अंतरराष्ट्रीय
नई दिल्ली,18 अक्टूबर | मीडिया में भारत द्वारा म्यांमार को सबमरीन देने की खबरें दिसंबर 2019 में ही आ गई थीं, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक घोषणा गुरूवार को की. आईएनएस सिंधुवीर 3000 टन की डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है. यह रूसी मूल की है और 31 साल पुरानी है. पिछले साल विशाखापत्तनम के 'हिंदुस्तान शिपयार्ड' में इसका व्यापक रूप से आधुनिकीकरण किया गया था, और इसमें कई नए उपकरण लगाए गए थे.
म्यांमार में इसे "यूएमएस मिन ये थाइन खा थू" नाम दे कर देश की नौ सेना में शामिल कर लिया गया है. सबमरीन ने हाल ही में हुई म्यांमार के जहाजी बेड़े के "बंडूला" अभ्यास में भाग भी लिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि "समुद्री क्षेत्र में सहयोग भारत के म्यांमार के साथ विविध और विस्तृत सहयोग का एक हिस्सा है. ये हमारी सागर (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) परिकल्पना और हमारे सभी पड़ोसी देशों में क्षमताएं और आत्म-निर्भरता बढ़ाने की प्रतिबद्धता के भी अनुकूल है."
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— India in Myanmar (@IndiainMyanmar) October 5, 2020
Chief of Army Staff General MM Naravane and @harshvshringla, Foreign Secretary along with @AmbSaurabhKumar called on State Counsellor H.E. Daw Aung San Suu Kyi @MyanmarSC at @MOFAMyanmar NayPyiTaw on October 5, 2020. They discussed important bilateral issues. pic.twitter.com/3xnUMFCVsZ
यह नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों में अपना प्रभाव बढ़ाने की चीन की कोशिशों के बीच भारत द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत लगातार म्यांमार के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इससे पहले अक्टूबर की शुरुआत में थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला दो दिन की यात्रा पर म्यांमार गए थे. यात्रा के दौरान वे म्यांमार के शीर्ष नेताओं से मिले और उनके साथ कई महत्वपूर्ण साझा कार्यक्रमों पर चर्चा की.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार भारत इससे पहले म्यांमार को कई तरह के सैन्य हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दे चुका है, जिनमें आइलैंडर समुद्री गश्त विमान, नेवल गन-बोट और हलके टॉरपीडो से ले कर रडार, 105 एमएम की आर्टिलरी बंदूकें, मोर्टार, नाइट विजन उपकरण, ग्रेनेड लॉन्चर और राइफल तक शामिल हैं.
आसियान देशों के समूह में म्यांमार एकलौता ऐसा देश है जिसके साथ भारत के 1,600 किलोमीटर से भी लंबी जमीन पर सीमा भी है और समुद्री सीमा भी. दोनों देश अब नियमित रूप से अभ्यास, साझा समुद्री गश्त के कार्यक्रम और सैन्य स्तर पर विमर्श करते हैं. भारतीय नौसेना म्यांमार के नौसैनिकों को प्रशिक्षण भी देती है. दोनों देशों की थल सेनाओं ने मिल कर सीमा पर चरमपंथी समूहों के खिलाफ भी कार्रवाई की है.(DW)
काबुल, 18 अक्टूबर | अफगानिस्तान के घोर प्रांत की राजधानी फिरोज कोआह शहर में रविवार को हुए शक्तिशाली बम विस्फोट में करीब 16 लोग मारे गए और 90 अन्य घायल हो गए। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रांतीय सरकार ने कहा, "हताहतों की संख्या के बारे में मीडिया को बाद में बताया जाएगा। मरने वालों की संख्या में बदलाव हो सकता है, क्योंकि मलबे के नीचे से लोगों को अभी निकाला जा रहा है।"
अधिकारी ने कहा कि घायलों में से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
एक सुरक्षा अधिकारी ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ से कहा, "विस्फोट दिन में 11.15 बजे के आसपास हुआ, विस्फोटक से भरे एक मिनीबस को उस क्षेत्र में लाकर खड़ा किया गया था, जहां प्रांतीय पुलिस विभाग और कई अन्य सरकारी कार्यालय स्थित हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "विस्फोट को देखते हुए इसके संदिग्ध आत्मघाती बमबारी होने की संभावना है। विस्फोट के बाद आसमान में धुएं का घना गुबार उठा जिससे लोगों में दहशत फैल गई।"
सुरक्षाबलों ने एहतियात के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी है।
अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
--आईएएनएस
लंदन, 18 अक्टूबर | सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 22 लाख से अधिक विज्ञापनों और 120,000 पोस्ट को कंपनी ने हटा लिया है, जिनमें 3 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बाधा डालने का प्रयास किया गया था। फेसबुक के प्रमुख निक क्लेग ने रविवार को यह खुलासा किया।
फ्रांसीसी मीडिया आउटलेट जर्नल डु डिमांचे को दिए एक साक्षात्कार में, क्लेग ने बताया कि कंपनी ने तीसरे पक्ष स्वतंत्र मीडिया द्वारा सत्यापित 15 करोड़ फर्जी खबरों पर चेतावनी पोस्ट की।
उन्होंने साक्षात्कार में कहा, "हम फुलप्रूफ नहीं हैं, और हम सभी गलत जानकारी या घृणित सामग्री को कभी भी नहीं हटाएंगे या पहचान नहीं करेंगे। लेकिन हमारी चुनावी रणनीति, हमारी टीम और हमारी तकनीकें लगातार सुधार कर रही हैं।"
क्लेग ने कहा, "हमने इस चुनाव के लिए जो कुछ किया है वह अभूतपूर्व है। फेसबुक 2016 की तुलना में आज बेहतर तरीके तैयार है।"
पिछले महीने, उन्होंने कहा था कि अमेरिका में नवंबर के चुनावों में अराजकता या हिंसक विरोध प्रदर्शन के मामले में सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए फेसबुक कड़े कदम उठा रहा है।
क्लेग ने फ्रेंच वीकली को बताया कि 35,000 कर्मचारी फेसबुक प्लेटफार्मों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं और चुनाव में योगदान करते हैं।
उन्हंोने कहा कि हमने सूचना के सत्यापन में फ्रांस में पांच सहित 70 स्पेशलाइज्ड मीडिया के साथ साझेदारी स्थापित की है। खतरों की पहचान करने के लिए एफबीाई जैसी अथॉरिटी और ट्विटर या यूट्यूब के साथ सहयोग किया गया है। 2016 में ये सब नहीं किया गया था।
--आईएएनएस
इस्लामाबाद, 18 अक्टूबर | पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नाम से 11 विपक्षी राजनीतिक दलों के सरकार-विरोधी गठबंधन द्वारा अभियान शुरू किए जाने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के एजेंडे के खिलाफ सख्त रवैया अपना लिया है। उन्होंने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री सेना, न्यायपालिका और सरकार में फूट डालना चाहते हैं।"
पीडीएम की गुजरांवाला में शुक्रवार को आयोजित पहली रैली के मद्देनजर आक्रामक प्रतिक्रिया देते हुए खान ने पूर्व प्रधानमंत्री पर वित्तीय भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेही से बचने के प्रयास में दुश्मन के एजेंडे पर चलने का आरोप लगाया।
साफ तौर पर गुस्से में नजर आए खान ने शरीफ को गीदड़ की उपाधि देते हुए उनका मजाक उड़ाया और कहा कि वह अपना दुम दबाकर लंदन भाग गए।
खान ने शरीफ के राजनीतिक करियर के बारे में बोलते हुए कहा, "यह वही आदमी है जो पहली बार जनरल (सेवानिवृत्त) गुलाम जिलानी के आशीर्वाद से मंत्री बना था, यह वही आदमी है जो जनरल जियाउल हक के जूते पॉलिश करके मुख्यमंत्री (पंजाब) बना था, यह वही शख्स है जिसे आईएसपी प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) (असद) दुर्रानी से मेहरान बैंक के जरिए करोड़ों रुपये प्राप्त हुए थे, ताकि पीपीपी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन को एकजुट किया जा सके।"
उन्होंने आगे कहा, "जनरल दुर्रानी ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया, लेकिन विडंबना यह है कि हमारी अदालतों ने हमेशा उन्हें भागने में मदद की है। ये वो शख्स है जिसने आसिफ अली जरदारी को दो बार जेल में डाला। यह जरदारी ही थे, जिन्होंने जनरल कमर जावेद बाजवा के खिलाफ हुदैबिया पेपर मिल्स केस चलाया था।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की सैन्य स्थापना के खिलाफ शरीफ की यह टिप्पणी और कुछ नहीं, बल्कि राजकीय संस्थानों के बीच फूट डालने और देश में अस्थिरता फैलाने के लिए दुश्मनी का एक एजेंडा है।
उन्होंने कहा, "सरकार में दरार पैदा करने की कोशिश करके शरीफ एक खतरनाक खेल खेल रहा है, सेना और न्यायपालिका पर शरीफ का बार-बार हमला भारतीय कथनों को प्रमाणित करने के लिए है, इसी वजह से उन्हें भारतीय मीडिया में बड़े पैमाने पर कवरेज मिल रहा है।"
खान ने कहा, "भारतीय मीडिया लोकतंत्र की वकालत करने के लिए शरीफ की तारीफ कर रहे हैं। क्या वे नहीं जानते कि यह नवाज शरीफ हैं, जिनका पालन-पोषण सैन्य तानाशाह जनरल जियाउल हक ने किया था। क्या ये वही नवाज शरीफ नहीं है, जिन्होंने न्यायपालिका पर हमला किया था और इसे खरीदने की कोशिश की थी। वह न्यायपालिका के साथ तभी तक है, जब तक यह उनके पक्ष में है। जब न्यायपालिका हुदैबिया पेपर मिल्स मामले को बंद करती है, तो वह इसकी प्रशंसा करता है, लेकिन पनामा पेपर्स मामले में दोषी पाए जाने पर रोना रोता है। क्या जनरल बाजवा ने पनामा पेपर्स लीक किया?"
उन्होंने गुजरांवाला रैली को सर्कस घोषित किया।
उन्होंने कहा, "जब आप चोरों का पीछा करते हैं, तो वे एकजुट हो जाते हैं। कल रात वे सभी एक साथ थे।"
गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे शरीफ को पिछले साल लंबी बीमारी का इलाज कराने के लिए लंदन जाने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने वापस आकर सात साल की जेल की सजा पूरी करने की गारंटी दी थी।
शरीफ और उनकी पीएमएल-एन पार्टी ने हालांकि दावा किया है कि उन पर लगे सभी आरोप राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित हैं।
--आईएएनएस
ढाका, 18 अक्टूबर| दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक ढाका का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को दुनिया में सबसे खराब स्थान पर रहा। द डेली स्टार न्यूजपेपर की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में वायु गुणवत्ता सूचकांक पांच प्रदूषकों पर आधारित है : पार्टिकुलेट मैटर (पीएम10 और पीएम2.5), एनओ2, सीओ, एसओ2 और ओजोन।
रविवार को सुबह 10 बजकर 24 मिनट में ढाका की एक्यूआई रीडिंग 188 की थी, जिसके चलते यहां की हवा को अस्वस्थ के रूप में वगीर्कृत किया गया।
पाकिस्तान के लाहौर और भारत के नई दिल्ली ने क्रमश: 178 और 176 स्कोर के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर कब्जा कर लिया है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक द्वारा दैनिक स्तर पर लोगों को वायु की स्थिति के बारे में बताया जाता है। इससे पता चलता है कि किसी शहर या स्थान में हवा कितनी ज्यादा साफ है या प्रदूषित है और इसका सेहत पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है और यह किस हद तक सेहत के लिए खतरनाक है।
आईक्यू एयरविजुअल की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम2.5 एक्सपोजर के लिए साल 2019 में दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में बांग्लादेश पहले स्थान पर रहा। (आईएएनएस)
काबुल, 18 अक्टूबर| संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि अलकायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी ने अफगान तालिबान के साथ अपने करीबी संबंध कायम रखे हुए हैं, जबकि उसने अमेरिका को यह आश्वासन दिया था कि वह समूह के साथ अपने संबंध खत्म कर लेगा। टोलो न्यूज ने शनिवार को आईएस, अलकायदा और तालिबान के लिए अमेरिकी निगरानी टीम के समन्वयक एडमंड फिटन-ब्राउन के हवाले से बताया कि, "अफगानिस्तान में समूह के बड़े नेता और उनके सैकड़ों गुर्गे अब भी हैं।"
फिटन-ब्राउन के अनुसार, तालिबान ने अमेरिका के साथ चल रही शांति वार्ता के दौरान नियमित रूप से अलकायदा से परामर्श किया।
हालांकि टोलो न्यूज द्वारा भेजे गए एक संदेश में तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक दावों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कुछ खुफिया समूह अफगानिस्तान में शांति की राह में रुकावट डालने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि 29 फरवरी को दोहा में दोनों ने अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत तालिबान ने अलकायदा सहित सभी आतंकवादी संगठनों के साथ सभी प्रकार के संबंधों को खत्म करने की हामी भरी थी। (आईएएनएस)
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 18 अक्टूबर| बॉलीवुड की हिट धुन को एक चुनाव प्रचार अभियान गाने में बदलकर डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन के एक समर्थक भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं, खासकर वोट बैंक के लिहाज से महत्वपूर्ण राज्यों में, जहां छोटा मार्जिन भी तय कर सकता है कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा।
वीडियो का निर्माण करने वाले अजय भूटोरिया ने आईएएनएस को बताया कि वह लोकप्रिय संस्कृति के सार के साथ एक यूनिक कैम्पेन मीडिया के माध्यम से अनुमानित 13 लाख भारतीयों तक पहुंच बनाना चाहते हैं।
ए.आर. रहमान की धुन से सजे 'लगान' फिल्म के हिट गीत 'चले चलो' की थीम पर आधारित कैम्पेन वीडियो में 14 भाषाओं में मतदाताओं से वोट देने की अपील की गई है।
भूटोरिया ने कहा, "हमने फिल्म 'लगान' के इस गीत को चुना। मैंने और मेरी पत्नी ने इसके बोल लिखे, 'चले चलो बाइडन, हैरिस को वोट दो।"
यह यूट्यूब पर है और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है।
तीन भाषाओं में इसका एक छोटा संस्करण टीवी एशिया पर चल रहा है, जो भारतीय-अमेरिकियों के बीच एक लोकप्रिय चैनल है।
भूटोरिया ने कहा कि अभियान का मुख्य लक्ष्य स्विंग-स्टेट्स में रहने वाले भारतीय-अमेरिकी हैं।
भूटोरिया ने 2016 में हिलरी क्लिंटन के लिए काम किया था। हिलरी, डोनाल्ड ट्रंप की तुलना में 23 लाख अधिक वोट प्राप्त करने के बावजूद चुनाव हार गईं क्योंकि वह राज्य प्रतिनिधियों के इलेक्टोरल कॉलेज को ले जाने में असफल रही जो अंतत: तय करती हैं कि राष्ट्रपति कौन होगा। भूटोरिया ने कहा कि वह दोबारा ऐसा होते नहीं देखना चाहते।
यह देखते हुए कि हिलरी ने केवल 10,000 मतों के मार्जिन से मिशिगन और कुछ अन्य को को खो दिया था वह वहां भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं को जुटाना चाहते हैं जो इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने और उनकी पत्नी विनीता ने एक और वीडियो भी तैयार किया है, 'अमेरिका का नेता कैसा हो, जो बाइडन जैसा हो।'
भूटोरिया ने कहा कि उनका अभियान कई भाषाओं को शामिल करता है क्योंकि भारतीय प्रवासी भारत की तरह विविध हैं और मतदाताओं को अपनी मातृभाषा में संदेश प्राप्त करना है।
उन्होंने कहा कि वह बाइडन कैम्पेन की राष्ट्रीय वित्त समिति और एशियन अमेरिकन पैसिफिक आइलैंडर लीडरशिप काउंसिल के सदस्य हैं, उन्होंने डेमोक्रेट्स और बाइडन की पत्नी जिल के लिए फंडरेजर्स की व्यवस्था की है।
उन्होंने बाइडन के साथ एक कार्यक्रम में काम किया था जब वह उपराष्ट्रपति थे, और कमला हैरिस को तब से जानते हैं जब वह कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल हुआ करती थीं।
भूटोरिया ने कहा, "वे दोनों शानदार काम करने जा रहे हैं, खासकर जब बात भारतीय अमेरिकी समुदाय की आती है।"
उन्होंने कहा कि ट्रंप बस फोटो खिंचाने, सुर्खियों में आने के शौकीन है, जब भारत और भारतीयों की बात आती है तो बाइडन के कार्यक्रम ज्यादा ठोस हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि वीजा मामलों में ट्रंप के कड़े रुख से उलट बाइडन नरमी दिखाएंगे। (आईएएनएस)
पेरिस, 18 अक्टूबर| फ्रांस में मुस्लिम समुदाय और इस समुदाय के नेताओं ने पेरिस उपनगर में एक शिक्षक की हत्या की निंदा की है। साथ ही इन लोगों ने इस तरह के जघन्य कृत्य के साथ इस्लाम को नहीं जोड़ने का आह्वान किया है। गौरतलब है कि पेरिस के उपनगर में शुक्रवार की दोपहर को एक इतिहास के शिक्षक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। उन्होंने कथित तौर पर अपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कक्षा में विषय के उदाहरण के तौर पर विद्यार्थियों को पैगंबर मुहम्मद के कार्टून दिखाए थे।
एक फार्मास्युटिकल्स कंपनी के कार्यकर्ता इब्राहिम ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ से कहा, "एक निर्दोष व्यक्ति को उसकी धारणा के लिए सजा के तौर पर हत्या करना कहीं से भी उचित नहीं है। इस्लाम सहिष्णु बनने के लिए कहता है और दूसरों को वैसा ही स्वीकार करने के लिए कहता है जैसे वे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "सच्चे मुसलमान चरमपंथी नहीं हैं। बुरखा पहनना या घूंघट निकालना, दाढ़ी रखने का मतलब आतंकवादी होना नहीं है। आतंकवादी उन चीजों के लिए काम कर रहे हैं, जिनका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है।"
51 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने मारे गए शिक्षक को श्रद्धांजलि देने, आतंकवाद का खंडन करने और शांति का संदेश देने के लिए रविवार दोपहर को आयोजित होने वाली सभा में शामिल होने की योजना बनाई है।
वहीं ग्रैंड पेरिस मस्जिद के कुलाधिसचिव हाफिज चेम्स-एड्डीन ने कहा कि वह इस अपराध से 'भयभीत' हो गए।
उन्होंने ट्वीट किया, "इस हमले में सबसे अधिक भयानक ये बात है कि यह मेरे धर्म इस्लाम के नाम पर किया जा रहा है। बस बहुत हुआ।"
बोर्डिओक्स मस्जिद के इमाम तारेक ऊबरु ने कहा कि "वह इस कृत्य से खिन्न हैं, क्योंकि यह बेहद भयानक कृत्य है, जो एक धर्म के नाम पर हुआ है। धर्म का किसी भी जघन्य कृत्य से कोई लेना-देना नहीं है।"
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉ ने शुक्रवार शाम को हुए 'इस्लामी आतंकवादी हमले' की निंदा की, और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सरकार द्वारा त्वरित और ²ढ़ कार्रवाई का वादा करते हुए फ्रांसीसियों को एक साथ खड़े होने का आह्वान किया। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के अनुसार दुनिया में कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या 3.96 करोड़ हो गई है। वहीं मौतों की संख्या 11 लाख से अधिक हो गई हैं। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने ताजा अपडेट में खुलासा किया है कि रविवार की सुबह तक कुल मामलों की संख्या 3,96,08,809 और मृत्यु संख्या 11,08,800 हो गई है।
दुनिया में अमेरिका में सबसे अधिक 81,06,384 मामले और 2,19,286 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। 74,32,680 मामलों के साथ भारत दूसरे स्थान पर है। यहां कुल 1,12,998 मौतें हो चुकी हैं।
वहीं दुनिया में मौतों की संख्या के मामले में अमेरिका के बाद ब्राजील 1,53,675 के साथ दूसरे स्थान पर है।
वहीं अधिकतम मामलों की संख्या वाली सूची में 15 शीर्ष देशों में ब्राजील (52,24,362), रूस (13,76,020), अर्जेंटीना (9,79,119), कोलंबिया (9,52,371), स्पेन (9,36,560), फ्रांस (8,76,342), पेरू (8,62,417), मेक्सिको (8,47,108), यूके (7,08,298), दक्षिण अफ्रीका (7,02,131), ईरान (5,26,490), चिली (4,90,003), इराक (4,23,524), इटली (4,02,536) और बांग्लादेश (3,87,295) हैं।
ऐसे देश जिनमें अब तक 10 हजार से ज्यादा मौतें हुईं हैं, उनमें मेक्सिको (86,059), ब्रिटेन (43,669), इटली (36,474), स्पेन (33,775), पेरू (33,648), फ्रांस (33,325), ईरान (30,123), कोलम्बिया (28,803), अर्जेंटीना (26,107), रूस (23,857), दक्षिण अफ्रीका (18,408), चिली (13,588), इंडोनेशिया (12,431), इक्वाडोर (12,375), बेल्जियम (10,392) और इराक (10,198) शामिल हैं।
पेरिस, 18 अक्टूबर| पेरिस के उपनगर में स्कूल के पास इतिहास के शिक्षक की हत्या करने वाला संदिग्ध आरोपी चेचन मूल का शरणार्थी था। यह जानकारी नेशनल एंटी-टेरर प्रोसिक्यूटर जीन-फ्रैंकोइस रिकार्ड ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी। शुक्रवार की दोपहर 47 वर्षीय शिक्षक की उत्तर-पश्चिमी पेरिस के कॉनफ्लैंस-सैंटे-होनोरिन कस्बे में एक मिडिल स्कूल के पास सड़क पर हत्या कर दी गई थी। कथित तौर पर उन्होंने अपनी क्लास में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चर्चा करते हुए पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोसिक्यूटर ने शनिवार को कहा कि आरोपी 18 वर्षीय हमलावर को पुलिस ने गोली मार दी क्योंकि उसने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था। हमलावर चेचन मूल का एक शरणार्थी था और उसने पहले स्कूल में विद्यार्थियों से उस शिक्षक के बारे में पूछा और फिर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद हमलावर ने ट्विटर पर शव की फोटो भी पोस्ट की।
हमलावर के परिवार के 4 सदस्यों को भी हिरासत में ले लिया गया है। इसके अलावा 5 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है, जिसमें एक छात्र के माता-पिता शामिल हैं। इन लोगों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर शिक्षक द्वारा कार्टून दिखाने को गलत ठहराया था। उन्होंने इसे 'रोकने के लिए फोर्स में शामिल होने' का आह्वान भी किया था।
बताया गया है कि इस परिवार की सौतेली बहन 2014 में सीरिया चली गई थी और इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गई थी।
प्रोसिक्यूटर ने कहा, "मामले में आगे की जांच कर तथ्यों की सटीकता का पता लगाया जाएगा कि कैसे हमलावर इस अपराध के लिए तैयार हुआ और क्या किसी ने उसका साथ दिया।"
बता दें कि जनवरी 2015 में पेरिस की एक मैगजीन चार्ली हेब्दो ने पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून प्रकाशित किए थे, जिसके बाद मैगजीन के दफ्तर में भारी गोलीबारी हुई थी और इसमें मैगजीन के 8 कर्मचारियों सहित 12 लोग मारे गए थे। (आईएएनएस)
येरेवन, 18 अक्टूबर| अर्मेनिया और अजरबैजान दोनों ने नागोर्नो-करबाख क्षेत्र में मध्यरात्रि (2000 जीएमटी) से शुरू होने वाले एक नए 'मानवीय संघर्ष विराम' पर सहमति व्यक्त की है। इसकी घोषणा दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों ने शनिवार शाम को बयान जारी करके की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कहा कि यह दूसरा संघर्ष विराम है जिस पर दोनों पक्ष सहमत हुए हैं। इससे पहले 9 अक्टूबर को मास्को में लंबी वार्ता के बाद संघर्ष विराम पर पहली सहमति 10 अक्टूबर को बनी थी।
1988 से नागोर्नो-करबाख क्षेत्र में अर्मेनिया और अजरबैजान में टकराव चल रहा है। इसके लिए 1994 से शांति वार्ता चल रही है, लेकिन अभी भी यहां छिटपुट मामूली झड़पें होती रहती हैं। (आईएएनएस)
बर्लिन, 18 अक्टूबर| जर्मन राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टाइनमीयर ने अपने एक बॉडीगार्ड के कोविड-19 से पॉजीटिव होने के बाद खुद को क्वारंटाइन कर लिया है। यह जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता से मिली। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, स्टाइनमीयर का पहला टेस्ट नेगेटिव आया है। वहीं आने वाले दिनों में और भी टेस्ट किए जाने की योजना है।
जर्मनी के राज्य रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी, रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के अनुसार, जर्मनी में शनिवार को पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 7,830 नए मामले दर्ज किए गए। महामारी फैलने के बाद यह एक दिन का सबसे अधिक मामला है।
वहीं जर्मन विदेश मंत्री हेइको मास भी सितंबर में क्वारंटाइन हुए थे, जब उनका एक बॉडीगार्ड कोविड-19 से संक्रमित हुआ था। हालांकि बाद में मास का कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आया था।
इस साल मार्च में जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल भी एक संक्रमित डॉक्टर से मिलने के बाद दो सप्ताह के लिए क्वारंटाइन में थीं। हालांकि उनका रिपोर्ट नेगेटिव आया था। (आईएएनएस)
तेहरान 18 अक्टूबर (स्पूतनिक) ईरान ने कहा है कि हथियारों की खरीद अथवा बिक्री को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से उस पर लगाई गई रोक की समय सीमा समाप्त हो गयी है। इसलिए अब वह स्वतंत्र रूप से हथियारों की खरीद तथा बिक्री कर सकता है।
ईरान के विदेश मंत्रालय ने शनिवार देर रात एक वक्तव्य जारी कर यह घोषणा की।
वक्तव्य के मुताबिक ईरान से हथियारों की खरीद अथवा बिक्री के अलावा इससे संबंधित सभी प्रकार की आर्थिक एवं अन्य गतिविधियों पर लगाई गई सुरक्षा परिषद की रोक आज से स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। ईरान के कुछ नागरिकों और सैन्य अधिकारियों पर लगाए गए प्रतिबंधों की समय सीमा भी समाप्त हो गयी है।
ईरान ने कहा है कि इन प्रतिबंधों के स्वत: ही समाप्त होने के बाद वह नयी रक्षा नीति के तहत हथियारों की खरीद अथवा बिक्री को लेकर स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकता है।
न्यूयॉर्क, 18 अक्टूबर | अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अंतरिक्ष में मलबे के तौर पर बेकार पड़ी रूसी सैटेलाइट और निष्क्रिय चीनी रॉकेट के बीच संभावित टक्कर का खतरा टल गया है। हालांकि कैलिफोर्निया स्थित अंतरिक्ष मलबे को ट्रैक करने वाली कंपनी लियोलैब्स ने इन दो ऑब्जेक्ट्स की टक्कर होने की 10 प्रतिशत से अधिक संभावना जताई थी।
लियोलैब्स ने कहा कि रूसी सैटेलाइट और निष्क्रिय चीनी रॉकेट का संयुक्त द्रव्यमान लगभग 2,800 किलोग्राम था।
स्पेस डॉट कॉम ने शुक्रवार को बताया कि अगर दोनों ऑब्जेक्ट्स की आपस में टक्कर हो जाती तो मलबे का एक विशाल बादल पैदा हो गया होता, क्योंकि वे 52,950 किलोमीटर प्रति घंटे की बहुत तेज गति के साथ एक-दूसरे की तरफ बढ़ रहे थे।
शुक्रवार को 1256 जीएमटी पर दोनों ऑब्जेक्ट्स एक-दूसरे के काफी करीब थे। गनीमत रही कि यह आपस में नहीं टकराए।
दोनों ऑब्जेक्ट्स का नाम कॉस्मोस 2004 और सीजेड-4सी आर/बी नाम दिया गया था।
लियोलैब्स ने अपने एक ट्वीट में जानकारी दी है कि उनके हालिया डेटा यह पुष्टि करते हैं कि कॉस्मोस 2004 अभी भी बरकरार है। कंपनी ने बताया कि वह आगे के जोखिम पर अगले सप्ताह जानकारी साझा करेगी।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से अंतरिक्ष मलबे पर जारी की गई एक रिपोर्ट का अनुमान है कि वर्तमान में कक्षा में एक 10 सेंटीमीटर से बड़ी (सॉफ्टबॉल के आकार से बड़ी) 34,000 मलबे की वस्तुएं हैं।
दुनिया का पहला कृत्रिम उपग्रह स्पुतनिक-1 1957 में पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया गया था। इसके बाद से विभिन्न देशों की ओर से हजारों अन्य उपग्रह भी भेजे जा चुके हैं।
दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां ऐसे मलबों के टुकड़ों पर नजर भी रखती हैं। फिर भी इनकी बढ़ती तादाद को देखते हुए इन्हें हमेशा ट्रैक करना एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह यह बड़े मलबे के टुकड़े तेज गति से आपस में टकराए तो अंतरिक्ष में स्थापित की गई सैटेलाइट को भारी क्षति पहुंच सकती है।(आईएएनएस)
बाकू, 17 अक्टूबर| संघर्षग्रस्त नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में संघर्ष विराम के बावजूद, अजरबैजान के अधिकारियों ने शनिवार को दावा किया कि देश के दूसरे सबसे बड़े शहर गंजा में हुए आर्मेनियाई मिसाल हमले में 12 नागरिकों की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए। अजरबैजान के राष्ट्रपति के सहयोगी हिकमत हाजीयेव ने कहा, "बैलिस्टिक मिसाइल अर्मेनिया के क्षेत्र से दागे गए। जबकि गंजा संघर्ष क्षेत्र से काफी दूर है।"
आपात दस्ते अभी भी मलबे में लोगों को ढूंढ रहे हैं, क्योंकि इसमें और लोगों के फंसे होने की आशंका है।
वहीं अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता अर्तसुन होवान्निसयान ने हमले से इनकार किया है। (आईएएनएस)
अबू धाबी, 17 अक्टूबर| यूएई के विदेश और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान ने अबू धाबी में बन रहे पहले हिंदू मंदिर की साइट का निरीक्षण किया और इसकी निर्माण प्रगति की समीक्षा की। खलीज टाइम्स ने शुक्रवार को बताया कि मंदिर की नींव पिछले साल अप्रैल में रखी गई थी और दिसंबर से इसका निर्माण शुरू हुआ था। मंदिर के 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है।
इस दौरान शेख अब्दुल्ला ने मंदिर निर्माण करने वाले सामाजिक और आध्यात्मिक संगठन बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। मंत्री ने हिंदू समुदाय के नेता और बीएपीएम हिंदू मंदिर के प्रमुख पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी से भी चर्चा की।
खलीज टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में स्वामी के हवाले से कहा, "यह प्राचीन कला और वास्तुकला को संरक्षित करने का नहीं, बल्कि नई कला और एक नई विरासत के निर्माण का एक अनूठा मौका है।"
उन्होंने आगे कहा, "कोविड -19 महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में वैश्विक सद्भाव की ऐसी परियोजना विश्वास और आशा को फिर से जगाएगी और भारत-यूएई के बीच अद्वितीय मित्रता, प्रगति और शांति के लिए उनके समर्पण को बढ़ाएगी।"
इस चर्चा में शामिल रहे यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर ने बताया कि कैसे यह मंदिर यूएई और खाड़ी की एक बड़ी आबादी की सेवा करेगा। (आईएएनएस)
वेलिंगटन, 17 अक्टूबर| न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने शनिवार को देश के आम चुनावों में शानदार जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही वह दूसरी बार कार्यभार संभालेंगी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अर्डर्न की सत्तारूढ़ लेबर पार्टी ने 49 प्रतिशत वोट हासिल किया है और 64 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है, आंकड़े एकतरफा बहुमत के लिए पर्याप्त है। ऐसा देश में पहली बार होगा।
चुनाव आयोग के अनुसार, विपक्षी सेंटर-राइट नेशनल पार्टी ने वर्तमान में 27 प्रतिशत मतों के साथ चुनाव में हार मान ली है।
वहीं एसीटी न्यूजीलैंड और ग्रीन पार्टियां 8 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
परिणाम के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अर्डर्न ने कहा, "न्यूजीलैंड ने लगभग 50 वर्षो में लेबर पार्टी को अपना सबसे ज्यादा समर्थन दिखाया है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम आपके समर्थन को हल्के में नहीं लेंगे। और मैं आपसे वादा कर सकती हूं कि हम एक ऐसी पार्टी बनेंगे जो हर न्यूजीलैंडवासी के लिए शासन करेगी।" (आईएएनएस)
लंडन, 17 अक्टूबर| ब्रिटेन में कोविड-19 के वैक्सीन को इस साल के क्रिसमस तक उपलब्ध कराए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि इस पर पहले कुल आबादी के सबसे कमजोर लोगों का हक होगा। देश के वैक्सीन टास्क फोर्स के प्रमुख ने इस बात की पुष्टि की है। शुक्रवार को बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीबीसी स्कॉटलैंड के कार्यक्रम पर बात करते हुए ब्रिटेन में वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्ष केट बिंघम ने कहा कि हालांकि वैक्सीन को लेकर चीजें रातोंरात सामान्य हो जाएंगी, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 की वैक्सीन के मिलने को लेकर वह आशावादी है, लेकिन इसका एक ही डोज पर्याप्त शायद नहीं हो सकता है। कुछ ही सालों के भीतर शायद इसे दोबारा लेने की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
उनके मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन के उपलब्ध हो जाते ही हर किसी तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो जाएगी, ऐसा नहीं है। इसकी आपूर्ति सीमित होने की उम्मीद है।
इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण और प्रतिरक्षण (जेसीवीआई) पर ब्रिटेन सरकार और संयुक्त समिति को इस बात पर सहमत होना होगा कि किसे टीका लगाया जाना चाहिए और कब लगाना चाहिए। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 17 अक्टूबर| गूगल लेंस अब 15 अरब चीजों की पहचान कर सकता है। दो साल पहले तक गूगल लेंस सिर्फ एक अरब चीजों की पहचान कर सकता था। गूगल लेंस आपको स्मार्टफोन के कैमरे से चीजों को देखता है और उनकी पहचान करता है। इनमें पौधे, जानवर, लैंडमार्क और कई अन्य चीजें शामिल हैं।
गूगल ने कहा है कि अगर आप नई भाषा सीख रहे है तों गूगल लेंस आपके लिए 100 भाषाओं का अनुवाद कर सकता है। इनमें स्पेनिश और अरेबिक भी शामिल हैं। आप गूगल लेंस की मदद से शब्दों को साफ आवाज में सुन सकते हैं।
गूगल लेंस एंड्रायड और आईओएस प्लेटफार्म पर मौजूद है और यह आपके बच्चे को होमवर्क कराने में भी मदद कर सकता है।
शॉपिंग में गूगल लेंस आपकी सबसे अधिक मदद कर सकता है। खासतौर पर ऐसी चीजों के लिए जिन्हें आप खोज रहे हैं लेकिन जिनके बारे में आप साफ शब्दों में बता नहीं सकते।
लेंस की मदद से आप अपने मनचाहे प्रॉडक्ट का फोटो या फिर स्क्रीनशॉट लेकर उसे आसानी से खोज सकते हैं। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने में अब बस कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं, इस बीच गूगल ने जुलाई से सितंबर तक की अवधि में 3,000 से अधिक ऐसे फर्जी यूट्यूब चैनल हटाए हैं, जो चीन से संबंधित एक बड़े स्पैम नेटवर्क का हिस्सा रहे थे। इनके द्वारा अपने चैनल पर चुनाव को प्रभावित किए जाने संबंधी अभियानों को संचालित किया जा रहा था। कंपनी द्वारा इनका सफाया किए जाने के परिणामस्वरूप अब ये अपने चैनल पर दर्शक जुटा पाने में असमर्थ हैं।
शुक्रवार देर रात गूगल ने अपने एक बयान में कहा, "हमने जितने भी वीडियोज के पहचान किए हैं, उनमें से अधिकतर में लोगों के देखे जाने की संख्या दस से भी कम हैं और इस पर भी असली के यूजर्स के मुकाबले इन्हें स्पैम अकांउट्स से ही देखे गए हैं, जो वर्तमान में सक्रिय नहीं है।"
गूगल थ्रेट एनालिसिस ग्रुप टीएजी से शेन हंटले ने कहा, "हालांकि इन नेटवर्क्स के द्वारा पोस्ट तो नियमित तौर पर किया जाता रहा है, लेकिन इनमें स्पैम कंटेंट की अधिकता रही है। हमने यूट्यूब पर प्रभावी ढंग से दर्शकों तक इनकी पहुंच नहीं देखी है।"
इस्लामाबाद, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को विपक्षी दलों के गंभीर हमले का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों ने अब एक साथ मिलकर सरकार विरोधी अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सत्तारूढ़ सरकार को पटखनी देना है।
कम से कम 11 राजनीतिक दलों वाले विपक्षी दलों के गठबंधन, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने शुक्रवार को पंजाब प्रांत के गुजरांवाला शहर में एक विशाल सभा का आयोजन किया, जिसमें विपक्षी नेताओं ने लोगों से खचाखच भरी रैली को संबोधित किया।
पीडीएम ने चेतावनी दी कि खान की सरकार के ज्यादा दिन नहीं रह गए हैं और उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
पीएमएल-एन की वाइस प्रेसीडेंट मरियम नवाज ने कहा, "मैं उन चीजों के लिए लड़ रही हूं जो मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान नष्ट हो गई हैं और पत्रकारों के लिए लड़ रही हूं जिन्हें सेंसर कर दिया गया। जो पत्रकार सच्चाई के साथ खड़े थे, उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। आज हालात ये हैं कि महिला स्वास्थ्यकर्मी इस्लामाबाद की सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।"
अपने पिता, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपदस्थ किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "किसी को भी जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों को बाहर करने का अधिकार नहीं है। यह जनता है जो सरकारें बनाती है और जिसको बनाती है, उसे हटाने का भी हक है।"
पनामा लीक और अदालत के आदेशों के बारे में बात करते हुए, शरीफ परिवार को 'सिसिलियन माफिया' के रूप में संदर्भित किए जाने का जिक्र किया। मरियम ने याद दिलाया कि अदालत को 'वास्तव में एक माफिया क्या है' के बारे में अच्छी तरह से पता होगा।
उन्होंने कहा, "आज आपने (इमरान खान) ने मीडिया को दबा दिया है, यही वजह है कि कोई भी आपके भ्रष्टाचार के बारे में बात नहीं करता।"
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा कि खान के पास गरीबों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं है।
बिलावल ने प्रधानमंत्री के वॉलंटियर फोर्स का मजाक उड़ाते हुए कहा, "इमरान के लिए महंगाई का समाधान टाइगर फोर्स है। टिड्डियों के लिए उनका समाधान टाइगर फोर्स है। कोविड-19 के लिए उनका समाधान टाइगर फोर्स है।"
बिलावल ने कहा कि इमरान खान ने भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा किया, लेकिन भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। उन्होंने कहा कि पीटीआई के संस्थापक सदस्यों ने दावा किया है कि खान और उनकी राजनीतिक पार्टी भारत से वित्त पोषित हुई है।
जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेता मौलाना फजलुर रहमान के रूप में सरकार विरोधी नाराजगी जारी रही, उन्होंने सरकार को नकली शासक वाली सरकार कहा।
उन्होंने कहा कि नकली शासक के भाग्य का फैसला जल्द होगा। लोकतंत्र का सूरज जल्द ही उगने वाला है। यदि आप निडर रहते हैं, तो यह सरकार दिसंबर का महीना नहीं देखेगी।
सरकार के खिलाफ विपक्ष के गठबंधन ने गुजरांवाला सभा से एक जोरदार शुरुआत की और आने वाले दिनों में कराची, मुल्तान, लाहौर और पेशावर में इसी तरह के सरकार विरोधी रैलियां करने की इसकी योजना है।
फजल ने कहा, "हमारा आंदोलन शुरू हो गया है, यह अब बंद नहीं होगा।"
इस्लामाबाद, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय उच्चायोग इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में पहुंच गया है और उसने पाकिस्तानी जेलों में बंद 4 भारतीय दोषियों की वापसी की मांग की है। इन दोषियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है।
वकील मलिक शाह नवाज के जरिए दायर की गई याचिका में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि वह अदालत से अनुरोध करते हैं कि वे भारतीय कैदियों - बिर्चु, बंग कुमार, सतीश भाग और सोनू सिंह को रिहा कर दें। ये चारों सैन्य अदालतों द्वारा पाकिस्तान में जासूसी और आतंकवाद के दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी सजा पूरी कर चुके हैं।
याचिका में कहा गया है कि कैदियों को पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन पर पाकिस्तान सेना अधिनियम 1954 की धारा 59 और आधिकारिक गुप्त अधिनियम 1923 के तहत आरोप लगाए गए थे।
याचिका में कहा गया, "याचिकाकर्ताओं ने कोई अपराध नहीं किया है और गिरफ्तारी से लेकर सजा पूरी होने तक कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया है, लेकिन उन्हें अब भी जेल में रखना निर्थक है। वे एफजीसीएम द्वारा दी गई सजा की अपनी अवधि को पूरी कर चुके हैं।"
आईएचसी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की। मामले को आगे की कार्यवाही के लिए मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह के पास भेजने से पहले कहा, "ऐसे ही अन्य मामले आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष लंबित हैं।"
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, "कैदियों की हिरासत अवैध और अन्यायपूर्ण और देश की श्रेष्ठ अदालतों के कानून के खिलाफ है। ऐसा कोई कानूनी आधार नहीं है, जिसके तहत पूर्व दोषियों को सलाखों के पीछे रखा जा सके, इसलिए पूर्व दोषियों को रिहा किया जाना चाहिए और उनके देश में वापस लाया जाना चाहिए, ताकि वे अपने परिवारों से मिल सकें।"
आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई ऐसे ही अन्य मामलों के साथ करेंगे।
न्यूजीलैंड, 17 अक्टूबर। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न की पार्टी ने शनिवार को हुए आम चुनावों में भारी जीत हासिल की है। अधिकतर मत गिने जा चुके हैं। अभी तक आए नतीजों में आर्डर्न की लेबर पार्टी को 49 फीसदी वोट मिले हैं और उम्मीद की जा रही है कि वो न्यूजीलैंड की राजनीति में दुर्लभ बहुमत हासिल कर लेंगी। विपक्षी मध्य-पंथी नेशनल पार्टी को अब तक 27 फीसदी वोट मिले हैं और पार्टी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है।
नेशनल पार्टी की नेता जूडिथ कॉलिंस ने जेसिंडा आर्डर्न को मुबारकबाद देते हुए अपनी हार स्वीकार कर ली है। ये चुनाव एक महीना पहले सितंबर में होने थे लेकिन कोविड महामारी की वजह से इन्हें आगे बढ़ा दिया गया था। मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजे शुरू हुआ और शाम सात बजे खत्म हो गया।लेकिन तीन अक्तूबर को शुरू हुए जल्द मतदान में दस लाख के करीब लोगों ने वोट डाल दिया था। न्यूजीलैंड में आम चुनावों के साथ-साथ लोगों से दो जनमतसंग्रहों पर भी मदतान करवाया गया है।
क्या पूर्ण बहुमत हासिल कर लेंगी आर्डर्न?
चुनाव आयोग के मुताबिक लेबर पार्टी को 49 फीसदी, नेशनल पार्टी को 27 फीसदी और ग्रीन और एक्ट न्यूजीलैंड पार्टी को 8-8 फीसदी वोट मिले हैं।
नेशनल पार्टी की नेता जूडिथ कॉलिंस ने जेसिंडा आर्डर्न को मुबारकबाद दे दी है।
जीत के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए आर्डर्न ने कहा, न्यूजीलैंड ने लेबर पार्टी को पचास सालों में सबसे बड़ा समर्थन दिया है। हम आपके समर्थक को हल्के में नहीं लेंगे. मैं ये वादा करती हूं कि हमारी पार्टी न्यूजीलैंड के हर नागरिक के लिए काम करेगी।
आर्डर्न की पार्टी को 64 सीटें मिल सकती हैं। न्यूजीलैंड में 1996 में लागू हुई नई संसदीय प्रणाली (एमएमपी) के बाद से किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ है। चुनावों से पहले विश्लेषकों ने आर्डर्न की पार्टी को इतनी बड़ी जीत मिलने पर संदेह जाहिर किया था।
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड की प्रोफेसर जेनिफर कर्टिन ने कहा था कि इससे पहले भी पार्टी नेताओं को बहुमत मिलने की उम्मीदें जाहिर की गईं थीं लेकिन वो नाकाम रहे थे।
उन्होंने कहा था, न्यूजीलैंड के मतदाता रणनीतिक मतदान करते हैं और अपना वोट पार्टियों में बांटते हैं। करीब तीस प्रतिशत मतदाता छोटी पार्टियों को वोट देते हैं, ऐसे में लेबर पार्टी का 50 फीसदी वोट हासिल करना मुश्किल होगा।
आर्डर्न ने अपने चुनाव अभियान में पर्यावरण संबंधी नीतियां लाने, पिछड़े स्कूलों के लिए अधिक फंड मुहैया कराने और अधिक आय वाले लोगों पर अतिरिक्त कर लगाने का वादा किया था।
न्यूजीलैंड में कैसे होता है चुनाव?
न्यूजीलैंड में हर तीन साल में आम चुनाव होते हैं. एमएमपी चुनाव व्यवस्था के तहत मतदाताओं से अपनी पसंदीदा पार्टी और संसदीय सीट के प्रतिनिधि के लिए अलग-अलग वोट देने के लिए कहा जाता है।
संसद में दाखिल होने के लिए एक पार्टी को कम से कम पांच फ़ीसदी पार्टी वोट या फिर संसदीय सीट जीतनी होती है। माओरी समुदाय के उम्मीदवारों के लिए भी सीटें सुरक्षित होती हैं।
सरकार बनाने के लिए 120 में से 61 सीटें जीतना अनिवार्य होता है। लेकिन एमएमपी लागू होने के बाद से कोई भी पार्टी अकेले अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी है। आमतौर पर पार्टियों को मिलकर काम करना होता है और सरकार गठबंधन से चलती है।
इस व्यवस्था के तहत छोटी पार्टियों की भूमिका भी अहम हो जाती है। 2017 के चुनावों में नेशनल पार्टी को सबसे ज़्यादा सीटें मिलीं थीं लेकिन वो सरकार नहीं बना सकी थी। तब आर्डर्न की लेबर पार्टी ने ग्रीन पार्टी और न्यूजीलैंड फस्र्ट पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। (bbc.com/hindi)
वेलिंगटन, 17 अक्टूबर| न्यूजीलैंड के आम चुनाव में लाखों मतदाताओं ने शनिवार को मतदान केंद्रों की ओर रुख रहे हैं। प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न की नजर अपने दूसरे कार्यकाल के लिए बहुमत हासिल करने पर है। यह चुनाव पहले 19 सितंबर को होने वाला था, लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछली बार संसदीय चुनाव 23 सितंबर, 2017 को हुआ था। बीते 6 सितंबर को संसद को भंग कर दिया गया, ताकि चुनाव के लिए आधिकारिक रूप से मार्ग प्रशस्त हो सके।
देशभर के मतदान केंद्र सुबह 9 बजे खुले और शाम 7 बजे बंद होंगे।
3 अक्टूबर को शुरू हुए शुरुआती मतदान में 10 लाख से अधिक लोग पहले ही मतदान कर चुके हैं।
शनिवार को शाम 7 बजे मतदान खत्म होने के बाद आम चुनाव के प्रारंभिक परिणाम जारी किए जाएंगे।
आयोग के अनुसार, चुनाव परिणामों को प्राथमिकता दी जाएगी और शनिवार रात दो जनमत संग्रहों में दर्ज वोटों की गिनती नहीं की जाएगी।
प्रारंभिक जनमत संग्रह के परिणाम 30 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे और चुनाव और जनमत संग्रह के आधिकारिक परिणाम 6 नवंबर को जारी किए जाएंगे।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच के मत सर्वेक्षण पर गौर करें तो जैसिंडा बहुमत के साथ दूसरी बार पद पर आसीन हो सकती हैं। उनके कोरोनावायरस प्रकोप से उबरने के लिए चलाए गए अभियान के सफल रहने से यह संभावना बढ़ी है।
हालांकि साल 1996 में मिक्स्ड मेंबर प्रोपर्शनल रिप्रेजेंटेटिव (एमएमपी) के रूप में जानी जाने वाली संसदीय प्रणाली की शुरुआत से ही अभी तक किसी भी पार्टी ने न्यूजीलैंड में एकतरफा बहुमत नहीं जीता है।
ऑकलैंड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर जेनिफर कर्टिन ने बीबीसी को बताया कि पूर्व में भी ऐसी ही परिस्थितियां रही हैं, जहां एक नेता के बहुमत हासिल करने की पूरी संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, "जब जॉन की नेता थे, तो ऑपिनियन पोल ने उनके 50 प्रतिशत वोट पर अपनी संभावना जताई थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।" (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 17 अक्टूबर| एबीसी न्यूज पर आयोजित हुए डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन के टाउन हॉल को 14.1 मिलियन यानी 1.4 करोड़ दर्शकों ने देखा। नए आंकड़ों के मुताबिक, इसने एनबीसी न्यूज पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टाउन हॉल रेटिंग को पीछे छोड़ दिया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, नीलसन मीडिया रिसर्च के शुक्रवार के आंकड़ों से पता चला है कि ट्रंप के समारोह को पिछली रात एनबीसी और इसके एमएसबीसी और सीएनबीसी केबल चैनलों पर एक ही समय में प्रसारित किया गया था। इसे कुल मिलाकर 13.5 मिलियन यानी 1.35 करोड़ लोगों ने देखा।
सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया, "टीवी बिजनेस को लेकर ऐसे परिणामों की उम्मीद नहीं थी।"
टाउन हॉल प्रतिस्पर्धा से पहले व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही थी कि ट्रंप को नीलसन रेटिंग में अच्छा स्कोर मिलेगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि बाइडेन का टाउन हॉल केवल एबीसी पर प्रसारित होना था, जबकि ट्रंप का टाउन हॉल एनबीसी और उसके दो केबल चैनलों पर भी प्रसारित होना था।
नीलसन रेटिंग में सभी चैनल और केबल चैनलों के दर्शकों की संख्या शामिल है, साथ ही साथ उन इंटरनेट टीवी के जरिए जुड़े दर्शकों की संख्या और घर के बाहर जैसे बार, रेस्तरां के दर्शकों की संख्या भी शामिल है।
दोनों उम्मीदवारों के टाउन हॉल फोन, कंप्यूटर और अन्य उपकरणों के जरिए लाइव-स्ट्रीम किए गए थे।
बता दें कि ट्रंप और बाइडेन के बीच मूल रूप से मियामी में गुरुवार को बहस होनी थी, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया था। राष्ट्रपति पद के लिए बहस को आयोजित करने वाले आयोग ने ट्रंप के कोरोना संक्रमित होने के बाद इसे 1 अक्टूबर को वर्चुअली आयोजित करने का निर्णय किया था, लेकिन उसे रद्द कर दिया गया।
अब टेनेसी के नैशविले में 22 अक्टूबर को अंतिम राष्ट्रपति बहस होनी है। (आईएएनएस)