राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 14 जनवरी | एलन मस्क ने शनिवार को कहा कि ट्विटर का ओपन सोर्स एल्गोरिद्म अगले महीने सामने आएगा, क्योंकि कई लोग थर्ड-पार्टी ट्विटर ऐप का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे है। उन्हें लॉगिंग और एक्सेस करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मस्क ने कहा कि ट्विटर ट्वीट रिकमेंडेशन कोड प्रकाशित करेगा। जिसके चलते अकाउंट/ट्वीट की स्थिति को अगले महीने से पहले देखा जा सकता है।
ट्विटर के सीईओ ने पोस्ट किया, ट्रांसपेरेंसी विश्वास को बढ़ाता है।
उन्होंने कहा कि कंपनी अगले सप्ताह इमेज लेंथ क्रॉप और अन्य माइनर बग को ठीक कर देगी।
मस्क ने कहा, बुकमार्क भी सर्च किए जा सकेंगे,
इस बीच, ट्वीटबॉट जैसे थर्ड-पार्टी ट्विटर टूल का इस्तेमाल करने वाले लोगों को लॉगिंग करने में परेशानी हो रही है।
टैपबॉट्स द्वारा ट्वीटबॉट ने पोस्ट किया, ट्वीटबॉट और अन्य ग्राहकों को ट्विटर पर लॉग इन करने में समस्या आ रही है। हमने अधिक जानकारी के लिए ट्विटर पर संपर्क किया है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
ट्विटर यूजर ने कहा, हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह सिर्फ एक अस्थायी गड़बड़ है और जैसे ही हम और अधिक जानेंगे, आपको अधिक जानकारी देते रहेंगे।
एक अन्य थर्ड-पार्टी ट्विटर ऐप ट्विटररिफिक ने पोस्ट किया कि वे ट्विटर के साथ जुड़ने में आने वाली समस्याओं के बारे में जानते हैं।
एक ट्वीट में कहा, हम अभी तक नहीं जानते कि इसका मूल कारण क्या है, लेकिन हम इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। कृपया बने रहें।
मस्क या ट्विटर सपोर्ट ने अभी तक इस गड़बड़ी पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।
थर्ड पार्टी के ट्विटर ऐप डेवलपर्स ने मुद्दों के बारे में शिकायत करने के लिए प्रतिद्वंद्वी प्लेटफॉर्म मास्टाडॉन का सहारा लिया। (आईएएनएस)|
1980 के बाद से हर अगला दशक, बीते दशक के मुकाबले ज्यादा गरम होता जा रहा है. बीते आठ साल सबसे गरम रहे हैं. लेकिन ये सबसे बुरा नहीं है. शायद आने वाले साल और भी भीषण मौसमी आपदाएं लाएंगे.
जब से तापमान का रेकॉर्ड रखा जाना शुरू हुआ है, तब से लेकर अब तक के वक्त में पिछले आठ साल सबसे ज्यादा गरम रहे हैं. इसकी पुष्टि संयुक्त राष्ट्र ने की है. साल 2022 में दुनिया ने एक-के-बाद-एक कई अभूतपूर्व और अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया. माना जा रहा है कि आपदाओं की नियमितता और भीषणता, दोनों में ही जलवायु परिवर्तनके कारण तेजी आई है. तापमान में लगातार हो रही इस वृद्धि का सिलसिला 2015 से शुरू हुआ है. तब से हर साल रेकॉर्ड गर्मी पड़ रही है.
वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएमओ) के मुताबिक, उद्योग-धंधों की शुरुआत से पहले के मुकाबले दुनिया के औसत तापमानमें डेढ़ डिग्री सेल्सियस का इजाफा हुआ है. डब्ल्यूएमओ ने बताया कि पिछले आठ साल दुनिया के अब तक के सबसे गरम साल रहे हैं. ग्रीनहाऊस गैसों की लगातार बढ़ रही मात्रा और इससे जमा हो रही गरमी इसे उकसा रही है. इन आठ सालों में भी सबसे गरम 2016 रहा. इसके बाद 2019 और 2020 का नंबर है.
बढ़ती ही जा रही है गर्मी
यूएन एजेंसी ने बताया कि 2020 से ला नीन्या के बावजूद इतनी गरमी रही है. ला नीन्या, समुद्र और वातावरण से जुड़ी घटना है. इसमें अल नीन्यो का विपरीत असर होता है. अल नीन्यो के असर से जहां वैश्विक तापमान में वृद्धि होती है, वहीं ला नीन्या से वैश्विक तापमान में ठंडक आती है. डब्ल्यूएमओ ने बताया कि ला नीन्या का असर भी गरमी के इस ट्रेंड को पलट नहीं पाएगा. 1980 के बाद से ही हर अगला दशक, बीते दशक के मुकाबले ज्यादा गरम रहा है.
अमेरिका के नेशनल ओशैनिक एंड एटमॉसफैरिक अडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) और नासा ने भी 12 जनवरी को 2022 के तापमान संबंधी ऐसे ही आंकड़े जारी किए. नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने स्थिति को बेहद चिंताजनक बताया. नेल्सन ने कहा, "जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं. चक्रवात ज्यादा ताकतवर होते जा रहे हैं. सूखा कहर बरपा रहा है. समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है. मौसम के अतिरेक मिजाजसे जुड़ी घटनाओं के कारण पूरी धरती पर हमारे लिए खतरा मंडरा रहा है. हमें बेहद सख्त उपायों की जरूरत है."
शायद डेढ़ डिग्री सेल्सियस का लक्ष्य पूरा नहीं होगा
2015 में हुए पेरिस समझौता में तय हुआ था ग्लोबल वॉर्मिंग को डेढ़ डिग्री सेल्सियस तक सीमित किया जाए. वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा होने पर जलवायु से जुड़े असर को संभाली जा सकने वाली स्थिति में रखा जा सकेगा. लेकिन अब डब्ल्यूएमओ ने चेतावनी दी है कि इस डेढ़ डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य के टूटने की संभावना बढ़ती जा रही है. इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए डब्ल्यूएमओ ने छह प्रमुख अंतरराष्ट्रीय डेटा सेट का इस्तेमाल किया. इनमें एनओएए और यूरोपियन यूनियन कोपरनिकस क्लाइमेट मॉनिटर (सीथ्रीएस) के आंकड़े भी शामिल हैं.
एनओएए के प्रमुख रशेल वोस ने बताया कि 50-50 आशंका है कि 2020 के दशक में ही कोई साल हो सकता है, जिसमें तापमान इस डेढ़ डिग्री सेल्सियस की सीमा को लांघ जाए. हालांकि मौजूदा अनुमान बताते हैं कि डेढ़ डिग्री की ये वृद्धि 2030 या 2040 के आखिर तक औसत तापमान नहीं बनेगी.
2022 में गर्मी के प्रचंड असर से कुछ इलाके ज्यादा प्रभावित हुए. कोपरनिकस ने 10 जनवरी को जारी की गई अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया कि ध्रुवीय इलाकों में पिछले साल रेकॉर्ड गर्मी दर्ज की गई. मध्यपूर्व, चीन, मध्य एशिया और उत्तरी अफ्रीका भी बेहद गरम रहे. मौसम से जुड़ी चरम आपदाओं में जहां एक तिहाई पाकिस्तान बाढ़ में डूब गया, वहीं हॉर्न ऑफ अफ्रीका के इलाके प्रचंड सूखे से जूझते रहे. यूरोप ने अपने दूसरे नंबर के सबसे गरम साल का सामना किया. फ्रांस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली में औसत तापमान के नए रेकॉर्ड बने और यूरोप का बड़ा इलाका गरम थपेड़ों और भीषण सूखे से पीड़ित रहा.
एसएम/आरएस (एएफपी)
हर साल हजारों बच्चे अपने घरों को छोड़कर ट्रेन से भाग जाते हैं. वे अकसर देश की राजधानी दिल्ली पहुंचते हैं और उनकी जिंदगी अनिश्चितता के साये में घिर जाती है. आखिर इस समस्या की वजह क्या है?
डॉयचे वैले पर आदिल भट की रिपोर्ट-
पिछले साल दिसंबर के अंतिम हफ्ते में असम के रहने वाले 11 वर्षीय देबब्रत (बदला हुआ नाम) ने अपने घर से भागने का फैसला किया. उसने ट्रेन पकड़ी और सीधा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंच गया. घुंघराले बालों वाला देबब्रत देखने में काफी सीधा-साधा है. स्वभाव से शर्मीला है. जब उसकी उम्र 10 साल थी, तभी उसके पिता ने उसे बाल मजदूर के तौर पर काम करने के लिए मजबूर किया.
पढ़ने की उम्र में उसके हाथ में किताब-कलम की जगह बर्तन मांजने का सामान थमा दिया गया. देबब्रत ने बताया कि वह दिन में करीब 12 घंटे असम के एक होटल में बर्तन साफ करने का काम करता था. कम वेतन और इस थकाऊ काम से बचने के लिएवह घर से भाग गया. उसे यह भी नहीं पता कि वह आगे क्या करेगा. अब उसका भविष्य पूरी तरह अनिश्चितता के साये में है.
देबब्रत ने यह फैसला अचानक नहीं लिया. लंबे समय से उसकी जिंदगी में उथल-पुथल मची हुई थी. लंबी बीमारी की वजह से उसके पिता की मौत हो गई थी. उसकी मां उसे और उसके छोटे भाई की देखभाल करने के लिए संघर्ष कर रही थी. फिलहाल, देबब्रत अन्य 30 बेघर बच्चों के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक छोटे, जीर्ण-शीर्ण और शोर-शराबे वाले आश्रय गृह में रहता है. ये बच्चे दिन का ज्यादातर समय टीवी देखते हुए बिताते हैं.
देबब्रत ने डॉयचे वेले को बताया, "मेरा परिवार हर दिन मुझे मारता था और घंटों काम करने के लिए भेजता था. मैं अपने घर पर खुश नहीं था.” असम के अपने कठिन जीवन के बारे में बताते हुए उसकी आंखें भर आयी.
आश्रय गृह के दोस्त
अपने परिवार से हफ्तों दूर रहने के बाद, अब देबब्रत का मन घरवालों से मिलने के लिए तरसता है. वह अब अपने परिवार के पास वापस लौटना चाहता है. हालांकि, यहां से लौटने पर वह अपने उन नए दोस्तों से बिछड़ जाएगा जिनसे उसकी मुलाकात आश्रय गृह में हुई है. उन बच्चों की जिंदगी की कहानियां भी कमोवेश देबब्रत जैसी ही हैं. उन्होंने भी बाल श्रम, दुर्व्यवहार और पलायन का सामना किया है.
आश्रय गृह में आने के बाद देबब्रत और 12 वर्षीय शेखर (बदला हुआ नाम) अच्छे दोस्त बन गए हैं. शेखर मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. अपने शराबी पिता के दुर्व्यवहार से बचने के लिए वह घर छोड़कर दिल्ली भाग आया. उसने कहा कि उसका शराबी पिता उसे हर दिन पीटता था. घर से भागने के बाद शेखर ने अपना लंबा वक्त रेलवे स्टेशनों पर बिताया. आखिरकार वह तीन महीने पहले नई दिल्ली स्टेशन पहुंचा, जहां से उसे पास के आश्रय गृह में भेज दिया गया.
हर साल भागते हैं हजारों बच्चे
गरीबी और बुरे बर्ताव से बचने की चाह में देश में हर साल हजारों बच्चे अपने घर से भागकर रेलवे स्टेशनों पर पहुंचते हैं. सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘रेलवे चिल्ड्रन' द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर आठ मिनट में एक बच्चा लापता होता है. घर से भागने वाले हजारों बच्चे इस उम्मीद में ट्रेन में सवार होते हैं कि अब उन्हें दुर्व्यवहार और गरीबी से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन यह नहीं पता होता कि जाना कहां है.
इनमें से कई बच्चे तस्करों के चंगुल में फंस जाते हैं और इनसे बाल मजदूर, बंधुआ मजदूर और घरेलू नौकर के तौर पर काम कराया जाता है. कई बच्चों को यौन कार्य में भी शामिल कर दिया जाता है. वहीं, देबब्रत और शेखर जैसे कुछ बच्चों को सलाम बालक ट्रस्ट जैसे गैर-लाभकारी संगठन बचाने में सफल हो जाते हैं. ये संगठन खोए हुए या घर से भागे हुए बच्चों की मदद करने के लिए रेलवे स्टेशन पर एक टीम तैनात रखते हैं.
सलाम बालक ट्रस्ट की कल्याण अधिकारी मीना कुमारी ने डॉयचे वेले को बताया, "इन बच्चों को रेलवे प्लेटफॉर्म पर खोजने के बाद, सबसे पहले हम उन्हें अपनी डे केयर यूनिट में ले जाते हैं. वहां हम उन्हें खाना और कपड़ा देते हैं. हमारे काउंसलर उनके साथ बैठते हैं और उनके घर-परिवार के बारे में पूछते हैं.”उन्होंने कहा, "बच्चे आसानी से हमें पूरी बात सही-सही नहीं बताते. उनसे सही जानकारी हासिल करने में हमें कई दिन या हफ्ते लग जाते हैं. उनमें से कुछ को अपने घर का पता या फोन नंबर याद नहीं रहता. इससे उनके परिवारों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है.”
परिवार की तलाश
किसी बच्चे को अपनी निगरानी में लेने के बाद कई सारी प्रक्रियाएं पूरी करनी होती हैं. जैसे, काफी ज्यादा कागजी कार्रवाई, काउंसलिंग, और 24 घंटे के भीतर पुलिस के साथ-साथ बाल कल्याण समितियों के सामने बच्चों को पेश करना.
सलाम बालक ट्रस्ट के मनोचिकित्सक मोहम्मद तनवीर ने डीडब्ल्यू को बताया, "इनमें से ज्यादातर बच्चे शारीरिक और भावनात्मक शोषण का शिकार होते हैं. लगभग 90 फीसदी में अवसाद और पीटीएसडी के लक्षण होते हैं. हम उन्हें सामान्य जिंदगी में लाने के लिए काउंसलिंग करते हैं. साथ ही, थेरेपी सेशन भी आयोजित करते हैं.” उन्होंने कहा कि काउंसलिंग के बाद संस्था बाल कल्याण समिति के माध्यम से उनके परिवारों से संपर्क करने की प्रक्रिया शुरू करती है.
अब एक बार फिर आश्रय गृह का रुख करते हैं. यहां एनजीओ की टीम असम में रहने वाली देबब्रत की मां का पता लगाने में सफल रही, लेकिन जब उनसे बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे को वापस घर नहीं बुलाना चाहती हैं. उन्होंने देबब्रत से फोन पर कहा कि उनके पास उसे दिल्ली से असम लाने के लिए पैसे नहीं हैं. वह दिल्ली में ही अन्य हजारों बेघर और घर से भागे हुए बच्चों के साथ आश्रय गृह में रहे. (dw.com)
कभी सोचा है रोम की पुरानी इमारतें इतनी मजबूत कैसे हैं? सेल्फ-हीलिंग कंक्रीट प्राचीन रोम की स्थापत्य विरासत की नींव थी. एक अध्ययन से पता चला है कि अधिक टिकाऊ कंक्रीट बनाने के लिए इस अद्भुत सामग्री का उपयोग कैसे किया जाए.
डॉयचे वैले पर फ्रेड श्वालर की रिपोर्ट-
वर्जिल कृत लैटिन महाकाव्य ‘एनीड' में भगवान बृहस्पति भविष्यवाणी करते हैं कि ट्रॉय के पतन के बाद भाग जाने वाले एनीस नामक नायक को एक ऐसे साम्राज्य का उपहार मिलेगा जो कभी खत्म नहीं होगा. वह साम्राज्य रोम था. एक चिरस्थायी साम्राज्य की इस विरासत को बनाने का विचार रोम के लिए काफी महत्व का था, इसकी महान निर्माण परियोजनाओं का महत्व इस विचार से ज्यादा कभी नहीं था.
डीडब्ल्यू से बातचीत में रॉयल होलोवे विश्वविद्यालय की इतिहासकार हन्ना प्लैट्स कहती हैं, "स्मृति स्थापित करने का विचार प्राचीन रोम के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण है. यह इसकी शक्ति का केंद्र था. मेहराब और मंदिर जैसी इमारतें शायद सम्राटों और जनरलों द्वारा बनाई गई सबसे महत्वपूर्ण दिखाई देने वाली यादें थीं. उन्होंने इतिहास में अपनी विरासत को मजबूत किया.”
इस विरासत के केंद्र में रोमन कंक्रीट था जो कि शाब्दिक और प्रतीकात्मक दोनों ही रूपों में रोम की शक्ति की नींव था. और जबकि रोमन इमारतें अपने मोजैक और संगमरमर के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं, लेकिन निर्माण की यह प्रतिभा वास्तव में इस कंक्रीट में ही निहित है.
इस खास कंक्रीट में इस्तेमाल की गई चीजों की वजह से ही रोम में कोलोसियम जैसी इमारतें आज भी मौजूद हैं. इस खास कंक्रीट में इस्तेमाल की गई चीजों की वजह से ही रोम में कोलोसियम जैसी इमारतें आज भी मौजूद हैं.
कंक्रीट की वजह से स्थापत्य ने की अचानक प्रगति
रोमन कंक्रीट एक टिकाऊ सामग्री है. आधुनिक कंक्रीट में जहां कुछेक दशकों में ही दरार पड़ जाती है और वे नष्ट हो जाती हैं, रोमन कंक्रीट से बने महल, पुल और मंदिर हजारों साल से अपनी जगह पर खड़े हैं. इस कंक्रीट में प्रयुक्त सामग्री की वजह से ही कोलोसियम जैसी इमारतेंआज भी अपनी जगह पर खड़ी हैं.
रोमन लोग कंक्रीट के साथ शताब्दियों तक प्रयोग करते रहे, लेकिन वास्तविक रूप में कंक्रीट से बनी इमारतें प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व से मिलने लगती हैं. यूनाइटेड किंग्डम स्थित एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियर रिले स्नाइडर कहते हैं, "यह मोर्टार और कंक्रीट के क्षेत्र में नई खोजों का समय था. वो जानते थे कि टूटी हुई सिरेमिक्स भूकंपीय प्रभाव को कम कर सकती हैं या फिर ज्वालामुखी की राख से अत्यधिक टिकाऊ सीमेंट बनाया जा सकता है.”
इस तकनीक ने वास्तुशिल्प के क्षेत्र में क्रांति ला दी. मजबूत कंक्रीट के साथ वास्तुविद बड़ी और विशालकाय इमारतें बनाने में कामयाब हुए. स्नाइडर कहते हैं, "रोमन कंक्रीट की वजह से मेहराब और गुंबद बनाना संभव हुआ जिसने वास्तुशिल्प को बदल कर रख दिया. मसलन, कोलोसियम के चारों ओर बड़े मेहराब मजबूत कंक्रीट से ही बनाए गए थे.”
लेकिन कंक्रीट के सबसे बौद्धिक इस्तेमाल का उदाहरण पैंथियोन के गुंबदों में मिलता है. पैंथियोन मंदिर का निर्माण रोम में 113-126 ईसापूर्व के बीच हुआ था. प्लैट्स कहती हैं, "वास्तुविद जानते थे कि इस बड़े गुंबद को बनाने के लिए गुंबद के तल पर एक भारी सामग्री रखनी होगी और शीर्ष पर हल्की सामग्री. ताकि ऊपर जाने पर गुंबद हल्के प्रतीत हों. इन सभी चीजों ने रोम को अपनी ताकत का एहसास कराने में मदद की.”
सेल्फ हीलिंग रोमन कंक्रीट
आधुनिक कंक्रीट की तुलना में रोमन कंक्रीट ज्यादा टिकाऊ क्यों है? अमेरिका स्थित मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सिविल इंजीनियर एडमिर मासिच बताते हैं कि यह माउंट विसूवियस या एटना ज्वालामुखी की राख से बनता है. वो कहते हैं, "रोमन लोगों ने ज्वालामुखी की राख को सीमेंट में मिलाकर मिक्स्चर तैयार किया. इससे एक असाधारण पदार्थ निर्मित हुआ जो टूटने या दरार पड़ने पर खुद ही भर सकता था. यहां तक कि आप कंक्रीट के एक टुकड़े को दो भाग में कर दीजिए और आप उसे पानी में रख दीजिए तो दो हफ्ते में वो दोनों टुकड़े अपने आप जुड़ जाएंगे.”
ये सेल्फ हीलिंग गुण मुख्य रूप से समुद्र में प्रभावी होते हैं. इस तकनीक ने रोमन लोगों को भूमध्य सागर के किनारे बंदरगाह और पानी के अंदर बंदरगाह बनाने में मदद की. जैसा कि आधुनिक युग में इजराइल के सीजेरिया में है.
खोया हुआ नुस्खा फिर से ढूंढ़ निकाला
तो हम अब इस रोमन कंक्रीट का इस्तेमाल क्यों नहीं करते? दुर्भाग्य से, समय बीतने के साथ सेल्फ हीलिंग कंक्रीट का नुस्खा लोगों की स्मृतियों से गायब हो गया और यह स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में इमारतों के निर्माण में इसका इस्तेमाल कब बंद हुआ. मासिच जैसे इंजीनियर रोमन कंक्रीट और सीमेंट के नमूनों का यह जानने के लिए अध्ययन करते रहे हैं कि कैसे यह इतना मजबूत होता है.
मासिच का नया अध्ययन शुक्रवार को 'साइंस एडवांसेज' नाम पत्रिका में छपा है, जिसमें बताया गया है कि इस पदार्थ की मजबूती का राज इस बात में छिपा है कि कंक्रीट को किस तरह मिलाया जाता था. मासिच कहते हैं, "हमारे शोध से पता चलता है कि रोमन लोग बिना बुझा चूना, ज्वालामुखी की राख और पानी को मिलाने के लिए हॉट मिक्सिंग नामक एक प्रक्रिया का इस्तेमाल करते थे.”
कंक्रीट बनाने की सस्टेनेबल प्रक्रिया
हॉट मिक्सिंग की इस प्रक्रिया से चूने के गुच्छे बनते थे जो कि रोमन कंक्रीट में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज घटक थे. वो कहते हैं, "पहले लोगों को लगता था कि ये गुच्छे इसलिए बनते हैं कि इन पदार्थों को ठीक से नहीं मिलाया गया है लेकिन मुझे इस पर संदेह था क्योंकि रोमन कंक्रीट बनाने के तरीके को लेकर बहुत सतर्क थे.”
वास्तव में, मासिच के अध्ययन से पता चलता है कि हॉट मिक्सिंग और चूने के गुच्छे सेल्फ हीलिंग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण थे. क्योंकि इनकी वजह से कुछ रसायनों का निर्माण होता है जो कि कंक्रीट में आई दरारों को पानी की मदद से भर देते हैं.
क्या कंक्रीट पर्यावरण की दृष्टि से भी बहुत ठोस है?
मासिच उम्मीद जताते हैं कि उनका शोध निर्माण उद्योग की इस बात में मदद करेगा कि वो ज्यादा टिकाऊ सेल्फ हीलिंग कंक्रीट बना सकते हैं. वो कहते हैं, "सेल्फ हीलिंग कंक्रीट बहुत टिकाऊ है, मतलब इसे बनाने या ठीक करने में कम कंक्रीट लगेगा. इस प्रकार ज्यादा कंक्रीट बनाने की मांग कम होती है और इस तरह ऊर्जा का उपयोग भी कम होता है.”
आधुनिक कंक्रीट उत्पादन तकनीक दुनिया भर में कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जन में 8 फीसद का योगदान करती है. सड़क, घर और गगनचुंबी इमारतों तक के निर्माण में कंक्रीट का उपयोग होता है. मासिच को लगता है कि उनकी इस खोज में काफी क्षमता है. वे कहते हैं, "हम यहां दुनिया में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाली सामग्री के बारे में चर्चा कर रहे हैं और एक ऐसी चीज जो कि काफी ज्यादा कार्बन डाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन करती है. कंक्रीट निर्माण उद्योग में उत्सर्जन को बडे़ पैमाने पर कम किया जा सकता है.” (dw.com)
नई दिल्ली, 13 जनवरी | अभिनेत्री नोरा फतेही ने शुक्रवार को पटियाला हाउस अदालत में 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गवाह के तौर पर अपना बयान दर्ज कराया, ममाले में आरोपी ठग सुकेश चंद्रशेखर शामिल था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकृति महेंद्रू की मौजूदगी में उनका बयान दर्ज किया गया। मामले में सह-आरोपी, अभिनेता जैकलीन फर्नांडीज की भी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा जांच की जा रही है।
इससे पहले फतेही ईओडब्ल्यू के सामने भी पेश हुई थी। फतेही ने 12 दिसंबर को फर्नांडीज के खिलाफ भी एक अदालत में मानहानि का मामला दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि फर्नांडीज ने उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कारणों और उनके करियर को नष्ट करने के लिए गलत आरोप लगाए।
अदालत ने 19 दिसंबर को मानहानि के मामले को 21 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। फतेही ने आगे आरोप लगाया था कि फर्नांडीज ने अभिनेत्री होने के बावजूद उनके खिलाफ झूठा बयान दिया।
उसने दलील में कहा- फर्नांडीज ने अनावश्यक रूप से मुझे घसीटा और बदनाम किया क्योंकि मैं भी उसी उद्योग में हूं। वह इस बात से पूरी तरह वाकिफ हैं कि किसी भी कलाकार का व्यवसाय और उसका करियर पूरी तरह से उसकी प्रतिष्ठा पर आधारित होता है। यह स्पष्ट रूप से स्थापित करता है कि उक्त लांछन इस इरादे और ज्ञान के साथ लगाया गया है कि ऐसा लांछन शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाएगा।
मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने 2 दिसंबर को फतेही से पूछताछ की थी। चंद्रशेखर ने अलग-अलग मॉडल्स और बॉलीवुड सेलेब्स पर करीब 20 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने उनसे उपहार लेने से इनकार कर दिया था। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 जनवरी | दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में काम कर रहे कनाडा और अमेरिका के दो विदेशी नागरिकों को अपना आधिकारिक विवाह समारोह आयोजित करने और यहां अपनी शादी को पंजीकृत कराने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंघम की पीठ ने हिंदू-ईसाई जोड़े द्वारा भारत में अपनी शादी के पंजीकरण की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुझाव दिया कि यह जोड़ा 17 जनवरी को सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट से संपर्क कर शादी के लिए फॉर्म जमा करे।
छह महीने से भारत में रह रहा यह जोड़ा शादी करके यहीं रहना चाहता है। युगल को त्रुटि संदेश दिखाया गया था और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना विवरण जमा करने पर आगे बढ़ने से रोक दिया गया था, उन्हें अपनी शादी को पंजीकृत करने की आवश्यकता थी। संदेश में लिखा था: कम से कम एक पार्टी भारतीय होनी चाहिए।
हालांकि, युगल ने सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट कार्यालय में संबंधित प्राधिकरण पर सवाल उठाया और कहा कि विदेशी नागरिकों के लिए भारत में अपनी शादी करने पर कोई रोक नहीं है, खासकर जब वह भारत में रह रहे हों। दंपती को बताया गया कि अगर वह ऑफलाइन आवेदन करते हैं तो ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं है।
इस बीच, विभाग के वकील ने कहा कि वह विवाह के पंजीकरण के लिए पोर्टल में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। पीठ ने इसके अलावा, शहर सरकार को दिशा-निर्देशों में संशोधन करने और ई-पोर्टल में बदलाव करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस पर स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया।
चूंकि दिशानिर्देश और ई-पोर्टल 2019 के बाद नहीं बदले गए थे, इसलिए अदालत ने विभाग के सचिव को 19 जनवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। (आईएएनएस)|
अहमदाबाद, 13 जनवरी | गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बेटियों और बहनों के प्रति समाज की मानसिकता को बदलने की जरूरत है, क्योंकि उनका मानना है कि शादी के बाद भी संपत्ति में उनका समान अधिकार है। मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति ए. शास्त्री की खंडपीठ पारिवारिक संपत्ति वितरण में निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जहां याचिकाकर्ता का मामला यह था कि यह स्पष्ट नहीं है कि उसकी बहन ने संपत्ति में अधिकार छोड़ा है या नहीं।
याचिकाकर्ता की दलीलों से नाराज मुख्य न्यायाधीश ने कहा: यह मानसिकता कि एक बार परिवार में बेटी या बहन की शादी हो जाए तो हमें उसे कुछ नहीं देना चाहिए, इसे बदलना चाहिए। वह तुम्हारी बहन है, तुम्हारे साथ पैदा हुई है। सिर्फ इसलिए कि उसकी शादी हो चुकी है, परिवार में उसकी हैसियत नहीं बदलती। इसलिए यह मानसिकता चली जानी चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा: यदि पुत्र, विवाहित या अविवाहित रहता है, तो पुत्री विवाहित या अविवाहित पुत्री बनी रहेगी, यदि अधिनियम पुत्र की स्थिति को नहीं बदलता है, तो शादी बेटी की स्थितिन न तो बदल सकती है और न ही बदलेगाी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 जनवरी | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को दोहराया कि क्रिप्टो करेंसी जुए के बराबर हैं, क्योंकि उनका कथित मूल्य केवल विश्वास दिलाता है। दास ने एक मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि इसमें कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका समर्थन करने वाले इसे संपत्ति या वित्तीय उत्पाद कहते हैं, लेकिन इसमें कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी के विकास का मुकाबला करने के लिए, केंद्रीय बैंक ने हाल ही में पायलट मोड में अपना ई-रुपया या केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) लॉन्च किया है।
उन्होंने कहा, प्रत्येक संपत्ति, प्रत्येक वित्तीय उत्पाद में कुछ अंतर्निहित (मूल्य) होना चाहिए, लेकिन क्रिप्टो के मामले में कोई अंतर्निहित नहीं है। तो बिना किसी अंतर्निहित के कुछ भी, जिसका मूल्य पूरी तरह से विश्वास पर निर्भर है, 100 प्रतिशत अटकलों के अलावा और कुछ नहीं है या इसे बहुत स्पष्ट रूप से कहें तो यह जुआ है।
दास ने कहा, चूंकि हम अपने देश में जुए की अनुमति नहीं देते हैं, और यदि आप जुए की अनुमति देना चाहते हैं, तो इसे जुए के रूप में मानें और जुए के लिए नियम निर्धारित करें। लेकिन क्रिप्टो एक वित्तीय उत्पाद नहीं है। उन्होंने कहा कि सीबीडीसी पैसे का भविष्य हैं और इसे अपनाने से रसद और छपाई की लागत को बचाने में मदद मिल सकती है। (आईएएनएस)|
पटना, 14 जनवरी | बिहार के सत्तारूढ़ राजद में शुक्रवार को शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह की राम चरित मानस पर की गई टिप्पणी को लेकर प्रदेश प्रमुख जगदानंद सिंह के समर्थन करने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सार्वजनिक रूप से अपनी असहमति जाहिर की। पार्टी मुख्यालय में जगदानंद सिंह के साथ बैठे तिवारी ने कहा कि 'राम चरित मानस' पर आपत्ति जताने का पार्टी में कोई फैसला नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा- मैं जगदानंद सिंह के बयान से सहमत नहीं हूं। अगर पार्टी ने राम चरित मानस और राम पर आपत्ति जताने का फैसला किया है, तो तेजस्वी यादव की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए और तब निर्णय लिया जाना चाहिए। जहां तक मेरी जानकारी है संबंधित, राम चरित मानस और राम पर आपत्ति जताने के लिए पार्टी द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
तिवारी ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया का हवाला देते हुए कहा कि वह राम को 'महापुरुष' मानते हैं। उन्होंने कहा, वह राम के नाम पर मेले का आयोजन करते थे..प्रसिद्ध चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन ने राम के सैकड़ों होडिर्ंग्स बनाए। वह सार्वजनिक मंचों पर कई बार राम के प्रति अपना सम्मान व्यक्त कर चुके हैं।
तिवारी ने कहा- महात्मा गांधी भी राम को मानते थे। जब उनकी हत्या हुई तो उनके मुंह से निकले आखिरी शब्द 'हे राम' थे। इसलिए 'राम चरित मानस' में बहुत सारी अच्छी बातें हैं और बड़ी संख्या में लोग इस पर विश्वास करते हैं। हम बुद्ध के बारे में बात करते हैं, एक या दो लोगों को उनके बारे में ज्ञान है लेकिन अगर आप देश में कहीं भी राम के बारे में बात करते हैं तो गांव के अनपढ़ लोग भी आपको उनके बारे में चार-पांच कहानियां सुना देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री की जीभ लाने पर 10 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा करने वाला फर्जी संत अपराधी है। किसने उसे हिंसा फैलाने का अधिकार दिया। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। जगदानंद सिंह ने दो दिन की चुप्पी के बाद कहा कि पूरी पार्टी यादव के पीछे खड़ी है और वह राम चरित मानस पर अपना बयान वापस नहीं लेंगे।
उन्होंने कहा- राजद मंडल के लोगों को कमंडल (भगवा विचारधारा) की विचारधारा वाले लोगों से हारने की अनुमति नहीं दे सकता है। हमारे पास लोहिया जी, कपर्ूी ठाकुर जी की समाजवादी विचारधारा है, जिन्होंने अपने पूरे जीवन के लिए समाजवादी मूल्यों के लिए लड़ाई लड़ी। हमारे समाजवादी नेता लालू प्रसाद यादव बीमार हैं। अब हमारे पास कोई समाजवादी क्रांतिकारी नेता नहीं है लेकिन उन्होंने जो रास्ता दिखाया, उस पर चंद्रशेखर जी राजनीति कर रहे हैं।
चंद्रशेखर जी इससे डरने वाले नहीं हैं। मैं उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि पूरा राजद परिवार उनके साथ खड़ा है। हमने हमेशा कमंडल विचारधारा के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हम फिर से ऐसा करेंगे। पीछे हटने की कोई जरूरत नहीं है।
यादव ने बुधवार को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान दावा किया कि 'मनु स्मृति', 'राम चरित मानस' और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एम.एस. गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स ने समाज में नफरत फैलाई। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 14 जनवरी | तमिलनाडु के कांचीपुरम के बाहरी इलाके में एक कॉलेज छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी पांच लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। यह भयानक घटना गुरुवार की रात को तब हुई, जब पांच आरोपियों ने 19 वर्षीय छात्रा और उसके प्रेमी को बेंगलुरू-पुडुचेरी बाहरी रिंग रोड के पास एक सुनसान जगह पर घेर लिया। मौके पर अक्सर स्थानीय असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है जो शराब का सेवन करते हैं और ऐसी अन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं। कांचीपुरम राजधानी चेन्नई से 85 किमी दूर स्थित है।
गरुवार शाम करीब 7 बजे युगल मौके पर पहुंचे थे। पास में ही शराब पी रहे दो आरोपियों की नजर उन पर पड़ी, इसके बाद दोनों के साथ तीन और लोग जुड़ गए।
आरोपी चाकू की नोंक पर छात्रा को कुछ दूर खींच ले गए और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया और फरार हो गए।
कांचीपुरम के पुलिस उपाधीक्षक पी. जूलियस सीजर ने कहा, छात्रा के विरोध करने पर आरोपियों ने उनको जान से मारने की धमकी दी।
छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसके पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस एक आरोपी विमल कुमार को ट्रैक करने में कामयाब रही, जिसका नाम अन्य अपराधियों ने वारदात के दौरान लिया था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने बाद में मणिकंदन, शिवकुमार, विग्नेश, और थेन्नारासु को गिरफ्तार कर लिया।
सभी पर बलात्कार का मामला दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 जनवरी | केंद्र सरकार ने 30 जनवरी को शहीद दिवस को लेकर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश जारी किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में देश के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए लोगों की याद में 30 जनवरी को दोपहर 11 बजे दो मिनट का मौन रखने को कहा गया है। ये भी कहा गया है कि इसका सख्ती से पालन किया जाए। गृह मंत्रालय के पत्र में दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार 30 जनवरी को दोपहर 11 बजे पूरे देश में दो मिनट का मौन रखा जाएगा। इस दौरान किसी भी तरह का कामकाज और आवाजाही नहीं होनी चाहिए। ये भी कहा गया है कि जहां भी संभव हो दो मिनट का मौन शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद सायरन या आर्मी गन से सिगनल देना होगा। सायरन 10.59 बजे से 11 बजे तक बजेगा। वहीं 11.02 मिनट पर भी सायरन को दोबारा बजाया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने कहा कि सिगनल सुनते ही सभी लोगों को अपने स्थान पर खड़े होकर मौन धारण करना होगा। जहां सिगनल सिस्टम उपलब्ध नहीं होगा, वहां दो मिनट के मौन संबंधी उपयुक्त निर्देश जारी किए जा सकते हैं। पत्र में कहा गया है कि पहले यह पाया गया है कि कुछ दफ्तरों में दो मिनट के मौन के दौरान आम लोग सामान्य रूप से अपने कामकाज में लगे रहते हैं। इस अवसर पर ऐसा करना ठीक नहीं है। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश यह सुनिश्चित करें कि शहीद दिवस की गंभीरता का ध्यान रखा जाए।
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से ये भी सुनिश्चित करने को कहा कि सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज शहीद दिवस के मौके पर चर्चा, स्वतंत्रता संग्राम के विषय पर वाद विवाद से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन करें। ऐसा हाइब्रिड मोड में किया जा सकता है। वहीं इस दौरान कोविड-19 के दिशानिदेशरें का पालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं। (आईएएनएस)|
शिमला, 14 जनवरी | हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शनिवार तड़के भूकंप के दो झटके आए। इनमें से एक की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 मापी गई। भूकंप सुबह 5.10 बजे और 5.17 बजे आया।
मध्यम तीव्रता के भूकंप का केंद्र धर्मशाला शहर से 22 किमी दूर धार सरौर में 5 किमी की गहराई में था।
कोडागु (कर्नाटक), 14 जनवरी | पशु प्रेमियों और वन्य कार्यकर्ताओं ने राज्य के मडिकेरी जिले के कुशलनगर के पास एक जंगली हाथी को पकड़ने के अभियान के दौरान हुई उसकी मौत पर चिंता जताई है। घटना शुक्रवार को अत्तूर-नल्लूर गांव में मीनुकोल्ली वन क्षेत्र के पास हुई थी। हाथी 20 साल का था। एनेस्थीसिया की गोली लगने के बाद हाथी कॉफी बागान में दौड़ने लगा और 35 फीट ऊपर से सीमेंट के फर्श पर गिरकर मर गया।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हाथी की मौत आंतरिक चोटों से हुई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। उच्चाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना किया है।
वन विभाग ने रिहायशी इलाकों में भटक कर जान-माल को खतरा पैदा करने वाले हाथियों को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है। हालांकि हाथियों ने फसलों और खेतों को नष्ट कर दिया, लेकिन स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ने के दौरान हुई उसकी मौत पर आपत्ति जताई।
हाथी को पकड़ने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम के साथ तीन पालतू हाथियों का इस्तेमाल किया गया था।
वन्यजीव कार्यकर्ताओं के अनुसार हाथी की मौत एनेस्थेटिक दवा की उच्च खुराक देने के कारण हुई। पशु प्रेमियों ने सोशल मीडिया पर चिंता जताई है और कहा है कि हाथियों को करंट लगाकर व गड्ढों में गिराकर मारा जा रहा है। उन्होंने वन विभाग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि जंगली जानवरों को पकड़ने के दौरान उन्हें कोई नुकसान न हो। (आईएएनएस)|
चंडीगढ़, 14 जनवरी | कांग्रेस सांसद चौधरी संतोख सिंह का शनिवार को पंजाब में पार्टी नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। फिल्लौर कस्बे में यात्रा के दौरान सिंह गिर गए। उन्हें एंबुलेंस से फगवाड़ा के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
2019 में हुए लोकसभा चुनाव में वह जालंधर से दूसरी बार सांसद बने थे। (आईएएनएस)|
कलबुर्गी (कर्नाटक), 14 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 19 जनवरी को कर्नाटक के कालाबुर्गी जिले की आगामी यात्रा की तैयारियां चल रही हैं, जो इस महीने राज्य की उनकी दूसरी यात्रा है। यात्रा के दौरान मोदी मलखेड में एक मेगा कार्यक्रम में 'टांडा' (गांवों में एससी/एसटी के लिए अस्थायी घर) के निवासियों को संपत्ति के दस्तावेज वितरित करेंगे। कर्नाटक के इतिहास में यह पहली बार है कि ये दस्तावेज 51,900 टांडा निवासियों को वितरित किए जा रहे हैं।
राजस्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार लाभार्थियों को रायचूर, बीदर, यादगीर और विजयपुरा के हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के जिलों से चुना गया है।
राज्य के राजस्व मंत्री आर. अशोक कालाबुरगी में अधिकारियों के साथ कई बैठकें कर रहे हैं, ताकि इसे एक प्रभावशाली आयोजन बनाया जा सके।
आयोजन के लिए एक विशाल हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है, जबकि भोजन पकाने के लिए 600 रसोइयों को तैनात किया जाएगा।
मंत्री के अनुसार, लाभार्थियों को 2,582 बसों में लाया जाएगा।
कलबुर्गी एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह क्षेत्र है और पिछले संसदीय चुनावों में अपनी हार के बाद वह आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में अपनी ताकत साबित करना चाहते हैं।
कर्नाटक की सत्तारूढ़ बीजेपी न केवल कलबुर्गी में बल्कि राज्य के पूरे उत्तरी क्षेत्र में उनकी योजनाओं को विफल करना चाहती है। (आईएएनएस)|
वाशिंगटन, 14 जनवरी | अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और जापान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष अन्वेषण में सहयोग के लंबे इतिहास पर आधारित है। निम्न-पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा और उससे आगे तक, जापान नासा के सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय भागीदारों में से एक है।
नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने शुक्रवार देर रात कहा, यह लेटेस्ट फ्रेमवर्क एग्रीमेंट हमें अन्वेषण, विज्ञान और अनुसंधान में हमारी एजेंसियों के व्यापक पोर्टफोलियो में और सहयोग करने की अनुमति देगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन और जापान के विदेश मामलों के मंत्री हयाशी योशिमासा ने यहां नासा मुख्यालय में समझौते पर हस्ताक्षर किए।
ब्लिंकन ने कहा, इस समझौते के माध्यम से पृथ्वी पर हमारी साझेदारी और मजबूत होगी। हम एक साथ आगे बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा, मुझे उम्मीद है कि यह समझौता जापान-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग को मजबूती से बढ़ावा देगा और जापान-अमेरिका गठबंधन के लिए सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार करेगा, जो पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है।
समझौता शांतिपूर्ण अन्वेषण में पारस्परिक रुचि को पहचानता है।
फ्रेमवर्क में अंतरिक्ष विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, अंतरिक्ष संचालन और अन्वेषण, वैमानिकी विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष परिवहन, सुरक्षा और मिशन आश्वासन और बहुत कुछ सहित देशों के बीच संयुक्त गतिविधियों का एक व्यापक क्षेत्र शामिल है।
योशिमासा ने कहा, मुझे उम्मीद है कि जापान-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग इस समझौते के आधार पर और गहरा होगा, क्योंकि इससे मानवता के भविष्य को लाभ मिलेगा। (आईएएनएस)|
लीमा, 14 जनवरी | पेरू में पूर्व राष्ट्रपति प्रेडो कैस्टिलो के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच एक महीने से अधिक समय तक चले देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के दौरान 41 नागरिकों और एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई है। अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। बयान। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शुक्रवार देर रात जारी बयान के हवाले से कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान, विशेष रूप से दक्षिणी क्षेत्र में 355 नागरिकों और 176 राष्ट्रीय पुलिस एजेंटों सहित 531 लोग घायल हो गए, जबकि 329 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
दक्षिण अमेरिकी देश में राजनीतिक अशांति 7 दिसंबर, 2022 को वामपंथी राष्ट्रपति के महाभियोग और गिरफ्तारी और कैस्टिलो को बदलने के लिए उपराष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे के शपथ ग्रहण के बाद शुरू हुई।
कैस्टिलो के समर्थकों ने बोलुआर्टे को इस्तीफा देने के लिए कहा और कैस्टिलो की रिहाई के साथ-साथ राष्ट्रपति और कांग्रेस के चुनावों की मांग की।
14 दिसंबर को नए राष्ट्रपति ने हिंसा को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी 30-दिवसीय आपातकाल की घोषणा की।
अयाचूचो में, एक क्षेत्र जिसने दिसंबर में सबसे अधिक तबाही मचाई, पुलिस ने गुरुवार की रात अयाचूचो पीपुल्स डिफेंस फ्रंट के अध्यक्ष रोशियो लिएंड्रो मेलगर को गिरफ्तार कर लिया।
बयान में कहा गया है कि हिंसक कृत्यों के लिए मेलगर की जांच की जा रही है।
अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि उसने जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए मौतों की आठ जांच शुरू की है। (आईएएनएस)|
देहरादून/जोशीमठ, 14 जनवरी | लंबे समय से जोशीमठ में भू-धंसाव और दरार की समस्या देखी जा रही थी, जो समय के साथ तेजी से बढ़ता चला गया। आलम यह है कि अब जोशीमठ के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर कई अध्ययन किए जा रहे हैं। इसमें एक बात यह भी सामने आ रही है कि पिछले 12 दिनों में भू-धंसाव की गति बढ़ी है। असुरक्षित घोषित दो होटलों को ढहाए जाने और प्रभावित लोगों के सुरक्षित स्थानों पर जाने का सिलसिला लगातार जारी है। डरे सहमे हुए लोग नम आंखों से अपने आशियानों को छोड़ कर जाने को मजबूत हो गए हैं। कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं, तो कई प्रभावित लोग अस्थाई राहत शिविरों में रहने को मजबूत हो गए हैं।
इस बीच कल राज्य मंत्रिमंडल ने भी प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कई निर्णय लिए, जिनमें उनके मकानों के किराए की धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रतिमाह करना, उनके बिजली-पानी के बिल छह माह की अवधि के लिए माफ करना तथा बैंको से उनके ऋणों की वसूली एक साल तक स्थगित रखना शामिल है।
रूड़की स्थित केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की तकनीकी निगरानी में दरारों के कारण ऊपरी हिस्से से एक दूसरे से खतरनाक तरीके से जुड़ गए दो होटलों-सात मंजिला 'मलारी इन' और पांच मंजिला 'माउंट व्यू' को तोड़ने की कार्रवाई जारी रही। इन दोनों होटलों के कारण उनके नीचे स्थित करीब एक दर्जन घरों को खतरा उत्पन्न हो गया था। उधर, चमोली में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि जोशीमठ के 25 और परिवारों को शुक्रवार को अस्थाई राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया। इन अस्थाई राहत शिविरों में पीड़ितों को ठंड से बचाने के तमाम व्यवस्थायें की गई है। प्रभावितों को कंबल के साथ ही खाद्यान की भी व्यवस्था की गई है। उन भवनों की संख्या अभी 760 ही है, जिनमें दरारें आई हैं। इनमें से 147 को असुरक्षित घोषित किया गया है।
चमोली डीएम हिमांशू खुराना ने बताया कि आपदा प्रभावित लोगों के लिए कैंप बनाए गए हैं, एक किचन भी बनाया गया है। यह सभी लोगों के लिए खुला है, वे किसी भी समय आकर यहां भोजन कर सकते हैं। मैंने यहां लोगों के साथ भोजन किया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे परस्पर निरीक्षण करते रहें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब तक जोशीमठ के 90 परिवारों को 'स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने फिर साफ किया कि अभी किसी के मकान को तोड़ा नहीं जा रहा है और केवल आवश्यकतानुसार उन्हें खाली करवाया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सर्वेक्षण करने वाले दल अपना काम कर रहे हैं. प्रभावितों की हर संभव मदद के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए धामी ने कहा कि प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है और गुरुवार से इसका वितरण भी शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पुनर्वास की कार्रवाई पूरी योजना के साथ की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक आपदा है और हम उसी के अनुसार फैसले ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वहां का जनजीवन सामान्य है और 60 प्रतिशत से ज्यादा चीजें सामान्य चल रही हैं। इस बीच मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजने तथा उन्हें मकान के किराए के रूप में दी जाने वाली धनराशि बढ़ाकर पांच हजार रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया।
प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने कहा कि जोशीमठ में राज्य सरकार के संसाधनों से अल्पकालिक एवं मध्यकालिक कार्य जारी रहेंगे, जिन पर होने वाले व्यय का समायोजन केंद्र से राहत पैकेज मिलने पर किए जाने को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। प्रभावितों के लघुकालिक पुनर्वास के लिए चमोली जिला प्रशासन द्वारा कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम गौख सेलंग तथा ग्राम ढाक में चयनित भूखंडों के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत वहां 'प्री- फेब्रीकेटेड' संरचनाओं के निर्माण को भी मंत्रिमंडल ने सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान कर दी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 14 जनवरी | आज सुबह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद संतोष सिंह चौधरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 76 वर्षीय संतोष सिंह चौधरी जालंधर से कांग्रेस के सांसद थे। उनके निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कांग्रेस के बहुत से नेताओं ने गहरा दुख प्रकट करते हुए शोक संवेदना व्यक्त की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट करते हुए कहा है कि हमारे सांसद संतोख सिंह चौधरी के असामयिक निधन के बारे में जानकर गहरा सदमा और दुख हुआ। उनका जाना पार्टी और संगठन के लिए बड़ा झटका है। दुख की इस घड़ी में मेरा दिल उनके परिवार, दोस्तों और फॉलोअर्स के साथ है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
पार्टी नेता जयराम रमेश ने कांग्रेस सांसद के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट के माध्यम से कहा है कि जालंधर से 76 वर्षीय कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी का आज सुबह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। हम उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। यात्रा के कार्यक्रम में कुछ बदलाव होंगे जो जल्द ही साझा किए जाएंगे। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 जनवरी | बीते साल नवंबर में न्यूयॉर्क से नई दिल्ली आ रही फ्लाइट में नशे की हालत में बुजुर्ग महिला पर पेशाब करने वाले आरोपी शंकर मिश्रा को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी ने अदालत को बताया कि महिला ने खुद अपनी सीट पर पेशाब किया था। मिश्रा ने यह दावा सत्र अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा उसकी हिरासत का अनुरोध करने वाले एक आवेदन पर नोटिस जारी करने के बाद किया है। मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि मैं आरोपी नहीं हूं। पेशाब करने वाला कोई और होगा या पेशाब उसने ही किया होगा।
उन्होंने आगे दावा किया कि महिला किसी संबंधित बीमारी से पीड़ित थी। महिला के बैठने की व्यवस्था ऐसी थी कि कोई भी उसकी सीट पर नहीं जा सकता था। उन्होंने कहा, उनकी सीट ऐसी थी कि उस पर केवल पीछे से ही पहुंचा जा सकता था और वैसे भी पेशाब सीट के सामने वाले हिस्से तक नहीं पहुंच सकता था। साथ ही, शिकायतकर्ता के पीछे बैठे व्यक्ति ने भी ऐसी कोई शिकायत नहीं की थी।
11 जनवरी को मिश्रा के वकील ने तर्क दिया था कि अश्लील होते हुए भी उनकी हरकतों का मकसद पीड़िता का यौन उत्पीड़न करना नहीं था। गौरतलब है कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमल गर्ग ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
अदालत ने कहा था कि जैसा कि मिश्रा सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस दिए जाने के बाद भी जांच में शामिल नहीं हुए, उनका आचरण किसी भी विश्वास को प्रेरित नहीं करता। आरोपी मिश्रा की ओर से पेश अधिवक्ता मनु शर्मा ने तर्क दिया था कि मिश्रा ने मामले में गैर-जमानती वारंट जारी करने की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए एयर इंडिया द्वारा जांच प्रक्रिया से भागने का कोई प्रयास नहीं किया।
अदालत में यह भी कहा था कि दिल्ली पुलिस ने केवल एक गैर-जमानती अपराध में प्राथमिकी दर्ज की है, जबकि अन्य जमानती अपराध हैं। गौरतलब है कि अदालत ने 7 जनवरी को मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। (आईएएनएस)
चेन्नई/देहरादून, 13 जनवरी | नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) जोशीमठ में जमीन धंसने की सैटेलाइट तस्वीरों का विस्तार से विश्लेषण कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हैदराबाद स्थित एनआरएससी ने गुरुवार को भू-धंसाव पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें दिखाया गया था कि पूरा जोशीमठ धंस सकता है। तस्वीरें काटोर्सैट-2एस सेटेलाइट से ली गई हैं।
हैदराबाद स्थित एनआरएससी ने धंस रहे इलाकों की सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं।
तस्वीरों में सेना के हेलीपैड और नरसिम्हा मंदिर सहित पूरे शहर को संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है।
इसरो की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड सरकार खतरे वाले इलाकों में बचाव अभियान चला रही है और इन इलाकों में लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच जमीन का धंसना धीमा था, इस दौरान जोशीमठ 8.9 सेमी तक धंस गया था।
लेकिन 27 दिसंबर, 2022 और 8 जनवरी, 2023 के बीच, भू-धंसाव की तीव्रता में वृद्धि हुई और इन 12 दिनों में शहर 5.4 सेंटीमीटर धंस गया।
सेटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि जमीन धंसने से जोशीमठ-औली सड़क भी धंसने वाली है।
यद्यपि वैज्ञानिक अभी भी कस्बे में भूमि धंसने के बाद घरों और सड़कों में दिखाई देने वाली दरारों का अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन इसरो की प्राथमिक रिपोर्ट के निष्कर्ष भयावह हैं।
एनआरएससी के अनुसार भूस्खलन कीनेमेटीक्स की पहचान करने के लिए टेम्पोरल इनसार का विश्लेषण जारी है और परिणाम आगे अपडेट किए जाएंगे। (आईएएनएस)|
मनीला, 13 जनवरी | फिलीपींस में एक जनवरी से भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन हुआ है, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई और 5,00,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड मैनेजमेंट काउंसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि कम दबाव वाले क्षेत्रों, पूर्वोत्तर मानसून और शियर लाइन के संयुक्त प्रभाव से हुई बारिश से पांच क्षेत्रों में 17 लोगों की मौत हुई है।
अधिकारी दो और लापता लोगों की तलाश कर रहे थे।
मौसम ने 13 क्षेत्रों को प्रभावित किया है, मुख्य रूप से मध्य और दक्षिणी फिलीपींस को प्रभावित किया है।
ये क्षेत्र क्रिसमस के सप्ताह में बाढ़ से जूझ रहे हैं जो नए साल के बाद भी जारी है।
एजेंसी ने कहा कि आपदा ने 70,000 से अधिक लोगों को विस्थापित किया, जो अस्थायी रूप से 120 से अधिक निकासी केंद्रों में रखे गए थे।
दक्षिणी मिंडानाओ क्षेत्र का एक क्षेत्र और मध्य फिलीपींस में चार क्षेत्र आपदा की स्थिति में थे।
शुक्रवार सुबह जारी एक बयान में, राज्य के मौसम ब्यूरो ने चेतावनी दी कि कम दबाव का क्षेत्र, जो अब सुरिगाओ डेल सुर प्रांत से 85 किमी पूर्व में स्थित है, बिकोल क्षेत्र और मध्य और दक्षिणी फिलीपींस में अधिक बारिश लाएगा। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 13 जनवरी | दो साल पहले धार्मिक सभाओं में दिए गए आपत्तिजनक भाषणों (हेट स्पीच) के मामलों की जांच की प्रगति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस से रिपोर्ट मांगी। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले की जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है।
पीठ ने कहा कि एक घटना दिसंबर 2021 में हुई थी और इस मामले में प्राथमिकी मई 2022 में दर्ज की गई। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के.एम. नटराज दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। कोर्ट ने उनसे पूछा, आपको प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पांच महीने क्यों लगे, कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?
एएसजी ने कहा कि देरी जानबूझकर नहीं की गई और सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। पीठ ने आगे सवाल किया, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद क्या कदम उठाए गए हैं और कितने लोगों की जांच की गई है?
मई 2022 में प्राथमिकी दर्ज किए जाने का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि आठ महीने हो गए हैं और इस दौरान कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
शीर्ष अदालत ने एएसजी को दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर करने को कहा, जहां दिल्ली पुलिस को मामले की जांच में अब तक हुई प्रगति का ब्योरा देना होगा।
शीर्ष अदालत तुषार गांधी द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इस याचिका में हेट स्पीच मामले में दिल्ली पुलिस और उत्तराखंड सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाया गया था। याचिका में शीर्ष अदालत के पहले के फैसले का उल्लंघन करने वाले मामलों में कथित निष्क्रियता के लिए दिल्ली और उत्तराखंड के पुलिस प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल नवंबर में उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रमुख को अवमानना याचिका में पक्षकारों की सूची से मुक्त कर दिया था।
फैसले में, शीर्ष अदालत ने मॉब लिंचिंग सहित घृणित अपराधों में आवश्यक कार्रवाई के संबंध में दिशानिर्देश निर्धारित किए थे। (आईएएनएस)|
बिजनौर, 13 जनवरी | उत्तर प्रदेश के बिजनौर के नांगल थाना क्षेत्र में एक रिश्तेदार ने 10 साल की लड़के के साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया। घटना करीब दो दिन पहले की है।
नांगल थाना प्रभारी (एसएचओ) श्यामवीर सिंह ने कहा, नाबालिग किशोर के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और पीड़ित के परिवार का करीबी रिश्तेदार है और अक्सर उनके घर आया जाया करता था।
आरोपी की पहचान भोली के रूप में हुई।
बुधवार को, घटना के वक्त किशोर घर में अकेला था। जब माता-पिता घर वापस आए, तो उन्होंने उसे डरा हुआ और रोते हुए पाया।पीड़ित ने माता-पिता को आपबीती सुनाई।
थाना प्रभारी ने बताया कि, परिवार ने घटना की तुरंत पुलिस को सूचना दी।
एसएचओ ने कहा, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमने लड़के के माता-पिता की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 377(12 साल से कम उम्र की महिला से बलात्कार) के साथ-साथ पोक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 13 जनवरी | न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की पीठ में शुक्रवार को भी गतिरोध जारी रहा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले वकीलों का एक बड़ा वर्ग अभी भी पीठ का बहिष्कार कर रहा है। बहिष्कार करने वाले अधिवक्ताओं के वर्ग में कुछ सरकारी वकील भी शामिल हैं। बहरहाल, न्यायमूर्ति मंथा की अदालत के समक्ष वकीलों के बहिष्कार और अपने पेशेवर सहयोगियों को अदालत में प्रवेश करने से रोकने की प्रक्रिया तीन दिन से जारी है।
उच्च न्यायालय के सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार सुबह से 35 मामलों से संबंधित वकील सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहे।
राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्र नाथ मुखर्जी ने कहा कि वह अदालत में सुनवाई में भाग ले रहे हैं, जहां उन्हें पेश होना है। उन्होंने कहा, मेरे पेश होने पर कोई रोक नहीं है। हालांकि मैं इस पर टिप्पणी करने में असमर्थ हूं कि अन्य सरकारी वकील सुनवाई में क्यों नहीं आ रहे हैं।
इस बीच बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने जस्टिस मंथा की अदालत के सामने वकीलों के एक वर्ग द्वारा विरोध प्रदर्शन की जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में तीन सदस्यीय टीम भेजने का फैसला किया है। तीन सदस्यीय जांच दल में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रवींद्र कुमार रायजदा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अशोक मेहता और दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की सदस्य वंदना कौर ग्रोवर शामिल होंगी। वे 17 जनवरी को रिपोर्ट सौंपेंगे।
9 जनवरी से कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकीलों के एक समूह, जिन्हें तृणमूल कांग्रेस के करीबी के रूप में जाना जाता है, ने न्यायमूर्ति मंथा की पीठ का बहिष्कार करना शुरू कर दिया, जबकि उनमें से कुछ ने अपने सहयोगियों को उनके न्यायालय में प्रवेश करने से भी रोक दिया। न्यायमूर्ति मंथा द्वारा मंगलवार को अदालत की अवमानना का नियम जारी करने और मामले में स्वत: संज्ञान याचिका दायर करने के बाद बुधवार को मामला आखिरकार सुलझा लिया गया। (आईएएनएस)|