राष्ट्रीय
बिजनौर, 29 मार्च | उत्तर प्रदेश के अमनगढ़ टाइगर रिजर्व (एटीआर) में एक 'क्षेत्रीय' युद्ध छिड़ गया है, जहां बाघ उन तेंदुओं के प्रवेश को रोक रहे हैं जिन्हें बचाया गया है और यहां लाया जा रहा है।
तेंदुओं को वापस जंगल के किनारे, गांवों और खेतों के करीब धकेला जा रहा है। एक वन अधिकारी ने कहा, बाघ अपने क्षेत्र के बारे में अत्यधिक अधिकार रखते हैं और एटीआर में जगह की कमी के कारण, वे किसी अन्य शिकारी को अपने क्षेत्र में पनपने नहीं देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्रीय युद्ध होते हैं।
पिछले दो महीनों में, वन अधिकारियों ने छह तेंदुओं को मानव स्थानों से बचाया है, जहां मानव पशु संघर्ष की बढ़ती संख्या देखी गई है।
बिजनौर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) अरुण कुमार सिंह से पूछा गया कि बचाए गए तेंदुओं को चिड़ियाघर में क्यों नहीं छोड़ा गया। इस पर उन्होंने कहा कि जवाब देते हुए कहा कि तेंदुए को बचाए जाने के बाद उसकी चिकित्सकीय जांच की जाती है। अगर यह नरभक्षी या शिकार के लिए अनुपयुक्त पाया जाता है, तभी इसे चिड़ियाघर भेजा जाता है।
अन्यथा हमें इसे इसके प्राकृतिक आवास में छोड़ना अनिवार्य है। हाल के दिनों में सभी मामलों में, तेंदुओं ने इंसानों पर हमला तभी किया जब उन्हें लगा कि उनके निवास स्थान (गन्ने के खेत) को खतरा हो रहा है।
अमनगढ़ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का एक बफर जोन है, जो जंगलों, सागौन के बागानों, घास के मैदानों और आद्र्रभूमि के 95 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। बाघ अन्य बाघों पर तीन चीजों के लिए हमला करते हैं- संभोग, क्षेत्र और शिकार। इसी तरह ये तेंदुओं को भी प्रवेश नहीं करने देते हैं।
एटीआर में सीमित जगह एक बड़ी चिंता है क्योंकि बाघों ने कई तेंदुओं को जंगल से बाहर खदेड़ दिया है जो ग्रामीणों के लिए खतरा बन गया है। (आईएएनएस)
पटना, 29 मार्च | बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बुधवार को बिहार के नए मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे।
राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित एक समारोह में के. विनोद चंद्रन को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
इस शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री के अलावा बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, राज्य सरकार के कई मंत्री, पटना उच्च न्यायालय एवं केरल उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश और अवकाशप्राप्त न्यायाधीश भी उपस्थित रहे।
के विनोद चन्द्रन इससे पूर्व केरल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे। (आईएएनएस)
चेन्नई, 29 मार्च | तमिलनाडु पुलिस ने बुधवार को बंद हो चुकी अरुधरा गोल्ड ट्रेडिंग कंपनी के निदेशक एन. माइकल राज को एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया है। वह दुबई से चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। हवाई अड्डे पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने पुलिस को उनकी इत्तला दी। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस था। पुलिस ने पहले के. हरीश और जे. मालथी को गिरफ्तार किया था, जो कंपनी के निदेशक भी थे।
राज्य में कंपनी द्वारा किए गए करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पांच और लोग अब भी फरार हैं। जांच अधिकारियों के अनुसार, कंपनी ने 2,438 करोड़ रुपये की राशि की ठगी की थी और इसने निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा किया था और सितंबर 2020 से मई 2022 तक लगभग एक लाख जमाकर्ताओं से राशि एकत्र की थी।
पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ठगी गई राशि इससे कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि कई निवेशकों ने अभी तक इस डर से शिकायत नहीं की है कि रेवेलेशन (रहस्योद्घाटन) से उनके द्वारा निवेश किए गए धन के स्रोत का पता चल जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, कई सरकारी अधिकारियों ने भारी रिटर्न की उम्मीद में कंपनी में अपना पैसा लगाया है। (आईएएनएस)
पूर्वोत्तर में तिब्बत की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी के कई गांव आबादी शून्य हो गए थे. रास्ता नहीं होने के कारण लोग नजदीकी शहरों में बस गये. अब सड़क बन जाने के बाद लोग इन गांवों में लोग लौटने लगे हैं.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
दिबांग घाटी के मिपी सर्किल के गांवों के लोगों को जरूरी चीजें और खाने-पीने के सामानों की खरीदारी के लिए यहां 38 किलोमीटर दूर नजदीकी कस्बे तक पहुंचने में दो दिन पैदल चलना पड़ता था. इस वजह से एक दशक पहले ज्यादातर लोग गांव छोड़ कर कस्बे में बस गए थे.
सूने हो गये थे गांव
अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी की गिनती देश के सबसे दुर्गम इलाकों में होती है. तिब्बत की सीमा से सटे इस इलाके में बसे गांवों में जीवन बेहद दुरूह है. इसकी वजह यह है कि मिपी सर्किल के 13 गांवों में आजादी के 75 साल बाद भी पक्की सड़क नहीं पहुंच सकी थी. लोगों को पहाड़ की टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडियों से होकर गांव तक पहुंचना पड़ता था. वह भी बरसात के दिनो में भारी बारिश या जमीन धंसने के कारण बंद हो जाता था. इलाके की आजीविका खेती और मछली पालन पर निर्भर है.
किसी की तबीयत खराब होने या फिर जरूरत का सामान खरीदने के लिए लोगों को नजदीकी कस्बे में जाना पड़ता था. इसके लिए उन्हें दो दिनों तक पैदल चलना पड़ता था. बीते एक दशक के दौरान ज्यादातर गांव वीरान हो गए थे. लोग घरों में ताले लगा कर नजदीकी कस्बे में चले गए थे. चीन की ओर से बढ़ती चुनौतियों की वजह से अब सीमावर्ती इलाके में आधारभूत ढांचा मजबूत करने की कवायद के तहत इलाके में बड़े पैमाने पर पहाड़ियों को काट कर सड़क बनाने का काम शुरू हुआ है.
सीमा से सटे घाटी के आखिरी गांव बेराली में तो महज एक ही कच्चा मकान बचा था. जमीन धंसने की घटनाओं की वजह से इलाके में ज्यादातर मकान बांस के बने होते हैं. बीते साल के आखिर में इनमें से कई गांवों तक पक्की सड़क पहुंच गई. उसके कुछ दिनों बाद लोग धीरे-धीरे शहर से गांव की ओर लौटने लगे हैं. इस सड़क के कारण नजदीकी कस्बे तक की दूरी दो घंटे में हो जाती है. बेराली से पहले ब्रांगू गांव के मुखिया तोचा मिपी को भरोसा है कि इलाके में एकाध सड़कों पर ब्रिज बनाने का काम पूरा होने के बाद गांव के तमाम लोग यहां लौट आएंगे.
गांव में वापस लौटी जिंदगी
गांव लौटे लोगों ने जिला प्रशासन के सहयोग से लंबे समय से बंजर पड़े अपने खेतों की सफाई कर उनमें साग-सब्जियां उगाने का काम शुरू कर दिया है. कुछ लोगों ने सुअर और दूसरे पशु खरीद लिए हैं. धीरे-धीरे बांस के मकान भी बनने लगे हैं. अपनी जन्मभूमि पर लौट कर यह लोग बेहद खुश हैं.
बेराली के एक युवक जी. मेलो कहते हैं, हम अपने घर पहुंच कर बेहद खुश हैं. गांव छोड़ने के कारण हम अपने ही घर में बेगाने हो गए थे. उनका परिवार कोई दस साल बाद गांव लौटा है.
अब पीने के पानी और मोबाइल नेटवर्क ही इलाके के लोगों की चिंता का विषय है. एक सर्विस प्रोवाइडर ने नजदीक के अनिनी कस्बे में अपने टावर लगाए हैं, लेकिन अभी वह काम नहीं कर रहे हैं. जिला प्रशासन का कहना है कि इलाके के हर घर तक जल जीवन मिशन के तहत पीने का पानी पहुंचाने पर काम चल रहा है.
गांव के लोग स्थानीय विधायक मोपी मिहू की भूमिका की भी सराहना करते हैं. उनको भरोसा है कि राज्य के डेढ़ हजार किलोमीटर की फ्रंटियर हाईवे परियोजना पूरी होने के बाद यह जिला जल्द ही बाकी जिलों से बेहतर सड़कों से जुड़ जाएगा. सभी सीमावर्ती क्षेत्रों को पूर्व से पश्चिम तक जोड़ने के लिए हाल ही में इस योजना को मंजूरी मिली है.
आधारभूत ढांचा मजबूत करने पर जोर
चीन के तेवरों और हाल में तवांग इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुए संघर्ष के बीच भारत अरुणाचल प्रदेश में आधारभूत ढांचा तेजी से मजबूत कर रहा है. अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे इसका अहम हिस्सा है. इस पर वर्ष 2022 में काम शुरू हुआ. दो हजार किमी लंबी इस सड़क का निर्माण भूटान के पास मागो से शुरू हुआ है.
यह परियोजना तवांग, अपर सुबनसिरी, तूतिंग, मेचुका, अपर सियांग, दिबांग घाटी, दसली, छागलागाम, किबिथू, डोंग से होती हुई म्यांमार सीमा से सटे विजयनगर को जोड़ेगी.
राज्य में सीमा सड़क संगठन की ओर से 13,700 फीट की ऊंचाई पर बनाई जा रही सेला टनल के जुलाई 2023 तक पूरी होने की उम्मीद है. सेला बाईपास के लिए बनने वाली दो सुरंगों से दूरी नौ किलोमीटर घटेगी. इससे करीब एक घंटे का समय भी बचेगा. करीब 40 हजार करोड़ रुपए लागत वाली इस परियोजना का लाभ आम लोगों के अलावा सेना को भी मिलेगा. इसके जरिए बहुत कम समय में सीमा तक जवानों और सैन्य उपकरणों को भेजा जा सकेगा.
प्रदेश का राजमार्ग विभाग भी फ्रंटियर हाईवे से अपने गलियारे जोड़ेगा. इसकी वजह से सीमा पर स्थित कई शहर और गांव हाईवे से जुड़ जाएंगे. इससे रोजगार के मौके तो पैदा होंगे ही, लोगों का पलायन भी रुकेगा. (dw.com)
मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ाने की घोषणा तो कर दी गई है लेकिन अलग अलग राज्यों में असमानता कायम है. आखिर एक ही योजना में काम करने वालों को एकसमान मजदूरी क्यों नहीं मिलती.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम (मनरेगा) के तहत अगले वित्त वर्ष 2023-24 में दिहाड़ी बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के तहत मनरेगा मजदूरों के वेतन में सात रुपये से लेकर 26 रुपये तक की बढ़ोत्तरी की गई है. प्रतिशत के लिहाज से देखा जाए तो दिहाड़ी में वेतन वृद्धि दो से दस प्रतिशत तक होगी. ये नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी. अधिसूचना में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम में संशोधन की घोषणा की है. दिहाड़ी संशोधन महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 2005 की धारा 6 (1) के तहत किया गया है.
किस राज्य में कितनी बढ़ोतरी
इस बढ़ोत्तरी के बाद हरियाणा में उच्चतम मजदूरी दर 357 रुपये प्रतिदिन होगी. दूसरी ओर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सबसे कम दैनिक मजदूरी दर 221 रुपये है. वहीं राजस्थान में वर्तमान मजदूरी दर की तुलना में अधिकतम 10.39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और गोवा में सबसे कम 2.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. राजस्थान में 2022-23 के लिए दिहाड़ी 231 रुपये थी जो वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए 255 रुपये हो गई है.
बिहार और झारखंड में 100 दिन के काम के लिए प्रतिदिन दिहाड़ी में 8.57 फीसदी की बढ़त लाई गई है. झारखंड में 18 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोत्तरी हुई है और अब मजदूरों को वहां 228 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे. झारखंड की तरह बिहार में भी मजदूरों को 228 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे.
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सबसे कम दिहाड़ी
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने देश में सबसे कम मजदूरी निर्धारित की है जो कि 221 रुपये प्रति दिन है. वह भी तब जब इन दोनों राज्यों में 17 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. पहले वहां मजदूरी 204 रुपये प्रति दिन थी.
वहीं अन्य राज्यों की बात करें तो कर्नाटक, गोवा, मेघालय और मणिपुर में दिहाड़ी बहुत कम दर से बढ़ी है. इन राज्यों में दो से लेकर दस प्रतिशत की दर से दिहाड़ी बढ़ी है.
अलग अलग क्यों है मजदूरी
पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि ग्रामीण मजदूरों की दैनिक मजदूरी में अलग-अलग राज्यों में काफी असमानता है. देश में महंगाई दर के लगातार ऊंची रहने के बावजूद कई राज्यों में मजदूरों को दिन के काम के बदले दो सौ रुपये के करीब दिए जाते हैं. जानकार कहते हैं कि दिहाड़ी में असमानता के कई कारण हो सकते हैं जैसे महंगाई, ग्रामीण बेरोजगारी ज्यादा होना आदि.
कार्डिफ बिजनेस स्कूल के इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर इंद्राजीत रे कहते हैं कि अगर हम आंकड़ों की बात करें तो जब से मनरेगा शुरू हुआ है ये अलग-अलग रहा है. इंद्राजीत रे डीडब्ल्यू हिंदी से कहते हैं, "भारत के अलग-अलग राज्यों में जीवन यापन की लागत अलग-अलग होती है, उदाहरण के लिए जो खर्च दिल्ली में होता है वह खर्च कोलकाता में नहीं होता. और इस वजह से कह सकते हैं हर राज्य में दिहाड़ी भी अलग होती है."
प्रोफेसर इंद्राजीत के मुताबिक कुछ स्थानों पर शायद महंगाई की मार ज्यादा पड़ी है जिस वजह से बढ़ोतरी भी ज्यादा हुई है. उदाहरण के लिए गोवा में दो प्रतिशत के करीब बढ़ोतरी हुई है तो शायद हम यहां कह सकते हैं कि वहां जीवन यापन लागत उतनी नहीं बढ़ी हो.
लेकिन वह साथ ही कहते हैं जब महंगाई की दर को राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाता है तो उसी हिसाब से दिहाड़ी में बढ़ोतरी भी होनी चाहिए.
भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा योजना से जुड़े हुए कामकाजी मजदूरों की संख्या लगभग 14.96 करोड़ है. इस योजना को परिवारों को गरीबी से निकालने और महिला और शोषित वर्गों को सशक्त करने का श्रेय दिया जाता है. प्रोफेसर इंद्राजीत का कहना है कि मनरेगा एक ग्रामीण योजना है और इसके आंकड़े बताते हैं कि किस राज्य के ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है. जैसे कि झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल. हरियाणा जैसे राज्य में ग्रामीण बेरोजगारी अधिक है और शायद हो सकता है कि वहां प्रतिदिन दिहाड़ी अधिक दी जा रही है इसलिए मनरेगा में भी पैसा ज्यादा मिल रहा है.
क्या है मनरेगा
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिसे दुनिया का सबसे बड़ा कार्य गारंटी कार्यक्रम भी कहा जाता है, वह ग्रामीणों को अकुशल शारीरिक कार्य करने की गारंटी देता है. हर वित्तीय वर्ष में ग्रामीण परिवार का वयस्क सदस्य 100 दिन काम कर सकता है और इसके एवज में उसे तय दिहाड़ी दी जाती है.
मनरेगा योजना भी राजनीति से अछूती नहीं रही है. विपक्ष में रहते हुए बीजेपी ने शुरू से ही इस पर सवाल उठाते हुए इसमें भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए थे. सरकार में आने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इसे कांग्रेस की विफलताओं का स्मारक बताया था. ग्रामीण इलाकों में काम की कमी मनरेगा को आकर्षक बनाती है. ऐसे ग्रामीण लोगों के लिए मनरेगा आय का एक जरिया है जो अपने गांव में ही रहकर रोजगार करना चाहते हैं.
प्रोफेसर इंद्राजीत मनरेगा को एक सफल योजना तो बताते हैं लेकिन कहते हैं इसमें और अधिक सुधार की गुंजाइश है. वह कहते, "इस योजना से हमें बहुत उम्मीदें हैं. ग्रामीण इलाकों और शहरी इलाकों में असमानता बहुत है. हम सभी जानते हैं कि इस योजना में भ्रष्टाचार भी बहुत होता जो कि रुकना चाहिए. साथ ही योजना में 100 दिन काम की गारंटी है जिसे और बढ़ाया जाना चाहिए." (dw.com)
उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने प्रयागराज के चर्चित माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद को एक मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है. कौन हैं अतीक अहमद और इस सजा की इतनी चर्चा क्यों हो रही है.
डॉयचे वैले पर समीरात्मज मिश्र की रिपोर्ट-
एक महीने पहले उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में उमेश पाल और उनके दो सुरक्षा गार्डों की हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल, विधायक रहे राजू पाल हत्याकांड के उस मामले के मुख्य गवाह थे जिसमें अभियुक्त अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ हैं. 17 साल पहले उमेश पाल के अपहरण के मामले में भी अतीक अहमद अभियुक्त थे और इसी मामले में उन्हें अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.
प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में तीन लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है जबकि अतीक अहमद के भाई और पूर्व विधायक अशरफ समेत सात लोगों को बरी कर दिया है. विशेष अदालत ने इन तीनों को आईपीसी की धारा 364 ए के तहत दोषी करार दिया. अतीक अहमद को एक दिन पहले ही गुजरात की साबरमती जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज लाया गया था.
बाहुबली और राजनेता
अतीक अहमद के ऊपर हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, रंगदारी जैसे मामलों में सौ से भी ज्यादा केस दर्ज हैं लेकिन उन्हें अब तक किसी भी केस में सजा नहीं हुई थी. यह पहला मामला है जिसमें उन्हें सजा हुई है. अपराध की दुनिया से करियर की शुरुआत करते हुए अतीक अहमद 1989 में राजनीति के क्षेत्र में आए और पांच बार विधायक और एक बार लोकसभा के लिए चुने गए. राजनीतिक सफर की शुरुआत निर्दलीय विधायक के तौर पर करने के बाद वो बहुजन समाज पार्टी, अपना दल और समाजवादी पार्टी में भी रह चुके हैं.
2004 में अतीक अहमद ने उस फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता जहां से कभी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चुनाव जीतते थे.
अतीक अहमद प्रयागराज के ही रहने वाले हैं और लंबे समय से उनकी एक दबंग राजनीतिक की छवि बनी हुई है. राजनीति में आने के बाद भी वो एक नेता या जनप्रतिनिधि के तौर पर कम, एक माफिया और बाहुबली के तौर पर ज्यादा जाने जाते रहे.
16-17 साल की उम्र में पहला केस
उनके चुनावी क्षेत्र शहर पश्चिमी के रहने वाले रहमान अहमद बताते हैं कि उनका परिवार पहले बहुत गरीब था. अतीक अहमद भी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं. एक बार बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि उन्होंने सिर्फ दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की है और उसके बाद ही कुछ कारणों से अपराध की दुनिया में आ गए. हालांकि इस बारे में उन्होंने ज्यादा ब्योरा नहीं दिया था लेकिन उनके आस-पास के लोग बताते हैं कि वो इस दुनिया में तब से सक्रिय हैं जब नाबालिग थे और स्कूल में पढ़ते थे.
रहमान अहमद बताते हैं, "इनके पिता फिरोज अहमद इलाहाबाद में तांगा चलाया करते थे. 1979 पहली बार उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और तब उनकी उम्र 16-17 साल की रही होगी. दस साल तक उन्हें उनके इलाके में लोग एक माफिया और बाहुबली के तौर पर जानने लगे. इसी दौरान उन्होंने इलाहाबाद में शहर पश्चिमी से निर्दलीय विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए. फिर तो लगातार जीतते रहे और माफिया के साथ-साथ नेता के तौर पर भी लोग उन्हें जानने लगे.”
राजनीतिक दलों से संबंध
1989 में चुनाव जीतने के बाद वो धीरे-धीरे समाजवादी पार्टी के करीब चले गए और फिर 1993 में समाजवादी पार्टी में शामिल ही हो गए. यह वो दौर था जब यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में मंडल और कमंडल की राजनीति का बोल-बाला था. लेकिन तीन साल बाद ही अतीक अहमद ने पाला बदल लिया और 1996 में अपना दल में शामिल हो गए. ये वही अपना दल है जिसका एक घटक अपना दल (एस) आज केंद्र और यूपी में सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में शामिल है.
इलाहाबाद शहर पश्चिमी से अतीक अहमद लगातार चुनाव जीतते रहे चाहे जिस पार्टी में हों. 2002 में उन्होंने इस सीट से पांचवीं बार जीत हासिल की और 2004 में फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए . पार्टी ने उन्हें फूलपुर से लोकसभा का टिकट दे दिया और वो जीत भी गए.
2004 में अतीक अहमद विधानसभा से लोकसभा पहुंच गए, उनका राजनीतिक ग्राफ बढ़ा लेकिन यहीं से उनका राजनीतिक ग्राफ गिरना भी शुरू हुआ. उनके इस्तीफे से खाली हुई सीट पर समाजवादी पार्टी ने उनके भाई अशरफ को टिकट दिया. इसी सीट से बहुजन समाज पार्टी ने राजू पाल को टिकट दिया. इस उपचुनाव में राजू पाल ने अशरफ को हरा दिया. राजू पाल और अतीक कभी करीबी थे लेकिन राजनीति ने दोनों को अलग कर दिया था.
राजू पाल हत्याकांड
चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद ही जनवरी 2005 में राजू पाल की हत्या हो गई. इस हत्याकांड में सीधे तौर पर अशरफ और अतीक का नाम आया. स्थानीय लोग बताते हैं कि राजू पाल का चुनाव जीतना अतीक अहमद की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था. राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने इस मामले में अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ केस दर्ज कराया.
इस सीट पर फिर उपचुनाव हुए जिसमें बीएसपी ने पूजा पाल को टिकट दिया लेकिन पूजा पाल अशरफ से चुनाव हार गईं. हालांकि 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में पूजा पाल ने अशरफ को चुनाव हरा दिया. यही नहीं, 2012 में इसी सीट पर पूजा पाल ने अतीक अहमद को भी चुनाव में मात दी.
इस दौरान 2007 में यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी तो अतीक अहमद को मोस्ट वांटेड घोषित कर दिया गया. अतीक अहमद ने 2008 में आत्मसमर्पण कर दिया और फिर 2012 में जेल से रिहा हुए. 2014 में समाजवादी पार्टी ने फिर उन्हें लोकसभा का टिकट दिया लेकिन इस बार वो चुनाव हार गए. इस बीच वो फिर गिरफ्तार हुए और 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद साबरमती जेल भेजे गए.
24 फरवरी 2023 को राजूपाल हत्या कांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का मर्डर हुआ और आरोप अतीक पर लगा. इस मामले में भी उनके और सहयोगियों के अलावा उनकी पत्नी और बच्चों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ और उनके कई सहयोगियों के मकान बुलडोजर से ढहा दिए गए. हालांकि इस मामले में सीसीटीवी कैमरे में कैद पांच शूटर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. (dw.com)
अगले महीने से तापमान के तेजी से बढ़ने का अनुमान जाहिर किया जा चुका है लेकिन इस भीषण गर्मी से निपटने में भारत की व्यवस्था तैयार नहीं है. गर्मी से निपटने के लिए और ज्यादा संसाधनों व बेहतर तैयारी की जरूरत होगी.
नई दिल्ली स्थित एक संस्था सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च ने कहा है कि भारत के कमजोर तबकों को आने वाली गर्मी से बचाने के लिए तैयारियां समुचित नहीं हैं. सीपीआर ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा तैयार की गईं 37 योजनाओं का विश्लेषण किया है.
उनका निष्कर्ष है कि योजनाओं में समय पर जरूरी बदलाव नहीं किए जा रहे हैं और अधिकतर मामलों में इन योजनाओं के लिए अलग से वित्तीय या कानूनी मदद उपलब्ध नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक एक बड़ी दिक्कत यह भी है कि इन योजनाओं के तहत उन तबकों की पहचान नहीं की गई है, जिन्हें भीषण गर्मी से सबसे ज्यादा सुरक्षा की जरूरत होगी.
दर्जनों हीट प्लान तैयार
2010 में जब अहमदाबाद में तापमान 48 डिग्री पहुंच गया था और गर्मी के कारण 800 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, तब कई राज्यों ने ऐसी योजनाएं बनानी शुरू की थीं. शहर के अधिकारियों और अन्य संगठनों तेजी से कार्रवाई करते हुए एक ‘हीट प्लान' तैयार किया था जिसके तहत लोगों को गर्मी से बचाने के लिए कई तरह के उपाय सोचे गए थे. दक्षिण एशिया में यह अपनी तरह की पहली कोशिश थी, जिसमें लोगों को जागरूक करने से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों को ऐसी स्थिति के लिए विशेष प्रशिक्षण देने जैसे उपाय शामिल थे. साथ ही, घरों को ठंडा रखने वाली छत बनाने के लिए नारियल की छाल और कागज की लुग्दी जैसी चीजों को इस्तेमाल किया जाना भी जरूरी माना गया.
केंद्रीय और राज्यों के स्तर पर कई अन्य योजनाएं भी तैयार की गई हैं. सीपीआर में एसोसिएट फेलो और इस रिपोर्ट को तैयार करने वाली टीम में शामिल रहे आदित्य पिल्लै कहते हैं कि हीट प्लान बनाने के मामले में भारत ने खासी प्रगति की है. उन्होंने बताया, "कई दर्जन हीट प्लान बनाकर भारत ने पिछले एक दशक में विशेष प्रगति की है. लेकिन हमारा आकलन है कि इन योजनाओं में कई समस्याएं हैं जिन्हें दूर किया जाना चाहिए.”
नैचरल रिसॉर्सेज डिफेंस काउंसिल में जलवायु और स्वास्थ्य योजनाओं के प्रमुख अभियंत तिवारी कहते हैं कि अन्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि चक्रवातीय तूफान आदि के मामले में यह स्पष्ट होता है कि कौन धन उपलब्ध कराएगा और कौन योजनाओं को लागू करेगा, जबकि इस मामले में ऐसा नहीं है. वह बताते हैं, "हीट प्लान के लिए वित्त एक ऐसा मामला है जिसके बारे में कोई बात नहीं करता. भारत सरकार भीषण गर्मी की गंभीरता को लेकर सचेत तो है लेकिन इस रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दों को हल करना काफी कारगर साबित होगा.”
हजारों जानों का सवाल है
पिछले 30 साल में सिर्फ भारत में गर्मी से कम से कम 26 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. झुग्गी बस्तियों में रहने वाले, स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं, छोटे या बंद कमरों में काम करने वाले कारीगर, किसान और निर्माण कार्य में लगे मजदूर गर्मी के सबसे पहले शिकार होते हैं. जलवायु परिवर्तन के कारण हाल के सालों में हीट वेव और बहुत ज्यादा तापमान लगातार आम होते जा रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्रीन हाउस गैसों का बढ़ता उत्सर्जन इनकी बारंबारता और तीव्रता को बढ़ा रहा है.
दक्षिण भारत में उमस एक ऐसी समस्या है जिसे सीधे तौर पर जलवायु परिवर्तन से जोड़कर देखा जा रहा है और उन इलाकों में तापमान के कम रहने के बावजूद गर्मी को और खतरनाक बना देती है. 2021 में एक रिपोर्ट में बताया गया कि गर्मी के कारण काम के घंटों में सबसे ज्यादा नुकसान भारत को होगा जो सालाना सौ अरब घंटों से भी ज्यादा हो सकता है. इसका आर्थिक असर बहुत गंभीर होने की आशंका है.
पिल्लै कहते हैं कि गर्मी से निपटने के तरीकों में बदलाव की सख्त जरूरत है. उदाहरण के लिए हीट वेव को आपदा घोषित किया जाना चाहिए. योजनाओं की नियमित समीक्षा होनी चाहिए. ऐसे कानून बनाए जाने चाहिए जो इन योजनाओं के अमलीकरण और उसके लिए धन को सुनिश्चित करें. वह कहते हैं, "एक मजबूत आधार तैयार हो चुका है लेकिन ये बदलाव फौरन करने होंगे ताकि और जानों को नुकसान ना हो.”
वीके/एए (एपी)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए नफरत फैलाने वाले भाषणों का परित्याग करना एक मूलभूत आवश्यकता है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील निजाम पाशा ने जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने महाराष्ट्र में कई रैलियों में दिए गए नफरती भाषणों के संबंध में एक समाचार लेख का हवाला दिया था.
पाशा ने कहा कि उन्होंने समाचार रिपोर्टों को संलग्न किया है और कार्रवाई की मांग की है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने समाचार रिपोर्टों के आधार पर याचिका दायर करने पर आपत्ति जताई. सॉलिसिटर जनरल ने बेंच में शामिल जस्टिस बीवी नागरत्ना के समक्ष तर्क दिया कि पाशा उस जानकारी का उल्लेख कर रहे हैं जो केवल महाराष्ट्र से संबंधित है और याचिकाकर्ता, जो केरल से हैं, को महाराष्ट्र के बारे में पूरी तरह से पता है और उन्होंने कहा कि याचिका केवल महाराष्ट्र तक ही सीमित है.
उन्होंने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता मजिस्ट्रेट की अदालत से घृणा अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए सीआरपीसी के तहत सहारा लेने की मांग कर सकता है, इसके बजाय उन्होंने सुप्रीम कोर्टके समक्ष अवमानना याचिका दायर की है, जो समाचार रिपोर्टों पर आधारित है.
नफरती भाषण पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
बेंच ने कहा कि जब उसने आदेश पारित किया, तो उसे देश में मौजूदा परिस्थितियों की जानकारी थी. बेंच ने कहा, "हम समझते हैं कि क्या हो रहा है, इस तथ्य को गलत नहीं समझा जाना चाहिए कि हम चुप हैं."
सॉलिसिटर जनरल ने कहा, "अगर हम वास्तव में इस मुद्दे के बारे में गंभीर हैं तो कृपया याचिकाकर्ता को निर्देशित करें, जो एक सार्वजनिक उत्साही व्यक्ति है, जो सभी धर्मो में नफरत फैलाने वाले भाषणों को इकट्ठा करे और समान कार्रवाई के लिए अदालत के समक्ष रखे." उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को वास्तविकता का पता लगाने की जरूरत है.
अभद्र भाषा पर कार्रवाई जरूरी-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने तब मौखिक रूप से कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए अभद्र भाषा को त्यागना मूलभूत आवश्यकता है, जिससे मेहता सहमत हुए.
बेंच ने मेहता से पूछा कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद क्या कार्रवाई की गई है और केवल शिकायत दर्ज करने से अभद्र भाषा की समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. तब सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि नफरत भरे भाषणों के संबंध में 18 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.
पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने जोर देकर कहा था कि संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में देखता है, जबकि दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को अभद्र भाषा के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने और शिकायत की प्रतीक्षा किए बिना दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया था. (dw.com)
लखनऊ, 29 मार्च | इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अधिकारी आदेश के बावजूद अदालत के सामने पेश नहीं हुए।
मान्यता प्राप्त शिक्षक संघ द्वारा दायर अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने यह आदेश पारित किया।
विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव और निदेशक के खिलाफ पिछले महीने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के आरोप तय किए गए थे।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा था कि, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालयों में इनकी नियुक्ति के एक दशक के आदेश पारित होने के बावजूद अभी तक इनकी नियुक्ति नहीं की जा सकी है।
अदालत ने मुख्य सचिव दीपक कुमार को अदालत में पेशी से छूट देने की मांग करने वाले राज्य के वकील द्वारा दायर आवेदन को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी इस अदालत के आदेश को बहुत ही लापरवाही से अपने खिलाफ शुरू की गई अवमानना की कार्रवाई में ले रहे हैं। प्रमुख सचिव दीपक कुमार का कृत्य स्वीकार्य नहीं है।
तदनुसार, दीपक कुमार के लिए गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था।
अदालत ने सचिव प्रताप सिंह बघेल और बेसिक शिक्षा विभाग के तत्कालीन निदेशक शुभा सिंह को भी 10 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से गत फरवरी में अदालत में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एल.पी. मिश्रा ने अदालत को अवगत कराया था कि याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय के 14 फरवरी, 2013 और 30 जुलाई, 2014 को पारित दो आदेशों की अवहेलना की है। (आईएएनएस)|
सहारनपुर , 29 मार्च | उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में अनियंत्रित कार और बाइक के बीच जोरदार टक्कर हुई, जिसमें एक युवक, दो महिलाएं और तीन साल की बच्ची समेत एक ही परिवार के चार सदस्यों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि एक चार माह के बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने कार को कब्जे लेते हुए, आरोपी ड्राइवर को हिरासत में लिया है। घटना मंगलवार शाम सहारनपुर जिले के मिजार्पुर थाना क्षेत्र के दिल्ली-यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर जाटोवाला गांव के पास हुई।
मृतकों की पहचान नसीम (26), नसीरा (50), तरन्नुम (25), रिजा (3) के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, नसीम परिवार के सदस्यो के साथ सहारनपुर जिले के आलमपुर गांव में रिश्तेदार के यहां अन्तिम संस्कार में शामिल होने के बाद वापस अपने गांव लौट रहे थे। पुलिस ने मौके से कार को कब्जे में लिया है। आरोपी कार ड्राइवर घटना के बाद मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। शवो का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए शवगृह भेजा गया।
पुलिस अधीक्षक सहारनपुर (एसपी) विपिन ताडा ने बताया कि सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। पुलिस ने क्षतिग्रस्त बाइक और कार को कब्जे में लिया है।
एसपी ने कहा कि, आरोपी कार चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या, तेज गति से वाहन चलाने, लापरवाही से मानव जीवन को खतरे में डालने का मामला दर्ज किया गया है। (आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी, 29 मार्च | लखीमपुर खीरी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) सुभाष सिंह की अदालत ने 40 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की मां और बहन के दोहरे हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 12 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपी जय सेन अपनी भाभी से शादी करना चाहता था और उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रूप में रखना चाहता था। उनकी सास ने योजना पर आपत्ति जताई और बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।
उसके फैसले से खफा होकर उसने उसे और उसकी भाभी को हथौड़े से मार डाला। घटना 2012 में हुई थी।
बाद में उस व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया और मैलानी थाने में हत्या का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया।
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील कपिल कटियार ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा, घटना अक्टूबर 2012 में गिरधरपुर गांव में दर्ज की गई थी। सीतापुर जिले के रहने वाले जय सेन की शादी रामस्नेही देवी से हुई थी और वह अपनी पत्नी के मायके में रहती थी।
उन्होंने आगे बताया, "जय का नीलम के साथ विवाहेतर संबंध था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। हालांकि, रमापति किसी तरह नीलम को किसी से शादी करने के लिए मनाने में कामयाब रहा। जय को नीलम की शादी के बारे में पता चलने के बाद, उसका रमापति और नीलम से झगड़ा हुआ। गुस्से में उसने दोनों को हथौड़े से मार डाला।"
पुलिस ने 2013 में अदालत में जय सेन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और अब चश्मदीदों के अदालत में बयान दर्ज करने के बाद वह दोषी साबित हुआ। अभियुक्तों के पास से हत्या का हथियार भी बरामद किया गया और फोरेंसिक सबूतों ने भी न्याय का मार्ग प्रशस्त किया। (आईएएनएस)|
लिस्बन, 29 मार्च | एक अफगान व्यक्ति ने लिस्बन में इस्माइली मुस्लिम केंद्र पर चाकू से हमला कर दिया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। पुर्तगाली अधिकारियों ने ये जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पुलिस ने हमलावर को पैर में गोली मारकर उसे घायल कर दिया और फिर उसे अस्पताल ले गए। मंगलवार को हुए हमले में अन्य लोगों को भी चोटें आई हैं।
इस्माइली केंद्र और अस्पताल जहां पीड़ितों का इलाज किया जा रहा है, अब पुलिस सुरक्षा में हैं।
इस बीच, पुर्तगाली प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने मुस्लिम समुदाय और पीड़ित परिवारों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है। हालांकि उन्होंने कहा कि हमले के मकसद पर अटकल लगाना जल्दबाजी होगी, उन्होंने संकेत दिया कि यह एक अलग घटना थी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 29 मार्च | भारत निर्वाचन आयोग बुधवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने वाला है। राज्य में 224 विधानसभा सीटें हैं। कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को समाप्त हो रहा है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने की प्रक्रिया में हैं।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा कि कर्नाटक भाजपा अप्रैल के पहले सप्ताह में उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी की दूसरी सूची 30 मार्च को जारी की जाएगी।
शिवकुमार ने कहा कि 30 मार्च के बाद 100 उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा की जाएगी। पार्टी पहले ही भाजपा से आगे 124 उम्मीदवारों के टिकटों की घोषणा कर चुकी है। उन्होंने कहा, "कोई मतभेद नहीं है। हम सभी पार्टी नेताओं को समायोजित करेंगे।" (आईएएनएस)|
मेक्सिको सिटी, 29 मार्च | उत्तरी मेक्सिको के स्यूदाद जुआरेज में एक प्रवासी डिटेंशन सेंटर में आग लगने से मरने वालों की संख्या 39 हो गई है। राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने इसकी पुष्टि की है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लोपेज ओब्रेडोर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा, "जब प्रवासियों को ऐसा लगा कि उन्हें निर्वासित किया जा रहा है तो उन्होंने ऐसा विरोध के तौर पर किया था।"
उन्होंने कहा, "उन्होंने आश्रय के दरवाजे पर गद्दे रख दिए और विरोध के तौर पर उनमें आग लगा दी और उन्होंने यह नहीं सोचा कि यह इस भयानक त्रासदी का कारण बनेगा।"
आग उत्तरी राज्य चिहुआहुआ के स्यूदाद जुआरेज में एक अस्थायी प्रवासी केंद्र में सोमवार रात लगी, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की सीमा से लगा हुआ है।
राष्ट्रपति ने विस्तृत रूप से बताया कि प्रवासी ज्यादातर मध्य अमेरिका और वेनेजुएला से थे, हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मृतकों की पहचान नहीं की है।
आव्रजन अधिकारियों की एक रिपोर्ट के अनुसार, 68 लोगों को सेंटर में रखा गया था और 29 'नाजुक, गंभीर' स्थिति में हैं।
लोपेज ओब्रेडोर ने यह भी कहा कि अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने संबंधित जांच शुरू कर दी है। (आईएएनएस)
मेक्सिको सिटी, 29 मार्च | उत्तरी मेक्सिको के स्यूदाद जुआरेज में एक प्रवासी डिटेंशन सेंटर में आग लगने से मरने वालों की संख्या 39 हो गई है। राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने इसकी पुष्टि की है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, लोपेज ओब्रेडोर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से कहा, "जब प्रवासियों को ऐसा लगा कि उन्हें निर्वासित किया जा रहा है तो उन्होंने ऐसा विरोध के तौर पर किया था।"
उन्होंने कहा, "उन्होंने आश्रय के दरवाजे पर गद्दे रख दिए और विरोध के तौर पर उनमें आग लगा दी और उन्होंने यह नहीं सोचा कि यह इस भयानक त्रासदी का कारण बनेगा।"
आग उत्तरी राज्य चिहुआहुआ के स्यूदाद जुआरेज में एक अस्थायी प्रवासी केंद्र में सोमवार रात लगी, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की सीमा से लगा हुआ है।
राष्ट्रपति ने विस्तृत रूप से बताया कि प्रवासी ज्यादातर मध्य अमेरिका और वेनेजुएला से थे, हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मृतकों की पहचान नहीं की है।
आव्रजन अधिकारियों की एक रिपोर्ट के अनुसार, 68 लोगों को सेंटर में रखा गया था और 29 'नाजुक, गंभीर' स्थिति में हैं।
लोपेज ओब्रेडोर ने यह भी कहा कि अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने संबंधित जांच शुरू कर दी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 29 मार्च | 100 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ केवाईसी वॉलेट (प्रीपेड इंस्ट्रमेंट्स) का सबसे बड़ा जारीकर्ता, घरेलू पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पीपीबीएल) ने घोषणा की है कि इसके फुल केवाईसी वॉलेट ग्राहक प्रत्येक यूपीआई क्यूआर कोड और ऑनलाइन मर्चेंट पर भुगतान करने में सक्षम होंगे जहां यूपीआई भुगतान स्वीकार किए जाते हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने 24 मार्च, 2023 को वॉलेट इंटरऑपरेबिलिटी दिशानिर्देशों की घोषणा की।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रवक्ता ने सोमवार को एक बयान में कहा, "मोबाइल भुगतान और क्यूआर आधारित भुगतान के अग्रणी के रूप में, यह कदम भारत के भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अविश्वसनीय विकास के अवसर प्रस्तुत करता है। आरबीआई के 'हर पेमेंट डिजिटल' बनाने के मिशन के अनुरूप, हम यूपीआई मर्चेट भुगतान के लिए सबसे बड़े अधिग्रहणकर्ता हैं।"
अब से, कंपनी ने कहा कि जब पेटीएम वॉलेट ग्राहक (यानी, पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा जारी केवाईसी वॉलेट) अन्य भुगतान एग्रीगेटर्स या बैंकों द्वारा अधिग्रहित व्यापारियों पर भुगतान करते हैं, तो बैंक 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज राजस्व अर्जित करेगा।
जब कोई अन्य वॉलेट यूपीआई से 2,000 रुपये से अधिक जोड़ने के लिए बैंक का उपयोग करेगा तो बैंक यूपीआई का उपयोग कर 2,000 रुपये से अधिक जोड़ने के लिए 15 बीपीएस शुल्क का भुगतान करेगा और बदले में, 15 बीपीएस अर्जित करेगा।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक यूपीआई भुगतान व्यापारियों का अधिग्रहण करने में अग्रणी है।
इसके अलावा, कंपनी ने उल्लेख किया कि यह लगातार 21 महीनों के लिए शीर्ष यूपीआई लाभार्थी बैंक रहा है और फरवरी 2023 में 1,657.41 मिलियन लेनदेन दर्ज किए गए।
नवाचार को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों के तहत, बैंक यूपीआई लाइट लॉन्च करने वाला पहला पेमेंट्स बैंक है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 29 मार्च | आजमगढ़ का एक नाबालिग समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने के लिए घर से भागा और लखनऊ पहुंचा। उसका कहना है कि सुरक्षाकर्मियों ने उसे अखिलेश से मिलने से रोक दिया। बताया जा रहा है कि अखिलेश से मिलने के लिए लड़का कई बार अपने घर से भाग चुका है। लड़के को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को सौंप दिया गया है और उसके परिवार को सूचित कर दिया गया है।
चाइल्डलाइन के समन्वयक विवेक शर्मा ने कहा, लड़के को ढूंढना मुश्किल नहीं था क्योंकि वह अखिलेश यादव से मिलने के लिए घर से कई बार भाग चुका है। ऐसा उसने करीब सात बार किया है। लड़का पहली बार अपने घर से तब भागा था जब वह महज 10 साल का था। वह अखिलेश से मिलने दिल्ली और मुंबई जैसे दूर-दराज शहरों में जा चुका है।
जब लड़का 26 मार्च को लापता हो गया, तो उसके माता-पिता ने चाइल्डलाइन से संपर्क किया और अधिकारियों को उसके घर से भागने के पीछे का कारण बताया।
रात 8.30 बजे कॉल आने के तुरंत बाद, चार चाइल्डलाइन कार्यकर्ताओं को विक्रमादित्य मार्ग स्थित अखिलेश यादव के आवास के आसपास के क्षेत्र में तैनात किया गया।
लड़के का पता लगाने के लिए बंदरिया बाग, दिलकुशा मार्ग और हजरतगंज में भी कर्मियों को तैनात किया गया।
शर्मा ने कहा, हम पहली रात में उसका पता नहीं लगा पाए। हालांकि, विक्रमादित्य मार्ग पर एक रेहड़ी वाले ने हमें बताया कि उसने इलाके में एक ऐसा ही लड़का देखा है। अगले दिन, हमारे कार्यकर्ता फिर से उसकी तलाश में निकले, और एक चाट स्टॉल वाले ने उन्हें बताया कि उन्होंने लड़के को फिर से सड़क पर देखा।
आखिरकार चाइल्डलाइन वर्कर्स ने विक्रमादित्य मार्ग स्थित एसपी कार्यालय के बाहर सड़क पर लड़के को देखा। उन्होंने एसपी की टोपी पहन रखी थी और गले में एक स्टोल लपेटा हुआ था।
पूछताछ किए जाने पर, लड़के ने खुलासा किया कि उसने अखिलेश यादव के आवास में प्रवेश करने की कोशिश की लेकिन उनके सुरक्षा गाडरें ने उसे रोक दिया।
सीडब्ल्यूसी ने आदेश दिया है कि लड़के को मोहन रोड स्थित सरकारी बाल आश्रय गृह में तब तक रखा जाए जब तक कि उसके माता-पिता आजमगढ़ से उसे वापस घर ले जाने के लिए नहीं आ जाते।
लड़के की काउंसलिंग भी की जा रही है। (आईएएनएस)
सहारनपुर (यूपी), 29 मार्च | सहारनपुर के सरसावा एयरफोर्स बेस में एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट अपने अधिकारी के क्वार्टर रूम में मृत पाई गई। फ्लाइट लेफ्टिनेंट संजीवनी शर्मा राजस्थान से थी और प्रशिक्षण लेने के लिए सरसावा बेस पर आई थी।
सरसावा थाने के एसएचओ सूबे सिंह ने कहा कि उन्हें दौरे पड़ते थे और लगता है कि ज्यादा दवाई खाने से उसकी मौत हुई है।
उन्होंने कहा, "हमें अभी तक पोस्टमॉर्टम जांच रिपोर्ट नहीं मिली है।"
मंगलवार को जब वह प्रशिक्षण के लिए नहीं आई तो वायुसेना अड्डे के अधिकारी उसके कमरे में गए। दरवाजा अंदर से बंद था और उन्होंने अंदर जाने के लिए उसे तोड़ा और पाया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट बिस्तर पर बेहोश पड़ी है।
बेस के डॉक्टरों को जांच के लिए बुलाया गया और उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई।
मृतक फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पति भी वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर हैं और वर्तमान में राजस्थान में तैनात हैं।
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है लेकिन कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 29 मार्च | कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह और उसके आका पापलप्रीत सिंह ने एक बार फिर होशियारपुर शहर के पास एक गांव में पंजाब पुलिस को चकमा दे दिया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। घटनाक्रम से परिचित एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि अमृतपाल सहित तीन लोगों के साथ एक इनोवा वाहन को पुलिस ने मंगलवार रात एक नाके पर रोका, लेकिन वे अंधेरे में भागने में सफल रहे।
पुलिस फगवाड़ा से कार का पीछा कर रही थी। बाद में कार फगवाड़ा-होशियारपुर मार्ग पर गुरुद्वारा भाई चंचल सिंह के पास लावारिस हालत में मिली। वे पैदल भागे।
पुलिस ने होशियारपुर जिले के गांवों की घेराबंदी कर दी है और घर-घर जाकर तलाशी अभियान चला रही है।
हाई अलर्ट पर पुलिस को होशियारपुर और जालंधर जिलों में अमृतपाल के होने की सूचना मिली थी।
अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह का एक नया वीडियो मंगलवार को सामने आया, जिसमें कथित तौर पर अमृतपाल दिल्ली की एक गली में बिना पगड़ी और मास्क पहने घूम रहा था।
एक दिन पहले राज्य के महाधिवक्ता ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को सूचित किया था कि पुलिस अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के करीब है।
हाईकोर्ट एक व्यक्ति द्वारा उसकी रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने दावा किया था कि अमृतपाल सिंह जालंधर में अवैध हिरासत में है।
महाधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, पंजाब एक संवेदनशील चरण से गुजर रहा है और इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल है। इस तरह, दिए गए तर्कों को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में उठाए गए तर्कों तक ही सीमित होना चाहिए।
दोनों पक्षों के वकील को सुनने के बाद न्यायमूर्ति एन.एस. शेखावत ने याचिकाकर्ता के वकील से सबूत दिखाने को कहा कि अमृतपाल सिंह पुलिस की अवैध हिरासत में है। उन्होंने कहा कि राज्य का स्पष्ट रुख है कि अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
अमृतपाल सिंह 18 मार्च से गिरफ्तारी से बच रहा है और अपना ठिकाना बार बार बदल रहा है। (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 29 मार्च | जहां एलन मस्क ट्विटर पर प्रत्येक उपयोगकर्ता को भुगतान करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, एक रिपोर्ट से पता चला है कि ब्लू सर्विस के आधे ग्राहकों के प्लेटफॉर्म पर 1,000 से कम फॉलोअर्स हैं। मेशेबल के अनुसार, 2,270 भुगतान करने वाले ट्विटर ब्लू ग्राहक हैं जिनके जीरो फॉलोअर्स हैं।
शोधकर्ता ट्रैविस ब्राउन के अनुसार, ट्विटर ब्लू के वर्तमान में कुल 444,435 भुगतान करने वाले ग्राहक हैं।
सभी भुगतान किए गए ट्विटर ग्राहकों में से लगभग आधे (लगभग 220,132 उपयोगकर्ता) के 1,000 से कम फॉलोअर्स हैं।
उन्होंने मैशेबल को बताया, "करीब 78,059 भुगतान करने वाले ट्विटर ब्लू ग्राहकों 100 से कम फॉलोअर्स हैं जो कि सभी ट्विटर ब्लू ग्राहकों का 17.6 प्रतिशत है।"
रिपोर्ट के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें से कितने 'वर्तमान' ट्विटर ब्लू ग्राहक वास्तव में भुगतान नहीं कर रहे हैं।
ट्विटर कई उपयोगकर्ताओं से पेड वेरिफिकेशन बैज नहीं हटा रहा है जिन्होंने अपनी ब्लू सदस्यता रद्द कर दी थी।
ब्राउन के अनुसार, उन उपयोगकर्ताओं को अभी भी ट्विटर द्वारा 'ब्लू वेरिफाइड' के रूप में चिह्न्ति किया गया है और डेटा में दिखाया गया है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हालांकि, ट्विटर के 254 मिलियन दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से केवल 0.2 प्रतिशत ट्विटर ब्लू के लिए भुगतान कर रहे हैं।
1 अप्रैल से मस्क सभी लेगेसी ब्लू चेक मार्क हटा देंगे। कुल मिलाकर लगभग 420,000 लीगेसी वेरिफाइड अकाउंट्स हैं।
ट्विटर के सीईओ ने मंगलवार को कहा कि 15 अप्रैल से शुरू होने वाले 'फॉर यू रिकमेंडेशन' में सिर्फ वेरिफाइड अकाउंट्स को ही शामिल होने की इजाजत होगी।
उन्होंने कहा, "उन्होंने कहा, यदि वे सेवा की शर्तों का पालन करते हैं और मानव का रूप धारण नहीं करते हैं, तो वेरिफाइड बॉट अकाउंट्स का होना ठीक है।"
बाद में, उन्होंने फिर से ट्वीट किया, "यह उल्लेख करना भूल गया कि आप जिन खातों का सीधे अनुसरण करते हैं, वे भी आपके लिए होंगे, क्योंकि आपने स्पष्ट रूप से उनके लिए कहा है।" (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 28 मार्च | वीडियो गेम प्रकाशक वार्नर ब्रदर्स गेम्स ने इस साल 25 जून को अपने फ्री-टू-प्ले क्रॉसओवर फाइटिंग गेम मल्टीवर्सस को बंद करने की घोषणा की है, जो ओपन बीटा में था। कंपनी ने कहा कि वह अपडेट को रोक देगी और गेम को ऑफलाइन ले जाएगी क्योंकि यह मल्टीवर्सस के लॉन्च की तैयारी कर रही है, जिसे 2024 की शुरुआत में लक्षित किया गया है।
मल्टीवर्सस डेवलपर प्लेयर फस्र्ट गेम्स के सीईओ और सह-संस्थापक टोनी ह्यून्ह ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "हम 25 जून, 2023 को मल्टीवर्सस ओपन बीटा को बंद कर देंगे। इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, हम अपडेट को रोक देंगे और गेम को ऑफलाइन ले लेंगे क्योंकि हम मल्टीवर्सस के लॉन्च की तैयारी कर रहे हैं, जिसे हम 2024 की शुरुआत में लक्षित करेंगे।"
उन्होंने कहा, "इस डाउनटाइम के दौरान, सभी ऑनलाइन मोड और सुविधाएं अनुपलब्ध रहेंगी। आपके पास इन तरीकों के भीतर अपने पात्रों और कॉस्मेटिक वस्तुओं तक पहुंच के साथ-साथ प्रशिक्षण कक्ष (द लैब के रूप में जाना जाता है) और स्थानीय मैचों तक सीमित ऑफलाइन पहुंच होगी।" (आईएएनएस)
इसके अलावा, कंपनी ने उल्लेख किया कि खुले बीटा के कारण, यह एक स्पष्ट ²ष्टिकोण है कि उन्हें किस पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से नए पात्रों, मानचित्रों और मोडों की कंटेंट केडेंस जो आपको अपडेट किए गए नेटकोड के साथ गेम का आनंद लेने के अधिक तरीके प्रदान करते हैं।
मल्टीवर्सेस को पहली बार जुलाई 2022 में लॉन्च किया गया था।
नई दिल्ली, 28 मार्च | दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सहयोगी राहुल रमेश शेवाले द्वारा दायर मानहानि के मामले में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, सांसद संजय राउत और विधायक आदित्य ठाकरे को समन जारी किया। शेवाले ने कुछ बयानों के लिए तीनों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, इसमें आरोप लगाया गया था कि शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने 2 हजार करोड़ रुपये में पार्टी का चुनाव चिह्न् खरीदा था।
शेवाले की ओर से पेश होते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नैय्यर ने अदालत से एक निषेधाज्ञा पारित करने का अनुरोध किया, ताकि उन्हें आगे कोई मानहानि का दावा करने से रोका जा सके। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने कहा कि पक्षकारों की प्रतिक्रिया के बाद ही एक आदेश पारित किया जाएगा।
अदालत ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 17 अप्रैल को तय की। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 मार्च | सर्वोच्च न्यायालय ने आयातित सामानों के मामले में कथित तौर पर अधिक मूल्यांकन के मामले में अदानी पावर महाराष्ट्र लिमिटेड (एपीएमएल), अदानी पावर राजस्थान लिमिटेड (एपीआरएल) और अन्य के खिलाफ सीमा शुल्क विभाग की अपील खारिज कर दी। जस्टिस कृष्णा मुरारी और संजय करोल की पीठ ने सीमा शुल्क विभाग द्वारा एपीएमएल, एपीआरएल और अन्य के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया।
घटनाक्रम से परिचित वकील के अनुसार, शीर्ष अदालत ने पाया कि एपीएमएल और एपीआरएल की परियोजना लागत या तो समान थी या साथियों/प्रतिस्पर्धियों की कीमत से कम थी।
वकील ने कहा कि कीमत केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) द्वारा तय किए गए बेंचमार्क प्रति मेगावाट लागत से कम थी और अनुबंध एक ईपीसी अनुबंध था, जो दुनिया भर में बोली लगाने के बाद सबसे कम बोली लगाने वाले को दिया गया था, जिसे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली (आईसीबी) कहा जाता है।
वकील के अनुसार, शीर्ष अदालत ने निर्णायक प्राधिकरण के साथ-साथ अपीलीय न्यायाधिकरण के निष्कर्षों को बरकरार रखा और पुष्टि की कि पूंजीगत वस्तुओं के आयात में कोई अधिक मूल्यांकन नहीं हुआ था।
अदानी की कंपनियों ने महाराष्ट्र और राजस्थान में थर्मल पावर परियोजनाओं की स्थापना के लिए आवश्यक सामान आयात किया था।
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने मई 2014 में एपीएमएल, एपीआरएल, एमईजीपीटीसीएल और अन्य को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया था, जिसमें पूंजीगत वस्तुओं के आयात में अधिक मूल्यांकन का आरोप लगाया गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 मार्च | कनाडा के बर्नबाई में एक विश्वविद्यालय परिसर में महात्मा गांधी की एक और प्रतिमा को तोड़ा गया। वैंकूवर में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने मंगलवार को इसकी सूचना दी। जानकारी के मुताबिक, प्रतिमा को साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी के बनार्बी परिसर में पीस स्क्वायर में रखा गया था।
महावाणिज्य दूतावास ने ट्वीट किया, हम साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी के बनार्बी परिसर में शांति के अग्रदूत महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़े जाने की कड़ी निंदा करते हैं।
बयान में कहा गया है, कनाडाई अधिकारियों से मामले की तत्काल जांच करने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाता है।
घटना 23 मार्च को ओंटारियो के हैमिल्टन शहर में सिटी हॉल के पास महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को भारत विरोधी तत्वों द्वारा विरूपित और स्प्रे-पेंट करने के ठीक बाद सामने आई है।
हैमिल्टन पुलिस ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं, खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारतीय प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमले उत्तर अमेरिकी राष्ट्र में बढ़ रहे हैं।
2023 से, पूरे कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएं शुरू हुई, जिसमें बर्बरता, आपत्तिजनक चित्र, सेंधमारी की करीब आधा दर्जन घटनाएं हुई हैं।
पिछले साल जुलाई में, ग्रेटर टोरंटो एरिया में रिचमंड हिल में विष्णु मंदिर में स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ दिया गया था और विरूपित किया गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 मार्च | अडानी मसले पर जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण मंगलवार को भी लोक सभा में सुचारु ढंग से कोई कामकाज नहीं हो पाया। हंगामे के कारण लोक सभा की कार्यवाही को पहले दोपहर 2 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा। दोपहर बाद 2 बजे दोबारा लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही काले कपड़े पहने कांग्रेस सांसदों ने वेल में आकर अडानी मसले पर जेपीसी के गठन की मांग को लेकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। कांग्रेस सांसद लगातार वेल में प्ले कार्ड भी लहरा रहे थे और साथ ही अध्यक्ष के आसन पर बैठी पीठासीन सभापति रमा देवी को काले कपड़े भी दिखा रहे थे।
डीएमके और एनसीपी सहित कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद भी अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर नारेबाजी में कांग्रेस सांसदों का साथ दे रहे थे। हंगामे और नारेबाजी के बीच पीठासीन सभापति रमा देवी ने सदन की कार्यवाही को चलाने का प्रयास किया। उन्होंने आवश्यक कागजों को सदन के पटल पर रखवाना शुरू किया। इस दौरान विपक्षी दलों की तरफ से जोरदार नारेबाजी और हंगामा भी जारी रहा जिसके कारण पीठासीन सभापति रमा देवी ने सदन की कार्रवाई को दिन भर के लिए यानी बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले, सुबह 11 बजे भी लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दिया था। वेल में आने वाले कई विपक्षी सांसदों ने कागज फाड़-फाड़कर अध्यक्ष के आसन पर बैठे पीठासीन सभापति मिथुन रेड्डी की तरफ फेंकना शुरू कर दिया। इस दौरान विपक्षी सांसद लगातार अध्यक्ष के आसन पर बैठे पीठासीन सभापति को काले कपड़े भी दिखाते नजर आए। जोरदार हंगामे को देखते हुए पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही को शुरू होते ही दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। (आईएएनएस)