अंतरराष्ट्रीय
बीजिंग, 4 अप्रैल। ‘दक्षिण चीन सागर का इतिहास और प्रभुसत्ता’ पुस्तक के लेखक और ब्रिटिश अंतरराष्ट्रीय कानून के विशेषज्ञ ऐंथनी कार्टी ने बताया कि दक्षिण चीन सागर के द्वीप प्राचीन समय से ही चीन की भूमि का एक अभिन्न अंग रहे हैं। दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर चीन की प्रभुसत्ता के पर्याप्त ऐतिहासिक और कानूनी प्रमाण हैं।
पेइचिंग में आयोजित एक संगोष्ठी में ऐंथनी कार्टी ने पुस्तक ‘दक्षिण चीन सागर का इतिहास और प्रभुसत्ता’ लिखने की प्रक्रिया साझा की। दस से अधिक सालों में उन्होंने फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका में 19वीं सदी के अंत से दक्षिण चीन सागर के द्वीपों की प्रभुसत्ता संबंधी फाइलों को पढ़ा और संबंधित जगहों पर जाकर पड़ताल भी की।
उन्होंने बारीकी से दक्षिण चीन सागर के द्वीपों के ऐतिहासिक परिवर्तन और प्रभुसत्ता का अध्ययन कर साबित किया है कि दक्षिण चीन सागर के द्वीपों की प्रभुसत्ता चीन की है।
ऐंथनी कार्टी के अध्ययन का मुख्य विषय अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की फिलॉसफी तथा इतिहास है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून की फिलॉसफी आदि पुस्तिकें लिखीं। (आईएएनएस)
तेहरान, 4 अप्रैल । ईरान के कानूनी मामलों के उपाध्यक्ष मोहम्मद देहकान ने कहा है कि देश सीरिया में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर "घातक हमले" के लिए इजरायल के खिलाफ मुकदमा दायर करेगा।
देहकान ने बुधवार को तेहरान में एक कैबिनेट बैठक के मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने सीरिया की राजधानी दमिश्क में वाणिज्य दूतावास की इमारत को नष्ट करने वाले मिसाइल हमले के लिए इजरायल के खिलाफ ईरान के कानूनी उपायों के बारे में विस्तार से बताया। इस हमले में कम से कम 14 मौतें हुईं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अर्ध-आधिकारिक समाचार एजेंसी फ़ार्स के हवाले से बताया कि देहकान ने कहा कि इज़रायली हमले ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है। ईरान वर्तमान में कानूनी आकलन कर रहा है और जल्द ही अपने कानूनी निर्णयों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स वॉर मॉनिटर ने मंगलवार को कहा कि हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। इनमें आठ ईरानी, पांच सीरियाई और लेबनान के हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह का एक सदस्य शामिल है। ऑब्जर्वेटरी ने बताया कि यह देखते हुए कि गंभीर रूप घायलों को देखते हुए मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
(आईएएनएस)
सोल, 4 अप्रैल । मर्सिडीज-बेंज कोरिया, स्टेलेंटिस कोरिया और दो अन्य कार निर्माता कंपनियों ने दोषपूर्ण कंपोनेंट्स के कारण 50 हजार से अधिक वाहनों को वापस मंगाने की घोषणा की है। परिवहन मंत्रालय ने यहां गुरुवार को यह जानकारी दी।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूमि, बुनियादी ढांचा एवं परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि होंडा मोटर और जगुआर लैंड-रोवर कोरिया सहित चार कंपनियां स्वेच्छा से 62 विभिन्न मॉडलों की कुल 50,760 इकाइयों को वापस बुला रही हैं।
बयान में कहा गया है कि जिन समस्याओं के कारण वाहन वापस मंगाए गए हैं उनमें मर्सिडीज-बेंज की जीएलई 450 4मैटिक एसयूवी की गियरबॉक्स नियंत्रण इकाई में सॉफ्टवेयर समस्याएं, स्टेलंटिस की जीप ग्रैंड चेरोकी एसयूवी में एक दोषपूर्ण कंट्रोल आर्म और होंडा की एकॉर्ड सेडान की यात्री सीट में एक दोषपूर्ण सर्किट बोर्ड शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा, "वाहन मालिक सरकार के होमपेज www.car.go.kr पर जांच कर सकते हैं या 080-357-2500 पर कॉल करके देख सकते हैं कि क्या उनके वाहन को भी वापस मंगाया गया है।"
पिछले साल नवंबर में, मर्सिडीज-बेंज कोरिया और तीन अन्य कार कंपनियों ने दोषपूर्ण घटकों के कारण 10 हजार से अधिक वाहन वापस बुलाए थे।
मंत्रालय ने कहा था कि कंपनियों, जिनमें बीएमडब्ल्यू ग्रुप कोरिया, फॉक्सवैगन ग्रुप कोरिया और घरेलू विद्युतीकृत वैन निर्माता जीस मोबिलिटी भी शामिल हैं। उन्होंने स्वेच्छा से 20 अलग-अलग मॉडलों की कुल 10,981 इकाइयों को वापस बुला लिया।
(आईएएनएस)
सियोल, 4 अप्रैल । दक्षिण कोरिया लोगों के जीवन में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस लाने के लिए 710.2 बिलियन वॉन खर्च करेगा। विज्ञान मंत्रालय ने गुरुवार को ये जानकारी दी।
विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक, एआई रणनीति के लिए गठित सरकारी पैनल ने इस मुद्दे पर अपनी पहली बैठक बुलाई, जिसमें 69 एआई परियोजना को मंजूरी दी गई।
लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए 18 कार्यक्रमों पर लगभग 75.5 बिलियन वॉन खर्च किए जाएंगे, 288.1 बिलियन वॉन 24 कार्यस्थल-संबंधित परियोजनाओं के लिए और 115.7 बिलियन वॉन 14 सार्वजनिक प्रशासन के लिए आवंटित किए गए हैं।
इसके अलावा, योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 230.0 बिलियन वॉन को एआई एजुकेशन के लिए अलग से आवंटित किया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि सरकार सार्वजनिक सेवाओं में एआई का लाभ उठाना चाहती है, जिसमें विकलांग व्यक्तियों के लिए सूचना और संचार सहायता का वितरण, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का प्रावधान और दृष्टिहीन परिवारों के लिए सहायता शामिल है।
सरकार का लक्ष्य कानून, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक परामर्श जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष एआई सेवाओं को विकसित कर विभिन्न उद्योगों में एआई को तैनात करना भी है।
मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र में, एआई प्रौद्योगिकियां आग, बाढ़ और संक्रामक रोग फैलने जैसे परिदृश्यों के लिए आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करेंगी।
(आईएएनएस)
हुआलीन (ताइवान), 4 अप्रैल। ताइवान में आए शक्तिशाली भूकंप के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को बचावकर्मी लापता लोगों की खोज में जुट गये।
ताइवान में बुधवार को आये भूकंप को बीते 25 वर्षों में सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जा रहा है, जिससे कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गयीं और कई जगह पत्थरों के खिसकने की खबरें सामने आईं।
भूकंप से नौ लोगों की मौत हो गयी।
भूकंप के केंद्र के समीप पूर्वी तटीय शहर हुआलीन में मजदूरों ने एक क्षतिग्रस्त इमारत को स्थिर करने और ढहने से बचाने के लिए उसके चारों ओर निर्माण सामग्री डालने के लिए खुदाई की।
मेयर सू चेन-वेई ने पहले कहा था कि भूकंप से 48 आवासीय इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं। इन क्षतिग्रस्त इमारतों में से कुछ के भूतल ढह गये, जिसकी वजह से ये इमारतें खतरनाक तरीके से झुक गईं।
भूकंप में एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मारे गये नौ लोगों में से कम से कम चार व्यक्ति तारोको राष्ट्रीय उद्यान के भीतर थे।
राष्ट्रीय दमकल एजेंसी के मुताबिक करीब 150 लोग लापता हैं।
उद्यान में करीब दो दर्जन पर्यटक और कुछ अन्य लोग फंसे हुए थे। स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय ने बताया कि एक चट्टान खदान में 64 अन्य मजदूर काम कर रहे थे। मंत्रालय के मुताबिक, एक अन्य खदान से छह मजदूरों को हवाई मार्ग से बाहर निकाला गया क्योंकि चट्टानें गिरने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थीं और वहां तक पहुंचना मुश्किल हो गया था।
मंत्रालय ने बताया कि विश्वविद्यालय के छह विद्यार्थियों सहित कई लोगों के अब भी फंसे होने की सूचना है। मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रीय उद्यान में फंसे करीब 50 लोगों से अधिकारियों का संपर्क नहीं हो सका, इनमें से अधिकांश होटल के कर्मचारी हैं। (एपी)
हुलिएन(ताइवान), 3 अप्रैल। ताइवान में बुधवार सुबह गत 25 साल का सबसे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे इमारतें तथा राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गए तथा नौ लोगों की मौत हो गई।
भूकंप की वजह से पूरे द्वीपीय देश में रेल सेवा रोकनी पड़ी। हालांकि, पूर्व में जारी सुनामी की चेतावनी बाद में वापस ले ली गई।
भूकंप का केंद्र ग्रामीण, पहाड़ी हुलिएन काउंटी का तट था, जहां इमारतें 45 डिग्री के कोण पर झुक गईं और कई इमारतें ढह गईं। भूकंप के केंद्र से महज 150 किलोमीटर दूर राजधानी ताइपे में पुरानी इमारतों और कुछ नए कार्यालय परिसरों में टाइल्स गिर गईं। विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया और उन्हें हेलमेट पहनाए गए। कुछ बच्चे ऊपर से गिरती चीजो से बचाव के लिए अपने सिर को किताबों से ढकते दिखे।
टेलीविज चैनल पर प्रसारित तस्वीरों में पड़ोसियों और बचावकर्मियों द्वारा झटकों के कारण दरवाजे बंद होने के कारण एक बच्चे सहित अन्य लोगों को खिड़कियों के रास्ते सड़क पर लाते देखा जा सकता है। सभी सदमे में थे लेकिन उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं आई थी।
ताइवान में नियमित रूप से भूकंप के झटके आते हैं और उसके पास दुनिया की सबसे उन्नत भूकंप रोधी तैयारी है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अपेक्षाकृत हल्के भूकंप की उम्मीद थी और तदनुसार उन्होंने चेतावनी नहीं भेजी। उन्होंने बताया कि अंतत: भूकंप का झटका इतना जोरदार था कि ऐसे झटकों के आदी लोग भी भयभीत हो गए।
ताइपे स्थित एक अपार्टमेंट की पांचवी मंजिल पर रहने वाले ह्सियेन ह्सुएन केंग ने कहा, ‘‘मैं ऐसे झटकों के साथ बड़ा हुआ हूं लेकिन आज पहली बार मैं इस भूकंप के झटके से डर कर रोने लगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ भूकंप के झटके के साथ मैं उठा। मैंने कभी इतने जोरदार झटके महसूस नहीं किए थे।’’
ताइवान की राष्ट्रीय दमकल एजेंसी ने कहा कि सुबह करीब आठ बजे आए भूकंप में नौ लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अखबार ‘यूनाइटेड डेली न्यूज’ ने खबर दी है कि तारोको राष्ट्रीय उद्यान में चट्टान से पत्थर गिरने से तीन पैदल यात्रियों की मौत हो गई और इसी इलाके में एक बड़ा सा पत्थर एक वैन पर गिरने से उसके चालक की भी मौत हो गई।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 934 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि भूकंप के बाद संचार सेवा प्रभावित होने से एक मिनीबस में सवार होकर राष्ट्रीय उद्यान गए 50 लोगों से संपर्क टूट गया है। अन्य छह लोग कोयले की खदान में फंस गए हैं और उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है।
भूकंप और भूकंप के बाद के झटकों की वजह से भूस्खलन की 24 घटनाएं हुई हैं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हुई हैं।
ताइवान की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.4 मापी गई है। इसका केंद्र हुलिएन से दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में जमीन से करीब 35 किलोमीटर नीचे था।
राष्ट्रीय संसद भवन और ताइपे के दक्षिण में स्थित मुख्य हवाई अड्डे का एक खंड मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। यह संसद भवन द्वितीय विश्व युद्ध से पहले बनाए गए स्कूल में है।
पूर्वी तट के पास पहाड़ी क्षेत्र में सुरंगों और राजमार्गों पर भूस्खलन और गिरते मलबे के कारण यातायात लगभग ठप हो गया। पूरे द्वीप में ट्रेन सेवा को निलंबित कर दिया गया और ताइपे में ‘सबवे’ सेवा को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। द्वीपीय देश की आबादी 2.3 करोड़ है।
भूकंप के तुरंत बाद द्वीप पर मची अफरा-तफरी जल्द ही सामान्य स्थिति में बदल गई क्योंकि ताइवान में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए विद्यालयों और अन्य स्थानों पर लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है और मीडिया व मोबाइल के द्वारा नोटिस भेजा जाता है।
भूकंप विज्ञानी और मिसौरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीफन गाओ ने कहा कि ताइवान की तैयारी दुनिया में सबसे उन्नत है, जिसमें सख्त इमारत निर्माण मानक और एक विश्व स्तरीय भूकंप विज्ञान नेटवर्क शामिल है।
दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई और ताइपे के उत्तरी उपनगरीय इलाके बेइतोउ में मेट्रो में भीड़ देखी और लोग काम पर जाते दिखे।
चीनी मीडिया के मुताबिक भूकंप के झटके चीन की आर्थिक राजधानी शंघाई और दक्षिण पूर्वी तट पर भी महसूस किए गए। चीन और ताइवान की दूरी करीब 160 किलोमीटर है।
वहीं, जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा कि भूकंप के झटके के 15 मिनट बाद योनगुनी द्वीप पर सुनामी की 30 सेंटीमीटर ऊंची लहर देखी गई है। इशिगाकी और मियाको द्वीपों पर भी छोटी लहरें उठीं। हालांकि, बुधवार की दोपहर इलाके में सभी तरह की चेतावनी वापस ले ली गई।
हुलिएन में इससे पहले 2018 में भूकंप का झटके आये थे जिनमें 17 लोगों की मौत हुई थी और ऐतिहासिक होटल ध्वस्त हो गया था। ताइवान में हाल के वर्षों में 21 सितंबर 1999 को सबसे भीषण भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इसमें 2400 लोगों की मौत हो गई थी, करीब एक लाख लोग जख्मी हो गए थे और हजारों इमारतें नष्ट हो गई थीं।
भूकंप से आर्थिक नुकसान का आकलन अबतक नहीं की किया गया है, लेकिन ताइवान दुनिया के सबसे परिष्कृत कंप्यूटर चिप्स और अन्य उच्च-प्रौद्योगिकी वस्तुओं का अग्रणी निर्माता है जो भूकंपीय घटनाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं। बिजली ग्रिड के कुछ हिस्सों को बंद कर दिया गया, जिससे संभवतः आपूर्ति श्रृंखला में बाधा उत्पन्न हुई और वित्तीय नुकसान हुआ।
ताइवान की चिप निर्माता टीएसएमसी एप्पल जैसी कंपनियों को सेमीकंडक्टर की आपूर्ति करती है। कपंनी ने बताया कि उसने ताइपे के दक्षिण-पश्चिम में ह्सिंचू में अपने कुछ कारखानों से कर्मचारियों को हटा दिया था। कारखाना के अधिकारियों ने बताया कि शहर के साइंस पार्क स्थित सभी कारखानों में बिजली और पानी की आपूर्ति सामान्य है।
ताइवान स्टॉक एक्सचेंज में भी बुधवार को सामान्य कामकाज हुआ। (एपी)
ताइवान में आए भीषण भूकंप के कारण अब तक नौ लोगों के मारे जाने की ख़बर है.
7.4 तीव्रता का ये भूकंप बीते 25 सालों का सबसे ताकतवर भूकंप बताया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया है कि भूकंप के कारण 800 लोग घायल हो गए हैं.
बचावकर्मी मलबे में फँसे लोगों की तलाश कर रहे हैं. ऐसे लोगों की संख्या 100 के क़रीब हो सकती है.
सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो देखे जा सकते हैं, जिसमें राजधानी ताइपे में इमारतों को हिलते हुए देखा जा सकता है. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 3 अप्रैल विश्व बैंक ने कहा है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। उसने आगाह किया है कि नकदी संकट से जूझ रहे देश में एक करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे जा सकते हैं।
विश्व बैंक की यह आशंका 1.8 प्रतिशत की सुस्त आर्थिक वृद्धि दर के साथ बढ़ती मुद्रास्फीति पर आधारित है जो चालू वित्त वर्ष में 26 प्रतिशत पर पहुंच गयी है।
विश्व बैंक ने पाकिस्तान के वृद्धि परिदृश्य पर अपनी छमाही रिपोर्ट में संकेत दिया कि देश लगभग सभी प्रमुख वृहद आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने से चूक सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने प्राथमिक बजट लक्ष्य से पीछे रह सकता है। वह लगातार तीन साल तक घाटे में रह सकता है। यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की शर्तों के उलट है। मुद्रा कोष ने अनिवार्य रूप से अधिशेष की स्थिति की शर्त रखी हुई है।
रिपोर्ट के मुख्य लेखक सैयद मुर्तजा मुजफ्फरी ने कहा कि हालांकि पुनरुद्धार व्यापक है लेकिन यह अभी शुरुआती अवस्था में है। गरीबी उन्मूलन के जो प्रयास हो रहे हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं।
इसमें कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि मामूली 1.8 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है। वहीं लगभग 9.8 करोड़ पाकिस्तानी के पहले से ही गरीबी रेखा के नीचे हैं। इसके साथ गरीबी की दर लगभग 40 प्रतिशत पर बनी हुई है।
रिपोर्ट में गरीबी रेखा के ठीक ऊपर रह रहे लोगों के नीचे आने के जोखिम को बताया गया है। इसके तहत एक करोड़ लोगों के गरीबी रेखा के नीचे आने का जोखिम है।
विश्व बैंक ने कहा कि गरीबों और हाशिये पर खड़े लोगों को कृषि उत्पादन में अप्रत्याशित लाभ से फायदा होने की संभावना है। लेकिन यह लाभ लगातार ऊंची महंगाई तथा निर्माण, व्यापार तथा परिवहन जैसे अधिक रोजगार देने वाले क्षेत्रों में सीमित वेतन वृद्धि से बेअसर होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान दिहाड़ी मजदूरों की मजदूरी केवल पांच प्रतिशत बढ़ी जबकि मुद्रास्फीति 30 प्रतिशत से ऊपर थी।
विश्व बैंक ने आगाह किया कि बढ़ती परिवहन लागत के साथ-साथ जीवन-यापन खर्च बढ़ने कारण स्कूल न जाने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि की आशंका है। साथ ही इससे किसी तरह गुजर-बसर कर रहे परिवारों के लिए बीमारी की स्थिति में इलाज में देरी हो सकती है। (भाषा)
वाशिंगटन, 3 अप्रैल । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को गाजा में इजराइली हमले में मारे गए एक अमेरिकी सहित वर्ल्ड सेंट्रल किचन (डब्ल्यूसीके) के सात कार्यकर्ताओं की मौत पर नाराजगी और दुख जताया है।
मंगलवार को एक बयान में बाइडेन ने कहा,"युद्ध के बीच भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे कार्यकर्ताओं की मौत एक त्रासदी है।"
सोमवार को इजरायली हमले में मारे गए डब्ल्यूसीके कार्यकर्ता ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, यूके, अमेरिका और कनाडा के दोहरे नागरिक और फिलिस्तीन से थे।
डब्ल्यूसीके ने एक बयान में बताया कि उसके कार्यकर्ताओं पर तब हमला किया गया, जब वे दीर अल-बलाह गोदाम में समुद्री मार्ग से गाजा के लिए लाई गई 100 टन से अधिक खाद्य सामग्री उतार कर बाहर आ रहे थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "इजराइल ने वादा किया है कि वह सहायता कर्मियों के वाहनों पर हवाई हमले की गहराई से जांच कराएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हमले की जवाबदेही तय की जानी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।"
उन्होंने कहा,"इससे भी अधिक दुखद बात यह है कि ये कोई अकेली घटना नहीं है। इसके पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। बाइडेन ने कहा कि इज़राइल ने नागरिकों की मदद कर रहे सहायता कर्मियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।''
बाइडेन ने कहा कि अमेरिका गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास करेगा।"
(आईएएनएस)
सियोल, 4 अप्रैल । उत्तर कोरिया ने बुधवार को दावा किया कि उसने मध्यम दूरी की नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) का सफल परीक्षण किया है। उसनेे कहा कि देश में विकसित सभी मिसाइलें अब ठोस ईंधन व परमाणु हथियारों की क्षमता के साथ लैस हैं।
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने मंगलवार को ह्वासोंग-16 मिसाइल के परीक्षण का मार्गदर्शन किया।
यह प्रक्षेपण उत्तर कोरिया द्वारा 14 जनवरी को मध्यम दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण के लगभग तीन महीने बाद हुआ। समाचार एजेंसी योनहाप ने बताया.कि पिछले महीने उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक आईआरबीएम के लिए एक ठोस-ईंधन इंजन का परीक्षण किया था।
किम ने ह्वासोंग-16 मिसाइल को "शक्तिशाली व रणनीतिक रूप से आक्रामक हथियार" बताया।
केसीएनए के अनुसार, किम ने कहा कि, देश ने "विभिन्न रेंज की सभी मिसाइलों को ठोस-ईंधन के साथ परमाणु हथियार ले जाने के लिए सक्षम बना दिया है।"
केसीएनए ने कहा कि मंगलवार को परीक्षण के दौरान हाइपरसोनिक मिसाइल पूर्वी सागर में एक हजार किलोमीटर की उड़ान भरते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंची।
किम ने कहा कि दुश्मनों को रोकने और नियंत्रित करने में सक्षम हथियारों को विकसित करना वर्तमान में हमारे देश के लिए सबसे जरूरी काम है।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया इस साल हथियारों के परीक्षण में तेजी ला रहा है। इसमें समुद्र और जमीन से क्रूज मिसाइलों का प्रक्षेपण और मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर से जुड़े फायरिंग अभ्यास शामिल हैं।
(आईएएनएस)
तेल अवीव, 3 अप्रैल। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने गाजा में एक सहायता काफिले पर हवाई हमले में मारे गए वर्ल्ड कंट्रोल किचन (डब्ल्यूसीके) के सात कर्मचारियों की मौत पर माफी मांगी है।
मंगलवार देर रात एक बयान में, आईडीएफ प्रमुख हर्ज़ी हलेवी ने कहा कि "गलत पहचान" के कारण वर्ल्ड सेंट्रल किचन के सात कर्मचारी मारे गए।
हलेवी ने आगे कहा कि डब्ल्यूसीके एक महत्वपूर्ण संगठन है, जो संघर्ष वाले क्षेत्रों में काम करता है। आईडीएफ ने अतीत में इसके साथ मिलकर काम किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि आईडीएफ ने हमले की प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है।
आईडीएफ प्रमुख ने कहा, डब्ल्यूसीके सहायता कर्मियों को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।
(आईएएनएस)
संयुक्त राष्ट्र, 3 अप्रैल। ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ की चार अरब लोगों को भोजन कराने की ऐतिहासिक उपलब्धि की संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सराहना की गई और इस दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत के सक्रिय कदमों का उल्लेख किया गया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने मंगलवार को एक विशेष कार्यक्रम - ‘खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियां: सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की ओर भारत के कदम’ की मेजबानी की, जिसमें खाद्य सुरक्षा और पोषण के संबंध में देश की नवीन रणनीतियों, नीतियों एवं उपलब्धियों और उनके एसडीजी, विशेषकर शून्य भुखमरी के लक्ष्य के अनुकूल होने का जिक्र किया गया।
इस कार्यक्रम में इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और ‘द अक्षय पात्र फाउंडेशन’ के अध्यक्ष मधु पंडित दास ने भारतीय एनजीओ द्वारा अब तक चार अरब लोगों को भोजन कराने की उपलब्धि हासिल किए जाने का जश्न मनाया।
इस अवसर के लिए विशेष रूप से भेजे गए एक संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार अरब लोगों को भोजन परोसने की ‘‘उल्लेखनीय उपलब्धि’’ पर ‘द अक्षय पात्र फाउंडेशन’ की पूरी टीम को बधाई दी और इसे ‘‘अत्यंत गर्व और खुशी’’ की बात बताया।
यह संदेश संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने पढ़ा।
मोदी ने इस संदेश में कहा, ‘‘यह उपलब्धि भुखमरी मिटाने और मनुष्यों को पोषण प्रदान करने की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस उपलब्धि के महत्व को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भोजन परोसकर और उजागर किया गया है, जो वैश्विक कल्याण के प्रति जुनून को दर्शाता है।’’
मोदी ने कहा कि अक्षय पात्र ने बड़ी संख्या में बच्चों को भोजन परोसा है और यह सुनिश्चित किया है कि ‘‘दुनिया के भविष्य के निर्माताओं को अच्छा पोषण मिले।’’ उन्होंने उस अवसर को भी याद किया जब उन्होंने फरवरी 2019 में वृन्दावन में अक्षय पात्र की ओर से भोजन परोसा था और उस समय संगठन ने तीन अरब लोगों को भोजन परोसने की उपलब्धि प्राप्त की थी।
सत्यार्थी ने इस दौरान कहा कि चार अरब लोगों को भोजन कराए जाने की उपलब्धि का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जश्न मनाना ‘‘बहुत महत्व रखता’’ है और यह ‘‘बहुत मजबूत संदेश’’ भेजता है क्योंकि यह ‘‘वह स्थान है जो आठ अरब लोगों की आशाओं और प्रेरणाओं का प्रतिनिधित्व करता है।’’
सत्यार्थी ने 2030 के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विफलता पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम एसडीजी को हासिल करने में असफल रहते हैं, तो हम भविष्य में भी विफल हो जाएंगे।’’
मूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र में अन्य देशों के नेताओं से अक्षय पात्र मॉडल का अनुसरण कर ‘‘अपने देश में गरीब बच्चों के लिए खुशी, स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, आशा और सफलता लाने’’ की अपील की।
उन्होंने फाउंडेशन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अक्षय पात्र ‘‘हमारा विश्वास बढ़ाता है कि भारत में वास्तव में अच्छी चीजें हो सकती है।’’
मूर्ति ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की आर्थिक नीतियों की सफलता, उसके दृष्टिकोण और भारतीय उद्यमियों एवं नागरिकों की कड़ी मेहनत के साथ-साथ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के कारण भारत अच्छी आर्थिक प्रगति कर रहा है।
इस मौके पर दास ने कहा कि यदि अन्य देश भी इस मॉडल को अपनाने के लिए अक्षय पात्र को आमंत्रित करते हैं तो संगठन इस ग्रह के हर नागरिक की भलाई के जुनून से प्रेरित होकर भारत की सीमाओं से परे जाकर काम करने का भी इच्छुक हैं
कंबोज ने कहा कि भारत विशेष रूप से गरीबी उन्मूलन में ‘‘साहसिक कदम’’ उठा रहा है।
अक्षय पात्र की भारत में 72 रसोई हैं, जो पिछले 24 वर्ष से 24,000 स्कूल में हर दिन 21 लाख बच्चों को खाना खिलाती है। (भाषा)
वाशिंगटन, 3 अप्रैल। गाज़ा में जारी जंग के कारण अमेरिका में मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से आयोजित होने वाले रोज़ा इफ्तार (व्रत तोड़ने) के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।
इसके बाद व्हाइट हाउस ने मंगलवार शाम को छोटी इफ्तार दावत का आयोजन करने का फैसला किया है जिसमें सिर्फ प्रशासन में काम करने वाले लोग ही शामिल होंगे।
मुस्लिम पैरोकार समूह ‘एमगैज’ की अगुवाई करने वाले वाइल अल ज़ायत ने पिछले साल व्हाइट हाउस में आयोजित इफ्तार में हिस्सा लिया था लेकिन उन्होंने इस बार बाइडन के साथ रोज़ा खोलने से यह कहते हुए इनकार कर दिया, “ जब गाज़ा में भुखमरी के हालात हों तो इस तरह से दावत में शिरकत करना अनुचित है।”
उन्होंने कहा कि कई लोगों द्वारा निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद व्हाइट हाउस ने सोमवार को अपनी योजना बदली और समुदाय के नेताओं से कहा कि वह प्रशासन की नीतियों पर केंद्रित एक बैठक का आयोजन करना चाहते हैं। अल ज़ायत ने इससे भी इनकार कर दिया।
कई अमेरिकी-मुस्लिम गाज़ा की घेराबंदी को लेकर इज़राइल का समर्थन करने के लिए बाइडन से खफा हैं।
राष्ट्रपति की डेमोक्रेटिक पार्टी को इस बात का डर सता रहा है कि बाइडन के लिए मुस्लिमों का कम होता समर्थन रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी का रास्ता प्रशस्त कर सकता है।
मंगलवार को होने वाली इफ्तार दावत में बाइडन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, सरकारी मुस्लिम अधिकारी, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारी और कई मुस्लिम नेता शामिल हो सकते हैं। हालांकि व्हाइट हाउस ने उनके नाम नहीं बताए हैं।
जिन कुछ लोगों को पिछले वर्षों में आयोजित कार्यक्रमों में आमंत्रित किया गया था, उन्हें इस बार निमंत्रण नहीं दिया गया है जिनमें डियरबॉर्न, मिशिगन के मेयर अब्दुल्ला हम्मूद शामिल हैं।
प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने कहा कि "समुदाय के नेताओं ने कार्य समूह की बैठक" करने के लिए कहा था। उन्होंने इस बैठक को "उनसे प्रतिक्रिया प्राप्त करने" का अवसर बताया।
जहां तक निजी इफ्तार की बात है, ज्यां-पियरे ने कहा "राष्ट्रपति रमज़ान के दौरान मुस्लिम समुदाय की मेज़बानी करने की अपनी परंपरा को जारी रखने जा रहे हैं।"(एपी)
ग़ज़ा में खाने-पीने के ज़रिए लोगों की मदद करने वाली संस्था 'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' के सात कर्मचारी इसराइली हमले में मारे गए हैं.
इसके बाद 'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' ने ग़ज़ा में अपना कामकाज रोक दिया है.
'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' ने बतााया कि जो लोग मारे गए, वो ज़रूरतमंदों के लिए खाना लेकर जा रहे थे.
'वर्ल्ड सेंट्रल किचन' की राहत सामग्री टीम में तीन गाड़ियों का काफिला था जिनमें दो बख़्तरबंद गाड़ियां थीं. बीबीसी को ये जानकारी मिली है कि इसराइली हमले का असर तीनों गाड़ियां पर हुआ है.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, ''इसराइली सेना के 'ग़ैर- इरादतन' हमले में ग़ज़ा में मासूम लोग मारे गए हैं. ऐसा युद्ध के दौरान होता है. हम सरकारों के संपर्क में है. ऐसा दोबारा न हो ये सुनिश्चित करने के लिए हम हर संभव क़दम उठाएंगे." (bbc.com/hindi)
बुधवार को ताइवान में 7.4 तीव्रता के भूकंप के बाद जापान ने ओकिनावा प्रान्त में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. आशंका जताई जा रही है कि सुनामी की लहरें तीन मीटर ऊंची हो सकती हैं.
ताइवान में पिछले 25 सालों में इतना तेज़ भूकंप नहीं आया था.
जापान ने ओकिनावा के तटीय इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित निकाले जाने की एडवाइज़री जारी की है.
जापान के सरकारी प्रसारण एनएचके अनुसार, सुनामी सुबह 9:30 बजे के आसपास इरिओमोटे और इशिगाकी द्वीपों पर टकराएगी और सुबह 10:00 बजे के आसपास मियाकोजिमा और ओकिनावा के मुख्य द्वीप तक पहुँच सकती हैं.
यहां रहने वाल लोगों को सावधान रहने की चेतावनी दी गई है क्योंकि मार्च 2011 में जब तोहोकू में भूकंप आया और फिर सुनामी आई तो शुरुआत में लहरें केवल कुछ सेंटीमीटर ही थीं लेकिन ये भयानक सुनामी में तब्दील हो गया.
11 मार्च 2011 में जापान के पूर्वोत्तर तट पर 9 तीव्रता का भूकंप आया था जो जापान के रिकॉर्ड का सबसे तगड़ा भूकंप माना जाता है. इसके बाद वहां भयावह सुनामी आयी, इसके कारण दुनिया ने हालिया समय का सबसे बुरा परमाणु संकट देखा.
सुनामी के कारण फुकुशिमा में न्यूक्लियर रिएक्टर के ठंडे होने से पहले ही बिजली चली गई और रिएक्टर से रेडियोएक्टिव तत्वों का रिसाव हो गया. इसके कारण जापान सरकार को इस इलाके को नो-फ्लाई ज़ोन बनाना बड़ा और आसपास की बसावट खाली बनानी पड़ी.
रूस के चर्नोबिल के बाद इसे सबसे बुरा न्यूक्लियर संकट माना जाता है.
जापान में भूकंप आना आम बात है. ये दुनिया के सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है. (bbc.com/hindi)
जापान के बाद अब फिलीपींस ने भी अपने यहां सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, प्रशासन ने ताइवान में आए भूकंप के बाद तटीय इलाकों को ख़ाली करने के आदेश जारी किए हैं.
बुधवार की सुबह ताइवान में 7.4 की तीव्रता का भूकंप आया है. बीते 25 साल में ये ताइवान में आया सबसे तेज़ भूकंप है.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे के अनुसार, भूकंप का केंद्र ताइवान के हुलिएन शहर से लगभग 18 किमी (11 मील) दक्षिण में स्थित है.
चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि चीन के दक्षिण-पूर्वी फ़ुज़ियान प्रांत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए है.
थोड़ी देर पहले जापान ने भी सुनामी की चेतावनी जारी की है.
आशंका जताई जा रही है कि सुनामी की लहरें तीन मीटर ऊंची हो सकती हैं. जापान में भी प्रशासन ने ओकिनावा के तटीय इलाक़ों से लोगों को सुरक्षित निकाले जाने की एडवाइज़री जारी की है. (bbc.com/hindi)
इस्तांबुल, 2 अप्रैल। इस्तांबुल में एक नाइटक्लब में मरम्मत कार्य के दौरान मंगलवार को आग लगने की घटना में 15 लोगों की मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह जल गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सरकारी अनादोलू एजेंसी ने बताया कि आग की घटना में कम से आठ लोग घायल हो गये, जिनमें से सात को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नाइटक्लब नवीनीकरण के काम के लिए बंद था। यह बेसिकतास जिले में 16 मंजिल की एक इमारत के भूतल पर है।
अधिकारियों के अनुसार, आग पर काबू पा लिया गया है।
गवर्नर दावुत गुल ने मौके पर संवाददाताओं से कहा कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है और माना जा रहा है कि घटना के शिकार लोग नवीनीकरण कार्य में शामिल थे। (एपी)
हेलसिंकी, 2 अप्रैल फिनलैंड के हेलसिंकी में एक स्कूल में मंगलवार को हुई गोलीबारी में कई लोग घायल हो गए और एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
गोलीबारी की घटना राजधानी के बाहर वंता शहर के ‘विएर्टोला’ स्कूल में हुई।
फिलहाल इस बारे में और ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। (एपी)
गाजा, 2 अप्रैल । फिलिस्तीनी सुरक्षा चिकित्सा सूत्रों ने कहा कि दो सप्ताह के सैन्य अभियान के बाद इजराइली सेना गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल से हट गई है। सेना के अभियान के दौरान दर्जनों लोग मारे गए।
सुरक्षा सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ बताया कि अस्पताल की अधिकांश इमारतों को इजराइली सेना ने नष्ट कर दिया। इससे यहां मरीजों का इलाज थम गया है।
समाचार एजेंसी ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से कहा कि अस्पताल के प्रांगण से बच्चों, महिलाओं और चिकित्सा कर्मचारियों सहित दर्जनों क्षत-विक्षत शवों को बाहर निकाला गया।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया, "अस्पताल के जल्द चालू होने की संभावना कम है। क्योंकि इजराइली सेना ने यहां के चिकित्सा उपकरणों को नष्ट कर दिया है।"
इजराइली सेना ने 18 मार्च को गाजा के सबसे बड़े शिफा अस्पताल पर बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया था। सेना का आरोप था कि हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) के सदस्यों ने अस्पताल में शरण ले रखी है।
इज़रायली सेना के प्रवक्ता अविचाई अद्राई ने एक प्रेस बयान में कहा कि सेना ने शिफ़ा में अपना सैन्य अभियान समाप्त कर दिया। इस दौरान हमास और पीआईजे के कई नेताओं सहित दर्जनों को मार डाला गया और गिरफ्तार किया गया।
अद्राई ने कहा, "सेना को अस्ताल के प्रसूति वार्ड में राइफलें, पिस्तौल, विस्फोटक सामग्री और दर्जनों मोर्टार के गोले मिले।"
हमास द्वारा संचालित मीडिया कार्यालय ने एक प्रेस बयान में कहा कि "इजराइली सेना ने शिफा अस्पताल में अपने सैन्य अभियान के दौरान कम से कम 400 फिलिस्तीनियों को मार डाला और 900 से अधिक को गिरफ्तार कर लिया।"
(आईएएनएस)
दमिश्क, 2 अप्रैल। इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर में स्थित वाणिज्य दूतावास की इमारत पर मिसाइलों से हमला किया। हमले में इमारत जमींदोज हो गई और कई लोग हताहत हुए। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई।
सोमवार को हमले के बाद दमिश्क के पश्चिम में माज़ेह राजमार्ग पर स्थित इमारत से धुएं का गुबार उठते देखा गया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ रिपोर्ट के अनुसार, ध्वस्त इमारत ईरानी दूतावास का हिस्सा है। इसके मलबे के बीच एक ईरानी झंडा लगा हुआ है।
सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हमला सोमवार शाम करीब पांच बजे हुआ। इज़राइल ने कब्जे वाले सीरियाई गोलान हाइट्स की दिशा से हमला किया।
इसमें कहा गया है कि सीरिया की वायु सेना ने कुछ मिसाइलों को रोक दिया। हमले में अनेक लोग मारे गए और घायल हो गए।
मौके पर पहुंचे सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने हमले की निंदा की।
उन्होंने कहा कि इजराइली हमले से सीरियाई-ईरानी संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
(आईएएनएस)
दमिश्क, 2 अप्रैल। सीरिया में ईरानी राजदूत हुसैन अकबरी ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर इजराइली हमले का जवाब देने की बात कही है।
ईरानी दूतावास के वाणिज्य दूतावास भवन पर इजराइली मिसाइल हमले के बाद, अकबरी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि हमले में उनके पांच सहयोगियों की जान चली गई, जबकि दूतावास के दो गार्ड घायल हो गए।
उन्होंने कहा, इज़राइल ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी राजदूत ने चेतावनी दी है कि ईरान इजराइल के हमले का समुचित जवाब देगा।
अकबरी ने कहा, "इजराइल को अपने कार्यों के परिणाम भुगतने होंगे।"
मिसाइल हमले के बाद घटनास्थल पर पहुंचे सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने घटना निंदा की।
(आईएएनएस)
दमिश्क (सीरिया), 2 अप्रैल। सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इज़राइली हमले में ईरान के दो जनरल और पांच अधिकारी मारे गए हैं। ईरानी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इज़राइल द्वारा ईरान के सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं। दरअसल, ईरान गाज़ा और लेबनान में इज़राइल से लड़ने वाले चरमपंथी समूहों का समर्थन करता है।
गाज़ा में करीब छह महीने पहले युद्ध शुरू होने के बाद से लेबनान में ईरान समर्थित हिज़्बुल्ला के चरमंपथियों तथा इज़राइल के बीच संघर्ष बढ़े हैं। गाज़ा पर शासन करने वाले हमास ने सात अक्टूबर को इज़राइल पर हमला किया था। इस समूह को भी ईरान का समर्थन हासिल है।
इज़राइल ईरानी ठिकानों पर हमले को बमुश्किल ही स्वीकार करता है। उसने सीरिया में हुए इस हमले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि सेना के एक प्रवक्ता ने दक्षिण इज़राइल में एक नौसेना अड्डे पर सोमवार तड़के हुए ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया।
यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोही भी इज़राइल की ओर लंबी दूरी की मिसाइलें दाग रहे हैं।
ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के मुताबिक, सोमवार को सीरिया में किए गए हवाई हमले में जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी की मौत हो गई, जिन्होंने 2016 तक लेबनान और सीरिया में विशिष्ट कुद्स फोर्स का नेतृत्व किया था। इस हमले में जनरल मोहम्मद हादी हजरियाहिमी तथा पांच अन्य अधिकारियों की भी मौत हुई है।
हिज़्बुल्ला के एक प्रवक्ता ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि चरमपंथी समूह का सदस्य हुसैन युसूफ भी हमले में मारा गया।
ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यमून राइट्स’ ने बताया कि हमले में दो सीरियाई भी मारे गए हैं।
वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में तैनात दो पुलिस अधिकारी हमले में जख्मी हो गए हैं तथा मलबे में अब भी शवों की तलाश की जा रही है।
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक, हमले में ईरानी वाणिज्य दूतावास की इमारत पूरी तरह से नष्ट हो गई है जबकि इसका मुख्य दूतावास भवन सही सलामत है।
ईरानी राजदूत हुसैन अकबरी ने हमले का बदला "इसी तीव्रता और कठोरता से" लेने का संकल्प लिया।
फलस्तीन के हमास और इस्लामिक जिहाद ने इज़राइल पर गाज़ा के संघर्ष को व्यापक करने की कोशिश का आरोप लगाया।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने अन्य देशों से हमले की निंदा करने का आह्वान किया।
इज़राइली सेना ने कहा कि मंगलवार तड़के सीरिया की ओर से इज़राइल पर दागे गए कुछ गोले लक्ष्य पर पहुंचने से पहले ही नष्ट हो गए। (एपी)
-जेरेमी बोवेन, इंटरनेशनल एडिटर और डेविड ग्रिटन
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने कहा है कि सीरिया की राजधानी दमिश्क में उनके वाणिज्य दूतावास पर हुए इसराइली हमले में सात अधिकारियों की मौत हो गई है.
मरने वालों में ईरान की एलीट कुद्स फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी और उनके डिप्टी ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद हादी हाजी-रहीमी का नाम शामिल है.
ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी ईरान के शीर्ष कमांडरों में से एक हैं.
ईरान और इसराइल के बीच इस तरह की टार्गेटेड हत्याओं का इतिहास है. हालांकि इसराइल ने अब तक हमले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
ईरान और सीरिया की सरकारों ने इस हमले की निंदा की है. हमला इतना ज़ोरदार था कि ईरानी दूतावास के पास की इमारत भी क्षतिग्रस्त हो गई.
इसराइल की सेना ने कहा है कि वह विदेशी मीडिया की रिपोर्ट्स पर कमेंट नहीं करेगी.
हालांकि इसराइल ने बीते कुछ सालों में सीरिया में सैकड़ों टार्गेटेड हमलों की ज़िम्मेदारी ली है. ये हमले ईरान और उससे जुड़े हथियारबंद समूहों पर किये गए जिन्हें रिवॉल्यूशनरी गार्ड ट्रेनिंग देते हैं.
पिछले साल अक्टूबर में ग़ज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान समर्थित समूह हिज़्बुल्लाह ने लेबनान और सीरिया से लगी उत्तरी इसराइली सीमा पर हमले किए जिसके जवाब में इसराइली स्ट्राइक बढ़ी है.
लेकिन सोमवार को जो हमला हुआ है उसके बाद इन दोनों देशो के बीच गंभीर तनाव है और इससे ये संघर्ष आगे बढ़ सकता है.
ऐसा लग रहा है कि इसराइल ईरानियों की परीक्षा ले रहा है. और ऐसा संकेत दे रहे हैं कि वह अपने दुश्मन पर दबाव बनाना चाहते हैं.
इसराइल ये भी देख रहा है कि हिज़्बुल्लाह और ईरान दोनों की ही तरफ़ से उस तरह की जवाबी प्रतिक्रिया नहीं आ रही जिसकी उम्मीद आमतौर पर उनसे की जाती है. अब ये देखना होगा कि क्या इस हमले के बाद ईरान या हिज़्बुल्लाह पलटवार करेंगे.
सीरिया के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि इसराइली एयरक्राफ्ट ने गोलान हाइट्स से ईरान के वाणिज्य दूतावास को लक्ष्य बनाया जो दमिश्क के पश्चिमी मेज़ा स्थित एक हाइवे पर स्थित है. ये हमला स्थानीय समयानुसार सोमवार को शाम 5 बजे हुआ.
सीरिया ने कहा है कि सीरियाई एयर डिफेंस ने इसराइल की कुछ मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन कुछ मिसाइलें नहीं रोकी जा सकीं और इसने "पूरी इमारत को नष्ट कर दिया, जिससे इसके भीतर मौजूद सभी लोग मारे गए और घायल हो गए."
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि शवों को और घायलों को मलबे से बाहर निकाला जा रहा है.
घटनास्थल की तस्वीरों और वीडियो में ढही हुई बहुमंज़िला इमारत से धुआं और धूल का गुबार उठता दिख रहा है.
ईरानी राजदूत होसैन अकबरी ने कहा है कि इसराइली एफ़-35 लड़ाकू जेट विमानों ने "मेरे निवास स्थान, कांसुलर सेक्शन और साथ ही साथ ईरान के मिलिट्री अटैचमेंट को निशाना बनाया."
उन्होंने ईरान के सरकारी मीडिया को बताया कि पांच से सात लोगों की हमले में मौत हो गई है जिसमें कुछ राजनयिक भी शामिल हैं.
बाद में रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके सात अधिकारी मारे गए, जिनमें ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी और ब्रिगेडियर-जनरल मोहम्मद हादी हाजी-रहीमी भी शामिल थे, जिन्हें उसने कमांडर और "वरिष्ठ सैन्य सलाहकार" बताया.
ईरानी मीडिया के अनुसार 63 साल के ज़ाहेदी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की विदेशी ऑपरेशन ब्रांच- कुद्स फोर्स में एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उन्होंने 2008 और 2016 के बीच लेबनान और सीरिया में कमांडर के रूप में काम किया था. वहीं हाजी-रहीमी की पहचान ज़ाहेदी के डिप्टी के रूप में की गई है.
ज़ाहेदी सबसे हाई-प्रोफ़ाइल ईरानी कमांडर हैं जिन्हें सीरिया में इसराइल के टार्गेटेड हमलों में मारा गया है. इससे पहले सीरिया में इसराइल के हमलों में इसके शीर्ष स्तर का ईरानी कमांडर नहीं मारा गया.
ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स, जो सीरिया में ज़मीनी सोर्स के नेटवर्क पर निर्भर है, उसने बताया कि आठ लोग मारे गए हैं जिसमें कुद्स फोर्स के एक शीर्ष नेता, दो ईरानी सलाहकार और रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पांच सदस्य शामिल हैं.
सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने कहा कि वह "इस जघन्य आतंकवादी हमले" की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें "कई निर्दोष लोग" मारे गए हैं.
ईरानी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मेकदाद के साथ टेलीफोन पर बातचीत में ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने हमले को "सभी अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन" बताया और " इसके लिए यहूदी शासन को ज़िम्मेदार ठहराया है."
उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदायों से भी इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया आनी चाहिए.
व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति जो बाइडन को हमले से जुड़ी रिपोर्ट्स की जानकारी है.
सोमवार को पत्रकारों को एक ब्रीफिंग में इसराइली सेना आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि दक्षिणी इसराइली शहर इलियत में एक नेवल बेस पर एक ड्रोन हमला "एक बहुत गंभीर घटना" थी. उन्होंने कहा कि ड्रोन "ईरान ने बनाया और उसकी ओर से छोड़ा गया था."
यह हमला पिछले शुक्रवार को दमिश्क और उत्तरी शहर अलेप्पो पर संदिग्ध इसराइली हमलों के बाद हुआ था.
उस समय सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना था कि इसराइल के इस हमले में 53 लोग मारे गए, जिनमें 38 सीरियाई सैनिक और ईरान समर्थित लेबनानी समूह हिज़्बुल्लाह के सात सदस्य शामिल थे.
इससे पहले जनवरी में मेज़ा में एक और हमला किया गया था और आरोप है कि ये हमला भी इसराइल ने किया था जिसमें पांच लोग मारे गए थे.
इसराइल पहले कई मौकों पर सीरिया में ‘ईरानी सैन्य अड्डों’ पर हमले की ज़िम्मेदारी ले चुका है.
ईरान कहता है कि सीरिया के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सेना को "सलाह" देने के लिए रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को सीरिया भेजा गया है. लेकिन ईरान ये नहीं मानता कि वह युद्ध में शामिल है या उन्होंने सैन्य बेस स्थापित किए हैं. (bbc.com/hindi)
ग़ज़ा में इसराइल के हवाई हमले में तीन विदेशी सहायता कर्मियों और उनके ड्राइवर की मौत हो गई है.
हमास की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि मारे गए सहायता कर्मियों में एक ब्रिटेन का नागरिक था जबकि दूसरा पोलैंड और तीसरा ऑस्ट्रेलिया का नागरिक था. उनके साथ उनके फ़लस्तीनी ड्राइवर की भी मौत हो गई है.
फ़लस्तीन के एक सूत्र ने बीबीसी को बताया है कि ये सहायता कर्मी बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए थे. इस पर वर्ल्ड सेंट्रल किचन (डब्ल्यूसीके) का लोगो लगा हुआ था.
वर्ल्ड सेंट्रल किचन एक अमेरिकी एनजीओ है, जो ग़ज़ा में लोगों को खाना मुहैया करा रहा था. इसराइली सेना ने कहा है कि वह इस घटना की जांच करा रहा है.
अल-अक्सा अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि अस्पताल में इन चारों सहायता कर्मियों के शव लाए गए थे.
दरअसल ये सहायता कर्मी दैर-अल-बलाह में अपनी कार में सफर कर रहे थे. जिस समय वो तटीय इलाकों से गुज़र रहे थे उसी वक्त उन पर हवाई हमला हुआ. (bbc.com/hindi)
इसराइल में एक बार फिर सरकार विरोधी हज़ारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर पड़े हैं.
7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद से इसराइल को सदमा लगा था और इसके बाद जनता के बीच एकता देखने को मिली थी.
लेकिन छह महीने बाद इसराइल में एक बार फिर बिन्यामिन नेतन्याहू की सरकार के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. हजारों लोग इसराइल में सड़कों पर उतरे हैं.
रविवार की रात यरुशलम में हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-दक्षिण में शहर के सबसे बड़े हाइवे को रोक दिया था.
इस दौरान सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर वॉटर कैनन से बदबूदार पानी छोड़ा.
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि नेतन्याहू तुरंत इस्तीफ़ा देकर हुए चुनाव कराएं. साथ ही कइयों की मांग थी कि ग़ज़ा में बंधक 130 इसराइलियों की रिहाई के लिए जल्द से जल्द डील की जाए.
बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि बिना सौदे के अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो अधिक बंधक मारे जाएंगे.
साल 2023 में इसराइल में ऐसे प्रदर्शन हुए थे जिसने सरकार को हिला दिया था. उस समय प्रदर्शन आयोजित करने वाले समूहों ने ही इस बार लोगों से देश की संसद के बाहर जुटने की अपील की.
नेतन्याहू सरकार ग़ज़ा में युद्ध को लेकर बड़े पैमाने पर आलोचना झेल रही है. ग़ज़ा में चल रहे युद्ध में अब तक इसराइल के 600 सैनिक मारे जा चुके हैं.
हमास के सात अक्टूबर 2023 को किए गए हमले में 1200 इसराइली मारे गए थे और 250 लोगों को बंधक बनाया गया था.
इसके बाद से इसराइल के हमले में 32 हज़ार लोग मारे गए हैं और 75 हज़ार लोग घायल हुए हैं. ये आंकड़ा ग़ज़ा के हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का है. (bbc.com/hindi)