राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 16 फरवरी । आईआईटी-दिल्ली के एक 23 वर्षीय छात्र का शव द्रोणागिरी हॉस्टल में छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मृतक की पहचान महाराष्ट्र के नासिक के मूल निवासी और एमटेक अंतिम वर्ष के छात्र वरद संजय नेरकर के रूप में हुई है।
अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को एक छात्र द्वारा फांसी लगाने की सूचना मिली। मौके पर पहुंचने पर नेरकर को बेडशीट के सहारे छत के पंखे से लटका पाया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "चूंकि नेरकर का फोन नहीं मिल रहा था, इसलिए उनके एक दोस्त ने आईआईटी परिसर के सुरक्षा कर्मचारियों के साथ मिलकर दरवाजा तोड़ दिया।"
अधिकारी ने कहा, "सभी पहलुओं से जांच चल रही है।"
(आईएएनएस)
कोलकाता, 15 फरवरी । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों और सीएपीएफ कर्मियों पर 5 जनवरी को उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखाली में हमले के बाद पिछले सप्ताह से क्षेत्र में जारी तनाव के लिए गुरुवार को केंद्रीय एजेंसी को ही जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले के आरोपी मास्टरमाइंड और फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को भी वस्तुतः क्लीन चिट दे दी, जिनके करीबी सहयोगियों पर संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को विधानसभा के पटल पर कहा, “वर्तमान में संदेशखाली में जो कुछ भी हो रहा है उसके लिए ईडी जिम्मेदार है। एजेंसी के अधिकारी शाहजहाँ को निशाना बनाते हुए संदेशखाली में समस्या पैदा करने के इरादे से वहाँ गए।”
बनर्जी ने भी अपनी पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा अपनाई गई लाइन पर कायम रहते हुए कहा कि बाहरी लोग संदेशखाली में परेशानी पैदा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "पहले, ईडी शाहजहां को निशाना बनाकर वहां गई और इलाके में तनाव पैदा किया। फिर अल्पसंख्यक और आदिवासी आबादी के बीच तनाव पैदा करने का जानबूझकर प्रयास किया गया। नकाबपोश लोग संदेशखाली में परेशानी पैदा कर रहे हैं। वहां जारी तनाव के लिए बाहरी लोग जिम्मेदार हैं।”
संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर 5 जनवरी को हमले के बाद से तृणमूल नेतृत्व इस घटना को "सार्वजनिक पीड़ा का सहज विस्फोट" बता रहा है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि संदेशखाली में तनाव के लिए ईडी को जिम्मेदार ठहराकर मुख्यमंत्री ने इस मामले में वस्तुतः अपनी पार्टी के सिद्धांत का समर्थन किया है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली,15 फरवरी । भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान है और इस पर औपचारिक टिप्पणी पूरा जजमेंट पढ़ने के बाद ही दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ का यह फैसला है, पार्टी और संभवतः सरकार की तरफ से इस पर सुविचारित टिप्पणी की जाएगी। इलेक्टोरल बॉन्ड पर बोलते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बहुत ही प्रमाणिक तौर पर चुनाव की फंडिंग में पारदर्शिता लाने और चुनाव में कैश के प्रभाव को कम करने के लिए इसे (इलेक्टोरल बॉन्ड) लाया गया था। यहां तक कि चंदा देने वाले लोग भी गोपनीयता रखना चाहते थे और यह बहुत अस्वाभाविक नहीं है।
उन्होंने कहा कि चुनाव में सुधार के लिए यह मोदी सरकार का एकमात्र प्रयास नहीं था। वोटर लिस्ट में अब फोटो छपती है। बड़ी संख्या में जो ईवीएम लाए गए, उससे बूथ कैप्चरिंग बंद हुई है। चुनाव में सुधार के लिए और भी प्रयास किए गए, यह भी (इलेक्टोरल बॉन्ड) चुनाव को पारदर्शी बनाने का प्रयास था। अब सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया है, हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इस पर क्या बोलना है, यह पूरा जजमेंट पढ़ कर बताएंगे।
विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग लेवल प्लेइंग फील्ड की बात करते हैं उनके बारे में एक ही बात कहनी है कि जिन्हें जनता ने ही फील्ड से बाहर कर दिया है वो लेवल प्लेइंग फील्ड की बात करते हैं। कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि जिनका पूरा संस्कार ही घूस पर है, वह अगर घूस का आरोप लगाते हैं तो बड़ा हास्यास्पद लगता है।
( आईएएनएस)
चेन्नई, 15 फरवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार निरंकुश शासन को चुनौती दे रही है। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के 'बचकाने व्यवहार' से नहीं डरेगी।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए यह बात कही। सीएम ने राज्यपाल पर अपनी राजनीतिक गतिविधियों के विस्तार के लिए विधानसभा का उपयोग करने का आरोप लगाया।
स्टालिन ने कहा कि उनकी 'द्रविड़ मॉडल' सरकार ने अतीत में कई बाधाओं को पार किया है और 'बाधाओं को खत्म करना' जारी रखेगी।
राज्यपाल के लिए तैयार अभिभाषण को पढ़ने से आरएन रवि के इनकार का जिक्र करते हुए स्टालिन ने कहा, ''मैं एक ऐसे आंदोलन के नेता के रूप में अपनी क्षमता से कहना चाहता हूं, जो बाधाओं को नष्ट करने में सक्षम है कि मैं मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन हूं।''
सीएम ने कहा, ''प्रोटोकॉल की मांग है कि राज्यपाल सत्र की शुरुआत में सदन को संबोधित करें। राज्यपाल ने इस तरह का व्यवहार किया, जिससे हमें विश्वास हो गया कि वह विधानसभा का उपयोग अपनी राजनीतिक गतिविधियों के विस्तार के रूप में कर रहे हैं। क्या यह एक सदी पुरानी विधानसभा को बदनाम करने वाला कृत्य नहीं था? क्या यह तमिलनाडु के लोगों को अपमानित करने वाला कृत्य नहीं था? क्या यह उस संविधान का उल्लंघन और अपमान करने जैसा नहीं है, जिसके द्वारा उन्होंने पद की शपथ ली थी?''
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था, जब कहा जाता था कि उत्तर भारत प्रगति कर रहा है और दक्षिण पिछड़ रहा है। उन्होंने बताया कि अब दक्षिण भारत ने विकास हासिल कर लिया है और उत्तर की प्रगति में योगदान दे रहा है।
सीएम ने कहा कि यह विकास द्रविड़ आंदोलन के कारण हासिल हुआ और संभव हो सका। सरकार सिर्फ सत्ता चलाने के लिए नहीं है, यह हमारी विचारधारा को लागू करने का एक उपकरण है।
सीएम ने कहा कि उनकी सरकार के 33 महीने विकास और उपलब्धियों के महीने साबित हुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में तमिलनाडु की हिस्सेदारी नौ प्रतिशत है और यह उनकी सरकार की पहली उपलब्धि है। प्रतिद्वंद्वी इसलिए नाराज हैं क्योंकि तमिलनाडु सरकार ने दमनकारी ताकतों को हटा दिया है और उत्पीड़ितों का उत्थान किया है।
--आईएएनएस
कोलकाता, 15 फरवरी । पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में गुरुवार सुबह से ही कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था है।
सुरक्षा घेरे का एक कारण भाजपा विधायकों का संकटग्रस्त क्षेत्र का प्रस्तावित दौरा है, तो दूसरा कारण उन पांच महिलाओं के खिलाफ कथित पुलिस कार्रवाई है, जिन्होंने फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों के हाथों यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी।
सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें आने के बाद क्षेत्र में नए सिरे से तनाव पैदा हो गया कि राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और मीडिया से यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली पांच महिलाओं को पुलिस ने जबरन उठा लिया।
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, “संदेशखाली की महिलाएं, जिन्होंने मीडिया और राज्यपाल के सामने क्षेत्र में शाहजहां शेख और उनके लोगों के अत्याचार के बारे में शिकायत की थी, उन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस जबरन ले गई है। हमारे पास सभी विवरण हैं और हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें कानूनी सुरक्षा मिले। लेकिन ममता बनर्जी कहां हैं? वह पश्चिम बंगाल पुलिस के पीछे क्यों छिप रही है? और मौकों पर अस्थिर ममता चुप हो गई हैं…।”
उन्होंने अपने पोस्ट के साथ एक वीडियो भी संलग्न किया, जिसमें एक पुलिस अधिकारी को कुछ महिलाओं से बात करते देखा जा सकता है।
सूचना फैलते ही इलाके में फिर से तनाव पैदा हो गया। हालाँकि जिला प्रशासन चुप्पी साधे हुए है और एक भी अधिकारी भाजपा नेता की जानकारी की पुष्टि या खंडन करने के लिए आगे नहीं आया।
इस बीच, तीन अन्य भाजपा विधायकों के साथ कोलकाता से संदेशखाली के लिए रवाना होने से पहले, विपक्ष के नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिलाओं के साथ-साथ स्थानीय परिवार के सदस्यों से भी बात करने की कोशिश करेंगे। जिन भाजपा कार्यकर्ताओं को स्थानीय पुलिस द्वारा बेवजह परेशान किया जा रहा था।
उन्होंने कहा, “हम जो भी करेंगे, कानून के मुताबिक करेंगे। हम संदेशखाली के उन इलाकों में धारा 144 के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं करेंगे जहां यह लागू है। हालाँकि, अगर पुलिस हमें अनावश्यक रूप से रोकती है या परेशान करती है, तो हम मौके पर ही आवश्यक कार्रवाई करेंगे।”
(आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 15 फरवरी । केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को बीजेपी उम्मीदवार केे रूप में ओडिशा से राज्यसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया।
नामांकन दाखिल करने के दौरान राज्य भाजपा प्रमुख मनमोहन सामल, वरिष्ठ नेता पीतांबर आचार्य और अन्य उपस्थित थे।
नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ''ओडिशा की जनता का दोबारा सेवा करने का मौका मुझे दिया गया है। इसके लिए मैं बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं। मैं भगवान जगन्नाथ और राम से प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे राज्य की सेवा करने और ओडिशा को एक विकसित राज्य बनाने के मोदीजी के सपने को पूरा करने की शक्ति प्रदान करें।''
2019 के विपरीत, इस बार विधानसभा में वैष्णव के नामांकन दाखिल करने के दौरान सत्तारूढ़ बीजू जनता दल के नेता अनुपस्थित रहे।
वैष्णव ने न तो बीजद या मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बारे में कुछ कहा और न ही उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया।
भाजपा द्वारा केंद्रीय मंत्री को ओडिशा से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकित करने के बाद बीजद ने बुधवार को वैष्णव की उम्मीदवारी के लिए अपने समर्थन की घोषणा की।
बीजद ने एक प्रेस बयान में स्पष्ट किया कि पार्टी ने राज्य के रेलवे और दूरसंचार विकास के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए वैष्णव का समर्थन किया।
बीजद के दो उम्मीदवार देबाशीष सामंतराय और सुभाशीष खुंटिया पहले ही राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं।
संसद के उच्च सदन की सदस्यता के लिए चुनाव 27 फरवरी को कराए जाएंगे।
(आईएएनएस)
अयोध्या, 15 फरवरी । गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत गुरुवार को अपने कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों के साथ अयोध्या पहुंचे। इस दौरान सभी ने रामलला के दर्शन पूजन किए।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रामलला के दर्शन करने के लिए कैबिनेट के साथ अयोध्या आया हूं। केंद्रीय मंत्री और स्पीकर भी उनके साथ हैं। आज मन बहुत प्रसन्न है। मैं अपने आप को बहुत खुशनसीब समझता हूं कि रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या में हूं।
सावंत ने कहा कि गोवा की तरफ से मैं रामलला का दर्शन कर रहा हूं। हमारे साथ गोवा से ट्रेन से 2,000 श्रद्धालु आए हैं। मुख्यमंत्री देव दर्शन से अयोध्या को भी जोड़ा जायेगा। जिससे हर गोवावासी को अयोध्या के दर्शन हो जाएं।
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने अगर अयोध्या में भूमि दी तो गोवा भवन बनवाएंगे। पीएम मोदी का अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने यह मौका दिया है। अयोध्या का राम मंदिर नहीं, बल्कि यह राष्ट्र का मंदिर है। केंद्रीय मंत्री पज्जे नायक भी आए हैं। वह कारसेवक रह चुके हैं। अयोध्या में उन्होंने दो बार कारसेवा की है।
(आईएएनएस)
चंडीगढ़, 15 फरवरी । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसान यूनियनों के भारत बंद के आह्वान के मद्देनजर शुक्रवार को पंजाब के शुतराना, खनौरी और फतेहगढ़ साहिब में दूरसंचार सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया है।
इससे पहले, पड़ोसी राज्य हरियाणा में, अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के अधिकार क्षेत्र में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क एसएमएस और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं गुरुवार तक निलंबित कर दी गई थीं।
पंजाब-हरियाणा सीमा पर आंदोलनकारियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच चल रहे गतिरोध के बीच तीन केंद्रीय मंत्रियों का एक दल अगले दौर की वार्ता के लिए गुरुवार शाम चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी किसान नेताओं के साथ बैठक करेगा।
दोनों पक्षों के बीच यह तीसरे दौर की बातचीत होगी। इससे पहले 8 और 12 फरवरी को हुई पिछली दो दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी।
पंजाब के किसान पंजाब और हरियाणा की शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और केंद्र पर अपनी मांगें मानने के लिए दबाव बनाने के लिए दिल्ली की ओर मार्च करना चाहते हैं।
किसान नेताओं ने कहा कि बैठक होने तक वे राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का कोई नया प्रयास नहीं करेंगे।
(आईएएनएस)
मुंबई, 15 फरवरी । सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के पांच और विपक्षी कांग्रेस के एक उम्मीदवार सहित कुल छह उम्मीदवारों ने गुरुवार को आगामी राज्यसभा द्विवार्षिक चुनावों के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
अशोक एस. चव्हाण, डॉ. मेधा कुलकर्णी और डॉ. अजीत गोपछड़े (भारतीय जनता पार्टी), प्रफुल्ल एम. पटेल (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-अजीत पवार गुट) और मिलिंद एम. देवड़ा (शिवसेना-शिंदे गुट), सभी सत्तारूढ़ महायुति से हैं।
विपक्षी महाविकास अघाड़ी के एकमात्र कांग्रेस उम्मीदवार और दलित नेता चंद्रकांत डी. हंडोरे ने भी अपना नामांकन पत्र जमा किया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले की घोषणा के साथ, छह सीटों पर चुनाव निर्विरोध होने की संभावना है। हालांकि, राजनीतिक हलकों में आखिरी मिनट में आश्चर्य की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है।
गुरुवार को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख रही और अगर जरूरी हुआ तो 27 फरवरी को मतदान होगा।
गुरुवार को नामांकन दाखिल करने वाले छह लोगों में से दो पूर्व कांग्रेस नेता हैं - पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण, और पूर्व केंद्रीय मंत्री देवड़ा, जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री पटेल (एनसीपी) मौजूदा राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन कुछ निश्चित कारणों से चुनाव लड़ रहे हैं।
एकमात्र महिला उम्मीदवार कुलकर्णी पुणे से पूर्व विधायक हैं और डॉ. गोपछड़े आरएसएस प्रचारक और वर्तमान में राज्य पार्टी उपाध्यक्ष हैं।
हंडोरे राज्य के एक सम्मानित दलित नेता हैं, जो जून 2022 में महाराष्ट्र विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव में भाजपा द्वारा एक अतिरिक्त उम्मीदवार खड़ा करने के बाद क्रॉस वोटिंग के बीच हार गए थे।
उनकी हार के बाद वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे ने एमवीए के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जिसके कारण तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे को सत्ता से बाहर होना पड़ा।
महाराष्ट्र निर्वाचक मंडल में 288 विधायक शामिल हैं, जिनमें से वर्तमान ताकत 284 है और प्रत्येक उम्मीदवार को आगे बढ़ने के लिए 41 'प्रथम वरीयता वोट' की आवश्यकता है।
वर्तमान में, सभी दलों के पास छह उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कोटा है।
(आईएएनएस)
कोलकाता, 15 फरवरी । पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के ताकी में बुधवार को पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प में फंँसने के बाद बीमार भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार अब भी आईसीयू में हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कहा, “सुकांत मजूमदार कोलकाता के एक निजी अस्पताल में सलाइन सपोर्ट के तहत आईसीयू में हैं। उन्हें उल्टी आ रही है। उन्हें पूरी तरह से ठीक होने के लिए कुछ समय आराम करने की जरूरत है।”
इस बीच, मजूमदार के करीबी सूत्रों ने कहा कि हाथापाई के दौरान उनकी छाती, पसलियों और कमर पर चोटें आईं। चोटों की गंभीरता का पता लगाने के लिए सीटी स्कैन कराया गया।
मजूमदार को बुधवार दोपहर को बेहोश होने के बाद प्रारंभिक इलाज के लिए पास के बशीरहाट स्टेट जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में रात में उन्हें वापस कोलकाता लाया गया और एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बुधवार को हाथापाई के बीच फँसकर मजूमदार बेहोश हो गए और वह काफी देर तक उसी स्थिति में रहे।
जब वह ताकी से संदेशखाली जा रहे थे तो एक विशाल पुलिस दल ने उन्हें रोक लिया। दल का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों के साथ मजूमदार की तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई शुरू हो गई और मजूमदार हाथापाई के बीच फंसकर बेहोश हो गए।
(आईएएनएस)
हैदराबाद, 15 फरवरी । पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी, युवा कांग्रेस नेता अनिल कुमार यादव और वद्दीराजू रविचंद्र ने गुरुवार को तेलंगाना से तीन राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन दाखिल किया।
जहां चौधरी और यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया, वहीं रविचंद्र को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने मैदान में उतारा है। उम्मीदवारों ने तेलंगाना विधानसभा में रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया।
नामांकन दाखिल के समय मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी, तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी दीपादास मुंशी, मंत्री रेणुका चौधरी और अनिल यादव के साथ थे।
इससे पहले, रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस उम्मीदवारों को बी-फॉर्म सौंपे। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव और पार्टी के विधायक एवं एमएलसी रविचंद्र के नामांकन दाखिल करने के समय उनके साथ थे।
तेलंगाना से तीन राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को चुनाव होने हैं। बीआरएस से संबंधित जे. संतोष कुमार, बी. लिंगैया यादव और रविचंद्र का कार्यकाल इस साल समाप्त हो रहा है।
119 सदस्यीय विधानसभा में 64 सदस्यों वाली कांग्रेस पार्टी आसानी से दो सीटें जीत सकती है। बीआरएस ने एक बार फिर रविचंद्र को मैदान में उतारा है। तीन उम्मीदवारों में से केवल अनिल यादव ही पहली बार राज्यसभा सदस्य बनेंगे।
रेणुका को इससे पहले 1986 और 1992 में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) द्वारा उच्च सदन के लिए नामांकित किया गया था। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 2012 में संसद के ऊपरी सदन के लिए नामांकित किया था।
वह संयुक्त मोर्चा और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में तीन बार केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं।
(आईएएनएस)
मुंबई, 15 फरवरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार के नेतृत्व वाले धड़े ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना रद्द करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है और किसी राजनीतिक दल को दिए जाने वाले हर चंदे में पारदर्शिता व जवाबदेही होनी चाहिए।
राकांपा-शरदचंद्र पवार के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि गुमनाम दानदाताओं के जरिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की गई थी और इसके लागू होने के बाद से भाजपा एकमात्र पार्टी है जिसे इससे लाभ हुआ है।
क्रैस्टो ने कहा, “चुनावी बॉन्ड योजना को "असंवैधानिक" बताते हुए इसे रद्द करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। राजनीतिक दल को मिलने वाले हर चंदे में पारदर्शिता और जवाबदेही होनी चाहिए।”
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए कहा कि यह संविधान के तहत सूचना के अधिकार और वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दो अलग-अलग लेकिन सर्वसम्मत फैसले सुनाए।
न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना के तहत दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने का निर्देश दिया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 14 फरवरी कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड योजना पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह निर्णय नोट के मुकाबले वोट की ताकत को और मजबूत करेगा तथा उम्मीद की जाती है कि सरकार अब ऐसे ‘शरारतपूर्ण’ विचारों का सहारा लेना बंद करेगी।
पार्टी ने साथ ही यह आरोप भी लगाया कि इस फैसले से इस बात पर मुहर लग गई है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
इस फैसले में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के निर्देश दिए गए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत के दिन कांग्रेस पार्टी ने इसे अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक बताया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में मोदी सरकार की इस संदिग्ध योजना को खत्म करने का वादा किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आज उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं जिसने मोदी सरकार की इस ‘‘काला धन रूपांतरण’ योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है। हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और वित्त मंत्रालय ने भाजपा का खजाना भरने के लिए हर संस्थान - आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस योजना के तहत 95 प्रतिशत चंदा भाजपा को मिला।’’
उनका कहना था, ‘‘हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे शरारतपूर्ण विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और उच्चतम न्यायालय की बात सुनेगी ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहे।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था।
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। भाजपा ने चुनावी बॉण्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है।’’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरकार की बहुप्रचारित चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान दोनों का उल्लंघन माना है। लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोट पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा।’’
उन्होंने किसानों के ‘दिल्ली मार्च’ आंदोलन की पृष्ठभूमि में आरोप लगाया कि मोदी सरकार 'चंदादाताओं' को विशेषाधिकार देते हुए अन्नदाताओं पर हर तरह का अत्याचार कर रही है।
रमेश ने कहा, ‘‘हमें यह भी उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इस बात पर ध्यान देगा कि चुनाव आयोग लगातार वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से भी इनकार कर रहा है। यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी है तो फिर इतनी जिद क्यों?"
उन्होंने आरोप लगाया कि आज उच्चतम न्यायालय ने साबित कर दिया है कि मोदी सरकार ‘सूट-बूट-झूठ-लूट की सरकार’ है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करती है और मांग करती है कि एसबीआई तमाम जानकारी सार्वजनिक पटल पर रखे, जिससे जनता को मालूम पड़े कि किसने कितना पैसा दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह योजना मोदी सरकार 'मनी बिल' के तौर पर लाई थी, ताकि राज्यसभा में इसपर चर्चा न हो, यह सीधा पारित हो जाए। हमें डर है कि कहीं फिर से कोई अध्यादेश जारी न हो जाए और मोदी सरकार उच्चतम न्यायालय के इस फैसले से बच जाए। ’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या इस ‘घोटाले’ की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को लगाया जाएगा?
खेड़ा ने आरोप लगाया, ‘‘चुनावी बॉन्ड योजना भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें सीधे-सीधे प्रधानमंत्री शामिल हैं। देश पर चुनावी बॉन्ड को थोपा गया, जबकि चुनाव आयोग, वित्त मंत्रालय और कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने विरोध किया था। आज प्रधानमंत्री और उनका भ्रष्टाचार बेनकाब हो गया है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने धन विधेयक लाकर इसे कानूनी जामा पहनाया था, ताकि विधायक खरीदे जा सकें, मित्रों को कोयले की खदान, हवाई अड्डे दिए जा सकें।’’ (भाषा)
इंदौर (मध्यप्रदेश), 15 फरवरी लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना के जरिये राजनीतिक दलों के लिए चंदे के इंतजाम के वास्ते "अच्छी पद्धति" पेश की थी क्योंकि सभी पार्टियों को कोष की जरूरत होती है।
चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बारे में पूछे जाने पर महाजन ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘मैंने उच्चतम न्यायालय का पूरा फैसला पढ़ा नहीं है और मुझे पूरा मामला मालूम नहीं है, लेकिन चुनावी बॉन्ड योजना के जरिये राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए एक अच्छी पद्धति पेश की गई थी। इतना ही हो सकता है कि अगर इसमें (चुनावी बॉन्ड योजना) कुछ कमियां हों, तो इन्हें दूर किया जाएगा।’’
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की 80 वर्षीय नेता ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को कोष की जरूरत होती है और चुनावी बॉन्ड योजना पार्टियों के कोष के इंतजाम के लिए लाई गई थी।
उन्होंने कहा,‘‘अगर उच्चतम न्यायालय (चुनावी बॉन्ड योजना के बारे में) कुछ कहता है, तो ऊपर के लोग (सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे व्यक्ति) सोचेंगे।’’
उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड योजना को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है।
इस योजना को सरकार ने दो जनवरी, 2018 को अधिसूचित किया था। दूरगामी परिणाम वाले इस ऐतिहासिक फैसले में शीर्ष अदालत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना के तहत राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले लोगों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के निर्देश भी दिए। (भाषा)
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बेंगलुरु, 15 फरवरी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की है कि स्कूली बच्चों के लिए उसके 2024 के ‘युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम’ की पंजीकरण प्रक्रिया 20 फरवरी से शुरू होगी।
इसरो के इस कार्यक्रम को 'युवा विज्ञान कार्यक्रम' (युविका) कहा जाता है जिसका उद्देश्य युवा छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में बुनियादी ज्ञान और उभरते अवसर प्रदान करना है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'युवा विज्ञान कार्यक्रम (युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम) - 2024 की घोषणा कर दी गई है। इसके लिए (केवल एक जनवरी, 2024 तक के) नौवीं कक्षा के भारतीय विधार्थी आवेदन कर सकते हैं। पंजीकरण 20 फरवरी, 2024 से शुरू होगा।'
दो सप्ताह के इस आवासीय कार्यक्रम के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 20 मार्च है।
इसमें कहा गया है कि इसरो ने युवा छात्रों को आकर्षित करने के लिए इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। कार्यक्रम से छात्रों के विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियंत्रिकी और गणित (एसटीईएम) आधारित अनुसंधान और करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित होने की भी उम्मीद है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 15 फरवरी आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनावी बॉन्ड पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह चुनावी वित्त पोषण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया और कहा कि यह संविधान में प्रदत्त सूचना के अधिकार और बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करती है।
न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को छह वर्ष पुरानी योजना में दान देने वालों के नामों की जानकारी निर्वाचन आयोग को देने के निर्देश भी दिए।
दिल्ली की कैबिनेट मंत्री आतिशी ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह चुनावी वित्त पोषण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। अन्यथा चुनावी बॉन्ड के जरिए यह पता नहीं चल पाता था कि कौन-सा व्यक्ति किस पार्टी को कितना पैसा दे रहा है। देश के लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है कि यह मालूम हो कि कौन-सा व्यक्ति किस राजनीतिक दल को कितना पैसा दे रहा है।’’
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि एसबीआई यह भी जानकारी दे कि किस तारीख को यह बॉन्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी। साथ ही पूरा विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग को एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी चाहिए।
आतिशी ने कहा, ‘‘देश के नागरिकों के लिए केंद्र या राज्यों में शासन कर रहे राजनीतिक दलों के धन के स्रोत को जानना महत्वपूर्ण है। उनके लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्या सरकार के फैसले मतदाताओं की पसंद से प्रेरित होते हैं या उन लोगों की पसंद से जो उन्हें वित्त पोषण दे रहे हैं। यह देश के लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।’’ (भाषा)
भोपाल, 15 फरवरी केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन सहित सभी चार भाजपा उम्मीदवारों और एक कांग्रेस उम्मीदवार ने इस महीने के अंत में होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को मध्यप्रदेश से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
मुरुगन, भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर, मप्र भाजपा महिला इकाई की प्रमुख माया नारोलिया और उज्जैन स्थित वाल्मिकी धाम आश्रम के प्रमुख उमेश नाथ महाराज ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के रूप में यहां राज्य विधानसभा परिसर में रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और कैलाश विजयवर्गीय और प्रह्लाद पटेल सहित अन्य मंत्री उपस्थित थे।
इससे पहले, यादव ने 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए राज्य की राजधानी भोपाल पहुंचने पर उमेश नाथ महाराज और मुरुगन का स्वागत किया।
चुनाव आयोग ने 29 जनवरी को मप्र की पांच सीट समेत 15 राज्यों की 56 सीट पर राज्यसभा चुनाव की तारीख जारी की थी।
नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए भाजपा उम्मीदवारों के साथ विधानसभा परिसर जाने से पहले यादव ने भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, "वाल्मीकि धाम के प्रमुख सामाजिक सद्भाव के लिए काम कर रहे हैं और पार्टी ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में उतारकर एक बड़ा संदेश दिया है।"
उन्होंने इस अवसर पर मुरुगन, नारोलिया और गुर्जर को भी बधाई दी और उनके संबंधित क्षेत्रों में उनके योगदान को याद किया।
उन्होंने कहा कि उनकी उपस्थिति से न केवल राज्यसभा बल्कि राज्य को भी फायदा होगा। मोहन यादव ने उन्हें नामांकित करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को धन्यवाद दिया।
कांग्रेस उम्मीदवार अशोक सिंह, जो राज्य पार्टी इकाई के कोषाध्यक्ष हैं, ने भी रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। (भाषा)
देहरादून, 15 फरवरी । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने मंत्रिमंडल के साथ जल्द ही अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके पहले 2 फरवरी को अयोध्या जाने का कार्यक्रम तय किया गया था, लेकिन, भारी भीड़ के कारण कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था।
इसके साथ ही सीएम धामी ने कहा है कि बद्रीनाथ के कपाट खोले जाने की तारीख का ऐलान हो चुका है। ऐसे में चारों धामों में व्यवस्थाओं को लेकर इस बार सरकार कई पहलुओं पर काम कर रही है। चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं को पर्याप्त सुविधाएं दी जाएंगी।
(आईएएनएस)
पटना, 15 फरवरी । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार सचिवालय सेवा अंतर्गत सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों, सहायक प्राध्यापकों एवं व्याख्याताओं के बीच नियुक्ति पत्र वितरण किया।
नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान 1,333 सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों तथा विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग अंतर्गत 228 सहायक प्राध्यापकों एवं 572 व्याख्याताओं सहित कुल 2,133 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रूप से सहायक प्रशाखा पदाधिकारी मनीष कुमार, दीपिका कुमारी, जितेंद्र कुमार मंडल, सरिता कुमारी, सुशील कुमार, रुपा कुमारी, नीलम कुमारी तथा व्याख्याता पियूष कुमार पाठक, शिप्रा भदानी एवं सहायक प्राध्यापक सारिका कुशवाहा को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
इस कार्यक्रम में 50 अभ्यर्थियों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री के अलावा उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
(आईएएनएस)
गुरुग्राम, 15 फरवरी । गुरुग्राम में बादशाहपुर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत वन क्षेत्र से एक 16 वर्षीय लड़की का शव बरामद किया गया।
स्थानीय लोगों ने शव की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद बादशाहपुर पुलिस थाने के इंस्पेक्टर सतीश देशवाल के नेतृत्व में एक पुलिस टीम मौके पर पहुंची, जिसने लड़की का शव बरामद किया।
पुलिस ने बताया कि मृत नाबालिग लड़की की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
सतीश देशवाल ने कहा, "पीड़िता पिछले कुछ महीनों से बीमार थी। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा था कि उसकी मौत स्वाभाविक थी क्योंकि हमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। मौत का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।"
शव को पोस्टमार्टम के लिए शवगृह में रखवा दिया गया है। पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत जांच की है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 फरवरी । राजनीतिक दलों को चंदा कैसे मिलेगा, इसको लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड योजना शुरू की गई थी। उस चुनावी बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत की तरफ से यह फैसला सुनाया गया।
अब कांग्रेस इसको लेकर दावा कर रही है कि वह पहले से ही इस योजना का विरोध कर रही थी और अब वह सच साबित हुआ है। अब सरकार के द्वारा जारी इस चुनावी बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द करने के फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है।
कांग्रेस ने दावा किया कि 2017 में चुनावी बॉन्ड को लाए जाने का सबसे पहले विरोध किया गया था। संसद के भीतर और बाहर भी कांग्रेस पार्टी इस योजना का विरोध करती रही। कांग्रेस की तरफ से पार्टी के 2019 के घोषणापत्र का जिक्र किया गया और लिखा गया कि इस योजना को खत्म करने का तब ही हम इरादा रखते थे। कांग्रेस की तरफ से दावा किया गया है कि यह योजना कुछ और नहीं बल्कि भाजपा के द्वारा खजाना भरने के लिए एक योजना थी।
कांग्रेस ने इसके साथ ही भाजपा से सवाल किया है कि क्या वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करेंगे या फिर फैसले के खिलाफ कोई अध्यादेश लाएंगे? सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपना बयान जारी करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित कर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना कुछ और नहीं, बल्कि भाजपा द्वारा अपना खज़ाऩा भरने के लिए बनाई गई एक 'काला-धन-सफ़ेद-करो योजऩा' थी।
पवन खेड़ा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज उन्हीं भावनाओं को दोहराया जो मैंने और मेरे सहयोगियों ने, ऑन रिकॉर्ड बार-बार व्यक्त की हैं। पहला यह योजना असंवैधानिक है, ऐसा उपाय जो मतदाताओं से यह छुपाता है कि राजनीतिक दलों को कैसे मालामाल बनाता है, लोकतंत्र में उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इस प्रकार, यह सीधे तौर पर संविधान के अनुच्छेद 19(1) (ए) का उल्लंघन करता है।
दूसरा, सरकार का यह दावा कि उसने काले धन पर अंकुश लगाया, बिल्कुल बेबुनियाद व निराधार था। दरअसल, आरटीआई के प्रावधानों के बिना इस योजना को लागू करके वह कालेधन को सफेद करने को बढ़ावा दे रही थी। तीसरा, वित्तीय व्यवस्था राजनीतिक दलों के बीच पारस्परिक आदान-प्रदान का कारण बन सकती हैं।
उन्होंने मोदी सरकार और तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली का जिक्र करते हुए कहा कि आरबीआई, चुनाव आयोग, भारत की संसद, विपक्ष और भारत के लोगों के विरोध को कुचलते हुए चुनावी बॉन्ड पेश करने के असंवैधानिक फैसले का बार-बार बचाव किया गया।
बता दें कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की केंद्र सरकार की तरफ से 2017 में घोषणा की गई थी। जिसे सरकार ने 29 जनवरी 2018 को लागू कर दिया था। यह इलेक्टोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय जरिया है। जिसके जरिए कोई भी आदमी अपने पसंदीदा राजनीतिक दल को गुमनाम तरीके से चंदा दे सकता है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 फरवरी । दसवें पद्मश्री श्याम लाल मेमोरियल आमंत्रण हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन 19 से 26 फरवरी, 2024 तक पुरुष और महिला वर्ग में किया जाएगा।
मेजबान श्याम लाल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर रबि नारायण कर के अनुसार मुख्य अतिथि दिल्ली यूनिवर्सिटी के डीन, कॉलेजेज, प्रोफेसर बलराम पाणि टूर्नामेंट का उद्घाटन सोमवार को सुबह 10.30 बजे श्याम लाल कॉलेज के मैदान पर करेंगे। इस अवसर पर कॉलेज की चेयरपर्सन डॉ सविता गुप्ता भी मौजूद रहेंगी।
प्रोफेसर बलराम पाणि जाने माने शिक्षाविद होने के साथ खेल प्रेमी भी हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के दौरान छात्र छात्राओं का उत्साह बढ़ाने के लिए उपस्थित रहते हैं।
श्याम लाल कॉलेज खेलों को बढ़ावा देने में हमेशा आगे रहता है और इसमें कॉलेज की चेयरपर्सन डॉ सविता गुप्ता और प्रधानाचार्य प्रोफेसर रबि नारायण कर का मार्गदर्शन शिक्षकों और विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाने का काम करता है।
खेल समिति के संयोजक वी एस जग्गी ने बताया कि पुरुष वर्ग में आठ टीमें लीग और नॉकआउट आधार पर तथा महिला वर्ग में पांच टीमें राउंड रॉबिन लीग आधार पर खेलेंगी। शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच फाइनल खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में मेजबान श्याम लाल कॉलेज की टीम मजबूत दावेदार होगी। उसने हाल ही में दिल्ली ओलंपिक गेम्स 2024 में पुरुष वर्ग का हॉकी खिताब जीता है।अंतर कॉलेज हॉकी प्रतियोगिता में भी उसका दबदबा रहता है।
टीमें : पुरुष वर्ग: श्याम लाल कॉलेज, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, किरोड़ी मल कॉलेज, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, श्याम लाल कॉलेज (सांध्य), हंसराज कॉलेज, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, श्याम लाल कॉलेज (एलुमनस)।
महिला वर्ग: इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, भारती कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी एलुमना, विवेकानंद कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 15 फरवरी । दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के एक 'रैन बसेरा' में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है। एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि उसके शरीर पर चोट के निशान हैं।
अधिकारी ने कहा कि बुधवार को एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी जिसमें रिंग रोड सराय काले खां में दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित 'रैन बसेरा' के कार्यवाहक ने पुलिस को बताया कि पिछले दो माह से वहां रह रहा अज्ञात व्यक्ति जाग नहीं रहा था।
मौके पर पहुंचने पर पीड़ित को मृत पाया गया।
केयरटेकर ने यह भी कहा कि पांच दिन पहले उस व्यक्ति का एक्सीडेंट हो गया था, लेकिन उसने पुलिस को रिपोर्ट नहीं की क्योंकि उसे बिना किसी को बताए उपचार मिल गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "सनलाइट कॉलोनी थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 279 और 304ए के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू की गई है।"
अधिकारी ने कहा, "मृतक आवारा था और उसके परिवार के सदस्यों का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।"
(आईएएनएस)
गोरखपुर, 15 फरवरी । यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों के लिए 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए प्रशासनिक भवन के शिलान्यास तथा मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट के लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस इंसेफेलाइटिस से हर साल 1,200 से 1,500 मौतें होती थी, आज उसे पूरी तरह कंट्रोल करते हुए हम लोग मासूम बच्चों को बचाने में सफल हुए हैं। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के सफलतम मॉडल का केंद्र बिंदु बीआरडी मेडिकल कॉलेज बना क्योंकि सबसे ज्यादा बोझ इसी पर रहता था। हमने इंसेफेलाइटिस का चरम भी देखा है और आज उसे समाप्त होते भी देख रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि 1977-78 से लेकर 2017 तक इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने के बारे में सरकारें सोचती तक नहीं थी। 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर मैंने इसके उन्मूलन के बारे में मॉडल तैयार करने पर विचार किया। इसी सिलसिले में कुशीनगर मुसहरों के बीच जाकर स्वच्छता अभियान चलाया। उन्हें स्वच्छता के तरीके समझाए, साबुन के प्रयोग की जानकारी दी। मीडिया में हंसी उड़ाई गई कि एक मुख्यमंत्री गरीबों को साबुन बांट रहा है। जब कोरोना आया तो ट्रायल करने वाले मीडिया के साथियों को भी साबुन और स्वच्छता की बात समझ में आई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता पर ध्यान कई बीमारियों का समाधान है। इसे इंसेफेलाइटिस समाप्त करने की दिशा में मिशन मोड में बढ़ाया गया तो परिणाम सामने आया।
सीएम योगी ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अपना गौरवशाली इतिहास है। इस मेडिकल कॉलेज ने अनेक उतार-चढ़ाव भी देखे हैं। वह भी दौर देखा है, जब यह पूर्वी यूपी के स्वास्थ्य का एकमात्र केंद्र हुआ करता था और वह भी संसाधनों के अभाव से जूझता था। न डॉक्टर थे, न पैरामेडिक्स थे, न नर्सिंग स्टाफ था और न अन्य कार्यों के लिए जरूरी मैनपावर।
2017 के बाद यहां आए बदलाव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यहां बाल रोग संस्थान प्रारंभ हो चुका है। पीडिया वार्ड सुसज्जित और इंफ्रास्ट्रक्चर से संपन्न हो गया है। इसी परिसर में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर भी क्रियाशील हो चुका है।
(आईएएनएस)
नोएडा, 15 फरवरी । नोएडा के सेक्टर-100 स्थित लोट्स बुलेवर्ड सोसाइटी में एक व्यक्ति ने 19वें फ्लोर से कूदकर खुदकुशी कर ली। गंभीर हालत में उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन की ओर से पुलिस को जानकारी दी गई।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने मृतक का मोबाइल जब्त कर लिया है।
दरअसल, नोएडा के सेक्टर-100 में बने लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी में अमित गंडोत्रा (39) परिवार के साथ रहता था। वो फ्लैट नंबर-302, थर्ड फ्लोर, टावर नंबर-21 में रहता था। लोगों ने बताया कि करीब 9 बजे वो अपने फ्लैट से निकला और लिफ्ट से 19वें फ्लोर पर गया। वहां से उसने छलांग लगा दी।
अमित फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के पद पर काम करता था। इसके पहले वो कई मीडिया हाउस में बड़े पद पर अपनी सेवा दे चुका था। अमित शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है।
बताया गया कि हाल ही में उसने ये कंपनी ज्वाइन की थी। जमीन पर गिरने की आवाज आने पर मौके पर लोग एकत्रित हो गए। गार्ड ने परिजनों की सूचना दी। इसके बाद उसे घायल अवस्था में जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अमित ने यह कदम क्यों उठाया और इस तरीके से सुसाइड क्यों किया पुलिस इस मामले का पता लगाने में जुटी है।
(आईएएनएस)