राष्ट्रीय
त्रिपुरा में पत्रकारों और मीडिया पर हो रहे हमलों पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि त्रिपुरा पुलिस और राज्य सरकार ने बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा और इस मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने वालों के साथ कानून विरोधी रवैया अपनाया था.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
अपनी रिपोर्ट में एडिटर्स गिल्ड ने दावा किया है कि एक चुनी हुई राज्य सरकार सांप्रदायिक हिंसा और हिंदूवाद को बढ़ावा दे रही है. सरकार और प्रशासन का रवैया मीडिया और पत्रकारों के प्रति ठीक नहीं है. 28 नवंबर से एक दिसंबर तक अपने दौरे के दौरान गिल्ड की टीम ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री, मंत्रियों, डीजीपी, अन्य अधिकारियों और पत्रकारों के अलावा सिविल सोसायटी के लोगों से भी मुलाकात की थी. इस टीम में स्वतंत्र पत्रकार भारत भूषण, गिल्ड के महासचिव संजय कपूर और 'इंफाल रिव्यू ऑफ आर्ट्स एंड पॉलिटिक्स' के संपादक प्रदीप फंजौबाम शामिल थे.
क्या हुआ था त्रिपुरा में
दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेश में कई पूजा पंडालों पर हमले, तोड़-फोड़ और आगजनी की गई थी. इन घटनाओं में कुछ लोगों की मौत भी हो गई थी. उस घटना के विरोध में त्रिपुरा में विश्व हिंदू परिषद की ओर से एक रैली का आयोजन किया गया था. इसी दौरान राज्य में हिंसा की घटनाएं होना शुरू हुईं, मस्जिदों पर हमलों की खबरें लगातार छपती रहीं. इसके बावजूद त्रिपुरा सरकार कहती रही कि सब कुछ ठीक चल रहा है और माहौल शांतिपूर्ण है. लेकिन सोशल मीडिया पर इन घटनाओं की कथित तस्वीरें वायरल हो गईं. दंगों और आगजनी की घटनाओं को कवर करने वाले पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की गई. पत्रकारों के अलावा, वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया.
पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ झूठी तस्वीरें और वीडियो अपलोड करने के मामले गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था. इनमें से कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. इनमें एक निजी चैनल की दो महिला पत्रकार भी शामिल थीं. पत्रकारों के उत्पीड़न के उन मामलों ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट में ऐसे दो मामलों में पत्रकारों को राहत देते हुए त्रिपुरा सरकार को झटका दिया था. फिलहाल वे मामले अदालत में लंबित हैं.
एडिटर्स गिल्ड का दौरा
राज्य में कथित सांप्रदायिक हिंसा कवर करने वाले पत्रकारों को सरकार व पुलिस की ओर से परेशान किए जाने की खबरें सामने आने के बाद एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने तीन सदस्यों की एक टीम त्रिपुरा भेजने का फैसला किया था. इस टीम ने 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक त्रिपुरा का दौरा किया और मीडिया की स्वतंत्रता की स्थिति का आकलन करने के लिए पत्रकारों, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पुलिस महानिदेशक समेत राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की.
गिल्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि स्थानीय पुलिस और राजनीतिक नेतृत्व की ओर से यूएपीए जैसे कठोर कानूनों का इस्तेमाल नागरिक समाज और मीडिया को कुचलने के लिए किया जा रहा है. त्रिपुरा पुलिस और प्रशासन ने सांप्रदायिक संघर्ष से निपटने और इस मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने वालों के साथ नियम और कानून के मुताबिक व्यवहार नहीं किया है. पुलिस प्रशासन का ये व्यवहार एकतरफा लगता है. स्थानीय पुलिस ने 'त्रिपुरा जल रहा है' जैसा ट्वीट करने वालों के खिलाफ यूएपीए का इस्तेमाल किया.
एडिटर्स गिल्ड ने अपनी रिपोर्ट में दो महिला पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा का नाम लिखा है. उनको जगह-जगह रोका गया, होटल में उनके कमरे की तलाशी ली गई और फिर उनको गिरफ्तार कर लिया गया.
त्रिपुरा मानवाधिकार संगठन ने गिल्ड की जांच टीम को बताया कि राज्य का मीडिया पर जबरदस्त दबाव था और ज्यादातर स्थानीय मीडिया ने सरकार के सामने घुटने टेक दिए थे. स्थानीय मीडिया का गला घोंटने के लिए सरकारी विज्ञापनों को हथियार बनाया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय मीडिया और बीजेपी सरकार के बीच मजबूत संबंध हैं. स्थानीय मीडिया उन खबरों को ही प्रसारित/प्रकाशित करता है जो सरकार के पक्ष में हैं. यही वजह कि स्थानीय पत्रकारों ने अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ दंगों और हिंसा के बारे में नहीं लिखा. मुख्यधारा की मीडिया में लिखने वाले पत्रकारों ने ही इस बारे में लिखा.
सुप्रीम कोर्ट में मामला
सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने के पहले सप्ताह त्रिपुरा सरकार और पुलिस को झटका देते हुए एक निजी चैनल के दो महिला पत्रकारों के खिलाफ तमाम आपराधिक कार्रवाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. सांप्रदायिक हिंसा कवर करने त्रिपुरा पहुंची एचडब्ल्यू न्यूज नेटवर्क की दो महिला पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को पुलिस ने आपराधिक साजिश रचने और दो समुदायों में दुश्मनी बढ़ाने समेत कई आरोपों में गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि बाद में उनकी जमानत हो गई थी. लेकिन इस मामले ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उसके बाद इस चैनल और दोनों पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ त्रिपुरा पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है. शीर्ष अदालत ने इस मामले में त्रिपुरा पुलिस से चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले बीते महीने ही त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर यूएपीए के तहत दर्ज प्राथमिकी के मामले में वकीलों व पत्रकारों को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक वकीलों व पत्रकारों पर कठोर कार्रवाई नहीं करने के आदेश दिए थे. अदालत ने उस याचिका पर त्रिपुरा सरकार से जवाब भी मांगा था. उक्त याचिका में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून को भी चुनौती दी गई थी. (dw.com)
पटना, 28 दिसम्बर | पटना पुलिस ने शराबबंदी से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि ये सभी गिरफ्तारियां सोमवार रात अलग-अलग होटलों से की गई।
गिरफ्तार किए गए लोगों में एक दंपत्ति भी शामिल है, जिन्हें पुलिस की एक टीम ने 'शुभ यात्रा' नाम के एक होटल में छापेमारी के दौरान पकड़ा।
शास्त्री नगर थाने के एसएचओ रमा शंकर ने कहा, टूर और ट्रैवल का व्यवसाय करने वाले पूर्णेंदु कुमार नाम का कथित शख्स अपनी गर्ल फ्रेंड जूली कुमारी के साथ एक कमरे में पार्टी कर रहा था। हमने होटल पर छापा मारा। तलाशी के दौरान हमें शीतल पेय की एक बोतल में शराब मिली। हमने उसकी जांच की जिसमें वह पॉजिटिव निकला। हालांकि जूली ने शराब का सेवन नहीं किया था। हमने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
अधिकारी ने कहा "प्रावधान के अनुसार, सभी होटल संचालक को मेहमानों से सहमति लेने के लिए कहा गया है कि वे संपत्ति में शराब का सेवन नहीं करेंगे। इस मामले में, इस प्रावधान का भी उल्लंघन किया गया। इसलिए, हम होटल संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहे हैं।"
एक अन्य घटना में राजीव नगर मोहल्ले से तीन शराब तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
आरोपी संजय कुमार, सूर्य प्रकाश और सोनू कुमार एक कार में यात्रा कर रहे थे और उन्होंने सीटों के नीचे 72 लीटर भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) रखी थी। संजय कुमार पटना में पशुपालन विभाग के कर्मचारी हैं।
इसके अलावा राज्य की राजधानी के एसके पुरी इलाके में 5 और कदम कुआं और मीठापुर से एक-एक व्यक्ति को शराब के नशे में गिरफ्तार किया गया है।
(आईएएनएस)
हुबली (कर्नाटक), 28 दिसम्बर | कर्नाटक में हुबली को छोटा मुंबई माना जाता है जो भाजपा का गढ़ भी है। करीब 11 साल बाद यह शहर भाजपा की दो दिवसीय कार्यकारी समिति की बैठक की मेजबानी करने के लिए तैयार है। बैठक में अगले चुनाव के लिए रणनीति, नेतृत्व परिवर्तन, कैबिनेट फेरबदल और जनता के बीच भ्रम को दूर करने के लिए प्रमुख निर्णय लेने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने जा रही है। कार्यकारी समिति पार्टी संगठन, बेलगावी एमएलसी चुनावों में हार, हंगल उपचुनाव, गोहत्या विधेयक के निहितार्थ, धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर भी चर्चा करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. सहित प्रदेश पार्टी के सभी बड़े नेता येदियुरप्पा, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि, अरुण सिंह और वरिष्ठ नेता डी. अरुणा, प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, पार्टी के सभी विधायक और पदाधिकारी अरुण सिंह और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ बैठक में शामिल हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, राज्य भाजपा प्रभारी अरुण सिंह द्वारा राज्य में नेतृत्व परिवर्तन से इनकार करने के बाद मुख्यमंत्री को बहुत राहत मिली है। यह भी घोषणा की गई है कि सत्तारूढ़ दल बोम्मई के नेतृत्व में चुनाव में उतरेगा। इसी तरह, राज्य भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने भी स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की कोई बात नहीं है और दोहराया है कि अगला विधानसभा चुनाव सीएम बोम्मई के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
बैठक में शामिल होने वाले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अंतिम समय में दौरा रद्द कर दिया। कोविड कारणों से, प्रतिभागियों की संख्या 600 से घटाकर 300 कर दी गई है। पार्टी के समर्थन से उत्साहित सीएम बोम्मई ने कहा था कि सरकार और पार्टी के बीच पूर्ण सामंजस्य है और मीडिया पर आधारहीन समाचार चलाने का आरोप लगाया।
कार्यकारी समिति सीएम बोम्मई सरकार के प्रदर्शन, आगामी बीबीएमपी और जेडपी-टीपी चुनावों के लिए रणनीतियों और आगामी 2023 आम विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति का आकलन करेगी। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. विजयेंद्र और आगामी विधानसभा चुनावों में येदियुरप्पा और उनकी भूमिका पर भी चर्चा करेंगे।
(आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 28 दिसम्बर | पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) की शिकायत के बाद, केरल के पलक्कड़ जिले में पुलिस ने मलमपुझा गांव में एक अवैध बैलगाड़ी दौड़ आयोजित करने के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया है। एनिमल प्रोटेक्शन ग्रुप को इस घटना के बारे में द हिंदू अखबार की एक तस्वीर से पता चला जिसमें दो बैलों को जबरन दौड़ने के लिए मजबूर किया गया और उनकी नाक की रस्सियों को हिंसक रूप से खींचा गया।
पलक्कड़ के जिला पुलिस प्रमुख को औपचारिक शिकायत सौंपने के बाद, पेटा ने इस मामले पर पलक्कड़ के पुलिस उपाधीक्षक, हरिदासन के साथ मिलकर काम किया।
इस मामले में छह व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 3 और 11 (1) (ए) के प्रावधान शामिल हैं, जो एक जानवर को मारना, पीटना और जानवर को अनावश्यक दर्द और पीड़ा देना दंडनीय अपराध बनाता है।
सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।
पेटा के एक अधिकारी ने कहा, "काम के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बैल पहले से ही दौड़ के लिए मजबूर होने की अतिरिक्त पीड़ा के बिना कठिन जीवन जीते हैं। हम पलक्कड़ पुलिस की सराहना करते हैं कि जानवरों के साथ क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
दौड़ के दौरान, बैल डर के मारे और दर्द से बचने के प्रयास में भाग जाते हैं। वे आमतौर पर अपनी नाक की रस्सियों से शुरूआती लाइन तक जाते हैं, कील-जड़ी हुई छड़ियों जैसे हथियारों से ेउन्हें मारा जाता है और उनकी टेलबोन्स अक्सर जोड़ से तोड़ दी जाती हैं ताकि उन्हें तेजी से दौड़ने के लिए मजबूर किया जा सके।
5 सितंबर, 2014 को, केरल के उच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया जिसमें कहा गया था कि यह 2014 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की टिप्पणियों और विचारों से बाध्य है, जिसमें 11 जुलाई, 2011 की केंद्र सरकार की अधिसूचना द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बैल शारीरिक रूप से रेसिंग के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
(आईएएनएस)
मुंबई, 28 दिसम्बर | मुंबई फायर ब्रिगेड ने एक इमारत की छत पर फंसे 40 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, जिसमें मंगलवार सुबह आग लग गई थी। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। बीएमसी आपदा नियंत्रण के अनुसार, कांदिवली पश्चिम उपनगर के जनकल्याण नगर में एक पुरानी सात मंजिला एमएचएडीए इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर बिजली के मीटर के कमरे में सुबह करीब 10.15 बजे आग लग गई।
जैसे ही आग की लपटें और धुआं ऊपर की ओर फैल गया, ऊपर के फ्लोर पर रहने वाले लोग घबरा गए और छत पर चढ़ गए। उसके बाद दमकल की गाड़ियों को बुलाया गया।
एमएफबी के अग्निशामकों ने सीढ़ी लगाकर छत पर फंसे कम से कम 40 लोगों को बचाया, वहीं अन्य लोग आग से जूझते रहे।
अधिकारियों ने कहा कि अन्य पांच लोगों को दम घुटने से चोटें आईं और उन्हें पास के अस्पतालों में ले जाया गया, जबकि आग के कारणों की जांच की जा रही है।
(आईएएनएस)
कानपुर (यूपी), 28 दिसम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के पूर्ण खंड का उद्घाटन किया। वह आईआईटी कानपुर मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो ट्रेन में सवार हुए और इस सेवा के पहले यात्री बने। उनके साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में दो गलियारे शामिल हैं और इसकी कुल लंबाई 32.5 किमी है।
पहला कॉरिडोर आईआईटी-कानपुर से नौबस्ता तक 23.8 किमी लंबा है जबकि चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा-8 तक दूसरा कॉरिडोर 8.6 किमी लंबा है।
बुधवार से रोजाना मेट्रो की सेवाएं सुबह छह बजे से रात दस बजे तक उपलब्ध रहेंगी।
प्रारंभ में, क्यूआर कोड के साथ टिकट उपलब्ध होगा और बाद में यात्रियों के लिए स्मार्ट कार्ड भी पेश किए जाएंगे।
कानपुर मेट्रो प्रायोरिटी सेक्शन पर आईआईटी-कानपुर से मोतीझील तक तीन डिब्बों के साथ चलेगी।
ग्रीन बिल्डिंग कोड और मापदंडों के कड़े अनुपालन के कारण, इसे पर्यावरण प्रबंधन के लिए आईएसओ-14001 प्रमाणन और सुरक्षा प्रबंधन के लिए आईएसओ-45001 प्रमाणन के साथ प्रमाणित किया गया है।
पूरे खंड को ग्रीन बिल्डिंग कोड के अनुसार विकसित किया गया है, जो इसे पर्यावरण के लिए सुरक्षित बनाता है।
प्रायोरिटी कॉरिडोर के सभी नौ स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) द्वारा प्लेटिनम रेटिंग से प्रमाणित किया गया है।
15 नवंबर, 2019 को योगी आदित्यनाथ ने कानपुर मेट्रो के सिविल निर्माण कार्य का उद्घाटन किया था।
इस साल 10 नवंबर को मेट्रो का ट्रायल रन किया गया था।
(आईएएनएस)
रांची, 28 दिसम्बर | झारखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। पिछले 10 दिनों में संक्रमितों की तादाद में तीन गुनी बढ़ोतरी हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 138 कोरोनासंक्रमितों की पहचान हुई है। राज्य में जिनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था नहीं होने की वजह से अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि इनमें से कोई ओमिक्रोन संक्रमण का मामला है या नहीं। राज्य के तीन दर्जन से ज्यादा संक्रमितों के सैंपल जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजे गए हैं, लेकिन एक माह बाद भी इसका रिजल्ट सामने नहीं आया है।
सोमवार तक झारखंड में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 500 के करीब पहुंच गई है। रांची और कोडरमा जिले अब रेड जोन की ओर बढ़ने लगे है। कोडरमा में 180 एक्टिव केस हो गए हैं, जबकि रांची में 174 एक्टिव मामले कोरोना हैं।
कुछ दिन पहले तक राज्य के अधिकतर जिले कोरोना से फ्री हो गए थे, जहां एक भी मरीज नहीं था। आज स्थिति यह है कि राज्य के 24 में से 16 जिलों में फिर से कोरोना के मरीज हैं। रांची और कोडरमा के बाद सबसे ज्यादा मरीज इस्ट सिंहभूम में 38 मरीज हैं। इसके बाद 36 मरीज धनबाद में हैं।
इस बीच सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भेजी गई एक टीम ने झारखंड में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए स्वास्थ्य संरचनाओं के बारे में जानकारी ली। टीम ने राज्य में जिनोम सीक्वेंसिंग की व्यवस्था जल्द से जल्द कराए जाने की जरूरत पर जोर दिया।
इस बीच राज्य सरकार ने सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान करवाने और और उनका आरटीपीसीआर टेस्ट कराने का निर्देश दिया है। राज्य के अस्पतालों को भी व्यवस्था दुरुस्त रखने को कहा गया है।
(आईएएनएस)
मिशनरीज ऑफ चैरिटी के चंदे के लाइसेंस को दोबारा अनुमति ना दिए जाने को ईसाइयों पर बढ़ते हमलों से जोड़ कर देखा जा रहा है. इससे पहले भी कई बार हिंदूवादी संगठन मदर टेरेसा और उनकी बनाई इस संस्था से नाराजगी दिखा चुके हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी (एमओसी) को एफसीआरए लाइसेंस के नवीकरण की अनुमति नहीं दी गई है. लाइसेंस का नवीकरण 31 दिसंबर को होना था लेकिन मंत्रालय ने कहा कि संस्था के आवेदन पर विचार करते समय कुछ "प्रतिकूल जानकारी" मिली जिसकी वजह से अनुमति नहीं दी गई.
एमओसी ने नवीकरण की अनुमति न मिलने की पुष्टि की है लेकिन इस विषय में और कोई टिप्पणी नहीं की है. यह संस्था मूल रूप से अंतरराष्ट्रीय कैथोलिक चर्च के तहत चलने वाला एक धार्मिक और सेवा संस्थान है. इसकी स्थापना मदर टेरेसा ने 1950 में कोलकाता में की थी.
पुराने आरोप
धीरे धीरे यह दुनिया भर में फैल गई और आज कई देशों में इसकी शाखाएं हैं. संस्था में विशेष रूप से गरीबों, बुजुर्गों, शरणार्थियों, पूर्व यौनकर्मियों, मानसिक बीमारियों से पीड़ित मरीजों, त्याग दिए गए बच्चों, कुष्ठरोगियों, एड्स पीड़ितों आदि की सेवा की जाती है.
मदर टेरेसा को उनके सेवा कार्यों के लिए 1962 में रमोन मैगसेसे पुरस्कार और फिर 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था. 2015 में कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस ने उन्हें संत घोषित किया था.
लेकिन भारत में हिंदूवादी संगठन मदर टेरेसा और एमओसी पर लंबे समय से कभी प्रलोभन देकर और कभी जबरन धर्मांतरण करने के आरोप लगाते रहे हैं. कुछ ही दिनों पहले गुजरात के वडोदरा में जिला प्रशासन के एक अधिकारी की शिकायत पर एमओसी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया.
ईसाइयों पर हमले
संस्था के खिलाफ गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के तहत "हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने" और "युवा लड़कियों को फुसला कर ईसाई धर्म में धर्मांतरण" करवाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई.
2015 में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था की मदर टेरेसा की सेवा का असली उद्देश्य लोगों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण करवाना था. पिछले कुछ दिनों में देश के कई कोनों से लगातार हिंदूवादी संगठन और असामाजिक तत्वों द्वारा ईसाई चर्चों, पादरियों और यहां तक की चर्च द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों पर हमलों की खबरें आ रही हैं.
क्रिसमस के ही मौके पर हरियाणा में एक चर्च में ईसा मसीह की एक मूर्ती तोड़ी गई, एक स्कूल में क्रिसमस उत्सव को बीच में रोका गया और असम के सिल्चर में लोगों को क्रिसमस मनाने से रोका गया. उत्तर प्रदेश के आगरा में तो कुछ हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने सैंटा क्लॉज का पुतला जला दिया. (dw.com)
खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात ने गैर-मुस्लिम जोड़ों के लिए नई पहल शुरू की है. यूएई में पहली बार एक गैर मुस्लिम जोड़े के लिए कानूनी विवाह लाइसेंस जारी किया गया है.
संयुक्त अरब अमीरात ने पहली बार एक गैर-मुस्लिम जोड़े के लिए कानूनी विवाह लाइसेंस जारी किया है. सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी. यूएई ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब वह अपने क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों पर अपनी बढ़त बनाए रखना चाहता है. संयुक्त अरब अमीरात में जहां विदेशी लगभग एक करोड़ की आबादी का 90 प्रतिशत हैं, यह देश बड़े पैमाने पर रूढ़िवादी क्षेत्र में खुद को उदार रूप में पेश करने के लिए अपने कानूनों में संशोधन कर रहा है.
आधिकारिक डब्ल्यूएएम समाचार एजेंसी ने बताया कि एक कनाडाई जोड़े ने अमीरात की राजधानी अबु धाबी में नए कानून के तहत गैर-मुसलमानों की तरह शादी की. डब्ल्यूएएम ने कहा यह कदम "दुनिया भर से कौशल और विशेषज्ञता के लिए दुनिया के अग्रणी गंतव्य के रूप में अबु धाबी की स्थिति को मजबूत करने में योगदान देता है."
इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म के जन्मस्थली पश्चिम एशिया में कानूनी विवाह असामान्य है और यह आमतौर पर तीन एकेश्वरवादी मान्यताओं में से एक के धार्मिक अधिकार के तहत आयोजित किया जाता है. ट्यूनीशिया और अल्जीरिया में कानूनी विवाह की अनुमति है. जबकि इस क्षेत्र के कुछ देश कुछ शर्तों के आधार पर कानूनी विवाह की अनुमति देते हैं, कुछ केवल विदेशों में आयोजित कानूनी विवाहों को मान्यता देते हैं और अन्य बिल्कुल नहीं.
पिछले साल के अंत में यूएई ने अपने प्रगतिशील ब्रांड को चमकाने और सामाजिक उदारीकरण अभियान में कानूनों की एक श्रृंखला को नया रूप दिया था. इनमें एक साथ रहने वाले अविवाहित जोड़ों पर से प्रतिबंध हटाना, शराब पर प्रतिबंधों में ढील देना और लंबे समय तक रहने की पेशकश करना शामिल था.
कुछ दिनों पहले यूएई ने पांच दिवसीय कार्य सप्ताह को घटाकर केवल साढ़े चार दिन का कर दिया. नई घोषणा के मुताबिक शुक्रवार को आधा दिन काम होगा, जबकि पश्चिमी देशों की तरह शनिवार और रविवार को आधिकारिक तौर पर सप्ताहांत होगा. यूएई में नए कार्यालय समय अगले साल 1 जनवरी से लागू होंगे. इस तरह से संयुक्त अरब अमीरात अरब दुनिया का एकमात्र खाड़ी राज्य बन जाएगा जहां शुक्रवार को पूर्ण अवकाश नहीं होगा. खाड़ी के देशों में निवेश बढ़ाने को लेकर कानूनों में तेजी से बदलाव हो रहे हैं और इन देशों के बीच लोगों को आकर्षित करने की होड़ मची हुई है.
एए/सीके (एएफपी, रॉयटर्स)
एप्पल कंपनी के लिए आईफोन बनाने वाली फॉक्सकॉन कंपनी की चेन्नई स्थित एक फैक्ट्री पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ी है. इस तालाबंदी को तीन दिन के लिए और बढ़ा दिया गया है.
तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित फॉक्सकॉन की फैक्ट्री में सात दिन से ताला पड़ा है और कम से कम तीन दिन और दरवाजे बंद रहेंगे. लगभग 17 हजार लोगों को काम देने वाली इस फैक्ट्री में सोमवार को कुछ काम शुरू हुआ था लेकिन अब अधिकारी कह रहे हैं कि गुरुवार से एक हजार कर्मचारियों के साथ उत्पादन फिर से शुरू किया जा सकता है.
यह फैक्ट्री तब से बंद पड़ी है जब पिछले हफ्ते कर्मचारियों ने खराब खाना मिलने के चलते विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. यह विरोध तब शुरू हुआ जब फैक्ट्री के एक हॉस्टल में 250 से ज्यादा महिला कर्मचारी बीमार हो गईं. उन सभी को फूड पॉइजनिंग हो गई.
खराब हालात में काम
प्रदर्शनकारियों ने खराब खाने को इसकी वजह बताया और काम बंद कर परिस्थितियां बेहतर करने की मांग शुरू कर दी. शुरुआत में कई कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और बाद में रिहा कर दिया. लेकिन तब से हॉस्टल में रहने वालीं और अन्य कर्मचारियों के लिए काम करने के बेहतर हालात बनाने के लिए मांग लगातार जारी है.
फॉक्सकॉन एक ताईवानी कंपनी है जो एप्पल और अन्य कई टेक कंपनियों के लिए ठेके पर आईफोन व कई अन्य गैजेट बनाती है. इसके बहुत से कर्मचारी फैक्ट्री के साथ बने परिसरों में ही रहते हैं जहां उन्हें खाना व अन्य सुविधाएं दी जाती हैं.
चेन्नई की घटना के बाद तमिलनाडु सरकार के अधिकारियों ने कंपनी और उसके 11 ठेकेदारों के साथ बैठक की. सरकार ने फॉक्सकॉन से हालात की समीक्षा करने और कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं देने का निर्देश दिया है.
इन सुविधाओं में आवासीय परिसरों में पावर बैकअप, खाना और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं. डायरेक्टोरेट ऑफ इंडस्ट्रियल सेफ्टी ऐंड हेल्थ ने कर्मचारियों के लिए हॉस्टल में टीवी, पुस्तकालय और खेलों जैसी सुविधाएं मुहैया कराने की भी सिफारिश की है.
अहम है फैक्ट्री
एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फॉक्सकॉन ने उत्पादन तो पहले शुरू कर दिया जबकि सुविधाएं धीरे-धीरे उपलब्ध कराई जानी थीं. फॉक्सकॉन और एप्पल दोनों ने ही इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है.
सोमवार को करीब एक हफ्ते बाद फैक्ट्री के गेट तो खुले लेकिन वहां हलचल बहुत कम नजर आई. कुछ वाहन इधर-उधर आते-जाते दिखाई जरूर दिए लेकिन ज्यादातर लोग गैरहाजिर थे.
इस फैक्ट्री में आईफोन 12 बनाया जा रहा है और आईफोन 13 का ट्रायल प्रॉडक्शन शुरू हो गया है. विश्लेषकों का कहना है कि इस तालाबंदी का उत्पादन पर कोई ज्यादा असर नहीं होगा लेकिन यह फैक्ट्री रणनीतिक रूप से एप्पल के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कंपनी चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहती है. ऐसा चीन और अमेरिका के बीच लगातार जारी तनाव के कारण है.
एप्पल पर मार
एप्पल और अन्य टेक कंपनियां पहले ही कोविड महामारी में सप्लाई की समस्या से जूझ रही हैं जिस कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है. अक्टूबर में कंपनी ने चेताया था कि सप्लाई की समस्या का असर अगली तिमाही में और खराब हो जाएगा.
फॉक्सकॉन की फैक्ट्री में जो हुआ वह भारत में एप्पल के सप्लायर के साथ एक साल के भीतर दूसरी बार हुआ है. पिछले साल दिसंबर में विस्ट्रॉन कॉर्प नामक सप्लायर की फैक्ट्री में कर्मचारियों ने तोड़-फोड़ की थी. आरोप है कि भुगतान ना होने को लेकर विरोध कर रहे इन कर्मचारियों ने छह करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचाया था.
एप्पल ने भारत में फोन और अन्य गैजेट बनाने का काम 2017 में शुरू किया था. फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और एक अन्य सप्लायर पेगाट्रॉन ने भारत में उत्पादन के लिए पांच साल में कुल मिलाकर 90 करोड़ डॉलर के निवेश की योजना बनाई है.
वीके/एए (रॉयटर्स)
कोच्चि, 27 दिसम्बर | पुलिस की एक टीम पर हमला करने के बाद कुल 162 प्रवासी कामगारों को गिरफ्तार किया गया है, जो यहां क्रिसमस समारोह के दौरान उनके बीच हुई झड़प को रोकने के लिए गए थे। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
पुलिस द्वारा सोमवार को दायर रिमांड रिपोर्ट में गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। एनार्कुलम के किझाक्कम्बलम में इंस्पेक्टर वी.पी. साजन पर जानलेवा हमला और 12 लाख रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट किया गया है।
यह घटना शनिवार रात क्रिसमस कैरल म्यूजिक टीम को लेकर हुए विवाद के बाद हुई। किजक्कम्बलम में एक प्रमुख निजी उद्योग के लिए काम कर रहे शराब के प्रभाव में लगभग 500 'गेस्ट वर्कर्स' एक-दूसरे के खिलाफ भिड़ गए।
पुलिस मौके पर पहुंची और पथराव कर रहे कार्यकर्ताओं की भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया, जिन्होंने पुलिस पर पथराव और रॉड से हमला किया। इस दौरान पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कार्यकर्ताओं ने पुलिस की दो जीपों में भी आग लगा दी। पुलिस की एक मजबूत टुकड़ी मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया।
पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार लोगों को एनार्कुलम और त्रिशूर की विभिन्न जेलों में रखा जाएगा।
इस बीच, सोशल मीडिया पर कई लोग मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की 'गेस्ट वर्कर्स' शब्दावली गढ़ने की आलोचना कर रहे हैं।
किझाक्कम्बलम में स्थानीय लोग सोमवार को जगह-जगह जमा हुए और कहा कि ये प्रवासी मजदूर 'एक खतरा बन गए हैं'।
स्थानीय लोगों के एक समूह ने कहा, "ज्यादातर समय वे आपस में लड़ते हैं और रविवार या छुट्टियों के दिन वे पीने के बाद समस्या पैदा करते हैं। हालात ठीक नहीं हैं।"
पिछले साल मार्च में कोविड महामारी फैलने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा 'गेस्ट वर्कर्स' (प्रवासी मजदूर) शब्द गढ़ा गया था।
महामारी फैलने तक राज्य में लगभग 1.6 मिलियन प्रवासी श्रमिक थे। महामारी के दौरान, विजयन सरकार ने उनके लिए विशेष शिविर खोले और उनमें से लगभग 4 लाख को लगभग 17,000 शिविरों में रखा गया। (आईएएनएस)
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 27 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के रण में बाजी मारने के लिए भाजपा ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। वह एक बार फिर से 403 विधानसभाओं में संपर्क कर अपने कार्यकतार्ओं और मतदताओं में जोश भरने के लिए जनविश्वास यात्रा निकाल रही है। रणनीतिकार मानते हैं कि इस यात्रा से मिले बूस्टर से मिशन 2022 फतह करने में आसानी होगी। भारतीय जनता पार्टी ने 19 दिसम्बर से प्रदेश के छह जिलों से जनविश्वास यात्राएं शुरू की थीं। यात्राओं की नाव पर सवार पार्टी के नेता आधे से ज्यादा यूपी मथ चुके हैं। रणनीतिकार मानते हैं कि वह इनके माध्यम से एकबार फिर जनविश्वास को फिर से साध सकेगी।
यात्राओं में जुट रही भीड़ से जहां भाजपा गदगद हैं, वहीं इनके माध्यम से वह जनपेक्षा को तो समझ ही रही है कार्यकतार्ओं को भी नए माहौल के मुताबिक लड़ाई के लिए तैयार भी कर रही है। एक ओर मोदी माहौल तो बना ही रहे हैं, दूसरी ओर भाजपा के दूसरे राष्ट्रीय और स्थानीय चेहरे भी जनता से जुड़े मुद्दों को उछलकर उसकी नब्ज भी टटोल रहे हैं, जिनको समझकर पार्टी अभी से दूसरे चरण के कैम्पेन की रणनीति बना रही है।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित बताते हैं कि सभी छह यात्राएं अबतक 8,391 किमी चल चुकी हैं, इनकी जद में प्रदेश की 247 विधानसभा सीटें आ चुकी हैं। इनमें भाजपा के 67 सांगठनिक जिले आते हैं। यात्राओं के माध्यम से भाजपा अबतक 2173 स्वागत सभाएं, 593 छोटी सभाएं, 38 बड़ी सभाएं कर चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो हर यात्रा में एक से दो सभाएं कर चुके हैं। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय, पंकज चौधरी, संजीव बालियान, जनरल वीके सिंह, बीएल वर्मा, एसपी सिंह बघेल, साध्वी जिरंजन ज्योति, भानु वर्मा के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीकान्त शर्मा, ब्रजेश पाठक, सूर्य प्रताप शाही, महेंद्र सिंह, भूपेंद्र चैधरी, लक्ष्मी नारायण चैधरी, सतीश महाना, सिध्दार्थ नाथ सिंह, समेत पूरी कैबिनेट यात्रा में सभा करके उसके साथ चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री जहां पिछली सरकार के गुंडाराज, भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रहे हैं तो केंद्रीय नेता मोदी और योगी राज में किये गए विकास के कार्यों को गिना रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य मथुरा का नाम लेकर हिंदुत्व के मुद्दे को भी हवा दे रहे हैं। अतीक, मुख्तार, आजम खान को जेल भेजने का क्रेडिट भी बीजेपी लेकर ध्रुवीकरण का भी काम कर रही है। अखिलेश के जिन्ना का नाम लेते ही भाजपा ने उसे लपककर मुद्दा बना लिया। वहीं सभी नेता गरीब, पिछड़ों, दलितों, वंचितों और महिलाओं के लिए किए गए काम गिना रहे हैं। जो मुद्दे सूट कर रहे हैं, उन्हें भाजपा आगे बढ़ा रही है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के मद्देनजर ब्राह्मण मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा विशेष रणनीति बनाने जा रही है। सोमवार को इसी रणनीति पर चर्चा करने के लिए प्रदेश की राजनीति से जुड़े दिग्गज ब्राह्मण नेताओं ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ लगभग एक घंटे तक चली बैठक में प्रदेश की सभी 403 विधान सभाओं में ब्राह्मण मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीति पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि ब्राह्मण समुदाय को पार्टी से जोड़ने और बनाए रखने के लिए पार्टी ने इस समुदाय के हित में उठाए गए कदमों की जानकारी को प्रदेश भर में पहुंचाने के लिए विशेष रणनीति बनाई है। इस पर विस्तृत योजना बनाने, नेताओं को क्षेत्र विशेष की जिम्मेदारी देने और कार्यक्रमों की रूपरेखा को लेकर बैठक में विस्तार से चर्चा हुई।
जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला, महेश शर्मा , उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा और अन्य ब्राह्मण नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को ब्राह्मणों से जुड़े मुद्दे की जानकारी दी और एक मांग पत्र भी सौंपा।
आईएएनएस से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और गौतम बुद्ध नगर से भाजपा लोक सभा सांसद महेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश में दोबारा से भाजपा सरकार बनने जा रही है और उसे अधिक मजबूती देने पर बैठक में चर्चा हुई। उन्होंने सभी 403 विधानसभा सीट को लेकर रणनीति बनाने की बात करते हुए कहा कि इसे लेकर वृहद योजना बन रही है , जिसे धरातल पर लाया जाएगा।
हालांकि ब्राह्मणों की नाराजगी को सिरे से खारिज करते हुए महेश शर्मा ने यह भी दावा किया कि ब्राह्मण योगी या मोदी से नाराज नहीं है, उन्हें पता है कि विकास का रास्ता कहां से निकलता है।
उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की नाराजगी की खबरों के बीच भाजपा ने इस समुदाय को लुभाने की रणनीति बनाने के लिए 4 नेताओं के एक टास्क फोर्स का गठन किया है । इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा ब्राह्मण नेताओं की एक बड़ी कमेटी भी बनाई गई है। पार्टी आने वाले दिनों में अन्य नेताओं को भी इस अभियान से जोड़कर प्रदेश में ब्राह्मणों को लुभाने के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करने जा रही है। (आईएएनएस)
नोएडा, 27 दिसम्बर | नोएडा पुलिस की आईटी सेल ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने लोगों के फोन हैक कर और उनके बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर कर ठगी की थी। अतिरिक्त डीसीपी नोएडा रणविजय सिंह ने बताया कि 10 अगस्त को सेक्टर 20 थाने में एक सेवानिवृत्त कर्नल ने शिकायत दर्ज की थी कि एक जालसाज ने उनसे 6 लाख रुपये ठगे हैं।
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे अपने मोबाइल फोन पर एक वेबलिंक मिला, जिस पर उसने अनजाने में क्लिक किया और बाद में उनका फोन धोखेबाजों द्वारा हैक कर लिया गया। पुलिस ने कहा, "कुछ समय बाद उनके खाते से छह लाख रुपये निकल गए।"
शिकायत के आधार पर, भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और नोएडा पुलिस के आईटी सेल द्वारा एक जांच शुरू की गई। एडीसीपी ने कहा, "हमने डिजिटल साक्ष्य विकसित करना शुरू किया जिसके बाद यह पाया गया कि अपराध राजस्थान के बीकानेर से किया गया था। राशि को उसी जिले के एक व्यक्ति को हस्तांतरित कर दिया गया था।"
सभी प्रासंगिक विवरण प्राप्त करने के बाद, पुलिस हरकत में आई और निर्दिष्ट खाते को फ्रीज कर दिया।
शनिवार को, राजस्थान के बीकानेर निवासी चेतन प्रकाश उपाध्याय के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपी को पुलिस ने सेक्टर 18, नोएडा के पास से गिरफ्तार किया था। हालांकि, उपाध्याय का एक करीबी सहयोगी अभी भी फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से पांच क्रेडिट कार्ड, पांच एटीएम कार्ड और एक मोबाइल फोन बरामद किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ठगी का पैसा भी सुरक्षित है और अगले सप्ताह तक सेवानिवृत्त कर्नल के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 दिसम्बर | जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राज्यसभा सांसद व उद्योगपति महेंद्र प्रसाद का 81 साल की उम्र में निधन हो गया। महेंद्र प्रताप राजनेता होने के साथ-साथ वह उद्योगपति भी थे और अरिस्टो फार्मास्युटिकल्स कंपनी के मालिक थे। जेडीयू के अनुसार महेंद्र प्रसाद लंबे व़क्त से बीमार चल रहे थे। जिसके बाद रविवार की रात दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।
'किंग महेंद्र' के नाम से जाने जानेवाले महेंद्र प्रसाद एक बार लोकसभा और सात बार राज्यसभा से बिहार के सांसद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम नेताओं ने उनके निधन पर संवेदना प्रकट की है।उनके निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन उद्योग के अलावा समाज और राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। वह सरल स्वभाव के काफी मिलनसार व्यक्ति थे।
महेंद्र प्रसाद पहली बार 1980 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था। वह लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे लेकिन बाद में वे जेडीयू में शामिल हो गए थे। (आईएएनएस)
लखनऊ, 27 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश के लोग अब सड़कों पर 'बोट-रेस' देखेंगे। बिहार में मंत्री और विकासशील पार्टी ऑफ इंडिया (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश साहनी ने कहा कि उन्होंने 165 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है, जिस पर एक नाव लगी है। उन्होंने कहा, "नाव मेरी पार्टी का चुनाव चिन्ह है और ये वाहन 165 विधानसभा सीटों को पार करेंगे, जहां निषाद की अच्छी खासी आबादी है।"
अभियान के लिए ई-रिक्शा को 'नाव' में बदला गया है और इसका उद्देश्य निषाद मतदाताओं के बीच जागरूकता पैदा करना है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, "नाव मेरे समुदाय की आजीविका का प्रतीक है और परिवहन का यह साधन पर्यावरण के अनुकूल भी है। यह नाव ही था, जिसपर निषाद राज ने भगवान राम को नदी के उस पार पहुंचाया। इसलिए नाव का हमारे लिए बहुत महत्व है।"
साहनी ने कहा कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में नाव उनके विचारों को 165 निर्वाचन क्षेत्रों में ले जाएगी।
लखनऊ में मौजूद साहनी ने कहा कि वह सीटों की पहचान करने और संभावित उम्मीदवारों के बारे में फैसला करने के लिए पूर्वाचल, अवध और बुंदेलखंड क्षेत्र और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपने पार्टी कार्यकतार्ओं के साथ बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा,"मैं विधानसभा क्षेत्रों का प्रभार देने वालों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में लौटने से पहले प्रचार किट और मोटरबाइक वितरित करूंगा।"
एक सवाल के जवाब में मुकेश साहनी ने कहा कि वह निषाद समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं और उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उनके समुदाय को आरक्षण नहीं दिया जाता।
अपने नाम के आगे 'सन ऑफ मल्लाह' शब्द का प्रयोग करने वाले साहनी ने कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश के चुनावों में अच्छा समर्थन मिलने का भरोसा है क्योंकि अन्य दलों ने अब तक निषादों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया था और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया है।
वीआईपी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 दिसम्बर | छत्तीसगढ़ पुलिस ने महात्मा गांधी पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने और नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के आरोप में हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। रायपुर के पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे की शिकायत पर पुलिस ने टिकरापारा थाने में आईपीसी की धारा 505(2), 294 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। रविवार को रायपुर में 'धर्म संसद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
राज्य सरकार की यह कार्रवाई हरिद्वार के उस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें नफरत भरे भाषण दिए गए थे। रायपुर में कार्यक्रम रावनभाटा में आयोजित किया गया था जिसमें संत कालीचरण महाराज पर महात्मा गांधी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने और गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को सही ठहराने का आरोप है।
राहुल गांधी ने भी हैशटैग गांधीफॉरएवर ट्वीट किया और गांधी को उद्धृत किया कि "आप मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते।"
17 से 20 दिसंबर तक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हरिद्वार में इसी तरह की घटना होने की सूचना मिली थी। सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिपिंग प्रसारित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि "हिंदुओं को म्यांमार की तरह हथियार उठाना चाहिए, हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए, और 'सफाई अभियान' चलाना चाहिए।"
तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन एक विवादास्पद धार्मिक नेता यती नरसिम्हनंद द्वारा किया गया था, जिन पर अतीत में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है।
उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 दिसम्बर | पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस (पीसीएल) के साथ गठबंधन में भाजपा पंजाब की शहरी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
भगवा पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की पंजाब लोक कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में विधानसभा क्षेत्रों से अपना उम्मीदवार उतारेगी।
हालांकि, दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की घोषणा की, लेकिन उन्होंने अभी तक सीट बंटवारे के फॉर्मूले की घोषणा नहीं की है। सूत्रों ने दावा किया कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री के सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मिलने और फॉर्मूले को अंतिम रूप देने की संभावना है।
पंजाब में एक राजनीतिक ताकत बनने के प्रयास में, भगवा पार्टी इन शहरी विधानसभा क्षेत्रों को जीतने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रही है।
सूत्रों ने दावा किया कि भाजपा को सीट बंटवारे में एक बड़ा हिस्सा मिलेगा और उम्मीद है कि वह आधे से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा के एक नेता ने कहा, "हमारे पास बहुमत का हिस्सा होगा और अधिकांश विधानसभा सीटें शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्र हैं। तीन दर्जन से अधिक शहरी सीटें हैं और हमें सभी सीटें मिलने की संभावना है।"
इस महीने की शुरुआत में, भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा था कि हमारा गठबंधन पक्का हो गया है। केवल सीटों के बंटवारे की बातचीत चल रही है। (आईएएनएस)
भोपाल, 27 दिसम्बर | मध्य प्रदेश की राजनीति के लिहाज से रविवार का दिन खास रहा क्योंकि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करके कांग्रेस के उन हमलों को कमजोर करने वाला ऐसा कदम बढ़ाया, जिसने सियासी माहौल में गर्माहट ला दी है।
सिंधिया रविवार को ग्वालियर में बनने वाली एलिवेटेड सड़क के स्थल का मुआयना करने निकले थे । इस सड़क का एक हिस्सा महारानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल के करीब से शुरू होने वाला है। सिंधिया जब समाधि के करीब पहुंचे तो फिर समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित करने से अपने को नहीं रोक पाए। सिंधिया ने समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और महारानी लक्ष्मीबाई का नमन किया । आजादी की पहली लड़ाई में बलिदान देने वाली महारानी लक्ष्मीबाई और सिंधिया राजघराने को लेकर तरह-तरह की चचार्एं रहीं हैं। कई राजनेता महारानी लक्ष्मीबाई के जरिए सिंधिया राजघराने पर हमला भी करते रहे हैं। दशकों बाद लोगों को यह पहली बार देखने और सुनने को मिला कि सिंधिया राजघराने का प्रतिनिधि महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि स्थल पर न केवल पहुंचा, बल्कि उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
सिंधिया से नाता रखने वाले लोगों का कहना है कि सिंधिया हमेशा बड़ी लकीर खींचने पर भरोसा करते हैं और वे आरोप-प्रत्यारोप बाली राजनीति करने पर भरोसा नहीं करते हैं । जब वे रानी की समाधि स्थल पर पहुंचे तो उन्होंने उनका नमन का नमन किया और वहां पहुंचकर अपनी पुष्पांजलि अर्पित की।
वहीं कांग्रेस की ओर से सिंधिया पर लगातार हमले बोले जा रहे हैं और उनके समाधि स्थल पर जाने पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के मुख्य समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि श्रीमंत पहुंचे रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर, अब लगता है कि जय भान सिंह पवैया और महारानी लक्ष्मीबाई के अनुयाई समाधि को गंगाजल से धो सकते हैं।
सलूजा ने आगे कहा कि श्री मंत से भाजपा पद और कुर्सी के लिए क्या-क्या नहीं करवा रही है।
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि सिंधिया ने महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर पहुंच गए और पुष्पांजलि अर्पित करके उन लोगों के मुंह बंद करने का काम तो कर ही दिया है जो सिंधिया राजघराने पर महारानी को लेकर हमले बोलते रहे हैं, आने वाले दिनों में सिंधिया की यह सदाशयता राजनीति में न केवल नजीर बनेगी बल्कि चर्चा में भी रहेगी। (आईएएनएस)
गया, 27 दिसम्बर | बिहार के गया रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन की एक बोगी में सोमवार सुबह अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि, रेलवे ने इस घटना को लेकर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
पुलिस के मुताबिक, रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 10 पर खड़ी ट्रेन की एक बोगी में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इससे एक बोगी पूरी तरह जल गई।
आग लगने की सूचना मिलने के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने में जुटी। हालांकि तब तक पूरी स्लीपर बोगी जलकर राख हो चुकी थी। घटना की सूचना पाकर मौके पर आरपीएफ, जीआरपी एवं रेलवे के कई अधिकारी भी पहुंचे।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है।
बताया जाता है कि सुबह कई लोग इधर निकले थे तो बोगी में आग दिखी, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यहां 6 बोगी कि यह ट्रेन खड़ी थी, जिसमें आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया था। इसकी एक बोगी में आग लग गई।
अग्निशमन विभाग के फायर सेफ्टी ऑफिसर अरविंद कुमार प्रसाद ने बताया कि तीन गाड़ियों में आग पर किसी तरह काबू पाया गया है। उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि संभवत: आग किसी के द्वारा लगाई गई हो सकती है। उन्होंने कहा कि अगर इसमें कोई मरीज रहता या पास में कोई ट्रेन खड़ी होती तो एक बड़ी घटना हो सकती थी।
मौके पर पहुंचे राहत दल द्वारा अन्य बोगियों को काटकर अलग किया गया। उन्होंने कहा किअब तक आग लगाने के कारणों का पता नहीं चल सका है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 दिसम्बर | दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में सोमवार सुबह एक जूता फैक्टरी में भीषण आग लगने की खबर है। इस आग की वजह से इलाके में अफरा तफरी का माहौल है। हालांकि अभी तक इस आगे लगने के कारण किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है।
दमकल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 9 बजे एक जूता फैक्ट्री में आगे लगने की सूचना मिली, जिसके बाद दमकल की 20 गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया है।
जिस वक्त यह आग लगी उस वक्त फैक्ट्री में कोई कर्मी मौजूद नहीं था। दमकल कर्मियों ने लगभग आग पर पूरी तरह काबू पा लिया है, फिलहाल भारी पुलिस बल भी मौके पर मौजूद है।
इसके अलावा फैक्ट्री में आग लगने के कारणों का पुलिस पता लगाने में जुटी हुई है, मामले में आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है।
इससे पहले दिल्ली के केशव पुरम औद्योगिक क्षेत्र में सोमवार तड़के उत्तर पश्चिमी दिल्ली के केशव पुरम औद्योगिक क्षेत्र के लॉरेंस रोड स्थित एक कारखाने में तड़के करीब 4.41 बजे आग लगने की घटना की सूचना मिली थी, जिसके बाद 11 दमकल गाड़ियों को तुरंत सेवा में लगाया गया और आग पर काबू पाया गया था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर | इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गिनी की एक महिला को 72.45 करोड़ रुपये के 10.35 किलोग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी।
सीमा शुल्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महिला दुबई के रास्ते अदीस अबाबा से आईजीआई पहुंची।
सीमा शुल्क के एक अधिकारी ने कहा, "वह एक बैग में हेरोइन लेकर आर रही थी। उसके सामान की तलाशी में चमड़े के दो फाइल फोल्डर बरामद हुए, जो खाली होने के बावजूद भारी लग रहे थे। जब इसे काटा गया, तो हमें चार पैकेट मिले।"
अधिकारी ने बताया कि बाद में दो और पैकेट बरामद किए गए।
पूछताछ के दौरान उसने कस्टम अधिकारियों को बताया कि वह जो बैग ले जा रही थी वह अदीस अबाबा की एक महिला ने उसे दिया था।
उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 26 दिसम्बर | केरल के एर्नाकुलम जिले के किजहक्कम्बलम में दो समूहों में आपस में झड़प हो गई। लोगों ने पुलिस वाहनों में आग लगा दी, जिसमें एक सर्कल इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। यह घटना शनिवार रात क्रिसमस कैरल म्यूजिक टीम को लेकर हुए विवाद के बाद हुई। किजक्कम्बलम में एक प्रमुख निजी उद्योग के लिए काम कर रहे शराब के नशे में लगभग 500 श्रमिकों के बीच झड़प हो गई।
पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की, जिन्होंने पुलिस पर पथराव और डंडों से हमला किया। हमले में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
श्रमिकों ने पुलिस की दो जीपों को भी जला दिया। पुलिस की एक टुकड़ी मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया।
एर्नाकुलम के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्तिक ने मीडियाकर्मियों को बताया कि 150 श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया है और वे पुलिस हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एक उद्योग के श्रमिकों के दो समूहों के आपस में लड़ने के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गया और जनता से सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि पुलिस पर भी हमला किया गया। (आईएएनएस)
छतरपुर , 26 दिसंबर | मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में इन दिनों तेंदुए का आतंक है, क्योंकि इस वन्यजीव को शहर की गलियों में देखे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वहीं इस तेंदुए को पकड़ने के लिए वन-विभाग के दल डेरा डाले हुए है। बीते चार दिन पहले यहां के बाबूराम चतुर्वेदी स्टेडियम के सामने एक घर मे लगे सीसीटीवी कैमरे में एक तेंदुआ नजर आया। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक घर में तेंदुए के घुसने के वीडियो भी वायरल हुए, तो वहीं एक कुत्ते का शिकार करते हुए भी तेंदुए का वीडियो वायरल हुआ, उसके बाद तो शहर के कई हिस्सों के सीसीटीवी कैमरों में यह तेंदुआ नजर आया।
शहर की गलियों और आवासीय बस्तियों में तेंदुए के हेाने की खबर ने लोगों मे दहशत बढ़ा दी है। आलम यह है कि शाम के समय यहां के बाजार और सड़कों पर पहले के मुकाबले चहल-पहल कम हो जाती है। वहीं वन विभाग के दल तेंदुए की खोज में लगे है, साथ ही पन्ना के टाइगर रिजर्व से तेंदुए केा पकड़ने के लिए दल को बुलाया गया है।
वन मंडलाधिकारी अनुराग कुमार के अनुसार, बीते रोज यह तेंदुआ पैराडाइज कॉलोनी क्षेत्र में देखा गया है, जो सीसीटीवी कैमरे में भी नजर आया है। इस तेंदुए को पकड़ने के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व के अलावा रीवा से भी टीम बुलाई गई है। (आईएएनएस)
गणेश भट्ट
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | आईआईटी गांधीनगर ने एक ऐसे मोलेक्युल की खोज की है, जिसमें 50 दिनों में ट्यूमर (प्रोस्टेट कैंसर) पूरी तरह से कम करने की बड़ी क्षमता है।
आईआईटी गांधीनगर के डायरेक्टर सुधीर कुमार जैन जो अब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के नए वाइस चांसलर नियुक्त किए गए हैं, उन्होंने बीएचयू और आईआईटी जीएन से जुड़े विषयों पर आईएएनएस विशेष बात की। पेश हैं इस बातचीत के मुख्य अंश।
प्रशन- आईआईटी जीएन की रिसर्च कैसे आम आदमी के जीवन को आसान और अधिक सुविधाजनक बनाते हैं।
उत्तर- हमारी एक टीम ने जे 54 नामक एक नए मोलेक्युल की खोज की है, जिसने 50 दिनों में ट्यूमर (प्रोस्टेट कैंसर) को पूरी तरह से कम करने की बड़ी क्षमता दिखाई है। वहीं एक पीएचडी छात्र और उनके सुपरवाइजिंग संकाय ने एक गैर-विद्युत किफायती जल शोधन प्रणाली विकसित की। यह 99 फीसदी से अधिक बैक्टीरिया को बिना बिजली के ही पानी से हटा सकती है। यह अविकसित और दूरदराज के क्षेत्रों में, जहां पीने योग्य पानी दुर्लभ होता है, वहां बहुत उपयोगी हो सकता है। शोधकतार्ओं की एक टीम ने अधिक व्यायाम करने के कारण होने वाली घातक दुर्घटनाओं (हार्टअटैक) के जोखिम को रोकने के लिए एक वर्चुअल रियलिटी आधारित ट्रेडमिल व्यायाम प्लेटफॉर्म का आविष्कार किया है।
प्रशन-आपको बीएचयू का नया कुलपति नियुक्त किया गया है आप अपनी इस नई भूमिका के बारे में क्या सोचते हैं।
उत्तर- मुझे बीएचयू के साथ जुड़कर बहुत गर्व हो रहा है, जो उत्कृष्ट विरासत, प्रतिष्ठा और स्तर का संस्थान है। मैं बीएचयू को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने और इसे दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की लीग में आगे बढ़ाने के लिए छात्रों और सहकर्मियों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं। मैं बीएचयू की उन्नति और कायाकल्प के लिए इसके पूर्व छात्रों और शुभचिंतकों के बड़े नेटवर्क के साथ जुड़ने और भागीदारी करने की भी उम्मीद करता हूं।
प्रशन- आईआईटी की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाएँ क्या हैं?
उत्तर- हम राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत संस्थान में 650 टीएफ सुपर कंप्यूटिंग सिस्टम की स्थापना के लिए सी-डैक के साथ काम कर रहे हैं। हमने परिसर के अनुभव को और बढ़ाने और अकादमिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी आर्ट ऑन कैंपस परियोजना भी शुरू की है।
प्रशन- आईआईटी जीएन ने कोरोना से लड़ने के लिए कोई शोध या नवाचार किया है।
उत्तर- आईआईटी की एक टीम ने एक एंटी-वायरल सतह कोटिंग सामग्री विकसित की जो नॉन-पेथोजेनिक वायरस पर अत्यधिक प्रभावी है। टीम कोरोना वायरस के खिलाफ इस कोटिंग के परीक्षण की प्रक्रिया कर रही है। यह कोटिंग एक बार किसी सतह पर कर देने से कई दिनों तक उस सतह पर वायरस का असर नहीं होता है।
आईआईटी की एक अन्य टीम ने कोविड-19 डैशबोर्ड विकसित किया है जो सामुदायिक संक्रमणों को रोकने में मदद कर सकता है। चेस्ट एक्स-रे से कोविड-19 का पता लगाने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित डीप लनिर्ंग उपकरण विकसित किया, जिसका उपयोग मेडिकल परीक्षण से पहले त्वरित प्रारंभिक निदान के लिए किया जा सकता है।
प्रशन- आईआईटी गांधीनगर की बड़ी उपलब्धियां क्या हैं।
उत्तर- हमारे 85 प्रतिशत संकाय ने अपनी डिग्री या स्नातकोत्तर अनुभव विदेशी संस्थानों से प्राप्त किया है हमारे 40 फीसदी से अधिक स्नातक छात्र विदेश में पढ़ने या तालीम लेने जैसे अन्य अवसर प्राप्त करते हैं। हमारा अभिनव पाठ्यक्रम लनिर्ंग-बाय-डूईंग पर जोर देता है, छात्रों को काफी लचीलापन प्रदान करता है और छात्रों को शाखा परिवर्तन विकल्प देने में उदार है।
इन वर्षों में, हमने एक मजबूत इंटर्डिसिप्लिनरी इकोसिस्टम विकसित किया है, जिसके परिणामस्वरूप हमारे 10 फीसदी संकाय की नियुक्तियां बहु-विषयक हैं,हमारी आईआईटी में लगभग 14 प्रतिशत पीएचडी सलाहकार विषय के बाहर से होते हैं, हमारे 13 प्रतिशत शोध प्रकाशनों के लेखक इंटर्डिसिप्लिनरी हैं, और लगभग 21 प्रतिशत परियोजनाओं में पीआई और सह-पीआई बहु-विषयक होते हैं। टाइम्स हायर एजुकेशन वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2022 में हमें भारत में 7वां स्थान दिया गया है। हमारे 400 एकड़ के ह्लग्रीन एंड जीरो वेस्ट कैंपसह्व ने कई पुरस्कार भी जीते हैं।
प्रशन- कोरोना और लॉकडाउन ने कामकाज को कैसे प्रभावित किया, संस्थान ने इस स्थिति का प्रबंधन कैसे किया।
उत्तर- दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह, महामारी हमारे संचालन के लिए बेहद विघटनकारी थी। अब हमारे अधिकांश छात्र कैंपस में वापस आ गए हैं। हम जनवरी में पूरी तरह से व्यक्तिगत शिक्षा में स्थानांतरित हो रहे हैं।
प्रशन- 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने के लिए आईआईटी जीएन में क्या हो रहा है।
उत्तर- अनुसंधान के मोर्चे पर, मैने पहले उल्लेख किए उदाहरणों के अलावा, एक शोध दल ने हाल ही में अंतरिक्ष और रक्षा अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाने वाले ईंधन के लिए बोरॉन-आधारित नैनो-एडिटिव्स का एक नया वर्ग विकसित किया है। यह एक बेहद महत्वपूर्ण सफलता है क्योंकि यह एक ऊर्जा-कुशल ईंधन है, जो अतिरिक्त पेलोड, उपग्रहों को कक्षा में ले जाने में मदद कर सकता है क्योंकि यह काफी हल्का है।
हमारे कई छात्रों ने उद्यमिता का विकल्प चुना है और अपने करियर की शुरूआत में ही ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक, 3 डी कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक, फिनटेक, फाइबर-ऑप्टिक सेंसर तकनीक आदि जैसे क्षेत्रों में स्टार्ट-अप की स्थापना की है। हमने एक इन्क्यूबेशन सेंटर, आईआईटी गांधीनगर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप सेंटर स्थापित किया है, जो नवाचार, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण की गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
नीव नामक एक कार्यक्रम में हमने आसपास के गांवों की 2500 से अधिक महिलाओं और युवाओं को व्यावसायिक कौशल विकास प्रशिक्षण और उद्यमिता परामर्श प्रदान किया है।
प्रशन- क्या आपने कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय सहयोग किया है, यदि हां तो किस लिए।
उत्तर- हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोग छात्र और संकाय आदान-प्रदान के लिए एवं अनुसंधान सहयोग के रूप में दुनिया भर के 40 से अधिक विश्वविद्यालयों, उद्योगों और अनुसंधान एवं विकास संगठनों में फैले हुए हैं, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूके, जर्मनी, फ्रांस, इजराइल, जापान, इटली, दक्षिण कोरिया और अन्य शामिल हैं। हमारे 10 से 15 प्रतिशत फैकल्टी विजिटिंग फैकल्टी हैं और मुख्यत विदेश से है। जैसा कि मैंने पहले कहा, हमारे स्नातक छात्रों में से 45 फीसदी और हमारे पीएचडी के 75 फीसदी विदेशी अवसर प्राप्त करते हैं। यह केवल इसलिए संभव है क्योंकि हमारे पास एक बहुत ही जीवंत अंतर्राष्ट्रीय एक्स्चेंज और सहयोग कार्यक्रम है। (आईएएनएस)