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रायपुर, 29 अगस्त। बीते तीन दिनों से यही आलम है।सुधीर मुखर्जी वार्ड के गेट से सुंदर नगर गेट तक सभी लाइट बन्द हैं। चोरी और दुर्घटना के लिए अनुकूल वातावरण है। निगम प्रशासन ने इन तीन दिनों में देश भर से आए 52 महापौरों को राजधानी का एक हिस्सा दिखाया।वह भी दिन दहाड़े, सबने की तारीफ। लेकिन दूसरे हिस्से का यह स्याह पक्ष नहीं दिखाया।
बिहार में सत्तारूढ़ ‘महागठबंधन’ के नेताओं ने जांच एजेंसी सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने की मांग की है. महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केंद्र सरकार राजनीति उद्देश्यों के लिए जांच एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है.
दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैबलिशमेंट (डीएसपीई) एक्ट. 1946 की धारा 6 के तहत किसी भी राज्य में जांच के लिए सीबीआई को संबंधित राज्य सरकार से सहमति लेनी पड़ती है.
बिहार सरकार में ये चर्चा ऐसे समय छिड़ी है जब बीते सप्ताह ही सांसद, एमएलसी सहित आरजेडी के चार बड़े नेताओं पर एक पुराने कथित घोटाले के संबंध में सीबीआई ने छापेमारी की थी.
पहचान ज़ाहिर नहीं करने की शर्त पर आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि बिहार सरकार ने सीबीआई को दी गई सहमति को वापस लेने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने पीटीआई से कहा कि भाजपा के राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए जिस तरह केंद्रीय एजेंसियों का 'दुरुपयोग' किया जा रहा है, ऐसे में बिहार में महागठबंधन सरकार को सीबीआई को दी गई सहमति वापस ले लेनी चाहिए.
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा है कि सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने का यह सही समय है.
बिहार सरकार में मंत्री और जद(यू) नेता मदन सहनी ने कहा, "जिस तरह से सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी नेताओं की छवि खराब करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है, उसे बिहार के लोग देख रहे हैं और वे उचित समय पर करारा जवाब देंगे."
इससे पहले पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और मेघालय सहित नौ राज्य सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के नोएडा में अवैध रूप से बनाए गए सुपरटेक के ट्विन टावरों को रविवार दोपहर गिरा दिया गया.
सेक्टर 93ए में बनी इस इमारत को ढहाए जाने के बाद अब यहाँ पड़ा हज़ारों टन मलबे को हटाया जाएगा. माना जा रहा है कि दो टावरों को ध्वस्त करने के बाद करीब 80 हज़ार टन मलबा जमा हो गया है.
इस बीच देर रात तक आसपास की सोसायटी में रहने वाले करीब 100 परिवार अपने घरों में लौट आए. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार एमेराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी से 5000 लोगों को इमारत ढहाने से पहले सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया गया था.
इमारत बनाने में नियमों के गंभीर उल्लंघन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इन टावरों को तोड़ने का आदेश दिया था. रविवार को 3700 किलोग्राम विस्फ़ोटक के ज़रिए ये इमारत महज़ 12 सेकेंड में ढहा दी गईं.
इमारतों के 500 मीटर के दायरे में किसी को भी जाने की इजाज़त नहीं थी. इमारत ढहाए जाने के वक्त केवल सात लोग ही इसके 100 मीटर के दायरे में थे. (bbc.com/hindi)
पिच पर 'कूल कूल स्टाइल' भारतीय फैन्स के लिए कोई अनजाना अंदाज़ नहीं है.
फर्क है तो बस इतना कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ रविवार के एशिया कप मुक़ाबले में 'मिस्टर कूल' का ताज पहनने वाले खिलाड़ी थे हार्दिक पांड्या.
रोमांचक मुक़ाबले में दो गेंद बाकी रहते टीम इंडिया के सिर पर 'जीत का सेहरा' सजाने वाले हार्दिक पांड्या इस मैच में हिस्सा ले रहे बाकी 21 खिलाड़ियों से बहुत अलग और कई गुना बेहतर नज़र आए.
बल्ले और गेंद दोनों से कमाल करने वाले हार्दिक पांड्या ने मुश्किल हालात के बीच जो धैर्य, चतुराई और ख़ुद पर भरोसा दिखाया, उसके जरिए उन्होंने आम फैन्स से लेकर दिग्गजों तक का दिल जीत लिया. इनमें पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म शामिल हैं. पांड्या ने जिस अंदाज़ में टीम को मंज़िल तक पहुंचाया, बाबर ने उसकी खुलकर तारीफ की.
बल्लेबाज़ों को एक एक रन के लिए तरसाने वाली पिच पर हार्दिक पांड्या ने रन रेट का मीटर ऊपर चढ़ते जाने दिया और टॉप गियर तब लिया जब 18 गेंद में 32 रन बनाने थे.
आखिरी ओवर में जब चार गेंद में छह रन बनाने थे, तब तीसरी गेंद पर एक रन लेने को बेताब दिनेश कार्तिक को आंख के जिस इशारे से उन्होंने रोका, वो फैन्स को भा गया.
उस वक़्त हार्दिक पांड्या के इस फ़ैसले से हो सकता है कई धड़कने तेज़ हो गई हों लेकिन वो जानते थे कि क्या कर रहे हैं.
मैच के बाद हार्दिक पांड्या ने कहा, "मुझे लगा कि गेंदबाज़ मुझसे कहीं ज़्यादा दबाव में है. आखिरी ओवर में मुझे बस एक छक्के की ज़रूरत थी. "
और 20वें ओवर की चौथी गेंद पर उनके बल्ले से निकले छक्के ने मैच का नतीजा तय कर दिया.
जीत का था भरोसा
और इस शॉट के बाद दूसरे छोर पर खड़े दिनेश कार्तिक ने पहले सिर झुकाकर हार्दिक पांड्या को सलाम किया और उसके बाद उन्हें गले लगाया.
हार्दिक पांड्या ने रन तो सिर्फ़ 33 बनाए लेकिन ये उस वक़्त उनके बल्ले से निकले जब पाकिस्तान को दुबई में जीत की उम्मीद दिखने लगी थी.
लेकिन बकौल हार्दिक पांड्या उन्हें भरोसा था कि मैच का नतीजा भारत के ही हक़ में रहेगा.
वो कहते हैं, "मुझे पता था कि (मोहम्मद) नवाज़ को गेंद डालनी है. हमें सात रन की ही ज़रूरत थी. अगर हमें 15 रन की भी ज़रूरत होती तो भी मैं मौका बनाता. "
ये बयान एक अलग किस्म के भरोसे को ज़ाहिर करता है. मोहम्मद नवाज़ रविवार के मैच में पाकिस्तान के सबसे कामयाब गेंदबाज़ साबित हुए. उन्होंने भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा के विकेट हासिल किए.
लेकिन, हार्दिक पांड्या पाकिस्तान पर 'निर्णायक प्रहार' के लिए नवाज़ का ही इंतज़ार कर रहे थे.
दिग्गजों ने की तारीफ
शायद यही वो भरोसा था जिसके लिए क्रिकेट के तमाम जानकार हार्दिक पांड्या की तारीफ में जुटे हैं.
भारतीय टीम के पूर्व स्पिनर अमित मिश्रा के मुताबिक रविवार के रोमांचक मुक़ाबले में हार्दिक पांड्या 'दोनों टीमों के बीच का अंतर' थे.
17 गेंदों की पारी में हार्दिक ने चार चौके और एक छक्का लगाया. इनमें से तीन चौके और एक छक्का आखिरी दो ओवर में बल्ले से निकले.
हार्दिक ने कमाल गेंद से भी किया. उन्होंने सिर्फ़ 25 रन देकर तीन विकेट हासिल किए.
उनके शानदार ऑलराउंड खेल की पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने अलग अंदाज़ में तारीफ की.
सहवाग ने ट्विटर पर लिखा, "शानदार हार्दिक पांड्या. सबकुछ मैं करेगा."
अपने दौर में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उम्दा प्रदर्शन के लिए याद किए जाने वाले पूर्व क्रिकेटर और पूर्व कोच वेंकटेश प्रसाद ने भी हार्दिक पांड्या की जमकर तारीफ की और उनके प्रदर्शन को 'स्पेशल' बताया.
पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर भी हार्दिक पांड्या की पारी की तारीफ की.
जीत के बाद कप्तान रोहित शर्मा भी हार्दिक पांड्या पर निसार दिखे.
हार्दिक पांड्या भी जीत के इस पल का मज़ा लेना चाहते हैं लेकिन कहीं न कहीं वो ये भी जानते हैं कि अभी तो सिर्फ़ शुरुआत है, टूर्नामेंट में आगे कई मैच बाकी हैं. (bbc.com/hindi)
रायपुर, 29 अगस्त। जयस्तंभ चौक पर बीती रात भारत की पाकिस्तान पर पांच विकेट से शानदार जीत का जश्न मनाया। शहर के कई इलाकों से लोग पहुंचे थे। तिरंगा लहराते जयकारे लगाए गए।यह सिलसिला करीब एक घंटे से अधिक चला।
बिलासपुर, 29 अगस्त। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के मरवाही में तीन भाई-बहनों की एक डबरी में डूबने से मौत हो गई।
घटना बहुटाडोल ग्राम की है। गांव के भीतर एक डबरी बना हुआ है जिसमें इस समय बारिश के कारण पानी भरा हुआ है। यहीं पर नहाने के दौरान चांदनी (16 साल), सुधार (11 साल) और भगवती (8) साल डूब गए। घटना की जानकारी तब हुई जब उनके पिता तुलसी सिंह और मां खेत से लौटने के बाद उनकी तलाश कर रहे थे। गांव वालों की मदद से पानी में तैर रहे तीनों शव निकाले गए। मरवाही के सरकारी अस्पताल से पहुंचे डॉक्टर ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। डबरी को उसके पास रहने वाले धर्मदास ने बनवाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 अगस्त। राज्य सरकार ने रविवार रात 11 आईएएस के प्रभार बदले हैं। आदेश देखें...
दुबई, 28 अगस्त | दुबई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को खेले जा रहे एशिया कप 2022 के दूसरे मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत को 148 रनों का लक्ष्य दिया। पाकिस्तान टीम 19.5 ओवर में 147 रनों पर सिमट गई। टीम की ओर से मोहम्मद रिजवान (43) और इफ्तिखार अहमद (28) ने सबसे ज्यादा रन बनाए। भारत की ओर से भुवनेश्वर कुमार ने चार विकेट झटके। वहीं, हार्दिक पांड्या ने तीन विकेट चटकाए, जबकि अर्शदीप सिंह ने दो और आवेश खान ने एक विकेट अपने नाम किया।
इससे पहले, टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पाकिस्तान की शुरुआत अच्छी नहीं रही, क्योंकि कप्तान बाबर आजम (10) तीसरे ओवर में भुवनेश्वर की गेंद पर शॉट लगाने के चक्कर में चलते बने। वहीं, दूसरे छोर पर सलामी बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने कुछ शानदार शॉट लगाए। लेकिन पावरप्ले से पहले फखर जमान (10) को आवेश ने दिनेश कार्तिक के हाथों कैच आउट कराया, जिससे पाकिस्तान ने छह ओवर में दो विकेट खोकर 42 रन बनाए।
इसके बाद, रिजवान और इफ्तिखार अहमद ने कुछ चौकों के माध्यम से 10 ओवर में टीम को 68 रनों पर पहुंचा दिया। 12.1 ओवर में पांड्या ने भारत को तीसरी सफलता दिलाई, जब इफ्तिखार (28) को शॉट पिच गेंद पर आउट कर पवेलियन भेज दिया। इसके साथ ही, उनके और रिजवान के बीच 38 गेंदों में 45 रनों की साझेदारी का भी अंत हो गया। पाकिस्तान ने 87 रनों पर अपना तीसरा विकेट गंवा दिया।
इस बीच, पांड्या ने रिजवान (चार चौके और एक छक्के की मदद से 42 गेंदों में 43 रन) और खुशदिल (2) को बैक टू बैक आउट कर अपना तीसरा विकेट हासिल किया, जिससे 15 ओवर में पाकिस्तान ने पांच विकेट खोकर 103 रन बनाए।
इसके बाद भी पाकिस्तान खिलाड़ियों का जाना लगा रहा, क्योंकि 16.3 ओवर में भुवनेश्वर ने आसिफ अली (9) को पवेलियन भेजा, तो अगले ओवर में अर्शदीप ने मोहम्मद नवाज (1) को आउट कर पाकिस्तान को 114 रनों पर सातवां झटका दिया। 19वां ओवर फेंकने आए भुवनेश्वर ने शादाब खान (10) और नसीम शाह (0) को आउट कर 12 रन दिए।
आखिरी ओवर में अर्शदीप ने 11 रन देकर शाहनवाज दहानी (दो छक्कों की मदद से 6 गेंदों में 16 रन) को बोल्ड कर पाकिस्तान को 19.5 ओवर में 147 रनों पर ढेर कर दिया। हारिस राउफ 13 रन बनाकर नाबाद रहे। अब भारत को एशिया कप में शानदार शुरुआत करने के लिए 148 रन बनाने होंगे। (आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 अगस्त। राज्य में आज रात 09.00 बजे तक 48 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें सबसे अधिक 18 जीपीएम जिले से हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इन आंकड़ों के मुताबिक आज रात तक किसी भी जिले में 20 से अधिक कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। आज 17 जिलों में एक भी पॉजिटिव नहीं मिले हैं।
आज कोई मौत नहीं हुई है।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दुर्ग 3, राजनांदगांव 3, बालोद 4 बेमेतरा 0, कबीरधाम 0, रायपुर 7, धमतरी 0, बलौदाबाजार 0, महासमुंद 1, गरियाबंद 0, बिलासपुर 3, रायगढ़ 1, कोरबा 2, जांजगीर-चांपा 0, मुंगेली 0, जीपीएम 18, सरगुजा 5, कोरिया 0, सूरजपुर 1, बलरामपुर 0, जशपुर 0, बस्तर 0, कोंडागांव 0, दंतेवाड़ा 0, सुकमा 0, कांकेर 0, नारायणपुर 0, बीजापुर 0, अन्य राज्य 0 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
कांग्रेस पार्टी ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए कार्यक्रम तय करने के लिए रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई, जिसमें तारीखों को लेकर घोषणा की गई.
पार्टी के मुताबिक, चुनाव की अधिसूचना 22 सितंबर को जारी होगी और नामांकन दाखिल करने की तारीख 24 सितंबर से 30 सितंबर के बीच होगी.
उम्मीदवार 8 अक्टूबर तक अपना नाम वापस ले सकते हैं.
कांग्रेस कार्य समिति की वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की. सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के साथ मेडिकल चेकअप के लिए देश से बाहर हैं.
राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी हुई हैं. (bbc.com/hindi)
रायपुर, 28 अगस्त। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमदहा जलप्रपात में हुए हादसे पर गहरा दुःख व्यक्त किया है साथ ही मुख्यमंत्री ने कोरिया कलेक्टर को रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं ।
आपको बता दें कि रमदहा जलप्रपात के बाहर बोर्ड में स्पष्ट चेतावनी लिखी है कि यहां नहाना सख्त मना है । इसके बाद भी परिवार वहां नहाने गया था । इन लोगों के द्वारा चेतावनी बोर्ड का पालन नहीं किया गया था।
उल्लेखनीय है कि आज रमदहा जलप्रपात में बैकुंठपुर मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर में एक दुखद हादसा हुआ है, जिसमें मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के 7 लोग पानी में डूब गए, जिसमें से 2 को बाहर निकाल लिया गया है, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है, जिसमें से एक की मृत्यु हो गयी है। दूसरे की हालत अभी सही है। शेष 5 लोगों की तलाश जारी है।
सभी मध्यप्रदेश के निवासी हैं। पुलिस प्रशासन की टीम लगातार सर्चिंग कर रही है। इन लोगों के परिवार से भी सम्पर्क कर लिया है।
नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित विवादास्पद ट्विन टावर को आज दोपहर 2.30 बजे गिरा दिया गया. पलक झपकते ही 30 और 32 मंजिली टावर धूल और मलबे में तब्दील हो गए.
ट्विन टावर गिराने जाने के बाद सुपरटेक ने बयान जारी कर करीब 500 करोड़ के नुकसान की बात कही है.
कब क्या क्या हुआ-
2004: सुपरटेक को नोएडा के सेक्टर 93ए में नोएडा अथॉरिटी ने एक आवास परियोजना के विकास के लिए भूमि आवंटित की थी, जिसके बाद 'एमराल्ड कोर्ट' सोसायटी पर काम शुरू हुआ.
2005: में एमराल्ड कोर्ट के हाउसिंग प्रोजेक्ट को नोएडा अथॉरिटी ने मंजूरी दी. इसमें सुपरटेक को दस मंजिला 14 आवासीय टावर बनाने की अनुमति दी गई थी.
2006: सुपरटेक ने प्रोजेक्ट के लिए और जमीन की मांग की और नोएडा अथॉरिटी से अप्रूवल ले लिया. एक और आवासीय टावर को जोड़ने के लिए प्लान में संशोधन किया गया. संशोधन के बाद अब कुल 15 आवासीय टावर थे, जिसमें एस्टर 1 से 8, एस्पायर 1 से 4 और एम्परर 1 से 3 शामिल थे.
2009: सुपरटेक ने एक बार फिर से सोसाइटी बनाने की योजना को संशोधित किया. इस बार दो और 24 मंजिला टावर एपेक्स और सेयेन जोड़े गए और तुरंत निर्माण शुरू कर दिया. सोसाइटी में रहने वाले कुछ लोगों ने बिल्डिंग को बनाने के मानदंडों के उल्लंघन का हवाला देते हुए इसका विरोध किया. उस समय एमराल्ड कोर्ट में करीब 40 से 50 लोग ही रह रहे थे.
2012: बिल्डर ने एपेक्स और सेयेन टावर में मंजिलों की संख्या को 24 से बढ़ाकर 40 करने के लिए संशोधित किया. इस समय निर्माण जोरो पर था.
दिसंबर 2012: एमराल्ड कोर्ट रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया. परिसर में रहने वालों लोगों ने कोर्ट में लोगों की सहमति, इमारतों के बीच कम से कम 16 मीटर की दूरी और ग्रीन क्षेत्र में बनाए जा रहे टावर जैसे नियमों के उल्लंघन का हवाला दिया.
2014: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ट्विन टावरों को गिराने का आदेश दिया. डेवलपर के साथ मिलीभगत के लिए नोएडा प्राधिकरण की खिंचाई भी की. इस आदेश के बाद सोसाइटी में निर्माण को रोक दिया गया.
मई 2014: सुपरटेक ने राहत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कहा कि हर तरह से मंजूरी ली गई है.
31 अगस्त, 2021: सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावरों को बनाने में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत को पाया और तीन महीने के अंदर ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया.
फरवरी 2022: नोएडा अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ट्विन टावर को 22 मई को गिराया जाएगा.
17 मई, 2022: सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर को गिराने की समय सीमा 28 अगस्त तक बढ़ा दी.
28 अगस्त, 2022: दोपहर 2.30 बजे ट्विन टावरों को गिरा दिया गया. (bbc.com/hindi)
रविवार को कुछ ही सेकेंड में नोएडा की चर्चित दो बहुमंजिला इमारतें धराशायी हो गईं. दोपहर के ठीक ढाई बजे इन ट्विन टॉवर को विस्फोटकों से उड़ा दिया गया और इन बहुमंजिला इमारतों को जगह था मलबा और धुआं.
एपेक्स और सेयेन नामक टावर को सुपरटेक बिल्डर ने बनाया था. बाद में पाया गया कि इन्हें बनाने में नियमों का उल्लंघन किया गया. ये देश में गिराई जाने वाली सबसे बड़ी बहुमंजिला इमारतें होंगी.
30 मंजिल वाली इमारतों को 'ट्विन टावर' कहा जाता था. इनकी ऊंचाई 320 फ़ीट से ज़्यादा है, और ये नोएडा के घनी आबादी वाले इलाके में स्थित हैं. इन्हें गिराने के लिए क़रीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया.
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने के बाद पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, फुटपाथ, सेंट्रल वर्ज और पेड़ पौधों की धुलाई के लिए वाटर टैंकर्स, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन और सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई थी.
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक़, वहां प्रभावित क्षेत्रों में साफ-सफाई के लिए 6 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें और 200 कर्मचारी काम पर लगाए गए हैं.
इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों, फुटपाथ, पार्क, सेंट्रल वर्ज, पेड़-पौधों की धुलाई के लिए 100 वाटर टैंकों की व्यवस्था भी की गई है.
ध्वस्त हुआ ट्विन टावर
इस दौरान आसपास के इलाक़ों में मौजूद पेड़ पौधों पर जमी धूल को तुरंत हटाने का काम कुछ ही देर में शुरू कर दिया जाएगा. यह भी बताया गया है कि आने वाले कई दिनों तक इलाक़े में पानी का छिड़काव किया जाएगा.
इस इमारत को गिराने को लेकर जो तैयारी की गई थी, वह सब योजना के मुताबिक ही हुआ. योजना के मुताबिक ही अब साइट से मलबा हटाया जाएगा.
लेकिन आज भी बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल है कि करीब 318 फीट ऊंची टावर को क्यों गिराया गया. दरअसल इस टॉवर का निर्माण नियमों के उल्लंघन करके किया गया था.
एपेक्स (32 मंजिली) और सेयेन (30 मंजिला) जुड़वां टावर भारतीय राजधानी में सबसे ऊंचे कुतुब मीनार से ऊंचे थे.
इस टावर को गिराने का फ़ैसला एक लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद लिया गया था. यह संघर्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय से शुरू हुआ था और इसका अंतिम फ़ैसला सुप्रीम कोर्ट में लिया गया.
बात सरहद पार
कहानी 2004 में शुरू होती है जब नोएडा (न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने औद्योगिक शहर बनाने की योजना के तहत एक आवासीय क्षेत्र बनाने के लिए सुपरटेक नामक कंपनी को एक साइट आवंटित की थी.
समाचार एजेंसी और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2005 में, नोएडा बिल्डिंग कोड और दिशानिर्देश 1986 के अनुसार सुपरटेक ने प्रत्येक 10 मंजिल वाले 14 फ्लैटों की योजना तैयार की गई और अनुमोदित की गई.
नोएडा अथॉरिटी ने 10 मंजिलों वाले 14 अपार्टमेंट भवनों के निर्माण की अनुमति दी गई, साथ ही यह भी प्रतिबंध लगाया गया था कि ऊंचाई 37 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए.
योजना के अनुसार, इस साइट पर 14 अपार्टमेंट और एक वाणिज्यिक परिसर के साथ एक गार्डन विकसित किया जाना था.
2006 में कंपनी को निर्माण के लिए अतिरिक्त ज़मीन दी गई थी. उन्हीं नियमों के साथ जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है, लेकिन एक नई योजना बनाई गई कि बिना गार्डन के दो और भवन (10 मंजिल) बनाए जाना है.
अंत में, 2009 में, 40 मंजिलों के साथ दो अपार्टमेंट टावर बनाने के लिए अंतिम योजना तैयार की गई थी, हालांकि, उस समय इस परियोजना को मंजूरी नहीं मिली थी.
क़ानूनी पचड़ा
2011 में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन टावरों के निर्माण के दौरान उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट मालिक अधिनियम, 2010 का उल्लंघन किया गया है.
इसके मुताबिक केवल 16 मीटर की दूरी पर स्थित दो टावरों ने कानून का उल्लंघन किया था.
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि इन दोनों टावरों को बगीचे के लिए आवंटित भूमि पर अवैध रूप से खड़ा किया गया था.
2012 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई के लिए मामला आने से पहले, नोएडा प्रशासन ने 2009 में दायर योजना (40 मंजिलों वाले दो अपार्टमेंट टावर) को मंजूरी दे दी थी.
टावर गिराने का आदेश
इस मामले में अप्रैल 2014 में फ़ैसला रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के पक्ष में आया था. इसी के तहत इन टावरों को गिराने का आदेश भी जारी किया गया था.
यह भी आदेश दिया गया कि सुपरटेक को टावर गिराने का ख़र्च वहन करना चाहिए और उन लोगों को 14 फ़ीसदी ब्याज़ के साथ पैसा वापस करना चाहिए जिन्होंने यहां पहले से ही घर खरीदा है.
उसी वर्ष मई में, सुपरटेक ने फ़ैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि निर्माण कार्य उचित मानदंडों के मुताबिक ही किया गया है.
अगस्त 2021 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फ़ैसले को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि नियमों का उल्लंघन किया गया था.
नतीजतन, आज, 28 अगस्त, 2022, ट्विन टावरों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है.
कितनी मुश्किल थी चुनौती
भारत में गगनचुंबी इमारतों को गिराना आसान काम नहीं है.
साल 2020 में, अधिकारियों ने केरल में दो झील के किनारे के लक्जरी अपार्टमेंट को ध्वस्त कर दिया, जो पर्यावरण नियमों के उल्लंघन में बनाए गए थे.
लेकिन नोएडा में जितनी ऊंची इमारत को गिराया गया है, वह इससे पहले भारत में कभी नहीं हुआ था.
इन टावर को खड़ा करने वाले निजी डेवलपर सुपरटेक ने वादा किया था कि 37 मंजिला शीआन एक 'आइकन' होगा और शीर्ष बालकनी पर खड़े होने से नीचे 'चमकता हुआ शहर' का दृश्य दिखाई देगा. (bbc.com/hindi)
नयी दिल्ली, 28 अगस्त। भारत की शीर्ष सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों ने प्रमुख बाजारों से लगातार सौदे मिलने से जून तिमाही में कुल 50,000 से अधिक लोगों को नौकरी दी है। हालांकि कर्मचारियों के जल्द नौकरियां बदलने, मार्जिन का दबाव, मानव संसाधन लागत अधिभार और कर्मचारी-संबंधी चुनौतियों ने आईटी उद्योग के लिए समस्या खड़ी कर दी है।
क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि आईटी की प्रतिभाओं के लिए खींचतान तब तक जारी रहेगी जब तक कि उद्योग के लिए तैयार मानव संसाधनों का बल उल्लेखनीय रूप से नहीं बढ़ जाता।
बाजार विशेषज्ञों की मानें तो आईटी कंपनियां मांग के अनुरूप रिक्त पदों को भरने की कोशिश में जुटी हैं वहीं गैर-प्रौद्योगिकी कंपनियां भी तकनीकी लोगों की तलाश में है ताकि डिजिटल दुनिया में रचे-बसे उनके उपभोक्ताओं की जरूरतें पूरी की जा सकें।
देश की शीर्ष तीन आईटी कंपनियों- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इंफोसिस और विप्रो ने ही जून तिमाही में करीब 50,000 लोगों को नौकरी पर रखा।
टीमलीज डिजिटल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील सी बताते हैं कि अगले पांच वर्ष में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कुल 60 लाख नए रोजगार तैयार होंगे।
इस अनुकूल रोजगार परिदृश्य से जहां प्रौद्योगिकी पेशेवर काफी उत्साहित हैं वहीं नियोक्ताओं को अभूतपूर्व स्तर का पलायन, मानव संसाधन की बढ़ती लागत और एक समय में एक से अधिक नौकरी करने की प्रवृत्ति परेशान कर रही है।
सुनील कहते हैं कि आने वाले समय में आईटी कंपनियों पर मार्जिन का दबाव रहेगा क्योंकि सौदों का आकार नहीं बढ़ा है।
इंफोसिस ने जून तिमाही में 21,171 भर्तियां की हैं क्योंकि उसके यहां कर्मचारियों का पलायन बढ़कर 28.4 फीसदी हो गया है जो मार्च 2022 में 27.7 फीसदी था। एक साल पहले यह आंकड़ा 13.9 फीसदी था।
विप्रो ने जून तिमाही में 15,446 पेशेवरों की भर्ती की। उसके यहां पलायन दर 23.3 फीसदी है। मार्च तिमाही में यह 23.8 फीसदी और पिछले वर्ष 15.5 फीसदी था।
टीसीएस ने जून तिमाही में 14,136 पेशेवरों को नौकरी पर रखा। कंपनी में पलायन दर बढ़कर 19.7 फीसदी हो गई जो मार्च तिमाही में 17.4 फीसदी और पिछले वर्ष 8.6 फीसदी थी।
डेलॉयट इंडिया के निदेशक वाम्सी कारावडी ने कहा, ‘‘भर्तियां महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच चुकी हैं और कुछ मायनों में तो यह उससे भी पार चली गई है।’’ (भाषा)
पुणे, 28 अगस्त। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती सरकार ने फल आधारित शराब (वाइन) बनाने वालों के व्यवसाय को बढ़ाने के वास्ते सुपरमार्केट में वाइन बेचने का अच्छा निर्णय लिया था लेकिन कुछ कारणों के चलते इस निर्णय को लागू नहीं किया गया।
अंगूर की खेती करने वाले किसानों की एक संगठन महाराष्ट्र राज्य द्राक्ष बागायतदार संघ (एमआरडीबीएस) की ओर से यहां आयोजित एक सम्मेलन को पवार संबोधित कर रहे थे ।
उन्होंने राज्य में किसानों द्वारा आत्महत्या करने पर भी चिंता जताई और कहा कि लोगों को आगे आकर इसे रोकने का प्रयास करना चाहिए। पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी सरकार ने इस साल जनवरी में सुपरमार्केट और दुकानों में वाइन बेचने को अनुमति दी थी।
उस समय एक मंत्री ने कहा था कि फल आधारित शराब बनाने वालों के व्यवसाय में वृद्धि के लिए यह निर्णय लिया गया था ताकि किसानों को अतिरिक्त आय कमाने का साधन दिया जा सके।
बाद में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इस निर्णय को चुनौती देने के लिए बंबई उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि इससे शराब पीने वालों को हतोत्साहित करने का लक्ष्य पूरा नहीं होगा और कोई भी व्यक्ति किसी से पूछे बिना खुद शराब खरीद सकेगा।
पवार ने कहा, “पिछली सरकार ने सुपरमार्केट में वाइन बेचने का अच्छा निर्णय लिया था जिससे फल आधारित शराब बनाने वालों को फायदा होता लेकिन कुछ कारणों से इसे लागू नहीं किया गया।” उन्होंने कहा कि 35 हजार से ज्यादा किसान एमआरडीबीएस का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा, “इसलिए अंगूर की खेती अब राज्य के कुछ हिस्सों तक सीमित नहीं है। भारत में उत्पादित होने वाले आठ प्रतिशत अंगूर का निर्यात कर दिया जाता है जबकि 92 प्रतिशत देश के बाजारों में बिकते हैं। स्थानीय बाजारों पर ध्यान देने की जरूरत है। इससे बाजार मजबूत होंगे जिससे लाभ में वृद्धि होगी।” (भाषा)
गुवाहाटी, 28 अगस्त। असम में सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा के दौरान संभावित गड़बड़ी को रोकने के लिए इस महीने दूसरी बार, रविवार को चार घंटे के लिए 27 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित की गईं।
गौहाटी उच्च न्यायालय ने परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवा निलंबित करने के आदेश के विरुद्ध दायर रिट याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद अधिकारियों ने यह निर्णय लिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा जिन 27 जिलों में परीक्षा आयोजित की जा रही है,वहां धारा 144 लागू कर दी गई है।
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में तृतीय और चतुर्थ समूहों के लगभग 30 हजार पदों के लिए 14.30 लाख उम्मीदवारों के परीक्षा में बैठने की उम्मीद है।
चतुर्थ समूह के लिए परीक्षा 21 अगस्त को आयोजित की गई थी और तृतीय समूह के लिए रविवार (28 अगस्त) को परीक्षा आयोजित की जा रही है। तृतीय समूह के बाकी पदों के लिए परीक्षा 11 सितंबर को होगी।
सभी परीक्षाएं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड असम (एसईबीए) द्वारा आयोजित की जा रही हैं। गृह और राजनीतिक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “गत सप्ताह 26 जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित की गई थीं। इस बार बारपेटा को सूची में जोड़ा गया है।”
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, पूर्वाह्न दस बजे से मध्याह्न 12 बजे तक और अपराह्न दो बजे से शाम चार बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर की जाएंगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने 17 अगस्त को कहा था कि परीक्षा की अवधि के दौरान मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी, ताकि भर्ती प्रक्रिया में किसी धांधली से बचा जा सके। (भाषा)
नासिक, 28 अगस्त। महाराष्ट्र के नासिक जिले के गांधीनगर स्थित ‘कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल’ (कैट्स) के अधिकारियों ने परिसर के ऊपर ड्रोन उड़ते देखे जाने के बाद मामले की शिकायत पुलिस के समक्ष दर्ज कराई है।
एक अधिकारी ने रविवार को बताया यह ड्रोन बहुत थोड़े समय के लिए दिखा और इसके बाद गायब हो गया।
उन्होंने बताया कि यह ड्रोन नासिक-पुणे राजमार्ग के किनारे स्थापित परिसर के ऊपर बृहस्पतिवार रात लगभग 10 बजे दिखा, लेकिन इस प्रमुख संस्थान के सुरक्षा कर्मियों द्वारा कार्रवाई करने से पहले ही गायब हो गया।
अधिकारी ने बताया कि कैट्स के अधिकारी ने मामले में उपनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और विस्तृत जांच शुरू की गई है।
उल्लेखनीय है कि कैट्स में सेना के विमानन चालक दल के सभी सदस्यों को लड़ाकू विमान उड़ाने और जमीनी कार्रवाई का प्रशिक्षण दिया जाता है। (भाषा)
नोएडा (उप्र), 28 अगस्त। नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर धराशायी कर दिया गया। अवैध रूप से निर्मित इन ढांचों को ध्वस्त करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई।
एक रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने नौ साल पहले यहां ट्विन टावर को अवैध रूप से बनाए जाने का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
लगभग 100 मीटर ऊंचे ढांचों को विस्फोट कर चंद सेकेंड में गिरा दिया गया। दिल्ली के ऐतिहासिक कुतुब मीनार (73 मीटर) से भी ऊंचे गगनचुंबी ट्विन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया।
ट्विन टावर को ध्वस्त किये जाने के कुछ मिनट बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं।
इन इमारतों को विस्फोट कर ध्वस्त किये जाने से पहले ट्विन टावर के चारों ओर 500 मीटर के दायरे को 'निषिद्ध क्षेत्र' घोषित कर दिया गया, जहां आम लोगों को जाने की अनुमति नहीं थी। इलाके में भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे।
नोएडा और आसपास के शहरों के लोग इस कार्रवाई को देखने के लिए जेपी फ्लाईओवर मैदान के पास जमा हुए। कई लोग दोपहर ढाई बजे ट्विन टावर को ध्वस्त किये जाने से कुछ घंटे पहले एक ऐसी जगह ढूंढते नजर आए, जहां से ढांचों को ढहाए जाने के दृश्य बिल्कुल साफ नजर आए।
पुरुषोत्तम मिश्रा (42) नामक व्यक्ति ने कहा, 'ऐसा लगा कि जैसे भ्रष्टाचार की इमारतें जमींदोज हो गईं हों।'
ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त किए गए सबसे ऊंचे ढांचे में शामिल थे। राष्ट्रीय राजधानी से लगे नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे।
इमारतों को ध्वस्त करने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया। टावर के ढहने के तुरंत बाद आसपास धुएं का गुबार छा गया जो कुछ मिनट तक बरकरार रहा।
अधिकारियों ने कुछ खिड़कियों के शीशे चटकने और एक चारदीवार के टूटने की जानकारी दी है। हालांकि, आसपास की इमारतों को कोई ढांचागत नुकसान नहीं पहुंचा है।
ट्विन टावर को गिराने का कार्य करने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग के एक अधिकारी ने बताया कि एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के आसपास मौजूद आवासीय इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
एडिफिस, दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) और नोएडा के अधिकारी ट्विन टावर के पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज की इमारतों का संरचनागत विश्लेषण कर रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि धूल पर पानी का छिड़काव करने के लिए ‘एंटी स्मॉग गन’ (पानी का छिड़काव करने वाले उपकरण) का उपयोग किया जा रहा है।
ट्विन टावर में 40 मंजिलें और 21 दुकानों समेत 915 आवासीय अपार्टमेंट प्रस्तावित थे।
इन ढांचों को ध्वस्त किये जाने से पहले इनके पास स्थित दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के करीब 5,000 लोगों को वहां से हटा दिया गया। इसके अलावा, करीब 3,000 वाहनों तथा बिल्ली और कुत्तों समेत 150-200 पालतू जानवरों को भी हटाया गया।
अनुमान के मुताबिक, ट्विन टावर को गिराने के बाद इससे उत्पन्न 55 से 80 हजार टन मलबा हटाने में करीब तीन महीने का समय लगेगा।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2021 में ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि जिले के अधिकारियों की सांठगांठ के साथ भवन नियमों का उल्लंघन किया गया।
शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि अवैध निर्माण से कठोरता से निपटने की जरूरत है ताकि कानून के शासन का अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
मुंबई की एडिफिस इंजीनियरिंग को 28 अगस्त को ट्विन टावर को गिराने का कार्य सौंपा गया था। कंपनी ने इस जोखिम भरे कार्य के लिए दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमॉलिशन्स के साथ एक करार किया था। शीर्ष न्यायालय द्वारा सीबीआरआई को परियोजना के लिए तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया था।
एडिफिस इंजीनियरिंग और जेट डिमॉलिशन्स ने इससे पहले 2020 में कोच्चि (केरल) स्थित मराडू कॉम्प्लेक्स को ढहाया था, जिसमें 18 से 20 मंजिलों वाले चार आवासीय भवन थे।
वर्ष 2019 में जेट डिमॉलिशन्स ने जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में बैंक ऑफ लिस्बन की 108 मीटर ऊंची इमारत को ढहाया था। (भाषा)
रूद्रपुर/बरेली, 28 अगस्त। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में रविवार को एक ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्राली को पीछे से टक्कर मार दी जिससे वह पलट गयी। दुर्घटना में दो बच्चों समेत छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 34 लोग घायल हो गये, जिनमें कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है।
ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने बताया कि हादसे के समय ट्रैक्टर-ट्राली में 40 से अधिक श्रद्धालु सवार थे। उन्होंने बताया कि घायलों को उत्तराखंड में रूद्रपुर जिला अस्पताल और हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है जहां दो घायलों की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है।
वहीं, बरेली के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि हादसे में गंभीर रुप से घायल तीन लोगों की नाजुक हालत को देखते हुए उन्हें बरेली रेफर किया गया है।
बरेली पुलिस के अनुसार, उत्तराखंड के पुलभट्टा थाना क्षेत्र के शक्ति फार्म से श्रद्धालुओं का जत्था ट्रैक्टर-ट्रॉली से बरेली जिले के बहेड़ी कोतवाली क्षेत्र में उत्तम नगर गुरुद्वारे दर्शन के लिए जा रहा था। उन्होंने बताया कि सिरसा चौकी के पास यू-टर्न लेते समय पुलभट्टा की तरफ से आ रहे कंटेनर ने ट्रैक्टर-ट्राली को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रैक्टर-ट्रॉली के परखच्चे उड़ गए।
बरेली जिले के बहेड़ी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक सत्येन्द्र भड़ाना ने बताया कि हादसा रविवार सुबह करीब 10 बजे हुआ। उन्होंने बताया कि हादसे में बक्सर शक्ति फार्म निवासी भजन सिंह (36) को चिकित्सकों ने किच्छा में मृत घोषित कर दिया जबकि बहेड़ी सीएचसी पर एक किशोरी समेत तीन महिलाओं और दो मासूम बच्चों को मृत घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि बहेड़ी सीएचसी पर मृत घोषित किए गए लोगों की पहचान सुमन कौर (15), गुरनामो कौर (30), आकाशदीप (आठ), राजा (छह) और जस्सी (35) के रूप में हुई।
हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए इसमें मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायल श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए जिला प्रशासन को उनके नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था करने को कहा है।
धामी ने हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपये और कम जख्मी लोगों को 25,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। (भाषा)
बस्ती (उत्तर प्रदेश), 28 अगस्त। जिले के रुधौली थाना क्षेत्र में एक युवती के परिजनों ने कथित प्रेम प्रसंग को लेकर युवती और उसके प्रेमी की हत्या कर दी है। पुलिस ने रविवार को बताया कि प्रेमिका और प्रेमी अलग-अलग समुदाय से ताल्लुक रखते थे, और उनका संबंध परिजनों को पसंद नहीं था।
दलित प्रेमी युवक के परिजनों की तहरीर पर हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में प्रेमिका के भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
घटना के संदर्भ में पुलिस सूत्रों ने बताया कि दलित युवक अंकित (18) पड़रिया चेत सिंह निवासी मुजीबुल्लाह के यहां ट्रैक्टर चलाता था और इसी दौरान उसका मुजीबुल्लाह की बेटी अमीना (20) के साथ प्रेम संबंध हो गया।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को युवती के परिजनों ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देखा और गुस्से में दोनों की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि युवती के शव को दफना दिया और युवक के शव को गन्ने के खेत में फेंक दिया।
पुलिस के मुताबिक, शनिवार को एक किसान अपने गन्ने के खेत में काम करने गया, जहां उसने 18 वर्षीय युवक का शव देखा और पुलिस को इसकी सूचना दी।
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी निरीक्षक राम कृष्ण मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मृत युवक की पहचान अंकित के रूप में हुई है।
पुलिस को दी गई तहरीर में अंकित के पिता ने कहा है कि उनका बेटा मुजीबुल्लाह के यहां ट्रैक्टर चलाता था। तहरीर के अनुसार, बेटे का शव मिलने के बाद अंकित के पिता मुजीबुल्लाह के घर गए, जहां उन्हें पता चला कि वहां एक लड़की की मौत हुई है जिसे दफना दिया गया है।
इसके बाद उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस ने कब्र से युवती का शव निकलवाया और दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने बताया कि दोनों के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। गांव में तनाव की स्थिति देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस के अनुसार, घटना के सिलसिले में प्रेमी के परिजनों की तहरीर पर शनिवार को आधी रात के बाद रुधौली पुलिस ने आरोपी इरशाद और उसके सगे भाई इरफान तथा चचेरे भाई इसरार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छिपाना) और अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि रुधौली थाना क्षेत्र के ग्राम पड़रिया चेत सिंह में युवक और युवती के शव मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में प्रेम-प्रसंग की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, जांच के दौरान जो तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। (भाषा)
दुबई, 28 अगस्त (भाषा)। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में रविवार को यहां पाकिस्तान के खिलाफ टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया ।
भारत ने विशेषज्ञ विकेटकीपर के तौर पर ऋषभ पंत की जगह दिनेश कार्तिक को अंतिम एकादश में शामिल किया है।
पाकिस्तान की ओर से नसीम शाह टी20 अंतरराष्ट्रीय में पदार्पण कर रहे है।
सरकार की आर्थिक स्थिति पर सिंहदेव के बयान पर रमन का भूपेश पर हमला
सिंहदेव ने कहा केंद्र से 20 हजार करोड़ लेने में आप भी मदद करें
रायपुर, 28 अगस्त। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बयान पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने सीएम बघेल को टारगेट कर एक ट्वीट किया था। इसके जवाब में टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर कहा कि शब्दों के चयन में मुझसे बड़ी त्रुटि हुई है, जिसपर मैं खेद व्यक्त करता हूं।
सिंहदेव ने यह भी लिखा कि छग सरकार को और अधिक खर्च करने में केंद्र सरकार का आर्थिक असहयोग बाधा बना हुआ है। आज केंद्र के पास छग की जनता के 20, 000 करोड़ से अधिक राशि लंबित है, कृपया प्रदेशवासियों के हक में इसके लिए आप भी(रमनसिंह) सहयोग करें।
सिंहदेव का कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात का वीडियो वायरल है।पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने भी इस वीडियो को ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला था।इस वीडियो में टीएस सिंहदेव ने कह रहे हैं कि सरकार की पांच छह हज़ार करोड़ देने की औक़ात ही नहीं है। मैं घुमाने फिराने की बात नहीं कर रहा हूं. यहां नरवा, गरवा, घुरवा, गोबर सब ज़्यादा हो गया है। किसान को प्राथमिकता समझा गया है। नियमितिकरण भी करना है,इसमें भी खर्च आएगा। दूसरे काम भी तो करने हैं।
इस वीडियो में टीएस सिंहदेव के मुताबिक कर्मचारियों की मांगों को वे भी समझ रहे हैं। वीडियो में वे कह रहे हैं कि 40 हजार करोड़ दे चुके हैं,लेकिन और 5-6 हजार करोड़ देने की औकात नहीं है
इसके बाद वे कर्मचारियों से ये भी कहते हैं कि ये घुमाने-फिराने वाली बात नहीं है. सिर्फ सच्चाई है. वे कर्मचारियों को सरकार के खर्चों के बारे और सरकार को और करने वाले कामों के बारे में भी बता रहे है. वे इसमें कर्मचारियों के नियमितिकरण की भी बात कह रहे है।
बता दें कि रमन सिंह ने लिखा था कि कांग्रेस सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री खुद कह रहे हैं, सरकार के पास पैसे देने की औकात नहीं है! भूपेश बघेल जी के कुप्रबंधन ने छत्तीसगढ़ को कर्ज में डुबोकर दिवालिया कर दिया है। न वेतन देने के पैसे हैं, न ही घोषणा पत्र के वादे पूरे करने के। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मिस्टर बंटाधार हैं!
एक की मौत, एक को बचाया, बाकी की तलाश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेंद्रगढ़ / बैकुंठपुर (कोरिया), 28 अगस्त। आज दोपहर मध्यप्रदेश से कोरिया जिले के भरतपुर विकासखंड स्थित रमदहा जल प्रपात में पिकनिक मनाने आये 7 लोग महिला को बचाने पानी में उतरे और डूब गए। किसी तरह सातों में से पति-पत्नी को बाहर निकाला गया। डॉक्टरों ने पति को मृत घोषित कर दिया, बाकी को ढूंढने का काम जारी है।
भरतपुर विकासखंड स्थित रमदहा जल प्रपात में मध्यप्रदेश के बैढऩ से दो परिवार के लोग पिकनिक मनाने आये थे। नहाते समय अचानक एक महिला गहरे पानी में डूबने लगी तो उसे बचाने पति सहित छ: लोग पानी में उतर गए। देखते-देखते सभी पानी की गहराई में चले गए। किसी तरह सातों में से पति-पत्नी को बाहर निकाला गया। डॉक्टरों ने पति को मृत घोषित कर दिया, वहीं समाचार लिखे जाने साढ़े 4 बजे तक पाँच लोग लापता हैं। मौके पर प्रशासनिक व पुलिस टीम मौजूद हैं। लापता लोगों को बचाने अभियान चल रहा है। बताया जाता है कि मध्यप्रदेश से करीब 15 लोग पिकनिक मनाने आए थे।
गौरतलब है कि रमदहा जलप्रपात काफी गहरा है और यहां कई बार हादसे हो चुके हैं।
वहीं इस संबंध में कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने बताया कि 5 लोगों के डूबने की बात सामने आ रही है। टीम लगी हुई है, लोगों को ढूंढा जा रहा है, एहतियातन सुरक्षा को लेकर वहां दिशा निर्देश लगाए गए है, प्रपात के नजदीक जाने की मनाही है। बावजूद आने वाले ऐसे दिशा निर्देशों का ध्यान नहीं रख पाते हैं।
वन विभाग से नहीं मिल रही मदद, ग्रामीण आपस में चंदा कर जुटा रहे साधन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा/जीपीएम, 28 अगस्त। कटघोरा, पसान और मरवाही इलाके में हाथियों के विचरण से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। दूसरी ओर वन विभाग से कोई मदद नहीं मिल रही है। वे हाथियों से बचाव के लिए खुद ही चंदा करके साधन जुटा रहे हैं। मरवाही विधायक से ग्रामीणों ने शिकायत की है कि वन कर्मचारी मदद करना तो दूर उनका फोन भी नहीं उठाते हैं।
कटघोरा वन मंडल में इस समय 22 हाथियों का दल घूम रहा है। कल हाथियों का झुंड खम्हरिया होते हुए सेन्हा ग्राम पहुंचा। दल ने कई झोपडिय़ों को नुकसान पहुंचाया और फसल बर्बाद कर दी। पसान रेंज में कोरबा-पेंड्रा रोड पर तीन हाथी काफी देर तक मंडराते रहे जिसकी वजह से दो घंटे तक आवागमन रुक गया। आसपास के गांवों से पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने वन विभाग को फोन किया लेकिन कोई नहीं पहुंचा। तब उन्होंने खुद मशाल और पटाखों की व्यवस्था की और हाथियों को भगाया। वन विभाग ने बचाव के लिए कोई साधन ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं कराया है। ग्रामीण खुद चंदा कर इसकी व्यवस्था कर रहे हैं।
इधर मरवाही में तीन हाथियों के दल ने 10-12 दिन से डेरा डाल रखा है। एक ग्रामीण को हाथी ने कुचलकर मार भी डाला है। हाथी यहां दर्जनों मकानों को नुकसान पहुंचा चुके और कई एकड़ फसल बर्बाद कर चुके हैं। घरों में घुसकर वे अनाज भी खा रहे हैं। 22 हाथियों का जो दल पसान में विचरण कर रहा है वह भी मरवाही वन मंडल से सटा हुआ है। दो दिन पहले विधायक केके ध्रुव प्रभावित ग्रामीणों से मिलने के लिए गांवों के दौरे पर थे। उन्हें ग्रामीणों ने बताया कि वन कर्मचारी फोन भी नहीं उठाते हैं। उनका मुआवजा भी नहीं मिला है। वन विभाग हाथियों को खदेडऩे के लिए भी कोई प्रयास नहीं कर रहा है।
नरवा, गरवा, घुरूवा व गोबर ज्यादा हो गया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 अगस्त। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के एक वीडियो से सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है। वो वीडियो में यह कह रहे हैं कि सरकार के पास पैसे नहीं है, और नरवा, गरूवा, घुरूवा व गोबर ज्यादा हो गया है। वीडियो के वायरल होते ही भाजपा को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। प्रदेश भाजपा ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है।
वायरल वीडियो में सिंहदेव ने हड़ताली कर्मचारियों से कह रहे हैं कि सरकार के पास पैसे नहीं है। नरवा, गरवा, घुरूवा सब ज्यादा हो गया है। जिस योजना की सिंहदेव मजाक उड़ाते नजर आ रहे हैं, उसकी केंद्र सरकार तारीफ कर चुकी है। कई और राज्य इसका अनुशरण कर रहे हैं। मगर इस वीडियो के फैलते ही प्रदेश भाजपा ने ट्वीट किया कि भूपेश बघेल का फट गया ढोल, टीएस सिंहदेव ने खोल दी पोल।
सरकार का खाली है खजाना,
बचा है केवल नरवा, गरवा, घुरूवा,
बाड़ी, गोबर पर गाल बजाना।
टीएस सिंहदेव ने उनसे मिलने आए हड़ताली कर्मचारियों से कहा कि सरकार के तरफ से नहीं बोल रहा हूं। आप लोगों की तरफ से भी कह रहा हूं। 5-6 हजार करोड़ देने की बात कह रहे, सरकार के पास 5-6 हजार करोड़ देने की औकात ही नहीं है।