अंतरराष्ट्रीय
सैन फ्रांसिस्को, 20 नवंबर । ओपनएआई के सीईओ के रूप में सैम ऑल्टमैन की वापसी पर सस्पेंस सोमवार को भी जारी रहा। दरअसल, ओपनएआई लीडर्स और निवेशकों ने ऑल्टमैन को कंपनी में वापस बुलाने की मांग की, जिनको 17 नवंबर अनौपचारिक रूप से बर्खास्त कर दिया गया था।
द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, ऑल्टमैन और कंपनी के बीच बातचीत जारी है। बताया जा रहा है कि इस बीच एक बड़ी शर्त यह है कि मौजूदा बोर्ड (जिसने उन्हें नौकरी से निकाला था) को पद छोड़ना होगा।
ऑल्टमैन ने स्थिति को हल करने के लिए ओपनएआई बोर्ड के लिए एक बार फिर रविवार को शाम 5 बजे पीटी (भारत के समयानुसार सुबह 6.30 बजे) की समय सीमा तय की थी।
माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला कथित तौर पर ऑल्टमैन, पूर्व ओपनएआई अध्यक्ष ग्रेग ब्रॉकमैन और वर्तमान बोर्ड सदस्यों के बीच चर्चा में मध्यस्थता कर रहे है। वे एक नए बोर्ड का चयन करने का प्रयास कर रहे है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "अगर कोई समझौता नहीं हुआ, तो चीजें अलग रास्ता अपनाएंगी।"
ओपनएआई के वर्तमान बोर्ड में मुख्य वैज्ञानिक इल्या सुतस्केवर, क्वोरा के सीईओ एडम डी'एंजेलो, पूर्व जियोसिम सिस्टम्स के सीईओ ताशा मैककौली और जॉर्जटाउन के सेंटर फॉर सिक्योरिटी एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी में रणनीति के निदेशक हेलेन टोनर शामिल हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, ओपनएआई के सह-संस्थापक सुतस्केवर ने ऑल्टमैन को बाहर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ऑल्टमैन को अचानक बर्खास्त करने के बाद हाई-वोल्टेज ड्रामा रचने के बाद, ओपनएआई बोर्ड ने सीईओ के रूप में कंपनी में वापसी के लिए उनके साथ चर्चा शुरू की।
हालांकि, ऑल्टमैन, जिन्हें एक वीडियो कॉल पर बोर्ड द्वारा निकाल दिया गया था, पहले वापस आने को लेकर "महत्वाकांक्षी" थे और प्रमुख शासन परिवर्तन की मांग कर रहे थे। (आईएएनएस)।
मैक्सिको सिटी, 20 नवंबर। मध्य मैक्सिको में एक सड़क परियोजना से जुड़े निर्माण के दौरान 50 फुट ऊंचे मचान (स्कैफोल्डिंग टॉवर) के गिरने से पांच श्रमिकों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
मजदूर शनिवार को राजमार्ग के दोनों तरफ बनने वाली सुरक्षा दीवार के बीच सीमेंट डालने का काम कर रहे थे। लेकिन इसी दौरान ‘स्कैफोल्डिंग टॉवर’ गिर पड़ा और लोहा तथा धातु तथा गीले सीमेंट में फंसकर श्रमिकों की मौत हो गई।
परिवहन विभाग ने बताया कि दुर्घटना केंद्रीय राज्य हिडाल्गो में हुई और घटनास्थल पर मौजूद सभी कर्मियों को मलबे से निकाल लिया गया है।
यह निर्माण कार्य एक निजी ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा था। फिलहाल दुर्घटना के कारणों की जांच जारी है।
(एपी) संतोष सुरभि सुरभि 2011 0859 मैक्सिकोसिटी (एपी)
मालदीव के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि मालदीव में 77 भारतीय सैनिक हैं और मालदीव की नई सरकार भारत के साथ हुए 100 से अधिक समझौतों की समीक्षा कर रही है.
ये बयान तब आया है जब एक दिन पहले ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने औपचारिक रूप से भारत से अपने सैनिक वापस बुलाने को कहा है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के सार्वजनिक नीति के अवर सचिव मोहम्मद फ़िरोज़ुल अब्दुल ख़लील ने कहा कि नयी सरकार ने पाया है कि हमारे देश में 77 भारतीय सेना के लोग है .
मालदीव मीडिया ने फ़िरोज़ुल के हवाले से कहा कि हेलीकॉप्टर प्रबंधन करने के लिए 24 इंडियन आर्मी के सैनिक हैं, डोर्नियर विमान का प्रबंधन करने के लिए 25 भारतीय सैनिक हैं, दूसरे हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 26 भारतीय यहां हैं और रखरखाव और इंजीनियरिंग के लिए दो और भारतीय सैनिक मालदीव में हैं.
उन्होंने कहा कि सितंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने मालदीव से सभी 77 भारतीय सैनिकों को बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफ़ी अहम देश है, इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की सरकार में भारत मालदीव के रिश्ते गहरे थे लेकिन मुइज़्ज़ू का चुनाव कैंपेन ही इस बात पर आधारित था कि वो सत्ता में आए तो भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर निकालेंगे. (bbc.com/hindi)
मेम्फिस (अमेरिका), 19 नवंबर। अमेरिका में टेनेसी के मेम्फिस शहर में शनिवार रात को एक युवक ने तीन महिलाओं और एक लड़की की कथित रूप से हत्या करने तथा एक अन्य किशोरी को घायल करने के बाद स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, यह घरेलू हिंसा का मामला है।
पुलिस ने बताया कि अधिकारियों ने हमलावर मैविस क्रिस्टियन जूनियर (52) को अपनी कार में मृत पाया। पुलिस ने बताया कि इससे पहले उसने मेम्फिस में तीन अलग-अलग स्थानों पर गोलीबारी कर तीन महिलाओं एवं एक किशोरी की हत्या कर दी थी तथा एक अन्य किशोरी को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया।
मेम्फिस पुलिस विभाग के अधिकारियों को हॉवर्ड ड्राइव के 100 ब्लॉक पर रात नौ बजकर 22 मिनट पर गोलीबारी की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने कार्रवाई शुरू की। पुलिस को घटनास्थल पर एक महिला मृत मिली, जिसके शरीर पर गोली लगने का घाव था।
जांचकर्ताओं ने पाया कि इसी हमलावर ने दो अन्य स्थानों पर गोलीबारी की थी।
मेम्फिस पुलिस अधिकारी क्रिस्टोफर विलियम्स ने कहा कि फील्ड लार्क ड्राइव पर एक महिला एवं 13 वर्षीय लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और 15 वर्षीय एक लड़की गंभीर रूप से घायल है। उन्होंने बताया कि हमलावर ने एक अन्य महिला की वॉरिंगटन रोड पर गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस का मानना था कि गोलीबारी की तीनों घटनाओं के पीछे क्रिस्टियन का हाथ है,जिसके बाद स्थानीय, राज्य और संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसी ने उसकी तलाश शुरू की और वह अपनी कार में मृत पाया गया।
पुलिस ने बताया कि गोलीबारी की प्रत्येक घटना को घरेलू हिंसा का मामला माना जा रहा है। (एपी)
इंफाल, 19 नवंबर । मणिपुर सरकार ने राज्य की अस्थिर हालात को देखते हुए शनिवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध को और अगले पांच दिनों के लिए यानी 23 नवंबर तक बढ़ा दिया है।
एक अधिकारी ने कहा कि असामाजिक तत्वों को भ्रामक संदेशों, फोटो और वीडियो फैलाने से रोकने के लिए एक निवारक उपाय के रूप में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ाया गया है।
मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट पर पहली बार 200 दिन पहले प्रतिबंध लगाया गया था, जब 3 मई को मणिपुर में गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क उठी थी।
तब से हर पांच दिन बाद प्रतिबंध बढ़ाया जाता रहा है। मणिपुर के आयुक्त (गृह) टी. रणजीत सिंह ने शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला, लापता व्यक्तियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, राजमार्ग नाकेबंदी, धरना-प्रदर्शन जैसी अस्थिर कानून व्यवस्था की स्थिति से संबंधित रिपोर्टें मिली हैं।
उन्होंने कहा, "ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरत भरे भाषण और नफरत भरे वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसका मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर हो सकता है।"
रणजीत सिंह ने कहा, "भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहों के परिणामस्वरूप जीवन की हानि और/या सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचने और सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यापक गड़बड़ी फैलने का आसन्न खतरा है, जिसे जनता में प्रसारित/प्रसारित किया जा सकता है।"
पिछले हफ्ते, मणिपुर सरकार ने चार नागा आदिवासी बसे पहाड़ी जिला मुख्यालयों में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध हटा दिया था, जो जातीय हिंसा से प्रभावित नहीं थे।
मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा 6 नवंबर को राज्य सरकार को उन सभी जिला मुख्यालयों में परीक्षण के आधार पर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं फिर से शुरू करने का निर्देश देने के बाद परीक्षण के आधार पर उखरूल, सेनापति, चंदेल और तामेंगलोंग के जिला मुख्यालयों में इंटरनेट प्रतिबंध हटा लिया गया था, क्योंकि ये इलाके जातीय हिंसा से प्रभावित नहीं हुए हैं।
चार पहाड़ी जिला मुख्यालयों में मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से शुरू करने के राज्य सरकार के कदमों के मद्देनजर, ऑल नागा स्टूडेंट्स एसोसिएशन, मणिपुर (एएनएसएएम) ने 9 नवंबर को राजमार्गों से आर्थिक नाकेबंदी वापस लेने की घोषणा की थी।
हालात काफी हद तक सामान्य होने के बाद 23 सितंबर को इंटरनेट प्रतिबंध हटा दिया गया था, लेकिन दो लापता छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद सैकड़ों छात्रों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद 26 सितंबर को इसे फिर से लागू करना पड़ा। (आईएएनएस)।
दमिश्क, 19 नवंबर । सीरिया के पूर्वी प्रांत दीर अल-जौर में मिसाइल हमले के बाद कोनिको गैस प्लांट में विस्फोट हुए, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी सेना बेस के रूप में करती है।
शनिवार को सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, घटना में किसी के हताहत होने या क्षति की सूचना नहीं है।
ब्रिटेन स्थित निगरानी समूह ने कहा कि इससे पहले, दक्षिण-पूर्वी सीरिया में अल-तनफ क्षेत्र में अमेरिकी अड्डे के आसपास एक विस्फोट की आवाज सुनाई दी।
इसमें कहा गया है कि अमेरिकी सेना ने सीरियाई-इराकी-जॉर्डन सीमा त्रिकोण के पास स्थित अल-तनफ बेस की ओर बढ़ रहे "इराक में इस्लामी प्रतिरोध" नामक आतंकवादी समूह द्वारा लॉन्च किए गए ड्रोन को रोका।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, सरकार समर्थक शाम एफएम रेडियो ने दीर अल-ज़ौर के उत्तर-पूर्व में कोनिको गैस क्षेत्र से विस्फोटों की आवाज़ सुने जाने की सूचना दी। (आईएएनएस)।
जेरूसलम, 19 नवंबर । इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए इजराइली बंधकों की रिहाई पर फिलहाल कोई समझौता नहीं हुआ है।
नेतन्याहू ने गाजा में रखे गए लगभग 240 बंधकों में से कुछ को रिहा करने के समझौते के बारे में "गलत रिपोर्टों" से इनकार किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई समझौता होता है तो इजरायली जनता को जानकारी दी जाएगी।
प्रधान मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रभावित परिवारों को आने वाले दिनों में अपने मंत्रिमंडल से मिलने के लिए आमंत्रित किया है "यह स्पष्ट करने के लिए कि यह मुद्दा सभी के लिए कितना महत्वपूर्ण है"।
उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि युद्ध रोकने के लिए बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद इज़राइल "हमास के नष्ट होने तक लड़ता रहेगा।"
7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमास के हमले का जवाब देने के लिए इज़राइली सैनिक गाजा पर हमले कर रहे हैं। (आईएएनएस) ।
गाजा, 19 नवंबर । फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने पुष्टि की है कि हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य अहमद बहार गाजा पट्टी पर इजराइली हमले में मारे गए हैं।
हमास ने शनिवार को एक बयान में कहा कि बहार की मृत्यु "गाजा में इजराइली हवाई हमलों के परिणामस्वरूप घायल होने के बाद" हुई।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बहार 7 अक्टूबर को इजराइल के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद से हमास के सर्वोच्च रैंकिंग वाले नेता हैं।
2006 में हमास के फिलिस्तीनी संसदीय चुनाव जीतने के बाद से 74 वर्षीय बहार ने फिलिस्तीनी विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है।
इससे पहले, बहार ने शूरा परिषद के प्रमुख सहित हमास के कई अन्य वरिष्ठ पदों पर भी काम किया था। (आईएएनएस) ।
न्यूयॉर्क, 19 नवंबर । भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने कहा है कि यह उनकी हिंदू आस्था ही है, जिसने उन्हें राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के लिए प्रेरित किया और एक राष्ट्रपति के रूप में वह आस्था, परिवार, कड़ी मेहनत, देशभक्ति को अमेरिका में फिर से आदर्श बनाना चाहते हैं।
शनिवार को द डेली सिग्नल प्लेटफॉर्म द्वारा आयोजित 'द फैमिली लीडर' फोरम में बोलते हुए, 38 वर्षीय रामास्वामी ने हिंदू धर्म, ईसाई धर्म और अपने पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों के बारे में बात की।
रामास्वामी कहा,"मेरा विश्वास ही मुझे मेरी स्वतंत्रता देता है। मेरा विश्वास ही मुझे इस राष्ट्रपति अभियान तक ले गया, मैं एक हिंदू हूं। मेरा मानना है कि सच्चा भगवान एक है। मेरा मानना है कि भगवान ने हममें से प्रत्येक को एक उद्देश्य के लिए यहां रखा है। मेरा विश्वास हमें सिखाता है कि उस उद्देश्य को साकार करना हमारा एक नैतिक कर्तव्य है। वे भगवान के उपकरण हैं, जो अलग-अलग तरीकों से हमारे माध्यम से काम करते हैं, लेकिन हम अभी भी समान हैं, क्योंकि भगवान हम में से प्रत्येक में निवास करते हैं। यही मेरी आस्था का मूल है।"
केरल से अमेरिका चले गए भारतीय माता-पिता की संतान रामास्वामी ने उनके द्वारा उनमें पैदा किए गए पारंपरिक मूल्यों के बारे में भी बात की।
रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने कहा,"मैं एक पारंपरिक घराने में पला-बढ़ा हूं। मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया कि परिवार ही नींव है। अपने माता-पिता का सम्मान करें। शादी पवित्र है। शादी से पहले संयम रखना ही रास्ता है। व्यभिचार गलत है। शादी एक पुरुष और एक महिला के बीच होती है। आप भगवान के सामने शादी करते हैं और आप भगवान व अपने परिवार के प्रति शपथ लेते हैं।''
रामास्वामी ने हिंदू और ईसाई आस्थाओं को भगवान का "साझा मूल्य" बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति के रूप में वह अमेरिका में आस्था, परिवार, कड़ी मेहनत, देशभक्ति और विश्वास को फिर से स्थापित करेंगे।"
रामास्वामी ने कहा,"क्या मैं ऐसा राष्ट्रपति बन सकता हूं जो पूरे देश में ईसाई धर्म को बढ़ावा दे सके? मैं नहीं बन सकता...मुझे नहीं लगता कि हमें अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसा कराना चाहिए...लेकिन क्या मैं उन साझा मूल्यों के लिए खड़ा रहूंगा? क्या मैं ऐसा कर सकता हूं? मैं उन्हें उन उदाहरणों में बढ़ावा देता हूं, जो हम अगली पीढ़ियों के लिए निर्धारित करते हैं? आप बिल्कुल सही हैं, मैं करूंगा! क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है।''
इस साल जुलाई में, ओहियो स्थित बायोटेक उद्यमी को उनके हिंदू धर्म के लिए एक टेलीवेंजेलिस्ट द्वारा निशाना बनाया गया था, जिसने नागरिकों से उन्हें वोट न देने के लिए कहा था।
अगस्त में, रूढ़िवादी लेखक एन कूल्टर ने रामास्वामी और साथी भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली के खिलाफ नस्लवादी टिप्पणियां कीं, और रिपब्लिकन प्राथमिक बहस के दौरान उनके टकराव को "हिंदू व्यवसाय" कहा।
हवाई की पूर्व कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड के बाद रामास्वामी देश के दूसरे हिंदू राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, जो 2020 में डेमोक्रेट के रूप में चुनाव लड़े थे।
संभावित मतदाताओं को अपने संबोधन में, रामास्वामी अक्सर इस बात पर अफसोस जताते हैं कि विश्वास, देशभक्ति, कड़ी मेहनत और परिवार "गायब हो गए हैं, केवल इस देश में नए धर्मनिरपेक्ष धर्मों द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है।" (आईएएनएस) ।
इस्लामाबाद, 19 नवंबर पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक खुफिया आधारित सैन्य अभियान में चार आतंकवादी मारे गए, देश की सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने यह जानकारी दी।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसपीआर ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा बलों ने शनिवार को एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन चलाया, जिसके कारण आतंकवादियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच गोलीबारी हुई।
मारे गए आतंकवादियों में इब्राहिम उर्फ मूसा नामक एक उच्च मूल्य का लक्ष्य शामिल था, जो पाकिस्तानी कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा अत्यधिक वांछित था।
आईएसपीआर ने कहा, "मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक भी बरामद किए गए, जो कई आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहे।"
इसमें कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने आसपास की सीमाओं में अभियान शुरू कर दिया है। (आईएएनएस)।
फोर्ट डॉज (अमेरिका), 19 नवंबर। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को आयोवा की वापसी यात्रा के दौरान एक चुनावी मामले में जीत का जश्न मनाया। ट्रंप ने अपने राजनीतिक दुश्मनों की आलोचना की और अपने समर्थकों को प्रोत्साहित किया के वे राष्ट्रपति बाइडन के समक्ष अपनी मांगों को रखने एवं शिकायतें करने से पीछे नहीं हटें।
कोलोराडो के एक न्यायाधीश ने शुक्रवार को राज्य के प्राथमिक मतदान से रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ में आगे चल रहे उम्मीदवार को दूर रखने के प्रयास को खारिज कर दिया। न्यायाधीश ने कहा कि ट्रंप छह जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल (संसद भवन परिसर) पर हमले के दौरान विद्रोह में शामिल थे लेकिन इससे यह स्पष्ट नहीं होता कि विद्रोहियों को सार्वजनिक कार्यालय में प्रवेश से प्रतिबंधित करने वाला नागरिक गृह युद्ध के युग का संवैधानिक संशोधन राष्ट्रपति पर लागू होता है या नहीं।
मिनेसोटा और मिशिगन में इसी तरह के मामलों में फैसले के बाद यह ट्रंप की ये हालिया जीत है।
पश्चिम-मध्य आयोवा में चुनाव प्रचार करते हुए ट्रंप ने इस फैसले को ‘‘एक बड़ी अदालती जीत’’ कहा और इसे ‘‘मतदान सूची से बाहर करवाकर लाखों मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने का एक अपमानजनक प्रयास’’ करार दिया।
आयोवा के फोर्ट डॉज के एक हाई स्कूल में ‘कमिट-टू-कॉकस’ कार्यक्रम में लगभग 2,000 लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हमारे विरोधी हर दिन दिखा रहे हैं कि वे लोकतंत्र से नफरत करते हैं।’’
ट्रंप ने वहां मौजूद भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘क्या आप मुझे बेहतर प्रदर्शन करके दिखा सकते हैं? ताली बजाएं, कम से कम आप इतना तो कर ही सकते हैं।’’
पार्टी नेताओं के शुरुआती मतदान के आधार पर में ट्रंप को अपने शीर्ष प्रतिद्वंद्वियों, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली पर सहज बढ़त हासिल है। ट्रंप का अभियान अन्य शुरुआती मतदान वाले राज्यों की तुलना में आयोवा में अधिक आक्रामक रहा है।
एपी सुरभि संतोष संतोष 1911 0954 फोर्टडॉज (एपी)
स्कॉट्स वैली (अमेरिका), 19 नवंबर। अमेरिका के कैलिफोर्निया में पांच साल के बच्चे ने अपने जुड़वा भाई को चाकू घोंप दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया, बाद में बच्चे की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सांता क्रूज काउंटी के शेरिफ कार्यालय के अनुसार स्कॉट्स वैली में बुधवार को ये जुड़वा बच्चे लड़ रहे थे तभी उनमें से एक भाई ने रसोई घर में इस्तेमाल होने वाला चाकू ले लिया और अपने भाई को घोंप दिया। घायल बच्चे की अस्पताल में मौत हो गई।
शेरिफ कार्यालय ने बृहस्पतिवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इन दोनों बच्चों के परिवार के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं और दुख की इस घड़ी में उनके साथ हैं।’’
अधिकारियों ने कहा कि मौत के इस मामले में उनकी आपराधिक आरोप दायर करने की योजना नहीं है।
फेसबुक पोस्ट में कहा गया है, ‘‘कैलिफोर्निया का कानून यह तय करता है कि किसी बच्चे पर अपराध का आरोप लगाने के लिए उम्र, आपराधिक इरादा और गलत काम से होने वाले नुकसान का बोध होना आवश्यक कारक हैं। वर्तमान जांच के आधार पर किसी अन्य पक्ष द्वारा लापरवाही या आपराधिक गतिविधि का कोई संकेत नहीं है।’’
स्कॉट्स वैली सैन फ्रांसिस्को से लगभग 89 किलोमीटर दक्षिण में है।
एपी सुरभि शोभना शोभना 1911 0830 स्कॉट्सवैली (एपी)
तेल अवीव, 18 नवंबर । फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उचित इनक्यूबेशन सहायता की कमी के कारण गाजा के अल-शिफा अस्पताल में एक और प्रीमैच्योर शिशु की मौत हो गई है। इसके साथ ही ऐसी मौतों की कुल संख्या पांच हो गई है।
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि ईंधन की कमी के कारण इनक्यूबेशन सपोर्ट की बिजली गुल हो गई है।
मंत्रालय ने कहा कि एन्क्लेव की सबसे बड़ी चिकित्सा सुविधा में कुल 30 प्रीमैच्योर शिशु हैं।
अस्पताल के अधिकारी बच्चों को अस्पताल से बाहर निकालने के लिए रेड क्रॉस के साथ समन्वय स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस बीच, मंत्रालय के महानिदेशक ने यह भी कहा कि अल-शिफा पर इजरायली हमले में छह डायलिसिस मरीज और 22 गहन देखभाल इकाई के कर्मचारी मारे गए, उन्होंने कहा कि पांच डॉक्टरों सहित 120 घायल लोग भी अस्पताल में हैं।
यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब इज़रायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के लोगों से उत्तर गाजा की ओर जाने के लिए कहने के बाद सैकड़ों लोगों के अल-शिफा छोड़ने की सूचना मिली थी।
अल-शिफ़ा के आर्थोपेडिक सर्जन अदनान अलबर्श, जो अस्पताल से बाहर चले गए थे, ने आईएएनएस को बताया कि सड़कों पर निकलते समय उन्हें शव मिले।
उन्होंने कहा, "जब हम वहां से निकले तो अस्पताल तबाह हो चुका था। वहां पानी, ऑक्सीजन या दवाएं नहीं हैं। अस्पताल पर बाहर से हमला किया जा रहा है।"
उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार के साथ रहने के लिए गाजा के उत्तर में जा रहे हैं और वह सड़क पर चल रहे हैं।
अलबुर्श ने आईएएनएस को बताया कि डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी वाहदा सड़क पर घूम रहे थे और उन्हें घायल और घायल लोग मिले, लेकिन वे उनकी मदद करने में सक्षम नहीं थे क्योंकि उनके पास कोई अन्य चिकित्सा उपकरण नहीं थे। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 18 नवंबर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली ने गर्भधारण के छह सप्ताह बाद गर्भपात कराने पर कड़े प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया है, जिसको लेकर वह बाइडन और हैरिस की प्रचार टीम के निशाने पर आ गई हैं।
हेली से शुक्रवार को पूछा गया था, “अगर आप दक्षिण कैरोलीना गवर्नर होतीं, तो क्या आप (गर्भपात) विधेयक पर हस्ताक्षर करतीं?”
इस पर हेली ने कहा, “हां”
बाइड-हैरिस की प्रचार टीम ने गर्भपात पर कड़े प्रतिबंध लगाने का समर्थन करने के लिए शुक्रवार को हेली (51) की आलोचना की।
‘बाइडन-हैरिस 2024 रैपिड रिस्पॉंस’ के निदेशक अम्मार मूसा ने एक बयान में कहा, “निक्की हेली बिल्कुल उदारवादी नहीं हैं-वह गर्भपात-विरोधी चरमपंथी हैं, जो महिलाओं की स्वतंत्रता को छीनना चाहती हैं, ऐसा ही उन्होंने दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर रहते हुए किया था। ”
उन्होंने कहा, "अब हेली उसी डर, चिंता और भय को देश की हर महिला के मन में उत्पन्न करने का वादा कर रही हैं जिसे उन्होंने दक्षिण कैरोलिना की महिलाओं पर थोपा था।”
मूसा ने कहा, “चाहे डोनाल्ड ट्रंप हों या निक्की हेली - वे एक खतरनाक स्वतंत्रता-विरोधी एजेंडे परे चल रहे हैं। अमेरिकी लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे ऐसा नहीं चाहते हैं।” (भाषा)
एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार कि जर्मनी में नाजी शासन के दौरान 3,50,000 से ज्यादा लोगों की नसबंदी की गई थी. इसमें डॉक्टरों और चिकित्सा क्षेत्र के अन्य पेशेवरों की भी भूमिका थी. उस दौर की घटना से आज के डॉक्टर सबक ले सकते हैं.
डॉयचे वैले पर अलेक्जांडर फ्रॉयंड की रिपोर्ट-
ऑस्ट्रिया के वियना मेडिकल यूनिवर्सिटी के हेरविग चेक कहते हैं, "यह आश्चर्य की बात है कि मौजूदा समय में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों को नाजियों के चिकित्सा अपराध के बारे में काफी कम जानकारी है. उन्हें आउशवित्स में योसेफ मेंगेले के प्रयोगों के अलावा शायद किसी अन्य बात की जानकारी नहीं है.” इसलिए, हेरविग चेक और उनके सहयोगियों ने तीन साल पहले प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल द लैंसेट के प्रधान संपादक को एक नया आयोग बनाने का सुझाव दिया था.
उन्होंने योजना बनाई कि नाजी शासन के चिकित्सा अपराधों के बारे में लोगों को जानकारी दी जाए. इससे चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े लोग भी भविष्य के लिए किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाएंगे. इस आयोग ने नवंबर 2023 में अपनी रिपोर्ट जारी की.
नाजी अत्याचारों की विस्तृत जानकारी
शोधकर्ताओं ने थर्ड राइष यानी कि 1933 से लेकर 1945 तक के नाजी जर्मनी में किए गए चिकित्सा अत्याचारों के ऐतिहासिक साक्ष्य इकट्ठा किए. इससे पता चलता है कि अत्याचार करने वालों की संख्या काफी ज्यादा थी. उन अत्याचारों के नतीजे आज भी महसूस किए जा सकते हैं.
रिपोर्ट से पता चलता है कि किस तरह डॉक्टरों और चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने जबरन नसबंदी कानून बनाने में मदद की और 3,50,000 से ज्यादा लोगों की नसबंदी करने में शामिल रहे. इन लोगों को नाजियों के नस्ल कानून के तहत ‘आनुवंशिक रूप से निम्न' माना गया था. जिन लोगों की नसबंदी की गई उनमें से काफी लोगों पर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से गंभीर असर पड़ा. इनमें से काफी लोगों की मौत हो गई.
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और उसके कब्जे वाले इलाकों में दिमागी असंतुलन, मानसिक और शारीरिक विकलांगता वाले कम से कम 2,30,000 लोगों की ‘इच्छा मृत्यु कार्यक्रमों' के तहत हत्या कर दी गई थी. उदाहरण के लिए, कंसंट्रेशन कैंप में कैद दसियों हजार लोगों पर मेडिकल परीक्षण किए गए.
अपराधों को जायज ठहराने के लिए युजिनिक्स का इस्तेमाल
इन अत्याचारों को जायज ठहराने के लिए, नाजियों की नस्लीय विचारधारा को छद्म-वैज्ञानिक प्रमाणिकता के तौर पर इस्तेमाल किया गया था. नाजियों ने युजिनिक्स के आधार पर इसे ‘नस्लीय स्वच्छता' कहा था. युजिनिक्स के तहत माना जाता था कि चयनात्मक प्रजनन से मानव जाति में सुधार लाया जा सकता है. यह सिद्धांत चार्ल्स डार्विन के काम पर आधारित था, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के मध्य में मानव विकास का अपना सिद्धांत (थियरी ऑफ इवोल्यूशन) प्रकाशित किया था.
इस सिद्धांत के मुताबिक, किसी प्रजाति के केवल सबसे योग्य सदस्य ही प्राकृतिक चयन की प्रक्रिया में जीवित रहते हैं, जबकि अन्य गायब हो जाते हैं. युजिनिस्टों ने प्राकृतिक चयन के इस सिद्धांत को मानव समाज पर लागू किया. उनका लक्ष्य कथित तौर पर ‘अच्छे' वंशानुगत गुणों वाले लोगों के वंश को आगे बढ़ाना और ‘निम्न' वंशानुगत गुणों वाले लोगों के वंश को खत्म करना था.
सामाजिक बुराईयों के लिए ‘निम्न' गुण वालों को बनाया बलि का बकरा
जर्मनी और अन्य सभी जगहों पर सभी पार्टियों और सामाजिक वर्गों ने युजिनिक्स को विज्ञान के तौर पर स्वीकार किया. यहां तक कि शोधकर्ता और डॉक्टर भी इस बात से सहमत थे. इससे कथित तौर पर ‘निम्न' लोगों को काफी ज्यादा कष्ट झेलना पड़ा.
20वीं सदी की शुरुआत में जर्मनी में युजिनिक्स सिद्धांत को अपनी जड़ें जमाने में कोई परेशानी नहीं हुई, क्योंकि बहुत से लोग संघर्ष कर रहे थे. बड़े पैमाने पर बेरोजगारी थी. लोग गंदी जगहों पर रहने को मजबूर थे. अपराध में बेतहाशा वृद्धि हो रही थी. तेजी से बीमारियां फैल रही थीं और मृत्यु दर काफी ज्यादा बढ़ गई थी.
युजिनिक्स को मानने वालों का कहना था कि इस निराशाजनक स्थिति के लिए ‘निम्न जैविक पदार्थ' जिम्मेदार है. इन्होंने दावा किया कि समाज को विनाश से बचाने के लिए जबरन नसबंदी या ‘नालायक लोगों' की हत्या जैसे युजिनिकल उपाय अपनाने होंगे. युजिनिस्टों के मुताबिक, ‘नालायक लोगों' के लिए पर्याप्त धन, भोजन और जगह नहीं थी.
नस्ल के प्रति नाजियों का जुनून
नाजियों ने अपने नस्ल कानून को सही ठहराने के लिए युजिनिक्स को अपनाया. उन्होंने तथाकथित ‘नस्लीय रूप से शुद्ध आर्य बच्चों' के पालन-पोषण को प्रोत्साहित किया. साथ ही, वे चाहते थे कि कंसंट्रेशन कैंप में जबरन नसबंदी, इच्छा मृत्यु या व्यवस्थित तरीके से हत्या के जरिए ‘नालायक लोगों' को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए. शोधकर्ता और डॉक्टर उनकी इन कोशिशों में सक्रिय तौर पर शामिल थे.
द लैंसेट की नई रिपोर्ट को तैयार करने के लिए 878 स्रोतों का इस्तेमाल किया गया और यह अब तक की अपनी तरह की सबसे विस्तृत रिपोर्ट है. इसमें नाजी शासन के दौरान चिकित्सा के क्षेत्र में किए गए अनुसंधान की जानकारी दी गई है. अपराधियों और पीड़ितों सहित कैद किए गए उन डॉक्टरों का चित्र है जिन्होंने मुश्किल हालात में अपने साथी कैदियों का इलाज किया.
इस्तेमाल में है नाजी काल की एनाटोमी की किताब
पूर्व में हुए अपराधों से निपटने के प्रयासों के बावजूद, कई अपराधियों और उनके सहयोगियों को युद्ध के बाद जिम्मेदार नहीं ठहराया गया या सिर्फ कुछ लोगों को कई वर्षों बाद सजा मिली. रिपोर्ट में पाया गया है कि नाजियों ने जिन जानकारियों को इकट्ठा किया उनका इस्तेमाल अक्सर बिना दोबारा जांचे किया जाता रहा है. उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रियाई एनाटोमिस्ट (शरीर रचना विज्ञानी) एडुआर्ड पर्नकॉप्फ की किताब आज भी इस्तेमाल की जाती है, क्योंकि इसमें विस्तृत जानकारी दी गई है. जबकि, नाजियों ने इस किताब में उन लोगों की तस्वीरें शामिल की थीं जिन्हें थर्ड राइष के दौरान मार डाला गया था.
आयोग का लक्ष्य डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को चिकित्सा से जुड़ी उन जानकारियों के स्रोत के बारे में बताना भी है जिनका वे इस्तेमाल करते हैं. आयोग के सह-अध्यक्ष और येरूशलम हिब्रू विश्वविद्यालय के शामुएल पिनहास राइष ने कहा, "मेडिकल छात्रों, शोधकर्ताओं और चिकित्सा पेशेवरों को पता होना चाहिए कि चिकित्सा ज्ञान की मूल बातों का स्रोत क्या है.”
भविष्य के लिए इस रिपोर्ट के मायने
आयोग की रिपोर्ट को लेखक पहले कदम के रूप में देखते हैं. वे विस्तृत ऑनलाइन दस्तावेज तैयार करने की योजना बना रहे हैं. आयोग की एक अन्य सह-अध्यक्ष और बॉस्टन स्थित हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की सबीने हिल्डेब्रांट ने कहा, "नाजियों ने चिकित्सा से जुड़े जो अत्याचार किए हैं वे इतिहास में मानवाधिकारों के उल्लंघन के सबसे क्रूर और उल्लिखित उदाहरणों में से एक हैं.”
सबिने हिल्डेब्रांट का कहना है, "हमें मानवता के सबसे बुरे इतिहास का अध्ययन करना चाहिए. इससे मौजूदा समय में उस तरह के मिलते-जुलते पैटर्न को पहचानने और उससे मुकाबला करने में मदद मिलती है.” (dw.com)
गाजा, 18 नवंबर । गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने घोषणा की है कि 7 अक्टूबर को इजरायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से एन्क्लेव में फिलिस्तीनी मौतों की कुल संख्या 12 हजार से अधिक हो गई है।
मीडिया कार्यालय के महानिदेशक इस्माइल अल-थवाब्ता ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मृतकों में 5,000 बच्चे और 3,300 महिलाएं हैं, जबकि 30,000 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अल-थवाब्ता ने कहा कि लापता व्यक्तियों की संख्या 3,750 से अधिक हो गई है, इनमें 1,800 बच्चे भी शामिल हैं, जो अभी भी इजराइली हमलों में नष्ट हुई इमारतों के मलबे में दबे हुए हैं।
उन्होंने फिलिस्तीनियों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित करने और उन्हें विस्थापित करने के लिए मजबूर करने के लिए इजरायली सेना पर जानबूझकर गाजा पट्टी के अस्पतालों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
फिलिस्तीनी अधिकारी ने सैकड़ों बीमार और घायल लोगों और अंदर शरण लेने वाले हजारों विस्थापित लोगों के सामने आने वाले खतरे के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से "अल-शिफा मेडिकल कॉम्प्लेक्स को मुक्त कराने और इसे तत्काल ईंधन की आपूर्ति करने" के लिए हस्तक्षेप करने का आह्वान किया।
चिकित्सा परिसर, गाजा में सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान को, हाल ही में इजरायली बलों द्वारा तलाशी अभियान और नाकाबंदी का सामना करना पड़ा, जिन्होंने कहा कि अस्पताल का उपयोग हमास द्वारा सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है, इस दावे का हमास और अस्पताल प्रशासन ने बार-बार खंडन किया है।
7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमास के हमलों का बदला लेने के लिए इज़राइल गाजा पर चौतरफा हमला कर रहा है। (आईएएनएस)।
रामल्ला, 18 नवंबर । रामल्ला स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वेस्ट बैंक के हेब्रोन और जेनिन शहरों में इजराइली सेना के साथ झड़प में कम से कम पांच फिलिस्तीनी मारे गए।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि उनमें से दो को शुक्रवार सुबह हेब्रोन के उत्तर में एक इजराइली सैन्य चौकी पर गोली मार दी गई।
इज़राइली सेना ने कहा कि उसके सैनिकों ने एक वाहन के अंदर फ़िलिस्तीनियों के हमले का जवाब दिया।
इज़राइली मीडिया ने बताया कि कार के अंदर दो व्यक्ति थे, इनमें से एक गाड़ी चला रहा था और दूसरा सैन्य बलों पर गोलीबारी कर रहा था।
इससे पहले शुक्रवार को मंत्रालय ने इजराइली हवाई हमले के बाद उत्तरी वेस्ट बैंक में जेनिन शरणार्थी शिविर में तीन व्यक्तियों की मौत की घोषणा की थी।
आधिकारिक फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफ के अनुसार, 7 अक्टूबर को इज़रायली-फ़िलिस्तीनी संघर्ष का एक नया दौर शुरू होने के बाद से वेस्ट बैंक में इज़रायली गोलीबारी में 200 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 18 नवंबर । अचानक हुए घटनाक्रम में, एआई चैटबॉट चैटजीपीटी के डेवलपर सैम ऑल्टमैन को ओपनएआई के सीईओ पद से हटा दिया गया है।
बोर्ड ने अपने एक निष्कर्ष में कहा कि वह बोर्ड के साथ अपनी बातचीत में स्पष्ट नहीं थे और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह नहीं निभा रहे थे। अब मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी मीरा मुराती अंतरिम सीईओ होंगी।
ऑल्टमैन ने एक्स पर पोस्ट किया, "मुझे ओपनएआई में अपना समय बहुत पसंद आया। यह दुनिया के लिए थोड़ा परिवर्तनकारी था। सबसे ज्यादा मुझे ऐसे प्रतिभाशाली लोगों के साथ काम करना पसंद आया। आगे क्या होगा, इसके बारे में बाद में और कुछ कहूंगा।"
सेमाफोर के अनुसार, ऑल्टमैन "हार्ड टेक" पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक उद्यम पूंजी कोष जुटाने की प्रक्रिया में है।
ओपनएआई के अध्यक्ष और सह-संस्थापक ग्रेग ब्रॉकमैन ने भी बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन कंपनी में बने रहेंगे।
माइक्रोसॉफ्ट ने ओपन एआई में अरबों डॉलर का निवेश किया है। द वर्ज को बताया कि वह कंपनी के साथ साझेदारी करना जारी रखेगा।
कंपनी के एक बयान के अनुसार, "ओपनएआई के साथ हमारी दीर्घकालिक साझेदारी है और माइक्रोसॉफ्ट मीरा और उनकी टीम के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि हम एआई के इस अगले युग को अपने ग्राहकों के लिए ला रहे हैं।"
माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने कहा कि कंपनी का ओपनएआई के साथ एक दीर्घकालिक समझौता है, "हमें अपने इनोवेशन एजेंडे और एक रोमांचक उत्पाद रोडमैप पर हर चीज की पूरी पहुंच मिलेगी; और हम अपनी साझेदारी और मीरा और टीम के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे।"
नडेला ने एक्स पर पोस्ट किया, "एक साथ मिलकर, हम दुनिया को इस तकनीक का सार्थक लाभ पहुंचाना जारी रखेंगे।"
पांच वर्षों तक ओपनएआई की नेतृत्व टीम के सदस्य, मुराती ने ओपनएआई के वैश्विक एआई नेता के रूप में विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कंपनी ने कहा, वह एक अद्वितीय कौशल सेट, कंपनी के मूल्यों, संचालन और व्यवसाय की समझ लाती है और पहले से ही कंपनी के अनुसंधान, उत्पाद और सुरक्षा कार्यों का नेतृत्व करती है।
एक बयान में, निदेशक मंडल ने कहा: "हम ओपनएआई की स्थापना और विकास में ऑल्टमैन के कई योगदानों के लिए आभारी हैं। साथ ही, हमारा मानना है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, नया नेतृत्व आवश्यक है।" (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 18 नवंबर । टेक प्रमुख आईबीएम के बाद, आईफोन निर्माता एप्पल ने भी कथित तौर पर एक्स से विज्ञापन वापस ले लिया है क्योंकि इसके मालिक एलन मस्क लगातार उन पोस्ट से सहमति जता रहे हैं जो यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा देते हैं।
एक्सियोस ने शुक्रवार देर रात रिपोर्ट दी कि मस्क द्वारा यहूदी विरोधी साजिश सिद्धांतों के समर्थन के बाद एप्पल मस्क द्वारा संचालित प्लेटफॉर्म पर सभी विज्ञापन रोक रहा है। एप्पल एक्स पर एक प्रमुख विज्ञापनदाता रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डिज्नी, वार्नर ब्रदर्स, डिस्कवरी, पैरामाउंट और कॉमकास्ट/एनबीसीयूनिवर्सल भी अपने विज्ञापन रोक रहे हैं। कम से कम दो अन्य संगठनों, लायंसगेट और यूरोपीय आयोग ने भी कथित तौर पर "दुष्प्रचार के प्रसार से संबंधित व्यापक चिंताओं" के कारण एक्स पर विज्ञापन रोक दिया है।
गैर-लाभकारी संगठन मीडिया मैटर्स ने इस विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मस्क श्वेत राष्ट्रवादी और यहूदी विरोधी षड्यंत्र के सिद्धांतों पर आगे बढ़ रहा है, उनका सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एडॉल्फ हिटलर और उनकी नाजी पार्टी का समर्थन करने वाले कंटेंट के आसपास एप्पल, ब्रावो (एनबीसीयूनिवर्सल), आईबीएम, ओरेकल और एक्सफ़िनिटी (कॉमकास्ट) जैसे प्रमुख ब्रांडों के लिए विज्ञापन दे रहा है।
मीडिया मैटर्स ने एक रिपोर्ट में कहा, "एक्स ने अपने निर्माता विज्ञापन राजस्व साझाकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में कट्टरपंथियों के कई अकाउंट्स को भी बहाल किया है और दूर-दराज चरमपंथियों को भुगतान किया है, जिसमें जाहिर तौर पर हिटलर-समर्थक और होलोकॉस्ट डेनियर अकाउंट भी शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्क द्वारा प्रेरित इस अराजकता के दौरान, हिटलर समर्थक, होलोकॉस्ट डेनियल, श्वेत राष्ट्रवादी, हिंसा समर्थक और नव-नाजी अकाउंट्स पर कॉर्पोरेट विज्ञापन भी दिखाई दे रहे हैं।
मस्क ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया: "मीडिया मैटर्स पूरी तरह से नुकसानदायक है।" (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 18 नवंबर । ओपनएआई के सीईओ पद से बर्खास्त किए गए सैम ऑल्टमैन द्वारा सह-स्थापित क्रिप्टो प्रोजेक्ट वर्ल्डकॉइन का टोकन शनिवार को क्रैश हो गया।
कॉइन मार्केट कैप डेटा के अनुसार, डब्ल्यूएलडी नामक टोकन 12 प्रतिशत से अधिक गिरकर 1.91 डॉलर पर आ गया।
ऑल्टमैन के क्रिप्टो प्रोजेक्ट ने मई में ब्लॉकचेन कैपिटल के नेतृत्व में सीरीज सी राउंड में 115 मिलियन डॉलर जुटाए।
जुलाई में, ऑल्टमैन ने ऑनलाइन एआई से एक विश्वसनीय समाधान बनाने, वैश्विक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सक्षम करने और आर्थिक अवसर में भारी वृद्धि करने में मदद करने के लिए आईबॉल-स्कैनिंग क्रिप्टोकरेंसी स्टार्टअप 'वर्ल्डकॉइन' लॉन्च किया।
ऑल्टमैन ने कहा था, "सफल होने पर हमारा मानना है कि वर्ल्डकॉइन आर्थिक अवसरों में भारी वृद्धि कर सकता है, गोपनीयता बनाए रखते हुए ऑनलाइन एआई से ह्यूमन को अलग करने के लिए एक विश्वसनीय समाधान का पैमाना बना सकता है, वैश्विक लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सक्षम कर सकता है, और अंततः एआई-फंडिंग यूबीआई के लिए एक संभावित रास्ता दिखा सकता है।''
वर्ल्डकॉइन में एक गोपनीयता-संरक्षण डिजिटल पहचान (वर्ल्ड आईडी) शामिल है और एक डिजिटल मुद्रा (डब्ल्यूएलडी) केवल प्राप्त की जाती है।
वर्ल्डकॉइन के एप्लिकेशन के चार मिलियन से अधिक डाउनलोड हैं और इसके एक्टिव यूजर्स विश्व स्तर पर "दोगुने से भी अधिक" हैं।
इस बीच, ऑल्टमैन को एआई चैटबॉट चैटजीपीटी के डेवलपर ओपनएआई के सीईओ के पद से हटा दिया गया और कंपनी के बोर्ड ने शुक्रवार देर रात कहा कि उसे अब ओपनएआई का नेतृत्व जारी रखने की उनकी क्षमता पर भरोसा नहीं है।
शुक्रवार की देर रात उसे ओपनएआई का नेतृत्व जारी रखने की उसकी क्षमता पर भरोसा नहीं रह गया है।
अल्टमैन के अचानक चले जाने के बाद बोर्ड ने एक विचारशील समीक्षा प्रक्रिया अपनाई, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि वह बोर्ड के साथ अपने संचार में लगातार स्पष्टवादी नहीं थे, जिससे अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की क्षमता में बाधा आ रही थी।
मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी मीरा मुराती तत्काल प्रभाव से अंतरिम सीईओ होंगी और कंपनी एक स्थायी सीईओ उत्तराधिकारी की तलाश करेगी। (आईएएनएस)।
ग़ज़ा पट्टी में ईंधन की कमी की वजह से इंटरनेट और मोबाइल सर्विस ठप है. ईंधन की कमी की वजह से जेनरेटर नहीं चल रहे हैं. ये जेनरेटर मोबाइल टावर को चला रहे थे. टेलीकॉम कंपनी पैलटेल और जवाल ने कहा है कि उनके नेटवर्कों को चलाने के लिए जरूरी ईंधन खत्म हो गया है. इसराइल ने पांच सप्ताह पहले हमास से युद्ध शुरू होने के बाद सिर्फ ईंधन की एक बार डिलीवरी हुई है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि ब्लैकआउट की वजह से मानवीय सहायता से जुड़े काम बाधित हो रहे हैं. हालांकि शनिवार को इसराइल ने कहा है कि वो हर दिन ग़ज़ा में ईंधन के दो ट्रकों की एंट्री की इजाज़त देगा. (bbc.com/hindi)
यरूशलम, 17 नवंबर । इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने गाजा में अल-शिफा अस्पताल के पास से एक महिला बंधक का शव बरामद किया है, जिसका कथित तौर पर 7 अक्टूबर को हमास द्वारा अपहरण कर लिया गया था।
आईडीएफ ने घोषणा की कि उसे येहुदित वीस का शव मिला है "जिसका 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर लिया गया था।"
इज़राइली सेना ने कहा कि आईडीएफ की 603 कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन ने अस्पताल के नजदीक एक संरचना के पास से बेरी के दक्षिणी किबुतज़ के रहने वाले वीस का शव बरामद किया।
आईडीएफ ने कहा कि जिस स्थान पर शव मिला, वहां से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया।
शव को इजरायली क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है, सेना ने कहा, फोरेंसिक मेडिसिन संस्थान के साथ सेना, चिकित्सा और खरगोश (धार्मिक) कर्मियों द्वारा एक पहचान प्रक्रिया आयोजित की गई है।
आईडीएफ और इजराइली पुलिस कर्मियों ने परिवार को उसकी मौत के बारे में सूचित कर दिया है।
जब हमास ने उसका अपहरण कर लिया था, तब वह कैंसर से जूझ रही थी।
आईडीएफ ने दोहराया कि राष्ट्रीय कार्य लापता लोगों का पता लगाना और अपहृत व्यक्तियों को घर लौटाना है।
सेना ने कहा कि वह इन कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित राष्ट्रीय और सुरक्षा संस्थानों के साथ और पूर्ण समन्वय में काम कर रही है और कहा कि जब तक यह पूरा नहीं हो जाता तब तक वह मिशन से नहीं हटेगी। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 17 नवंबर । एप्पल ने 2024 के अंत में अधिकांश एंड्रॉइड डिवाइसों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आईफोन पर आरसीएस (रिच कम्युनिकेशन सर्विसेज) मैसेजिंग मानक का समर्थन करने की घोषणा की है।
9टू5 मैक को दिए एक बयान में, टेक दिग्गज ने कहा कि आरसीएस क्रॉस-प्लेटफॉर्म मैसेज के लिए बेहतर इंटरऑपरेबिलिटी प्रदान करेगा।
एप्पल के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया था, ''अगले साल के अंत में, हम आरसीएस यूनिवर्सल प्रोफाइल के लिए समर्थन जोड़ देंगे, जो वर्तमान में जीएसएम एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित मानक है। हमारा मानना है कि आरसीएस यूनिवर्सल प्रोफाइल एसएमएस या एमएमएस की तुलना में बेहतर इंटरऑपरेबिलिटी अनुभव प्रदान करेगा।''
कंपनी ने कहा, यह आईमैसेज के साथ काम करेगा, जो एप्पल यूजर्स के लिए सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित मैसेजिंग एक्सपीरियंस बना रहेगा।
एप्पल का निर्णय यूरोपीय संघ के डिजिटल मार्केट एक्ट (डीएमए) जैसे नियामकों और गूगल और सैमसंग जैसे प्रतिस्पर्धियों के दबाव के बीच आया। आरसीएस क्रॉस-प्लेटफॉर्म टेक्स्ट में आईमैसेज-स्टाइल फीचर लाता है।
आरसीएस को अपनाने वाला आईफोन आईफोन और एंड्रॉइड डिवाइसों के बीच टेक्स्ट भेजते समय एन्क्रिप्शन, रीड रिसीट्स, टाइपिंग इंडिकेटर, हाई-रिजॉल्यूशन इमेज और वीडियो के लिए समर्थन सक्षम कर सकता है।
एप्पल यूजर्स को टेक्स्ट थ्रेड्स में लोकेशन शेयर करने देगा और आरसीएस मैसेज एसएमएस मैसेज की तरह ग्रीन होंगे।
हालांकि, एप्पल आईमैसेज को अन्य प्लेटफॉर्म पर नहीं खोल रहा है, बल्कि एसएमएस और एमएमएस को रिप्लेस कर रहा है और उपलब्ध होने पर आईमैसेज से अलग मौजूद है।
सितंबर में, यूरोपीय आयोग ने यह निर्धारित करने के लिए आईमैसेज की जांच शुरू की कि क्या इसे "कोर प्लेटफॉर्म सर्विस" माना जाना चाहिए।
एप्पल ने तर्क दिया कि आईमैसेज यूरोप में नियमों को लागू करने के लिए पर्याप्त लोकप्रिय नहीं है।
गूगल और सैमसंग एप्पल पर आसीएस के लिए समर्थन जोड़ने के लिए दबाव डाल रहे हैं। (आईएएनएस)।
इसराइली सेना ने कहा है कि उसके सैनिकों को ग़ज़ा में बंधक बनाई गई एक महिला का शव मिला है.
महिला को हमास ने अपने हमले के दौरान बंधक बनाया था. इसराइल डिफेंस फोर्सेज के मुताबिक 65 वर्षीय इसराइली महिला येहूदित विस का शव अल शिफ़ा अस्पताल के नजदीक एक मकान से बरामद किया गया.
बंधकों को छुड़ाने की मांग पर बने संगठन ब्रिंग देम होम के मुताबिक़ महिला को ब्रेस्ट कैंसर था. 7 अक्टूबर को जब हमास ने हमला किया था तो उस वक्त महिला अपनी बीमारी से उबर रही थीं.
बंधक बनाए जाते समय वो अपनी दवा साथ नहीं ले जा पाई थीं. इसराइली सेना ने कहा कि हमास ने अपने हमले के दौरान 240 इसराइली नागरिकों को बंधक बना लिया था. (bbc.com/hindi)
लंदन, 16 नवंबर । चर्च ऑफ इंग्लैंड के तहत आने वाले पैरिश समलैंगिक जोड़ों के लिए विशेष सेवाओं की अनुमति देंगे, इसमें अंगूठियां पहनना, प्रार्थनाएं, कंफ़ेटी और पुजारी से आशीर्वाद शामिल होगा, लेकिन औपचारिक शादियां नहीं।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक चर्च ऑफ़ इंग्लैंड की आधिकारिक शिक्षा यह है कि विवाह केवल एक पुरुष और एक महिला के बीच होता है। चर्च की विधायी संस्था जनरल सिनॉड में परीक्षण के आधार पर सेवाओं को समर्थन देने का संशोधन बुधवार को एक वोट से पारित हो गया।
इसके पारित होने का मतलब है कि सामान्य चर्च सेवा के भीतर केवल प्रार्थनाओं के बजाय आशीर्वाद की विशिष्ट सेवाओं की अनुमति दी जा सकती है।
हालांकि अस्थायी परीक्षण सेवाओं को शुरू करने के लिए कोई निर्धारित समय-सीमा नहीं है, लेकिन यह समझा जाता है कि इन्हें नए साल में पहली सेवाओं के साथ आने वाले हफ्तों में अधिकृत किया जा सकता है।
ऑक्सफोर्ड के बिशप, आरटी रेव स्टीफन क्रॉफ्ट, जिन्होंने चर्च के रुख में बदलाव के लिए अभियान चलाया है, ने कहा कि वह "खुश" हैं।
उन्होंने कहा, जो लोग इन प्रार्थनाओं को प्राप्त करने के लिए आएंगे वे चर्च के जीवन में पूरी तरह से स्वागत महसूस करेंगे।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, विवाह पर चर्च ऑफ इंग्लैंड की आधिकारिक स्थिति स्कॉटलैंड में इसके एंग्लिकन समकक्ष - स्कॉटिश एपिस्कोपल चर्च - और स्कॉटलैंड के प्रेस्बिटेरियन चर्च के साथ विरोधाभासी है, जो दोनों समलैंगिक विवाह की अनुमति देते हैं।
वेल्स में एंग्लिकन चर्च ने समलैंगिक जोड़ों के लिए आशीर्वाद की सेवा प्रदान की है, लेकिन चर्च में समलैंगिक विवाह की अनुमति नहीं देता है। (आईएएनएस)