अंतरराष्ट्रीय
रफाह, 27 दिसंबर। इजराइली सुरक्षा बलों ने मंगलवार को फलस्तीन के भीड़भाड़ वाले इलाकों में बमबारी करने और लोगों से इलाका खाली करने का आदेश देने के बाद मध्य गाजा के शहरी शरणार्थी शिविरों में अपने जमीनी हमले का विस्तार किया।
गाजा के मुख्य दूरसंचार प्रदाता ने इन इलाकों में सेवाओं में “पूर्ण रुकावट” की घोषणा की।
संभावित नए युद्ध क्षेत्र का खुलना इंगित करता है कि आगे की राह विनाशकारी और लंबी है, क्योंकि दक्षिणी इजराइल पर सात अक्टूबर के हमले के बाद इजराइल ने हमास को कुचलने का संकल्प लिया है।
कई हफ्तों से इजराइली सेना उत्तरी गाजा और दक्षिणी शहर खान यूनिस में भारी लड़ाई में जुटी हुई है, जिसने फलस्तीनियों को शरण लेने के लिए क्षेत्र के छोटे क्षेत्रों में जाना पड़ रहा है।
अमेरिका ने कहा कि इजराइल के रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार जेक सुलिवन के साथ बैठक कर रहे थे।
संघर्ष विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव और हताहत होने वाले नागरिकों की संख्या में कमी लाने के अमेरिकी आह्वान के बावजूद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि लड़ाई ‘खत्म’ होने के करीब नहीं है।
नेतन्याहू ने कहा, “हमास के आतंकवादियों से हमारा यही कहना है कि हम तुम्हारे पास पहुंचेंगे और तुम्हें खत्म कर देंगे।”
इजराइल का आक्रमण हाल के इतिहास में सबसे विनाशकारी सैन्य अभियानों में से एक है।
गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि युद्ध में दो तिहाई महिलाओं और बच्चों सहित 20,900 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
एजेंसी ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 240 लोग मारे गए।
एपी साजन रंजन रंजन 2712 1013 रफाह (एपी)
(हरिंदर मिश्रा)
यरुशलम, 27 दिसंबर। इजराइली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने भारत में अपने नागरिकों के लिए एक यात्रा परामर्श जारी किया और संदेह व्यक्त किया कि मंगलवार को नयी दिल्ली में इजराइली दूतावास के पास हुआ विस्फोट ‘‘आतंकवादी हमला हो सकता है।’’
दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित इजराइल के दूतावास के पास मंगलवार शाम एक विस्फोट हुआ और घटनास्थल से इजराइली राजदूत को ‘‘अभद्र’’ भाषा में संबोधित एक पत्र बरामद किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
विस्फोट के संबंध में इजराइली दूतावास के प्रवक्ता गाइ नीर ने कहा, ‘‘हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि शाम करीब 5:48 बजे दूतावास के नजदीक एक विस्फोट हुआ था। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा टीम अब भी स्थिति की जांच कर रही हैं। ’’
इजराइली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) ने यात्रा परामर्श इसी घटना के मद्देनजर जारी किया है।
इजराइली नागरिकों से भीड़-भाड़ वाले स्थानों (मॉल अथवा बाजार) पर जाने से बचने तथा ऐसे स्थानों पर नहीं जाने की सलाह दी गई है जो यहूदियों या इजराइलियों से किसी प्रकार से जुड़े हों।
परामर्श में इजराइली प्रतीकों को प्रदर्शित करने से बचने, बड़े स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने से बचने साथ ही सोशल मीडिया पर किसी यात्रा के बारे में जानकारी देने अथवा किसी यात्रा से जुड़ी ऐसी तस्वीर या यात्रा के विवरण को साझा करने से बचने के लिए कहा गया है जिससे यह पता चलता हो कि आप वर्तमान में कहां हैं।
इजराइली विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ।
मंत्रालय ने कहा था,‘‘ स्थानीय अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं और इजराइली सुरक्षा बल उन्हें सहयोग दे रहे हैं।’’
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दूतावास के समीप स्थित केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान के बाहर हरित क्षेत्र में हुए विस्फोट के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ की टीम, बम निरोधक दस्ता और दमकलकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे। बाद में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक दल ने भी घटनास्थल का मुआयना किया।
सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइली दूतावास के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। (भाषा)
किंशासा, 27 दिसंबर। अफ्रीकी देश कांगो में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई। एक स्थानीय अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
‘कासाई सेंन्ट्रल’ प्रांत के गवर्नर जॉन काबेया ने बताया कि कानन्गा जिले में घंटों तक हुई बारिश ने कई घरों और निर्माणस्थलों को तबाह कर दिया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में तलाश अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में 17 लोगों की मौत की जानकारी मिली थी और मंगलवार को पांच और लोगों की मौत की पुष्टि की गई।
काबेया ने कहा, "दीवार गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई, सभी बिकुकु में एक ही परिवार के सदस्य थे।"
भारी बारिश से कांगों के कुछ हिस्सों में अक्सर बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं। इससे पहले मई में पूर्वी कांगों के दक्षिण किवु प्रांत में रात भर हुई मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
काबेया ने कहा कि हालिया बाढ़ के कारण एक प्रौद्योगिकी संस्थान, एक गिरजाघर और एक प्रमुख सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार से तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया जाएगा।
पूर्वी कांगो में रविवार देर रात भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग लापता हो गए।
एपी साजन शोभना शोभना 2712 0843 किंशासा (एपी)
पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह के बुनेर ज़िले से पहली बार एक हिंदू महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
डॉ सवीरा प्रकाश ने पीके-25 सीट से अपना नामांकन सोमवार को दाखिल किया है. वो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरना चाहती हैं.
डॉन न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, डॉ सवीरा के पिता ओम प्रकाश भी पीपीपी में 35 सालों से सक्रिय हैं और वो डॉक्टर रहे हैं.
क़ौमी वतन पार्टी से जुड़े एक स्थानीय नेता सलीम ख़ान के मुताबिक़, बुनेर ज़िले से सामान्य सीट पर नामांकन दाखिल करने वाली डॉ सवीरा पहली हिंदू महिला हैं.
पाकिस्तान में फरवरी 2024 में आम चुनाव होने हैं.
डॉ सवीरा ने 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है. वो बुनेर में पीपीपी की महिला विंग की महासचिव भी हैं.
डॉन न्यूज़ से डॉ सवीरा ने कहा, ''मैं अपने पिता के नक्श-ए-कदम पर आगे बढ़ना चाहती थी, जैसे पिता ने ग़रीबों के लिए काम किया. मैं इलाक़े की महिलाओं के लिए भी काम करना चाहती हूं.''
वो कहती हैं कि महिलाओं को काफी नज़रअंदाज़ किया गया है.
डॉ सवीरा प्रकाश उम्मीद जताती हैं कि पीपीपी उन्हें टिकट देगी, क्योंकि पार्टी नेतृत्व ने उनके पिता से कहा था कि सवीरा सामान्य सीट से मैदान में उतरें. (bbc.com/hindi)
अबूजा (नाइजीरिया), 26 दिसंबर। नाइजीरिया के प्लेट्यू राज्य में हथियारबंद व्यक्तियों ने सुदूर गांवों को निशाना बनाकर हमले किए, जिसमें कम से कम 140 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
प्लेट्यू के गर्वनर सेलेब मुत्फवांग ने मंगलवार को स्थानीय टीवी चैनलों को बताया कि हमलावरों ने शनिवार और रविवार को 17 गांवों को निशाना बनाकर हमला किया और इस दौरान कई मकानों में आग लगा दी गई।
उन्होंने कहा कि आज सुबह तक बोक्को में ही लगभग 100 लाशों की गिनती हुई है।
नाइजीरिया में एमनेस्टी इंटरनेशनल के कार्यालय ने बताया कि अब तक प्लेट्यू के बोक्कोस और बार्किन-लाडी में 140 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। (एपी)
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 26 दिसंबर। पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव में लड़ने के लिए 3,139 महिलाओं सहित 28,626 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। देश के शीर्ष निर्वाचन निकाय ने यहां मंगलवार को यह जानकारी दी।
चुनाव राष्ट्रीय और प्रांतीय विधायिका की 1,085 सामान्य और आरक्षित सीट के लिए होगा। कुल 1,085 सीट में से 336 सीट नेशनल असेंबली (एनए) की हैं। प्रांतीय विधानसभा की 749 सीट हैं जिनमें से 593 सामान्य वर्ग की हैं और 156 सीट आरक्षित (महिलाओं के लिए 132 और अल्पसंख्यकों के लिए 24) हैं।
नेशनल असेंबली की 336 में से 226 सामान्य सीट हैं, जबकि 70 सीट आरक्षित (महिलाओं के लिए 60 और गैर-मुसलमानों के लिए 10) हैं।
पंजाब प्रांत में 371 सीट हैं, जिनमें 297 सामान्य, 66 महिलाओं के लिए और आठ अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। सिंध में 168 सीट हैं, जिनमें 130 सामान्य, 29 महिलाओं के लिए और नौ अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं।
खैबर पख्तूनख्वा में 145 सीट हैं, जिनमें 115 सामान्य, 26 महिलाओं के लिए और चार अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। बलूचिस्तान प्रांत में 65 सीट हैं, जिनमें 51 सामान्य, 11 महिलाओं के लिए और तीन अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं।
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के अनुसार, 471 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 7,713 उम्मीदवारों ने नेशनल असेंबली की 266 सामान्य सीट पर चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया है।
पंजाब में 277 महिलाओं सहित 3,871 उम्मीदवारों ने नेशनल असेंबली की 141 सीट के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया, जबकि सिंध में नेशनल असेंबली की 61 सीट के लिए 110 महिलाओं सहित 1,681 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया।
खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में नेशनल असेंबली की 45 सामान्य सीट के लिए 39 महिलाओं सहित कम से कम 1,322 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि बलूचिस्तान में नेशनल असेंबली की 16 सीट के लिए 12 महिलाओं सहित 631 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।
संघीय राजधानी में नेशनल असेंबली की तीन सीट के लिए 26 महिलाओं सहित 208 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया।
नेशनल असेंबली में महिलाओं के लिए 60 आरक्षित सीट पर लगभग 459 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया, जिनमें से पंजाब से 195, सिंध से 118, केपी से 97 और बलूचिस्तान से 49 महिलाओं ने नामांकन किया है। इसके अलावा नेशनल असेंबली में गैर-मुसलमानों के लिए आरक्षित 10 सीट के सापेक्ष 10 महिलाओं सहित 150 लोगों ने नामांकन दाखिल किए हैं।
महिलाएं और गैर मुस्लिम, दोनों ही वर्ग के लोग अपने लिए आरक्षित क्रमश: 60 और 10 सीट के अलावा नेशनल असेंबली की 266 सामान्य सीट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
ईसीपी के अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं और नामांकन के खिलाफ आपत्तियां भी स्वीकार कर रहे हैं। यह प्रक्रिया 30 दिसंबर तक जारी रहेगी। नामांकन पत्रों को स्वीकार करने या खारिज करने के विरुद्ध अपील तीन जनवरी तक की जा सकती है और इन अपील पर फैसला 10 जनवरी को किया जाएगा।
ईसीपी 11 जनवरी को उम्मीदवारों की सूची जारी करेगी। उम्मीदवार 12 जनवरी तक नाम वापस ले सकेंगे। ईसीपी 13 जनवरी को चुनाव चिह्न आवंटित करेगा। (भाषा)
लंदन, 26 दिसंबर । ब्रिटेन के 17 वर्षीय एंगस बेन की लेजर ब्रेन सर्जरी सफलतापूर्वक हुई। 4 साल की उम्र से बेन को सप्ताह में कम से कम एक बार मिर्गी के दौरे पड़ते थे।
अक्टूबर में, एडिनबर्ग में रॉयल हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रेन एंड यंग पीपल के डॉक्टरों ने मस्तिष्क के उस टिश्यू को हटा दिया जो पिछले 13 सालों से दौरे का कारण बन रहा था। 10 सप्ताह बाद, बेन को एक बार भी मिर्गी का दौरा नहीं पड़ा।
बीबीसी स्कॉटलैंड न्यूज को बेन के हवाले से कहा गया, "मुझे पहले दौरे पड़ते रहते थे, लेकिन ये पहली बार है कि इतने लंबे समय तक मुझे दौरा नहीं पड़ा, यह एक अद्भुत राहत है। मैं बहुत खुश हूं।"
"इस सर्जरी को कराने में सक्षम होना अद्भुत है। मुझे लगता है कि यह मुझे उन चीजों को करने में सक्षम करेगा, जो मैं नहीं कर पाया हूं।"
यह एक नया प्रकार का लेजर टेक्नोलॉजी है, जिसे एमआरआई-गाइडेड लेजर इंटरस्टिशियल थर्मल थेरेपी (एलआईटीटी) कहते हैं। इसमें बिना किसी विशेष हानि के ब्रेन के सेंटर तक पहुंचा जा सकता है।
एसडब्ल्यूएनएस ने बताया कि सर्जरी में सिर्फ दो घंटे लगते हैं।
अस्पताल में सलाहकार न्यूरोसर्जन जोथी कंडासामी के हवाले से कहा गया, "लेजर सर्जरी कुछ मरीजों के लिए एक शानदार डेवलपमेंट है और मिर्गी से पीड़ित कुछ लोगों को सामान्य जीवन जीने का वास्तविक मौका देगी।"
कंडासामी ने बीबीसी को बताया, "कुछ मरीजों के लिए, इनवेसिव न्यूरोसर्जरी को अत्याधुनिक लेजर थेरेपी से बदलकर, हम न केवल इन मरीजों के जोखिम को कम करते हैं, बल्कि उनके ठीक होने के समय को भी काफी कम कर देते हैं।"
यह सर्जरी न केवल बेन के लिए, बल्कि पूरे परिवार के लिए जीवन बदलने वाली है।
उनकी मां निकी बेन ने कहा, "बेन को चार साल की आयु से मिर्गी का दौरा पड़ता था। वह बहुत ज्यादा दवाएं ले रहा था, ब्रेन स्टिमुलेशन, बहुत सारे टेस्ट और स्कैन।"
निकी ने कहा कि अब उनके बेटे का भविष्य बहुत उज्ज्वल दिख रहा है, और हम उसके लिए अविश्वसनीय रूप से गर्व और उत्साहित हैं"।
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे जो तेज दवा दी जा रही है उससे छुटकारा पाने में एक साल और लग सकता है ताकि उसका मस्तिष्क सर्जरी के बाद ठीक हो सके। (आईएएनएस)।
सिडनी, 26 दिसंबर । ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में क्रिसमस की रात राज्य के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में आए भीषण तूफान के कारण एक महिला की मौत हो गई और 1,20,000 से ज्यादा घरों में बिजली गुल हो गई। स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
लोकल न्यूजपेपर द कूरियर-मेल के अनुसार, गोल्ड कोस्ट शहर के एक उपनगर हेलेंसवेल में 50 वर्षीय महिला की सड़क पर चलते समय एक पेड़ के गिरने से मौत हो गई।
न्यूजपेपर ने कहा कि गोल्ड कोस्ट, सीनिक रिम और लोगान में तूफान के चरम के दौरान लगभग 1,27,000 घरों में बिजली नहीं थी।
क्रिसमस की रात दक्षिण पूर्व क्वींसलैंड में आए खतरनाक तूफान के चलते कई घर और पेड़ गिर गए। स्थानीय बिजली कंपनी एनर्जेक्स के कर्मचारी 875 गिरी हुई बिजली लाइनों की मरम्मत करने के लिए मौके पर पहुंचे। बिजली कई दिनों तक गुल रह सकती है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार दोपहर को गंभीर तूफान की चेतावनी जारी की गई़।
ऑस्ट्रेलियाई एबीसी न्यूज ब्रॉडकास्टर ने शनिवार को बताया कि असामान्य मौसम पैटर्न के कारण इस साल क्रिसमस की अवधि के दौरान पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में भीषण तूफान आने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भीषण तूफान का दौर आएगा क्योंकि अंटार्कटिका से निकलने वाली ध्रुवीय हवा क्रिसमस की पूर्व संध्या से 'बॉक्सिंग डे' तक या रविवार से मंगलवार तक सीधे दक्षिणपूर्वी राज्यों में चलने की उम्मीद है। (आईएएनएस)।
मॉस्को, 26 दिसंबर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां अपने रूसी समकक्ष और अन्य शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत से पहले कहा कि भू-राजनीतिक और रणनीतिक आधार भारत-रूस संबंधों को सकारात्मक पथ पर बनाए रखेगा।
रूस के नेताओं के साथ बैठक करने के लिए पांच दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे जयशंकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
जयशंकर ने एक तस्वीर के साथ सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मॉस्को पहुंच गया हूं। अपनी बातचीत को लेकर आशान्वित हूं।’’
उन्होंने सोमवार को रणनीतिक विशेषज्ञों के साथ बातचीत की और कहा, "भू-राजनीतिक तथा रणनीतिक आधार भारत-रूस संबंधों को हमेशा सकारात्मक पथ पर बनाए रखेगा।"
जयशंकर ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘रूसी रणनीतिक समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ एक खुली और दूरदर्शी बातचीत। पुनर्संतुलन के महत्व और बहुध्रुवीयता के उभार के बारे में चर्चा की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संबंधित ढांचे में भारत-रूस संबंध कैसे विकसित होंगे, इस पर विचारों का आदान-प्रदान किया। कनेक्टिविटी, बहुपक्षवाद, बड़ी शक्ति प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय संघर्षों पर भी चर्चा की। भू-राजनीतिक और रणनीतिक आधार भारत-रूस संबंधों को हमेशा सकारात्मक पथ पर बनाए रखेगा।"
यूक्रेन और मॉस्को के बीच संघर्ष का भारत तथा रूस के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है तथा ये मजबूत बने हुए हैं। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है और वह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति एवं बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
जयशंकर का आर्थिक जुड़ाव से संबंधित मामलों पर चर्चा के लिए रूस के उप-प्रधानमंत्री एवं उद्योग और व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव से मिलने का कार्यक्रम भी है।
वह द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ भी बातचीत करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की यात्रा से पहले नयी दिल्ली में कहा, ‘‘समय के साथ परखी गई भारत-रूस साझेदारी स्थिर और लचीली बनी हुई है तथा विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की भावना से रेखांकित है।’’
भारतीय और रूसी पक्ष के द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं, विशेषकर व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों पर चर्चा करने की उम्मीद है।
कई पश्चिमी देशों की बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात काफी बढ़ गया है। (भाषा)
वाशिंगटन, 26 दिसंबर अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन ने उत्तरी इराक में ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों के घायल होने के बाद ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों के खिलाफ जवाबी हमले का आदेश दिया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि सोमवार को हुए हमले में एक अमेरिकी सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया।
ईरान समर्थित मिलिशिया 'कतैब हिजबुल्ला' और इससे संबद्ध समूहों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।
अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार को हमले की सूचना दी गई, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन को जवाबी कार्रवाई का विकल्प अपनाने का आदेश दिया।
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और राष्ट्रीय सुरक्षा दल ने तुरंत योजना बनाई। इसके बाद बाइडन ने कतैब हिजबुल्ला और इससे संबद्ध समूहों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तीन ठिकानों पर हमले का निर्देश दिया।
अमेरिका ने मंगलवार सुबह करीब पौने पांच बजे इराक स्थित ईरानी मिलिशिया समूहों के ठिकानों पर हमले किए।
वॉटसन ने कहा, "राष्ट्रपति जो. बाइडन के लिए अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, 'यदि ये हमले जारी रहते हैं तो अमेरिका अपने तरीके से कार्रवाई करेगा।"
अमेरिकी सैनिकों पर हाल में हुआ हमला, सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से क्षेत्र में अमेरिकी बलों के खिलाफ बढ़ती धमकियों के बाद हुआ है।
अमेरिका ने इस सबके लिए ईरान को दोषी ठहराया है।
अमेरिका के हजारों सैनिक अभी भी इराक में मौजूद हैं, जो इराकी बलों को प्रशिक्षण दे रहे हैं और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से लड़ रहे हैं। अमेरिका के सैकड़ों सैनिक सीरिया में भी इस्लामिक स्टेट समूह से लड़ रहे हैं। (एपी)
अमेरिका के अलबामा में एक महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है. अलग-अलग दिनों पर पैदा हुई इन बच्चियों का जन्म एक ‘चमत्कार’ है.
अलबामा में रहने वाली 32 साल की केल्सी हैचर ने दो बच्चियों को जन्म दिया है. बीते शुक्रवार हैचर ने बताया कि उन्होंनेजुड़वां बच्चियों को जन्म दिया है जो अलग-अलग दिनों पर जन्मी हैं. ये बच्चियां अलग-अलग गर्भाश्य से पैदा हुई हैं.
हैचर की डिलीवरी को चमत्कार कहा जा रहा है क्योंकि ऐसा पांच करोड़ में एक बार ही होता है. हैचर उन चुनिंदा महिलाओं में से हैं जिनके दो गर्भाश्य थे और दोनों बच्चियों का जन्म अलग-अलग गर्भाश्य से हुआ.
गर्भवती होने के बाद की पूरी यात्रा को इंस्टाग्राम पर शेयर करने वाली हैचर ने एक पोस्ट में बताया, "हमारे चमत्कारिक बच्चे पैदा हो गए हैं.” उन्होंने कहा कि आंकड़ों के नजरिए से दोनों बच्चे अपने आप में दुर्लभ हैं और हमने फैसला किया कि उनके जन्मदिन अलग-अलग होने चाहिए."
पहली बच्ची को रॉक्सी लाएला नाम दिया गया है. उसका जन्म मंगलवार शाम को हुआ जबकि उसकी बहन रेबल लाकेन अगले दिन सुबह जन्मी. दोनों बच्चियां स्वस्थ हैं और जन्म के समय उनका वजन तीन किलो से ज्यादा था.
पता चला तो सांस अटक गई
डॉक्टरों ने अनुमान लगाया था कि हैचर की डिलीवरी क्रिसमस पर होगी. लेकिन 20 घंटे तक चले लेबर के बाद दोनों बहनें क्रिसमस से पहले ही घर पहुंच गईं. हैचर ने वादा किया है कि वह इन बच्चों के बारे में जानकारियां सोशल मीडिया पर साझा करती रहेंगी.
हैचर को 17 साल की उम्र में ही पता था कि उनके दो गर्भाश्य हैं. यह एक दुर्लभ स्थिति है जो 0.3 फीसदी महिलाओं में ही पाई गई है. ऐसे मामलों में हर गर्भाश्य में एक ही ओवरी और एक ही फैलोपियन ट्यूब होती है.
हैचर एक मसाज थेरेपिस्ट हैं. उनके पहले से तीन बच्चे हैं. मई में जब वह आठ हफ्ते के बाद होने वाले अल्ट्रासाउंड के लिए गईं तो उन्हें पता चला कि उनके गर्भ में दो बच्चे हैं और दोनों अलग-अलग गर्भाश्य में हैं.
अलबामा यूनिवर्सिटी के बर्मिंगम अस्पताल की ओर से जारी बयान के मुताबिक केल्सी ने बताया कि जब अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करते हुए टेक्निशियन ने उपकरण को दूसरे गर्भाश्य की ओर घुमाया तो उसकी सांस ही अटक गई. वह बताती हैं, "वहां एक और बच्चा था. हम इस बात का यकीन ही नहीं कर पा रहे थे.”
मेडिकल सरप्राइज
हैचर की डॉक्टर श्वेता पटेल के मुताबिक दोनों गर्भाश्यों में एक साथ बच्चों का होना बेहद दुर्लभ होता है. पटेल ने ही पहले भी हैचर की डिलीवरी कराई थी. वह बताती हैं, "तब एक ही बच्चा था. दोनों गर्भाश्यों में बच्चों का होना एक मेडिकलसरप्राइज था.”
अस्पताल के जच्चा-बच्चा विभाग में डॉक्टर रिचर्ड डेविस कहते हैं कि केल्सी हैचर की प्रेग्नेंसी का अर्थ है कि दोनों बच्चों को एक ही गर्भाश्य में नहीं रहना पड़ा और अगर ऐसा होता तो डिलीवरी समय से पहले होने की संभावना ज्यादा होती. हैचर की डिलवरी 39वें हफ्ते में हुई.
डेविस ने कहा, "केल्सी के बच्चों के मामले में दोनों के पास अपने-अपने गर्भाश्य थे. दोनों के पास अपना प्लेसेंटा और गर्भनाल थी जिससे उन्हें विकास के लिए अतिरिक्त जगह मिली.”
ऐसा मामला 2019 में बांग्लादेश में भी सामने आया था, जब 20 साल की आरिफा सुल्ताना ने दो बच्चों को जन्म दिया था. सुल्ताना के बच्चों में 26 दिनों का अंतर था.
वीके/एए (एएफपी)
इस्लामाबाद, 26 दिसंबर पाकिस्तानी-हिंदू डॉ. सवीरा प्रकाश आगामी आम चुनाव में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर जिले से खड़े होने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की पहली महिला उम्मीदवार बनने जा रही हैं।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रकाश ने 23 दिसंबर को पीके-25 की सामान्य सीट के लिए अपना नामांकन पत्र जमा किया।
वह वर्तमान में जिले में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की महिला विंग की महासचिव के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है।
पाकिस्तान में 16वीं नेशनल असेंबली के सदस्यों के चुनाव के लिए अगले साल 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं।
प्रकाश ने 2022 में एबटाबाद इंटरनेशनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने डॉन को बताया कि उनकी मेडिकल पृष्ठभूमि के कारण "मानवता की सेवा करना मेरे खून में है।"
उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित विधायक बनने का उनका सपना एक डॉक्टर के रूप में सरकारी अस्पतालों में खराब प्रबंधन और असहायता का अनुभव करने के कारण उत्पन्न हुआ है।
प्रकाश ने दैनिक को बताया कि वह क्षेत्र के गरीबों के लिए काम करने में अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहती हैं।
उनके पिता ओम प्रकाश, हाल ही में सेवानिवृत्त डॉक्टर, 35 वर्षों से पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं।
प्रकाश की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए, सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर इमरान नोशाद खान ने एक्स पर लिखा, "डॉ. सवेरा प्रकाश बुनेर से पहली महिला उम्मीदवार हैं, जो एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि महिलाएं पहले इस क्षेत्र में चुनावी राजनीति में शामिल नहीं हुई हैं।"
उन्होंने कहा, "रूढ़िवादिता को तोड़ने में मैं पूरे दिल से उनका समर्थन करता हूं।"
पाकिस्तान का चुनाव आयोग सामान्य सीटों पर महिला उम्मीदवारों का कम से कम 5 प्रतिशत प्रतिनिधित्व अनिवार्य करता है।
--आईएएनएस
बीजिंग, 26 दिसंबर । क्रीमिया के फियोदोसिया क्षेत्र पर हमला किया गया है। इसके परिणामस्वरूप बंदरगाह क्षेत्र की नाकाबंदी कर दी गई है।
विस्फोट रुक गए हैं, आग नियंत्रण में है और सभी विशेषज्ञ टीमें मौके पर मौजूद हैं। शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कई इमारतों के निवासियों को निकाला जा रहा है। (आईएएनएस)।
ग़ज़ा में इसराइल की बमबारी में कोई कमी नहीं आ रही है. संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने ग़ज़ा के अस्पतालों का दौरा करने के बाद ये बात बीबीसी से कही.
ग़ज़ा के अस्पतालों की हालत बहुत बुरी है और वे ज़रूरी दवाओं, सामान की आपूर्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की ह्यूमेनिटेरियन एजेंसी ओसीएचए की जेम्मा कॉनेल ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने सोमवार को सेंट्रल ग़ज़ा के अल-अक्सा अस्पताल में जो देखा वह "पूरी तरह एक नरसंहार" है.
उन्होंने कहा कि कई लोग जो गंभीर रूप से घायल हैं उनका इलाज नहीं किया जा रहा है क्योंकि अस्पताल अपनी क्षमता से कई अधिक मरीज़ों को देख रहे है.
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने हाल ही में कहा था कि हम ये लड़ाई और तेज करेंगे और हमास के खात्मे तक ये जारी रहेगा.
उनका ये बयान अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि इसराइल को हमले की तीव्रता को कम करनी चाहिए.
एक अलग घटनाक्रम में पेंटागन का कहना है कि इरबिल हवाई अड्डे पर हमले के जवाब में अमेरिकी सेना ने इराक में "ईरान समर्थित मिलिशिया" के ख़िलाफ़ हवाई हमले किए. जिसमें तीन अमेरिकी सैनिक घायल हो गए, एक की हालत गंभीर है.
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिकी सेना ने हिज़बुल्लाह के तीन ठिकानों को निशाना बनाया था. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 26 दिसंबर। अमेरिकी राष्ट्रपति जो. बाइडन ने उत्तरी इराक में ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों के घायल होने के बाद ईरान समर्थित मिलिशिया समूहों के खिलाफ जवाबी हमले का आदेश दिया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि सोमवार को हुए हमले में एक अमेरिकी सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया।
ईरान समर्थित मिलिशिया 'कतैब हिजबुल्ला' और इससे संबद्ध समूहों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।
अमेरिकी राष्ट्रपति को सोमवार को हमले की सूचना दी गई, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन को जवाबी कार्रवाई का विकल्प अपनाने का आदेश दिया।
रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और राष्ट्रीय सुरक्षा दल ने तुरंत योजना बनाई। बाद में, बाइडन ने कतैब हिजबुल्ला और इससे संबद्ध समूहों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तीन स्थानों पर हमले का निर्देश दिया।
अमेरिकी सैनिकों पर हाल में हुआ हमला, सात अक्टूबर को इजराइल पर हमास के हमले के बाद से क्षेत्र में अमेरिकी बलों के खिलाफ बढ़ती धमकियों के बाद हुआ है।
अमेरिका ने इस सबके लिए ईरान को दोषी ठहराया है।
एपी साजन नेत्रपाल नेत्रपाल 2612 0948 वाशिंगटन (एपी)
नयी दिल्ली, 25 दिसंबर। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने भारतीय वायुसेना के एक पूर्व स्क्वाड्रन लीडर को एक जमीन के सौदे के लिए कांग्रेस के पूर्व सांसद की तरफ से कथित तौर पर धन हस्तांतरित करने और 40.36 लाख रुपये की आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति जुटाने का दोषी करार दिया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के मुताबिक, कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे पूर्व स्क्वाड्रन लीडर पोलु श्रीधर को अदालत ने कोई रियायत नहीं दी। अदालत ने उन्हें आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति जुटाने का दोषी ठहराया।
अधिकारियों ने बताया कि विशेष अदालत अगले साल दो जनवरी से सजा पर बहस की सुनवाई शुरू करेगी।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि एक जनवरी 2007 से 31 दिसंबर, 2010 तक पूर्व अधिकारी के एक्सिस बैंक के तीन खातों में 11.9 करोड़ रुपये जमा कराए गए थे।
यह पैसा कथित तौर पर पूर्व कांग्रेस सांसद बालाशोवरी वल्लभनेनी का था और इसका 12.5 करोड़ रुपये के जमीन सौदे में भुगतान किया जाना था। सीबीआई ने 27 सितंबर, 2016 को श्रीधर, बालाशोवरी और बैंक प्रबंधक मनीष सक्सेना के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
एजेंसी ने छह साल बाद, 24 नवंबर, 2022 को केवल श्रीधर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, क्योंकि उसे वल्लभभनेनी और सक्सेना के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे। (भाषा)
(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 25 दिसंबर। मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के एक नए राजनीतिक संगठन ने पाकिस्तान में आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव के लिए अधिकतर राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का संस्थापक सईद आतंकी वित्तपोषण मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) से जुड़े कुछ अन्य नेताओं के साथ 2019 से ही जेल में है।
सईद ने पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) नाम से एक अलग राजनीतिक दल बनाया है। पीएमएमएल का चुनाव चिन्ह 'कुर्सी' है।
पीएमएमएल के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधु ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उनकी पार्टी अधिकांश राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
खालिद मसूद सिंधु ने कहा, ‘‘हम भ्रष्टाचार के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा करने और पाकिस्तान को एक इस्लामी कल्याणकारी राज्य बनाने के लिए सत्ता में आना चाहते हैं। ’’
सिंधु एनए-130 लाहौर से उम्मीदवार हैं, जहां से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी चुनाव लड़ रहे हैं। सईद का बेटा तल्हा सईद लाहौर की एनए-127 सीट से चुनाव लड़ रहा है।
सिंधु से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने सईद के संगठन के साथ अपनी पार्टी का संबंध होने से इनकार किया है।
सिंधु ने सोमवार को दावा करते हुए कहा, ‘‘ पीएमएमएल का हाफिज सईद से कोई संबंध नहीं है। ’’
वर्ष 2018 में मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) जमात-उद-दावा का राजनीतिक चेहरा थी। इसने अधिकांश सीट पर विशेषकर पंजाब प्रांत में अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन वह एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई थी।
एमएमएल पर प्रतिबंध के कारण 2024 के चुनावों के लिए पीएमएमएल का गठन किया गया है।
हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है, जिस पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है।
सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का मुखौटा संगठन है, जो मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी। (भाषा)
रोम, 25 दिसंबर। पोप फ्रांसिस ने सोमवार को क्रिसमस पर विश्व खासकर इजराइल-फलस्तीन के बीच शांति की अपील करते हुए हथियार उद्योग और इसके उन ‘मौत के औजारों’ की कड़ी आलोचना की जिसने युद्ध को बढ़ावा दिया है।
सेंट पीटर्स बेसिलिका के लॉजिया से नीचे मौजूद लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए फ्रांसिस ने कहा कि उन्होंने सात अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल के खिलाफ हमास के ‘घृणित हमले’ पर दुख व्यक्त किया और बंधकों की रिहाई का आह्वान किया।
उन्होंने गाजा में इजराइल के सैन्य अभियान और ‘निर्दोष नागरिकों’ की मौत के सिलसिले को समाप्त करने का अनुरोध किया और जरूरतमंद लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने का आह्वान किया।
फ्रांसिस ने क्रिसमस दिवस के अपने आशीर्वाद को विश्व में शांति की अपील के प्रति समर्पित किया। उन्होंने कहा कि बेथलहम में ईसा मसीह के जन्म की कहानी शांति का संदेश देती है, लेकिन वही बेथलहम इस साल ‘पीड़ा और मौन’ का स्थान रहा।
उन्होंने खास तौर पर हथियार उद्योग की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हथियार उद्योग ने दुनियाभर में संघर्ष को बढ़ाया है, लेकिन शायद ही कोई इस पर ध्यान दे रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बारे में बात की जानी चाहिए और लिखा जाना चाहिए ताकि युद्ध को आगे बढ़ाने वालों के हितों और मुनाफे को प्रकाश में लाया जा सके। हम शांति की बात कैसे कर सकते हैं, जब हथियारों का उत्पादन, बिक्री और व्यापार बढ़ रहा है?’’
पोप फ्रांसिस ने अक्सर हथियार उद्योग को ‘मौत के सौदागर’ के रूप में दोषी ठहराया है और कहा है कि आज युद्ध, विशेष रूप से यूक्रेन में युद्ध, का उपयोग नए हथियारों को आजमाने या पुराने भंडार का इस्तेमाल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने इजराइल और फलस्तीन में शांति की अपील भी की। (एपी)
मुंबई/पेरिस, 25 दिसंबर। मानव तस्करी के संदेह में फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के तीन दिन बाद 300 से अधिक यात्रियों को लेकर एक विमान के सोमवार देर रात को मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने की उम्मीद है। यात्रियों में अधिकतर भारतीय हैं। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
इससे पहले विमान अपराह्न दो बजकर 20 मिनट पर मुंबई में उतरने वाला था।
एक सूत्र ने सोमवार को बताया कि रोमानिया की ‘लीजेंड एयरलाइंस’ द्वारा संचालित ए340 विमान के देर रात करीब एक बजे मुंबई हवाई अड्डे पर उतरने की उम्मीद है। विमान को फ्रांस के वैट्री हवाई अड्डे पर रोक कर रखा गया था।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दुबई से 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ जाने वाली उड़ान को ‘‘मानव तस्करी’’ के संदेह में बृहस्पतिवार को पेरिस से 150 किलोमीटर पूर्व में वैट्री हवाई अड्डे पर रोक दिया गया था।
रविवार को फ्रांस के चार न्यायाधीशों ने हिरासत में लिए गए यात्रियों से पूछताछ की।
ये सुनवाई मानव तस्करी के संदेह पर पेरिस अभियोजक कार्यालय द्वारा शुरू की गई जांच के तहत आयोजित की गई थी।
फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक, कुछ यात्री हिंदी और कुछ तमिल भाषी थे।
विमान को रवाना होने की अनुमति देने के बाद रविवार को फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण यात्रियों की सुनवाई रद्द करने का फैसला किया।
विमान में 11 नाबालिग हैं, जिनके साथ कोई नहीं था। फ्रांसीसी अभियोजकों के अनुसार, शुक्रवार से हिरासत में लिए गए दो यात्रियों की हिरासत शनिवार शाम को 48 घंटे तक के लिए बढ़ा दी गई। (भाषा)
पेरिस, 25 दिसंबर मानव तस्करी के संदेह में पेरिस के पास एक हवाई अड्डे पर फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा रोके गए विमान के सोमवार सुबह भारत के लिए उड़ान भरने की उम्मीद है। यह बात स्थानीय मीडिया की एक खबर में कही गई।
इस विमान को रोके जाने के समय इसमें 303 यात्री सवार थे जिनमें ज्यादातर भारतीय हैं जिन्हें हिरासत में ले लिया गया।
संयुक्त अरब अमीरात के दुबई से 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ जा रही उड़ान को मानव तस्करी के संदेह में बृहस्पतिवार को पेरिस से 150 किमी पूर्व में स्थित वैट्री हवाई अड्डे पर रोक लिया गया था।
रविवार को, फ्रांसीसी अधिकारियों ने रोमानियाई कंपनी ‘लीजेंड एअरलाइंस’ द्वारा संचालित ए340 विमान को अपनी यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी।
फ्रांसीसी समाचार प्रसारण टेलीविजन और रेडियो नेटवर्क बीएफएम टीवी ने एअरलाइन के वकील लिलियाना बाकायोको के हवाले से कहा कि विमान के सोमवार सुबह लगभग 10 बजे (स्थानीय समय) उड़ान भरने की उम्मीद है।
इसने कहा कि विमान के भारत में मुंबई की ओर उड़ान भरने की संभावना है, जहां से संभावित रूप से मानव तस्करी के शिकार यात्री आए हैं।
वकील ने कहा, "हमें बहुत राहत है, हम इसका इंतजार कर रहे थे।"
वकील के अनुमान के अनुसार, इस उड़ान में 200 से 250 यात्रियों के रवाना होने की उम्मीद है।
चैनल ने कहा कि वे सभी यात्री जो पुलिस हिरासत में नहीं हैं और जिन्होंने शरण के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके भारत रवाना होने की उम्मीद है।
कुछ खबरों के अनुसार, लगभग चार दर्जन यात्रियों ने शरण के लिए आवेदन दायर किया है।
वकील ने कहा कि कंपनी "जांचकर्ताओं के लिए उपलब्ध" रहेगी, और "अपने ग्राहक से हर्जाना मांगेगी क्योंकि उसे काफी नुकसान हुआ है"।
चार फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने रविवार को वैट्री हवाई अड्डे पर हिरासत में लिए गए यात्रियों से पूछताछ की।
यह सुनवाई मानव तस्करी के संदेह में पेरिस अभियोजक के कार्यालय द्वारा शुरू की गई जांच के हिस्से के रूप में आयोजित की गई थी।
फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार, कुछ यात्रियों ने हिंदी और कुछ ने तमिल भाषा में अपनी बात रखी।
विमान के रवाना होने के लिए अधिकृत होने के बाद, रविवार को फ्रांसीसी न्यायाधीशों ने प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण सुनवाई रद्द करने का फैसला किया।
फ्रांसीसी अभियोजकों के अनुसार, विमान में सवार 11 अकेले नाबालिग और दो यात्री शुक्रवार से हिरासत में हैं तथा उनकी हिरासत शनिवार शाम को 48 घंटे तक बढ़ा दी गई थी।
एअरलाइन के वकील ने तस्करी में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।
बकायोको ने कहा कि विमान को किराए पर लेने वाली एक "साझेदार" कंपनी प्रत्येक यात्री के पहचान दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए जिम्मेदार थी, और उड़ान से 48 घंटे पहले यात्रियों की पासपोर्ट जानकारी एअरलाइन को भेजी थी।
फ्रांस में मानव तस्करी के लिए 20 साल तक की सजा का प्रावधान है।
खबरों के मुताबिक, भारतीय यात्रियों ने मध्य अमेरिका पहुंचने के लिए यात्रा की योजना बनाई होगी, जहां से वे अवैध रूप से अमेरिका या कनाडा में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते थे।
लेकिन एक गुमनाम सूचना में संकेत मिला कि यात्रियों को एक संगठित गिरोह द्वारा "मानव तस्करी का शिकार बनाए जाने की आशंका" है, जिससे अधिकारी सतर्क हो गए। (भाषा)
कीव, 24 दिसंबर दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन प्रांत में रूस की गोलाबारी में रविवार को चार लोगों की मौत हो गयी जिसमें 87 वर्षीय व्यक्ति और उसकी 81 वर्षीय पत्नी शामिल है।
क्षेत्रीय सैन्य प्रशासन के प्रमुख ओलेक्सांद्र प्रोकुदिन ने कहा कि हमले में नौ अन्य लोग घायल भी हुए हैं।
यह हमला ऐसे वक्त में किया गया है जब यूक्रेन पहली बार क्रिसमस का जश्न 25 दिसंबर को आधिकारिक रूप से मनाने की तैयारी कर रहा है जबकि पहले वह सात जनवरी को क्रिसमस मनाता था।
इस बीच, उत्तरी यूक्रेन के खारकीव प्रांत के गवर्नर ओलेह सिनीहुबोव ने कहा कि 20 शहरों और गांवों में रूस की गोलाबारी में दो लोग घायल हुए हैं। (एपी)
ह्यूस्टन, 25 दिसंबर । ह्यूस्टन क्लब के बाहर विवाद के बाद हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने ह्यूस्टन पुलिस के सहायक प्रमुख मेगन हॉवर्ड के हवाले से कहा, रविवार को स्थानीय समयानुसार लगभग 3 बजे "गोलीबारी" के बाद, एक व्यक्ति ने सर्विस रोड पर भागने की कोशिश की, जहां वह घायल होकर गिर गया और बाद में उसकी मौत हो गई।
हॉवर्ड ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, इस व्यक्ति की पहचान यशायाह पाकर के रूप में हुई। उसको कई गोलियां लगी थीं।
स्थानीय मीडिया आउटलेट एबीसी 13 ने मृतक के परिवार का हवाला देते हुए बताया कि पार्कर एक नौकर के रूप में काम करता था, जो गोलीबारी से कुछ घंटे पहले अपने 14 भाई-बहनों के साथ क्रिसमस की पूर्व संध्या की पार्टी में शामिल हुआ था।
हॉवर्ड ने कहा, गोलीबारी के बाद पांच युवक एक ट्रक में भाग गए। चालक व ट्रक का पता नहीं चला है। (आईएएनएस)
गाजा, 25 दिसंबर । मध्य गाजा पट्टी में अल-मगाजी शरणार्थी शिविर पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 70 फिलिस्तीनी मारे गए। सरकारी फिलिस्तीन टीवी ने यह जानकारी दी।
गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-केदरा ने एक बयान में कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि रविवार को भीड़भाड़ वाले आवासीय इलाके में हवाई हमला हुआ। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि इजरायली सेना मध्य क्षेत्र की मुख्य सड़कों पर शिविरों के बीच बमबारी कर रही है, इससे एम्बुलेंस और नागरिक वाहनों को मौके पर पहुंचने में बाधा आ रही है।
स्थानीय सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि मारे गए लोगों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे और फिलहाल स्थानीय अस्पतालों के लिए और अधिक घायल लोगों को भर्ती करना मुश्किल है।
सूत्रों ने बताया कि अल-मगाजी शरणार्थी शिविर के अलावा, इजरायली सेना ने मध्य गाजा के अल-बुरीज शरणार्थी शिविर और दक्षिणी शहर खान यूनिस पर भी हमला किया।
गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय की नवीनतम गणना से रविवार को पता चला कि 7 अक्टूबर को संघर्ष शुरू होने के बाद से इजरायली हमलों में मौत का आंकड़ा 20,424 तक पहुंच गया है, और 54,036 अन्य घायल हो गए हैं।
इस बीच, पिछले सप्ताहांत में गाजा में 15 इजरायली सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। इजरायली सेना ने कहा, गाजा में अपने जमीनी हमले के दौरान मारे गए इजरायली सैनिकों की कुल संख्या 154 हो गई। (आईएएनएस)
युनाइटेड किंग्डम अपना एक लड़ाकू जहाज गयाना भेजने की तैयारी कर रहा है. वेनेजुएला के साथ गयाना का तनाव बढ़ने के बाद यह फैसला किया गया है. क्यों बढ़ गया है इतना तनाव?
डॉयचे वैले पर विवेक कुमार की रिपोर्ट-
बीबीसी ने खबर दी है कि यूके का लड़ाकू जहाज एचएमएस ट्रेंट गयाना भेजा जाएगा जहां वह क्रिसमस के बाद एक सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेगा. गयाना राष्ट्रमंडल का सदस्य है और ब्रिटेन की कॉलोनी रहा है. गयाना के प्रति कूटनीतिक और सैन्य समर्थन जताने के लिए ब्रिटेन अपना जहाज गयाना भेज रहा है.
यह फैसला तब हुआ है जबकि कुछ ही समय पहले वेनेजुएला ने गयाना के एक खनिज और तेल जैसे संसाधनों से भरपूर इलाके पर अपना दावा फिर से जताया है. वेनेजुएला की सरकार ने इसी महीने की शुरुआत में गयाना के एस्कीबो इलाके को छीनने की धमकी दी थी.
वेनेजुएला की इस धमकी के बाद दक्षिण अमेरिका में दशकों बाद युद्ध का डर पैदा हो गया है. पिछले बार इस महाद्वीप में 1982 में फॉल्कलैंड्स विवाद हुआ था.
वेनेजुएला का दावा
वेनेजुएला बहुत पहले से एस्कीबो पर दावा करता रहा है. 61 हजार वर्ग किलोमीटर के इस इलाके में गयाना का दो तिहाई हिस्सा आ जाता है. इसकी पहाड़ियां सोने, हीरे और बॉक्साइट से भरपूर हैं जबकि इसके तट के पास तेल का बड़ा जखीरा मिला है.
गयाना की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है जबकि वेनेजुएला मुश्किलों से जूझ रहा है. 3 दिसंबर को वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने एक जनमत संग्रह कराया था जिसमें जनता से पूछा गया कि एस्किबो पर देश को दावा करना चाहिए या नहीं.
हालांकि इस जनमत संग्रह के नतीजों पर संदेह और विवाद हुए लेकिन मादुरो ने फिर भी देश का नया नक्शा प्रकाशित कर दिया जिसमें एस्किबो को वेनेजुएला का हिस्सा दिखाया गया. मादुरो ने एस्किबो के लिए नए गवर्नर की नियुक्ति कर दी और वहां रह रहे लोगों को वेनेजुएला के पहचान पत्र बनवाने की पेशकश की. उन्होंने राष्ट्रीय तेल कंपनी से एस्किबो में तेल खनन के लाइसेंस जारी करने का भी ऐलान किया है.
इसके बाद मादुरो गयाना के राष्ट्रपति इरफान अली से मिले और किसी तरह के बल का प्रयोग ना करने का वादा किया. लेकिन उन्होंने एस्किबो पर दावा नहीं छोड़ा है.
इस पूरे घटनाक्रम का अंतरराष्ट्रीय असर भी हो रहा है. लंदन की लॉयड्स इंश्योरेंस ने गयाना को सबसे खतरनाक जहाज मार्गों वाले इलाके में शामिल कर लिया है.
एस्किबो विवाद की जड़ें
एस्किबो विवाद की जड़ें करीब दो सौ साल पुरानी हैं जब ग्रेट ब्रिटेन ने गयाना पर कब्जा किया था. यह कब्जा नीदरलैंड्स के साथ हुई एक संधि के तहत ब्रिटेन को मिला था. इस इलाके में एस्किबो भी शामिल था जिसे ब्रिटिश गयाना नाम दिया गया. लेकिन वेनेजुएला तब भी इस इलाके को अपना बताता था और इस पर ब्रिटिश शासकों व वेनेजुएला के बीच करीब एक सदी तक विवाद जारी रहा. जब एस्किबो में सोने की मौजूदगी का पता चला तो ये दावे और तेज हो गए और दोनों पक्ष इस विवाद को एक अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल में ले जाने को सहमत हो गए.
1899 में अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल ने इलाके का 90 फीसदी हिस्सा और सोने की सारी खदानें ब्रिटिश गयाना के हक में दे दीं. वेनेजुएला ने इस फैसले की आलोचना की. उनका आरोप था कि ब्रिटिश और रूसी अधिकारियों की मिलीभगत से उसके खिलाफ फैसला दिया गया.
तब से यह विवाद हमेशा बना रहा है. 1958 में वेनेजुएला के शासक मार्कोस जिमेनेज ने एस्किबो पर हमला करने की योजना तक बना ली थी लेकिन उनका तख्त पलट दिया गया. वेनेजुएला आज भी 1899 के ट्राइब्न्यूनल के फैसले को गलत बताता है.
मौजूदा स्थिति
1966 में गयाना को ग्रेट ब्रिटेन से आजादी मिली थी. इससे ठीक पहले ब्रिटेन और वेनेजुएला के बीच जेनेवा समझौता हुआ था जो एस्किबो विवाद को स्थायी रूप से सुलझाने की दिशा में एक अस्थायी कदम था. इस समझौते के मुताबिक अगर दोनों पक्ष विवाद का एक स्थायी और शांतिपूर्ण हल खोजने में विफल रहते हैं तो "वे सहमति से एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के पास जाएंगे" और वहां भी सफलता नहीं मिलती है तो वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पास जाएंगे.
जेनेवा समझौते में ब्रिटेन ने वेनेजुएला की यह बात मान ली थी कि 1899 का फैसला मान्यता नहीं रखता लेकिन इससे आगे कुछ नहीं कहा था, लिहाजा यथास्थिति बनी रही. लेकिन 2010 के दशक में गयाना के तट के पास तेल के बड़े जखीरे का पता लगने के बाद वेनेजुएला अपने दावे पर आक्रामक हो गया है. हाल ही में वेनेजुएला की विपक्ष के नेता मरिया कोरिना माचाडो ने सोशल मीडिया पर लिखा, "हम वेनेजुएला के लोग जानते हैं कि एस्किबो पर वेनेजुएला का हक है और हम इसकी रक्षा करने को प्रतिबद्ध हैं."
वेनेजुएला की आक्रामकता के चलते गयाना ने ब्राजील और अमेरिका के साथ सुरक्षा संबंध मजबूत किए हैं. जॉन क्विन्सी एडम्स सोसायटी नामक थिंक टैंक में प्रोग्राम असिस्टेंट एजे मानुजी लिखते हैं कि अभी तो किसी तरह के हिंसक विवाद के आसार नहीं हैं.
रिसपॉन्सिबल स्टेटक्राफ्ट नामक ऑनलाइन पत्रिका में अपने लेख में मानुजी ने लिखा, "जनमत संग्रह का ऐलान तब किया गया जबकि विपक्ष के नेता का चुनाव होना था. भले ही जनमत संग्रह को लेकर विपक्ष बंटा हुआ था लेकिन वे एस्किबो पर दावे का समर्थन करते हैं. 2024 में चुनाव होने हैं और आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहे देश में मादुरो लोकप्रियता घटने की सूरत में इस संकट को का इस्तेमाल कर राष्ट्रवादियों को अपने पक्ष में जुटा सकते हैं."
जनमत संग्रह का विरोध करने वाले विपक्षी नेताओं को मादुरो देशद्रोही बता चुके हैं. (dw.com)
फ्रैंकफर्ट, 25 दिसंबर। ईसाई धर्म के लोग अनिश्चितता और युद्ध से जूझ रही दुनिया में चिंता और भय को भुलाकर यीशु मसीह के जन्म का जश्न मनाने की तैयारियों में जुटे हैं।
न्यूयॉर्क शहर के सेंट पैट्रिक कैथेड्रल में रविवार को प्रार्थना सभा का नेतृत्व करने से पहले कार्डिनल टिमोथी डोलन ने श्रद्धालुओं से क्रिसमस पर पश्चिम एशिया के युद्धग्रस्त हिस्सों के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध किया।
उन्होंने इजराइल और फलस्तीनी क्षेत्रों के हिस्सों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आज जब हम क्रिसमस मना रहे हैं, तो ऐसे में हमारा दिल इस पवित्र भूमि के बारे में सोच रहा है। इस पवित्र भूमि पर (संकट के) बादल छाए हुए हैं , पवित्र भूमि पीड़ा में है, पवित्र भूमि हिंसा, घृणा और प्रतिशोध से जूझ रही है और इस कष्ट के कारण क्रिसमस की खुशी का दम घुटने का खतरा है।’’
सीरिया में लोग लंबे गृहयुद्ध और आर्थिक प्रतिबंधों के नुकसान से अब भी जूझ रहे हैं। राजधानी दमिश्क में घरों एवं दुकानों में क्रिसमस पर रोशनी और सजावट के बावजूद देश के कुछ हिस्सों में जारी संघर्ष और गाजा में युद्ध ने त्यौहारी जश्न को फीका कर दिया है।
दमिश्क के उत्तर में स्थित याब्राउड शहर में सेंट कॉन्स्टेंटाइन और हेलेन कैथेड्रल में प्रार्थना सभा के लिए श्रद्धालु एकत्र हुए।
यूरोप में बढ़ती महंगाई के कारण क्रिसमस का जश्न प्रभावित हुआ और लोगों ने अपेक्षाकृत कम खरीदारी की।
यूरोपीय संघ के गृह मामलों के आयुक्त यल्वा जोहानसन ने पांच दिसंबर को सचेत किया था कि इजराइल और फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के बीच युद्ध के मद्देनजर यूरोप में ‘‘आतंकवादी हमलों का खतरा’’ है।
रूस के साथ युद्धरत यूक्रेन ने क्रिसमस अवकाश की तारीख को पश्चिम यूरोप के देशों के अनुरूप पहले खिसकाने के लिए जुलाई में कानून पारित किया था। यूक्रेन अब सात जनवरी के बजाय आधिकारिक तौर पर पहली बार 25 दिसंबर को क्रिसमस मना रहा है। रूसी ऑर्थोडोक्स चर्च और कुछ पूर्वी रूढ़िवादी गिरजाघर प्राचीन जूलियन कैलेंडर का उपयोग करते हैं जिसके तहत क्रिसमस का त्यौहार 25 दिसंबर से 13 दिन बाद जनवरी में आता है।
पाकिस्तान में पूर्वी पंजाब प्रांत के जरनवाला में ईसाइयों के घरों को मुसलमानों की भीड़ ने अगस्त में नष्ट या क्षतिग्रस्त कर दिया था। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ईसाई समुदाय भय के माहौल में क्रिसमस की तैयारी कर रहा है।
एपी सिम्मी मनीषा मनीषा 2512 1058 फ्रैंकफर्ट (एपी)