राष्ट्रीय
बीजिंग, 24 अप्रैल | चीन में स्थानीय सरकारों ने 2021 की तुलना में 2023 के पहले तीन महीनों में कोयला से बिजली पैदा करने के लिए अधिक नए प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। गार्जियन ने सूचना दी कि ग्रीनपीस द्वारा विश्लेषण किए गए अनुमोदन से पता चलता है कि इस साल जनवरी और मार्च के बीच, कम से कम 20.45 गीगावाट कोयला बिजली को मंजूरी दी गई, जो 2022 में इसी अवधि में 8.63 गीगावाट से अधिक है। पूरे 2021 में, 18 गीगावाट कोयले को मंजूरी दी गई थी।
2016 से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की पंचवर्षीय योजना ने कोयले के उपयोग को कम करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने पर भारी जोर दिया था।
गार्जियन ने बताया कि 2020 में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संकल्प लिया था कि देश 2060 तक कार्बन तटस्थ हो जाएगा।
इसने कम कोयला बिजली अनुमोदन को प्रेरित किया क्योंकि स्थानीय सरकारों ने बीजिंग की प्राथमिकताओं के साथ अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को नियंत्रण में रखने की मांग की।
कोयला बिजली स्वीकृतियों में वृद्धि 2020 में हुई, जब पंचवर्षीय योजना समाप्त हो गई, क्योंकि स्थानीय सरकारों ने अगले दौर में कोयले के विस्तार पर सख्त प्रतिबंधों का अनुमान लगाया था।
लेकिन 2021 में, चीन को भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ा, जिससे ऊर्जा प्राथमिकताओं में काफी बदलाव आया।
सितंबर में, कोविड-19 महामारी के दौरान वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए कारखानों के फिर से खुलने से बिजली की कीमत बढ़ गई।
लेकिन सरकार ने कीमतों को सीमित कर दिया था, इसलिए कई बिजली संयंत्रों ने घाटे में चलने के बजाय उत्पादन घटा दिया।
चीन अपनी ऊर्जा खपत के आधे से अधिक के लिए कोयले पर निर्भर है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 अप्रैल (आईएएनएस)| सिंगापुर स्थित स्टार्टअप जिलिंगो की पूर्व सीईओ अंकिति बोस, जिन्हें पिछले साल कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर बर्खास्त कर दिया गया था, ने एंजल इन्वेस्टर और सीडफंड कंपनी के सह-संस्थापक महेश मूर्ति के खिलाफ 10 करोड़ डॉलर का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। स्टार्टअप न्यूज पोर्टल आईएनली 42 के अनुसार, 20 अप्रैल को एक टॉप बिजनेस मैगजीन में मूर्ति द्वारा लिखे गए एक आर्टिकल पर बॉम्बे हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है।
मूर्ति ने आर्टिकल में बोस का नाम नहीं लिया लेकिन कई प्वाइंट के जरिए उनकी ओर संकेत दिए हैं। उन्होंने आर्टिकल में एक महिला का जिक्र किया, जो पॉपुलर फैशन पोर्टल चलाती है और सिकोइया कंपनी से पैसे लेती है।
मूर्ति ने अपने आर्टिकल में आरोप लगाया, उन्होंने अपनी वकील को फर्म से 70 करोड़ रुपये के लिए भुगतान करने के लिए कहा था। अफवाह है कि उस राशि का एक बड़ा हिस्सा सीधे खुद वापस मिल गया।
बोस को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि 100 मिलियन डॉलर का मुकदमा जिलिंगो में उनकी इक्विटी की बाकी राशि और नुकसान को ध्यान में रखते हुए दायर किया गया कि इस तरह के बयान भविष्य के प्रयासों को प्रभावित कर सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मुकदमा वर्तमान में प्री-एडमिशन स्टेज पर है।
पिछले साल मार्च में जिलिंगो ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों पर 30 वर्षीय सीईओ बोस को निलंबित कर दिया था।
पिछले साल अप्रैल में, उन्होंने पिछली समयावधि से संबंधित कुछ उत्पीड़न-संबंधी मुद्दों पर बोर्ड का ध्यान खींचा, जिसमें निवेशकों या उनके नामितों के खिलाफ उत्पीड़न की कोई शिकायत शामिल नहीं थी।
अंकिति द्वारा बोर्ड के नोटिस में लाए गए उत्पीड़न के दावों को देखने के लिए एक शीर्ष परामर्श फर्म को नियुक्त किया गया था।
जिलिंगो के अनुसार, जांच से यह निष्कर्ष निकला कि कंपनी ने उचित कार्रवाई की और इन शिकायतों को दूर करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया, जो उनके संज्ञान में लाई गईं।
स्टार्टअप ने टेमासेक होल्डिंग्स पीटीई और सिकोइया कैपिटल इंडिया सहित शीर्ष निवेशकों से 300 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए थे।
--आईएएनएस
अमरावती, 23 अप्रैल (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जेएनटीयू) की एक छात्रा उस समय गंभीर रूप से घायल हो गई, जब उसके प्रेमी ने अपने घर के एक कमरे में बंधक बनाकर उसके हाथों और पैरों पर खौलता तेल डाल दिया। रविवार तड़के पीड़िता के वहां से निकलने और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद घटना सामने आई। उसे एलुरु के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार पीड़िता इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष की छात्रा है। एलुरु निवासी युवती को दुग्गीराला निवासी अनुदीप ने प्रेमजाल में फंसा लिया था। उसने उससे शादी करने का वादा किया था।
पांच दिन पहले अनुदीप बच्ची को दुग्गीराला स्थित अपने घर ले गया था।
उसने उसे एक कमरे में बंद कर दिया, जहां वह उसे प्रताड़ित कर रहा था। उसने उसे जान से मारने की धमकी दी थी।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसने आधी रात के बाद फांसी लगाकर उसकी हत्या करने की योजना बनाई थी।
हालांकि, वह भागने में सफल रही और अपने घर पहुंच गई। उसने अपने माता-पिता की मदद से शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने मामला दर्ज कर फरार चल रहे अनुदीप की तलाश शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि आरोपी मारिजुआना और अन्य नशीले पदार्थों का आदी है और प्यार के नाम पर कई लड़कियों को धोखा दे चुका है।
लखनऊ, 23 अप्रैल | चिकित्सा विशेषज्ञों ने शादियों जैसे सामूहिक समारोहों के खिलाफ चेतावनी दी है, जो कोविड मामलों के लिए सुपरस्प्रेडर बन रहे हैं। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों ने सावधानी बरतना और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना बंद कर दिया है।
केजीएमयू के प्रोफेसर सूर्यकांत ने कहा, यह शादियों, प्रदर्शनियों, मेलों, सामाजिक आयोजनों और धार्मिक समारोहों का मौसम है और लोग बिना सामाजिक दूरी का पालन किए और बिना मास्क पहने इनमें शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा, नगरपालिका चुनाव चल रहे हैं और प्रचार जोरों पर है। लोगों को अधिकतम सावधानी बरतनी चहिए।
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल, जिन्होंने गणितीय गणना के माध्यम से दूसरी और तीसरी कोविड लहर के शिखर की सटीक भविष्यवाणी की थी, ने अब कहा है कि कोविड के मामले मई के मध्य में चरम पर होंगे और फिर ग्राफ धीरे-धीरे नीचे आएगा।
यूपी के अधिकांश मॉल और मल्टीप्लेक्स में आगंतुकों के लिए सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनर लाए गए हैं, लेकिन अधिकांश लोग अभी भी मास्क नहीं पहन रहे हैं।
एक स्थानीय मॉल के प्रबंधक ने कहा, कम से कम 70 फीसदी लोग बिना मास्क पहने आते हैं और हम उन्हें याद दिलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं होता है।
कोविड मामलों में वृद्धि की परवाह किए बिना ज्यादातर लोग पहले से ही यात्रा की योजना बनाने में व्यस्त हैं।
राजीव माहेश्वरी ने कहा, स्थिति चिंताजनक नहीं है और मुझे लगता है कि महामारी के तीन साल बाद मेरे परिवार को छुट्टी की जरूरत है। (आईएएनएस)|
डिब्रूगढ़ (असम), 23 अप्रैल पंजाब से अमृतपाल सिंह को लेकर एक विशेष विमान रविवार को असम के डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पहुंचा, जहां से खालिस्तान समर्थक अलगाववादी को केंद्रीय कारागार ले जाया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि पंजाब पुलिस ने रविवार सुबह सिंह को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे पंजाब के बठिंडा से विशेष विमान के जरिए यहां लाया गया।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘उसे (अमृतपाल को) लेकर विमान अपराह्न दो बजकर 20 मिनट पर पहुंचा। आवश्यक औपचारिकताओं के बाद उसे एक सुरक्षा काफिले के बीच डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार ले जाया जाएगा।’’
डिब्रूगढ़ यातायात पुलिस से हवाई अड्डे से जेल तक 15 किलोमीटर लंबे रास्ते को बाधा मुक्त रखने को कहा गया है। सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों के अलावा एक विशेष दल को भी तैनात किया गया है।
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को रविवार सुबह करीब छह बजकर 45 मिनट पर रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया। वह एक महीने से अधिक समय से फरार था। उसके नौ सहयोगी इस समय डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद हैं।
‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) के चार सदस्यों को 19 मार्च को यहां लाए जाने के बाद से जेल परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। (भाषा)
अरुण लक्ष्मण
चेन्नई, 23 अप्रैल | भारतीय ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता, लेखक, चित्रकार, कवि और प्रेरक वक्ता कल्कि सुब्रमण्यम सहोधारी फाउंडेशन की संस्थापक हैं जो ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के लिए काम करता है। उन्होंने देश के भीतर और बाहर विभिन्न विश्वविद्यालयों में दस लाख से अधिक छात्रों से भी बात की है।
कल्कि उन प्रमुख व्यक्तियों में से एक हैं जिन्होंने समुदाय के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और 2014 में उच्चतम न्यायालय में एक ऐतिहासिक जीत हासिल की, जिसने उन्हें 'थर्ड जेंडर' का अधिकार दिया और पुरुष, महिला या तीसरे लिंग के रूप में खुद की पहचान करने का अधिकार भी दिया।
देश के अग्रणी ट्रांस एक्टिविस्ट ने समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर आईएएनएस से बात की। कुछ अंश:
आईएएनएस: समलैंगिक विवाह पर आपकी क्या राय है?
कल्कि: यह एक व्यक्तिगत अधिकार है और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करती हूं।
आईएएनएस: समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से समलैंगिक और समलैंगिक समुदायों पर क्या फर्क पड़ेगा?
कल्कि: हमारा देश एक लोकतंत्र है जिसका संविधान व्यक्ति के अधिकार का सम्मान करता है। जिन लोगों को बहिष्कृत होने की आशंका थी, वे राहत महसूस करेंगे और खुश होंगे।
आईएएनएस: क्या समलैंगिक विवाह देश के सामाजिक ताने-बाने को अपूरणीय क्षति पहुंचाएगा, जैसा कि इस विचार के आलोचकों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है?
कल्कि: नहीं, इससे मौजूदा तंत्र को कोई नुकसान नहीं होगा। दशकों पहले लोग कहते थे कि महिलाओं को शिक्षित नहीं होना चाहिए, देखिए क्या हुआ। आज अधिक से अधिक महिलाएं शिक्षित हो रही हैं और स्वतंत्र हो रही हैं जो बिल्कुल अच्छा है और एक सभ्य समाज यही करता है। महिलाएं हमारे देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान देती हैं।
उसी तरह, यदि समलैंगिक विवाह को वैध कर दिया जाता है, तो गे और लेस्बियन लोग देश की विकास गाथा में और भी अधिक योगदान दे सकते हैं।
आईएएनएस: क्या समलैंगिक विवाह ट्रांस कम्युनिटी को प्रभावित करेगा?
कल्कि: समलैंगिक शादियों का ट्रांसजेंडर समुदाय पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हमारे पास कई मुद्दे हैं जो हमारे लिए प्राथमिकता रखते हैं। ट्रांसजेंडर समुदाय में गरीबी व्यापक है। रोजगार, आजीविका, स्वास्थ्य, आवास, समावेशन मुद्दे हैं। हालांकि हम समलैंगिक विवाह का समर्थन करते हैं, लेकिन हमारे मुद्दे अलग हैं। ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए वे मुद्दे शादी से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।
हमारा अस्तित्व ही एक मुद्दा है। समावेशन, हमारी सुरक्षा, नौकरी और आजीविका के साधन, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, ये सब अभी भी हमारे लिए अनिश्चित हैं। वे हमारी प्राथमिकताएं हैं। शिक्षा और नौकरी में आरक्षण हमारी प्राथमिकता है। हमें ट्रांसजेंडर लोगों के लिए क्षैतिज आरक्षण की आवश्यकता है। वही हमारा भविष्य है। विवाह बेशक बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन हम ट्रांसजेंडर लोगों की चिंताएं गहरी हैं। बहरहाल, हम समलैंगिक विवाह का समर्थन करते हैं और इसके लिए खड़े होते हैं।
आईएएनएस: क्या अदालतें समलैंगिक विवाह जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मामलों पर निर्णय ले सकती हैं?
कल्कि: कानूनी सुरक्षा के लिए हमें निश्चित रूप से अदालतों के हस्तक्षेप की जरूरत है। यह एक प्रमुख कारण है कि हमें सर्वोच्च न्यायालय से समलैंगिक विवाह के संबंध में कानून की आवश्यकता है।
आईएएनएस: समलैंगिक विवाह का समर्थन करने वाले लोग पश्चिम के कुछ देशों में कानून द्वारा मान्यता प्राप्त प्रथा की ओर इशारा करते हैं। आपकी टिप्पणियां?
कल्कि: वास्तव में पश्चिमी देशों को इंगित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। महाभारत और कामसूत्र जैसे हमारे प्रसिद्ध महाकाव्यों में भी हम समलैंगिक प्रेम और विवाह के संदर्भ देखते हैं।
आईएएनएस: कई प्रमुख धर्म और आध्यात्मिक व धार्मिक नेता समलैंगिक विवाह के खिलाफ हैं। उनके लिए आपका क्या संदेश है?
कल्कि: मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि समलैंगिक प्रेम और विवाह का विरोध हमारे देश में औपनिवेशीकरण की देन है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं पीछे मुड़कर अपनी जड़ों को देखें, आप एक ऐसे देश से संबंधित हैं जो प्राचीन काल में भी विविधता और समावेश में विश्वास करता था। औपनिवेशीकरण के कारण अआप एलजीबीटी समुदायों के अधिकारों का विरोध कर रहे हैं। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 23 अप्रैल कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को रविवार सुबह पंजाब के मोगा से गिरफ्तार कर लिया गया। उससे जुड़े घटनाक्रम इस प्रकार हैं :
29 सितंबर 2022 : कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को मोगा के रोडे गांव में ‘दस्तार बंदी’ (पगड़ी बांधना) कार्यक्रम में अभिनेता एवं कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा स्थापित संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख नियुक्त किया गया। रोडे मृतक आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है।
12 दिसंबर 2022 : अमृतपाल के समर्थकों ने जालंधर में एक गुरुद्वारे में यह दावा करते हुए कुर्सियां जलायीं कि किसी सिख धर्मस्थल में कुर्सियां और सोफे सिख धर्म की ‘मर्यादा’ के खिलाफ हैं।
10 फरवरी 2023 : अमृतपाल ने अमृतसर में अपने जल्लूपुर खेड़ा गांव में ब्रिटेन में रहने वाली प्रवासी भारतीय किरणदीप कौर से शादी की।
16 फरवरी 2023 : अमृतपाल और लवप्रीत सिंह तूफान समेत उसके समर्थकों पर रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के एक निवासी के कथित अपहरण और मारपीट का मामला दर्ज किया गया।
17 फरवरी 2023 : लवप्रीत सिंह गिरफ्तार।
23 फरवरी 2023 : अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों में से कुछ लोग लवप्रीत सिंह की रिहाई की मांग के साथ तलवार तथा बंदूक लहराते हुए अवरोधक तोड़कर अजनाला थाने में घुस गए थे तथा उनकी पुलिस से झड़प भी हुई थी।
24 फरवरी 2023 : लवप्रीत सिंह न्यायिक हिरासत से रिहा।
18 मार्च 2023 : पंजाब पुलिस ने अमृतपाल तथा उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। जालंधर में उसका काफिला रोका गया, लेकिन वह वाहन बदलकर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पंजाब में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयीं।
20 मार्च 2023 : अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और एक अन्य व्यक्ति ने जालंधर के मेहतपुर में एक गुरुद्वारे के समीप पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
22 मार्च 2023 : सोशल मीडिया पर अमृतपाल और उसके करीबी साथी पपलप्रीत सिंह की एक मोटरचालित वाहन पर बैठे हुए एक तस्वीर आयी।
23 मार्च 2023 : हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अमृतपाल तथा पपलप्रीत को अपने घर में शरण देने वाली एक महिला पकड़ी गयी।
25 मार्च 2023 : अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए कहा।
28 मार्च 2023 : पुलिस द्वारा पीछा किए जाने के बाद कुछ संदिग्धों द्वारा एक वाहन छोड़कर जाने के बाद होशियारपुर में अमृतपाल को पकड़ने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया गया।
29 मार्च 2023 : अमृतपाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया जिसमें उसने बैसाखी पर ‘सरबत खालसा’ बैठक का आह्वान किया।
30 मार्च 2023 : अमृतपाल का एक और वीडियो तथा एक ऑडियो क्लिप सामने आया, जिसमें उसने कहा कि वह जल्द ही दुनिया के सामने आएगा।
10 अप्रैल 2023 : अमृतसर के कत्थूनंगल इलाके से पपलप्रीत को गिरफ्तार कर लिया गया।
15 अप्रैल 2023 : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में कट्टरपंथी उपदेशक तथा पपलप्रीत को शरण देने वाले तथा उन्हें 28 मार्च को पंजाब वापस लाने वाले अमृतपाल के एक अन्य करीबी सहयोगी जोगा सिंह को फतेहगढ़ साहिब के सरहिंद से गिरफ्तार कर लिया गया।
20 अप्रैल 2023 : अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर को अमृतसर में श्री गुरु राम दास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लंदन जाने वाले एक विमान में सवार होने से रोक दिया गया।
23 अप्रैल 2023 : अमृतपाल को मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया गया। (भाषा)
नई दिल्ली, 23 अप्रैल | केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि सरकार पोंजी ऐप्स पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रही है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सोशल मीडिया पर फाइनेंसियल इंफ्लूएंसर्स को नियंत्रित करने के लिए उनके पास फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। कर्नाटक के तुमकुरु जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि क्या केंद्र सोशल मीडिया पर वित्तीय सलाह देने वाले इंफ्लूएंसर्स पर शिकंजा कसने की योजना बना रहा है, तो उन्होंने कहा कि सरकार के पास फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि, ऐसे कई पोंजी ऐप हैं जिन पर हम आईटी मंत्रालय और आरबीआई के साथ काम कर रहे हैं और उन पर शिकंजा कस रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वित्तीय सलाह देने वालों को लेकर सीतारमण ने लोगों को चेताया कि हर उस चीज का पालन करने में सावधानी बरतनी चाहिए जो इस तरह के प्लेटफार्मों पर सलाह के रूप में दी जाती है, क्योंकि यह लोगों की गाढ़ी कमाई है जो दांव पर है।
उन्होंने कहा, अगर हमें सलाह देने वाले तीन या चार लोग हैं, तो साथ ही 10 ऐसे भी हैं जो शायद अलग विचार रखते हों। सोशल और फाइनेंसियल इंफ्लुएंसर्स भरे हुए हैं, लेकिन हम सबको चौकन्ना रहना चाहिए कि हम डबल चेक करें, और किसी के बहकावे में आसानी से न आएं। अपनी गाढ़ी कमाई की रक्षा करें। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 23 अप्रैल पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव में कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को घेर लिया था जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी। पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।
पुलिस महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमृतपाल को रासुका के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है।
गिल ने कहा, ‘‘अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के वारंट जारी किए गए और आज सुबह इन्हें तामील किया गया। कानून अपना काम करेगा।’’
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को एक महीने से अधिक समय से फरार रहने के बाद सुबह करीब छह बजकर 45 मिनट पर रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया।
गिल ने कहा, ‘‘अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई ने एक संयुक्त अभियान चलाया। पंजाब पुलिस को उसके रोडे गांव में होने का पता चला था। उसे चारों तरफ से घेर लिया गया था, पंजाब पुलिस ने गांव को घेर लिया था।’’
पुलिस ने गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखने के लिए उसमें प्रवेश नहीं किया। अमृतपाल इसी गुरुद्वारे में मौजूद था।
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, ‘‘(गुरद्वारा की) पवित्रता बनाए रखने के लिए पुलिस गुरुद्वारे में नहीं घुसी और वह जानता था कि अब वह भाग नहीं सकता क्योंकि पंजाब पुलिस ने उसे घेर लिया है। पंजाब पुलिस ने चारों ओर से गांव को घेर लिया था।’’
मृतक आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले रोडे गांव से था और अमृतपाल सिंह को इस गांव में एक कार्यक्रम में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था। (भाषा)
बेंगलुरु, 23 अप्रैल जनता दल (सेक्यूलर) के नेता एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी को थकावट और सामान्य कमजोरी की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया और अब वह ‘‘चिकित्सीय रूप से स्थिर हैं तथा स्वस्थ हो रहे हैं।’’ उनका इलाज कर रहे अस्पताल ने रविवार को यह जानकारी दी।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय ने बताया कि 63 वर्षीय कुमारस्वामी को बुखार था और डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। वह लगातार राज्य का दौरा कर रहे थे।
अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘श्री एच डी कुमारस्वामी को ओल्ड एअरपोर्ट रोड बेंगलुरु के मणिपाल हॉस्पिटल में 22 अप्रैल 2023 की शाम को भर्ती कराया गया और वह डॉ. सत्यनारायण मैसूर की देखरेख में हैं। उन्हें थकावट और सामान्य कमजोरी की शिकायत थी।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘सभी संबंधित चिकित्सीय जांच और उपचार किया जा रहा है। वह चिकित्सीय रूप से स्थिर हैं और स्वस्थ हो रहे हैं।’’
कुमारस्वामी कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जद (एस) उम्मीदवारों के प्रचार के लिए लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं।
उनके कार्यालय ने एक बयान में कहा कि कुमारस्वामी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से चिंता न करने का अनुरोध किया और कहा कि वह आराम करने के बाद चुनाव प्रचार अभियान में हिस्सा लेंगे।
कुमारस्वामी ने पहले हृदय की एक सर्जरी करायी थी। (भाषा)
मुजफ्फरनगर (उप्र), 23 अप्रैल मुजफ्फरनगर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में कथित तौर पर खेत में ट्रैक्टर ले जाने को लेकर दो भाइयों के बीच हुए विवाद में एक ने ट्रैक्टर से दूसरे को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गयी।
पुलिस ने रविवार को बताया कि इस थानाक्षेत्र के शाहपुर गांव में तेजवीर सिंह (56) को उसके भाई सुखपाल ने खेत में घुसने से रोकने पर ट्रैक्टर से टक्कर मार दी जिससे उसकी मौत हो गयी।
क्षेत्राधिकारी (सीओ) विनय गौतम ने बताया कि इस संबंध में सुखपाल समेत 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है और सुखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सीओ ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
तेजवीर के बेटे सोनू द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, हंगामा तब शुरू हुआ जब उसके पिता ने अपने खेत में ट्रैक्टर के प्रवेश पर आपत्ति जताई।
शिकायतकर्ता के अनुसार तेजवीर सिंह को रोकने की कोशिश के दौरान सुखपाल ने उसे ट्रैक्टर से टक्कर मार दी, जिससे उसकी (तेजवीर सिंह की) मौत हो गई।
गौतम ने कहा कि मामले में विस्तृत जांच की जा रही है। (भाषा)
ठाणे (महाराष्ट्र), 23 अप्रैल जिले की एक अदालत ने 62 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला के गहने लूटने और उसकी हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव पी पांडे ने 19 अप्रैल को अपने आदेश में 43 वर्षीय दोषी संतोष श्रीधर नाम्बियार पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
इस आदेश की प्रति शनिवार को मुहैया कराई गई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक वाई एम पाटिल ने अदालत को बताया कि संतोष ठाणे में डोम्बिवली शहर के कोपरगांव इलाके की एक हाउसिंग सोसाइटी में गीता वल्लभ पोखले के घर में सात मार्च, 2011 को उस समय घुसा था जब वह अकेली थी।
उन्होंने कहा कि आरोपी ने बिजली के तार से महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी और उसके सोने के जेवरात लेकर फरार हो गया। उन्होंने बताया कि जब महिला की बेटी घर लौटी तो उसने अपनी मां को मृत पाया और पुलिस को इसकी सूचना दी।
अभियोजक ने बताया कि अदालत ने अभियोजन पक्ष के गवाहों, विशेष रूप से इमारत के सुरक्षा गार्ड के बयान पर भरोसा किया जिसने आरोपी की पहचान की थी।
अदालत ने आरोपी को 302 (हत्या), 394 (डकैती करते हुए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 450 (ऐसा अपराध करने के लिए घर में जबरन घुसना जिसके लिए आजीवन कारावास की सजा हो सकती है) सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। (भाषा)
बलिया (उप्र) 23 अप्रैल बलिया जिले में गड़वार थाना क्षेत्र के एक गांव से 15 वर्षीया एक किशोरी को कथित रूप से अगवा कर तकरीबन सात माह तक उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में पुलिस ने शनिवार को एक पड़ोसी युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार गड़वार थाना क्षेत्र के एक गांव की यह किशोरी 20 सितम्बर 2022 को लापता हो गयी थी।
ताखा पुलिस चौकी प्रभारी फूल चंद्र यादव ने रविवार को बताया कि इस मामले में किशोरी के पिता की तहरीर पर अज्ञात के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 (अपहरण) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शनिवार को बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र से किशोरी को बरामद किया तथा अपहर्ता आशीष कुमार (24) को गिरफ्तार कर लिया ।
पुलिस का कहना है कि किशोरी ने बयान दिया है कि उसके पड़ोसी आशीष ने उसे अगवा कर लिया तथा उसके साथ लगातार बलात्कार किया है।
यादव ने बताया कि किशोरी के बयान के आधार पर मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 366 (दुष्कर्म के लिए अपहरण), 376 (दुष्कर्म) एवं बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम की सुसंगत धाराएं लगायी गयी हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपी आशीष को शनिवार को बलिया की एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया तथा अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। (भाषा)
प्रवीण द्विवेदी
भोपाल, 23 अप्रैल | भारत जैसे बहु-सांस्कृतिक देश में समलैंगिक विवाह को वैध किया जाना चाहिए या नहीं, इस पर चल रही बहस के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने केंद्र के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किए हैं।
केंद्रीय कानून मंत्रालय ने 18 अप्रैल को इस मुद्दे पर राज्य सरकारों से जवाब मांगा था, जिस पर भाजपा की अगुवाई वाली मध्य प्रदेश सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मध्य प्रदेश के एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह ने शुक्रवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हमने केंद्र के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत कर दिए हैं।
केंद्रीय कानून मंत्रालय ने राज्यों को लिखे अपने पत्र में कहा, गौरतलब है कि विवाह का विषय भारत के संविधान की समवर्ती सूची की एंट्री 5 से संबंधित है। इसके अलावा, इस मामले पर किसी भी निर्णय के लिए मौजूदा सामाजिक रीति-रिवाजों, प्रथाओं, मूल्यों, मानदंडों, राज्य के नियमों और इस तरह के प्रभाव के आकलन की आवश्यकता होती है जो समाज के विभिन्न वर्गो में प्रचलित हो सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सभी राज्य सरकारों के विचारों को शामिल करते हुए न्यायालय के समक्ष समग्र और सामंजस्यपूर्ण विचार प्रस्तुत किए जाए।
हालांकि, एडवोकेट जर्नल ने गोपनीयता बनाए रखते हुए इस विषय पर राज्य के विचारों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा, लेकिन सबसे अधिक संभावना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार अपने केंद्रीय नेतृत्व के साथ खड़ी होगी, जो समलैंगिक विवाह के विचार के सख्त खिलाफ है।
राज्य भाजपा इकाई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी रजनीश अग्रवाल ने कहा, केंद्र के फैसले के खिलाफ जाने का कोई सवाल ही नहीं है। केंद्र जो पहले ही उच्चतम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर चुका है, उसे मध्य प्रदेश सरकार ने विचारों में बनाए रखा होगा।
सुप्रीम कोर्ट 18 एलजीबीटीक्यू प्लस कपल्स द्वारा दायर मामले में याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई कर रहा है। इसमें कोर्ट ने देश में विवाह समानता की मांग और केंद्र की अपील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है, राज्य भाजपा इकाई के भीतर एक धारणा आकार ले रही है कि मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ जानबूझकर विधायी अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश भाजपा के करीब आधा दर्जन नेताओं ने आईएएनएस के साथ अपने विचार साझा किए; वे सभी मानते हैं कि सीजेआई के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक रूप से अलग विचार हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, वह (सीजेआई) पुरुष और महिला के बारे में प्रकृति के नियम को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि वैचारिक रूप से इसे स्वीकार करना आसान नहीं होगा क्योंकि इस विषय पर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय है, लेकिन, मुझे खुशी होगी, अगर यह (समलैंगिक विवाह) वैध हो जाएगा। एक इंसान के तौर पर हम इस पर आपत्ति नहीं जता सकते, क्योंकि यह उनकी अपनी जिंदगी है।'
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा, हम यूके की शीर्ष अदालत की ओर से दिए गए निर्णायक फैसले को आधार बना सकते हैं। समलैंगिक जोड़ों को अधिकार देने के लिए विशेष विवाह अधिनियम की रचनात्मक व्याख्या कर सकते हैं, जो पहले से ही स्टेबल बॉन्ड में शादी जैसे रिश्तों में रह रहे हैं।
अगर सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक विवाह के पक्ष में फैसला करता है, तो यह 2018 में अदालत के ऐतिहासिक फैसले के बाद से एलजीबीटीक्यू प्लस अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 22 अप्रैल | कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 के एक आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा सदस्य के रूप में अपनी अयोग्यता के बाद समय सीमा के अंतिम दिन शनिवार को दिल्ली में 12, तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया। कांग्रेस नेता 2005 से इस घर में रह रहे थे। नियमों के अनुसार, एक अयोग्य सांसद सरकारी आवास का हकदार नहीं होता और उसे अयोग्यता के एक महीने के भीतर इसे खाली करना होता है।
राहुल गांधी अपनी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ शनिवार सुबह से दो बार बंगले का दौरा कर चुके हैं।
आखिरी बार अपने सरकारी आवास से निकलते वक्त राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह अब उस घर में नहीं रहना चाहते, क्योंकि यह उन्हें भारत के लोगों द्वारा दिया गया था, लेकिन अब इसे छीन लिया गया है।
उन्होंने 18 साल तक संसद सदस्य बने रहने में योगदान के लिए देश की जनता का आभार जताया और कहा कि वह सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी मां सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ में रहेंगे, जब तक कि वह कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर लेते।
राहुल ने खाली फ्लैट का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, "इन दिनों सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ती है! कीमत जो भी हो, मैं चुकाऊंगा।"
घर के गेट पर ताला लगाने के बाद राहुल गांधी ने संबंधित अधिकारियों को चाबियां सौंप दीं।
प्रियंका गांधी ने भी अपने भाई के प्रति अपना समर्थन जताते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा सच बोला है और अब सरकार के खिलाफ बोलने के परिणाम भुगत रहे हैं।
उन्होंने कहा, "मेरे भाई ने जो कुछ भी कहा है वह सच है। उन्होंने सरकार के खिलाफ बोला और यह उसी का नतीजा है।" (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 23 अप्रैल | 18 मार्च से फरार चल रहे खालिस्तानी हमदर्द अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार को मोगा जिले से गिरफ्तार कर लिया। वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा रहा है, जहां उसके आठ सहयोगी पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत बंद हैं। पुलिस के अनुसार अमृतपाल सिंह को मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया। रोड जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है। अमृतपाल ने खुद को भिंडरावाले 2 के रूप में पेश करने की कोशिश की थी।
पंजाब पुलिस ने ट्विटर पर कहा, अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा में गिरफ्तार किया गया है। आगे की जानकारी उनके द्वारा साझा की जाएगी। पंजाब पुलिस, नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने व फर्जी खबर साझा न करने का आग्रह करती है।
अधिकारियों ने बताया कि अमृतपाल की गिरफ्तारी से तीन दिन पहले उसकी ब्रिटेन मूल की पत्नी किरणदीप कौर को अमृतसर हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था और आव्रजन अधिकारियों ने बमिर्ंघम के लिए उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी थी।
पूछताछ के बाद कौर को अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा स्थित उसके घर भेज दिया गया है और बिना पुलिस को बताए देश छोड़कर नहीं जाने को कहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (अमृतसर ग्रामीण) सतिंदर सिंह ने मीडिया को बताया, हमने किरणदीप कौर को देश छोड़ने से रोक दिया है। उसे न तो हिरासत में लिया गया और न ही गिरफ्तार किया गया। उसे इसलिए रोका गया क्योंकि मामले में पूछताछ के लिए उसकी जरूरत थी।
अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि कौर के पास भारत में सीमित अवधि के लिए वीजा है, जो समाप्त होने वाला है। (आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी (उप्र), 23 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में वन क्षेत्र से निकलकर खेत में घुसने के कुछ ही मिनटों बाद एक दो वर्षीय बाघ की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। वन अधिकारियों को संदेह है कि बाघ को जहर दिया गया। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। डीटीआर (बफर) के उप निदेशक सुंदरेश ने कहा, शुरू में हमें लगा कि किसी ने जहर दिया है और हमने उसकी तलाश की, लेकिन उस जगह के पास कुछ मिला नहीं मिला, जहां बाघ की मौत हुई। प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, शव की जांच के बाद पाया गया कि वह बीमार था और पेट में खाना नहीं था। साथ ही, एक नुकीली हड्डी ने पेट में घाव कर दिया था। उसे सेप्टीसीमिया हो गया और शायद इसी से उसकी मौत हो गई।
विस्तृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
सुंदरेश ने कहा, बाघ किशनपुर रेंज या मैलानी रेंज के जंगलों से आया था। (आईएएनएस)|
महोबा, 23 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक दर्दनाक घटना में कुएं के अंदर जहरीली गैस की चपेट में आने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 58 वर्षीय वीरेंद्र कुमार और उनके दो बेटे देवेंद्र और चंद्र प्रकाश शामिल हैं। खबरों के मुताबिक वीरेंद्र कुमार शनिवार की शाम मोटर पंप ठीक करने के लिए कुएं में उतरे थे। जब वह काफी देर तक वापस नहीं आए, तो देवेंद्र और चंद्रप्रकाश कुएं में उतर गए, लेकिन वे भी कुएं से बाहर नहीं आए।
कुएं पर बैठी वीरेंद्र कुमार की पत्नी मदद के लिए चिल्लाने लगी तो आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए।
वे कुएं के नीचे उतरे और बेहोशी की हालत में पिता-पुत्रों को बाहर निकाला।
सभी को इलाज के लिए पड़ोस के हमीरपुर जिले के मौदहा सीएचसी ले जाया गया. वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
जिलाधिकारी महोबा मनोज कुमार और पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता ने गांव पहुंचकर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजवाया। (आईएएनएस)|
न्यूयॉर्क, 23 अप्रैल | पिछले सप्ताह एक झील से लापता इंडियाना यूनिवर्सिटी के भारत के दो छात्रों का शव बरामद किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इंडियाना डिपॉर्टमेंट ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज ने एक समाचार विज्ञप्ति में कहा कि सिद्धांत शाह, और आर्यन वैद्य 15 अप्रैल को दोस्तों के एक समूह के साथ, इंडियानापोलिस शहर से लगभग 64 मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित मोनरो झील में गए थे। तैरने के दौरान वे दोनोंे झील में डूब गए। 18 अप्रैल को पायनेटाउन मरीना के पूर्व में 18 फीट पानी में शवों को बरामद किया गया।
डिपार्टमेंट ऑफ नेचुरल रिसोर्सेज के प्रतिनिधि लेफ्टिनेंट एंजेला गोल्डमैन ने यूएसए टुडे को बताया कि एक को बचान के प्रयास में दोनों डूब गए थे।
बचावकर्ताओं ने सोनार और स्कूबा गोताखोरों का उपयोग करके झील मे उनकी खोजबीन शुरू की, लेकिन पहले दिन तेज हवा के कारण इसे रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा। बाद में शवों को बरामद किया गया। (आईएएनएस)
लखनऊ, 23 अप्रैल | उत्तर प्रदेश सरकार ने गर्मी के मौसम में लू से निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों को तैयार रहने का निर्देश दिया है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को तालाबों की मरम्मत का कार्य पूर्ण करने तथा सिंचाई के लिए आपूर्ति तथा पशु-पक्षियों के लिए पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा हीट वेव के अलर्ट के मद्देनजर राज्य सरकार ने गर्मी के मौसम में जलापूर्ति के लिए मुख्य विकास अधिकारी या एडीएम स्तर के अधिकारी को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त करने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि लोगों को गर्मी से बचने और तापमान को कम रखने के लिए छत को सफेद रंग से रंगने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
सरकार ने जल निगम को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति से संबंधित आवश्यक कार्य समय पर पूरा करने का भी निर्देश दिया है।
सभी नलकूपों व सिंचाई सुविधाओं को चालू हालत में करने के लिए सिंचाई विभाग को विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि जल निगम क्षतिग्रस्त पाइपलाइन और लीकेज की मरम्मत करवाएगा और ओवरहेड टैंकों की सफाई करेगा।
ग्रामीण विकास विभाग तालाबों को भरकर पशुओं को पीने का पानी उपलब्ध कराएगा।
ग्रामीण विकास विभाग और जल निगम उन क्षेत्रों में पानी के टैंकरों की व्यवस्था करेंगे, जहां पानी की आपूर्ति बाधित है। प्रवक्ता ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग को ग्रामीण पेयजल योजनाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
वन विभाग वन क्षेत्रों में पशु-पक्षियों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए तालाबों और झीलों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
नगरीय विकास विभाग और जल निगम पानी की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों को टैंकरों से पानी का वितरण करेंगे।
उन्होंने कहा कि नगरीय विकास विभाग नगरीय निकायों के माध्यम से सार्वजनिक स्थलों एवं बाजारों में वाटर फाउंटेन लगाने की व्यवस्था करेगा।
नगरीय विकास विभाग पानी के अनावश्यक उपयोग जैसे वाहन धोना, नल खुला छोड़ना आदि को रोकने के लिए एडवाइजरी भी जारी करेगा और इसे अमल में भी लाएगा। (आईएएनएस)
शंभु नाथ चौधरी
रांची, 23 अप्रैल | उसके हाथ जब दीवारों की चिनाई करते हैं तो उसके काम की रफ्तार देखकर लोग दंग रह जाते हैं। जितनी देर में राजमिस्त्री एक दीवार की चिनाई करते हैं उतनी देर में वह दो दीवारों की चिनाई कर चुकी होती है।
नाम है सुनीता देवी। झारखंड के लातेहार जिले के उदयपुरा गांव की रहने वाली और अपने इलाके की मशहूर 'रानी मिस्त्री'। वह वर्ष 2019 में भारत के राष्ट्रपति के हाथों भारत सरकार की ओर से कामकाजी महिलाओं को प्रदान किए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजी जा चुकी हैं।
दरअसल ईंट-कंक्रीट जोड़ने और प्लास्टर तक के काम में आम तौर पर पुरुषों का वर्चस्व रहा है। उन्हें राज मिस्त्री के नाम से जाना जाता है। लेकिन झारखंड में ऐसी महिलाओं की तादाद करीब 50 हजार है, जिन्होंने राजमिस्त्री के पेशे में खुद को न केवल स्थापित किया है, बल्कि अपनी कार्यकुशलता से हर किसी को चमत्कृत भी किया है।
इन्हें रानी मिस्त्री के नाम से जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक भी इनकी सफलता की कहानियां पहुंची हैं और वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए खूंटी जिले की कुछ रानी मिस्त्रियों से बात कर उनका हौसला बढ़ा चुके हैं।
सुनीता बताती हैं कि चार साल पहले उनके गांव उदयपुरा में कार्यरत स्वयं सहायता समूह को स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक सौ शौचालय निर्माण कराने का काम सौंपा गया था परंतु राज मिस्त्री के नहीं मिलने या इस छोटे कामों से उनके इनकार करने के कारण उसने खुद औजार संभाल लिया।
जिला प्रशासन की ओर से उन्हें मामूली प्रशिक्षण दिया गया और फिर खुद मिस्त्री बन गई। इसके बाद हम 20-25 महिलाओं ने शौचालय का निर्माण कर दिया। इसके बाद तो फिर इसमें पैसे की कमाई भी होने लगी और आनंद भी आने लगा।
इन रानी मिस्त्रियों पर वल्र्ड बैंक ने हाल में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में हजारीबाग की एक महिला उर्मिला देवी का जिक्र करते हुए बताया है कि उन्होंने अब तक 1,000 से अधिक शौचालयों का निर्माण किया है।
उर्मिला शौचालय निर्माण के काम के लिए बिहार के चंपारण तक जाकर मिस्त्री का काम कर आई हैं। उनके साथ काम कर रही पूनम देवी ने भी पिछले एक साल में 900 शौचालयों के निर्माण में मिस्त्री का काम किया है।
हजारीबाग की ही एक रानी मिस्त्री निशात जहां कहती हैं कि महिलाएं पुरुषों से किसी तरह कमतर नहीं हैं। जो पुरुष कर सकते हैं वो महिलाएं भी कर सकती हैं और कई बार तो पुरुषों से बेहतर कर सकती हैं। रेजा-मजदूर के रूप में महिलाएं पहले भी निर्माण कार्य में लंबे समय से काम करती आयी हैं। अब उन्हें रानी मिस्त्री के रूप में काम करने का मौका मिला है तो वे यहां भी अपना हुनर और काबिलियत दिखा रही हैं।
निशात के साथ काम करनेवाली उषा ने बताया कि राज मिस्त्री का काम रेजा के काम से बहुत अलग नहीं है, और थोड़े से प्रशिक्षण से कोई भी महिला यह काम कर सकती है। इसमें समय तो उतना ही देना होता है पर आमदनी रेजा की तुलना में अधिक होती है। रेजा की तुलना में रानी मिस्त्री का काम थोड़ी विशेषज्ञता वाला है लेकिन महिलाएं इस काम को नहीं कर सकती, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
भारत में आम तौर पर राजमिस्त्री का काम मर्दों का मानने की एक धारणा रही है। इन्हें राजमिस्त्री कहा जाता है। पारंपरिक रूप से महिलाएं निर्माण गतिविधियों में सहायकों की भूमिका में रही हैं। वह ईंटे ढोती नजर आती रही हैं, गारे तैयार करती दिखती हैं, और राजमिस्त्रियों के निर्देश पर बाकी के काम करती दिखती रही हैं। लेकिन, झारखंड में महिला मजदूरों ने मिस्त्री के काम में पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ दिया है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इन महिलाओं ने पहली दफा मिस्त्री के काम में हाथ तब डाला जब स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण शुरू हुआ। हालांकि, राजमिस्त्रियों में से अधिकतर लोग पलायन कर बड़े शहर जा चुके थे या फिर जो बचे थे उनको शहरों में बनने वाले शौचालयों के लिए काम मिल गया था।
अधिकतर राजमिस्त्रियों को इस काम के लिए मिलने वाली मजदूरी भी कम लगी थी। झारखंड में 50 हजार से अधिक कुशल महिला मिस्त्रियों ने सूबे को खुले में शौच से मुक्त बनाने के अभियान में अपना योगदान दिया है।
गौरतलब है कि झारखंड उन राज्यों में से एक है जिसे स्वच्छ भारत अभियान की योजना बनाने और उसको लागू करने के लिए विश्व बैंक की ओर से तकनीकी मदद (टेक्निकल असिस्टेंस) मिली थी। इस तकनीकी मदद के हिस्से के रूप में विश्व बैंक ने टॉयलेट बनाने के लिए राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया था और उनमें से कई कार्यक्रमों में महिला मजदूरों ने भी हिस्सा लिया था।
हालांकि, शुरूआत में गांव के लोग, खासतौर पर खुद महिलाएं, इस काम को लेकर अनिच्छुक थीं। कई रानी मिस्त्रियों के परिवार वाले इस काम को सीखने को लेकर उनके खिलाफ खड़े हो गए। पर संघर्ष कर इन रानी मिस्त्रियों ने अपना मुकाम पा ही लिया।
इन महिलाओं ने एक अन्य वर्जना को तोड़ा है। पहले मजदूरी करने के दौरान भी यह महिलाएं अपने गांव से बाहर जाने या बाहर जाकर काम करने की सोच भी नहीं सकती थीं। यह महिलाएं या तो अपने घरेलू कामकाज करती थीं, या फिर खेतों में मजदूरी किया करती थीं।
लेकिन अब परि²श्य बदल गया है। निशात जहां मुस्लिम समुदाय से हैं और ऐसे में उनके लिए परदे से बाहर निकलना भी बड़ी चुनौती थी। लेकिन उन्होंने बाकी महिलाओं के साथ रांची जाकर प्रशिक्षण हासिल किया। विश्व बैंक के हफ्ते भर की अवधि के इस कार्यक्रम में उन्होंने टॉयलेट बनाने की तकनीकी जानकारी हासिल की।
इसके अलावा उन्होंने सोक पिट और ट्विन पिट बनाने की तकनीक भी सीखी। हफ्ते भर के बाद सीनियर राजमिस्त्री के तहत उनको काम करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। अब इन महिलाओं की कमाई निर्माण मजदूरी के दौरान मिलने वाली दिहाड़ी से दोगुनी हो गई है। (आईएएनएस)
हाथरस, 23 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक घर की नवनिर्मित छत के मलबे में दबने से एक महिला समेत चार लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। घटना हाथरस जिले के सादाबाद थाना क्षेत्र के समदपुर गांव में शनिवार देर रात हुई।
चारों को गंभीर हालत में हाथरस जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सादाबाद के एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि अचानक बीम टूटने से छत गिर गई।
घायलों की पहचान लक्ष्मी, श्रीनिवास (राजमिस्त्री), राहुल (ग्रामीण) और एक मजदूर रूप सिंह के रूप में हुई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 अप्रैल | दिल्ली के राज पार्क इलाके में 32 वर्षीय एक व्यक्ति की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि उन्हें रात 12.23 बजे एक पीसीआर कॉल मिली। फोन करने वाले ने कहा कि राज पार्क राठी अस्पताल की गली के पास एक व्यक्ति को चाकू मारा गया है। उस पर इतनी बेरहमी से किया गया था कि उसकी आंत बाहर निकल आई थी।
पीड़ित की पहचान उसके आधार कार्ड की मदद से हाथरस निवासी वीरेंद्र सिंह के रूप में हुई।
पुलिस ने उसकी पत्नी आशा को घटना की जानकारी दी।
जितेंद्र को नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि मोबाइल क्राइम टीम और एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया गया और केस दर्ज किया गया।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने आईपीसी की धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
अधिकारी ने कहा, हत्या के पीछे की मंशा अभी स्पष्ट नहीं है। (आईएएनएस)
एम.के. अशोक
बेंगलुरू, 23 अप्रैल | विधानसभा चुनाव में भाजपा का गढ़ माने जाने वाले उत्तरी कर्नाटक में भाजपा की कड़ी परीक्षा होने जा रही है। भगवा पार्टी के प्रयोगों पर इस क्षेत्र के लोग कैसी प्रतिक्रिया देंगे, इस पर सवाल उठ रहा है।
क्षेत्र के मतदाताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के पीछे खड़े होकर भाजपा को एक मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था। लेकिन येदियुरप्पा को पद छोड़ने के लिए कहा गया। अब लिंगायत नेता पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी भाजपा नेताओं द्वारा अपमान करने की बात कहकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ दल की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
उत्तर कर्नाटक, जिसमें कित्तूर और कल्याण क्षेत्र शामिल हैं, में 90 विधानसभा सीटों वाले 13 जिले हैं। वर्तमान में भाजपा के पास 52, कांग्रेस के पास 32 और जद (एस) के पास 6 सीटें हैं।
इस क्षेत्र में बेलगावी, बागलकोट, बीजापुर, कलबुर्गी, यादगीर, गदग, धारवाड़, हावेरी, बीदर, रायचूर, कोप्पल, विजयनगर और बेल्लारी जिले शामिल हैं। यहां ज्यादातर जगहों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है।
खनन दिग्गज से राजनेता बने जनार्दन रेड्डी द्वारा गठित कल्याण कर्नाटक राज्य पक्ष (केकेआरपी) से भाजपा को चुनौती मिल रही है। उनके खिलाफ आरोपों के बाद भाजपा ने उनसे दूरी बनाए रखी। इसके कारण उन्हें पार्टी से बाहर होना पड़ा।
उनकी पार्टी के हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र में भाजपा वोट बैंक को प्रभावित करने की संभावना है, जिसे कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इससे बेल्लारी, रायचूर, कोप्पल, यादगीर और विजयनगर जिलों में लड़ाई तेज हो जाएगी।
दूसरे, श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने बीजेपी को हराने का संकल्प लिया है। उत्तर कर्नाटक क्षेत्र के हिंदू कार्यकर्ताओं के बीच उनका काफी प्रभाव है, यह घटनाक्रम भाजपा के लिए एक झटका साबित हो सकता है।
पिछले चुनाव में इस क्षेत्र 32 सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस इस बार अधिक सीटों की उम्मीद कर रही है। पंचमसाली आंदोलन और प्रभावशाली लिंगायत नेताओं शेट्टार और सावदी के पार्टी के बाहर निकलने से भाजपा का वोट बैंक प्रभावित होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी बार-बार दावा कर रहे हैं कि पार्टी चुनाव में 150 सीटों को पार कर जाएगी, क्योंकि इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में सीटें मिलने के संकेत हैं।
कांग्रेस को एआईसीसी अध्यक्ष के पद पर मल्लिकार्जुन खड़गे की पदोन्नति से इस क्षेत्र में उत्पीड़ित वर्गों के वोट प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी, जो बड़ी संख्या में हैं।
भाजपा और कांग्रेस दोनों का ध्यान बेलागवी जिले से अधिक से अधिक सीटें जीतने पर है, इस जिले में 18 विधानसभा सीटें हैं। पिछले चुनाव में भाजपा को 13 और कांग्रेस को सिर्फ पांच सीटों पर जीत मिली थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार कांग्रेस कम से कम 12 सीटें जीतेगी।
राजनीतिक विश्लेषक बसवराज सुलिभवी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि लिंगायत समुदाय जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी के साथ भाजपा के व्यवहार से नाराज है। इसके कारण लिंगायत वोटों का लगभग 20 प्रतिशत स्थानांतरित हो जाएगा।
उन्होंने समझाया कि अगर कांग्रेस पार्टी पूरे उत्तर कर्नाटक में उनका इस्तेमाल करती है और वे क्षेत्र में अपने अपमान की कहानी सुनाते हैं, तो लिंगायत मतदाता काफी हद तक कांग्रेस की ओर मुड़ जाएंगे। उन्होंने कहा, क्षेत्र के लोगों को पहले से ही यह लग रहा है कि भाजपा द्वारा उनके नेताओं का इस्तेमाल किया जा रहा है और उन्हें बर्बाद किया जा रहा है।
सुलिभवी ने कहा कि लिंगायत समुदाय आज तक येदियुरप्पा के पीछे मजबूती से खड़ा है। पिछले चुनाव में 90 फीसदी लिंगायत वोट बीजेपी को गए थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा और कम से कम 30 फीसदी वोटों का बंटवारा होगा।
उन्होंने कहा, बीजेपी शुरू में समुदायों से ताकत जुटाती है। इसका मुख्य एजेंडा हिंदुत्व है। पार्टी ने मडिगा, भोवी, लमानी समुदायों का इस्तेमाल किया है, जो लिंगायतों के साथ अनुसूचित जाति के अंतर्गत आते हैं। लेकिन कर्नाटक में यह आसान नहीं है, अगर वे हिंदुत्व का प्रचार करना चाहते हैं। लोग अपने समुदायों से अधिक जुड़े हुए हैं।
बेलागवी जिला कन्नड़ संगठन एक्शन कमेटी के अध्यक्ष और कार्यकर्ता अशोक चंद्रागी ने आईएएनएस को बताया कि भाजपा को क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा। शेट्टार और सावदी के शामिल होने से कांग्रेस कित्तूर कर्नाटक क्षेत्र की 56 विधानसभा सीटों में से 40 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगी।
अशोक चंद्रागी कहते हैं कि एक अन्य महत्वपूर्ण कारक यह है कि 1985 के बाद कर्नाटक में कोई भी पार्टी सत्ता में दोबारा नहीं लौटी है। दिवंगत रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में जनता दल सरकार 139 सीटें जीतने में सफल रही थी। उन्होंने कहा कि अगर येदियुरप्पा को उम्र के कारण हटाया गया, तो पार्टी अब उन्हें क्यों आगे कर रही है।
आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न लिंगायत समुदाय देख सकता है कि उनके नेतृत्व का उपयोग केवल प्रचार के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शेट्टार बनजीगा उप जाति से संबंध रखते हैं और भाजपा बीजापुर, धारवाड़, कलबुर्गी और बागलकोट जिलों में कम से कम 25 निर्वाचन क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखेगी।
भाजपा को यह याद रखना होगा कि अगर जनता परिवार के 56 वरिष्ठ नेता नहीं होते तो वह कभी सत्ता में नहीं आती। जनता परिवार का वोट बीजेपी को गया। उन्होंने कहा कि भाजपा अब पीएम मोदी की छवि पर विजयी होने की सोच रही है।
जैसे-जैसे राज्य चुनाव के करीब आ रहा है, कर्नाटक में सभी राजनीतिक दलों के लिए स्थिति कठिन होती जा रही है। अब देखना यह होगा कि इस क्षेत्र पर कांग्रेस का कब्जा होगा या पीएम मोदी वोटरों का झुकाव भगवा पार्टी की ओर करेंगे। अंडरडॉग जद (एस) भी अपनी छाप छोड़ने की उम्मीद कर रहा है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी दावा किया है कि आप पार्टी को उत्तर कर्नाटक क्षेत्र में अधिक समर्थन मिल रहा है। (आईएएनएस)
पवन त्रिपाठी
नोएडा, 23 अप्रैल | बीते दिनों जीएसटी विभाग ने नोएडा, गाजियाबाद समेत कई जगहों पर जबरदस्त छापेमारी की और कई करोड़ रुपए के जेसी घोटालों को पकड़ा, साथ ही विभाग ने कई करोड़ों का जुर्माना भी लगाया।
बीते दिसंबर महीने में उत्तर प्रदेश के 71 जि़लों में कुल 248 स्टेट जीएसटी टीमें व्यापारियों पर छापेमारी करती रही। फर्मों की डेटा एनालिसिस और इंटेलिजेंस आधारित सूचना के आधार पर कार्यवाही की गई।
नोएडा में भी 10 टीम में संयोजित 40 अधिकारियों द्वारा एक साथ व्यापारियों पर रेड की कार्यवाही की गई थी। नोएडा में दादरी, बरोला, उद्योग केंद्र ग्रेटर नोएडा और जेवर में जांच हुई थी। टैक्स चोरी कर राजस्व को हानि पहुंचाने की शिकायत पर स्टेट जीएसटी की नोएडा समेत पूरे यूपी में बड़ी कार्यवाही की थी।
छापेमारी में कई करोड़ से ज्यादा का माल सीज किया गया है। साथ ही करोड़ों का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही जीएसटी टीम ने कई व्यापारियों से उनके पेपर जब्त किए थे।
नोएडा में कोरोना संकट के दौरान फर्जीवाड़े के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है। पिछले 3 साल में जीएसटी का फर्जीवाड़ा 2 गुना तक बढ़ गया है। 3 सालों में जीएसटी चोरी के 291 मामलों में करोड़ों रुपए की हेराफेरी का पता चला है। जिसमें 75.82 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला जा चुका है।
राज्य कर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 में कर चोरी के 66 मामलों में 18.04 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया था। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 91 मामलों में 11.56 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। वहीं 2022-23 में राज्य कर विभाग के विशेष अनुसंधान शाखा ने 134 कर चोरी के मामले पकड़े, जिनमें 45.72 करोड़ रुपए जुर्माना वसूला जा चुका है। साल 2020 के बाद अब तक साल दर साल चोरी का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।
जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए बताया कि नकली टैक्स इन्वॉयस किसी नकली नोट की तरह होता है जो समाज के लिए खतरनाक है। नकली टैक्स इनवॉइस से आप अपनी वैध लायबिलिटी को खत्म कर देते हैं। टैक्स इनवॉइस एक करेंसी नोट की तरह है अगर यह नकली है तो दिक्कत पैदा करेगा और सरकार के राजस्व को नुकसान होगा।
उन्होंने बताया कि जो सेक्टर अनऑगेर्नाइज्ड हैं और इनफॉर्मल हैं उनमें ही सबसे ज्यादा इस तरह की गड़बड़ियां देखने को मिलती है। क्योंकि वहां पर कोई प्रॉपर सिस्टम नहीं होता है जैसा बड़ी कंपनियों के पास होता है। बड़ी कंपनियों के पास प्रॉपर अकाउंटिंग सिस्टम है प्रॉपर मैनेजमेंट होता है और वह सारी व्यवस्था होती है जो इस तरीके की गड़बड़ियां नहीं होने देती हैं।
लेकिन जो अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर्स या कंपनियां हैं उनमें ज्यादातर यह आसानी से की जा सकती है क्योंकि वहां पर कोई प्रॉपर अकाउंटिंग सिस्टम नहीं होता है। ऐसे में बड़ी-बड़ी स्क्रैप कंपनियां, स्टील और लोहा, पान मसाले की कंपनियां, बड़े-बड़े सामान के होलसेलर आदि कंपनी में इस तरीके की गड़बड़ी देखने को मिलती है।
इसी फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए अब स्मार्ट टूल्स, ऐप आ गए हैं। जिनके जरिए विभाग इन गड़बड़ियों को आसानी से पकड़ लेता है। साथ-साथ विभाग के फील्ड ऑफिसर भी ऐसी गड़बड़ियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
कई बार बड़े नेटवर्क में इंफॉर्मेशन को डिकोड करना मैनुअली काफी चैलेंजिंग होता है लेकिन अगर आप सॉफ्टवेयर या ऐप के जरिए उसे डिकोड करेंगे तो काफी आसानी से वह आपके सामने आ जाएगा। अगर आपको 4 या 5 स्टेप इसके पीछे जाकर उस गड़बड़ी के सोर्स को ढूंढना है तो सिस्टम और ऐप के जरिए यह काफी आसान होता है, मैनुअली इसे पकड़ पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
जीएसटी की चोरी कंपनियां तब कर पाती है जब वह सामान बेचती है और उसका बिल नहीं देती। आम आदमी भी इन चोरियों को रोकने में काफी मददगार साबित हो सकता है। आप जो भी सामान जहां से भी खरीदें उसका बिल जरूर लें। जब आप बिल नहीं लेते हैं तो उनके पास एक मार्जिन होता है। वह आपको सामान तो भेज देते हैं लेकिन उनके स्टॉक में वह सामान मौजूद दिखाता है।
इसके चलते वह आसानी से उतनी ही मूल्य का टैक्स इनवॉइस जनरेट कर किसी को भी दे सकते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आपने 10,000 रूपए का कोई सामान खरीदा और उसका बिल नहीं लिया तो वह सामान तो दुकानदार ने भेज दिया लेकिन उसके अकाउंट में वह 10,000 का सामान अभी भी मौजूद दिखाएगा, जिसका बेनिफिट वह किसी को भी दूसरा वॉइस बनाकर दे सकता है।
बोगस फॉर्म बनाकर जीएसटी की चोरी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। फर्जी पते और दस्तावेज के आधार पर जीएसटी पंजीयन कराकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। पिछले 3 सालों के आंकड़े हैरान कर देने वाले हैं। साल 2020-21 में 22, 2021-22 में 27 और 2022-23 में 58 बोगस फर्मों का खुलासा हुआ है। (आईएएनएस)