अंतरराष्ट्रीय
दक्षिण कोरिया में विपक्ष के नेता पर एक न्यूज़ कॉन्फ्रेंस के दौरान चाकू से हमला हुआ है.
यॉन्हेप न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, ये घटना बुसान की है.
विपक्ष के नेता ली-जे-म्युंग 2022 में राष्ट्रपति का चुनाव हार गए थे. ली की गर्दन के बाईं तरफ़ मंगलवार को हमलावर ने चाकू से हमला किया है.
हमला करने वाले व्यक्ति को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
ली को हमले के 20 मिनट बाद अस्पताल पहुंचा दिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, जब वो अस्पताल पहुंचाए गए तब वो होश में थे.
ली दक्षिण कोरिया की संसद का फिलहाल हिस्सा नहीं हैं. माना जा रहा है कि वो 2024 को होने वाले आम चुनावों में हिस्सा लेंगे.
59 साल के ली डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया के प्रमुख हैं.
2022 के राष्ट्रपति चुनावों में वो महज 0.73 फ़ीसदी वोटों के फ़ासले से हार गए थे. दक्षिण कोरिया के इतिहास में ये पहली बार था जब चुनावी मुकाबला इतना दिलचस्प हो गया था.(bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 1 जनवरी । पाकिस्तान में घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को रविवार को खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले में मुठभेड़ के बाद मार गिराया गया, जबकि शनिवार को उत्तरी वजीरिस्तान में एक अलग घटना में एक सैनिक की मौत हो गई। यह जानकारी पाकिस्तानी सेना ने दी।
जियो न्यूज की रिपोर्ट में इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के हवाले से कहा गया, सुरक्षा बलों ने बाजौर के बटवार इलाके में घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को पकड़ लिया।
गोलीबारी के बाद सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकवादियों को मार गिराया। आईएसपीआर ने कहा, "मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक भी बरामद किए गए।"
आईएसपीआर ने कहा कि शनिवार देर रात एक अन्य घटना में अफगानिस्तान के अंदर से आतंकवादियों ने उत्तरी वजीरिस्तान जिले के स्पिनवाम इलाके में एक पाकिस्तानी सीमा चौकी पर गोलीबारी की और इसके कर्मियों ने उचित तरीके से जवाब दिया, जिससे आतंकवादियों को काफी नुकसान हुआ।
हालांकि, गोलीबारी के दौरान रहीम यार खान जिले के 31 वर्षीय नायक अब्दुल रऊफ की मौत हो गई। (आईएएनएस)।
दमिश्क, 1 जनवरी । उत्तरी सीरिया में अलेप्पो शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास दो दिन पहले रात में इजरायली मिसाइल हमले में ईरान समर्थक पांच मिलिशिया और तीन नागरिक मारे गए।
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने रविवार को कहा कि हमले में ईरान समर्थक पांच लड़ाके मारे गए, इनमें एक सीरियाई नागरिक भी शामिल है, जिसकी पत्नी, बेटा और भतीजा भी मारा गया।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन स्थित निगरानी समूह ने कहा कि अक्टूबर में गाजा पर युद्ध शुरू होने के बाद से इजरायल ने सीरियाई क्षेत्रों को 45 बार निशाना बनाया है, इनमें से 17 जमीनी बलों द्वारा रॉकेट हमले और 28 हवाई हमले थे।
इज़राइल ने हाल ही में गाजा पट्टी में अपने सैन्य अभियान के साथ सीरियाई ठिकानों पर अपने हमले बढ़ा दिए हैं।
सीरियाई विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इजरायली हमलों की निंदा की और इन हमलों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से निर्णायक कदम उठाने का आग्रह किया।
सीरिया 12 साल से अधिक समय से गृह युद्ध में घिरा हुआ है, इसमें राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकारी सेनाएं विपक्षी समूहों के खिलाफ लड़ रही हैं। (आईएएनएस)।
डेनमार्क की महारानी मार्ग्रेथ- द्वितीय ने नए साल की बधाई देते हुए लाइव टीवी संबोधन के दौरान सिंहासन छोड़ने का एलान किया है.
मार्ग्रेथ- द्वितीय औपचारिक रूप से 14 जनवरी को अपने पद को छोड़ देंगी. वो 52 साल से डेनमार्क की महारानी हैं.
मार्ग्रेथ- द्वितीय ने एलान किया कि अब राजगद्दी पर उनके बेटे क्राउन प्रिंस फ्रेड्रिक बैठेंगे.
महारानी 83 साल की हैं. उन्होंने बताया कि 2023 में हुई सर्जरी के बाद वो इस फ़ैसले पर पहुंची हैं.
मार्ग्रेथ- द्वितीय ने साल 1972 में तब राजगद्दी संभाली थी, जब उनके पिता किंग फ्रेडरिक-नवें की मौत हो गई थी.
मार्ग्रेथ- द्वितीय ने कहा, ''सर्जरी के बाद मैं भविष्य के बारे में सोच पाईं कि क्या वो वक़्त आ गया है कि ज़िम्मेदारी अगली पीढ़ी को सौंप दी जाए. मैंने ये फ़ैसला किया है कि ये सही समय है.''
उन्होंने देश की आबादी का साथ देने के लिए शुक्रिया कहा.
डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने महारानी की सेवाओं के लिए उन्हें शुक्रिया कहा है. (bbc.com/hindi)
बेरूत, 1 जनवरी। अमेरिकी सेना ने कहा कि उसने लाल सागर में एक मालवाहक जहाज पर हमला होने के बाद हूती विद्रोहियों पर गोलीबारी की जिसमें उसके कई लड़ाके मारे गए। गाजा में युद्ध के बाद से समुद्री संघर्ष भी बढ़ गया है।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने रविवार को कहा, ‘‘हम आत्मरक्षा में कार्रवाई करने जा रहे हैं।’’
अमेरिकी मध्य कमान ने कहा कि यूएसएस ग्रेवली विध्वंसक पोत के चालक दल के सदस्यों ने पहले शनिवार देर रात को सिंगापुर के ध्वज वाले एक जहाज पर हमला करने वाली दो जहाज रोधी बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया। सिंगापुर के जहाज पर दक्षिणी लाल सागर में हमला किया गया था।
अमेरिकी नौसेना ने बताया कि इसके बाद चार छोटी नौकाओं ने रविवार सुबह छोटे हथियारों से फिर उसी मालवाहक जहाज पर हमला किया और विद्रोहियों ने जहाज पर चढ़ने की कोशिश की।
हूती ने संघर्ष में अपने 10 लड़ाकों के मारे जाने की पुष्टि की है।
वाशिंगटन में व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका ने हूती को स्पष्ट कर दिया है कि ‘‘हम इन खतरों को गंभीरता से लेते हैं और हम आगे उचित निर्णय लेने जा रहे हैं।’’
ईरान समर्थित हूती ने लाल सागर में जहाजों पर हमले की जिम्मेदारी ली है। उसका कहना है कि वह इजराइल से जुड़े या इजराइली बंदरगाहों की ओर जाने वाले जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
एपी गोला शफीक शफीक 0101 1007 बेरूत (एपी)
सियोल, 1 जनवरी। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने अपनी सेना को आदेश दिया है कि अगर अमेरिका और दक्षिण कोरिया उसके खिलाफ उकसावे की कार्रवाई करते हैं तो उनका ‘‘नामोनिशान मिटा दें।’’ सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी।
नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले उत्तर कोरिया द्वारा इस साल हथियारों का परीक्षण में और तेजी लाई जा सकती है।
पिछले सप्ताह सत्तारूढ़ दल की पांच दिवसीय बैठक में किम ने कहा कि वह इस साल तीन और सैन्य जासूसी उपग्रह का प्रक्षेपण करेंगे, अधिक परमाणु हथियारों का उत्पादन करेंगे और हमला करने वाले ड्रोन तैयार करेंगे।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह प्रयास भविष्य में अमेरिका पर कूटनीति दबाव बढ़ाने के लिए है।
सेना के कमांडिंग अधिकारियों के साथ रविवार को हुई बैठक में किम ने देश के परमाणु हथियारों के संदर्भ में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के खातिर ‘‘सबसे कीमती हथियार’’ को हमले के लिए तैयार रखना जरूरी है।
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के अनुसार, किम ने इस बात पर जोर दिया अगर वे (अमेरिका, दक्षिण कोरिया) उत्तर कोरिया के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई करते हैं तो ‘‘हमारी सेना को बिना हिचकिचाए अपने सभी प्रमुख संसाधनों को जुटाकर उन्हें पूरी तरह से खत्म करने के लिए जवाबी हमला करना चाहिए।’’
एपी खारी गोला गोला 0101 0843 सियोल (एपी)
-जॉर्ज राइट और एडम डर्बिन
इटली के मशहूर शहर वेनिस में भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 25 से अधिक पर्यटकों के ग्रुप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
सार्वजनिक जगहों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि इससे अव्यवस्था फैलती है.
शहर के अधिकारियों ने कहा है कि नए नियम अगले जून से प्रभावी होंगे.
नहरों के शहर वेनिस में अत्यधित पर्यटकों का मुद्दा चिंताजनक स्तर पर बढ़ गया है. यह यूरोप के सबसे अधिक देखे जाने वाले शहरों में से एक है.
बीते सितम्बर में वेनिस ने ट्रायल के दौर पर पर्यटकों के भ्रमण पर रोज़ाना पांच यूरो का शुल्क लगाने का निर्णय लिया था.
इटैलियन नेशनल स्टैटिस्टिक्स इंस्टीट्यूट के अनुसार, इस शहर का क्षेत्रफल महज 7.6 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन यहां 2019 में 1 करोड़ 30 लाख पर्यटक पहुंचे थे.
अब फिर से महामारी पूर्व वाली स्थिति के पैदा होने के आसार बन गए हैं. (bbc.com/hindi)
इसबेरूत, 31 दिसंबर। अमेरिकी सेना ने रविवार को दावा कि उसने लाल सागर में यमन के हुती विद्रोहियों द्वारा एक मालवाहक जहाज को निशाना बनाकर दागी गई दो पोत-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराया।
अमेरिकी मध्य कमान ने बताया कि मिसाइल दागने के कुछ घंटों के बाद ही चार नौकाओं पर सवार हथियारबंद हमलावर ने उसी जहाज को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन उसके द्वारा की गई गोलीबारी में कई बंदूकधारी मारे गए। कमान के मुताबिक इस घटना में पोत सवार किसी को नुकसान नहीं हुआ।
मध्य कमान ने एक बयान में कहा कि सिंगापुर के ध्वज वाले मा हमले से पहले शनिवार रात को भी दक्षिणी लाल सागर पार करते समय वे एक मिसाइल की चपेट में आ गए थे और उन्होंने सहायता का अनुरोध किया था।
बयान के मुताबिक अमेरिकी नौसेना के पोत यूएसएस ग्रेवली और यूएसएस लैबून ने अनुरोध पर कार्रवाई की। डेनमार्क के स्वामित्व वाला जहाज कथित तौर पर समुद्र में चलने योग्य था और किसी को चोट नहीं आई थी।
मध्य कमान के तहत, ‘‘19 नवंबर के बाद से अंतरराष्ट्रीय जहाजरानी पर हुती विद्रोहियों द्वारा किया गया यह 23वां अवैध हमला है।’’
एक अन्य बयान में मध्य कमान ने कहा कि उसी जहाज ने ‘ ईरान समर्थित हुती विद्रोहियों की चार छोटी नौकाओं द्वारा दूसरे हमले के बारे में आपात संदेश दिया।
मध्य कमान ने कहा, ‘‘हमलावरों ने महज 20 मीटर (लगभग 65 फीट) की दूरी से ‘मेर्स्क हांग्जो जहाज पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की’’
मध्य कमान ने कहा कि जहाज पर तैनात सुराक्षाकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की। यूएसएस ड्वाइट डी. आइजनहावर और ग्रेवली विमान वाहक पोत पर तैनात हेलीकॉप्टर ने आपात संदेश पर मौके पर पहुंचे और हमलावरों को मौखिक चेतावनी दी लेकिन नौकाओं पर सवार होकर आए हमलावरों ने हेलीकॉप्टर पर ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
बयान में कहा गया,‘‘अमेरिकी नौसेना के हेलीकॉप्टर से सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की, जिससे चार में से तीन नावें डूब गईं और चालक दल के सदस्य मारे गए जबकि चौथी नाव में सवार घटनास्थल से नौका सहित भाग गए।’’
ईरान समर्थित हुती ने लाल सागर में जहाजों पर हमले की जिम्मेदारी ली है। उसका कहना है कि वह इजराइल से जुड़े या इजराइली बंदरगाहों की ओर जाने वाले जहाजों को निशाना बना रहे हैं। (एपी)
इस महीने की शुरुआत में वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने एक जनमत संग्रह करवाया.
इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें पड़ोसी देश गुयाना के एसेकिबो क्षेत्र का वेनेज़ुएला में विलय करने का अधिकार प्राप्त हो गया है.
यह दो सौ साल पुराने भूमि विवाद में आया नया मोड़ है. इसमें एक तरफ़ तीन करोड़ की आबादी वाला विशाल देश वेनेज़ुएला है और दूसरी तरफ़ दक्षिणी अमेरिका के उत्तर पूर्वी तट पर बसा गुयाना है. गुयाना की आबादी केवल आठ लाख है.
गुयाना ने कहा है कि वो अपनी ज़मीन की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा.
वहीं वेनेज़ुएला के पड़ोसी देशों और विश्व के कई दूसरे देशों ने भी राष्ट्रपति मादुरो से कहा है कि वो कोई आक्रामक कदम ना उठाएं. मगर अब तक मादुरो ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील को नज़रअंदाज़ ही किया है.वहीं वेनेज़ुएला के पड़ोसी देशों और विश्व के कई दूसरे देशों ने भी राष्ट्रपति मादुरो से कहा है कि वो कोई आक्रामक कदम ना उठाएं. मगर अब तक मादुरो ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपील को नज़रअंदाज़ ही किया है.
एसेकिबो क्षेत्र
एसेकिबो क्षेत्र गुयाना के दो-तिहाई क्षेत्र में फैला हुआ है. यानि इसका क्षेत्रफल अमेरिका के फ़्लोरिडा राज्य के बराबर है. पहाड़ी वर्षा वनों के इस क्षेत्र की सीमा वेनेज़ुएला से जुड़ी है.
इसके महत्व पर हमने बात की फ़िल गनसन से जो इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप में वरिष्ठ विश्लेषक हैं. हमने उनसे जानना चाहा कि वेनेज़ुएला ने पहली बार कब इस क्षेत्र पर दावा किया?
वो कहते हैं, ''यह विवाद उपनिवेश काल में शुरू हुआ था. इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है कि स्पेन के उपनिवेशियों ने एसेकिबो क्षेत्र पर कब्ज़ा किया हो. मगर उनके नक़्शों में दिखाया गया था कि वेनेज़ुएला के नौसेना प्रमुख एसेकिबो नदी तक पहुंचे थे. इसी के आधार पर वेनेज़ुएला ने एसेकिबो क्षेत्र पर दावा किया था.''
सैद्धांतिक रूप से तो यह विवाद 1899 में हल हो गया था, जब पेरिस में पांच अंतरराष्ट्रीय जजों ने इस पर अपना फ़ैसला सुनाया था. जजों की इस पीठ में दो ब्रितानी, दो अमेरिकी और एक रूसी जज शामिल थे. इन जजों ने एसेकिबो क्षेत्र का स्वामित्व ब्रिटिश गुयाना को सौंप दिया था. वेनेज़ुएला को कुछ नहीं मिला. उस समय वेनेज़ुएला ने अनमने तरीके से फ़ैसला मान लिया था.
लेकिन बाद में उसे लगा कि अंतरराष्ट्रीय जजों ने आपस में मिल कर उसे उसके अधिकार से वंचित कर दिया. उसके इस संदेह को तब और बल मिला जब 1949 में उस अदालत के एक अधिकारी द्वारा तैयार किए गए समझौते का मसौदा सामने आया.
फ़िल गनसन ने बताया, ''समझौते के मसौदे में लिखा गया था कि ब्रितानी और रूसी जज ने मिल कर अमेरिकी जजों के सामने प्रस्ताव रखा कि अगर वो इसे नहीं मानेंगे तो फ़ैसला और प्रतिकूल बना दिया जाएगा.''
यह बात सामने आने के बाद वेनेज़ुएला की क्या प्रतिक्रिया थी?
फ़िल गनसन कहते हैं, ''वेनेज़ुएला ने फ़ैसले को चुनौती दी और संयुक्त राष्ट्र में गुहार लगाई. मगर उसे कुछ ख़ास हासिल नहीं हुआ. अंतत: 1966 में जेनेवा समझौता हुआ. आज भी राष्ट्रपति मादुरो की यही दलील है कि इस विवाद का समधान उसी अदालत में हो.''
उस समय गुयाना आज़ाद होने जा रहा था लेकिन वेनेज़ुएला के साथ एसेकिबो के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हो पाया. जब ह्यूगो शावेज़ 1999 में वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल दिया. समझा जाता है कि उन्होंने ऐसा अपने सहयोगी और क्यूबा के नेता फ़िदेल कास्त्रो की सलाह पर किया.
फ़िल गनसन का कहना है कि कास्त्रो ने शावेज़ के सामने यह दलील रखी कि अगर वो कैरेबियाई देशों और अन्य देशों का समर्थन चाहते हैं तो उन्हें एसेकिबो पर अपने दावे को छोड़ना पड़ेगा.
मगर मादुरो के वेनेज़ुएला में सत्ता में आने के दो साल बाद 2015 में गुयाना में एसेकिबो के तट के पास पानी के नीचे बड़े तेल भंडार की खोज हुई. इससे स्थिति बदल गई. वेनेज़ुएला के लिए एसेकिबो का महत्व बढ़ गया.
2018 में संयुक्त राष्ट्र की सिफ़ारिश पर यह मामला दी हैग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहुंच गया, लेकिन वेनेज़ुएला का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. आख़िर वेनेजुएला अंतरराष्ट्रीय न्यायलय द्वारा मामले की सुनवाई का विरोध क्यों कर रहा है?
फ़िल गनसन की राय है, ''शायद एक वजह यह है कि वेनेज़ुएला को लगता है कि वो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा हार जाएगा. लेकिन मुझे लगता है कि वो इस मुद्दे को ज़िंदा रखना चाहते हैं ताकि इसके बल पर देश की घरेलू राजनीति में राष्ट्रवादी भावनाओं को हवा दी जा सके. निकोलस मादुरो के रवैये को देखते हुए तो यही लगता है.''
वेनेज़ुएला इस मामले में अगला कदम क्या उठाएगा यह एक व्यक्ति पर निर्भर करता है.
राष्ट्रपति निकोलस मादुरो
न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी में आधुनिक लातिन अमेरिकी इतिहास के प्रोफ़ेसर अलेहांड्रो वेलेस्को कहते हैं कि पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज़ ने निकोलस मादुरो को अपना उत्तराधिकारी चुना था, लेकिन वो जनता के बीच शावेज़ की तरह लोकप्रिय नहीं थे.
वो कहते हैं, ''मादुरो काफ़ी छोटे अंतर से चुनाव जीते थे. सत्ता में बने रहने के लिए उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की बली चढ़ा दी. विरोध प्रदर्शनों को कुचल दिया और फ़र्ज़ी चुनाव करवाए.''
मादुरो की राजनीतिक विचारधारा क्या है?
इस सवाल पर अलेहांड्रो वेलेस्को कहते हैं, ''ज़ाहिर है कि वो शावेज़ के उत्तराधिकारी हैं और समाजवादी पार्टी के सदस्य रहे हैं लेकिन उनकी नीतियों में कई असंगितयां और विरोधाभास नज़र आता है. वैसे तो वो अमेरिकी साम्राज्यवाद के विरोध की बात करते हैं लेकिन अन्य जगहों पर साम्राज्यवाद का समर्थन करने में नहीं हिचकिचाते. एक तरफ़ वो डॉलर आधारित अर्थव्यवस्था का विरोध करते रहे हैं और दूसरी ओर उन्होंने वेनेज़ुएला की अर्थव्यवस्था को डॉलर पर आधारित कर दिया.''
उनके सत्ता में आने के बाद वेनेज़ुएला की अर्थव्यवस्था कैसी रही है?
इस सवाल पर अलेहांड्रो वेलेस्को के अनुसार पिछले दस सालों में अर्थव्यवस्था इतनी कमज़ोर हो गई है जितनी लातिनी अमेरिका के इतिहास में कभी नहीं हुई थी. महंगाई आसमान छू रही है और मुद्रास्फिती की दर दो हज़ार प्रतिशत तक पहुंच गई है. बिजली उत्पादन व्यवस्था ठप्प होने की कगार पर है. हर दिन बिजली कटौती होती है. खाद्य सामग्री से लेकर दवाइयां तक आयात हो रही हैं. महंगाई से तंग आ कर पिछले दस सालों में सत्तर लाख से अधिक लोग देश छोड़ चुके हैं.
अलेहांड्रो वेलेस्को का कहना है कि अर्थव्यवस्था के गिरने का एक कारण वेनेज़ुएला की तेल निर्यात पर अत्याधिक निर्भरता भी है.
वो कहते हैं, ''तेल उद्योग के कुप्रबंधन की वजह से वेनेज़ुएला की अर्थव्यवस्था ढह गई है. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमत भी गिरी है. दूसरी वजह यह है कि अमेरिका ने वेनेज़ुएला के ख़िलाफ़ कई प्रतिबंध लगा रखे है.''
यही वजह है कि वेनेज़ुएला ने एसेकिबो में तेल भंडारों की खोज के बाद उस पर अपने दावे को फिर से सामने रख दिया है और देश में एसेकिबो के संबंध में जनमत संग्रह कराया गया. जनमत संग्रह में जनता के सामने पांच सवाल रखे गए जिसमें उन्हें हां या ना के पक्ष मे वोट देना था.
जनता के सामने सवाल थे कि क्या एसेकिबो विवाद अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है. दूसरा सवाल था कि क्या एसेकिबो का एक नए राज्य के रूप मे वेनेज़ुएला में विलय होना चाहिए? 95 प्रतिशत जनता ने सभी सवालों का जवाब हां में दिया.
अलेहांड्रो वेलेस्को को इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि उनके अनुसार एसेकिबो पर देश का दावा एक ऐसा मुद्दा है जिस पर देश की सभी विचारधारा के लोग एकजुट हैं. अब देखना यह है कि एसेकिबो पर अपने दावे के लिए वो अगला कदम क्या उठाते हैं और गुयाना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसके जवाब मे क्या कार्रवाई करता है.
गुयाना और वेनेज़ुएला के दोस्त
लंदन स्थित चैटहैम हाउस में वरिष्ठ शोधकर्ता डॉक्टर क्रिस्टोफ़र सबातिनी कहते हैं कि आठ लाख की आबादी वाले गुयाना में ग्यारह अरब बैरल की मात्रा में तेल की खोज हुई है. इस तेल भंडार ने गुयाना का भाग्य बदल दिया है.
वो कहते हैं, ''2020 में गुयाना की जीडीपी यानि सकल घरेलू उत्पाद में 80 प्रतिशत वृद्धि हुई. वह दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. देश के ख़ज़ाने में पैसे तो आ रहे हैं लेकिन जनता यह भी सोच रही है कि यह खर्च किस पर होंगे.''
यह धन कहां खर्च होगा इसका फ़ैसला गुयाना के राष्ट्रपति इरफ़ान अली को करना है, मगर फ़िलहाल उनका ध्यान वेनेज़ुएला की चुनौती से निपटने पर है. वो 2020 में विवादास्पद चुनावों के बात सत्ता में आए थे.
क्रिस्टोफ़र सबातिनी ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ अविश्वास मत पारित होने के बाद चुनाव हुए. मगर उन्होंने शुरुआत में चुनाव के नतीजे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. चुनाव के कई हफ़्तों बाद वो सत्ता से हटे. मगर दो प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच मतभेद बरकरार है, जो गुयाना के नस्लीय समीकरणों को भी प्रभावित कर रहा है.
सत्तारुढ़ पार्टी का झुकाव अफ़्रीकी मूल के लोगों की तरफ़ है जबकि दूसरे दल का प्रभाव दक्षिण एशियाई मूल के लोगों पर अधिक है.
गुयाना की जनता, ख़ास तौर पर एसेकिबो के लोग इस मुद्दे पर एकजुट हैं कि यह क्षेत्र गुयाना का हिस्सा बना रहे. कुछ अनुमानों के अनुसार एसेकिबो की आबादी एक-दो लाख के बीच है.
गुयाना के राष्ट्रपति इरफ़ान अली फ़िलहाल वेनेज़ुएला के साथ विवाद में कूटनीति का रास्ता अपना रहे हैं. उन्होंने कई तेल कंपनियों को गुयाना के तेल भंडारों से तेल निकालने के लिए आमंत्रित किया है.
इसके साथ ही वो कैरेबियाई देशों, ब्रिटेन और चीन से भी इस मामले में सहायता चाहते हैं. उन्होंने चीन को भी एसेकिबो से तेल निकालने और देश में विकास के कई प्रोजेक्ट में शामिल किया है. इस बात से वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति मादुरो नाराज़ हैं क्योंकि चीन वेनेज़ुएला का सहयोगी देश रहा है.
चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य भी है. हाल में गुयाना ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा है कि वेनेज़ुएला गुयाना पर हमला कर सकता है. मगर रूस भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य है और वेनेज़ुएला का सहयोगी है.
क्रिस्टोफ़र सबातिनी का कहना है, ''रूस का मामला अलग है. ना कि रूस के वेनेज़ुएला के साथ घनिष्ठ संबंध हैं बल्कि वेनेज़ुएला के तेल उद्योग में उसकी बड़ी हिस्सेदारी है. इसलिए रूस के आर्थिक और राजनीतिक हित वेनेज़ुएला के साथ जुड़े हुए हैं.''
विवाद पर दुनिया की नज़र
ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी के ब्लावाटनिक स्कूल ऑफ़ गवर्नमेंट की प्रोफ़ेसर और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ डॉक्टर एनेटा इडलर का मानना है कि वेनेज़ुएला के पड़ोसी देश ब्राज़ील समेत विश्व के कई देश और अंतरराष्ट्रीय संगठन नहीं चाहते कि लातिन अमेरिका में संघर्ष शुरू हो.
''ब्राज़ील की सीमा वेनेज़ुएला और गुयाना से सटी हुई है. ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा ने वेनेज़ुएला से समस्या का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की है मगर अपनी सेना को उत्तरी सीमा पर तैनात भी कर दिया है."
वो कहती हैं, ''कैरेबियाई देशों के संगठन कैरिकॉम और राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों के संगठन ने भी वक्तव्य जारी कर के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा दिसंबर में जारी की गई उस अपील को दोहराया है जिसमें कहा गया था कि अदालत का फ़ैसला आने से पहले वेनेज़ुएला कोई कार्रवाई ना करे. इसके बावजूद कुछ ही दिनों बाद वेनेज़ुएला ने इस मुद्दे पर जनमत संग्रह करवा लिया.''
डॉक्टर एनेटा इडलर की राय है कि इस विवाद को सुलझाने में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव से अधिक उम्मीद नहीं की जा सकती.
डॉक्टर एनेटा इडलर कहती हैं कि इसकी वजह यह है कि एक तरफ़ अमेरिका और यूके हैं, जो काफ़ी हद तक गुयाना के पक्ष में हैं. दूसरी तरफ़ चीन और रूस हैं और रूस वेनज़ुएला का करीबी सहयोगी है. इसका मतलब यह है कि सुरक्षा परिषद में ऐसा प्रस्ताव पारित होना मुश्किल है जिस पर पांचों स्थायी सदस्य देश एकमत हों.
विगत में मादुरो पर अंतरराष्ट्रीय दबाव का ख़ास असर नहीं पड़ा है. अगर मादुरो गुयाना पर हमला कर देते हैं तो क्या हो सकता है?
इस सवाल पर डॉक्टर एनेटा इडलर कहती हैं कि सैन्य क्षमता में दोनों देशों के बीच कोई बराबरी नहीं है. वेनज़ुएला के पास लगभग साढ़े तीन लाख सैनिक और भारी हथियार हैं, जबकि गुयाना के पास केवल चार हज़ार सैनिक हैं. मगर वेनेज़ुएला अगर हमला करता है तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी. क्योंकि 2015 में अमेरिकी कंपनी एक्सॉनमोबील ने एसेकिबो क्षेत्र में तेल भंडारों की खोज की थी.
डॉक्टर एनेटा इडलर ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका के प्रवक्ता ने पहले ही मौजूदा स्थिति को चिंताजनक करार दिया है. अमेरिकी नौसेना के दक्षिणी कमांड ने गुयाना में हवाई निगरानी उड़ान भरना शुरू कर दिया है. हालांकि उसका कहना है अमेरिका और गुयाना के बीच सुरक्षा संबंधों के तहत यह एक सामान्य कार्रवाई है. मगर यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
अगर अमेरिका गुयाना के समर्थन में हस्तक्षेप करता है तो वेनेज़ुएला के सहयोगी देश रूस और चीन की क्या प्रतिक्रिया होगी?
डॉक्टर एनेटा इडलर के अनुसार ऐसा हुआ तो शीत युद्ध जैसी स्थिति बन जाएगी. उस दौरान भी लातिन अमेरिका संघर्ष का केंद्र बनने की कगार पर था.
तो अब लौटते हैं अपने मुख्य प्रश्न की ओर- क्या वेनेज़ुएला अपने पड़ोसी पर हमला करने वाला है? वहां स्थिति तेज़ी से बदल रही है.
कुछ सप्ताह पहले तक लोग सोच रहे थे कि मादुरो जनमत संग्रह करवा के संतुष्ट हो जाएंगे. लेकिन उसके बाद उन्होंने वेनेज़ुएला की सरकारी तेल कंपनी को निर्देश दिया है कि एसेकिबो क्षेत्र से तेल निकालने के लिए लाइसेंस जारी करे.
उन्होंने एक नक़्शा जारी किया जिसमें एसेकिबो को वेनेज़ुएला में विलीन हुए नए राज्य के तौर पर दिखाया गया है. उन्होंने घोषणा की कि एसेकिबो क्षेत्र के निवासियों को वेनेज़ुएला के पहचान पत्र दिए जाएंगे. अगर उन्होंने गुयाना पर हमला किया तो उन्हें भारी अंतरराष्ट्रीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा.
वहीं कुछ दिन पहले बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में गुयाना के राष्ट्रपति अली ने कहा कि अगर गुयाना को कुचलने की कोशिश की गई तो उसके मित्र देश हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेंगे.
गुयाना के सहयोगी देश अमेरिका की सेना पहले ही क्षेत्र में मौजूद है. उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह राष्ट्रपति मादुरो और राष्ट्रपति अली के बीच सेंट विनसेंट में होने वाली वार्ता से स्थिति को शांत करने में मदद मिलेगी. लेकिन हमने पिछले दस सालों में यही देखा है कि वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति मादुरो अगला कदम क्या उठाएंगे इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है. (bbc.com)
कराची, 31 दिसंबर पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक पुलिस थाने को निशाना बनाकर बम धमाका किया गया जिसमें दो बच्चों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह घटना शनिवार को प्रांत के बोलन जिले के माच इलाके में हुई।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बम जेल रोड पर पुलिस थाने की इमारत के ठीक पीछे एक ठेले के नीचे छुपाया गया था। थाने के करीब ही एक छोटा सा बाजार है।
उन्होंने कहा, ‘‘बम धमाका रिमोट से किया गया जिसमें पास से गुजर रहे 10 और 12 वर्ष के दो बच्चों की मौत हो गई।'
धमाके में घायल चार अन्य लोगों को अस्पताल ले जाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बलूचिस्तान में आतंकवादी अक्सर सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाते हैं। (भाषा)
केप कैनेडी (फ्लोरिडा), 31 दिसंबर । एलन मस्क के निजी अंतरिक्ष उद्यम स्पेसएक्स ने अपने विशाल फाल्कन हेवी रॉकेट के जरिए अमेरिकी सेना की सबसे गोपनीय प्लान के तहत एक्स-37बी शटल लॉन्च किया है, जो आसमान में लौट आया है।
इसने गुरुवार शाम को अमेरिकी सेना के लिए एक रहस्यमय अंतरिक्ष यान लॉन्च किया जो अत्याधुनिक अनुसंधान करेगा।
रॉकेट ने फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रात 8:07 बजे उड़ान भरी। यह सेना के बिना चालक दल वाले एक्स-37बी अंतरिक्ष यान को अभूतपूर्व ऊंचाई तक ले जा रहा है, जो स्वायत्त रूप से संचालित होता है। लॉन्च को स्पेसएक्स की वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीम किया गया। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि साइड बूस्टर पृथ्वी पर लौट आए और सुरक्षित रूप से नीचे आ गए।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अंतरिक्ष यान वास्तव में कहां जा रहा है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष में एक्स-37बी की गतिविधियों ने अंतरिक्ष समुदाय को आकर्षित किया है। (आईएएनएस)
मॉस्को, 31 दिसंबर। रूस के सीमावर्ती शहर बेलग्राद में शनिवार को गोलाबारी में तीन बच्चों समेत कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और 110 अन्य लोग घायल हो गए। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह हमला रूस द्वारा 22 महीने पहले यूक्रेन पर किए गए आक्रमण के बाद से रूसी जमीन पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक है।
रूसी प्राधिकारियों ने इस हमले के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है। बेलग्राद में हुए हमले से एक दिन पहले रूस ने यूक्रेन पर 18 घंटे तक हवाई हमले किए थे, जिनमें 41 आम नागरिक मारे गए।
मॉस्को की सेना ने शुक्रवार को यूक्रेन में 122 मिसाइल और दर्जनों ड्रोन से हमले किये, जिसे वायुसेना के एक अधिकारी ने युद्ध में अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला बताया था।
इसके बाद बेलग्राद के गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लादकोव ने बताया कि बेलग्राद पर किए गए हमले में तीन बच्चों समेत कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और 110 लोग घायल हो गए।
सोशल मीडिया पर उपलब्ध बेलग्राद की तस्वीरों में जलती कारें और क्षतिग्रस्त इमारतों से निकलते काले धुओं का गुबार देखा जा सकता है और हवाई हमलों का सायरन सुना जा सकता है।
बेलग्राद में गोलाबारी के दौरान शहर के बीचों-बीच स्थित एक सार्वजनिक ‘आइस रिंक’ (ऐसा बंद इलाका जहां स्केटिंग के लिए बर्फ की चादर की व्यवस्था होती है) को भी निशाना बनाया गया। शहर में इससे पहले भी हमले हुए हैं लेकिन दिन दिहाड़े इस प्रकार की गोलाबारी बमुश्किल ही हुई है और इससे पहले के हमलों में इतनी अधिक संख्या में लोग नहीं मारे गए।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसने हमले में इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद की पहचान चेक (गणराज्य)-निर्मित वैम्पायर रॉकेट और गोला-बारूद से लैस ओल्खा मिसाल के रूप में की है। मंत्रालय ने इसके अतिरिक्त कोई जानकारी नहीं दी है। एसोसिएटेड प्रेस (एपी) इन दावों की पुष्टि नहीं करता है।
मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा, ‘‘इस अपराध को बख्शा नहीं जाएगा।’’
इससे पहले शनिवार को रूस के अधिकारियों ने देश के मॉस्को, ब्रेयांस्क, ओरिओल और कुर्स्क क्षेत्रों के हवाई क्षेत्र में 32 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराने की सूचना दी थी।
पश्चिमी रूस के शहरों पर मई के बाद से लगातार ड्रोन हमले हो रहे हैं और रूस के अधिकारी इसके लिए यूक्रेन को जिम्मेदार बताते हैं।
यूक्रेन के अधिकारियों ने रूसी क्षेत्र और क्रीमिया प्रायद्वीप में हुए हमलों की कभी जिम्मेदारी नहीं ली लेकिन यूक्रेन के शहरों पर बड़े हमले किए जाने के बाद रूस के खिलाफ हवाई हमले किए गए हैं।
एपी सिम्मी शोभना शोभना 3112 0948 मॉस्को (एपी)
गाजा पट्टी, 31 दिसंबर। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल का युद्ध ‘‘अभी कई महीनों तक जारी रहेगा’’।
नेतन्याहू की इस घोषणा के साथ ही उन्होंने एक प्रकार से संकेत दिया कि वह युद्ध के कारण आम नागरिकों की मौत के बढ़ते आंकड़ों, खाद्य सामग्री की घोर कमी और बड़े पैमाने पर लोगों के विस्थापन के बीच युद्धविराम की अंतरराष्ट्रीय मांग को नहीं मानेंगे।
इजराइली प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन को निरंतर समर्थन देने के लिए उसका आभार व्यक्त किया। बाइडन प्रशासन ने इस महीने दूसरी बार इजराइल को आपात हालात में हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव पर भी रोक लगाई जिसमें तत्काल युद्ध विराम की मांग की गई थी।
इजराइल का कहना है कि इस वक्त युद्ध समाप्त करना एक प्रकार से हमास की जीत होगी। वहीं बाइडन प्रशासन का भी यही मानना है हालांकि उसने इजराइल से ऐसे कदम उठाने का लगातार आग्रह किया है जिससे फलस्तीनी नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचे।
नेतन्याहू ने शनिवार को टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा,‘‘ जैसा की चीफ ऑफ स्टाफ ने इस सप्ताह कहा था कि युद्ध अभी कई माह चलेगा। मेरी नीति स्पष्ट है। हम तब तक लड़ाई जारी रखेंगे जब तक हमें युद्ध के इच्छित परिणाम हासिल नहीं हो जाएं। इसमें पहला और सबसे जरूरी है हमास का सफाया और सभी बंधकों की रिहाई।’’
गाजा में हमास के कब्जे में अब भी 120 से अधिक बंधक हैं। हमास के चरमपंथियों ने सात अक्टूबर को इजराइल पर हमला करके 240 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था हालांकि बाद में एक समझौते के तहत हमास ने बड़ी संख्या में बंधकों को रिहा किया वहीं इजराइल ने उसकी जेलों में बंद फलस्तीन के लोगों को आजाद किया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाजा में शनिवार को कहा कि युद्ध शुरू होने के बाद से फलस्तीनी मृतकों की संख्या बढ़कर 21,672 हो गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान 56,165 लोग घायल हुए हैं।
मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 165 लोगों की मौत हो गई।
एपी शोभना अभिषेक शोभना 3112 0848 गाजापट्टी (एपी)
रूस ने यूक्रेन पर दक्षिणी-पश्चिमी रूस पर घातक हवाई हमले करने का आरोप लगाया है.
यूक्रेन से लगती सीमा के पास बेलगोरोड में शनिवार को हुए इस हमले में 20 लोगों के मारे जाने और 100 से अधिक लोगों के घायल होने की ख़बर है.
वहां के गवर्नर ने इसे अब तक के सबसे घातक हमलों में से एक क़रार दिया है. उनके अनुसार, मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं.
वहीं यूक्रेन की सेना से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि शनिवार के हमले में केवल सेना के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया.
रूस पर यूक्रेन का हुआ यह हमला शुक्रवार को यूक्रेन पर हुए रूसी हमले का जवाब माना जा रहा है. रूस के हमले में 39 लोग मारे गए थे.
उसके बाद यूक्रेन ने कहा कि ये रूस का अब तक का सबसे बड़ा हमला था.
रूस ने ताज़ा हमले में यूक्रेन में बने ओल्खा के साथ चेक गणराज्य में बने वैंपायर रॉकेट के इस्तेमाल होने का भी आरोप लगाया है.
हालांकि बीबीसी रशियन रूस के इस दावे की पुष्टि नहीं कर सका है कि यूक्रेन के हमले में चेक गणराज्य में बने हथियारों का इस्तेमाल हुआ है.
उधर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल बुलाई गई बैठक में रूसी राजदूत वासिली नेबेंज़्या ने यूक्रेन पर 'नागरिक ठिकाने पर जानबूझकर, अंधाधुंध हमले' करने का आरोप लगाया है. (bbc.com/hindi)
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के अनुसार, इस देश ने अपनी सेना को मज़बूत बनाने के इरादे से अगले साल तीन और जासूसी सैटेलाइट लॉन्च करने का एलान किया है.
उत्तर कोरिया ने पिछले महीने अंतरिक्ष में एक जासूसी सैटेलाइट भेजा था. उसने बाद में दावा किया कि उस उपग्रह ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य स्थलों की तस्वीरें उसे भेजी थीं.
कोरिया की सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की साल के अंत में होने वाली बैठक में देश के नेता किम जोंग उन ने 2024 का लक्ष्य तय किया है.
इस बैठक में उन्होंने कहा है कि उनके पास अपनी परमाणु महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
किम जोंग उन ने यह भी कहा है कि 2024 में दक्षिण कोरिया के साथ उनके देश के संबंधों में 'मौलिक परिवर्तन' देखने को मिलेंगे.
उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया के साथ उनके देश का विलय अब संभव नहीं है. उनके अनुसार, दक्षिण कोरिया उनके देश के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करता है.
ऐसा शायद पहली बार है जब किम जोंग उन ने ऐसी बात कही है. जानकार इसे उत्तर कोरिया की नीति में आधिकारिक बदलाव मान रहे हैं. (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसी यूएनआरडब्लूए की डायरेक्टर जूलिएट टूमा ने कहा है कि ग़ज़ा में मानवीय सहायता की मांग लगातार बढ़ रही है. यहां कई लोग खुले में रहने को मजबूर हैं.
जूलिएट टूमा ने बीबीसी से कहा, “ग़ज़ा पट्टी के कई इलाके ऐसे हैं जहां हमारी लगातार पहुंच होनी चाहिए लेकिन वहां हम पर पाबंदी जारी है. मसलन ग़ज़ा पट्टी का उत्तरी इलाका.”
उन्होंने बताया, “ग़ज़ा तक बहुत कम आपूर्ति पहुंच रही है. यहां कोई बाज़ार नहीं है, ऐसे में लोग हमारी जैसी संस्थाओं पर बहुत हद तक निर्भर हो गए हैं.”
ग़ज़ा की कुल आबादी करीब 22 लाख है.
जूलियट टूमा ने कहा, “सुरक्षित तौर पर ये कहा जा सकता है कि ग़ज़ा का हर व्यक्ति किसी न किसी तरह से प्रभावित है.”
इसराइल का कहना है कि वो सहायता समाग्री पर रोक नहीं लगा रहा है. इसराइल के मुताबिक, दिक्कत सामान बांटने से जुड़ी है.
जूलियट टूमा बताती हैं कि ग़ज़ा के करीब 14 लाख लोग उनकी ओर से उपलब्ध कराई जा रही जगहों पर रह रहे हैं. इनमें ज़्यादातर वो स्कूल हैं, जिन्हें लड़ाई शुरू होने के पहले यूएन चलाता था.
उन्होंने बताया, “बाकी लोग जहां जगह मिल रही है, वहां रह रहे हैं. मसलन सड़क पर या किसी दोस्त के साथ उसके घर पर.”
जूलियट टूमा ने कहा, “बहुत से लोग खुले में रह रहे हैं. वो पार्क में रहते हैं. कारों में रह रहे हैं. उन्हें सुरक्षित जगह की तलाश है लेकिन ऐसी जगह उन्हें मिल नहीं पाती है क्योंकि ग़ज़ा में कहीं कोई सुरक्षा नहीं है.” (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान चुनाव आयोग ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान ख़ान का नामांकन रद्द कर दिया है.
पीटीआई के कराची अध्यक्ष खुर्रम शेर ज़ामन ने अपने एक्स हैंडल पर इसकी जानकारी दी है.
उन्होंने लिखा है, “लाहौर और मियांवाली से इमरान ख़ान के नामांकन पत्र रद्द कर दिए गए. हम इसके ख़िलाफ़ अदालत जाएंगे. ताज्जुब की बात है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आजीवन प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी नवाज़ शरीफ़ के पत्र को कैसे स्वीकार कर लिया गया.”
शनिवार को पीटीआई के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र बड़ी संख्या में ख़ारिज़ किए जाने का पार्टी ने विरोध जताया है.
पाकिस्तान में आठ फ़रवरी को आम चुनाव होने वाले हैं और शनिवार को प्रत्याशियों के नामांकन पत्र भरने का आख़िरी दिन था.
इमरान ख़ान को बीते पांच अगस्त को तोशाखाना मामले में दोषी पाया गया था और तीन साल की सज़ा दी गई थी. इसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें पांच साल के लिए अयोग्य ठहरा दिया.
पीटीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेशनल असेंबली स्पीकर असद क़ैसर ने कहा, “आज मुझ समेत पीटीआई के सभी वरिष्ठ नेताओं के नामांकन पत्र ख़ारिज़ कर दिए गए. नवाज़ शरीफ़ को पीएम बनाने की ये महज ट्रिक है.”
कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि ‘यह इलेक्शन नहीं सेलेक्शन’ है. (bbc.com/hindi)
लाहौर, 30 दिसंबर । पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान का नेशनल असेंबली (एनए) निर्वाचन क्षेत्र लाहौर और उनके गृह शहर मियांवाली से नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्टों में शनिवार को प्रांतीय चुनाव आयोग (ईसी) के अधिकारियों का हवाला दिया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने 8 फरवरी 2024 को होने वाले आगामी चुनावों से पहले लाहौर के एनए-112 और मियांवाली के एनए-89 निर्वाचन क्षेत्रों से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि पार्टी नेतृत्व के खिलाफ पहले से कई केस हैं - विशेष रूप से 9 मई के दंगों से संबंधित - जिसमें उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरेशी और अन्य सहित वरिष्ठ नेता सलाखों के पीछे हैं।
एनए-122 निर्वाचन क्षेत्र के नामांकन पत्रों की जांच करने के लिए नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) ने फैसले का आधार बताते हुए कहा, "पीटीआई संस्थापक को दोषी ठहराया गया है।"
जियो न्यूज ने बताया, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के मियां नसीर द्वारा उठाई गई आपत्तियों में तोशाखाना मामले में खान की पांच साल की अयोग्यता का उल्लेख किया गया था, जिसमें चुनावी निकाय ने उन्हें चुनाव अधिनियम, 2017 की धारा 167 के तहत भ्रष्ट आचरण का दोषी पाया था।
आपत्ति में कहा गया, "पीटीआई संस्थापक के प्रस्तावक और अनुमोदक एनए-112 से नहीं हैं।"
अलग से, खान के अपने गढ़ मियांवाली से नामांकन पत्र, जहां से वह पिछले चुनाव जीत चुके हैं, को भी इसी कारण से खारिज कर दिया गया था।
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने मुल्तान के एनए-150, पीपी-218 और थारपारकर के एनए-214 से पीटीआई के उपाध्यक्ष कुरेशी के नामांकन पत्रों को भी खारिज कर दिया।
इस बीच, पूर्व संघीय मंत्री और पीटीआई नेता हम्माद अज़हर का नामांकन पत्र पीपी-172 से खारिज कर दिया गया। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 30 दिसंबर । नासा के क्यूरियोसिटी मार्स रोवर ने सुबह से शाम तक मंगल ग्रह के एक पूरे दिन के दो ब्लैक एंड ह्वाइट वीडियो रिकॉर्ड किए हैं।
नासा ने कहा कि रोवर ने अपने हेजकैम से मंगल की सतह पर जगह बदलती अपनी ही छाया को 8 नवंबर को कैद किया जो मिशन का 4,002वाँ मंगल दिवस या सोल था।
वीडियो रिकॉर्ड करने के निर्देश मंगल ग्रह के सौर संयोजन की शुरुआत से ठीक पहले क्यूरियोसिटी तक भेजे गए आदेशों के अंतिम सेट का हिस्सा थे। सौर संयोजन वह अवधि है जब सूर्य पृथ्वी और मंगल के बीच होता है। इस बार ऐसा 11 से 25 नवंबर तक हुआ।
रोवर, जो 2012 में मंगल ग्रह पर उतरा था, ने हेज़कैम का उपयोग किया, क्योंकि इसकी अन्य गतिविधियों को जानबूझकर संयोजन से ठीक पहले कम कर दिया गया था।
नासा ने कहा कि हैजकैम ने पहली बार बादलों या धूल के शैतानों को पकड़ने की उम्मीद में 12 घंटे के स्नैपशॉट रिकॉर्ड किए, जो लाल ग्रह के मौसम के बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं।
जब संयोजन के बाद छवियां पृथ्वी पर आईं, तो वैज्ञानिकों ने समय की गति को कैद करने के लिए वीडियो की 25-फ्रेमों की जोड़ी को एक साथ रखा।
मंगल के समय के अनुसार, प्रातः 5:30 बजे से सायं 5:30 बजे तक वीडियो में दिन चढ़ने और फिर ढ़लने के साथ क्यूरियोसिटी की छाया की दिशा और जगह बदलती देखी जा सकती है।
पहला वीडियो, जिसमें सामने वाले हैज़कैम की छवियां हैं, माउंट शार्प पर पाई जाने वाली घाटी गेडिज़ वालिस के साथ दक्षिण-पूर्व में दिखती है। क्यूरियोसिटी 2014 से 5 किलोमीटर ऊंचे पर्वत के बेस पर चढ़ रहा है, जो गेल क्रेटर में स्थित है।
जैसे ही सूर्योदय के दौरान आकाश चमकता है, रोवर की 2-मीटर रोबोटिक भुजा की छाया बाईं ओर चली जाती है, और क्यूरियोसिटी के सामने के पहिये फ्रेम के दोनों ओर अंधेरे से बाहर निकलते हैं।
बाईं ओर रोबोटिक भुजा के कंधे पर लगा एक गोलाकार अंशांकन लक्ष्य भी दिखाई दे रहा है।
दिन के मध्य में, फ्रंट हैज़कैम का ऑटो एक्सपोज़र एल्गोरिदम एक सेकंड के लगभग एक तिहाई के एक्सपोज़र समय पर स्थिर हो जाता है। रात होने तक, एक्सपोज़र का समय एक मिनट से अधिक हो जाता है, जिससे विशिष्ट सेंसर शोर होता है जिसे "हॉट पिक्सल" के रूप में जाना जाता है जो अंतिम छवि में सफेद बर्फ के रूप में दिखाई देता है।
दूसरा वीडियो पिछले हैज़कैम का दृश्य दिखाता है क्योंकि यह माउंट शार्प की ढलानों से उत्तर-पश्चिम की ओर गेल क्रेटर के तल तक दिखता है।
क्यूरियोसिटी की बिजली प्रणाली की छाया के साथ, रोवर का दाहिना पिछला पहिया दिखाई दे रहा है। 17वें फ्रेम के दौरान, वीडियो के बीच में बायीं ओर दिखाई देने वाली एक छोटी काली कलाकृति, कैमरा सेंसर से टकराने वाली एक ब्रह्मांडीय किरण के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई।
इसी तरह, वीडियो के अंत में चमकती चमक और अन्य शोर अंतरिक्ष यान की बिजली प्रणाली से निकलने वाली गर्मी का परिणाम है जो हैज़कैम के छवि सेंसर को प्रभावित करती है।
इन छवियों को हैज़कैम के वाइड-एंगल लेंस को सही करने के लिए पुनः प्रक्षेपित किया गया है। छवियों की धब्बेदार उपस्थिति, विशेष रूप से रियर-कैमरा वीडियो में, लेंस पर 11 वर्षों से मंगल ग्रह की धूल जमने के कारण है। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर । हमास ने सात अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था। इस दौरान इजरायली सेना 'कम संख्या में' और 'स्थिति से बाहर' थी।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली सेना इतने खराब ढंग से संगठित थी कि सैनिक अचानक व्हाट्सएप ग्रुपों में संवाद करते थे और टारगेट जानकारी के लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर निर्भर रहते थे।
रिपोर्ट के अनुसार, ''कमांडो केवल ब्रीफ युद्ध के लिए हथियारों से लैस होकर जंग में उतरे। लक्ष्य चुनने के लिए हेलीकॉप्टर पायलटों को समाचार रिपोर्टों और टेलीग्राम चैनलों को देखने का आदेश दिया गया।''
समाचार रिपोर्ट में वर्तमान और पूर्व सैन्य कर्मियों का भी इंटरव्यू लिया गया है। जांच में यह भी पाया गया कि इजरायली सेना के पास हमास के किसी महत्वपूर्ण हमले के लिए कोई प्रतिक्रिया योजना या प्रशिक्षण नहीं था। सैनिकों ने इसे उस दिन चलते-चलते पूरा कर लिया था। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय मूल के दो लोगों को अमेरिका में वीजा धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
मैसाचुसेट्स जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि 36 वर्षीय रामभाई पटेल और 39 वर्षीय बलविंदर सिंह ने कथित तौर पर डकैती की साजिश रची ताकि आव्रजन लाभ के लिए आवेदन कर सकें।
पटेल को 13 दिसंबर, 2023 को सिएटल में गिरफ्तार किया गया और उसे हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है। सिंह को भी उसी दिन क्वींस में गिरफ्तार किया गया, और उसे शुक्रवार दोपहर बोस्टन की संघीय अदालत में पेश किया गया।
दस्तावेज़ों के अनुसार, मार्च 2023 से पटेल और उसके सह-साजिशकर्ताओं, जिनमें कभी-कभी सिंह भी शामिल थे, ने कई डकैतियों को अंजाम दिया।
ये डकैतियां अमेरिका में आठ शराब दुकानों और फास्ट फूड रेस्तरां में किए गए, जिनमें मैसाचुसेट्स में चार थे।
यह आरोप लगाया गया है कि इन डकैतियों को इसलिए अंजाम दिया गया ताकि यह दावा कर सके कि वे यू वीज़ा के लिए आवेदन कर सकें।
अमेरिका में यू वीज़ा ऐसे पीड़ितों को दिया जाता है, जिन्हें मानसिक या शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा है और जो आपराधिक गतिविधि की जांच या अभियोजन में कानून प्रवर्तन में सहायक रहे हैं।
"पीड़ितों" पर आरोप है कि दोनों ने योजना में भाग लेने के लिए पटेल को भुगतान किया था। बदले में, पटेल ने कथित तौर पर डकैती के लिए स्टोर मालिकों को भी भुगतान किया।
वीज़ा धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में पांच साल तक की जेल, तीन साल की निगरानी में रिहाई और 250,000 डॉलर के जुर्माने का प्रावधान है।
अमेरिकी क़ानूनों के आधार पर एक संघीय जिला अदालत के न्यायाधीश द्वारा सजाएं दी जाती हैं।
वकील के कार्यालय ने कहा कि चार्जिंग दस्तावेज़ों में शामिल विवरण आरोप हैं, और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जायेगा जब तक कि अदालत में दोष साबित न हो जाए।
--आईएएनएस
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल विश्व की जनसंख्या में 7.5 करोड़ की बढ़ोतरी हुई और नए साल के दिन वैश्विक आबादी आठ अरब से अधिक होने का अनुमान है.
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के मुताबिक 2023 में दुनिया भर में जनसंख्या की वृद्धि दर एक प्रतिशत से कम रही. 2024 की शुरुआत में दुनिया भर में हर सेकंड में 4.3 लोगों का जन्म और दो लोगों की मौत होने का अनुमान है.
1 जनवरी 2024 को अनुमानित विश्व जनसंख्या 8,019,876,189 होने का अनुमान है, जो कि 2023 के पहले दिन से 75,162,541 (0.95 प्रतिशत) अधिक है.
अमेरिका की जनसंख्या वृद्धि धीमी हुई
पिछले साल अमेरिका की जनसंख्या दर 0.53 फीसदी थी, जो कि दुनिया भर की वृद्धि से आधी है. 2023 में अमेरिका की आबादी 17 लाख बढ़ी और नए साल पर इसकी आबादी 33 करोड़ 58 लाख हो जाएगी. वर्तमान में सबसे धीमी गति से बढ़ने वाला दशक 1930 के दशक में महामंदी के बाद 7.3 प्रतिशत था.
द ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के जनसांख्यिकी विशेषज्ञ विलियम फ्रे ने समाचार एजेंसी ने एपी से कहा, "आबादी में वृद्धि की मौजूदा गति अगर इस दशक के अंत तक बरकरार रही, तो 2020 का दशक जनसंख्या में बढ़ोतरी के लिहाज से अमेरिकी इतिहास में सबसे धीमी गति का दशक हो सकता है और 2020 से 2030 तक 10 साल की अवधि में वृद्धि दर चार प्रतिशत से कम रह सकती है.,"
उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से महामारी के वर्षों को छोड़ने के बाद जनसंख्या में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है. लेकिन 7.3 प्रतिशत तक पहुंचना अभी भी मुश्किल होगा."
प्रवासन का अमेरिकी जनसंख्या पर असर
2024 की शुरुआत में अमेरिका में हर नौ सेकंड में एक जन्म और हर 9.5 सेकंड में एक मृत्यु होने का अनुमान है. लेकिन आप्रवासन के कारण जनसंख्या में कमी नहीं आएगी. नेट इंटरनेशनल इमिग्रेशन से हर 28.3 सेकंड में अमेरिकी जनसंख्या में एक व्यक्ति जुड़ने की उम्मीद है.
अमेरिकी जनगणना ब्यूरो का कहना है कि 26 सितंबर 2023 को विश्व की जनसंख्या आठ अरब के पार हो गई, हालांकि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या विभाग का अनुमान था कि यह 15 नवंबर 2022 को ही हो चुका.
1960 के दशक से विश्व जनसंख्या वृद्धि धीमी हो रही है. वैश्विक जनसंख्या को सात अरब से आठ अरब होने में साढ़े 12 साल लग गए. लेकिन जनगणना ब्यूरो का कहना है कि आठ अरब से नौ अरब होने में 14.1 साल लगेंगे और नौ अरब से 10 अरब होने में 16.4 साल लगेंगे, जो 2055 के आसपास हो सकता है.
आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ते हुए इसी साल भारत दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बना था. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक भारत की आबादी 142.86 करोड़ को पार कर गई है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि अगले तीन दशकों में भारत की आबादी बढ़ती रहेगी और उसके बाद इसमें गिरावट आनी शुरू होगी.
भारत में साल 2011 के बाद से जनगणना नहीं हुई है और इसलिए उसकी साल 2023 में सटीक आबादी कितनी है यह जानकारी नहीं है.
एए/वीके (एपी)
इस्लामाबाद, 29 दिसंबर । पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि उसे प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद के प्रत्यर्पण के लिए भारत से अनुरोध मिला है, लेकिन वह इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है क्योंकि दोनों देशों के बीच इस संबंध में कोई समझौता नहीं है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने एक बयान में कहा, "पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है, जिसमें तथाकथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की गई है।"
हालाँकि, भारत के अनुरोध पर अमल करने की कोई योजना नहीं हो सकती है, क्योंकि "पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है"।
भारत सईद पर सीमा पार हमलों में शामिल होने का आरोप लगाता है, हालांकि, प्रतिबंधित संगठन के प्रमुख ने सभी दावों का खंडन किया है।
एक पाकिस्तानी अदालत ने 26/11 के मुंबई हमले के लिए अमेरिका और भारत द्वारा दोषी ठहराए गए सशस्त्र समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सईद को आतंकवाद के वित्तपोषण के दो मामलों में 31 साल जेल की सजा सुनाई थी। (आईएएनएस)।
कीव, 30 दिसंबर । रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से यूक्रेन पर सबसे बड़े हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है, जबकि 160 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी आंतरिक मंत्री इहोर क्लाइमेंको ने दी।
क्लेमेंको ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में कहा, शुक्रवार सुबह हमले में क्षतिग्रस्त हुई इमारतों के मलबे से कम से कम 53 लोगों को बचाया गया है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेनी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने कहा कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ रिकॉर्ड 158 ड्रोन और मिसाइलें दागीं, इनमें से 115 को रोक दिया गया।
इसमें कहा गया है कि हवाई हमले के दौरान यूक्रेन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, औद्योगिक और सैन्य केंद्रों पर हमला किया गया।
मेयर विटाली क्लिट्स्को ने कहा कि कीव में नौ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 28 घायल हुए हैं।
सबसे अधिक मौतें तब हुईं, जब शेवचेनकिव्स्की जिले के एक गोदाम में एक रोकी गई मिसाइल के टुकड़ों की चपेट में आने के बाद आग लग गई।
मध्य यूक्रेन के निप्रो शहर, ओडेसा और ज़ापोरिज़िया के दक्षिणी शहरों और खार्किव के पूर्वी शहर में भी हताहतों की सूचना मिली। (आईएएनएस)।
न्यूयॉर्क, 30 दिसंबर । मैसाचुसेट्स राज्य में एक तकनीकी कंपनी के प्रमुख भारतीय मूल के जोड़े और उनकी किशोर बेटी को मृत पाया गया है। स्थानीय पुलिस ने कहा घरेलू कलह का मामला प्रतीत होता है।
अभियोजक, माइकल मॉरिससी ने बताया कि मृतकों की पहचान 57 वर्षीय राकेश कमल, उनकी पत्नी, 54 वर्षीय टीना और उनकी 18 वर्षीय बेटी एरियाना के रूप में की। यह घटना गुरुवार शाम को हुई थी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घर में किसी भी प्रकार की तोड़-फोड़ का कोई संकेत नहीं थ है, मुझे विश्वास है कि संभवतः घरेलू मुद्दे को लेकर घटना घटी।
उन्होंने कहा कि राकेश कमल के पास से बंदूक मिली है।
टीना कमल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था। अमेरिकन रेड क्रॉस के अनुसार वह एडुनोवा की सीईओ थीं। वह इसके मैसाचुसेट्स चैप्टर के निदेशक मंडल में भी थीं।
बेटर बिज़नेस ब्यूरो, "रिक" कमल को कंपनी का अध्यक्ष बताया।
बोस्टन में डब्ल्यूबीजेड टीवी ने कहा कि जांचकर्ताओं के अनुसार एक रिश्तेदार परिवार की जांच करने के लिए घर में गया, उसने किसी को मृत देखा और पुलिस को फोन किया।
बोस्टन 25 न्यूज टीवी की रिपोर्ट के अनुसार परिवार को वित्तीय समस्याओं का सामना करने के संकेत मिले हैं।टीना कमल ने पिछले साल संघीय अदालत में दिवालियापन के लिए याचिका दायर की थी।
इसमें कहा गया कि बाद में उन्होंने घर को 3 मिलियन डॉलर में बेच दिया, जबकि इसकी कीमत 6.8 मिलियन डॉलर थी।
डब्ल्यूसीवीबी टीवी के अनुसार, बोस्टन से लगभग 30 किमी दूर डोवर में इस आलीशान घर में 27 कमरे हैं।
टीवी न्यूज़कास्ट में, घर रोशनी और क्रिसमस की सजावट से सजाया हुआ दिखाई दिया।
इससे पहले, मॉरिससी के प्रवक्ता डेविड ट्रब ने एक बयान जारी कर कहा था कि "इस समय उपलब्ध सबूत किसी बाहरी की संलिप्तता का संकेत नहीं देते हैं,यह घरेलू हिंसा की घटना प्रतीत होती है।"
मॉरिससी ने कहा कि एरियाना कमल पड़ोसी वर्मोंट राज्य के मिडिलबरी कॉलेज की छात्रा थी।
बोस्टन 25 टीवी ने बताया कि मिडिलबरी कॉलेज ने कहा कि वह अपने प्रथम वर्ष में नामांकित "एक प्रतिभाशाली छात्रा और एक अद्भुत गायिका" थी।
बोस्टन में एनबीसी10 टीवी के अनुसार, मिल्टन एकेडमी ने कहा कि उसने इस साल हाई स्कूल से स्नातक किया था और उसकी मां माता-पिता संघ की अध्यक्ष थीं।
मौतों को एक विनाशकारी क्षति बताते हुए स्कूल ने कहा, "आरिया एक प्यारी, स्मार्ट, दयालु युवा महिला थी, जिसने अभी अपनी पूरी क्षमता का एहसास करना शुरू किया था।"
अमेरिकन रेड क्रॉस के मैसाचुसेट्स चैप्टर ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि उसने एजिस सॉफ्टवेयर कॉर्प, ईएमसी कॉर्पोरेशन और फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स में काम किया था और उसके पास तीन पेटेंट थे।
डब्ल्यूसीवीबी द्वारा उद्धृत एक बयान में, अमेरिकन रेड क्रॉस ने कहा कि वह "डोवर में हुई त्रासदी से बहुत दुखी है"।
--आईएएनएस