ताजा खबर
केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति को लेकर चल रही जाँच के बीच बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है.
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सोमवार को दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में 500 नए स्कूल बनवाने का वादा किया था. लेकिन अब कहा जाता है कि पहले से मौजूद स्कूल में ही नए कमरे बनाए जाएँगे, स्कूल नहीं खुलवाएँगे.
बीजेपी प्रवक्ता ने तंज़ कसते हुए कहा, "'आप' का तो लगता है बस यही एक सपना, न्यूयॉर्क टाइम्स का नाम जपना, जनता का माल अपना. ये हैं अरविंद केजरीवाल जी."
वहीं, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि सीवीसी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के स्कूलों में कमरे बनाने के लिए 989 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. 860 करोड़ रुपए का टेंडर अमाउंट किया गया और दिल्ली सरकार ने 1315 करोड़ रुपए ख़र्च कर दिए.
उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल ने स्कूलों में बनाए गए टॉयलेट भी कमरों में गिनकर पेमेंट करवाई. दिल्ली सरकार ने कहा कि 6133 टॉयलेट बनवाए, लेकिन जाँच के बाद उनकी संख्या सिर्फ़ 4027 निकली. (bbc.com/hindi)
पश्चिम बंगाल में एक रैली के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा है कि वे उन्हें गिरफ़्तार करके दिखाएँ.
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वो केंद्रीय एजेंसियों और काले धन का इस्तेमाल राज्य सरकारों को गिराने के लिए कर रही है.
ममता बनर्जी सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी इस समय पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में जेल में हैं. हालाँकि उनकी गिरफ़्तारी के बाद ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से पार्टी के पदों से हटा दिया था.
ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी को इसका जवाब देना चाहिए कि उनके पास चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए कहाँ से पैसा आता है. विपक्षी पार्टियाँ बीजेपी पर कई राज्य सरकारों को गिराने का आरोप लगाती रही हैं.
अपनी आबकारी नीति को लेकर सीबीआई जाँच का सामना कर रहे मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ने भी ये आरोप लगाया है.
केजरीवाल ने तो विधानसभा में कहा कि बीजेपी ने महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सरकारें गिराई. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि झारखंड में भी वे सरकार गिराने जा रहे हैं.
ममता बनर्जी ने रैली ने दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 11 दोषियों की रिहाई का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा- बीजेपी के नेता बेटी बचाओ की बात करते हैं, लेकिन उसकी सरकार बिलकिस बानो केस में शामिल लोगों को रिहा कर देती है.
15 अगस्त को गुजरात सरकार ने अपनी माफ़ी योजना के तहत बिलकिस बानो गैंगरेप केस में दोषी ठहराए गए 11 लोगों को रिहा कर दिया था. बीजेपी सरकार के इस फ़ैसले को लेकर विपक्ष ने आक्रामक रुख़ अपनाया हुआ है.
अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात सरकार और केंद्र से जवाब मांगा है. (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अगस्त। भाजयुमो प्रभारी ओपी चौधरी ने एक वीडियो बयान में कहा कि सीएम भूपेश बघेल जी!
सरपंच साथी भी आज हड़ताल कर धरने पर बैठने को मजबूर हैं।ग्राम पंचायतों में विकास शून्यता की स्थिति है।भारत सरकार से ग्राम पंचायतों को 15वें वित्त की राशि सीधे दी जाती है,इस पर उनका मौलिक अधिकार है, लेकिन आप पंचायतों की जरुरत अनुसार उसका भी उपयोग करने नहीं दे रहे हैं। गोठान के नाम पर आपके ठेकेदार उसका बंदरबांट कर रहे हैं।प्रदेश को विकास शून्यता और ठेकेदारी से बाहर लाइये।
जब पंचायती राज व्यवस्था का रीढ़ ‘सरपंच’ ही हड़ताल और धरने पर बैठने को मजबूर है, तो प्रदेश का क्या होगा?
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अगस्त। केंद्र के समान डीए को लेकर अधिकारी, कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल आज आठ दिन हो जाएंगे। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा की। इसमें भी हल नहीं निकला। फेडरेशन के नेताओं के साथ विधायक विकास उपाध्याय भी गए थे।
बैठक के बाद संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि सीएस से चर्चा सकारात्मक रही, लेकिन उन्होंने डीए,एच आर ए देने को लेकर ठोस भरोसा नहीं दिया। श्री जैन ने सीएम बघेल से चर्चा करने की बात कही। इसे देखते हुए हड़ताल जारी रखने का फैसला किया गया है।
बहरहाल वित्त विभाग ने सीएम बघेल की घोषणा के मुताबिक पांच प्रतिशत के अनुसार पे-बिल बनाना शुरू कर दिया है। इसमें कर्मचारियों को एरियर्स नहीं मिलेगा।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अगस्त। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाला भवनों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए 500 करोड़ रुपए स्वीकृत किया है।
मुख्य सचिव को दिए निर्देश-'सभी शालाओं में निर्विघ्न पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए वर्षा ऋतु समाप्त होते ही शालाओं की मरम्मत का कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाए।
भेंट-मुलाकात अभियान के दौरान मुख्यमंत्री को ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों तथा मीडिया प्रतिनिधियों से शाला भवनों की दशा के बारे में जानकारियां मिली थी।लंबे समय से शाला भवनों की मरम्मत के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान ना होने से छात्रों की पढ़ाई में बांधा उत्पन्न हो रही थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एलजीबीटीक्यू रिश्तों और बिना शादी के बनाए गए रिश्तों को भी परिवार समझा जाना चाहिए. इसे अदालत द्वारा एलजीबीटीक्यू लोगों को शादी करने का अधिकार देने की राह में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
समलैंगिक रिश्तों को कानूनी मान्यता देने के सालों बाद यह संभवतः पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने 'क्वियर' रिश्तों को भी परिवार की संज्ञा देने की अनुशंसा की है. यह महत्वपूर्ण इसलिए माना जा रहा है कि क्योंकि भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता अभी भी नहीं मिली है.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसला देते हुए कहा है कि परिवार की परिभाषा अब बदल गई है और कानून और समाज को भी इस नई परिभाषा के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है.
यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की एक पीठ ने कहा कि परिवार को लेकर आम धारणा "एक एकल, न बदलने वाली इकाई की है जिसमें एक माता, एक पिता और उनके बच्चे होते हैं और ये माता-पिता समय के साथ बदलते नहीं हैं."
परिवार की बदलती परिभाषा
लेकिन पीठ ने कहा कि "यह मान्यता इस बात को नजरअंदाज करती है कि कई हालात होते हैं जिनकी वजह से परिवार के ढांचे में बदलाव आ सकता है और यह भी कि कई परिवार इस तरह की अपेक्षाओं को मानते ही नहीं हैं."
पीठ ने आगे कहा, "पारिवारिक संबंध घरेलु, अविवाहित साझेदारियों और क्वियर रिश्तों का रूप भी ले सकते हैं." पीठ ने कहा कि एक पारिवारिक इकाई का "असामान्य" रूप भी उतना ही असली है जितना उसका पारंपरिक रूप और उसे कानूनी संरक्षण मिलना ही चाहिए.
पीठ ने ये बातें एक मामले पर फैसला देने के दौरान कहीं. मामला एक महिला को मातृत्व अवकाश ना दिए जाने का था. महिला ने एक ऐसे व्यक्ति से शादी की थी जिसने दोबारा शादी की थी और उसे उसकी पहली पत्नी के साथ दो बच्चे हैं.
महिला ने उन बच्चों का ख्याल रखने के लिए पहले अवकाश लिया था लेकिन उसके बाद उसने अपने बच्चे को जन्म दिया. जब उसने अपने बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश का आवेदन किया तब उसे यह कह कर ठुकरा दिया गया कि अवकाश तो वो पहले ले चुकी है.
महिलाओं पर बोझ
सुप्रीम कोर्ट ने महिला को मातृत्व अवकाश दिए जाने का आदेश देते हुए कहा कि समाज की अपेक्षाओं और लिंग आधारित भूमिकाओं को निर्धारित कर दिए जाने की वजह से बच्चों का ख्याल रखने का बोझ अनुपातहीन रूप से महिलाओं पर लाद दिया जाता है.
और ऐसे में अगर मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाएं ना दी जाएं तो महिलाओं को मजबूरन काम करना छोड़ना पड़ता है. इसलिए पीठ ने कहा कि इस मामले में भी प्रभावित महिला को मातृत्व अवकाश दिया ही जाना चाहिए.
इस फैसले और अदालत की टिप्पणी को महिलाओं के अधिकारों के साथ साथ एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों के अधिकारों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. भारत में समलैंगिकता को कानूनी मान्यता 2018 में ही मिल गई थी लेकिन कानून समलैंगिक व्यक्तियों को आज भी ना शादी करने की इजाजत देता है और ना बच्चे गोद लेने की. (dw.com)
श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया नमन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अगस्त। छत्तीसगढ़ विधान सभा अध्यक्ष डॉ.चरण दास महंत अपने लंदन प्रवास के दौरान आज 10 किंग हेनरी रोड स्थित डॉ.बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर के स्मारक पहुंचे। उन्होंने डॉ.अम्बेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर सांसद कोरबा ज्योत्स्ना महंत, और विधान सभा सचिव दिनेश शर्मा भी उपस्थित थे।
डॉ महंत एवं महंत, डॉ.अम्बेडकर के स्मारक में लगभग एक घंटे तक रहे,और उनके स्मारक में उनके व्यक्तित्व के विभिन्न पहुलओं से जुड़ी सामग्री का गहराई से अवलोकन किया तथा डॉ.अम्बेडकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से बहुत प्रभावित हुए।
एमपी से पिकनिक मनाने आए 7 डूबे थे, एक को बचाया था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रंजीत सिंह
मनेन्द्रगढ़, 29 अगस्त । रमदहा जलप्रपात से सोमवार की सुबह कड़ी मशक्कत के बाद जलप्रपात से 3 और शव निकाले गए, जबकि 3 शव रविवार की देर शाम तक बरामद कर लिए गए थे। इस हादसे में 6 लोगों की असमय जान जाने से छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री ने गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए शोक-संतप्त परिवारों को ढांढस बंधाया है।
ज्ञात हो कि रविवार को मध्यप्रदेश के सिंगरौली के नवानगर निगाही से 2 गाड़ी में ठाकुर परिवार के 15 लोग छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित भरतपुर विकासखंड में स्थित रमदहा जलप्रपात में पिकनिक मनाने आए थे। नहाने के लिए 7 लोग पानी में उतरे थे। इसी दौरान सभी गहरे पानी में एक-एक कर डूबते चले गए।
जानकारी मिलने पर घटना स्थल में काफी संख्या में लोग जुट गए। स्थानीय गोताखोरों और एसडीआरएफ टीम की मदद से आनन-फानन में डूबे लोगों की तलाश शुरू की गई। शाम तक 3 शव रत्नेश सिंह पिता योगेंद्र सिंह (26 वर्ष) जयंत कॉलोनी, विंध्यनगर सिंगरौली, हिमांशु सिंह पिता कमलेश सिंह (18 वर्ष), निगाही, थाना नवानगर, सिंगरौली एवं ऋषभ सिंह पिता अनिल सिंह (24 वर्ष), निवासी माजन मोड़, थाना नवानगर, सिंगरौली के शव बरामद कर लिए गए थे वहीं सुरेखा सिंह पति ऋषभ सिंह (22 वर्ष) निवासी माजन मोड़ थाना नवानगर, सिंगरौली को पानी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था और 3 की तलाश जारी थी।
देर रात तक पानी में डूबे लोगों की तलाश की जाती रही कोई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिलने पर रात्रि में बचाव कार्य में आ रही परेशानी को देखते हुए रेस्क्यू रोक दिया गया।
दूसरे दिन सोमवार की सुबह एक बार फिर बचाव अभियान चलाया गया। सुबह 9 से 11 बजे के बीच 3 और शव श्वेता सिंह पिता कमलेश सिंह (22 वर्ष), श्रद्धा सिंह पिता कमलेश सिंह (14 वर्ष), निगाही थाना नवानगर, सिंगरौली एवं अभय सिंह पिता योगेंद्र सिंह (22 वर्ष) जयंत कॉलोनी थाना विंध्यनगर सिंगरौली के शव जलप्रपात से एक-एक कर निकाले गए। सभी 6 शवों का शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जनकपुर में पोस्टमार्टम करा शवों को उनके गृहग्राम रवाना किया गया।
देर रात तक प्रशासनिक अमले के साथ घटना स्थल पर डटे रहे विधायक
हादसे की जानकारी जैसे ही राजधानी तक पहुंची, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमदहा जलप्रपात में हुए हादसे पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कोरिया कलेक्टर को रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए, वहीं क्षेत्रीय विधायक गुलाब कमरो से भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश और मार्गदर्शन के उपरांत विधायक कमरो रात में ही घटना स्थल रमदहा जलप्रपात पहुंचे। वे देर रात प्रशासनिक अमले और रेस्क्यू टीम के साथ वहां जमे रहे। उन्होंने प्रकाश की समुचित व्यवस्था कराई साथ ही रात में किए जा रहे रेस्क्यू अभियान में बचाव दल की सुरक्षा को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए। यहां तक की रात में ही पानी में जाल भी लगवाया गया।
इस दौरान कलेक्टर कोरिया कुलदीप शर्मा, भरतपुर एसडीएम मूलचंद चौपड़ा, कोटाडोल तहसीलदार विप्लव श्रीवास्तव, कोटाडोल थाना प्रभारी सुबल सिंह सहित कोरिया और सिंगरौली जिले की पुलिस टीम और प्रशासनिक अमला जब तक सभी शव बाहर नहीं निकाल लिए गए घटना स्थल पर जमा रहा।
विधायक कमरो ने व्यक्त की शोक-संवेदना
हृदयविदारक घटना पर सविप्रा उपाध्यक्ष विधायक गुलाब कमरो ने गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए मृतात्माओं की शांति के लिए ईश्वर प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि रमदहा जलप्रपात में सुरक्षा के कड़े और पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोई अनहोनी न होने पाए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार के शक्ति प्रदर्शन के लिए सोमवार को विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान विश्वास मत का प्रस्ताव पेश करेंगे.
सीएम केजरीवाल ने ख़ुद विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार सदन में विश्वास मत प्रस्ताव लाना चाहती है ताकि दिल्ली के मतदाताओं के सामने ये साफ़ हो जाए कि बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस' दिल्ली में असफल हो गया है. अरविंद केजरीवाल ने इससे पहले बीजेपी पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था.
सीएम केजरीवाल ने दावा किया था कि बीजेपी ने दिल्ली की सरकार को गिराने के लिए 800 करोड़ रुपये अलग से रखे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी 40 विधायकों को तोड़ना चाहती है और प्रति एमएलए 20 करोड़ रुपये रखे गए हैं.
बीते सप्ताह अरविंद केजरीवाल ने अपने घर पर सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कथित तौर पर आम आदमी के 62 में से 53 विधायक ही पहुँचे थे. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी आरोप लगाया ता कि उन्हें भाजपा में शामिल होने का ऑफ़र मिला है और बदले में उनके ख़िलाफ़ सारे केस बंद कर दिए जाएंगे.
हाल ही में सीबीआई ने दिल्ली की शराब नीति में कथित गड़बड़ी को लेकर मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी. मनीष सिसोदिया उन 15 लोगों में भी शामिल हैं, जिनके ख़िलाफ़ सीबीआई ने एफ़आईआर दर्ज की है. प्रवर्तन निदेशालय ने भी उनके ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 62 आम आदमी पार्टी के पास हैं और आठ सीटें बीजेपी के पास हैं. (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अगस्त। सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार को खेल दिवस के अवसर पर अपने निवास कार्यालय में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा की मेजर ध्यानचंद ने अपने उत्कृष्ट खेल के बदौलत देश को गौरवान्वित किया है। उनके दौर में भारत ने हॉकी का स्वर्णिम दौर देखा है। ध्यानचंद में गोल करने की क्षमता कमाल की थी। उनके दौर में भारत ने 1928, 1932 एवं 1936 के ओलंपिक में गोल्ड मैडल जीते थे। उनसे प्रेरणा पाकर आज भी हॉकी के खिलाड़ी अपना बेहतर प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। गौरतलब है कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के चीफ़ जस्टिस पद से न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना के सेवानिवृत्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्लाह ने उन पर टिप्पणी की है.
उमर अब्दुल्लाह ने आरोप लगाया है कि जस्टिस एनवी रमन्ना ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया.
केंद्र सरकार ने पाँच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया था.
उमर अब्दुल्लाह ने कुछ महीने पुरानी एक ख़बर ट्वीट की. ये ख़बर जस्टिस एनवी रमन्ना की उस टिप्पणी के बारे में थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के बाद याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.
एनवी रमन्ना का कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 को पूरा हो गया.
उमर अब्दुल्लाह ने लिखा, "और फिर वह पीठ गठित किए बिना ही सेवानिवृत्त हो गए. उन्होंने बहुत आसानी से इन मामलों को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया."
उन्होंने लिखा, "कुछ लोगों को हैरानी होती है कि इन संस्थाओं पर भरोसा कम क्यों हो गया? शायद गंभीर मामलों से निपटने के लिए तरीक़े से इसका कुछ वास्ता है." (bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अगस्त। महापौर एजाज ढेबर ने सोमवार को एमआईसी की बैठक बुलाई है। इसमें हुए फैसलों की मंजूरी के लिए 8 सितंबर को सामान्य सभा भी होगी। यह बैठक करीब पांच महीने बाद होगी।
हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद की एक टिप्पणी को लेकर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता रहीं शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जवाब दिया है. शर्मिष्ठा ने बीते दिनों सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था.
दरअसल, टीवी चैनल सीएनएन-न्यूज़ 18 को दिए इंटरव्यू में पूर्व राज्यसभा सांसद ग़ुलाम नबी आज़ाद ने दावा किया है कि जब उन्हें पुरस्कार दिया गया, या दिवंगत प्रणब मुखर्जी को ही भारत रत्न से नवाज़ा गया, तो उस समय कांग्रेस से कोई भी नहीं आया. वहीं, पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के शव को भी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर रखा गया.
पत्रकार पल्लवी घोष ने इंटरव्यू के दौरान ग़ुलाम नबी आज़ाद की कही इस बात को ट्वीट किया.
इस पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जवाब दिया, "बीच में बोलने के लिए माफ़ी चाहती हूँ. लेकिन बाबा को जब भारत रत्न दिया गया तो ग़ुलाम नबी आज़ाद ख़ुद नहीं आए और न ही बाद में मिलने ही आए. हालाँकि अहमद पटेल, भूपिंदर हुड्डा, शशि थरूर, आनंद शर्मा और जनार्दन द्विवेदी जैसे कुछ वरिष्ठ नेता ज़रूर समारोह में आए थे."
बता दें कि बीते सप्ताह शुक्रवार को ग़ुलाम नबी आज़ाद ने पाँच पन्नों की चिट्ठी में अपनी नाख़ुशी और मायूसी ज़ाहिर करते हुए कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था.
उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी चिट्ठी में राहुल गांधी को अपरिक्व बताते हुए उनपर जमकर निशाना साधा था.
आज़ाद ने सोनिया गांधी को अपने पत्र में नाम मात्र की अध्यक्ष बताया था और कहा था कि "सारे अहम फ़ैसले राहुल गांधी कर रहे हैं, बल्कि उससे भी बदतर तो ये है कि उनके सिक्योरिटी गार्ड और निजी सचिव फ़ैसले कर रहे हैं." (bbc.com/hindi)
शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को जारी रखने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अब कर्नाटक सरकार और कई अन्य से जवाब मांगा है.
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की अगुवाई वाली दो जजों की पीठ ने हिजाब पर रोक बरकरार रखने वाले फ़ैसले के 167 दिनों बाद इसके ख़िलाफ़ दायर कई अर्ज़ियों पर सोमवार को सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान कुछ याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से मामले को टालने की अपील की. इसपर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, "पहले आप तुरंत सुनवाई चाहते थे और अब आप इसे टालना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे."
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई पाँच सितंबर तक टाल दी है.
इसी साल 15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की ओर से दायर याचिका को ख़ारिज करते हुए हिजाब को इस्लाम का ग़ैर-ज़रूरी हिस्सा बताया था. इन छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश से रोका गया था, जिसके बाद मुस्लिम छात्राओं ने अदालत का रुख़ किया था.
कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्कूल यूनिफॉर्म को ज़रूरी बताया और कहा कि छात्र इसपर आपत्ति नहीं कर सकते.
इस साल की शुरुआत में कर्नाटक के उडुपी में प्री यूनिवर्सिटी गवर्नमेंट कॉलेज से हिजाब विवाद शुरू हुआ था. इसके बाद राज्य के कई कॉलेजों में इसका असर हुआ और कई जगह हिंसक झड़पें भी देखने को मिलीं.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहने देने जाने की मांग की गई थी. (bbc.com/hindi)
भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में एशिया कप के लिए रविवार को हुए रोमांचक मुक़ाबले में भारत की पाँच विकेट से जीत हुई.
भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और रवींद्र जाडेजा का इस मैच को जिताने में सबसे अधिक योगदान रहा और हर तरफ़ उनकी खू़ब चर्चा भी है.
इस बीच सोशल मीडिया पर मैच से जुड़ा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है, लेकिन ये भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों से जुड़ा नहीं है.
दरअसल, ये वीडियो है जय शाह का. बीसीसीआई सचिव के साथ ही जय शाह एशिया क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं.
मैच के दौरान कई बार कैमरा जय शाह की ओर गया और इन्हीं में से एक मौक़े का वीडियो शेयर कर अब विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर हमला कर रही हैं.
वीडियो में तिरंगा हाथ में लिए एक शख़्स जय शाह से कुछ कह रहे हैं. बदले में जय शाह ना में सिर हिलाते दिख रहे हैं.
अब विपक्षी पार्टियाँ इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रही हैं कि जय शाह तिरंगे को पकड़ने से कतरा रहे थे. जय शाह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे भी हैं.
कांग्रेस पार्टी ने इस वीडियो के साथ लिखा है- तिरंगे से दूरी की आदत इनकी कई पीढ़ियों पुरानी है- जाएगी कैसे?
कांग्रेस हिंदुत्ववादी संगठन आरएसएस पर तिरंगा विरोधी होने का आरोप लगाती रही है. माना जाता है कि आरएसएस ही बीजेपी की दिशा-दशा तय करने में अहम भूमिका निभाती है.
तंज़ भरे अंदाज़ में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, "मेरे पास पापा हैं, तिरंगा अपने पास रखो."
वहीं, राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने भी इस वीडियो के ज़रिए संघ और बीजेपी पर निशाना साधा है. आरएलडी ने लिखा है कि संघ की परंपरा को गृह मंत्री अमित शाह के सुपुत्र आगे बढ़ा रहे हैं. उन्हें तिरंगे के सम्मान की बजाय राष्ट्रीय ध्वज के तिरस्कार में रुचि है.
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस वीडियो के साथ लिखा है कि इस तरीके से तिरंगे को झटकना 133 करोड़ आबादी का अपमान है. (bbc.com/hindi)
सीएस से मिलने पहुंचे फेडरेशन के नेता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अगस्त। प्रदेश में हफ्तेभर से चल रही अधिकारी-कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो सकती है। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के नेता सोमवार को सीएस अमिताभ जैन से मिलने पहुंचे हैं। दूसरी तरफ, कई कर्मचारी हड़ताल से अलग हो गए हैं, और काम पर लौटना शुरू भी हो गया है।
छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के आव्हान पर सरकारी सेवक 22 तारीख से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। कई संगठन हड़ताल से अलग हैं। फेडरेशन के नेता डीए बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। वो सरकार के 6 फीसदी डीए देने के फैसले से संतुष्ट नहीं है। हालांकि हड़ताल से कई संगठन अलग हो रहे हैं।
कोषालय कर्मचारियों ने काम शुरू कर दिया है। स्कूल में भी शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ रही है। हड़ताल खत्म करने के लिए लगातार पड़ रहे दबाव के बीच सोमवार को फेडरेशन के नेता सीएस से मिलने पहुंचे हैं। समाचार लिखे जाने तक चर्चा जारी है। कहा जा रहा है कि नेता कोई बीच का रास्ता चाहते हैं। संकेत हैं कि जल्द हड़ताल भी खत्म हो सकती है।
नई दिल्ली, 29 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम महाधिवक्ता रविन्द्र श्रीवास्तव ने नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से सौजन्य भेंट की।
इस अवसर पर श्री श्रीवास्तव ने उन्हें निर्वाचन पर शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अगस्त। भनपुरी स्थित सागर इंटरप्राइजेज फैक्ट्री में करंट फैलने से सिक्युरिटी गार्ड की मौके पर मौत हो गई। गार्ड का नाम मनहरण दास मानिकपुरी 55 साल बताया गया है। खमतराई थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डी आर आई ने पकड़ा, डीडीयू नगर पुलिस को सौंपा
रायपुर। राजस्व गुप्तचर निदेशालय (डी आर आई)की टीम ने शनिवार को सरोना चौक के पास फार्च्यूनर कार समेत तीन आरोपियों को पकड़ कर डीडी नगर पुलिस को सौंपा।
डी आर आई सिविल लाइंस कार्यालय के संजीव सिंह की रिपोर्ट पर पुलिस ने 25 आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया है।
डी आर आई के डिप्टी डायरेक्टर पंकज खण्डागडे को सूचना मिली थी कि राजस्थान पासिंग कार से कुछ लोग बड़ी मात्रा में गांजा लेकर रिंग रोड से गुजर रहे हैं। पंकज ने अपनी टीम के साथ सरोना चौक पर नाके बंदी कर फार्च्यूनर कार को पकड़ा। उसमें गांजा बरामद किया या नहीं, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। डीडी नगर थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार कार क्र आरजे 19-यूसी/8863 की तलाशी के दौरान आरोपियों के कब्जे से 2 देशी कट्टा 15 जिंदा कारतूस, 2 तलवार, 3 खाली कारतूस मिले। डी आर आई की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है। इस मामले में तीन आरोपी ओला राम जाट, जेठ भारती और देवीलाल को गिरफ्तार किया गया है।
रायपुर। केंद्र के समान डीए को लेकर अधिकारी, कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल आज आठ दिन हो जाएंगे। राज्य सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं किया है। वित्त विभाग ने सीएम बघेल की घोषणा के मुताबिक पांच प्रतिशत के अनुसार पे- बिल बनाना शुरू कर दिया है। इसमें कर्मचारियों को एरियर्स नहीं मिलेगा। लोरमी के हड़ताली कर्मचारियों ने देश भर के राज्यों और छत्तीसगढ़ में दिए जा रहे डीए का तुलनात्मक तालिका वायरल किया है। इसमें 16 राज्यों में सबसे कम छत्तीसगढ़ में दिया जा रहा है। सबसे अधिक कर्मचारी, अधिकारी वाले महाराष्ट्र 17 लाख और उत्तर प्रदेश 16 लाख भी 1 जनवरी से 34% डीए दे रहे हैं। देखें तालिका ----
जम्मू, 29 अगस्त। गुलाम नबी आजाद के बाद कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार को यहां जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री जी एम सरूरी के नेतृत्व में बैठक की।
कांग्रेस से 26 अगस्त को इस्तीफा देने वाले आजाद (73) का चार सितंबर को जम्मू पहुंचने का कार्यक्रम है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में एक नयी पार्टी बनाने की घोषणा की है।
सरूरी ने पीटीआई-भाषा कहा, ‘‘आजाद के समर्थन में पार्षदों, पंचायत सदस्यों और ब्लॉक स्तर के नेताओं सहित कांग्रेस के 500 से अधिक प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बैठक यह संदेश देने के लिए बुलाई गई थी कि हम सभी आजाद के साथ हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आगामी दिनों में, आप देश भर के नेताओं को आजाद की पार्टी के साथ आते देखेंगे। जम्मू कश्मीर में 25 नवंबर को मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के पूरा होने के बाद विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, इसलिए आजाद का फोकस यहीं है।’’
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष सरूरी ने कहा कि नयी पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और ‘‘हमें विश्वास है कि आजाद जम्मू कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे।’’
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि उनकी पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में अपने दम पर जीत हासिल करने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘‘आजाद के इस्तीफे ने कांग्रेस नेतृत्व का पर्दाफाश कर दिया है..वह आगे क्या करने जा रहे हैं, यह उनका अपना फैसला है। अगर उन्होंने अपनी पार्टी बनाने का फैसला किया है, तो उन्हें कोई नहीं रोक सकता।’’
रैना ने कहा कि भाजपा किसी भी पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करेगी क्योंकि ‘‘हम अपने बल पर चुनाव जीतने में सक्षम हैं। हम 50 से अधिक सीट जीतेंगे और अगला मुख्यमंत्री भाजपा का होगा।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 अगस्त। एक व्यक्ति को अपनी 23 वर्षीय कर्मी की कथित रूप से हत्या करने को लेकर चार अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
उसने बताया कि आरोपियों की पहचान अनुज (34), जयप्रकाश (28), पंकज (22), श्यामसुंदर (25) और सुमित (26)के रूप में हुई है। उसके अनुसार छठा आरोपी शरीफ फरार है।
पुलिस ने बताया कि कथित रूप से महिला कर्मी के साथ विवाहेतर संबंध में रहे मुख्य आरोपी अनुज ने चार अन्य के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची।
पुलिस के अनुसार, अनुज ने महिला की हत्या करवाने के लिए एक व्यक्ति को दो लाख रुपये की सुपारी दी तथा आधी रकम अग्रिम राशि के रूप में भुगतान की। उसके मुताबिक महिला कर्मी इसबात से अनजान थी कि आरोपी पहले से शादीशुदा है।
पुलिस के अनुसार, शनिवार शाम सात बजे किसी ने उसे कॉल किया कि आजादपुर के केवल पार्क में टिम्बर बाजार के एक कार्यालय में एक महिला खून से लथपथ पड़ी है।
जब पुलिस मौके पर पहुंची तब उसने पाया कि महिला का गला रेत दिया गया है। पुलिस उसे अस्पताल ले गयी जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कार्यालय बजाज फाइनेंस के साथ कथित रूप से मिलकर ‘सिंह एंड ब्रदर्स फाइनेंसियल सर्विस’ द्वारा चलाया जा रहा था। उनके अनुसार, यह महिला उस कार्यालय में टेलीकॉलर थी।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिमोत्तर) उषा रंगनानी ने बताया कि जांच में अनुज की संलिप्तता उजागर हुई और सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ अनुज ने कहा कि वह शादीशुदा था और उसका दो तीन सालों से इस महिला से विवाहेतर संबंध था । उसने उससे यह बात छिपायी कि वह शादीशुदा है। बाद में जब महिला उसपर यथाशीघ्र शादी करने का दबाव बनाने लगी तब उसने उसकी हत्या कराने का निर्णय लिया और अपने एक सहकर्मी से इसकी चर्चा की।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 अगस्त। पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में रविवार को 37 वर्ष के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी, बेटी और सास को चाकू मारकर घायल कर दिया। यह जानकारी पुलिस ने दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी सिद्धार्थ को गिरफ्तार कर लिया गया है जो पेशे से एक इंजीनियर है और गुरुग्राम में काम करता है।
अधिकारी ने बताया कि घायल अदिति शर्मा (37), उनकी आठ वर्षीय बेटी और मां माया देवी (60) को वसुंधरा एन्क्लेव के धर्मशिला नारायण अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) प्रियंका कश्यप ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमले के पीछे वैवाहिक कलह को कारण माना जा रहा है। कश्यप ने कहा कि कानून की उपयुक्त धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया जा रहा है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 अगस्त। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पारिवारिक संबंध घरेलू, अविवाहित सहजीवन या समलैंगिक रिश्ते के रूप में भी हो सकते हैं। साथ ही अदालत ने उल्लेख किया कि एक इकाई के तौर पर परिवार की ‘असामान्य’ अभिव्यक्ति उतनी ही वास्तविक है जितनी कि परिवार को लेकर पारंपरिक व्यवस्था, तथा यह भी कानून के तहत सुरक्षा का हकदार है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि कानून और समाज दोनों में ‘‘परिवार’’ की अवधारणा की प्रमुख समझ यह है कि ‘‘इसमें एक मां और एक पिता (जो संबंध समय के साथ स्थिर रहते हैं) और उनके बच्चों के साथ एक एकल, अपरिवर्तनीय इकाई होती है।’’
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने एक आदेश में कहा ‘‘यह धारणा दोनों की उपेक्षा करती है, कई परिस्थितियां जो किसी के पारिवारिक ढांचे में बदलाव ला सकती हैं, और यह तथ्य कि कई परिवार इस अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं। पारिवारिक संबंध घरेलू, अविवाहित सहजीवन या समलैंगिक संबंधों का रूप ले सकते हैं।’’ आदेश की प्रति रविवार को अपलोड की गई।
शीर्ष अदालत की टिप्पणियां महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि कार्यकर्ता 2018 में समलैंगिकता को शीर्ष अदालत द्वारा अपराध की श्रेणी से बाहर करने के बाद एलजीबीटी के लोगों के विवाह और ‘सिविल यूनियन’ को मान्यता देने के साथ-साथ लिव-इन जोड़ों को गोद लेने की अनुमति देने के मुद्दे को उठा रहे हैं।
शीर्ष अदालत ने एक फैसले में यह टिप्पणी की कि एक कामकाजी महिला को उसके जैविक बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश के वैधानिक अधिकार से केवल इसलिए वंचित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उसके पति की पिछली शादी से दो बच्चे हैं और उसने उनमें से एक की देखभाल के लिए छुट्टी का लाभ उठाया था।
न्यायालय ने कहा है कि कई कारणों से एकल माता-पिता का परिवार हो सकता है और यह स्थिति पति या पत्नी में से किसी की मृत्यु हो जाने, उनके अलग-अलग रहने या तलाक लेने के कारण हो सकती है।
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘इसी तरह, बच्चों के अभिभावक और देखभाल करने वाले (जो परंपरागत रूप से ‘मां’ और ‘पिता’ की भूमिका निभाते हैं) पुनर्विवाह, गोद लेने या दत्तक के साथ बदल सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि कि प्रेम और परिवारों की ये अभिव्यक्तियां विशिष्ट नहीं हो सकती हैं, लेकिन वे अपनी पारंपरिक व्यवस्था की तरह ही वास्तविक हैं और परिवार इकाई की ऐसी असामान्य अभिव्यक्तियां न केवल कानून के तहत सुरक्षा के लिए बल्कि सामाजिक कल्याण कानून के तहत उपलब्ध लाभों के लिये भी समान रूप से योग्य हैं।
पीठ की तरफ से फैसला लिखने वाले न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि जब तक वर्तमान मामले में एक उद्देश्यपूर्ण व्याख्या नहीं अपनाई जाती, तब तक मातृत्व अवकाश देने का उद्देश्य और मंशा विफल हो जाएगी।
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘1972 के नियमों के तहत मातृत्व अवकाश देने का उद्देश्य महिलाओं को कार्यस्थल पर बने रहने में सुविधा प्रदान करना है। इस तरह के प्रावधानों के लिए यह एक कठोर वास्तविकता है कि अगर उन्हें छुट्टी और अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती हैं तो कई महिलाएं सामाजिक परिस्थितियों के मद्देनजर बच्चे के जन्म पर काम छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगी।’’
पीठ ने कहा कि कोई भी नियोक्ता बच्चे के जन्म को रोजगार के उद्देश्य से अलग नहीं मान सकता है और बच्चे के जन्म को रोजगार के संदर्भ में जीवन की एक प्राकृतिक घटना के रूप में माना जाना चाहिए। इसलिए, मातृत्व अवकाश के प्रावधानों को उस परिप्रेक्ष्य में माना जाना चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले के तथ्यों से संकेत मिलता है कि अपीलकर्ता (पेशे से नर्स) के पति की पहले भी शादी हुई थी, जो उसकी पत्नी की मृत्यु के परिणामस्वरूप समाप्त हो गया था, जिसके बाद उसने महिला शादी की।
पीठ ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि अपीलकर्ता के पति की पहली शादी से दो बच्चे थे, इसलिए अपीलकर्ता अपने एकमात्र जैविक बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश का लाभ उठाने की हकदार नहीं होगी।’’
पीठ ने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि उसे पहले की शादी से अपने जीवनसाथी से पैदा हुए दो जैविक बच्चों के संबंध में बाल देखभाल के लिए छुट्टी दी गई थी, यह एक ऐसा मामला हो सकता है जिस पर संबंधित समय पर अधिकारियों द्वारा उदार रुख अपनाया गया था।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले के तथ्य भी संकेत देते हैं कि अपीलकर्ता के परिवार की संरचना तब बदल गई, जब उसने अपनी पिछली शादी से अपने पति के जैविक बच्चों के संबंध में अभिभावक की भूमिका निभाई। (भाषा)
एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि क्या अब भारत के मुसलमानों को घर में नमाज़ पढ़ने के लिए भी प्रशासन की मंज़ूरी लेनी पड़ेगी.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 24 अगस्त को दो घरों में बड़ी संख्या में लोग नमाज़ पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे.
मस्जिद की बजाय मकान में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के नमाज़ पढ़ने पर पुलिस में शिकायत दी गई.
इसके बाद छजलैट थाना क्षेत्र में इसको लेकर मुक़दमा दर्ज किया गया और पुलिस ने कहा है कि गिरफ़्तारी की कोशिशें जारी हैं.
इसी मामले में समाचार एजेंसी एएनआई पर मुरादाबाद एसपी के बयान को कोट करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया, "कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जाएगा?"
उन्होंने ट्वीट किया, "भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज़ नहीं पढ़ सकते? क्या अब नमाज़ पढ़ने के लिए भी हुकूमत/पुलिस से इजाज़त लेनी होगी? को इसका जवाब देना चाहिए, कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जाएगा?"
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, "समाज में कट्टरपंथ इस हद तक फैल गया है कि अब दूसरों के घरों में नमाज़ पढ़ने से भी लोगों के “जज़्बात” को ठेस पहुँच जाती है." (bbc.com/hindi)