राष्ट्रीय
शिलांग, 7 मार्च नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के नेता कोनराड के संगमा ने मंगलवार को दूसरी बार मेघालय के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। संगमा के साथ 11 विधायकों ने मंत्रिपरिषद के सदस्यों के तौर पर शपथ ली।
एनपीपी के प्रेस्टोन तिनसोंग और स्नियाभलंग धार ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, जो सत्ता में आए गठबंधन में क्षेत्रीय दल की ताकत को रेखांकित करता है।
मेघालय के राज्यपाल फागू चौहान ने एनपीपी के सात अन्य विधायकों, यूनाइडेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के दो विधायकों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के एक-एक विधायक को राजभवन में मंत्रिमंडल में सदस्यों के रूप में गोपनीयता की शपथ दिलाई।
मंत्री पद की शपथ लेने वालों में एनपीपी के मार्कुइस एन. मारक, रक्कम ए. संगमा, अम्पारेन लिंगदोह, कॉमिंगोन यंबन तथा ए. टी. मोंडल, भाजपा के ए. एल. हेक, यूडीपी के पॉल लिंगदोह तथा किरमेन श्याला और एचएसपीडीपी के शकलियर वर्जरी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी शपथ समारोह में शामिल हुए।
एनपीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में एनपीपी के 26 और भाजपा के दो सहित कुल 45 विधायक हैं।
मेघालय विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) टिमोथी डी. शिरा ने सोमवार को 58 नवनिर्वाचित सदस्यों पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी थी। (भाषा)
बलिया (उप्र), 7 मार्च बलिया जिले के चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के मिर्ची खुर्द गांव में संत रविदास मंदिर में आगजनी का मामला सामने आया है। पुलिस ने पांच लोगों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कर उनमें से दो को हिरासत में लिया है।
उप जिलाधिकारी सदर प्रशांत नायक ने संवाददाताओं को बताया कि चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के मिर्ची खुर्द गांव में संत रविदास की मूर्ति रखी थी। रात में किसी वक्त उस मूर्ति और छप्पर को जला दिया गया है।
घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया है।
पुलिस उपाधीक्षक (सदर) अशोक मिश्र ने बताया कि इस मामले में कुछ ग्रामीणों की तहरीर पर गांव के ही रहने वाले राजेश, आदित्य, रवींद्र, जानकी और मुन्ना नामक व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मंदिर में संत रविदास की नई प्रतिमा स्थापित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि गांव में एहतियात के तौर पर पुलिस की तैनाती की गई है। फिलहाल पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। स्थिति नियंत्रण में है। (भाषा)
छूटनी महतो को कभी डायन बताकर गांव वालों ने पीटा, उनकी हत्या की साजिश भी रची. लेकिन आज वह झारखंड में डायन कुप्रथा के खिलाफ बड़ा चेहरा हैं. वह ऐसी महिलाओं का सहारा हैं, जिन्हें गांववाले डायन घोषित कर देते हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
64 साल की छूटनी महतो को आज भी याद है कि कैसे उनके सुसराल में गांव वालों ने डायन बताकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. झारखंड के सरायकेला-खरसंवा जिले के बीरबांस गांव की रहने वाली छूटनी महतो की 1978 में 14 साल की उम्र में पास के ही गांव माहातांडी के धनंजय महतो से शादी हुई. उनका जीवन ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन कई साल बाद अचानक उनपर डायन होने का आरोप मढ़ दिया गया. इसके बाद क्या था, गांव वालों ने उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया. साल 1995 में सितंबर के महीने में माहातांडी गांव में लोगों ने फैसला किया कि छूटनी महतो डायन है और जिसे रात को काटकर नदी में बहा दिया जाए.
छूटनी कहती हैं, "उसी पंचायत में एक हमारा शुभचिंतक भी मौजूद था. उसने रात को बताया कि तुम लोगों का अब इस गांव में रहना खतरे से खाली नहीं है. घर में मैं, मेरा पति और चार बच्चे थे. मैं आधी रात को किसी तरह से पीछे के दरवाजे से जान बचाकर भागी और नाव में सवार होकर गांव पार कर गई. और किसी तरह से अपने भाई के घर पहुंची."
अपने अतीत को याद करते हुए छूटनी की आंखों से आंसू टपकने लगते हैं. वह कहती हैं, "मेरा कोई जुर्म नहीं था लेकिन गांव के लोग हमसे जलते थे." छूटनी ने आगे बताया, "मैं तीन बच्चों को लेकर गांव से निकल गई और अपने पति और बड़े बेटे को वहीं छोड़ गई ताकि वे गाय-बकरी और घर का ध्यान रख सके."
छूटनी महतो को आज भी याद है कैसे उनपर डायन होने का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया गया (आमिर अंसारी)
छूटनी महतो को किसने बताया "डायन"
छूटनी महतो डीडब्ल्यू को बताती हैं कि सब कुछ सामान्य था लेकिन एक दिन उनके जेठ की बेटी ने उनसे कहा कि उसे उल्टी जैसा लग रहा है तो उसके में जवाब छूटनी ने कहा कि क्या पता कि तुम मां बनने वाली हो. छूटनी कहती हैं, "वह लड़की तो किनारे में खड़े होकर मुस्कुरा रही थी लेकिन उसकी बड़ी बहन ने कहा कि आपको कैसे पता कि यह मां बनने वाली है. कुछ दिनों बाद वह लड़की बीमार पड़ गई."
इसके बाद छूटनी के ससुराल वालों ने इसका दोष छूटनी के सिर मढ़ दिया. इस बात को लेकर उसपर डायन होने का आरोप लगा दिया गया. फिर उन्हें गांव वाले डायन कहकर पुकारने लगे और सताने लगे. कभी उन्हें पेड़ से बांधकर पीटा गया तो कभी कपड़े फाड़कर गांव की गलियों में घुमाया गया.
छोटी सी बात पर "डायन" घोषित
छूटनी कहती हैं, "हंसी मजाक में कही बात के चलते मुझ पर इतना बड़ा कलंक लगा और मुझे उत्पीड़न झेलना पड़ा. अगर मैं उसी गांव में रहती तो आज जिंदा नहीं होती. मैं उस रात गांव से भागी तभी आज इस मुकाम पर हूं."
गांव से भागकर छूटनी और उसके परिवार ने बीरबांस गांव में एक पेड़ के नीचे आठ महीने गुजारे. छूटनी के भाई चाहते थे कि वह उनके साथ रहे लेकिन छूटनी ने कहा कि वह अपने दम पर अपने बच्चों को पालेगी. उसने अपने भाई से कहा कि मदद ही करनी है तो कुछ जमीन दे दें ताकि वह खेती कर परिवार पाल सके.
गांव से भागने के बाद एक साल तक उनका पति उनके साथ रहा लेकिन माहातांडी गांव के लोगों ने पति को भड़काना जारी रखा. छूटनी कहती हैं, "उसको कहते थे कि तुम क्यों अपनी पत्नी के साथ रहते हो, एक दिन तुम्हें वह खा जाएगी." एक दिन पति छूटनी को छोड़कर वापस चला गया और दूसरी शादी कर ली.
"डायन" कैसे बनी "शेरनी"
छूटनी अब झारखंड की शेरनी कहलाती हैं. वह अब ऐसी महिलाओं की मदद करती हैं जिन्हें गांव वालों और ससुराल वालों ने डायन घोषित कर दिया है. वह ऐसी महिलाओं का रेस्क्यू करती हैं और अपने घर के परिसर में बने पुनर्वास केंद्र में रखकर उनकी काउंसलिंग करती हैं. 1996 से छूटनी झारखंड के गैर लाभकारी संगठन फ्री लीगल एड कमेटी के साथ मिलकर काम कर रही हैं. छूटनी और फ्री लीगल एड कमेटी ने अब तक इस केंद्र में 117 महिलाओं को रखकर उनकी काउंसलिंग की है. ये वे महिलाएं हैं जिनको अंधविश्वास के नाम पर प्रताड़ित किया गया.
इस केंद्र में 117 महिलाओं को रखकर उनकी काउंसलिंग की जा चुकी है (आमिर अंसारी)
छूटनी आज जहां खड़ी हैं वह इसी संगठन फ्री लीगल एड कमेटी (एफएलसी) की बदौलत है. एफएलसी के संस्थापक जीएस जायसवाल को जब छूटनी के साथ हुई घटना के बारे में पता चला तो वह इस मामले को मीडिया के सामने लाए और कानूनी मदद दी. छूटनी कहती हैं, "यह जायसवाल सर ही थे जिन्होंने मुझे वो बनाया जो आज मैं हूं. उन्होंने मुझे पैसे नहीं दिए, बल्कि मेरा सही मार्गदर्शन किया. उन्होंने मुझे समाज को समझने और उससे निपटने में मदद की. उन्होंने यह केंद्र बनाया (अपने घर के परिसर में बने पुनर्वास केंद्र की ओर इशारा करते हुए), जहां उन्होंने हमें उन महिलाओं का विवरण एकत्र करने के लिए कहा, जिन्हें डायन करार दिया गया था और सताया गया था."
झारखंड के ग्रामीण इलाकों में आज भी डायन कुप्रथा के मामले सामने आते हैं. कई बार महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया जाता है और कई-कई बार इन वारदात को अंजाम देने वालों को गांव वालों का समर्थन रहता है.
फ्री लीगल एड कमेटी इस मुद्दे पर झारखंड के ग्रामीण इलाकों में जागरुकता अभियान चलाती है. वह लोगों को कुप्रथा के बारे में जागरुक करने के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन कराती है. एफएलसी के संस्थापक सदस्यों में से एक प्रेम चंद कहते हैं कि एक समय ऐसा था कि कोई यह मानने को तैयार नहीं होता था कि औरतों को डायन बताकर मार दिया जाता है.
छूटनी महतो झारखंड में डायन कुप्रथा के खिलाफ अभियान चला रही हैं (आमिर अंसारी)
समाज में अभी भी जागरुकता की कमी
प्रेम चंद डीडब्ल्यू से कहते हैं 1991 में हम लोगों ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया और समाज, प्रशासन और सरकार के सामने इसको उजागर किया. वह कहते हैं, "यह डायन प्रथा तो सती प्रथा से भी भयंकर है, यह सामाजिक मिथ्या, अंधविश्वास पर आधारित है. दो अहम कारण ये हैं कि ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की कमी और स्वास्थ्य सुविधाओं का न होना है. मेडिकल सुविधा नहीं होने के कारण गांव के लोग झाड़-फूंक कराने के लिए ओझा के पास जाते हैं और वही ओझा किसी भी औरत को डायन बता देता है तो पूरा गांव उसे डायन मान लेता है."
फ्री लीगल एड कमेटी का कहना है कि सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ही नहीं बल्कि विकसित इलाकों में भी यह समस्या व्याप्त है. फ्री लीगल एड कमेटी ने साल 2000 में माइक्रो लेवल पर जमशेदपुर, रांची, बोकारो और देवघर में सर्वेक्षण कराया था. उसके मुताबिक इसके नतीजे चौंकाने वाले थे. प्रेम चंद कहते हैं कि किसी गांव में जाना और यह पता लगाना किसे डायन घोषित किया गया है वह काफी खतरनाक होता है. उनके मुताबिक गांव वालों की तरफ से हमले का डर बना रहता है.
पिछले दो दशक से छूटनी महतो आसपास के गांव में डायन कुप्रथा के खिलाफ जागरुकता अभियान चला रही हैं छूटनी कहती हैं, "ऐसी महिलाओं को मैं पहले अपने घर पर लाती हूं. उन्हें सहारा देती हूं फिर जाकर पुनर्वास केंद्र में रखती हूं. पीड़ित महिला के परिवार वालों को भी समझाया जाता है और फिर जाकर उन्हें वापस भेजा जाता है. इस केंद्र ने अब तक 117 पीड़ित महिलाओं को सहारा दिया और मानसिक आघात से निकलने में मदद किया है.
छूटनी महतो के परिवार में शिक्षा पर खासा जोर दिया जाता है (आमिर अंसारी)
शिक्षा बनी अहम औजार
छूटनी महतो के तीन बेटे आज पढ़ लिखकर नौकरी कर रहे हैं और उनकी बहू भी गांव के बच्चों को पढ़ाने का काम करती है. छूटनी कहती हैं कि शिक्षा के जरिए ही समाज में बदलाव हो सकता है और इस कुप्रथा के खिलाफ शिक्षा एक अहम हथियार है. छूटनी का एक बेटा गांव के ही स्कूल में शिक्षक है.
छूटनी महतो को समाज में इस कुप्रथा के खिलाफ कार्य करने के लिए 2021 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा था.
डायन कुप्रथा के खिलाफ डॉक्यूमेंट्री "आखिर कब तक" भी बन चुकी है और यह छूटनी महतों की कहानी पर आधारित है. इसके अलावा 2014 में छूटनी महतो के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म 'काला सच: द डार्क ट्रूथ' भी बन चुकी है. इस फिल्म में छूटनी महतो के संघर्ष भरे जीवन के बारे में दिखाया गया है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 2001 से 2019 के बीच झारखंड में 575 महिलाओं को डायन बताकर हत्या कर दी गई. लेकिन असल आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं क्योंकि कई बार मामला पुलिस तक रिपोर्ट नहीं होता.
(dw.com)
न्यूयॉर्क, 7 मार्च | भारतीय मूल की एक महिला की न्यूयॉर्क क्षेत्र में एक छोटे विमान दुर्घटना में मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी घायल हो गई। यह जानकारी मीडिया ने दी। रोमा गुप्ता (63) की रविवार को उस समय मौत हो गई, जब चार सीटों वाला सिंगल-इंजन पाइपर चेरोकी विमान लॉन्ग आइलैंड पर रिपब्लिक एयरपोर्ट पर लौटते समय आग की लपटों में घिर गया था, जहां से उसने उड़ान भी भरी थी।
एनबीसी न्यूयॉर्क टीवी चैनल के अनुसार, उनकी 33 वर्षीय बेटी रीवा गुप्ता और पायलट गंभीर रूप से झुलस गए।
डैनी वाइजमैन फ्लाइट स्कूल के वकील ओलेह डेकाजलो ने चैनल को बताया, यह एक प्रदर्शन उड़ान था।
लिंडेनहस्र्ट के एक रिहायशी इलाके में हुई दुर्घटना में विमान एक खेत में गिर पड़ा। हादसा सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने सीबीएस न्यूयॉर्क टीवी को बताया, ऐसा प्रतीत होता है कि पायलट ने विमान को रिहायसी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त होने से रोकने के लिए पूरी कोशिश की।
रीवा गुप्ता माउंट सिनाई हॉस्पिटल सिस्टम के साथ एक न्यूरोसर्जरी चिकित्सक की सहायक हैं।
रीवा गुप्ता और उनके परिवार की मदद के लिए मंगलवार शाम तक लगभग 70 हजार डॉलर एकत्रित गया।
डब्ल्यूएबीसी टीवी ने बताया कि 23 वर्षीय पायलट एक प्रमाणित उड़ान प्रशिक्षक है। (आईएएनएस)|
लखीमपुर खीरी (उप्र), 7 मार्च | लखीमपुर खीरी जिले के ईसानगर क्षेत्र में तेंदुए के हमले में छह वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। लड़की घाघरा नदी की नहर के पास शौच के लिए गई थी, जब सोमवार शाम तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। धौरहरा के रेंज अधिकारी एन.के. चतुर्वेदी ने कहा, हम क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं। क्षेत्र में तेंदुए को पकड़ने के लिए एक पिंजरा रखा जाएगा।
तीन वर्षों में इस क्षेत्र में ऐसे हमलों में आठ बच्चे मारे गए हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 7 मार्च | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर पूर्वोत्तर जा रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी आज शिलांग और कोहिमा में मेघालय और नागालैंड के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे, तो बुधवार को वे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन के नेता के तौर पर मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो मंगलवार को कोहिमा में पांचवी बार नागालैंड के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन नागालैंड में लगातार दूसरी बार सरकार का गठन करने जा रही है।
वहीं शिलांग में एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा भाजपा और अन्य पार्टियों के सहयोग से मंगलवार को मेघालय के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं। संगमा के नेतृत्व में राज्य में मेघालय डेमोक्रेटिक अलायन्स राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है।
पूर्वोत्तर दौरे के दूसरे दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। त्रिपुरा में भाजपा लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित अन्य कई पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्री भी मेघालय , नागालैंड और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 7 मार्च | दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में एक ताजा घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को अरुण पिल्लई को गिरफ्तार कर लिया। ईडी द्वारा इस मामले में की गई यह 11वीं गिरफ्तारी है। पिल्लई साउथ ग्रुप का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जिसने कथित तौर पर आप नेताओं को 100 करोड़ रुपये की घूस दी थी, जिसका इस्तेमाल गोवा चुनाव में किए जाने की आशंका है।
साउथ ग्रुप का प्रतिनिधित्व अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण पिल्लई और बुची बाबू कर रहे थे। बोईनपल्ली ने विजय नायर (आम आदमी पार्टी के संचार प्रभारी) और उनके सहयोगी दिनेश अरोड़ा के साथ मिलीभगत और साजिश में कथित तौर पर 100 करोड़ दिए।
हाल ही में ईडी ने पिल्लई की हैदराबाद के वट्टीनगुलापल्ली में 2.25 करोड़ रुपये की जमीन कुर्क की थी।
पिल्लई को बाद में राउज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी उनकी दो सप्ताह की हिरासत की मांग कर सकता है।
ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक शराब कारोबारी अमनदीप ढल को 2 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि उनसे पूछताछ के बाद पिल्लई को गिरफ्तार किया गया।
ढल ने कथित तौर पर साउथ ग्रुप द्वारा दिए गए किकबैक में प्रमुख भूमिका निभाई। शराब नीति जारी होने से पहले ही उसे इसकी ड्राफ्ट कॉपी मिल गई थी। ढल ने कथित तौर पर बिनॉय बाबू के साथ ड्राफ्ट कॉपी साझा की। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि उसने साउथ ग्रुप से विजय नायर की मुलाकात करवाई थी।
ईडी ने पूरक चार्जशीट में दावा किया है कि विजय नायर ने आप के नेताओं की ओर से साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की घूस ली, जिसके प्रमुख चेहरे मगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुंटा, सरथ रेड्डी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता हैं। (आईएएनएस)|
लखनऊ। 7 मार्च | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य देश में एक नया रिकॉर्ड बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रदेश में पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना भुगतान डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में पहुंच रहा है। चीनी उद्योग और गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण के अनुसार, चालू पेराई सत्र के लिए सोमवार को 65 करोड़ रुपये किसानों को हस्तांतरित किए गए, इसके बाद पिछले छह वर्षों में भुगतान की गई कुल बकाया राशि 2 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गई।
पिछले महीने ही यह आंकड़ा करीब 1.97 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।
मंत्री ने कहा, कानूनी रूप से विवादित कुछ राशि को छोड़कर, चीनी मिलों के खिलाफ कोई पुराना गन्ना बकाया नहीं है, हालांकि चालू सीजन के लिए 3,000 - 4,000 करोड़ रुपये की राशि अभी भी भुगतान की जानी बाकी है। मौजूदा बकाया का 70 प्रतिशत से अधिक का भुगतान भी किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा, यूपी देश में एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है क्योंकि 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना भुगतान अब पहली बार किसानों के बैंक खातों में पहुंच रहा है। देश के कई राज्यों का बजट भी 2 लाख करोड़ रुपये नहीं है।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि पहले हमारा पैसा तेल निर्यातक कंपनियों के पास पेट्रोडॉलर के रूप में जाता था, जो अक्सर हमारे खिलाफ आतंकवाद को उकसाने में इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब राज्य की चीनी मिलें इथेनॉल का उत्पादन कर रही ह,ैं जो जल्द ही डीजल और पेट्रोल के विकल्प के रूप में इस्तेमाल होता दिखाई देगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश में इथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक है और इससे न केवल चीनी मिलें हरित ईंधन का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनेंगी, बल्कि गन्ना किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
भारतीय किसान यूनियन के नेता आलोक वर्मा ने होली से पहले किसानों को गन्ने की बकाया राशि के हस्तांतरण का स्वागत किया, लेकिन सवाल किया कि क्या किसानों द्वारा चीनी मिलों को अपने गन्ने की आपूर्ति करने के 14 दिनों के भीतर बकाया भुगतान किया गया था, जैसा कि नियमों के तहत अनिवार्य है।
उन्होंने दावा किया, 'ज्यादातर मिलें 14 दिनों की समय-सीमा के भीतर भुगतान नहीं कर रही हैं और देरी से भुगतान पर कोई ब्याज नहीं दिया जा रहा है।' (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 7 मार्च | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मंगलवार को मनीष सिसोदिया से तिहाड़ जेल में दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत पूछताछ करेगा। ईडी ने संबंधित अधिकारियों से आवश्यक अनुमति ले ली है और एक टीम पूछताछ करेगी।
ऐसी संभावना है कि ईडी पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर सकती है।
ईडी उनसे 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत के संबंध में पूछताछ करेगी, जो आप पार्टी/नेताओं को कथित तौर पर साउथ ग्रुप से हवाला चैनलों के माध्यम से प्राप्त हुई थी।
सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और बाद में राउज एवेन्यू जिला अदालतों ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उनकी जमानत याचिका भी अदालत के समक्ष लंबित है जो इस पर 10 मार्च को सुनवाई करेगी।
ईडी ने मामले में दो चार्जशीट, एक मुख्य और एक पूरक चार्जशीट दायर की है और अब तक 11 गिरफ्तारियां की हैं। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 7 मार्च | तमिलनाडु के थेनी जिले में केरल की सीमा के पास मंगलवार तड़के एक कार के ट्रक से टकरा जाने से दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान केरल के कोट्टायम निवासी अक्षय अजय (23) और गोकुल (23) के रूप में हुई है।
कोट्टायम के वडावथुर के राजेश रवींद्रन (31) को गंभीर चोटें आने के बाद थेनी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने आईएएनएस को बताया कि दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए थेनी के सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 7 मार्च | होली के त्यौहार के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) दोनों ने मेट्रो ट्रेन और डीटीसी बस की सेवा की टाइमिंग का दिशानिर्देश जारी किया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के अनुसार होली के त्योहार के दिन 8 मार्च को दिल्ली मेट्रो की सेवाएं सभी लाइनों पर दोपहर 2:30 बजे तक बंद रहेंगी। वहीं दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के मुताबिक सिटी बस सेवा दोपहर 2 बजे तक बंद रहेगी, उसके बाद कुछ चुनिंदा रूट पर डीटीसी बस सेवा चालू हो सकती है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी होली के मौके पर ऐसा होता आया है। दिल्ली मेट्रो की सेवाएं और डीटीसी की सेवाएं दोपहर तक के लिए बंद रही हैं।
8 मार्च को पूरे देश में होली का त्यौहार मनाया जाएगा। होली के त्यौहार के मद्देनजर डीएमआरसी और डीटीसी ने यह फैसला लिया है कि दोपहर बाद वह अपनी सेवाएं चालू करेंगे।
डीएमआरसी के मुताबिक सभी लाइनों पर टर्मिनल स्टेशनों से मेट्रो सेवाएं फिर से 2:30 बजे शुरू हो जाएंगी और उसके बाद सामान्य रूप से जारी रहेंगी।
इसके अलावा मेट्रो फीडर बस सेवाएं भी 8 मार्च को ढाई बजे तक बंद रहेंगी। इसके बाद ये सेवा भी शुरू हो जाएगी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 7 मार्च | दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में किराए को लेकर एक ऑटो रिक्शा चालक ने 22 वर्षीय एक महिला पर धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गई। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। घायल महिला की पहचान शाहीन बाग निवासी महरीन रियाज के रूप में हुई है। पुलिस के मुताबिक सोमवार की शाम मेहरीन ने अपने आवास (पीजी) से सीसी मार्केट एनएफसी के लिए एक ऑटो किराए पर लिया, लेकिन बाजार पहुंचने के बाद किराए को लेकर ऑटो चालक और उसके बीच कहासुनी हो गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ऑटो चालक ने उस पर किसी नुकीली चीज से हमला किया और उसके दाहिनी ओर पेट के निचले हिस्से में चोटें आईं।
अधिकारी ने कहा, उसकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अधिकारी ने यह भी कहा कि ऑटो चालक की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 7 मार्च | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों की एक टीम मंगलवार को नौकरी के लिए जमीन मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू यादव से पूछताछ करने के लिए उनकी बेटी व राज्यसभा सांसद मीसी भारती के आवास पर पहुंची। सूत्रों के मुताबिक घुटने की सर्जरी के बाद लालू प्रसाद की तबीयत ठीक नहीं है और वह बोल भी नहीं पा रहे हैं। जांच एजेंसी ने सोमवार को बिहार में लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से करीब चार घंटे तक पूछताछ की थी।
नाम न छापने की शर्त पर सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि यह नए इनपुट के आधार पर आगे की जांच है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने राबड़ी देवी, लालू प्रसाद और अन्य को 15 मार्च को पेश होने के लिए समन जारी किया है।
सीबीआई को मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मिल गई है।
जनवरी में, सीबीआई ने संबंधित अदालत के समक्ष अभियोजन स्वीकृति पत्र प्रस्तुत किया। सीबीआई ने अक्टूबर में इस मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी, बेटी, तत्कालीन महाप्रबंधक, मध्य रेलवे, तत्कालीन सीपीओ, निजी व्यक्तियों और उम्मीदवारों सहित 16 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
जांच के दौरान, सीबीआई ने कहा था कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और मध्य रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में या तो उनके नाम पर या उनके करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था।
यह भूमि प्रचलित स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर ली गई थी।
सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है, उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए हैं।
यह पता चला कि राबड़ी देवी और बेटी हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों ने जमीन उपहार में दी थी, जिन्हें बाद में रेलवे में नियुक्त किया गया था।
रेलवे कर्मचारी हरिदयानंद चौधरी और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 के बीच लालू के ओएसडी थे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 6 मार्च | न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने उन्हें शपथ दिलाई। दिल्ली हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीशों की सूची के अलावा, केंद्र ने 3 मार्च को न्यायमूर्ति अमित शर्मा की नियुक्ति के लिए एक अधिसूचना जारी की थी, जो पहले एक अतिरिक्त न्यायाधीश थे।
पिछले हफ्ते, कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर इलाहाबाद, बॉम्बे, दिल्ली और मद्रास के उच्च न्यायालयों में स्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ती के बारे में जानकारी दी थी।
रिजिजू ने ट्वीट किया, संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार, निम्नलिखित अतिरिक्त न्यायाधीशों को संबंधित उच्च न्यायालयों के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
केंद्र ने 31 मई, 2022 को न्यायमूर्ति शर्मा की नियुक्ति को अधिसूचित किया था, जिसके बाद उन्होंने 1 जून, 2022 को शपथ ली।
शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने नवंबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनके नाम की सिफारिश की थी और पिछले महीने, उन्होंने सिफारिश की थी कि न्यायमूर्ति शर्मा को मौजूदा रिक्ति पर स्थायी न्यायाधीश बनाया जाए।
कॉलेजियम ने कहा था, सभी प्रासंगिक कारकों को देखते हुए कॉलेजियम का विचार है कि न्यायमूर्ति अमित शर्मा, अतिरिक्त न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के लिए उपयुक्त हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 6 मार्च | सीबीआई ने सोमवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पर नौकरी के लिए जमीन घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की। सीबीआई के एक सूत्र ने कहा, हम मामले में जांच कर रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी को मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मिल गई है।
जनवरी में, एजेंसी ने संबंधित अदालत के समक्ष अभियोजन स्वीकृति पत्र प्रस्तुत किया था।
सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा यादव सहित मामले में 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
सीबीआई ने कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिशकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था।
यह जमीन प्रचलित स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर अधिग्रहित की गई थी।
सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है, उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए हैं।
सीबीआई को जांच में पता चला है कि राबड़ी देवी और हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों द्वारा घोटाले के सिलसिले में जमीन उपहार में दी गई थी, जिन्हें बाद में रेलवे में नियुक्त किया गया था।
मामले में रेलवे कर्मचारी हरिदयानंद चौधरी और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
भोला 2004 से 2009 के बीच लालू के ओएसडी थे।
सीबीआई ने यादव, तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।
अधिकारी ने कहा, 2004-2009 की अवधि के दौरान यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह 'डी' पद पर नियुक्तियों के एवज में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था।
पटना के कई निवासियों ने स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू यादव परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में शहर में अपनी जमीन बेच दी या उपहार में दे दी।
जोनल रेलवे में ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी कई लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में नियुक्त किया गया था।
सीबीआई अधिकारी ने कहा, पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फुट भूमि व अचल संपत्तियों को लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पांच बिक्री पत्र और दो उपहार पत्रों के माध्यम से अधिग्रहित किया गया था, इसमें अधिकांश में विक्रेता को किए गए भुगतान को दर्शार्या गया था। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 6 मार्च | लोकसभा की विशेषाधिकार समिति शुक्रवार को राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के मामले में मौखिक साक्ष्य सुनेगी। विशेषाधिकार समिति ने उनके मामले की सुनवाई के लिए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को बुलाया है। दुबे ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोड़ी के साथ 7 फरवरी को सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक बयान देने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था।
हालांकि, राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने कहा है कि उन्होंने लोकसभा सचिवालय को नोटिस का जवाब दे दिया है।
विशेषाधिकार समिति ने राहुल गांधी के खिलाफ नोटिस दाखिल करने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को 10 मार्च को पेश होने और अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया।
दुबे ने यह दावा करते हुए नोटिस भेजा था कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने बिना किसी सबूत और तथ्य के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाए थे।
संसदीय परंपरा और नियमों के अनुसार नोटिस पर कार्रवाई करते हुए लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर 15 फरवरी तक जवाब देने को कहा था। (आईएएनएस)|
पणजी, 6 मार्च | केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को कहा कि देश में लंबित मामलों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, इसलिए उनके मंत्रालय का लक्ष्य न्यायपालिका को पूरी तरह से कागज रहित बनाना है। वह यहां 23वें राष्ट्रमंडल विधि सम्मेलन के दौरान बोल रहे थे। रिजिजू ने कहा, हम मामलों में हो रहे विलंब को खत्म करना चाहते हैं। देश की अदालतों में 49 मिलियन से अधिक मामले लंबित हैं। इन मामलों को कम करना आसान नहीं है। न्यायाधीश असाधारण रूप से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, सामान्य परिस्थितियों में एक औसत न्यायाधीश एक दिन में 50 से 60 मामलों को संभालता है। पिछले कुछ वर्षों में कुछ न्यायाधीशों ने एक दिन में 200 से अधिक मामलों का निपटारा किया है। यह असाधारण है, लेकिन लंबित मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा न्याय तंत्र को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से ई-अदालत विशेष परियोजना चरण तीन शुरू की गई है। हमारा अंतिम लक्ष्य भारतीय न्यायपालिका को पेपरलेस बनाना है।
कानून मंत्री ने कहा, 1.4 अरब लोगों को न्याय प्रदान करना हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। हम कई अन्य चीजों के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन अगर आम आदमी को बुनियादी जरूरतें नहीं मिलतीं, तो न्याय सिर्फ एक शब्द बनकर रह जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले दिन से यह प्रयास किया है कि सभी योजनाएं देश के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम का आज हर व्यक्ति लाभार्थी है।
मंत्री रिजिजू ने कहा कि सरकार पहले ही 1486 निर्थक कानूनों को निरस्त कर चुकी है और अन्य 65 विधेयकों/प्रावधानों को संसद के मौजूदा बजट सत्र में निरस्त करने का प्रस्ताव है। (आईएएनएस)|
अमरावती, 6 मार्च | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कडप्पा के सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी को नया नोटिस जारी किया है, इसमें उन्हें वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी हत्या मामले में पूछताछ के लिए 10 मार्च को पेश होने का निर्देश दिया गया है। उन्हें पहले सोमवार (5 मार्च) को सीबीआई अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने एजेंसी को सूचित किया कि वह व्यस्त कार्यक्रम के कारण उस दिन उपस्थित नहीं हो पाएंगे।
सीबीआई अधिकारियों ने रविवार देर रात कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित अविनाश रेड्डी के आवास पर एक नया नोटिस दिया, इसमें उन्हें 10 मार्च को हैदराबाद में एजेंसी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी पूछताछ के लिए दो बार जांच एजेंसी के सामने पेश हो चुके हैं।
सांसद पूछताछ के लिए 28 जनवरी और 24 फरवरी को हैदराबाद में सीबीआई के सामने पेश हुए।
इस बीच, अविनाश रेड्डी ने कहा कि वह 10 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होंगे, जबकि उनके पिता वाई.एस. भास्कर रेड्डी 12 मार्च को पेश होंगे।
चार साल पुराने मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी ने भास्कर रेड्डी को 12 मार्च को कडप्पा केंद्रीय जेल में अपने अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा है।
भास्कर रेड्डी को पहले 23 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने सीबीआई से पूछताछ को किसी और दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया क्योंकि उनकी कुछ पूर्व प्रतिबद्धताएं हैं।
विवेकानंद रेड्डी, जिनकी 2019 में कडप्पा जिले में उनके घर पर हत्या कर दी गई थी, जगनमोहन रेड्डी और अविनाश रेड्डी के चाचा थे।
आरोपी सुनील यादव की जमानत याचिका का विरोध करते हुए पिछले महीने तेलंगाना उच्च न्यायालय में सीबीआई द्वारा दायर एक हलफनामे के मद्देनजर सांसद और उनके पिता से पूछताछ हुई थी।
जांच एजेंसी ने कहा कि अविनाश रेड्डी, भास्कर रेड्डी और उनके अनुयायी डी. शिव शंकर रेड्डी ने परस्पर विरोधी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को लेकर विवेकानंद रेड्डी को मारने की आपराधिक साजिश रची थी।
अविनाश रेड्डी ने आरोपों से इनकार किया है और दावा किया है कि वह और उनके पिता किसी भी तरह से शामिल नहीं थे।
विवेकानंद रेड्डी जगन मोहन रेड्डी के पिता पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के छोटे भाई थे।
2019 के आम चुनाव से एक महीने पहले 15 मार्च, 2019 को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर रहस्यमय तरीके से उनकी हत्या कर दी गई थी। (आईएएनएस)|
नयी दिल्ली, 6 मार्च केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का एक दल नौकरी के बदले जमीन के कथित घोटाला मामले में ‘‘आगे की जांच’’ के सिलसिले में सोमवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचा।
अधिकारियों ने बताया कि आवास पर कोई तलाशी नहीं हुई या कोई छापा नहीं मारा जा रहा।
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया है और विशेष अदालत ने पूर्व रेलवे मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य तथा अन्य लोगों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए सम्मन भेजा है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी कथित घोटाला मामले में जांच कर रही है। सीबीआई का दल मामले में आगे की जांच के सिलसिले में ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचा है।
यह मामला लालू प्रसाद के परिवार को तोहफे में जमीन दे कर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिए जाने से संबंधित है। यह मामला तब का है जब प्रसाद 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे। (भाषा)
मुंबई, 6 मार्च शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत गुट ने सोमवार को कहा कि देश को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की ‘‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’’ के खिलाफ खड़े होने का वक्त आ गया है। साथ ही उसने विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का हवाला दिया जिसमें ‘‘निरंकुश शासन’’ का जिक्र किया गया है।
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा कि विपक्ष को परेशान करना और सत्ता में बने रहना लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और के. चंद्रशेखर राव समेत नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के ‘‘घोर दुरुपयोग’’ का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र से इस पत्र पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने हस्ताक्षर किए हैं।
सामना में कहा गया है, ‘‘अब भाजपा की ‘भ्रष्टाचार वॉशिंग मशीन’ के खिलाफ खड़े होने और देश को बचाने का वक्त आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने एक पत्र लिखा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि देश तानाशाही की ओर जा रहा है।’’
शिवसेना (यूबीटी) नेता ‘‘भ्रष्ट’’ नेताओं को पार्टी में शामिल करने तथा उन्हें ‘‘संरक्षण’’ देने को लेकर भाजपा पर निशाना साधने के लिए ‘‘वॉशिंग मशीन’’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं।
संपादकीय में कहा गया है, ‘‘पत्र में कहा गया है कि देश में 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई बढ़ गयी है लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे जो नेता भाजपा में शामिल हो गए, उन्होंने कभी किसी कार्रवाई का सामना नहीं किया। ऐसे ज्यादातर मामले झूठे हैं।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘स्वायत्त सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है। यह अल कायदा और तालिबान से भी ज्यादा खतरनाक है। भारत का निर्वाचन आयोग भाजपा के आगे नतमस्तक है जिसके कारण उच्चतम न्यायालय ने भविष्य में उसकी नियुक्तियों के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया है।’’
संपादकीय में प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल द्वारा शुरू किए गए एक मंच ‘इंसाफ के सिपाही’ का भी उल्लेख किया गया है।
शिवसेना (यूबीटी) ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण की भाजपा द्वारा आलोचना किए जाने पर भी सवाल उठाया गया है। राहुल गांधी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र खतरे में है और उनके समेत कई नेताओं की जासूसी करायी जाती है।
उसने कहा, ‘‘अगर उन्होंने देश को बदनाम किया तो फिर यह पूछने की जरूरत है कि क्या नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश की उनकी पूर्व की यात्राओं के दौरान दिए गए भाषणों में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और उनकी सरकारों के खिलाफ किए गए दावों से देश की बदनामी नहीं हुई?’’
पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दबाए जा रहे हैं। (भाषा)
शिमला/चंडीगढ़, 6 मार्च हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण में एक मेले के दौरान तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों के बीच एक झड़प में कुछ मकान तथा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि घटना रविवार रात की है, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पयर्टकों के कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचाया।
घटना का 21 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया, जिसमें कथित तौर पर पंजाब के तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा मणिकर्ण साहिब के पास स्थानीय निवासियों के घरों पर पथराव करते हुए देखा जा सकता है।
कुल्लू की पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक मेले में स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के बीच झड़प हो गई। घटना में किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई है।
झड़प की वजह अभी पता नहीं चल पाई है।
उन्होंने कहा कि मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है। स्थिति नियंत्रण में है और गुरुद्वारा परिसर में कोई नुकसान नहीं हुआ है।
हिमाचल पुलिस ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ हिमाचल प्रदेश में सभी पर्यटकों तथा तीर्थयात्रियों का स्वागत है। हिमाचल प्रदेश पुलिस सभी पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आश्वासन देती है कि उन्हें यात्रा के दौरान कोई परेशानी नहीं होगी।’’
ट्वीट में पुलिस ने कहा, ‘‘ हिमाचल प्रदेश के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) संजय कुंडू ने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव से बात की है। ’’ ट्वीट में लोगों से झूठी खबरों व अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का आग्रह किया गया है।
पंजाब के डीजीपी ने भी लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाह न फैलाने को कहा है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मणिकर्ण साहिब में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और मैं लोगों से शांति व सौहार्द बनाए रखने का अनुरोध करता हूं। मैंने डीजीपी से बात की है। हिमाचल और पंजाब पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। नागरिकों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं और फर्जी खबरें न फैलाएं।’’ (भाषा)
पुणे, 6 मार्च राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव चाह रहे हैं और वह यह सुनिश्चित करेंगे कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दल राज्य का अगला विधानसभा चुनाव तथा 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ें।
पवार ने पुणे शहर के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक रवींद्र धंगेकर से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह टिप्पणी की। धंगेकर राकांपा प्रमुख से मिलने के लिए पुणे स्थित उनके आवास पहुंचे थे।
पवार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गढ़ कस्बा पेठ में हुए विधानसभा उपचुनाव में आम लोगों ने धंगेकर को चुना, क्योंकि वह पिछले कई वर्षों से उनके लिए काम कर रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी निकाय चुनावों में एमवीए के घटक दल साथ लड़ने का फॉर्मूला दोहराएंगे, पवार ने कहा कि राकांपा में उनके सहयोगी इस पहलू पर गौर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हालांकि, मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि एमवीए के घटक दल एक साथ रहें, संयुक्त फैसले लें और राज्य विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों का मिलकर सामना करें।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव चाह रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मैं राज्य में घूम रहा हूं और इस दौरान लोग मुझसे कह रहे हैं कि वे बदलाव चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हम (विपक्ष) साथ आएं। यह लोगों की भावना है।”
एमवीए का गठन 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद हुआ था, जब उद्धव ठाकरे और उनकी पुरानी सहयोगी भाजपा की राहें जुदा हो गई थीं। इसमें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं।
कस्बा पेठ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस-एमवीए उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने भाजपा प्रत्याशी हेमंत रासने पर 10,800 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी।
दो मार्च को नतीजों की घोषणा के बाद पवार ने कहा था कि भाजपा के गढ़ में उसकी हार यह संकेत देती है कि देशभर में बदलाव की बयार बह रही है।
महाराष्ट्र में भाजपा एकनाथ शिंदे गुट के साथ सत्ता साझा करती है, जिसे चुनाव आयोग ने हाल ही में ‘शिवसेना’ के रूप में मान्यता दी है। (भाषा)
-विनीत खरे
हरियाणा, 6 मार्च । हरियाणा के भिवानी में जली मिली बोलेरो गाड़ी और दो युवकों, जुनैद और नासिर को जला कर मार दिए जाने की जांच में पिछले दिनों गोरक्षक मोनू मानेसर का नाम सुर्खियां में रहा है.
इस घटना ने एक बार फिर गो रक्षकों की कथित मारपीट और हिंसा पर सभी का ध्यान खींचा है.
जहां पुलिस मोनू की तलाश में है, वहीं मोनू के समर्थन में महापंचायत हुई है जहां न सिर्फ़ सीबीआई जांच की मांग की गई, बल्कि रिपोर्टों के मुताबिक़ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल हुआ और राजस्थान पुलिस को धमकी दी गई.
कौन हैं मोनू मानेसर
दिल्ली से सटे हरियाणा के मानेसर गांव की एक गली में सामने का मकान मोनू मानेसर का घर है.
हम जब वहां पहुंचे तो मोनू की मां, पत्नी, बेटा, ताऊ, चचेरा भाई, दोस्त आदि सभी घर में थे. एक कोने में दो गायें बंधी थीं.
बरामदे में छत के नीचे सब बैठे थे जबकि साथ के एक कमरे की दीवार पर मोनू के पिता, दादा-दादी की तस्वीरें लगी थीं.
ये किसी आम दिन जैसा ही था, लेकिन ऐसा लगा कि माहौल ठहरा-सा है.
बीते दिनों में अख़बारों, टीवी, सोशल मीडिया पर मोनू की बंदूक़ लिए तस्वीरें दिखती रही हैं. जहां एक तरफ़ मोनू मानेसर को ऐसे व्यक्ति के तौर पर पेश किया जा रहा है जो सरकारी समर्थन की बदौलत कथित तौर पर हिंसक गतिविधियों में शामिल है, वहीं दूसरी तरफ़ मोनू के समर्थक उन्हें ऐसे गो रक्षक के तौर पर देखते हैं जो गायों को बचाकर धर्म की रक्षा कर रहा है.
परिवार के मुताबिक़, उन्होंने मोनू को कई दिनों से नहीं देखा और मोनू के पास सभी हथियार लाइसेंसी हैं.
मोनू के चचेरे भाई विनोद कुमार के मुताबिक़, "वो बहुत शांत स्वभाव का है. किसी से लड़ना-झगड़ना नहीं... वोटों की राजनीति चल रही है. राजनीति के अंदर इनको घसीटा जा रहा है."
गो-तस्करी को रोकने के लिए हरियाणा में गो रक्षक और पुलिस सहयोग से काम करते रहे हैं.
विनोद कुमार कहते हैं, "अगर मोनू को रोकना था, इनको कह देना था कि तुम बीच में मत आओ. इनको आगे लेकर काम करवाया. अब कह रहे हैं कि तुम ग़लत कर रहे हो. अब इनके ऊपर सवाल उठाए जा रहे हैं. ये तो ग़लत बात है ना.... जुनेद और जो मरे हैं. हमें भी दुख है. मोनू को तो निशाना बनाया जा रहा है."
मोनू मानेसर का घर
मोनू कैसे बने गो-रक्षक
मानेसर में मोनू एक जाना-पहचाना नाम है. इसमें मोनू के सोशल मीडिया पन्नों का महत्वपूर्ण रोल है. मोनू अपने सोशल मीडिया पेज पर कई बार कथित गो-तस्करों की, गायों को छुड़ाने आदि के वीडियोज़ डालते रहे हैं.
नेताओं और पुलिस अधिकारियों के साथ मोनू की मीडिया में तस्वीरें भी उनके स्थानीय प्रशासन से निकट संबंधों पर रोशनी डालती हैं.
परिवार के मुताबिक़, 28 साल के मोनू ने मानेसर के ही एक सरकारी पॉलीटेक्निक से डिप्लोमा किया और कॉलेज के ज़माने से ही मोनू का झुकाव गो सेवा की ओर हो गया.
उनके पिता ड्राइवर थे और बस और डंपर चलाते थे.
बजरंग दल से जुड़े मोनू के दोस्त सूरज यादव बताते हैं, "पॉलीटेक्निक के पास गो-तस्करों की एक गाड़ी पकड़ी गई थी तो कॉलेज के सभी बच्चों ने अच्छा साथ दिया था. तभी से उनका रुझान बन गया कि गाय की सेवा करनी है."
स्थानीय लोगों और गो रक्षा दल के गुरुग्राम डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट नीलम रामपुर ने बताया कि इलाके में ज़्यादातर लोगों के घरों में गाय है और गो सेवा की भावना से 19-20 साल की उम्र में ही युवा गो रक्षा से जुड़े कामों से जुड़ जाते हैं.
जब हम नीलम रामपुर से मिले तो उनके साथ कॉलेज में पढ़ने वाले युवा भी बैठे थे.
नीलम रामपुर
नीलम रामपुर के मुताबिक़, गो रक्षा दल की स्थापना क़रीब 30 साल पहले हुई और हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश में इसके क़रीब 10,000 से 15,000 सदस्य हैं.
मोनू के दोस्त सूरज यादव बताते हैं, "हम यदुवंशी श्रीकृष्ण के वंशज हैं. गाय हमारे लिए मां के समान है."
पिछले कुछ सालों से मोनू मानेसर सहित गो रक्षकों पर मारपीट, हिंसा आदि के आरोप लगातार लगते रहे हैं.
गाय के नाम पर बढ़ती हत्याएं
साल 2015 में दादरी के रहने वाले अख़लाक की जान गई, साल 2016 में उना में दलित युवकों की पिटाई, साल 2017 में अलवर ज़िले में पहलू खां को गाड़ी में गाय ले जाने पर जान गंवानी पड़ी.
मोनू मानेसर के दोस्त और चचेरे भाई
साल 2019 की ह्यूमन राइट्स वॉच ने भारत सरकार से कहा था कि वो गो रक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं को रोके.
रिपोर्ट के मुताबिक़, मई 2015 और दिसंबर 2018 के बीच 12 राज्यों में कम से कम 44 लोगों की हत्या की गई और इनमें से 36 मुसलमान थे.
ख़ुद प्रधानमंत्री मोदी से लेकर कई मुख्यमंत्री और नेता हिंसा के ख़िलाफ़ बोल चुके हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, हरियाणा और राजस्थान में मोनू के ख़िलाफ़ कम से कम चार केस दर्ज हैं.
हमने ताज़ा स्थिति पर मोनू मानेसर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हुआ. हालांकि कुछ दिन पहले उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा था, "ये (गो तस्कर) गो तस्करी छोड़ दें, ये घटना ही नहीं होगी. हमारा काम पीटने का नहीं है. हां, धर्म और गोमाता से हमारी धार्मिक भावना जुड़ी है. हमारे धर्म पर आघात होता है तो हमें दुख होता है."
गो रक्षकों पर हिंसा के आरोपों पर नीलम रामपुर कहते हैं, "हमारी गो माता को (कोई) उठाकर ले जाएगा तो उसकी आरती थोड़े ही ना उतारी जाएगी. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि उसके हाथ-पैर तोड़ दिए जाते हैं."
उनके मुताबिक़, गो तस्करों को पकड़ने के बाद पुलिस को सौंप दिया जाता है.
मृतक जुनैद और नासिर
गो तस्करों को कैसे पकड़ते हैं?
हरियाणा गो सेवा आयोग के प्रमुख सरवण कुमार गर्ग ने बताया कि हर ज़िले में बने काउ टास्क फ़ोर्स में 11 व्यक्ति हैं जिनमें से छह सरकारी अधिकारी और पांच सामाजिक लोग होते हैं. और अगर गो रक्षकों के ख़िलाफ़ हिंसा की शिकायत आती है तो "क़ानून अपना काम करता है."
नीलम रामपुर के मुताबिक़, गो रक्षक "मुस्लिम विरोधी बिल्कुल नहीं हैं."
वो कहते हैं, "मुस्लिम लोगों के साथ भी हमारा भाईचारा है. पटौदी में भी काफ़ी मुस्लिम रहते हैं. उनके घर आना-जाना भी है. शादी में न्योते भी आते हैं. हम सिर्फ़ गो हत्यारों और तस्करों के विरोधी हैं."
नीलम के मुताबिक़, मेवात, रेवाड़ी, गुरुग्राम में उनका लगभग 200 लोगों का इन्फ़ॉर्मर नेटवर्क है जो गो तस्करों के बारे में जानकारी मुहैया करवाता है.
वो बताते हैं, "हम कांटे बनवाते हैं जो नुकीले होते हैं. जब गाड़ी आती है तो उसके आगे फेंक देते हैं. टायर फट जाते हैं. वो कुछ देर भगाते हैं. जो अच्छे ड्राइवर होते हैं, वो टायर फटने के बाद भी (गाड़ी को) 10-20 किलोमीटर ले जाते हैं."
गो रक्षकों पर पैसे की वसूली या फिर पैसा लेकर गाड़ियां छोड़ देने के आरोपों को वो झूठ बताते हैं.
कहते हैं, "पुलिस का पूरा सहयोग रहता है. काउ सेल फ़ोर्स साथ रहती है. आप वीडियो देख लेना. साथ मिलकर ही गाड़ियां पकड़ते हैं. क्यों रखते हैं उनको साथ में हम? इसलिए रखते हैं क्योंकि हमारे ऊपर आरोप लगा देते हैं कि ये तो पैसे लेते हैं.... आरोप भी वही लोग लगाते हैं जो हमें तोड़ना चाहते हैं ताकि आपस में फूट पड़ जाए.... मोनू पर भी आरोप लगा था कि वो तो पैसे लेकर गाड़ियां छोड़ता है, बीफ़ का निर्यात यही ख़ुद कराता है. ये सारे आरोप निराधार हैं."
सूरज सिंह
मोनू के साथ कौन लोग खड़े हैं?
मानेसर में स्थानीय लोग नाराज़ हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद आज भी गाय की तस्करी और हत्या जारी है. वो मेवात की ओर इशारा करते हैं. मेवात यानी हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों को जोड़कर बना क्षेत्र जो कि मुस्लिम बहुल है.
याद रहे कि हरियाणा गौवंश संरक्षण एंड गौसंवर्धन क़ानून 2015 के अंतर्गत राज्य में गोहत्या जुर्म है.
मोनू के घर के नज़दीक ही एक गौशाला में क़रीब 1,500 गायें रहती हैं. यहां का ख़र्च ज़्यादातर डोनेशन पर चलता है. लोग पैसे, गुड़, अनाज दान में दे जाते हैं.
गौशाला कमेटी के प्रधान सूरज सिंह बताते हैं कि पहले इलाके में गो तस्करी से लोग बेहद परेशान थे, लेकिन गो रक्षकों की वजह से गो तस्करी कम हुई है.
सूरज सिंह कहते हैं, "तस्कर डरने लग गए कि अगर इस इलाके में जाओगे तो पकड़े जाओगे और गाड़ी भी ज़ब्त होगी. पकड़े गए तो केस भी लगेगा और पिटाई भी होगी."
इस इलाके में कई लोग गोरक्षक विक्रांत यादव को याद करते हैं.
क़रीब 10 साल पहले चार बहनों के अकेले भाई विक्रांत की मृत्यु हो गई थी. परिवार के मुताबिक़, कथित गो तस्करों ने उनकी हत्या की. उन्हें आज भी इंसाफ़ की तलाश है.
उनके पिता वेदपाल ने बताया कि उस दिन विक्रांत का जन्मदिन था और "किसी ने रॉड से (विक्रांत के) सिर पर चोट मारी थी."
विक्रांत यादव के नाम पर स्मारक
विक्रांत के माता-पिता जिस घर में रहते हैं वो घर कभी विक्रांत के लिए बना था.
चाचा सुंदर सिंह की मानें तो इलाके में आज भी गो तस्करी जारी है.
इस मामले में पूर्व अभियुक्तों के वकील संजीव जैन ने बताया कि तीन लोगों को निचली अदालत ने बरी कर दिया जबकि चौथे व्यक्ति पर मुक़दमा चल रहा है.
विक्रांत के परिवार के मुताबिक़, उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.
नासिर और जुनैद की हत्या पर प्रदर्शन
मानेसर से लगे मेवात में नासिर और जुनैद की हत्या से नाराज़ लोगों ने कई प्रदर्शन किए हैं.
हम राजस्थान के भरतपुर पहुंचे जहां एक मस्जिद के नज़दीक टेंट के नीचे कुछ दर्जन प्रदर्शनकारी नारेबाज़ी कर रहे थे जबकि पीछे एक बैनर पर हिंसा में मारे गए लोगों की तस्वीरें लगी थीं.
प्रदर्शनकारी आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ़ नारे लगा रहे थे.
वहां मौजूद नासिर और जुनैद के रिश्तेदार मोहम्मद जाबिर ने कहा, "अगर वो गो तस्कर थे तो अभी तक क्यों नहीं पकड़ा पुलिस ने? अभी तक दोनों में से किसी ने हवालात नहीं देखा. अगर कोई आदमी मुजरिम है तो क्या उसको बजरंग दल ही सज़ा सुनाएगा?"
प्रदर्शनकारी इनामुल हसन कहते हैं, "हम अख़लाक, वेद, कार्तिक, जुनैद, नासिर, रक़बर जैसे मामलों को रोकना चाहते हैं. इस पर हम फ़ुलस्टॉप लगाना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि संसद और देश की विधानसभाओं में ऐसे सख़्त से सख़्त क़ानून पारित हों कि दरिंदों को तुरंत सज़ा मिले और इस तरह के अपराध करने की कोई हिमाक़त न कर सके."
थोड़ा आगे नूह का घसेड़ा गांव सड़क के किनारे चौबीसों घंटे बिकने वाली बिरयानी के लिए जाना जाता है, और लोग दिन का 600 से 1,000 रुपया कमाकर घर चलाते हैं.
यहां एक व्यक्ति ने बताया कि इलाके में लोग मोनू मानेसर से डरते हैं.
एक अन्य व्यक्ति मोहम्मद अकरम ने बाहर वालों को माहौल ख़राब करने के लिए ज़िम्मेदार बताया और कहा, "मेवात में आप कहीं भी चले जाओ, हमें आज तक पता नहीं चला कि हम हिंदू हैं, मुस्लिम हैं. हम एक साथ खाना भी खाते हैं."
मेवात को 'बदनाम करने की साज़िश'
मेवात के लोगों का आरोप है कि देश के इस बेहद पिछड़े इलाके में जहां अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य के केंद्र नहीं हैं, वहां गो तस्करी के आरोप लगाकर मीडिया का एक हिस्सा उन्हें बदनाम कर रहा है, और सामाजिक तानेबाने को तोड़ रहा है.
जब हमने मेवात की स्थिति पर नूह के एसपी वरुण सिंगला से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि क़ानून-व्यवस्था की स्थिति और दोनों समुदायों के सेंटिमेंट को देखते हुए वो कुछ नहीं कहेंगे.
लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने गो तस्करी के बारे में लोगों को जागरूक करने और दोषियों पर सख़्त कार्रवाई करने के लिए कई क़दम उठाए हैं.
स्थानीय लोग सवाल पूछ रहे हैं कि उन्हें किस बात की सज़ा मिल रही है.
नूह में इतिहास के रिटायर्ड लेक्चरर अब्दुल वहाब कहते हैं, "गो हत्या पाप है और मेवात के लोगों का इससे कोई संबंध नहीं है. हम मेयो राजपूत हैं. हम गो-पालन सबसे ज़्यादा करते हैं. मेवात के हर घर में गाय है. कई लोगों के पास 400 गायें हैं. ये बग़ैर बात का लांछन है, दोषारोपण है."
"जब देश आज़ाद हुआ तो हमारे देश के नेताओं ने इस पर पाबंदी लगा दी थी. गो हत्या करना या गोमांस खाना क़ानूनन अपराध है. इसके साथ-साथ हम इस्लाम धर्म को मानते हैं. इस्लाम धर्म में भी सख़्त मनाही है इसकी. बड़े-बड़े इस्लामी विद्वान हैं जिन्होंने इस पर सख़्त पाबंदी लगा रखी है और कहा है कि ये खाना हराम है.
मेवात के कई गांवों में लोगों से बात करने पर वे बताते हैं कि राजधानी दिल्ली से इतनी नज़दीकी के बावजूद इन गांवों में बहुत कुछ किया जाना बाकी है. मेवात में अधिकांश लोग खेती और ड्राइवरी के पेशे से जुड़े हैं.
नूह के सालंबा गांव में हम सामाजिक कार्यकर्ता समय सिंह से मिले.
वो बताते हैं, "मेरे गांव सालंबा में 3,300 वोट हैं. इसमें एक या दो आदमी इस काम में लिप्त हो सकते हैं, बाकी पूरा गांव ये नहीं करता."
कोर्ट में गो तस्करी के मामले
लेकिन ऐसे दावों के बावजूद नूह की ज़िला और सत्र न्यायालय में गाय की तस्करी से जुड़े मामलों की भरमार है. वकील ताहिर हुसैन देवला कम से कम ढाई सौ ऐसे मामले देख रहे हैं. उनके अलावा दूसरे वकीलों के पास भी ऐसे मामलों की भरमार है.
ताहिर हुसैन देवला के मुताबिक़, "जो काउ ट्रांसपोर्टेशन के मामले हैं, उनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं, लेकिन काउ स्लॉटर (गो हत्या) के मामलों में मुस्लिम ही शामिल हैं."
ताहिर हुसैन के मुताबिक़, मेवात का एक वर्ग कई सौ सालों से ये काम करता था. उसका एक छोटा-सा हिस्सा आज भी कई कारणों से ये काम करने को मजबूर है.
वो बताते हैं कि मुस्लिम बहुल मेवात की आबादी क़रीब 40-45 लाख है, लेकिन यहां स्वास्थ्य और शिक्षा के अच्छे केंद्र नहीं हैं.
वो कहते हैं, "मान लीजिए एक गांव की आबादी दस हज़ार है तो उसमें से बमुश्किल पांच से 10 लोग इस काम में लगे हैं. वो बहुत ग़रीब लोग हैं. उनके पास कोई खेती नहीं है, कोई बिज़नेस नहीं है. उनके पास पढ़ाई नहीं है. तो उनके पास यही एक ज़रिया है. इसी से उनका गुज़ारा होता है."
हमें कई लोग मिले जिन्होंने साझा इतिहास, साझा रिश्तों, साझा संस्कृति को याद किया, और आपसी मतभेदों को बातचीत से हल करने की हिमायत की. इन भावनाओं के सही कार्यान्वयन पर सभी की निगाहें होंगी. (bbc.com/hindi)
मेरठ, 6 मार्च | होली से पहले उत्तर प्रदेश के मेरठ में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सदस्यों के बीच झड़प और पथराव के बाद घटना ने हिंसक रूप ले लिया। रविवार देर रात हुई इस घटना में कम से कम छह लोग घायल हो गए हैं। स्थिति अब नियंत्रण में बताई जा रही है।
मेरठ के हरिनगर इलाके के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के इलाके में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
खबरों के मुताबिक, परेशानी तब शुरू हुई जब दो लोग होली मनाने के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे थे। इस दौरान की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर उन्होंने दूसरे समुदाय के कुछ लोगों के साथ हाथापाई की।
घटनास्थल पर क्षतिग्रस्त वाहन, टूटी हुई खिड़की के शीशे और घबराए हुए स्थानीय लोग इधर-उधर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।
घायलों में हिंदू समुदाय के दो व्यक्ति शामिल हैं, जिन्होंने इलाके के कई मुस्लिमों पर हमला करने और उनके होली समारोह को बर्बाद करने की धमकी देने का आरोप लगाया।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति को काबू में किया। पुलिस ने लिखित शिकायत लेकर जांच शुरू कर दी है।
इलाके में पुलिस की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अपराधियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और आगे की जांच की जा रही है। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 6 मार्च | यह अकेला गब्बर सिंह नहीं है, इस बार लगभग हर कोई पूछ रहा है होली कब है? होलिका दहन के समय को लेकर भ्रम की स्थिति के साथ, लोग उस दिन भी भ्रमित होते हैं जिस दिन वे रंगों से खेलेंगे। ज्योतिषियों ने आखिरकार घोषणा कर दी है कि रंगों का त्योहार 8 मार्च है।
ज्योतिषियों का कहना है कि 'परेवा' के दिन रंग खेला जाता है, (फागुन महीने का पहला दिन) और होलिका दहन पूर्णिमा (परेवा से पहले पूर्णिमा का दिन) पर किया जाता है।
इस साल पूर्णिमा की शाम से 'भद्र काल' शुरू हो रहा है, ऐसे में होलिका दहन के समय को लेकर विवाद है।
पंडित राजेंद्र कुमार पांडेय ने कहा, सभी जानते हैं कि होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है, लेकिन अधिकांश लोगों को यह नहीं पता कि तिथि और समय कैसे तय होता है। इस साल होलिका दहन और होली को लेकर कुछ भ्रम है। होलिका का शुभ मुहूर्त दहन तीन बातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है- पूर्णिमा की तिथि, सूर्यास्त के बाद का समय (जिसे प्रदोष काल कहा जाता है) और यह तथ्य कि भाद्र काल है या नहीं।
यदि पूर्णिमा के साथ भद्रा भी हो, तो होलिका दहन पुच्छ काल के दौरान यानी भाद्र के अंत की ओर किया जा सकता है। लखनऊ में, होलिका दहन 6 और 7 मार्च की रात 12.40 बजे से 2 बजे के बीच किया जा सकता है। क्योंकि पूर्णिमा तिथि 7 मार्च की शाम 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगी और इस कारण भी कि होलिका दहन सूर्यास्त के बाद किया जाता है। 8 मार्च को परेवा के दिन रंग खेला जाएगा।
पंडित राम केवल तिवारी ने कहा, इस साल होलिका दहन 6 और 7 मार्च की दरम्यानी रात को होगा। समय रात 12 बजकर 40 मिनट से सुबह 5 बजकर 56 मिनट के बीच हो सकता है। यानी होलिका दहन के 24 घंटे बाद ही होली खेली जाएगी।
आखिरी बार ऐसा 28 साल पहले 26 मार्च 1994 को हुआ था। होलिका दहन का मुहूर्त रात में केवल कुछ घंटों के लिए हुआ था, क्योंकि उस साल भी पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ी थी, जो सूर्यास्त के बाद शुरू हुई थी और अगले दिन सूर्यास्त से पहले समाप्त हो गई थी। (आईएएनएस)|