राष्ट्रीय
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए न्यायपालिका के विरुद्ध की गई टिप्पणी को लेकर बिना शर्त माफी मांगने पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही सोमवार को बंद कर दी।
न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने मोदी द्वारा दायर हलफनामे का संज्ञान लिया। इस हलफनामे में मोदी ने कहा है कि भविष्य में वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जो किसी भी तरह से ‘‘अदालत या भारतीय न्यायपालिका की महिमा या गरिमा’’ के विरुद्ध हो।
पीठ ने कहा, ‘‘हम बिना शर्त मांगी गई माफी को स्वीकार करते हैं। हम प्रतिवादी (मोदी) को याद दिलाते हैं कि भविष्य में उनकी ओर से किए गए ऐसे हर प्रयास को बहुत गंभीरता से लिया जाएगा, जो भारतीय न्यायपालिका और अदालतों की छवि को धूमिल करे।’’
उसने कहा, ‘‘हम बिना शर्त मांगी गई माफी को खुले दिल से स्वीकार करते हैं क्योंकि अदालत माफ करने में हमेशा विश्वास करती है, खासकर तब, जब माफी बिना शर्त और सच्चे दिल से मांगी गई हो... माफी स्वीकार करते हुए हम वर्तमान कार्यवाही को बंद करते हैं।’’
पीठ ने कहा, ‘‘सभी को संस्था का सम्मान करना चाहिए, यही हमारी एकमात्र चिंता है।’’
इससे पहले 13 अप्रैल को न्यायालय ने न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी के लिए मोदी को फटकार लगाई थी और उन्हें सोशल मीडिया मंचों एवं राष्ट्रीय समाचार पत्रों में बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया था।
पीठ ने कहा था कि ललित मोदी कानून एवं संस्थान से ऊपर नहीं हैं और इस तरह के आचरण की पुनरावृत्ति को बहुत गंभीरता से लिया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने उन्हें माफी मांगने से पहले एक ऐसा हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया था, जिसमें कहा जाए कि भविष्य में ऐसी कोई पोस्ट नहीं की जाएगी जो भारतीय न्यायपालिका की छवि को धूमिल करती हो। (भाषा)
कन्नूर (केरल), 24 अप्रैल ‘जेमिनी सर्कस’ के संस्थापक और भारतीय सर्कस के दिग्गज जेमिनी शंकरन का निधन हो गया है। वह 99 वर्ष के थे।
शंकरन के पारिवारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि वह बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों के कारण पिछले कुछ दिन से यहां निकट स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और उनका रविवार रात को निधन हो गया।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और भारतीय सर्कस को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने में उनकी अहम भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (शंकर ने) भारतीय सर्कस के आधुनिकीकरण में एक बड़ी भूमिका निभाई और विदेशी कलाकारों एवं उनके करतबों को इसमें शामिल किया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रगतिशील दृष्टिकोण रखने वाले शंकरन के साथ उनके घनिष्ठ संबंध थे।
शंकरन के विभिन्न प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों और अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ भी अच्छे संबंध थे। विजयन ने कहा कि शंकरन का निधन देश में सर्कस की कला के लिए एक बड़ी क्षति है।
शंकरन का जन्म 1924 में हुआ था। उन्होंने प्रसिद्ध सर्कस कलाकार कीलेरी कुन्हिकन्नन से तीन साल तक प्रशिक्षण लिया और बाद में सेना में शामिल हो गए। वह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सेवानिवृत्त हो गए थे।
देश भर के विभिन्न सर्कस समूहों के साथ काम करने के बाद, उन्होंने 1951 में विजया सर्कस कंपनी खरीदी और इसका नाम बदलकर जेमिनी सर्कस कर दिया। बाद में उन्होंने अपनी दूसरी कंपनी जंबो सर्कस शुरू की।
केंद्र सरकार ने देश में सर्कस के क्षेत्र में शंकरन के समग्र योगदान को देखते हुए उन्हें ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया था।
शंकरन के परिवार में दो बेटे और एक बेटी है।
उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर रखा जाएगा, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को पय्याम्बलम समुद्रतट पर किया जाएगा। (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने सोमवार को कर्ज पुनर्खरीद कार्यक्रम शुरू किया। इस साल जनवरी में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह ने पहली बार ऋण पुनर्खरीद शुरू की है।
शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक एपीएसईजेड ने अपने जुलाई 2024 के बॉन्ड की 13 करोड़ डॉलर तक पुनर्खरीद करने के लिए निविदा आमंत्रित की है। कंपनी अगली चार तिमाहियों में समान राशि की पुनर्खरीद और करेगी।
समूह अपनी नकदी की स्थिति को बेहतर साबित कर निवेशकों का भरोसा दोबारा हासिल करने के लिए यह कदम उठा रहा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट में समूह के खातों में धोखाधड़ी और शेयर कीमतों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद समूह की कंपनियों के शेयर तेजी से गिरे। अडाणी समूह ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है।
एपीएसईजेड ने कहा कि उसने अपने 3.375 प्रतिशत डॉलर मूल्य वर्ग के बॉन्ड के लिए पुनर्खरीद कार्यक्रम शुरू किया है, जिनकी परिपक्वता 2024 में है। (भाषा)
पुंछ/जम्मू, 24 अप्रैल जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकवादी हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे एक बड़े अभियान के तहत 40 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि बाटा डोरिया-तोता गली तथा पड़ोसी इलाकों में घेराबंदी और तलाश अभियान में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। सोमवार को तलाश अभियान के चौथे दिन कई सुरक्षा एजेंसियों के शामिल होने के साथ पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गयी है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राइफल्स इकाई द्वारा आयोजित इफ्तार के लिए अग्रिम इलाके के एक गांव में फलों और अन्य वस्तुओं को ले जा रहे ट्रक पर बृहस्पतिवार की शाम घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए और एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया।
अधिकारियों ने बताया कि जांच में पता चला है कि आतंकवादी ट्रक पर हमला करने से पहले भीम्बर गली-पुंछ सड़क मार्ग पर संभवत: एक पुलिया पर छिपे थे।
उन्होंने बताया कि ऐसा अंदेशा है कि एक हमलावर ने सामने से सेना के ट्रक को निशाना बनाया होगा और फिर उसके साथियों ने पीछे की तरफ से गोलीबारी की होगी तथा ग्रेनेड फेंके होंगे जिससे सैनिकों को जवाबी कार्रवाई का मौका नहीं मिला होगा।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘आतंकवादियों ने स्टील-कोर गोलियों का इस्तेमाल किया जो बख्तरबंद वाहन को भी भेद सकती हैं। भागने से पहले आतंकवादियों ने सैनिकों के हथियार और गोला बारुद भी चुराए।’’
उन्होंने बताया कि बख्तरबंद वाहन पर गोलियों के 50 से अधिक निशान मिले। उन्होंने बताया कि तलाश अभियान के दौरान जवानों को इलाके में कुछ प्राकृतिक गुफा वाले ठिकाने भी मिले जिनका संभवत: पहले आतंकवादियों ने इस्तेमाल किया होगा। सेना आईईडी की भी तलाश कर रही है। उसे आशंका है कि आतंकवादियों ने घने वन्य क्षेत्र में, खासतौर से गहरी खाइयों और गुफाओं में आईईडी लगा रखे होंगे।
आतंकवादी हमले के बाद वाहनों की आवाजाही के लिए बंद भीम्बर गली-पुंछ रोड को रविवार को यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया।
सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को बताया कि जानलेवा हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को पकड़ने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण समेत विभिन्न एजेंसियों के विशेषज्ञों ने हमले की जांच के लिए पिछले दो दिन में घटनास्थल का दौरा किया है।
हमले में जान गंवाने वाले जवानों के परिवार के प्रति एकजुटता जताने के लिए किश्तवाड़ में रविवार को सैकड़ों लोगों ने कैंडल मार्च निकाला। (भाषा)
कोच्चि, 24 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोमवार को कोच्चि के दौरे से पहले केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) के एक सचिव समेत कांग्रेस के कम से कम सात कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
जिला कांग्रेस समिति (डीसीसी) के अध्यक्ष मोहम्मद शियास ने पुष्टि की कि पश्चिमी कोच्चि इलाके से कांग्रेस के सात कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सोमवार को तड़के एहतियातन हिरासत में ले लिया, जिनमें केपीसीसी सचिव थम्पी सुब्रमण्यम और डीसीसी सचिव श्रीकुमार भी शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि इन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इलाके में प्रतिद्वंद्वी दलों के नेताओं के दौरे के समय पहले भी काले झंडे लेकर प्रदर्शन किए हैं, इसीलिए उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया है।
शियास ने कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने की निंदा करते हुए कहा कि उनकी प्रधानमंत्री के कोच्चि दौरे के संबंध में किसी प्रकार का प्रदर्शन करने की योजना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केरल पुलिस का अलोकतांत्रिक कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय दौरे पर आज यानी सोमवार को केरल पहुंचेंगे। वह इस दौरान एक रोड शो करेंगे और कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
मोदी शाम करीब पांच बजे कोच्चि में आईएनएस गरुड़ नौसेना हवाई स्टेशन पहुंचेंगे और वहां से सैक्रेड हार्ट कॉलेज ग्राउंड तक रोड शो करेंगे।
प्रधानमंत्री के दौरे के लिए तैयारियों के तहत रोड शो वाले मार्ग पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और शहर में 2,060 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में नीतियों के जमीनी क्रियान्वयन के उद्देश्यों को पंचायतों के सशक्तीकरण के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है।
भारत के दूरगामी विकास में पंचायतों की भूमिका को अत्यंत महत्त्वपूर्ण करार देते हुए शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने अपनी नीतियों और कार्यों से पंचायत स्तर तक विकास, स्वास्थ्य व मूलभूत सुविधाएं पहुंचाकर पंचायती राज व्यवस्था को और सशक्त बनाया है जिससे संसद और पंचायत के बीच दूरी कम हुई और सूचनाओं का तेजी से आदान-प्रदान संभव हुआ है।’’
पंचायती राज मंत्रालय प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाता है। (भाषा)
भुवनेश्वर, 24 अप्रैल ओडिशा के कंधमाल जिले में दो लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से तेंदुए की खाल जब्त की गई है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर ओडिशा पुलिस के विशेष कार्य बल ने खजूरीपाड़ा में रविवार शाम को छापा मारा और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
पकड़े गए लोगों के पास से तेंदुए की खाल और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की गईं।
पुलिस के अनुसार, आरोपी तेंदुए की खाल को पांच लाख रुपये में बेचने की फिराक में थे। उन्होंने बताया कि तेंदुए की खाल को जैविक परीक्षण के लिए देहरादून स्थित भारतीय वन्य जीव संस्थान भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जांच जारी है। (भाषा)
मेरठ (उप्र), 24 अप्रैल मेरठ जिले में परतापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में आपस में विवाद होने के बाद एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि घटना के बाद आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीम गठित कर दी गई हैं। फिलहाल गांव में हालात सामान्य हैं।
पुलिस ने बताया रविवार रात सोलाना गांव में इसरार अपने पुत्र आमिर (23) के साथ ट्रैक्टर-ट्राली पर भूसा लादकर खेत घर जा रहे थे, रास्ते में उनकी ट्रैक्टर-ट्राली की सामने आ रही मोटरसाइिल से टक्कर हो गई। मोटरसाइकिल पर आफाक और हुमायूं सवार थे।
पुलिस ने बताया कि फिर दोनों पक्षों में गाली-गलौज हुई और ग्रामीणों ने बीच-बचाव करते हुए मामले को शांत करा दिया।
पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत के हवाले से बताया कि कुछ देर बाद आफाक और हुमायूं ने अपने साथियों के साथ इसरार के घर पर हमला कर दिया। इस दौरान चली गोली आमिर के गले पर लगी, जबकि दूसरी गोली पेट में लगी। तभी वहां गांव के लोग पहुंच गए। यह देखकर हमलावर मौके से फरार हो गए। खून से लथपथ आमिर को शहर के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
सजवान ने बताया कि छर्रे लगने से आमिर का छोटा भाई मोहसिन भी घायल हुआ है। गांव में हिंसक संघर्ष की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले को शांत किया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया।
गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद (60) और उसके भाई एवं पूर्व विधायक अशरफ की 15 अप्रैल की रात को मीडिया से बातचीत के दौरान तीन हमलावरों ने नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के समय अतीक और अशरफ को पुलिस चिकित्सा जांच करवाने के लिये अस्पताल लेकर जा रही थी ।
वकील विशाल तिवारी के जरिए दायर याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच कराने का भी अनुरोध किया गया है।
तिवारी ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मामले को सोमवार को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया। उन्होंने पीठ को बताया कि उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी थी लेकिन इसे सूचीबद्ध नहीं किया गया।
इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘चूंकि पांच न्यायाधीश उपलब्ध नहीं हैं तो जिन कुछ मामलों में तारीखें दी गयी थीं, उन्हें सूचीबद्ध नहीं किया गया है। हम शुक्रवार (28 अप्रैल) को इसे सूचीबद्ध करने की कोशिश करेंगे।’’
उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के कुछ न्यायाधीश कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जबकि कुछ अन्य वजहों से उपलब्ध नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल में कहा था कि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के छह साल में मुठभेड़ों में 183 कथित अपराधियों को मार गिराया जिनमें अतीक अहमद का बेटा असद और उसका साथी भी शामिल हैं।
उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में अतीक और अशरफ की हत्या की जांच करने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध किया गया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) के बयान के मुताबिक 2017 के बाद से 183 मुठभेड़ हुई हैं। इन मुठभेड़ों और अतीक तथा अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन कर कानून के शासन की रक्षा के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया जाता है।’’
अतीक की हत्या का जिक्र करते हुए याचिका में कहा गया है, ‘‘पुलिस का ऐसा कृत्य लोकतंत्र तथा कानून के शासन के लिए गंभीर खतरा है तथा यह पुलिसिया राज की ओर ले जाता है।’’
याचिका में कहा गया है, ‘‘लोकतांत्रिक समाज में पुलिस को अंतिम निर्णय सुनाने का जरिया या दंड देने वाला प्राधिकरण बनने नहीं दिया जा सकता। दंड देने का अधिकार केवल न्यायपालिका को है।’’
इसमें कहा गया है कि न्यायेत्तर हत्या या फर्जी पुलिस मुठभेड़ की कानून में कोई जगह नहीं है।
याचिका के अनुसार, ‘‘जब पुलिस दुस्साहसी बन जाती है तो पूरी कानून व्यवस्था ढह जाती है और लोगों के मन में पुलिस के खिलाफ डर पैदा होता है जो लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है तथा इससे और अपराध जन्म लेते हैं।’’ (भाषा)
काईद नाजमी
जलगांव (महाराष्ट्र), 24 अप्रैल | शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को एक जोरदार, बिना रोक-टोक के हमले में कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को 'नहीं पता कि हिंदुत्व क्या है'।
उन्होंने कहा, "हिंदुत्व स्वार्थ की बात नहीं है, बल्कि राष्ट्रवाद है। भाजपा यह नहीं समझती है कि हिंदुत्व क्या है। उनका हिंदुत्व गाय और गोमूत्र (गोमूत्र) के इर्द-गिर्द केंद्रित है। एक राज्य में गौहत्या पर प्रतिबंध है, लेकिन अन्य राज्यों में नहीं। यह उनका हिंदुत्व है।"
रविवार शाम जलगांव के पचोरा में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने इस आरोप से इनकार किया कि उन्होंने हिंदुत्व छोड़ दिया था, उन्होंने कहा कि नवंबर 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद उन्होंने सभी धर्मो के साथ समान व्यवहार किया गया।
उन्होंने कहा, मैं महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ हूं .. मैंने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है और इसे कभी नहीं छोड़ूंगा .. मुझे एक उदाहरण दिखाएं जिससे आपको लगे कि मैंने हिंदुत्व को त्याग दिया है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के समर्थन से अन्य लोगों और पार्टियों को कुचलना या विरोधी राजनीतिक दलों की महिला नेताओं पर हमला करने के लिए ढीले गुंडों को छोड़ना 'हमारा हिंदुत्व नहीं है'।
उन्होंने कहा, लोग मुझसे पूछते हैं - क्या भाजपा हमारे सामने चुनौती है? मैं कहता हूं कि भाजपा चुनौती नहीं है। हमारे सामने असली चुनौती यह है कि भाजपा देश को जो नुकसान पहुंचा रही है, उसे कैसे कम किया जाए।
उन्होंने सवाल किया, यह कैसे संभव है कि आपकी पार्टी (भाजपा) में शामिल होने वाले सभी भ्रष्ट लोग अचानक साफ हो जाएं। उन्होंने कहा कि भाजपा विरोध करने या उन्हें चुनौती देने वालों का शिकार करती है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, इस भारी भीड़ को देखकर पाकिस्तान भी कहेगा कि असली शिवसेना कौन है.. केवल मोदी द्वारा नियुक्त भारत का चुनाव आयोग ही यह महसूस नहीं कर सका।
उन्होंने कहा, कुछ देशद्रोही और चोर (शिंदे) मानते थे कि वे शिवसेना हैं। अरे हट.! मानवता के इस समुद्र को देख.. आपकी भीड़ जल्द ही जल जाएगी.. महाराष्ट्र में प्राकृतिक आपदाएं और यहां तक कि कोरोनावायरस भी थे, जिनसे हमने प्रभावी ढंग से निपटा, लेकिन अब यह सरकार खुद राज्य के लिए एक आपदा है।
उन्होंने दोहराया कि भाजपा को अब यह घोषणा करनी चाहिए कि क्या वे शिंदे के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ने जा रहे हैं, और यदि नहीं तो क्या रिपोर्ट सच है, कि सभी 48 लोकसभा सीटों पर केवल भाजपा ही चुनाव लड़ेगी। (आईएएनएस)
देवरिया, 24 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के देवरिया में ट्रेन की चपेट में आने से अपनी दो छोटी बेटियों को बचाने के दौरान 35 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। जहां महिला ने ट्रेन की चपेट में आने से पहले अपनी दो छोटी बेटियों को बचाया, वहीं तीसरी बेटी की हादसे में जान चली गई। घटना भटनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत रेलवे ट्रैक पर हुई जब खुखुंदू निवासी 35 वर्षीय सुनीता देवी अपनी तीन बेटियों गीतांजलि (12), स्नेहा (8) और परी (6) के साथ बाजार से घर लौट रही थी।
लगभग 4 बजे, जब वे रेलवे ट्रैक के किनारे घर वापस जा रहे थे, बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस पीछे से आ गई।
सुनीता देवी ने ऐन वक्त पर स्नेहा और परी को ट्रैक से दूर धकेल दिया, लेकिन खुद ट्रेन की चपेट में आ गईं।
गीतांजलि भी खुद को नहीं बचा पाई और ट्रेन के नीचे आ गई।
सुनीता की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गीतांजलि ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
गोरखपुर के पुलिस महानिरीक्षक जे. रविंदर गौड के अनुसार, घटना के बाद स्थानीय लोग उनकी मदद के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने स्थानीय पुलिस को भी सूचना दी।
गीतांजलि को देवरिया मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दो घंटे के बाद उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने सुनीता के पति रजनीश प्रसाद को घटना की सूचना दे दी और दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। (आईएएनएस)
अलीगढ़, 24 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और मुरादाबाद जिलों में कुत्तों ने अलग-अलग घटनाओं में दो बच्चों को नोच डाला। अलीगढ़ में तीन महीने के शिशु को रविवार को एक आवारा कुत्ते ने मार डाला, जब उसका परिवार अपने घर के पास एक शादी समारोह में गया था, बच्ची घर में सो रही थी। घटना क्वार्सी थाना क्षेत्र की है। बच्ची के पिता पवन कुमार ने कहा, मेरी दोनों बहनों की शादी हो रही थी और हम समारोह में शामिल होने के लिए निकले थे और बच्ची घर में सोई हुई थी। उन्होंने कहा कि जब मैं लौटा, तो मुझे अपनी बेटी नहीं मिली। जब मैंने उसकी तलाश की, तो देखा कि पास के एक भूखंड में आवारा कुत्ता उसे नोच रहा था।
एसएचओ अरविंद राठी ने कहा, परिवार ने हमें बताए बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में पुलिस की एक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और उच्च अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है।
दूसरी घटना में रविवार को भी मुरादाबाद के बिलारी इलाके में आवारा कुत्तों के झुंड ने सात साल के बच्चे को नोच-नोच कर मार डाला।
लड़का सवेंद्र कुमार, अपनी बहन के साथ अपने पिता को चाय देने के लिए निकला था, इसी बीच कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया।
स्थानीय सपा विधायक ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और कहा कि वह इस मामले को राज्य विधानसभा में उठाएंगे। (आईएएनएस)
मुजफ्फरपुर, 24 अप्रैल | आपने प्रेम में धोखा के कई किस्से सुने होंगे, लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में धोखा देने का अनोखा मामला सामने आया है। एक युवक ने एक लड़की से अरेंज मैरेज किया और फिर इसके ठीक चार दिन बाद अपनी प्रेमिका से भी लव मैरेज कर लिया। जब मामले का भंडाफोड़ हुआ तो युवक हवालात पहुंच गया। यह अनोखा मामला मुजफ्फरपुर जिले के काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के दामुचक का है, जहां विकास कुमार (30) ने पिछले वर्ष 25 अप्रैल को सकरा थाना क्षेत्र की एक युवती से अरेंज मैरेज किया और 29 अप्रैल को ही उसने अपनी प्रेमिका से भी शादी रचा ली।
बताया जाता है कि विकास के परिवार वालों को उसके प्रेम प्रसंग की कोई जानकारी नहीं थी और प्रेमिका के परिजनों को भी विकास के चार दिन पहले हुई शादी की जानकारी नहीं लगी।
प्रेमिका से शादी के बाद विकास उसे अपने घर से दो किलोमीटर दूर अघोरिया बाजार के पास अलग किराए के मकान में ले गया और दोनों वहीं रहने लगे।
विकास 15 दिन अपने घर में पहली पत्नी के साथ रहता था और फिर पटना काम के बहाने जाने को कहकर निकल जाता था और 15 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहता।
इसी बीच पहली पत्नी को उस पर शक होने लगा। इसके बाद पहली पत्नी को जब मामले की जानकारी हुई तो उसने थाने पहुंच कर पति के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया।
इसके बाद पुलिस ने महिला के बयान पर मामला दर्ज कर विकास को गिरफ्तार कर लिया।
उधर, विकास ने आरोप लगाया है कि मेरी पहली पत्नी का उसके बहनोई के साथ प्रेम प्रसंग है, इसका पता हमें शादी के बाद लगा, तब से हम उससे दूर रहने लगे और अपनी स्कूल की दोस्त से शादी कर ली।
काजी मोहम्मदपुर थाना प्रभारी दिगंबर कुमार ने बताया कि महिला के बयान पर मामला दर्ज कर अदालत के आदेश के बाद आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। महिला ने अपने पति पर दूसरी शादी रचाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 24 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से लापता एक नाबालिग जोड़े के शव लखनऊ की इंदिरा नहर से बरामद किए गए हैं। लड़की के परिजनों ने बाराबंकी के बद्दूपुर थाने में अपहरण/लापता का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने दावा किया कि शवों की पहचान 15 वर्षीय पूजा पाल और 16 वर्षीय आकाश यादव के रूप में हुई।
पुलिस के मुताबिक पूजा नौवीं कक्षा की छात्रा थी जबकि आकाश एक निजी कंपनी में काम करता था।
पूजा के 20 अप्रैल को लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी और उसके माता-पिता ने उसके लापता होने में आकाश की भूमिका का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।
पुलिस ने कहा कि दोनों ने अपने माता-पिता द्वारा उनकी शादी को मंजूरी नहीं पर नदी में कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली और शव इंदिरा नहर में बह गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़की और लड़के के एक-एक हाथ रस्सी से बंधे हुए थे।
रहवासियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और बाद में यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लड़की व लड़के के परिजनों तक खबर पहुंच गई।
लड़की के परिजनों ने शव की शिनाख्त करने से इनकार कर दिया, जबकि लड़के के परिजनों ने दोनों शवों की शिनाख्त की।
बीबीडी पुलिस स्टेशन के एसएचओ विनय सरोज ने कहा, यह पता चला है कि लड़की और लड़का सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए और बाद में रिश्ते में आ गए।
शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। (आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी, 24 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघ के हमले में 18 वर्षीय एक मजदूर की मौत हो गई। इस माह प्रदेश में बाघ के हमले में अब तक चार मौतें हो चुकी हैं। पिछले दो साल में बाघ के हमले में मझरा वन क्षेत्र के आसपास के गांवों के अब तक 19 लोग मारे जा चुके हैं। क्षेत्र के साहेनखेड़ा गांव निवासी आकाश दिवाकर जंगल में ईख काटने गया था। वह अपनी बाइक पर था जब बाघ ने उस पर हमला कर दिया।
दिवाकर एक स्थानीय ठेकेदार के लिए वनोपज एकत्र करता था।
डीटीआर (बफर) के उप निदेशक सुंदरेश ने कहा, घटना खेरी जंगल से महज 20 मीटर दूर कतर्नियाघाट जंगल में हुई। पीड़ित के गले में गहरी चोट थी। उन्होंने कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि इस क्षेत्र में कई बाघों की उपस्थिति है, ठेकेदारों ने मजदूर को जंगल के भीतर भेजा।
कतर्नियाघाट के उप निदेशक आकाशदीप वधावन ने कहा, पिछली घटना के बाद, हमने इलाके में कैमरे लगाए हैं। हमें वहां एक वयस्क तेंदुए की उपस्थिति मिली। हमने घटनास्थल के पास एक बाघ के पदचिन्ह भी पाए। हम यह पता लगा रहे हैं कि इस विशेष घटना में कौन सी जानवर शामिल था। एक बार जब हम उस जानवर का पता लगा लेंगे, तो हम उसे पिंजरे में फंसाने की अनुमति मांग सकते हैं। (आईएएनएस)
बंगलुरु, 24 अप्रैल | लोकायुक्त के अधिकारी सोमवार को पूरे कर्नाटक में सरकारी अधिकारियों के आवासों पर छापे और तलाशी अभियान चला रहे हैं। यह अभियान कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति को लेकर है। बेंगलुरु में येलहंका इलाके में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (बीबीएमपी) से जुड़े एडीजीपी के आवास पर छापेमारी की जा रही है।
लोकायुक्त सूत्रों के मुताबिक दावणगेरे, बेल्लारी, बीदर, कोलार और अन्य जिलों में भी छापेमारी चल रही है।
बीबीएमपी के एडीजीपी गंगाधरैया के आवासों की तलाशी भी ली जा रही है। येलहंका और महालक्ष्मी लेआउट में उनके आवासों पर 15 अधिकारियों की टीम छापेमारी कर रही है। टीम का नेतृत्व एक एसपी, एक डिप्टी एसपी और एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी कर रहे हैं।
लोकायुक्त एसपी उमेश के नेतृत्व में जांच अधिकारी कोलार जिले में तालुक पंचायत के सीईओ एन. वेंकटेशप्पा के कई स्थानों पर संपत्तियों की तलाशी ले रहे हैं। एक अधिकारी हुसैन साब के बेल्लारी और बेंगलुरु स्थित घरों पर भी छापेमारी की जा रही है।
बसवकल्याण के बीदर, मुदुबी के आनंदनगर में उप तहसीलदार विजयकुमार स्वामी के छह आवासों और संपत्तियों पर भी तलाशी चल रही है।
कार्यपालक अभियंता सुरेश मेड़ा के बीदर के गुरुनगर स्थित आवास और नौबाद स्थित कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है।
लोकायुक्त अधिकारी डीसीएफ नागराज और तहसीलदार नागराज के दावणगेरे स्थित आवासों में तलाशी के लिए मौजूद हैं। (आईएएनएस)
मीनाक्षी अय्यर
नई दिल्ली, 24 अप्रैल | संकटग्रस्त सूडान में एक भारतीय नागरिक को खार्तूम में भारतीय मिशन द्वारा उसके निकासी अनुरोध को तो मंजूर कर लिया गया है, लेकिन सूडानी नागरिक उसकी गर्भवती पत्नी को छोड़ दिया गया है। केरल के कोट्टायम निवासी बॉबी सेबस्टियन तीन वर्षों से खार्तूम में काम कर रहे हैं। उनकी शादी सूडानी नागरिक हला मुआविया मोहम्मद अबुजैद से हुई है।
सेबेस्टियन ने लेखक और प्रवासी अधिकार कार्यकर्ता रेजिमोन कुट्टप्पन द्वारा अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक संदेश में लिखा, देश में मौजूदा अशांति और घातक स्थिति के कारण हमने खार्तूम में भारतीय दूतावास से उसे निकालने का अनुरोध किया है।
संदेश में कहा गया, मेरे अनुरोध को तो स्वीकार कर लिया गया, लेकिन मेरी गर्भवती पत्नी को चयनित नामों में सूचीबद्ध नहीं किया गया, मुझे लगता है कि उसे यहां (सूडान) छोड़ना असुरक्षित और खतरनाक है।
सेबस्टियन की सूडानी पत्नी के पास फिलहाल वैध भारतीय वीजा या ओसीआई कार्ड नहीं है।
कुट्टप्पन के मुताबिक, इस जोड़े के पास शादी के दस्तावेज हैं और पत्नी पहले केरल जा चुकी है।
सेबस्टियन ने संबंधित भारतीय अधिकारियों से यह कहते हुए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है कि उसकी पत्नी के लिए भारतीय वीजा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है।
कुट्टप्पन के ट्वीट का जवाब देते हुए, तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वह अब सेबेस्टियन के सीधे संपर्क में हैं, और आपातकालीन निकासी के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर के कार्यालय से संपर्क किया है।
थरूर ने ट्वीट के जवाब में लिखा, मैं खार्तूम में सीधे उनके संपर्क में हूं और अस्थायी परमिट पर आपातकालीन निकासी की व्यवस्था करने के लिए डॉ. जयशंकर के कार्यालय से संपर्क किया है।
थरूर ने लिखा, विदेश मंत्रालय को इसे पूरा करने के लिए शायद गृह मंत्रालय के साथ समन्वय करने की आवश्यकता होगी। मेरी सहानुभूति उनके साथ है।
सूडान में लगभग 4,000 भारतीय नागरिक हैं, और खार्तूम में भारतीय दूतावास के अनुसार लगभग 1,500 निवासी हैं।
अल्बर्ड आगस्टाइन नामक एक भारतीय नागरिक की गोली लगने से मौत भी हो चुकी है।
जयशंकर ने सूडान में फंसे भारतीयों को भरोसा दिलाया कि सरकार उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, दिल्ली में हमारी टीम सूडान में भारतीय नागरिकों के साथ लगातार संपर्क में है।
15 अप्रैल को सूडानी सशस्त्र बल (एसएएफ) और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच हिंसक झड़पें बेरोकटोक जारी हैं।
सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हिंसा में कम से कम 424 लोग मारे गए हैं और लगभग 3,730 लोग घायल हुए हैं। (आईएएनएस)
सुसिता फर्नांडो
कोलंबो, 24 अप्रैल | श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने कहा है कि द्वीपीय देश में हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए केंद्रीय पहाड़ियों में स्थित सीता अम्मन मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय ध्यान केंद्र श्रीलंका और भारत के बीच घनिष्ठ संबंध का प्रतीक होगा।
मुझे पूरा विश्वास है कि यह ध्यान केंद्र न केवल श्रीलंकाई समाज बल्कि भारत और अन्य देशों के लोगों के मानव मन के उत्थान के लिए सकारात्मक विचारों और नैतिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए एक बड़ी ताकत होगा। गुणवर्धने ने रविवार को नुवारा एलिया में सीता एलिया में सीता अम्मन मंदिर में केंद्र की आधारशिला रखते हुए कहा कि यह प्राचीन काल से श्रीलंका और भारत के बीच घनिष्ठ संबंधों का प्रतीक है।
श्रीलंका की केंद्रीय पहाड़ियों में नुवारा एलिया घाटी में स्थित, सीता अम्मन मंदिर, जिसे सीता अम्मन कोविल के नाम से भी जाना जाता है, भारत के हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख गंतव्य बन गया है।
माना जाता है कि यह मंदिर रामायण महाकाव्य में अशोक वाटिका या अशोक वन को चिह्न्ति करता है, जहां सीता को लंका द्वीप पर कैद में रखा गया था। सीता द्वारा राजा रावण के महल में रहने से मना करने के बाद, उन्हें इस उपवन में लाया गया जहां वह अशोक के पेड़ों के नीचे रहती थीं।
अभूतपूर्व आर्थिक संकट से लड़ने के लिए श्रीलंका को दिए गए समर्थन के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए गुणवर्धने ने ध्यान केंद्र बनाने के लिए भारत के समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त किया।
उन्होंने भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले, दिल्ली रोटरी क्लब और उसके अध्यक्ष प्रदीप जैन, सीता अम्मन मंदिर समिति के अध्यक्ष वी. राधाकृष्णन और भारत के परोपकारी लोगों को प्रस्तावित ध्यान केंद्र के निर्माण के लिए उदार सहायता प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, यह केवल वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि इस तरह की परियोजना में मदद करने का विचार बेहद सराहनीय है।
गुणवर्धने ने कहा कि एशिया के महान धर्म बौद्ध और हिंदू धर्म समाज में सकारात्मक नैतिक मूल्यों को बढ़ाने के लिए श्रीलंका में सह अस्तित्व में हैं। इन धर्मों के अनुयायी हमारे समाज को मजबूत और प्रगतिशील बनाने के लिए एक साथ रहते और काम करते हैं।
रविवार को सीता अम्मन मंदिर के इतिहास को दर्शाने वाला एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया।
समारोह में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले, सीता अम्मान मंदिर समिति के अध्यक्ष वी. राधाकृष्णन और दिल्ली रोटरी क्लब के अध्यक्ष प्रदीप जैन के अलावा विदेशी और स्थानीय श्रद्धालु मौजूद थे। (आईएएनएस)
प्रयागराज, 24 अप्रैल | गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीन हमलावरों की रिमांड समाप्त होने के बाद, प्रयागराज पुलिस अब आरोपियों के नार्को और लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए अदालत जाने की योजना बना रही है। तीनों आरोपी लवलेश तिवारी, अरुण मौर्य और सनी सिंह को चार दिन की रिमांड पर रविवार को वापस प्रतापगढ़ जेल भेज दिया गया।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की हत्या से संबंधित सभी संभावित साक्ष्य एकत्र करने के लिए तीनों से पूछताछ की।
जांच से जुड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अपराध के मकसद का पता लगाने के लिए नार्को टेस्ट जरूरी है, क्योंकि वे बार-बार यही दोहरा रहे हैं कि उन्होंने फेमस होने के लिए अतीक और अशरफ को गोली मारी थी।
सूत्रों ने कहा कि तीनों आरोपियों ने यह भी स्पष्ट रूप से नहीं बताया है कि उन्हें हथियार या मारने की सुपारी किसने मुहैया कराई और वे प्रयागराज कैसे पहुंचे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीनों से अलग-अलग टीमों ने अलग-अलग पूछताछ की और फिर साथ लाए, लेकिन अधिकारियों को कुछ ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है।
आरोपियों ने अपने ट्रेनिंग और हथियारों और गोला-बारूद की खरीद के बारे में भी ब्योरा नहीं दिया है।
सूत्रों ने कहा कि केवल सनी सिंह ने दावा किया कि दिसंबर 2021 में दिल्ली कोर्ट रूम हमले में मारे गए गैंगस्टर जितेंद्र मान गोगी से उन्हें जिगाना पिस्तौल मिली थी।
सनी ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह मई 2021 में हिस्ट्रीशीटर अपराधी गोगी से मिला था, जिसके खिलाफ 19 मामले दर्ज थे और उससे हथियार हासिल किए थे।
उन्होंने पुलिस को बताया कि तीनों 13 अप्रैल को प्रयागराज पहुंचे और रेलवे स्टेशन के पास एक होटल में ठहरे। उन्होंने पहला हमला 14 अप्रैल को ही करने की कोशिश की, जब अतीक और अशरफ को रिमांड के लिए सीजेएम कोर्ट ले जाया गया लेकिन सुरक्षा उपायों के कारण असफल रहे।
तीनों ने बाद में 15 अप्रैल की रात को अतीक और अशरफ को गोली मार दी, जब उन्हें चिकित्सा परीक्षण के लिए प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था।
पत्रकारों के वेश में आए तीन हमलावरों ने पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में अतीक और अशरफ को कैमरे के सामने गोली मार दी। (आईएएनएस)
सुल्तानपुर (उप्र), 24 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एक महिला ने अपने पति के साथ मिलकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी, जो कुछ समय से उसे परेशान कर रहा था। अपराध करने के बाद प्रदीप निषाद और पद्मावती के रूप में पहचाने जाने वाले दंपति ने पुलिस को सूचित किया कि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की हत्या कर दी है जो महिला का पीछा करता था।
दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
घटना सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के फतेहपुर छपरवा गांव की है।
पुलिस के मुताबिक, गंगा प्रसाद चौबे शनिवार रात सुल्तानपुर स्थित पद्मावती के घर आया था।
पुलिस ने कहा, लगभग 4 बजे चौबे ने पद्मावती को फोन किया, लेकिन फोन उनके पति ने उठाया। गुस्से से तिलमिलाए दंपति ने बाद में चौबे की पिटाई की और उसकी हत्या कर दी।
पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर सोमेन बर्मा ने बताया कि आरोपी प्रदीप ने पुलिस को दिये अपने बयान में दावा किया है कि चौबे उसकी पत्नी को अक्सर प्रताड़ित करता था।
एसपी ने कहा, पीड़ित पद्मावती को जानता था, लेकिन उसने प्रदीप से शादी के बाद उससे रिश्ता तोड़ लिया था। (आईएएनएस)
ढाका, 24 अप्रैल | बंगाल की खाड़ी में लापता हुए 10 मछुआरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कॉक्स बाजार सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी रफीकुल इस्लाम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि शव मछली पकड़ने वाली एक नाव के कोल्ड स्टोरेज के अंदर पाए गए।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि सभी पीड़ितों के हाथ और पैर बंधे हुए थे।
अधिकारियों के अनुसार, स्थानीय लोगों ने मछली पकड़ने वाली नाव को सोनादिया द्वीप के पश्चिमी हिस्से में तैरते हुए देखा और उसे तट पर खींच लिया।
सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस व दमकल कर्मियों ने अधजले शवों को बरामद किया है, जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।
जांचकर्ताओं का अनुमान है कि लुटेरों के एक गिरोह ने कम से कम 10 से 12 दिन पहले मछुआरों पर हमला किया और उन्हें मार डाला। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 24 अप्रैल | एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस वादे पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर तेलंगाना में भाजपा सत्ता में आती है, तो वह राज्य में मुसलमानों के लिए आरक्षण खत्म कर देगी। ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़े मुसलमानों तक पहुंचने की बात करते हैं, शाह उनके आरक्षण को हटाने का वादा कर रहे हैं।
ओवैसी ने ट्वीट किया, मोदी कहते हैं कि पसमांदा मुसलमानों तक पहुंचें, अमित शाह उनका आरक्षण हटाने का वादा करके इसका अनुपालन करते हैं।
हैदराबाद के सांसद ने शाह को यह भी याद दिलाया कि पिछड़े मुस्लिम समूहों के लिए आरक्षण अनुभवजन्य आंकड़ों पर आधारित है।
ओवैसी ने लिखा, कृपया सुधीर आयोग की रिपोर्ट पढ़ें। यदि आप नहीं कर सकते हैं, तो कृपया किसी से पूछ सकते हैं। मुस्लिमों के लिए आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के स्टे के तहत जारी है।
रविवार शाम को हैदराबाद के पास चेवेल्ला में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने मुस्लिमों के लिए आरक्षण खत्म करने का वादा किया था।
उन्होंने मुसलमानों के लिए आरक्षण को असंवैधानिक बताया था।
उन्होंने कहा, तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनने के बाद हम मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे। इस पर एससी, एसटी व ओबीसी का अधिकार है।
ओवैसी ने कहा कि अगर शाह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए न्याय को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें 50 फीसदी कोटा सीमा को हटाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पेश करना चाहिए।
यह पहली बार नहीं है, जब शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए आरक्षण हटाने की बात कही है।
उन्होंने अतीत में कई मौकों पर वादा किया है और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे दोहराया है।
इसके पहले कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने पिछले महीने ओबीसी मुसलमानों के लिए 4 फीसदी कोटा खत्म कर दिया था।
तेलंगाना में पिछड़े मुसलमानों को भी शिक्षा और नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलता है। यह लगभग 15 साल पहले अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किया गया था।
राज्य की वर्तमान भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेतृत्व वाली सरकार ने मुस्लिम कोटा बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का वादा किया है।
इस आशय का एक प्रस्ताव तेलंगाना विधानसभा में पारित किया गया Ýै और पांच साल पहले केंद्र को भेजा गया था, लेकिन इस प्रस्ताव को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने खारिज कर दिया है। (आईएएनएस)
प्रयागराज (उप्र), 24 अप्रैल | माफिया नेता अतीक अहमद और उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिन तीन हमलावरों ने उन्हें गोली मारी, वह बस से प्रयागराज पहुंचने से पहले लखनऊ आए थे। विशेष जांच दल (एसआईटी) की पूछताछ में आरोपी लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य ने ये खुलासा किया है। हालांकि उन्होंने लखनऊ आने का कारण नहीं बताया।
अधिकारियों के मुताबिक, 13 अप्रैल को प्रयागराज में खुल्दाबाद थाने के पास एक होटल में तीनों ने कमरा लिया, जहां वे टीवी के जरिए पुलिस हिरासत में अतीक की हरकतों के बारे में जानकारी जुटाते रहे।
अधिकारियों ने कहा कि यह पता लगाने के प्रयास जारी हैं कि क्या तीनों को स्थानीय समर्थन प्राप्त है।
15 अप्रैल की रात अतीक और अशरफ को तीन हमलावरों ने मोतीलाल नेहरू (कॉल्विन) मंडलीय अस्पताल में गोलियों से भून दिया था।
आरोपी बांदा निवासी लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर निवासी सन्नी सिंह (23) और कासगंज निवासी अरुण मौर्य (18) को पुलिस ने सरेंडर करने के बाद मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
मामले की जांच कर रहे और आरोपियों से पूछताछ कर रहे अधिकारियों ने बताया कि तीनों हमलावर हत्याओं से एक दिन पहले 14 अप्रैल को मोतीलाल नेहरू (कोल्विन) संभागीय अस्पताल भी गए थे।
वे अस्पताल परिसर का मुआयना करने के बाद होटल लौट आए थे।
अधिकारियों ने कहा कि 15 अप्रैल को वे तीनों अलग-अलग ई-रिक्शा से अस्पताल पहुंचे ताकि वहां किसी को कोई शक न हो।
अधिकारियों ने कहा कि जब अतीक और अशरफ को मेडिकल जांच के लिए पैदल अस्पताल के अंदर ले जाया जा रहा था, तब तीनों ने इकट्ठे होकर उन्हें गोली मार दी।
जांचकर्ताओं ने होटल से अस्पताल तक हमलावरों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए अस्पताल के आसपास लगे 40 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को स्कैन किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या अन्य लोग उनकी मदद कर रहे थे। अधिकारियों ने आगे कहा कि अब तक किसी अन्य संदिग्ध की पहचान नहीं की गई है।
एसआईटी ने उस होटल के कमरा नंबर 203 का भी निरीक्षण किया जहां हमलावर ठहरे थे।
होटल खुल्दाबाद पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है और प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के शहर के सामने स्थित है। अधिकारियों ने होटल का रजिस्टर, सीसीटीवी फुटेज, डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) जब्त कर लिया और कमरे को सील कर दिया।
पुलिस ने होटल के कमरे से दो मोबाइल फोन भी बरामद किए, जो बिना सिम कार्ड के थे।
होटल प्रबंधक अखिलेश सिंह ने पुलिस को बताया कि तीनों हमलावरों ने नियमानुसार कमरा बुक कर लिया था और पहचान पत्र जमा कर दिया था। जब पुलिस होटल पहुंची तब कर्मचारियों को पता चला कि वे अतीक और अशरफ पर हमले में शामिल थे। प्रबंधक ने अधिक जानकारी का खुलासा नहीं किया और दावा किया कि पुलिस को सभी जानकारी दी गई है।
एसआईटी अधिकारियों ने कहा कि हमलावरों में से एक लवलेश तिवारी कुंभ-2019 के दौरान प्रयागराज आया था, लेकिन अन्य दो ने इस महीने पहली बार अतीक और अशरफ को मारने के लिए शहर का दौरा किया।
होटल के कमरे से मिले इनपुट के आधार पर बरामद दो मोबाइल फोन लवलेश और अरुण द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे थे।
हालांकि, मोहित उर्फ सन्नी सिंह, जिसका आपराधिक रिकॉर्ड है, पकड़े जाने से बचने के लिए किसी भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था। कॉल डिटेल खंगालने पर कोई संदिग्ध मोबाइल नंबर नहीं मिला। (आईएएनएस)
निशांत अरोड़ा
नई दिल्ली, 24 अप्रैल | कोडिंग एकमात्र वैश्विक भाषा है और मेरी इच्छा है कि लड़कियों सहित अधिक से अधिक भारतीय छात्र स्कूल के दिनों में कोडिंग सीखें, ताकि वे विश्व स्तरीय उत्पाद बना सकें और वास्तविक जीवन की समस्याओं को हल कर सकें। यह बात एप्पल के सीईओ टिम कुक ने कही।
पिछले सप्ताह अपनी भारत यात्रा के दौरान आईएएनएस के साथ बातचीत में कुक ने कहा कि कोडिंग एक ऐसी चीज है, जिसे भारत सहित दुनिया भर के स्कूलों को बच्चों के जीवन में जल्दी अपनाना चाहिए।
कुक ने कहा, कोडिंग एकमात्र वैश्विक भाषा है। यह अपने आप को व्यक्त करने का एक तरीका है और यकीनन, हमें दुनिया में इसकी अधिक आवश्यकता है और दुनिया को करीब लाना है। .
कुक ने आईएएनएस से कहा कि हाईस्कूल पास करने से पहले सभी को प्रोग्रामिंग सीखनी चाहिए।
उन्होंने कहा, यह सबसे महत्वपूर्ण भाषा है, जिसे आप सीख सकते हैं। एक प्रोग्रामिंग भाषा आपकी रचनात्मकता का दोहन करने और इसे दुनिया के सामने लाने का एक तरीका है।
एप्पल के सीईओ ने हमेशा स्कूली पाठ्यक्रम में कोडिंग को शामिल करने पर जोर दिया है, उनका कहना है कि कोडिंग में दक्ष होने के लिए चार साल की डिग्री जरूरी नहीं है।
अपने बेंगलुरु स्थित ऐप एक्सेलरेटर के माध्यम से डेवलपर्स को सशक्त बनाने के अलावा, एप्पल ने एक शक्तिशाली ऐप के माध्यम से देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में कोडिंग में युवा प्रतिभाओं का दक्ष बनाने की पहले शुरू की है।
युवा कोडर के लिए, एप्पल स्विफ्ट प्रदान करता है, जो एक शक्तिशाली खुली भाषा है जो हर किसी को अद्भुत ऐप बनाने देती है।
पिछले साल, पटियाला में जन्मे जसकरन सिंह और पुणे के जै फिरके 40 देशों और क्षेत्रों के 350 से अधिक छात्रों में शामिल थे, जिन्हें असाधारण कोडिंग कौशल दिखाने के लिए एप्पल के '2022 स्विफ्ट स्टूडेंट चैलेंज' विजेता के रूप में चुना गया था।
सिंह ने एक उत्पादक ऐप विकसित किया, जिसे नजेज: मिनिमिल टू डू के नाम से जाना जाता है, जो ऐप स्टोर पर उपलब्ध है।
फिरके, एक खुद से सीखा डेवलपर है और उसने ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करके कोडिंग सीखी है। बुरहानपुर, मध्य प्रदेश में मैक्रोविजन अकादमी में अध्ययन करने के बाद, वह एआई और एआर स्पेस में काम करने पर केंद्रित है और 'पुशरबॉल' के साथ उनका सबमिशन पूरी तरह से एआई संचालित है।
'स्विफ्ट स्टूडेंट चैलेंज' एप्पल के वल्र्डवाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (डब्ल्यूडब्ल्यूडीसी) का हिस्सा है।
इसके अलावा, एक्सकोड के लिए एक एकीकृत विकास वातावरण (आईडीई) है, जिसमें सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टूल्स का एक सूट है।
कुक के शब्दों में, प्रत्येक बच्चे को कोड करना सीखना चाहिए, क्योंकि कोडिंग सबसे महत्वपूर्ण दूसरी भाषा है, जिसे वे सीख सकते हैं।
एप्पल के सीईओ के अनुसार, कोडिंग एक सबसे मूल्यवान कौशल है, जिसे एक व्यक्ति सीख सकता है। यह नए दरवाजे खोल सकता है, करियर को जम्पस्टार्ट कर सकता है, और बड़े सपनों को प्राप्त करने योग्य लक्ष्यों की तरह दिखने में मदद करता है। दुनिया भर में हर किसी को कोड सीखने का अवसर मिलना चाहिए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 24 अप्रैल | ओलंपियन पहलवान बजरंग पुनिया, सखी मलिक, विनेश फोगाट और अन्य शीर्ष भारतीय पहलवानों ने रविवार की रात दिल्ली के जंतर-मंतर में फुटपाथ पर बिताई। पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (कुश्ती संघ - डब्ल्यूएफआई) प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, यह कठिन था, सभी पहलवान देर रात तक जागते रहे। वे सोशल माडिया पर संदेश साझा कर रहे थे, दूसरे पहलवानों और लोगों से सोमवार को जंतर-मंतर पर आने का अनुरोध कर रहे थे।
विनेश ने फुटपाथ पर सोते हुए पहलवानों की एक तस्वीर ट्विटर पर साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा, पोडियम से फुटपाथ तक? आधी रात खुले आसमान के नीचे न्याय की आस में?
इसके बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सरकार और डब्ल्यूएफआई प्रमुख की आलोचना की।
एक ने लिखा, हमारे ओलंपियन को इस तरह देखना निराशाजनक है।
इससे पहले रविवार को एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश पत्रकारों से बात करते हुए रो पड़ीं। ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित कई पहलवानों ने यहां जंतर-मंतर पर धरना दिया।
विनेश ने पहले कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह ने उनका मानसिक उत्पीड़न किया है। उन्होंने कहा कि वो आत्महत्या के बारे में भी सोच रही थी।
रविवार को एक पहलवान ने आईएएनएस को बताया था कि एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने संसद मार्ग थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया।
पहलवान ने कहा था, हमें कई तरफ से धमकियां मिल रही हैं और दो महीने से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद, हमने थाने में शिकायत दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने हमें भगा दिया। हमें नहीं पता कि यहां क्या हो रहा है। हम अपना विरोध फिर से शुरू करेंगे और मांगे पूरी होने तक जंतर-मंतर पर धरने पर बैठेंगे।
आईएएनएस ने पिछले महीने खबर दी थी कि पहलवान डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ फिर से अपना आंदोलन शुरू कर सकते हैं।
पहलवानों के करीबी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पहलवान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और बृजभूषण को बर्खास्त किए जाने तक अपना विरोध जारी रख सकते हैं। (आईएएनएस)