राष्ट्रीय
गुरुग्राम, 20 अप्रैल | जिले में संगठित अपराध पर अंकुश लगाने और आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने के लिए गुरुग्राम पुलिस ने बुधवार तड़के एक तलाशी अभियान चलाया। पुलिस ने कहा कि कुख्यात बदमाशों के रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया।
पुलिस के मुताबिक, खोड़ गांव, जाट शाहपुर, बसुंडा, गोरियावास, खंडेवला, तिरपड़ी, बोहड़ा खुर्द, ताजनगर, शक्ति पार्क सेक्टर-10, नखडोला और पटौदी के बसई समेत 19 अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई की गई।
इस तलाशी अभियान में डीसीपी क्राइम, डीसीपी वेस्ट, 7 एसीपी और 9 एसएचओ के नेतृत्व में लगभग 550 पुलिसकर्मी शामिल थे।
अभियान का मुख्य उद्देश्य, जिसमें डीसीपी-रैंक के अधिकारियों सहित 550 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे, जिले में संगठित अपराध को नष्ट करना और अपराधियों के नेटवर्क को खत्म करना था।
कुल 67 मोबाइल फोन, दो टैबलेट, 13 सिम कार्ड, चार वाई-फाई डोंगल, सात रजिस्ट्री सर्टिफिकेट, जमीन के कागजात, दो एसयूवी, एक ट्रैक्टर, चार दुपहिया वाहन, दो चाकू, एक पिस्टल मैगजीन और 2,97,822 रुपये बरामद छापेमारी के दौरान कैश बरामद किया गया है।
पुलिस ने पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान सुमित उर्फ बबुआ, संदीप तिरपदी, नवीन, हेमंत उर्फ हेमू और एक महिला के रूप में हुई है।
प्रीत पाल सांगवान, एसीपी (अपराध) ने कहा कि नवीन हत्या, अपहरण, डकैती, रंगदारी आदि के करीब एक दर्जन मामलों में वांछित था, जबकि हेमंत भी करीब आधा दर्जन संगीन मामलों में शामिल था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य संगठित अपराध को खत्म करना और नेटवर्क को खत्म करना था। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए इस तरह के अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे। (आईएएनएस)|
सना, 20 अप्रैल | यमन की राजधानी सना में एक सहायता वितरण केंद्र में भगदड़ मचने से कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई और 220 घायल हो गए। हौथी के नेतृत्व वाले स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अनीस अल-सुबैही ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक हौथी-नियंत्रित आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल खालिक अल-अजरी ने हौथी-संचालित सबा समाचार को बताया कि बुधवार शाम भगदड़ कुछ व्यापारियों द्वारा मंत्रालय के साथ समन्वय के बिना धन के वितरण के कारण हुई।
मुसलमानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक, ईद अल-फितर के के दौरान कुछ लोग गरीबों को दान आदि करते हैं। (आईएएनएस)|
ग्रेटर नोएडा, 20 अप्रैल | यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 10 में वंदे भारत रेल के लिए कोच बनने की तैयारी हो रही है। पश्चिम बंगाल में वंदे भारत ट्रेन के कोच और पहिए बनाने वाली कंपनी टीटागढ़ वैगंस लिमिटेड और रामकृष्णा फॉरगिंग्स लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों ने यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों से मुलाकात कर 100 एकड़ जगह मांगी है। टीटागढ़ वैगंस लिमिटेड के वित्त निदेशक अनिल कुमार अग्रवाल और रामा कृष्णा फॉरगिंग्स लिमिटेड के चीफ फाइनेंस अधिकारी ललित कुमार खेतान ने यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह से मुलाकात की है। अधिकारियों के मुताबिक उनकी कंपनियां पश्चिम बंगाल में हर साल 800 रेल कोच बना रही हैं, इसके अलावा रेल पहिए भी बनाए जा रहे हैं। अब यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में रेल कोच बनाने की फैक्ट्री लगाना चाहते हैं इसके लिए उन्हें 100 एकड़ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। कंपनी पहले चरण में 7000 करोड़ रुपए और कुल 25000 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने कहा है कि सेक्टर 10 में जमीन उपलब्ध है। कंपनी के अधिकारियों को मौका मुआयना कराया गया। उन्हें जमीन पसंद भी आ गई है। दोनों कंपनियां यहां ज्वाइंट वेंचर बनाकर औद्योगिक इकाई लगाएंगे। इससे पहले वह पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और झारखंड में भी औद्योगिक इकाई लगाने के लिए जमीन देख चुके हैं।
प्रयागराज, 20 अप्रैल | माफिया अतीक अहमद की मोस्टवांटेड पत्नी शाइस्ता परवीन को खोजने के लिए पुलिस की कई टीमें लगी हैं, जो जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं। पुलिस के सूत्र बताते हैं कि हर रोज पुलिस को शाइस्ता के बारे में नए सुराग मिलते हैं, लेकिन वह गायब हो जा रही है। पुलिस की पकड़ से वह अभी दूर है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस प्रयागराज के साथ कौशांबी जनपद में जगह-जगह छपा मार रही है। कई घरों में खोजबीन के साथ गंगा और यमुना के कछारी इलाके में ड्रोन कैमरे के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि अभी वह पकड़ से दूर है।
कई राज्यों, शहरों में छापामारी के बाद एक बार फिर प्रयागराज और कौशाम्बी के कई गांवों में तलाश शुरू हुई। पुलिस को सुराग मिली थी कि अतीक की पत्नी कौशाम्बी के कछारी इलाकों में छिपी हो सकती है। इसके बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। रिहायशी इलाकों के साथ खंडहर, जंगल और नदी के किनारे पुलिस टीमें छापामारी को पहुंची।
स्थानीय लोगों के मुताबिक अतीक की अधिकतर रिश्तेदारियां खुल्दाबाद, कौशांबी, कोखराज और संदीपन घाट के गांवों में हैं। पुलिस को भनक लगी की वह गंगा के कछार में छिपी है। पुलिस ने कौशांबी के खालसा, उजैहिनी समेत कई गांवों में छापेमारी की, लेकिन शाइस्ता का पता नहीं चला।
प्रयागराज में कई मुस्लिम बाहुल्य इलाके हैं, जहां अतीक के परिवार का खासा दबदबा माना जाता है। साथ ही गंगा पार और यमुनापार के इलाकों में भी उसके तमाम जानने वाले हैं। माना जा रहा है कि वह जिले में ही कहीं छिपी है और लगातार ठिकाने बदल रही है।
सूत्र बताते हैं कि उमेश हत्याकांड में शामिल जो लोग भी अब तक पुलिस की गिरफ्त में आए हैं, वे मारे ही गए हैं। ऐसे में शाइस्ता पुलिस पर भी विश्वास नहीं कर पा रही है। पति अतीक और देवर अशरफ की हत्या के बाद परिवार में वो ही सबसे बड़ी सदस्य है। ऐसे में चार बेटों को संभालने की जिम्मेदारी भी उस पर है। हो सकता है इसीलिए शाइस्ता कोई खतरा मोल न लेना चाहती हो। यही वजह है कि शाइस्ता बेटे असद और पति अतीक के जनाजे में भी नहीं पहुंची।
संभावना जताई जा रही है कि कुछ सफेदपोश लोगों ने अपना राज खुलने के डर से अतीक की हत्या करवाई है। ऐसे में शाइस्ता को भी डर है कि वह इस वक्त अगर सरेंडर करती है, तो उसकी जान को भी खतरा हो सकता है। ऐसे में शाइस्ता सरेंडर के लिए सही समय का इंतजार कर रही है।
ज्ञात हो कि विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को हत्या के बाद से ही माफिया डॉन अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार चल रही है। परवीन के ऊपर अब 50 हजार का इनाम घोषित है। उसकी खोजबीन में पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें लगी है, लेकिन उसका कहीं सुराग नहीं लग सका है। शाइस्ता अपने बेटे असद के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद भी सामने नहीं आई। शौहर अतीक और देवर की हत्या हो गई, लेकिन वह जनाजे में नहीं पहुंची। (आईएएनएस)|
लखीमपुर खीरी, 20 अप्रैल | दुधवा नेशनल पार्क (डीएनपी) में एक जंगली मादा हाथी का शव मिला है। दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक बी प्रभाकर ने कहा कि बुधवार को दक्षिण सोनारीपुर रेंज में गश्त के दौरान फील्ड अधिकारियों ने शव देखा। सोनारीपुर रेंज अधिकारी ने उप निदेशक डीएनपी रेंगाराजू टी को सूचित किया, जिन्होंने पशु चिकित्सकों के साथ हाथी के शव का निरीक्षण किया।
प्रभाकर ने कहा कि एनटीसीए द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, शव का पोस्टमॉर्टम तीन पशु चिकित्सकों, दुधवा के डॉ. दया शंकर, कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के डॉ. दीपक वर्मा और डॉ. बाबू निगम के एक पैनल द्वारा किया गया था।
उन्होंने कहा कि पैनल द्वारा पोस्टमॉर्टम जांच में मौत का कारण अंदर सड़े हुए भ्रूण के कारण गर्भाशय में संक्रमण बताया गया है।
उन्होंने कहा कि मृत हथिनी की उम्र करीब 20 वर्ष आंकी गई है।
दुधवा लगभग दो दर्जन कैंप हाथियों के अलावा कई जंगली हाथियों का घर है।
पड़ोसी देश नेपाल के हाथी भी नियमित रूप से डीएनपी को नेपाल के जंगलों से जोड़ने वाले गलियारों के माध्यम से दुधवा जंगलों में आते-जाते रहते हैं। (आईएएनएस)|
पीलीभीत, 20 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के किला में एक महिला को उसके पति और अन्य ससुराल वालों ने जलाकर मारने की कोशिश की। पुलिस ने यह जानकारी दी। उसके पति समेत ससुराल के छह लोगों पर आईपीसी की धारा 307 तथा अन्य धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं।
एसएचओ जगत सिंह ने बताया कि 13 अप्रैल को कथित तौर पर प्रताप सिंह ने दहेज न देने के कारण अपनी पत्नी रजनी पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।
पीड़िता की स्थिति गंभीर है। डॉक्टरों का कहना है कि वह लगभग 80 प्रतिशत जल चुकी है।
फरवरी 2018 में उनकी शादी हुई थी।
पीड़िता की मां ने बताया कि उन्होंने शादी के समय पर्याप्त दहेज दिया था, लेकिन उसके ससुराल वाले दो लाख रुपए और मांग रहे थे।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। (आईएएनएस)
केदारनाथ, 20 अप्रैल | श्री केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे, इसके लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में संबंधित विभागों द्वारा यात्रा व्यवस्थाओं के लिए तैयारियां तत्परता से की जा रही हैं। लेकिन केदारनाथ धाम में विगत दिनों से मौसम खराब होने से हो रही बारिश व भारी बर्फबारी होने के कारण किए जा रहे निर्माण कार्यों एवं व्यवस्थाओं को दुरस्त करने में व्यवधान हो रहा है। इसके बावजूद श्रमिकों द्वारा विषम कठिन परिस्थितियों में भी भारी बर्फबारी में कार्य किया जा रहा है।
अवर अभियंता डीडीएमए सुरेंद्र सिंह रावत ने अवगत कराया है कि केदारनाथ धाम में विगत दिनों से हो रही बारिश एवं भारी बर्फबारी के कारण भैरव ग्लेशियर के समीप ग्लेशियर व हिमखण्ड आने के कारण केदारनाथ यात्रा मार्ग आवागमन हेतु अवरूद्ध हो गया है। उन्होंने अवगत कराया कि बर्फबारी रूकने पर श्रमिको द्वारा अवरूद्ध मार्ग से बर्फ हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 20 अप्रैल | लखनऊ पुलिस ने एक युवा जोड़े को गिरफ्तार किया है जिसने पहले पीड़ितों को मूवी डेट के लिए फुसलाया और फिर उनके शीतल पेय में नशीला पदार्थ मिलाकर उन्हें लूट लिया। दंपति पीड़ित का कीमती सामान लूटने के बाद उन्हें हॉल में बेहोश छोड़कर वहां से चंपत हो जाते थे।
25 वर्षीय अंकिता कटारिया और उसके 35 वर्षीय पति अमित कुमार ने कहा कि वे एक यूट्यूब वीडियो से प्रेरित होकर यह काम कर रहे थे।
पहले अंकिता फेसबुक पर एक शख्स से दोस्ती करती थी। फिर, वह उससे पॉश गोमती नगर शॉपिंग मॉल में मूवी डेट के लिए बुलाती थी।
फिल्म के दौरान युगल उस व्यक्ति के शीतल पेय में नशीली दवा मिलाकर उसे बेहोश कर देता था और सभी कीमती सामान लूट लेता था।
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) हृदेश कुमार ने कहा, दो व्यक्तियों द्वारा इस तरह के दो मामले दर्ज किए गए थे - पहला जनवरी में और दूसरा मार्च में। शॉपिंग मॉल के सीसीटीवी फुटेज और निगरानी की मदद से महिला को पकड़ा गया। दोनों को गोमती नगर में अंबेडकर चौराहे से तीन लाख रुपये के कीमती सामान के साथ गिरफ्तार किया गया।
दोनों आरोपी पिछले दो साल से ऐसा कर रहे हैं। कीमती सामान बेचने में महिला का पति उसकी मदद करता था।
डीसीपी ने कहा, उनके खिलाफ गोमती नगर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की कई धाराओं के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और अन्य थानों में भी इसी तरह के मामलों की जांच की जा रही है। (आईएएनएस)|
फरुर्खाबाद (उत्तर प्रदेश), 20 अप्रैल | फरुखाबाद जिले के दरौरा गांव में तेजाब पीने से 35 वर्षीय महिला और उसके 14 वर्षीय बेटे की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक कक्षा आठ के छात्र प्रेम को उसकी मां मालती देवी ने डांटा था, इससे नाराज होकर उसने घर में रखा तेजाब पी लिया। बेटे की बिगड़ती हालत देख मां ने भी तेजाब पी लिया। मालती देवी के पति अवनीश कुमार ने कहा, जब घटना हुई, तब मैं मंदिर में था और घर पर मौजूद मेरी बेटी पलक ने मुझे फोन किया। मैं घर पहुंचा और ग्रामीणों की मदद से उन्हें जिला अस्पताल ले गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
सूचना मिलने पर पुलिस अस्पताल पहुंची और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
फरुखाबाद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा, जांच जारी है और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सीओ अमृतपुर रवींद्र नाथ राय व थानाध्यक्ष अमरपाल सिंह सहित कई अधिकारी गांव पहुंचे और परिजनों व पड़ोसियों से घटना के संबंध में पूछताछ की। (आईएएनएस)|
कोलकाता, 20 अप्रैल | विश्वभारती विश्वविद्यालय ने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को अंतिम निष्कासन नोटिस जारी कर उन्हें पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में विश्वविद्यालय परिसर के भीतर 6 मई तक विवादित 13 डिसमिल जमीन खाली करने को कहा है। सेन इस समय अमेरिका में हैं। 13 अप्रैल को बोलपुर में एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस के हस्तक्षेप का आदेश देने के बावजूद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने यह ताजा नोटिस जारी किया है।
सूत्रों के अनुसार, नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री के वकील द्वारा दायर एक याचिका के बाद कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था। इसमें भूमि के विवादित हिस्से को लेकर सेन के खिलाफ विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा संभावित बेदखली अभियान पर कानून और व्यवस्था के उल्लंघन की आशंका व्यक्त की गई थी।
आदेश में कार्यपालक दंडाधिकारी ने शांति निकेतन थाना प्रभारी को तत्काल मामले के निस्तारण तक क्षेत्र में अमन-चैन बनाए रखने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि विवाद 13 डिसमिल जमीन को लेकर है। इसकी शुरुआत तब हुई जब विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने सेन पर अवैध रूप से 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया, जो उनके 1.25 एकड़ के कानूनी अधिकार से अधिक है।
हालांकि, नोबेल पुरस्कार विजेता ने इस आरोप का खंडन किया। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 20 अप्रैल | एप्पल के सीईओ टिम कुक ने गुरुवार को ग्राहकों का स्वागत करते हुए राजधानी में कंपनी के दूसरे फ्लैगशिप स्टोर का उद्घाटन किया। दक्षिण दिल्ली के साकेत में सेलेक्ट सिटीवॉक मॉल में एप्पल का अपना ब्रांडेड रिटेल स्टोर प्रशंसकों और ग्राहकों से खचाखच भरा हुआ था, जहां कुक ने ग्राहकों का स्वागत किया।
एप्पल स्टोर ग्राहकों को टेक्नोलॉजी के विभिन्न पहलुओं को जानने के लिए व्यक्तिगत समर्थन और अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा।
रिटेल के एप्पल की वरिष्ठ उपाध्यक्ष, डिएड्रे ओ'ब्रायन ने कहा, "हम भारत में एप्पल का अपना दूसरा रिटेल स्टोर दिल्ली में खोलकर अपने ग्राहकों के लिए एप्पल का सर्वश्रेष्ठ पेश करने को लेकर रोमांचित हैं।"
उन्होंने कहा, "हमारी टीम के सदस्य स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ने और अपने जुनून को आगे बढ़ाने के नए तरीके खोजने में मदद करने और हमारे अद्भुत उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से उनकी रचनात्मकता को उजागर करने के लिए तत्पर हैं।"
कुक ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर से मुलाकात की और चर्चा की कि स्थानीय विनिर्माण और आईफोन निर्यात को कैसे बढ़ावा दिया जाए।
स्टोर में 70 से अधिक उच्च-कुशल रिटेल टीम के सदस्य हैं जो 18 राज्यों से आते हैं और सामूहिक रूप से 15 से अधिक भाषाएं बोलते हैं।
हैंड्स-ऑन तकनीकी और हार्डवेयर सपोर्ट के लिए, ग्राहक विशेषज्ञ की मदद के लिए एप्पल साकेत के जीनियस बार में रिजर्वेशन करा सकते हैं।
एप्पल ने कहा, "जीनियस बार अपॉइंटमेंट डिवाइस को सेट करने, एप्पल आईडी को रिकवर करने, एप्पलकेयर प्लान का चयन करने या सब्सक्रिप्शन को संशोधित करने से लेकर हर चीज में मदद कर सकता है।"
एप्पल साकेत में, 'टुडे एट एप्पल' प्रोग्रामिंग अधिक व्यक्तिगत ग्राहक अनुभव के लिए एक राउंडटेबल सेटिंग में होगी। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 20 अप्रैल | भारत में लू की आवृत्ति, तीव्रता और घातकता बढ़ रही है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि और अन्य सामाजिक-आर्थिक तथा सांस्कृतिक व्यवस्थाओं पर बोझ पड़ रहा है। ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय के रामित देबनाथ और उनके सहयोगियों द्वारा पीएलओएस क्लाइमेट में प्रकाशित अध्ययन, लेथल हीट वेव्स आर चैलेंजिंग इंडियाज सस्टेनेबल डेवलपमेंट में यह बात कही गई है। इसमें सुझाव दिया गया है कि लू की आशंका जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ गई हैं। इसकी वजह से सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत की प्रगति बाधित हो सकती है।
भारत ने गरीबी उन्मूलन, बेहतर स्वास्थ्य एवं आरोग्य और अच्छा काम तथा आर्थिक विकास सहित संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। वर्तमान आकलन से इस बात का पूरी तरह पता नहीं चलता कि जलवायु परिवर्तन से जुड़ी लू एसडीजी की प्रगति को कैसे प्रभावित कर सकती है।
भारत की जलवायु को संभावित खतरे और जलवायु परिवर्तन एसडीजी प्रगति को कैसे प्रभावित कर सकता है, इसके विश्लेषण के लिए शोधकर्ताओं ने भारत के ताप सूचकांक का जलवायु संकट सूचकांक के साथ एक विश्लेषणात्मक मूल्यांकन किया। जलवायु संकट सूचकांक में सामाजिक-आर्थिक, आजीविका और जैव-भौतिक कारकों को शामिल कर इसे एक समग्र सूचकांक बनाया गया है।
गंभीरता श्रेणियों को वर्गीकृत करने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार के राष्ट्रीय डेटा और विश्लेषण प्लेटफॉर्मो से राज्य स्तरीय जलवायु संकट सूचकांकों के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा का उपयोग किया है।
इसके बाद शोधकर्ताओं ने 2001 से 2021 के दौरान एसडीजी में भारत की प्रगति की तुलना मौसम के उग्र रूप (लू, शीतलहर, भारी बारशि आदि) से संबंधित मौतों के साथ की।
शोधकर्ताओं ने पाया कि लू ने एसडीजी प्रगति को पहले के अनुमान से कहीं अधिक कमजोर कर दिया है और वर्तमान मूल्यांकन मेट्रिक्स जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति भारत की कमजोरियों का सही अनुमान लगाने में विफल हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अध्ययन के अनुसार, ताप सूचकांक के आंकलन से पता चलता है कि देश का लगभग 90 प्रतिशत भाग लू के प्रभाव से खतरे में है।
जलवायु संकट सूचकांक के अनुसार, देश का लगभग 20 प्रतिशत भाग जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। इसी तरह के प्रभाव राष्ट्रीय राजधानी के लिए देखे गए थे, जहां लू के प्रभाव के अनुमानों से पता चलता है कि लगभग पूरी दिल्ली को जबरदस्त लू का खतरा है, जो जलवायु परिवर्तन के लिए इसकी हालिया राज्य कार्य योजना में परिलक्षित नहीं होता है।
हालाँकि, इस अध्ययन की कई सीमाएँ थीं। उदाहरण के लिए जलवायु संकट सूचकांक डेटा (2019-2020) और ताप सूचकांक डेटा (2022) के लिए असंगत समय सीमा। भविष्य के अध्ययनों में अधिक से अधिक हाल के डेटा को शामिल करना चाहिए।
लेखकों के मुताबिक, इस अध्ययन से पता चलता है कि लू जलवायु परिवर्तन के लिए पहले से अनुमानित जलवायु संकट सूचकांक की तुलना में अधिक भारतीय राज्यों को कमजोर बनाती हैं।
भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में लू ज्यादा चल रही है और ज्यादा लंबे समय के लिए चल रही है। यह सही समय है कि जलवायु विशेषज्ञ और नीति निमार्ता देश के जलवायु संकट का आकलन करने के लिए मेट्रिक्स का पुनर्मूल्यांकन करें।
लेखक कहते हैं: भारत में लू की तीव्रता बढ़ रही है। इससे देश के 80 प्रतिशत लोग खतरे में हैं। देश के वर्तमान जलवायु संकट आकलन में इसके बारे में नहीं सोचा गया है। यदि इसका तुरंत समाधान नहीं किया जाता है तो सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत की प्रगति सुस्त पड़ सकती है। (आईएएनएस)|
बेंगलुरू, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| कर्नाटक के 31 आदिवासी संकटग्रस्त सूडान में फंसे हुए हैं और उन्हें वापस लाने में सरकार की निष्क्रियता के आरोप वाली टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बीच ट्विटर वॉर छिड़ गया है। मंगलवार को, सिद्धारमैया ने संकटग्रस्त सूडान में फंसे कर्नाटक के आदिवासियों को बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों से अपील की थी, यह आरोप लगाते हुए कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिस पर जयशंकर ने जवाब दिया था: मैं आपके ट्वीट से हैरान हूं! जीवन दांव पर लगा है, राजनीति मत करो।
जयशंकर ने कहा, खार्तूम सूडान में ज्यादातर भारतीय नागरिकों और पीआईओ के साथ लगातार संपर्क में है।
विदेश मंत्री पर तंज कसते हुए सिद्धारमैया ने उनसे उस व्यक्ति की ओर इशारा करने को कहा जिससे लोगों को वापस लाने के लिए संपर्क किया जा सके क्योंकि वह बिजी हैं।
सिद्धारमैया ने मंगलवार देर रात पोस्ट किया, चूंकि आप (जयशंकर) विदेश मंत्री हैं, मैंने आपसे मदद की अपील की है। यदि आप बिजी हैं, तो कृपया हमें उस व्यक्ति के बारे में बताएं जो हमारे लोगों को वापस लाने में हमारी मदद कर सके।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह सिद्धारमैया को केंद्रीय विदेश मंत्री की ओर से सबसे भयावह प्रतिक्रिया है।
सिद्धारमैया ने पोस्ट की एक सीरीज में कहा था, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से तत्काल हस्तक्षेप करने और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं।
कांग्रेस नेता ने कहा, सूडान में हक्की पिक्की पिछले कुछ दिनों से बिना भोजन के फंसे हुए हैं और सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है। भाजपा सरकार को हक्की-पिक्की की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक चर्चा करनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों तक पहुंचना चाहिए।
आपको बता दें कि कर्नाटक के प्रमुख आदिवासी समुदायों में से एक 'हक्की पिक्की' है। कन्नड़ में 'हक्की' शब्द का इस्तेमाल 'पक्षी' और 'पिक्की' का इस्तेमाल 'पकड़ने' के लिए किया जाता है, यानी इस समुदाय का पारंपरिक व्यवसाय 'पक्षी पकड़ने' के रूप में जाना जाता है।
सिद्धारमैया ने कहा था, यह जानना भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने सूडान में चल रहे गृहयुद्ध में एक भारतीय और 60 अन्य लोगों को खो दिया है। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है और क्षेत्र में शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।
राज्य के आदिवासी वहां व्यापार के सिलसिले में गए थे। सूत्रों के मुताबिक, चन्नागिरी की पांच जनजातियां, शिवमोग्गा की सात, मैसूरु जिले के हुनासुरु शहर की 19 जनजातियां सूडान में फंसी हुई हैं।
शिवमोग्गा हक्की पिक्की शिविर के प्रभु ने बचाव के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा था कि भारतीय 10 दिनों से सूडान के अल्पाशीर शहर में फंसे हुए हैं।
नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने ढल को मंगलवार को गिरफ्तार किया। उन्हें 1 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया गया और उनकी पूछताछ के बाद अरुण पिल्लई की गिरफ्तारी हुई।
ढल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सीबीआई के एक सूत्र ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी को इस मामले में उनसे पूछताछ करने की जरूरत पड़ सकती है।
सूत्रों के अनुसार, ढल ने साउथ ग्रुप द्वारा भुगतान किए गए फॉमूर्लेशन, साजिश और रिश्वत में एक प्रमुख भूमिका निभाई। रिलीज होने से पहले उन्हें शराब नीति की एक ड्राफ्ट कॉपी मिली। ढल ने बिनॉय बाबू के साथ ड्राफ्ट कॉपी साझा की। उन्होंने दक्षिण समूह के व्यक्तियों और विजय नायर के बीच बैठक की व्यवस्था भी की थी।
सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है और सप्लीमेंट्री चार्जशीट बनाने की कोशिश कर रही है। (आईएएनएस)|
सैन फ्रांसिस्को, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टाग्राम ने एक नए फीचर की घोषणा की है, जो उपयोगकर्ताओं को अपने प्रोफाइल बायोस में पांच लिंक तक जोड़ने की अनुमति देगा।
द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने मंगलवार को अपने इंस्टाग्राम चैनल पर एक पोस्ट में नए फीचर की घोषणा करते हुए कहा, "यह फीचर क्रिएटर्स के बीच एक टॉप रिक्वे स्ट रही है।"
नए फीचर के साथ, उपयोगकर्ता अब मोबाइल ऐप में अपनी प्रोफाइल को एडिट करके लिंक जोड़ सकते हैं, जहां वे उन्हें शीर्षक दे सकते हैं और पुन: व्यवस्थित कर सकते हैं कि वे कैसे दिखाई देंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, यदि कोई उपयोगकर्ता अपनी प्रोफाइल में एक से अधिक लिंक जोड़ता है, तो विजिटर्स को लिंक की पूरी सूची देखने के लिए '(आपका पहला लिंक) और 1 अन्य' कहने वाले मैसेज के माध्यम से क्लिक करना होगा।
इसका मतलब यह है कि यदि किसी उपयोगकर्ता के पास अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर प्रदर्शित करने के लिए एक से अधिक लिंक हैं या पहले से ही लिंकट्री जैसी 'लिंक इन बायो' सेवा का उपयोग कर रहे हैं, तो लोगों को उनके लिंक देखने के लिए अतिरिक्त समय पर क्लिक करना होगा।
इस बीच, इंस्टाग्राम ने क्रिएटर्स को सशक्त बनाने के लिए अपने शॉर्ट-वीडियो मेकिंग ऐप पर नए फीचर्स की घोषणा की है।
सोशल नेटवर्क ने ट्रेंडिंग ऑडियो और हैशटैग के लिए एक समर्पित डेस्टिनेशन जोड़ा है, रील्स इनसाइट्स के लिए दो नए मेट्रिक्स और अधिक देशों में रील्स पर उपहार लाए हैं।
क्रिएटर्स अब यह देख पाएंगे कि रील्स पर टॉप ट्रेंडिंग टॉपिक और हैशटैग क्या हैं।
लंदन, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| एक 86 वर्षीय ब्रिटिश सिख महिला, जिसने 1998 में 'परिवार को शर्मसार करने' के लिए अपनी बहू की हत्या कर दी थी, उसे 15 साल से कम जेल में बिताने के बाद रिहा कर दिया गया है। मीडिया रिपोटरें में यह जानकारी दी गई है।
यह जानने के बाद कि उसका अफेयर था और वह अपने बेटे सुखदेव को तलाक देना चाहती थी वेस्ट लंदन के हेस की बचन कौर अठवाल को 2007 में 27 वर्षीय सुरजीत अठवाल की हत्या के आरोप में 20 साल की जेल हुई थी।
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, न्याय सचिव डॉमिनिक रैब द्वारा उसे सलाखों के पीछे रखने के प्रयासों के बावजूद खराब स्वास्थ्य और मनोभ्रंश का हवाला देते हुए पैरोल बोर्ड ने बचन को जल्द रिहा कर दिया।
जज जाइल्स फॉरेस्टर ने उसे कम से कम 20 साल जेल में काटने का आदेश दिया था।
अपनी अपील में, जिसे खारिज कर दिया गया था, राब ने दावा किया कि बचन अभी भी समाज के लिए एक जोखिम है।
द सन के मुताबिक, बचन को पिछले साल अगस्त में जेल से रिहा किया गया था।
दावा किया गया है कि पिछले साल मई में जेल यात्रा के दौरान बचन ने अपनी बेटी को थप्पड़ मारा था और स्टाफ के एक सदस्य के साथ मारपीट की थी।
डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, चिकित्सा आकलन ने सुझाव दिया कि बचन को 'डिमेंशिया से पीड़ित किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह ठीक उसी तरह से प्रबंधन करना मुश्किल होगा और इससे अधिक नहीं।'
सुरजीत का शव कभी नहीं मिला और वह अपने पीछे दो छोटे बच्चों को छोड़ गई।
ओल्ड बेली ने सुना कि कैसे सुरजीत को 16 साल की उम्र में सुखदेव से शादी करने के लिए मजबूर किया गया था और परिवार द्वारा उसे धमकाया गया था।
यह जानने के बाद कि सुरजीत ने अपने बेटे को छोड़ने की योजना बनाई है, बचन ने कसम खाई थी कि तलाक 'मेरी लाश पर' होगा क्योंकि उनका मानना था कि इससे उनके परिवार का अपमान होगा।
सुरजीत, एक सीमा शुल्क अधिकारी, को परिवार की शादियों में शामिल होने के बहाने बचन और सुखदेव द्वारा पंजाब में बहला-फुसलाकर ले जाया गया, लेकिन इसके बजाय उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई।
सुखदेव को भी हत्या का दोषी पाया गया और उसे कम से कम 27 साल जेल की सजा सुनाई गई।
न्यायाधीश फॉरेस्टर ने कहा कि हत्या 'अकथनीय' थी।
उन्होंने कहा, "यह एक जघन्य अपराध था जिसमें बड़ी दुष्टता थी।"
नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। यह अब चीन से आगे निकल गया है। बुधवार को जारी संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की एक नई रिपोर्ट के आंकड़ों से ये जानकारी सामने आई है। यूएनएफपीए की द स्टेट ऑफ वल्र्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत की जनसंख्या 1,428.6 मिलियन (142.86 करोड़) तक पहुंच गई है, जबकि चीन की 1,425.7 मिलियन (142.57 करोड़) है, यानि कि 2.9 मिलियन यानि 29 लाख का अंतर है।
संयुक्त राष्ट्र ने 2022 में ही भारत के सबसे अधिक आबादी वाले देश बनने का अनुमान लगाया था।
इसके अलावा, यूएनएफपीए की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 25 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 आयु वर्ग की है, 18 प्रतिशत 10-19 वर्ष की आयु की, 26 प्रतिशत 10-24 आयु वर्ग की। लगभग 68 प्रतिशत जनसंख्या 15-64 आयु वर्ग में हैं, जबकि 65 से ऊपर के लोग सिर्फ 7 प्रतिशत हैं।
चीन जीवन प्रत्याशा के मामले में भारत से बेहतर कर रहा है, जो महिलाओं के मामले में 82 और पुरुषों के मामले में 76 साल है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लिए यह आंकड़ा 74 और 71 है।
यूएनएफपीए इंडिया के प्रतिनिधि एंड्रिया वोजनार ने एक बयान में कहा, भारतीय सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि जनसंख्या की चिंता आम जनता के बड़े हिस्से में फैल गई है।
उन्होंने कहा, फिर भी इससे कोई अलार्म पैदा नहीं होना चाहिए। इसके बजाय इसे प्रगति, विकास और आकांक्षाओं के प्रतीक के रूप में देखा जाना चाहिए।
रिपोर्ट में महिलाओं के शारीरिक स्वायत्तता के अधिकार में कमी पर भी प्रकाश डाला गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 68 देशों की सूची में 44 प्रतिशत महिलाओं और लड़कियों को सेक्स, गर्भनिरोधक और स्वास्थ्य देखभाल के मामलों में खुद फैसला लेने का अधिकार नहीं है। दुनिया भर में करीब 257 मिलियन महिलाओं को सुरक्षित, विश्वसनीय गर्भनिरोधक की आवश्यकता पूरी नहीं होती है।
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुत्तरेजा ने एक बयान में कहा, इतनी सारी महिलाओं का अपने शरीर पर नियंत्रण नहीं है, जिसमें बच्चे पैदा करने का अधिकार भी शामिल है - यह तय करने के लिए कि उन्हें कब और कितने बच्चे चाहिए।
इसके अलावा, कम उम्र में शादियां होती रहती हैं - भारत में हर चार में से एक महिला की शादी 18 साल से पहले हो जाती है।
मुत्तरेजा ने कहा, भले ही भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है, यह सुनिश्चित होना चाहिए कि लोगों के लिए व्यापक और न्यायसंगत सेवाएं उपलब्ध हों, चाहे वे कहीं भी रहते हों या समाज के किसी भी वर्ग से हों। साथ ही, हमें जरूरत है यह सुनिश्चित करने के लिए कि लड़कियों और महिलाओं को जल्दी विवाह और गर्भधारण के लिए नहीं धकेला जाय।
काठमांडू, 19 अप्रैल इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (आईसीआईएमओडी) नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार और भारत के कुछ हिस्सों में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर काफी चिंतित है।
काठमांडू स्थित आईसीआईएमओडी एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी शिक्षण और ज्ञान-साझाकरण केंद्र है जो हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र के आठ क्षेत्रीय सदस्य देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान को सेवा प्रदान करता है।
इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण जंगल की आग में वृद्धि के कारण है। जलवायु परिवर्तन और आवासीय बायोमास जलने के कारण संख्या और गंभीरता में वृद्धि कर रहे हैं। साथ ही मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव, प्रदूषक क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता को व्यापक नुकसान पहुंचाते हैं और जलवायु प्रभावों को तेज करते हैं।
संगठन ने बुधवार को कहा कि हमारे विशेषज्ञों के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) के खतरनाक स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं। स्थायी पर्वतीय विकास के लिए समर्पित एक संगठन के रूप में, आईसीआईएमओडी मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर वायु प्रदूषण के प्रभावों के बारे में चिंतित है। (आईएएनएस)|
काठमांडू में, पीएम 2.5 का स्तर 11 अप्रैल को 205 से अधिक हो गया था, जबकि पीएम 10 का स्तर दो दिन बाद 430 तक पहुंच गया था।
क्षेत्रीय संगठन ने कहा, ये खतरनाक डेटा प्वाइंट कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं। वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है, जिससे नवजात रुग्णता, बच्चों में स्टंटिंग और सीखने में दिक्कतें और लंबे समय तक सांस की बीमारियों, हृदय रोगों और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं से जुड़ा रहता है।
आईसीआईएमओडी के वरिष्ठ वायु गुणवत्ता विशेषज्ञ भूपेश अधिकारी कहते हैं, दुनिया भर में, आज तक कोविड-19 की तुलना में सालाना अधिक मौतों के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार है।
समय आ गया है कि हम वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करें। अच्छी खबर यह है कि हम जानते हैं कि हमारे क्षेत्र में वायु प्रदूषण का कारण क्या है, और प्रदूषकों के जोखिम को कम करने के लिए तेजी से प्रगति कैसे करें। हम सरकारों, दानदाताओं और गैर-सरकारी संगठनों से आग्रह करते हैं कि वे हमारे साथ काम करें ताकि वास्तव में स्वच्छ हवा पर कार्रवाई करने के लिए एक गठबंधन बनाया जा सके।
बढ़ते तापमान के कारण क्षेत्र में ग्लेशियर खतरनाक दर से पिघल रहे हैं: यदि ग्लोबल वार्मिग 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाती है, तो इसके चलते क्षेत्र के 50 प्रतिशत ग्लेशियर नष्ट हो जाएंगे, जिससे मीठे पानी की जैव विविधता, कृषि, पीने के पानी और अन्य मानवीय जरूरतों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
जंगल की आग से निकलने वाली ब्लैक कार्बन और कटाई के बाद फसल के अवशेषों को जलाने से उच्च पर्वतीय ग्लेशियरों के पिघलने में तेजी आ सकती है, जिससे उनकी गिरावट में और योगदान हो सकता है।
आईसीआईएमओडी हवा की गुणवत्ता पर ग्राउंड-बेस्ड ऑब्जर्वेशन डेटा और सैटेलाइट/मॉडल-बेस्ट डेटा दोनों उत्पन्न करने के लिए हमारे भागीदारों के साथ काम करता है। ये साक्ष्य नीति निर्माण और कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
रांची, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्य में ओबीसी, एससी, एसटी आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने से संबंधित बिल राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मंजूरी के लिए आए इस बिल पर भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से राय मांगी थी। अटॉर्नी जनरल ने अपने मंतव्य में आरक्षण बढ़ाने के प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और कई अन्य न्यायादेशों के विपरीत बताया है। राज्यपाल ने इसी आधार पर सरकार को बिल वापस करते हुए उसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
हेमंत सोरेन सरकार ने बीते वर्ष 11 नवंबर को विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र बुलाकर आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने के अलावा राज्य में 1932 के खतियान पर आधारित डोमिसाइल पॉलिसी से जुड़े दो विधेयक एक साथ पारित कराया था। सरकार ने इन दोनों विधेयकों को ऐतिहासिक फैसला बताया था। ये दोनों विधेयक राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजे गए थे। इसके साथ ही सरकार ने दोनों विधेयकों को राष्ट्रपति को भेजने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित किया था, ताकि दोनों विधेयकों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जा सके।
राज्यपाल ने एक-एक कर दोनों विधेयक सरकार को लौटा दिए। डोमिसाइल पॉलिसी के विधेयक को संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत बताते हुए पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने पहले ही लौटा दिया था। अब विशेष सत्र में पारित दूसरे विधेयक को भी राज्यपाल द्वारा लौटा दिया जाना राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
सनद रहे कि राज्य सरकार द्वारा पारित कराए गए 'झारखंड में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022' में पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का प्रस्ताव था। इसी तरह अनुसूचित जाति (एससी) को मिलने वाला आरक्षण 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का आरक्षण 26 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया था। यह बिल मंजूर होने की सूरत में कुल मिलाकर राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 67 प्रतिशत हो जाता।
राज्यपाल ने अटॉर्नी जनरल के मंतव्य का हवाला देते हुए बताया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इंदिरा साहनी मामले में जातिगत आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित कर दी है। अटॉर्नी जनरल ने अपने मंतव्य में आरक्षण से संबंधित अन्य न्यायादेशों का भी जिक्र किया है।
मुंबई, 19 अप्रैल | महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री मंगल प्रभा लोढ़ा ने बुधवार को यहां कहा कि एक बड़े फैसले में महाराष्ट्र सरकार ने दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे के बीच सभी खुली सार्वजनिक सभाओं/रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस कार्यक्रम के बाद उठाया गया है जिसमें गर्मी से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो गए थे और अप्पासाहेब के नाम से विख्यात समाज सुधारक दत्तात्रेय नारायण धर्माधिकारी के 14 अनुयायी, जिन्हें श्रीसदास्य कहा जाता है, की मौत हो गई थी। कार्यक्रम का आयोजन अप्पासाहेब को 'महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार' 2022 प्रदान करने के लिए किया गया था और इसमें उनके 20 लाख अनुयायी शामिल हुए थे।
शिवसेना (उद्धव गुट) के किशोर तिवारी ने दो दिन पहले केंद्र और राज्य सरकार से इस तरह के सभी बड़े आयोजनों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने की मांग की थी ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो। (आईएएनएस की 17 अप्रैल की रिपोर्ट)।
लोढ़ा ने कहा कि यह फैसला नवी मुंबई में हुई दुर्भाग्यपूर्ण आपदा और भविष्य में इसी तरह की त्रासदियों से बचने के लिए लिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को कहा कि सोशल मीडिया के नए फोटो/वीडियो को देखते हुए सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या पुरस्कार स्थल पर भगदड़ से मौतें हुई हैं।
पटोले ने सख्ती से कहा, सच्चाई क्या है और सरकार क्या दबा रही है? मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों को इस्तीफा देना चाहिए। मैं राज्यपाल रमेश बैस से इस शासन को बर्खास्त करने की अपील कर रहा हूं।
इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने त्रासदी की एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच और कमियों के लिए दोषी पाए गए सभी लोगों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की थी।
यह रेखांकित करते हुए कि राज्य सरकार ने 25 लाख रुपये के महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार के लिए 13 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, तिवारी ने शिंदे-फडणवीस से प्रत्येक मृतक के परिजनों को कम से कम एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने को कहा, जो बेहद गरीब परिवारों से थे।
अन्य राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेता अतुल लोंडे, क्लाइस क्रैस्टो, डॉ. रघुनाथ कुचिक, ट्रेड यूनियन्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के राज्य संयोजक विश्वास उतगी, एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस त्रासदी के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है।
त्रासदी पर संवेदना व्यक्त करते हुए शाह ने कहा था, कल आयोजित महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह में भाग लेने के दौरान लू के कारण जान गंवाने वाले 'श्रीसदास्य' के निधन से मेरा दिल भारी है। मैं उन लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं, जिनका इलाज चल रहा है। (आईएएनएस)
पंजाब के बठिंडा सेना स्टेशन में चार जवानों की हत्या के मामले में वहीं पर तैनात एक जवान को गिरफ्तार किया गया है. मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि चारों मृतक उसका यौन शोषण करते थे, जिससे तंग आकर उसने उनकी हत्या कर दी.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
शुरू में इस जवान को चारों हत्याओं का चश्मदीद माना जा रहा था. उसी ने पुलिस को बताया था कि वारदात के बाद इंसास राइफल और एक कुल्हाड़ी लिए दो संदिग्धों को स्टेशन से बाहर जाते हुए देखा था. लेकिन सीसीटीवी फुटेज में ऐसा कोई नजर नहीं आने के बाद जब उसने इस जवान से विस्तार से पूछताछ की गई तो उसने मान लिया कि उसी ने अपने चारों साथियों को मारा.
इस जवान को अब गिरफ्तार कर लिया गया है. पंजाब पुलिस और सेना ने सिर्फ इतना बताया कि इसने निजी दुश्मनी की वजह से चारों पर गोलियां चलाईं. लेकिन सेना के अज्ञात सूत्रों के हवाले से कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि चारों मृतक इस जवान का लंबी समय से यौन शोषण कर रहे थे और उसने तंग आ कर उनकी जान ले ली.
यौन शोषण के सामने कमजोर सेना कानून
इस मामले में सेना "कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी" के तहत अलग जांच कर रही है. सेना में यौन शोषण के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं लेकिन इस तरह के मामले कम ही सामने आते हैं. देखना होगा कि सेना इस मामले में क्या कार्रवाई करती है.
सेना के लिए यौन शोषण के मामले एक पेचीदा विषय हैं. जानकारों का कहना है कि सेना कानून में यौन शोषण के मामलों में सुनवाई करने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं है, जिसकी वजह से या तो पीड़ित सामने नहीं आते या कई बार शिकायत करने पर भी मुल्जिमों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. हालांकि सेना में ही यौन शोषण के दोषी पाए गए अधिकारियों को सजा दिए जाने के मामले भी देखने को मिले हैं.
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल एच इस पनाग ने एक लेख में लिखा है की सेना के कानून में यौन शोषण के मामलों को देखने के लिए कोई विशेष प्रावधान है ही नहीं और अगर ऐसे मामलों पर कार्रवाई की भी जाती है तो अधिकांश जांच-पड़ताल सेना के अंदर ही की जाती है और उसकी विश्वसनीयता नहीं रहती.
"द प्रिंट" वेबसाइट के लिए लिखे इस लेख में लेफ्टिनेंट जनरल पनाग ने यह भी लिखा कि सेना में इस विषय को लेकर लोगों को चुप करा दिया जाता है. वो कहते हैं कि एक बार खुद उन्होंने जब एक महिला सैन्य अधिकारी पर यौन हमले के लिए एक मेजर जनरल के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया था तब तत्कालीन सेना प्रमुख ने पनाग को फोन किया और दोबारा विचार कर लेने की सलाह दी क्योंकि उनके फैसले से सेना की प्रतिष्ठा को ठेस लगेगी.
सैनिकों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल
इस मामले में भी अभी तक चुप्पी बनाए रखने की ही कोशिशें नजर आ रही हैं. मामला यौन शोषण का है ये दावे सेना और पुलिस के सूत्रों के हवाले से कई मीडिया रिपोर्टों में किए जा चुके हैं लेकिन सेना और बठिंडा पुलिस ने अभी तक इन दावों की पुष्टि नहीं की है.
बठिंडा के एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना ने पत्रकारों को कहा, "मैं बस इतना कह सकता हूं कि इस मामले में निजी कारण हैं जिनके बारे में हम मीडिया को नहीं बता सकते और मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप आगे ना पूछें." देखना होगा कि सेना मामले पर और जानकारी कब जारी करती है.
इस मामले ने एक बार फिर सेना के अंदर कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल की व्यवस्था की कमियों को भी उजागर किया है. सेना की तीनो शाखाओं में आत्महत्या और भ्रातृहत्या के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. रक्षा मंत्रालय द्वारा संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक 2017 से 2022 तक सेना की तीनों शाखाओं में कुल मिला कर 800 से ज्यादा आत्महत्या के मामले सामने आए.
एक और रिपोर्ट के मुताबिक 2016 से 2020 के बीच भ्रातृहत्या के नौ मामले सामने आए थे. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य का एक कार्यक्रम 2009 में ही शुरू किया था, जिसके तहत तनाव प्रबंधन सिखाया जाता है. जिन्हें तनाव का ज्यादा खतरा हो उन्हें चिन्हित किया जाता है और उनकी काउंसलिंग की जाती है.
सेना को देखना होगा कि इस तरह के कार्यक्रमों का कितना असर हो पा रहा है. साथ ही यह भी देखना होगा कि सहकर्मियों द्वारा यौन शोषण के मामले क्यों हो रहे हैं और समय रहते सामने क्यों नहीं आते ताकि इन पर कार्रवाई की जाए. (dw.com)
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाइ्र (एसीयू) को जानकारी दी है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने आईपीएल के पिछले मैच में भारी पैसा हारने के बाद उनकी टीम की अंदरूनी जानकारी के लिये उनसे संपर्क किया था ।
सिराज ने फोन आने के बाद तुरंत एसीयू अधिकारियों को इसकी सूचना दी ।
बोर्ड के एक सूत्र ने बताया ,‘‘जिसने सिराज से संपर्क किया वह सटोरिया नहीं था । वह मैचों पर सट्टा लगाने का आदी हैदराबाद का एक ड्राइवर था । उसने काफी पैसा गंवा दिया था इसलिये उसने अंदरूनी जानकारी के लिये सिराज से संपर्क किया ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ सिराज ने तुरंत इसकी सूचना दी । उस व्यक्ति को पकड़ लिया गया है और विस्तार से जानकारी का इंतजार है ।’’ (भाषा)
शहडोल, 19 अप्रैल मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में बुधवार को दो मालगाड़ियां पटरी से उतर गईं जिससे बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर यातायात बाधित हो गया। बिलासपुर रेल मंडल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने आधिकारिक तौर पर मालगाड़ियों के टकराने की खबरों का खंडन किया।
घटना सिंहपुर स्टेशन के पास सुबह छह बज कर करीब 50 मिनट पर हुई।
अधिकारी ने अधिक ब्योरा दिए बिना कहा, "सिग्नल ओवरशूट के कारण मालगाड़ियां पटरी से उतरी।"
उनके अनुसार, इससे बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग बाधित हो गया।
सूत्रों ने बताया कि रेल यातायात बहाल करने के प्रयास जारी हैं और राहत अभियान चल रहा है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल केंद्र सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई में सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को पक्ष बनाया जाए।
शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में केंद्र ने कहा कि उसने 18 अप्रैल को सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर इन याचिकाओं में उठाए गए ‘मौलिक मुद्दों’ पर उनकी टिप्पणियां और राय आमंत्रित की।
केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ से आग्रह किया कि राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को सुनवाई में पक्ष बनाया जाए।
इस पीठ में न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति एस आर भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं। पीठ ने समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर बुधवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई की।
केंद्र की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है, “इसलिए, विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जाता है कि सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को मौजूदा कार्यवाही में पक्षकार बनाया जाए, उनके संबंधित रुख को रिकॉर्ड में लिया जाए तथा भारत संघ को राज्यों के साथ परामर्श प्रक्रिया को समाप्त करने, उनके विचार/आशंकाएं प्राप्त करने, उन्हें संकलित करने तथा इस अदालत के समक्ष रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति दी जाए, और उसके बाद ही वर्तमान मुद्दे पर कोई निर्णय लिया जाए।”
हलफनामे में कहा गया है, “यह सूचित किया जाता है कि भारत संघ ने 18 अप्रैल 2023 को सभी राज्यों को पत्र जारी कर याचिकाओं में उठाए गए मौलिक मुद्दों पर उनकी टिप्पणियां और विचार आमंत्रित किए हैं।”
इसमें कहा गया है कि याचिकाओं पर सुनवाई और फैसले का देश पर महत्वपूर्ण प्रभाव होगा, क्योंकि आम लोग और राजनीतिक दल इस विषय पर अलग-अलग विचार रखते हैं।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 25 नवंबर को दो समलैंगिक जोड़ों द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा था। इन याचिकाओं में दोनों जोड़ों ने शादी के अपने अधिकार को लागू करने और संबंधित अधिकारियों को विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपने विवाह को पंजीकृत करने का निर्देश देने की अपील की थी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 19 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने माओवादियों से संबंध के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा को बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को बुधवार को रद्द कर दिया।
शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय को चार महीने के भीतर मामले पर गुण-दोष के आधार पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश भी दिया।
न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को साईबाबा की अपील और अन्य अभियुक्तों की अपील उसी पीठ के समक्ष नहीं भेजने का निर्देश दिया, जिसने उन्हें आरोपमुक्त किया था और मामले की सुनवाई किसी अन्य पीठ द्वारा कराने को कहा।
न्यायालय ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधों को मंजूरी देने सहित कानून से संबंधित सभी प्रश्नों पर उच्च न्यायालय द्वारा फैसले किए जाने का विकल्प खुला रहेगा।
शीर्ष अदालत ने 15 अक्टूबर को इस मामले में साईबाबा और अन्य को बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।
शीर्ष अदालत में महाराष्ट्र सरकार का पक्ष वकील अभिकल्प प्रताप सिंह ने रखा और साईबाबा की ओर से वकील आर. बसंत पेश हुए।
साईबाबा की 2014 में गिरफ्तारी के बाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल 14 अक्टूबर को उन्हें व अन्य को मामले में बरी कर जेल से रिहा करने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा कि गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत मामले में आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी देने का आदेश ‘‘कानून की दृष्टि से गलत एवं अवैध’’ था।
अदालत ने साईबाबा के अलावा महेश करीमन तिर्की, पांडु पोरा नरोते (दोनों किसान), हेम केशवदत्त मिश्रा (छात्र), प्रशांत सांगलीकर (पत्रकार) और विजय तिर्की (मजदूर) को भी बरी कर दिया था। विजय तिर्की को 10 साल की जेल की सजा सुनायी गयी, जबकि बाकी लोगों को उम्रकैद की सजा दी गयी थी। नरोते का निधन हो चुका है। (भाषा)