राष्ट्रीय
जयपुर, 11 सितंबर (आईएएनएस)| जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में चार दोषियों को मौत की सजा सुनाने वाले न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने हाल ही में डीजीपी भूपेंद्र सिंह को पत्र लिखकर अपने परिवार और खुद के लिए खतरे की आशंका जताते हुए सुरक्षा घेरा बढ़ाने की मांग की है। सुरक्षा को लेकर चिंतित सेवानिवृत्त न्यायाधीश शर्मा ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भूपेंद्र यादव को पत्र में कहा, "आईबी की रिपोर्ट के अनुसार, मुझे और मेरे परिवार से आतंकी ग्रुप कभी भी बदला ले सकते हैं। मुझे सूचना मिली है कि पुलिस लाइन के अधिकारी मुझे दी गई सुरक्षा को हटाने जा रहे हैं, ऐसे में मुझे दी गई सुरक्षा को यथावत रखा जाए।"
पत्र में शर्मा ने कहा कि उनके घर पर शराब की खाली बोतलें फेंकी गई हैं। कई दिनों से मोटरसाइकिल सवार संदिग्ध लोग घर के बाहर चक्कर लगा रहे हैं।
शर्मा ने पत्र में कहा, "संदिग्ध लोगों ने उनके घर के बाहर की फोटो भी खींची है। ये आतंकी समूह बहुत ही खतरनाक हैं। ये मेरे और मेरे परिवार के साथ कुछ भी कर सकते हैं।"
पत्र में न्यायाधीश नीलकंठ गंजू का उदाहरण भी दिया गया है। न्यायाधीश नीलकंठ गंजू ने 1984 में आतंकी मकबूल भट्ट को मौत की सजा सुनाई थी और उन्हें दो अक्टूबर, 1989 को आतंकियों ने मार दिया था।
उन्होंने लिखा है कि क्या यह मेरा कसूर है कि मैंने चार खूंखार आतंकियों को फांसी की सजा दी।
उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी आईएसआई से संबंधित हैं और संगठन के स्लीपर सेल के साथ काम कर रहे हैं।
जयपुर में 13 मई, 2008 को सिलसिलेवार धमाके हुए थे, जिसमें 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 250 लोग घायल हुए थे।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)| भारत की 47 प्रतिशत कामकाजी महिलाएं कोविड-19 महामारी की वजह से अधिक तनाव या चिंता महसूस कर रही हैं। एक नए सर्वेक्षण में गुरुवार को यह बात कही गई है। माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली लिंक्डइन ने गुरुवार को 'श्रमबल विश्वास सूचकांक' (वर्कफोर्स कॉन्फिडेंस इंडेक्स) सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि पांच में से दो यानी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल के लिए कार्य के घंटों से आगे भी काम करना पड़ रहा है।
यह सर्वे 2,254 पेशेवरों के बीच किया गया है।
वहीं अगर पुरुषों की बात जाए तो 38 प्रतिशत कामकाजी पुरुषों ने कहा कि महामारी की वजह से उन पर दबाव बढ़ा है।
सर्वे में सामने आया है कि अभी तीन में से एक महिला (31 प्रतिशत) पूरे समय बच्चों की देखभाल कर रही हैं। वहीं, सिर्फ पांच में से एक यानी 17 प्रतिशत पुरुष ही पूरे समय बच्चों की देखभाल रहे हैं।
ऑनलाइन पोर्टल 'जॉब फॉर हर' की सीईओ नेहा बागरिया ने कहा कि महामारी के दौरान पुरुषों की भागीदारी में वृद्धि देखने को मिली है, लेकिन महिलाएं अभी भी बच्चों की देखभाल में सबसे अधिक समय बिता रही हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि कामकाजी माताओं को बच्चों की देखभाल से ध्यान भंग होने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
सर्वे के अनुसार, पांच में से सिर्फ एक यानी 20 प्रतिशत महिलाएं ही अपने बच्चों की देखभाल के लिए परिवार के सदस्यों या मित्रों पर निर्भर हैं। वहीं पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा 32 प्रतिशत है।
करीब 46 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्हें देर तक काम करने की जरूरत पड़ रही है। वहीं 42 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि बच्चों के घर पर होने की वजह से वे काम पर ध्यान नहीं दे पातीं।
फ्रीलांसर के रूप में काम करने वाले लोगों में से 25 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें आमदनी में बढ़ोतरी की उम्मीद है। वहीं 27 प्रतिशत ने कहा कि उनकी व्यक्तिगत बचत बढ़ने की उम्मीद है, जबकि 31 प्रतिशत ने कहा कि अगले छह माह के दौरान उन्हें अपने निवेश में वृद्धि की उम्मीद है।
कानपुर, 11 सितंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कोरोना संकट के समय बेरोजगार हुए मजदूरों को लेकर चिंता जाहिर की है। कहा कि स्वयंसेवक आगे आएं और प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराएं। संघ प्रमुख मोहन भागवत बुधवार की रात कानपुर प्रवास पर आए हैं। गुरुवार की सुबह सिविल लाइंस स्थित क्षेत्र संघ चालक वीरेंद्र जीत सिंह के आवास पर कानपुर प्रांत के पदाधिकारियों की बैठक की। दो दिवस चलने वाली बैठक के पहले दिन उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के लिए कार्य करना है। प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभी और कार्य करने को लेकर केंद्र और प्रदेश की ओर इशारा किया।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए और ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए कार्य करना है। आत्मनिर्भरता का भाव समाज में उत्पन्न करना है। संघ प्रमुख ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने का कानपुर प्रांत में अच्छा काम हुआ है, इसको और बढ़ाने की आवश्यकता है।
सर संघ चालक ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान संघ के अतिरिक्त मठ, मंदिर, गुरुद्वारों, सामाजिक संगठनों ने भी सेवा कार्य किए हैं। इससे समाज में एक बहुत बड़ी सज्जन शक्ति उभर कर सामने आई है। संघ के स्वयंसेवकों को ऐसी सज्जन शक्ति से संपर्क करना चाहिए।
उन्होंने लॉकडाउन के दौरान कानपुर प्रांत में किए गए सेवा कार्यो की भी जानकारी ली। पदाधिकारियों ने प्रांत के सेवा कार्यो को आंकड़ों के साथ रखा। साथ ही स्वयंसेवकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किए गए प्रेरणादायी कार्यो को भी उनके सामने रखा।
सेवा कार्यो की सराहना करते हुए सर संघ चालक ने कहा कि स्वयंसेवकों को याद रखना चाहिए कि हमने यह कार्य प्रचार के लिए नहीं किया है। यह हमारा समाज के प्रति दायित्व था।
उन्होंने कानपुर प्रांत में संस्कार उत्पन्न करने के लिए बुद्घ पूर्णिमा पर उपवास, कुटुंब प्रबोधन की ²ष्टि से परिवारजन का एक साथ भोजन कार्यक्रम और प्रत्येक प्रति प्रेमी परिवार की ओर से पर्यावरण की ²ष्टि से हवन कार्यक्रम की भी सराहना की।
संघ प्रमुख यहां 12 सितंबर तक रहेंगे और अलग-अलग विषयों को लेकर चर्चा करेंगे।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)| कोरोनावायरस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए देशभर में 24 मार्च से राष्ट्रव्यापी बंद लागू किया गया था, जिस दौरान लाखों लोग अपने घरों में ही रहे और वह केवल जरूरी वस्तुओं की खरीदारी के लिए ही बाहर निकले। राष्ट्रव्यापी बंद भारत में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने में प्रभावी रहा हो, ऐसा जरूर हो सकता है, मगर यह कई लोगों के भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं रहा है।
यह देखने को मिला है कि मनोचिकित्सकों के सामने इस अवधि के दौरान आत्महत्या की प्रवृत्ति वाले अधिक रोगी पहुंचे हैं। इस दौरान लोगों को रोजगार और आजीविका का नुकसान हुआ है और साथ ही घर में हिंसा की घटनाएं भी बढ़ी हैं। पिछले दो महीनों में इस तरह की स्थिति काफी बढ़ गई है।
नई दिल्ली के एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल आकाश हेल्थकेयर का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य जैसी दिक्कतों से जूझ रहे 33 प्रतिशत रोगियों को आत्मघाती (खुद को नुकसान पहुंचाना या आत्महत्या का विचार) विचारों का सामना करना पड़ा है। सबसे बड़े उदाहरणों में से एक सुशांत सिंह राजपूत की मौत का व्यापक कवरेज रहा है, जिन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इस बीच, इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर (आईएसआईसी) का कहना है कि वे हर दिन कम से कम 10 रोगियों को देखते हैं, जो विभिन्न कारणों से आत्महत्या के विचारों की शिकायत करते हैं।
द्वारका स्थित आकाश हेल्थकेयर एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की मनोवैज्ञानिक डॉ. लवलीन मल्होत्रा ने कहा, "सबसे बड़े ट्रिगर्स में से एक आत्महत्या के बारे में बात करना हो सकता है और सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु और उस पर लगातार मीडिया चर्चा के बाद से बहुत से लोग हमारे पास आ रहे हैं, जिन्हें आत्महत्या के ख्याल आ रहे हैं और वे इसके बारे में उत्सुक हैं।"
उन्होंने कहा, "पिछले दो महीनों में लगभग 150 लोगों ने क्लीनिकल मानसिक स्वास्थ्य दिक्कतों के कारण हमसे संपर्क किया है और इनमें से 50 को गंभीर आत्मघाती विचार आ रहे थे। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में भी आत्मघाती विचार देखे गए हैं। रोगियों में से एक 30 वर्षीय व्यक्ति था, जिसने दवा की अधिकता के माध्यम से आत्महत्या करने की कोशिश की। जिन लोगों को चिंता या द्विध्रुवीय विकार (बाइपोलर डिसऑर्डर) है, उनके लिए भी आत्महत्या किए जाने को लेकर खतरा हो सकता है।"
दवा और स्वास्थ्य सेवा की दिग्गज कंपनी अपोलो की टेलीमेडिसिन सेवा अपोलो टेलीहेल्थ का कहना है कि उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित लोगों को 2000 परामर्श दिए हैं। अपोलो टेलीहेल्थ में मनोवैज्ञानिक डॉ. तबस्सुम शेख ने कहा कि उनमें से कई ने आत्मघाती प्रवृत्ति प्रदर्शित की है।
शेख ने कहा, "रोगियों में कई तरह की दिक्कतों और अंतर्निहित स्थितियों को देखा गया, जिससे आत्महत्या तक के विचार आने लगे। लेकिन अधिकांश को संक्रमण, सोशल आइसोलेशन, प्रियजनों को नुकसान के डर का सामना करना पड़ा, जो बेरोजगारी और नुकसान के कारण उत्पन्न संकट से अक्सर पीड़ित थे।"
शेख ने कहा कि लोगों को भावनात्मक दुख, कोविड-19 की व्यापकता के कारण चिंता, अकेलापन, अवसाद, रोजगार के मुद्दे, बेरोजगारी, नौकरी की सुरक्षा और संतुष्टि की कमी जैसी चिंताओं से जूझना पड़ा है। यही नहीं, काम के दबाव के कारण लोगों में अपर्याप्त नींद भी इसका कारण रही है।
तनाव के कारण वैवाहिक जीवन में भी खटास आने वाले मामले देखने को मिले हैं।
इस बीच, डॉ. मल्होत्रा ने सलाह दी कि आत्मघाती विचारों को कम करने के लिए प्रभावित व्यक्तियों को ऐसा वातावरण प्रदान करना अनिवार्य है, जिसमें वे बात कर सकें। उन्होंने कहा कि अधिकांश मामले प्रभावित व्यक्ति और उनके आसपास के लोगों के बीच संचार की कमी के कारण होते हैं।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)| चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर फिंगर-4 के क्षेत्रों पर अपना कब्जा करना जारी रखे हुए हैं, वहीं भारतीय सैनिकों ने झील के उत्तरी किनारे की कुछ ऊंचाइयों पर अपनी पहुंच स्थापित कर ली है। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक सूत्र ने कहा, "हमारे सैनिकों ने पीएलए के कब्जे वाली पोजिशन को देखते हुए कुछ ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है।"
सूत्र ने कहा कि भारतीय सेना एहतियात के तौर पर ऐसे स्थानों पर तैनात है।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की टुकड़ियां, जो कि पहाड़ी युद्ध की विशेषज्ञ हैं, वह पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को संभालने में कामयाब रही है।
सूत्रों ने कहा कि अब पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर चीनी सैनिकों और वाहनों की आवाजाही दिखाई दे रही है। कुछ जगहों पर भारी-भरकम हथियारबंद सैनिक भारतीय जवानों के नजदीक ही हैं। इन चौकियों पर सेना हाई अलर्ट पर नहीं है।
भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर चीनी सैनिक भड़काऊ सैन्य कदम उठाते हैं तो उनकी सेना जवाबी कार्रवाई करेगी।
भारतीय सेना ने ऐसे ऊंचाई वाले स्थानों पर कब्जा कर लिया है, जो इसे चीनी नियंत्रण के तहत आने वाले मोल्दो गैरीसन और स्पंगुर गैप पर हावी होने की अनुमति देता है। भारत और चीन दोनों इनमें से कुछ ऊंचाइयों का दावा करते हैं।
भारतीय सेना की सबसे महत्वपूर्ण ऊंचाइयों में से एक है रेचिन ला, जिसका चीनी विरोध कर रहे हैं। चीन ने भारतीय सैनिकों को पहाड़ की ऊंचाइयों से दूर करने के लिए कई प्रयास किए हैं।
भारत एलएसी के पास फिंगर-8 पर अपना दावा करता है और उसका फिंगर-4 तक कब्जा कर रहा है, लेकिन विस्तारवादी सोच रखने वाले चीन की सेना यथास्थिति बदलने के लिए फिंगर-4 पर डेरा डाले हुए है और उसने फिंगर-5 और फिंगर-8 के बीच किलेबंदी की है।
यह नया गतिरोध बिंदु बन गया है, जहां भारतीय सेना एक लाभप्रद स्थिति में है।
भारत और चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चार महीने से आमने-सामने है। कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)| प्रशांत भूषण मामले में अदालत के फैसले की आलोचना करने और न्यायपालिका से जुड़े अन्य ट्वीट्स के लिए पत्रकार राजदीप सरदेसाई के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता आस्था खुराना ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड ओम प्रकाश परिहार के माध्यम से कहा है कि सरदेसाई का बयान न केवल एक सस्ता प्रचार स्टंट है, बल्कि शीर्ष अदालत के खिलाफ हर तरह से विरोध करने के लिए भारत विरोधी अभियान के रूप में नफरत फैलाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
याचिका में कहा गया है कि यह समकालीन ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के संप्रभु कार्य और संविधान के प्रति उनके पालन करने की प्रकृति पर एक बड़ा सवाल है।
याचिकाकर्ता ने राजदीप सरदेसाई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल की सहमति भी मांगी है।
याचिकाकर्ता ने सरदेसाई के एक ट्वीट का हवाला दिया, जहां उन्होंने अदालत द्वारा भूषण पर लगाए गए एक रुपये के दंड की आलोचना की थी। इसके अलावा दूसरे ट्वीट का भी हवाला दिया गया, जिसमें सरदेसाई ने कहा था कि शीर्ष अदालत किसी वकील को प्रैक्टिस से नहीं हटा सकती।
दलील दी गई कि यह स्पष्ट है कि सरदेसाई ने शीर्ष अदालत के फैसले का अपमान किया है।
याचिकाकर्ता ने सरदेसाई को इस तरह के कार्य में एक अभ्यस्त के तौर पर संदर्भित करते हुए शीर्ष अदालत के आदेश का जानबूझकर अपमान करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का आदेश पारित करने का आग्रह किया है।
देश में पिछले कई दिनों से कोरोना वायरस ने कोहराम मचा रखा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक राहत की खबर दी है। मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 29 दिनों में रिकवरी और डिस्चार्ज हो चुके मरीजों में 100 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है।
अहमदाबाद, 10 सितंबर। गुजरात के राजकोट शहर में निर्मित धमण-3 वेंटीलेटर शुरू से ही काफी विवादों में रहे हैं। महाराजा सयाजी राव गायकवाड अस्पताल में लगी आग का कारण भी धमण वेंटीलेटर ही है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि 24 घंटे वेंटीलेटर चल रहा था, इसलिए गर्म होकर जल गया। सयाजी हॉस्पिटल के ट्रामा सेंटर के ऊपर प्रथम तल पर बने आईसीयू-2 में मंगलवार देर रात लगी आग के बाद यहां भर्ती 40 से अधिक कोरोना मरीजों को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया। सयाजी अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ शीतल मिस्त्री ने बताया कि केवल दो धमण-3 का ही उपयोग किया जा रहा है, एक सयाजी व दूसरा गौत्री अस्पताल में काम लिया जा रहा है। लगातार 24 घंटे चलने की वजह से धमण-3 वेंटीलेटर गरम होकर जल गया।
जिला कलक्टर ने घटना की जांच के लिए महानगर पालिका के उपायुक्त सहित 3 अधिकारियों की एक टीम बनाई है, जिसने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल में आग लगने की यह चौथी घटना है। इससे पहले अहमदाबाद व वडोदरा में आग लगने की घटनाएं सामने आ चुकी है। अहमदाबाद के श्रेय अस्पताल के आईसीयू में लगी आग में कोरोना के आठ मरीज जलकर मर गए थे।
पता चला था कि श्रेय अस्पताल पर आरोप था कि यहां फायर सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं थे। इस घटना में पांच पुरुष व तीन महिलाओं की झुलसने से मौत हो गई थी। श्रेय अस्पताल 50 बेड का कोविड-19 अस्पताल है। अस्पताल के पास फायर सेफ्टी के साधन न होने पर फायर ब्रिगेड का अनापत्ति प्रमाण पत्र न होने की भी बात सामने आई थी। घटना के दौरान करीब 40 से 45 मरीज यहां इलाज के लिए भर्ती थे। यह सभी कोरोना संक्रमित थे, जिन्हें महानगर पालिका संचालित सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था।
धमण वेंटीलेटर शुरुआत से विवाद में रहे। उसके बाद गत दिनों इसकी निर्माता कंपनी ज्योति सीएनसी ने दावा किया था कि धमण-3 पूरी तरह सुरक्षित व उन्नत है, लेकिन सयाजी असप्ताल में धमण के शॉर्ट सर्किट के बाद आग लगने से यह भी विवादों में आ गया है। अप्रैल, 2020 में ज्योति सीएनसी ने 10 दिन में धमण-1 को बनाने का दावा किया था। (jagran.com)
(Ahmedabad Mirror)CCTV reveals that #ventilator, not short circuit caused SSG hospital fire pic.twitter.com/TBd0WOY6yj
— Ahmedabad Mirror (@ahmedabadmirror) September 10, 2020
नई दिल्ली, 10 सितंबर(आईएएनएस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जिस पीएम मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ किया, वह सफलता से धरातल पर उतरी तो न केवल देश को मोटा मुनाफा होगा, बल्कि नए रोजगार भी बढ़ेंगे। मोदी सरकार अगले पांच वर्षो के भीतर मछली निर्यात को जहां एक लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचाना चाहती है, वहीं इस सेक्टर में करीब 55 लाख नए रोजगार के मौके भी उपलब्ध कराने की कोशिश है। दुनिया में दूसरे सबसे बड़े मछली उत्पादक देश भारत में फिलहाल करीब एक करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोग इस सेक्टर में रोजगार से जुड़े हैं। क्या है मत्स्य संपदा योजना?
दरअसल देश में इस समय करीब 46 हजार करोड़ रुपये मछली निर्यात से आते हैं। सरकार मछली उत्पादन बढ़ाकर निर्यात की धनराशि में दोगुने से ज्यादा का इजाफा करने में जुटी है। इसी सिलसिले में शुरू हुई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना काफी मददगार हो सकती है। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत पूरे पांच साल में 20,050 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश इस योजना में होना है। इनमें से करीब 12,340 करोड़ रुपये समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में होंगे, वहीं 7,710 करोड़ रुपये का निवेश मछली पालन के आधारभूत संसाधनों के लिए होगा। इस प्रकार 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर, सरकार एक लाख करोड़ रुपये के निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने की तैयारी में है।
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए देश में 2024-25 तक मछली उत्पादन को 70 लाख टन बढ़ाना है। इससे देश में मछली निर्यात का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो फिर मछली पालन से जुड़े किसानों की आय दोगुनी होगी। योजना के तहत मछली पालन में 20-25 प्रतिशत के नुकसान को दस प्रतिशत तक किया जाएगा। यह पूरी योजना करीब 55 लाख नए रोजगार पैदा करेगी।"
कैसे बढ़ेगा मछली पालन?
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए कई मोर्चो पर एक साथ काम शुरू होगा। गुणवत्तापूर्ण प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा। मछली पालन के लिए देश में जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास होगा। किसानों को मछली उत्पादन पर उचित मूल्य मिले, इसके लिए भी समुचित इंतजाम होंगे। मछली प्रबंधन ढांचे को मजबूत किया जाएगा। नीली क्रांति योजना को और विस्तार दिया जाएगा। मत्स्य समूहों के निर्माण के जरिए मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। मछली पकड़ने वाले जहाजों का बीमा, अच्छी नावों की व्यवस्था, ब्रीडिंग सेंटर्स स्टार्टअप्स सुविधाओं का विस्तार होगा।
--आईएएनएस
भोपाल, 10 सितंबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों के उपचार के दौरान ऑक्सीजन की कमी के मामले सामने आने पर सरकार ने इसे दूर करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संदर्भ में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी बात की, साथ ही कहा कि राज्य में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी नहीं रहेगी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने राज्य में कोरोना के कारण बने हालात पर चिंता जताई। ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी के मसले पर मुख्यमंत्री शिवराज ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी। कोविड-19 के मरीजों को जरूरत के मुताबिक, ऑक्सीजन की आपूर्ति हर हलात में सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश में विद्यमान प्लांट्स की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ अन्य राज्यों से समन्वय का प्रयास निरंतर जारी है।
मुख्यमंत्री चौहान ने निवास पर आयोजित बैठक में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, पर हर स्थिति में व्यवस्थाओं का सुचारु संचालन आवश्यक है। सितंबर माह के अंत तक 150 टन ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी। नए ऑक्सीजन प्लांट के लिए भी कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
राज्य में महाराष्ट्र से ऑक्सीजन सिलिंडर की आपूर्ति होती है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक के दौरान उद्धव ठाकरे से प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में फोन पर बात की। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि ठाकरे ने आश्वस्त किया है कि ऑक्सीजन की समस्या महाराष्ट्र में भी है, पर वे पूरे प्रयास करेंगे कि मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रहे।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश को 20 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति महाराष्ट्र से है। यह आपूर्ति आईनेक्स कंपनी द्वारा की जाती है। यह कंपनी जरूरत होने पर गुजरात और उत्तरप्रदेश के अपने प्लांट से मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए दूरगामी योजना पर भी कार्य कर रहा है। प्रदेश में आईनेक्स कंपनी का ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमति दी जा रही है। होशंगाबाद के मोहासा बावई में यह प्लांट लगेगा। इसमें 200 टन ऑक्सीजन का उत्पादन होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। ऐसे में प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी बेहद चिंताजनक विषय है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपील की है कि संकट के इस दौर में वे हस्तक्षेप कर महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश को होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति को बहाल करवाएं।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर अगले छह माह की व 30 सितंबर तक की बात कर रहे हैं। साथ ही प्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर व अन्य जिलों में कोरोना संक्रमण के निरंतर बढ़ते मामलों व अस्पतालों में बेड की कमी व इलाज में लापरवाही के कारण हो रही मौतों की निरंतर शिकायतें मिल रही हैं। सरकार इस दिशा में ध्यान देकर कड़े कदम उठाए। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों में बेड की संख्या सुनिश्चित करने के लिए भी सरकार कदम उठाए।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस) सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से अधिस्थगन/पाबंदी अवधि के दौरान स्थगित ईएमआई के ब्याज पर ब्याज नहीं लेने के लिए एक याचिका पर विचार करने के लिए कहा। साथ ही कर्जदारों के क्रेडिट/एसेट वर्गीकरण को भी डाउनग्रेड नहीं करने पर विचार करने के लिए कहा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र, भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य बैंकों से कहा कि वे दो सप्ताह के भीतर महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए साथ बैठक करने को कहा। यह महत्वपूर्ण मुद्दे विशिष्ट ऋण पुनर्गठन, ब्याज पर ब्याज चार्ज करना आदि है। कोर्ट ने उन्हें एक ठोस निर्णय के साथ आने को कहा है।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि स्थगन के मुद्दे पर फैसला लेने के लिए उच्चतम स्तर पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जो स्थगन के दौरान ब्याज पर ब्याज और अन्य जुड़े मुद्दों से संबंधित है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक उचित हलफनामा दायर करने के लिए केंद्र को दो सप्ताह का समय दिया जाता है और वह अगली तारीख पर याचिकाकर्ताओं के फरियाद पर विचार करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 28 सितंबर को सुनवाई करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने केंद्र, आरबीआई और बैंकों को भी निर्देश दिया कि वे इस मामले पर अपने फैसले तारीख के पहले दें।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| सांसदों/विधायकों के खिलाफ सबसे पुराना आपराधिक मामला पंजाब का है। यह मामला साल 1983 से ही लंबित है, इस जानकारी के सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य जताया है। न्यायमूर्ति एन.वी. रमाना, सूर्यकांत और हृषिकेश रॉय की पीठ ने गुरुवार को यह टिप्पणी आपराधिक मामले में दोषी लोगों को चुनाव लड़ने से रोक लगाने वाली जनहित याचिका पर दी।
न्याय मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने सुप्रीम कोर्ट के 5 मार्च के आदेश का हवाला दिया, जिसमें सांसदों और विधायकों के विरुद्ध लंबित मामलों के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था।
न्यायमूर्ति रमाना ने हंसारिया से पूछा कि सबसे पुराना लंबित मामला कौन सा है। वकील ने कहा कि सबसे पुराना मामला 1983 का है और यह पंजाब राज्य से है।
न्यायमूर्ति रमना ने कहा, "यह आश्चर्यजनक है।"
पीठ ने कहा कि उम्रकैद से संबंधित मामला क्यों 36 साल से लंबित है? पंजाब की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह मामले को देखेंगे और अगली सुनवाई में सूचित करेंगे।
शीर्ष अदालत ने केंद्र से चुनाव लड़ने से आजीवन पाबंदी पर रोक लगाने पर 6 सप्ताह के अंदर पक्ष स्पष्ट करने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट में सभी हाईकोर्ट के आंकड़े मुहैया कराए गए, जिसमें यह खुलासा हुआ कि विभिन्न अदालतों में वर्तमान और पूर्व सांसदों व विधायकों के खिलाफ 4,442 मामले लंबित हैं। इसमें वो कोर्ट भी शामिल हैं, जिसे इन केसों को निपटाने के लिए अधिकृत किया गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया की रिपोर्ट के अनुसार, "2,556 मामलों में वर्तमान विधायक/सांसद आरोपी हैं।"
भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका के जरिए वर्तमान और पूर्व विधायकों/सांसदों के खिलाफ मामलों को तेजी से निपटाने के लिए कोर्ट को आदेश देने का आग्रह किया था, जिसके बाद यह रिपोर्ट दाखिल की गई है।
शीर्ष अदालत ने सभी विधायकों/सांसदों के खिलाफ लंबित मामलों के संबंध में सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरलों को रिकॉर्ड पेश करने को कहा था।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 सितंबर (वार्ता)। उच्चतम न्यायालय ने इसी माह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षाएं (पूरक परीक्षा) आयोजित करने के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं से विश्वविद्यालयों में अस्थायी प्रवेश दिलाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का सुझाव दिया है। मामले की अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा से कहा, उन छात्रों का प्रवेश कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में होना है और इसमें सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा देने वाले छात्रों की कुछ खास मदद नहीं कर पाएगी। न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी पीठ का हिस्सा हैं।
इस पर श्री तन्खा ने कहा कि सीबीएसई कॉलेजों से इन छात्रों को अस्थायी प्रवेश देने या कंपार्टमेंट परीक्षाओं का परिणाम घोषित होने तक इंतजार करने का अनुरोध कर सकती है। न्यायालय कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बीच सीबीएसई की ओर से पूरक परीक्षा आयोजित करने के फैसले पर रोक लगाने संबंधी कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है।
न्यायालय ने याचिका की एक प्रति केंद्र को भेजने का निर्देश देने के साथ ही कहा, हम सितंबर में दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए पूरक परीक्षा आयोजित करने के लिए सीबीएसई के फैसले को चुनौती देने और विश्वविद्यालयों में अस्थाई प्रवेश के लिए आग्रह संबंधी याचिका पर अगली तारीख पर सुनवाई करेंगे।
श्री तन्खा ने कहा कि पूरक परीक्षाएं 22 सितंबर से 29 सितंबर के मध्य होनी हैं और तब तक विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश बंद हो चुका होगा। ऐसे में पूरक परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाएगा और उनका पूरा साल बेकार चला जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सीबीएसई मुख्य परीक्षाएं आयोजित नहीं करवा सका और मूल्यांकन की मिश्रित प्रणालियों के आधार पर परिणाम घोषित किए गए जिसकी वजह से कई छात्रों को कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, कंपार्टमेंट परीक्षाओं में बैठने वाले करीब पांच लाख छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ करना जरूरी है।
नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में राफेल युद्धक विमान के शामिल होने पर गुरुवार को बधाई दी है और कहा है कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ 4.5 जेनेरेशन लड़ाकू विमान को विश्व के सबसे अच्छे लड़ाकू पायलट मिल गए हैं। धोनी ने अपने आधिकारिक ट्विरटर पर लिखा, "भारतीय बेड़े में शामिल होने के अंतिम समारोह में, विश्व के सर्वश्रेष्ठ 4.5 जेनेरेशन लड़ाकू विमान को विश्व के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू पायलट मिल गए हैं। हमारे पायलटों के हाथों में अलग-अलग तरह के एयरक्राफ्ट होने से आईएएफ की क्षमता में इजाफा होगा।"
उन्होंने लिखा, "17 स्क्वाड्रन (गोल्डन एरोज) को बधाई। हम सभी उम्मीद करते हैं कि राफेल, मिराज-2000 की सर्विस के रिकार्ड को तोड़े लेकिन सुखोई30एमकेई मेरे पसंदीदा है।"
धोनी ने पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। वह इस समय यूएई में आईपीएल के लिए गए हुए हैें।
प्रयागराज, 10 सितंबर (आईएएनएस)| बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी अपना समर्थन दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि सच की आवाज को दबाने के लिए उद्घव ठाकरे सरकार ने रनौत के कार्यालय पर बुलडोजर चलवाकर बदले की भावना से कार्रवाई की है। महंत नरेन्द्र गिरी ने जारी अपने बयान में कहा कि कंगना रनौत बहादुर और हिम्मत वाली बेटी है, जिन्होंने बॉलीवुड के माफि याओं और ड्रग माफि याओं के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने निडर होकर बॉलीवुड में एक विशेष समुदाय के वर्चस्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है। इससे न केवल बॉलीवुड के माफि या डर गए हैं, बल्कि सरकार के भी कदम उखड़ रहे हैं। इसी कारण बदले की भावना से उनके उपर कार्रवाई की गयी है।
हालांकि महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने कंगना को बड़ी राहत देते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाई है। लेकिन सुशांत सिंह मर्डर केस में जिस बहादुरी से कंगना रानावत ने ड्रग और बॉलीवुड माफि याओं का सामना किया, उससे लोगों में बौखलाहट है।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब है। पालघर में दो साधुओं की हुई हत्या के मामले में भी महाराष्ट्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा है क्या अखाड़ा परिषद ने पालघर मामले में भी सीबीआई जांच की मांग की है। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कंगना की इस लड़ाई में साधु-संत और पूरा देश उनके साथ है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार को कंगना रनौत को सुरक्षा देने के लिए धन्यवाद दिया है।
नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार झुग्गी झोपड़ियों को तोड़े जाने का विरोध कर रही है। गुरुवार को आम आदमी पार्टी ने दो टूक शब्दों में कहा कि दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी नहीं तोड़ने दी जाएगी। इससे पहले दिल्ली एनसीआर में रेलवे की जमीन पर बनी करीब 48 हजार झुग्गियों को तोड़ने का आदेश दिया गया था। गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने इन झुग्गियों को तोड़े जाने के लिए जारी किए गए नोटिस फाड़ दिए और ऐलान किया कि दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झुग्गी झोपड़ी वालों के साथ है।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए बड़े बेटे की तरह हैं और इस मुश्किल वक्त में केजरीवाल अपने परिवार के साथ खड़े हैं।
राघव चड्ढा ने कहा, भाजपा की केंद्र सरकार लोगों की झुग्गियों पर नोटिस लगा रही है जिसमें लिखा है कि 11 सितम्बर को आपका घर तोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा कई स्थानों पर 17 सितंबर और कई स्थानों पर 24 सितंबर को झुग्गियां तोड़ने के नोटिस लगाए गए हैं। हम दिल्ली के सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि दिल्ली में जब तक अरविंद केजरीवाल की सरकार है तब तक किसी का घर नहीं टूटने दिया जाएगा।
राघव चड्ढा ने तुगलकाबाद समेत कई इलाकों में जारी किए गए नोटिसो को फाड़ दिया। उन्होंने कहा, मैं ये नोटिस फाड़ता हूं और हर झुग्गी झोपडी में रहने वाले को कहता हूं आपका बड़ा बेटा अरविंद केजरीवाल अभी जिंदा है, आपका घर नहीं उजड़ने देंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अदालत से लेकर सड़क तक झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के हित की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे। जो कुछ भी करना पड़े, आपका घर नहीं उजड़ने देंगे।
राघव चड्ढा ने इस कार्रवाई को मानवता और संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा, बिना कोई आश्रय दिए किसी भी व्यक्ति को विस्थापित नहीं किया जा सकता। मैं चेतावनी देता हूं कि केंद्र सरकार कार्रवाई कर के दिखाए। झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोग हमारे परिवार का हिस्सा है और हम अपने परिवार को नहीं उजड़ने देंगे। जिन लोगों को भी ऐसे नोटिस आए हैं, उन्हें इस नोटिस से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। इस कार्रवाई के खिलाफ हम कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे।
झांसी, 10 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में ललितपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के वाहन चालक राज कुमार दुबे की आत्महत्या मामले ने एक वीडियो वायरल होने के बाद नया मोड़ ले लिया है। वीडियो में पीड़ित ने दावा किया है कि उसने एक सेक्स रैकेट मामले से खुद को बचाने के एवज में उत्तर प्रदेश के मंत्री मन्नू कोरी को 20 लाख रुपये दिए हैं। दुबे ने रविवार/सोमवार की मध्यरात्रि को आत्महत्या कर ली थी। वीडियो मंगलवार शाम को वायरल हुआ, जिसमें श्रम और रोजगार विनिमय मंत्री पर आरोप लगाया गया है।
वीडियो में दुबे ने यह भी कहा कि कोरी, जो कि ललितपुर जिले की मेहरोनी सीट से विधायक भी हैं, के अलावा कुछ अन्य लोग भी उससे जबरन पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे थे।
वीडियो वायरल होने के बाद ललितपुर के जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने पूरी घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए।
रिपोर्ट्स के अनुसार, दुबे (55) को कुछ साल पहले एक सेक्स स्कैंडल में फंसाया गया था और उसी के लिए वह जेल में एक साल की सजा भी काट चुका है। उसे जनवरी 2019 में रिहा कर दिया गया था।
दुबे को उसके घर मृत पाया गया। उसने खुद को फांसी लगाने से पहले वीडियो शूट किया। करीब 1.43 मिनट के वीडियो में दुबे को यह कहते हुए देखा जाता है कि वह आत्महत्या का कदम उठाने जा रहा है, क्योंकि उसे चंद्रपाल सिंह और राजेंद्र सिंह द्वारा सेक्स रैकेट मामले में जबरदस्ती फंसाया गया था।
राज्य मंत्री मन्नू कोरी ने दुबे से कथित तौर पर 20 लाख रुपये की मांग की थी, जो उन्होंने चुकाया था, लेकिन उसके बाद भी जेल भेजा गया था।
उन्होंने कहा कि बृजेश और मनोज नाम के दो और व्यक्ति भी उससे 50 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं, जिसे वह दे नहीं पा रहा है। इसके अलावा राजेंद्र सिंह के साथ पप्पू खान नामक व्यक्ति भी उन पर लगातार 4.5 लाख रुपये देने का दबाव बना रहा है, और उसने उनके घर को अपनी पत्नी के नाम पर जबरन पंजीकृत करवा लिया है।
जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि पूछताछ के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं मंत्री मन्नू कोरी ने एक वीडियो के माध्यम से जारी बयान में कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे और निराधार है और यह उनकी स्वच्छ छवि को खराब करने का प्रयास था।
उन्होंने यह भी कहा कि वह कभी दुबे से नहीं मिले और न ही वह उसे जानते हैं।
आप नेता संजय सिंह ने कोरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने कोरी सहित सभी आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है और कहा है कि इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच पर्याप्त नहीं थी।
अंबाला, 10 सितम्बर (वार्ता)। चीन के साथ लंबे समय से सीमा पर चल रही तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि रफाल लड़ाकू विमान से वायु सेना की ताकत और क्षमता कई गुना बढ़ गयी है और यह भारत की ओर आंख उठाने वालों के लिए बड़ा और कड़ा संदेश है।
फ्रांस से खरीदे गये 36 रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के पांच विमान यहां वायु सेना स्टेशन पर एक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले की मौजूदगी में वायु सेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में विधिवत रूप से शामिल किये गये। ये पांचों विमान गत 27 जुलाई को भारत लाये गये थे।
रफाल को शामिल किये जाने से पहले वायु सेना स्टेशन पर सर्व धर्म पूजा की गयी जिसमें सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने अपनी ओर से पूजा अर्चना की। इस मौके पर राफाल विमानों ने भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के साथ साथ सुखाई विमानों के साथ तालमेल बैठाते हुए शक्ति तथा तालमेल और जौहर का प्रदर्शन किया।
श्री सिंह ने बाद में वायु सैनिकों तथा अधिकारियों को संबोधित करते हुए रफाल विमानों की ताकत का उल्लेख करते हुए चीन और पाकिस्तान को परोक्ष रूप से कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, ‘आज इनका शामिल होना, पूरी दुनिया, $खासकर हमारी संप्रभुता की ओर उठी निगाहों के लिए एक ‘बड़ा और कड़ा’ संदेश है। हमारी सीमाओं पर जिस तरह का माहौल हाल के दिनों में बना है, या मैं सीधा कहूं कि बनाया गया है, उनके लिहा•ा से इन विमानों का शामिल होना बहुत अहम है।’
फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा,‘आज का दिन हमारे देशों के लिए एक उपलब्धि है। हम मिलकर भारत- फ्रांस रक्षा संबंधों का एक नया अध्याय लिख रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि रफाल एक शक्तिशाली विमान है जो वायु सेना को नयी ताकत देगा। फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ने कहा कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है।
इस मौके पर रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली दंगा मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में न्यायिक हिरासत (तिहाड़ जेल) भेज दिया गया है। ईडी की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने गुरुवार को योगेश खन्ना की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ को सूचित किया कि एजेंसी को हुसैन की आगे की हिरासत नहीं चाहिए है, जिसके बाद ताहिर को तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
ईडी ने कहा, "हम उसकी आगे की हिरासत नहीं मांग रहे हैं और उसे तिहाड़ जेल को सौंप दिया गया है।"
हुसैन द्वारा ईडी के रिमांड को बढ़ाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देती हुई एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में प्रस्तुतियां पेश की गईं।
इस 27 अगस्त को पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) ने हुसैन की सदस्यता रद्द कर दी थी और वह अब आम आदमी पार्टी से नगर पार्षद नहीं हैं। दिल्ली हिंसा में नाम आने के बाद उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया था।
भुवनेश्वर, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| कालाहांडी-कांधमल सीमा पर स्थित जंगलों में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के दो जवान शहीद हो गए। पुलिस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
शदीद जवानों की पहचान मयूरभंज जिले के सुधीर कुमार टुडु (28) और अंगुल जिले के देबाशीष सेठी (27) के रूप में हुई है।
बुधवार को हुई इस घटना में कम से कम पांच नक्सली भी मारे गए। मारे गए नक्सलियों में चार महिलाएं शामिल हैं। मारे गए नक्सली प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) से ताल्लुक रखते हैं।
नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| ईपीएफ के खाताधारकों की बीमा धनराशि में इजाफा हुआ है। केंद्रीय बोर्ड ने कर्मचारियों की जमा लिंक्ड बीमा योजना, 1976 में संशोधन के लिए मंजूरी दी है। जिससे वर्तमान अधिकतम लाभ को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक किया जा सके। इस संशोधन के जरिए सेवारत कर्मचारियों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने की स्थिति में परिवार को छह लाख की जगह अब सात लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार की अध्यक्षता में ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बुधवार को हुई 227वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। कोरोना से पैदा हुई असाधारण हालात को देखते हुए, केंद्रीय बोर्ड ने ब्याज दर से संबंधित एजेंडे की भी समीक्षा की। केंद्रीय बोर्ड ने केंद्र सरकार को 8.50 प्रतिशत की समान दर रखने की सिफारिश की है। इसमें 31 दिसंबर, 2020 तक, ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) और ऋण आय से 8.15 प्रतिशत और शेष 0.35 प्रतिशत पूंजीगत लाभ शामिल होगा।
केंद्रीय बोर्ड ने कोविड महामारी के दौरान भी सुचारू रूप से सेवाओं को जारी रखने पर ईपीएफओ कर्मियों की सराहना की। केंद्रीय बोर्ड को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत, प्रतिष्ठानों और सदस्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से घोषित राहत उपायों से भी अवगत कराया गया, जिसे ईपीएफओ ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
श्रीनगर, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के एक संयुक्त अभियान में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के 2 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक गुप्त सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने संयुक्त रूप से सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले में एक ऑपरेशन चलाया, जिसमें जैश के 2 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा, "उनके पास से एक एके-47 राइफल, एक एके मैगजीन, दो ग्रेनेड, 30 एके राउंड्स और 7 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं।"
पुलिस सूत्रों ने बताया है कि अभी जांच जारी है।
नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कमल खिलकर रहेगा। टीएमसी को बीजेपी हराएगी। जनता कमल को आशीर्वाद देने के लिए तैयार है। पश्चिम बंगाल की तस्वीर और तकदीर दोनों बदलेगी। पश्चिम बंगाल प्रदेश कार्यसमिति की गुरुवार की बैठक को संबोधित करते हुए नड्डा ने सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस सरकार पर हिंसा करने का आरोप लगाया। नड्डा ने कहा, पश्चिम बंगाल में 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता मारे गए हैं। हमने उनका तर्पण किया है। ये जंगल राज नहीं तो क्या है? लेकिन दिल्ली में बैठे डेमोक्रेसी के चैंपियंस की इस पर आवाज तक नहीं निकलती।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल में पार्टी के बढ़ते जनाधार को आंकड़ों के जरिए बताया। उन्होंने कहा, 2011 में हमारे पास पश्चिम बंगाल में दो प्रतिशत वोट शेयर और चार सीटें थीं। वहीं 2014 में हमने 18 प्रतिशत वोट शेयर और दो सीटें हासिल कीं। वहीं 2019 में हमने 40 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया।
नड्डा ने कार्यकतार्ओं से इसी गति से प्रयास जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा, आने वाले चुनाव में टीएमसी को हराएंगे। विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकना है। पश्चिम बंगाल की जनता कमल को आशीर्वाद देने के लिए तैयार है। ममता के कार्यकर्ता जब राशन चोरी में लगे हुए थे, तब भाजपा के कार्यकर्ता राशन पहुंचा रहे थे।
अंबाला, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| लड़ाकू विमान राफेल को गुरुवार को भारतीय वायुसेना के बेड़े में औपचारिक रुप से शामिल कर लिया गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल का वायु सेना के बेड़े में शामिल होना उन देशों को कड़ा संदेश है जो भारत की संप्रभुता पर नजर लगाए बैठे हैं।
अंबाला एयरबेस पर एक भव्य समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल का बेड़े में शामिल होना भारत और फ्रांस के बीच प्रगाढ़ संबंध को दिखाता है।
बता दें कि राफेल को भारत की रक्षा में मील का पत्थर माना जा रहा है। राफेल वायु सेना की 17वीं स्क्वाड्रन में शामिल हो रहा है।
नई दिल्ली, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जेईई मेन की परीक्षा में छात्रों की संख्या पर प्रश्न उठाए हैं। स्वामी को इसका जवाब केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ने दिया। दरअसल, स्वामी ने कहा कि जेईई की परीक्षा के लिए 18 लाख छात्रों ने फॉर्म भरे हैं। जवाब में निशंक ने कहा कि जेईई परीक्षाओं के लिए 8.58 लाख छात्रों ने फॉर्म भरे थे। स्वामी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, जेईई के लिए 18 लाख छात्रों ने पास डाउनलोड किया जिनमें से पिछले सप्ताह हुई परीक्षा में सिर्फ 8 लाख ही परीक्षा देने पहुंचे। ये उस देश के लिए अपमान है जो विद्या और ज्ञान का विस्तार करता है।'
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करके सुब्रमण्यम स्वामी को जवाब दिया। उन्होंने ट्विटर पर स्वामी को टैग करते हुए लिखा, ''स्वामी जी, मैं जेईई परीक्षा के संबंध में कुछ तथ्य आपके समक्ष रखना चाहूंगा। जेईई के लिए 8.58 लाख छात्रों ने आवेदन किया है न कि 18 लाख, जैसा कि आपने ट्वीट किया था।''
निशंक ने कहा, जेईई मेन परीक्षा के लिए 8.58 लाख छात्रों ने आवेदन किया था और इनमें से 6.35 लाख अभ्यर्थियों ने जेईई की परीक्षा दी है।
निशंक ने कहा आयोजित की गई इन परीक्षाओं के दौरान केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों ने छात्रों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया, और इसके लिए मैं सभी राज्य सरकारों को भी बधाई देता हूं।
गौरतलब है कि जेईई मेन परीक्षा 1-6 सितंबर तक ली गई। जेईई मेन के लिए 8.58 लाख छात्रों ने फॉर्म भरा था। 6.35 लाख छात्रों ने जेईई की परीक्षा दी है। जो छात्र जेईई मेन की परीक्षाओं में शामिल हुए हैं उन्हें नतीजों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जेईई मेन परीक्षाओं का रिजल्ट 10 सितंबर को घोषित किया जाएगा। रिजल्ट घोषित किए जाने के बाद जेईई एडवांस की परीक्षा ली जाएगी।
जेईई मेन परीक्षा का नतीजा घोषित किए जाने के बाद 11 सितंबर से 17 सितंबर तक छात्र जेईई एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। जेईई एडवांस की परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड 20 सितंबर को जारी होगा। जेईई एडवांस में जेईई मेन के नतीजों के आधार पर 2.5 लाख छात्रों को परीक्षा देने का मौका मिलेगा। जेईई एडवांस की परीक्षा 27 सितंबर को होगी।