अंतरराष्ट्रीय
तेज़ हो रहे इसराइल-हमास युद्ध और ग़ज़ा में बढ़ रहे मानवीय संकट के बीच तुर्की का एक जहाज़ मिस्र पहुंचा है.
इस जहाज़ में फ़ील्ड हॉस्पिटल (आपात स्थिति के लिए तैयार किए जाने वाले अस्पताल) को बनाने के सामान मौजूद है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़, ये जहाज़ मिस्र के अल अरीश बंदरगाह पर पहुंचा है जो रफ़ाह बॉर्डर क्रॉसिंग के नज़दीक ही है.
तुर्की के एक स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक़, इस जहाज़ में राहत सामग्री, जेनरेटर और एंबुलेंस हैं जिनका इस्तेमाल इमरजेंसी हॉस्पिटल बनाने के लिए किया जा सकता है.
ये जहाज़ ऐसे समय में पहुंचा है जब हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि ग़ज़ा में लगभग सभी अस्पतालों ने काम बंद कर दिया है.
ग़ज़ा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफ़ा में इस समय हालात बेहद मुश्किल हैं.
यहां बिजली ना होने की वजह से नवजात बच्चों को इनक्यूबेटर से हटाना पड़ा है. पिछले चौबीस घंटों में यहां कई बच्चों और भर्ती बीमार लोगों की मौतें हुई हैं.
इसराइल की सेना इस समय ग़ज़ा में ज़मीनी अभियान चला रही है और अल-शिफ़ा, अल-क़ुद्स और उत्तरी ग़ज़ा में स्थित अन्य अस्पतालों के क़रीब भीषण झड़पें हुई हैं.
इसराइल का दावा है कि अल-शिफ़ा अस्पताल कंपाउंड के नीचे सुरंगों में हमास का कमांड और कंट्रोल सेंटर हैं. इसराइली सैनिक यहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
हमास और अल शिफ़ा अस्पताल ने इन दावों को ख़ारिज किया है.
इसी बीच यूरोपीय संघ के मानवीय मदद विभाग के प्रमुख ने कहा है कि ग़ज़ा में जारी लड़ाई में 'ठहराव' आना चाहिए. उन्होंने ग़ज़ा के अस्पतालों के लिए ईंधन की आपूर्ति करने की अपील भी की है.
येनेज लेनार्किक ने कहा है, "मानवीय ठहराव को परिभाषित करना और इसका सम्मान करना बेहद ज़रूरी है."
ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान येनेज ने कहा, "ईंधन पहुंचाने की ज़रूरत है, जैसा कि आप देख रहे हैं, ग़ज़ा में आधे से अधिक अस्पताल बंद पड़े हैं, इसकी प्रमुख वजह ईंधन की कमी है, ईंधन भीतर जाना ही चाहिए." (bbc.com/hindi)
खान यूनिस, 12 नवंबर। इजराइल ने गाजा पट्टी के सबसे बड़े अस्पताल के पास अपने सैनिकों और हमास चरमपंथियों में भीषण लड़ाई के बीच क्षेत्र में शनिवार को पूरी रात और रविवार सुबह बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए तथा गोले बरसाए।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि अस्पताल में बिजली आपूर्ति ठप्प पड़ने और आवश्यक सामग्री की उपलब्धता घटने से हजारों चिकित्सा कर्मी, मरीज तथा विस्थापित फंसे हुए हैं।
इससे पहले, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्ष-विराम की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय अपील को शनिवार को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि गाजा पट्टी में सत्तारूढ़ हमास चरमपंथियों को कुचलने के लिए इजराइल की लड़ाई ‘‘पूरी ताकत’’ के साथ जारी रहेगी।
टेलीविजन पर दिए संबोधन में नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि संघर्ष-विराम तभी संभव है, जब गाजा में चरमपंथियों द्वारा बंधक बनाए गए सभी 240 लोगों को मुक्त किया जाएगा।
इजराइल ने गाजा में हमास के 16 साल के शासन को खत्म करने और हमले करने की उसकी क्षमता को खत्म का संकल्प लिया है। उसने क्षेत्र में फंसे 23 लाख फलस्तीनियों पर युद्ध से पड़ने वाले असर के लिए हमास चरमपंथियों को दोषी ठहराया है।
गाजा शहर में, निवासियों ने शिफा अस्पताल के आसपास के क्षेत्र समेत विभिन्न इलाकों में रात भर भारी हवाई हमले और गोलाबारी होते रहने की जानकारी दी।
इजराइल ने हमास पर अस्पताल परिसर के अंदर और नीचे एक कमान पोस्ट बनाने का आरोप लगाया है। वहीं, हमास और अस्पताल के कर्मचारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
अस्पताल में शरण लिए अहमद अल-बोरश नाम के व्यक्ति ने कहा, ‘‘हमने उनके आने के इंतजार में घबराहट में रात बिताई। वे बाहर हैं, लेकिन ज़्यादा दूर नहीं हैं।’’
अस्पताल और उसके आसपास की स्थिति का स्वतंत्र रूप से पता लगाना संभव नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि शिफा में अब भी 1,500 मरीज हैं, साथ ही 1,500 चिकित्सा कर्मी और 15,000 से 20,000 लोग आश्रय तलाश रहे हैं। हजारों लोग शिफा और अन्य अस्पतालों से भाग गए हैं। चिकित्सकों ने कहा कि हर किसी के लिए बाहर निकलना असंभव है।
फलस्तीनी रेड क्रिसेंट बचाव सेवा ने कहा कि गाजा सिटी का एक अन्य अस्पताल, अल-कुद्स, अब बंद हो गया है क्योंकि ईंधन खत्म हो गया है।
गाजा के एकमात्र बिजली संयंत्र को एक महीने पहले मजबूरन बंद कर दिया गया था, और इजराइल ने यह कहते हुए ईंधन के आयात पर रोक लगा दी थी कि हमास ईंधन का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए करेगा।
रेड क्रिसेंट के प्रवक्ता नेबल फरसाख ने कहा कि विस्थापित परिवारों, मरीजों और चिकित्सा कर्मियों समेत 6,000 लोग अस्पताल में फंसे हुए हैं।
युद्ध के छठे हफ्ते में प्रवेश करने के साथ ही इजराइल पर अस्थाई संघर्ष-विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
सऊदी अरब में शनिवार को 57 देशों के मुस्लिम और अरब नेताओं की एक बैठक में युद्ध समाप्त करने का आह्वान किया गया। वहीं, लंदन में लगभग तीन लाख फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्वक मार्च निकाला। यह इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से शहर में सबसे बड़ा प्रदर्शन है।
नेतन्याहू ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा कि युद्ध के बाद गाजा का असैन्यकरण किया जाएगा और इजराइल, क्षेत्र में अपना सुरक्षा नियंत्रण बनाए रखेगा। यह रुख इजराइल के निकटतम सहयोगी अमेरिका द्वारा युद्ध के बाद के परिदृश्यों को लेकर व्यक्त किए गए विचारों के विपरीत है। अमेरिका ने कहा था कि वह क्षेत्र के फिर से इजराइल के कब्जे में जाने का विरोध करता है।
यह पूछे जाने पर कि सुरक्षा नियंत्रण से उनका क्या मतलब है, नेतन्याहू ने कहा कि चरमपंथियों को पकड़ने के लिए जब जरूरी हो, इजराइली सेना गाजा में प्रवेश करने में सक्षम होनी चाहिए।
गाजा के सबसे बड़े अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा था कि क्षेत्र के आखिरी जेनरेटर का ईंधन खत्म होने के चलते समय से पहले जन्मे तीन शिशु चार अन्य मरीजों की मौत हो गई। मंत्रालय ने कहा कि बिजली नहीं होने के चलते 36 और बच्चों की जान जाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
चिकित्सकों के इस बयान के बाद इजराइल पर संघर्ष-विराम का दबाव बढ़ रहा है। हजारों घायलों, चिकित्सा कर्मियों और विस्थापित नागरिक युद्ध क्षेत्र में फंस हुये हैं।
नेतन्याहू ने ‘एनबीसी’ के ‘मीट द प्रेस’ कार्यक्रम में जोर देकर कहा कि इजराइल ने जनरेटर चलाने के लिए शिफ़ा अस्पताल को ईंधन की पेशकश की थी लेकिन ‘उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया।’ गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय और रेड क्रॉस समेत अन्य पक्षों की ओर से नेतन्याहू के इस दावे पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
नेतन्याहू ने ‘सीएनएन’ से बात करते हुए जोर देकर कहा कि शिफा से ‘‘100 या उससे अधिक’’ लोगों को निकाला गया है और इजराइल ने सुरक्षित गलियारे बनाए हैं।
इजराइली सेना ने कहा था कि वह रविवार को शिशुओं को ले जाने में सहायता करेगी और वह अस्पताल के कर्मचारियों के संपर्क में है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने निकासी और सुरक्षित गलियारों के दावों का खंडन किया है, और अस्पताल में आश्रय ले रहे लोगों ने कहा है कि वे बाहर जाने से डर रहे हैं।
इजराइल ने शिफा अस्पताल को हमास की मुख्य कमान चौकी बताते हुए कहा है कि आतंकवादी वहां नागरिकों का ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्होंने इसके नीचे बंकर बना रखे हैं। इस दावे का हमास के साथ ही शिफा प्रशासन ने खंडन किया है। हाल के दिनों में, उत्तरी गाजा में शिफा और अन्य अस्पतालों के पास लड़ाई तेज हो गई है, जिससे वहां जरूरी चीजों की आपूर्ति ठप पड़ गई है।
शिफा के निदेशक मोहम्मद अबू सेल्मिया ने गोलियों और विस्फोटों की आवाज के बीच फोन पर बात करते हुए कहा, “बिजली नहीं है। चिकित्सा उपकरण बंद हो गए हैं। मरीजों, विशेष रूप से आईसीयू में रखे गए मरीजों की मौत होने लगी है।’’
अबू सेल्मिया ने कहा कि इजराइली सैनिक ‘अस्पताल के बाहर या अंदर किसी को भी गोली मार रहे हैं’ और परिसर में इमारतों के बीच आवाजाही रोक दी है।
इजराइल की सेना ने अस्पताल के बाहर झड़प की पुष्टि की, लेकिन रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने इस बात से इनकार किया कि शिफा की घेराबंदी की गई है। उन्होंने कहा कि सैनिक शिफा में इलाज करा रहे शिशुओं को वहां से दूसरी जगह ले जाने में रविवार को मदद करेंगे। हगारी ने दावा किया, ‘‘हम अस्पताल के कर्मचारियों के साथ सीधे और नियमित रूप से बात कर रहे हैं।’’
इजराइल के सैन्य खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख अमोस याडलिन ने ‘चैनल 12’ से कहा कि चूंकि इजराइल का लक्ष्य हमास को कुचलना है, इसलिए अस्पतालों पर नियंत्रण कायम करना महत्वपूर्ण होगा, लेकिन इस दौरान मरीजों, अन्य नागरिकों और इजराइली बंधकों को नुकसान न पहुंचे, इसका भी ध्यान रखना होगा।
एपी जोहेब धीरज धीरज 1211 2220 खानयूनिस (एपी)
हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह के शनिवार को दिए गए भाषण के बाद लेबनान और इसराइल की सीमा पर गतिविधियां बढ़ गई हैं.
रविवार को हिज़बुल्लाह ने इसराइली सैनिकों और ठिकानों को निशाना बनाते हुए कई हमले करने का दावा किया है.
हिज़बुल्लाह समर्थित टीवी चैनल अल मनार की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ हिज़बुल्लाह ने बताया है कि उत्तरी इसराइल के डोवेव इलाक़े में वाहनों के काफ़िले को निशाना बनाकर किए गए हमले में कम से कम छह इसराइली सैनिक घायल हुए हैं.
इसराइल की सेना ने भी एंटी टैंक मिसाइल हमले में अपने सैनिकों के घायल होने की पुष्टि की है और एक सैनिक की हालत गंभीर बताई है. इसराइल की सेना ने हिज़बुल्लाह पर जवाबी हमले करने का दावा किया है.
लेबनानी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़, दक्षिणी लेबनान में कई नागरिक इलाक़ों पर इसराइल की तरफ़ से हमले हुए हैं.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ शनिवार की रात लड़ाई छिड़ने के बाद से अभी तक की सबसे हिंसक रात रही है.
वहीं रविवार देर शाम जारी एक बयान में आईडीएफ़ ने बताया है कि ‘पिछले एक घंटे में ही लेबनान की तरफ़ से इसराइल को निशाना बनाकर किए गए 15 लॉन्च की पहचान हुई है. चार को इसराइल एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया है जबकि बाकी खुले मैदानी इलाक़ों में गिरे हैं.’
आईडीएफ़ ने कहा है कि इसके जवाब में लॉन्च स्थलों पर तोपों से बमबारी की जा रही है.
इसराइली सेना ने बताया है कि रविवार को उत्तरी इसराइल के मनारा इलाक़े में हुए एक हमले में सात सैनिक मामूली रूप से घायल हुए हैं.
शनिवार को दिए अपने भाषण में हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने कहा था कि ग़ज़ा पर इसराइल हमले के जवाब में हिज़बुल्लाह ने इसराइली सेना पर अपने हमले तेज़ किए हैं और इसराइल के भीतरी इलाक़ों को निशाना बनाया है.
नसरल्लाह ने इसराइल के ऊपर ड्रोन उड़ाने और ख़ुफ़िया जानकारियां जुटाने का दावा भी किया था. (bbc.com/hindi)
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा इस समय भारत के साथ कोई लड़ाई नहीं चाहता है.
जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर ‘कनाडाई ज़मीन पर कनाडाई नागरिक की हत्या’ के आरोपों को दोहराते हुए कहा कि कनाडा इस बेहद गंभीर मुद्दे पर भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है.
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए ट्रूडो ने कहा कि भारत ने 40 से अधिक कनाडाई राजनयिकों को वापस भेजकर विएना कन्वेंशन का उल्लंघन किया है.
सितंबर में ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंट थे.
इन आरोपों के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई थी.
निज्जर की जून 2023 में कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भारत ने साल 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.
भारत ने ट्रूडो के इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया था. अब ताज़ा बयान में ट्रूडो ने कहा है कि कनाडा इस मुद्दे की तह तक जाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है.
ट्रूडो ने कहा, “शुरुआत में ही जब हमें विश्वस्नीय आरोपों के बारे में पता चला था कि भारतीय एजेंट कनाडा की ज़मीन पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में शामिल हैं, हमने भारत से संपर्क किया था और इस मामले की तह तक जाने के लिए हमारे साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया था.”
ट्रूडो ने ये भी कहा है कि उन्होंने अमेरिका समेत अन्य मित्र देशों से इस बेहद गंभीर मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा कि कनाडा ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है.
“इसे हम बेहद गंभीरता से ले रहे हैं. हम अपने सभी सहयोगियों और जांच एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे. कनाडा एक ऐसा देश है जो हमेशा क़ानून के शासन के साथ खड़ा रहता है अगर बड़े देश अंतरराष्ट्रीय क़ानून का बिना किसी नतीजे के उल्लंघन कर सकते हैं तो फिर पूरी दुनिया हर किसी के लिए बेहद ख़तरनाक हो जाएगी.” (bbc.com/hindi)
इसराइल के राष्ट्रपति आइज़ेक हारेत्ज़ोग ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया है कि इसराइली सेना ने उत्तरी ग़ज़ा में हमास के एक लड़ाके के पास से अरबी में अनूदित हिटलर की आत्मकथा 'मीन काम्फ' की एक प्रति बरामद की है.
उन्होंने यह भी बताया कि उस किताब के भीतर कई स्टिकी नोट्स (अहम तथ्य याद रखने के लिए पन्ने पर चिपकने वाले कई रंगों वाले नोट्स) पाए गए. उनके अनुसार, इसका मतलब हुआ कि कोई इस किताब को पढ़ रहा था.
'मित्रों की सुनेंगे, पर देश की सुरक्षा सबसे अहम'
आइज़ेक हारेत्ज़ोग से जब ये पूछा गया कि वे अमेरिका और फ्रांस जैसे अपने सहयोगियों की बातें क्यों नहीं सुनते, तो उन्होंने कहा कि बेशक़ हम उनकी बातें सुनते हैं, लेकिन इसराइल की सुरक्षा सबसे अहम है.
मालूम हो कि फ्रांस ने ग़ज़ा और इसराइल युद्ध में युद्धविराम करने की अपील की है. वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि इस युद्ध में बहुत सारे फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं.
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से त्रासदियाँ होती हैं. हम उनसे बच नहीं सकते, लेकिन कई त्रासदियों की वजह हमास रहा है.''
युद्ध ख़त्म होने के बाद क्या होगा?
हालांकि बीबीसी के पूछे जाने के बाद भी आइज़ेक हारेत्ज़ोग ने यह नहीं बताया कि युद्ध ख़त्म होने के बाद ग़ज़ा के लिए इसराइल की क्या योजना होगी.
इसके बजाय उन्होंने कहा कि इस इलाक़े में शांति कायम करने के लिए पहला क़दम 'आतंकवाद' को रोकना है. उन्होंने हमास को 'ख़त्म' करने की इसराइल के संकल्प का ज़िक्र किया.
आइज़ेक हारेत्ज़ोग ने कहा कि इस हमले ने क्षेत्र में शांति कायम करने के प्रयासों को पटरी से उतार दिया है.
इसराइल-फ़लस्तीन के बीच की शांति वार्ता 1990 से 2010 के बीच रुक-रुक कर होती रही थी. लेकिन यह अंततः 2014 में रुक गई.
अल-शिफ़ा अस्पताल के हालात पर क्या कहा
बीबीसी ने इसराइल के राष्ट्रपति से ग़ज़ा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफ़ा अस्पताल के हालात के बारे में भी सवाल पूछे.
डॉक्टरों के अनुसार, बिजली की कमी के कारण अस्पताल में समय से पहले जन्मे दो बच्चों की मौत हो गई है. वहीं 37 अन्य बच्चों के जीवन को ख़तरा है. एक अन्य डॉक्टर के अनुसार अस्पताल में पानी, भोजन और बिजली ख़त्म हो गई है.
इस पर उन्होंने कहा, 'यह सच नहीं है. हमास ने बहुत चालाकी की है. शिफ़ा में बिजली है और सब कुछ काम कर रहा है."
उन्होंने बताया कि इसराइली सेना अस्पताल के प्रबंधकों से बात कर रही है और उसका दावा है कि इमारत के नीचे हमास का मुख्यालय है.
आइज़ेक हारेत्ज़ोग का दावा है कि अल-शिफ़ा पर इसराइल की बमबारी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि असल में हमास ने ही वहां हमला किया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अस्पताल में कर्मचारियों और मरीजों की सुरक्षा को लेकर 'गंभीर चिंता' जताई है. (bbc.com/hindi)
अमेरिकी सेना ने बताया है कि पूर्वी भूमध्य सागर में हुई एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उसके पांच सैनिकों की मौत हो गई है.
अमेरिकी सेना के अनुसार, नियमित प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान ईंधन भरते समय यह हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया.
इसराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से अमेरिका ने इस इलाक़े में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.
सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने लिखा, ''जिल और मैं, उन 5 अमेरिकी सैनिकों की मौत पर शोक व्यक्त करता हूं, जिनकी मृत्यु भूमध्य सागर में एक प्रशिक्षण मिशन के दौरान एयरक्राफ्ट क्रैश होने से हुई.''
''हम उनके परिजनों और दोस्तों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, जिन्होंने अपना एक अनमोल प्रियजन- उनकी आत्मा का एक टुकड़ा- खो दिया है. हमारा पूरा देश उनके दुःख में सहभागी है.''
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि हमारे सैनिक "हर दिन अपने देश के लिए अपना जीवन दांव पर लगा रहे हैं. हम आज और हर रोज़ अपने सभी शहीद योद्धाओं के परिजनों के लिए दुआ करते हैं."
सेना के बयान में हालांकि यह नहीं बताया गया कि इस हेलीकॉप्टर ने कहां से उड़ान भरी या यह दुर्घटना कहां हुई.
अमेरिका ने पिछले महीने दो विमान वाहक पोत के साथ कई छोटे जहाज़ों और लड़ाकू विमानों को पूर्वी भूमध्य सागर में तैनात कर दिया था.
इसराइल और ग़ज़ा के बीच युद्ध छिड़ने के बाद इनके पड़ोसियों को इस युद्ध में शामिल होने से रोकने के लिए अमेरिका ने यह तैनाती की है.
अमेरिका नहीं चाहता कि ईरान और लेबनान के हिजबुल्लाह इस युद्ध में फ़लस्तीन की ओर से शामिल हों. (bbc.com/hindi)
इसराइल की सुरक्षा कैबिनेट के सदस्य और कृषि मंत्री अवि डिक्टर ने ग़ज़ा के हालात पर कहा है कि ये नकबा 2023 है.
इसराइली मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़ लिकुड पार्टी के नेता अवि डिक्टर से एक साक्षात्कार में ग़ज़ा में लोगों के पलायन की तस्वीरों पर सवाल पूछा गया था.
इसके जवाब में उन्होंने कहा, “हम फिलहाल ग़ज़ा में नकबा कर रहे हैं. अगर ऑपरेशन के नज़रिए से देखा जाए तो, युद्ध करने का कोई तरीक़ा नहीं हो सकता, जैसा की आईडीएफ़ ग़ज़ा में करना चाहती है- जब टैंकों और सैनिकों के बीच लोग हों.”
जब उनसे दोबारा पूछा गया कि क्या ये ‘ग़ज़ा नकबा है’ तो डिक्टर ने कहा, “ये ग़ज़ा नकबा 2023 है. ये युद्ध इसी तरह समाप्त होगा.”
नकबा का मतलब होता है त्रास्दी. फ़लस्तीनी लोग इस शब्द का इस्तेमाल उन घटनाओं के लिए करते हैं जब फ़लस्तीनियों को उनकी बस्तियों से ज़बरदस्ती निकाल दिया गया था. फ़लस्तीनी इलाक़ों से लोगों के पलायन के लिए नकबा शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
वहीं इसराइल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने एक प्रेस वार्ता में कहा है कि इसराइल किसी भी हालात में ग़ज़ा की सुरक्षा को नहीं छोड़ेगा.
जब उनसे पूछा गया कि क्या युद्ध के बाद ग़ज़ा को फ़लस्तीनी प्राधिकरण को सौंपा जा सकता है तो उन्होंने कहा, “मैं दोहराता हूं, पूरा सुरक्षा नियंत्रण हमारे हाथ में होगा, हमारे पास ये क्षमता होगी कि हम जब चाहें ग़ज़ा में दाख़िल हों और अगर कोई आतंकवादी फिर से उभरता है तो उसे ख़त्म कर दें. मैं ये नहीं बता सकता कि क्या नहीं होगा. लेकिन हमास नहीं होगा.”(bbc.com/hindi)
काहिरा, 12 नवंबर। सूडान के युद्ध प्रभावित दारफुर शहर पर अर्धसैनिक बलों और उनकी सहयोगी अरब मिलिशिया के लड़ाकों द्वारा कई दिनों से किए जा रहे हमलों में अब तक 800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। संयुक्त राष्ट्र ने यह जानकारी दी।
सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच पिछले कई महीनों से युद्ध जारी है। इस महीने की शुरुआत में पश्चिम दारफुर प्रांत में अरदामाता को निशाना बनाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की मौत दर्ज की गई।
सैन्य प्रमुख जनरल अब्देल-फतह बुरहान और आरएसएफ के कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान डागालो के बीच जारी तनाव युद्ध में बदल गया। इसके बाद से ही अप्रैल के मध्य से सूडान में ऐसे हालात बने हुए हैं।
ये हिंसक घटनाएं 2019 में एक सैन्य विद्रोह के बाद निरंकुश शासक उमर अल-बशीर को सत्ता से बेदखल करने के बाद से हो रही हैं। अल-बशीर के तख्तापलट के 18 महीने बाद युद्ध का दौर शुरू हो गया।
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने बताया कि दारफुर में कथित तौर पर 800 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 8,000 लोग पड़ोसी देश चाड में चले गए हैं। हालांकि, एजेंसी का कहना है कि चाड में भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एपी खारी पारुल पारुल 1211 0857 काहिरा (एपी)
दीर अल बलाह (गाजा पट्टी), 12 नवंबर। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्ष-विराम की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय अपील को शनिवार को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी में सत्तारूढ़ हमास चरमपंथियों को कुचलने के लिए इजराइल की लड़ाई ‘‘पूरी ताकत’’ के साथ जारी रहेगी।
टेलीविजन पर दिए संबोधन में नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि संघर्ष-विराम तभी संभव है, जब गाजा में चरमपंथियों द्वारा बंधक बनाए गए 239 लोगों को रिहा किया जाएगा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध के बाद गाजा का असैनिकीकरण किया जाएगा और इजराइल क्षेत्र में अपना सुरक्षा नियंत्रण बनाए रखेगा। यह रुख इजरायल के निकटतम सहयोगी अमेरिका द्वारा युद्ध के बाद के परिदृश्यों को लेकर व्यक्त किये गये विचारों के विपरीत है। अमेरिका ने कहा था कि वह क्षेत्र के फिर से इजराइल के कब्जे में जाने का विरोध करता है।
यह पूछे जाने पर कि सुरक्षा नियंत्रण से उनका क्या मतलब है, नेतन्याहू ने कहा कि चरमपंथियों को पकड़ने के लिए जब जरूरी हो, इजराइली सेना गाजा में प्रवेश करने में सक्षम होनी चाहिए।
गाजा के सबसे बड़े अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा था कि क्षेत्र के आखिरी जनरेटर का ईंधन खत्म होने से समय से पहले जन्मे एक शिशु, इंक्यूबेटर में रखे गए एक बच्चे और चार अन्य मरीजों की मौत हो गई है। चिकित्सकों के इस बयान में बाद इजराइल पर संघर्ष-विराम का दबाव बढ़ रहा है। युद्ध में घायल हजारों लोग, चिकित्सा कर्मचारी और विस्थापित नागरिक युद्ध क्षेत्र में फंस हुये हैं।
दरअसल, इजराइल ने शिफा अस्पताल को हमास की मुख्य कमान चौकी के रूप में चित्रित करते हुए कहा है कि आतंकवादी वहां नागरिकों का ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्होंने इसके नीचे बंकर बनाए हैं। हालांकि, इस दावे का हमास के साथ ही शिफा प्रशासन ने खंडन किया है। हाल के दिनों में, उत्तरी गाजा में शिफा और अन्य अस्पतालों के पास लड़ाई तेज हो गई है, जिससे वहां जरूरी चीजों की आपूर्ति ठप पड़ गई है।
शिफा के निदेशक मोहम्मद अबू सेल्मिया ने गोलियों और विस्फोटों की आवाज के बीच फोन पर बात करते हुए कहा, “बिजली नहीं है। चिकित्सा उपकरण बंद हो गए हैं। मरीजों, विशेष रूप से गहन देखभाल इकाई में रखे गए लोगों की मौत होने लगी है।’’
अबू सेल्मिया ने कहा कि इजराइली सैनिक ‘अस्पताल के बाहर या अंदर किसी को भी गोली मार रहे हैं’ और परिसर में इमारतों के बीच आवाजाही रोक दी है।
इजराइल की सेना ने अस्पताल के बाहर झड़प की पुष्टि की, लेकिन रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने इस बात से इनकार किया कि शिफा की घेराबंदी की गई है। उन्होंने कहा कि सैनिक शिफा में इलाज करा रहे शिशुओं को वहां से स्थानांतरित करने में रविवार को मदद करेंगे। हगारी ने दावा किया, ‘‘हम अस्पताल के कर्मचारियों के साथ सीधे और नियमित रूप से बात कर रहे हैं।’’
इजराइल के सैन्य खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख अमोस याडलिन ने ‘चैनल 12’ से कहा कि चूंकि इजराइल का लक्ष्य हमास को कुचलना है, इसलिए अस्पतालों पर नियंत्रण कायम करना महत्वपूर्ण होगा, लेकिन इस दौरान मरीजों, अन्य नागरिकों और इजराइली बंधकों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए ‘‘बहुत सारी सामरिक रचनात्मकता’’ की भी आवश्यकता पड़ेगी।
एपी पारुल खारी खारी 1211 0849 दीरअलबलाह (एपी)
लॉस एंजिलिस (अमेरिका), 11 नवंबर यौन उत्पीड़न के खिलाफ ‘मी टू’ आंदोलन की शुरुआत के दौरान अमेरिका स्थित ‘एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस’ के अध्यक्ष रहे सिनेमैटोग्राफर जॉन बेली का निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे।
फिल्म अकादमी द्वारा जारी बयान के अनुसार, बेली की पत्नी कैरोल लिटिलटन ने लॉस एंजिलिस में अपने पति के निधन की सूचना दी।
‘ऑर्डिनरी पीपल’ और ‘ग्राउंडहोग डे’ से लेकर ‘हाउ टू लूज ए गाइ इन 10 डेज’ जैसी फिल्मों में काम करने के वाले बेली अकादमी की अध्यक्षता करने वाले पहले सिनेमैटोग्राफर थे। उन्होंने 2017-2019 तक यह जिम्मेदारी संभाली।
उनके अध्यक्ष बनने के समय फिल्म उद्योग ऑस्कर की गिरती रेटिंग और अन्य समस्याओं से जूझ रहा था। उन्हें अध्यक्ष बने दो महीने ही हुए थे कि तभी मीडिया ने जाने माने फिल्म निर्माता हार्वे विन्स्टीन के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने की जानकारी दी।
इसके बाद, खुद बेली पर एक दशक पहले एक फिल्म के सेट पर एक महिला को अनुचित तरीके से छूने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था। बेली ने आरोप से इनकार किया और अकादमी की जांच से पता चला कि मार्च 2018 में कोई और कार्रवाई की आवश्यकता नहीं थी। उस साल बाद में उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया। (एपी)
तेल अवीव, 11 नवंबर । इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने दावा किया है कि उसने हमास आतंकी समूह की सैन्य चौकी 'बद्र' को नष्ट कर दिया है और कई आतंकवादियों को मार गिराया है।
आईडीएफ ने शुक्रवार रात एक बयान में कहा कि वह कुछ दिनों से हमास आतंकी समूह की शाती बटालियन की 'बद्र' चौकी को निशाना बना रहा था।
इसमें कहा गया है कि जब से हमला शुरू हुआ है, आईडीएफ ने 150 आतंकवादियों को मार गिराया है।
इज़राइली सेना ने कहा कि यह शाती सीमा पर आखिरी चौकी थी और उसने हमास के प्रक्षेपण स्थलों और एक भूमिगत नेटवर्क को भी ढूंढ लिया और नष्ट कर दिया है।
आईडीएफ मध्य गाजा में प्रवेश कर चुका है और हमास आतंकवादी संगठन के गढ़ों पर नियंत्रण करने की लड़ाई में है।
इज़राइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा है कि आईडीएफ भूमिगत सुरंगों सहित हमास के नेटवर्क को ध्वस्त कर देगा, और सेना हमास नेता याह्या सिनवार को मार डालेगी, जो 7 अक्टूबर के नरसंहार और तबाही का मास्टरमाइंड था। (आईएएनएस)।
तेल अवीव, 11 नवंबर । इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शनिवार को कहा कि गाजा पट्टी में आतंकवादियों द्वारा दागी गई एक असफल मिसाइल अल-शिफा अस्पताल पर गिरी ।
एक्स पर एक पोस्ट में, अरबी में आईडीएफ के प्रवक्ता अविचाय अद्राई ने कहा कि सेना के "ऑपरेशनल सिस्टम के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि तोड़फोड़ करने वाले तत्वों ने आज सुबह गाजा शहर में अल-शिफा अस्पताल के पास सक्रिय आईडीएफ बलों को निशाना बनाकर रॉकेट दागे।"
उन्होंने कहा, "आईडीएफ को उपलब्ध जानकारी के अनुसार, गाजा पट्टी में आतंकवादी संगठन अस्पताल पर हमला करने वाले असफल मिसाइल प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार हैं।"
आईडीएफ ने कहा है कि हमास अल-शिफा के नीचे सुरंगों से काम करता है।
हालांकि, उग्रवादी समूह ने इस आरोप से इनकार किया है।
यह घटनाक्रम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के उस बयान के कुछ ही दिन बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि इजरायल-हमास युद्ध के बीच अल-शिफा अस्पताल की स्थिति "विनाशकारी" है।
बुधवार को जारी एक संयुक्त बयान में, संयुक्त राष्ट्र की दोनों एजेंसियों ने कहा कि वर्तमान में प्रत्येक बिस्तर पर लगभग दो मरीज उपलब्ध हैं और आपातकालीन विभाग और वार्ड भरे हुए हैं, इससे डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को गलियारों, फर्श और बाहरी इलाकों में घायल और बीमार मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है।
एक महीने से अधिक समय से, अल-शिफा अस्पताल सहित गाजा पट्टी में ईंधन की अनुमति नहीं दी गई है।
मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, गुरुवार से अस्पताल पर कम से कम पांच बार हमले हो चुके हैं। (आईएएनएस)।
टोरंटो, 11 नवंबर । कनाडा के एडमॉन्टन शहर में एक सिख व्यक्ति और उसके 11 वर्षीय बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
41 वर्षीय हरप्रीत सिंह उप्पल और उनके बेटे की गुरुवार को एक शॉपिंग प्लाजा में गैस स्टेशन के बाहर उनके वाहन में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई।
एडमॉन्टन पुलिस ने कहा कि दोनों पीड़ितों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया।
वाहन में सवार एक अन्य लड़का बच गया।
पुलिस ने कहा कि उप्पल ब्रदर्स कीपर्स नामक गिरोह का सदस्य था और हत्या का संबंध प्रतिद्वंद्वी यूएन गिरोह से है।
वह अक्टूबर 2021 में तब बच गए थे, जब एक बंदूकधारी ने उन पर कई गोलियां चलाईं, जब वह अपने परिवार के साथ पिज्जा की दुकान पर खाना खा रहे थे।
पुलिस ने कहा कि उप्पल को खत्म करने के इरादे से उनका पीछा किया गया और ऐसा ही हुआ।"
पुलिस ने कहा, युवा शख्स व उसके बेटे के बारे में, हम अभी तक नहीं जानते कि उन्हें क्यों निशाना बनाया गया।
मृतक को अनधिकृत हथियार रखने के आरोप में 2013 में 15 महीने की जेल हुई थी।
उन्हें कोकीन रखने और तस्करी के आरोप में मुकदमे का सामना करना पड़ रहा था।
अतीत में, उन पर हथियार से हमला करने और अनधिकृत बंदूक रखने का भी आरोप लगाया गया था। (आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 11 नवंबर । अमेरिका में मेन राज्य ने स्वीकार किया है कि हैकर्स ने लगभग 1.3 मिलियन निवासियों का व्यक्तिगत डेटा हैक कर लिया गया है, जो राज्य की पूरी आबादी के करीब है।
राज्य ने घोषणा की कि साइबर अपराधियों ने मूवइट फाइल ट्रांसफर टूल में भेद्यता का फायदा उठाने और लगभग 1.3 मिलियन लोगों की व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचने के लिए उनके सिस्टम में सेंध लगाई।
मेन राज्य ने एक बयान में कहा, "साइबर अपराधियों के एक समूह द्वारा सॉफ़्टवेयर भेद्यता का फायदा उठाया गया और उन्हें 28 मई, 2023 और 29 मई, 2023 के बीच मेन राज्य में कुछ एजेंसियों से संबंधित फाइलों तक पहुंचने और डाउनलोड करने की अनुमति दी गई।"
नाबालिगों सहित 1.3 मिलियन व्यक्तियों से संबंधित उजागर जानकारी में पूरा नाम, सामाजिक सुरक्षा संख्या (एसएसएन), जन्म तिथि, ड्राइवर का लाइसेंस, राज्य पहचान संख्या, करदाता पहचान संख्या और स्वास्थ्य बीमा जानकारी शामिल है।
सबसे अधिक प्रभावित एजेंसी मेन का स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग है, उसके बाद मेन शिक्षा विभाग है।
उन्होंने कहा, ''मेन राज्य ने निर्धारित किया है कि इस घटना ने लगभग 1.3 मिलियन व्यक्तियों को प्रभावित किया है, प्रभावित डेटा का प्रकार हर व्यक्ति में अलग-अलग है। राज्य व्यक्तियों को यह सत्यापित करने के लिए अपने समर्पित कॉल सेंटर तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करता है कि क्या वे प्रभावित हुए हैं और यदि हां, तो यह पहचानने के लिए कि उनका कौन सा विशिष्ट डेटा इसमें शामिल था।''
जैसे ही राज्य को घटना के बारे में पता चला, उसने अपनी जानकारी सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए, जिसमें मूवइट सर्वर से इंटरनेट एक्सेस को अवरुद्ध करना भी शामिल रहा।
इसमें कहा गया है, "इस घटना का वैश्विक प्रभाव पड़ा है, जिससे मेन राज्य की कुछ एजेंसियों सहित हजारों संगठन प्रभावित हुए हैं।"
महत्वपूर्ण बात यह है कि चूंकि यह राज्य से संबंधित है, यह घटना विशिष्ट थी और मेन के मूवइट सर्वर तक ही सीमित थी और इसका किसी अन्य राज्य नेटवर्क या सिस्टम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। (आईएएनएस)।
लंदन, 11 नवंबर । इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में 41 वर्षीय एक सिख व्यक्ति को नशे में धुत होकर एक बुजुर्ग दंपति पर हमला करने के आरोप में दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है और 10 साल के लिए एक बुजुर्ग जोड़े से संपर्क करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
बर्मिंघम मेल अखबार ने गुरुवार को बताया कि गुरजाप सिंह ने डिमेंशिया से पीड़ित महिला को थप्पड़ मारा और उससे कहा कि वह 'उसे मार डालेगा', इससे पहले उसने उसके पति का गला घोंट दिया।
उसने शारीरिक क्षति पहुंचाने, गला घोंटने और पीट-पीटकर हमला करने का दोष स्वीकार किया और उसे 200 घंटे अवैतनिक काम करने और अपने प्रत्येक पीड़ित को 100 पाउंड मुआवजा और 250 पाउंड की अतिरिक्त लागत का भुगतान करने का आदेश दिया गया।
स्टोक-ऑन-ट्रेंट क्राउन कोर्ट को बताया गया कि सिंह "उन्माद की स्थिति में" था। उसने महिला पर उस समय हमला किया जब वह गोल्डनहिल रोड, फेंटन में अपने घर की ओर जा रही थी।
5 फरवरी को जब वह अपने बेटे से मिलने के बाद शाम को घर लौटी तो रो रही थी और अपने पति से कहा, "उसने मुझे मारा। उसने मुझे मारने की कोशिश की।"
जैसे ही उसने अपने पति को आपबीती सुनाई, सिंह पिछले दरवाजे से वहां दाखिल हुआ, और महिला से कहा, "मैं तुम्हें मारने जा रहा हूं"।
उसने उसके चेहरे पर कई बार थप्पड़ मारे। उसके पति ने हस्तक्षेप करने और प्रतिवादी को शांत करने की कोशिश की। सिंह ने उसे सीने से लगा लिया। अभियोजक फियोना कॉर्टिस ने अदालत को बताया, "उसने सिर पर दो बार मारा।"
कोरटेस ने कहा कि सिंह ने उस व्यक्ति के सिर पर वार किया और फिर उसका गला पकड़ लिया, जिससे उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगी।
उसने महिला के सिर से बालों का गुच्छा भी खींच लिया।
अदालत को बताया गया कि दंपति सिंह के पड़ोस में रहते थे और उन्हें बेटे की तरह मानते थे।
उसने अपनी गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों को बताया कि हमले से पहले उसने वोदका की एक चौथाई बोतल पी ली थी और उसे बाइपोलर डिसऑर्डर का पता चला था।
पीड़ित बुजुर्ग व्यक्ति के बयान से पता चला कि वह 'भयभीत और पूरी तरह से सदमे में' था कि उन पर उनके ही घर में हमला किया गया था।
सिंह, जिन पर पहले से कोई दोषसिद्धि नहीं है, को हमले के बाद बर्स्लेम के स्वान स्क्वायर में ले जाया गया है।
(आईएएनएस)।
इसराइली सेना ने शुक्रवार को अपनी ज़मीनी कार्रवाई के दौरान उत्तरी ग़ज़ा के तीन अस्पतालों की घेराबंदी कर दी है.
येरूशलम में मौजूद बीबीसी संवाददाता जोएल गुंटर के मुताबिक़, ग़ज़ा में हमास नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. अशरफ़ अल-कुद्र ने कहा है कि उत्तरी ग़ज़ा के तीन अस्पतालों को इसराइली टैंकों ने घेर रखा है.
ग़ज़ा सिटी के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफ़ा अस्पताल में सिर्फ़ 24 घंटे का ईंधन बचा हुआ है. इस अस्पताल के पास इसराइली टैंक पहुंच गए हैं और उसके आस पास हवाई बमबारी, तोपों से हमले और गोलियों की आवाज़ें सुनी जा सकती हैं.
अस्पताल के पास हुए धमाके में 13 लोगों की मौत हो गई है.
ग़ज़ा के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफ़ा पर शुक्रवार को पांच रॉकेट गिरे हैं जिससे मैटर्निटी वार्ड और अस्पताल का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा है कि इस युद्ध से हिंसा का एक नया दौर शुरू हो सकता है. इस एजेंसी ने युद्ध को तत्काल ख़त्म करने का आह्वान किया है.
अल-शिफ़ा अस्पताल के पास इसराइली सेना कार्रवाई कर रही है.
- हमास प्रशासित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जबसे युद्ध शुरू हुआ है 11,078 फ़लस्तीनी मारे गए हैं जबकि 27,000 से अधिक घायल हुए हैं. इनमें 3,000 महिलाएं और 4,506 बच्चे शामिल हैं.
- प्रत्यक्षदर्शियों ने बीबीसी को बताया कि इसराइली सेना ने ग़ज़ा के मुख्य अस्पतालों अल शिफ़ा, अल-कुद्स और इंडोनेशियन हॉस्पिटल को घेर रखा है.
- इन अस्पतालों के पास धमाके की भी ख़बरें हैं. इसराइल ने पुष्टि की है कि उसकी सेना अल शिफ़ा के क़रीब अभियान चला रही है.
- ग़ज़ा
- ऐसे वीडियो फ़ुटेज सामने आए हैं जिसमें दिख रहा है कि ग़ज़ा सिटी के अल रैंटिसी पेडियाट्रिक हॉस्पिटल के बाहर टैंक तैनात हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सेना लाउडस्पीकर से ऐलान कर रही है कि मेडिकल स्टाफ़ या मरीज़ के अलावा जो भी हैं वो बाहर चले जाएं.
- अमेरिका के मुताबिक़, नागरिकों को बाहर निकलने के लिए उत्तरी ग़ज़ा में हवाई बमबारी में चार घंटे का पॉज़ यानी छूट शुरू होगी. अभी स्पष्ट नहीं है कि ये कब शुरू होगा.
- हमास ने इसराइल के तेल अवीव पर रॉकेट दागे हैं जिनमें दो लोग घायल हुए हैं.
- ग़ज़ा से दूर, वेस्ट बैंक में इसराइली सैनिकों के हाथों मारे गए 11 फ़लस्तीनियों के जनाजे में दर्जनों लोग इकट्ठा हुए. इसराइली सेना ने जेनिन रेफ़्यूजी कैंप पर छापा मारा था.(bbc.com/hindi)
ग़ज़ा में इसराइली सेना वहां के अस्पतालों के नजदीक पहुंच गई है.
चश्मदीदों ने शुक्रवार को बीबीसी को बताया कि इसराइली सेना ग़ज़ा के प्रमुख अस्पतालों- अल शिफा, अल-कुद्स, अल-रेनतिसी और एक इंडोनेशिया अस्पताल के नजदीक पहुंच गई है.
अस्पतालों के नजदीक और इसके बाहर लगातार विस्फोट की ख़बरें हैं. इसराइल लगातार ये आरोप लगाता रहा है कि हमास अल-शिफा अस्पताल के नीचे बनी सुरंगों से हमला कर रहा है.
हालांकि हमास ने इससे इनकार किया है. बीबीसी ने एक वीडियो वेरिफाई किया है, जिसमें एक महिला खुद को और अल-रेनतिसी अस्पताल को फिल्माते दिख रही है.
महिला ये कहती दिख रही है कि बच्चों का ये अस्पताल टैंकों से घेर लिया गया है. इसके अंदर के लोगों को अस्पताल खाली करने के लिए कहा गया है.
इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने बीबीसी के साथ एक ख़ास इंटरव्यू में कहा कि इसराइल ग़ज़ा शहर में महिलाओं और बच्चों पर हमले न करे.
वहीं इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा कि दुनिया के नेताओं को हमास की निंदा करनी चाहिए न कि इसराइल की. (bbc.com/hindi)
इसराइल ने अपने यहां हमास के हमले में मारे गए लोगों की संख्या में संशोधन किया है.
इसराइल ने पहले कहा था कि 7 अक्टूबर को हमास के हमले में उसके 1400 लोग मारे गए हैं. लेकिन अब उसने कहा है कि मरने वालों की संख्या लगभग 1200 है.
इसराइली विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता लियोर हेयात ने कहा कि हमले के बाद मरने वालों की पहचान तुरंत नहीं हो सकी थी. मरने वालों में कई आतंकवादी भी थे.
ये इसराइलियों के शव नहीं थे. इसीलिए मरने वालों के आंकड़ों में संशोधन किया गया है. फ़लस्तीनी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को इसराइल पर रॉकेटों और बमों से हमला किया था.
इसराइल ने इस हमले के जवाब में ग़ज़ा में कार्रवाई शुरू कर दी. इसमें बड़ी संख्या में फ़लस्तीनी नागरिकों की मौत हुई है.
हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ग़ज़ा में इसराइली हमले में अब तक 11,078 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 27 हजार लोग घायल हुए हैं. (bbc.com/hindi)
कराची, 10 नवंबर पाकिस्तान के कराची शहर में एक मछुआरा कई औषधीय गुणों वाली दुर्लभ मछली की नीलामी के बाद रातोंरात करोड़पति बन गया।
इब्राहिम हैदरी गांव में रहने वाले हाजी बलोच और उनके दल ने सोमवार को अरब सागर से ‘गोल्डन फिश’ या स्थानीय बोली में "सोवा" कही जाने वाली मछली पकड़ी।
‘पाकिस्तान फिशरमेन फोल्क फोरम’ के मुबारक खान ने कहा, "शुक्रवार सुबह कराची बंदरगाह पर मछुआरों ने नीलामी में वह मछली लगभग सात करोड़ रुपये में बेच दी।"
“सोवा” मछली को बहुमूल्य और दुर्लभ माना जाता है क्योंकि इसके पेट से निकलने वाले पदार्थों में बेहतरीन उपचार और औषधीय गुण होते हैं। मछली से प्राप्त धागे जैसे पदार्थ का उपयोग शल्य चिकित्सा (सर्जरी) प्रक्रियाओं में भी किया जाता है।
अक्सर 20 से 40 किलोग्राम वजन और 1.5 मीटर तक लंबाई वाली इस मछली की पूर्वी एशियाई देशों में बहुत मांग है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि “सोवा” मछली सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी रखती है, इसका उपयोग पारंपरिक दवाओं और स्थानीय व्यंजनों में किया जाता है।
बलोच ने कहा, "हम कराची के खुले समुद्र में मछली पकड़ रहे थे...तभी हमें सुनहरी मछली मिली और यह हमारे लिए अप्रत्याशित था।"
हाजी ने कहा कि वह यह पैसा अपने सात लोगों के दल के साथ साझा करेंगे।
उन्होंने कहा कि मछलियां केवल प्रजनन काल के दौरान ही तट के पास आती हैं। (भाषा)
तेल अवीव, 10 नवंबर । इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसके सैनिकों ने गाजा में 7 अक्टूबर के नरसंहार में भाग लेने वाले कई वरिष्ठ हमास कमांडरों को मार डाला है।
सेना ने कहा कि कमांडर - अहमद मूसा और अम्र अलहांडी - उग्रवादी समूह कुलीन नुखबा बलों का हिस्सा थे।
मूसा नुखबा कंपनी कमांडर था जबकि अलहांडी ने एक प्लाटून कमांडर के रूप में कार्य किया था।
आईडीएफ ने कहा कि ये दोनों जबालिया क्षेत्र में छिपे हुए थे।
सेना ने यह भी बताया कि शिन बेट सुरक्षा एजेंसी से मिली खुफिया जानकारी के बाद यह ऑपरेशन चलाया गया।
आईडीएफ के अनुसार, मूसा हमास के उन कमांडरों में से था, जिसने 7 अक्टूबर को ज़िकिम बेस, पास के किबुत्ज़ और क्षेत्र में एक अन्य सैन्य चौकियों पर हमले का नेतृत्व किया था।
सेना ने उत्तरी गाजा ब्रिगेड में हमास के स्नाइपर समूह के प्रमुख मुहम्मद कहलौत की हत्या की भी घोषणा की।
लेकिन इसने उग्रवादी के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी।
इस बीच, आईडीएफ की 252 बटालियन ने सेना पर हमला करने की योजना बना रहे हमास के 19 आतंकवादियों को मार गिराया।
आईडीएफ और इज़राइल सुरक्षा एजेंसी (आईएसए) ने दावा किया है कि नुखबा बल 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल में नरसंहार और तबाही में शामिल था।
इजराइली सेना ने 27 अक्टूबर को गाजा में अपना जमीनी आक्रमण शुरू किया।
इस सप्ताह, सघन अभियानों के बीच सेना गाजा शहर में दाखिल हुई।
ज़मीनी हमले की शुरुआत के बाद से भीषण लड़ाई में आईडीएफ के 34 सैनिक मारे गये हैं। (आईएएनएस)।
गाजा, 10 नवंबर । गाजा स्थित फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वेस्ट बैंक में जेनिन शरणार्थी शिविर पर इजरायली सेना के हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए।
मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार काे 12 घंटे से अधिक समय तक फिलिस्तीनियों के साथ सशस्त्र संघर्ष चला।
इस घटना के परिणामस्वरूप व्यापक बुनियादी ढांचे को भी नुकसान हुआ।
यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका कि हताहत होने वाले नागरिक थे या आतंकवादी।
सीएनएन के मुताबिक इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि उसने "आतंकवादी बुनियादी ढांचे को विफल करने" और उस व्यक्ति के घर को ध्वस्त करने के लिए ऑपरेशन चलाया, जिसने कथित तौर पर 31 अगस्त के हमले में एक ऑफ-ड्यूटी इजरायली सैनिक की हत्या कर दी थी।
“इंजीनियरिंग बलों ने जेनिन शरणार्थी शिविर में हमारे बलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से विस्फोटक उपकरणों का पर्दाफाश किया। सेना ने एक बयान में कहा, सेंट्रल कमांड के कमांडर ने उस आतंकवादी के घर को ध्वस्त करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसने मकाबिम चौकी और हाशमोनैम चौकी पर भगदड़ मचाई थी।
संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य एजेंसी के अनुसार, जेनिन शरणार्थी शिविर, जो जेनिन नगर पालिका की सीमा पर है और वेस्ट बैंक का सबसे उत्तरी शिविर है, में लगभग 23,628 फिलिस्तीन शरणार्थी पंजीकृत हैं।
जब से हमास ने 7 अक्टूबर को इज़राइल के खिलाफ अपना युद्ध शुरू किया है, वेस्ट बैंक में इज़राइली बलों द्वारा 45 बच्चों सहित 167 फिलिस्तीनियों को मार दिया गया है।
(आईएएनएस)।
सैन फ्रांसिस्को, 10 नवंबर । अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के अगले हफ्ते अमेरिकी अदालत में गूगल के खिलाफ एपिक गेम्स के मुकदमे में गवाही देने की संभावना है।
द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, फोर्टनाइट गेम डेवलपर मंगलवार को पिचाई को गवाह के रूप में बुलाना चाहता है। उसका आरोप है कि गूगल प्ले एक गैरकानूनी एकाधिकार है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "अदालती दस्तावेजों में, गूगल ने मंगलवार को अदालत कक्ष में एक मंच का उपयोग करने का अनुरोध किया, इससे पता चलता है कि पिचाई वास्तव में गवाही देने के लिए उपस्थित हो सकते हैं।"
गूगल द्वारा फोर्टनाइट को प्ले स्टोर से हटाने के बाद मुकदमा दायर किया गया है।
एपिक तर्क दे रहा है कि एंड्रॉइड स्मार्टफ़ोन के लिए गूगल प्ले स्टोर पर गूगल का एकाधिकार नियंत्रण राज्य और संघीय दोनों अविश्वास कानूनों का उल्लंघन करता है।
इस बीच, टेक दिग्गज ने अदालत को बताया कि गूगल ने अपने लोकप्रिय गेम फोर्टनाइट को गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च करने के लिए गेम डेवलपर एपिक गेम्स को 147 मिलियन डॉलर की डील की पेशकश की।
द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल में प्ले पार्टनरशिप की उपाध्यक्ष पूर्णिमा कोचिकर ने अपनी गवाही में कहा कि सौदे को मंजूरी दे दी गई थी और एपिक को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन स्वीकार नहीं किया गया।
इस सौदे में एपिक को "वृद्धिशील फंडिंग" (2021 में समाप्त) की तीन साल की अवधि में पैसा वितरित किया जाएगा।
सौदे को सही ठहराते हुए एक दस्तावेज़ में, गूगल ने लिखा है कि "फ़ोर्टनाइट की अनुपस्थिति के परिणामस्वरूप प्ले के साथ 130 मिलियन डॉलर (250 मिलियन डॉलर तक) का प्रत्यक्ष राजस्व नुकसान हो सकता है" और संभावित राजस्व पर 550 मिलियन डॉलर (3.6 बिलियन तक डॉलर) का डाउनस्ट्रीम प्रभाव पड़ सकता है। अन्य डेवलपर्स को व्यापक संक्रमण होने पर नुकसान।”
एपिक बनाम गूगल ट्रायल इस सप्ताह सोमवार को शुरू हुआ। गूगल ने अपने प्ले स्टोर के माध्यम से ऐप्स के लेनदेन पर 30 प्रतिशत की कटौती का बचाव किया है। (आईएएनएस)।
सना/जेरूसलम, 10 नवंबर । यमन में ईरान समर्थित हौथी मिलिशिया ने गाजा पट्टी में जारी बमबारी के जवाब में दक्षिणी इजरायली शहर इलियट पर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला करने की जिम्मेदारी ली है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को एक टेलीविजन बयान में हौथी सैन्य प्रवक्ता येह्या सरिया ने कहा कि मिसाइलों ने इलियट में सैन्य ठिकानों सहित विभिन्न संवेदनशील लक्ष्यों को निशाना बनाया।
उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सफल रहा और दुश्मन द्वारा मामले को गुप्त रखने की परवाह किए बिना चुने गए लक्ष्यों पर सीधा हमला किया गया। सरिया ने कहा, यमनी सशस्त्र बल गाजा में तब तक अपना अभियान जारी रखेंगे और जब तक वहां इजरायली आक्रामकता बंद नहीं हो जाती।"
गुरुवार रात अलग-अलग संवाददाता सम्मेलनों में, इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट और इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी दोनों ने कहा कि वे अभी भी घटना पर नजर रख रहे हैं।
7 अक्टूबर को इज़राइल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से हौथी मिलिशिया द्वारा दावा किया गया यह छठा सीमा पार हमला है।
बुधवार को हौथिस ने यमन के लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह के पास एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया।
उसी दिन, इज़राइल ने कहा था कि उसने एरो 3 एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम का उपयोग करके लाल सागर क्षेत्र से देश की ओर लॉन्च की गई एक मिसाइल को रोक दिया।
इज़रायली सेना ने दावा किया कि एरो 3 "दुनिया में अपनी तरह की सबसे उन्नत वायु और मिसाइल रक्षा प्रणालियों में से एक है"।
पिछले हफ्ते, आईडीएफ ने कहा कि उसने लाल सागर क्षेत्र से दागी गई मिसाइल को सफलतापूर्वक रोकने के लिए एरो 2 प्रणाली का इस्तेमाल किया। (आईएएनएस)।
नयी दिल्ली, 10 नवंबर। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तीय वार्ता से पहले शुक्रवार सुबह बातचीत की।
ब्लिंकन और अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में हैं। इस वार्ता का उद्देश्य गहन रणनीतिक सहयोग के लिए भारत और अमेरिका के संबंधों के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाना है।
वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जयशंकर करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ‘टू प्लस टू’ वार्ता और राजनाथ एवं ऑस्टिन के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक में रणनीतिक, रक्षा तथा प्रौद्योगिकी संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘टू प्लस टू’ संवाद के जरिये रक्षा और सुरक्षा सहयोग, प्रौद्योगिकी मूल्य शृंखला सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संबंधों में प्रगति की उच्चस्तरीय समीक्षा हो सकेगी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मंत्रियों को इस साल जून और सितंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अपनी चर्चाओं में परिकल्पित भारत-अमेरिका साझेदारी के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।’’
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष समसामयिक क्षेत्रीय मुद्दों का भी जायजा लेंगे और बहुपक्षीय मंच तथा क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) जैसे ढांचे के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए साझा प्राथमिकताओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। (भाषा)
न्यूयॉर्क, 10 नवंबर। गाजा में तत्काल संघर्ष-विराम की मांग को लेकर न्यूयॉर्क स्थित ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के कार्यालय की लॉबी में फलस्तीन समर्थकों ने प्रदर्शन किया और इजराइल-हमास युद्ध को कवर करते समय निष्पक्ष खबरें नहीं दिखाए जाने का आरोप लगाया।
सैकड़ों प्रदर्शनकारी मीडिया संस्थान के मैनहट्टन स्थित कार्यालय में एकत्र हुए। इनमें से कई लोग इमारत के प्रांगण में आ गए और एक घंटे से अधिक समय तक धरना दिया।
यह प्रदर्शन मीडियाकर्मियों के ‘राइटर्स ब्लॉक’ नामक एक समूह के नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शनकारियों ने गाजा में मारे गए हजारों फलस्तीनियों का जिक्र किया, जिनमें कम से कम 36 पत्रकार शामिल हैं।
उन्होंने एक छद्म समाचार पत्र-‘द न्यूयॉर्क वॉर क्राइम्स’ के संस्करण बांटे, जिसमें मीडिया पर ‘नरसंहार को वैध बनाने में संलिप्तता’ का आरोप लगाया गया है और ‘टाइम्स’ के संपादकीय बोर्ड से संघर्ष-विराम का सार्वजनिक रूप से समर्थन करने की मांग की गई है।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बृहस्पतिवार को किए गए इस प्रदर्शन के दौरान किसी को गिरफ्तार किया गया या नहीं।
इससे पहले भी अमेरिका में विभिन्न समूहों ने गाजा में जारी इजराइल के हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किए हैं।
हमास शासित गाजा प्रशासन के अनुसार, गाजा में युद्ध के दौरान 10,800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हमास ने इजराइल पर सात अक्टूबर को अप्रत्याशित हमला किया था, जिसके बाद से दोनों पक्षों में युद्ध छिड़ गया। हमास के हमलों में इजराइल में कम से कम 1,400 लोगों की मौत हो चुकी है।
सिम्मी पारुल पारुल 1011 0840 न्यूयॉर्क (एपी)