राष्ट्रीय
अयोध्या, 10 सितंबर (आईएएनएस)| अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के बैंक खाते से 6 लाख रुपये गलत तरीके से निकाले जाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में अयोध्या कोतवाली पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मामले की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की एक टीम को भी कहा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, चेक क्लोनिंग के जरिए लखनऊ में दो बैंकों से पैसे निकाले गए हैं।
मामला तब सामने आया जब जालसाज ने बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से 9.86 लाख रुपये निकालने का तीसरा प्रयास किया।
बैंक प्रबंधक ने ट्रस्ट के सचिव चंपत राय को वेरिफिकेशन के लिए फोन किया, जिन्होंने इस तरह के किसी भी चेक को जारी करने से इनकार कर दिया।
पुलिस अधिकारी ने कहा, "आगे की पूछताछ में यह पाया गया कि पहले भी पैसों को निकाला गया है।"
इस 1 सितंबर को बैंक से 2.5 लाख रुपये की राशि निकाली गई और उसके दो दिन बाद 3.5 लाख रुपये की राशि फिर निकाली गई।
अयोध्या सर्कल के अधिकारी राजेश कुमार राय ने कहा कि एक मामला दर्ज किया गया है और जांच चल रही है।
गौरतलब है कि राम मंदिर के लिए दान मांगने वाली एक फर्जी वेबसाइट कुछ दिनों पहले प्रकाश में आई थी और इस मामले की जांच की जा रही है।
पटना, 10 सितंबर (वार्ता)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को आज चुनाव से पहले का और जोरदार झटका लगा जब पार्टी के उपाध्यक्ष रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने आज दल से इस्तीफा दे दिया।
डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर पार्टी छोडऩे की जानकारी दी । उन्होंने पत्र में कहा, 'जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी नेता और आम जनों ने बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें।
गौरतलब है कि पूर्व सांसद रामा सिंह को राजद में लाए जाने की चर्चा के बाद से ही डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह नाराज थे। श्री लालू प्रसाद यादव ने भी उन्हें मनाने की कोशिश की, इसी बीच श्री यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने डॉ. सिंह को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया था कि ‘एक लोटा समुद्र से निकल जाए तो कोई फर्क नहीं पड़ता।’ ऐसा समझा जाता है कि डॉ. सिंह इससे काफी क्षुब्ध थे और अपमानित महसूस कर रहे थे। अंत में उन्होंने पार्टी छोडऩे का निर्णय लिया। डॉ. सिंह फिलहाल एम्स में अपना इलाज करा रहे हैं।
लखनऊ, 10 सितंबर। उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर के मामले में सीबीआई ने तीन महिला अफसरों को सीधे तौर पर दोषी माना है। इसके बाद से ही यूपी की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने योगी सरकार पर सीधा सियासी हमला बोला है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर सीधा आरेाप लगाते हुए कहा कि आखिर उन्नाव के तत्कालीन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक किन भाजपा नेताओं के इशारे पर बलात्कारी कुलदीप सिंह सेंगर की मदद कर रहे थे। उनके नाम सामने आने चाहिए।
भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने साथी की मदद से जून 2017 में युवती के साथ बलात्कार किया था। इसके बाद पीडि़ता को मुकदमा वापस लेने के लिए लगातार प्रताडि़त किया जा रहा था। इसके बाद युवती के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। न्याय न मिलने पर युवती ने 8 अप्रैल 2018 को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया। इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ लिया था। इसके बाद युवती की एक सडक़ दुर्घटना में जान लेने की भी कोशिश की गई थी। इस मामले में जांच चल रही है। उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सिंह सेंगर जेल में हैं।
यह मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि उस वक्त इस केस से जुड़ी तीन महिला अफसरों और एक पुरुष पुलिस अफसर ने घोर लापरवाही बरती थी। सीबीआई ने तत्कालीन डीएम अदिति सिंह, एसपी पुष्पांजलि और नेहा पाण्डेय को दोषी माना गया है। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि रेप पीडि़ता की शिकायत और बयान के बाद भी इन महिला अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
आईएएस अदिति सिंह उन्नाव की तत्कालीन डीएम थीं। आईपीएस अधिकारी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि उन्नाव में एसपी थीं। तीनों महिला अधिकारियों के अलावा सीबीआई ने तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा सिंह को भी इस केस में लापरवाही का दोषी पाया है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
2009 बैच की आईएएस अदिति सिंह 24 जनवरी 2017 से 26 अक्टूबर 2017 तक उन्नाव की डीएम थीं। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि अदिति सिंह से रेप पीडि़ता ने कई बार शिकायत की। उसने कई पत्र उन्हें लिखे, लेकिन डीएम ने उसके पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की। 2006 बैच की आईपीएस पुष्पांजलि सिंह उन्नाव में 27 अक्टूबर 2017 से 30 अप्रैल 2018 तक एसपी थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने भी रेप पीडि़ता की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि जब रेप पीडि़ता के पिता को पीटा गया और उनकी मौत हो गई, तब भी एसपी ने कोई सख्त एक्शन नहीं लिया। यहां तक कि उन्होंने इस केस को दबाने की ही कोशिश की।
2009 बैच की आईपीएस नेहा पाण्डेय उन्नाव में 2 फरवरी 2016 से 26 अक्टूबर 2017 तक एसपी थीं। सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि नेहा पाण्डेय ने भी अपने पद पर रहते हुए पीडि़ता की कोई मदद नहीं की। वह बार-बार उन्हें पत्र लिखती रही और वह उसके पत्रों को नजरअंदाज करती रहीं। बता दें कि आईएएस अदिति सिंह अभी हापुड़ में डीएम हैं। वहीं आईपीएस नेहा पाण्डेय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आईबी में तैनात हैं। पुष्पांजलि वर्तमान में गोरखपुर में एसपी रेलवे हैं।
कांग्रेस ने इस मामले में योगी सरकार पर सीधा हमला किया है। पार्टी ने मांग की है कि इस मामले में सेंगर की मदद करने वाले उन मंत्रियों के नाम भी सामने आने चाहिए, जिन्होंने अपरोक्ष रूप से कुलदीप सिंह सेंगर की मदद की थी। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन्नाव की बेटी के इंसाफ के लिए प्रतिबद्ध है। हम शुरू से कह रहे हैं कि इस पूरे मामले में बड़े-बड़े ओहदेदार शामिल हैं।
सीबीआई ने तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। यह अभी शुरुआत है। कुलदीप सिंह सेंगर को राजनीतिक संरक्षण देने वाले बेनकाब होने चाहिए ताकि दुनिया को सच्चाई का पता चले कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले किस तरह से एक बलात्कारी की पैरोकारी में लगे हुए थे।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उस समय भाजपा सरकार के कई मंत्री और विधायक खुले तौर पर बलात्कारी कुलदीप सेंगर का बचाव कर रहे थे। क्या योगी आदित्यनाथ इन विधायक मंत्रियों पर भी कोई कार्रवाई करेंगे? (janchowk.com)
नई दिल्ली, 10 सितंबर। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में बीते चौबीस घंटों में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 95,735 नए मामले दर्ज किए गए हैं जो अब तक का एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीं कोविड-19 के कारण बीते चौबीस घंटों में 1,172 लोगों की मौत हुई है।
इससे साथ ही देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या अब 44.65 लाख हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है, देश में फिलहाल 9,19,018 कोरोना के सक्रिय मामले हैं जबकि 34,71,784 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक भी हो चुके हैं।
गौरतलब है कि नौ सितंबर को देश में ग्यारह लाख लोगों के कोरोना टेस्ट हुए थे।
महाराष्ट्र अब तक कोरोना से बुरी तरह प्रभावित राज्य बना हुआ है, जहां बुधवार को संक्रमण के 23,816 नए मामले दर्ज किए गए हैं। यहां संक्रमितों की कुल संख्या 9,67,349 हो चुकी है है जिनमें 2,52,734 सक्रिय मामले हैं।
आंध्र प्रदेश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले पांच लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं और यहां सक्रिय मामलों की संख्या 97,271 है।
वहीं राजधानी दिल्ली में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 4,039 नए मामले दर्ज किए गए हैं। (bbc.com/hindi)
पीलीभीत, 10 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के केसरपुर गांव के एक ही परिवार के 5 सदस्य रहस्यमय परिस्थितियों में 5 सितंबर से लापता हैं। इस मामले में मलखान सिंह द्वारा मंगलवार को गुमशुदगी की शिकायत माधोटांडा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि उनके भाई -- राम अवतार, उनकी पत्नी रेखा देवी और उनके तीन बेटे, जिनकी उम्र 16, 13 और 6 साल है, बिना किसी को बताए अपने घर से लापता हो गए हैं।
एएसपी पवित्रा मोहन त्रिपाठी और पूरनपुर के सर्कल अधिकारी उत्तम सिंह ने परिवार को खोजने के लिए पुलिस टीमें लगाई हैं।
खबरों के मुताबिक, राम अवतार ने जाने से पहले घर पर ताला भी नहीं डाला और ना ही अपने किसी रिश्तेदार या पड़ोसी को अपनी दो भैंसों को चारा डालने के लिए कहा। उनके घर के बरामदे में उनकी मोटरसाइकिल भी खड़ी मिली है।
एसपी जय प्रकाश यादव ने कहा है कि जिन परिस्थितियों में परिवार लापता हुआ है, उसके पीछे किसी साजिश का संदेह है।
उन्होंने कहा है कि पुलिस केसरपुर के बगल में बहने वाली शारदा नदी की एक नहर के किनारे, आसपास के खेतों, गांवों और घनी झाड़ियों में परिवार की तलाश कर रही है।
लापता सदस्यों में से एक के मोबाइल फोन की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से पता चला कि उसका दिल्ली में उपयोग में हुआ था। लेकिन पुलिस को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उस नंबर का असल उपयोगकर्ता कौन करता है।
नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोक सभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। ये पद सोमेन मित्रा के निधन के बाद से खाली था। उनका देहांत इसी साल जुलाई में कोलकाता में हो गया था।
अधीर रंजन चौधरी यूपीए के समय केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। वो बंगाल में कांग्रेस के एक तेज तर्रार नेता माने जाते हैं।
अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधान सभा चुनाव के मद्देनजर अधीर रंजन चौधरी के लिए कांग्रेस पार्टी को राज्य में फिर से खड़ा करना एक बड़ी चुनौती होगी।
नयी दिल्ली, 10 सितम्बर (वार्ता) देश में वैश्विक महामारी कोविड-19 के दिन प्रतिदिन रिकाॅर्ड नये मामलों के साथ ही इसकी रोकथाम के लिए अधिक जांच पर लगातार जोर दिया जा रहा है और गुरुवार को जारी आंकड़ों में पिछले दो दिन में रोज 11 -11 लाख से अधिक कोरोना वायरस नमूनों की जांच की गई है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की तरफ से दस सितंबर को जारी आंकड़ों में बताया गया कि नौ सितंबर को 11 लाख 29 हजार 756 नमूनों का परीक्षण किया गया। इसे मिला कर कुल जांच का आंकड़ा पांच करोड़ 29 लाख 34 हजार 433 पर पहुंच गया है।
आठ सितंबर को जांच का आंकड़ा 11 लाख 54 हजार 549 था।
इससे पहले कोरोना के बढ़ते कहर को थामने के लिए 02 और 03 सितंबर को लगातार दो दिन 11-11 लाख से अधिक कोरोना नमूनों की जांच की गई थी।
परिषद के अनुसार 03 सितंबर को 11 लाख 69 हजार 765 कोरोना नमूनों की जांच की गई थी। दो सितंबर को पहली बार देश में जांच का आंकड़ा 11 लाख से अधिक रहा और 11 लाख 72 हजार 179 नमूनों की रिकार्ड जांच की गई जो विश्व में एक दिवस में संक्रमण की सर्वाधिक जांच का रिकार्ड भी है।
नई दिल्ली: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) ने कहा है कि अप्रैल-अगस्त के दौरान लगभग 2.1 करोड़ वेतनभोगी कर्मचारियों ने अपनी नौकरी खो दी.
इसमें से अगस्त में लगभग 33 लाख नौकरियां गईं और जुलाई में 48 लाख लोगों ने अपनी नौकरी खो दी.
सीएमआईई ने कहा है कि नौकरी का नुकसान केवल वेतनभोगी कर्मचारियों के बीच सहायक कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें औद्योगिक कर्मचारी और बड़े कर्मचारी भी शामिल हैं.
साल 2019-20 के पूरे साल की तुलना में अगस्त में वेतनभोगी नौकरियां देश में 8.6 करोड़ से घटकर 6.5 करोड़ हो गईं.
सीएमआईई ने कहा, ‘सभी प्रकार के रोजगार में 2.1 करोड़ नौकरियों की कमी सबसे बड़ी है. जुलाई में लगभग 48 लाख वेतनभोगी नौकरियां गईं और फिर अगस्त में 33 लाख नौकरियां चली गईं.’
सीएमआईई के मासिक आंकड़ों के अनुसार देश की बेरोजगारी दर अगस्त में बढ़कर 8.35 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने में 7.40 प्रतिशत थी.
शहरी बेरोजगारी दर अगस्त में 9.37 प्रतिशत से बढ़कर 9.83 प्रतिशत हो गई, जबकि अगस्त में ग्रामीण बेरोजगारी दर अगस्त में बढ़कर 7.65 प्रतिशत हो गई थी, जो उससे पिछले महीने की 6.51 प्रतिशत थी.
सीएमआईई ने कहा है कि आर्थिक विकास के संकुचन के दौरान वेतनभोगी नौकरियां सबसे अधिक प्रभावित हो रही हैं. वेतनभोगी नौकरियां आर्थिक विकास या उद्यमशीलता में वृद्धि के साथ भी बढ़ती हुई दिखाई नहीं दे रही हैं.
भारत के कुल रोजगार में वेतनभोगी नौकरियों का हिस्सा करीब 21-22 प्रतिशत होता है.
लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वाले लोगों के लिए खेती अंतिम विकल्प रहा है, इसलिए साल 2019-20 के दौरान 11.1 करोड़ कर्मचारियों के मुकाबले अगस्त तक खेती में रोजगार में 1.4 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है.
सीएमआईई ने कहा कि लॉकडाउन के कारण उद्यमियों के रोजगार में पहले गिरावट आ गई थी, लेकिन अगस्त तक इसमें लगभग 70 लाख की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक दिहाड़ी मजदूरों पर भी काफी प्रभाव पड़ा था क्योंकि अप्रैल में 12.1 करोड़ में से 9.1 करोड़ नौकरियां चली गईं थी. हालांकि अगस्त तक इसमें सुधार हुआ और अब 2019-20 में कुल 12.8 करोड़ नौकरियों की तुलना में ये 1.1 करोड़ ही कम है.(thewire)
शिमला, 10 सितंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को मुंबई में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का ऑफिस ढहाए जाने के लेकर विधानसभा में निंदा की। यह मुद्दा शुरुआत में विधानसभा में निर्दलीय सदस्य होशियार सिंह के माध्यम से उठाया गया था। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के रोक लगाए जाने से पहले कंगना का घर ढहा दिया गया।
उन्होंने कहा, "वह हिमाचल प्रदेश की बेटी हैं और मुख्यमंत्री ने शिवसेना सरकार से उनकी जान को खतरा होने के कारण उन्हें सुरक्षा प्रदान की थी।"
उनका जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि अभिनेत्री के पिता भी उनसे मिले और उनकी सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने मनाली में उनके आवास के बाहर सुरक्षा मुहैया कराई है।"
उन्होंने इस घटना को बेहद निंदनीय बताते हुए कहा कि राज्य सरकार महाराष्ट्र सरकार से अपील करेगी कि वह उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराएं।
पटना, 10 सितंबर (आईएएनएस)| बिहार विधानसभा चुनाव के पहले नेता राजद बेरोजगारी को मुद्दा बनाने में जुटी है। इसी के तहत बुधवार की रात नौ बजे पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने घर में अपने दोनों पुत्रों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के साथ लाइट बंद कर लालटेन जलाई। राजद कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं ने नौ बजे नौ मिनट तक लाइट बंद कर 'लालटेन' और मोमबत्ती जलाई। इस मौके पर तेजस्वी ने कहा कि बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी समस्या है। बिहार में कोरोना संक्रमण के काल में घर लौटे लोगों को नीतीश सरकार रोजगार उपलब्ध कराने में विफल रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा, "वे कहते हैं कि अब बिजली और एलईडी आ गई तो लालटेन का क्या काम है। लेकिन, उन्हें यह भी जानना चाहिए अब तो मिसाइल आ गई है, अब 'तीर' का क्या काम है।"
उल्लेखनीय है कि 'तीर' जदयू का जबकि 'लालटेन' राजद का चुनाव चिह्न् है।
तेजस्वी ने कहा कि आज बेरोजगार युवकों के जीवन में अंधेरा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब युवकों के पास रोजगार ही नहीं होगा, तो वे आत्मनिर्भर कहां से बनेंगे?
इधर, राजद कार्यालय में भी कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और मोमबत्ती, लालटेन और दीए जलाए गए। राजद के नेता और कार्यकर्ता अपने घरों की लाइट बंद कर मोमबत्ती जलाई।
इससे पहले तेजस्वी ने कहा, "बेरोजगार युवकों और कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने बुधवार की रात नौ बजे नौ मिनट तक दीया, लालटेन या मोमबत्ती जलाने का आह्वान किया है, जिसे उनकी पार्टी समर्थन दे रही है।"
इधर, राजद के इस लालटेन जलाओं अभियान पर भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि राजद को चुनाव में कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज केंद्र और बिहार सरकार ने मिलकर राज्य में जो विकास किया है उससे राजद के सभी मुद्दे समाप्त हो गए।
उन्होंने कहा, "राजद के 'युवराज' अब इस स्थिति में अपने लिए रोजगार ढूंढ रहे हैं, इस कारण अब ऐसे टोटकेबाजी कर रहे हैं।"
तिरुवनंतपुरम, 10 सितंबर (आईएएनएस) । केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी अगले महीने इतिहास बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वह कोट्टायम जिले के पुथुपल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में अपने 50 साल पूरे करने वाले हैं। दो बार केरल के मुख्यमंत्री रह चुके ओमान ने एक विधायक के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1970 के विधानसभा चुनावों के बाद की। करीब 26 साल की उम्र में चांडी ने पहली बार चुनावी लड़ाई जीती और तब से लगातार विधानसभा चुनावों में अपनी जीत दर्ज करा रहे हैं।
विधायक के रूप में 50 साल पूरे करने के साथ ही वह पहले कांग्रेस नेता होंगे, जिन्होंने यह रिकॉर्ड बनाया है।
चांडी से पहले स्वर्गीय के.एम. मणि, जो केरल कांग्रेस के सुप्रीमो थे और जिनका पिछले साल निधन हो गया, वे एकमात्र ऐसे रिकॉर्ड बनाने वाले विधायक हैं। उन्होंने 1967 से कोट्टायम जिले में पाला का प्रतिनिधित्व किया था, और 52 सालों तक विधायक रहे।
चांडी का परिवार अलाप्पुझा जिले से ताल्लुक रखता है, हालांकि उनके दादाजी बाद में पुथुपल्ली में जाकर बस गए थे।
साल 2011-16 तक मुख्यमंत्री रहे चांडी को वर्तमान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और सीपीआई-एम के राज्य सचिव कोडियरी बालाकृष्णन के नेतृत्व वाले सीपीआई-एम के हमलों का सामना करना पड़ा।
जैसे ही विजयन ने सत्ता संभाली, केरल पुलिस ने चांडी और अन्य राजनीतिक नेताओं के खिलाफ सरिता नायर की शिकायत के आधार पर गैर-जमानती मामले दर्ज किए। इनमें कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी शामिल थे।
यहां अपने निवास पर आईएएनएस के साथ एक विशेष बातचीत में, चांडी ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन के बारे खुलासा किया। साक्षात्कार के कुछ अंश-
प्रश्न: क्या आपको लगता है कि विजयन आपके साथ अपने आंकड़ें सही करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि आपने भी साल 2006 में एसएनसी लवलीन मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी? कहीं उसी के बदले में तो विजयन ने सरिता नायर द्वारा लगाए गए सौर मामले और आरोपों के केस फाइल को फिर से खोल दिया है?
उत्तर: मैं वह इंसान हूं जो निजी संबंधों को बहुत महत्व देता हूं। यह सच है कि मुख्यमंत्री के रूप में मैंने सीबीआई जांच के लिए लवलीन मामले की सिफारिश की थी। हमने ऐसा किया था और जब एक रिपोर्ट आई थी तो जाहिर हुआ कि जब भ्रष्टाचार की बात आती है, तो सभी राजनीतिक दल चीजों को निपटाने में मिलेजुले होते हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हम एक गलत संदेश नहीं भेजना चाहते थे और इसलिए हमने जांच की सिफारिश की थी।
लेकिन वह बस इतना ही था। उस समय की यूपीए सरकार के बावजूद, अगर हम मामले को आगे बढ़ाना चाहते, तो हम ऐसा कर सकते थे। लेकिन केंद्र ने सीबीआई जांच को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया। हालांकि बाद में केरल हाईकोर्ट में एक याचिका के आधार पर सीबीआई जांच की घोषणा की गई थी।
सौर मामले के संबंध में मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और मैं बिल्कुल चिंतित नहीं हूं। जब 2016 में विजयन सरकार सत्ता में आई और हमारे खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए, मैंने एक मजबूत स्थिति ली कि मैं कोई कानूनी सहारा नहीं लूंगा।
मेरे वरिष्ठ पार्टी सहयोगी परेशान थे और वे चाहते थे कि मैं अपने वकील कपिल सिब्बल से बात करूं। जब मैंने उनसे कहा कि मैं बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं, क्योंकि मैंने कोई गलत काम नहीं किया है, तो उन्होंने कहा कि अगर मैं आश्वस्त हूं, तो यह ठीक है। मैं जेल चला जाऊंगा। पुलिस को मुझे गिरफ्तार करने दो। मैं जेल में होने के बाद ही कानूनी सहायता लूंगा और उससे पहले नहीं। पुलिस की कुछ टीमें जिन्हें जांच का काम दिया गया था, वे इसके साथ आगे बढ़ी ही नहीं।
प्रश्न: कुछ हाईप्रोफाईल मामलों को लेकर विजयन विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना झेल रहे हैं, वहीं कुछ का कहना है कि उनका कार्यालय चांडी की तरह नहीं है। क्या यह सच है?
उत्तर: हो सकता है कि वर्तमान परिस्थितियों और कठिन परिस्थितियों के कारण वह और उनकी सरकार इस दौर से गुजर रहे हों।
प्रश्न: आप विजयन सरकार का मूल्यांकन कैसे करेंगे?
उत्तर: मैं कहना चाहूंगा कि जब कोई भी सत्ता में होता है, तो उसे खुले दिमाग से काम लेना चाहिए और सहयोगियों और अधिकारियों को सुनने के लिए तैयार होना चाहिए, और फिर निर्णय लेना चाहिए। मैंने हमेशा मीडिया को बहुत महत्व दिया है, क्योंकि यह सुधारात्मक बल की तरह काम करता है। मीडिया पर आलोचना के लिए कोई प्रतिबंध नहीं लगता है। जब मैंने आलोचना सुनी तो मुझे बहुत ताकत मिली, क्योंकि मुझे लगा कि आत्मनिरीक्षण करने का समय आ गया है।
मेरी कार्यशैली तुरंत निर्णय लेने की रही है। मान लें कि मैं 100 फाइलों पर जल्द निर्णय लेता हूं। हो सकता है, उनमें से 10 गलत हों। मैंने हमेशा अपने अधिकारियों को कहा कि वे फाइलों पर अपनी आपत्ति उठाएं, ताकि मैं खुद को ठीक कर सकूं। यदि मुझे निर्णय लेने में लंबा समय लगता है, तो मैं सिर्फ 10 फाइलों पर निर्णय ले सकता हूं। इस प्रक्रिया में कई लोगों को कई चीजों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रश्न: आप 50 साल में खुद को विधायक के रूप में कैसे देखेंगे?
उत्तर: यह मेरी उपलब्धि नहीं है। मैं अपनी पार्टी का कर्जदार हूं, जिसने मुझे 1970 के बाद से सभी चुनाव लड़ने की अनुमति दी। इसके अलावा, पुथुपल्ली में मेरे मतदाताओं का बराबर योगदान है, जिन्होंने सुनिश्चित किया कि मैं हर बार चुनाव लडूं।
प्रश्न: आपको प्रभावित करने वाले कोई भी रोल मॉडल?
उत्तर: महात्मा गांधी एक रोल मॉडल रहे हैं, क्योंकि उन्होंने हमेशा दिखाया कि उन्होंने जो कहा, उसमें विश्वास किया और उस पर अमल किया।
स्वर्गीय राजीव गांधी भी एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने मुझे बेहद प्रभावित किया, क्योंकि उन्होंने पांच साल के छोटे से समय में देश के लिए बहुत कुछ किया।
रांची, 10 सितंबर (आईएएनएस)| रांची के एक गांव में 28 वर्षीय एक मजदूर ने अपने दो नाबालिग बेटों के साथ कुएं में कूदकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। यह जानकारी पुलिस ने बुधवार को दी। यह घटना रांची जिले के ओरमांझी ब्लॉक के कुचू गांव में हुआ। शवों को कुएं से बाहर निकाल लिया गया है। पुलिस को लगता है कि यह मामला आत्महत्या का है।
सत्येंद्र महतो की पत्नी रेखा देवी सोमवार को झगड़ने के बाद अपने मायके चली गई थी, जिसके बाद सत्येंद्र महतो अपने बेटे ऋत्विक (4 साल) और नीलेश कुमार (2 साल) के साथ कुएं में कूद गया, परिवार के सदस्यों ने सत्येंद्र महतो और उनके बच्चों को मंगलवार से नहीं देखा था।
पुलिस ने कहा कि सत्येंद्र को जुए की लत थी। वह हमेशा अपनी पत्नी से मारपीट करता था और मायके वालों से पैसे मंगवाने का दबाव देता था।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)| नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कोविड-19 की वजह से चल रहे व्यवधान को 'शिष्टता' और 'नैतिकता' का संकट बताया है। उन्होंने कहा कि महामारी के लिए वैश्विक प्रतिक्रिया 'असमान' है और इसने वास्तविकता को 'उजागर' किया है। उन्होंने बुधवार को लॉरेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रन समिट में अपने भाषण के दौरान यह बात कही।
सत्यार्थी ने कहा, "हमारी रिपोर्ट कहती है कि वैश्विक आठ खरब डॉलर के वैश्विक कोविड-19 बेलआउट पैकेज का केवल 0.13 प्रतिशत ही सबसे अधिक हाशिए पर रहने वालों के लिए समर्पित है। यह एक प्रतिशत भी नहीं है, बल्कि आधा प्रतिशत भी नहीं है।"
उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सरकारों को जवाबदेह बनाए रखना है। उन्होंने कहा, "अतीत में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि 40 नोबेल पुरस्कार विजेता सबसे अधिक हाशिए पर रहने वालों के लिए उचित हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं।"
शिखर सम्मेलन में आयोजित 'चिल्ड्रन प्रिवेंटिंग द लॉस ऑफ ए जेनरेशन टू कोविड-19' सत्र का जिक्र करते हुए सत्यार्थी ने कहा कि वैसे तो कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को ही प्रभावित किया है, लेकिन इसका असर हाशिए पर रहने वाले लोगों पर कहीं अधिक पड़ा है।
उन्होंने कहा कि हाशिए पर रहने वाला समुदाय वायरस और इसके प्रभावों के खिलाफ सुरक्षात्मक उपायों के लिहाज से कम सक्षम है। उन्होंने कहा कि इससे इस समुदाय के लिए कई असमानताएं बढ़ गई हैं और वह लंबे समय तक इसका सामना करने के लिए मजबूर हैं।
सत्यार्थी ने इसे 'नैतिकता का संकट' कहा। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों सहित सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले समुदाय के लिए वैश्विक बेल आउट पैकेज की 20 प्रतिशत सुविधा की मांग की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि महामारी ने कैसे सभी को प्रभावित किया है, लेकिन असमानता और करुणा समय की जरूरत है।
इससे पहले सत्यार्थी ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कोविड-19 के कारण उत्पन्न हो हुई स्थिति से बच्चों पर पड़ने वाले व्यापक असर को लेकर अपने विचार रखे थे। उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि कुछ राज्यों में भारत के श्रम कानून कमजोर पड़ने से बालश्रम में इजाफा देखने को मिलेगा। इसके अलावा देश में स्कूलों के लंबे समय तक बंद रहने से कई बच्चों की तस्करी होने का खतरा है।
उन्होंने कहा, "कोविड-19 के आगमन ने न केवल प्रगति रोकी है, बल्कि वैश्विक नेताओं की बेहद असमान कोविड-19 प्रतिक्रिया के साथ अब हमें पिछले कुछ दशकों की प्रगति पर वापस पहुंचने में बहुत जोखिम भी है। किसी भी आपदा में बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, लेकिन कोविड-19 के साथ प्रभाव एक अभूतपूर्व प्रकृति का रहा है। दुनियाभर में बाल श्रम, बाल तस्करी और गुलामी में निश्चित और पर्याप्त वृद्धि होगी। आज हम जो देख रहे हैं, वह हमारे समय में बच्चों के लिए एक सबसे गंभीर संकट है और अगर हम अब कार्य करने में विफल होते हैं, तो हम एक पूरी पीढ़ी को खोने का जोखिम उठाएंगे।"
क्या भारत ने महामारी के दौरान अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कार्य किया है? इस सवाल के जवाब में सत्यार्थी कहते हैं, "इस दिशा में प्रयास किए गए हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने महामारी के दौरान अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए हैं। मैं आपसे कहता हूं कि इस पर आप मेरी प्रतिक्रिया (शब्द) न लें। मैं केवल सबसे पीछे के बच्चों के लिए एक आवाज हूं। मैं आपसे देश में बच्चों द्वारा सामना की जा रही वास्तविकता पर सरकारों के जवाब का आकलन करने के लिए कहता हूं।"
नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)| संसद के 14 सितंबर से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र में मोदी सरकार 11 अध्यादेशों को बिल के रूप में लेकर आएगी। ऐसे में सरकार की निगाह में यह सत्र काफी अहम हो गया है।
कोरोना के खतरे को देखते हुए खास सावधानियों के साथ लोकसभा और राज्य सभा का संचालन होगा। संसद के दोनों सदनों में सत्र के संचालन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन होगा। सांसदों के लिए कोविड 19 के चेकअप की भी व्यवस्था होगी।
बीजेपी के राज्य सभा सांसद और राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव के मुताबिक संसद की कार्यवाही ढंग से चले और देश में अच्छे विधायी कानूनों का निर्माण हो, इसके लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। संसद में नई व्यवस्थाओं को भी पूरी संसदीय प्रक्रिया के साथ किया जा रहा है। सरकार के लिहाज से ये सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस सत्र में ग्यारह ऐसे अध्यादेश आएंगे, जिनपर कानूनी रूप से चर्चा होगी। इनमें कुछ अध्यादेश ऐसे हैं जो कोविड की परिस्थिति के कारण सरकार की ओर से लाए गए।
बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव ने संसद डायरी में कहा, "जो ग्यारह अध्यादेश बिल के रूप में आएंगे, उनको तीन भागों में समझा जा सकता है। आर्थिक क्षेत्र से जुड़े कानून, कृषि क्षेत्र से जुड़े कानून और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हुए कानून।"
ये 11 बिल लाएगी सरकार
1- टैक्सेसन एंड अदर लॉज आर्डिनेंस,2020
2- बैकिंग रेगुलेशन( अमेंडमेंट) आर्डिनेंस,2020
3- सैलरी एंड अलाउंसेज ऑफ मिनिस्टर्स अमेंडमेंट आर्डिनेंस,2020
4- सैलरी, अलाउंसेज एंड पेंशन ऑफ मेंबर ऑफ पार्लियामेंट अमेंडमेंट आर्डिनेंस 2020
5- एसेंशियल कमोडिटीज अमेंडमेंड आर्डिनेंस
6- फारमर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स आर्डिनेंस, 2020
7- फारमर्स एग्रीमेंट ऑन प्राइस एंड फार्म सर्विसेज
8- इंडियन मेडिसिन सेंट्रल काउंसिल आर्डिनेंस, 2020
9- होमियोपैथी सेंट्रल काउंसिल आर्डिनेंस,2020
10- एपिडमिक डिजीज अमेंडमेंट आर्डिनेंस,2020
11- इंसाल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड आर्डिनेंस,2020
नयी दिल्ली 10 सितंबर (वार्ता) तेल विपणन कंपनियों ने करीब छह महीने बाद पेट्रोल की कीमत घटाई है। डीजल के दाम में भी कटौती की गई है।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का मूल्य नौ पैसे कम होकर आज 81.99 रुपये प्रति लीटर रह गया। मुंबई में भी इसकी कीमत नौ पैसे घटकर 88.64 रुपये प्रति लीटर पर आ गई। कोलकाता और चेन्नई में इसके दाम में आठ-आठ पैसे की कटौती की गई। कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल आज 83.49 रुपये का और चेन्नई में 84.96 रुपये का बिका।
इस साल 16 मार्च के बाद पहली बार पेट्रोल की कीमत में कमी की गई है। तेल विपणन कंपनियाँ दैनिक आधार पर पेट्रोल-डीजल के मूल्य की समीक्षा करती हैं। नयी कीमत रोज सुबह छह बजे से लागू होती है।
डीजल के दाम दिल्ली और कोलकाता में 11-11 पैसे कम होकर क्रमश: 73.05 रुपये और 76.55 रुपये प्रति लीटर पर आ गये। मुंबई में इसकी कीमत 12 पैसे घटकर 79.57 रुपये और चेन्नई में 10 पैसे की कटौती के साथ 78.38 रुपये प्रति लीटर रही।
देश के चार प्रमुख महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमत (रुपये प्रति लीटर में) इस प्रकार रही:
महानगर-----------पेट्रोल-----------------डीजल
दिल्ली------------81.99(-09 पैसे)-------73.05(-11 पैसे)
कोलकाता---------83.49(-08 पैसे)-------76.55(-11 पैसे)
मुंबई-------------88.64(-09 पैसे)-------79.57(-12 पैसे)
चेन्नई------------84.96(-08 पैसे)-------78.38(-10 पैसे)
- अरविंद छाबड़ा
भारत में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसके साथ कई तरह की अफ़वाहें भी फैल रही हैं जिसका असर टेस्टिंग पर पड़ रहा है.
कोरोना वायरस के फैलने से जुड़ी अफ़वाहों के कारण, पंजाब में लोग कोरोना का टेस्ट करवाने से डर रहे हैं.
पंजाब के संगरूर ज़िले की रहने वालीं सोनिया कौर कहती हैं, "इंसानी अंगों की तस्करी की जा रही है. सिर्फ़ गांव के लोग ही नहीं पूरी दुनिया इससे डरी हुई है. सोशल मीडिया ऐसी ख़बरों से भरा पड़ा है."
कौर के मुताबिक़ जाँच और इलाज करने के बहाने लोगों के अंग निकाले जा रहे हैं. ऐसी बातें पंजाब के ग्रामीण इलाक़ों में रहने वाले कई लोग कह रहे हैं.
पंजाब में यह अफ़वाह तेज़ी से फैल रही है कि वायरस बस एक बहाना है, जिन लोगों को कोई बीमारी नहीं है, कोविड-19 के सहारे उन्हें मारा जा रहा, उनके अंग निकाल लिए जा रहे हैं और लाशों की अदला-बदली हो रही है.
स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले
लोगों के मन में डर बसा हुआ है और इंटरनेट की पहुँच और सोशल मीडिया ख़ासकर व्हॉट्सऐप पर लोगों की मौजूदगी इन अफ़वाहों को तेज़ी से फैलाने में मदद कर रही है.
इसके कारण कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले किए गए.
कई दूसरे गांवों की तरह सोनिया के गांव में सैंपल इकट्ठा करने आए स्वास्थ्यकर्मियों को घुसने नहीं दिया गया, लोगों ने स्वास्थ्यकर्मियों पर ईंट पत्थरों से हमला भी किया और "वापस जाओ, हमें टेस्ट नहीं चाहिए" के नारे लगाकर उन्हें वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया.
सरकार अपनी तरफ़ से जागरूकता फैलाने और डर कम करने के लिए कई वीडियो लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है, इन वीडियो को ध्यान में रखकर भी एक कैंपेन चलाने की तैयारी की जा रही है.
सरकार की कोशिशों पर बुरा असर
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बीबीसी को बताया, "ये सभी अफ़वाह हैं, कोविड के कारण मरने वालों को कोई छू भी नहीं सकता है. लाश को बांध कर अंतिम क्रिया के लिए भेज दिया जाता है. अंगों के निकाले जाने का तो सवाल ही नहीं उठता."
पंजाब में कोविड -19 को लेकर अफ़वाहों का फैलना कोई नई बात नहीं है, लेकिन टेस्टिंग को लेकर हो रहे विरोध की घटनाएं पिछले कुछ समय में काफ़ी फैल गई हैं. इसके कारण बीमारी से निपटने के लिए की जा रही सरकार की कोशिशों पर असर पड़ रहा है.
पंजाब में पिछले कुछ हफ्तों में मामले लगातार बढ़े हैं. अधिकारियों का कहना है कि मौतों के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह टेस्टिंग में होने वाली देरी है. बीमार पड़ने के बाद लोग काफ़ी देर से अस्पताल पहुँच रहे हैं.
कोविड-19 से संबंधित सूचनाएं
साठ साल के सुच्चा सिंह की पत्नी कुलवंत कौर की मौत कोविड-19 से हो गई है. लेकिन, उन्हें अभी भी लगता है कि कोरोना वायरस एक साज़िश है.
वे कहते हैं, "यह सब बकवास है. कोरोना जैसा कुछ भी नहीं है. अगर ऐसा कुछ होता तो मेरी पत्नी की मां जो कि उम्र के 80 के दशक में हैं वो ज़िंदा नहीं होतीं."
वे कहते हैं कि उन्हें पछतावा है कि वे अपनी पत्नी को डायबिटीज चेक कराने के लिए अस्पताल क्यों लेकर गए. सुच्चा सिंह कहते हैं, "उन्होंने उनका डायबिटीज का इलाज ही नहीं किया बल्कि कोरोना, कोरोना चिल्लाते रहे."
"हमने सुना है कि डॉक्टरों और सरकारों को कोविड-19 की ज्यादा मौतें दिखाने के लिए पैसे मिल रहे हैं. हमने यह भी सुना है कि लोगों को घरों से निकाला जा रहा है और फिर उन्हें मार दिया जाता है."
कोविड-19 से संबंधित सूचनाओं में बदलाव और इसके अलग-अलग असर के चलते ग़लत सूचनाओं को हवा मिलती दिख रही है.
शवों की अदला-बदली के मामले
एक गांव प्रधान सतपाल सिंह ढिल्लों कहते हैं, "पहले बूढ़े लोग मर रहे थे. अब युवा लोग भी मर रहे हैं. ऐसा कैसे हो सकता है कि अचानक से युवा लोग संक्रमित होने लगे हैं."
सतपाल के गांव की पंचायत ने कोविड-19 के लिए टेस्टिंग की इजाज़त नहीं दी थी.
"हम आमतौर पर देखते हैं कि मौत किसी बूढ़े शख्स की हुई, लेकिन परिवार को किसी युवा महिला का शव सुपुर्द किया गया. ऐसे में लोग कैसे किसी पर भरोसा कर पाएंगे?"
इस तरह की अफ़वाहों की जड़ तक पहुँचना नामुमकिन है, लेकिन शवों की अदला-बदली जैसे मामले किसी ग़लती की वजह से हुए हो सकते हैं.
जुलाई में दो भाइयों ने, जिनके पिता की कोविड-19 से मौत हो गई थी, आरोप लगाया कि वे ज़िंदा हैं और उन्हें एक महिला का शव दिया गया है.
अफ़वाहों का लगातार मज़बूत होना...
इसकी वजह से एक मजिस्ट्रेट की अगुवाई में जाँच की गई और अधिकारियों ने बाद में माना कि इसमें घालमेल हो गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि उन भाइयों के पिता की भी मौत हो गई थी और उनका अंतिम संस्कार महिला के परिवारवालों ने कर दिया था.
इस सबके बावजूद अफ़वाहें लगातार मज़बूत ही हो रही हैं.
मोगा ज़िले के सुखदेव सिंह कोकरी कहते हैं, "हम टेस्टिंग का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम निश्चित तौर पर लोगों को स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा ज़बरदस्ती ले जाए जाने का विरोध कर रहे हैं. जब लोगों को ले जाया जाता है तब वे सामान्य होते हैं, लेकिन वे मरे हुए लौटते हैं और उनके अंग निकाल लिए गए होते हैं."
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कोविड-19 के आंकड़ों को बढ़ाचढ़ाकर बता रही है ताकि लोगों को कंट्रोल में रखा जा सके और विरोध-प्रदर्शन न हों.
वैक्सीनेशन मुहिम के दौरान
अधिकारियों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि कोई क्यों इन अफ़वाहों का सहारा लेगा या पंजाब में इस पैमाने पर ऐसा क्यों हो रहा है.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक अरविंदर गिल कहते हैं कि पोलियो और रूबेला वैक्सीनेशन मुहिम के दौरान भी इसी तरह की अफ़वाहें फैली थीं.
"मुझे याद है कि हमारी पोलियो वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान लोगों ने हमारी टीमों का विरोध किया और कहा कि इससे बुख़ार होता है और यह घातक साबित हो सकता है."
डॉ. गिल ने कहा कि यह विरोध काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकता है क्योंकि लोगों को पता ही नहीं चलेगा कि वे संक्रमित हो रहे हैं.
"वे संक्रमित होंगे और इधर-उधर घूमेंगे. उनकी ख़ुद की हालत भी ख़राब होगी. बाद में उन्हें हॉस्पिटल लाया जाएगा, तब स्वास्थ्यकर्मी शायद उनकी मदद न कर पाएं."(bbc)
भुवनेश्वर, 9 सितंबर (आईएएनएस)| ओडिशा के कंधमाल जिले में बुधवार को सेना के जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। ओडिशा पुलिस ने अपने बयान में कहा, "मुठभेड़ में 4 नक्सली मारे गए, जबकि इसमें एक स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का जवान घायल हो गया है। घायल जवान का उपचार किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा कि जंगल में तलाशी अभियान जारी है।
मंगलवार को एक विषेश सूचना के आधार पर कालाहांडी-कंधमाल सीमा पर एक अभियान चलाया गया। इस अभियान में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवान और जिला स्वैछिक बल (डीवीएफ) ने भी हिस्सा लिया।
बयान में कहा गया कि बुधवार को तरीकबन 11 बजे मुठभेड़ शुरू हुआ, जहां एसओजी और डीवीएफ की टीम ने नक्सलियों पर जवाबी गोलीबारी की। मुठभेड़ आधा घंटे तक चली।
घटनास्थल पर एसओजी, डीवीएफ और सीआरपीएफ की टीम को भेजकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
--आईएएनएस
मुंबई, 9 सितंबर (आईएएनएस)| कंगना रनौत के बुधवार को मुंबई एयरपोर्ट पर उतरने के साथ ही राजनीतिक दलों का एक हिस्सा शिवसेना के साथ चल रहे विवाद में अभिनेत्री का समर्थन में उतर गया है, इनमें भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी शामिल हैं जिन्होंने अभिनेत्री से विश्वास बनाए रखने के लिए कहा है। स्वामी ने बुधवार को ट्वीट किया, "कंगना से कह दो भरोसा रखें। हम सब उनके संघर्ष में साथ हैं।"
सोशल मीडिया पर कंगना और महाराष्ट्र के कुछ राजनेताओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग के बाद कंगना अन्य मुसीबत में फंस गई हैं अबकी बार कंगना प्रशासन के चंगुल में फंस गईं हैं।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने बुधवार को कंगना रनौत के बांद्रा स्थित ऑफिस को कथित रूप से कई अनधिकृत संशोधनों/एक्सटेंशन के कारण तोड़ना शुरू कर दिया। बीएमसी एच-वेस्ट वार्ड के अधिकारियों की एक टीम पुलिस के साथ बुलडोजर, जेसीबी और अन्य भारी मशीन लेकर कंगना के ऑफिस पहुंची और बाहर से ढहाना शुरू कर दिया।
नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)| उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कानूनी इकाई के तौर पर पशुओं को समानता दिए जाने की मांग कर रहे याचिकाकर्ता से सवाल किया कि क्या वह अपने कुत्ते को अपने बराबर मानता है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह किस तरह का अनुरोध है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "आप (याचिकाकर्ता) चाहते हैं कि पूरे पशु साम्राज्य को एक कानूनी इकाई माना जाए .. आप चाहते हैं कि हम जानवरों को मुकदमा चलाने में सक्षम घोषित करें और उन पर मुकदमा चलाया जाए?"
पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या वह उन्हें एक कानूनी व्यक्तित्व दिए जाने की मांग कर रहा है? इस पर याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जानवरों को संपत्ति के रूप में माना जाता है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "लेकिन वे आपके बराबर नहीं हैं। क्या आपका कुत्ता आपके बराबर है?"
पीठ ने कहा कि जानवरों को विभिन्न कानूनों के तहत संरक्षण प्राप्त है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि क्या इस तरह हमें पेड़ों को भी कानूनी संस्था बनाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता भ्रमित था।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि जानवर इंसान के बराबर हैं, हालांकि विकास के मामले में वे मनुष्य से कम हैं। याचिकाकर्ता ने कहा, "उनके पास भी आत्मा और बुद्धि होती है।"
2016 की आईपीएल विजेता के सदस्य ने कहा, "मुझे लगता है कि हर टीम के खिताब जीतने की संभावना बराबर हैं। सनराइजर्स की जहां तक बात है तो, हम अच्छे से तैयारी कर रहे हैं और निश्चित तौर पर जीतना चाहते हैं।"
यूएई में पिचें धीमी और स्पिनरों की मददगार मानी जाती हैं , इसलिए प्रशंसकों को हो सकता है कि उस तरह के हाई स्कोरिंग मैच देखने को नहीं मिलें जितने भारत में देखने को मिलते थे। भुवनेश्वर ने हालांकि कहा है कि बल्लेबाज रन करन के तरीके निकाल लेंगे और गेंदबाजों को तैयार रहना होगा।
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि गेंदबाजों को फायदा होगा क्योंकि दोनों, बल्लेबाज और गेंदबाज क्रमश: स्कोर करने और विकेट निकालने के तरीके खोज लेंगे, चाहे पिचें मददगार हो या नहीं। यह खेल ऐसा ही है।"
नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को होने जा रही परीक्षा नीट 2020 के स्थगन की मांग के लिए लगाई गई नई याचिकाओं पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया। जस्टिस अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की खंडपीठ ने कहा कि वे इस मामले की जांच करने के लिए इच्छुक नहीं हैं क्योंकि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट कुछ दिनों में आयोजित होने वाला है।
शीर्ष अदालत ने परीक्षा स्थगन के लिए जनहित याचिकाओं के समूह के साथ-साथ गैर-भाजपा शासित राज्यों के छह मंत्रियों की याचिका को भी खारिज कर दिया।
पीठ ने कहा, "अब सब कुछ खत्म हो गया है। एक समीक्षा को खारिज कर दिया गया है। जेईई हो चुकी है। अब हम इस पर कैसे विचार कर सकते हैं?"
याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दतार ने दलील दी कि वे छात्रों को हो रहीं व्यावहारिक कठिनाइयों को उजागर कर रहे हैं। उन्होंने बिहार का उदाहरण दिया, जहां केवल दो परीक्षा केंद्र हैं।
पीठ ने जवाब दिया कि नीट के लिए सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। अलग-अलग प्रवेश परीक्षा के लिए अलग-अलग तरीखें नहीं हो सकती हैं।
दतार ने शीर्ष अदालत से नीट को तीन सप्ताह के लिए स्थगित करने पर विचार करने का आग्रह किया है।
एक अन्य याचिकाकर्ता के वकील के.टी.एस. तुलसी ने तर्क दिया कि कोविड-19 के एक दिन में 90 हजार मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि जो उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित नहीं हो सके, उनके बारे में उचित ढंग से विचार करना चाहिए।
इस पर पीठ ने कहा कि यह परीक्षा निकाय को तय करनी थी, ना कि न्यायालय को।
एक अन्य अधिवक्ता शोएब आलम ने कंटेनमेंट जोन के लिए जारी दिशा-निर्देशों का हवाला दिया कि ऐसे में वहां के छात्र कैसे परीक्षा केन्द्र पहुंचेंगे। इस पर पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारी उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरतेंगे।
नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को एक संदेश देने के लिए महाभारत में लिखे भगवान कृष्ण की एक बात का उद्धरण किया है। स्वामी ने इसके जरिए नड्डा से भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय को हटाने की मांग की है। स्वामी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, "कल तक अगर मालवीय को बीजेपी आईटी सेल (जो नड्डा के लिए मेरे पांच गांवों का समझौता प्रस्ताव है) से नहीं हटाया जाता है तो इसका मतलब है कि पार्टी मेरा बचाव नहीं करना चाहती है। चूंकि पार्टी में कोई फोरम नहीं है जहां मैं कैडर की राय मांग सकता हूं। इसलिए मुझे अपना बचाव करना होगा।"
महाभारत में भगवान कृष्ण ने कौरव राजा धृतराष्ट्र से पांडवों को पांच गांव देने का अंतिम प्रस्ताव दिया था। कौरवों ने मना कर दिया जिसके बाद भगवान कृष्ण ने कहा कि युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
स्वामी सोमवार से भाजपा आईटी सेल और मालवीय के बारे में शिकायत कर रहे हैं। स्वामी का दावा है कि उन पर हमला किया जा रहा है और कहा कि भाजपा आईटी सेल दुष्ट हो गया है।
स्वामी ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा था, "भाजपा आईटी सेल दुष्ट हो गया है। इसके कुछ सदस्य मुझ पर निजी हमले करने के लिए फर्जी आईडी ट्वीट का सहारा ले रहे हैं। यदि मेरे नाराज फॉलोअर्स पलटवार करते हुए व्यक्तिगत हमले करते हैं तो मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि भाजपा को पार्टी के दुष्ट आईटी सेल के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।"
लखनऊ, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के लिए अब मुसीबतें बढ़ने जा रही हैं। योगी सरकार ने नियंत्रक और महालेखाकार (कैग) की रिपोर्ट के आधार पर उन पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। इस रिपोर्ट ने 2007 से 2012 के बीच मायावती के नेतृत्व वाली सरकार के शासन की विसंगतियों का खुलासा किया है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन मायावती सरकार ने गाजियाबाद में कृषि भूमि को आवास भूमि में बदला और इसके लिए प्रॉपर्टी डेवलेपर्स से अपेक्षित रूपांतरण शुल्क नहीं लिया।
मायावती सरकार के फैसले से गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) को 572.48 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ और दिल्ली मास्टर प्लान 2021 का उल्लंघन करते हुए चुनिंदा प्रॉपर्टी डेवलपर्स को ही यह लाभ दिया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जीडीए ने दिल्ली मास्टर प्लान 2021 में हाई-टेक टाउनशिप के रूप में चिन्हित 3,702.97 एकड़ सहित कुल 4,772.19 एकड़ क्षेत्र के लिए प्रॉपर्टी डेवलपर्स के लेआउट प्लान्स को मंजूरी दी थी।
मानदंडों के खिलाफ जाकर कृषि भूमि को उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया, क्योंकि इसका भूमि उपयोग बदलकर आवासीय कर दिया गया था और इसके लिए कोई रूपांतरण शुल्क नहीं लिया गया था।
इस फर्म में उप्पल चड्ढा हाई-टेक डेवलपर्स और सन सिटी हाई-टेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड जैसे दो डेवलपर्स शामिल हैं।
कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने 23 अप्रैल, 2010 को एक आदेश जारी किया था इसके बाद यह वित्तीय अनियमितताएं हुईं।
नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश में पिछले छह वर्ष में गरीबों के लिए बहुत काम हुआ है। इतना काम पहले कभी नहीं हुआ। पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारे देश में गरीबों की बात बहुत हुई हैं लेकिन गरीबों के लिए जितना काम पिछले 6 साल में हुआ है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। हर वो क्षेत्र, हर वो सेक्टर जहां गरीब-पीड़ित-शोषित-वंचित, अभाव में था, सरकार की योजनाएं उसका संबल बनकर आईं। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि हमारे देश का गरीब तो कागजों के डर से बैंक में जाता तक नहीं था। जनधन योजना के माध्यम से देश में 40 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खुलवाए गए हैं। इन जनधन खातों से गरीब बैंक से जुड़ा, तभी तो उन्हें आसानी से लोन, आवास योजना का लाभ, आर्थिक मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाल में सरकार ने शहरों में उचित किराए में बेहतर आवास उपलब्ध कराने की भी एक बड़ी योजना शुरू की है। एक देश, एक राशन कार्ड की सुविधा से आप देश में कहीं भी जाएंगे तो अपने हिस्से का सस्ता राशन ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का मकसद है कि रेहड़ी पटरी वाले लोग नई शुरूआत कर सकें, अपना काम फिर शुरू कर सकें, इसके लिए उन्हें आसानी से पूंजी मिले। उन्हें अधिक ब्याज देकर पूंजी न लानी पड़े।
प्रतापगढ़, 9 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मोती सिंह को 'एनकाउंटर' की धमकी देने के मामले में एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है। व्यक्ति खुद को फरार हिस्ट्रीशीटर का भतीजा होने का दावा कर रहा है। एक वीडियो में सुल्तानपुर जिले के करौदी कला के निवासी आरोपी चंदन यादव उर्फ बग्गद को करीब 50 लोगों की भीड़ के साथ देखा गया।
वीडियो में वह कह रहा है, "सभापति यादव मेरे मामा लगते हैं। अगर उनको कुछ हुआ तो मैं सीधे मोती सिंह का एनकाउंटर करुंगा।"
इसके बाद सभापति यादव के समर्थक उनके पक्ष में नारेबाजी करते दिखाई दिए।
उत्तर प्रदेश के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह को मोती सिंह के नाम से जाना जाता है। वह प्रतापगढ़ में पट्टी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।
वीडियो क्लिप का संज्ञान लेते हुए, पुलिस ने प्रतापगढ़ के असपुर देवसरा पुलिस स्टेशन में आपदा अधिनियम की धारा 51 के तहत और चंदन यादव बग्गद के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 504, 506, 507, 188 और 269 के तहत और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मंगलवार को मामला दर्ज किया।
आईजी प्रयागराज रेंज के.पी. सिंह ने कहा, "हमने आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीमें गठित की हैं। टीमें आरोपी के साथ वीडियो में दिखाई दे रहे अन्य लोगों की भी पहचान कर रही हैं।"
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सभापति यादव असपुर देवसरा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ लगभग 50 आपराधिक मामले लंबित हैं।
पिछले महीने ही पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत उसकी 1.6 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
एसपी प्रतापगढ़ अनुराग आर्य ने कहा, "चंदन यादव और अन्य के खिलाफ उचित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस की दो टीमें सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। हम वीडियो में चंदन यादव के आसपास खड़े लोगों की पहचान कर रहे हैं।"
हैदराबाद, 9 सितंबर (आईएएनएस)| तेलुगु टेलीविजन अभिनेत्री कोंडापल्ली श्रावणी ने हैदराबाद में अपने घर पर कथित रूप से आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी है। 26 साल की श्रावणी मंगलवार को मधुरनगर स्थित अपने आवास पर फांसी पर लटकी पाई गईं। परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह अपने बेडरूम में गई और दरवाजा बंद कर लिया। उन्हें लगा कि वह नहा रही हैं लेकिन जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आईं तो उन्होंने दरवाजा तोड़ा और देखा कि वो लटकी हुई हैं। वे उन्हें अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने शव को परीक्षण के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
परिवार ने आरोप लगाया है कि श्रावणी ने अपने पूर्व प्रेमी देवराज रेड्डी के उत्पीड़न से परेशान होकर यह कदम उठाया है। पुलिस ने कहा है कि परिवार ने उसके खिलाफ कुछ दिन पहले मामला दर्ज कराया था और उन्होंने श्रावणी को उसके साथ घूमने को लेकर चेतावनी भी दी थी।
पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि देवराज के साथ घूमने को लेकर मंगलवार की देर रात श्रावणी की अपनी मां और भाई के साथ बहस हुई थी। इसके बाद वह अपने कमरे में गई और खुद को फांसी लगा ली।
पुलिस ने देवराज को गिरफ्तार करने के लिए आंध्र प्रदेश के काकीनाडा शहर में एक टीम भेजी है। पुलिस ने कहा, "चूंकि श्रावणी का परिवार उस पर आरोप लगा रहा है, इसलिए हम उसे गिरफ्तार करेंगे और पूछताछ करेंगे।"
पुलिस अधिकारी ने कहा कि देवराज को जून में श्रावणी द्वारा शिकायत करने के बाद गिरफ्तार किया गया था, इसमें कहा गया था कि वह श्रावणी से शादी करने के लिए उसे परेशान कर रहा था।
परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि देवराज के खिलाफ शिकायत करने के बाद भी पुलिस कार्रवाई करने में विफल रही है।
बता दें कि देवराज कुछ महीने पहले टिक-टॉक के माध्यम से अभिनेत्री के संपर्क में आए थे और फिर दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई।
श्रावणी के परिवार ने कहा है कि देवराज ने उसे पैसे के लिए उसे परेशान करना शुरू कर दिया था। वह उसकी निजी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी दे रहा था। लिहाजा परिवार ने देवराज को 1 लाख रुपये गूगल पे के माध्यम से दिए।
हालांकि कथित रूप से वह पैसे लेने के बाद भी उसे परेशान करता रहा, लिहाजा उन्होंने उसके खिलाफ एस.आर.नगर थाने में 22 जून को शिकायत दर्ज कराई। वहीं पुलिस ने दावा किया है कि शिकायत में वीडियो और तस्वीरों का कोई जिक्र नहीं था।
बता दें कि श्रावणी ने 'मनासु ममता' और 'मौनरागम' जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में अभिनय किया था।