राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| दुनिया एक दिन में 90 हजार से अधिक मामले दर्ज कर सर्वाधिक एकदिवसीय मामलों का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद भारत ने मंगलवार को एक दिन में सर्वाधिक 1,133 मौतें दर्ज कीं। इन्हीं 24 घंटों में देश में 75,809 नए मामले भी सामने आए। इससे पहले एक ही दिन में वायरस के कारण सबसे अधिक 1,129 मौतें 23 जुलाई को दर्ज हुईं थीं।
भारत अब दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है। देश में 30 जनवरी को कोविड का पहला मामला दर्ज होने के बाद से अब तक 42,80,442 मामले दर्ज हो चुके हैं। वहीं अमेरिका में अब तक 63,00,431 मामले और 1,89,206 मौतें दर्ज हुई हैं।
देश में कुल 42,04,613 मामलों में से 8,836,97 सक्रिय मामले हैं। वहीं 33,23,950 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं और 72,775 लोग इस वायरस के खिलाफ जंग हार गए हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक रिकवरी दर 77.65 प्रतिशत के उच्च स्तर पर है और मृत्यु दर 1.70 प्रतिशत है।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कुल सक्रिय मामलों के 62 फीसदी मामले केवल इन पांच राज्यों में हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने सोमवार को एक ही दिन में रिकॉर्ड 10,98,621 परीक्षण किए, जिसके बाद अब तक परीक्षणों की कुल संख्या 5,06,50,128 हो गई है।
झांसी (उत्तर प्रदेश), 8 सितम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश पुलिस ने आबकारी अधिकारियों के साथ मिलकर झांसी जिले के बाहरी इलाके में छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली शराब और कच्चा माल बरामद किया है। सोमवार को हुई इस छापेमारी में पुलिस ने ड्रोन कैमरों और जेसीबी मशीनों की मदद ली।
यहां के पडरी गांव में पुलिस को ऐसा हैंडपंप मिला है, जो जमीन के अंदर बने शराब के बैरलों से जुड़ा था। पुलिस को यहां 50 बैरल में 10 हजार लीटर कच्चा माल मिला है।
जिला मजिस्ट्रेट झांसी आंद्रा वामसी ने कहा कि प्रशासन ने पिछले दो दिनों में 1,245 लीटर अवैध देशी शराब और 14 हजार किलोग्राम कच्चा माल बरामद किया है।
उन्होंने कहा, "हम किसी भी परिस्थिति में अवैध और नकली शराब का निर्माण या बिक्री नहीं होने देंगे। इसकी खपत से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है और सरकारी खजाने को भी नुकसान होता है। हम समय-समय पर इस तरह के ठिकानों पर लगातार छापेमारी करेंगे।"
जिला आबकारी अधिकारी प्रमोद कुमार गोयल ने फोन नंबर जारी कर लोगों से कहा है कि वे इन नंबरों पर अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के बारे में सूचित करें।
मैनपुरी, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| जब सर्वेश दिवाकर ने अपनी बेटी को नोएडा में एक रिश्तेदार के पास रहने के लिए भेजा था, तो उन्हें भी शायद इस बात का अंदाजा नहीं होगा यह फैसला उनकी मौत का कारण बन जाएगा। उनके पड़ोसियों को लगा कि उन्होंने अपनी बेटी को 'बेच दिया' और रविवार शाम को उनके साथ मारपीट की। वह घंटों तक सड़क पर पड़े रहे, लेकिन कोई उन्हें अस्पताल नहीं ले गया।
अखिरकार जब पुलिस मौके पर पहुंची चब जाकर दिवाकर को अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, गंभीर रूप से चोटिल दिवाकर ने सोमवार को दम तोड़ दिया।
एसपी अजय कुमार ने कहा, "हमने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और एक वीडियो से चार लोगों की पहचान की गई है जिसे एक स्थानीय निवासी ने बनाया है। एक व्यक्ति का अभी तक पता नहीं चला है।" शव को ऑटोप्सी के लिए भेज दिया गया है।
दिवाकर (45) फिरोजाबाद के सिरसागंज के एक हलवाई थे जो अपनी 16 वर्षीय बेटी के साथ किराये के मकान में मैनपुरी में रह रहे थे। उनकी बेटी पढ़ाई जारी रखते हुए इलाके के कुछ घरों में नौकरानी के रूप में काम करती थी।
दिवाकर हाल के दिनों में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को नोएडा में एक रिश्तेदार के घर भेज दिया ताकि उसकी देखभाल की जा सके।
पड़ोस में किसी ने अफवाह उड़ा दिया कि उन्होंने लड़की को 'बेच दिया' है और स्थानीय निवासी उन पर टूट पड़े।
एसपी ने कहा, "हमें रविवार शाम को जानकारी मिली कि उनकी पिटाई की गई है। एक टीम वहां पहुंची और उन्हें सड़क पर पाया। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन सोमवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।"
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया है कि वह दलित परिवार को 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और राज्य सरकार से मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये की मांग करेगी।
लखनऊ, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। उन्नाव रेप मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और एक आईएएस अफसर और दो आईपीएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पूर्व भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर इस मामले में आरोपी है। घटना के वक्त आईएएस अफसर उन्नाव में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के तौर पर पदस्थ थे। दो आईपीएस अफसर भी वहीं पदस्थ थे। सीबीआई ने तीनों को काम में लापरवाही का दोषी पाया है।
जांच के दौरान तीनों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद सीबीआई ने सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की।
इस मामले में मखी कोतवाली पुलिस स्टेशन का एसएचओ दोषी पाए जाने के बाद से जेल में है।
सीबीआई इसी मामले में उन्नाव के विधायक रह चुके कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई समेत अन्य आरोपियों को दोषी ठहरा चुकी है। सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर सेंगर को आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है। सजा होने के कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी।
सेंगर ने साल 2017 में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म का आरोप है। जिसके बाद जांच में लापरवाही को देखते हुए मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था।
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लखनऊ, 8 सितम्बर (वार्ता)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने मैनपुरी में दलित युवक की हत्या का हवाला देते हुये कहा है कि उत्तर प्रदेश में हत्या की बढ़ती घटनाये कानून व्यवस्था के योगी सरकार के दावों की पोल खोलती हैं।
सुश्री मायावती ने मंगलवार को ट््वीट किया ‘यूपी में कल मैनपुरी में दलित सर्वेश कुमार की दबंगों द्वारा पीट-पीट कर की गई हत्या व इसी प्रकार महाराजगंज में गोबिन्द चौहान, शाहजहांपुर में राजवीर मौर्य, बरेली में वासिद, कुशीनगर में सुधीर सिंह तथा बांदा में विनोद गर्ग (ब्राह्मण) की गोली मार की गई हत्या आदि की घटनायें अति-दु:खद।’
उन्होंने कहा ‘साथ ही, यूपी के नोएडा में कल ही कैब ड्राइवर की हत्या आदि की घटनायें कानून-व्यवस्था के मामलें में सरकारी दावों की पोल खोलती हैं। सरकार कानून को हाथ में लेने वालों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे व पीड़तिों को न्याय दे व उनकी आर्थिक मदद भी जरूर करे, बीएसपी की यह मांग।’
गौरतलब है कि बसपा अध्यक्ष ने हाल के दिनो में सत्तारूढ़ भाजपा पर विशेषकर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हमले करना तेज कर दिया है। दो दिन पहले लखीमपुर खीरी के पूर्व विधायक नृपेन्द्र मिश्र और इसी जिले में छात्रा की बलात्कार के बाद हत्या के मामले पर उन्होने योगी सरकार को घेरा था।
नई दिल्ली, 8 सितम्बर (वार्ता)। भारत ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसके सैनिकों की भडक़ाऊ गतिविधियो को छिपाने के लिए गुमराह करने वाले बयान दे रहा है और भारतीय सैनिकों ने कभी भी वास्तविक नियंत्रण रेखा का अतिक्रमण की कोशिश नहीं की है।
रक्षा मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर चीन के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि उसके सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भडक़ाने वाली गतिविधियां कर रहे हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश कर रहे हैं जिसे भारतीय सैनिकों ने बार बार विफल किया है।
बयान में कहा गया है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने और स्थिति सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन चीन निरंतर उकसाने वाली गतिविधियों में लिप्त है। बयान में जोर देकर कहा गया है कि भारतीय सेना ने कभी भी एलएसी का अतिक्रमण करने की कोशिश नहीं की और न ही कभी फायरिंग सहित कोई उकसाने वाली कार्रवाई की है।
मंत्रालय ने कहा है कि चीनी सैनिक समझौतों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए उकसाने वाली कार्रवाई कर रहे हैं और सैन्य, राजनयिक और राजनीतिक स्तर पर हो रही बातचीत को धत्ता बता रहे हैं।
भारत ने कहा है कि सात सितम्बर के घटनाक्रम में चीनी सैनिकों ने एलएसी पर बनी हमारी एक अग्रिम चौकी की ओर बढने की कोशिश की जिस पर भारतीय सैनिकों ने उन्हें आगाह किया तो चीनी सैनिकों ने डराने के लिए कुछ राउंड फायरिंग की हालाकि गंभीर स्थिति के बावजूद भारतीय सैनिकों ने संयम और परिपक्व तथा जिम्मेदारीपूर्ण रूख अपनाया।
मंत्रालय ने कहा है कि सेना सीमा पर शांति तथा स्थिरता बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन वह राष्ट्रीय एकता और संप्रभुता के लिए किसी कीमत पर समझौता नहीं करेगी। चीन गलत बयान देकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। चीन ने भारतीय सैनिकों पर फायरिंग करने और एलएसी का अतिक्रमण करने की कोशिश का आरोप लगाया है।
मुंबई, 8 सितंबर (भाषा)। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद अपने बयानों से लगातार सुर्खियों में बनी अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई स्थित दफ्तर पर चल रहे निमार्ण काम पर बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने रोक लगा दी है। म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई ने उनके दफ्तर में चल रहे रेनोवेशन के काम को नियमों का उल्लंघन बताते हुए ‘काम रोकने’ का नोटिस चिपका दिया है। इस बाबत एक ट्वीट में जानकारी देते हुए कंगना ने जानकारी दी कि उनके द्वारा की जा रही आलोचनाओं के चलते बीएमसी लीकेज का काम रोकने का आदेश दे गई है।
कंगना ने लिखा है, ‘सोशल मीडिया पर मेरे दोस्तों ने मुझे यह भेजा है। इस बार वह बुलडोजर के साथ नहीं आए लेकिन मेरे ऑफिस में लीकेज पर चल रहे काम को रोकने के लिए नोटिस चिपका कर चले गए। दोस्तों मुझे बहुत नुकसान हो सकता है लेकिन मुझे आप सभी का अपार प्यार और समर्थन मिल रहा है।’
बीएमसी मेरे कार्यालय को कर सकती है ध्वस्त-कंगना
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने उनके कार्यालय परिसर में बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों की मौजूदगी का वीडियो सोमवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया था और आशंका जताई थी कि वे उनके कार्यालय को ध्वस्त कर सकते हैं।
हालांकि, बीएमसी ने कहा कि उसके अधिकारियों का दौरा उपनगरीय इलाके बांद्रा में अवैध निर्माण पर निगरानी रखने की उनकी नियमित प्रक्रिया का हिस्सा था, जहां अभिनेत्री का कार्यालय है। निगम उपायुक्त पराग मसूरकर ने अधिकारियों के एक दल द्वारा रनौत के कार्यालय का दौरा किए जाने की पुष्टि करते हुए कहा था कि उनके रिकॉर्ड के अनुसार रनौत का कार्यालय एक रिहायशी संपत्ति थी और वे यह पुष्टि करने गए थे कि वहां के ढांचे में कोई बदलाव तो नहीं किया गया है।
सोमवार को उन्होंने ट्वीट किया कि शिवसेना शासित बीएमसी के अधिकारी उनके कार्यालय पहुंचे थे और वे मंगलवार को कार्यालय को ध्वस्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यालय में कुछ भी अवैध नहीं किया है और बीएमसी को नोटिस के साथ अवैध निर्माण दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने जबरन मेरे कार्यालय की माप ली है और वे मेरे पड़ोसियों को धमका भी रहे थे। मुझे बताया गया है कि वे मेरी संपत्ति को कल ध्वस्त कर रहे हैं।’
नई दिल्ली, 8 सितंबर (वार्ता)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए मंगलवार को कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण कर खजाने को भरने में जुटे हैं।
श्री गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'मोदी जी ‘सरकारी कंपनी बेचो’ मुहिम चला रहे हैं। खुद की बनायी आर्थिक बेहाली की भरपाई के लिए देश की सम्पत्ति को थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जा रहा है। जनता के भविष्य और भरोसे को ताक पे रखकर एलआईसी को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है।'
इसके साथ ही उन्होंने एक खबर भी पोस्ट की है जिसमें लिखा है, 'एलआईसी में 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर खजाना भरेगी केंद्र सरकार।'
मुंबई, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| अभिनेता सुशांत राजपूत की मौत के मामले में कथित ड्रग्स एंगल को लेकर चल रही जांच के सिलसिले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती मंगलवार को लगातार तीसरे दिन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के सामने पेश हुई। रविवार को, वह पहली बार एनसीबी के सामने पेश हुई थीं और उनसे छह घंटे की पूछताछ की गई थी।
सोमवार को फिर से, एनसीबी की कम से कम दो टीमों ने उनसे आठ घंटे तक पूछताछ की थी।
खुद के निर्दोष होने का दावा करने वालीं अभिनेत्री पूछताछ के बाद बांद्रा पुलिस के पास गई और सुशांत की बहन प्रियंका सिंह के खिलाफ फर्जी मेडिकल पर्चा भेजने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।
5 सितंबर को, रिया के भाई शोविक चक्रवर्ती, सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा, उनके घर के हेल्पर दीपेश सावंत को गिरफ्तार किया गया और 9 सितंबर (बुधवार) तक एनसीबी की हिरासत में भेज दिया गया।
जयपुर, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का 43 वां जन्मदिन अलग-अलग तरीके से मनाया गया। उनके जन्मदिन के मौके पर लगभग 45,000 लोगों ने रक्तदान किया है, जो आज तक राज्य में किसी नेता के आह्वान पर रक्तदान करने वालों की सबसे बड़ी संख्या है। सोमवार को पायलट का जन्मदिन था। जगह-जगह होर्डिग लगाए गए थे। वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए थे, पशुओं के चारे की व्यवस्था की गई थी, राज्य के विभिन्न हिस्सों में नेत्रदान शिविर लगाया गया था। राज्य के सभी जिलों में गरीबों में भोजन और फल बांटे गए और गरीब बच्चों को किताबें वितरित की गईं।
अपने जन्मदिन से पहले, पायलट ने खुद लोगों से अपील की थी कि वे कोविड-19 महामारी के समय में जयपुर न आएं और भीड़ न करें। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से आगे आने अकर रक्तदान करने के लिए कहा था।
पायलट ने जन्मदिन से पहले एक बयान में कहा था, "मैंने सभी से अपील की है कि 7 सितंबर को मेरे जन्मदिन पर मुझे शुभकामनाएं देने के लिए जयपुर आकर भीड़ न करें। लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का महत्व सर्वोपरि है और हम सभी को अधिकारियों द्वारा जारी प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
उनकी सलाह के बाद, उनके समर्थक और कार्यकर्ता जयपुर नहीं आए लेकिन इतिहास रचने के लिए उन्होंने राज्य के विभिन्न जगहों पर रक्तदान किया।
जिलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, जयपुर शहर में 7,222 यूनिट , झालावाड़ में 6,151 यूनिट, जयपुर ग्रामीण में 3,453 यूनिट, सीकर में 3,182 यूनिट, अजमेर में 3,181 यूनिट, अलवर में 2,390 यूनिट और दौसा में 2,211 यूनिट रक्तदान किया गया।
राजस्थान में सभी 200 विधानसभा सीटों पर इस विशाल रक्तदान अभियान ने पायलट के 43वें जन्मदिन पर एक छाप छोड़ी है।
हालांकि यह अभियान उनके जन्मदिन को चिन्हित करने के लिए समाज सेवा के तौर पर दर्शाया गया है लेकिन इसे राजनीतिक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है कि पायलट को अभी भी बड़े पैमाने पर राज्यभर में पार्टी के कार्यकर्ताओं और युवाओं का समर्थन हासिल है।
सोमवार को, पायलट ने एक वीडियो संदेश में अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया और कहा कि कोविड-19 के समय में रक्तदान सबसे बड़ी मानवता है, राजस्थान के लोगों का समर्थन मेरे लिए ताकत का एक बड़ा स्रोत रहा है और मैं उन लोगों के आशीर्वाद के लिए आभारी हूं जिन लोगों ने मुझे जन्मदिन की बधाई दी और साथ ही एक नेक काम के लिए रक्तदान किया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कैम्प हालांकि रक्तदान अभियान के दौरान सक्रिय नहीं था और उन्होंने ट्विटर पर पायलट को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।
इंदौर, 8 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के व्यापारिक नगरी इंदौर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां महज वीडियो गेम में मिलने वाली हार के चलते एक मासूम ने अपनी साथी मासूम बालिका की पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की दोपहर को लसूड़िया थाना क्षेत्र में रहने वाली नौ साल की बालिका स्नान करने के बाद फूल तोड़ने निकली, मगर लौटी नहीं। जब काफी देर तक उसका पता नहीं चला तो परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने कुछ देर में ही बच्ची का पत्थर से कुचला सिर बरामद कर लिया। मामले की जांच पर पुलिस ने मृतक बच्ची के मकान में किराए से रहने वाले परिवार के 11 साल के बच्चे को हिरासत में लिया।
पुलिस उप महानिरीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा के मुताबिक, हिरासत मे लिए गए 11 साल के बच्चे ने हत्या की बात स्वीकारते हुए पुलिस को बताया है कि, मृतका, उसका भाई और वह ऑन लाइन वीडियो गेम खेलते थे। वह हमेशा मुझे हरा देती थी। मेरे पास एक पिंकी नाम की सफेद चुहिया थी, जो बच्चे भी देने वाली थी। उसे चार-पांच माह पहले मृतका ने मार दिया था। इस कारण मैं गुस्से में था।
मिश्रा के अनुसार, इन वीडियो गेम में यह बच्चे एक दूसरे के विरोधी के तौर पर खेलते थे। आरोपी को इस बात का मलाल होता था कि वह हर बार हार जाता था। आरोपी बच्चा अपनी साथी बालिका को मकान के पास ही खाली पड़े भूखंड में ले गया और उसके सिर पर पत्थर मार दिया। ज्यादा खून बहने के चलते बालिका की मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपी बच्चे ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि वह अपनी साथी बालिका को खाली पड़े भूखंड में ले गया, जहां झगड़ा हुआ और उसके सिर पर पत्थर मारा था, खून निकलने पर एक और पत्थर मारकर आ गया था।
बेंगलुरु, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित 10,100 बेड की सुविधा वाला भारत का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) बैंगलोर इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर (बीआईईसी) मरीजों की कमी के कारण 15 सितंबर से बंद हो जाएगा। बेंगलुरु 'सिविक बॉडी' ने यह फैसला कोविड केयर सेंटर के टास्कफोर्स के प्रमुख राजेंद्र कुमार कटारिया द्वारा इस तरह के कदम उठाने का सुझाव देने के बाद किया। इसके पहले, उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के साथ चर्चा की थी।
बहुत जोरशोर के साथ शुरू हुई इस सुविधा में पुलिस निगरानी के तहत लॉकडाउन के दौरान कुछ समय के लिए प्रवासी मजदूरों को क्वारंटीन में रखा गया था।
बड़े कन्वेंशन के लिए खरीदे गए फर्नीचर और बेड, सरकार और यूनिवर्सिटी के छात्रावासों को दिए जाएंगे।
समाज कल्याण विभाग को अपने छात्रावासों के लिए 2,500 सेट फर्नीचर मिलेंगे और बागलकोट हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के छात्रावास, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के छात्रावास और जीकेवीके को 1,000-1,0000 फर्नीचर सेट मिलेंगे।
बीआईईसी कई वैश्विक कार्यक्रमों जैसे कि सेबिट और अन्य की मेजबानी के लिए प्रसिद्ध है।
नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच फिर झड़प हो गई है। इसमें दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे को डराने-धमकाने और पीछे धकेलने के लिए हवा में गोलीबारी की। यह घटना सोमवार को पैंगोंग सो (झील) के दक्षिणी तट के पास शेनपाओ पर्वत के पास हुई।
इसे लेकर चीन ने एक बयान जारी कर कहा है, "भारतीय सेना ने चीनी सीमा के गश्ती दल के सैनिकों को धमकी देने के लिए फायरिंग की, जिसने चीनी सीमा रक्षकों को जमीन पर अपनी स्थिति स्थिर रखने के लिए जवाबी कार्रवाई करने पर मजबूर किया।"
चीन ने आगे कहा, "भारत की कार्रवाई ने चीन और भारत के बीच प्रासंगिक समझौतों का गंभीरता से उल्लंघन किया है। उसने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाया है और गलतफहमी पैदा कर दी है।"
बयान में कहा गया है कि यह गंभीर सैन्य उकसाव और गलत बर्ताव है।
चीनी पीपुल्स लिबरेशन के वेस्टर्न थिएटर कमांड के कर्नल झांग शुइली ने एक बयान में कहा, "हम भारतीय पक्ष से आग्रह करते हैं कि वे ऐसे खतरनाक काम को तुरंत रोकें, क्रॉस-लाइन कर्मियों को हटाएं, अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को कड़ाई से शांत रहने के लिए कहें और जिन लोगों ने फायरिंग की उन्हें दंडित करें, ताकि सुनिश्चित हो कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।"
भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि चीन ने अपने गश्ती दल को डराने के लिए हवा में गोलीबारी करने का सहारा लिया। हालांकि भारतीय सेना का आधिकारिक बयान आना बाकी है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग चार महीने से गतिरोध जारी है। कई स्तरों के संवाद के बावजूद अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और वहीं हताहत चीनी सैनिकों की संख्या अज्ञात है।
नयी दिल्ली, 8 सितम्बर (वार्ता) पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में शांति, समाज सेवा, निरस्त्रीकरण और विकास के क्षेत्र में काम करने के लिए दिया जाने वाला प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार आज प्रसिद्ध प्रकृतिवादी सर डेविड एटनबरो को दिया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में सोमवार को यहां आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में सर डेविड एटनबरो को वर्ष 2019 के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया। इंदिरा गांधी न्यास पूरी दुनिया में जैवविविधता को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए प्रेरित करता है और इस दिशा में काम करने वाले एटनबरों को यह सम्मान प्रदान किया गया। श्री एटनबरो के नाम का चयन पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाली अंतरराष्ट्रीय जूरी ने किया था।
इस मौके पर श्रीमती गांधी ने कहा कि डा. एटनबराे ने आधी सदी से अधिक समय तक लगातार प्रकृति के संरक्षण और जीव जंतुओं की सुरक्षा के लिए काम किया है और पूरी दुनिया में उन्होंने पशु पक्षियों की आवाज बनकर काम किया है। उन्होंने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने भले ही एक राजनीतिक परिवार में जन्म लिया था लेकिन वह जंगल,पशु पक्षियाें की सुरक्षा के काम से जुड गयी थीं और इससे आजीवन जुडी रहीं।
उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी के प्रकृति के प्रति प्रेम का ही परिणाम था कि वह 1950 में दिल्ली बर्ड वाचिंग सोसायटी की सदस्य बनीं। उन्होंने दुनिया में शांति, समाज सेवा, निरस्त्रीकरण तथा विकास के क्षेत्र में भी असाधारण काम किया और दुनिया को सबसे पहले बताया कि वातारण में जो बदलाव आ रहा है वह एक दिन विश्व के लिए चुनौती बनेगा और इस दिशा में विश्व के नेताओं को कदम उठाने चाहिए।
डॉ. सिंह ने कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण के लिए काम किया और वह इस दिशा में काम करने वाली कई संस्थाओं से जुडी रही। उन्होंने कहा कि विश्व की पहली नेता थी जिन्होंने पर्यावरण में आ रहे बदलाव के प्रति विश्व का ध्यान आकर्षित किया।
सर एटनबरो ने इस मौके पर कहा कि मनुष्य जंगलों को काटकर वहां बसना चाहता है और पशु पक्षियों के हक को मारकर जीने की लालसा पाले हुए है इसलिए पूरी दुनिया को इस पर चिंतन करना चाहिए। उन्होंने कि पहले शताब्दियों तक मनुष्य ने सबकी चिंता की तो उसे शांति और खुशहाली मिलती रही लेकिन आज स्थिति पलट गयी है और मनुष्य पशु पक्षियों के आशियाने को कब्जा रहा है। जंगली जानवरों का दायरा ही नहीं घट रहा है बल्कि उनकी संख्या भी बहुत तेजी से घट गयी है।
उन्होंने कहा कि जंगलों के घटने से पारिस्थितिकी परिवर्तन दुनिया में आया है यह तबाही का प्रतीक है। इसकी वजह से समुद्र के स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है और हिमनद तेजी से पिघल रहे हैं। पूरी दुनिया के देशों को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए और प्रकृति की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। जैव विविधता का संकट लगातार बढ़ रहा है और दुनिया में बढ़ते इस संकट काे दूर करने के लिए विश्व के एक दूसरे देश की मदद करनी होगी।
प्रयागराज, 8 सितंबर (आईएएनएस)| अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद साधु संतों की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काशी और मथुरा को मुक्त कराने का ऐलान कर दिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में हुई आपात बैठक में साधु संतों ने सर्वसम्मति से कुल 8 प्रस्ताव पास किये हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि आम सहमति न बनने पर संवैधानिक तरीके से कोर्ट के माध्यम से कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने अयोध्या की तरह काशी और मथुरा की मुक्ति के लिए आरएसएस-वीएचपी से समर्थन भी मांगा है।
अखाड़ा परिषद ने कहा है कि काशी और मथुरा को मुक्त कराने के लिए वीएचपी और आरएसएस के साथ ही अन्य हिन्दूवादी संगठनों की मदद से अखाड़ा परिषद बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा।
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि उप्र में योगी आदित्यनाथ की सक्षम सरकार है और राज्य में मुस्लिम बहुल इलाकों में रहने वाले हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र में साधु असुरक्षित हैं और उनकी हत्याएं हो रही हैं। बढ़ते लव जेहाद के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्रवाई के लिए अखाड़ा परिषद ने धन्यवाद दिया है।
उन्होंने प्रयागराज में जनवरी में होने वाले माघ मेले पर रोक न लगाने की सरकार से अपील की है और केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक माघ मेले का आयोजन करने की बात कही है।
अखाड़ा परिषद ने माघ मेले में संस्थाओं पर रोक लगाकर संत-महात्माओं और कल्पवासियों को स्थान देने की मांग की है। प्रयागराज की परिक्रमा की परंपरा में इस बार कम संख्या में साधु-संत शामिल होंगे।
पालघर की घटना की सीबीआई से जांच की कराने की भी मांग की गई। अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और सचिव हरिगिरि के अलावा सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि बैठक में मौजूद रहे।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)| शिवसेना सांसद संजय राउत की ओर से फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत पर आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी की नेशनल यूनिट से भी अब प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पी. मुरलीधर राव ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा है, "उद्धव जी, गलत नंबर डायल हो रहा है।" मुरलीधर राव ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, "हरामखोर जैसे शब्दों का उपयोग राजनीतिक संवाद में शोभा नहीं देता। यह शब्द ऐसे लोगों के खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है, जो मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार नेता भी नहीं हैं, सिर्फ सुशांत सिंह राजपूत और पालघर मॉब लिंचिंग के मामले में न्याय चाहते हैं और स्वच्छ बॉलीवुड की मांग रखते हैं।"
राव ने शिवसेना नेताओं को संबोधित करते हुए आगे कहा, "छत्रपति शिवाजी की कर्मभूमि और बालासाहेब ठाकरे की जन्मभूमि में राजनीतिक युद्ध जीतने के लिए इंसानियत को गंवाना ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री उद्धव जी गलत नंबर डायल हो रहा है।"
सुशांत सिंह राजपूत मामले में भाजपा की तरफ से पी. मुरलीधर राव शुरुआत से ही मुखर रहे हैं। भाजपा महासचिव सुशांत सिंह राजपूत केस की एनआईए से जांच कराने की मांग भी उठा चुके हैं। उनका कहना था कि बॉलीवुड में दुबई आदि से ड्रग्स की सप्लाई होती है। चूंकि सुशांत सिंह राजपूत केस की कई कड़ियों के लिंक बाहरी देशों से जुड़ते नजर आ रहे हैं। इस नाते इस केस की सही जांच एनआईए ही कर सकती है।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को वीडियोकॉन ऋण मामले में गिरफ्तार कर लिया है। ईडी के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "दीपक कोचर को दिनभर की लंबी पूछताछ के बाद धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।"
उन्हें वित्तीय जांच एजेंसी की मुंबई शाखा ने गिरफ्तार किया है।
वीडियोकॉन के निदेशक वेणुगोपाल धूत, उनकी कंपनियों (वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड) के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर पिछले साल ईडी द्वारा धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला दर्ज किया गया था। इसके साथ ही ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की थी। उस कार्रवाई के लगभग एक साल बाद अब ईडी ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया है।
इस साल की शुरुआत में ईडी ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और सीईओ, उनके पति और उनके द्वारा नियंत्रित/स्वामित्व वाली कंपनियों की 78.15 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की थी।
यह मामला वीडियोकॉन समूह को बैंक ऋण देने में कथित अनियमितताओं और मनी लांड्रिंग की जांच से जुड़ा है।
जांच के दौरान यह पता चला कि वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) और उसकी समूह की कंपनियों को मंजूर किए गए 1,730 करोड़ रुपये के ऋण को पुनर्वित्त और नया ऋण दिया गया था और ये ऋण 30 मार्च, 2017 को आईसीआईसीआई बैंक के लिए गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन गए।
जांच में पता चला कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को स्वीकृत किए गए 300 करोड़ रुपये के कर्ज में से 64 करोड़ रुपये आठ सितंबर, 2009 को दीपक कोचर के स्वामित्व वाली नूपावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड) में स्थानांतरित किए गए थे। वीडियोकॉन ने यह रकम कर्ज मंजूर होने के एक दिन बाद स्थानांतरित की थी। इसके बाद इस रकम से दीपक कोचर की कंपनी ने 10.65 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)| दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने पांच महीने के निलंबन के बाद सोमवार को अपनी सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं, जिसपर सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन ने यात्रियों को कम से कम सामान और धातु की वस्तुओं को ले जाने की अपील की। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) प्रमुख ने यह अपील चेकिंग प्वाइंट पर भीड़ से बचने के लिए स्पीड बैगेज स्क्रीनिंग और फ्रिस्किंग के लिए की।
सीआईएसएफ के महानिदेशक ने दिल्ली मेट्रो स्टेशनों का दौरा करने के बाद कहा कि डीएमआरसी ने सुबह 7 बजे से येलो लाइन पर अपनी सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं।
उन्होंने कोरोनावायरस की चुनौती को व्यवस्थित करने के लिए सीआईएसएफ के नजरिए से की गई स्थिति और व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी मद्देनजर सभी प्रकार की अतिरिक्त सुरक्षात्मक कदमों का पालन किया जा रहा है।
रंजन ने सुधीर कुमार सक्सेना एडीजी (हेडक्वाटर), दयाल गंगवार इंस्पेक्टर जनरल (एनसीआर), जितेंदर राणा डीआईजी (डीएमआरसी) समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केंद्रीय सचिवालय से चढ़कर राजीव चौक से लेकर जोरबाग तक मेट्रो का दौरा किया।
इस दौरे के दौरान रंजन ने सीआईएसएफ कर्मियों से मुलाकात की और उन्हें नए सरकारी दिशानिर्देशों के बारे में अवगत कराया, इस दौरान उन्होंने मेट्रो यात्रियों से भी बातचीत की।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रवादी जनता पार्टी (राजपा) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कोरोनावायरस महामारी और बाढ़ की गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को बिहार चुनाव टालने का निर्देश देने की मांग की गई है।
पार्टी ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत से मांग की है कि वह चुनाव आयोग को बिहार विधानसभा चुनाव अगले साल मार्च में कराए जाने का निर्देश दें। बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर से नवंबर के बीच होने की संभावना है।
दलील में कहा गया है, "भारत के लोगों की सुरक्षा के लिए बेहतर होगा कि मार्च, 2021 के महीने में किसी समय चुनाव आयोजित किया जाए, जब राज्य में स्थिति कुछ सामान्य हो जाए, ताकि नागरिकों को महामारी या बाढ़ से कोई खतरा न हो और वह इसमें भाग ले सकें और अपना वोट सुरक्षित रूप से दे सकें।"
याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान में दुनिया के अधिकांश देश कोविड-19 महामारी से पीड़ित हैं और भारत इसका लगभग केंद्र बन गया है।
याचिका में कहा गया है, "भारत एक विकासशील देश है और इसकी एक विशाल आबादी है। संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों जैसे विकसित देशों की तुलना में हमारे देश की विशाल आबादी और चिकित्सा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, फैसला लिया जाए, क्योंकि हर तरह से संभावना है कि यह महामारी आगे और बढ़ेगी। भारत के लोगों का जीवन अभी खतरे में है।"
राज्य में बाढ़ की स्थिति का हवाला देते हुए दलील में कहा गया है कि लाखों लोग बेघर हो गए हैं और उनकी आजीविका प्रभावित हुई है। इसलिए, इन असाधारण परिस्थितियों में सरकार को वोट डालने के लिए लोगों पर किसी तरह का भार नहीं डालना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा है कि ऐसे समय में जब महामारी अपने चरम पर है और राज्य में बाढ़ के कारण लोगों की स्थिति दयनीय है, तो इस समय चुनाव कराने से बचना चाहिए।
राजपा अध्यक्ष और अधिवक्ता बिनय कुमार दास के माध्यम से दी गई याचिका में कहा गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव स्थगित करने के बारे में निर्वाचन आयोग को 30 जून को एक प्रतिवेदन दिया गया था, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
नई दिल्ली, 7 सितंबर। प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एफएफजे) ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर पंजाब में 13 सितंबर को 'रेल रोको' आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब में कानून प्रवर्तन एजेंसियों और पुलिस को सतर्क कर दिया है।
सोमवार की सुबह गोयल को भेजे एक ईमेल पत्र में, अमेरिका आधारित एसएफजे के अटॉर्नी और जनरल काउंसलर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने रेलमंत्री को 13 सितंबर को पंजाब में किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए सभी ट्रेनों को रद्द करने की चेतावनी दी है।
एसएफजे ने पत्र में दावा किया है कि किसानों की ओर से इस संबंध में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिलने वाली है, जिसके तहत वह 'चेन पुलिंग' और पंजाब भर में ट्रेन की पटरियों पर 'धरना' (विरोध प्रदर्शन) के माध्यम से 'रेल रोको' अभियान में शामिल होंगे।
इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को पंजाब में किसान आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के प्रति उदासीनता और आपराधिक लापरवाही का दोषी ठहराया गया है। इसके साथ ही पत्र में उल्लेख किया गया है कि एसएफजे ने किसानों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए 13 सितंबर को 'रेल रोको' आंदोलन करने की योजना बनाई है।
पत्र में कहा गया है, "हम सावधान करते हुए लिख रहे हैं कि किसानों की आत्महत्या पर जनता की भावनाएं आहत हो रही हैं। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 13 सितंबर को पंजाब में सभी मार्गो पर रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया जाना चाहिए।"
रेलमंत्री को लिखे गए पत्र ने संकेत दिया गया है कि अगर 13 सितंबर को निर्धारित समय पर पंजाब में ट्रेनों को चलाया जाता है तो यह सरकार की ओर से सार्वजनिक आक्रोश का अनादर होगा।
पत्र में कहा गया है, "सबसे अधिक शिक्षित, योग्य और परिष्कृत व्यक्ति होने के नाते, जो वास्तव में मोदी के मंत्रिमंडल में एक दुर्लभ व्यक्ति हैं, हम उनसे पूरी उम्मीद करते हैं कि हमारी भावना को बेहतर तरीके से समझेंगे और आप पंजाब में ट्रेनों को रद्द करवा देंगे।"
रेलमंत्री के साथ ही यह पत्र रेल राज्यमंत्री सुरेश चनबसप्पा, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी, मंडल रेल प्रबंधक, फिरोजपुर राजेश अग्रवाल और रेलवे पुलिस, पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) संजीव कालरा को भी मेल किया गया है।
खालिस्तान समर्थक संगठन लंबे समय से भारत में कानून-व्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। इस संगठन ने अपने हालिया प्रयास में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को 125,000 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी।
भारत की ओर से रेफरेंडम 2020 के तहत मतदाता पंजीकरण वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने के बाद अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने हाल ही में गूगल प्ले स्टोर पर मतदाता पंजीकरण ऐप लॉन्च किया था।
प्रतिबंधित संगठन ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह के 25वें शहादत दिवस (अलगाववादी दिलावर को शहीद मानते हैं) के उपलक्ष्य में गूगल ऐप वॉयस पंजाब 2020 लॉन्च किया था।
कांग्रेस नेता बेअंत सिंह वर्ष 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे थे। 31 अगस्त, 1995 को तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय सचिवालय के बाहर एक बम धमाके में उड़ा दिया गया था। इस आतंकी हमले में उनके साथ 16 अन्य लोगों की जान भी गई थी। इस हमले में पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने मानव बम की भूमिका निभाई थी।
एमएचए द्वारा प्रतिबंधित एसएफजे ने रेफरेंडम 2020 की तरफदारी करने के लिए जुलाई 2019 में चार जुलाई से पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर को अलग-अलग पोट्र्रेट के माध्यम से रेफरेंडम 2020 के लिए अपना ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण शुरू करने के लिए चुना था, लेकिन कथित तौर पर यह समर्थन एकत्र नहीं कर सका।
न्यूयॉर्क में रहने वाला एसएफजे का मुख्य प्रचारक और वकील गुरपतवंत पन्नू अपने अलगाववादी मंसूबों को सफल बनाने के लिए आए दिन कोई न कोई रास्ता निकालने की जुगत में रहता है।
समूह ने इससे पहले कनाडाई पोर्टल को खालिस्तान की मांग के लिए दिल्ली में लांच करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय कानून प्रवर्तक एजेंसियों की कार्रवाई से संगठन इसमें सफल नहीं हो पाया था। संगठन पंजाब में सिखों के लिए अपनी अलग स्वतंत्र भूमि चाहता है।
इससे पहले, चार जुलाई को भी पंजाब में संगठन की इस तरह की गतिविधि को एजेंसियों ने विफल कर दिया था।
लगातार विफलता मिलने के बाद, एसएफजे ने लोगों के समर्थन के लिए 26 जुलाई को खालिस्तान रेफरेंडम के लिए मतदान पंजीकरण कराने की घोषणा की थी। गृह मंत्रालय ने जुलाई में इस संगठन को रेफरेंडम-2020 की अनुशंसा करने से प्रतिबंधित कर दिया था।(IANS)
लेह, 7 सितंबर। वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव नए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पार्टी की पहली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के लिए पहुंचे हैं। उन्होंने स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के सूबेदार नीमा तेंजिन की अंत्येष्टि में भाग लिया, लेकिन उन्होंने बाद में उस ट्वीट को हटा दिया, जिसमें उन्होंने शहीद जवान को बहादुर बताते हुए उनकी सराहना की थी। डिलीट किए जा चुके अपने ट्वीट में, उन्होंने 'भारत-चीन' सीमा के बजाय 'भारत-तिब्बत' सीमा लिखा था। दरअसल, चीन तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है।
शहीद की अंत्येष्टि में उनकी उपस्थिति को चीन के लिए एक मजबूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है। सूबेदार तेंजिन पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर एक अभियान के दौरान शहीद हो गए थे और सोमवार को लेह में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। तेंजिन खुद तिब्बती थे। यहां तक कि, उनकी अंतिम यात्रा के दौरान 'भारत माता की जय', 'जय तिब्बत' और 'विकास रेजिमेंट जिंदाबाद' के नारे लग रह थे और तिब्बती झंडे लहरा रहे थे। माधव ने शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित की।
हालांकि, संबंधित ट्वीट को उन्होंने नया पोस्ट किए बिना हटा दिया। माधव ने ट्वीट किया था, "एसएफएफ जवान नीमा तेंजिन के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, एक तिब्बती, जिन्होंने लद्दाख में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए जीवन बलिदान कर दिया। ऐसे बहादुर सैनिकों के बलिदानों को भारत-तिब्बत सीमा पर शांति लाने दें। यह सभी शहीदों को असल श्रद्धांजलि होगी।" उन्होंने अंत्येष्टि में खुद के भाग लेने की 4 तस्वीरें भी पोस्ट की थीं।
हालांकि, इस तरह के मजबूत शब्दों में किए गए ट्वीट और उससे भी अधिक प्रभावशाली हावभाव व संकेत देने के बाद, ट्वीट को डिलीट करने के पीछे का कारण पता नहीं चल पाया है।
तेंजिन पिछले सप्ताह पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी घुसपैठ को विफल करने के लिए भारतीय सेना द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान लैंडमाइन की चपेट में आकर शहीद हो गए थे। अभियान के दौरान, एक अन्य जवान 24 वर्षीय तेंजिन लोडेन, उसी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसका इलाज लद्दाख के सैन्य अस्पताल में चल रहा है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर करीब चार महीनों से गतिरोध है।(IANS)
नई दिल्ली, 7 सितम्बर। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर सोमवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सम्मेलन हुआ। इसमें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विभिन्न राज्यों के गवर्नर, उपराज्यपाल और शिक्षामंत्री शामिल हुए। इस दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर गंभीर सवाल उठाए। मनीष सिसोदिया ने कहा, "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसे लागू करने की योजना का अभाव है। इस नीति को लागू करने पर अच्छी तरह चिंतन करके ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए, ताकि यह महज एक अच्छे विचार तक सीमित न रह जाए। इसमें जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की बात कही गई है। ऐसा पहले भी कहा जाता रहा है। अब इस पर कानून बनाना चाहिए ताकि इसे लागू करना सबकी बाध्यता हो।"
सिसोदिया ने कहा, "आजादी के 73 साल बाद भी हम लॉर्ड मैकाले का नाम लेकर अपनी सरकारों की कमियां छुपाते हैं। वर्ष 1968 और 1986 में नई शिक्षा नीति बनाई गई। उन नीतियों का कार्यान्वयन नहीं करने की नाकामियों को छुपाने के लिए मैकाले को बहाना बनाया जाता है। आजादी के इतने साल बाद तक हमें अपनी शिक्षा नीति लागू करने से मैकाले ने नहीं रोका है। हम संकल्प लें कि अपनी कमियों को छुपाने के लिए मैकाले का नाम अब कोई नहीं लेगा।"
सिसोदिया ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वोकेशनल शिक्षा की बात कही गई है। अभी लगभग 80 फीसदी डिग्रीधारी युवाओं को रोजगार के योग्य नहीं समझा जाता है। हमें सोचना होगा कि 20 साल की पढ़ाई के बाद भी हमारे बच्चे अगर रोजगार नहीं पा सके तो कमी कहां रह गई। बैचलर इन वोकेशनल की डिग्री को दोयम दर्जे पर रखा जाना उचित नहीं। अन्य विषयों के स्नातक की तरह इसे भी समान समझा जाये, तभी वोकेशनल कोर्सेस का लाभ मिलेगा।"(IANS)
भोपाल, 7 सितम्बर। मध्य प्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस सिर्फ एक चेहरे को आगे रखने वाली है, और चुनाव की पूरी कमान उसी के हाथ में रहेगी और वह हैं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ।
मध्यप्रदेश में दशकों से कांग्रेस और गुटबाजी एक-दूसरे का पर्याय रहे हैं। कांग्रेस का मुकाबला विरोधी दल भाजपा से तो रहा ही है, साथ ही पार्टी के भीतर अपने ही लोगों से जूझना पड़ा है। जब भी राज्य में चुनाव हुए हैं, गुटबाजी चरम पर रही है। कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपे जाने के बाद से गुटबाजी पर काफी हद तक विराम लगा है और अगर सीधे तौर पर विधानसभा के चुनाव पर गौर करें तो साफ होता है कि तब दो गुट नजर आते थे, कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का। सिंधिया और उनके समर्थक पार्टी छोड़ कर भाजपा में जा चुके हैं। लिहाजा अब सिर्फ कमलनाथ का प्रभाव ही पार्टी में रह गया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने उपचुनाव की पूरी जवाबदारी और जिम्मेदारी कमल नाथ को सौंप दी है। उम्मीदवारों के चयन से लेकर रणनीति बनाने का काम उन्हीं के सुपुर्द है। यही कारण है कि कमल नाथ अपने स्तर पर सर्वे करा रहे हैं। इतना ही नहीं सभी उम्मीदवार भी उन्हीं की मर्जी से तय किए जाएंगे, पार्टी हाईकमान ने जो प्रभारी भेजे हैं, वह भी कमलनाथ की सहमति से ही राज्य में आए हैं।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि "पिछला विधानसभा चुनाव भी कमल नाथ के नेतृत्व में लड़ा गया था। पार्टी ने जीत भी दर्ज की थी। अब उप-चुनाव में पार्टी उन्हंी का चेहरा और उनकी सरकार के पंद्रह माह के कामकाज को जनता के बीच लेकर जाने वाली है। कांग्रेस कमल नाथ के नाम और काम पर ही जनता से वोट मांगेगी।"
राजनीतिक के जानकार संतोष गौतम का कहना है कि "विधानसभा के उप-चुनाव रोचक होने वाले हैं। कांग्रेस के पास सिर्फ कमल नाथ ही ऐसा चेहरा है जो जनता में नकारात्मक छवि नहीं बनाता। पार्टी अगर कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को आगे करती है, तो भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का आसान अवसर देगी। ऐसी स्थितियां न बनें इसके लिए जरुरी है कि कमल नाथ को आगे किया जाए, लिहाजा कांग्रेस एक सोची समझी रणनीति के तहत कमल नाथ को आगे कर रही है। कमल नाथ पंद्रह माह राज्य के मुख्यमंत्री भी रहे हैं, पार्टी में गुटबाजी को पनपने नहीं दिया। पार्टी को लगता है कि कमल नाथ ही ज्यादा लाभदायक हैं।
पार्टी की चुनावी गतिविधियों पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात साफ हो जाती है कि सारे फैसले कमल नाथ ही ले रहे हैं। पार्टी के नेताओं की बैठक में उनके अलावा कोई दूसरा बड़ा नेता नहीं होता, वहीं कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षक के अलावा प्रभारियों से सीधे संवाद कमल नाथ ही कर रहे हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस के उप-चुनाव की सारी बागडोर कमल नाथ के ही हाथ में है।(IANS)
शिमला, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि अभिनेत्री कंगना रनौत जब भी अपने गृहराज्य हिमाचल में होंगी तो राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी। कंगना का घर मनाली में है। इससे पहले, कंगना को शिवसेना सांसद संजय राउत के साथ हुए हालिया विवाद के बाद गृह मंत्रालय (एमएचए) ने सोमवार को 'वाई'श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है।
हिमाचल के मुख्यमंत्री ने कंगना को सुरक्षा प्रदान करने के लिए गृह मंत्रालय का भी आभार व्यक्त किया। साथ ही कंगना ने भी इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है।
ठाकुर ने कहा कि कंगना अभी मनाली में हैं और राज्य सरकार की तरफ से एक सहायक कमांडेंट की देखरेख में सीआरपीएफ के कमांडो उनकी सुरक्षा के लिए मनाली पहुंचने होने वाले हैं।
नई दिल्ली, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना नेता संजय राउत के बीच हुई जुबानी जंग के बाद कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि पार्टी, अभिनेत्री के किसी बात से असहमत होने के अधिकार का सम्मान करती है, लेकिन इसने उनके मुंबई-पीओके टिप्पणी की आलोचना की। कांग्रेस महाराष्ट्र में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ महा विकास अघाड़ी सरकार में सहयोगी है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मोदी जी और भाजपा के विपरीत, मैं अपने सबसे बड़ी आलोचक के अधिकार का बचाव करूंगा, जो कि कांग्रेस और महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगियों, शिवसेना और राकांपा का सिद्धांत है।"
कांग्रेस नेता ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से करने के लिए कंगना की आलोचना की और कहा कि यह 'राजनीति से प्रेरित' है।
सुरजेवाला ने कहा, "एक खास फिल्म अभिनेत्री के मोदी जी और भाजपा के एजेंडे पर चलने के बावजूद उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी।"
लेकिन, कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत की आर्थिक राजधानी को पीओके कहना "बचकाना, गलत और राजनीतिक रूप से अवसरवादी और निंदनीय है।" पार्टी ने कहा कि उसने इस तरह के आरोपों और राजनीति से प्रेरित बयानों को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस ने कोरोनोवायरस संकट, देश में बेरोजगारी और बिहार और अन्य स्थानों पर बाढ़ जैसी खबरों को तरजीह नहीं देने पर मीडिया की भी आलोचना की।