अंतरराष्ट्रीय
तेल अवीव, 17 जनवरी इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने घोषणा की है कि उसके सैनिकों ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर में उच्च पदस्थ हमास नेताओं के कार्यालयों पर छापे मारी की है।
आईडीएफ के कमांड ब्रिगेड ने मंगलवार रात को छापेमारी की।
आईडीएफ के अनुसार, लक्षित कार्रवाई हमास द्वारा नासिर अस्पताल से खान यूनिस में उसके सैनिकों के खिलाफ हमले के बाद की गई।
इसके बाद कमांड ब्रिगेड ने खान यूनिस के नए क्षेत्रों में हमास के बुनियादी ढांचे पर एक बड़ा आक्रमण शुरू किया, जिसमें सैनिकों के आगे बढ़ने से पहले हवाई हमलों की एक श्रृंखला शामिल थी।
आईडीएफ के अनुसार, हमलों ने हमास के कई ठिकानों के साथ-साथ क्षेत्र में फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के मुख्यालय को भी निशाना बनाया।
हालाँकि, सेना ने उन हमास नेताओं का नाम नहीं बताया है जिनके कार्यालयों को निशाना बनाया गया।
कई रिपोर्टों में कहा गया है कि हमास के शीर्ष नेता मोहम्मद दीफ और याह्या सिनवार कथित तौर पर खान यूनिस में छिपे हुए हैं। (आईएएनएस)।
संयुक्त राष्ट्र, 17 जनवरी। यूक्रेन में हाल में रूस के भीषण मिसाइल एवं ड्रोन हमलों के कारण हताहत हुए आम नागरिकों की संख्या में दिसंबर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और इस दौरान इन हमलों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है एवं करीब 500 लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
यूक्रेन स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन ने बताया कि हताहत हुए आम नागरिकों की संख्या में पिछले महीने 26.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उसने बताया कि यह संख्या नवंबर में 468 थी जो दिसंबर में बढ़कर 592 हो गई।
संस्था ने कहा कि कुछ रिपोर्ट का सत्यापन होना अभी लंबित है इसलिए यह संख्या और बढ़ने की आशंका है।
संयुक्त राष्ट्र निगरानी मिशन के प्रमुख डेनिएल बेल ने कहा, ‘‘2023 में हताहत होने वाले आम नागरिकों की संख्या में लगातार कमी आ रही थी, लेकिन दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में हमले बढ़ने के कारण संख्या में बढ़ोतरी हुई।’’
संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि वह इन रिपोर्ट की पुष्टि कर रहा है कि यूक्रेन में 29 दिसंबर से जनवरी की शुरुआत तक किए गए रूसी मिसाइल और ड्रोन हमलों में 86 नागरिकों की मौत हुई है और 416 अन्य लोग घायल हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी कार्यालय के संचालन निदेशक एडम वोसोर्नू ने पिछले बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया था कि 24 फरवरी, 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से मारे गए आम नागरिकों की संख्या 10,200 से अधिक है, जिसमें 575 बच्चे भी शामिल हैं और घायलों की संख्या 19,300 से अधिक है।
एपी सिम्मी अभिषेक सिम्मी 1701 0830 संराष्ट्र (एपी)
न्यूज़ीलैंड की एक सांसद ने चोरी के कई आरोप लगने के बाद इस्तीफ़ा दे दिया है. पुलिस इन मामलों की जाँच कर रही है.
ग्रीन पार्टी की गोलरिज़ घाहरमन ने कथित तौर पर कपड़े की दो दुकानों में तीन बार चोरी की. इनमें से एक चोरी ऑकलैंड में हुई और बाकी वेलिंगटन की दुकान में.
घाहरमन ने कहा है कि काम के तनाव की वजह से वो अपने चरित्र के एकदम उलट बर्ताव कर रही हैं.
उन्होंने कहा, "मैंने बहुत से लोगों को शर्मिंदा किया है और मैं माफ़ी चाहती हूं."
संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकारों की वकील रह चुकीं गोलरिज़ ने साल 2017 में इतिहास रचा था. वो न्यूज़ीलैंड की सरकार में शपथ लेने वाली पहली शरणार्थी थीं.
वो बचपन में अपने परिवार के साथ ईरान से भागी थीं. इसके बाद उन्हें और उनके परिवार को न्यूज़ीलैंड में राजनीतिक शरण दी गई.
घाहरमन का इस्तीफ़ा मंगलवार को तब हुआ जब ऑकलैंड के बूटीक़ से उनके एक डिज़ाइनर बैग उठाने का सीसीटीवी फुटेज सामने आया. 42 साल की गोलरिज़ पर कोई अपराध नहीं लगाया गया है.
उन्होंने अपने बयान में कहा, "उनका व्यवहार उन उच्च मानदंडों पर खरा नहीं उतरा, जो जनता एक चुने हुए प्रतिनिधि से उम्मीद करती है."
गोलरिज़ ने कहा, "मेरा बर्ताव ऐसा नहीं, जिसके बारे में मैं कुछ कह पाऊं, क्योंकि ये किसी भी तरह से ठीक नहीं है और मेडिकल जाँच के बाद, मैं ये समझ चुकी हूं कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है." (bbc.com/hindi)
दो जनवरी को टोक्यो के एक एयरपोर्ट पर दो विमानों के टकराने की घटना के ठीक दो हफ़्ते बाद मंगलवार को जापान में फिर ऐसा ही हादसा हो गया.
जापान के सरकारी मीडिया संस्थान 'एनएचके' (जापान ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) के अनुसार, होक्काइडो के न्यू चितोस एयरपोर्ट पर स्थानीय समय के अनुसार साढ़े पांच बजे ये दुर्घटना हुई.
हालांकि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है.
एनचके के अनुसार, यह हादसा तब हुआ जब होक्काइडो एयरपोर्ट पर दक्षिण कोरिया के कोरियन एयर और हॉन्गकॉन्ग के कैथे पैसिफिक के विमान एक दूसरे से टकरा गए.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कोरियन एयर के अधिकारी के हवाले से बताया कि इस एयरपोर्ट पर उड़ान भरते वक़्त उसका एक विमान कैथे पैसिफिक एयरवेज़ से टकरा गया. कोरियन एयर के विमान में 289 यात्री सवार थे.
वहीं कैथे पैसिफिक के हवाले से एनएचके ने बताया है कि टक्कर के समय उसके विमान में कोई यात्री सवार नहीं था.
इस हादसे के बाद न्यू चितोस एयरपोर्ट पर कई विमानों की उड़ान रद्द करनी पड़ी है.
दो जनवरी को जापान के हनेडा एयरपोर्ट पर दो विमानों की टक्कर में पाँच लोगों की मौत हो गई थी.
14 दिन पहले भी हुआ था हादसा
इससे पहले दो जनवरी को भी जापान के हनेडा एयरपोर्ट के रनवे पर दो विमानों की टक्कर हुई थी. उस हादसे में कोस्ट गार्ड के प्लेन में सवार चालक दल के छह में से पाँच लोगों की मौत हो गई थी.
जापान एयरलाइंस का विमान लैंड होते समय रनवे पर खड़े कोस्ट गार्ड के विमान से टकराया था, जिससे दोनों विमानों में भीषण आग लग गई.
हालांकि, जापान एयरलाइंस के विमान में सवार सभी 379 यात्रियों और क्रू सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था.
लेकिन कोस्ट गार्ड के विमान में मौजूद छह में से पाँच क्रू सदस्यों की मौत हो गई थी. (bbc.com/hindi)
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान बिन अब्दुल्लाह ने कहा है कि हम इसराइल को तभी मान्यता देंगे जब हालात पूरी तरह से सामान्य हो जाएं और एक ऐसा समझौता हो जिसमें फ़लस्तीन एक देश का दर्जा मिल जाए.
स्विट्ज़रलैंड के दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकॉनमिक फ़ोरम में एक पैनल में बात करते हुए प्रिंस फ़रहान बिन अब्दुल्लाह ने कहा, “ हम मानते हैं कि क्षेत्रीय शांति में इसराइल के लिए शांति भी शामिल है, लेकिन यह केवल तभी संभव हो सकता है जब फ़लस्तीनीयों के लिए एक अलग फ़लस्तीन देश बनाया जाए.”
जब उनसे ये पूछा गया कि क्या तब सऊदी अरब इसराइल को मान्यता देगा? इस पर उन्होंने कहा- “ बिलकुल ”
प्रिंस फ़ैसल ने कहा कि "फ़लस्तीनीयों के लिए एक अलग देश बनाकर क्षेत्रीय शांति हासिल करने को लेकर हम अमेरिकी प्रशासन के साथ काम कर रहे हैं, और ग़ज़ा के संदर्भ को देखते हुए ऐसा करना और भी ज़्यादा प्रासंगिक हो गया है."
संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मोरक्को के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद सऊदी अरब से मान्यता पाना इसराइल के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है और इससे मध्य पूर्व की राजनीति पूरी तरह बदल सकती है.
ख़बर थी कि सात अक्टूबर को हमास के इसराइल पर हमले से पहले सऊदी अरब इसराइल के साथ बातचीत आगे बढ़ाने वाला था और इस पहल के पीछे अमेरिका का हाथ था, लेकिन हमास के हमले के बाद सऊदी ने इसराइल के साथ होने वाली इस संभावित बातचीत को ठंडे बस्ते में डाल दिया. (bbc.com/hindi)
लंदन, 16 जनवरी । ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने लोगों को घातक निपाह वायरस से बचाने के लिए एक टीके का परीक्षण करने के लिए पहला मानव नैदानिक परीक्षण शुरू किया है।
विश्वविद्यालय ने एक बयान में बताया, "18 से 55 साल की उम्र के 51 लोग ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के महामारी विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित ChAdOx1 निपाह बी टीके के परीक्षण में भाग लेंगे।"
निपाह वायरस एक विनाशकारी बीमारी है, जो लगभग 75 प्रतिशत मामलों में घातक हो सकती है। सिंगापुर, मलेशिया, बांग्लादेश और भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में इसका प्रकोप हुआ है, हाल ही में सितंबर 2023 में केरल, भारत में इसका प्रकोप हुआ।
निपाह वायरस फ्रूट बैट्स द्वारा फैलता है। इंसानों को चमगादड़ों के मुंह लगाए फल खाने से भी निपाह वायरस हो सकता है। यह संक्रमित जानवरों (जैसे सूअर) के संपर्क में आने या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में निकट संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है।
25 साल पहले मलेशिया और सिंगापुर में निपाह वायरस का पहला मामला आने के बावजूद, वर्तमान में कोई टीका या उपचार नहीं है।
परीक्षण के प्रधान अन्वेषक और विश्वविद्यालय के नफिल्ड मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर ब्रायन एंगस ने कहा, "निपाह वायरस की पहचान पहली बार 1998 में की गई थी। वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय में 25 वर्षों के बाद भी इस विनाशकारी बीमारी के लिए कोई टीका या उपचार नहीं है।"
''उच्च मृत्यु दर और निपाह वायरस संचरण की प्रकृति के कारण, इस बीमारी को प्राथमिकता वाले महामारी रोगजनक के रूप में पहचाना जाता है। यह वैक्सीन परीक्षण एक ऐसे समाधान की पहचान करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो स्थानीय प्रकोप को रोक सकता है, साथ ही दुनिया को भविष्य की वैश्विक महामारी के लिए तैयार करने में भी मदद कर सकता है।''
निपाह वायरस, खसरा जैसे रोगजनकों के रूप में पैरामाइक्सोवायरस के एक ही परिवार से संबंधित है।
वैज्ञानिकों ने ChAdOx1 प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके निपाह वायरस के खिलाफ वैक्सीन का उत्पादन किया। वहीं, वायरल वेक्टर वैक्सीन प्लेटफॉर्म जिसका उपयोग ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के लिए किया गया था, जिसने दुनियाभर में अनुमानित छह मिलियन लोगों की जान बचाई है।
यह परियोजना अगले 18 महीनों तक चलेगी, निपाह प्रभावित देश में आगे परीक्षण किए जाने की उम्मीद है। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 16 जनवरी । भारतीय-अमेरिकी तकनीकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने घोषणा की कि वह 2024 के रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो रहे हैं, और उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन किया, जिन्होंने महत्वपूर्ण आयोवा कॉकस जीता।
38 वर्षीय बायोटेक उद्यमी ने सोमवार रात अपने समर्थकों से कहा कि वह आयोवा के लीडऑफ़ कॉकस में निराशाजनक समापन के बाद अभियान समाप्त कर रहे हैं।
राजनीतिक रूप से नौसिखिया और राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे कम उम्र का उम्मीदवार सात प्रतिशत मतों के साथ चौथे स्थान पर पीछे चल रहे थे।
द हिल ने रामास्वामी के हवाले से बताया“फिलहाल, हम इस राष्ट्रपति अभियान को निलंबित करने जा रहे हैं। इससे पहले आज रात मैंने डोनाल्ड ट्रम्प को यह बताने के लिए फोन किया था कि मैं उन्हें उनकी जीत पर बधाई देता हूं, और अब आगे बढ़ते हुए, राष्ट्रपति पद के लिए आपको मेरा पूरा समर्थन मिलेगा।''
90 से अधिक आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले अमेरिका के दो बार महाभियोग का सामना करने वाले पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प, आयोवा में विजयी हुए, जिससे रिपब्लिकन नामांकन के लिए सबसे आगे के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हो गई।
रिपब्लिकन नेता, जिन्होंने हमेशा रामास्वामी की "चतुर आदमी" और "बहुत बुद्धिमान व्यक्ति" के रूप में प्रशंसा की है, ने हाल ही में राजनीतिक नवागंतुक को "बहुत धूर्त" बताया और मतदाताओं से उनके "धोखाधड़ी अभियान चाल" से "धोखे" में नहीं आने को कहा।
रामास्वामी ने कहा कि वह ट्रम्प के हमले के जवाब में उनकी आलोचना नहीं करने जा रहे हैं, जिसे उन्होंने "दोस्ताना आग" कहा है।
यह कहते हुए कि वह "प्लान बी व्यक्ति" नहीं हैं, रामास्वामी ने उनके उपराष्ट्रपति बनने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि वह पिछले साल अगस्त में नंबर दो की स्थिति में अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे।
फरवरी 2023 में अपना अभियान शुरू करने वाले एंटी-वोक क्रूसेडर का बाहर निकलना, न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी द्वारा घोषणा किए जाने के तुरंत बाद हुआ कि वह अपनी व्हाइट हाउस की बोली छोड़ रहे हैं।
रूढ़िवादी प्रकाशन वाशिंगटन एग्जामिनर के प्रधान संपादक विशाल गुर्डन ने लिखा है कि प्रत्येक राष्ट्रपति चुनाव एक "दिलचस्प उम्मीदवार" को सामने लाता है जो "स्पष्ट रूप से बुद्धिमान, अत्यधिक अपरंपरागत, और एक-दूसरे की तुलना में दूसरों की तुलना में कम पसंद करता है"।
और रामास्वामी 2024 के चुनाव चक्र के "दिलचस्प उम्मीदवार" बन गए थे।
भारत के आप्रवासी माता-पिता के घर जन्मे, उन्होंने एक फार्मास्युटिकल उद्यमी के रूप में लाखों कमाए और राजनीति में उतरने के लिए संभावनाओं का परीक्षण करने के लिए एक किताब लिखी।
वह स्पष्ट रूप से पहली रिपब्लिकन बहस के स्टार थे क्योंकि उन्होंने खुद को अधिकांश बातचीत में शामिल किया था, जिसमें क्रिस्टी के तीखे प्रहार भी शामिल थे, जिन्होंने कहा था कि वह चैटजीपीटी की तरह लग रहे थे।
साथी भारतीय-अमेरिकी और रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी, निक्की हेली ने टिकटॉक पर एक बहस में अपनी बेटी का संदर्भ लाने के लिए उन्हें "गंदा" कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि रामास्वामी के पास "विदेश नीति का कोई अनुभव नहीं है और यह दिखता है।" (आईएएनएस)।
लंदन, 16 जनवरी । इंग्लैंड में 12 वर्षीय लड़की को कार से टक्कर मारने वाली भारतीय मूल की सर्जन को 135,000 पाउंड का हर्जाना देने का आदेश दिया गया है। टक्कर से पीड़िता के सिर में गंभीर चोट आई, कॉलरबोन फ्रैक्चर और अन्य जटिलताएं भी हुईं।
जनवरी 2018 में बिसेस्टर के बकिंघम रोड पर स्कूल जाते समय स्कूली छात्रा की टक्कर डॉ. शांति चंद्रन की कार से हो गई।
ऑक्सफोर्ड मेल अखबार ने पिछले सप्ताह रिपोर्ट दी कि मिल्टन कीन्स अस्पताल में सलाहकार चिकित्सक चंद्रन अपनी बीएमडब्ल्यू आई3 रेंज एक्सटेंडर में काम करने जा रही थीं, जब यह घटना घटी।
पुलिस ने कहा कि बच्ची का सिर उसकी कार की विंडस्क्रीन पर लगा, जिससे शीशा टूट गया।
अधिकारियों ने कहा कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि बच्ची 11 मीटर दूर जाकर गिरी।
दुर्घटना के बाद, लड़की, जो अब 18 साल की है, को सिर में गंभीर चोट लगी, काफी खून बहा और उसके बाएं कॉलरबोन में फ्रैक्चर हो गया।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, उसे तीन दिनों तक इनट्यूबेटेड वेंटिलेटर पर रखा गया और 10 दिनों तक अस्पताल में रही।
दुर्घटना के बाद पहले साल के दौरान, वह मानसिक समस्याओं से ग्रस्त थी, उसे बुरे सपने और पीटीएसडी-टाइप के सिम्टम्स का सामना करना पड़ा।
चंद्रन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बच्ची ने कहा कि वह बहुत तेजी से गाड़ी चला रही थी और अगर वह सुरक्षित और उचित गति से गाड़ी चला रही होती, तो टक्कर नहीं होती।
चंद्रन ने पुलिस को बताया कि वह 28 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चला रही थी, जो 30 मील प्रति घंटे की लागू गति सीमा से कम थी। जब लड़की को टक्कर लगी, तो उसने तुरंत अपनी कार रोक दी।
अपने बचाव में, चंद्रन ने अदालत को बताया कि यह घटना हरी बत्ती होने पर लड़की के सड़क पर निकलने के कारण हुई।
पिछले साल एक मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश डेक्सटर डायस ने कहा कि यह एक आम गलतफहमी थी कि गति सीमा से ठीक नीचे गाड़ी चलाना उचित है।
जज डायस ने कहा था, "हालांकि यह मामला किसी मौत का नहीं है, लेकिन यह एक बार फिर दिखाता है कि अत्यधिक और अनुचित गति से गाड़ी चलाना कितना खतरनाक है।"
द मेल की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने शुरू में प्रस्तावित 225,000 पाउंड के नुकसान में 40 प्रतिशत की कमी की, क्योंकि ट्रैफिक लाइट हरी होने के दौरान लड़की का सड़क पर निकलना उसकी लापरवाही थी।
मुआवजा पिछले महीने उच्च न्यायालय में निर्धारित किया गया था, और निर्णय 11 जनवरी को प्रकाशित किया गया। (आईएएनएस)।
वाशिंगटन, 15 जनवरी । अमेरिका के दो बार महाभियोग झेल चुके पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आयोवा राज्य में आयोजित पहली प्राइमरी में भारी जीत के साथ रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के नामांकन को जीतने के लिए कदम बढ़ाने को तैयार हैं।
आशा के अनुरूप ट्रम्प को आयोवा कॉकस जीतने का अनुमान है।
सीएनएन ने एक सर्वेक्षण में उनकी जीत का अनुमान लगाया है।
आयोवा कॉकस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया की एक अनूठी विशेषता है।
राज्य इस प्रक्रिया में मतदान करने वाला पहला राज्य है।
ट्रम्प की जीत नामांकन पर उनके दावे को आगे बढ़ाती है, लेकिन इसकी गारंटी नहीं देती है।
पूर्व राष्ट्रपति 93 आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं और 2024 में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराए जाने का जोखिम है। दो राज्यों ने पहले ही उन्हें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की सूची से बाहर कर दिया है। (आईएएनएस)।
सियोल, 16 जनवरी। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कहा कि उनका देश अब दक्षिण कोरिया के साथ सुलह का प्रयास नहीं करेगा और उन्होंने युद्ध में विभाजित देशों के बीच साझा राष्ट्र के विचार को खत्म करने के लिए उत्तर कोरिया के संविधान को फिर से लिखने का आह्वान किया।
दोनों कोरियाई देशों द्वारा साझा राष्ट्रीय एकरूपता की भावना पर आधारित एकीकरण के दशकों पुराने प्रयास को खत्म करने का यह ऐतिहासिक कदम क्षेत्र में तनाव बढ़ने के बीच उठाया गया है।
उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) के अनुसार, उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया से संबंध बनाए रखने से जुड़े अहम सरकारी संगठनों को भी समाप्त कर दिया है। दक्षिण कोरिया के साथ संवाद और सहयोग से जुड़ी एजेंसियों को समाप्त करने का फैसला सोमवार को देश की संसद की एक बैठक में लिया गया।
‘सुप्रीम पीपुल्स असेंबली’ ने एक बयान में कहा कि दोनों कोरिया देशों के बीच अब ‘‘गंभीर टकराव’’ है और उत्तर कोरिया के लिए दक्षिण कोरिया को कूटनीति में एक भागीदार मानना बड़ी गलती होगी।
असेंबली ने एक बयान में कहा, ‘‘उत्तर-दक्षिण कोरिया संवाद, वार्ता और सहयोग के लिए बनायी गयी देश के शांतिपूर्ण पुनर्मिलन की समिति, राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग ब्यूरो और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन प्रशासन को रद्द किया जाता है।’’
केसीएनए ने कहा कि संसद में एक भाषण के दौरान किम ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के संयुक्त सैन्य अभ्यासों, अमेरिकी की रणनीतिक सैन्य संपत्तियों की तैनाती और जापान के साथ उनके त्रिपक्षीय सुरक्षा सहयोग का हवाला देते हुए उन पर क्षेत्र में तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया।
किम ने कहा कि उत्तर कोरिया के लिए दक्षिण कोरिया के साथ सुलह और शांतिपूर्ण पुनर्मिलन पर बातचीत करना असंभव हो गया है।
उन्होंने संसद से दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया का ‘‘मुख्य शत्रु और अपरिवर्तनीय प्रमुख शत्रु’’ परिभाषित करने के लिए देश के संविधान को फिर से लिखने का आह्वान किया।
उन्होंने खास तौर से सीमा पार की रेलवे लाइन को काटने और प्योंगयांग में वह स्मारक तोड़ने की मांग की जो पुनर्मिलन के सम्मान में बनाया गया है। किम ने उसे आंख का कांटा बताया।
किम ने साल के अंत में सत्तारूढ़ पार्टी की बैठक में भी ऐसे ही टिप्पणियां की थीं।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक यियोल ने सियोल में मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान कहा कि किम की टिप्पणियां प्योंगयांग में सरकार की ‘‘राष्ट्र-विरोधी और इतिहास-विरोधी’’ प्रवृत्ति को दिखाती है।
एपी गोला सिम्मी सिम्मी 1601 1117 सियोल (एपी)
विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से अपनी दावेदारी का कैंपेन वापस ले लिया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की ख़बर के अनुसार, 38 साल के बिजनसमैन रामास्वामी ने अपने शुरुआती कैंपेन के समय खूब सुर्खियां बटोरी थीं. लेकिन सोमवार को आयोवा कॉकस में सबसे कम वोट पाने के बाद उन्होंने अपना कैंपेन वापस लेने की घोषणा की है और कहा है कि वो डोनल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए समर्थन करेंगे.
सोमवार की रात कॉकस के नतीजे आने बाद उन्होंने कहा- “हमें वो नहीं मिला जो हम आज पाना चाहते थे.”
डोनल्ड ट्रंप ने आयोवा से कॉकस जीत लिया है. वहीं रॉन डिसेंटस दूसरे नंबर पर हैं.
कॉकस का आयोजन स्कूल जिम, टाउन हॉल समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर होता है. कॉकस एक तरह की स्थानीय बैठक है. इनका आयोजन दोनों प्रमुख (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक) पार्टियां करती हैं. आयोजन में होने वाले खर्च भी यही वहन करती हैं. बैठक में रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और राष्ट्रपति उम्मीदवारों के चयन को लेकर समर्थन देने पर बात करते हैं.
डेमोक्रेटिक प्रत्याशी को डेलिगेट्स हासिल करने के लिए कुल आए लोगों का ख़ास फ़ीसदी समर्थन पाना ज़रूरी है. कॉकस में हिस्सा लेने वाले लोग तकनीकी रूप से राष्ट्रपति प्रत्याशी नहीं चुनते हैं बल्कि वे डेलिगेट्स का चुनाव करते हैं. ये डेलिगेट्स फिर कन्वेंशन स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं.
डेलिगेट्स नेशनल कन्वेंशन के लिए राज्य से और कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट कन्वेंशन से चुने जाते हैं. अयोवा जैसे राज्य में हर दूसरे साल पर कॉकस का आयोजन होता है. हालांकि ज़्यादातर राज्य में उम्मीदवारों के चयन के लिए प्राइमरी का आयोजन होता है.
अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति का चुनाव है. (bbc.com/hindi)
ईरान ने कहा है कि रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने इराक़ में इसराइल के एक ‘जासूसी हेडक्वार्टर’ पर हमला किया है.
ये हमला इराक़ के अर्ध-स्वायत्त कुर्दिश क्षेत्र में किया गया है. जहां ये स्ट्राइक हुई है वो एक वीआईपी इलाका है, इससे थोड़ी दूर पर ही अमेरिका का वाणिज्यिक दूतावास है.
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार कुर्दिश क्षेत्रीय सरकार के सिक्योरिटी काउंसिल ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस हमले में चार लोगों की मौत हुई है और छह लोग घायल हुए हैं.
रॉयटर्स के मुताबिक़ रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ये भी कहा है कि उन्होंने सीरिया में भी इस्लामिक स्टेट के खिलाफ़ स्ट्राइक की है.
ये हमले ऐसे वक्त हुए हैं जब हमास और इसराइल के बीच चल रहा युद्ध का ख़तरा इस पूरे क्षेत्र में फैलने का संकट मंडरा रहा है.
रिवॉल्यूशनरी गार्ड ने अपने बयान में कहा- “यहूदी शासन के हालिया अत्याचार जिसके तहत उसने हमारे गार्ड्स पर हमला किया और हमारे कमांडरों की हत्या की उसके जवाब में इराक़ के कुर्दिश क्षेत्र में स्थित मोसाद के हेडक्वार्टर को बैलिस्टिक मिसाइल से बर्बाद किया गया है. ”
पिछले महीने, ईरान ने कहा था कि इसराइल की ओर से दमिश्क में की गई स्ट्राइक में एक टॉप ईरानी जनरल सैयद रज़ी मौसवी की मौत हुई है. (bbc.com/hindi)
(एच एस राव)
लंदन, 16 जनवरी। विदेश में रह रहे भारतीयों समेत 30 लाख से अधिक ब्रिटिश नागरिकों को चुनाव अधिनियम, 2022 लागू होने के बाद ब्रिटेन के आम चुनाव और जनमत संग्रहों में वोट करने का अधिकार वापस मिल गया है।
यह 1928 में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिलने के बाद से ब्रिटेन की मताधिकार सूची में सबसे बड़ी वृद्धि को दर्शाता है।
मंगलवार यानी 16 जनवरी से मतदान अधिकार पर 15 साल की मनमानी सीमा रद्द कर दी गयी है। दुनियाभर में ब्रिटिश नागरिक ऑनलाइन मतदान करने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं, भले ही वे कितने भी समय से विदेश में क्यों न हों।
पंजीकरण कराने पर उनका नाम तीन साल के लिए मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा। पंजीकरण के बाद मतदाता डाक या प्रॉक्सी वोट के लिए भी ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं।
इस कानून के लागू होने के साथ ही ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी के विदेश में रह रहे सदस्यों और समर्थकों के वैश्विक नेटवर्क ‘कंजर्वेटिव्स अब्रॉड’ की अगुवाई में चल रहे अभियान ‘वोट्स फॉर लाइफ’ का समापन हो गया है।
ब्रिटिश मंत्री माइकल गोव ने कहा, ‘‘आज से दुनियाभर के लाखों ब्रिटिश नागरिक भविष्य में होने वाले आम चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं और देश के शासन में अपनी राय प्रकट कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कंजर्वेटिव ने एक बार फिर दिखाया है कि हमारी पार्टी लोकतंत्र हितैषी है और प्रत्येक व्यक्ति के वोट देने के अधिकार की रक्षा करती है।’’ (भाषा)
आयोवा (अमेरिका), 16 जनवरी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के आगामी चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार चुनने की लंबी प्रक्रिया की शुरुआत करने वाले आयोवा कॉकस में सोमवार को जीत हासिल कर ली।
आयोवा कॉकस में दूसरे स्थान के लिए फ्लोरिडा के गवर्नर आर डीसैंटिस और पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल इकलौती महिला एवं संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली के बीच मुकाबला है। डीसैंटिस और हेली पूर्व राष्ट्रपति के शीर्ष विकल्प के तौर पर एक दूसरे को टक्कर दे रहे हैं।
आयोवा कॉकस के लिए मतदाताओं ने हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मतदान किया।
ट्रंप राष्ट्रपति पद के चुनाव में लगातार तीसरी बार रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं।
आयोवा कॉकस की बैठक स्थानीय समयानुसार रात आठ बजे शुरू हुई। कॉकस के भागीदार अपने विचार रखने के लिए 1,500 से अधिक स्कूलों, गिरजाघरों और सामुदायिक केंद्रों में एकजुट हुए और उन्होंने गुप्त मतदान किया।
सिम्मी गोला गोला 1601 0852 आयोवा (एपी)
इरबिल (इराक), 16 जनवरी। ईरान ने इरबिल में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास एक इलाके पर मिसाइल हमलों के तुरंत बाद एक ‘‘जासूसी मुख्यालय और ईरान विरोधी आतंकवादी समूहों के जमावड़े’’ पर हमले किए। ईरान ने सोमवार को यह जानकारी दी।
कुर्द क्षेत्रीय सरकार की सुरक्षा परिषद ने एक बयान में कहा कि इन हमलों में चार नागरिक मारे गए और छह लोग घायल हो गए।
इराक के पूर्व सांसद मशान अल-जाबौरी की सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा की गई एक पोस्ट के अनुसार, इनमें से एक हमले में प्रमुख स्थानीय व्यवसायी पेश्रा दिजाई और उनके परिवार के सदस्य मारे गए। उन्होंने बताया कि एक मिसाइल दिजाई के ‘‘महल पर गिरी जो मेरे घर के पड़ोस में है।’’
इराक में कई अन्य क्षेत्रीय राजनीतिक हस्तियों ने भी दिजाई की मौत की पुष्टि की है।
इसके तुरंत बाद, ईरान के ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ ने सरकारी मीडिया में जारी एक बयान में कहा कि उसने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों सहित ‘‘आतंकवादी गतिविधियों’’ पर हमला किया और कई बैलिस्टिक मिसाइल दागकर उन्हें नष्ट कर दिया। एक अन्य बयान में दावा किया गया कि इसने इराक के कुर्द क्षेत्र में इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय पर हमला किया।
इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन ने 2020 के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए एक ईरानी जनरल की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम को निशाना बनाकर दो आत्मघाती बम विस्फोट किए जाने की इस महीने की शुरुआत में जिम्मेदारी ली थी। रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल कासिम सुलेमानी के सम्मान में आयोजित एक समारोह में हुए हमले में कम से कम 84 लोगों की मौत हो गई थी और 284 अन्य लोग घायल हो गए थे।
ईरान ने इजराइल पर दमिश्क के पड़ोस में हवाई हमले में एक उच्च पदस्थ ईरानी जनरल सैयद रजी मौसावी की हत्या करने का आरोप लगाया है।
एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अमेरिका ने उन मिसाइल पर नजर रखी, जो उत्तरी इराक और उत्तरी सीरिया में गिरीं और इन हमलों में कोई भी अमेरिकी प्रतिष्ठान प्रभावित या क्षतिग्रस्त नहीं हुआ।
ईरान ने 2022 में इरबिल में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास परिसर के पास मिसाइल हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि यह हमला सीरिया में इजराइली हमले का बदला लेने के लिए किया गया जिसमें उसके रिवोल्यूशनरी गार्ड के दो सदस्य मारे गए थे।
एपी सिम्मी गोला गोला 1601 0836 इरबिल (एपी)
-ऑलीवर स्लो
सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद बंधक बनाकर ले जाए गए लोगों के प्रति समर्थन दिखाने के लिए एक इसराइली फ़ुटबॉलर को तुर्की में मुक़दमे का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें फ़ुटबॉल क्लब से भी निकाल दिया गया है.
सागिव जेहेज़केल एंटलयास्पर क्लब के लिए खेलते हैं और एक मुकाबले के दौरान गोल का जश्न मनाते हुए उन्होंने अपने हाथ पर लगी एक बैंडेज को कैमरे की ओर दिखाया. इस पर लिखा था, "100 दिन. 7/10".
रविवार को इसराइल पर हमास के हमले के 100 दिन पूरे हुए थे. इस हमले के बाद से ही इसराइल ने ग़ज़ा में अपनी बमबारी जारी रखी हुई है, जिसमें हज़ारों लोगों की जान जा चुकी है.
तुर्क़ी ने इसराइली फ़ुटबॉलर पर 'ग़ज़ा में इसराइल के नरसंहार' को समर्थन देने का आरोप लगाया है.
हालांकि, जेहेज़केल ने कहा कि वो 'युद्ध-समर्थक' नहीं हैं. वहीं इसराइल ने तुर्की पर दोहरे मापदंड रखने का आरोप लगाया है.
सोमवार को जेहेज़केल की रिहाई पर सुनवाई होनी थी लेकिन इससे पहले ही उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया. उनके ख़िलाफ़ 'सार्वजनिक तौर पर लोगों को नफ़रत और अराजकता के लिए उकसाने' को लेकर जाँच की जा रही है.
तुर्की के जस्टिस मिनिस्टर यिलमाज़ तंक ने कहा कि ये जाँच 'ग़ज़ा में इसराइल के नरसंहार को समर्थन करने जैसा भद्दा काम' करने के लिए हो रही है.
जेहेज़केल को उनके क्लब ने भी निलंबित कर दिया है.
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन फ़लस्तीनियों के समर्थन में ज़ोर-शोर से बोलते आए हैं. वह हमास के पक्ष में भी आवाज़ उठाते रहे हैं. वह ग़ज़ा में इसराइली कार्रवाई की कई बार कड़ी आलोचना कर चुके हैं. तुर्की में सात अक्टूबर के बाद से फ़लस्तीनियों के समर्थन में विशाल पैमाने पर रैलियां हुई हैं.
स्थानीय न्यूज़ आउटलेट डीएचए के अनुसार जेहेज़केल ने एक अनुवादक के ज़रिए बयान जारी कर के कहा है कि उन्होंने 'उकसाने' के इरादे से कुछ नहीं किया, बल्कि वह चाहते हैं कि युद्ध ख़त्म हो.
उन्होंने कहा, "मैं युद्ध का समर्थन करने वाला आदमी नहीं हूं... ग़ज़ा में बहुत से इसराइली सैनिक बंधक बने हुए हैं. मैं वो हूं जो ये मानता है कि इस 100 दिनों का अब अंत होना चाहिए. मैं चाहता हूं कि युद्ध ख़त्म हो."
वहीं, इसराइल ने जेहेज़केल के प्रति तुर्की के व्यवहार की आलोचना की है.
इसराइल के रक्षा मंत्री याओव गैलेंट ने कहा कि इसराइल ने बीते साल आए भूकंप के समय तुर्की की मदद की थी. उन्होंने तुर्की पर दोगलेपन का आरोप लगाया. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों ने एक जहाज़ पर मिसाइल दागी. इस हमले में जहाज़ पर सवार सभी लोग सुरक्षित हैं.
ब्रिटेन की मैरिटाइम सिक्योरिटी फ़र्म एंब्रे ने कहा कि ये मिसाइल हमला अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से हूतियों पर की गई कार्रवाई के जवाब में किया गया.
ईगल बल्क नाम की अमेरिकी शिपिंग कंपनी ने भी पुष्टि कर दी है कि यमन के तट के पास उनके जहाज़ पर हमला हुआ है. कंपनी ने कहा, "जिब्राल्टर (जहाज़) पर एक अज्ञात चीज़ से हमला हुआ."
कंपनी ने कहा कि इस जहाज़ में स्टील के उत्पाद थे और इसे सीमित नुकसान पहुंचा है, लेकिन अब ये जहाज़ इलाके से बाहर की ओर जा रहा है. हमले में कोई घायल नहीं हुआ है.
ईरान समर्थित हूती बीते साल नवंबर से ही लाल सागर से होकर जाने वाले जहाज़ों पर हमला कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे इसराइल से जुड़े जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं. हालांकि, वास्तविकता ये है कि कई जहाज़ों का इसराइल से कुछ लेना-देना नहीं है.
यूनाइटेड स्टेट्स कमांड फॉर द मिडिल ईस्ट (सेंटकॉम) का कहना है कि अमेरिका के जहाज़ पर हूतियों ने बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है. सेंटकॉम ने कहा कि जहाज़ को हमले से कोई नुक़सान नहीं पहुंचा है और वह अपना सफ़र जारी रखे हुए है.
दूसरी ओर, यमन में हूतियों के ख़िलाफ़ हमले को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने संसद में बयान दिया है.
उन्होंने बताया कि 16 नवंबर के बाद से अब तक हूतियों ने लाल सागर में 25 "अवैध" और "अस्वीकार्य" हमले किए हैं.
पीएम सुनक ने कहा कि 9 जनवरी को हुआ हमला दशकों बाद रॉयल नेवी पर हुआ सबसे बड़ा अटैक था.
सुनक ने कहा कि अभी तक हूतियों के 13 ड्रोन और मिसाइल लॉन्च साइट्स को ध्वस्त कर दिया गया है. हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि अभी तक आम लोगों के जान-माल के नुकसान के बारे में कोई सबूत नहीं मिला है.
सुनक ने कहा कि हूतियों के हमले यमन में भी 'गंभीर मानवीय परिस्थितियां' पैदा होने का जोखिम बढ़ा रहे हैं.
उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि यमन के हज़ारों-लाखों लोगों के लिए खाद्य सहायता लाल सागर के रास्ते से ही पहुंचती है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन अपने कहे को करने के लिए तैयार है.
सुनक ने कहा कि ये हूतियों पर निर्भर करता है कि अब वे इसे आगे न बढ़ाएं. (bbc.com/hindi)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति एक बार फिर से रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने के लिए मैदान में हैं. इसकी शुरुआत भी उनके हक़ में हुई है.
डोनल्ड ट्रंप ने आयोवा से कॉकस जीत लिया है.
कॉकस का आयोजन स्कूल जिम, टाउन हॉल समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर होता है. कॉकस एक तरह की स्थानीय बैठक है. इनका आयोजन दोनों प्रमुख (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक) पार्टियां करती हैं. आयोजन में होने वाले खर्च भी यही वहन करती हैं. बैठक में रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और राष्ट्रपति उम्मीदवारों के चयन को लेकर समर्थन देने पर बात करते हैं.
डेमोक्रेटिक प्रत्याशी को डेलिगेट्स हासिल करने के लिए कुल आए लोगों का ख़ास फ़ीसदी समर्थन पाना ज़रूरी है. कॉकस में हिस्सा लेने वाले लोग तकनीकी रूप से राष्ट्रपति प्रत्याशी नहीं चुनते हैं बल्कि वे डेलिगेट्स का चुनाव करते हैं. ये डेलिगेट्स फिर कन्वेंशन स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं.
डेलिगेट्स नेशनल कन्वेंशन के लिए राज्य से और कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट कन्वेंशन से चुने जाते हैं. अयोवा जैसे राज्य में हर दूसरे साल पर कॉकस का आयोजन होता है. हालांकि ज़्यादातर राज्य में उम्मीदवारों के चयन के लिए प्राइमरी का आयोजन होता है.
अमेरिका में इसी साल राष्ट्रपति का चुनाव है. इस बार अयोवा का कॉकस में महज़ 30 मिनट के भीतर ही डोनाल्ड ट्रंप ने जीत लिया.
इस रेस में नंबर पर दो पर कौन सा रिपब्लिकन नेता होगा, इस पर सबकी निगाहें हैं.
इस दौड़ में भारतीय मूल के रिपब्लिकन विवेक रामास्वामी 21 वोटों के साथ सबसे पीछे हैं. अब तक दूसरे और तीसरे नंबर पर रिपब्लिकन नेता रॉन डिसेंटस और निकी हेली हैं.
अब तक के आंकड़ों के मुताबिक़- ट्रंप को 85, डिसेंटस को 79, हेली को 64 और रामास्वामी को 21 लोगों का समर्थन मिला है.
ट्रंप की आयोवा से जीत पर ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ ग्रुप ने बयान जारी कर कहा, “अयोवा के लोगों ने साफ़ संदेश दे दिया है कि वो डोनाल्ड ट्रंप को रिपलब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवार चाहते हैं.” (bbc.com/hindi)
दुबई, 15 जनवरी। ईरान की एक अदालत ने जेल में बंद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को कथित तौर पर इस्लामी गणराज्य के खिलाफ प्रचार करने के लिए 15 महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई है। उनके परिवार ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मोहम्मदी (51) के परिवार द्वारा इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के अनुसार, नयी सजा 19 दिसंबर को सुनाई गई। इसमें कहा गया कि मोहम्मदी ने अदालती सत्र में भाग लेने से इनकार कर दिया था।
फैसले में यह भी कहा गया कि अपनी सजा पूरी करने के बाद मोहम्मदी के दो साल तक विदेश यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा और उसी अवधि के लिए राजनीतिक और सामाजिक समूहों में सदस्यता ग्रहण करने पर भी पाबंदी होगी। फैसले के मुताबिक मोहम्मदी दो साल तक मोबाइल फोन भी नहीं रख पाएंगी।
फैसले में उन्हें राजधानी तेहरान से भी निर्वासित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि मोहम्मदी को संभवतः ईरान के किसी अन्य प्रांत में नयी सजा की अवधि बितानी होगी। मोहम्मदी को तेहरान की कुख्यात एविन जेल में रखा गया है जहां वह सत्तारूढ़ व्यवस्था के खिलाफ प्रचार करने, जेल में अवज्ञा और अधिकारियों की मानहानि के लिए 30 महीने की सजा काट रही हैं।
मोहम्मदी नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला हैं और 2003 में मानवाधिकार कार्यकर्ता शिरीन आब्दी के बाद दूसरी ईरानी महिला हैं। (एपी)
कीव, 15 जनवरी। यूक्रेन के सैन्य प्रमुख वालेरी जालुझनी ने सोमवार को दावा किया कि उनके देश की वायु सेना ने एक रूसी बेरीव ए-50 पूर्व चेतावनी एवं नियंत्रण विमान और एक आईएल-22 कमान केंद्र विमान को मार गिराया है।
रूसी सैनिकों को युद्ध क्षेत्र में इस तरह के विमान काफी मदद कर रहे हैं। रूस के दो विमानों को मार गिराया जाना, करीब दो साल से जारी युद्ध में यूक्रेन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि अग्रिम मोर्चे पर वह ख़ंदक और तोपों के इस्तेमाल वाली लड़ाई में उलझा हुआ है।
जालुझनी ने यह नहीं बताया कि रूसी विमानों को किस तरह मार गिराया गया। यूक्रेन ने पश्चिमी सहयोगी देशों से आधुनिक हवाई रक्षा प्रणालियां हासिल की हैं।
उन्होंने यह भी नहीं बताया कि इन विमानों को कहां रोका गया, हालांकि उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में एक वीडियो संलग्न किया जिसमें एक विमान ट्रैकर दो लक्ष्यों को दिखा रहा है जो अजोव सागर के ऊपर लापता होते नजर आ रहे हैं।
अजोव सागर, यूक्रेन और रूस के बीच स्थित है।
मास्को से तत्काल कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कई ब्लॉगर ने कहा कि दोनों विमानों ने आपस में ही एक-दूसरे को निशाना बना डाला, हालांकि उन्होंने इसका कोई साक्ष्य नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया कि आईएल-22 क्षतिग्रस्त हो गया लेकिन उतरने में सफल रहा।
ए-50, एक पूर्व चेतावनी एवं नियंत्रण विमान है जिसमें लगा एक बड़ा रडार 650 किलोमीटर की दूरी से हवाई लक्ष्य निर्धारित करने में सक्षम है। इसके चालक दल में 15 सदस्य होते हैं। रूसी वायु सेना ऐसे नौ विमानों के एक बेड़े का कथित तौर पर परिचालन कर रही है।
वहीं, आईएल-22 एक हवाई कमान पोस्ट है जो सैन्य अभियानों की निगरानी करता है और अग्रिम मोर्चे पर मौजूद सैनिकों को रेडियो सिग्नल भेजता है। रूसी वायु सेना में इस तरह के कथित तौर पर एक दर्जन विमान हैं। (एपी)
हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि इसराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद से ग़ज़ा में 24 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें से 100 लोगों की मौत बीते दिन हुई है.
बीती सात अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इसराइल पर हमला किया था. इसमें करीब 12 सौ लोगों की मौत हो गई थी जबकि दो सौ से ज़्यादा लोगों को लड़ाके अपने साथ बंधक बनाकर ले गए थे.
इसके बाद से इसराइल ग़ज़ा पर हमले कर रहा है.
हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक हुई मौतों का आंकड़ा 24,100 हो चुका है. रिपोर्टों के मुताबिक कई लोगों के शव मलबे में दबे हो सकते हैं. (bbc.com/hindi)
एडिलेड, 15 जनवरी यदि आपने हाल ही में सोशल मीडिया पर बिल्ली के वीडियो देखे हैं, तो आपको शायद यह विचार आया होगा कि बिल्ली के बालों का रंग हमें उनके विशिष्ट गुणों के बारे में कुछ बताता है।
माना जाता है कि नारंगी बिल्लियाँ ‘‘बुद्धू’’ होती हैं, जो हमेशा बिस्तर से गिरती रहती हैं या अजीब जगहों पर फंस जाती हैं।
कछुए के खोल जैसे रंग की बिल्लियों के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वह धुन की पक्की होती हैं। अगर सोशल मीडिया पर विश्वास किया जाए तो काली बिल्लियाँ ‘‘अधिक चालाक’’ होती हैं।
यह विचार कि बिल्ली का गुण उसके रंग से जुड़ा है, नया नहीं है। 2012 में बिल्लियों के प्रति मानवीय धारणाओं के एक अध्ययन में बताया गया कि लोग आमतौर पर मानते हैं कि जिंजर बिल्लियाँ मिलनसार होती हैं, जबकि कछुए जैसे रंग वाली बिल्लियों को अलग-थलग और लापरवाह माना जाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह बिल्लियों के वास्तविक व्यवहार की बजाय सिर्फ लोगों के विश्वास पर आधारित है। तो शोध वास्तव में क्या कहता है?
बिल्ली के बारे में सर्वेक्षण लोगों द्वारा भरे जाते हैं
शोध से पता चलता है कि इनसानों की तरह बिल्लियों में भी कुछ खास गुण होते हैं। एक अध्ययन में बिल्लियों के पांच प्रमुख लक्षण प्रस्तावित किए गए हैं: विक्षिप्तता, बहिर्मुखता, प्रभुत्व, आवेग और सहमति।
शोधकर्ताओं ने बिल्लियों में ‘‘विक्षिप्तता’’ को चिंतित, असुरक्षित, लोगों से डरने और तनावग्रस्त होने से जोड़ा है। विक्षिप्तता की कम प्रवृत्ति वाली बिल्लियाँ स्थिर, भरोसेमंद, शांत और आत्मविश्वासी होने से जुड़ी थीं।
आवेगी के रूप में वर्गीकृत बिल्लियों को अनियमित, लापरवाह और विचलित होने वाला माना गया है, जबकि कम आवेग वाली बिल्लियों को पूर्वानुमानित और विवश माना गया।
आपको इन अध्ययनों से यह समझ में आ सकता है कि ये ऐसे शब्द नहीं हैं जिन्हें बिल्लियाँ अपने लिए चुनेंगी, और आप के विचार को सही साबित कर देंगी।
बिल्ली के गुणों पर सर्वेक्षण इनसानों द्वारा ही भरे जाते हैं। इस प्रकार, परिणाम मानवीय दृष्टिकोण, अनुमान और पूर्वाग्रहों से प्रभावित होते हैं।
दरअसल, बिल्लियों में गुणों को परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधियों की समीक्षा से यह निष्कर्ष निकला कि उनके बालों के रंग के कारण गुणों में अंतर की रिपोर्ट करने वाले अध्ययन उसके पालक के पूर्वाग्रह से प्रभावित होने की संभावना है।
नस्ल से जुड़े गुण
जब बिल्ली के गुणों की बात आती है तो रंग के बजाय उसकी संभावित नस्ल अधिक महत्वपूर्ण होती है।
एक अध्ययन में पाया गया कि ब्रिटिश शॉर्टहेयर बिल्लियाँ मानव संपर्क की तलाश करने की सबसे कम संभावना रखती थीं, जबकि कोराट और डेवोन रेक्स बिल्लियाँ इसकी सबसे अधिक संभावना रखती थीं।
हालाँकि, एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि नस्लों के भीतर पर्याप्त भिन्नता मौजूद है, जिससे पता चलता है कि बिल्ली की नस्ल पूरी तरह से उसके विशिष्ट गुणों की व्याख्या नहीं कर सकती है।
ये दोनों अध्ययन एक बार फिर सर्वेक्षण-आधारित थे और इसलिए, फिर से, मानवीय पूर्वाग्रह परिणामों को प्रभावित कर रहा है।
यह रंग या नस्ल नहीं है तो फिर और क्या है?
आनुवंशिकी व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाला एकमात्र कारक नहीं है। पर्यावरण और किसी जानवर को कैसे पाला जाता है इसका भी उसके गुणों पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।
यदि बिल्ली के बच्चे लगभग नौ सप्ताह की उम्र तक लोगों के साथ मेलजोल नहीं रखते हैं, तो उनके मनुष्यों और अन्य जानवरों के प्रति डरपोक और शर्मीले होने की संभावना अधिक होती है।
चाहे आपकी बिल्ली हाथ से पाली गई हो, ब्रीडर से खरीदी गई हो या किसी बक्से में पाई गई हो, वे संभवतः अपनी मां के साथ बिताए गए समय के आधार पर अलग-अलग व्यवहार करेंगी।
वास्तव में, मनुष्य विशेष व्यवहार संबंधी लक्षणों को कुछ निश्चित अर्थ देने की प्रवृत्ति रखते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि कोई बिल्ली डरपोक है, तो उसे बुद्धिमत्ता की कमी के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि वह अपने वातावरण के साथ उस तरह से घुलने-मिलने की कम संभावना रखती है, जिसे हम ‘‘चुस्त चौकन्ने’’ के रूप में पहचानते हैं।
दूसरी ओर, अपने वातावरण में सहज महसूस करने वाली आश्वस्त बिल्लियाँ ‘‘बूद्धू’’ लग सकती हैं, क्योंकि वे लापरवाह तरीके से कार्य करती हैं जो इनसान की नजरों में ‘‘बेवकूफ’’ के रूप में दर्ज होती हैं।
किसी किताब को उसके आवरण से या किसी बिल्ली को उसके रंग से मत आंकिए।
जबकि बिल्ली के रंग के साथ व्यक्तित्व को जोड़ने वाले मजाकिया सोशल मीडिया वीडियो हानिरहित हो सकते हैं, लेकिन वे जो पूर्वाग्रह पैदा करते हैं, उसके अधिक हानिकारक परिणाम हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, काली बिल्लियों को अन्य रंग की बिल्लियों की तुलना में किसी आश्रयस्थल द्वारा अपनाने की उम्मीद कम होती है इसलिए उनके मरने का खतरा अधिक होता है।
काले जानवरों की तस्वीर खींचना अधिक कठिन होता है, जिसका अर्थ है कि वे गोद लेने की तस्वीरों में उतने आकर्षक नहीं दिख सकते। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि काली बिल्लियाँ दुर्भाग्य का प्रतीक हैं, या जादू टोना या बुराई से जुड़ी हैं।
काली बिल्लियों के कम मिलनसार होने की रूढ़िवादिता गहरे रंग के बालों पर चेहरे के भावों को पढ़ने में कठिन होने से भी उत्पन्न हो सकती है।
इससे पहले कि आप इसे अटकलों के रूप में खारिज करें, एक अध्ययन ने विभिन्न रंगों की बिल्लियों की तस्वीरों का उपयोग करके काली बिल्लियों के प्रति मानव पूर्वाग्रह की पुष्टि की है।
हमें आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए कि लोग बिल्लियों के बारे में उनके रंग के आधार पर निर्णय लेते हैं। हम मानव बालों के रंग के आधार पर भी निर्णय लेते हैं - उदाहरण के लिए, भूरे बालों वालों को मूर्ख या लाल बालों वालों को उग्र मानने की धारणा है।
और मानवीय रूढ़िवादिता की तरह, हमारी बिल्लियों को मनमाने वर्गों में रखना किसी के लिए उपयोगी नहीं है।
इसके बजाय, अपनी बिल्ली और किसी भी बिल्ली के बारे में ऐसे सोचना सबसे अच्छा है, जैसे कि वे अपने आप में विशिष्ट हैं।
बिल्लियाँ अपने रंग से कहीं अधिक हैं। लोग और बिल्लियाँ घनिष्ठ भावनात्मक बंधन बनाते हैं।
किसी के सुबह उठने का कारण बिल्ली हो सकती है। बिल्लियाँ अत्यधिक वफादार, अटूट साथी, मित्र और परिवार भी हो सकती हैं।
आइए उनके जटिल, अद्भुत गुणों को केवल एक रंग या प्रकार तक सीमित न रखें। (द कन्वरसेशन)
न्यूयॉर्क, 15 जनवरी । आयोवा कॉकस द्वारा रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन की प्रक्रिया शुरू करने से कुछ घंटे पहले, भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने कहा है कि वह अब उप राष्ट्रपति की भूमिका निभाने की इच्छुक नहीं हैं।
आयोवा की बर्फीली ठंड को पार करते हुए और राज्य में मजबूत जीत की उम्मीद करते हुए, 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ में अकेली महिला अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने चुनाव को लेकर आश्वस्त हैं।
“हेली ने सीबीएस न्यूज साक्षात्कार में कहा, मुझे उपराष्ट्रपति बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं राष्ट्रपति बनने के लिए और जीतने के लिए दौड़ रही हूं और हम जीतेंगे।
हाल ही में हुए पोल के अनुसार हेली आमने-सामने के मुकाबले में ट्रम्प या फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस की तुलना में राष्ट्रपति जो बाइडेन पर बड़ी बढ़त बनाए हुए हैं।
हेली ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, "रिपब्लिकन को फिर से जीतना शुरू करने की जरूरत है। मैं आम चुनाव में जो बिडेन पर भारी पड़ूंगी।"
पिछले सप्ताह जारी एमर्सन कॉलेज पोलिंग/डब्ल्यूएचडीएच न्यू हैम्पशायर सर्वेक्षण में हेली को राज्य के राष्ट्रपति पद के प्राइमरी में 28 प्रतिशत पर पाया गया, जो नवंबर 2023 में 18 प्रतिशत था।
दूसरी ओर, ट्रम्प को राज्य में रिपब्लिकन प्राथमिक मतदाताओं के बीच 44 प्रतिशत समर्थन प्राप्त है, जो पिछले साल नवंबर में 49 प्रतिशत से कम है।
23 जनवरी को न्यू हैम्पशायर प्राइमरी और 3 फरवरी को साउथ कैरोलिना में होने वाले प्राइमरी चुनाव के साथ, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजदूत ने कहा कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की दौड़ में उनके और ट्रम्प के बीच मुकाबला होगा।
हेली ने एक साक्षात्कार में फॉक्स न्यूज को बताया,"मुझे लगता है कि मैं और डोनाल्ड ट्रम्प न्यू हैम्पशायर जा रहे हैं। और आप देखेंगे कि यह पहले से ही करीब है। यह और भी करीब आने वाला है, और फिर हम इसे दक्षिण कैरोलिना में अपने राज्य में ले जा रहे हैं।
सीबीएस द्वारा यह पूछे जाने पर कि वह उन मतदाताओं से क्या कहेंगी, जो उन्हें उपराष्ट्रपति के रूप में पसंद करते हैं, लेकिन जो अभी भी ट्रम्प का समर्थन कर रहे हैं, हेली ने कहा: "ठीक है, मुझे लगता है कि देखो, यदि आप अराजकता के चार और साल चाहते हैं, तो आप यही करने वाले हैं।"
हेली ने दोहराया कि वह साथी भारतीय-अमेरिकी कमला हैरिस को राष्ट्रपति के रूप में नहीं चाहती हैं।
हेली ने सीबीएस न्यूज को बताया, हम अपनी सांसें रोक लेंगे, मुझे राष्ट्रपति कमला हैरिस नहीं चाहिए। (आईएएनएस)।
फीनिक्स, 15 जनवरी । अमेरिकी राज्य एरिजोना के रेगिस्तान में हॉट एयर बैलून के दुर्घटनाग्रस्त होने से चार लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एलॉय पुलिस विभाग के बयान के आधार पर बताया कि दुर्घटना रविवार सुबह करीब 7.50 बजे शहर के पास एक ग्रामीण रेगिस्तानी इलाके में हुई, जो राज्य की राजधानी फीनिक्स से लगभग 105 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है।
स्थानीय केएनएक्सवी समाचार चैनल ने बताया कि जब यह हादसा हुआ तब हॉट एयर बैलून में कुल 13 लोग थे, जिनमें आठ स्काइडाइवर, चार यात्री और एक पायलट शामिल था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना से पहले स्काइडाइवर गोंडोला से बाहर निकल गए और प्रत्यक्षदर्शियों ने अधिकारियों को बताया कि जोरदार टक्कर से पहले बैलून काफी ऊपर-नीचे हुआ था।
एक व्यक्ति को दुर्घटनास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया गया। अन्य तीन पीड़ितों की बाद में मृत्यु हुई और पांचवां व्यक्ति अस्पताल में गंभीर हालत में है।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) के अधिकारियों ने कहा कि हॉट एयर बैलून कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ, इसका पता नहीं चला है।
एनटीएसबी और संघीय उड्डयन प्रशासन दुर्घटना की जांच कर रहे हैं। (आईएएनएस)।
दुबई, 15 जनवरी। यमन के हुती विद्रोहियों ने रविवार को लाल सागर में एक अमेरिकी पोत को निशाना बनाकर जहाज-रोधी क्रूज मिसाइल दागी, जिसे एक अमेरिकी लड़ाकू विमान ने मार गिराया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
गाजा पट्टी में हमास के साथ इजराइल के युद्ध के बीच हाल में वैश्विक स्तर पर जहाजों की आवाजाही को प्रभावित करने वाले हमले हुए हैं।
लाल सागर में हफ्तों तक जहाजों पर हुतियों के हमलों के बाद अमेरिका और सहयोगी देशों ने शुक्रवार को विद्रोहियों पर हमले शुरू किए, जिसके बाद पहली बार हुती विद्रोहियों ने यह हमला किया है। अमेरिका ने इस हमले की पुष्टि की है।
इजराइल-हमास युद्ध के दौरान हुतियों ने एशिया और पश्चिम एशिया के तेल और मालवाहक जहाजों को स्वेज नहर से यूरोप तक जोड़ने वाले महत्वपूर्ण गलियारे में निशाना बनाया है। ऐसे हमलों से इजराइल-हमास युद्ध के क्षेत्रीय संघर्ष में बदलने का खतरा पैदा हो गया है।
ईरान से संबद्ध शिया विद्रोही समूह हुती ने अभी हमले की जिम्मेदरी नहीं ली है।
अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड ने एक बयान में कहा कि हुती गोलाबारी में लाल सागर के दक्षिणी इलाकों में सक्रिय आर्ले बर्क श्रेणी के विध्वंसक पोत ‘यूएसएस लाबून’ को निशाना बनाया गया।
अमेरिका ने कहा कि मिसाइल लाल सागर के बंदरगाह शहर होदेइदा के पास से आई जिस पर लंबे समय से हुती विद्रोहियों का कब्जा है।
सेंट्रल कमांड ने कहा, ‘‘यमन के ईरान समर्थित हुती विद्रोही इलाकों से ‘यूएसएस लाबून’ की ओर एक जहाज-रोधी क्रूज मिसाइल दागी गई। घटना में किसी के हताहत होने या नुकसान की सूचना नहीं है।’’
अमेरिकी नेतृत्व वाले हमलों के पहले दिन शुक्रवार को 28 स्थानों पर हमला किया गया था और लड़ाकू विमान, युद्धपोतों और एक पनडुब्बी द्वारा छोड़ी गयी क्रूज मिसाइलों तथा बमों के जरिए 60 से अधिक लक्ष्यों पर निशाना साधा गया। अमेरिकी सेना ने इसके बाद शनिवार को हुती राडार स्थल पर हमला किया था।
एपी सुरभि गोला गोला 1501 0933 दुबई (एपी)