साथ ही भारत ने सीमा पर स्थिति को सही रखने के लिए कूटनीतिक रूप से भी कोशिशें की हैं।
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार तड़के केरल और पश्चिम बंगाल से अलकायदा के कई आतंकियों को गिरफ्तार किया। इन आतंकियों की अपने अन्य सहयोगियों के लिए भारत में निर्मित विस्फोटक के साथ ही अन्य हथियार डिलीवरी के लिए जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने की योजना थी। एनआईए अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि उन्हें पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर से आदेश मिल रहे थे।
एनआईए के हाथ शनिवार को एक बड़ी सफलता लगी है। एजेंसी ने एक अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है, जिसे पाकिस्तान से अल-कायदा द्वारा संचालित किया जाता था।
इस क्रम में की गई कार्रवाई में पश्चिम बंगाल और केरल से नौ व्यक्ति गिरफ्तार किए गए हैं, जो आईईडी की मदद से हमलों की साजिश रच रहे थे। इनके गिरोह में पटाखों से निकाले गए पोटेशियम से विस्फोटक बनाने का काम चलता था। हथियारों की डिलीवरी के लिए इनका कश्मीर जाने का भी प्लान था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सुबह-सुबह छापेमारी कर छह आतंकियों को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से धर दबोचा है और बाकी के तीन की गिरफ्तारी केरल के एनार्कुलम जिले से हुई है। दहशत का माहौल पैदा करने के लिए इन नौ लोगों के दिमाग में दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में स्थित प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना थी।
इस जांच से जुड़े एनआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "छापा मारने के दौरान एजेंसी को बड़ी संख्या में पटाखें मिले। विस्फोटक बनाने के लिए ये इनमें से निकाले हुए पोटेशियम का इस्तेमाल करते थे।"
गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान मुर्शीद हसन, याकूब बिस्वास और मोर्शरफ हुसैन के रूप में की गई है, ये तीनों ही एनार्कुलम के रहने वाले हैं। इनके अलावा गिरफ्तार हुए नजमुस साकिब, अबू सुफियान, मैनूल मंडल, लेउ इन अहमद, अल ममुन कमाल और अतितुर रहमान, ये मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं। केरल से जिनकी गिरफ्तारी की गई है, वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
ये आतंकी द्वितीय वर्ष के स्नातक छात्र से लेकर किसान, दर्जी, रसोईया, इलेक्ट्रीशियन, कंप्यूटर साइंस स्नातक तक के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित थे।
केरल से गिरफ्तार किए गए आतंकी भी मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
अधिकारी ने यह भी कहा कि मुर्शिदाबाद में स्थित आतंकी सूफियान के घर से उन्हें आईईडी सहित स्विच, बैटरी इत्यादि भी मिले हैं।
अधिकारी ने कहा कि इस आतंकी मॉड्यूल का प्रमुख हसन था। इससे पहले, एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा था कि इस समूह की योजना भारत के कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमले करने और मासूमों की जान लेने की थी।
अल कायदा समूह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद एनआईए ने 11 सितंबर को एक मामला दर्ज किया था।
छापे के दौरान डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज, जिहादी किताबें, धारदार हथियार, देश में बने आग्नेयास्त्र, स्थानीय स्तर पर बनाए गए शरीर कवच, घर पर विस्फोटक सामग्री बनाए जाने से संबंधित किताबें व आर्टिकल जैसी कई चीजें पाई गईं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
गिरफ्तार किए गए इन आतंकियों को मुर्शिदाबाद और एनार्कुलम की अदालतों में पेश किया जाएगा और इस दौरान एजेंसी इनसे पूछताछ के लिए इन्हें हिरासत में लिए जाने की भी मांग करेगी।
एनआईए अधिकारियों के अनुसार, हसन मजदूरी करता है, जबकि बिस्वास कपड़े की दुकान में सेल्समैन है। हुसैन एक रसोईया है और रहमान स्नातक की पढ़ाई कर रहा है और दूसरे वर्ष का कला (ऑर्ट्स) का छात्र है। सुफियान खेती-बाड़ी का काम करता है और इससे पहले वो एक दर्जी था। अहमद एक कॉलेज में इलेक्ट्रीशियन है, मंडल एक रसोईया है, साकिब कंप्यूटर साइंस में स्नातक कर रहा है और ममुन राजमिस्त्री का काम करने के साथ ही ड्राइवर भी है।
अयोध्या, 19 सितंबर (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से उनके पक्ष में अभियान चलाने वाली फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मुंबई में की गई कार्रवाई के विरोध में अयोध्या में तमाम साधु-संतों के बाद रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने पर उनका पुरजोर विरोध करने की बात कही है। आरपीआई (ए) के प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता ने शनिवार को अयोध्या दौरे के दौरान साधु-संतों से मुलाकात की। इस दौरान संतों ने पालघर में साधुओं की हत्या की सीबीआई जांच की मांग की। इस पर उन्होंने संतों की हत्या की सीबीआई जांच के लिए संघर्ष करने की बात कही।
उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में संतों की हत्या के बाद सरकार का जिस तरह का रवैया रहा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम इस मामले को सड़क से संसद तक उठाएंगे।"
इसके साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के बयान पर आरपीआई ने पलटवार किया है। पवन भाई गुप्ता ने कहा कि चंपत राय का बयान अयोध्या के साधु-संतों का अपमान है। उनका बयान भगवान श्रीराम जन्मभूमि की गरिमा के विपरीत है। अयोध्या के साधु-संत पूजनीय हैं। उन्होंने राममंदिर निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके सम्मान को ठेस किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गुप्ता ने कहा कि बाबा साहेब डॉ़ भीमराव आंबेडकर ने हमेशा नारी सम्मान और सशक्तीकरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत पर बदले की भावना से कार्रवाई की, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है। महाराष्ट्र सरकार ने नारी अस्मिता के खिलाफ जाकर ये घटिया कदम उठाया। मुंबई एयरपोर्ट पर आरपीआई के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर कंगना रनौत को सुरक्षा दी।
गुप्ता ने कहा, "हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कंगना मामले में महाराष्ट्र के राज्यपाल से भी मुलाकात की। साथ ही उनके नेतृत्व में आरपीआई के एक-एक कार्यकर्ता ने नारी अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।"
ज्ञात हो कि कंगना रनौत के खिलाफ मुंबई में कार्रवाई के विरोध में अयोध्या में तमाम साधु-संतों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे को अयोध्या में न घुसने देने का एलान किया है। इसके विपरीत श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से साफ कह दिया है कि उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने से कोई रोक नहीं सकता। चंपत राय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के समर्थन में मैदान में उतरे हैं।
जयपुर, 19 सितंबर (आईएएनएस)| अलवर जिले के तिजारा से 45 वर्षीय एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की चौंका देने वाली घटना सामने आई है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि जिस वक्त महिला घटना का शिकार हुई, उस वक्त वह भतीजे के साथ अपने गांव लौट रही थी। मामले के संबंध में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने कहा कि 14 सितंबर को हुई इस घटना में दुष्कर्मियों ने महिला के भतीजे पर भी इस घिनौने कृत्य में शामिल होने का दबाव डाला, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि महिला शिकायत दर्ज करवाने थाने नहीं जाएगी।
तिजारा के डीएसपी कुशाल सिंह ने कहा, हालांकि, 17 सितंबर को इस घटना पर एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि वीडियो को फिल्माने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। आरोपियों में से एक नाबालिग है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला हरियाणा के एक गांव में अपने भाई के यहां उसे कुछ पैसे देने के लिए गई हुई थी। वहां से लौटते वक्त रास्ते में उन्हें तेज धार वाले हथियारों से लैस अज्ञात युवकों के एक समूह ने रोका, जिन्होंने महिला के भतीजे को बंधक बना लिया गया। इसके बाद एक युवक ने महिला के साथ दुष्कर्म किया, जबकि बाकी लोगों द्वारा इसका वीडियो रिकॉर्ड करने और महिला का यौन उत्पीड़न जारी रखा गया।
दुष्कर्मियों की इस टोली ने इस वीडियो को इंटरनेट पर डाल दिया।
डीएसपी ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया गया है।
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| बाटला हाउस मुठभेड़ (एनकाउंटर) को 12 साल बीत चुके हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में हुए विस्फोटों के लिए जिम्मेदार इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के एक प्रमुख आतंकी मॉड्यूल को बेअसर करने का दावा किया था। जामिया नगर का वह फ्लैट, जहां आतंकवादी ठहरे हुए थे, एक भुतहा (हॉन्टिड) जगह बनी हुई है। यहां तब से कोई भी फ्लैट में नहीं रहता है। इसी फ्लैट में आईएम के आतंकी हथियारों के साथ डटे हुए थे।
सोसायटी में एल-18 के निवासी 12 साल बाद भी उस दिन या उस मुठभेड़ के बारे में कुछ नहीं बोलना चाहते हैं। कोई भी उस घटनाक्रम को याद तक नहीं करना चाहता है।
यहां अब गली से लेकर सड़क तक घटनाक्रम को याद करने लायक ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता है। स्थानीय लोग अपने दिनचर्या के कामों में लगे रहते हैं और वे ऐसे लोगों को संदिग्ध रूप से देखते हैं, जो 2008 की मुठभेड़ के बारे में बात करता है। यहां तक कि दुकानदार भी इस घटना को लेकर कानाफूसी करते हैं, लेकिन नाम नहीं बताना चाहते।
बाटला हाउस के पास रहने वाली एक मध्यम आयु वर्ग की महिला ने कहा, "वह रमजान के दिन थे, जब यह घटना हुई थी और उस समय सभी लोग अपने घरों के अंदर थे, लेकिन जब भीड़ को घटनाक्रम के बारे में पता चला तो लोगों ने इसके बारे में जानना शुरू किया। हालांकि उस दिन से कोई गतिविधि नहीं हुई और क्षेत्र में शांति बनी हुई है।"
दिल्ली कांग्रेस मीडिया सेल के साथ काम कर रहे एक पूर्व वीडियो पत्रकार परवेज आलम खान कहते हैं, "इलाके के निवासियों को अभी भी नहीं पता कि उस दिन क्या हुआ था, क्योंकि न्यायिक जांच नहीं हुई है। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वे इसकी जांच के लिए प्रयास करेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं हो सका।"
उस घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह चाणक्यपुरी में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के साथ एक साक्षात्कार की शूटिंग करने के लिए इंतजार कर रहे थे कि तभी उन्हें ऑफिस से बाटला हाउस पहुंचने के लिए कॉल आया, क्योंकि वहां फायरिंग की सूचना मिली थी। तब सुबह के लगभग 10 बजे थे।
उन्होंने कहा, "जब हम एक रिपोर्टर के साथ घटनास्थल पर पहुंचे, जो अब एक चैनल में संपादक हैं, तो उस इलाके में भीड़ और पुलिस की मौजूदगी थी। तब पहले ही इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को गोली लग चुकी थी और वह होली फैमिली अस्पताल में थे।"
आतंकवाद निरोधी अभियान का संचालन करने वाले विशेष प्रकोष्ठ का नेतृत्व तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त करनैल सिंह कर रहे थे, जिन्होंने इस घटना पर एक पुस्तक "बाटला हाउस : एन एनकाउंटर दैट शुक द नेशन" लिखी है।
उन्होंने अपनी किताब में मुठभेड़ के संबंध में पूछे जाने वाले कई प्रश्नों के उत्तर दिए हैं। पूर्व आईपीएस अधिकारी बताते हैं कि उनकी टीम मुठभेड़ से एक दिन पहले यह जानकारी इकट्ठा करने में कामयाब रही कि एक मोबाइल नंबर जिसका इस्तेमाल आतंकवादी मोहम्मद आतिफ अमीन ने किया था, उसका प्रयोग जयपुर विस्फोट (13 मई, 2008), अहमदाबाद (26 जुलाई, 2008) और 13 सितंबर, 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस और ग्रेटर कैलाश में हुए सिलसिलेवार विस्फोट में किया गया था।
अपनी किताब में वह बताते हैं कि पुलिस को फ्लैट के अंदर रहने वालों की ओर से गोली चलाए जाने की उम्मीद नहीं थी। यही वजह है कि अफसर सादे कपड़ों में थे और उन्होंने बुलेट प्रूफ जैकेट भी नहीं पहनी थी, क्योंकि शुरूआती योजना के अनुसार उन्हें जिंदा पकड़ना था।
वह किताब में उपराज्यपाल (एलजी) ऑफिस में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के साथ हुई मुलाकात के बारे में भी बताते हैं कि उन्हें एनकाउंटर के बारे में जानकारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि बाद में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुठभेड़ को लेकर उनकी पीठ थपथपाई थी। इसके अलावा करनैल सिंह बताते हैं कि एक समारोह में भी मनमोहन सिंह ने उनसे कहा था कि आपने अच्छा काम किया है।
बाटला हाउस में मुठभेड़ 19 सितंबर, 2008 को दिल्ली में सिलसिलेवार विस्फोटों के एक सप्ताह बाद हुई थी।
इंडियन मुजाहिद्दीन के दो कथित आतंकवादी, आतिफ अमीन और उसके साथी की मौत हो गई थी। जबकि दो अन्य मोहम्मद सैफ और जीशान को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके अलावा मोहम्मद साजिद भागने में सफल रहा।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा गोली लगने के बाद शहीद हो गए थे।
हालांकि क्षेत्रीय निवासी मुठभेड़ के वर्षों के बाद भी इसे संदेह की निगाहों से देखते हैं और वे अभी भी पुलिस की थ्योरी को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)| राज्यसभा ने शनिवार को दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड) (दूसरा संशोधन) बिल, 2020 पारित कर दिया है। हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्य ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के कोरोना को 'ईश्वर की देन' वाले बयान को लेकर उन पर हमला भी किया यह विधेयक इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल, 2020 की जगह लेगा, जो कि 25 मार्च से 5 जून के बीच उत्पन्न हुईं दिवाला कार्यवाही को प्रतिबंधित करने वाले कानून का एक साल के लिए विस्तार कर देगा।
इसे लेकर सीतारमण ने कहा, "मार्च में हमारे सामने स्थिति स्पष्ट रूप से आजीविका से पहले जीवन को बचाने की थी। जब पीएम ने जनता कर्फ्यू की घोषणा की, तो उन्होंने कहा कि यह एक निवारक उपाय था और वह यह नहीं जानते कि यह कितने समय तक चलेगा। स्वाभाविक रूप से, लॉकडाउन ने व्यवसायों और वित्तीय बाजार को प्रभावित किया। क्या हमें बैठकर केवल देखते रहना चाहिए, नहीं।"
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिनय विश्वम ने सीतारमण पर हाल के दिनों में उनके द्वारा की गई टिप्पणी 'ईश्वर की देन' के लिए हमला किया। उन्होंने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है और वह कह रही हैं कि ये सब ईश्वर के काम हैं। भगवान पर आरोप मत लगाओ। भगवान दोषी नहीं है।"
सीतारमण ने इस बीच विस्तार से बताया कि सेक्शन 7, 9 और 10 का निलंबन कारोबार को दिवालिया होने से बचाने के लिए किया गया है।
विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद अरुण सिंह ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, "इससे बैंक एनपीए में कमी आई है।" साथ ही उन्होंने संशोधन विधेयक को एक उल्लेखनीय और साहसिक कदम बताया।
कांग्रेस के सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि धारा 10 का निलंबन अनुत्पादक होगा। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी कब तक जारी रहेगी, यह निश्चित नहीं है। साथ ही दावा किया कि यदि सरकार केवल बड़े कॉपरेरेट्स की रक्षा करने की कोशिश करती रही तो छोटे व्यापारी इससे प्रभावित होंगे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी संशोधनों का समर्थन करती है, क्योंकि सरकार का लक्ष्य अस्थायी था और भविष्य में इसमें और संशोधन की आवश्यकता हो सकती है।
बीजू जनता दल के अमर पटनायक ने कहा कि 2016 के बाद से आईबीसी काफी सफल रहा है, ऐसे में तीन अध्यादेशों की क्या जरूरत थी। वहीं माकपा के के.के. रागेश ने कहा कि दिवालिया होने की कार्यवाही रोकने से बैंकिंग सेक्टर संकट में आ जाएगा।
श्रीनगर/नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)| उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में कारोबार और नौकरियों में वृद्धि के लिए 1,350 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी। आतंकवाद के साथ ही कोरोनावायरस महामारी की चपेट में आए राज्य के लिए यह पैकेज एक बड़ी सौगात के तौर पर देखा जा रहा है। उपराज्यपाल (एलजी) कार्यालय ने एक बयान में कहा कि आर्थिक पैकेज प्राथमिक रूप से संकटग्रस्त संस्थाओं, पर्यटन और परिवहन क्षेत्रों में स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए एक जीवनरेखा के रूप में कार्य करेगा तथा संक्रामक महामारी और पिछले 15-20 वर्षों से नाजुक सुरक्षा परि²श्य से उत्पन्न आर्थिक मंदी को भी दूर करेगा।
इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किसानों और व्यवसायों को राहत देने के लिए राज्य में एक वर्ष के लिए 50 प्रतिशत बिजली और पानी के बिलों को माफ कर दिया है।
मेगा पैकेज पर निर्णय 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के अनुरूप रहा, जब उन्होंने आश्वस्त किया था कि जम्मू-कश्मीर ने अपनी 'विकास यात्रा' शुरू कर दी है, क्योंकि यह एक साल पहले केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बन चुका है।
उपराज्यपाल सिन्हा ने 18 अगस्त को बैंकिंग, उद्योग, पर्यटन, कृषि और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक व्यापारिक समुदाय और प्रशासनिक उपायों द्वारा आवश्यक सहायता का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया था। बयान में कहा गया है कि समिति ने श्रीनगर और जम्मू के कम से कम 35 व्यापारिक संगठनों के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद एक सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
सिफारिशों को उपराज्यपाल सिन्हा ने स्वीकार कर लिया है। वहीं सरकार ने कहा है कि वे अंतत: कश्मीरियों को सशक्त बनाएंगे, विशेष रूप से उन्हें सशक्त बनाया जाएगा, जो अपने व्यवसाय और आजीविका खो चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए विभिन्न अन्य उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण किया जाएगा।
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर का प्रभार संभालने के बाद से सिन्हा ने प्रशासन को लोगों के दरवाजे पर लाने और प्रशासन में लोगों के विश्वास के पुनर्निर्माण के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी है।
सिन्हा ने कहा, "कुल मिलाकर, यह आर्थिक पैकेज मात्रा और पहुंच के मामले में ऐतिहासिक है। मैं देख सकता हूं कि कश्मीरी केंद्र शासित प्रदेश के विकास में योगदान करने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि वे हमारे पड़ोसी द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद से तंग आ चुके हैं।"
उन्होंने मुसीबत में घिरे लोगों के लिए धनराशि सुनिश्चित करना सामूहिक जिम्मेदारी बताया। इसके साथ ही सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था के त्वरित उछाल, नौकरियों के सृजन और व्यवसायों को मजबूत बनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार सक्रिय रूप से सहायता के लिए अभूतपूर्व और ऐतिहासिक पैकेज पर विचार कर रही है।"
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पैकेज का मुख्य घटक यह है कि कारोबारी समुदाय में से प्रत्येक उधारकर्ता को पांच प्रतिशत ब्याज सबवेंशन (आर्थिक मदद) देने का फैसला किया गया है, जो सरकारी खजाने पर लगभग 950 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह एक बड़ी राहत होगी, जिससे रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।
सरकार ने कहा, "कोविड-19 महामारी की चपेट में आए लोगों को राहत देने के लिए चालू वित्तवर्ष में ब्याज उपकर छह महीने के लिए उपलब्ध होगा।"
इंटरेस्ट सबवेंशन मूल रूप से बिजनेस कम्युनिटी को संभालने के लिए ब्याज दरों पर दी जाने वाली सब्सिडी है। बयान में कहा गया है, "हमने बिजली और पानी के शुल्क के संबंध में एक वर्ष के लिए 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने का भी निर्णय लिया है।"
बयान में कहा गया है कि इससे अर्थव्यवस्था पर 105 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिसे सरकार लोगों के हित के लिए वहन करने को तैयार है।
सरकार ने बस ड्राइवरों/कंडक्टरों, ऑटो/टैक्सी चालकों आदि की सहायता करने का भी फैसला किया है। सरकार ऐसे प्रभावित लोगों के लिए एक अलग ' संरचित तंत्र और पैकेज' दे रही है।
प्रशासन पुराने वाहनों और बीमा आदि के प्रतिस्थापन के लिए हाउसबोट मालिकों, ट्रांसपोर्टरों की भी मदद करेगा।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)| कोविड-19 के संक्रमण से उबरने और पूर्ण चिकित्सा जांच से गुजरने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के शनिवार को लोकसभा के मानसून सत्र कार्यवाही में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही। गौरतलब है कि उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से दो दिन पहले ही छुट्टी मिली है। लोकसभा में शनिवार के लिए कार्यवाही की संशोधित सूची में उनके नाम का उल्लेख किया गया है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि शाह नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी बिल, 2020 को पारित करने के लिए निचले सदन में शामिल होंगे। लोकसभा में शनिवार को दोपहर 3 बजे बैठक शुरू होगी।
शाह का नाम विधायी कार्यक्रम सूची में उल्लिखित है, जो विधेयक को पारित कराने के लिए है। यह विधेयक अध्ययन और अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने और विज्ञान के अध्ययन, कानून के साथ फोरेंसिक विज्ञान, अपराध विज्ञान और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में नेशनल फोरेंसिक विज्ञान यूनिवर्सिटी की स्थापना और उसकी घोषणा करता है।
मंत्री का नाम राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक, 2020 पर विचार और पारित होने के लिए उसे आगे बढ़ाने को लेकर भी सूचीबद्ध है। विधेयक के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व की एक संस्था और इसके निगमन और इससे जुड़े मामलों के लिए राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के रूप में एक संस्थान की स्थापना और उसकी घोषणा करना चाहते हैं।
शाह को पूर्ण चिकित्सा जांच के लिए भर्ती कराए जाने के बाद गुरुवार शाम को एम्स से छुट्टी दे दी गई थी।
बीते 13 सितंबर को शाह को संसद के मानसून सत्र से पहले संपूर्ण जांच के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। यह तीसरी बार था, जब उन्हें कोरोनावायरस से उबरने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)| लोकसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान केंद्र की तरफ से श्रम मंत्रालय के तीन विधेयकों को वापस लिए जाने का निर्णय लिया गया है, ताकि इन्हें फिर प्रस्तुत किया जा सके। व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य की स्थिति संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2019 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 को शनिवार दोपहर के तीन बजे तक एकत्रित किए जाने के बाद निचले सदन से वापस ले लिया जाएगा।
श्रम और रोजगार मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार पर इसका कार्यभार होगा। इनके द्वारा इन्हें दोबारा से प्रस्तुत करने के लिए विचार किए जाने के चलते वापस लेने की जिम्मेदारी होगी।
सरकार ने एक ई-ट्रांसमिशन पोर्टल पर अपना एक बयान अपलोड किया है, जिसमें उन कारणों को सम्मिलित किया गया है जिनके चलते ये विधेयक वापस लिए जा रहे हैं।
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता 2019 का उद्देश्य किसी प्रतिष्ठान में कार्यरत व्यक्तियों की व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाजी परिस्थितियों को संचालित करने वाले कानूनों को मजबूत बनाना और उनमें संशोधन लाना है। विधेयक को पिछले साल 23 जुलाई को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था।
औद्योगिक संबंध संहिता 2019 उन कानूनों पर काम करता था, जो ट्रेड यूनियनों, औद्योगिक प्रतिष्ठान में रोजगार की स्थिति या उपक्रम, औद्योगिक क्षेत्र में विवादों की जांच और निपटान से संबंधित था। इसे पिछले साल 28 नवंबर को लोकसभा में पेश किया गया था।
सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019 में कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कानूनों को शामिल किया गया है। विधेयक को पिछले साल 11 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था।
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| दुष्कर्म के दोषियों का बचना अब मुश्किल होगा। केंद्र सरकार ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म आदि यौन हमले की घटनाओं में सबूतों को जुटाने के लिए राज्यों को 14 हजार से ज्यादा फोरेंसिक किट उपलब्ध कराए हैं। जिससे दुष्कर्म जैसी घटनाओं की वैज्ञानिक तरीके से तेज जांच हो सकेगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ये फोरेंसिक किट निर्भया निधि से खरीद कर राज्यों को उपलब्ध कराया है। किट के इस्तेमाल से यौन हमलों के सबूत जुटाने में पुलिस को आसानी होगी।
दरअसल, बलात्कार जैसे मामलों में दोषियों तक पहुंचने के लिए घटनास्थल से लेकर अन्य सबूत काफी अहम होते हैं। पुलिस के पास फोरेंसिक किट के अभाव में कई बार जरूरी सबूत जुटाने में दिक्कतें होती हैं। जिससे कई बार दोषियों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, कुल 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 14960 फोरेंसिक किट उपलब्ध कराई गई हैं। इस किट को मंत्रालय ने यौन हमला साक्ष्य संग्रहण (एसएईसी) नाम दिया है। निर्भया फंड के 2.97 करोड़ रुपये की लागत से ये किट खरीद कर राज्यों को भेजी गई।
दरअसल, लोकसभा में बीते शुक्रवार को एक सांसद ने निर्भया फंड से फोरेंसिक किटों की खरीद को लेकर सवाल किया था। जिसका केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए निर्भया निधि स्थापित की गई है। इस धनराशि का इस्तेमाल एजेंसियों और राज्यों की ओर से होता है।
उन्होंने बताया कि संविधान की सातवीं सूची के तहत पुलिस और कानून व्यवस्था राज्य के विषय हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखने, और नागरिकों के जानमाल की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्यों की है। फिर भी, यौन हमलों के मामलों में दक्ष और समयबद्ध ढंग से जांच में राज्यों की मदद करने के लिए निर्भया निधि के तहत 2.97 करोड़ रुपये की लागत से एसएईसी किट उपलब्ध कराए गए हैं।
कोयंबटूर सीट से कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के लोकसभा सांसद पीआर नटराजन के सवाल पर महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सभी राज्यों को मिले फोरेंसिक किट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश को सर्वाधिक 3056, मध्य प्रदेश को 1187, राजस्थान को 1452, पश्चिम बंगाल को 454, झारखंड को 426, हरियाणा को 787, दिल्ली को 483 किट उपलब्ध कराए गए हैं। इसी तरह सभी राज्यों को कुल 14950 यौन हमला साक्ष्य संग्रहण (एसएईसी) किट दिए गए हैं। ताकि यौन हमलों की समय से जांच हो सके।
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 19 सितंबर (आईएएनएस)| वैश्विक महामारी कोरोना और जिंदगी के बीच पिछले कुछ माह से जंग जारी है। संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े लोगों को डरा रहे हैं। पर इन सबके बीच एक उजला पक्ष भी है। कोरोना ने लोगों की जिंदगी बदल दी, सड़कों पर बेवजह निकलना कम हो गया। खानपान पर लोग ध्यान देने लगे और सेहत के प्रति फिक्रमंद हो गए। इसका सबसे अच्छा परिणाम जो देखने को मिला वो ये की इस बीच कोरोना के इतर होने वाली मौतों का आंकड़ा घट गया। सामान्य बीमारी और सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें कम हुई। विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राप्त आंकड़े यही बता रहे हैं।
सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां जनवरी से जून में पिछले साल 47,9383 लोगों की बीमारी व अन्य कारणों से जान गई थी। इसकी तुलना में इस साल सिर्फ 29,1387 लोगों की मौत हुई हैं। जनवरी से अगस्त तक के तीन साल के आंकड़े इस बात के सबूत हैं।
सरकार द्वारा दिए गये आंकड़े के अनुसार, "सन 2018 में सरकारी अस्पतालों, सैनिक अस्पताल और रेलवे अस्पताल में नन-कोविड मौतों की कुल संख्या 51,439 थी। 2019 में यह संख्या 47,939 थी, पर इस साल यह घटकर 24,964 पर आ गयी। इसी तरह की कमी समग्रता में भी देखी गयी। मसलन पिछले साल जनवरी से जून के बीच प्रदेश में कुल 49,7383 मौतें हुई। इसी समयावधि में इस साल यह संख्या 29,1387 रही। हालांकि माहवार इस संख्या में विचलन है, पर समग्रता में मृत्युदर में ये कमीं एक सुखद संकेत है। खासकर सेहत के प्रति लोगों के बदलते नजरिया के मद्देनजर यह बदलाव दिखा है।"
गोरखपुर के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. वीएन अग्रवाल ने बताया, "सबसे कम मौतें तब हुई, जब लॉकडाउन पूरी सख्ती से लागू था। आवागमन बंद होने से सड़क हादसों में होने वाली मौतों का न होना भी इसकी एक बड़ी वजह रही। पर्यावरण प्रदूषण से होने वाली मौतें भी घट गई। सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण दिल के रोगियों की भी मृत्यु दर घटी है। यह एक शुभ संकेत है।"
वर्ष 2019 और 20 में जनवरी से जून के दौरान हुई मौतें का ब्यौरा इस प्रकार से है।
राज्य सरकार द्वारा दिए गये आंकड़े के अनुसार, "जनवरी 2019 में 89,515 मौते हुई जबकि 2020 में 84,217 मौतें हुई। इसी प्रकार फरवरी 2019 में 87,830 की मृत्यु हुई थी, 2020 में यह आंकड़ा 56,431 रहा। मार्च 2019 में 82,830 तो 2020 में 42,692, अप्रैल 2019 में 69,550 मौतें हुई तो अप्रैल 2020 में 20,838। मई 2019 में 70,181 तो मई 2020 में 32,085। इसके अलावा जून 2019 में 79,325 जबकि 2020 में महज 55,124 मौतें हुई हैं।"
नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)| विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने देश में हिंदुओं के धर्मातरण की साजिश में लगे संगठनों पर केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि विदेश से चंदा लाने वाले ऐसे संगठनों पर सरकार को प्रतिबंध लगाना चाहिए। हाल में कुछ एनजीओ के खिलाफ गृह मंत्रालय से हुई कार्रवाई पर संगठन ने खुशी जताई है। विहिप की भोपाल में हुई केंद्रीय बैठक खत्म होने के बाद महामंत्री मिलिंद परांडे ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कि जो भी संस्थाएं हिंदुओं का धर्मातरण कराने में लगी हैं, उनके आर्थिक स्रोत पर चोट जरूरी है। विदेशी ताकतों के इशारे पर हिंदुओं का धर्मातरण कराने की कोशिशें चल रही हैं।
उन्होंने आदिवासियों के बीच बढ़ते चर्च के प्रभाव को खत्म करने पर भी जोर दिया और कहा कि इस मामले को सरकार तक भी पहुंचाया जाएगा। विहिप के महामंत्री ने सुर्खियों में आए जकात फाउंडेशन की आय के सोर्स की भी जांच करने पर जोर दिया।
देश के कई हिस्सों में लव जेहाद की बढ़ती घटनाओं पर मिलिंद परांडे ने कहा कि दुर्गा वाहिनी और बजरंग दल के प्रयासों के कारण इन घटनाओं को काफी हद तक रोकने में मदद मिली है। लव जिहाद की शिकार युवतियों के पुनर्वास और आगे के जीवन को बेहतर करने के बारे में भी संगठन काम कर रहा है। हालांकि, लव जेहाद की बढ़ती बीमारी को शासन और प्रशासन के स्तर से भी रोकने की कोशिशें तेज होनी चाहिए।
इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में विहिप के कार्यो की भी जानकारी दी और बताया कि जरूरतमंदों में दो करोड़ भोजन के पैकेट बांटे गए। चार लाख गौवंश की भी देखरेख हुई।
बता दें कि भोपाल में गुरुवार और शुक्रवार को दो दिनों तक विहिप की केंद्रीय बैठक हुई, जिसमें में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी हिस्सा लिया।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शनिवार को बहुचर्चित 3,400 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में कथित भ्रष्टाचार के मामले में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल और राजीव सक्सेना सहित 15 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष दायर किए गए आरोपपत्र में पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा का नाम नहीं है। जबकि 11 सितंबर को जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी।
विशेष न्यायाधीश ने अब पूरक चार्जशीट पर विचार के लिए मामले को 21 सितंबर तक के लिए आगे बढ़ा दिया है। इस मामले में पहली चार्जशीट सितंबर 2017 में दाखिल की गई थी।
यह मामला इटली की डिफेंस मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी फिनमेकेनिका द्वारा बनाए गए 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टरों की खरीद का है, जिसमें हुए भ्रष्टाचार में कई वीवीआईपी के नाम सामने आए हैं। इस सौदे में कथित तौर पर बिचौलियों ने द्वारा कई लोगों को रिश्वत दी गई थी।
बता दें कि इन हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए 2010 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने मंजूरी दी थी। बाद में 1 जनवरी 2014 को इस सौदे को रद्द कर दिया गया था।
सीबीआई ने 12 मार्च, 2013 को इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और पूर्व आईएएफ प्रमुख एस.पी. त्यागी, उनके कुछ रिश्तेदारों और अन्य लोगों पर अनुबंध करने में मदद करने का आरोप लगाया था।
सीबीआई जांच से पता चला है कि त्यागी और उनके रिश्तेदारों को कथित बिचौलिए गाइडो हेश्के, कार्लो गेरोसा और क्रिश्चियन मिशेल द्वारा कई भुगतान किए गए थे।
भारतीय जांच एजेंसियों ने दिसंबर 2018 में ब्रिटिश मूल के निवासी मिशेल को यूएई से गिरफ्तार किया था और वह तब से न्यायिक हिरासत में है। वहीं दुबई के व्यवसायी सक्सेना को इस मामले में 31 जनवरी, 2019 को भारत में प्रत्यर्पित किया गया था।
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) युवाओं के भविष्य को मजबूत करने में एक मील का पत्थर साबित होगा और इससे देश के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' बनने का मार्ग प्रशस्त होगा। 29 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनईपी 2020 को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य देश में स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी सुधार करना है।
इसने शिक्षा पर 34 वर्षीय पुरानी नीति की जगह ली।
राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, "एनईपी 2020 के प्रभावी कार्यान्वयन से शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में भारत की छवि को पुन: गौरव प्राप्त होगा। यह हमारे देश के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल हमारे युवाओं का भविष्य सशक्त बनेगा, बल्कि यह हमारे देश को 'आत्मनिर्भर भारत' बनने की दिशा में भी आगे ले जाएगा।"
आनंद सिंह
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआई) के हाथ शनिवार को एक बड़ी सफलता लगी है। एजेंसी ने एक अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है, जिसे पाकिस्तान से अल-कायदा द्वारा संचालित किया जाता था।
इस क्रम में की गई कार्रवाई में पश्चिम बंगाल और केरल से नौ व्यक्ति गिरफ्तार किए गए हैं, जो आईईडी की मदद से हमलों की साजिश रच रहे थे। इनके गिरोह में पटाखों से निकाले गए पोटेशियम से विस्फोटक बनाने का काम चलता था। हथियारों की डिलीवरी के लिए इनका कश्मीर जाने का भी प्लान था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सुबह-सुबह छापेमारी कर छह आतंकियों को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से धर दबोचा है और बाकी के तीन की गिरफ्तारी केरल के एर्नाकुलम जिले से हुई है। दहशत का माहौल पैदा करने के लिए इन नौ लोगों के दिमाग में दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में स्थित प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना थी।
इस जांच से जुड़े एनआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "छापा मारने के दौरान एजेंसी को बड़ी संख्या में पटाखें मिले। विस्फोटक बनाने के लिए ये इनमें से निकाले हुए पोटेशियम का इस्तेमाल करते थे।"
गिरफ्तार किए गए आतंकियों की पहचान मुर्शीद हसन, याकूब बिस्वास और मोर्शरफ हुसैन के रूप में की गई है, ये तीनों ही एर्नाकुलम के रहने वाले हैं। इनके अलावा गिरफ्तार हुए नजमुस साकिब, अबू सुफियान, मैनूल मंडल, लेउ इन अहमद, अल ममुन कमाल और अतितुर रहमान, ये मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं। केरल से जिनकी गिरफ्तारी की गई है, वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
अधिकारी ने यह भी कहा कि मुर्शिदाबाद में स्थित आतंकी सूफियान के घर से उन्हें आईईडी सहित स्विच, बैटरी इत्यादि भी मिले हैं।
अधिकारी ने कहा कि इस आतंकी मॉड्यूल का प्रमुख हसन था। इससे पहले, एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा था कि इस समूह की योजना भारत के कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमले करने और मासूमों की जान लेने की थी।
अल कायदा समूह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के बाद एनआईए ने 11 सितंबर को एक मामला दर्ज किया था।
छापे के दौरान डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज, जिहादी किताबें, धारदार हथियार, देश में बने आग्नेयास्त्र, स्थानीय स्तर पर बनाए गए शरीर कवच, घर पर विस्फोटक सामग्री बनाए जाने से संबंधित किताबें व आर्टिकल जैसी कई चीजें पाई गईं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
गिरफ्तार किए गए इन आतंकियों को मुर्शिदाबाद और एर्नाकुलम की अदालतों में पेश किया जाएगा और इस दौरान एजेंसी इनसे पूछताछ के लिए इन्हें हिरासत में लिए जाने की भी मांग करेगी।
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| संसद के मानसून सत्र में लाए गए कृषि से जुड़े तीन बिलों पर विपक्ष के विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने निशाना साधा है। कहा है कि जिस तरह से नागरिकता संशोधन कानून पर कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष ने झूठ फैलाकर दिल्ली में दंगा करा दिया, उसी तरह से अब पार्टी किसानों के बीच झूठ फैलाकर उन्हें भड़काने में जुटी है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का मानना है कि कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष किसानों के बीच भ्रम फैलाकर अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश कर रहा है। कैलाश विजयवर्गीय ने किसानों को विपक्ष के बहकावे में न आने की अपील की। उन्होंने इस पूरे मामले की तुलना सीएए के दौरान हुए विरोध-प्रदर्शनों से की। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, "इस देश ने 'नागरिकता संशोधन बिल' के खिलाफ भ्रांति पैदा होते देखी है। अब वहीं ताकतें किसानों में 'कृषि सुधार बिल 2020' के खिलाफ गलतफहमियां पैदा कर रही हैं। ये बिल किसानों के हित में हैं। जो लोग इस बिल के विरोध में भड़का रहे हैं, वे आपके हितैषी नहीं है।"
वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी कहा, "कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पहले सीएए पर झूठ फैला दिल्ली में दंगा कराया। उसी तरह आज किसानों को आजादी दिलाने वाले बिल पर झूठ फैला रहे है। न तो सीएए से किसी की नागरिकता गई, ना ही किसानों के बिल से एमएसपी खत्म होगी। अब किसान देश में कहीं भी उत्पाद बेच सकेंगे।" भाजपा सांसद ने खुला बाजार और बंद भ्रष्टाचार का नारा भी दिया।
‘छत्तीसगढ़’ न्यूज डेस्क
इन दिनों खबरों के घेरे में बनी हुई फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत का यह दावा कितना खरा है कि वे भाजपा समर्थक हैं, लेकिन मुम्बई में उन्हें मजबूरी में शिवसेना को वोट देना पड़ा क्योंकि दोनों पार्टियां एक गठबंधन में थी?
एक प्रमुख समाचार वेबसाइट द क्विंट ने सारे सरकारी रिकॉर्ड देखकर इस दावे को गलत साबित किया है। इस वेबसाइट पर ऐसे ही इंटरनेट झूठ के लिए एक कॉलम है- वेबकूफ, इस कॉलम में कंगना के दावे की जांच की गई जो उन्होंने टाईम्स नाऊ टीवी चैनल पर हाल ही में किया था।
कंगना ने कहा था कि भाजपा का शिवसेना के साथ गठबंधन था और इसलिए उसे मजबूरी में शिवसेना को वोट देना पड़ा। जांच करने पर मिला है कि 2009 से 2019 के बीच, 2014 विधानसभा छोडक़र सभी चुनावों में ये दोनों पार्टियां गठबंधन में थी।
कंगना ने यह नहीं कहा था कि वह कौन से चुनाव की बात कर रही है इसलिए इस वेबसाइट ने और कुछ दूसरे पत्रकारों ने इस दावे को चुनावी तारीखों के साथ मिलाकर परखा। इंडिया टुडे के एक पत्रकार ने बताया कि कंगना का विधानसभा क्षेत्र बांद्रा वेस्ट है, और वहां 2019 और 2014 में भाजपा उम्मीदवार ही था। इस पर कंगना ने कई ट्वीट करके पत्रकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी और यह लिखा कि वे लोकसभा चुनाव की बात कर रही थीं, न कि विधानसभा चुनाव की। लेकिन परखने पर यह दावा भी फर्जी निकला।
दूसरी तरफ कंगना की धमकी और उसकी हरकतों पर मुम्बई प्रेस क्लब ने भी संज्ञान लिया, और नाराजगी जाहिर की।
द क्विंट ने चुनाव आयोग की वेबसाइट से जब कंगना की वोटर जानकारी ली और देखा कि 2009, 2014, और 2019 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उसका दावा कहां सही बैठता है।
2019 लोकसभा में कंगना के इलाके से भाजपा की पूनम महाजन उम्मीदवार थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी पूनम महाजन कंगना के इलाके से उम्मीद थीं। 2009 के लोकसभा चुनाव में भी इस संसदीय सीट से शिवसेना का प्रत्याशी नहीं था, और भाजपा के महेश जेठमलानी उम्मीदवार थे।
द क्विंट ने पाया कि 2019 विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां मिलकर लड़ी थीं, और उम्मीदवार भाजपा का था। 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ी थीं, और शिवसेना का उम्मीदवार भाजपा के उम्मीदवार से हारा था, इसलिए कंगना किसी भी तरह शिवसेना को वोट देने मजबूर नहीं हो सकती थी। 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-भाजपा मिलकर लड़े थे, और कंगना के इलाके से भाजपा के उम्मीदवार की हार हुई थी, वहां शिवसेना का उम्मीदवार ही नहीं था।
इसलिए पिछले 15 बरसों में एक भी चुनाव ऐसा नहीं था जब कंगना के इलाके से विधानसभा या लोकसभा चुनाव में भाजपा का उम्मीदवार न रहा हो।
ये तमाम तथ्य सामने आने के बाद कंगना ने अपने ट्विटर अकाऊंट से बहुत सारे ट्वीट तुरंत डिलिट कर दी है। (thequint)
तिरुवनंतपुरम, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को अल-कायदा आतंकवादियों के एक इंटर-स्टेट मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया। उसने शनिवार सुबह पश्चिम बंगाल और केरल में छापे मारे। नौ में से तीन आतंकवादी केरल के एर्नाकुलम जिले से गिरफ्तार किए गए।
केरल के पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने एर्नाकुलम से गिरफ्तारी की पुष्टि की जहां राज्य में सबसे अधिक प्रवासी मजदूरों की आबादी है। तीनों को कोच्चि के दो स्थानों से उठाया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में मुर्शीद हसन, याकूब बिस्वास और मोर्शरफ हुसैन हैं।
केरल पुलिस को पता चला है कि हुसैन पिछले एक दशक से केरल में था और अलुवा के पास पेरुम्बवूर में एक कपड़ा दुकान में काम कर रहा था।
मीडिया से बातचीत में मुर्शिद हसन के साथ रहने वाले एक शख्स ने कहा कि पुलिस देर रात लगभग 2 बजे आई और हसन को गिरफ्तार कर लिया और डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों, जिहादी साहित्य सहित आपराधिक सामग्री भी बरामद की।
हसन के रूममेट ने कहा, "उसने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान हमारे साथ रहना शुरू किया था। आम तौर पर वह सप्ताह में केवल दो दिन काम करता था और बाकी समय, वह कमरे में रहता था। हमें उसके या उसके परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।"
पुलिस ने अब हसन के साथ रहने वाले सभी लोगों के मोबाइल छीन लिए हैं और उनसे एनआईए कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा है।
दिल्ली में आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में छापे के बाद गिरफ्तारियां की गईं, जहां से छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने भारत के विभिन्न स्थानों से संचालित इंटर-स्टेट आतंकी मॉड्यूल के बारे में पता चलने के बाद एर्नाकुलम और मुर्शिदाबाद के कई स्थानों पर एक साथ छापे मारे।
प्रवक्ता ने कहा, "समूह भारत में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहा था, जिसका मकसद निर्दोष लोगों की जान लेना था।" उन्होंने कहा कि एनआईए 11 सिंतबर को एक मामला दर्ज किया।
छापे के दौरान, डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों, जिहादी साहित्य, धरादार हथियार, स्वेदशी आग्नेयास्त्र, स्थानीय स्तर पर निर्मित बॉडी आर्मर, विस्फोटक बनाने में मदद के लिए लेख और साहित्य सहित बड़ी मात्रा में आपराधिक सामग्री उनके पास से जब्त की गई हैं।
केरल में गिरफ्तार किए गए आतंकी फिलहाल एनआईए अधिकारियों की हिरासत में हैं और बाद में उन्हें यहां एनआईए की एक विशेष अदालत में पेश किया जाएगा और उसके बाद उन्हें दिल्ली ले जाया जाएगा।
जम्मू, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| सुरक्षाबलों ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले से तीन आतंकवादियों को हथियारों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम ने तीनों को गिरफ्तार किया।
इसने कहा, "आतंकवादी घाटी के पुलवामा और शोपियां जिलों से ताल्लुक रखते हैं। उनके पास से दो एके -56 राइफल, दो पिस्तौल, चार हथगोले और 1 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।"
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल और केरल में छापे के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकवादी समूह अल-कायदा से जुड़े नौ आतंकवादियों को शनिवार को गिरफ्तार किया, जो दिल्ली-एनसीआर में कई प्रमुख प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना बना रहे थे। एनआईए के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी ने भारत के विभिन्न स्थानों पर अलकायदा गुर्गो के एक इंटर-स्टेट मॉड्यूल के बारे में पता चलने के बाद केरल के एर्नाकुलम और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में कई स्थानों पर एक साथ छापे मारे।
प्रवक्ता ने कहा, "समूह भारत में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर आतंकवादी हमले करने की योजना बना रहा था, जिसका मकसद निर्दोष लोगों की जान लेना था।" उन्होंने कहा कि एनआईए 11 सिंतबर को एक मामला दर्ज किया।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने पश्चिम बंगाल से छह और केरल से तीन आतंकवादियों को सुबह की छापेमारी में गिरफ्तार किया है।
छापे के दौरान, डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों, जिहादी साहित्य, तेज हथियार, स्वेदशी आग्नेयास्त्र, स्थानीय स्तर पर निर्मित बॉडी आर्मर, विस्फोटक बनाने में मदद के लिए लेख और साहित्य सहित बड़ी मात्रा में आपराधिक सामग्री उनके पास से जब्त की गई हैं।
अधिकारी ने कहा, "प्रारंभिक जांच के अनुसार, इन व्यक्तियों को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के अलकायदा आतंकवादियों द्वारा कट्टरपंथी बनाया गया था और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित कई स्थानों पर हमले करने के लिए उकसाया गया।"
अधिकारी ने कहा कि मॉड्यूल सक्रिय रूप से धन जुटाने में लिप्त था और गिरोह के कुछ सदस्य हथियार और गोला-बारूद खरीदने के लिए नई दिल्ली जाने की योजना बना रहे थे।
गिरफ्तार आतंकवादियों की पहचान मुर्शीद हसन, इयाकुब बिश्वास और मोसरफ हुसेन के रूप में की गई है। ये तीनों एर्नाकुलम के रहने वाले हैं।
नजमुस साकिब, अबू सुफियान, मैनुल मोंडल, लेउ यीन अहमद, अल मामुन कमाल और अतीतुर रहमान, ये सभी मुर्शिदाबाद के रहने वाले हैं।
अधिकारी ने कहा कि उन्हें पुलिस हिरासत और आगे की जांच के लिए केरल और पश्चिम बंगाल में संबंधित न्यायालयों के समक्ष पेश किया जाएगा।
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार सुबह छापेमारी की और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अल-कायदा के नौ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया।
आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और केरल के एर्नाकुलम में कुछ आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया सूचना के आधार पर छापेमारी की गई और इन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया।
श्रीनगर 19 सितंबर (वार्ता) पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रो. सैफुद्दीन सोज ने जम्मू-कश्मीर में किसी के नजरबंद नहीं होने के केंद्र सरकार के बयान पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार को कहा कि वह अभी भी नजरबंद हैं।
प्रो. सोज ने शुक्रवार को कहा ,“ मैं अभी भी नजरबंद हूं। ”
उन्होंने सवाल किया कि कौन किस को गुमराह कर रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री संसद को गुमराह कर रहे हैं या प्रशासनिक अधिकारी उन्हें गलत बयान देने के लिए गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में संसद में कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में कोई भी व्यक्ति नजरबंद नहीं है।