ताजा खबर
नई दिल्ली, 21 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस अंतरिम आदेश के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें सेंट स्टीफंस कॉलेज को ईसाई छात्रों के लिए सीयूईटी स्कोर के आधार पर 85 प्रतिशत वेटेज और शेष 15 प्रतिशत साक्षात्कार के आधार पर देने की व्यवस्था लागू करने की अनुमति दी गई थी।
न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हुए कहा, "अगर हम इस स्तर पर हस्तक्षेप करते हैं, तो यह और अधिक भ्रम पैदा करेगा।"
पीठ ने आदेश दिया, "यह ध्यान में रखते हुए कि यहां दिया गया आदेश उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित रिट याचिका में पारित एक अंतरिम आदेश है, इस स्तर पर, हमें हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है।"
सेंट स्टीफंस कॉलेज ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने खुद छात्रों को अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिले की पेशकश के लिए ईमेल भेजा था।
इस पर बेंच ने कहा, 'यह छात्रों के साथ अन्याय होगा... क्योंकि यूनिवर्सिटी खुद छात्रों को भेज रही है कि हमने तुम्हें अब प्रवेश दे दिया है।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के अनुसार किए गए दाखिले रिट याचिकाओं के अंतिम परिणाम के अधीन होंगे।
शीर्ष अदालत ने कहा, “हालांकि, इस बात पर विचार करते हुए कि मामले में निश्चितता होनी चाहिए, हम उच्च न्यायालय से रिट याचिका का यथासंभव शीघ्र निपटारा करने का अनुरोध करते हैं।”
उच्च न्यायालय ने 27 जुलाई को पारित एक अंतरिम निर्देश में कहा था कि गैर-अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को केवल उनके कॉमन अंडरग्रेजुएट एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) स्कोर के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा, जो एकमात्र पात्रता मानदंड के रूप में काम करेगा।
उच्च न्यायालय ने कहा, "ईसाई अल्पसंख्यक उम्मीदवारों के लिए स्टीफंस कॉलेज सीयूईटी में प्राप्त अंकों को 85 प्रतिशत वेटेज के साथ अपनाएगा और शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के लिए कॉलेज के साक्षात्कार को 15 प्रतिशत वेटेज के साथ अपनाएगा।''
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सेंट स्टीफंस कॉलेज की ओर से दायर याचिका पर फैसला होने तक उपरोक्त व्यवस्था अस्थायी रूप से लागू रहेगी।
सेंट स्टीफंस कॉलेज ने शैक्षणिक वर्ष 2023 के लिए सीयूईटी के परिणामों के आधार पर अल्पसंख्यक कोटा के तहत स्नातक और स्नातक छात्रों के प्रवेश के संबंध में दिल्ली विश्वविद्यालय की अधिसूचना का विरोध किया था। (आईएएनएस)
मुजफ्फरपुर, 21 अगस्त । बिहार के मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ बाबा के दरबार में आस्था और भक्ति की अनोखी तस्वीर देखने को मिली, जहां पहलेजा घाट से एक पैर से चलकर राजनंदिनी बाबा के दरबार पहुंची और जलाभिषेक किया।
भाई-बहन के पर्व रक्षाबंधन के पूर्व दिव्यांग बहन ने बाबा गरीब नाथ का जलाभिषेक कर अपने भाई की सलामती की कामना की।
बिहार के हाजीपुर की एक पैर से दिव्यांग राजनंदिनी भाई की सलामती के लिए मांगी दुआओं को लेकर 75 किलोमीटर दूर से पहलेजा घाट से गंगा नदी से जल उठाकर एक पैर से ही गरीब नाथ मंदिर पहुंची और बाबा का जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया।
वैशाली जिले के हाजीपुर की रहने वाली राजनंदिनी अपने पिता के साथ देर रात को बाबा गरीबनाथ धाम पहुंची। जहां बाबा गरीब नाथ का जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया।
उन्होंने बताया कि अपने भाई के लिए मन्नत मांगी थी कि भाई ठीक हो जाएगा तो यहां पर बाबा को आकर जलाभिषेक करूंगी।
उन्होंने आगे कहा कि आज बहुत खुश हूं। आज मैं दरबार पहुंच गई। राजनंदिनी के इस अदभुत हौसले को देखकर पूरे कांवरिया पथ और बाबा मंदिर के पास लोग दंग रह गए।
राजनंदिनी ने कहा कि उसका सपना आईपीएस बनकर देश की सेवा करना है। एक पांव होने के बाद भी उसके हौसले में कोई कमी नहीं है। राजनंदिनी के हौसलों को देख हर कोई आश्चर्य कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि राजनंदिनी के भाई के हृदय का ऑपरेशन हुआ था। उन्होंने भाई के सुरक्षित ऑपरेशन को लेकर बाबा गरीब नाथ से मन्नत मांगी थी कि भाई ठीक हो जाएगा तो जलाभिषेक करूंगी। अब जब भाई स्वस्थ हो गया, वह बाबा गरीब नाथ धाम जलाभिषेक करने पहुंच गई।
राजनंदिनी के पिता सुभाष कुमार ने बताया कि मैं खुद अपनी बेटी से प्रेरणा लेता हूं और उसके जज्बे को देखकर आश्चर्यचकित हो जाता हूं। मेरे अंदर भी इतनी ऊर्जा, उत्साह और समर्पण का भाव नहीं है, जितनी मेरी बेटी के पास है। एक पैर होने के वजह से परिवार में लोगों ने आने से मना जरूर किया था। लेकिन, उसकी जिद के सामने हम सभी हार गए। उन्होंने कहा कि सब महादेव की कृपा है। (आईएएनएस)
चेन्नई, 21 अगस्त । स्टालिन सरकार जल्लीकट्टू बैलों को विशिष्ट आईडी देने पर काम कर रही है।
हर साल तमिलनाडु के 20 जिलों में आयोजित होने वाली जल्लीकट्टू और बैल रेसिंग में लगभग 16 हजार से 19 हजार बैल भाग लेते हैं। अब तमिलनाडु सरकार सांडों की नाक के निशान का उपयोग करके सांडों को विशिष्ट आईडी प्रदान करने और सांडों का एक व्यापक डेटा बैंक बनाने की तैयारी कर रही है।
राज्य सरकार पारंपरिक खेल को सुव्यवस्थित करने और पूरे जल्लीकट्टू और बुल रेसिंग टूर्नामेंट को एक ही मंच पर लाने की कोशिश कर रही है, ताकि खेल के लिए एक संगठित व्यवस्था हो।
तमिलनाडु ई-गवर्नेंस एजेंसी तमिलनाडु पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान विभाग के साथ मिलकर एक नया पोर्टल बनाएगी जिसमें राज्य भर में जल्लीकट्टू बैल के बारे में सारी जानकारी होगी।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार के पास राज्य में जल्लीकट्टू बैलों की संख्या का विशिष्ट विवरण नहीं है और पशु चिकित्सा और पशुपालन विभाग बैलों की भलाई और उनकी व्यस्तता पर नज़र रखने के लिए एक समर्पित मंच स्थापित करेगा।
तमिलनाडु सरकार 14 से 17 जनवरी तक अलंगनल्लूर, पलामेडु और अवनियापुरम में जल्लीकट्टू कार्यक्रम आयोजित करती है। हालांकि, कई खेल प्रेमी और बैल खेल प्रेमी जनवरी से 31 मई तक राज्य भर के छोटे गांवों और कस्बों में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं। संबंधित जिला प्रशासन से अनुमति लेने के बाद जिसमें पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं।
नया पोर्टल तमिलनाडु के कई गांवों और मुफस्सिल कस्बों में आयोजित होने वाले जल्लीकट्टू टूर्नामेंट के लिए मंजूरी देने में लगने वाले समय को कम करने में मदद करेगा।
सांडों की स्वास्थ्य स्थिति और उनकी विशेष जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। गौरतलब है कि जल्लीकट्टू टूर्नामेंट को मंजूरी देने में देरी के खिलाफ तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ था।
बुल फाइटिंग या जल्लीकट्टू को तमिलनाडु में एक पारंपरिक खेल माना जाता है जो पोंगल (15 जनवरी) से शुरू होता है और मई तक जारी रहता है। (आईएएनएस)
पाकिस्तान के हालात बड़े ही दर्दनाक हैं। हिन्दुस्तान और पाकिस्तान पौन सदी पहले एक ही साथ आजाद हुए थे, और आज वहां हालत यह है कि नए बने एक कानून के बारे में राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने एक बयान जारी करके कहा है कि उन्होंने ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट, और आर्मी एक्ट पर दस्तखत नहीं किए हैं, दूसरी तरफ देश के कानून मंत्री ने कहा है कि ये दोनों कानून सरकारी गजट में छप भी चुके हैं। राष्ट्रपति ने अल्लाह को हाजिर नाजिर मानकर कहा है कि वे इन कानूनों से सहमत नहीं थे, और उन्होंने अपने अफसरों को इन्हें सरकार को वक्त रहते लौटा देने का आदेश दिया था। राष्ट्रपति ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने अफसरों से कई बार पूछा, और उन्होंने भरोसा दिलाया कि फाईल सरकार को वापिस भेज दी है, लेकिन उन्हें धोखा दिया गया, और उनके ही अफसरों ने उनकी मर्जी के खिलाफ काम किया। दूसरी तरफ शायद राष्ट्रपति के अफसरों ने समय सीमा में इसे नहीं लौटाया, और सरकार ने इसे मंजूरी मानकर इसे कानून बना दिया और इसकी गजट छपाई भी करा दी। सरकार का कहना है कि अगर राष्ट्रपति दस दिन में उन्हें भेजे गए किसी बिल पर कोई फैसला नहीं लेते हैं, तो वह अपने आप ही कानून बन जाता है। सरकार ने राष्ट्रपति के किए गए ट्वीट पर इतना ही कहा कि यह उनकी अपनी मर्जी है।
किसी भी लोकतंत्र में यह एक भयानक नौबत है कि राष्ट्रपति के अफसर उनके हुक्म न मानें। अब कोई भी राष्ट्रपति अपने अफसरों की कही हुई बात को जांचने के लिए फाईल को बुलाकर खुद तो देख नहीं सकते कि वह सरकार को किस तारीख को मिल चुकी है। और कार्यवाहक प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच इस तरह की नौबत बताती है कि पाकिस्तान एक नाकामयाब जम्हूरियत बन गया है। लोगों को यह सोचना चाहिए कि ऐसी नौबत क्यों आई है? हिन्दुस्तान अपनी बहुत सारी खामियों के बावजूद कई मायनों में एक कामयाब लोकतंत्र है। इस देश में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिशें लगातार चल रही हैं, संवैधानिक संस्थाओं को चौपट और बेअसर किया जा रहा है, लेकिन फिर भी अभी कुछ हद तक तो लोकतंत्र बचा हुआ दिखता है। ऐसे में पाकिस्तान और हिन्दुस्तान की तुलना बार-बार इसलिए की जाती है कि एक ही जमीन के दो टुकड़े करके एक साथ ये दो देश बने थे, और पाकिस्तान जिन खामियों को आज भुगत रहा है, वे सामने हैं कि हिन्दुस्तान उनसे बहुत हद तक बचा रहा, इसीलिए लोकतंत्र रहा।
भारत और पाकिस्तान की तुलना करना दोनों देशों के लिए जरूरी है कि किससे क्या गड़बड़ी हुई है, और किसे वैसी गड़बड़ी से बचना चाहिए। पाकिस्तान ने पहले ही दिन से एक चूक की थी कि उसने अपने देश को धर्म आधारित बना लिया, और उस दिन से ही वहां पर धर्मान्ध कट्टरपंथियों का राज शुरू हो गया। धर्म कब बढक़र धर्मान्धता में तब्दील हो जाता है, और कब वह दो कदम आगे बढक़र साम्प्रदायिकता हो जाता है, इसका पता भी नहीं चलता। पाकिस्तान इस हद तक साम्प्रदायिक हो गया कि मुस्लिम मजहब के भीतर के अलग-अलग सम्प्रदायों में खून-खराबा होने लगा। राजनीतिक दल धार्मिक आधार पर बनने और चलने लगे, देश का एक धर्म कानूनी रूप से बना ही दिया गया था, इसलिए फौज से लेकर क्रिकेट टीम तक वही धर्म दिखता था। धर्म जब देश की सोच पर हावी हो जाता है, तो वहां लोकतांत्रिक सोच की गुंजाइश नहीं बचती। यह कुछ उसी किस्म का होता है कि किसी तालाब के पानी पर पूरी तरह जलकुंभी छा जाए, तो उस पानी तक सूरज की रौशनी पहुंचना बंद हो जाता है, और वहां की हर किस्म की जिंदगी पर असर पडऩे लगता है। पाकिस्तान के लोकतंत्र पर धर्म ऐसा हावी हुआ कि उससे परे कुछ देखना ईशनिंदा माना जाने लगा, और धर्म के नाम पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तक अपनी तीसरी या चौथी बीवी की धार्मिक नसीहतों से घिरे रहने लगे, और वह बीवी धर्म के नाम पर प्रधानमंत्री निवास से राज सा करने लगी थी। जब लोकतंत्र कमजोर होता है, तो फौज हावी होती है। पाकिस्तान में शुरुआती दिनों से ही फौज हावी रहने लगी, कई बार निर्वाचित सरकार को हटाकर फौजी तानाशाही ने खुद काम सम्हाला, और आज भी यह पाकिस्तान में एक खुला राज है कि फौज वहां तय करती है कि किसे प्रधानमंत्री बनाना है, और किसे उस कुर्सी से हटाना है। इस बीच कमजोर लोकतंत्र में सेना, सरकार, और अदालतें सब कुछ भ्रष्ट होने लगे, और अभी तो वहां का ऐसा दिलचस्प और सनसनीखेज नजारा है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और उनके परिवार के भ्रष्टाचार के ऑडियो तैरते रहते हैं। जब अदालतें इस दर्जे की भ्रष्ट हो जाएं, प्रधानमंत्री फौज की मर्जी से बने और हटे, तो फिर चारों तरफ भ्रष्टाचार मजबूत होने लगता है। पाकिस्तान आज जिस गरीबी और बदइंतजामी को झेल रहा है, उसके पीछे भ्रष्टाचार है, उसके पीछे धार्मिक आतंकी हिंसा है, और उसके पीछे धर्म है।
हिन्दुस्तान ने पिछले दस बरसों में धर्म का जैसा कब्जा देखा है, वह पूरी तरह अभूतपूर्व है। भारत की लोकतांत्रिक सोच, और संवैधानिक जिम्मेदारी पर, लोगों की सामाजिक समझ, और राजनीतिक चेतना पर धर्म जलकुंभी की तरह छा गया है, और सूरज की रौशनी के बिना नीचे का पानी सडऩे लगा है, जिंदगी खत्म होने लगी है। यह तो इस देश की आधी सदी से अधिक की गौरवशाली परंपरा थी जिसने फौज को पूरी तरह काबू में रखा था, और अदालतों को काबू से बाहर रखा था। इन बरसों में फौज का राजनीतिक और चुनावी इस्तेमाल जिस तरह से दिख रहा है, उसमें फौज की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं जागना बहुत नामुमकिन नहीं है, यह एक अलग बात है कि देश में पाकिस्तान की तरह की फौजी बगावत मुमकिन नहीं है, फिर भी फौज को गैरफौजी मकसदों से कैसा इस्तेमाल किया जा रहा है, यह पिछले दिनों सतपाल मलिक के कई बयानों में सामने आया है। दूसरी तरफ सरकार जिस तरह और जिस हद तक अदालतों पर काबू चाहती है, चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं पर काबू कर चुकी है, वह लोकतंत्र खत्म करने की तरफ बढ़ा हुआ कदम है। ऐसी नौबत कुल मिलाकर देश में लोकतंत्र को कमजोर कर रही है, और यहां हावी किया जा रहा धर्म साम्प्रदायिकता की हद तक तो पहुंच ही चुका है, वह किस दिन आतंकी हिंसा में तब्दील हो जाएगा, वह पता भी नहीं लगेगा। फिर यह भी होगा कि बहुसंख्यक तबके की धार्मिक हिंसा के मुकाबले अल्पसंख्यक तबकों की धार्मिक हिंसा जागेगी, और सब कुछ बेकाबू हो जाएगा। हमारी यह चेतावनी आज कई लोगों को बेबुनियाद लगेगी, लेकिन याद रखना चाहिए कि अभी कुछ बरस पहले तक उत्तराखंड और हिमाचल में हर इमारत, सडक़ और पुल की बुनियाद मजबूत लगती थी, और आज वह पूरी तरह खोखली साबित हो रही है। जिनको हमारी बात आज खोखली लग रही है, उन्हें लोकतंत्र की बुनियाद कमजोर हो जाने का पता तब चलेगा जब बिना खून बहे लोगों के लोकतांत्रिक हकों का कत्ल होने लगेगा।
पाकिस्तान को देखकर हिन्दुस्तान यह नसीहत और सबक तो ले ही सकता है कि एक लोकतंत्र को क्या-क्या नहीं करना चाहिए। और अगर यह सबक नहीं लिया जाता है, तो फिर खुली आंखों से दूध में गिरी छिपकली देखते हुए भी उसे पीने सरीखा हो जाएगा। हिन्दुस्तानी संवैधानिक समझ पर धर्म नाम की जो जलकुंभी छा गई है, वह कुछ लोगों को पसंद आ सकती है, लेकिन वह कितनी जानलेवा है यह अंदाज अभी नहीं लग रहा है, और जिस दिन लगेगा उस दिन बड़ी देर हो चुकी रहेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 अगस्त। शराब के नकली होलोग्राम केस पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में ईडी की तरफ से जवाब दाखिल किया गया। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 26 सितंबर तय की है। तब तक आरोपियों के खिलाफ नो कोर्सिव एक्शन (किसी तरह का बल प्रयोग नहीं) जारी रहेगा।
ईडी ने नकली होलोग्राम बनाकर शराब बिक्री को लेकर उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस पूरे मामले में आबकारी आयुक्त निरंजन दास, विशेष सचिव एपी त्रिपाठी के अलावा अनिल टूटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर और होलोग्राम निर्माता कंपनी के एमडी विधु गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है।
इस पूरे मामले को लेकर अनिल टूटेजा, और करिश्मा ढेबर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि शराब घोटाला केस में कार्रवाई पर रोक के आदेश के बाद ईडी ने यूपी में एक और प्रकरण दर्ज किया है। उन्होंने कोर्ट की अवमानना करार दिया।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ ने ईडी को नोटिस जारी कर पूछा था कि नकली होलोग्राम बनाकर शराब बिकवाने के मामले की जानकारी कब हुई? सोमवार को ईडी की तरफ से बताया गया कि इस मामले की जानकारी पहले से थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद नो कोर्सिव एक्शन 26 सितंबर तक जारी रखने के अंतरिम आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और ईडी की तरफ से एएसजी के.वी. राजू ने पैरवी की।
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर सोमवार को एक व्यक्ति ने जूता फेंक दिया. मौर्य के समर्थकों ने हमलावर की जमकर पिटाई कर दी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ये घटना लखनऊ की है. स्वामी प्रसाद मौर्य पार्टी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे.
इसी दौरान वकील की ड्रेस में आए एक व्यक्ति ने उनकी तरफ जूता उछाल दिया. इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक उत्तेजित हो गए और जूता फेंकने वाले व्यक्ति के साथ मारपीट शुरू कर दी.
रिपोर्ट के मुताबिक बाद में हमलावर को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. कई बार बयानों की वजह से वो विवादों में भी घिरे हैं. करीब तीन दशक से राजनीति में सक्रिय मौर्य बीएसपी और बीजेपी में भी रह चुके हैं. (bbc.com/hindi/)
एशिया कप के लिए भारतीय टीम का एलान कर दिया गया है. फिट होने के बाद जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल की वापसी हुई है.
चीफ़ सेलेक्टर अजित अगरकर ने टीम का एलान किया.
बुमराह आयरलैंड में ट्वेंटी-20 सिरीज़ खेल रही भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे हैं. वो लंबे समय के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे हैं. वहीं, आईपीएल में चोटिल हो गए केएल राहुल भी फिट हो गए हैं. श्रेयस अय्यर भी चोट की वजह से लंबे समय से टीम से बाहर थे.
भारतीय टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, तिलक वर्मा, केएल राहुल,
ईशान किशन, हार्दिक पांड्या (उप कप्तान), रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और संजू सैमसन.
चीफ़ सेलेक्टर अगरकर ने बताया कि संजू सैमसन को बैकअप प्लेयर के तौर पर चुना गया है. टीम में कुल 17 खिलाड़ियों को चुना गया है.
भारत का पहला मैच पाकिस्तान के साथ
एशिया कप 30 अगस्त से खेला जाएगा. इस साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के पहले टीम की तैयारी परखने के लिए ये अहम टूर्नामेंट माना जा रहा है.
एशिया कप में भारतीय टीम का पहला मैच दो सितंबर को पाकिस्तान के खिलाफ़ है.
एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल की टीमें भी हिस्सा लेंगी.
वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में ही होना है. भारतीय टीम ख़िताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही है. भारत ने आखिरी बार साल 2011 में वर्ल्ड कप जीता था.
अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन अभी गहरे संकट में है और 40 सालों का उसका 'सफल विकास मॉडल' बिखरता दिख रहा है.
रविवार को अपनी स्पेशल रिपोर्ट में वॉल स्ट्रीट जर्नलने लिखा है, "अर्थशास्त्री अब मानते हैं कि चीन बहुत धीमी ग्रोथ के युग में प्रवेश कर रहा है, प्रतिकूल डेमोग्राफ़िक्स, अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ बिगड़ते रिश्ते इस स्थिति को और ख़राब बना रहे हैं. इससे चीन के विदेशी निवेश और व्यापार को ख़तरा पैदा हो रहा है."
लेख में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के आर्थिक संकट के मामलों के प्रोफ़ेसर एडम टूज़ ने कहा है, “अब चीन का आर्थिक मॉडल टूट गया है, हम चीन के आर्थिक इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट देख रहे हैं. ”
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का कुल कर्ज़ साल 2022 तक चीन के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 300 प्रतिशत हो गया.
अख़बार लिखता है कि बीजिंग के सत्ता के गलियारों में वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि पिछले दशकों का विकास मॉडल अब अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच गया है.
कुछ जानकारों का मानना है कि विकास का मतलब है कि कई तरह के प्रोजेक्ट में निवेश बढ़ाया जाए.
बीते साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पार्टी के नई पीढ़ी के नेताओं से कहा था, “आप नए जूतों के साथ पुराने रास्ते पर नहीं चल सकते.”
अख़बार ने लिखा है कि शी जिनपिंग और उनकी टीम ने अब तक देश के पुराने विकास मॉडल से हट कर कुछ नया करने के लिए बहुत कम काम किया है. (bbc.com/hindi/)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 अगस्त। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग अपना प्रतीक चिन्ह बदलना चाहता है। इसके लिए उसने तकनीकी शिक्षा से जुड़े कॉलेज के छात्रों से नमूना मंगाया है। सर्वश्रेष्ठ लोगो पर 5000 रुपए का पुरस्कार रखा गया है।
आयोग ने आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी, इंजीनियरिंग, डिप्लोमा कॉलेज, डिग्री कॉलेज और आईटीआई के छात्रों के लिए जारी पत्र में कहा है कि चयनित लोगो पर आयोग का अधिकार होगा और इसका संबंधित छात्र उपयोग नहीं कर पाएंगे। प्रविष्टि केवल सॉफ्ट कॉपी में आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन जमा करना होगा। एक विद्यार्थी से एक ही नमूना स्वीकार किया जाएगा। लोगो में कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। अन्य कई शर्तें भी रखी गई हैं, जिसका विवरण आयोग की वेबसाइट में उपलब्ध है।
पचपेड़ी के अलावा 4.5 साल में बेलतरा, बोदरी, सीपत, बेलगहना, रतनपुर और सकरी को मिल चुकी सुविधा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 अगस्त। जिले की 12 वीं तहसील के रूप में पचपेड़ी तहसील ने 20 अगस्त से आकार ले लिया। मस्तूरी तहसील के 24 पटवारी हल्का के 68 गांव इस तहसील में शामिल है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महासमुंद से वीसी के जरिए जुडकर पचपेड़ी समेत राज्य में 18 नई तहसीलों का उद्घाटन किया।
बिलासपुर जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष एवं पचपेड़ी से वर्चुअली शामिल होकर जनप्रतिनिधि व अधिकारी इस मौके पर मौजूद थे। गौरतलब है कि पिछले लगभग 5 सालों में राज्य सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए बिलासपुर जिले में 7 नए तहसील बनाए हैं। इनमें पचपेड़ी सहित बेलतरा, बोदरी, सीपत, बेलगहना, रतनपुर और सकरी शामिल हैं। नजदीक में तहसील कार्यालय की सुविधा मिल जाने से उन्हें राजस्व संबंधी कार्यों के लिए दूर जाना नहीं पड़ रहा है। इससे समय और धन दोनों की एक साथ बचत हो रही है। पचपेड़ी के प्रथम तहसीलदार के रूप में अप्रतिम पाण्डेय की नियुक्ति की गई है। फिलहाल एक पुराने ग्राम पंचायत भवन से तहसील कार्यालय का संचालन शुरू किया गया है।
इस अवसर पर जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष में संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह, पर्यटन मंडल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय,सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रमोद नायक, कलेक्टर संजीव झा, सीईओ अजय अग्रवाल, एडीएम आरए कुरुवंशी उपस्थित थे। पचपेड़ी के समारोह में विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी, पूर्व विधायक दिलीप लहरिया, अधिकारी व ग्रामीण उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 अगस्त। तेज रफ्तार हाईवा ने बाइक को पीछे से टक्कर मार दी जिससे उसमें सवार एक महिला की मौत हो गई, वहीं बाइक के चालक और उसकी पत्नी बुरी तरह घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार पकरिया, अकलतरा के सनत साहू का बिलासपुर के चिंगराजपारा, सरकंडा में ससुराल है। रविवार को एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने वह अपनी पत्नी के साथ ससुराल आया था। आज सुबह वह अपनी पत्नी और उसकी बड़ी बहन शारदा साहू (40 वर्ष) को लेकर बाइक से घर वापस जाने के लिए निकला। दयालबंद में शीतला माता मंदिर के पास तेज रफ्तार हाईवा ने बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। तीनों बाइक सवार नीचे गिर पड़े। पीछे बैठी शारदा साहू हाईवा के चक्के के नीचे आ गई।
सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने तीनों को अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने शारदा साहू को मृत घोषित कर दिया। घायल पति-पत्नी का इलाज चल रहा है। पत्नी की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस बीच हाईवा छोड़कर चालक फरार हो गया है, जिसकी तलाश की जा रही है।
पूर्व सरपंच को छोड़ सबको किया रिहा
कुपरेल की पहाड़ी में पूजा-अर्चना के लिए गए थे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 21 अगस्त। नक्सलियों ने फरसेगढ़ इलाके में पूजा-अर्चना के लिए गए पहाड़ में गए 50 से ज्यादा ग्रामीणों का अपहरण कर लिया। हालांकि देर शाम तक सभी ग्रामीणों को छोड़ दिया है। लेकिन फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच अब भी नक्सलियों के कब्जे में है। दोपहर डेढ़ बजे खबर लिखे जाने तक पुलिस ने इस मामले की पुष्टि नहीं की थी।
अच्छी खेती किसानी व क्षेत्र में शांति के लिए फरसेगढ़, कुटरू, गुदमा आदि क्षेत्र के करीब 200 से 250 सौ ग्रामीण हर साल की तरह इस साल भी रविवार की सुबह फरसेगढ़ से करीब 10 किमी दूर स्थित दामाराम गांव के चिकटराज पहाड़ी में पूजा-अर्चना के लिए गए हुए थे। इसी दरमियान नक्सलियों ने वहां से करीब 50 से ज्यादा ग्रामीणों को अगवा कर लिया।
पूछताछ कर देर शाम तक सभी ग्रामीणों को छोड़ दिया गया हैं। लेकिन फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच महेश गोटा अब भी नक्सलियों के कब्जे में हैं। पूर्व सरपंच गोटा को तलाश किया जा रहा है। पुलिस ने घटना की पुष्टि नहीं की थी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 21 अगस्त। जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र में बीती रात नक्सलियों द्वारा मुखबिरी के शक में एक ग्रामीण की हत्या किए जाने की खबर है। हालांकि नक्सलियों के भय से परिजनों द्वारा घटना की जानकारी थाने में अब तक दर्ज नहीं कराये जाने से पुलिस ने घटना की पुष्टि नहीं की है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तर्रेम थाना क्षेत्र के चिन्नागेल्लूर निवासी रामा पुनेम का नक्सलियों ने 18 अगस्त को अपहरण कर अपने साथ ले गए थे। अपहरण के तीन दिनों बाद रविवार की मध्य रात को रामा पर पुलिस मुखबिरी करने का आरोप लगाते हुए नक्सलियों द्वारा उसकी हत्या किए जाने की खबर मिल रही है। नक्सली भय के चलते परिजनों ने अब तक घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराये जाने से पुलिस ने घटना की पुष्टि नहीं की है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, 21 अगस्त। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका प्रस्तुत कर चिरमिरी स्थित सती मंदिर को पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार पुरातत्विक स्थल घोषित कर उसे संरक्षित करने की मांग की गई है। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है।
याचिकाकर्ता आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा की ओर से कहा गया है कि छत्तीसगढ़ संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के मुख्य रासायनिक डॉ. के. पी. सिंह ने 19 दिसंबर 2013 को चिरमिरी क्षेत्र में स्थित सती मंदिर का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था कि चिरमिरी में एक शिलालेख सन् 1351 का है। इस प्रतिवेदन में स्थल से संबंधित कुछ सुझाव भी उन्होंने दिए।
इस प्रतिवेदन के आधार पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने सन् 2015 में एक पत्रिका का प्रकाशन किया था। इसमें अर्जुनदेव ने भी सन् 1450 के शिलालेख का उल्लेख करते हुए अनेक प्राचीन मंदिरों के भग्नावेश, किले एवं बहुसंख्यक सती मंदिर को संरक्षित करने का प्रस्ताव किया गया। प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 की धारा-2 के अनुसार 100 वर्ष से पुराने प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व अवशेष को संरक्षित करने का प्रावधान है।
राज्य व केंद्र सरकार ने इस पुरातत्व महत्व के प्राचीन मंदिर को संरक्षित नहीं किया है, जिसके चलते इस क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व के शिलालेख, पत्थर, मूर्ति आदि उपेक्षित पड़े हैं। याचिकाकर्ता मिश्रा ने सूचना के अधिकार से जानकारी एकत्र कर सन् 2019 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक रिट याचिका प्रस्तुत कर सती मंदिर को संरक्षित करने का अनुरोध किया था। इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब मांगा। राज्य सरकार ने जवाब प्रस्तुत किया है।
आरटीआई कार्यकर्ता की इस याचिका के तत्काल बाद छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका वर्ष 2022 में प्रस्तुत की गई। जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के अगुवाई वाली डबल बेंच ने आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा की रिट याचिका को भी इसी जनहित याचिका में जोड़ देने का आदेश दिया। अब इन याचिकाओं की सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
क्रिश्चियन फोरम के साथ बैठक में विधि आयोग ने दिया आश्वासन
रायपुर, 21 अगस्त। छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम सामान्य नागरिक संहिता, यूसीसी से जुड़े पांच विषयों पर विधि आयोग के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है जिन पर उसने सकारात्मक ढंग से विचार करने का भरोसा दिया है। यह बात मानी गई है कि संविधान के अनुच्छेद 25 में लोगों को मिली धार्मिक स्वतंत्रता में आयोग दखल नहीं देगा। अन्य धर्म अपनाने वाले आदिवासियों को आदिवासी वर्ग में ही मान्यता देने के मामले में आयोग ने हस्तक्षेप करने से इंकार किया है क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
मालूम हो कि केंद्र सरकार इस समय सामान्य नागरिक संहिता तैयार करने का प्रयास कर रही है जिससे विभिन्न धर्मों के बीच एक तरह का कानून लागू किया जा सके। देश में अलग-अलग समुदाय इसके विरोध में सामने आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 80 लाख आपत्तियां और सुझाव विधि आयोग को अब तक प्राप्त हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ क्रिश्च्यिन फोरम सहित राज्य के 8 मसीही संगठनों को भी चर्चा और सुझाव के लिए विधि आयोग ने आमंत्रित किया था।
बीते 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता में, चार सुप्रीम कोर्ट जस्टिस और गृह मंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी के साथ एक बैठक हुई। इसमें छत्तीसगढ़ के मसीही समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फोरम के अध्यक्ष अरुण पन्नालाल ने मांग की है कि धार्मिक स्वतंत्रता के अनुच्छेद 25 मे यूसीसी दखल नहीं करे। आयोग को बताया गया कि विभिन्न प्रदेशों में मसीही विवाह को अमान्य कर दिया गया है। इसकी जगह पर सरकारी पंजीयक कार्यालय में पादरी को पदस्थ किया है। यहां ईसाई डिनोमिनेशन के विवाह को संपन्न कर पंजीकृत किया जाता है। इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए तर्क दिया गया कि सरकार के पास सिर्फ पंजीकरण का अधिकार है। विवाह संपन्न करने का अधिकार नहीं। पन्नालाल ने बताया कि आयोग ने इस तर्क को स्वीकार किया है।
क्रिश्चियन फोरम की ओर से यह भी कहा गया कि अभी ईसाईयो को वर्तमान में बच्चे गोद लेने का अधिकार नहीं है। यह समता की भावना के विरुद्ध है। आयोग ने आश्वासन दिया है कि मसीही समुदाय को समानता दी जाएगी। फोरम ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को भी यूसीसी के दायरे में लाने के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि घोटुल, आदिवासी विवाह, आदिवासी भूमि अधिकार, विरासत और अन्य परंपराओं में इससे हस्तक्षेप होगा। यूसीसी में आदिवासियों को शामिल करने से अनुच्छेद 371, 244(1) और संशोधन 5 और 6 में हस्तक्षेप होगा। विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अवस्थी ने आश्वासन दिया कि उत्तर पूर्व के आदिवासियों की तरह छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को यूसीसी के दायरे से बाहर रखा जाएगा तथा ऐसी घोषणा भी की गई है। हिंदू, ईसाई या किसी अन्य धर्म को अपनाने वाले आदिवासियों की आदिवासी वर्ग में ही रखे जाने की मांग भी फोरम की ओर से की गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के कारण विधि आयोग ने इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
हमला साजिश या हादसा, रहस्य का जल्द होगा खुलासा
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 21 अगस्त। खुज्जी की कांग्रेस विधायक छन्नी साहू पर हुए कातिलाना हमले की पुलिस अलग-अलग एंगल से जांच कर रही है। वारदात की खबर से सन्न आईजी राहुल भगत जहां मामले की खुद निगरानी कर रहे हैं। वहीं एसपी अभिषेक मीणा घटना की असल वजह का पता लगा रहे हैं।
जिले की सबसे चर्चित विधायक छन्नी साहू पर हुए जानलेवा हमले से उनकी सुरक्षा व्यवस्था धरी की धरी रह गई। हमलावर ने आसानी से विधायक को निशाना बनाया। खुज्जी विधानसभा के जोंधरा में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंची छन्नी साहू रोज की तरह अपने कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों से निश्चित भाव में मुलाकात कर रही थी। मंच में लगे पर्दे के पीछे छुपे एक युवक ने अचानक नशे की हालत में विधायक पर पीछे से हमला करने की कोशिश की। उसी दौरान उनकी सुरक्षा में तैनात पीएसओ ने हमला रोकने की कोशिश की। इस आपाधापी में चाकू विधायक के एक हाथ की कलाई में लग गया।
बताया जा रहा है कि घटना से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। घायल विधायक को अस्पताल पहुंचाया गया। इस बीच पुलिस के आलाधिकारियों ने पूरे मामले को लेकर छानबीन शुरू कर दी है। सत्तारूढ़ दल की विधायक होने के कारण मामला गंभीर हो गया है। इस बीच पुलिस वारदात की असल वजह का पता लगाने के लिए जांच कर रही है। घटना के पीछे साजिश होने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा रहा है। जल्द पुलिस वारदात से जुड़े रहस्य का पर्दाफाश करेगी।
हमले का उद्देश्य का पता लगाए पुलिस-सिंहदेव
विधायक छन्नी साहू पर हुए हमले की कड़ी भत्र्सना करते उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि हमले के पीछे उद्देश्य का पुलिस को पता लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद निंदनीय है। हमलावर ने किस इरादे से विधायक को निशाना बनाया, इसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। पुलिस का दायित्व है कि ऐसी घटनाओं का पुनर्रावृत्ति न हो, इस पर रोक लगाने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। घटना की खबर के बाद उपमुख्यमंत्री ने विधायक का कुशलक्षेम भी पूछा। खुज्जी विधायक सिंहदेव समर्थक मानी जाती है। घटना के बाद से राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं चल रही है।
आठ टीमों ने महादेव सट्टा से जुड़े कारोबारियों को घेरा, एक नामी वकील के यहां भी दबिश
('छत्तीसगढ़' संवाददाता)
रायपुर, 21 अगस्त। सोमवार आधी रात बाद ईडी की अलग अलग टीमों ने आठ लोगों के ठिकानों पर दबिश दी। ये छापे महादेव आनलाइन सट्टे को लेकर मारे गए हैं। इनमें ट्रांसपोर्टर, महादेव एप के डायरेक्टर और अधिवक्ता के घर और दफ्तर शामिल हैं।
महादेव आनलाइन सट्टे को लेकर ईडी महीनों पहले से जमीनी पड़ताल कर रही थी। उसके बाद ईडी ने ईसीआईआर भी दर्ज किया था। इस छापेमारी में ईडी की बड़ी टीम रायपुर से दुर्ग तक तैनात है। बैकअप सुरक्षा में सीआरपीएफ को लगाया गया है । मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने दुर्ग में नेहरू नगर दुर्ग निवासी रोहित और नीरज उप्पल,फरीद नगर वैशाली नगर भिलाई में ट्रांसपोर्टर सद्दाम सिद्दीकी और सन्नी सतनाम के यहां जांच चल रही है। इनके अलावा दिलीप चंद्राकर, सतीश चंद्राकर गौरव चंद्राकर के वालफोर्ट सिटी रायपुर के साथ चंद्रभूषण वर्मा नामक एक अन्य व्यक्ति के यहां भी छानबीन और पूछताछ की जा रही है। इस छापेमारी में सबसे अहम अधिवक्ता पीयूष भाटिया के स्वर्णभूमि स्थित विला, अशोका रतन में राईस मिलर पेट्रोल पंप संचालक विजय दम्मानी के यहां भी ईडी की टीम मौजूद है। पीयूष को कई बड़े नामी गिरामी कारोबारियों और अधिकारियों के विधि सलाहकार बताया गया है । फिलहाल इन ठिकानों से किसी तरह की जब्ती या हिरासत,गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई।
सूत्रों ने बताया कि ईडी इस जांच में आनलाइन सट्टे से होने वाली आय के डिस्ट्रीब्यूशन की कड़ियाँ तलाश रही है। हाल के दिनों में पुलिस ने भी महादेव सट्टे के कई बड़े पैनलिस्ट और प्वाइंटर को पकड़ा है। इनकी गिरफ्तारी दिल्ली, ओडिशा , विशाखापट्टनम, नागपुर मुंबई और गोवा से की गई थी।
सूरत (गुजरात), 21 अगस्त । सूरत के डायमंड अस्पताल के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर, एक ही दिन में 31 प्रसव का उल्लेखनीय रिकॉर्ड हासिल किया गया है, जो अस्पताल और स्थानीय समुदाय दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
खुशी के जश्न के बीच अस्पताल 17 लड़कियों और 14 लड़कों की किलकारियों से गूंज उठा। लैंगिक समानता और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध डायमंड हॉस्पिटल ने अपनी अनूठी पहल के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की है।
अस्पताल बेटी के जन्म पर माता-पिता से एक भी रुपया चार्ज करने से परहेज करके अपनी उदारता बढ़ाता है, जिससे पारंपरिक धारणाओं को चुनौती दी जाती है और समावेशिता की भावना को बढ़ावा मिलता है।
इसके अलावा, अस्पताल का कहना है कि मातृ एवं शिशु कल्याण के प्रति उसका दृढ़ समर्पण अटूट है। सामान्य डिलीवरी की लागत 1,800 रुपये है जबकि सिजेरियन डिलीवरी की कीमत 5,000 रुपये है, जिससे सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच संभव हो जाती है।
अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि "डायमंड हॉस्पिटल के मिशन का एक निर्णायक पहलू लिंग पूर्वाग्रह के मुद्दे को सीधे संबोधित करने के दृढ़ संकल्प में निहित है"।
प्रत्येक जोड़े को एक से अधिक बेटियों के लिए अस्पताल प्रत्येक बेटी को 1 लाख रुपये का बांड प्रदान करता है, जो समान अवसरों के भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है।
2,000 बेटियों को पहले ही 20 करोड़ रुपये के चौंका देने वाले बांड दिए जा चुके हैं, जिससे एक अधिक न्यायसंगत समाज बनाने की दिशा में अस्पताल की प्रतिज्ञा और मजबूत हुई है।
डायमंड अस्पताल के ट्रस्टी दिनेश नावदिया ने इस महत्वपूर्ण दिन पर अस्पताल में छाए खुशी के माहौल पर प्रसन्नता व्यक्त की।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि इन 31 शिशुओं का जन्म, सभी स्वस्थ और स्वस्थ, अस्पताल की मेडिकल टीम के समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण है।
अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि आज दुनिया को गौरवान्वित करने वाले 31 नवजात शिशुओं में से 17 बेटियां और 14 बेटे हैं, जो सराहनीय लिंग अनुपात को रेखांकित करता है जो 'बेटी बचाओ' (बेटी बचाओ) अभियान के साथ सहजता से मेल खाता है। (आईएएनएस)
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि सनी देओल के मुंबई स्थित जुहू बंगले की नीलामी का नोटिस वापस ले लिया गया है.
उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर बैंक ने 'तकनीकी कारणों' से नोटिस वापस लिया है.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, “रविवार दोपहर को देश को पता चला कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने बीजेपी सांसद सनी देओल के जुहू स्थित घर की ई-नीलामी का नोटिस दिया, क्योंकि उन्होंने बैंक का 56 करोड़ रुपया नहीं चुकाया है. आज सुबह, 24 घंटे के भीतर देश को पता चलता है कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने अपना नीलामी का नोटिस ‘तकनीकी’ कारणों से वापस ले लिया है. सोचने वाली बात हैं कि किसकी वजह से ये ‘तकनीकी’ दिक़्कत आ गई.”
मीडिया रिपोर्ट्समें दावा किया जा रहा है कि सोमवार को बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने एक बयान जारी कर नोटिस वापस ले लिया है.
रविवार को बैंक ऑफ बड़ौदा ने ई-नीलामी के ज़रिए 56 करोड़ के कर्ज़ की वसूली करने का नोटिस जारी किया था. ये नीलामी 25 अगस्त को होने वाली थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
बैंक ने बताया था कि पंजाब के गुरदासपुर से सांसद सनी देओल ने दिसंबर 2022 से बैंक ऑफ़ बड़ौदा के ₹55.99 करोड़ के कर्ज़ का भुगतान नहीं कर रहे हैं.
599.44 वर्ग मीटर की संपत्ति के लिए पर्सनल गारंटर सनी देओल के पिता धर्मेंद्र हैं. (bbc.com/hindi)
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने लैंडिंग से पहले सोमवार को लैंडिंग की जगह तय करते हुए विक्रम लैंडर की तस्वीरें जारी कीं.
इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,“ ये चांद के फ़ार साइड एरिया की तस्वीरें हैं, जिसे लैंडर हैज़र्ड डिटेक्शन एंड अवॉइडेंस कैमरा (एलएचडीएसी) ने ली है. ये कैमरा चांद की सतह पर उतरते समय सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र का पता लगाने में मदद करता है, यानी ऐसी जगहों का पता लगाता है जहां चट्टानें या गहरी खाइयां न हों.”
23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर शाम 6.04 बजे चंद्रयान-3 लैंड करेगा. इसरो भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बनाने की कोशिश कर रहा है.
14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 ने उड़ान भरी थी. 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद 23 अगस्त को यह चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की कोशिश करेगा.
रविवार को रूस द्वारा लॉन्च किया गए लूना ने दक्षिणी ध्रुव पर क्रैश लैंडिंग की. अब तक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पर सॉफ़्ट लैंडिंग नहीं हो सकी है.
इससे पहले इसरो को दो बार असफलता का सामना करना पड़ा था. चंद्रयान-1 का मून इम्पैक्ट प्रोब, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जबकि चंद्रयान-2 के लैंडर से सॉफ्ट लैंडिंग के आख़िरी मिनट में सिग्नल मिलना बंद हो गया था. (bbc.com/hindi)
-अभिनव गोयल
बीते छह महीनों से लीबिया में फंसे 17 भारतीय रविवार रात दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे.
इन भारतीयों में ज़्यादातर लड़के पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं, जो अवैध तरीके से इटली जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उससे पहले ही लीबिया में फ़ंस गए थे.
दिल्ली पहुंचे राहुल ने बताया, “आज से चार महीने पहले एक एजेंट ने धोखाधड़ी कर मुझे लीबिया भेज दिया था. हम कई लड़के वहां माफ़िया के पास फंसे गए थे. हमें 48-48 घंटे भूखा रखा जाता था, मारपीट की जाती थी. एक भारतीय लड़के ने फोन छिपाकर रखा हुआ था. उस फोन से मैंने राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी सर को मैसेज किया और वे लगातार हमारे संपर्क में बने रहे. उन्होंने बहुत मेहनत से हमें वहां से निकाला है. लीबिया से अच्छा तो नर्क है.”
लीबिया में फंसे लड़कों को एयरपोर्ट लेने पहुंचे राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने बताया कि एक एजेंट ने 16 लड़कों से 13-13 लाख रुपये लिए और उन्हें इटली में नौकरी दिलाने का वादा किया.
उन्होंने कहा, “इटली के नाम पर लड़कों को पहले दुबई ले जाया गया, फिर वहां से मिस्त्र पहुंचाया गया और आखिर में इन्हें लीबिया छोड़ दिया गया. 28 मई को इन लड़कों ने मेरे ऑफिस के गुरदीप और निशांत से संपर्क किया और अपनी आपबीती बताई. लड़के माफ़िया के पास थे और जो वीडियो हमने देखे, तो यक़ीन नहीं हो रहा था कि ये जिंदा कभी भारत लौट पाएंगे.”
साहनी ने बताया कि भारतीय लड़कों को पहले माफ़िया के पास से भगाकर एक होटल में लाया गया, जहां से पुलिस इन्हें जेल ले गई.
उन्होंने कहा, “लीबिया में भारत का दूतावास नहीं है तो हमने ट्यूनेशिया से बात की लेकिन वे भी मदद नहीं कर पाए. हमने यूनाइटेड नेशन से काउंसलर एक्सेस की अपील की. बहुत ही मेहनत कर लड़कों को जेल से निकालकर इमीग्रेशन कैंप लाया गया. फिर हमने नजदीकी भारतीय दूतावास से संपर्क किया. इनके टिकटें और सफेद पासपोर्ट बनवाए, जिसके बाद ये बच्चे दिल्ली पहुंच पाए हैं.” (bbc.com/hindi)
अभिनेता और बीजेपी सांसद सनी देओल के मुंबई स्थित जुहू बंगले की नीलामी का नोटिस वापस ले लिया गया है.
सोमवार को बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने एक अख़बार में बयान जारी कर नोटिस वापस लेने की जानकारी दी है.
इससे एक दिन पहले बैंक ने ई-नीलामी के ज़रिए 56 करोड़ के कर्ज़ की वसूली करने का नोटिस जारी किया था. ये नीलामी 25 अगस्त को होने वाली थी.
बैंक ने बताया था कि पंजाब के गुरदासपुर से सांसद सनी देओल दिसंबर 2022 से बैंक ऑफ़ बड़ौदा के ₹55.99 करोड़ के कर्ज़ का भुगतान नहीं कर रहे हैं, इसलिए इस संपत्ति की ई-नीलामी की जाएगी.
अपने नए बयान में बैंक ने कहा है, “अजय सिंह देओल उर्फ़ सनी देओल की प्रॉपर्टी के ई-नीलामी का नोटिस तकनीकी कारणों से वापस लिया जा रहा है.”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैंक के इस बदले हुए फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “कल दोपहर को देश को पता चला कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने बीजेपी सांसद सनी देओल के जुहू स्थित घर की ई-नीलामी का नोटिस दिया, क्योंकि उन्होंने बैंक का 56 करोड़ रुपया नहीं चुकाया है. आज सुबह, 24 घंटे के भीतर देश को पता चलता है कि बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने अपना नीलामी का नोटिस ‘तकनीकी’ कारणों से वापस ले लिया है. सोचने वाली बात हैं कि किसकी वजह से ये ‘तकनीकी’ दिक़्कत आ गई.” (bbc.com/hindi)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को पत्रकारों से बात रहे थे. तभी वहां कुछ हलचल हुई.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उस वक़्त वहां सांप निकल आया. पत्रकार जगह छोड़ने लगे. इस पर बघेल ने स्थिति को संभाला और वहां मौजूद लोगों से कहा कि वो सांप को नहीं मारें.
उन्होंने कहा, "पिटपिटी है डरो मत, मत मारो, मत मारो. पिटपिटी को नहीं मारा जाता. लड़के इसे थैले में लेकर घुमाते हैं. "
देखें वीडियो
#WATCH | "Pirpiti hein', don't worry and don't hurt it", says Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel as a snake appears during his press conference pic.twitter.com/vhJYyMKeZ3
— ANI (@ANI) August 21, 2023
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को राहुल गांधी के रायपुर दौरे की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राहुल गांधी दो सितंबर को रायपुर आएंगे.
छत्तीसगढ़ में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ही आने वाले चुनाव को अहम मानकर चल रहे हैं. (bbc.com/hindi)
लातेहार (झारखंड), 21 अगस्त। झारखंड के लातेहार में माओवादियों ने रविवार रात को पांच सुरक्षा गार्ड को पीटा और डीवीसी कोयला खदान के वेटब्रिज को आग लगा दी। पुलिस ने यह जानकारी दी।
वेटब्रिज भारी वाहनों और भारी सामान का वजन करने वाला बड़ा तराजू होता है।
घटना राज्य की राजधानी रांची से करीब 110 किलोमीटर दूर लातेहार थाना अंतर्गत ट्यूबयुक्त डीवीसी कोयला खदान क्षेत्र में देर रात करीब दो बजे हुई।
लातेहार थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने कहा कि माओवादियों के धड़े झारखंड लाल टाइगर (जेएलटी) ने मौके पर एक पर्चा छोड़कर घटना की जिम्मेदारी ली।
उन्होंने कहा, ‘‘माओवादी समूह ने पांच निजी सुरक्षा कर्मियों को पीटा और भारी सामान का वजन करने वाली इकाई को आग लगा दी।’’
पर्चे में माओवादी समूह ने धमकी दी कि अगर संगठन के साथ बातचीत के बिना ऐसे ही खनन कार्य चलता रहा तो कंपनी को परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। (भाषा)