राष्ट्रीय
हैदराबाद, 15 फरवरी । पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी, युवा कांग्रेस नेता अनिल कुमार यादव और वद्दीराजू रविचंद्र ने गुरुवार को तेलंगाना से तीन राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन दाखिल किया।
जहां चौधरी और यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया, वहीं रविचंद्र को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने मैदान में उतारा है। उम्मीदवारों ने तेलंगाना विधानसभा में रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया।
नामांकन दाखिल के समय मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी दीपादास मुंशी, मंत्री रेणुका चौधरी और अनिल यादव के साथ थे।
इससे पहले, रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस उम्मीदवारों को बी-फॉर्म सौंपे। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव और पार्टी के विधायक एवं एमएलसी रविचंद्र के नामांकन दाखिल करने के समय उनके साथ थे।
तेलंगाना से तीन राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव होने हैं। बीआरएस से संबंधित जे. संतोष कुमार, बी. लिंगैया यादव और रविचंद्र का कार्यकाल इस साल समाप्त हो रहा है।
119 सदस्यीय विधानसभा में 64 सदस्यों वाली कांग्रेस पार्टी आसानी से दो सीटें जीत सकती है। बीआरएस ने एक बार फिर रविचंद्र को मैदान में उतारा है। तीन उम्मीदवारों में से केवल अनिल यादव ही पहली बार राज्यसभा सदस्य बनेंगे।
रेणुका को इससे पहले 1986 और 1992 में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) द्वारा उच्च सदन के लिए नामांकित किया गया था। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 2012 में संसद के ऊपरी सदन के लिए नामांकित किया था।
वह संयुक्त मोर्चा और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में तीन बार केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं।
(आईएएनएस)
मुंबई, 15 फरवरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना रद्द करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है और किसी राजनीतिक दल को दिए जाने वाले हर चंदे में पारदर्शिता व जवाबदेही होनी चाहिए।
राकांपा-शरदचंद्र पवार के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि गुमनाम दानदाताओं के जरिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की गई थी और इसके लागू होने के बाद से भाजपा एकमात्र पार्टी है जिसे इससे लाभ हुआ है।
क्रैस्टो ने कहा, “चुनावी बॉन्ड योजना को "असंवैधानिक" बताते हुए इसे रद्द करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। राजनीतिक दल को मिलने वाले हर चंदे में पारदर्शिता और जवाबदेही होनी चाहिए।”
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए कहा कि यह संविधान के तहत सूचना के अधिकार और वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो अलग-अलग लेकिन सर्वसम्मत फैसले सुनाए।
न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना के तहत दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने का निर्देश दिया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 14 फरवरी कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड योजना पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह निर्णय नोट के मुकाबले वोट की ताकत को और मजबूत करेगा तथा उम्मीद की जाती है कि सरकार अब ऐसे ‘शरारतपूर्ण’ विचारों का सहारा लेना बंद करेगी।
पार्टी ने साथ ही यह आरोप भी लगाया कि इस फैसले से इस बात पर मुहर लग गई है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
इस फैसले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के निर्देश दिए गए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत के दिन कांग्रेस पार्टी ने इसे अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक बताया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में मोदी सरकार की इस संदिग्ध योजना को खत्म करने का वादा किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आज उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं जिसने मोदी सरकार की इस ‘‘काला धन रूपांतरण’ योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है। हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और वित्त मंत्रालय ने भाजपा का खजाना भरने के लिए हर संस्थान - आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस योजना के तहत 95 प्रतिशत चंदा भाजपा को मिला।’’
उनका कहना था, ‘‘हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे शरारतपूर्ण विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और उच्चतम न्यायालय की बात सुनेगी ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहे।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। भाजपा ने चुनावी बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है।’’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार की बहुप्रचारित चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान दोनों का उल्लंघन माना है। लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोट पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा।’’
उन्होंने किसानों के ‘दिल्ली मार्च’ आंदोलन की पृष्ठभूमि में आरोप लगाया कि मोदी सरकार 'चंदादाताओं' को विशेषाधिकार देते हुए अन्नदाताओं पर हर तरह का अत्याचार कर रही है।
रमेश ने कहा, ‘‘हमें यह भी उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इस बात पर ध्यान देगा कि चुनाव आयोग लगातार वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से भी इनकार कर रहा है। यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी है तो फिर इतनी जिद क्यों?"
उन्होंने आरोप लगाया कि आज उच्चतम न्यायालय ने साबित कर दिया है कि मोदी सरकार ‘सूट-बूट-झूठ-लूट की सरकार’ है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करती है और मांग करती है कि एसबीआई तमाम जानकारी सार्वजनिक पटल पर रखे, जिससे जनता को मालूम पड़े कि किसने कितना पैसा दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह योजना मोदी सरकार 'मनी बिल' के तौर पर लाई थी, ताकि राज्यसभा में इसपर चर्चा न हो, यह सीधा पारित हो जाए। हमें डर है कि कहीं फिर से कोई अध्यादेश जारी न हो जाए और मोदी सरकार उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से बच जाए। ’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या इस ‘घोटाले’ की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को लगाया जाएगा?
खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘‘चुनावी बॉन्ड योजना भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सीधे-सीधे प्रधानमंत्री शामिल हैं। देश पर चुनावी बॉन्ड को थोपा गया, जबकि चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने विरोध किया था। आज प्रधानमंत्री और उनका भ्रष्टाचार बेनकाब हो गया है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने धन विधेयक लाकर इसे कानूनी जामा पहनाया था, ताकि विधायक खरीदे जा सकें, मित्रों को कोयले की खदान, हवाई अड्डे दिए जा सकें।’’ (भाषा)
इंदौर (मध्यप्रदेश), 15 फरवरी लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना के जरिये राजनीतिक दलों के लिए चंदे के इंतजाम के वास्ते "अच्छी पद्धति" पेश की थी क्योंकि सभी पार्टियों को कोष की जरूरत होती है।
चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में पूछे जाने पर महाजन ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘मैंने उच्चतम न्यायालय का पूरा फैसला पढ़ा नहीं है और मुझे पूरा मामला मालूम नहीं है, लेकिन चुनावी बॉन्ड योजना के जरिये राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए एक अच्छी पद्धति पेश की गई थी। इतना ही हो सकता है कि अगर इसमें (चुनावी बॉन्ड योजना) कुछ कमियां हों, तो इन्हें दूर किया जाएगा।’’
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की 80 वर्षीय नेता ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को कोष की जरूरत होती है और चुनावी बॉन्ड योजना पार्टियों के कोष के इंतजाम के लिए लाई गई थी।
उन्होंने कहा,‘‘अगर उच्चतम न्यायालय (चुनावी बॉन्ड योजना के बारे में) कुछ कहता है, तो ऊपर के लोग (सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे व्यक्ति) सोचेंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड योजना को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है।
इस योजना को सरकार ने दो जनवरी, 2018 को अधिसूचित किया था। दूरगामी परिणाम वाले इस ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना के तहत राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले लोगों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के निर्देश भी दिए। (भाषा)
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बेंगलुरु, 15 फरवरी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की है कि स्कूली बच्चों के लिए उसके 2024 के ‘युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम’ की पंजीकरण प्रक्रिया 20 फरवरी से शुरू होगी।
इसरो के इस कार्यक्रम को 'युवा विज्ञान कार्यक्रम' (युविका) कहा जाता है जिसका उद्देश्य युवा छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में बुनियादी ज्ञान और उभरते अवसर प्रदान करना है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'युवा विज्ञान कार्यक्रम (युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम) - 2024 की घोषणा कर दी गई है। इसके लिए (केवल एक जनवरी, 2024 तक के) नौवीं कक्षा के भारतीय विधार्थी आवेदन कर सकते हैं। पंजीकरण 20 फरवरी, 2024 से शुरू होगा।'
दो सप्ताह के इस आवासीय कार्यक्रम के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 20 मार्च है।
इसमें कहा गया है कि इसरो ने युवा छात्रों को आकर्षित करने के लिए इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। कार्यक्रम से छात्रों के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियंत्रिकी और गणित (एसटीईएम) आधारित अनुसंधान और करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित होने की भी उम्मीद है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 फरवरी आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनावी बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह चुनावी वित्त पोषण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान में प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है।
न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के निर्देश भी दिए।
दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह चुनावी वित्त पोषण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। अन्यथा चुनावी बॉन्ड के जरिए यह पता नहीं चल पाता था कि कौन-सा व्यक्ति किस पार्टी को कितना पैसा दे रहा है। देश के लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है कि यह मालूम हो कि कौन-सा व्यक्ति किस राजनीतिक दल को कितना पैसा दे रहा है।’’
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि एसबीआई यह भी जानकारी दे कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी। साथ ही पूरा विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग को एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी चाहिए।
आतिशी ने कहा, ‘‘देश के नागरिकों के लिए केंद्र या राज्यों में शासन कर रहे राजनीतिक दलों के धन के स्रोत को जानना महत्वपूर्ण है। उनके लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या सरकार के फैसले मतदाताओं की पसंद से प्रेरित होते हैं या उन लोगों की पसंद से जो उन्हें वित्त पोषण दे रहे हैं। यह देश के लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।’’ (भाषा)
भोपाल, 15 फरवरी केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन सहित सभी चार भाजपा उम्मीदवारों और एक कांग्रेस उम्मीदवार ने इस महीने के अंत में होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मध्यप्रदेश से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
मुरुगन, भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, मप्र भाजपा महिला इकाई की प्रमुख माया नारोलिया और उज्जैन स्थित वाल्मिकी धाम आश्रम के प्रमुख उमेश नाथ महाराज ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में यहां राज्य विधानसभा परिसर में रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और कैलाश विजयवर्गीय और प्रह्लाद पटेल सहित अन्य मंत्री उपस्थित थे।
इससे पहले, यादव ने 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए राज्य की राजधानी भोपाल पहुंचने पर उमेश नाथ महाराज और मुरुगन का स्वागत किया।
चुनाव आयोग ने 29 जनवरी को मप्र की पांच सीट समेत 15 राज्यों की 56 सीट पर राज्यसभा चुनाव की तारीख जारी की थी।
नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए भाजपा उम्मीदवारों के साथ विधानसभा परिसर जाने से पहले यादव ने भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, "वाल्मीकि धाम के प्रमुख सामाजिक सद्भाव के लिए काम कर रहे हैं और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में उतारकर एक बड़ा संदेश दिया है।"
उन्होंने इस अवसर पर मुरुगन, नारोलिया और गुर्जर को भी बधाई दी और उनके संबंधित क्षेत्रों में उनके योगदान को याद किया।
उन्होंने कहा कि उनकी उपस्थिति से न केवल राज्यसभा बल्कि राज्य को भी फायदा होगा। मोहन यादव ने उन्हें नामांकित करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को धन्यवाद दिया।
कांग्रेस उम्मीदवार अशोक सिंह, जो राज्य पार्टी इकाई के कोषाध्यक्ष हैं, ने भी रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। (भाषा)
देहरादून, 15 फरवरी । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने मंत्रिमंडल के साथ जल्द ही अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके पहले 2 फरवरी को अयोध्या जाने का कार्यक्रम तय किया गया था, लेकिन, भारी भीड़ के कारण कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था।
इसके साथ ही सीएम धामी ने कहा है कि बद्रीनाथ के कपाट खोले जाने की तारीख का ऐलान हो चुका है। ऐसे में चारों धामों में व्यवस्थाओं को लेकर इस बार सरकार कई पहलुओं पर काम कर रही है। चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं को पर्याप्त सुविधाएं दी जाएंगी।
(आईएएनएस)
पटना, 15 फरवरी । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार सचिवालय सेवा अंतर्गत सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों, सहायक प्राध्यापकों एवं व्याख्याताओं के बीच नियुक्ति पत्र वितरण किया।
नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान 1,333 सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों तथा विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग अंतर्गत 228 सहायक प्राध्यापकों एवं 572 व्याख्याताओं सहित कुल 2,133 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से सहायक प्रशाखा पदाधिकारी मनीष कुमार, दीपिका कुमारी, जितेंद्र कुमार मंडल, सरिता कुमारी, सुशील कुमार, रुपा कुमारी, नीलम कुमारी तथा व्याख्याता पियूष कुमार पाठक, शिप्रा भदानी एवं सहायक प्राध्यापक सारिका कुशवाहा को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
इस कार्यक्रम में 50 अभ्यर्थियों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री के अलावा उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
(आईएएनएस)
गुरुग्राम, 15 फरवरी । गुरुग्राम में बादशाहपुर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत वन क्षेत्र से एक 16 वर्षीय लड़की का शव बरामद किया गया।
स्थानीय लोगों ने शव की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद बादशाहपुर पुलिस थाने के इंस्पेक्टर सतीश देशवाल के नेतृत्व में एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची, जिसने लड़की का शव बरामद किया।
पुलिस ने बताया कि मृत नाबालिग लड़की की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
सतीश देशवाल ने कहा, "पीड़िता पिछले कुछ महीनों से बीमार थी। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा था कि उसकी मौत स्वाभाविक थी क्योंकि हमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। मौत का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।"
शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया गया है। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत जांच की है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 फरवरी । राजनीतिक दलों को चंदा कैसे मिलेगा, इसको लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड योजना शुरू की गई थी। उस चुनावी बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत की तरफ से यह फैसला सुनाया गया।
अब कांग्रेस इसको लेकर दावा कर रही है कि वह पहले से ही इस योजना का विरोध कर रही थी और अब वह सच साबित हुआ है। अब सरकार के द्वारा जारी इस चुनावी बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द करने के फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है।
कांग्रेस ने दावा किया कि 2017 में चुनावी बॉन्ड को लाए जाने का सबसे पहले विरोध किया गया था। संसद के भीतर और बाहर भी कांग्रेस पार्टी इस योजना का विरोध करती रही। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के 2019 के घोषणापत्र का जिक्र किया गया और लिखा गया कि इस योजना को खत्म करने का तब ही हम इरादा रखते थे। कांग्रेस की तरफ से दावा किया गया है कि यह योजना कुछ और नहीं बल्कि भाजपा के द्वारा खजाना भरने के लिए एक योजना थी।
कांग्रेस ने इसके साथ ही भाजपा से सवाल किया है कि क्या वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करेंगे या फिर फैसले के खिलाफ कोई अध्यादेश लाएंगे? सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपना बयान जारी करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित कर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना कुछ और नहीं, बल्कि भाजपा द्वारा अपना खज़ाऩा भरने के लिए बनाई गई एक 'काला-धन-सफ़ेद-करो योजऩा' थी।
पवन खेड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज उन्हीं भावनाओं को दोहराया जो मैंने और मेरे सहयोगियों ने, ऑन रिकॉर्ड बार-बार व्यक्त की हैं। पहला यह योजना असंवैधानिक है, ऐसा उपाय जो मतदाताओं से यह छुपाता है कि राजनीतिक दलों को कैसे मालामाल बनाता है, लोकतंत्र में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इस प्रकार, यह सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 19(1) (ए) का उल्लंघन करता है।
दूसरा, सरकार का यह दावा कि उसने काले धन पर अंकुश लगाया, बिल्कुल बेबुनियाद व निराधार था। दरअसल, आरटीआई के प्रावधानों के बिना इस योजना को लागू करके वह कालेधन को सफेद करने को बढ़ावा दे रही थी। तीसरा, वित्तीय व्यवस्था राजनीतिक दलों के बीच पारस्परिक आदान-प्रदान का कारण बन सकती हैं।
उन्होंने मोदी सरकार और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली का जिक्र करते हुए कहा कि आरबीआई, चुनाव आयोग, भारत की संसद, विपक्ष और भारत के लोगों के विरोध को कुचलते हुए चुनावी बॉन्ड पेश करने के असंवैधानिक फैसले का बार-बार बचाव किया गया।
बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की केंद्र सरकार की तरफ से 2017 में घोषणा की गई थी। जिसे सरकार ने 29 जनवरी 2018 को लागू कर दिया था। यह इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है। जिसके जरिए कोई भी आदमी अपने पसंदीदा राजनीतिक दल को गुमनाम तरीके से चंदा दे सकता है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 फरवरी । दसवें पद्मश्री श्याम लाल मेमोरियल आमंत्रण हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन 19 से 26 फरवरी, 2024 तक पुरुष और महिला वर्ग में किया जाएगा।
मेजबान श्याम लाल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर रबि नारायण कर के अनुसार मुख्य अतिथि दिल्ली यूनिवर्सिटी के डीन, कॉलेजेज, प्रोफेसर बलराम पाणि टूर्नामेंट का उद्घाटन सोमवार को सुबह 10.30 बजे श्याम लाल कॉलेज के मैदान पर करेंगे। इस अवसर पर कॉलेज की चेयरपर्सन डॉ सविता गुप्ता भी मौजूद रहेंगी।
प्रोफेसर बलराम पाणि जाने माने शिक्षाविद होने के साथ खेल प्रेमी भी हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के दौरान छात्र छात्राओं का उत्साह बढ़ाने के लिए उपस्थित रहते हैं।
श्याम लाल कॉलेज खेलों को बढ़ावा देने में हमेशा आगे रहता है और इसमें कॉलेज की चेयरपर्सन डॉ सविता गुप्ता और प्रधानाचार्य प्रोफेसर रबि नारायण कर का मार्गदर्शन शिक्षकों और विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाने का काम करता है।
खेल समिति के संयोजक वी एस जग्गी ने बताया कि पुरुष वर्ग में आठ टीमें लीग और नॉकआउट आधार पर तथा महिला वर्ग में पांच टीमें राउंड रॉबिन लीग आधार पर खेलेंगी। शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच फाइनल खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में मेजबान श्याम लाल कॉलेज की टीम मजबूत दावेदार होगी। उसने हाल ही में दिल्ली ओलंपिक गेम्स 2024 में पुरुष वर्ग का हॉकी खिताब जीता है।अंतर कॉलेज हॉकी प्रतियोगिता में भी उसका दबदबा रहता है।
टीमें : पुरुष वर्ग: श्याम लाल कॉलेज, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, किरोड़ी मल कॉलेज, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, श्याम लाल कॉलेज (सांध्य), हंसराज कॉलेज, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, श्याम लाल कॉलेज (एलुमनस)।
महिला वर्ग: इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, भारती कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी एलुमना, विवेकानंद कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 फरवरी । दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के एक 'रैन बसेरा' में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है। एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि उसके शरीर पर चोट के निशान हैं।
अधिकारी ने कहा कि बुधवार को एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी जिसमें रिंग रोड सराय काले खां में दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित 'रैन बसेरा' के कार्यवाहक ने पुलिस को बताया कि पिछले दो माह से वहां रह रहा अज्ञात व्यक्ति जाग नहीं रहा था।
मौके पर पहुंचने पर पीड़ित को मृत पाया गया।
केयरटेकर ने यह भी कहा कि पांच दिन पहले उस व्यक्ति का एक्सीडेंट हो गया था, लेकिन उसने पुलिस को रिपोर्ट नहीं की क्योंकि उसे बिना किसी को बताए उपचार मिल गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "सनलाइट कॉलोनी थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279 और 304ए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू की गई है।"
अधिकारी ने कहा, "मृतक आवारा था और उसके परिवार के सदस्यों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।"
(आईएएनएस)
गोरखपुर, 15 फरवरी । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों के लिए 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए प्रशासनिक भवन के शिलान्यास तथा मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट के लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस इंसेफेलाइटिस से हर साल 1,200 से 1,500 मौतें होती थी, आज उसे पूरी तरह कंट्रोल करते हुए हम लोग मासूम बच्चों को बचाने में सफल हुए हैं। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के सफलतम मॉडल का केंद्र बिंदु बीआरडी मेडिकल कॉलेज बना क्योंकि सबसे ज्यादा बोझ इसी पर रहता था। हमने इंसेफेलाइटिस का चरम भी देखा है और आज उसे समाप्त होते भी देख रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि 1977-78 से लेकर 2017 तक इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने के बारे में सरकारें सोचती तक नहीं थी। 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर मैंने इसके उन्मूलन के बारे में मॉडल तैयार करने पर विचार किया। इसी सिलसिले में कुशीनगर मुसहरों के बीच जाकर स्वच्छता अभियान चलाया। उन्हें स्वच्छता के तरीके समझाए, साबुन के प्रयोग की जानकारी दी। मीडिया में हंसी उड़ाई गई कि एक मुख्यमंत्री गरीबों को साबुन बांट रहा है। जब कोरोना आया तो ट्रायल करने वाले मीडिया के साथियों को भी साबुन और स्वच्छता की बात समझ में आई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता पर ध्यान कई बीमारियों का समाधान है। इसे इंसेफेलाइटिस समाप्त करने की दिशा में मिशन मोड में बढ़ाया गया तो परिणाम सामने आया।
सीएम योगी ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अपना गौरवशाली इतिहास है। इस मेडिकल कॉलेज ने अनेक उतार-चढ़ाव भी देखे हैं। वह भी दौर देखा है, जब यह पूर्वी यूपी के स्वास्थ्य का एकमात्र केंद्र हुआ करता था और वह भी संसाधनों के अभाव से जूझता था। न डॉक्टर थे, न पैरामेडिक्स थे, न नर्सिंग स्टाफ था और न अन्य कार्यों के लिए जरूरी मैनपावर।
2017 के बाद यहां आए बदलाव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यहां बाल रोग संस्थान प्रारंभ हो चुका है। पीडिया वार्ड सुसज्जित और इंफ्रास्ट्रक्चर से संपन्न हो गया है। इसी परिसर में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर भी क्रियाशील हो चुका है।
(आईएएनएस)
नोएडा, 15 फरवरी । नोएडा के सेक्टर-100 स्थित लोट्स बुलेवर्ड सोसाइटी में एक व्यक्ति ने 19वें फ्लोर से कूदकर खुदकुशी कर ली। गंभीर हालत में उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन की ओर से पुलिस को जानकारी दी गई।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने मृतक का मोबाइल जब्त कर लिया है।
दरअसल, नोएडा के सेक्टर-100 में बने लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी में अमित गंडोत्रा (39) परिवार के साथ रहता था। वो फ्लैट नंबर-302, थर्ड फ्लोर, टावर नंबर-21 में रहता था। लोगों ने बताया कि करीब 9 बजे वो अपने फ्लैट से निकला और लिफ्ट से 19वें फ्लोर पर गया। वहां से उसने छलांग लगा दी।
अमित फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के पद पर काम करता था। इसके पहले वो कई मीडिया हाउस में बड़े पद पर अपनी सेवा दे चुका था। अमित शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है।
बताया गया कि हाल ही में उसने ये कंपनी ज्वाइन की थी। जमीन पर गिरने की आवाज आने पर मौके पर लोग एकत्रित हो गए। गार्ड ने परिजनों की सूचना दी। इसके बाद उसे घायल अवस्था में जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अमित ने यह कदम क्यों उठाया और इस तरीके से सुसाइड क्यों किया पुलिस इस मामले का पता लगाने में जुटी है।
(आईएएनएस)
ठाणे, 15 फरवरी नवी मुंबई पुलिस ने 32 वर्षीय एक किसान को भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे 25,000 रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक डॉक्टर और उसके सहयोगी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
सीबीडी पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के जलगांव के रहने वाले पीड़ित ने पिछले साल 28 नवंबर को नवी मुंबई के बेलापुर इलाके में डॉक्टर को उसके क्लीनिक में कथित तौर पर 25,000 रुपये दिए थे।
किसान ने दावा किया कि उसे रेलवे में नौकरी दिलवाने का वादा किया गया था और उसे पैसे देने के बाद एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी प्रदान किया गया था। किसान ने इगतपुरी थाने पर सरकारी रेलवे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
अधिकारी ने बताया कि शिकायत सीबीडी पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दी गई, जहां बुधवार को डॉक्टर और उसके सहयोगी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी) और 34 (साझा मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया। (भाषा)
प्रयागराज, 15 फरवरी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाना में पूजा अर्चना की अनुमति दिए जाने के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई पूरी कर बृहस्पतिवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी की अदालत के 31 जनवरी के उस आदेश के खिलाफ यहां अपील की थी जिसमें हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाना में पूजा अर्चना की अनुमति दी गई थी। (भाषा)
कोलकाता, 15 फरवरी पश्चिम बंगाल विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने संदेशखालि मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान देने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को सदन से 'वॉक आउट' किया।
संदेशखालि में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं द्वारा स्थानीय लोगों पर कथित अत्याचारों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हंगामे के वक्त ममता सदन में मौजूद नहीं थीं।
भाजपा के मुख्य व्हिप मनोज तिग्गा की अगुवाई में पार्टी विधायकों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने विपक्षी विधायकों से व्यवस्था बनाए रखने को कहा।
इसके बाद भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से 'वॉक आउट' कर दिया।
तिग्गा ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने 'वॉक आउट' करने का फैसला किया क्योंकि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की ओर से कोई बयान नहीं आया है। संदेशखालि में अराजकता फैली हुई है और हमें वहां जाने की अनुमति नहीं है।'
टीएमसी के मुख्य व्हिप निर्मल घोष ने कहा कि भाजपा राज्य का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है और विधानसभा की कार्यवाही को 'बाधित' कर रही है।
संदेशखालि मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए सोमवार को नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत छह भाजपा विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था।
बुधवार को लगातार सातवें दिन संदेशखालि में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और टीएमसी नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग की।
शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ जबरन जमीन पर कब्जा करने और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने जैसे आरोप हैं।
पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय की टीम कथित राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने गई थी। इस दौरान भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था। वह पिछले महीने से फरार हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 फरवरी दिल्ली उच्च न्यायालय के महापंजीयक (रजिस्ट्रार जनरल) को एक ईमेल के जरिए बम की धमकी मिलने के बाद अदालत में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय के महापंजीयक को बुधवार को उनके आधिकारिक अकाउंट में ईमेल मिला।
बलवंत देसाई नामक व्यक्ति द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के महापंजीयक को 12 फरवरी को भेजे गए ईमेल में आगाह किया गया है कि बृहस्पतिवार को एक बम धमाका होगा और यह दिल्ली में सबसे बड़ा धमाका होगा।
ईमेल में लिखा है, ‘‘यह दिल्ली में सबसे बड़ा विस्फोट होगा। मंत्री को भी फोन करो, सबको उड़ा दिया जाएगा।’’
इस ईमेल को गंभीरता से लेते हुए प्राधिकारियों ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
ईमेल के बाद उच्च न्यायालय के प्राधिकारियों ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को एक पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि उच्च न्यायालय के सक्षम प्राधिकरण ने मामले को गंभीरता से लिया है और आयुक्त से उच्च न्यायालय परिसर में और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध किया है।
उच्च न्यायालय के प्राधिकारियों ने मामले की विस्तृत जांच कराने और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट सौंपने की मांग की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि उच्च न्यायालय के बाहर पहले हुए बम विस्फोट को ध्यान में रखते हुए प्राधिकारी कोई जोखिम नहीं लेना चाहते और सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।
उन्होंने बताया कि अदालत के कामकाज में कोई बाधा नहीं है और बार के सदस्य सहयोग कर रहे हैं।
माथुर ने बताया कि अदालत परिसर में आ रहे लोगों के पहचान पत्रों की जांच की जा रही है। बार सदस्यों की पहचान करने के लिए बार एसोसिएशन के कर्मचारी भी प्रवेश द्वार पर खड़े हैं। (भाषा)
चंडीगढ़, 15 फरवरी केंद्र सरकार की एक समिति के साथ बैठक से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए प्रधानमंत्री को समिति में शामिल तीनों केंद्रीय मंत्रियों से बात करनी चाहिए।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाने सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर यहां शाम पांच बजे किसान नेताओं से मुलाकात करेंगे।
शंभू बॉर्डर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव पंधेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मान ली जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री खुद प्रतिनिधिमंडल (बैठक के लिए आ रहे केंद्रीय मंत्रियों) से बात करें और किसानों की मांगों का समाधान करें।'
किसान नेता ने कहा, 'हम चाहते हैं कि हमारी मांगें मानी जाएं।'
उन्होंने कहा, 'या तो हमारी मांगें स्वीकार करें या हमें शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति दें।'
पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा प्रशासन द्वारा तैनात सुरक्षा कर्मियों द्वारा किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र करते हुए पंधेर ने किसानों के खिलाफ 'बल' प्रयोग करने के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों की आलोचना की।
इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए थे। उन्होंने आंसू गैस के कुछ गोले भी दिखाए।
पंधेर ने दावा किया कि अर्धसैनिक बलों ने किसानों के खिलाफ हवा में फटने वाले आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि किसानों के खिलाफ बल प्रयोग के बावजूद किसान नेता बृहस्पतिवार को तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत करने जा रहे हैं। मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन का जिक्र करते हुए पंधेर ने आरोप लगाया कि सरकार 'हमें (किसानों को) मणिपुर की तरह कुचलना चाहती है।'
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए एमएसपी पर कानून और ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के मकसद से 'दिल्ली चलो' आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 फरवरी किसानों के 'दिल्ली चलो' आंदोलन का बृहस्पतिवार को तीसरा दिन है और दिल्ली व हरियाणा के बीच दो प्रमुख सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही बंद है, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण स्थानों पर दंगा रोधी सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
हरियाणा से लगी दो सीमाएं - टिकरी और सिंघू - बंद हैं जबकि उत्तर प्रदेश से लगी गाजीपुर सीमा पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में आवाजाही की अनुमति दी गई है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है।
हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को अंबाला के पास पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर रोक दिया है।
मध्य दिल्ली में भी पुलिस ने संसद और अन्य संवेदनशील स्थानों की ओर जाने वाली कई सड़कों पर अवरोधक लगा दिए हैं।
किसान नेताओं ने कहा है कि बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक होगी, जिसके बाद प्रदर्शनकारी आगे की रणनीति तय करेंगे। टिकरी और सिंघू सीमाओं पर, दिल्ली पुलिस ने किसानों को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए बहुस्तरीय व्यवस्था की है, जिसके तहत अवरोधक, कंटीले तारों और कंक्रीट ब्लॉक लगाए गए हैं।
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी और ऋण माफी समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का यह तीसरा दिन है।
इस बीच, बृहस्पतिवार से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के सिलसिले में अधिकारियों ने दिल्ली में छात्रों को अपने परीक्षा केंद्रों के लिए जल्दी रवाना होने की सलाह दी है क्योंकि किसानों के आंदोलन के मद्देनजर प्रतिबंधों के कारण कई क्षेत्रों में, विशेष रूप से शहर के सीमावर्ती क्षेत्रों में यातायात की आवाजाही प्रभावित रहेगी।
सीबीएसई ने एक परामर्श में कहा, "चूंकि परीक्षा पूर्वाह्न 10.30 बजे शुरू होती है, इसलिए सभी छात्रों को सुबह 10 बजे या उससे पहले अपने परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की सलाह दी जाती है।" (भाषा)
नई दिल्ली, 15 फरवरी । दिल्ली के नजफगढ़ में ढांसा स्टैंड के पास सड़क का एक हिस्सा धँसने से हरियाणा की ओर जाने वाला मार्ग प्रभावित हुआ जिससे फिरनी रोड पर यात्रियों को गुरुवार को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सड़क धँसने के कारण क्षेत्र में लंबा यातायात जाम लग गया। साथ ही सड़क सुरक्षा और मोटर चालकों के लिए संभावित जोखिमों के संबंध में भी चिंताएं पैदा हो गई हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और आवश्यक मरम्मत के लिए स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया है।"
हालाँकि, सड़क धँसने से यातायात में बाधा उत्पन्न होने के कारण यात्रियों को आगे की देरी से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करने की सलाह दी गई है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक्स पर लिखा, "ढांसा स्टैंड के पास सड़क धँसने के कारण फिरनी रोड, नजफगढ़ पर ढांसा स्टैंड से बहादुरगढ़ स्टैंड की ओर जाने वाले मार्ग पर यातायात प्रभावित है। कृपया अपनी यात्रा की योजना इसके अनुसार बनाएं।"
(आईएएनएस)
जमशेदपुर, 15 फरवरी । पूर्वी सिंहभूम जिले के बारसोल थाना क्षेत्र में बुधवार की देर रात हाथियों के झुंड के हमले में एक व्यक्ति बबलू बास्के की मौत हो गई, जबकि भगदड़ में कम से कम छह लोग घायल हो गए।
लोधनवानी गांव और आस-पास के इलाकों में हाथियों का झुंड उत्पात मचा रहा था। इन्हें भगाने के लिए बंगाल के बांकुड़ा से विशेषज्ञ क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) को बुलाया गया था। टीम में दस लोग शामिल थे। इस टीम ने हाथियों को भगाने की कोशिश की तो वे उग्र हो गए। क्यूआरटी के एक सदस्य बबलू बास्के को हाथियों ने कुचल दिया। उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। भगदड़ में क्यूआरटी के तीन और गांव के तीन लोग घायल हो गए। बाद में हाथियों का झुंड जंगलों की तरफ चला गया।
गौरतलब है कि झारखंड में हाथी-मानव संघर्ष में वर्ष 2023 में 80 से ज्यादा लोगों और 9 हाथियों की जान गई है। पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग, रांची, खूंटी, गुमला, गढ़वा, चतरा, गिरिडीह और बोकारो जिले में हाथियों ने सबसे ज्यादा उत्पात मचाया है। इस साल भी राज्य के अलग-अलग इलाकों में हाथियों के हमले से छह लोगों की जान जा चुकी है।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 15 फरवरी । संदेशखाली में हाल के घटनाक्रम के बाद पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल पुलिस के एक वर्ग की "निष्पक्षता" भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की जांच के दायरे में आ सकती है। जिला पुलिस प्रशासन के एक वर्ग की भूमिका पर न केवल विपक्षी दलों या विभिन्न राष्ट्रीय आयोगों द्वारा बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा भी सवाल उठाए गए हैं।
सूत्रों ने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय और राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस की प्रतिकूल टिप्पणियों के बाद राज्य पुलिस प्रशासन के एक वर्ग की भूमिका ईसीआई की जांच के दायरे में आ गई है। राज्यपाल बोस संदेशखाली में पुलिस की उसी "तटस्थता" कारक पर सवाल उठा रहे हैं।
भगोड़े तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां, जो ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर 5 जनवरी के हमले का आरोपी मास्टरमाइंड भी है, के सहयोगियों द्वारा यौन उत्पीड़न को लेकर स्थानीय महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पिछले हफ्ते से संदेशखाली में उबाल है।
इस संबंध में पुलिस प्रशासन में बेचैनी तब कई गुना बढ़ गई, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में स्थानीय महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू होने के तुरंत बाद लगभग पूरे संदेशखाली क्षेत्र में अंधाधुंध धारा 144 लगाने की टिप्पणी की।
अदालत की नकारात्मक टिप्पणियों से लैस, विपक्षी दलों और मानवाधिकार संगठनों ने धारा 144 लागू करने में प्रशासन की वास्तविक मंशा पर सवाल उठाना शुरू कर दिया, खासकर इस संबंध में कि क्या यह कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया था या वास्तव में जमीनी स्तर पर जानकारी बाहरी दुनिया में आने से रोकने के लिए किया गया था।
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि ईसीआई की वास्तविक सोच तब सामने आ सकती है, जब आयोग की पूर्ण पीठ 4 मार्च से मतदान की तैयारी के लिए दो दिवसीय यात्रा पर राज्य का जायजा लेने आएगी। .
शीर्ष नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें करने के अलावा, आयोग की पूर्ण पीठ राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात करेगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के बारे में ईसीआई का दृष्टिकोण पहले से ही हालिया घटनाक्रम में परिलक्षित होता है, जहां आयोग ने लोकसभा चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र बलों की 920 कंपनियों की तैनाती की मांग की है, जो कि सभी भारतीय राज्यों में सबसे अधिक है।.
शहर स्थित एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा, "संदेशखाली घटनाक्रम ने निश्चित रूप से राज्य प्रशासन, विशेषकर पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता के बारे में संदेह बढ़ा दिया है।"
(आईएएनएस)
देहरादून,15 फरवरी । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने गुरुवार को राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर बीजेपी प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, कैबिनेट मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में राज्यसभा की एक सीट दो अप्रैल को खाली हो रही है। बीजेपी ने इसके लिए महेंद्र भट्ट को राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है। अभी तक महेंद्र भट्ट बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
भट्ट ब्राह्मण चेहरा हैं। उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने के फैसले को पार्टी द्वारा जातीय समीकरणों में संतुलन साधने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
(आईएएनएस)