राष्ट्रीय
पटना, 17 फरवरी । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव में इस बार हमलोग बेहतर प्रदर्शन करेंगे और पिछली बार से अधिक संख्या में सीट जीतेंगे। पटना में पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि ठाकुर जी की जन्म तिथि और पुण्य तिथि पर कार्यक्रम का आयोजन करवाते रहे हैं और उसमें हम हमेशा आते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ने अपने समय में पिछड़ों और वंचितों के लिए काफी काम किया। आरक्षण का दायरा बढ़ाया। उन्होंने शराबबंदी लागू की, लेकिन उनके पद से हटने के बाद शराबबंदी हटा दी गई। हमलोग जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के विचारों पर चलने वाले लोग हैं। हमलोग बहुत पहले से जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने की मांग कर रहे थे। यह खुशी की बात है कि केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया है।
'इंडिया' गठबंधन को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा, "हम अलग हो गये हैं, बाकी दल क्या कर रहे हैं, मुझे नहीं मालूम। मेरे द्वारा विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब उनसे अलग हो गये हैं। हमने इस गठबंधन का नाम कुछ दूसरा सुझाया था, लेकिन उनलोगों ने अपनी तरफ से इसका नाम रखा।"
उन्होंने कहा कि वे लोग क्या करते हैं, वही जानें। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विरोध में बयान देने के संबंध में नीतीश ने कहा कि उन्हें जो बोलना है, वे बोलते रहें, उससे मुझे कोई मतलब नहीं है। वे मीडिया में बने रहने के लिए कुछ भी बोलते हैं। हमने बिहार में जाति आधारित गणना करवाई, इसकी चर्चा नहीं करते हैं। हमारे कामों के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं।
महागठबंधन सरकार के कुछ मंत्रियों के विभागों के खिलाफ जांच के आदेश देने के संबंध में पत्रकारों के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग कार्यों की समीक्षा करते हैं। कोई गड़बड़ी होगी तो उसकी जांच होगी। हम किसी को गड़बड़ नहीं करने देंगे। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमारे साथ और 8 मंत्री काम कर रहे हैं। सभी काम हो रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार समय पर हो जाएगा।
- (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 फरवरी । सरकार ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की अधिकृत पूंजी को 10 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 21 हजार करोड़ रुपये करने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि एफसीआई देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्न की खरीद, रणनीतिक खाद्यान्न भंडार का रखरखाव, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को वितरण व बाजार में खाद्यान्न की कीमतों का स्थिरीकरण शामिल है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि अधिकृत पूंजी में दो गुना से अधिक की वृद्धि अपने जनादेश को प्रभावी ढंग से पूरा करने में एफसीआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
फंड की आवश्यकता के अंतर को पूरा करने के लिए, एफसीआई नकद ऋण, अल्पावधि ऋण, तरीके और साधन अग्रिमों का सहारा लेता है। अधिकृत पूंजी में वृद्धि ब्याज का बोझ कम होगा, आर्थिक लागत कम होगी और अंततः सरकार की सब्सिडी में कमी भी आएगी।
पूंजी के इस प्रवाह के साथ, एफसीआई अपनी भंडारण सुविधाओं का आधुनिकीकरण, परिवहन नेटवर्क में सुधार और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी काम करेगा। मंत्रालय ने कहा कि ये उपाय न केवल फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करने के लिए, बल्कि उपभोक्ताओं को खाद्यान्न के कुशल वितरण को सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक हैं।
सरकार कार्यशील पूंजी की आवश्यकता और पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए एफसीआई को इक्विटी प्रदान करती है। एफसीआई मौजूदा आंतरिक प्रणालियों (एफएपी, एचआरएमएस) और बाहरी प्रणालियों (राज्य खरीद पोर्टल, सीडब्ल्यूसी/एसडब्ल्यूसी) का लाभ उठाते हुए एक एकीकृत आईटी प्रणाली बनाने के लिए व्यापक पहल कर रहा है। ई-ऑफिस कार्यान्वयन ने पहले ही एफसीआई को कम कागजी संगठन बना दिया है। एफसीआई के लिए मुख्य परिचालन सॉफ्टवेयर के रूप में काम करने वाले एकीकृत आईटी समाधानों की ये पहल, सूचना का एक एकल स्रोत प्रदान करेगी और कार्यों को सुव्यवस्थित करेगी।
अपनी दक्षता बढ़ाने के एक हिस्से के रूप में, एफसीआई सीमेंट सड़कों, छत के रखरखाव, रोशनी और वेटब्रिज अपग्रेड, खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने जैसे कार्यों को निष्पादित कर रहा है। प्रयोगशाला उपकरणों की खरीद और क्यूसी प्रयोगशालाओं के लिए एक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के विकास का उद्देश्य गुणवत्ता जांच में सुधार करना है।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, एमएसपी-आधारित खरीद और एफसीआई की परिचालन क्षमताओं में निवेश के लिए सरकार की दोहरी प्रतिबद्धता किसानों को सशक्त बनाने, कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है।
(आईएएनएस)
रामानगर, 17 फरवरी । कर्नाटक के रामनगर जिले के चन्नापटना शहर के पास शनिवार को एक सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए।
मृतकों की पहचान सोमलिंगप्पा (70), शिवलिंगप्पा (66) और राजेश्वरी के रूप में हुई है। इस हादसे में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
पीड़ित रात 2 बजे एक शादी में शामिल होकर लौट रहे थे। पुलिस के मुताबिक, एक ट्रक ने एक टेम्पो-ट्रैवलर को टक्कर मार दी थी, जिससे ये हादसा हुआ।
सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। शुरुआती जांच से पता चला है ट्रक से टक्कर के बाद टेम्पो-ट्रैवलर पलट गया था।
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 17 फरवरी । राज्य के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने शनिवार को अपने एक बयान में कहा कि तेलंगाना सरकार कालेश्वरम परियोजना पर राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए), प्रवर्तन और सतर्कता (ई एंड वी) और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पर कड़ी कार्रवाई करेगी।
उन्होंने राज्य विधानसभा में सिंचाई परियोजनाओं पर अपनी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के दौरान कालेश्वरम परियोजना के बारे में बोलते हुए तीन रिपोर्ट का हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि मेदिगड्डा बैराज, जो कालेश्वरम परियोजना का केंद्र है, खराब डिजाइन, खराब निर्माण और खराब संचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) के कारण ढहने की स्थिति में पहुंच गया है।
मंत्री ने खुलासा किया कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) ने सरकार को मेदिगड्डा और दो अन्य जलाशयों अन्नाराम और सुंडीला को नहीं भरने का सुझाव दिया है, जो कालेश्वरम का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, "कल से अन्नाराम बैराज में भी रिसाव शुरू हो गया है। हमने तत्काल एनडीएसए को फोन किया है और उन्होंने हमें तुरंत बैराज से पानी निकालने के लिए कहा है।"
उन्होंने सदन को यह भी बताया कि सरकार ने जल भंडारण के मुद्दे पर और तीन बैराजों पर कैसे आगे बढ़ना है, इस पर एनडीएसए से संपर्क किया है।
मंत्री ने कहा कि मेदिगड्डा के घाट 21 अक्टूबर, 2023 को डूब गए और उस दिन से लेकर 7 दिसंबर तक, जब कांग्रेस सरकार बनी, तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने एक शब्द भी नहीं बोला, जबकि उनके पास सिंचाई विभाग भी था।
कालेश्वरम को स्वतंत्र भारत में सिंचाई क्षेत्र का सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में सिंचाई विभाग का नेतृत्व करने वालों को शर्म से अपना सिर झुका लेना चाहिए और तेलंगाना के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
पिछले साल दिसंबर में पदभार संभालने के बाद से दो बार मेदिगड्डा का दौरा कर चुके मंत्री ने कहा कि मेदिगड्डा को गंभीर क्षति हुई है।
क्षति की सीमा को उजागर करने के लिए तस्वीरें प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा कि एक बैराज जो 100 सालों तक चलने वाला था, निर्माण के तीन वर्षों के भीतर पूरी तरह से ढहने की स्थिति में पहुंच गया है।
मंत्री ने घाट में आई दरार की तस्वीरें दिखाईं। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कुछ नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए, जिन्होंने सरकार से बैराज को मरम्मत के लिए उन्हें सौंपने की मांग की है, उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, "आपने दोषपूर्ण डिजाइन के साथ निर्माण किया जिसके कारण यह स्थिति पैदा हुई। आपको यह मांग करने का क्या अधिकार है।"
उन्होंने उल्लेख किया कि मेदिगड्डा बैराज के लिए टेंडर आया था और 1,800 करोड़ रुपये का काम दिया गया था लेकिन खर्च की गई वास्तविक राशि 4,500 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा, "स्वतंत्र भारत में कहीं भी सिंचाई क्षेत्र में ऐसा नहीं हुआ।"
उन्होंने कहा कि एनडीएसए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मेडीगड्डा को नुकसान योजना, डिजाइन, गुणवत्ता नियंत्रण और संचालन और रखरखाव से जुड़े मुद्दों के संयोजन के कारण हुआ। कड़े गुणवत्ता नियंत्रण की कमी के कारण निर्माण में कमी थी।
एनडीएसए ने निष्कर्ष निकाला कि मेडीगड्डा बैराज बेकार हो गया था। इसने यह भी बताया कि दो और बैराज अन्नाराम और सुंडीला का निर्माण समान डिजाइन और निर्माण पद्धतियों के साथ किया गया था, जिससे उनमें समान विफलता मोड का खतरा था।
उन्होंने एनडीएसए की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, "अन्नाराम बैराज के निचले हिस्से में उबाल के संकेत पहले से ही मौजूद हैं, जो विफलता का अग्रदूत है।"
सिंचाई मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद, उन्होंने सतर्कता और प्रवर्तन विभाग को जांच का आदेश दिया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा, सिंचाई विभाग ने तय क्रमानुसार काम नहीं किया है। कई विचलन स्वीकृतियां जारी की गईं जो उच्च अधिकारियों के किसी भी निरीक्षण द्वारा समर्थित नहीं थीं
बैराज का उद्घाटन 19 जून, 2019 को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था, लेकिन तब से कोई परिचालन और रखरखाव (ओ एंड एम) जांच नहीं हुई थी।
ईएंडवी रिपोर्ट के अनुसार, 3डी मॉडल अध्ययन की सिफारिशों के अनुसार अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम ओवरबर्डन को निर्दिष्ट स्तर तक कम नहीं किया गया था।
सिंचाई मंत्री ने कहा कि 15 फरवरी को विधानसभा में पेश कालेश्वरम पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट ने देश को चौंका दिया है।
कैग ने कहा कि कालेश्वरम परियोजना की लागत अब 1,47,427.41 करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है, जबकि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की अनुमानित लागत 81,911.01 करोड़ रुपये है।
उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि चूंकि सीएजी की रिपोर्ट 2021-22 के आंकड़ों पर आधारित है, इसलिए परियोजना की लागत 2 लाख करोड़ रुपये तक जा सकती है।
कैग ने कालेश्वरम परियोजना को आर्थिक रूप से अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि इस परियोजना पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये से केवल 52 पैसे मिलेंगे।
रिपोर्ट में कार्यों के आवंटन में अनुचित योजना और अनुचित जल्दबाजी पर भी प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि कैग ने ठेकेदारों को अनुचित भुगतान की भी बात कही है।
(आईएएनएस)
पुणे, (महाराष्ट्र), 17 फरवरी । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि देश ने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी कि जिसने पार्टी बनाई, उसे ही पार्टी से निकाल दिया गया हो, लेकिन एनसीपी के साथ ऐसा हुआ। शरद पवार ने अपनी पार्टी के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया।
शनिवार सुबह अपने गोविंद बाग स्थित आवास पर बड़ी संख्या में समर्थकों और जनता से मुलाकात करते हुए 83 वर्षीय पवार ने कहा कि अतीत में भारत में कई पार्टी विवाद हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि न केवल पार्टी का नाम बल्कि एनसीपी का प्रतिष्ठित 'घड़ी' चिन्ह भी छीन लिया गया, जो कानून के अनुरूप नहीं है। हर कोई जानता है कि एनसीपी की स्थापना किसने की।
अब पार्टी ने इस मामले में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और न्याय की उम्मीद जताई है।
पवार ने कहा, ''सिंबल खोने को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं अब तक 14 चुनाव लड़ चुका हूं। उनमें से पांच 'बैलों की जोड़ी', 'गाय और बछड़ा', एक 'चरखा', 'हाथ' और अंत में, 'घड़ी' के चिन्ह पर थे। चुनाव चिन्ह छीनने का मतलब यह नहीं कि संगठन खत्म हो गया।''
उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने और जनता को पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को समझाने और पार्टी उनके लिए क्या कर सकती है, इसकी आवश्यकता पर जोर दिया।
पवार ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि नए सिरे से शुरुआत करने पर भी ज्यादा दिक्कतें होंगी। हम एक नई उम्मीद के साथ पूरे महाराष्ट्र में घूमेंगे और लोगों से मिलेंगे, उन्हें मनाएंगे, नए चिन्ह के साथ ज्यादा दिक्कतें नहीं होंगी।"
दरअसल, एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शरद पवार गुट को झटका देते हुए कहा कि, अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है।
इससे पहले, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने अजीत पवार गुट को मान्यता दी थी और उन्हें एनसीपी का नाम और 'घड़ी' चिन्ह दिया था।
अजित पवार के हालिया भाषणों में लोगों से उन्हें और उनके उम्मीदवारों को वोट देने की अपील पर शरद पवार ने कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है कि वह जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राज्य की जनता चुनाव के दौरान उचित निर्णय लेगी।''
(आईएएनएस)
विदिशा 17 फरवरी । मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में ऑनलाइन गेम की लत ने इंजीनियरिंग के एक छात्र की जान ले ली। उस पर ऑनलाइन गेम के चलते छह- सात लाख रुपए का खर्च हो गया था।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सिविल लाइन थाना क्षेत्र के अहमदनगर रोड क्षेत्र की एक कॉलोनी में रहने वाला मनीष नायक एसएआईटी इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र था। उसने शुक्रवार की शाम को अपने घर पर फांसी के फंदे से लटक कर आत्म हत्या कर ली।
पुलिस को जांच में पता चला है कि मनीष ऑनलाइन गेम खेलते हुए 6 से 7 लाख रुपये का कर्जदार हो गया था और उससे वह परेशान था । मनीष को पिता ने कई बार समझाया मगर वह ऑनलाइन गेम खेलने से बाज नहीं आया। उसकी आत्महत्या की वजह भी यही निकल कर सामने आ रही है।
घटनाक्रम को लेकर परिजनों ने बताया है कि शुक्रवार की शाम को मनीष की मां चाय बनाने जा रही थी तो मनीष ने मां को किचन में जाने से रोका और खुद चाय बनाने की बात कह कर किचन में पहुंच गया। मां कमरे में बैठी रही और जब काफी देर तक मनीष चाय लेकर नहीं आया तो उसने किचन में जाकर देखा तो मनीष वहां नहीं था। छत पर जाकर देखा तो वह फांसी के फंदे से लटका हुआ था।
(आईएएनएस)
पटना, 17 फरवरी । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के ' दरवाजा खुला रहने ' के बयान पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हम एनडीए में हैं और हमलोग मिलकर बिहार का विकास करेंगे।
पटना में शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए जब नीतीश से लालू यादव द्वारा महागठबंधन का दरवाजा खुले रखने से संबंधित बयान के विषय में पूछा गया, तब उन्होंने कहा कि जब हम विधानसभा से निकल रहे थे, तब लालू जी विधानसभा आ रहे थे। उस दौरान हमारी उनसे भेंट हुई और हमने उनका अभिवादन किया। हमारी जिससे भी मुलाकात होती है हम सबका स्वागत करते हैं, उनका अभिवादन करते हैं। ऐसे में जिनको जो कुछ बोलना है बोलते रहें, उससे मुझे कुछ लेना-देना नहीं है। हम फिर से एनडीए में हैं और यहां हमलोग मिलकर बिहार का विकास करेंगे।
उल्लेखनीय है राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार के फिर से साथ आने के संबंध में शुक्रवार को कहा था कि आयेंगे तो देखेंगे। जब उनसे पूछा गया था कि क्या नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला है, तब उन्होंने कहा कि दरवाजा हमेशा खुला ही रहता है, दरवाजे में क्या है।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 17 फरवरी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी संभावनाओं वाला प्रदेश है। भारत की आबादी का 16 फीसदी हिस्सा अकेले यूपी में निवास करता है। उत्तर प्रदेश के पास देश की कुल कृषि योग्य भूमि का मात्र 11 फीसदी है, लेकिन देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन का 20 फीसदी से अधिक शेयर यूपी का है। प्रदेश के अंदर किसान औद्यानिक फसलों के लिए मात्र 10 फीसदी कृषि योग्य भूमि का ही उपयोग करते हैं, जबकि 10 फीसदी भूमि में कृषि की कुल जीडीपी में 24 फीसदी शेयर औद्यानिक फसलों के माध्यम से किसानों व प्रदेश को प्राप्त होता है। सीएम ने कहा कि किसानों को हर परिस्थिति में आगे बढ़ने का अवसर डबल इंजन की सरकार दे रही है।
मुख्यमंत्री योगी शनिवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ उन्होंने राजभवन में 55वीं प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2024 का शुभारंभ किया। इसके बाद राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। यह प्रदर्शनी तीन दिनों (17 से 19 फरवरी) तक चलेगी।
सीएम ने यहां विभागीय अधिकारियों व किसानों से फलों-सब्जियों के बारे में जानकारी ली और इसके आयात-निर्यात के बारे में भी पूछा। राज्यपाल व सीएम ने स्मारिका का विमोचन भी किया। सीएम ने राज्यपाल के प्रति आभार जताया और कहा कि औद्यानिक फसलों में रुचि रखने वाले प्रगतिशील किसानों के लिए प्रतिवर्ष प्रदर्शनी के लिए राज्यपाल यह प्रांगण उपलब्ध कराती हैं।
इसमें न केवल किसान, बल्कि लखनऊ समेत प्रदेश भर से आने वाले लोग भी इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनते हैं। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप किसान की आमदनी को कई गुना बढ़ाना है और प्रदेश की जीडीपी में गांव, जनपद और प्रदेश का योगदान हो सके तो हमें इस क्षेत्र में और भी रूचि लेकर बढ़ना होगा। इससे न केवल आमदनी बढ़ाने, बल्कि विटामिन व पोषक तत्वों की दृष्टि से इन औद्यानिक फसलों के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाकर कुपोषण जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए भी लोगों को तैयार कर पाएंगे।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रगतिशील कृषकों का सम्मान भी किया। सम्मान पाने वाले किसानों में रायबरेली के विष्णुदत्त पांडेय, पीलीभीत के आयुष अग्रवाल, कन्नौज के विजेंद्र सिंह, मीरजापुर के रामजी दुबे, सहारनपुर की ऊषा उपाध्याय, बुलंदशहर के अनंत पोद्दार, चंदौली के बलवंत प्रसाद, आजमगढ़ के श्रीप्रकाश सिंह, प्रयागराज के इंद्रजीत पटेल आदि प्रमुख रहे।
(आईएएनएस)
लाल सागर में यमन के हूथियों द्वारा हमलों की वजह से माल ले जाने वाले कई जहाजों को रास्ता बदलना पड़ रहा है. इससे वैश्विक सप्लाई चेनों और विशेष रूप से भारत के छोटे निर्यातकों पर गहरा असर पड़ा है.
कोलकाता में रहने वाले निर्यातक अतुल झुनझुनवाला अपने बाल नोच रहे हैं क्योंकि उन्होंने अभी अभी लाल सागर के संकट की वजह से एक और आर्डर गंवा दिया है. इस संकट की वजह से जहाजरानी के उनके खर्चे और माल पहुंचाने का समय काफी बढ़ गया है.
उनकी बिनायक हाई टेक इंजीनियरिंग कंपनी हर साल मशीनी उपकरणों, औद्योगिक कास्टिंग और रेलवे शेड सामग्री के करीब 700 कंटेनर जहाजों के जरिए भेजती है. उन्होंने बताया, "पिछले हफ्ते, मैंने एक बड़ा आर्डर पोलैंड के एक प्रतिद्वंदी के हाथों गंवा दिया क्योंकि उसके लिए माल ढोने के दाम बढ़े नहीं हैं."
झुनझुनवाला ने बताया कि तुर्किये के निर्यातकों का भी भारतीय कंपनियों के नुकसान की वजह से फायदा हो रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने बढ़े हुए दामों का बोझ खुद ही उठा लेने के बाद कुछ खरीदारों को आर्डर भेजने पर नुकसान भी उठाया है. उन्होंने कहा, "जिन खरीदारों के साथ आपने दशकों तक काम किया हो आप उन्हें खोने का जोखिम नहीं उठा सकते."
लाल सागर में यमन के हूथियों द्वारा मिसाइल और ड्रोने हमले बढ़ गए हैं. हूथी कहते हैं कि वो गाजा युद्ध में फलस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं. लेकिन उनके हमलों की वजह से कई मालवाहक कंपनियों को अपने जहाजों का रास्ता बदल कर उन्हें स्वेज नहर से दूर अफ्रीका के दक्षिणी छोर पर केप ऑफ गुड होप से हो कर भेजना पड़ा है.
भारत में बढ़ सकती है बेरोजगारी
इस संकट की वजह से वैश्विक सप्लाई चेनें उलट पुलट गई हैं. यहां तक कि चीनी निर्यातकों को भी बहुत नुकसान हो रहा है. कई सप्लायरों ने दाम, बीमा और माल ढुलाई आधार पर निर्यात संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं जिसकी वजह से ढुलाई और बीमा के खर्च में अगर बढ़ोतरी हुई, तो उसके लिए वो ही जिम्मेदार होंगे.
भारत में छोटे निर्यातकों ने चेतावनी दी है कि नौकरियों का जाना शुरू हो गया है और अगर हूथियों के हमले नहीं रुके तो और नौकरियां जा सकती हैं. भारत साल में 3,735 अरब रुपए मूल्य के उत्पादों का निर्यात करता है और इसमें से 40 प्रतिशत हिस्सा छोटे निर्यातकों का ही है.
उद्योग से जुड़े लोगों के अनुमान के मुताबिक ये छोटे निर्यातक इस संकट के पहले से बहुत ही कम मुनाफे पर काम कर रहे थे, जो अमूमन तीन से सात प्रतिशत के बीच था.
चेन्नई में रहने वाले उत्पादक और भारतीय उद्यमियों के संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केई रघुनाथन ने बताया, "लाल सागर के मुद्दे की वजह से भारत के टेक्सटाइल हब तिरुपुर में अभी से नौकरियां जानी शुरू हो चुकी हैं. वहां छोटे निर्यातक अपनी क्षमता के एक-तिहाई स्तर पर काम कर रहे हैं."
उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादा समय लगने की वजह से माल ढोने की क्षमत भी कम हो गई है और कंटेनरों की कमी भी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है क्योंकि बड़े निर्यातकों ने बल्क में सभी कंटेनर बुक कर लिए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को छोटे निर्यातकों की मदद करनी चाहिए नहीं तो उनमें से कईयों का धंधा बंद ही हो जाएगा. निर्यात संगठनों ने आधिकारिक तौर पर सरकार से राहत मांगी है. सरकार ने व्यापार मंत्रालय में एक समिति बनाई है जो स्थिति पर नजर रखेगी और मदद के निवेदनों पर विचार करेगी.
एक बेहद बेकार समय
यूरोप और अमेरिका के साथ भारत के मर्चेंडाइज व्यापार का 80 प्रतिशत से भी ज्यादा हिस्सा सामान्य रूप से लाल सागर से होकर गुजरता है. भारत एक महीने में लगभग 664 अरब रुपए मूल्य के मर्चेंडाइज यूरोप भेजता है और करीब 498 अरब मूल्य अमेरिका भेजता है.
टेक्सटाइल्स, इंजीनियरिंग का सामान (स्टील, मशीनरी और औद्योगिक पुर्जे) - रत्न और आभूषण उन इलाकों में जाने वाले भारत के सबसे बड़े निर्यात हैं. केप ऑफ गुड होप से घूम कर जाने का मतलब है भारत से जाने वाले जहाजों को अक्सर यूरोप में अपने ठिकानों पर पहुंचने से पहले अतिरिक्त 15-20 दिन चाहिए. इससे खर्च बहुत बढ़ जाता है.
कजारिया सेरामिक्स के अध्यक्ष अशोक कजारिया ने पिछले महीने समीक्षकों को बताया था कि एक कंटेनर ब्रिटेन भेजने की लागत जहां लाल सागर का संकट शुरू होने से पहले करीब 50,000 रुपए थी, वहीं अब वह बढ़कर तीन लाख रुपयों से भी ज्यादा हो गई है.
इंदौर की कपड़े बनाने की कंपनी प्रतिभा सिंटेक्स के सीओओ नितिन सेठ कहते हैं कि यह कई कपड़ा निर्यातकों के लिए सबसे खराब समय में से एक है. उन्होंने बताया, "अगर यह स्थिति जारी रही तो कम से कम हार पांचवें छोटे निर्यातक को लोगों को नौकरी से निकालना पड़ेगा.
कपड़ा उद्योग सीधे 4.5 करोड़ लोगों और दूसरे तरीकों से अतिरिक्त 1.5 करोड़ लोगों को रोजगार देता है. इकलौती आशा की किरण छोटे निर्यातकों को इस बात में नजर आ रही है कि भारत में निर्यात के कई ठेकों का मार्च या अप्रैल में रिन्यूअल होना है. कई छोटे निर्यातकों ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि ग्राहक बढ़े हुए खर्च का थोड़ा का बोझ उठाने के लिए तैयार हो जाएंगे.
सीके/एए (रॉयटर्स)
रांची, 17 फरवरी । झारखंड में चंपई सोरेन कैबिनेट का विस्तार तो हो गया है, लेकिन इसके साथ ही सरकार में दूसरी सबसे बड़ी साझीदार कांग्रेस का आंतरिक कलह सतह पर आ गया है। सरकार की अगुवाई कर रही झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक वैद्यनाम राम ने भी मंत्रियों की सूची में अपना नाम काटे जाने पर बागी तेवर अपना लिया है।
कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से जिन चार लोगों को जगह मिली है, वे पूर्व की हेमंत सोरेन सरकार में भी मंत्री थे। इससे कांग्रेस के 11 विधायक नाराज हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व को दो-टूक कह दिया है कि कैबिनेट से इन चारों को हटाकर नए चेहरों को मंत्री नहीं बनाया गया तो वे विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करेंगे।
नाराज विधायकों ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को एक पत्र भी सौंपा है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस के नाराज विधायक एक साथ राज्य से बाहर भी जा सकते हैं। इन विधायकों का कहना है कि हेमंत सोरेन की सरकार में शामिल इन चारों मंत्रियों की परफॉर्मेंस बेहद खराब रही है। उन्होंने चार साल में कभी पार्टी के दूसरे विधायकों की नहीं सुनी। कार्यकर्ताओं से दूरी बनाए रखी। इन्हें हटाने की मांग हेमंत सरकार के ही कार्यकाल से होती रही है, लेकिन अब फिर से बनी कैबिनेट में उन्हें जगह दी गई है, अगर बदलाव नहीं हुआ तो आगामी चुनावों में पार्टी को काफी नुकसान होगा।
नाराज विधायकों ने एकजुटता बनाए रखने के लिए कई दौर की मीटिंग की है। नाराज चल रहे विधायकों में कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह, राजेश कच्छप, इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, रामचन्द्र सिंह, नमन विक्सल कोनगाड़ी, दीपिका पांडेय सिंह, अंबा प्रसाद, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की, भूषण बाड़ा शामिल हैं।
इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक बैद्यनाथ राम भी सख्त नाराज हैं। उनका नाम शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची में शामिल किया गया था, लेकिन कांग्रेस की आपत्ति की वजह से शपथ ग्रहण समारोह के करीब एक घंटे पहले उनका नाम काट दिया गया।
दरअसल, झारखंड में कैबिनेट में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। हेमंत सोरेन की सरकार में 11 मंत्री ही थे। 12 वें मंत्री के खाली बर्थ पर कांग्रेस दावा करती रही है। इस बार भी जब शपथ लेने वाले मंत्रियों के नामों की सूची सामने आई तो कांग्रेस ने 12वें मंत्री पद के लिए दबाव बढ़ा दिया और इस वजह से आखिरी क्षणों में बैद्यनाथ राम को ड्रॉप कर 12वां बर्थ खाली रखा गया है।
बैद्यनाथ राम ने कहा है कि यह उनका ही नहीं, दलित समुदाय का अपमान है। कैबिनेट में दलित समुदाय का एक भी मंत्री नहीं है। अगर पार्टी नेतृत्व ने दो दिनों में सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो वे कड़ा फैसला लेने को बाध्य हो जाएंगे।
(आईएएनएस)
वाराणसी, 17 फरवरी । कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को दूसरे दिन यूपी में अपनी न्याय यात्रा की शुरुआत की। यात्रा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में एंट्री कर गई है।
राहुल गांधी ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में चौथी बार हाजिरी लगाई। राहुल गांधी सुबह तकरीबन 9:45 बजे चंदौली से निकले। उनकी यात्रा वाराणसी पहुंच चुकी है। वह गोदौलिया चौराहे पर लोगों को संबोधित करेंगे। आराजी लाइन के गांव कुरौना में लंच करेंगे।
राहुल के साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत कई नेता हैं। अजय राय ने कहा कि कांग्रेस मुखिया राहुल गांधी ने अपनी यात्रा की शुरुआत कर दी है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का असर पूरे देश में होगा। यात्रा में लोग अपने आप जुड़ रहे हैं। यात्रा को शुरू हुए 35 दिन हो चुके हैं।
सियासी जानकारों ने बताया कि गोदौलिया से रथयात्रा रूट पर पहली बार कोई कांग्रेस नेता राजनीतिक यात्रा करेगा। पं. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत किसी भी नेता ने बनारस में इस रूट पर कोई राजनीतिक यात्रा नहीं की है।
उधर,अमेठी, रायबरेली व लखनऊ के मार्ग पर यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यात्रा कानपुर में 21 फरवरी को रुकेगी। इसके बाद 24 फरवरी को यात्रा मुरादाबाद से फिर शुरू होगी और अमरोहा, संभल, अलीगढ़, हाथरस, आगरा होकर राजस्थान जाएगी।
(आईएएनएस)
रांची, 17 फरवरी । झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल में केंदपोसी-तालाबुरू के बीच रेलवे ट्रैक पर शनिवार सुबह चार लोगों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। सभी शव क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं।
मृतकों में दो पुरुष, एक महिला और एक बच्चा है। इनमें से एक का शव बोरे में बांधकर फेंका गया है। शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। फिलहाल ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि इनकी कहीं अन्यत्र हत्या कर शव को ट्रैक पर फेंका गया है। सभी शव एक से डेढ़ किलोमीटर की दूरी के रेंज में मिले हैं। आत्महत्या के एंगल पर भी जांच की जा रही है।
हालांकि, जिस तरह से शव बरामद हुए हैं, उससे हत्या को आत्महत्या दिखाने का प्रयास लग रहा है। आशंका है कि रेलवे ट्रैक के पास स्थित गांव के लोगों ने ही उनकी हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया है, ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके। फिलहाल, रेलवे पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर जांच में जुट गयी है।
(आईएएनएस)
पटना, 17 फरवरी । बिहार में एनडीए सरकार बने एक पखवाड़े से अधिक का समय निकल चुका है, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है। संभावना जताई जा रही है कि बिहार भाजपा नेताओं के पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक से लौटने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा।
बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जोड़तोड़ का खेल भी शुरू हो गया। नेता अपने राजनीतिक आकाओं के जरिए मंत्री पद पाने को लेकर जोर लगा रहे हैं। वैसे, मंत्रिमंडल विस्तार में माना जा रहा है कि जदयू एक बार फिर अपने पुराने चेहरों को ही मंत्रिमंडल में स्थान देगी।
पूर्व मंत्री संजय कुमार झा के राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के बाद हो उनके विकल्प के रूप में कोई सवर्ण चेहरा शामिल हो सकता है। इतना तय माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए एनडीए में शामिल सभी दल क्षेत्रीय, सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों का जरूर ख्याल रखेगी।
भाजपा कोटे की बात करें तो, भाजपा से कई नए चेहरे को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। इस दौड़ में कई युवा चेहरे भी शामिल हैं। वैसे पुराने चेहरों में शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन को जगह मिलना तय माना जा रहा है।
मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी होने से राजद अब सरकार पर सवाल भी उठाने लगी है। राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव कहते है मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने से बिहार में विकास के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कोई लोग बोल नहीं पा रहे है और 17 महीने की जांच कराने की बात कर रहे हैं।
(आईएएनएस)
कोटा, 16 फरवरी । राजस्थान के कोटा में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) तैयारी कर रहा एक छात्र अपने पेइंग गेस्ट (पीजी) आवास में दोस्तों के साथ बातचीत करते समय अचानक बीमार पड़ गया और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत लाया गया घोषित कर दिया। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) भवानी सिंह ने कहा कि 18 वर्षीय युवक कक्षा 12वीं का छात्र था और उसने हाल में आयोजित जेईई-मेन्स परीक्षा में अच्छे अंक हासिल किए थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि झारखंड के जमशेदपुर का रहने वाला परनीत रॉय(18) बृहस्पतिवार देर रात यहां पीजी में अपने कमरे में दोस्तों के साथ बातचीत कर रहा था तभी उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।
उन्होंने बताया कि दोस्तों ने उसे थोड़ा आराम करने के लिए कहा और उसके परिवार के सदस्यों को सूचना दी। उन्होंने कहा कि छात्र की हालत बिगड़ने पर साथियों ने एम्बुलेंस बुलाई और उसे नजदीकी अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत लाया गया घोषित किया।
डीएसपी के अनुसार, छात्र कथित तौर पर किसी बड़ी बीमारी से पीड़ित नहीं था हालांकि उसे सर्दी-जुखाम था। छात्र के पिता शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे।
उन्होंने बताया कि छात्र के पिता शुक्रवार सुबह कोटा पहुंचे और अपने परिवार के अन्य सदस्यों के आने तक पोस्टमार्टम टालने का अनुरोध किया।
अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत का वास्तविक कारण सामने आ सकेगा।
छात्र के पिता राजीव रंजन रॉय ने शवगृह के बाहर संवाददाताओं से कहा कि उनका बेटा एक प्रतिभाशाली छात्र था और उसने हाल ही में जेईई-मेन्स परीक्षा 98 परसेंटाइल हासिल किए थे। वह मुंबई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रवेश मिलने के लिए आश्वास्त था।
पिता ने कहा कि उनके बेटे को कभी कोई बीमारी नहीं हुई और वह उससे रोज बात करते थे। हालांकि, उनकी बृहस्पतिवार को उससे बात नहीं हुई। (भाषा)
उन्होंने कहा कि उनका बेटा कभी-कभी कोचिंग संस्थान में पढ़ाई के दबाव की बात करता था लेकिन वह बहुत मजबूत था और कभी आत्महत्या नहीं कर सकता।
पिता ने बेटे की मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की।
मुजफ्फरनगर/लखनऊ, 16 फरवरी। उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने शुक्रवार को ‘इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) जैसे विस्फोटक पदार्थ का उपयोग करके टाइमर बम बनाने के ‘मास्टरमाइंड’ को मुजफ्फरनगर जिले के कोतवाली नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी और कहा कि उसके पास से चार टाइमर ‘बोतल बम’ बरामद किया गया है।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) व एसटीएफ अमिताभ यश ने पत्रकारों को बताया कि एसटीएफ टीम ने आज सुबह करीब पौने 11 बजे टाइमर बम बनाने वाले मास्टरमाइंड जावेद को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से चार टाइमर बोतल बम (आईईडी) बरामद किया है।
जावेद मुजफ्फरनगर जिले के कोतवाली नगर क्षेत्र के मिमलाना रोड पर स्थित रामलीला टीला का निवासी है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से फरार/पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी।
जावेद के विरुद्ध थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं तथा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार आोपी ने पूछताछ में बताया कि बोतल बम एक तरह का आईईडी है। उसने बताया कि बोतल के अन्दर गन पाउडर-999, लोहे की छोटी गोलियां, रूई, पीओपी आदि है।
आरोपी ने बताया कि यह बोतल बम उसने इमराना पत्नी आजाद के कहने पर किया। मूल रूप से शामली की निवासी इमराना फिलहाल मुजफ्फरनगर के प्रेमपुरी में रह रही है।
आरोपी ग्लूकोज की बोतलें चिकित्सकों से व लोहे की गोलियां साईकिल की दुकान दुकानों से लेता था। इमराना ने उसे बोतल बम तैयार करने के लिये पहले 10 हजार रुपये दिये थे और 40 हजार रुपये बाद में बम सौंपने के वक्त देने के लिए कहा था।
बोतल बम आईईडी बनाने के बारे में पूछताछ पर उसने बताया कि उसने पटाखे बनाने वाले अपने चाचा अर्शी के यहां रहकर बारूद व बोतल बम बनाने का काम सीखा तथा कुछ जानकारी उसने यू-टयूब व इन्टरनेट के माध्यम से हासिल की थी। एक सवाल पर उसने पुलिस को बताया कि इन टाइमर बोतल बम का कहां प्रयोग करना था, इसके बारे में इमराना ही जानती है।
पूछताछ में उसने बताया कि उसकी मां का नाम नीतू है, जो नेपाल के लाजिमी पार्ट, खरसानी ताल, काठमांडू की रहने वाली हैं। उसने बताया कि उसके पिता नेपाल घूमने गये थे जहां पर उनकी जान-पहचान नीतू से हुई और दोनों ने शादी कर ली।
आरोपी ने बताया कि उसका एक भाई और एक बहन है, जिनका जन्म नेपाल में ही हुआ था। उसकी बहन की शादी नेपाल में ही हुई है तथा उसका भाई अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहकर एमसीआर शॉपिंग स्टोर पर काम करता है। आरोपी की नर्सरी से कक्षा सात तक की पढाई नेपाल में हुई, इसके बाद वह अपने दादा के यहां मुजफ्फरनगर आ गया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 फरवरी। विधि आयोग ने अनिवासी भारतीयों और भारतीय नागरिकों के बीच विवाह के मामलों में "बढ़ती" धोखाधड़ी को "चिंताजनक" बताते हुए स्थिति से निपटने के लिए एक व्यापक कानून और ऐसी शादियों के अनिवार्य पंजीकरण की सिफारिश की है।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी ने विधि मंत्रालय को "अनिवासी भारतीयों और भारत के प्रवासी नागरिकों से संबंधित वैवाहिक मुद्दों पर कानून" नामक रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
रिपोर्ट के अनुसार, आयोग की राय है कि प्रस्तावित केंद्रीय कानून अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारतीय मूल के प्रवासी विदेशी नागरिकों (ओसीआई) के भारतीय नागरिकों के साथ विवाह से जुड़े सभी पहलुओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से व्यापक होना चाहिए।
न्यायमूर्ति अवस्थी ने बृहस्पतिवार को कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को लिखे अपने ‘कवरिंग लेटर’ में कहा, ‘‘अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारतीय नागरिकों के बीच शादी के मामलों में बढ़ती धोखाधड़ी की प्रवृत्ति चिंताजनक है। कई रिपोर्ट इस बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती हैं जहां ये शादियां धोखाधड़ी साबित होती हैं, जिससे भारतीय पति-पत्नियों, विशेषकर महिलाओं को अनिश्चित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।’’
आयोग ने कहा कि इस तरह का कानून न सिर्फ एनआरआई, बल्कि भारतीय मूल के प्रवासी विदेशी नागरिकों (ओसीआई) के दर्जे के साथ आने वाले लोगों पर भी लागू होना चाहिए।
न्यायमूर्ति अवस्थी ने कहा, ‘‘यह भी सिफारिश की जाती है कि एनआरआई/ओसीआई और भारतीय नागरिकों के बीच सभी विवाहों को भारत में अनिवार्य रूप से पंजीकृत किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि व्यापक केंद्रीय कानून में तलाक, जीवनसाथी के भरण-पोषण, बच्चों की अभिरक्षा और भरण-पोषण, एनआरआई तथा ओसीआई को समन, वारंट या न्यायिक दस्तावेज तामील करने के प्रावधान भी शामिल होने चाहिए।
न्यायमूर्ति अवस्थी ने सरकार से कहा, ‘‘इसके अलावा, यह अनुशंसा की जाती है कि वैवाहिक स्थिति की घोषणा, पति-पत्नी के पासपोर्ट को एक-दूसरे के साथ जोड़ना और दोनों के पासपोर्ट पर विवाह पंजीकरण संख्या का उल्लेख करना अनिवार्य करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में अपेक्षित संशोधन किए जाने की आवश्यकता है।’’
आयोग ने याद दिलाया कि इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए अनिवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक, 2019 को 11 फरवरी, 2019 को राज्यसभा में पेश किया गया था।
शुरू में, 16वीं (पिछली) लोकसभा ने विधेयक को विदेश मामलों की समिति को भेजा था। इसके बाद, 17वीं (वर्तमान) लोकसभा के गठन के बाद उसी विधेयक को आगे की पड़ताल के लिए फिर से विदेश मामलों की समिति के पास भेज दिया गया था।
विचार-विमर्श जारी रहने के बीच विधि आयोग को विदेश मंत्रालय से एनआरआई विधेयक, 2019 पर एक संदर्भ प्राप्त हुआ, जो गत अप्रैल में विधि मंत्रालय के माध्यम से मिला।
आयोग ने कहा, ‘‘यदि विवाह अनिवार्य रूप से पंजीकृत होगा तो पति-पत्नी से संबंधित सभी रिकॉर्ड संबंधित सरकारी विभाग, मुख्यतः गृह मंत्रालय के पास उपलब्ध होंगे। इसके संबंध में जानकारी विदेश मंत्रालय को उपलब्ध होगी और यह ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध होगी।’’
इसमें रेखांकित किया गया कि हालाँकि ऐसी परिस्थितियां भी हो सकती हैं जहां कोई नागरिक अपनी शादी के बाद एनआरआई या ओसीआई बन सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि केवल एनआरआई या ओसीआई के लिए पंजीकरण अनिवार्य बनाने में एकमात्र कठिनाई यह है कि ऐसे व्यक्तियों के पहले ही हो चुके विवाह का पंजीकरण नहीं हो सकता क्योंकि वर्तमान में भारत में विवाह के पंजीकरण को नियंत्रित करने वाला कोई व्यापक या समान कानून नहीं है।
इसमें कहा गया, "इसलिए, विशिष्ट मामलों में विवाह के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के बजाय, इसे आम तौर पर सभी मामलों के लिए किया जाना चाहिए। वैकल्पिक रूप से, कानून (लंबित एनआरआई विवाह विधेयक) में यह प्रावधान किया जा सकता है कि यदि कोई विवाहित भारतीय नागरिक बाद में एनआरआई/ ओसीआई बनता है, तो उसके लिए अपनी शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।'
विधि आयोग ने यह भी सिफारिश की कि एनआरआई विवाह से संबंधित सभी पहलुओं से जुड़े प्रस्तावित केंद्रीय कानून के तहत एनआरआई की परिभाषा को समग्र और सर्वव्यापी बनाया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया कि इस पर विचार किया जाना चाहिए कि इस तरह की परिभाषा का उद्देश्य "गलती करने वाले पति या पत्नी के खिलाफ कानून की नजर में परित्यक्त पति या पत्नी की रक्षा करना" है।
विधि आयोग ने उल्लेख किया कि कोई भी कानून अपने लक्ष्य और उद्देश्यों को पूरा करने में तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक कि लोगों को इसके बारे में व्यापक रूप से जागरूक न किया जाए।
इसने कहा कि विवाह मामलों में धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार को विदेशों में भारतीय प्रवासियों के साथ जुड़कर जागरूकता पैदा करनी चाहिए। (भाषा)
नई दिल्ली, 16 फरवरी । राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने शुक्रवार को संदेशखाली हिंसा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की।
एनसीएससी प्रमुख अरुण हलदर ने कहा, "आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई है।"
आयोग ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं का उत्पीड़न किया गया।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने महिलाओं का उत्पीड़न किया।
हलदर ने कहा कि संदेशखाली के लोगों ने अपने ऊपर हुए अत्याचार और हिंसा के बारे में विवरण साझा किया।
उन्होंने बताया कि पीड़ित लोगों ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में हिंसाग्रस्त इलाके का दौरा करने वाले समिति के सदस्यों के साथ अपना दर्द साझा किया। टीम ने संदेशखाली का दौरा किया जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानीय लोगों पर कथित तौर पर अत्याचार किए गए थे।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में मुख्य रूप से अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े समुदायों के लोग रहते हैं।
हलदर ने यह भी कहा कि उन्होंने लोगों से बात की जिन्होंने रोते हुए अपने दुःखद अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने टीम का सहयोग नहीं किया।
इस बीच कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रमुख अधीर रंजन चौधरी को शुक्रवार को पुलिस ने संदेशखाली के रास्ते में रोक दिया। इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "मैं वहां जाने की कोशिश करूंगा। यह हमारा अधिकार है।"
दो केंद्रीय मंत्रियों समेत भाजपा सांसदों की छह सदस्यीय केंद्रीय टीम को भी संदेशखाली जाने से रोक दिया गया था।
(आईएएनएस)
लखनऊ, 16 फरवरी । उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए होने जा रहे भूमि पूजन समारोह (जीबीसी 4.0) की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। सरकार की तरफ से 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश को धरातल पर उतारने का दावा किया जा रहा है। 19 से 21 फरवरी तक होने वाला मुख्य समारोह राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होगा। वहीं, प्रदेश के सभी 75 जिलों में भी 19 फरवरी को जीबीसी 4.0 का आयोजन किया जाएगा।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्य आयोजन स्थल लखनऊ में देश-विदेश के लब्ध उद्योगपतियों की उपस्थिति होगी। जिलों में 10 करोड़ से कम का निवेश करने वाले उद्यमियों के साथ ही स्थानीय उद्योग से जुड़े गणमान्य लोग भी शामिल होंगे।
इसके अलावा जहां एक तरफ लखनऊ में आयोजित होने वाले समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी होगी तो वहीं जिलों में आयोजन के मुख्य कर्ता-धर्ता की भूमिका में जिलाधिकारी होंगे।
उन्होंने बताया कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के माध्यम से प्रदेश में कुल 10 लाख 15 हजार 583 करोड़ की 14 हजार 537 परियोजनाएं धरातल पर उतरने को पूरी तरह तैयार हैं। इनमें 500 करोड़ की 300 परियोजनाएं, 100 से 500 करोड़ की 895 परियोजनाएं, 10 से 100 करोड़ की 4 हजार 577 परियोजनाएं, 1 से 10 करोड़ की सर्वाधिक 8 हजार 735 परियोजनाएं शामिल हैं।
सभी परियोजनाओं के धरातल पर आने के बाद 34 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। कुल मिलाकर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4.0 संपूर्ण प्रदेश के साथ ही प्रत्येक जिले में भी औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करेगी।
सीएम योगी के निर्देश हैं कि जिलों में होने वाली जीबीसी 4.0 आयोजन के दौरान 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' की प्रदर्शनी लगाई जाए। साथ ही जीबीसी के लिए रेडी प्रोजेक्ट के ग्राउंड वेरिफिकेशन का कार्य शत-प्रतिशत पूरा किया जाए। इस बात को भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि जीबीसी 4.0 के आयोजन के वक्त होने वाले नये निवेश के लिए भी लैंड फैसिलिटेशन की सुविधा हो।
जनपदों में होने वाले आयोजन के दौरान निवेशकों और स्थानीय उद्यमियों के सामने 'उद्यम प्रदेश' के रूप में तब्दील होते नए यूपी की झलकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। इतना ही नहीं राजधानी लखनऊ में आयोजित हो रहे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी सभी जिलों में आयोजित समारोह के दौरान किया जाएगा।
(आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 16 फरवरी कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि आयकर विभाग ने उसके प्रमुख बैंक खाते फ्रीज कर दिए, हालांकि बाद में आयकर अपीलीय अधिकरण ने अगले सप्ताह सुनवाई होने तक उसके खातों पर से रोक हटा दी।
आयकर विभाग के आदेश के खिलाफ अधिकरण के समक्ष उपस्थित हुए पार्टी नेता एवं अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कहा कि पार्टी को अब अपने बैंक खाते संचालित करने की अनुमति दे दी गई है। अंतिम निर्णय लेने से पहले अधिकरण अगले बुधवार को मामले की सुनवाई करेगा।
तन्खा ने कहा कि उन्होंने अधिकरण को बताया कि यदि पार्टी के खाते फ्रीज रहेंगे तो कांग्रेस ‘‘चुनाव के उत्सव’’ में भाग नहीं ले सकेगी।
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमारी याचिका पर आयकर विभाग और आयकर अपीलीय अधिकरण ने कहा है कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि 115 करोड़ रुपये बैंक खातों में रखे जाएं... हम उससे ऊपर की राशि भी खर्च कर सकते हैं। इसका मतलब है कि 115 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं। यह 115 करोड़ रुपये की राशि हमारे चालू खाते से कहीं अधिक है।’’
इससे पहले, माकन ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिनों पहले वर्ष 2018-19 के आयकर रिटर्न को आधार बनाकर उसके कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया तथा उससे 210 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग की गई है।
माकन ने यह भी कहा था कि पार्टी की युवा इकाई भारतीय युवा कांग्रेस के खातों पर भी रोक लगाई गई है।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि कुल नौ खाते फ्रीज किए गए।
बैंक खातों के फ्रीज किए जाने के मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार किए।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सत्ता के नशे में चूर, मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते फ्रीज कर दिए हैं। यह लोकतंत्र पर गहरा आघात है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ने जो असंवैधानिक धन इकट्ठा किया है, उसका इस्तेमाल वे चुनाव में करेंगे, लेकिन हमने क्राउडफंडिंग के जरिए जो पैसा इकट्ठा किया है, उसे सील कर दिया जाएगा। इसीलिए हमने कहा है कि भविष्य में कोई चुनाव नहीं होंगे !’’
खरगे ने कहा, ‘‘हम न्यायपालिका से अपील करते हैं कि इस देश में बहुदलीय व्यवस्था को बचाएं और भारत के लोकतंत्र को सुरक्षित करें। हम सडकों पर उतरेंगे और इस अन्याय व तानाशाही के ख़िलाफ़ पुरज़ोर तरीके से लड़ेंगे।’’
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘डरो मत मोदी जी, कांग्रेस धन की ताकत का नहीं, जन की ताकत का नाम है। हम तानाशाही के सामने न कभी झुके हैं, न झुकेंगे। भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर कांग्रेस कार्यकर्ता जी जान से लड़ेगा।’’
माकन ने शुक्रवार को सुबह संवाददाताओं से कहा, "यह जानकर आप लोगों को आश्चर्य और दुख होगा कि भारत में लोकतंत्र पर पूरी तरह से तालाबंदी कर दी गई है। हम लोगों को परसों (14 फरवरी को) यह जानकारी मिली कि हम जो चेक जारी कर रहे हैं, बैंक उन्हें स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जब हम लोगों ने आगे छानबीन की तब पता चला कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।"
उन्होंने दावा किया कि यह कांग्रेस पार्टी के खाते फ्रीज नहीं हुए हैं, बल्कि देश का लोकतंत्र फ्रीज हो गया है।
माकन ने सवाल किया, "लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने में जब सिर्फ दो हफ्ते रह गए हैं तो ऐसे समय में कांग्रेस के खाते फ्रीज करके सरकार क्या दिखाना चाहती है?’’
उन्होंने कहा कि कल शाम भारतीय युवा कांग्रेस के खाते भी फ्रीज कर दिए गए।
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष ने कहा कि 2018-19 के आयकर रिटर्न के आधार पर 210 करोड़ रुपये की रिकवरी मांगी गई है।
उन्होंने दावा किया कि अगर किसी के खाते सील होने चाहिए तो भारतीय जनता पार्टी के होने चाहिए क्योंकि उन्होंने 'असंवैधानिक' चुनावी बॉन्ड के जरिए कॉर्पोरेट जगत से पैसे लिए हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 फरवरी उपराज्यपाल के अभिभाषण में बाधा डालने को लेकर भाजपा के सात विधायकों को शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने बृहस्पतिवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कई बार व्यवधान डाला था क्योंकि वे अरविंद केजरीवाल सरकार को निशाना बनाना चाहते थे।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने व्यवधान का मामला विशेषाधिकार समिति को भी भेज दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दिलीप पांडे ने इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग को लेकर सदन में प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया।
पांडे ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने बृहस्पतिवार को योजनाबद्ध तरीके से उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित किया, जिससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंची।
उन्होंने कहा, “यह अभूतपूर्व और दुर्भाग्यपूर्ण था।”
उन्होंने नियम पुस्तिका पढ़ते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के आचरण से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। विधानसभाध्यक्ष गोयल ने पांडे के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की बात कही।
समिति की रिपोर्ट आने तक नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को छोड़कर भाजपा के सात सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।
इसके बाद गोयल ने सात विधायकों मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेई, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता को सदन के कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा। नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी विरोध जताते हुए सदन से बाहर चले गए।
गोयल ने बृहस्पतिवार को बजट सत्र के पहले दिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान बार-बार बाधा पहुंचाने के लिए भाजपा विधायकों को मार्शल के माध्यम से सदन से बाहर भेज दिया था।
विधानसभा के अधिकारियों ने बताया था कि सक्सेना ने जब अपना अभिभाषण शुरू किया और शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया तो भाजपा विधायक व पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेजों के वित्तपोषण का मुद्दा उठाते हुए उन्हें रोक दिया।
भाजपा के अन्य विधायकों ने अभिभाषण के दौरान पानी की कमी, आयुष्मान भारत योजना को लागू न करने, अस्पतालों की खराब स्थिति और बिजली दरों को लेकर अभिभाषण में बाधा पहुंचाई। (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 फरवरी भारतीय युवा कांग्रेस ने खुद के और कांग्रेस के बैंक खाते आयकर विभाग द्वारा फ्रीज किए जाने के विरोध में शुक्रवार को प्रदर्शन किया।
कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि आयकर विभाग ने उसके प्रमुख बैंक खाते फ्रीज कर दिए। हालांकि बाद में आयकर अपीलीय अधिकरण ने अगले सप्ताह सुनवाई होने तक उसके खातों पर से रोक हटा दी।
युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. की अध्यक्षता में संगठन के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने यहां प्रदर्शन किया।
श्रीनिवास ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय द्वारा चुनावी बॉन्ड को निरस्त किए जाने के बाद केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री गुस्से में हैं। इसी वजह से मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस और युवा कांग्रेस के बैंक खातों को चुनाव से ठीक पहले सील कर दिया गया।’’
उन्होंने दावा किया कि आयकर विभाग को भाजपा के खाते सील करने चाहिए क्योंकि उसे ‘असंवैधानिक’ चुनावी बॉन्ड के जरिये हजारों करोड़ रुपये मिले हैं। (भाषा)
अयोध्या (उप्र), 16 फरवरी श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुक्रवार से अपराह्न में एक घंटे के लिए राम मंदिर के कपाट बंद रखने का फैसला लिया है।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार रामलला शुक्रवार से अपराह्न में एक घंटे का विश्राम करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद मंदिर में आने वाले भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने दर्शन का समय सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक बढ़ा दिया है।
आचार्य सत्येंद्र दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, "श्री रामलला पांच साल के बाल स्वरूप में हैं, इसलिए बाल देवता को कुछ आराम देने के लिए ट्रस्ट ने फैसला किया है कि मंदिर के कपाट अपराह्न में एक घंटे तक बंद कर दिए जाएंगे।’’
उन्होंने बताया कि मंदिर अपराह्न साढ़े 12 बजे से अपराह्न एक बजकर 30 मिनट तक बंद रहेगा।
प्रतिष्ठा समारोह से पहले रामलला के दर्शन का समय सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक था, जिसमें अपराह्न 1:30 से 3:30 तक दो घंटे दर्शन बंद रहते थे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 16 फरवरी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा अस्वस्थ होने के कारण शुक्रवार को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल नहीं हो सकेंगी।
उन्होंने कहा कि सेहत में सुधार होते ही वह इस यात्रा का हिस्सा बनेंगी।
पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, उन्हें आज शाम उत्तर प्रदेश के चंदौली से यात्रा में शामिल होना था।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर खुद के अस्वस्थ होने और अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बड़े चाव से उत्तर प्रदेश में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के पहुंचने का इंतजार कर रही थी, लेकिन बीमारी की वजह से मुझे आज ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। स्वास्थ्य थोड़ा बेहतर होते ही मैं यात्रा में शामिल होउंगी। तब तक के लिए मैं, चंदौली-बनारस पहुंच रहे सभी यात्रियों, पूरी मेहनत से यात्रा की तैयारी में लगे उत्तर प्रदेश के मेरे सहयोगियों और प्यारे भाई को शुभकामनाएं देती हूं।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में मणिपुर से मुंबई तक ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाली जा रही है। यात्रा फिलहाल बिहार में है और शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी।
यात्रा 16-21 फरवरी तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों और फिर रायबरेली एवं अमेठी में निकाली जाएगी। 22 और 23 फरवरी यात्रा के लिए विश्राम के दिन हैं तथा 24 और 25 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यात्रा फिर से शुरू होगी। (भाषा)
रोहतास/सासाराम, 16 फरवरी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि यदि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) सत्ता में आता है तो उनकी पार्टी देश में किसानों की लंबे समय से लंबित मांगों को स्वीकार करेगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करेगी।
गांधी अपनी ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’’ के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के साथ रोहतास जिले के चेनारी थाना क्षेत्र के टेकारी में आयोजित ‘किसान न्याय महापंचायत’ में पहुंचे और उन्होंने खाट पर बैठकर किसानों की समस्याओं पर चर्चा की।
गांधी ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए दावा किया, ‘‘किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस एमएसपी को कानूनी गारंटी देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी किसानों ने कांग्रेस से कुछ मांगा हैं, उन्हें दिया गया है। चाहे कर्ज माफी हो या एमएसपी, कांग्रेस ने हमेशा किसानों के हितों की रक्षा की है और हमेशा ऐसा करती करेगी।’’
गांधी का बयान ऐसे समय में आया है जब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को मानने का दबाव बनाने के वास्ते शुक्रवार को ‘भारत बंद’ आहूत किया है।
पंजाब से किसानों ने मंगलवार को ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया था लेकिन सुरक्षा बलों ने दिल्ली और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी सीमाओं पर उन्हें रोक दिया था। इसके बाद से ही किसान शंभू तथा खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। शुक्रवार को उनके आंदोलन का चौथा दिन है।
गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा उद्योगपति गौतम अडाणी की जेब में डालने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको एक बात बतानी है कि वर्तमान में केंद्र का रक्षा बजट ‘‘जवानों’’ के कल्याण के लिए नहीं है। सभी रक्षा ठेके केवल अडाणी समूह को जा रहे हैं। वास्तव में केंद्र सरकार रक्षा बजट के धन का एक बड़ा हिस्सा उद्योगपति गौतम अडाणी की जेब में डाल रही है।’’
गांधी ने कहा, ‘‘केंद्र ने सेनाओं के लिए जो कुछ भी खरीदा... हेलीकॉप्टर, सैन्य विमान, तोपें, कारतूस, राइफल और सभी आधुनिक हथियार, अडाणी समूह के स्वामित्व वाली कंपनी से ही खरीदा। आपको हर जगह (सभी रक्षा अनुबंधों में) अडाणी समूह का नाम मिलेगा।’’
गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा और कहा, ‘‘केंद्र ने सेना में दो श्रेणियां बनाई हैं। एक अग्निवीर और एक अन्य। यदि कोई अग्निवीर घायल हो जाए या शहीद हो जाए तो उसे न तो शहीद का दर्जा मिलेगा और न ही आवश्यक मुआवजा.... यह भेदभाव क्यों। उन्होंने सेना में दो श्रेणियां क्यों बनाई हैं?’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको एक उदाहरण दे रहा हूं। मान लीजिए कि चार युवाओं को अग्निवीर के रूप में चुना गया है। चार साल के बाद चार में से तीन युवाओं को घर वापस भेज दिया जाएगा और उनमें से केवल एक को आगे रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, बाकी तीन लोग क्या करेंगे... क्या वे पकौड़े बेचेंगे?’’
इस मौके पर यादव ने कहा,‘‘ प्रधानमंत्री के पास समय नहीं है। वह प्रियंका चोपड़ा से जरूर मिलेंगे लेकिन हमारे किसान भाइयों से नहीं मिलेंगे।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये लोग नफरत की राजनीति करते हैं और झूठ का प्रचार करते हैं।’’
यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उनके पाला बदलकर फिर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वह (नीतीश कुमार) कहते थे कि अब दोबारा गलती नहीं करेंगे, मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। हम भोलेभाले लोग है, देश में सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए एक ‘‘थके हुए मुख्यमंत्री’’ को फिर से स्वीकार कर लिया था।’’
गांधी के साथ यात्रा में शामिल तेजस्वी यादव पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की सीमा नौबतपुर तक जाएंगे और कैमूर जिले में दोनों नेता एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
इससे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव, राहुल गांधी के रोहतास जिले के डेहरी मुफस्सिल थाना अंतर्गत जमुहार में रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार की सुबह वहां पहुंचे।
तेजस्वी और राहुल एक लाल रंग की खुली जीप में सवार हुए। तेजस्वी जीप चला रहे थे और राहुल बगल की सीट में बैठे थे। इस जीप में पीछे लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार बैठी हुईं थीं। (भाषा)
रेवाड़ी (हरियाणा), 16 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यहां कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी आज ‘एक परिवार’ के मोह में अपने इतिहास के ‘सबसे दयनीय’ दौर से गुजर रही है।
यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखने और 9,750 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आज कांग्रेस की स्थिति ऐसी हो गई है कि उसके पास कार्यकर्ता तक नहीं बचे।
उन्होंने कहा, ‘‘एक परिवार के मोह में फंसी कांग्रेस... हरियाणा में भी वही हाल है...आज अपने इतिहास के सबसे दयनीय दौर से गुजर रही है। उनके नेता से अपना एक स्टार्टअप नहीं संभल रहा है और यह लोग देश संभालने का सपना देख रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि उसके पुराने नेता एक-एक करके पार्टी छोड़कर जा रहे हैं और जिन्होंने कभी इनके साथ आने का इरादा किया था, वह भी इनसे भाग रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज स्थिति यह है कि कांग्रेस के पास अपने कार्यकर्ता तक नहीं बचे हैं। जहां कांग्रेस सरकार में है, वहां इनसे अपनी सरकार भी नहीं संभल रही है।’’
कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस द्वारा किए गए वादों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि आज दोनों राज्यों में इनकी सरकारें हैं लेकिन वे वादों को पूरे नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हिमाचल में लोगों को वेतन और पेंशन देने तक में मुश्किलें आ रही हैं।वहीं, कर्नाटक में विकास की योजनाओं पर भी कांग्रेस सरकार काम नहीं कर पा रही है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस का कुशासन है और दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों का सुशासन है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में पिछले 10 वर्षों से ‘डबल इंजन’ सरकार है और आज वह तेजी से विकास कर रहा है व गरीब कल्याण की कई योजनाओं का शत-प्रतिशत अमल करने वाले राज्यों में अव्वल रहा है।
दुनिया में बढ़ती भारत की साख, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और पूर्व सैनिकों को ‘वन रैंक-वन पेंशन’ दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने देश को जो ‘गारंटी’ दी वह पूरी की है और वह अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने की ‘गारंटी’ पूरी करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की इच्छा थी कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो और आज पूरा देश भव्य राम मंदिर में विराजे रामलला के दर्शन कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के जो लोग भगवान राम को काल्पनिक बताते थे, जो कभी नहीं चाहते थे कि राम मंदिर बने, वो भी अब जय सिया राम बोलने लगे हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि जनता के आशीर्वाद से इस बार भाजपा को 370 और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 400 पार सीट मिलेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सीटों का महत्व तो है ही लेकिन मेरे लिए उसके साथ-साथ जनता-जनार्दन का आशीर्वाद बहुत बड़ी पूंजी है। आज भारत पूरी दुनिया में नई ऊंचाई पर पहुंचा है तो यह आप सबके आशीर्वाद के कारण ही हुआ है।’’
संयुक्त अरब अमीरात और कतर की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों में जिस प्रकार का सम्मान भारतीयों को मिलता है वही सम्मान हर भारतीय को अन्य देशों में मिलता है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में भारत 11 नंबर से ऊपर उठकर पांचवें नंबर की आर्थिक महाशक्ति बना है। अब मुझे अपने तीसरे कार्यकाल में... आने वाले सालों में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाना है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिए हरियाणा का विकसित होना बहुत जरूरी है और यह तभी विकसित होगा जब यहां आधुनिक सड़के बनेंगी, रेलवे का आधुनिक नेटवर्क होगा और जब यहां बड़े और अच्छे अस्पताल होंगे।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज मैंने रेवाड़ी में एम्स का शिलान्यास किया है और इसका लोकार्पण भी मेरे हाथों ही होगा।’’
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उसका ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ सिर्फ एक ही परिवार के हित को देशवासियों के हित से ऊपर रखने का, घोटालों का सेना और सैनिक दोनों को कमजोर करने का रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बातें याद रखना जरूरी है। आज भी कांग्रेस की टीम वही है। नेता वही हैं और नीयत भी वही है। और उनकी निष्ठा एक ही परिवार के प्रति है। नीतियों में लूट और भ्रष्टाचार है।’’
उन्होंने कांग्रेस पर अपने खिलाफ लगातार साजिशें रचने का आरोप लगाया और कहा कि इस बार भी उसने उनके खिलाफ सारे मोर्चे खोल दिए हैं लेकिन देश की जनता का सुरक्षा कवच उसकी मंशा को विफल कर देता है। (भाषा)