अंतरराष्ट्रीय
नई दिल्ली, 30 जनवरी । टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने घोषणा की है कि उनकी मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफ़ेस कंपनी न्यूरालिंक ने अपना पहला मानव मस्तिष्क प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक कर लिया है, और यह अच्छी तरह से रिकवर हो रहा है।
मस्क ने कहा कि कंपनी का पहला उत्पाद, जिसे टेलीपैथी कहा जाता है, केवल सोचने से फोन या कंप्यूटर पर नियंत्रण ला देगा।
न्यूरालिंक को पिछले साल मानव परीक्षण के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की मंजूरी मिली थी और सितंबर में कहा गया था कि वह छह साल के शुरुआती परीक्षण के लिए अपने पहले परीक्षण विषयों की तलाश कर रहा था।
मस्क ने सोमवार देर रात एक्स पर पोस्ट किया, "पहले इंसान को कल न्यूरालिंक से इम्प्लांट मिला और वह ठीक हो रहा है।"
उन्होंने कहा, "प्रारंभिक परिणाम आशाजनक न्यूरॉन स्पाइक का पता लगाते हैं।" मस्क ने बताया कि पहले न्यूरालिंक उत्पाद को टेलीपैथी कहा जाता है।
अरबपति के अनुसार, यह आपके फोन या कंप्यूटर और उनके माध्यम से लगभग किसी भी डिवाइस को केवल सोचने मात्र से नियंत्रित करने में सक्षम होगा।
मस्क ने कहा, "शुरुआती उपयोगकर्ता वे होंगे, जिन्होंने अपने अंगों का उपयोग खो दिया है। कल्पना कीजिए कि स्टीफन हॉकिंग एक स्पीड टाइपिस्ट या नीलामीकर्ता की तुलना में तेजी से संवाद कर सकते हैं, यही लक्ष्य है।"
यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) को दी गई फाइलिंग के अनुसार, पिछले साल नवंबर में ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी ने उद्यम पूंजी में अतिरिक्त 43 मिलियन डॉलर जुटाए थे।
फाइलिंग से पता चला कि कंपनी ने पीटर थिएल के फाउंडर्स फंड के नेतृत्व में अपनी पिछली किश्त को अगस्त की शुरुआत में 280 मिलियन डॉलर से 323 मिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया था।
फाइलिंग के अनुसार, बत्तीस निवेशकों ने इस दौर में भाग लिया। न्यूरालिंक, जिसे 2016 में स्थापित किया गया था, ने एक सिलाई मशीन जैसा उपकरण विकसित किया है, जो मस्तिष्क के अंदर अति पतले धागे को प्रत्यारोपित करने में सक्षम है।
धागे इलेक्ट्रोड के साथ एक कस्टम-डिज़ाइन किए गए चिप से जुड़ते हैं, जो न्यूरॉन्स के समूहों से डेटा पढ़ सकते हैं।
कंपनी ने एक बयान में कहा, "प्राइम अध्ययन (सटीक रोबोटिक रूप से प्रत्यारोपित मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफ़ेस का संक्षिप्त रूप) का उद्देश्य हमारे प्रत्यारोपण (एन1) और सर्जिकल रोबोट (आर1) की सुरक्षा का मूल्यांकन करना और पक्षाघात से पीड़ित लोगों को अपने विचारों से बाहरी उपकरणों को नियंत्रित करने में सक्षम करने के लिए हमारे वायरलेस मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफ़ेस की प्रारंभिक कार्यक्षमता का आकलन करना है।”
(आईएएनएस)।
बीजिंग, 30 जनवरी (आईएएनएस)। चीन के शिनजियांग में मंगलवार को 5.7 तीव्रता का भूकंप आया। स्थानीय अधिकारियों ने ये जानकारी दी है।
चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) ने कहा कि शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र के अक्की काउंटी में सुबह 6:27 बजे आए भूकंप का केंद्र 41.15 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 78.67 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था।
इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने पुलिस के हवाले से बताया कि किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है।
बचाव कार्य के लिए दो वाहनों और 10 कर्मियों को लगाया गया है।
सैन फ्रांसिस्को, 30 जनवरी । गहन जांच और सरकारी जांच का सामना कर रहे ओपनएआई ने युवाओं के लिए एआई जोखिमों को कम करने के लिए गैर-लाभकारी संगठन कॉमन सेंस मीडिया के साथ साझेदारी करने की घोषणा की है।
वे शुरुआत में माता-पिता, शिक्षकों और युवाओं के लिए एआई दिशानिर्देशों और शिक्षा सामग्री पर सहयोग करेंगे, साथ ही कॉमन सेंस रेटिंग और मानकों के आधार पर जीपीटी स्टोर में परिवार के अनुकूल जीपीटी की श्रृंखला तैयार करेंगे।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा, "एआई परिवारों और किशोरों के लिए अविश्वसनीय लाभ प्रदान करता है, और कॉमन सेंस के साथ हमारी साझेदारी हमारे सुरक्षा कार्य को और मजबूत करेगी, इससे यह सुनिश्चित होगा कि परिवार और किशोर हमारे टूल का उपयोग आत्मविश्वास से कर सकें।"
ओपनएआई को यह साबित करने के लिए नियामकों के दबाव का सामना करना पड़ रहा है कि चैटजीपीटी सहित उसके जेनएआई -संचालित ऐप समाज के लिए हानिकारक नहीं हैं।
इतालवी नियामक ने सोमवार को ओपनएआई को यूरोपीय डेटा गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने के बारे में सूचित किया, इससे चैटजीपीटी डेवलपर को आरोपों का जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दिया गया।
कॉमन सेंस मीडिया के संस्थापक और सीईओ जेम्स पी स्टेयेर ने कहा, "कॉमन सेंस और ओपनएआई मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि एआई का सभी किशोरों और परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।"
स्टेयर ने कहा, "हमारे गाइड और क्यूरेशन को परिवारों और शिक्षकों को चैटजीपीटी के सुरक्षित, जिम्मेदार उपयोग के बारे में शिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा, ताकि हम सामूहिक रूप से इस उभरती हुई तकनीक के किसी भी अनपेक्षित परिणाम से बच सकें।"
पिछले साल, यूएस फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने ओपनएआई में एक जांच शुरू की थी कि क्या चैटजीपीटी ने डेटा के संग्रह और व्यक्तियों पर झूठे बयानों के प्रकाशन के माध्यम से उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाया है। यूरोपीय डेटा अधिकारियों ने भी ओपनएआई द्वारा उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा को संभालने पर चिंता व्यक्त की है।
(आईएएनएस) ।
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन, तीनों ही देश अपने यहां आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कटौती कर रहे हैं. विदेश में पढ़ने की इच्छा रखने वाले भारतीयों के लिए यह बुरी खबर है.
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
कोविड-19 महामारी के बाद ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने बहुत बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वीजा बांटे. 2021 और 2022 में तो तीनों देशों में रिकॉर्ड संख्या में अंतरराष्ट्रीय छात्र आए. भारतीयों के लिए यह सुनहरा मौका रहा क्योंकि इन तीनों देशों में फिलहाल सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र भारत से गए. लेकिन अब उनके बुरे दिन शुरू होते दिख रहे हैं क्योंकि तीनों देश अपने यहां अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर लगाम कस रहे हैं.
ये तीनों ही देश भारत छोड़कर विदेशों में बसने वालों की पसंद में सबसे ऊपर होते हैं. इसकी वजह है इनकी माइग्रेशन नीति, जिसके चलते वहां बसना बेहद आसान है. विदेश जाकर बसने का सबसे आसान तरीका अंतरराष्ट्रीय छात्र के तौर पर प्रवासन होता है.
एक दम आया उछाल
कोविड महामारी के बाद तीनों ही देशों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या खासी बढ़ी थी और सबकी वजहें लगभग एक जैसी थीं. ऑस्ट्रेलिया में माइग्रेशन एक्सपर्ट डॉ. अबुल रिजवी के मुताबिक तीनों देशों में विश्वविद्यालय कोविड महामारी के दौर में आए आर्थिक संकट से उबरना चाहते थे.
डॉ. रिजवी कहते हैं, "कोविड-युग की नीति सीमाएं खुलने के बाद देश में पहले से मौजूद छात्रों को बनाए रखने के साथ-साथ विदेशों से और बड़ी संख्या में छात्रों को आकर्षित करने पर आधारित थी कोविड के बाद जब सीमाएं खुलीं तो अर्थव्यवस्था में कामगारों की भारी किल्लत थी.”
यानी तीनों देशों में उद्योगों को काम करने वालों की जरूरत थी और अंतरराष्ट्रीय छात्र यूनिवर्सिटी फीस में धन लाने के साथ-साथ सस्ते लेबर के रूप में भी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद लाभदायक साबित हुए. लेकिन अब इस बड़ी संख्या के नुकसान नजर आने लगे हैं.
सोमवार को ऑस्ट्रेलिया में विपक्षी दल लिबरल पार्टी के इमिग्रेशन मामलों के प्रवक्ता डैन टेहन ने कहा कि देश में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पांच लाख के पार पहुंच चुकी है, जो कि "जरूरत से कहीं ज्यादा” है.
एक टीवी इंटरव्यू में टेहन ने कहा, "अभी भी रिकॉर्ड संख्या में अंतरराष्ट्रीय छात्र आ रहे हैं. यह बहुत ज्यादा है. हमारे यहां घरों का संकट है, किराया बहुत ऊंचा हो चुका है. लोग डॉक्टरों तक को नहीं दिखा पा रहे हैं. शहरों में भीड़ बढ़ रही है.”
इसी तरह ब्रिटेन में भी 2022 में लगभग चार लाख 90 हजार छात्र वीजा जारी किए गए जो महामारी से पहले की तुलना में 81 फीसदी और 2021 से 29 फीसदी ज्यादा थे.
कटौती की शुरुआत
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा तीनों ही अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कटौती कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया की सरकार पहले ही इस बात का ऐलान कर चुकी है कि आने वाले महीनों में उन्हीं छात्रों को वीजा दिया जाएगा, जो योग्य हैं और जो पढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया आना चाहते हैं.
छात्र वीजा पर कई पाबंदियां लगाई गई हैं और पहले जो ढील दी गई थीं, उनमें भी कमी की जा रही है. जैसे कि पहले पढ़ाई पूरी करने पर तीन साल का वर्क वीजा मिल जाता था, जिसे अब घटाकर एक से दो साल कर दिया गया है. इसके अलावा, पढ़ाई के दौरान कोर्स बदलने पर भी रोक लगा दी गई है.
इसी तरह का ऐलान कनाडा ने भी किया. पिछले हफ्ते कनाडा ने कहा कि इस साल कम अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वीजा दिए जाएंगे. कई कोर्सों में पोस्ट ग्रैजुएशन के बाद मिलने वाले वर्क परमिट भी अब बंद कर दिए जाएंगे.
इमिग्रेशन मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक नई सीमा के तहत 2024 में लगभग 3,60,000 छात्रों को ही वीजा दिए जाएंगे. 2023 के मुकाबले यह संख्या 35 फीसदी कम है इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि शिक्षा का मामला राज्य सरकारें देखती हैं इसलिए सीमा निर्धारित करने के लिए संघीय सरकार प्रांतीय सरकारों से मश्विरा करेगी.
ब्रिटेन में तो बदलाव 2022 में ही शुरू हो गए थे. इस कारण जून 2022 से जून 2023 के बीच देश में प्रवासियों की कुल संख्या करीब साढ़े सात लाख से घटकर छह लाख 72 हजार रह गई. मई 2023 में देश ने एक और पाबंदी लगाते हुए पोस्ट ग्रैजुएशन के अलावा अन्य छात्रों के अपने परिवार को बुलाने पर भी रोक लगा दी.
सुविधाओं पर दबाव
अंतरराष्ट्रीय छात्रों की बढ़ी संख्या का असर तीनों देशों की मूलभूत सुविधाओं पर दबाव के रूप में सामने आया है. ज्यादा छात्रों के आने से कुल प्रवासियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई. युनाइटेड किंग्डम में 2022 में करीब साढ़े सात लाख नए प्रवासी आए.
इसी तरह कनाडा में पिछले साल की आखिरी तिमाही में छह दशक में सबसे तेज दर से बढ़ी है. इनमें सबसे ज्यादा वृद्धि अस्थायी नागरिकों, खासकर छात्रों की हुई, जो पांच दशक में सबसे ज्यादा थी. अस्थायी आप्रवासियों की संख्या में तीन लाख 12 हजार 758 की वृद्धि हुई.
ऑस्ट्रेलिया की आबादी 2.7 करोड़ पर पहुंच गई है. इनमें से करीब ढाई फीसदी यानी छह लाख 24 हजार लोग पिछले साल ही जुड़े. कम जन्म दर के बावजूद हो रही इस बढ़ोतरी के लिए विदेशी अप्रवासी ही जिम्मेदार हैं.
बढ़ती आबादी का असर तीनों देशों में नजर भी आ रहा है. कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मिलर ने कहा, "(छात्रों की) बढ़ती संख्या से घरों, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं पर भी दबाव पड़ रहा है. संख्या कम होगी तो किराया कम करने में मदद मिलेगी.”
भारतीय छात्रों का नुकसान
नीतियों में इस बदलाव का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीयों को ही झेलना होगा क्योंकि तीनों ही देशों में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है. 2022 में कनाडा में जितने कुल स्टूडेंट वीजा जारी हुए थे उनमें से दो लाख 25 हजार 835 यानी लगभग 41 फीसदी भारतीय थे.
2023 में करीब नौ लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे थे जिनमें से लगभग 40 फीसदी भारतीय थे. पिछले साल कुल मिलाकर भारतीय छात्रों की संख्या में चार फीसदी गिरावट आई, फिर भी वे एक देश से जाने वाले छात्रों की संख्या में सबसे ऊपर थे.
ऑस्ट्रेलिया स्थित भारतीय उच्चायोग के मुताबिक पिछले साल सितंबर में देश में एक लाख 23 हजार 391 भारतीय छात्र पढ़ रहे थे, जो चीन के बाद सबसे ज्यादा था.
भारतीय सांख्यिकी विभाग के मुताबिक 2022 में सात लाख 70 हजार छात्र पढ़ाने करने के लिए विदेश गए थे. इनमें से एक लाख 40 हजार तो युनाइटेड किंग्डम ही गए थे. विदेश जाने वाले छात्रों की यह संख्या दस फीसदी सालाना की दर से बढ़ रही है.
छात्र वीजा भारतीयों के लिए विदेशों में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि बसने का भी जरिया होता है. तीन प्रमुख देशों में हो रही कटौती से उनके सपनों के पर कतरे जाएंगे. (dw.com)
(ललित के झा)
वाशिंगटन, 30 जनवरी। जॉर्डन में एक ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैन्यकर्मियों की मौत के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने सोमवार को कहा कि अमेरिका एक और युद्ध नहीं चाहता या तनाव को बढ़ाना नहीं चाहता, लेकिन क्षेत्र में अपनी रक्षा के लिए उसे जो भी करने की आवश्यकता होगी, वह निश्चित रूप से वह सब करेगा।
व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमले में 30 से अधिक अमेरिकी सैनिक घायल भी हुए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये सैनिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मिशन का हिस्सा थे, जिसका उद्देश्य आईएसआईएस का मुकाबला करने के लिए साझेदारों के साथ काम करना है। रक्षा विभाग हमले के बारे में अधिक जानकारी एकत्र कर रहा है। यह मिशन जारी रहना चाहिए और यह जारी रहेगा।’’
किर्बी ने कहा, ‘‘हम एक और युद्ध नहीं चाहते। हम तनाव बढ़ाना नहीं चाहते लेकिन क्षेत्र में अपनी रक्षा के लिए, इस मिशन को जारी रखने के लिए और इन हमलों का उचित जवाब देने के लिए जो भी करने की आवश्यकता होगी, हम निश्चित रूप से वह सब करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ दो बार बैठक कर चुके हैं और विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
बाइडन ने इस हमले के लिए ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों को जिम्मेदार ठहराया है।
बाइडन ने कहा था कि अमेरिका ‘‘अपने चुने गए समय और तरीके से उन सभी को जवाबदेह ठहराएगा जो इस हमले के लिए जिम्मेदार हैं।’’ (भाष)
सियोल, 30 जनवरी। उत्तर कोरिया ने मंगलवार को पश्चिमी तट के पास समुद्र में कई क्रूज मिसाइलें दागीं जो इस महीने में उसका इस प्रकार का तीसरा परीक्षण है। दक्षिण कोरिया ने यह जानकारी दी।
यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब क्षेत्र में तनाव पहले से बढ़ा हुआ है। उत्तर कोरिया द्वारा हथियारों का प्रदर्शन और अमेरिका, दक्षिण कोरिया एवं जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यास बढ़ गए हैं।
दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने कहा कि दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सेनाएं इन प्रक्षेपणों का विश्लेषण कर रही हैं। अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि कितनी मिसाइलें दागी गईं या वे कितनी दूर तक पहुंचीं।
इससे पहले उत्तर कोरिया ने 24 जनवरी और 28 जनवरी को भी इसी प्रकार के परीक्षण किए थे। उत्तर कोरिया ने बताया था कि उसने पनडुब्बी से प्रक्षेपण के लिए विकसित नयी क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है।
उत्तर कोरिया ने 14 जनवरी को पहली ठोस-ईंधन आधारित मध्यवर्ती रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल का भी परीक्षण किया था।
एपी सिम्मी सुरभि सुरभि 3001 0816 सियोल (एपी)
टेक अरबपति एलन मस्क का कहना है कि उनकी कंपनी न्यूरालिंक ने पहली बार किसी इंसान में अपना एक वायरलेस ब्रेन चिप सफलतापूर्वक इंप्लांट कर दिया है.
उन्होंने कहा है किप्रारंभिक नतीजे में बेहतर न्यूरॉन स्पाइक्स का पता चला है और जिसमें लगाया गया है वो मरीज अच्छी तरह से रिकवर कर रहा है.
कंपनी का कहना है कि वह चाहती है कि मानव मस्तिष्क को कंप्यूटर से जोड़ा जाए ताकि वह जटिल न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से निपटने में मदद मिले.
मस्क की कंपनी को बीते साल मई में एफडीए नेइंसानों पर चिप की टेस्टिंग करने की अनुमति दी थी.
इससे पहले एक बाल से भी पतले इस चिप को रोबोट पर इस्तेमाल किया गया है, छह साल तक कंपनी ने इस चिप पर काम किया है.इस चिप को मस्तिष्क के उस हिस्से में लगाया गया है जो ‘मूवमेंट इंटेंशन’ को कंट्रोल करता है.
न्यूरालिंक अकेली ब्रेन चिप बनाने वाली कंपनी नहीं है, उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की बात करें तो उन्होंने पहले ही अपने डिवाइस ब्रेन में इंप्लांट कर दिए हैं. (bbc.com/hindi)
ईरान ने सोमवार तड़के इसराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में चार लोगों को मौत की सज़ा दे दी.
समाचार एजेंसी एएफ़पी की ख़बर के अनुसार इन चार लोगों की पहचान मोहम्मद फ़रामर्ज़ी, मोहसिन मज़लूम, वफ़ा अज़रबर, पेजमन फ़तेही के तौर पर हुई है.
इन चारों को जुलाई 2022 में इशफ़हान प्रांत में रक्षा मंत्रालय के केंद्र पर हमले की साज़िश रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
ईरान की समाचार एजेंसी मिज़ान के हवाले से एएफ़पी ने लिखा है, "सोमवार की सुबह मौत की सज़ा पाने वाले ये चारों सदस्य ज़ायनिस्ट (इसराइल) ख़ुफ़िया संगठन से जुड़े थे. इन्हें इशफ़हान में हम हमले की साज़िश रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था."
ईरान के अनुसार इन चारों को इसराइल की ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद ने अपने अभियान से एक-डेढ़ साल पहले भर्ती किया था.
मिज़ान ऑनलाइन की ख़बर के अनुसार, इन चारों को सैन्य प्रशिक्षण देने के लिए अफ़्रीकी देशों में भेजा गया, जहाँ मोसाद के अधिकारी मौजूद थे.
इन चारों को सितंबर 2023 में मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
अगस्त 2023 में ही ईरान ने दावा किया था कि उसने मोसाद की अगुवाई में शुरू हुए एक अभियान का पर्दाफ़ाश किया है. ईरान के अनुसार इस ऑपरेशन का मकसद उसके बैलिस्टिक मिसाइल इंडस्ट्री को पूरी तरह बर्बाद करना था. इससे कुछ महीने पहले यानी बीती फ़रवरी में ईरान ने इसराइल पर इशफ़हान के एक सैन्य ठिकाने पर हुए ड्रोन हमले में शामिल होने का भी आरोप लगाया था.
ईरान और इसराइल दोनों ही देश दशकों से एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं. (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र संघ ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सूडान और दक्षिण सूडान की सीमा पर दो गुटों के बीच हुई भीषण लड़ाई में दो शांतिरक्षक सैनिकों सहित 52 लोग मारे गए हैं. इस लड़ाई में 64 लोग घायल भी हुए हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अबेई के एक मंत्री के हवाले से बताया है कि दक्षिण सूडान के वारेप स्टेट के हथियारबंद लोगों ने शनिवार को पड़ोसी अबेई इलाक़े पर हमले किए.
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस एजेंसी के अनुसार, ज़मीन को लेकर दो गुटों ट्विक डिंका और न्गोक डिंका के बीच ये लड़ाई हुई.
दक्षिण सूडान और सूडान दोनों अबेई पर अधिकार होने का दावा करते हैं. दोनों देशों के बीच 2011 में बंटवारा होने के बाद से अभी तक इस इलाक़े को लेकर विवाद नहीं सुलझ पाया है.
इलाक़े में तैनात संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा बल 'यूनिस्फा' ने कहा है कि शनिवार को उसके ठिकाने पर हुए हमले में घाना के एक शांतिरक्षक सैनिक की मौत हो गई.
यूनिस्फा के अनुसार, रविवार को पाकिस्तान के एक शांतिरक्षक की गोली लगने से मौत हो गई. यह सैनिक घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने में जुटा था. (bbc.com/hindi)
जापान का मून लैंडर एक सप्ताह तक बंद रहने के बाद एक बार फिर से चालू हो गया है. पावर सप्लाई में समस्या की वजह से ये लैंडर बंद पड़ा था.
जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने कहा कि रविवार रात उन्होंने एक बार फिर से लैंडर से संपर्क साधा, जिससे ये संकेत मिले कि लैंडर में आ रही तकनीकी समस्या अब दूर हो गई है.
जापान की स्पेस एजेंसी ने कहा कि सूरज की रोशनी मिलने से लैंडर के सोलर सेल फिर से काम करने लगे हैं.
सोलर सेल के सूरज से दूर होने की वजह से 20 जनवरी को चांद पर लैंड करने के बाद लैंडर ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर पा रहा था.
जापान चांद पर अपना लैंडर भेजने वाला पाँचवां देश है. इससे पहले अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ, चीन और भारत ने ये मुकाम हासिल किया है. (bbc.com/hindi)
जापान के स्पेस एजेंसी को ये उम्मीद थी कि जब सूरज की रोशनी सोलर सेल पर पड़ेगी तो इसमें बिजली उत्पादन होने लगेगा और इसलिए कुछ घंटों तक बैटरी पर चलने के बाद स्पेसक्राफ्ट को बंद कर दिया गया था.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर जाक्सा ने अपने मून मिशन 'स्लिम' की ओर से खींची गई तस्वीर शेयर की. ये लैंडर चांद की सतह पर मौजूद चट्टानों की संरचना का अध्ययन करेगा और चांद के बनने से जुड़े सुराग जुटाएगा.
गाजा, 29 जनवरी । गाजा में हमास द्वारा संचालित सरकार ने एक बयान में कहा कि इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा पट्टी के खान यूनिस में 48 घंटों में कम से कम 350 फिलिस्तीनियों को मार डाला।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया, बयान में रविवार को कहा गया कि मेडिकल टीमें सड़कों पर बिखरे हुए दर्जनों शवों तक पहुंचने में असमर्थ हैं। इसमें कहा गया कि स्थानीय निवासियों को मृतकों को शहर के नासिर अस्पताल के प्रांगण में दफनाना पड़ा, क्योंकि वे उन्हें खान यूनिस कब्रिस्तान में नहीं ले जा सके।
इस बीच, हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि इजरायली सेना द्वारा नाकाबंदी के कारण नासिर अस्पताल मेडिकल कचरे से भर गया है।
फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने एक बयान में इजरायली बलों द्वारा जारी घेराबंदी के बीच खान यूनिस के अल-अमल अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के बारे में चेतावनी दी, इससे अस्पताल में चिकित्सा टीमों के लिए सर्जिकल ऑपरेशन करना मुश्किल हो गया है।
रविवार को हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 को शुरू होने के बाद से, इज़राइल और हमास के बीच चल रहे घातक संघर्ष में गाजा में 26,422 फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो गई है, जबकि घायलों की संख्या बढ़कर 65,087 हो गई है। (आईएएनएस)।
बेरूत, 29 जनवरी । लेबनानी सूत्रों ने मीडिया को बताया कि रविवार को लेबनान-इजरायल सीमा पर इजरायली छापे में हिजबुल्लाह के तीन सदस्य मारे गए और पांच नागरिक घायल हो गए।
आधिकारिक चिकित्सा सूत्रों ने शिन्हुआ समाचार एजेंसी को बताया कि एम्बुलेंस ने मृतकों और घायलों को दक्षिणी लेबनान के तीन सरकारी अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया है।
नाम न छापने की शर्त पर लेबनानी सैन्य सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि इजरायली ड्रोन और युद्धक विमानों ने दक्षिणी लेबनान पर 14 हवाई हमले किए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के 25 कस्बों और गांवों पर 150 इजरायली गोले भी दागे गए, इससे 11 घर नष्ट हो गए और 27 क्षतिग्रस्त हो गए।
इस बीच, लेबनानी सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह ने कहा कि उसके लड़ाकों ने ताल शार, रामिम बैरक, यारा बैरक के आसपास, मोटेला बस्ती और हनीटा साइट पर इजरायली केंद्रो पर हमला किया है।
लेबनानी सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, 7 अक्टूबर, 2023 के बाद से हिजबुल्लाह और इज़राइल के बीच टकराव में लेबनानी पक्ष के 237 लोग मारे गए हैं, इनमें 171 हिजबुल्लाह सदस्य और 39 नागरिक शामिल हैं।
(आईएएनएस)।
जुबा, 29 जनवरी । अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में पिछले हफ्ते पड़ोसी वार्रप राज्य के ट्विक समुदाय के सशस्त्र युवाओं और अबेई के नगोक डिंका के बीच हुई झड़पों के दौरान संयुक्त राष्ट्र के एक शांतिदूत सहित कम से कम 42 लोग मारे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया।अबेई विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के महासचिव राउ मनिएल राउ ने रविवार को कहा कि ट्विक समुदाय के सशस्त्र युवाओं ने अपने आध्यात्मिक नेता गाई माचिएक के प्रति वफादार नुएर युवाओं के सहयोग से नाइनकुएक, मजबोंग और खादियन क्षेत्रों में हमले किए, इसमें 35 लोग घायल हो गए।
मैनिएल ने एक साक्षात्कार में शिन्हुआ को बताया,"जैसा कि हम इन बर्बर समन्वित हमलों का सामना कर रहे हैं, अबेई विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की सरकार हाल ही में राष्ट्रपति साल्वा कीर द्वारा न्गोक डिंका और ट्विक व उनके सहयोगी सशस्त्र युवाओं द्वारा के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए जारी किए गए राष्ट्रपति आदेश की अवहेलना करने के प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा करती है।''
18 जनवरी को जारी राष्ट्रपति कीर के आदेश में सुरक्षा बलों से नगोक डिंका और ट्विक समुदायों के बीच संघर्ष को सुलझाने के लिए नुएर आध्यात्मिक नेता गाई माचीक और उनके वफादार नुएर युवाओं को वार्रप राज्य से बाहर निकालने का आह्वान किया गया था। आदेश में सुरक्षा बलों से दोनों युद्धरत समुदायों के राजनेताओं को बुलाने और गिरफ्तार करने का भी आह्वान किया गया, जो दोनों समुदायों के बीच हिंसा भड़काते दिखे।
मैनियल ने ट्विक काउंटी और अबेई प्रशासनिक क्षेत्र के बीच सीमा पर तटस्थ सुरक्षा बलों की शीघ्र तैनाती का आह्वान किया।
वॉर्रैप राज्य के ट्विक काउंटी के कमिश्नर साइमन अगुएक चान ने कहा कि उनके युवा अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में हुई हिंसा में शामिल नहीं थे।
अगुएक ने कहा कि लड़ाई अबेई के भीतर रहने वाले सशस्त्र नुएर युवाओं और स्थानीय नगोक डिंका युवाओं के बीच थी।
उन्होंने कहा,"शनिवार को अबेई युवाओं के साथ लड़ने वाले नुएर सशस्त्र युवा वही हैं, जो ट्विक में लोगों को मार रहे हैं, उनके पास भारी मशीनगनें हैं और मेरा मानना है कि वे संगठित बलों से हैं, क्योंकि उनके पास जो हथियार हैं वे नागरिकों के लिए नहीं हैं।"
अबेई के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (यूएनआईएसएफए) ने शनिवार को अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में हुए सशस्त्र हमलों की श्रृंखला की निंदा की, इसके परिणामस्वरूप घाना के एक संयुक्त राष्ट्र शांतिदूत की मौत हो गई।
"मिशन इस बात की पुष्टि करता है कि न्यिनकुएक, माजबोंग और खादियन इलाकों में हुई अंतर-सांप्रदायिक झड़पों में लोग हताहत हुए और हिंसा में फंसे लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नागरिकों को यूएनआईएसएफए ठिकानों पर पहुंचाया गया।
इसमें कहा गया है कि अगोक मेंयूएनआईएसएफए बेस पर एक सशस्त्र समूह ने हमला किया था जिसे शांति सैनिकों ने खदेड़ दिया था।
यूएनआईएसएफए ने इन हमलों के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की त्वरित और गहन जांच का आह्वान किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए।
नवंबर 2023 में, अबेई प्रशासनिक क्षेत्र में नगोक डिंका और ट्विक समुदायों के बीच घातक सांप्रदायिक लड़ाई में 32 लोग मारे गए थे।
दोनों समुदाय वर्षों से अनीत सीमा क्षेत्र में भूमि की एक पट्टी के स्वामित्व के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जो दोनों समुदायों को अलग करती है।
अबयेई प्रशासनिक क्षेत्र दक्षिण सूडान और उसके पड़ोसी सूडान के बीच एक विवादित क्षेत्र बना हुआ है, जहां पिछले साल 15 अप्रैल से संघर्ष जारी है।
(आईएएनएस)।
सोल, 29 जनवरी । दक्षिण कोरियाई अंतरिक्ष स्टार्टअप नारा स्पेस ने सोमवार को कहा कि उसके नैनो-सैटेलाइट, ऑब्जर्वर-1ए ने बुसान और दुबई सहित प्रमुख शहरों की तस्वीरें खींचकर एक मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
ऑब्जर्वर-1ए को नवंबर में कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था और सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश किया।
समाचार एजेंसी योनहाप की रिपोर्ट के अनुसार, 20 सेंटीमीटर चौड़ाई और 40 सेंटीमीटर ऊंचाई वाले माइक्रोसैटेलाइट को जहाज और कार की गतिविधियों के साथ-साथ वन क्षेत्रों में बदलाव जैसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पृथ्वी की अपनी पहली रिकॉर्डिंग कैप्चर करने का काम सौंपा गया था।
सैटेलाइट द्वारा ली गई तस्वीरों में दक्षिण कोरिया के दक्षिणपूर्वी बंदरगाह शहर बुसान में एक बंदरगाह और पास के समुद्र में जहाज देखे जा सकते हैं।
वे दुबई में अपतटीय द्वीप पाम जुमेराह और कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनो में अमेरिकी तकनीकी दिग्गज एप्पल के मुख्यालय को भी दिखाते हैं।
वर्तमान में तस्वीरों का स्थानिक रिज़ॉल्यूशन 3 मीटर प्रति पिक्सेल है, लेकिन नारा स्पेस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-बेस्ड इमेज करेक्शन टेक्नोलॉजी के साथ रिजॉल्यूशन को 0.5 मीटर प्रति पिक्सेल तक अपग्रेड करने की योजना बनाई है।
नारा स्पेस के सीईओ पार्क जे-पिल ने कहा, "सैटेलाइट का उपयोग नुकसान को कम करने के लिए प्राकृतिक आपदाओं का विश्लेषण करने या वित्तीय व्यापार के लिए जानकारी का उपयोग करने के लिए विदेशी देशों की फसल स्थितियों का विश्लेषण करने के लिए किया जा सकता है।"
उन्होंने कहा, "इसका उपयोग उत्तर कोरिया में उपकरणों की यात्रा और जलवायु परिवर्तन के चलते प्रकृति के इकोसिस्टम की निगरानी के लिए भी किया जा सकता है।" (आईएएनएस)।
कोलंबिया (अमेरिका), 29 जनवरी। जॉर्डन में ईरान समर्थित समूह के ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत और कई सैनिकों के घायल होने से तिलमिलाए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को कहा कि अमेरिका इसका ‘‘जवाब’’ देगा।
इजराइल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से पश्चिम एशिया में अमेरिकी बलों के खिलाफ ऐसे समूहों द्वारा महीनों से जारी हमलों में पहली बार हुई अमेरिकी सैनिकों की मौत के लिए बाइडन ने ईरान समर्थित मिलिशिया को जिम्मेदार ठहराया।
दक्षिण कैरोलाइना की यात्रा के दौरान बाइडन ने बैपटिस्ट चर्च के बैंक्वेट हॉल में एक सभा में क्षणभर का मौन रखा।
बाइडन ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में हमारे लिए पिछली रात मुश्किल थी। हमने अपने एक सैन्य अड्डे पर हुए हमले में तीन बहादुर सैनिकों को खो दिया। हम जवाब देंगे।’
‘डेर एजोर 24 मीडिया’ के प्रमुख और यूरोप के कार्यकर्ता उमर अबू लैला के अनुसार, पूर्वी सीरिया में ईरान समर्थित लड़ाकों ने अमेरिकी हवाई हमलों के डर से अपनी चौकी खाली करनी शुरू कर दी है। उन्होंने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि ये क्षेत्र मयादीन और बौकामल के गढ़ हैं।
अमेरिका के मध्य कमान ने कहा कि एकतरफा ड्रोन हमले में से कम से कम 34 सैनिक घायल हो गए, जिनमें से आठ को उपचार के लिए जॉर्डन से बाहर भेजा गया। फिलहाल सभी आठ लोगों की हालत स्थिर है।
एक बड़े आकार के ड्रोन ने जॉर्डन में ‘टॉवर 22’ के नाम से जाने जाने वाले ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट’ बेस पर हमला किया। मध्य कमान ने कहा कि लगभग 350 अमेरिकी सैनिकी और वायु सेना के कर्मियों को इस बेस पर तैनात किया गया था। कई अमेरिकी अधिकारियों ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया कि तीन सैनिक मारे गए और घायलों में भी अधिकतर सेना के जवान है। इस छोटे प्रतिष्ठान में अमेरिका के इंजीनियरिंग, विमानन एवं रसद विभाग के कर्मियों के अलावा सुरक्षा सैनिक तैनात थे।
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, ‘‘अमेरिका अपने सैनिकों और अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगा।’’ ऑस्टिन ने कहा कि सैनिकों को आतंकी संगठन आईएसआईएस को स्थायी रूप से हराने के लिए वहां तैनात किया गया था।
तीन अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन ने सैनिकों के सोने के कक्ष के पास हमला किया, जिससे हताहतों की संख्या अधिक हो गई। सीरिया के अल-तन्फ में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा ‘टॉवर 22’ के उत्तर में सिर्फ 20 किलोमीटर की दूरी पर है। जॉर्डन का यह प्रतिष्ठान सीरिया में अमेरिकी सेनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण रसद केंद्र (लॉजिस्टिक हब) के रूप में कार्य करता है।
एपी संतोष सिम्मी सिम्मी 2901 0940 कोलंबिया (एपी)
सियोल, 29 जनवरी। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने पनडुब्बियों से दागी जाने वाली नयी क्रूज मिसाइलों के परीक्षण की निगरानी करने के साथ परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी बनाने के प्रयासों की भी समीक्षा की। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बढ़ते बाहरी खतरों का मुकाबला करने के लिए परमाणु संपन्न नौसेना बनाने के अपने लक्ष्य को दोहराया।
यह रिपोर्ट दक्षिण कोरिया की सेना के उस बयान के एक दिन बाद आई है जिसमें कहा गया है कि उसने सिनपो के पूर्वी बंदरगाह के पास उत्तर कोरिया द्वारा कई क्रूज मिसाइलें दागने का पता लगाया है। सिनपो में उत्तर कोरिया का पनडुब्बियों का विकास करने वाला एक प्रमुख शिपयार्ड है।
अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उत्तर कोरिया द्वारा हथियारों के प्रदर्शन की श्रृंखला में यह नवीनतम था।
उत्तर कोरिया के आधिकारिक समाचार पत्र रोडोंग सिनमुन ने अलग-अलग दागी गई कम से कम दो मिसाइलों की तस्वीरें प्रकाशित कीं। दोनों मिसाइलें समुद्र की सतह के ऊपर भूरे-सफेद धुएं के साथ लगभग 45 डिग्री के कोण पर हवा में उड़ीं। इससे पता चलता है कि उन्हें संभवतः ‘टारपीडो लॉन्च ट्यूब’ से दागा गया था।
सरकारी मीडिया ने कहा कि ये मिसाइलें पुलह्वासल-3-31 थीं जो एक नए प्रकार का हथियार हैं। पिछले सप्ताह इन मिसाइलों का उत्तर कोरिया के पश्चिमी तट से भूमि-आधारित प्रक्षेपण में पहली बार परीक्षण किया गया था।
एपी संतोष सुरभि सुरभि 2901 0845 सियोल (एपी)
जुबा (दक्षिण सूडान), 29 जनवरी। सूडान और दक्षिण सूडान दोनों के दावे वाले तेल समृद्ध क्षेत्र अबेई में बंदूकधारियों ने ग्रामीणों पर हमला किया, जिसमें एक संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक सहित कम से कम 52 लोग मारे गए और 64 घायल हो गए। क्षेत्र के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अबेई के सूचना मंत्री बुलिस कोच ने अबेई से टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) को बताया कि शनिवार शाम को हुए हमले का मकसद तुरंत स्पष्ट नहीं हुआ, लेकिन इसके भूमि विवाद से जुड़े होने का संदेह है।
क्षेत्र में घातक जातीय हिंसा की घटनाएं आम रही हैं, जहां पड़ोसी वार्रप राज्य के ट्विक डिंका जनजाति समुदाय का सीमा पर स्थित अनीत क्षेत्र को लेकर अबेई के नगोक डिंका के साथ भूमि विवाद है।
कोच ने कहा कि शनिवार की हिंसा में हमलावर नुएर जनजाति के हथियारबंद युवक थे जो पिछले साल अपने क्षेत्रों में आई बाढ़ के कारण वार्रप राज्य में चले गए थे।
अबेई में तैनात संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल (यूएनआईएसएफए) ने एक बयान में हिंसा की निंदा की जिसमें शांतिरक्षक की मौत हो गई।
यूएनआईएफएसए ने पुष्टि की कि न्यिंकुआक, मजबोंग और खादियन क्षेत्रों में अंतर-सांप्रदायिक झड़पें हुईं जिससे लोग हताहत हुए और नागरिकों को यूएनआईएसएफए के केंद्रों पर पहुंचाया गया।
बयान में कहा गया है, ‘‘अगोक में यूएनआईएसएफए बेस पर एक सशस्त्र समूह ने हमला किया। मिशन ने हमले को विफल कर दिया लेकिन दुखद रूप से घाना का एक शांतिरक्षक मारा गया।’’
वर्ष 2005 के शांति समझौते के बाद से उत्तर और दक्षिण सूडान के बीच दशकों से जारी गृह युद्ध समाप्त होने के बाद से अबेई क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर सूडान और दक्षिण सूडान में विवाद है। सूडान और दक्षिण सूडान, दोनों अबेई पर स्वामित्व का दावा करते हैं।
एपी सुरभि संतोष संतोष 2901 0834 जुबा (एपी)
कर्ज़ में डूबी दिग्गज चीनी प्रॉपर्टी डेवलपर कंपनी एवरग्रांदे को हॉन्ग कॉन्ग की एक अदालत ने अपनी संपत्तियां बेच कर कर्ज़ चुकाने के आदेश दिए हैं.
कंपनी अपना कर्ज़ चुकाने के लिए कोई योजना पेश नहीं कर सकी, इस पर जज लिंडा चैन ने कहा ‘बस बहुत हो चुका, अब कंपनी को अपनी संपत्ति बेच कर देनदारी चुकानी होगी.’
एवरग्रांदे चीन के रियल स्टेट बाज़ार में चल रहे बड़े संकट का ‘पोस्टर चाइल्ड’ है. कंपनी पर 325 अरब डॉलर का कर्ज़ है. दो साल पहले ही ये कंपनी दिवालिया हो चुकी है.
कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद चीन के वित्तीय बाजारों में हलचल मचने की संभावना है. य ऐसे समय हो रहा है जब चीन शेयर बाजार में सेल-ऑफ़ को काबू करने की कोशिश कर रहा है.
कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद एवरग्रांदे के शेयर के दाम हान्ग कॉन्ग के शेयर बाज़ार में 20 फ़ीसदी गिर गए.
चीन की अर्थव्यवस्था का एक चौथाई हिस्सा रियल स्टेट इंडस्ट्री से आता है. (bbc.com/hindi)
इस्लमाबाद, 28 जनवरी। पाकिस्तान ने ईरान में अपने नौ नागरिकों की निर्मम हत्या की व्यापक जांच कराने की मांग की है। सीमा पार से एक-दूसरे के खिलाफ गोलाबारी के बाद दोनों देशों के बीच आए तनाव के कुछ दिनों बाद यह घटना हुई थी।
पाकिस्तान की सीमा से सटे ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में शनिवार को अज्ञात हमलावरों ने नौ पाकिस्तानी श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी और तीन अन्य को घायल कर दिया था।
ईरान की मेहर समाचार एजेंसी ने कहा, ‘‘प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अज्ञात हथियारबंद लोगों ने सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में सरवन शहर के पास स्थित सिरकन में एक घर में नौ गैर-ईरानी लोगों की हत्या कर दी।’’
किसी भी समूह या व्यक्ति ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने हमले की व्यापक जांच और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित मुकदमा चलाने की मांग की है।
विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा, ‘‘हम ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और घटना की तुरंत जांच करने एवं इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों को जिम्मेदार ठहराने की आवश्यकता पर जोर दिया है।’’ उन्होंने इस ‘जघन्य और घृणित’ हमले की निंदा की। (भाषा)
ढाका, 28 जनवरी। बांग्लादेश की एक अदालत ने रविवार को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मुहम्मद यूनुस को जमानत दे दी। इसके साथ अदालत उनकी सजा के खिलाफ दायर अपील पर भी सुनवाई के लिए सहमत हो गई है।
यूनुस को देश के श्रम कानूनों का उल्लंघन करने के लिए छह माह जेल की सजा सुनाई गई थी।
यूनुस ने रविवार सुबह अदालत में जमानत के लिए याचिका दायर की, जिसे मंजूर कर लिया गया। यूनुस ने गरीब लोगों, विशेषकर महिलाओं की मदद के लिए सूक्ष्म ऋण की शुरुआत की थी। उन्हें उनके काम के लिए वर्ष 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
बांग्लादेश के 83 वर्षीय अर्थशास्त्री और दूरसंचार कंपनी के तीन अन्य अधिकारियों को श्रम कानूनों का उल्लंघन के आरोप में एक जनवरी को छह महीने जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन फैसले और सजा के खिलाफ अपील करने के लिए उन्हें तुरंत 30 दिन की जमानत दे दी गई थी।
अदालत के रविवार के फैसले में कहा गया सजा के खिलाफ अपील पर अंतिम निर्णय होने तक जमानत प्रभावी रहेगी।
बचाव पक्ष के वकील अब्दुल्ला अल मामुन ने कहा कि अपील पर पहली सुनवाई तीन मार्च को होगी।
अगस्त 2023 में, ग्रामीण टेलीकॉम के 18 पूर्व कर्मचारियों ने यूनुस के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन पर उनकी नौकरी के फायदों को हड़पने का आरोप लगाया गया था।
ग्रामीण टेलीकॉम की स्थापना यूनुस ने गैर लाभकारी संगठन के रूप में की थी। (एपी)
इंफाल, 28 जनवरी । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कट्टरपंथी मैतेई संगठन 'अरामबाई तेंगगोल' के कार्यकर्ताओं द्वारा पार्टी की मणिपुर इकाई के प्रमुख पर हाल ही में कथित हमले का जिक्र करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि राज्य में लोकतंत्र और कानून का शासन कायम रहे।
मणिपुर के तीन विधायकों - जिनमें राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और सत्तारूढ़ भाजपा के दो विधायक शामिल हैं - को कथित तौर पर 24 जनवरी को इंफाल के कांगला किले में अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों द्वारा "पीटा गया" और "मजबूर" किया गया।
शाह को लिखे अपने पत्र में खड़गे ने कहा कि इंफाल के ऐतिहासिक कांगला किले में केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के साथ मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की एक बैठक बुलाई गई थी।
खड़गे ने कहा, “बैठक में उपस्थित कई सदस्यों को एक सशस्त्र समूह द्वारा इसमें भाग लेने के लिए मजबूर किया गया। इतना ही नहीं, मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह, जो वांगखेम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं, पर बैठक के दौरान बेरहमी से हमला किया गया और प्रताड़ित किया गया।”
उन्होंने कहा कि इस मामले में मणिपुर के मुख्यमंत्री या गृह मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पत्र में लिखा है, "यह शर्मनाक है कि जब मणिपुर की बात आती है तो प्रधानमंत्री की चुप्पी राज्य और केंद्र दोनों में सभी महत्वपूर्ण हितधारकों की प्रचलित रणनीति लगती है।"
14 जनवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के शुभारंभ के दौरान अपनी मणिपुर यात्रा और पिछले साल जून में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि मणिपुरी समाज बुरी तरह विभाजित है। शांति, राहत और न्याय की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन लोगों के लिए जो पिछले साल 3 मई को राज्य में भड़की हिंसा के बाद अभी भी पीड़ित हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, “ये सभी घटनाएं मणिपुर में प्रशासन के पूर्ण पतन की ओर इशारा करती हैं। प्रधानमंत्री की लगातार चुप्पी और निष्क्रियता मणिपुर के लोगों के साथ अन्याय है।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पहले एक्स पर एक पोस्ट में कहा था : "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राज्य की पूर्ण सुरक्षा के तहत सर्वदलीय विधायकों/सांसदों/मंत्रियों की बैठक में मणिपुर पीसीसी अध्यक्ष के. मेघचंद्र पर हुए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करती है। वाक्पटु प्रधानमंत्री मणिपुर में हुई भारी त्रासदी पर अपनी चुप्पी जारी रखे हुए हैं।''
24 जनवरी को केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्यमंत्री, राजकुमार रंजन सिंह, राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा सनाजाओबा, और मंत्रियों और विपक्षी विधायकों सहित सभी 37 मैतेई समुदाय के विधायकों ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए, जिसमें छह मांगों के चार्टर शामिल थे।
पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता ओकराम इबोबी सिंह और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सहित पांच कांग्रेस विधायकों ने भी मैतेई संगठन सुप्रीमो कोरौंगनबा खुमान की अध्यक्षता में अरामबाई तेनगोल के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में भाग लिया।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह व्यक्तिगत रूप से बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन उन्होंने संकल्पपत्र पर हस्ताक्षर किए।
मांगों में 2008 में केंद्र और राज्य सरकारों और 23 कुकी उग्रवादी संगठनों के बीच हस्ताक्षरित सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) को रद्द करना, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करना, असम राइफल्स को अन्य केंद्रीय बलों के साथ बदलना, अवैध कुकी को हटाना शामिल है। अनुसूचित जनजाति सूची के आप्रवासियों, सभी म्यांमार शरणार्थियों को मिजोरम में स्थानांतरित करना और भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाना।
कांगला किले के आसपास केंद्रीय अर्धसैनिक और राज्य सुरक्षा बलों की विशाल टुकड़ी की तैनाती के साथ अभूतपूर्व सुरक्षा उपाय किए गए, जो 1891 तक मणिपुर साम्राज्य की शाही सीट के रूप में कार्य करता था। (आईएएनएस)।
टोक्यो, 28 जनवरी । जापान में रविवार सुबह टोक्यो, कनागावा प्रान्त और अन्य आसपास के इलाकों में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। देश की मौसम एजेंसी ने यह जानकारी दी।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया, जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) के अनुसार, भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 8:59 बजे आया, जिसका केंद्र टोक्यो खाड़ी में 80 किमी की गहराई पर था, इसकी तीव्रता देश के भूकंपीय पैमाने पर 4 मध्य टोक्यो और कनागावा के पूर्वी हिस्से में 7 मापी गई।
टोक्यो मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के अनुसार, अब तक नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
(आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 28 जनवरी । एलन मस्क द्वारा संचालित एक्स कथित तौर पर ऑस्टिन, टेक्सस में एक नए ट्रस्ट और सेफ्टी ऑफिस के लिए 100 फुल-टाइम कर्मचारियों को नियुक्त कर रहा है। मस्क ने कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद ग्लोबल लेवल पर ट्रस्ट और सेफ्टी टीमों को भंग कर दिया था।
टीम कथित तौर पर चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लाइटेशन मॉडरेशन (सीएसईएम) से संबंधित कंटेंट पर फोकस करेगी।
एक्स सीईओ लिंडा याकारिनो सीएसईएम के एक्स के संचालन के संबंध में 31 जनवरी को सीनेट न्यायपालिका समिति के समक्ष पेश होने वाली हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, एक्स टीम अन्य मॉडरेशन प्रवर्तन में भी मदद करेगी, जैसे हेट स्पीच को प्रतिबंधित करना। कंपनी ने ऐसे रोल्स के लिए जॉब लिस्टिंग पोस्ट की है और कहा है कि मॉडरेटर स्पैम और धोखाधड़ी जैसे मुद्दों की जांच करेंगे और कस्टमर सपोर्ट प्रदान करेंगे।
कंपनी ने अपने लेटेस्ट ब्लॉग पोस्ट में कहा, ''एक्स में, हम चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लाइटेशन (सीएसई) के लिए जीरो टॉलरेंस रखते हैं और हम एक्स को उन एक्टर्स के लिए अमानवीय बनाने के लिए दृढ़ हैं जो नाबालिगों का शोषण करना चाहते हैं। 2023 में, हमने स्पष्ट कर दिया कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता सीएसई को ऑनलाइन निपटाना है।''
कंपनी ने घोषणा की, "हम अधिक इन-हाउस एजेंटों को नियुक्त करने के लिए टेक्सस के ऑस्टिन में एक ट्रस्ट और सेफ्टी सेंटर भी बना रहे हैं ताकि हम अपने प्रभाव को तेज कर सकें।"
2024 में, कंपनी ने कहा कि वह नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) को रिपोर्ट करने के लिए प्लेटफॉर्म पर कंटेंट ढूंढने के लिए डिटेक्शन मैकेनिज्म में सुधार करेगी।
2023 में, एक्स ने अपनी सीएसई पॉलिसी का उल्लंघन करने के लिए 12.4 मिलियन अकाउंट को निलंबित कर दिया। यह 2022 में 2.3 मिलियन अकाउंट से ज्यादा है।
कंपनी ने कहा, "2024 में, हम इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपना मजबूत निवेश जारी रखेंगे और ऑनलाइन सीएसई से निपटने में मदद करने के महत्व के बारे में शिक्षित करने के अपने प्रयासों का विस्तार करेंगे।" (आईएएनएस)।
सियोल, 28 जनवरी। दक्षिण कोरिया की सेना ने रविवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने पूर्वी सैन्य बंदरगाह के जलक्षेत्र से कई क्रूज मिसाइलें दागीं हैं।
उत्तर कोरिया ने यह कदम अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ गहराते तनाव के बीच उठाया है।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने हालांकि यह जानकारी नहीं दी कि कितनी मिसाइलें दागी गईं या वे कितनी दूर तक पहुंचीं। फिलहाल यह भी स्पष्ट नहीं है कि प्रक्षेपण कैसे किए गए। हालांकि उत्तर कोरिया ने इससे पहले पोतों से या जलक्षेत्र में माजूद अन्य साधनों से क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया है।
ये मिसाइल प्रक्षेपण इस वर्ष की शुरुआत से अब तक का ऐसा तीसरा प्रक्षेपण है जिसकी जानकारी मिल सकी है। इससे पहले देश ने 24 जनवरी को क्रूज मिसाइल परीक्षण और 14 जनवरी को पहली ठोस-ईंधन आधारित मध्यवर्ती रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने हाल के महीनों में देश में हथियारों के परीक्षण को तेज किया है और देश के समक्ष आने वाली किसी भी चुनौती का मुंह तोड़ जवाब देने की धमकी दी है जिसके बाद से कोरियाई प्रायद्वीप पर तनाव बढ़ गया है। किम ने अमेरिका और उसके एशियाई सहयोगियों को परमाणु हमले की चेतावनी दी है। प्रतिक्रिया स्वरूप अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान संयुक्त सैन्य अभ्यास का विस्तार कर रहे हैं।
एपी शोभना सुरभि सुरभि 2801 0845 सियोल (एपी)
यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से गुजर रहे ब्रिटिश तेल टैंकर मार्लिन लुआंडा पर मिसाइल से हमला किया है. इस जहाज़ पर 22 भारतीय क्रू मेंबर सवार थे.
इस हमले के बाद अदन की खाड़ी में तैनात भारतीय नौसेना का युद्धक जहाज़ आईएनएस विशाखापत्तनम हरकत में आया.
भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है कि उस जहाज़ से मदद की गुहार मिलने के बाद भारतीय नौसेना के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस विशाखापत्तनम को मदद के लिए भेजा गया.
इस जहाज़ पर भारतीयों के अलावा बांग्लादेश का एक क्रू मेंबर भी सवार था.
यह हमला शुक्रवार की रात को हुआ था और आईएनएस विशाखापत्तनम की टीम के प्रयासों से आग बुझाई गई.
बीते कुछ वक्त में हूती विद्रोहियों की ओर से जहाज़ों पर किए जाने वाले हमले के मामलों में तेज़ी देखने को मिली है. (bbc.com/hindi)