राष्ट्रीय
जयपुर, 26 दिसंबर | शिरोमणि अकाली दल के बाद, एनडीए के एक और सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने शनिवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ अपने गठबंधन को तोड़ने की आधिकारिक घोषणा की। पार्टी ने यह फैसला विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पूरी नहीं किए जाने की वजह से किया है। आरएलपी के संयोजक और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने हजारों किसानों की उपस्थिति में अलवर जिले में शाहजहांपुर-खेड़ा सीमा पर अपनी पार्टी के एनडीए से अलग होने की घोषणा की।
किसानों को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, "भाजपा के साथ आरएलपी का गठबंधन शनिवार को समाप्त हो गया है।"
इससे पहले 19 दिसंबर को बेनीवाल ने किसानों के आंदोलन के समर्थन में संसद की तीन समितियों से इस्तीफा दे दिया था। (आईएएनएस)
नवनीत मिश्र
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | महात्मा गांधी को सबसे बड़े हिंदू देशभक्त के रूप में चित्रित करने वाली पुस्तक का नए साल के पहले दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत विमोचन करेंगे। एक जनवरी को महात्मा गांधी के समाधिस्थल राजघाट पर 'मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियट' नामक इस किताब के विमोचन समारोह में मोदी सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल और वी मुरलीधरन भी हिस्सा लेंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इसी साल फरवरी में शिक्षाविद जगमोहन राजपूत की किताब का विमोचन करते हुए गांधी के सपनों का भारत बनाने की अपील की थी। मोहन भागवत ने कहा था, "गांधी जी ने कई बार स्वयं को कट्टर सनातनी हिंदू बताया था। उन्हें कभी स्वयं के हिंदू होने पर लज्जा नहीं हुई। महात्मा गांधी के सपनों का भारत बनाने की दिशा में आरएसएस के सरसंघचालक की अपील की कड़ी में इस किताब के विमोचन के काफी मायने हैं।"
किताब को जेके बजाज और प्रो. एमडी श्रीनिवास ने मिलकर लिखा है। जेके बजाज, सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के संस्थापक निदेशक और इंडियन काउंसिल आफ सोशल साइंस रिसर्च के मेंबर के साथ ओबीसी जातियों के उपवर्गीकरण करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित आयोग के सदस्य भी हैं। वहीं दूसरे लेखक प्रो. एमडी श्रीनिवास सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
किताब के लेखक जेके बजाज ने आईएएनएस को बताया, "गांधी जी जन्मजात हिंदू थे, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के संघर्ष के दिनों में वह प्रखर हिंदू बनकर निकले। हिंदू होना क्या होता है? यह उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में संघर्षो के दौरान जाना। गांधी जी खुलकर कहते थे- मेरी देशभक्ति बढ़ती जा रही है और यह देशभक्ति मेरे धर्म से निकलती है।"
लेखक जेके बजाज ने बताया कि, "दक्षिण अफ्रीका में रहने के दौरान इसाई और मुस्लिम मित्रों ने जब धर्मातरण कराने की कोशिश की तो महात्मा गांधी ने इनकार कर दिया था। इस दौरान उन्होंने सनातन हिंदू धर्म के बारे में गहन अध्ययन शुरू किया। जिससे उनकी हिंदू पहचान और प्रखर हुई।"
'मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियट' नामक किताब में गांधी के 'हिंद स्वराज' की पृष्ठिभूमि की जानकारी दी गई है। गांधी जी के व्यक्तित्व के विकास और उनके दक्षिण अफ्रीका में रहने के दौरान चलाए अभियानों से लेकर कई रोचक जानकारियां हैं। पुस्तक में 11 सितंबर 1906 को जोहांसबर्ग के एंपायर थियेटर में आयोजित ऐतिहासिक बैठक में गांधी के 'सत्याग्रह' के जन्म की कहानी का भी वर्णन है। 'द साउथ अफ्रीकन जेल डायरी' नामक अध्याय में महात्मा गांधी और उनके समर्थकों के सत्याग्रह की खोज में जेल में मिली यातनाओं की दास्तान भी है।
इस किताब में महान रूसी लेखक और दार्शनिक लियो टॉलस्टॉय और महात्मा गांधी के बीच हुए पत्राचार का भी वर्णन है। किताब में कहा गया है कि यह लियो टॉलस्टॉय ही थे, जिन्होंने सबसे पहले महात्मा गांधी को हिंदू पैट्रियट(हिंदू देशभक्त) की उपाधि दी थी। किताब में लियो टॉलस्टॉय के बारे में कहा गया है कि वह गांधी की 'हिंदू देशभक्ति' को छोड़कर अन्य सभी बातों के प्रशंसक थे। इस किताब में गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से आने के दौरान जुलाई 1914 में हुई दो फेयरवेल मीटिंग के बारे में भी जानकारी है, जिसमें उन्हें देशभक्त महात्मा की उपाधि मिली थी। (आईएएनएस)
रांची, 26 दिसम्बर | झारखंड के गुमला जिले में पांच संदिग्ध नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से हथियार व गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी। खुफिया जानकारी के अनुसार, एक पुलिस टीम बिशुनपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत तिर्तिया प्रस्तुती समिति(टीपीसी) के नक्सलियों को गिरफ्तार करने गई थी। उसी समय नौ छापामारों के एक समूह ने पुलिस पर दो बम फेंके और भागने की कोशिश करने लगे। हालांकि पीछा करके इनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने इनके पास से एक राइफल, एक डबल-बैरल बंदूक, एक देसी कट्टा, एक एयर गन, कारतूस और डेटोनेटर्स बरामद किए। इनकी पहचान प्रभात मुंडा ऊर्फ राकेश, अमित उरांव ऊर्फ अमित भगत, इंद्र कुमार गोप, दिलीप ऊरांव और राहुल महली के रूप में हुई है।
पुलिस को सूचना मिली थी की गिरफ्तार नक्सली व्यापारियों से पैसे उगाहने के काम में लिप्त था।
नक्सली राज्य के 24 में से 18 जिलों में सक्रिय हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर | व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया (कैट) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की है कि एक जनवरी, 2021 को लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 'नियम 86-बी' के कार्यान्वयन को स्थगित करने का आग्रह किया है। शुक्रवार को वित्त मंत्री को लिखे पत्र में व्यापारियों के निकाय ने अपनी चिंता जाहिर की है।
दरअसल इस नियम के तहत हर महीने 50 लाख से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी देनदारी का कम से कम एक प्रतिशत नकद में जमा कराने का प्रावधान किया गया है, जिस पर व्यापारियों के संगठन को आपत्ति है।
कैट ने इस प्रावधान को उत्पादकता को बुरी तरह प्रभावित करने वाला बताया है। संगठन ने कहा है कि इस कदम से व्यापारियों पर अधिक वित्तीय दायित्व का बोझ पड़ेगा।
व्यापारिक संगठन ने वित्त मंत्री से नियम 86-बी को लागू करने के फैसले को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का अनुरोध किया है, जिसे अगले साल एक जनवरी से लागू किया जाना है।
इसके अलावा कैट ने वित्त मंत्री से जीएसटी फाइल करने और इनकम टैक्स ऑडिट रिटर्न की समयसीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 किए जाने की मांग की है।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि किसी भी कर कानून को वर्ष के बीच की अवधि के दौरान बार-बार संशोधित करने के बजाय वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही लागू किया जाना चाहिए। (आईएएनएस)
प्रमोद कुमार झा
दिल्ली, 26 दिसंबर | कोरोना महामारी से मिली आर्थिक चुनौतियों से निपटने में भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी कृषि का क्षेत्र और अन्नदाता किसानों की उपयोगिता का अहसास पूरे देश को हुआ और केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में आमूलचूल सुधार लाने के लिए साल 2020 में तीन कृषि कानून लागू किए। मगर, किसानों को ये मोदी सरकार द्वारा लाए गए कानून मंजूर नहीं है और वे इसके खिलाफ सड़कों पर हैं। साल के आखिर में अब कृषि सुधार पर किसान और सरकार के बीच जारी तकरार के समाधान का इंतजार है।
साल 2020 के आरंभ में ही कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के बजटीय आबंटन में पिछले साल के मुकाबले करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी करके केंद्र सरकार ने यह संकेत दे दिया था कि मोदी-2.0 में भी कृषि और संबद्ध क्षेत्र पर सरकार का मुख्य फोकस रहेगा।
कोरोना महामारी के संकट के बावजूद मोदी सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए कृषि क्षेत्र के तमाम कार्यक्रमों को जारी रखते हुए ऐतिहासिक नीतिगत सुधार को अंजाम दिया। कोरोना काल में तीन अहम अध्यादेश के माध्यम से कृषि और संबद्ध क्षेत्र में सुधार के बयार लाने के लिए नये कानून लागू किए गए। हालांकि इन कानूनों को लेकर देश में विरोध उसी समय शुरू हो गया था। लेकिन संसद के मानसून सत्र में जब इन अध्यादेशों के एवज में तीन विधेयक लाए गए तो तमाम विपक्षी दलों ने इनका विरोध किया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक पुराना सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने सरकार का साथ छोड़ दिया। इसके बाद से सुधार के इन तीनों कानूनों पर लगातार रार जारी है और बीते एक महीने से देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलनरत हैं।
नये कृषि कानूनों का विरोध हालांकि जून में अध्यादेशों की अधिघोषणा के बाद से ही शुरू हो गया था, लेकिन शुरूआत में मंडियों के व्यापारी और आढ़ती इनके खिलाफ थे, क्योंकि नये कानून से राज्यों में कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) द्वारा संचालित मंडियों के भविष्य को लेकर चिंता पैदा हो गई थी। पंजाब और हरियाणा में जहां देश में सबसे सशक्त एपीएमसी मंडी व्यवस्था है, वहां के किसान भी इसके विरोध में आ गए क्योंकि उन्हें मंडियां समाप्त होने से फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलने का खतरा दिखने लगा। पंजाब में अगस्त में किसानों का आंदोलन धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगा। केंद्र सरकार द्वारा लागू कानून के खिलाफ किसानों के लामबंद होने से इस ओर राजनीतिक दल भी आकृष्ट होने लगे और संसद के मानसून सत्र में जब विधेयक पेश किए गए तो दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने विधेयकों में खामियां गिनाकर इनका पुरजोर विरोध किया। शिअद कोटे से कैबिनेट मंत्री हरसिमरन कौर बादल ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। विपक्षी दलों के कुछ सांसदों ने विधेयकों को पारित करने से पहले संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की तो कुछ सांसदों ने संशोधन के सुझाव दिए। हालांकि उनकी मांगों को नजरंदाज करते हुए तीनों विधेयक दोनों सदनों में पारित करवाने के बाद केंद्र सरकार ने इन्हें लागू कर दिए।
केंद्र सरकार द्वारा कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के रूप सितंबर में लागू होने के बाद पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई किसान संगठन इसके विरोध में किसानों को लामबंद करने लगे और अक्टूबर में पंजाब में किसानों का प्रदर्शन काफी तेज हो गया।
इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया और 14 अक्टूबर को कृषि सचिव ने किसान नेताओं से बातचीत की जोकि केंद्र सरकार से किसानों की पहली वार्ता थी। मगर वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला क्योंकि किसानों ने तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग की। किसानों ने तीनों कानूनों का निरस्त करने के साथ-साथ एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी के लिए एक नया कानून बनाने की मांग की। उनकी मांगों की फेहरिस्त हालांकि और लंबी है। किसान पराली दहन से संबंधित अध्यादेश में किए गए भारी दंड व जुर्माना को वापस लेने के साथ-साथ बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं।
किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया। पंजाब में रेल सेवा ठप हो गई। इसके बाद किसान संगठनों को मंत्री स्तर की वार्ता के लिए बुलाया गया।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश के साथ 13 नवंबर को यहां विज्ञान-भवन में किसान नेताओं के साथ हुई वार्ता भी बेनतीजा रही और आगे वार्ता जारी रखने पर सहमति बनी। लेकिन किसानों ने 26 नवंबर को दिल्ली चलो का एलान कर दिया। पंजाब और हरियाणा के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान तय कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे और तब से वे सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर व अन्य जगहों पर डेरा डाले हुए हैं। हालांकि सरकार ने उन्हें पहले तीन दिसंबर को फिर वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। मगर, किसानों के आंदोलन को देखते हुए उन्हें एक दिसंबर को ही बुलाया गया और विज्ञान भवन में आयोजित मंत्री स्तरीय यह वार्ता भी बेनतीजा रही क्योंकि किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों का निरस्त करवाने की अपनी मांग पर कायम रहे।
आगे फिर तीन दिसंबर और पांच दिसंबर को किसान नेताओं के साथ हुई मंत्री स्तरीय वार्ताएं भी विफल रहीं। हालांकि छठे दौर की वार्ता जारी रखने के लिए नौ दिसंबर की तारीख तय हुई मगर इससे पहले आठ दिसंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ किसान नेताओं की एक कमेटी के साथ मुलाकात की जिसमें यह तय हुआ है कि सरकार उन्हें किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर प्रस्ताव भेजेगी और उस पर उनकी सहमति के बाद आगे की वार्ता की जाएगी। इसके बाद से लगातार अगले दौर की वार्ता के लिए दोनों तरफ से हो रहे पत्राचार में कहा जा रहा है कि वे मसले के समाधान के लिए वार्ता करने को तैयार हैं। मगर वार्ता की तारीख व समय तय नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को एक कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वह उनके विश्वास पर कोई आंच नहीं आने देंगे। प्रधानमंत्री ने आंदोलनरत किसानों से किसी के बहकावे में नहीं आने की हिदायत देते हुए तर्क और तथ्य के आधार पर विचार करने की अपील की है।
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए 1,42,762 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया जोकि पिछले वित्त वर्ष में की तुलना में 30 फीसदी अधिक है। (आईएएनएस)
पणजी, 26 दिसंबर | गोवा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोलॉजी ने नई दिल्ली स्थित नेशनल प्रोडक्टिविटी काउंसिल (एनपीसी) के साथ संयुक्त रूप से जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण से संबंधित डेटा विश्लेषिकी, तेल संयोजन के क्षेत्र में और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में काम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह जानकारी शनिवार को दी गई। बयान में कहा गया, "इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य मुख्य रूप से पर्यावरण प्रबंधन, तटीय क्षेत्रों और कम्यूनिटीज, महासागरीय डेटा विश्लेषण, पर्यावरणीय प्रभाव अध्ययन और उपचारात्मक और शमन उपायों की पहचान करने और नीति अनुसंधान में योगदान के अलावा पर्यावरणीय प्रभाव की भविष्यवाणी करने के लिए मॉडलिंग करना है।"
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तत्वावधान में कार्य करने वाला एनआईओ और उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के विभाग की एक शाखा एनपीसी देश की नदियों, समुद्रों और अन्य समुद्री निकायों में मैक्रो और माइक्रोप्लास्टिक्स के मूल्यांकन पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
दोनों संगठन संयुक्त रूप से महासागरीय मॉडलिंग और डेटा विश्लेषण पर्यावरणीय कारकों और प्रदूषकों से संबंधित और तटीय नियामक क्षेत्र, समुद्री पर्यावरण और पूवार्नुमान में संबंधित प्रभाव का आकलन करेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | सरकार डिजिटल मोड का उपयोग करके ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को अपनी आगामी गोल्ड बॉन्ड योजना में छूट देगी। इसी क्रम में, केंद्र, भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श के साथ ही सदस्यता के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग करने वाले निवेशकों को इश्यू प्राइस से 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देगा।
28 दिसंबर को खुलने वाली स्कीम में बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,000 रुपये प्रति ग्राम है। लेकिन छूट पाने वाले निवेशकों को 4,950 रुपये में बॉन्ड की सदस्यता लेने की अनुमति होगी। (आईएएनएस)
लखनऊ, 26 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में धान व गन्ना क्रय केंद्र के साथ गौ आश्रय स्थलों की निगरानी करने के वरिष्ठ अफसरों को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री यहां लोक भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी जनपद में जाकर धान तथा गन्ना क्रय केंद्रों और गोआश्रय का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि नोडल अधिकारीगण सम्बन्धित जनपद के गोआश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं को देखें तथा विशेष वरासत अभियान के कार्यो का अनुश्रवण करें। उन्होंने नोडल अधिकारियों को किसानों से संवाद करने के निर्देश भी दिए हैं।
उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी जनपद स्तर पर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था तथा किसानों को उपलब्ध कराई जा रही सिंचाई सुविधा की समीक्षा करें। उन्होंने निर्देश दिए कि नोडल अधिकारी भ्रमण के पश्चात आगामी मंगलवार की सांयकाल तक अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराएं।
योगी ने धान खरीद कार्य को पूरी सक्रियता से संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि धान क्रय केंद्रों पर अपनी उपज बेचने में किसानों को कोई असुविधा न हो। किसानों से धान की खरीद में कोई विलम्ब नहीं होना चाहिए तथा उन्हें उपज के मूल्य का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 से 26 जनवरी, 2021 तक उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर सम्पन्न किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के सम्बन्ध में समय से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन किया जाए।
योगी ने कहा कि माघ मेला एक महत्वपूर्ण आयोजन है। इसे प्रयागराज कुम्भ-2019 की भांति स्वच्छता, सुरक्षा एवं सुव्यवस्था के उच्च मापदण्डों के आधार पर आयोजित किया जाए। उन्होंने माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं विशेषकर कल्पवासियों व साधु-संतों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसंबर | आयकर विभाग ने उत्तर-पूर्वी भारत के तीन प्रमुख ठेकेदारों के खिलाफ सर्च और सर्वे की कार्रवाई की, जिससे अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। इनमें से एक समूह हॉस्पिटैलिटी बिजनेस में है। तलाशी दिल्ली और असम के गुवाहाटी, सिलापाथर और पाठसाला में 14 स्थानों पर की गई।
तीनों समूहों पर इस गतिविधि में असुरक्षित ऋण और कोलकाता स्थित शेल कंपनियों के प्रयोग का आरोप है।
विभाग ने एक बयान में कहा कि तीनों समूहों ने कथित तौर पर शुद्ध लाभ को भी छुपाया और गुवाहाटी और कोलकाता से बाहर इंट्री ऑपरेटरों के माध्यम से व्यापार में बेहिसाब कमाई की।
तलाशी के दौरान, यह पता चला कि जिन शेल कंपनियों से ऋण/प्रीमियम लिया गया था, वे केवल कागज पर मौजूद थे और उनका कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं था।
पूछताछ करने पर इंट्री ऑपरेटरों ने स्वीकार किया कि शेल कंपनियों से समूहों के लिए असुरक्षित ऋण / शेयर प्रीमियम वास्तविक नहीं थे।
अब तक, 9.79 लाख रुपये के गहने और 2.95 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए हैं। 2 करोड़ रुपये से अधिक के शेष आभूषणों के अधिग्रहण के स्रोतों का अभी सत्यापन होना बाकी है।
विभाग ने कहा कि सर्च और सर्वे अभियान के दौरान अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। एक लॉकर भी मिला है, जिसे खोला जाना बाकी है। (आईएएनएस)
पटना, 26 दिसम्बर | बिहार में शनिवार को 103 नई नगर पंचायत और आठ नए नगर परिषद बनाए गए। बिहार मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में 103 नए नगर पंचायत और आठ नए नगर परिषद के गठन को मंजूरी दी गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में वहीं 32 नगर पंचायत को नगर परिषद में अपग्रेड करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई तथा 12 नगर निकाय को अपग्रेड किया गया है। इसके अलावा पांच नगर परिषद को नगर निगम में भी परिवर्तित किया गया है।
बैठक में नगर परिषद, सासाराम, नगर परिषद, मोतिहारी सहित बेतिया, समस्तीपुर और मधुबनी नगर परिषद को नगर निगम में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक में जिन 103 नगर पंचायत बनाए जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी गई है, उसमें पटना के पुनपन और पालीगंज तथा नालंदा जिले के हरनौत, सरमेरा, रहुई, परवलपुर, गिरियक, अस्थावां, एकंगरसराय व चंडी शामिल हैं।
32 नगर पंचायतों के नगर परिषद में बदलने वाले क्षेत्रों में नालंदा की राजगीर नगर पंचायत अब नगर परिषद में बदल जाएगी, जबकि भोजपुर का पीरो, रोहतास का नोखा, पूर्वी चंपारण का चकिया व रामनगर नगर पंचायत अब नगर परिषद होंगे।
उल्लेखनीय है कि अगले साल राज्य में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं, जिसके लिए मतदाता सूची बनने का काम जारी है। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 26 दिसम्बर | केरल के पलक्कड़ में एक 27 वर्षीय व्यक्ति पर कथित तौर से कुल्हाड़ी और हंसिया से हमला करने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को ऑनर किलिंग के एक संदिग्ध मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसकी जानकारी पुलिस ने शनिवार को दी। पुलिस ने प्रभुकुमार और सुरेश को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे पुछताछ की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित अनीश शुक्रवार रात अपने भाई अरुण के साथ मोटरसाइकिल पर था, जहां घात लगाए पहले से ही बैठे प्रभुकुमार और सुरेश ने रास्ते में उनपर हमला कर दिया, जहां अनीश की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
सूत्रों ने बताया कि तीन महीने पहले अनीश ने हरीथा से शादी की थी जो एक उच्च जाति से थी। उनका रिश्ता तब शुरू हुआ जब वे स्कूल में थे। इस रिस्ते से लड़की का परिवार कभी भी खुश नहीं था।
हालांकि, पुलिस ने कहा कि उन्हें अभी तक पता नहीं चल पाया है कि यह ऑनर किलिंग का मामला है या नहीं।
पलक्कड़ जिले के पुलिस प्रमुख सुजीतदास ने कहा कि पुलिस ने तब से कार्रवाई की है जब से अनीश के परिवार ने हरीथा के पिता और उसके चाचा के खिलाफ अनीश को धमकी देने के लिए शिकायत दर्ज की थी।
उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस ने हरिता के माता-पिता को फोन किया और उन्हें चेतावनी दी कि वे कानून को अपने हाथ में न लें।
पुलिस प्रमुख ने कहा, "हमें अभी तक यह पता नहीं चला है कि यह ऑनर किलिंग का मामला है या नहीं और हरीथा, उसके रिश्तेदारों और अनीश के रिश्तेदारों और दोस्तों समेत सभी के बयानों के बाद ही इसकी पुष्टि की जा रही है।" (आईएएनएस)
गुरूग्राम, 26 दिसम्बर | दिल्ली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में शनिवार तक हरियाणा-राजस्थान सीमा पर 2,000 से अधिक किसान एकत्रित हुए हैं। पुलिस ने इसकी जानकारी दी है। यहां किसानों की संख्या में हर दिन इजाफा होता जा रहा है, ऐसे में हरियाणा पुलिस ने राज्य में इन्हें प्रवेश करने से रोकने के लिए एक भारी पुलिस बल की तैनाती किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर आए हुए किसान अन्य किसान संगठनों के आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनका विरोध और भी सशक्त हो सके।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर दिल्ली-गुरुग्राम सीमा और आसपास के क्षेत्रों जैसे बिलासपुर, पंचगांव, खेड़की दौला टोल, डूंडाहेड़ा-दिल्ली सीमा और हरियाणा-राजस्थान सीमा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।"
अधिकारी ने आगे बताया, "दिल्ली में जारी विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करने के निर्णय के मद्देनजर हमने राष्ट्रीय राजमार्ग में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की है। अब तक किसी भी किसान समूह या संगठन ने रेवाड़ी या राजस्थान के माध्यम से गुरुग्राम में प्रवेश किया है या नहीं, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है।"
इस बीच, दिल्ली-गुरुग्राम सीमा पर दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले संदिग्ध वाहनों की जांच कर रही है। उन्होंने कई जांच बिंदुओं पर बैरिकेड्स भी लगा रखे हैं।
इसके अलावा, गुरुग्राम पुलिस ने दावा किया है कि उनके द्वारा जिले में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर विभिन्न बिंदुओं पर 1500 से अधिक पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 26 दिसम्बर | दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ रात भर हुई मुठभेड़ में दो अज्ञात आतंकवादी मारे गए। इसकी जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी। शुक्रवार को मुठभेड़ तब शुरू हुई, जब सुरक्षा बलों ने एक विशेष सूचना के आधार पर छिपे हुए आतंकवादियों के ठिकानों को चारों तरफ से घेर लिया।
जैसे ही सुरक्षा बलों ने ठिकाने का घेराव किया, वहां मौजूद आंतकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी करना शुरू कर दी, जिससे दोनों पक्षों में मुठभेड़ शुरू हो गई।
पुलिस ने कहा कि इलाके में तलाशी अभियान जारी है। (आईएएनएस)
पटना, 26 दिसम्बर | राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने शनिवार को भविष्यवाणाी करते हुए कहा कि बिहार में जल्द ही जनता दल (यूनाइटेड) का सफाया हो जाएगा। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप यादव ने कहा, "जदयू का अब सफाया तय है। अरूणाचल प्रदेश से इसकी शुरूआत हो गई है। बिहार में भी जल्द ही इसका सफाया हो जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा कि जदयू खंडित हो चुका है, टूट चुका है। उन्होंने कहा कि बिहार में भी नीतीश सरकार का भविष्य सही नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अरूणाचल प्रदेश में जदयू के सात विधायकों में से छह के भाजपा में शामिल होने के बाद विपक्ष भाजपा और जदयू पर निशाना साधा रहा है।
गौरतलब है कि राजद के नेता तेजस्वी यादव भी जदयू के टूट की संभावना जताते रहे हैं। (आईएएनएस)
बांदा, 26 दिसम्बर | उत्तर प्रदेश के बांदा जिले स्थित मरका थाना के दुबे पुरवा मऊ में अलाव की चिंगारी से मां समेत तीन बच्चों की जलकर मौत हो गई है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेन्द्र प्रताप चौहान ने बताया, "जिले के मरका थाना स्थित दुबे पुरवा का रहने वाला कल्लू राजस्थान के जयपुर में मजदूरी करता है। उसकी पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ यहां रहती थी। ठंड के कारण आग अलाव में से निकली चिंगारी ने पूरे घर को खाक कर दिया। आग कैसे लगी। अन्य भी कारणों का जांच में पता लगाया जा रहा है।"
स्थानीय लोगों के अनुसार दुबे का पुरवा मजरा निवासी कल्लू के घर में ग्रामीणों ने आग की लपटें निकलते देखीं तो शोर मचाया। आग की भयावहता देखकर कोई पास जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका। बाद में दरवाजा तोड़ा गया तो पूरा घर मलबे में तब्दील हो चुका था। हर तरफ केवल जला हुआ मलबा पड़ा था और धुआं उठ रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और फायर ब्रिगेड भी पहुंची।
ग्रामीणों ने बताया कि अलाव की चिंगारी से कच्चे घर में लगी आग में मां व तीन मासूम बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई। घर में भूसा भरे होने और लकड़ी की धन्नियां लगी होने से आग ने विकराल रूप ले लिया और किसी को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिला। आग की लपटें देखकर गांव वालों ने शोर मचाया लेकिन अंदर जाने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया। पुलिस और फायर ब्रिगेड पहुंची और आग बुझाने के बाद मलबे से शवों को खोजकर बाहर निकाला। मौके पर प्रशासन मौजूद है।
एसडीएम ने बताया कि आग लगने की पहली वजह सर्दी से बचाव को रखे गए अलाव की चिंगारी प्रतीत हो रही है। जांच के बाद हकीकत सामने आएगी। (आईएएनएस)
विवेक त्रिपाठी
लखनऊ, 26 दिसम्बर | मौजूदा वित्तीय वर्ष में योगी सरकार का लक्ष्य 50 लाख युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इसके लिए सरकार ने 5 दिसम्बर से मिशन रोजगार की शुरुआत की है। इस क्रम में अब तक 21,75443 युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। इसमें नियमित नियुक्तियों से लेकर आउटसोर्सिग, संविदा, निजी क्षेत्र, कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार एवं मानव दिवस सृजन के जरिए उत्पन्न रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर शामिल हैं। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभाग, विकास एवं औद्योगिक विकास प्राधिकरण, अलग-अलग आयोग,निगम,परिषद एवं बोर्ड, निजी क्षेत्र के संस्थान और कौशल प्रशिक्षण देने एवं स्वरोजगार में मदद करने वाले संस्थान ये अवसर उपलब्ध कराएंगे।
अब तक एमएसएमई ( सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) ग्राम विकास, पंचायती राज, खेल, मत्स्य, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल, श्रम, बेसिक शिक्षा और लोकनिर्माण विभाग ने रोजगार और मानव दिवस सृजित करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार मिले इसके लिए सरकार अभियान चलाकर जिला स्तर पर जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में जागरूकता कार्यक्रम के साथ लाभार्थी परक कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। अधिक से अधिक युवा इस अभियान से लाभान्वित हो इसके लिए इन कार्यक्रमों के पहले सूचना विभाग इनका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करेगा।
स्थानीय स्तर पर कम पूंजी, न्यूनतम जोखिम और बुनियादी संरचना में सर्वाधिक रोजगार देने वाले एमएसएमई सेक्टर की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस सेक्टर में अधिक से अधिक नई इकाइयां खुलें, पुरानी इकाइयां तकनीकी अपग्रेडेशन के जरिए अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ अपने उत्पाद की गुणवत्ता बाजार की मांग के अनुरूप बेहतर कर सकें इसके लिए बैंकर्स से समन्वय कर अभियान चलाकर ऐसे उद्यमियों को लोन दे रहा है।
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में 20 लाख नई और पुरानी इकाइयों को 75 हजार करोड़ रुपए ऋण देने का लक्ष्य है। अब तक 11 लाख से अधिक इकाइयों को करीब 30 हजार करोड़ रुपए के ऋण बांटे जा चुके हैं। अगर एक इकाई में औसत 4 से 5 लोगों को भी रोजगार मिले तो अकेले इसी सेक्टर में इस वित्तीय वर्ष में 80 लाख से एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के 21 लाख परिवारों के लिए आयुष्मान भारत-सेहत स्कीम लांच की। इस योजना के तहत जम्मू-कश्मीर के सभी परिवारों का सालाना पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज हो सकेगा। जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में योजना का लाभ उठा सकेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल माध्यम से स्कीम लांच करते हुए कहा, "आज जम्मू कश्मीर आयुष्मान भारत- सेहत स्कीम शुरू की गई है। इस स्कीम से 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा तो जीवन में कितनी बड़ी सहूलियत आएगी। अभी आयुष्मान भारत योजना का लाभ राज्य के करीब 6 लाख परिवारों को मिल रहा था। सेहत योजना के बाद यही लाभ सभी 21 लाख परिवारों को मिलेगा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस स्कीम का एक और लाभ होगा जिसका जिक्र बार-बार किया जाना जरूरी है। आपका इलाज सिर्फ जम्मू कश्मीर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों तक सीमित नहीं रहेगा। बल्कि देश में इस योजना के तहत जो हजारों अस्पताल जुड़े हैं, वहां भी ये सुविधा आपको मिल पाएगी।"
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि आज से जम्मू कश्मीर के सभी लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिलने जा रहा है। सेहत स्कीम-अपने आप में ये एक बहुत बड़ा कदम है। और जम्मू-कश्मीर को अपने लोगों के विकास के लिए ये कदम उठाता देख, मुझे भी बहुत खुशी हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने हालिया जिला विकास परिषद के चुनावों में राज्य की जनता के बढ़चढ़कर भाग लेने की सराहना की। उन्होंने कहा, "जम्मू कश्मीर के हर वोटर के चेहरे पर मुझे विकास के लिए, डेवलपमेंट के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। जम्मू कश्मीर के हर वोटर की आंखों में मैंने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर भविष्य का विश्वास देखा। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भी बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव को एक नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा, "मैं चुनावों के हर फेज में देख रहा था कि कैसे इतनी सर्दी के बावजूद, कोरोना के बावजूद, नौजवान, बुजुर्ग, महिलाएं बूथ पर पहुंच रहे थे।"
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर की जनता को संबोधित करते हुए कहा, "आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ये आदेश दिया था। लेकिन वहां जो सरकार है, इस मामले को लगातार टाल रही है। साथियों, पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में लोकल बॉडी पोल्स हुए थे। इन चुनावों में जो चुने गए उनका कार्यकाल साल 2011 में ही खत्म हो चुका है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने के बारे में हुए प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भी यहां जम्मू-कश्मीर में करीब 18 लाख सिलेंडर रिफिल कराए गए। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जम्मू कश्मीर में 10 लाख से ज्यादा टॉयलेट बनाए गए। लेकिन इसका मकसद सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं, ये लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की भी कोशिश है। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 26 दिसम्बर | तेलंगाना के आदिलाबाद शहर में 18 दिसंबर को मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के एक नेता द्वारा की गई गोलीबारी में घायल हुए एक व्यक्ति ने शनिवार को अपना दम तोड़ दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। आदिलाबाद के टाटीगुडा के पूर्व पार्षद 52 वर्षीय सैयद जमीर ने हैदराबाद में निजाम के आयुर्विज्ञान संस्थान (एनआईएमएस) में अंतिम सांस ली।
आदिलाबाद के टाटीगुडा इलाके में जब एमआईएम के नेता मोहम्मद फारूक अहमद ने अपने लाइसेंसी रिवाल्वर से फायरिंग शुरू कर दी, तो सैयद जमीर इस हमले में अपने भाई सैयद मन्नान और भतीजे सैयद मोहतेसिन के साथ घायल हो गए थे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इन पर चाकू से भी हमला किया गया।
जहां जमीर और मोहतेसिन को गोलियां लगी हैं, वहीं मन्नान को चाकू के घाव लगे हैं। चूंकि जमीर की हालत सबसे ज्यादा गंभीर थी, तो उसे उपचार के लिए हैदराबाद में ले जाया गया।
आदिलाबाद नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष मोहम्मद फारूक ने टाटीगुडा इलाके में क्रिकेट खेल रहे दो समूहों के बीच हुई झड़प में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर हमला किया।
इस हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें फारूक अपने एक हाथ से हवा में गोलीबारी करते और दूसरे हाथ में चाकू लिए नजर आ रहे हैं।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था और अब जमीर की मौत के साथ आरोपी पर हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने आरोपी के बंदूक के लाइसेंस को रद्द करने के लिए कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट से भी सिफारिश की है। (आईएएनएस)
कानपुर , 26 दिसम्बर | अगर आप शहर में रहते हैं और चिड़ियों की चहचहाट से वंचित हो गए हैं, तो आपको कानपुर के चिड़िया घर आना चाहिए। यहां के निर्मित अनुभूति केन्द्र में आपके लिए चिड़ियों के 'कलरव' सुनने का पूरा प्रबंध किया है। बटन दबते ही चिड़िया घर परिसर पक्षियों के आवाज से गूंज उठता है। इतना ही नहीं यहां आपको कानपुर के इतिहास बारे में जानने का पूरा मौका मिलता है।
कानपुर चिड़िया घर के सहायक निदेशक अरविन्द सिंह ने आईएएनएस बताया कि डब्लूआइआई ने कानपुर के चिड़िया घर में एक अनुभूति केन्द्र की स्थापना की है। जिसमें गंगा किनारे रहने वाले पक्षी, कछुए, डाल्फिन और मछली के बारे में जानकारी दी जाती है।
तीन कमरों के बने कक्ष में इनकी जानकारी दी जाती है। इसमें एक बाक्स बना है जिसमें पक्षियों का नाम लिखा है इसमें प्री रिकॉर्डेड आवाज बच्चों को सुनाई देती है। उसके बारे में बताया जाता है। इसे भावी पीढ़ी के अवगत कराने के उद्देश्य से इसका निर्माण कराया गया है।
अरविन्द ने बताया कि यहां पर पांच से 16 साल के बच्चे खूब आना पंसद करते हैं। यहां पर उन चिड़ियों के बारे में बच्चे जान सकते हैं जो उनके इर्द-गिर्द घूमती रहती है। या ऐसे पक्षी जिनके बारे में वह सिर्फ किताबों ही पढ़ पाते हैं। कई दर्जन पक्षियों की आवाज एक बटन दबाकर सुनी जा सकती है। इसके अलावा इस केन्द्र में कानपुर के इतिहास व गंगा के महत्व भी बताया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद खुले इस केन्द्र में करीब 200 से 300 बच्चे आ रहे हैं। अभी इसमें एक गाइड रखा जाएगा। जो सुबह से लेकर शाम तक बच्चों को जानकारी दे। (आईएएनएस)
जयपुर, 26 दिसम्बर | हजारों की तादात में किसानों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले एनडीए के सहयोगी और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा को अब अपना जवाब देना होगा। किसानों से संबंधित इस मुद्दे को अब एक महीने से अधिक लंबा वक्त होने को जा रहा है। शनिवार को 'दिल्ली चलो' के लिए तैयार हजारों की संख्या में किसान जयपुर के पास कोटपूतली में एकत्रित हुए । बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी केंद्र में भाजपा की सहयोगी है।
बेनीवाल ने आईएएनएस को बताया, "लगभग 2 लाख किसान मेरे साथ दिल्ली के लिए मार्च कर रहे हैं और इस दौरान हम एनडीए के साथ हमारे गठबंधन के बारे में भी निर्णय लेंगे। यदि कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते हैं, तो हम एनडीए के साथ अलग होने की घोषणा करेंगे।"
राष्ट्रीय राजधानी में वह केंद्र द्वारा पारित तीन किसान कानूनों को रद्द किए जाने के मांग को लेकर वह किसानों के प्रति एकजुटता दिखाएंगे।
आरएलपी के एक कार्यकर्ता ने आईएएनएस को बताया, "राज्य के विभिन्न हिस्सों से किसान यहां जमा हो रहे हैं। हम विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की मांग के लिए एक महीने से विरोध कर रहे हमारे किसान भाइयों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली कूच करेंगे।"
आरएलपी की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राजस्थान के विभिन्न जिलों से लोग और किसान कोटपूतली में एकत्र होंगे और सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में शाहजहांपुर सीमा की ओर कूच करेंगे। (आईएएनएस)
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन (एक ही) परीक्षा होगी.
नए क़दम का मक़सद छात्रों पर 12वीं कक्षा में मिले अंकों के आधार पर तय होने वाल कटऑफ़ का दबाव कम करना है.
केंद्र सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 की प्रवेश परीक्षा के लिए सात सदस्यों वाली एक समिति बनाई है.
सरकार का कहना है कि ये समिति 'उच्च मानकों वाली प्रवेश परीक्षा' के नियम निर्धारित करेगी.
ग्रैजुएशन के लिए कंप्यूटर आधारित इस प्रवेश परीक्षा को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आयोजित कराएगी और ये केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए अनिवार्य होगा.
उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने बताया कि इस परीक्षा में सामान्य अध्ययन के प्रश्न भी पूछे जाएंगे और ख़ास विषयों से जुड़े सवाल भी. (bbc.com)
भारत में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए अगले हफ़्ते से चार राज्यों में 'ड्राई रन' (पूर्वाभ्यास) किया जाएगा.
भारतीय इतिहास का यह सबसे महत्वाकांक्षी पूर्वाभ्यास आंध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब और असम में दो दिनों के लिए होगा.
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार 28 और 29 दिसंबर को इन चारों राज्यों के दो ज़िलों में टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जाएगा.
इस पूर्वाभ्यास के चार प्रमुख चरण होंगे और चारों पर केंद्र सरकार क़रीब से नज़र रखेगी. ये चार चरण हैं:
1. हर ज़िले के क़रीबी डिपो तक 100 लाभार्थियों के लिए डमी वैक्सीन पहुँचाई जाएगी.
2. डिपो से लेकर टीकाकरण की जगह तक के तापमान को ट्रैक किया जाएगा.
3. लाभार्थियों को टीकाकरण से पहले ही एक एसएमएस भेजा जाएगा जिसमें टीका लगाने वाले का नाम और टीका लगने की जगह के बारे में बताया जाएगा.
4. टीका लगने के अभ्यास के बाद हर शख़्स को आधे घंटे पर वहीं इंतज़ार करने को कहा जाएगा और उन पर नज़र रखी जाएगी. अगर इस प्रक्रिया में कोई कठिनाई आती है तो इसे सेंट्रल सर्वर के ज़रिए ट्रैक किया जाएगा.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस ड्राई रन में शामिल होने वाले कुल 2,360 लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण दिलाया गया है. इनमें कोल्ड चेन से लेकर टीकाकरण अधिकारी तक शामिल हैं.
ब्रिटेन, अमेरिका और फ़्रांस समेत कई देशों में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगने लगी है. अब भारत भी इससे कुछ ही क़दम दूर नज़र आ रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि टीकाकरण के पूर्वाभ्यास के बाद जल्दी ही असल में टीकाकरण भी शुरू हो जाएगा.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले एक करोड़ से भी ज़्यादा हैं और अमेरिका के बाद यह महामारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित दूसरा देश है.
नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर और नेशनल टास्क फ़ोर्स ऑन कोविड मैनेजमेंट के सदस्य डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना वायरस के म्यूटेशन की ख़बरों से घबराने की ज़रूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, ''कोरोना वायरस अब तक कई बदलावों से गुज़र चुका है लेकिन औसतन देखा जाए तो हर महीने इसमें दो म्यूटेशन हुए हैं. ऐसे में वायरस के नए वैरिएंट्स से बेवजह घबराने की ज़रूरत नहीं है."
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा, "म्यूटेशन के कारण कोविड-19 के लक्षणों में कोई बदलाव नहीं आया है.इसलिए इसके इलाज की रणनीति में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. अभी तक मौजूद डेटा के अनुसार जो वैक्सीन भारत में ट्रायल के दौर में हैं, वो कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स पर भी असर करेंगी."
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में मिले नए वैरिएंट की वजह से चिंताएं इसलिए बढ़ी हैं क्योंकि ये तेज़ी से फैलता है न कि इससे अस्पताल में भर्ती होने की आशंका बढ़ती है.
इस बीच, ब्रिटेन के अलावा फ़्रांस और दक्षिण अफ़्रीका में भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स मिले हैं जिन्हें ज़्यादा संक्रामक बताया जा रहा है.
इस ख़बर को टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है. (bbc.com)
जयपुर, 26 दिसम्बर | राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने ऐलान किया है कि वह किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को जयपुर से लेकर दिल्ली तक हजारों की तादात में किसानों को लेकर मार्च करेंगे। केंद्र में भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक बेनीवाल ने अपनी एक सभा में दावा किया था कि वह 2 लाख से अधिक किसानों को लेकर दिल्ली कूच करेंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में वह केंद्र द्वारा पारित तीन किसान कानूनों को रद्द किए जाने के मांग को लेकर वह किसानों के प्रति एकजुटता दिखाएंगे।
आरएलपी के एक कार्यकर्ता ने आईएएनएस को बताया, "राज्य के विभिन्न हिस्सों से किसान यहां जमा हो रहे हैं। हम विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की मांग के लिए एक महीने से विरोध कर रहे हमारे किसान भाइयों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली कूच करेंगे।"
आरएलपी की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राजस्थान के विभिन्न जिलों से लोग और किसान कोटपूतली में एकत्र होंगे और सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में शाहजहांपुर सीमा की ओर कूच करेंगे। (आईएएनएस)
प्रमोद कुमार झा
नई दिल्ली, 26 दिसम्बर (आईएएनएस)| आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब आने पर आयकर विभाग ने रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए 'झटपट प्रोसेसिंग' शुरू की है। अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की है तो इस नई सुविधा का उपयोग करके जल्द रिटर्न दाखिल करें क्योंकि विलंब होने पर आपको जुमार्ना भरना पड़ सकता है। खासतौर से वेतनभोगियों के लिए यह सुविधा काफी उपयोगी साबित हो सकती है क्योंकि उनके लिए आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर ही है। चार्टर्ड अकाउंटेंट चंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर वेतनभोगी लोगों के लिए है जो बिजनेस से नहीं जुड़े हैं। उन्होंने बताया किऐसे आयकरदाता अगर 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनको 10,000 रुपये तक जुमार्ना भरना पड़ सकता है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट चंद्रकांत मिश्रा ने बताया कि आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तक उन लोगों के लिए है जो वेतनभोगी हैं या बिजनेस से भी जुड़े हैं लेकिन उनका टैक्स ऑडिट नहीं है। उन्होंने बताया कि ऐसे आयकरदाता अगर 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे तो उनको 10,000 रुपये तक जुमार्ना भरना पड़ सकता है।
ऐसे में झटपट प्रोसेसिंग का उपयोग करके आप जल्द आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। आयकर विभाग की वेबसाइट पर आपको विभाग की ओर से शुरू की गई इस पहल का स्लोगन 'फाइल करो झट से, प्रोसेसिंग होगी पट से' देखने को मिलेगा। इसमें बताया गया है कि आप आईटीआर-1 और आईटीआर-4 कैसे दाखिल कर सकते हैं।
आईटीआर-1 एक सरलीकृत एक पेज का फॉर्म होता है जो उन आयकरदाताओं के लिए है जो वेतन या पेंशन व एक हाउस प्रोपर्टी से सालाना 50 लाख रुपये की आय प्राप्त करते हैं।
आईटीआर-4 उन आयकर दाताओं के लिए है जो व्यवसायी या पेशेवर हैं। इसमें वो लोग भी शामिल हैं जिन्होंने आयकर अधिनियम के सेक्शन 44एडी, सेक्शन 44एडीए और 44एई के अनुसार संभावित आय स्कीम का विकल्प लिया है।
चंद्रकांत मिश्रा ने बताया, "आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर उन लोगों के लिए है जो वेतनभोगी हैं और उनकी आय की ऑडिट नहीं होती है। लेकिन अगर आप बिजनेस से जुड़े हैं और आपकी बैलेंस शीट ऑडिट होती है तो आपके लिए बिना जुमार्ना आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2021 है।"
विलंब से आयकर दाखिल करने पर आयकर विभाग ने अलग-अलग जुर्माने का प्रावधान किया है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट मिश्रा ने बताया कि जिन व्यक्तियों की कर योग्य आय 50,0000 रुपये यानी पांच लाख रुपये तक है उनको 31 दिसंबर के बाद रिटर्न दाखिल करने पर 1,000 रुपये जुमार्ना भरना पड़ेगा। वहीं, जिनकी कर योग्य आय अगर पांच लाख रुपये से अधिक है उनको 31 दिसंबर के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करने पर 10,000 रुपये जुमार्ना भरना पड़ेगा।
ये वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर भरने के प्रावधान हैं और जुमार्ने के साथ 31 मार्च 2021 तक आयकर रिटर्न दाखिल किया जा सकता है।
इसलिए, अगर आप जुमार्ना भरने से बचना चाहते हैं तो अब विलंब मत कीजिए क्योंकि आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख करीब है।