राष्ट्रीय
नोएडा, 28 अप्रैल | नोएडा में आज से 15 दिनों तक वाहन चालकों के लिए काफी सख्ती होने वाली है। नोएडा पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, एआरटीओ और रोडवेज संयुक्त रूप से एक अभियान चलाने जा रहे है। इसे डिसिप्लिन ऑन दी रोड 1 नाम दिया गया। इसके तहत शहर मुख्य मार्ग, बाजार, सेक्टर के अंदर स्कूल बस, डंपर, ट्रक, कार के अलावा अन्य वाहन अवैध रूप से पार्क किए गए मिले या रांग ड्राइविंग करते दिखे, तो चालान के साथ उन्हें टो कर लिया जाएगा। अभियान को सफल बनाने के लिए पुलिस उपायुक्त यातायात ने सहायक पुलिस आयुक्त प्रथम/द्वितीय, समस्त यातायात निरीक्षक एवं यातायात उपनिरीक्षक को ब्रीफ करते हुए निर्देश जारी किए। वो सभी स्थान चिह्न्ति किए जा चुके हैं, जहां रांग साइड ड्राइविंग, नो पाकिर्ंग और अवैध पाकिर्ंग ज्यादा होती है। जोन व ट्रैफिक के उच्चाधिकारी भी इसमें सम्मिलित होंगे।
पहली बार उल्लंघन पर चालान किया जाएगा। दूसरी बार बढ़ी दरों पर चालान किया जाएगा। तीसरी बार बढ़ी दरों पर चालान के साथ वाहन को सीज किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे पर निर्धारित पिक एवं ड्रॉप प्वाइंट के अलावा यदि किसी स्थान पर वाहन पार्क मिला या अवैध रूप से सवारी का उतारा और चढ़ाया गया, तो मुकदमा दर्ज करते हुए वाहन सीज किया जाएगा। रिपिट अफेंस करने वाले व्यवसायिक वाहनों (कंपनी व स्कूल में संचालित बस वगैरह) के खिलाफ परमिट की शर्तों का उल्लंघन करने पर इसे निरस्त करने की रिपोर्ट भी एआरटीओ को दी जाएगी। (आईएएनएस)
प्रयागराज, 28 अप्रैल | मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद के चकिया कार्यालय में मिले खून के धब्बे एक चोर के हैं, जो आंशिक रूप से ध्वस्त इमारत में लोहे की चोरी करने के लिए घुसा था। पुलिस ने आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया, जिसने माना कि मलबे से लोहा निकालते समय वह घायल हो गया था। डीसीपी दीपक के मुताबिक, शाहरुख अपने एक साथी के साथ लोहा चोरी करने के इरादे से अतीक के ऑफिस में घुसा था, लेकिन उसे चोट लग गई और खून बहने लगा।
शाहरुख ने पुलिस को बताया कि उसका साथी ऑफिस के बाहर खड़ा होकर लोगों पर नजर रख रहा था।
उसने कहा कि जब वह घायल हो गया और खून बहना शुरू हो गया, तो उसे जो भी कपड़ा मिला, उससे खुद को साफ करने के लिए ऊपर भाग गया।
इसके बाद वह पास की एक दुकान पर गया और खून साफ करने के लिए पानी की बोतल खरीदी, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे।
पुलिस के मुताबिक, शाहरुख के बयानों की पुष्टि करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने यह भी कहा कि वह नशे का आदी है और उसके अन्य साथी की तलाश की जा रही है। (आईएएनएस
कानपुर (उत्तर प्रदेश), 28 अप्रैल | जेल में बंद समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के वकील गौरव दीक्षित ने इस आधार पर अदालत में सोलंकी का प्रतिनिधित्व करने से इनकार कर दिया है कि उन्हें चार महीनों से फीस का भुगतान नहीं किया जा रहा है। दीक्षित ने आरोप लगाया है कि चार महीने में कानूनी शुल्क के रूप में 32 लाख रुपये इरफान पर बकाया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मामले की शुरुआत से ही, मैं उनके मामले से संबंधित सभी कानूनी मामलों को देख रहा हूं। लेकिन अब मैं उनका केस लड़ने की स्थिति में नहीं हूं।
इस संबंध में वकील ने एडीजे-1 कोर्ट में विधायक के खिलाफ परिवाद भी दिया है। इरफान और उनके भाई रिजवान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से इरफान वर्तमान में महराजगंज जेल में बंद हैं।
उसके खिलाफ जाजमऊ थाने में आगजनी के मामले में मामला दर्ज किया गया था। इसमें दोनों भाइयों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर डिफेंस कॉलोनी में एक महिला के घर में आग लगा दी थी।
इसी तरह, उस पर अशरफ अली के नाम पर दिल्ली से मुंबई तक हवाई यात्रा करने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया गया है।
इस मामले में उनके खिलाफ ग्वालटोली थाने में गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।
पुलिस ने उनके खिलाफ छह और मामले दर्ज किए हैं। (आईएएनएस)
कटिहार, 28 अप्रैल | बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता कैलाश महतो की गुरुवार देर रात बिहार के कटिहार जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस के मुताबिक, बरारी थाना क्षेत्र के पूर्वी बाड़ीनगर पंचायत के कृषि फार्म के पास अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया।
बताता जाता है कि जदयू के नेता कैलाश महतो (70) बरारी बाजार से अपने घर जा रहे थे। इसी बीच दो अपराधी बाइक से अचानक कृषि फार्म चौक के पास पहुंचे और जदयू नेता के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई।
इसके बाद बदमाश हवाई फायरिंग करते हुए चलते बने। आसपास के लोग महतो को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रथम ²ष्टया हत्या का कारण आपसी विवाद बताया जा रहा है। इस घटना की जांच और बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए विशेष जांच टीम का गठन कर दिया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
मृतक कटिहार जदयू के जिला महासचिव के पद पर बताए जाते हैं। (आईएएनएस)
अतुल कृष्ण
नई दिल्ली, 28 अप्रैल | केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 60 करोड़ रुपये के कथित रिश्वत मामले में शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक से संपर्क कर सकती है।
मामला एक स्वास्थ्य बीमा योजना से संबंधित है, जिसे कथित रूप से आगे बढ़ाने के लिए कहा गया था, लेकिन जब वह जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य के राज्यपाल थे, तब रद्द कर दिया गया था।
मलिक ने दावा किया था कि 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी।
सीबीआई की टीम उनके बयान दर्ज करने और अधिक जानकारी जुटाने के लिए उनके घर जा सकती है।
पिछले साल सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया था और छह राज्यों में छापेमारी की थी।
23 मार्च, 2022 को डॉ. मोहम्मद उस्मान खान, जेकेएएस, उप सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग, जम्मू-कश्मीर सरकार का एक पत्र रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड को कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना के लिए एक अनुबंध देने में कदाचार के मामले के संबंध में प्राप्त हुआ था।
सीबीआई के एक सूत्र ने कहा, उल्लिखित आरोपों ने प्रथमदृष्टया खुलासा किया कि ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोक सेवकों के साथ साजिश और मिलीभगत से जम्मू-कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया।
प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज किया। (आईएएनएस)
मुंबई, 28 अप्रैल | एक्ट्रेस-मॉडल जिया खान के आत्महत्या मामले में सीबीआई की एक विशेष अदालत शुक्रवार यानि आज अपना फैसला सुनाएगी, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता सूरज पंचोली मुख्य आरोपी हैं। 3 जून, 2013 की आधी रात को 25 वर्षीय जिया खान पॉश जुहू इलाके में सागर संगीत बिल्डिंग में अपने फ्लैट में लटकी पाई गई थी।
कहा जाता है कि जिया आदित्य पंचोली और जरीना वहाब के बेटे सूरज के साथ रिश्ते में थीं।
जिया ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें सूरज पंचोली का नाम शामिल था। उस वक्त एक्टर सूरज पंचोली बॉलीवुड में पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे।
मामले के एक हफ्ते बाद सूरज पर आईपीसी की धारा 306 के तहत कथित तौर पर जिया को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया।
इसके बाद, जिया की मां राबिया खान द्वारा बार-बार दी गई दलीलों और 3 जुलाई, 2014 को बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।
अपने नोट में, जिया ने कथित तौर पर सूरज के साथ अंतरंग संबंधों के साथ-साथ कथित शारीरिक शोषण, मानसिक और शारीरिक यातना के बारे में बात की थी।
मामले में अभियोजन पक्ष ने जिया की मां राबिया सहित 22 गवाहों के बयान दर्ज किए थे, जबकि वकील प्रशांत पाटिल सूरज के लिए पेश हुए थे।(आईएएनएस)
बद्रीनाथ, 28 अप्रैल | भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने के बाद धाम में एक 'चमत्कार' हुआ है जिसे तीर्थ पुरोहित देश के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं। बर्फ की फुहारों और पुष्पवर्षा के बीच बृहस्पतिवार को सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर वृष लग्न में बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए। चारों ओर वैदिक मंत्रोचारण और जय बदरीनाथ का जयघोष सुनाई दे रहा था। लेकिन कपाट खुलने के बाद एक ऐसी बात हुई जो किसी चमत्कार से कम नहीं। कपाट खुलने के बाद जब देखा गया तो भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाए गए घृत कंबल पर इस बार भी घी ताजा मिला।
बदरीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि घृतकंबल पर घी ताजा मिलने का अभिप्राय यह है कि देश में खुशहाली बनी रहेगी। बीते वर्ष भी कंबल पर लगा घी ताजा था। बाहर इतनी बर्फबारी के बाद ठंड होने के बाद भी अगर घी सूखता नहीं है तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, कपाट बंद होने पर भगवान बदरीनाथ को घी में लिपटा कंबल ओढ़ाया जाता है।
ये कंबल विशेष रूप से माणा गांव की महिलाओं की ओर से तैयार किया जाता है। कन्याएं और सुहागिन इस कंबल को एक दिन में तैयार करती हैं। जिस दिन ये घृत कंबल तैयार किया जाता है उस दिन कन्याएं और महिलाएं उपवास रखतीं हैं। एक घृत कंबल (घी में भिगोया ऊन का कंबल) को भगवान बदरीनाथ को ओढ़ाया जाता है।
शीतकाल के बाद जब कपाट खोले जाते हैं तो सबसे पहले घी में लिपटे इस कंबल को हटाया जाता है। अगर कंबल का घी अधिक नहीं सूखा है तो उस साल देश में खुशहाली रहेगी।
अगर कंबल का घी सूख गया या कम हो गया तो उस साल देश में सूखा या अत्यधिक बारिश की आशंका रहती है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 अप्रैल | भाजपा ने हनुमान जयंती जुलूस के दौरान ओडिशा के संबलपुर में हुई हिंसा की जांच के लिए अपने चार नेताओं की समिति को घटना स्थल पर जाकर जांच करने के लिए भेजने का फैसला किया है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ओडिशा के संबलपुर में हुई हिंसा की जांच के लिए जिन चार नेताओं की समिति का गठन किया है, उसमें उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद ब्रजलाल, झारखंड से राज्य सभा सांसद समीर ओरांव, झारखंड से ही दूसरे राज्य सभा सांसद आदित्य साहू और पश्चिम बंगाल से लोक सभा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो को शामिल किया गया है।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने चार नेताओं की समिति के गठन को लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हनुमान जयंती जुलूस के दौरान संबलपुर, ओडिशा में हुई हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया है तथा इस घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। यह जांच दल घटना स्थल का दौरा करेगा और घटना की तथ्यात्मक रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष को सौंपेगा। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 28 अप्रैल | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को उत्तर कर्नाटक में रैलियां करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। भाजपा के शीर्ष नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर और पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के पार्टी में शामिल होने के बाद भाजपा के गढ़ माने जाने वाले उत्तरी कर्नाटक में कांग्रेस अपनी संभावनाओं को लेकर उत्साहित है।
अमित शाह, जो पहले ही उत्तर कर्नाटक क्षेत्र में कई बैठकें कर चुके हैं, ने शेट्टर को हराने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं। लिंगायत वोट बैंक को बनाए रखने के लिए भाजपा चिंतित है क्योंकि शेट्टर और सावदी ने भाजपा पर उनका अपमान करने का आरोप लगाया है। उत्तर कर्नाटक को लिंगायत हृदयभूमि माना जाता है।
राहुल गांधी कलबुर्गी जिले के जेवरगी में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। वह कोप्पल जिले के कुश्तगी में 'मनीला संवाद' नामक एक संवाद कार्यक्रम में भाग लेंगे। वह बल्लारी में मेगा रोड शो कर रहे हैं।
शाह चुनाव प्रचार के लिए गडग, धारवाड़, दावणगेरे और हावेरी जिलों का दौरा करेंगे। वह धारवाड़ के अन्निगेरी शहर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। वह गडग, हावेरी और दावणगेरे जिलों में एक मेगा रैली में भी हिस्सा लेंगे। शाम को भी वह सिलसिलेवार बैठकें करेंगे। (आईएएनएस)
बादल (पंजाब), 27 अप्रैल शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल को अंतिम विदाई देने के लिए बृहस्पतिवार को सुबह पंजाब के मुक्तसर स्थित बादल गांव में बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
अकाली नेता का अंतिम संस्कार परिवार के खेत में किया जाएगा, जहां अंतिम संस्कार करने के लिए एक ऊंचा मंच बनाया गया है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल को सांस लेने में तकलीफ होने पर 16 अप्रैल को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने मंगलवार रात करीब आठ बजे अंतिम सांस ली। वह 95 साल के थे।
पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे बादल के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्तियों के पहुंचने की संभावना के कारण गांव में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं।
अकाली नेता के अंतिम संस्कार के लिए कई जगहों से पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग बादल गांव पहुंच रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई नेताओं ने बुधवार को चंडीगढ़़ में प्रकाश सिंह बादल को अंतिम श्रद्धांजलि दी थी।
बादल का पार्थिव शरीर बुधवार रात मुक्तसर जिले से बादल गांव लाया गया। उनके पार्थिव शरीर को गांव ले जाते समय भी राजमार्ग के दोनों ओर लोगों का जमावड़ा नजर आया।
पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में बृहस्पतिवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
बादल पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई। वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 में भी मुख्यमंत्री रहे। वह 11 बार विधानसभा के लिए चुने गए थे। (भाषा)
बदरीनाथ (उत्तराखंड), 27 अप्रैल हल्की बर्फवारी और बारिश के बीच गढ़वाल हिमालय के विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार को विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
इसी के साथ उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई। अन्य तीन धामों-केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट पहले ही खोले जा चुके हैं।
श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि भगवान बदरीविशाल के मंदिर के कपाट ब्रह्म बेला में पूरे वैदिक मंत्रोचारण एवं विधि विधान के साथ सुबह 7:10 बजे श्रद्वालुओं के लिए खोल दिए गए।
उन्होंने बताया कि इस मौके पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई।
मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर धाम में हजारों की संख्या में श्रद्वालु मौजूद रहे, जिन पर हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई। इस मौके पर धाम को 15 कुंतल फूलों से सजाया गया था।
तड़के चार बजे कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होते ही कुबेर जी, उद्वव जी और पवित्र गाडू घड़ा दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में लाया गया। इसके बाद, मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने धर्माधिकारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना कर मंदिर के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए।
बारिश और हल्की बर्फबारी के बीच सेना की टुकडी के बैंड की मधुर धुन तथा स्थानीय महिलाओं के पारंपरिक संगीत एवं नृत्य के साथ भगवान बदरीनाथ की स्तुति ने परिसर में मौजूद श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और कहा कि चारधाम यात्रा के सकुशल संचालन के लिए राज्य सरकार ने तमाम व्यवस्थाएं की हैं।
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दो साल बाद पिछले साल पूरी तरह से संचालित हुई चारधाम यात्रा के दौरान देश-विदेश से 47 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन के लिए पहुंचे थे। पिछले साल 17,63,549 श्रद्वालुओं ने बदरीनाथ के दर्शन किए थे। इस बार सरकार को तीर्थयात्रियों के और बड़ी संख्या में पहुंचने की उम्मीद है।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई है। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को खोले गए थे, जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर खुले थे।
उच्च गढ़वाल क्षेत्र में स्थित चारों धामों के कपाट हर वर्ष सर्दियों में बंद कर दिए जाते हैं और अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोले जाते हैं। मान्यता है कि सर्दियों में भगवान की पूजा देवता करते हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 अप्रैल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सुसाइड नोट से संबंधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक मजाक को लेकर बृहस्पतिवार को उन पर निशाना साधा और कहा कि मानसिक स्वास्थ्य का असंवेदनशील ढंग से मजाक बनाने के बजाय जागरुकता पैदा करने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम के दौरान एक मजाक साझा किया जिसमें उन्होंने एक प्रोफेसर की बेटी के सुसाइड नोट में एक शब्द की वर्तनी की त्रुटि का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने यह मजाक उस वक्त किया जब उन्होंने कहा कि संबंधित चैनल के प्रमुख संपादक अच्छी हिंदी बोलने लगे हैं।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "हज़ारों परिवार आत्महत्या के कारण अपने बच्चों को खोते हैं। प्रधानमंत्री को उनका मज़ाक नहीं उड़ाना चाहिए!"
प्रियंका गांधी वाद्रा ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, "अवसाद और आत्महत्या विशेषकर युवाओं की आत्महत्या कोई मजाक का विषय नहीं है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में 1,64,033 भारतीय नागरिकों ने आत्महत्या की। इसमें 30 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या बहुत ज्यादा थी। यह त्रासदी कोई मजाक नहीं है। "
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री और उनके मजाक पर हंसने वालों को खुद जागरूक होने की जरूरत है और मानसिक स्वास्थ्य का इस तरह से असंवेदनशील तरीके से मजाक बनाने के बजाय जगरूकता पैदा करने की जरूरत है।" (भाषा)
बेंगलुरु, 27 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली सहित ‘गारंटी’ वाली अन्य घोषणाओं के लिए बृहस्पतिवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और इसे ‘रेवड़ी संस्कृति’ से जोड़ते हुए कहा कि जिस पार्टी की ‘वारंटी’ ही समाप्त हो चुकी है तो उसकी गारंटी का क्या मतलब है।
प्रधानमंत्री यहां लाखों भाजपा कार्यकर्ताओं को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कुछ कार्यकर्ताओं से संवाद भी किया और आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए बूथ स्तर पर पार्टी के प्रचार को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रेरित भी किया।
कर्नाटक चुनावों के लिए कांग्रेस ने सत्ता में आने पर जनता को ‘गारंटी’ की घोषणा की है। उसकी इस घोषणा में सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति) , हर परिवार की महिला मुखिया (गृह लक्ष्मी) को 2,000 रुपये मासिक सहायता, स्नातक युवाओं के लिए 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों (18 से 25 वर्ष आयु वर्ग) को दो साल के लिए 1,500 रुपये (युवानिधि) शामिल हैं।
इसी से संबंधित भाजपा कार्यकर्ता के एक सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुफ्तखोरी के कारण राज्य कर्ज में डूबे हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश और सरकारों को इस तरह नहीं चलाया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में कुछ राजनीतिक दलों ने राजनीति को सिर्फ सत्ता और भ्रष्टाचार का साधन बना दिया है और इसे हासिल करने के लिए वह साम, दाम, दंड, भेद हर तरह का तरीका अपना रहे हैं। इन राजनीतिक दलों को देश के भविष्य की और आने वाली पीढ़ियों की कोई चिंता नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुफ्त की रेवड़ी की राजनीति की वजह से कई राज्य इतना बेतहाशा खर्च ‘अपनी दलगत राजनीति की भलाई के लिए’ कर रहे हैं। राज्य कर्ज में डूबते चले जा रहे हैं और आने वाले पीढ़ियों का भी वह खाए जा रहे हैं। देश ऐसे नहीं चलता, सरकार ऐसे नहीं चलती है। सरकार को पीढ़ियां बनाने के लिए भी काम करना होता है। सरकार को वर्तमान के साथ-साथ भविष्य का भी सोचना पड़ता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारें सुबह-शाम रोजमर्रा की जरूरतों के लिए नहीं चल सकतीं बल्कि उन्हें संपदा बनानी पड़ती है ताकि दशकों तक देश के हर परिवार का जीवन ठीक से चलता रहे।
उन्होंने कहा कि इसलिए भाजपा शॉर्टकट नहीं बल्कि विकसित भारत के निर्माण के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अब उस स्थिति में है जब वह ना कोई सच्ची गारंटी दे सकती है और ना कुछ अन्य... कांग्रेस की वारंटी तो बहुत पहले ही खत्म हो चुकी है। जिसकी वारंटी खत्म हो चुकी है, उसकी गारंटी का मतलब क्या है जी?’’
कांग्रेस पर ‘रेवड़ी संस्कृति’ को लेकर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उसने हिमाचल और राजस्थान जैसे राज्यों में भी चुनाव जीतने पर ‘गांरटी’ की घोषणा की थी लेकिन आज भी दोनों राज्यों के लोग इसका इंतजार ही कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘रेवड़ी बांटने वाले आपको मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं। आप अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सोचिए। कांग्रेस मतलब झूठ की गारंटी। मतलब भ्रष्टाचार की गारंटी। भाई-भतीजावाद की गारंटी।’’
भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री का यह संबोधन 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान को धार देने के प्रयास का हिस्सा है।
पार्टी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि 58,112 बूथों से करीब 50 लाख कार्यकर्ता प्रधानमंत्री की इस ‘डिजिटल रैली’ में शामिल होंगे।
चुनावों में मिल रही चुनौतियों के मद्देनजर भाजपा की प्रदेश इकाई अपने प्रचार अभियान को और भी मजबूत करने के लिए मोदी की ओर देख रही है। प्रधानमंत्री शनिवार से राज्य का दो दिवसीय दौरा करेंगे। इस दौरान उनका छह जनसभाओं को संबोधित करने और दो रोड शो करने का कार्यक्रम है।
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा अपने पांच साल के शासन के बारे में नहीं सोचती, बल्कि देश के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पार्टी के बारे में नहीं सोचते बल्कि देश के बारे में सोचते हैं। हम सिर्फ वर्तमान चुनावी राजनीति के बारे में नहीं सोचते हैं, बल्कि अगले 25 वर्षों में भारत को आगे ले जाने के बारे में सोचते हैं।’’
मोदी ने कहा कि भाजपा शॉर्टकट नहीं अपना रही है, बल्कि विकसित भारत के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि कुछ तात्कालिक चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से देश के गरीब परिवारों को हरसंभव सहायता दी जा रही है और यह सरकार का दायित्व है।
इस कड़ी में उन्होंने कोविड रोधी मुफ्त टीकाकरण और मुफ्त अनाज योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जिंदगी बचाने और देश को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी कदम थे। (भाषा)
नयी दिल्ली, 27 अप्रैल असम में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालने की आपराधिक साजिश से जुड़े वर्ष 2011 के पीएलए-सीपीआई (माओवादी) सांठगांठ मामले में पांच लोगों को आठ-आठ साल की जेल की सजा सुनाई है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि तीन दोषी-एन दिलीप सिंह (मणिपुर) और सेंजम धीरेन सिंह तथा आर्नल्ड सिंह (असम) प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सदस्य थे, जबकि दो अन्य दोषी-इंद्रनील चंदा व अमित बागची (पश्चिम बंगाल) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) यानी सीपीआई (माओवादी) से ताल्लुक रखते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुवाहाटी स्थित विशेष एनआईए अदालत में 21 मई 2012, 16 नवंबर 2012 और 31 जुलाई 2014 को मामले में तीन आरोपपत्र दाखिल किए थे।
प्रवक्ता ने कहा कि अदालत ने व्यापक सुनवाई के बाद बुधवार को मामले में पांचों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया और उनकी सजा का एलान किया।
एनआईए ने एक जुलाई 2011 को इस इनपुट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था कि पीएलए ने सीपीआई (माओवादी) के समर्थन से देश को अस्थिर करने की साजिश रची है।
प्रवक्ता के मुताबिक, सीपीआई (माओवादी) के नेताओं ने मणिपुर की एक अलग राष्ट्र के रूप में स्थापना करने के लिए पीएलए की अलगाववादी गतिविधियों को मान्यता और समर्थन देने की हामी भरी थी।
प्रवक्ता ने बताया कि बदले में पीएलए नेतत्व ने भारत की संवैधानिक रूप से निर्वाचित सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए सीपीआई (माओवादी) के जारी युद्ध का समर्थन करने का निर्णय लिया था।
प्रवक्ता के अनुसार, “जांच में पता चला था कि पीएलए ने कोलकाता में एक संपर्क कार्यालय खोला था, जहां पीएलए/आरपीएफ (रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट) और सीपीआई (माओवादी) के नेताओं के बीच एक बैठक हुई थी। इसमें भारत संघ के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एकीकृत कार्रवाई करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई थी।”
एनआईए ने बताया कि “पीएलए/आरपीएफ प्रशिक्षकों द्वारा सीपीआई (माओवादी) के काडर को सैन्य प्रशिक्षण देने के लिए झारखंड में पीएलए/आरपीएफ और सीपीआई (माओवादी) नेतृत्व के बीच एक द्विदलीय बैठक भी आयोजित की गई थी।”
जांच एजेंसी ने कहा, “जांच के दौरान यह भी सामने आया कि पीएलए/आरपीएफ के स्वयंभू अध्यक्ष ने छह अप्रैल 2010 को सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए सीपीआई (माओवादी) के महासचिव की सराहना भी की थी। इस हमले में छत्तीसगढ़ में 76सीआरपीएफ का एक जवान मारा गया था।”
एनआईए ने बताया कि जांच से यह भी पता चला है कि पीएलए ने माओवादी काडर को रसद सहायता प्रदान की थी और दोनों समूह नियमित रूप से एक-दूसरे के संपर्क में थे और ई-मेल का आदान-प्रदान कर रहे थे।
जांच एजेंसी ने कहा, “आरोपियों ने देश के अंदर और बाहर कई जगहों की यात्राएं की थीं तथा फर्जी नामों से कई फर्जी पहचान पत्र बनाए थे और बैंक अकाउंट खोले थे।” (भाषा)
भारत ने हिंसाग्रस्त सूडान से अपने निकासी अभियान के तहत कम से कम 1100 नागरिकों को बाहर निकाल लिया है. 360 भारतीयों का पहला जत्था बीती रात दिल्ली पहुंच गया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारत सरकार ने सूडान में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू किया हुआ है. इसी के तहत एक सप्ताह पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीयों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र के अपने समकक्षों के से बात की थी. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बुधवार देर रात एक ट्वीट में विस्थापितों की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, "भारत अपनों की वापसी का स्वागत करता है. ऑपरेशन कावेरी 360 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाया है, पहली उड़ान नई दिल्ली पहुंची है."
खारतूम से दिल्ली पहुंचे लोगों में से एक महिला ने एनडीटीवी से कहा, "वहां कब क्या हो जाएगा, पता नहीं है. आप वहां किसी भी पल मर सकते हैं."
जयशंकर ने आश्वासन दिया कि सरकार सूडान में सभी भारतीयों की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है.
भारत का ऑपरेशन कावेरी
सूडान में जब हिंसा भड़की थी तब उस वक्त करीब 3,000 भारतीय रह रहे थे. इनमें से अधिकतर राजधानी खारतूम में रह रहे थे.
मंगलवार तक पोर्ट सूडान में जमा हुए अधिकांश भारतीय नागरिकों को अब सऊदी अरब भेज दिया गया है. भारतीय अधिकारी अभी भी राजधानी शहर के पास स्थित सैन्य हवाई अड्डों के इस्तेमाल समेत खारतूम और अन्य स्थानों से फंसे हुए भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए विभिन्न विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.
इस ऑपरेशन के हिस्से के रूप में भारत ने सऊदी अरब के शहर जेद्दाह में दो बड़े सैन्य परिवहन विमान और एक नौसैनिक जहाज को अपने फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए अपनी आकस्मिक योजना के तहत हिंसा प्रभावित सूडान में एक प्रमुख बंदरगाह पर तैनात किया है.
जेद्दाह के जरिए लाए जा रहे हैं लोग
ऑपरेशन के तहत जेद्दाह में एक ट्रांजिट सुविधा स्थापित की है और सभी भारतीयों को सूडान से निकालने के बाद सऊदी अरब के तटीय शहर ले जाया गया है.
विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन निकासी मिशन की निगरानी के लिए फिलहाल जेद्दाह में हैं.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम उन भारतीयों की सुरक्षित आवाजाही के लिए विभिन्न साझेदारों के साथ समन्वय कर रहे हैं, जो सूडान में फंसे हुए हैं और निकला चाहते हैं."
भारतीय वायुसेना का सी-130जे विमान 128 भारतीयों को लेकर मंगलवार को जेद्दाह पहुंचा, जबकि आईएएनएस तेग भारतीयों के पांचवें जत्थे समेत 297 यात्रियों को लेकर बीती रात सूडान बंदरगाह से रवाना हुआ.
मुरलीधरन ने ट्वीट किया, "यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि जेद्दाह पहुंचे सभी भारतीयों को जल्द से जल्द भारत भेजा जाए."
2021 के तख्तापलट के बाद सूडान की सत्ता पर काबिज होने वाले दो जनरलों के वर्चस्व की लड़ाई में सूडान हिंसा की चपेट में हैं. ये दो जनरल हैं सूडान के सेना प्रमुख अब्देल फतह अल बुरहान और उनके डिप्टी मोहम्मद हमदान दागलो. दागलो सूडान की ताकतवर अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज यानी आरएसएफ के प्रमुख हैं. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार, लड़ाई में 459 लोग मारे गए हैं और 4,000 से अधिक घायल हुए हैं. सूडान के कई क्षेत्रों में बिजली और पानी नहीं है और खारतूम और अन्य शहरों में भोजन की कमी की रिपोर्टें हैं. (dw.com)
वाराणसी में लाखों लोग अपनी मृत्यु का इंतजार कर रहे हैं. वे सब छोड़-छाड़ कर बनारस आ जाते हैं ताकि उनकी मृत्यु इस पवित्र भूमि पर हो.
मुरली मोहन शास्त्री अपनी मौत का इंतजार कर रहे हैं. वह वाराणसी में गंगा के किनारे रोज अपनी मौत का इंतजार करते हैं. इसके लिए वह पिछले करीब दस साल से वाराणसी में रह रहे हैं.
82 साल के पूर्व कॉलेज प्रोफेसर शास्त्री अपनी पत्नी के साथ एक दशक पहले हैदराबाद में अपनी आरामदायक जिंदगी छोड़कर वाराणसी आ गए थे. अब उनकी बस एक इच्छा है कि उनका निधन वाराणसी में हो, ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो.
शास्त्री कहते हैं, "हम मृत्यु को निमंत्रण देते हैं. वह असल में हमारी मेहमान है और हमें गर्व है कि हम यहां मरेंगे.”
वाराणसीः मृत्यु का उत्सव
हिंदुओं के लिए पवित्र माने जाने वाले शहर वाराणसी में प्रोफेसर शास्त्री और उनकी पत्नी एक छोटे से घर में रहते हैं. वह अपनी मां के नक्श ए कदम पर चल रहे हैं. उनकी मां ने भी मृत्यु के लिए वाराणसी को चुना था और अपने अंतिम दिन यहीं गुजारे थे.
वैसे, भारत में पश्चिमी देशों जैसे रिटायरमेंट होम भी लोकप्रिय हो रहे हैं लेकिन शास्त्री कहते हैं कि वह अपने अंतिम दिन पढ़ते और प्रार्थना करते हुए बनारस में बिताना चाहते हैं. वह कहते हैं, "भारतीय दर्शन कहता है कि जो मोह-माया में पड़ा है, वह ईश्वर को नहीं पा सकता. जितना हो सके दुनियावी चीजों से दूर चले जाओ. उनके पीछे मत भागो. सिर्फ ईश्वर के पीछे भागो.”
लाखों हैं मोक्ष के इच्छुक
करीब दस लाख लोग गंगा किनारे बसे इस पवित्र शहर में रहते हैं, जिसे दुनिया का सबसे प्राचीन शहर कहा जाता है. यहां मृत्यु एक उत्सव है. राम प्यारी भी इस उत्सव का हिस्सा हैं. 80 वर्ष की आयु पार कर चुकीं राम प्यारी कहती हैं, "मेरा अब इस दुनिया में रहने का कोई मन नहीं है. जीवन में इतना दुख झेलना पड़ता है कि मन भर जाता है. तब आप सोचते हैं कि मोक्ष मिल जाए तो इस पीड़ा से मुक्ति मिले.”
जिस घर में ये लोग रहते हैं, उसे मुमुक्षु भवन नाम दिया गया है. यह 1920 के दशक से ही यहां मौजूद है और इसमें रहने के लिए लोगों की अर्जियां हमेशा लंबित रहती हैं. फिलहाल यहां 80 से ज्यादा लोग रह रहे हैं.
मुमुक्षु भवन के मैनेजर मुनीश कुमार पांडेय कहते हैं, "बहुत सारे लोग वाराणसी में आकर रहना चाहते हैं लेकिन हम सबको जगह नहीं दे सकते.”
जो लोग वाराणसी में रह नहीं पाते, वे भी इच्छा करते हैं कि उनका अंतिम संस्कार इस जगह पर हो क्योंकि वह भी मोक्ष का एक रास्ता है.
वीके/एए (रॉयटर्स)
भारतीय जनता पार्टी महिलाओं को ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार बनाने की योजना बना रही है. ऐसी योजना है कि 2024 में एक तिहाई सीटें महिला उम्मीदवारों को दी जाएं. 2019 में महिलाओं से मिले समर्थन को पार्टी दोहराना चाहती है.
बनारस में रहने वाली रानिका जायसवाल के घर बहुत बड़े-बड़े लोगों का आना जाना रहा है. पिछले चार दशक में भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता उनके घर आते रहे हैं. अब वह चाहती हैं कि बात आने-जाने से आगे बढ़े. 2024 के चुनावों में बीजेपी से टिकट की चाह रखने वाली जायसवाल कहती हैं, "मेरे परिवार की तीन पीढ़ियां पार्टी के साथ रही हैं. लेकिन सभी पुरुष. अब वक्त बदल रहा है. मैं महिला हूं लेकिन पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा रखती हूं. मेरे ख्याल से महिला उम्मीदवारों को जगह देना जरूरी है.”
2014 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी की जीत में महिला वोटरों की अहम भूमिका मानी गई है. 2004 में 53 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया था जबकि 2019 में यह संख्या बढ़कर 67 प्रतिशत हो गई थी. भारत के इतिहास में यह पहली बार था जबकि पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने वोट किया. भारतीय चुनाव आयोग का अनुमान है कि अगले साल यानी 2024 के आम चुनावों में यह आंकड़ा बढ़कर 69 फीसदी पर पहुंच सकता है.
कहां हैं महिलाएं?
भारत की संसद पर नजर डाली जाए तो महिलाओं की यह हिस्सेदारी नजर नहीं आती है. देश में महिलाओं की आबादी 70 करोड़ है लेकिन हर दस में से सिर्फ एक महिला को राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर नीति-निर्माण में भागीदारी मिली है.
भारतीय जनता पार्टी इस बढ़ती ताकत को समझती है. उसके लिए चुनाव जीतने की उसकी रणनीति में महिला वोटरों को खास जगह दी गई है. मंत्रियों और सांसदों समेत पार्टी के दस बड़े नेताओं ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि बीजेपी महिला वोटरों पर विशेष ध्यान दे रही है.
संसद और विधानसभाओं में मौजूदगी भारत में महिलाओं की असमानता की बड़ी मिसाल है. यह असमानता ऐसी है, जो बचपन से उनके साथ जुड़ जाती है. यूनिसेफ के आंकड़े बताते हैं कि शिशु मृत्यु दर में लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा है. यानी पैदा होने के बाद भी लड़की के मरने की संभावना ज्यादा होती है. उनके स्कूल छोड़ने की संभावना भी लड़कों से ज्यादा होती है.
और यह असमानता बढ़ते-बढ़ते छोटी-मोटी नौकरियों से लेकर बड़े-बड़े कॉरपोरेट घरानों के बोर्ड रूम तक पहुंचती है. डिलोएट संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में हर 20 पुरुषों पर भारत में एक से भी कम महिला सीईओ थी.
एक तिहाई सीटें महिलाओं को
भारतीय जनता पार्टी में समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सांसद वनाती श्रीनिवासन को सौंपी गई है. वह कहती हैं कि भारत के राजनीतिक गलियारों में महिलाओं की संख्या बढ़ाना बड़े बदलाव लेकर आएगा. हालांकि अभी विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी 2024 के चुनावों में 543 सीटों में से कम से कम एक तिहाई पर महिला उम्मीदवारों को उतारने का लक्ष्य लेकर चल रही है.
इसके साथ ही, पार्टी चाहती है कि उसके अधिकारियों में भी 900 पद महिलाओं को दिए जाएं ताकि हर स्तर पर कम से कम एक तिहाई भागीदारी महिलाओं की हो. इनमें नये पदों के अलावा वे पद भी शामिल हैं, जो अन्य नेताओं की सेवानिवृत्ति से खाली होंगे.
बीजेपी की इस रणनीति की सफलता का अंदाजा चुनकर आने वाली उसकी महिला उम्मीदवारों की संख्या से लगाया जा सकेगा. अभी संसद में पार्टी के 300 सांसद हैं जिनमें से सिर्फ 42 महिलाएं हैं.
किंग्स इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ लंदन में भारतीय राजनीति और समाजशास्त्र पढ़ाने वाले प्रोफेसर क्रिस्टोफ जैफरलोट कहते हैं, "आर्थिक तरक्की के बावजूद भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी की रफ्तार कम रही है. बीजेपी को साबित करना होगा कि वह वाकई महिलाओं को राजनीतिक मौके देने में यकीन रखती है. और आंकड़े इसकी गवाही देंगे.”
हालांकि आलोचक बीजेपी की मंशाओं पर सवाल भी उठाते हैं. कुछ आलोचकों का कहना है कि अगर पार्टी वाकई महिलाओं को भागीदारी देने को लेकर गंभीर है तो 2024 से पहले लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास करवा सकती है क्योंकि उसके पास बहुमत है. बीजेपी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
ग्रामीण महिलाओं की ओर ध्यान
भारतीय जनता पार्टी ने अपना एक निजी सर्वेक्षण करवाया है जिसमें यह बात निकल कर आई कि महिला वोटरों की बढ़ती संख्या उसकी सफलता के लिए जिम्मेदार रही है. श्रीनिवासन कहती हैं कि इसमें ग्रामीण महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक चेतना की अहम भूमिका है.
श्रनिवासन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के बारे में ज्यादा बताने से पहरेज करती हैं लेकिन उन्होंने कहा, "हजारों महिला मतदाताओं ने सर्वेक्षण के दौरान कहा कि आर्थिक तरक्की के बावजूद महिलाओं को मिले कम प्रतिनिधित्व ने उन्हें निराश किया.”
बीजेपी की छह अन्य वरिष्ठ महिला नेताओं ने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर पार्टी नेतृत्व में मौजूद रूढ़िवादी पदाधिकारियों का रवैया महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा है. ये नेता कहती हैं कि हालिया विधानसभा चुनावों के दौरान यह मुद्दा और उभर कर सामने आया जब प्रधानमंत्री मोदी या अन्य राष्ट्रीय नेताओं ने कई महिला उम्मीदवारों के टिकट काट दिए.
पिछले साल राज्यसभा की सदस्य बनीं फांगनोन कोनयाक नगालैंड से ऊपरी सदन के लिए चुनी जाने वालीं राज्य की पहली महिला बनीं. वह कहती हैं कि चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया के दौरान स्थानीय नेताओं ने कई बार उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाए क्योंकि वह अपने बच्चे की एकल अभिभावक हैं.
वह बताती हैं, "पुरुष कई बार कहते, आप घर क्यों नहीं बैठतीं, दोबारा शादी क्यों नहीं करतीं या अपने बच्चे का ख्याल क्यों नहीं रखतीं. पार्टियों के लिए यह साबित करने का मौका है कि वे महिलाओं को वरिष्ठ पदों पर देखना चाहती हैं. कई बार खेल अंदर से ही तय हो जाता है, जो महिलाओं को इन उच्च पदों पर नहीं देखना चाहते.”
नगालैंड की पहली महिला विधायक हेकानी जाखलू भी इस बात से इत्तेफाक रखती हैं. वह कहती हैं कि महिलाओं के लिए चुनाव जीतने से ज्यादा मुश्किल होता है स्थानीय पार्टी अधिकारियों को इस बात का यकीन दिला पाना कि वे चुनाव जीत सकती हैं. वह कहती हैं, "राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं रखने वाली महिलाओं को अपनी निष्ठा और नेतृत्व-क्षमता को साबित करने के कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.”
लैंगिक समानता लाने की कोशिश
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कहते हैं कि नारी शक्ति को बढ़ाना और प्रतिभाशाली महिलाओं के कौशल का लाभ उठाना उनकी पार्टी की विकास-रणनीति का अहम हिस्सा है. प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करने वाले एक अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मानते हैं कि लैंगिक समानता में सुधार प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
इस अधिकारी ने नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर कहा, "हमसे कहा गया है कि हर विभाग को अपने यहां लैंगिक समानता स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. यह लंबी अवधि में होने वाले सुधारों का हिस्सा है.”
अन्य पार्टियां भी महिला मतदाताओं की ताकत को पहचान रही हैं और प्रतिनिधित्व में असंतुलन से महिलाओं को निराशा को दूर करने की कोशिश में हैं.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को भी उम्मीद है कि इस बार ज्यादा महिलाएं उसके पक्ष में मतदान करेंगी और दो दशक से सत्ता से बाहर बैठी पार्टी की वापसी की राह आसान करेंगी. पार्टी की महिला शाखा की अध्यक्ष नेटा डिसूजा कहती हैं, "कांग्रेस पार्टी कुदरती विकास में यकीन करती है लेकिन बीजेपी ऐतिहासिक रूप से पुरुष नेताओं पर केंद्रित रही है. हमारी पार्टी किसी उम्मीदवार की लैंगिक पहचान को नहीं, उसकी दृढ़ता को देखती है.”
वीके/एए (रॉयटर्स)
भोपाल, 26 अप्रैल | मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की मुश्किल बढ़ सकती है, क्योंकि उनके खिलाफ भोपाल के जिला एवं सत्र न्यायालय ने मानहानि के मामले में आरोप तय कर दिए हैं। यह मानहानि का मामला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने दर्ज कराया था। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने जुलाई 2014 को एक बयान दिया था, जिसमें तत्कालीन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के महामंत्री विष्णु दत्त शर्मा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने आरएसएस और व्यापमं की बीच बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। इसी को लेकर शर्मा ने प्रकरण दर्ज कराया। सिंह पर धारा 500 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ।
शर्मा ने अपनी शिकायत मंे कहा था कि सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के सामने उनके विरुद्ध आरोप लगाते हुए कहा था कि शर्मा एबीवीपी के महामंत्री रहे हैं, उनके द्वारा आरएसएस और व्यापमं के बीच में बिचौलिए का काम किया गया है, जिसका प्रकाशन समाचार पत्रों में हुआ था, जिसको आमजन द्वारा पढ़ा गया एवं आम जनता के बीच में उनकी उक्त आरोपों के कारण छवि धूमिल हुई थी।
भाजपा के मीडिया विभाग के प्रमुख लोकेंद्र पाराशर ने बताया है कि भोपाल जिला एवं सत्र न्यायालय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा द्वारा दायर किए गए मानहानि मुकदमे में दिग्विजय सिंह पर भारतीय दंड विधान की धारा 500 के आरोप अदालत में तय हो गए हैं।
उन्होंने बताया है कि दिग्विजय सिंह द्वारा शर्मा के ऊपर झूठे आरोप लगाए थे, जबकि शर्मा आज तक न तो किसी एजेंसी के सामने पूछताछ के लिए गए, न उनको कोई समन हुआ है और न ही उनका व्यापमं के मामले से कोई संबंध था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 अप्रैल | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने एससी/एसटी छात्रवृत्ति घोटाला मामले में इजहार हुसैन जाफरी, अली अब्बास जाफरी और रवि प्रकाश गुप्ता नाम के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी ने हाल ही में हरिद्वार जिले में जमीन और एक इमारत के रूप में 5.62 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की थी, जो रुड़की में फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस चलाने वाले सेठ बियाली प्रसाद जैन एजुकेशनल ट्रस्ट की थी।
ईडी ने हरिद्वार पुलिस, उत्तराखंड द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए के तहत जांच शुरू की।
जांच के दौरान पता चला कि फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, रुड़की ने 2011-12 से 2014-2015 की अवधि के लिए समाज कल्याण विभाग, हरिद्वार से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के नाम पर धोखाधड़ी से भारी मात्रा में छात्रवृत्ति प्राप्त की थी।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, संस्थान ने एससी/एसटी छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए झूठे दावे किए थे, जिसे सेठ बिमल प्रसाद जैन एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा संचालित फोनिक्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, रुड़की द्वारा अपने ट्रस्टियों के माध्यम से गबन किया गया और भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि इस अवैध धन को या तो सेठ बिमल प्रसाद जैन एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खातों या कॉलेज के अन्य खातों में भेज दिया गया था, जिसका उपयोग ट्रस्ट के खर्चो के लिए किया गया था और नकद में वापस ले लिया गया था।
टेकवर्ड वली ग्राम उद्योग विकास संस्थान, ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, रुड़की चलाने वाले वली ग्राम उद्योग विकास संस्थान, रुड़की की हरिद्वार में स्थित भूमि की प्रकृति की 1.45 करोड़ रुपये की संपत्ति पूर्व में भी एससी/एसटी छात्रवृत्ति घोटाले में कुर्क की जा चुकी है। मामला।
इस मामले में अब तक की कुल कुर्की 7.07 करोड़ रुपये है। मामले में आगे की जांच की जा रही है। (आईएएनएस)
भोपाल, 27 अप्रैल | मध्य प्रदेश पुलिस ने बुधवार को धार जिले में एक 22 वर्षीय महिला की कथित तौर पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने वाले व्यक्ति के घर को ढहा दिया। आरोपी की पहचान दीपक कुमार (22) के रूप में हुई है, जिसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने महिला पर बहुत करीब से दो बार गोली चलाई थी, एक उसके सिर पर और दूसरी उसकी छाती पर। पुलिस ने कहा कि आरोपी पीड़िता का प्रेमी था, जो पिछले दो साल से उसका पीछा कर रहा था।
धार जिले के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने कहा, दीपक पिछले दो साल से महिला का पीछा कर रहा था। बुधवार को उसने उसे सड़क पर अकेला पाया और उस पर गोलियां चला दीं। वह अभी भी फरार है और उसे पकड़ने के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया है। 10,000 रुपये का इनाम रखा गया है। किसी भी जानकारी के लिए भी घोषणा की गई है, जो पुलिस को दीपक तक ले जा सकती है।
घटना सुबह करीब 11 बजे की है, जब बसंत विहार की रहने वाली पीड़िता अपनी सहेली के साथ मंदिर गई थी।
बाद में बुधवार शाम को पुलिस ने बुलडोजर चलाकर आरोपी के घर को तोड़ दिया।
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग के अलावा मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, महिला ने पहले आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था। यह बहुत चिंता का विषय है कि सरकार महिला की जान नहीं बचा सकी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 अप्रैल | अग्रणी डिजिटल भुगतान ब्रांड पेटीएम का स्वामित्व रखने वाली वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) ने बुधवार को केदारनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को पेटीएम क्यूआर कोड को स्कैन करके पेटीएम यूपीआई या वॉलेट का उपयोग कर दान करने में सक्षम बनाया। पूरे भारत के भक्त पेटीएम सुपर ऐप के माध्यम से अपने घर बैठे उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित पवित्र मंदिर में दान कर सकते हैं।
पेटीएम प्रवक्ता ने कहा, भारत में क्यूआर और मोबाइल भुगतान के अग्रणी के रूप में हमने केदारनाथ मंदिर के दरवाजे पर डिजिटल दान को सक्षम किया है, जहां श्रद्धालु मंदिर में पेटीएम क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं और पेटीएम यूपीआई, पेटीएम वॉलेट और अन्य के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।
प्रवक्ता ने कहा, हम देश के कोने-कोने में अपने अभिनव मोबाइल भुगतान समाधान लेकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
केदारनाथ मंदिर चार धाम यात्रा का सबसे दूरस्थ तीर्थ स्थान है और मंगलवार को इसके कपाट भक्तों के लिए फिर से खोल दिए गए।
मंदिर में आने वाले भक्त पेटीएम क्यूआर कोड को आसानी से स्कैन कर सकते हैं और पेटीएम वॉलेट, पेटीएम यूपीआई लाइट, पेटीएम पोस्टपेड और अन्य भुगतान विधियों के अलावा पेटीएम यूपीआई के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।
पेटीएम भारत का भुगतान सुपर ऐप है जो उपभोक्ताओं और व्यापारियों को सबसे व्यापक भुगतान सेवाएं प्रदान करता है।
भारत में मोबाइल क्यूआर भुगतान क्रांति के अग्रणी, पेटीएम का मिशन प्रौद्योगिकी-आधारित वित्तीय सेवाओं के माध्यम से आधे अरब भारतीयों को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में लाना है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 अप्रैल | कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुघ ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि 30 अप्रैल को उनके पर्यवेक्षक की सेवानिवृत्ति से पहले उन्हें अपनी पीएचडी थीसिस जमा करने की अनुमति दी जाए। प्रतिबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की दिल्ली विश्वविद्यालय में स्क्रीनिंग आयोजित करने के आरोप में उन्हें से प्रतिबंधित किया गया था। चुघ की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की पीठ को अवगत कराया कि अगर अंतरिम राहत नहीं दी गई तो विश्वविद्यालय बाद में अपनी पसंद का पर्यवेक्षक नियुक्त करेगा।
हालांकि, विश्वविद्यालय के वकील एम. रूपल ने तर्क दिया कि कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा और अदालत के हस्तक्षेप से गलत संदेश जाएगा।
अदालत को सूचित किया गया था कि वर्तमान पर्यवेक्षक की सेवानिवृत्ति के बाद थीसिस पर याचिकाकर्ता के साथ काम करने वाले सलाहकारों में से एक उसकी जगह ले लेगा और याचिकाकर्ता ने सभी आवश्यकताओं को पूरा किया था और उसे वाइवा के लिए उपस्थित होना आवश्यक था।
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने भी विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया और न्यायमूर्ति कौरव से इस मामले में सुनवाई टालने का आग्रह किया, क्योंकि वह उच्चतम न्यायालय के समक्ष सुनवाई कर रही एक संविधान पीठ में पेश हो रहे थे।
रूपल ने कहा कि याचिकाकर्ता की थीसिस और उनके सुपरवाइजर की भूमिका खत्म हो चुकी है और अगर वह यहां अपने मामले में सफल होते हैं तो इस पर प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जाएगी और मामले में कोई जल्दबाजी नहीं थी। उन्होंने कहा, एक गलत संदेश जाएगा। वे नियम दिखाए बिना जल्दबाजी का आरोप लगा रहे हैं। कोई बाधा नहीं है।
वकील ने कहा, भले ही पर्यवेक्षक सेवानिवृत्त हो जाए, यह रास्ते में नहीं आएगा। विभाग जारी है।
यह सूचित किए जाने के बाद कि याचिकाकर्ता की थीसिस को अधिकारियों द्वारा डिबारमेंट आदेश के कारण प्रस्तुत करने के बाद वापस कर दिया गया था, न्यायमूर्ति कौरव ने मामले को 27 अप्रैल को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। (आईएएनएस)
प्रयागराज, 27 अप्रैल | एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, फोरेंसिक जांच रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में गैंगस्टर अतीक अहमद के ध्वस्त किए गए कार्यालय में पाए गए खून के धब्बे मानव रक्त थे। बुधवार देर रात विशेष जांच दल को रिपोर्ट सौंपी गई। सोमवार को चकिया स्थित कार्यालय के अंदर खून के धब्बे और खून से सना चाकू मिला था। इसके बाद नमूने लेने के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया था।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि जांच से पता चला है कि ध्वस्त और परित्यक्त इमारत में स्थानीय नशेड़ियों का आना-जाना लगा रहता है।
पुलिस ने कुछ नशेड़ियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है और उनमें से कुछ को चोटें आई हैं।
अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की तीन लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के कुछ दिनों बाद यह मामला सामने आया। (आईएएनएस)
लखनऊ, 27 अप्रैल | नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन में 14 साल के तेंदुआ अशोक की बुधवार को मौत हो गई। तेंदुआ कुछ समय से बीमार था और 13 दिनों से आईवी तरल पदार्थ और दवाओं पर निर्भर था। चिड़ियाघर में स्थित पशु चिकित्सालय में पशुचिकित्सक उसकी देखभाल में लगे हुए थे। लेकिन हाल ही में उसकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी।
पशु चिकित्सकों के एक पैनल ने तेंदुए का पोस्टमॉर्टम किया है।
वर्तमान में, लखनऊ चिड़ियाघर में 11 तेंदुए हैं। (आईएएनएस)
ग्रेटर नोएडा, 27 अप्रैल | साइबर फ्रॉड हो या नौकरी दिलाने की बात, सभी जगह भोले भाले बेरोजगार लोगों को फ्रॉड करने वाले निशाना बनाते हैं। सामने आए ताजा मामले के मुताबिक ग्रेटर नोएडा के दादरी पुलिस ने एक मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। इसके मुताबिक एक महिला ने अपने आप को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बताते हुए 12 लोगों के साथ ठगी की है। यह ठगी नौकरी दिलाने के नाम पर की गई है। तुलसी विहार कॉलोनी में एक ब्यूटी पार्लर संचालिका से नौकरी लगवाने के नाम पर एक महिला ने 10 हजार रुपये की ठगी कर ली। वहीं आरोपी महिला द्वारा अन्य 11 लोगों से भी इस तरीके के लाखों रुपए की ठगी करने की बात सामने आई है। पीड़ितों की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ब्यूटी पार्लर संचालिका शोभा ने पुलिस को बताया कि 3 अप्रैल को उनके पार्लर में एक महिला आई। वह अपने आपको आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बताने लगी। 22 हजार प्रति माह की नौकरी दिलवाने का वादा किया और उसके लिए पहले पैसे देने की शर्त रखी। उसकी बातों में आकर उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से उसके खाते में दो बार में 10 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में उसने फोन रिसीव करना बंद कर दिया। उसके बाद शोभा उसके बताए पते गाजियाबाद पहुंची तो पता चला कि महिला का नाम सुनीता ऊर्फ प्रियंका है और वह 11 अन्य लोगों के साथ भी ठगी कर चुकी है। (आईएएनएस)