राष्ट्रीय
फर्रुखाबाद, 22 अप्रैल | उत्तर प्रदेश पुलिस ने फर्रुखाबाद के कइमगंज नगर पालिका अध्यक्ष सुनील चक और आठ अन्य लोगों को कोविड के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने और उनके जन्मदिन पर एक डांस पार्टी का आयोजन करने के लिए गिफ्तार किया है। 12 अप्रैल को नगर पालिका कार्यालय के परिसर में नृत्य समारोह का आयोजन किया गया था।
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा 14 अप्रैल को एक वीडियो ट्वीट किए जाने के बाद मामला दर्ज किया गया था।
बाद में, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया ।
वीडियो में मेहमान बिना मास्क के नजर आ रहें हैं और सामाजिक दूरियों के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
इंस्पेक्टर कइमगंज कोतवाली, संजय मिश्रा ने कहा "नगर पालिका अध्यक्ष सुनील चक और आठ अन्य, प्रभात, अरबाज, जुबैर, रिंकी गुप्ता, राज पाल, नदीम, अमित कुमार और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कइमगंज पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं और महामारी रोग अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।"
इस संबंध में आगे की जांच जारी है।
चक एक स्थानीय भाजपा नेता भी हैं। (आईएएनएस)
कानपुर (उप्र), 22 अप्रैल | कानपुर पुलिस आयुक्तालय की अपराध शाखा ने ऑक्सीजन ब्लैक-मार्केटिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया और 51 सिलेंडर बरामद किए। इस सिलसिले में शहर के गोविंद नगर इलाके में गैस एजेंसी के मालिक को गिरफ्तार किया गया है।
डीसीपी (अपराध) सलमान ताज पाटिल के अनुसार, जांच से पता चला कि एजेंसी मालिक ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में शामिल था।
पाटिल ने कहा, "ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी की शिकायतों के बाद हमने गोविंद नगर इलाके में नाद लाल चौराहे के पास गैस एजेंसी के मालिक की निगरानी की।"
पुलिस ने गोदाम से लगभग 51 बड़े और छोटे ऑक्सीजन गैस सिलेंडर जब्त किए और एजेंसी के मालिक जसवंत सिंह को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम पिछले कुछ दिनों में ऑक्सीजन सिलेंडर की बिक्री और खरीद से संबंधित ब्योरा मांग रहे हैं। अगर उसके खिलाफ आरोप सही पाए जाते हैं तो उसे आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत उसे गिरफ्तार किया जाएगा।"
घटना के बाद सिटी पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी, अवैध खरीद या बिक्री के खिलाफ चेतावनी दी।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की कानपुर इकाई ने पिछले गुरुवार को 265 रेमेडेसिविर इंजेक्शन के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जो काला बाजारी करते थे।
उन्होंने आगे कहा कि "इनमें से कुछ सिलेंडर को होम आइसोलेशन में मौजूद कोविड-19 मरीज को काफी ऊंचे दामों में बेचा जा रहा है।" (आईएएनएस)
लखीमपुर खीरी , 22 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पिछले 24 घंटों में कोविड के लक्षण विकसित होने के कुछ ही घंटों के अंदर चार लोगों की मौत होने से जिले में डर और दहशत का माहौल है। पहले मामले में 28 वर्षीय एक महिला मंगलवार को छाती से संबंधित परेशानी के कारण अपनी मां को इलाज के लिए लखनऊ ले जा रही थी।
वह अपनी मां को भर्ती करने के लिए अस्पताल ढूंढ रही थी कि इससे पहले उनकी मृत्यु हो गई।
उनके शव को लखनऊ के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी कोरोना जांच हुई और उनका परीक्षण पॉजिटिव आया था।
इस बीच महिला बुधवार सुबह अपनी मां के शव को लखीमपुर खीरी वापस ले जा रही थी तभी लड़की की सांस लेने में तकलीफ के कारण एंबुलेंस में ही मौत हो गई।
दूसरे मामले में 42 साल के आयकर अधिकारी बुखार होने के कुछ घंटों बाद ही मर गए। उन्हें छाती में दर्द होने के बाद लखीमपुर खीरी में सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर एक घंटे के अंदर ही उनका निधन हो गया।
तीसरे मामले में एक भोजनालय के मालिक को निमोनिया होने से अस्पताल में भर्ती कराने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई।
चौथे मामले में एक स्कूल के वाइस प्रिंसिपल सीने में दर्द का इलाज घर पर ही करा रहे थे कि तेज बुखार होने से उनका एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनका कोरोना परीक्षण पॉजिटिव नहीं था।
पिछले हफ्ते, तीन भाइयों की तेज बुखार से कुछ ही घंटों के अंदर मौत हो गई। डॉक्टर अस्पताल में जबतक इन्हें देखते, तीनों का देहांत हो गया था।उनके नमूने लिए गए हैं।
एक रिश्तेदार ने कहा, "हमें अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। हमें नहीं पता कि मेरे चचेरे भाई की मौत कोविड-19 से हुई है या नहीं।"
बुधवार को जिले में आधिकारिक कोविड-19 से मौतों की संख्या 2 थी।
लखीमपुर खीरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मनोज अग्रवाल ने कहा, "बुधवार को जिले में कोरोना के कारण दो की मौत की पुष्टि की गई है।"
इस बीच जिले के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि ऐसे मामलों का तेजी से उभरना एक विस्तृत शोध की तरफ इशारा करता है।
उन्होंने कहा,"अगर मरीजों की मौत कोविड के कारण हुई हो , तो भी घंटे भर में मौत होना खतरनाक है। अब तक लगभग एक दर्जन ऐसी मौतें हुई हैं और हमें बिना देरी किए इस मुद्दे को उठाने की जरूरत है।" (आईएएनएस)
पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना संक्रमण के 3.14 लाख नए मामले सामने आए. यह पूरी दुनिया में अभी तक एक दिन में दर्ज होने वाले नए मामलों में सबसे बड़ी वृद्धि है. महामारी से मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
संक्रमण के 3.14 लाख नए मामलों के साथ भारत में अभी तक दर्ज किए गए कुल मामलों की संख्या 1.59 करोड़ हो गई है. पिछले 24 घंटों में देश में कोविड ने 2,104 जान भी ले लीं. इससे पहले संक्रमण के मामलों में दैनिक उछाल का सबसे बड़ा आंकड़ा जनवरी में अमेरिका में देखा गया था, जब वहां एक दिन में 2,97,430 नए मामले सामने आए थे. संक्रमण लगभग सभी राज्यों में तेजी से फैल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि 146 जिले विशेष चिंता का कारण बने हुए हैं.
इन जिलों में पॉजिटिविटी दर (100 टेस्ट में कितने पॉजिटिव आए) 15 प्रतिशत या उससे ऊपर है. पांच राज्यों में एक लाख से ज्यादा सक्रिय मामले हैं, जिनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और केरल शामिल हैं. अस्पतालों पर बढ़ते दबाव के बीच दिल्ली समेत कई राज्यों में ऑक्सीजन की भारी कमी का संकट हो गया है.
अस्पताल ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करवाने के लिए कभी पुलिस से मदद मांग रहे हैं, कभी सोशल मीडिया पर आपात संदेश डाल रहे हैं और अदालतों के दरवाजे भी खटखटा रहे हैं. ऐसे ही एक मामले पर सुनवाई करते हुए बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई. अदालत ने सरकार को कहा कि यह एक राष्ट्रीय आपातकाल है और सरकार को चाहे "भीख मांगनी पड़े, उधार लेना पड़े या चोरी करनी पड़े", उसे ऑक्सीजन का इंतजाम करना पड़ेगा.
कई अस्पतालों को आपात आधार पर ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है, लेकिन देश में उसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार इस समय कंपनियों के आवेदनों की समीक्षा कर रही है. केंद्र ने कहा कि इस समय देश में बनने वाली 7,500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से 6,600 मीट्रिक टन अस्पतालों को भेजी जा रही है. इस बीच सरकार ने टीका ले चुके लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित नई जानकारी जारी की और बताया कि जिन्हें टीका लग चुका है उनमें 10,000 में से सिर्फ 2-4 लोगों को संक्रमण हुआ है. केंद्र ने कहा कि यह दिखाता है कि टीके असरदार हैं. (dw.com)
प्रदीप कुमार
सोशल मीडिया में पिछले दो दिनों से वाराणसी की एक तस्वीर वायरल है. इस तस्वीर में ई-रिक्शे पर बैठी एक बदहवास माँ है और उनके क़दमों में उनके बेटा, जिसकी साँसें थम चुकी हैं.
एक तो तस्वीर वाक़ई दिल दहला देने वाली है, दूसरे यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र का मामला है, इसलिए सोशल मीडिया पर इसके वायरल होने में देर नहीं लगी.
उन्हीं की एक दूसरी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है जिसमें वह मदद पाने की कोशिश में अपने मृत बेटे के स्मार्टफ़ोन को खोलने की कोशिश करती दिख रही हैं.
दरअसल, यह महिला वाराणसी से सटे जौनपुर के अहिरौली (शीतलगंज) की निवासी हैं चंद्रकला सिंह. सोमवार को वह अपने 29 साल के बेटे विनीत सिंह का इलाज कराने के लिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के अस्पताल पहुंची थीं.
विनीत मुंबई में एक दवा की दुकान में मामूली नौकरी करते थे, कोरोना महामारी के बाद उनकी नौकरी चली गई थी जिसकी वजह से वह अपने गाँव लौट आए थे.
बीएचयू के अस्पताल में उन्हें प्रवेश नहीं मिल पाया और उसके बाद ई-रिक्शे से उन्होंने पास के कुछ निजी अस्पतालों में भी बेटे को भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली. कुछ ही घंटों के अंदर ई-रिक्शे पर ही माँ की आँखों के सामने विनीत ने तड़पकर दम तोड़ दिया.
ADITYA BHARDWAJ
जवान बेटे की असमय मौत के सदमे से ज़्यादा दुख चंद्रकला सिंह को अपने बेटे की मदद नहीं कर पाने का है. चंद्रकला सिंह ने इस पूरे हादसे के बारे में बताया, "हम बीएचयू अस्पताल गए थे, वहां हमें कहा गया कि डॉक्टर नहीं आए हैं, आप वहां (ट्रॉमा सेंटर) जाइए, ट्रॉमा सेंटर पर ही बेटे की स्थिति बिगड़ने लगी थी और वह वहां सीढ़ी के पास ही ज़मीन पर लेट गया था. लेकिन उन लोगों ने कहा कि यहां से ले जाओ, ले जाओ. कोरोना है, कोरोना है, कहने लगे थे."
चंद्रकला सिंह कहती हैं, "मेरे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी थी, हमने वहां ऑक्सीजन माँगा, एंबुलेंस भी माँगा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. फिर मैंने किसी तरह से ई-रिक्शे पर उसे लिटाकर एक दूसरे अस्पताल में गई. वहां भी भर्ती करने से मना कर दिया. फिर किसी दूसरे अस्पताल के लिए जा ही रहे थे कि इतने में ही मेरा बच्चा नहीं रहा, वह तड़प-तड़पकर मर चुका था."
चंद्रकला सिंह के जीवन में दुखों का पहाड़ पहले ही कम नहीं था, दस साल पहले उनके पति की मौत हो गई थी और पिछले साल ही विनीत से बड़े बेटे की मौत हुई थी. लगातार दो सालों में दो जवान बेटे की मौत का दुख आसानी से नहीं जाएगा. हालांकि उनके दो बेटे और हैं लेकिन चंद्रकला सिंह कहती हैं, "मेरा तो सहारा ही चला गया. देखरेख करने वाला नहीं रहा."
मौत की वजह
विनीत सिंह के कोरोना संक्रमित होने की कोई पुष्टि नहीं है. परिवार वालों के मुताबिक न ही पिछले दिनों से उन्हें कोई बुख़ार, जुकाम जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा था.
विनीत सिंह के चाचा जय सिंह कहते हैं, "कोरोना का कोई लक्षण उसमें नहीं था. न ही उसे कोई बुख़ार था. ये ज़रूर है कि उसको किडनी संबंधी समस्या थी जिसका इलाज चल रहा था. वह मुंबई में काम करता था तो वहां उसका इलाज करा रहा था. इसी इलाज के सिलसिले में वह इन दिनों बीएचयू के चक्कर लगा रहा था."
जय सिंह दावा करते हैं, "उसे 19 अप्रैल को डॉ. समीर त्रिवेदी का ऑनलाइन एप्वाइंटमेंट मिला था, लेकिन वहां उसे इलाज नहीं मिला. ट्रॉमा सेंटर पर कोई मदद नहीं मिली. निजी अस्पताल में भी बाहर से कहा जा रहा है कि जगह नहीं है. यह भी कहा कि कोरोना का केस है. उसे किडनी की समस्या ज़रूर थी लेकिन इलाज मिल गया होता, ऑक्सीजन मिल गया होता तो उसकी मौत नहीं होती. अस्पताल में लापरवाही के चलते उसकी मौत हुई है."
जय सिंह बताते हैं, "इससे बड़ी लापरवाही क्या होगी कि किसी की जान चली जाए. सिस्टम ऐसा हो गया है कि कहीं किसी ग़रीब की सुनवाई नहीं है. जिस तरह की व्यवस्था है उसमें लापरवाही से कई लोगों की जान जा सकती है."
चंद्रकला सिंह और उनके बेटे की बेबसी की इस कहानी के बारे में दुनिया को सबसे पहले पता चला 'दैनिक जागरण' में छपी ख़बर से. इस ख़बर को संवाददाता श्रवण भारद्वाज ने लिखा है. उन्होंने बताया, "सुबह दस बजे के आसपास मुझे ख़बर मिली कि ककरमत्ता महमूरगंज मार्ग पर किसी की मौत हो गई है, हंगामा हो रहा है. मैं तुरंत वहां गया तो ये हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला. मैंने माता जी से पूरी जानकारी ली और ख़बर बनाई."
श्रवण भारद्वाज कहते हैं कि कोरोना के चलते अस्पतालों की स्थिति का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि जिस सड़क पर विनीत सिंह की मौत हुई, उस रास्ते पर बीएचयू के अलावा दर्जनों निजी अस्पताल खुले हुए हैं.
वायरल तस्वीर किसने खींची
चंद्रकला सिंह और उनके बेटे की जो तस्वीर वायरल हो रही है, वो तस्वीर किसने ली है, उसका फोटोग्राफ़र कौन है. इस बारे में श्रवण भारद्वाज कहते हैं, "मैं वहां अपने एक मित्र के साथ पहुंचा था. तो मैंने उनसे कहा कि आप तस्वीर ले लीजिए. वे सरकारी कर्मचारी हैं लिहाजा उनका नाम हम लोगों ने सार्वजनिक नहीं किया."
फोटो लेने वाले सरकारी कर्मचारी का कहना है कि 'हमने श्रवणजी के कहने पर फोटो ली थी और फोटो श्रवण जी को उसी वक्त दे दी.'
विनीत सिंह की मां के मुताबिक उनके बेटे की मौत नौ बजे के क़रीब हो गई थी और श्रवण भारद्वाज के मुताबिक जब वे साढ़े दस बजे के करीब पहुंचे थे तो वहां पर ढेरों लोग खड़े थे और हो सकता है कि ऐसी तस्वीर किन्हीं और लोगों ने भी मोबाइल से ली हो, लेकिन जो ख़बर मीडिया में वायरल हो रही है, वह तस्वीर उनकी ही ली हुई है.
जिस वक्त चंद्रकला सिंह अपने बेटे के शव के साथ मदद की आस में थी, उस वक्त वहां पूर्व स्थानीय पार्षद विकास चंद्र भी पहुंचे. उन्होंने 112 नंबर पर डायल कर स्थानीय पुलिस को मदद को बुलाया.
स्थानीय पुलिस चौकी के प्रभारी अनुज कुमार तिवारी के मुताबिक, लड़के की मौत हो चुकी थी, लेकिन उनकी मां की स्थिति को देखते हुए हमने दो सिपाहियों को वहीं मौके पर तैनात कर दिया.
ADITYA BHARDWAJ
मौत के बाद एंबुलेंस मिलने में मुश्किल
विनीत सिंह की मौत के बाद भी उनकी मां को एंबुलेंस मिलने में काफ़ी दिक़्क़त हुई है. सुबह वाराणसी के महुआडीह स्टेशन पर उनको छोड़ने वाले देवर जय सिंह ने बताया, "मुझे अपनी बेटी को स्टेशन से लाना था, तो ये लोग हमारे साथ ही गए थे. हमने इनको महुआडीह के पास ई- रिक्शे पर बिठा दिया था, कहा था कि डॉक्टर को दिखा लो तब तक हम दिल्ली से आ रही बिटिया को ले लेते हैं. फिर साढ़े नौ बजे के क़रीब इनका फ़ोन आया तो मैं वहां पहुंचा."
जय सिंह बताते हैं, "जब वहां पहुंचे तो देखा कि भीड़ लगी हुई है और बच्चे का शव धूप में पड़ा हुआ है. हमने रिक्शे वाले से कहा कि छाया में ले चलो. मां रो-बिलख रही थी. फिर एंबुलेंस के लिए कोशिश शुरू हुई. कई लोगों को फ़ोन करना पड़ा. एक ने तो 22 हज़ार रुपये मांगे. आख़िर में 60 किलोमीटर की दूरी के लिए पांच हज़ार रूपये में एंबुलेंस मिला. तो विनीत का शव लेकर घर पहुंचे."
क्या कहना है बीएचयू प्रशासन का
वाराणसी के बीएचयू अस्पताल पर कोरोना संकट के दौर में दबाव काफी बढ़ गया है. पूर्वांचल के क़रीब चालीस ज़िलों के मरीजों के लिए बीएचयू उम्मीद और भरोसे का नाम है लेकिन मौजूदा दबाव के सामने अस्पताल की व्यवस्थाएं भी कम पड़ रही हैं.
बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के मेडिकल सुपरिटेंडेंट शरद माथुर ने बताया, "बहुत दवाब है. आपात चिकित्सा में रोगियों को देखा जा रहा है. बहुत गंभीर स्थिति में भी मरीज़ आ रहे हैं, लेकिन हम सभी मरीज़ों को बचा भी नहीं सकते."
विनीत सिंह को चिकित्सालय में क्यों नहीं देखा गया, इसके जवाब में शरद माथुर ने कहा, "कोरोना के चलते फिजिकल कंसलेंटसी बंद है लेकिन हम लोगों ने ऑनलाइन कंसलेंटसी जारी रखी है. हो सकता है कि उनके पास इसकी जानकारी नहीं हो. यह भी हो सकता है कि वह पहले से बीमार रहे होंगे और गंभीर होने पर यहां आए होंगे. लेकिन फिजिकल कंसलटेंसी बंद होने के चलते उन्हें यहां डॉक्टर नहीं मिले हों. लेकिन आपात चिकित्सा में रोगियों को देखा जा रहा है."
समस्याओं के बारे में वे कहते हैं, "मैनपावर की बहुत कमी है और जितने लोग हैं सिस्टम में, उन सबको हम लोगों ने ड्यूटी पर तैनात किया हुआ है. हर दिन हम लोग सैकड़ों लोगों की जान बचा रहे हैं. लेकिन लोग भी एकदम गंभीर स्थिति होने पर अस्पताल आ रहे हैं और कोरोना का संकट तो अलग है ही.
सोशल मीडिया पर सवाल
हालांकि चंद्रकला सिंह और उनके बेटे के शव की तस्वीरों लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोशल मीडिया पर सवाल कर रहे हैं क्योंकि यह उनका चुनाव क्षेत्र है, यही वजह है कि जिलाधिकारी ने इस मामले को तुरंत संज्ञान में लिया है और बीएचयू अस्पताल प्रबंधन से इस बारे में जानकारी मांगी है कि इमरर्जेंसी में विनीत सिंह को दाख़िला क्यों नहीं मिला. जिसको लेकर बीएचयू प्रबंधन समिति की बुधवार को एक बैठक भी हुई है.
लेकिन इस मामले ने सामाजिक क्रूरता की ओर भी ध्यान खींचा है, जब बेबस मां अपने जवान बेटे के शव को घर ले जाने के लिए मदद की गुहार लगा रही थी तब भीड़-भाड़ में किसी ने उनका थैला चुरा लिया, जिसमें विनीत सिंह के इलाज के कागज और मोबाइल फोन थे. (bbc.com/hindi)
(जौनपुर से आदित्य भारद्वाज और वाराणसी से नीलांबुज की रिपोर्टिंग के साथ)
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 22 और 23 अप्रैल को जलवायु के मसले पर आयोजित वैश्विक नेताओं के शिखर सम्मेलन में वर्चुअल भाग लेंगे। प्रधानमंत्री 22 अप्रैल को शाम 5.30 बजे से 7.30 बजे तक नेताओं के पहले सत्र में अपनी बात रखेंगे। इस सत्र का विषय है "वर्ष 2030 के लिए हमारी सामूहिक तेज दौड़।" शिखर सम्मेलन में लगभग 40 अन्य वैश्विक नेता भाग ले रहे हैं। वे उन देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे जो मेजर इकोनॉमीज फोरम के सदस्य हैं, और जो अन्य बातों के अलावा जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं। नेता जलवायु परिवर्तन, जलवायु क्रियाओं को बढ़ाने, जलवायु शमन और अनुकूलन, प्रकृति आधारित समाधान, जलवायु सुरक्षा के साथ-साथ स्वच्छ ऊर्जा के लिए तकनीकी नवाचारों के लिए धनराशि जुटाएंगे।
नेता इस बात पर भी विचार-विमर्श करेंगे कि राष्ट्रीय परिस्थितियों और स्थायी विकास प्राथमिकताओं का सम्मान करते हुए, दुनिया समावेशी और लचीले आर्थिक विकास के साथ जलवायु कार्य को कैसे कर सकती है। शिखर सम्मेलन जलवायु से जुड़े मुद्दों पर केन्द्रित वैश्विक बैठकों की श्रृंखला का एक हिस्सा है जो नवंबर 2021 में सीओपी26 तक चलने वाले जलवायु मुद्दों पर केंद्रित है। सभी सत्रों का सीधा प्रसारण होगा, ताकि जनता भी इसे देख सके।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से ऑक्सिजन का कोटा बढ़ाने की मांग की है। केजरीवाल सरकार ने केंद्र से कहा है कि दिल्ली को फिलहाल 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई की जाए। दिल्ली के लिए ऑक्सीजन की नियमित सप्लाई और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऑक्सिजन का यह कोटा बढ़ाने की मांग की गई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी तरह से केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, केंद्र तय करता है कि किस राज्य को कितनी मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार पिछले 4-5 दिनों से केंद्र सरकार से मांग कर रही है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई जाए क्योंकि दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा ऑक्सीजन का जितना कोटा तय है, मरीजों की संख्या बढ़ने से दिल्ली में उससे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है, इसको लेकर दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से मांग की है कि दिल्ली के कोटे में आने वाली ऑक्सीजन सप्लाई को 378 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 700 मीट्रिक टन की जाए। लेकिन केंद्र सरकार ने अबतक इस ओर ध्यान नहीं दिया है, इसलिए हमारा केंद्र सरकार से पुन आग्रह है कि दिल्ली में ऑक्सीजन सप्लाई को बढ़ाया जाए और उसकी आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कोरोना से कोई राज्य या केंद्र सरकार अकेले नहीं लड़ सकती है, हम सब साथ मिलकर ही इस महामारी से लड़ सकते है इसलिए केंद्र सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति में दिल्ली का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में लगभग 18 हजार कोरोना के पेशेंट भर्ती है इसमें न केवल दिल्ली के मरीज ही है बल्कि आसपास के राज्यों के मरीज भी शामिल है और सबको ऑक्सीजन की जरूरत है। इसलिए बाकी राज्यों की तरह ही दिल्ली में भी ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | कई राज्यों ने कोविड के टीके की कमी का दावा किया है, लेकिन यह भी पता चला है कि कई राज्यों ने इसकी भारी मात्रा में बर्बादी की है। तमिलनाडु, हरियाणा और पंजाब तीन शीर्ष राज्य हैं जिन्होंने टीके के सबसे ज्यादा बर्बादी की सूचना दी थी। जबकि केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश ऐसे राज्य थे जिन्होंने एक भी कोविड वैक्सीन की बर्बादी की सूचना दी। आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार द्वारा 11 अप्रैल तक शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा वैक्सीन की बर्बादी 12.10 प्रतिशत दर्ज किया गया है, इसके बाद हरियाणा (9.74 प्रतिशत), पंजाब (8.12 प्रतिशत), मणिपुर (7.80 प्रतिशत) और तेलंगाना (7.55 प्रतिशत) है।
असम में 7.69 फीसदी, बिहार (6.99 फीसदी), चंडीगढ़ (6.93 फीसदी), दिल्ली (6.15 फीसदी) और राजस्थान (छह फीसदी) दर्ज की गई।
टीके के 'शून्य बर्बादी' की सूचना देने वाले आठ राज्यों में केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, दमन और दीव, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप हैं।
11 अप्रैल तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कोविड वैक्सीन की 10 करोड़ से अधिक खुराक दी गई हैं।
केंद्र सरकार ने कई बार कहा कि टीकों का आवंटन राज्यों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। भारत सरकार अपने हिस्से से, टीकाकरण के लिए राज्यों या संघ शासित प्रदेशों को संक्रमण की सीमा (सक्रिय कोविड मामलों की संख्या) और प्रदर्शन (प्रशासन की गति) के आधार पर आवंटित करेगी। इन मानदंडों में टीकों की बर्बादी पर भी विचार किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने 19 अप्रैल को कहा था, उपरोक्त मानदंडों के आधार पर, राज्यों का कोटा तय किया जाएगा और राज्यों को पर्याप्त रूप से अग्रिम रूप से सूचित किया जाएगा।
1 मई से केंद्र सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी को कोविड -19 के खिलाफ टीका प्राप्त करने की अनुमति दी है। अगले महीने से शुरू होने वाले टीकाकरण के तीसरे चरण में टीका निर्माता अपनी मासिक सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) की 50 प्रतिशत आपूर्ति भारत सरकार को जारी करेंगे और बाकी 50 प्रतिशत खुराक की आपूर्ति राज्य सरकारों और बाजार में करेंगे।
सभी टीकाकरण राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा होगा और सभी प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है जैसे कि कोविन प्लेटफॉर्म पर होता है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | दिल्ली में बढ़ते कोरोना मामले और ऑक्सीजन की कमी पर राजनीति गर्माने लगी है, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रेस वार्ता में अलका लांबा ने कोरोना संक्रमण पर दिल्ली सरकार की नीतियों को नाकाम बताया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए लांबा ने कहा कि, "ट्वीट-ट्वीट खेलकर सोई हुई सरकारों ने दिल्ली की आम जनता व मरीजों को सदमे में डालने का काम किया।"
इस दौरान अलका लांबा ने कहा कि, "दिल्ली सरकार ने पत्रकार वार्ता के समय तक यह स्पष्ट नहीं किया कि उन अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंची है या नहीं, जबकि एक दिन पूर्व खुद मुख्यमंत्री समेत तमाम आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों ने दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल जैसी हालात पैदा कर दिए थे।"
लांबा ने केंद्र सरकार द्वारा पिछले एक साल के दौरान 9294 मीट्रिक टन निर्यात करने व 50,000 मीट्रिक टन आयात करने को लेकर एचएलएल के द्वारा जारी टेंडर पर प्रियंका गांधी के ट्वीट के हवाले से मोदी सरकार की नीति पर भी सवाल उठाया।
उन्होने कहा कि, "कोरोना की लहर से पूर्व व बाद के एक साल में भारत सरकार ने ऑक्सीजन का निर्यात दोगुनी कर दिया। आज ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है?"
अलका लांबा के अनुसार, केजरीवाल बेड बढ़ाने की घोषणा करते हैं, लेकिन उसके अनुपात से आईसीयू, वेंटिलेटर पर चुप रहते हैं।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी कोरोना एप के हवाले से लांबा ने कहा कि, "इस एप पर पिछले कुछ दिनों से दिल्ली सरकार के अस्पतालों में एक भी आईसीयू, वेंटीलेटर खाली नहीं हैं, इसको लेकर क्यों दिल्ली सरकार चुपचाप तमाशा देख रही, जबकि गंभीर मरीज हस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।" (आईएएनएस)
ग्वाटेमाला सिटी (ग्वाटेमाला), 21 अप्रैल | भारतीय महिला रिकर्व तीरंदाजों ने यहां जारी तीरंदाजी विश्व कप स्टेज 1 के क्वालिफिकेशन राउंड में 2003 अंकों के साथ टॉप स्थान हासिल किया, जबकि मिश्रित रिकर्व टीम दूसरे (1353 अंक) और पुरुष रिकर्व टीम क्वालिफिकेशन चरण में तीसरे (2010 अंक) स्थान पर रहीं। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, " प्रतियोगिता उतनी मजबूत नहीं है, जितनी उम्मीद की जा रही है। यह दुनिया भर में कोरोनावायरस की एक नई लहर के कारण हो सकता है।"
व्यक्तिगत पुरुष रिकर्व क्वालिफिकेशन राउंड में, अतानु दास अमेरिका के एलिसन ब्रांडी के बाद दूसरे स्थान पर रहे। दास ने 680 जबकि ब्रांडी ने 694 का स्कोर किया। प्रवीण जाधव (666), धीरज बोम्मदेवारा (664) और तरुणदीप राय (663), तीन अन्य भारतीय नीचे रहे।
महिलाओं की व्यक्तिगत रिकर्व क्वालिफिकेशन राउंड में, अंकिता भकत ने 673 अंक हासिल कर ग्रुप में दूसरा स्थान हासिल किया। दीपिका कुमारी ने 671 का स्कोर कर तीसरा स्थान हासिल किया। मैक्सिको की एना वाजक्वेज ने महिलाओं में 680 का स्कोर किया।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने आरोप लगाया है कि देश को टीका नेता से टीका भिखारी बना दिया गया है और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जांच करने के बजाय सरकार लोगों के धैर्य की परीक्षा ले रही है। माकन ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन केवल बयानबाजी था। राज्य और आम लोग प्रधानमंत्री से राहत की घोषणा की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हमेशा की तरह पीएम के 18 मिनट ने भाषण के सभी को निराश किया। कोई निर्देश नहीं था, गरीबों के लिए कोई सहानुभूति नहीं थी और महामारी से प्रभावित लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया।
माकन ने कहा कि भारत ने 14 मार्च, 2020 को कोरोनावायरस महामारी को 'आपदा' घोषित किया। दस दिन बाद, एक अरब से अधिक लोगों को दुनिया के सबसे गंभीर लॉकडाउन के तहत रखा गया था, सरकार का तर्क था कि देश की स्वास्थ्य क्षमता का विस्तार करने के लिए समय की जरूरत है। अब समय आ गया है कि हम इस दिशा में किए गए सुधारों का प्रभावी ढंग से विश्लेषण करें।
भारत ने टीबी को रोकने के लिए 1948 में टीकाकरण की शुरुआत की थी। जवाहरलाल नेहरू सरकार ने चेन्नई में पहली वैक्सीन मैन्युफैक्च रिंग यूनिट की स्थापना की। बाद में इंदिरा गांधी की सरकार ने एक गहन टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से चेचक को समाप्त कर दिया जो एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य सफलता थी।
सन् 1971 तक भारत में 19 वैक्सीन निर्माता थे और सबसे ज्यादा वैश्विक टीके भारत में बनाए गए थे। 1978 में इंदिरा गांधी ने बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और टाइफाइड-पैराटिफाइड टीके बनाने के लिए राष्ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम शुरू किया था। इस फाउंडेशन ने आज वैक्सीन उत्पादन में भारत को ग्लोबल लीडर बना दिया है।
उन्होंने सवाल उठाया, "क्या प्रधानमंत्री इस बात का जवाब देने की कृपा करेंगे कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण उत्पादक है, मगर ऐसा क्यों है कि अब तक केवल 1.3 फीसदी भारतीयों को ही पूरी तरह से टीका लगाया गया है?"
कांग्रेस ने पूछा कि ऐसा क्यों है कि सबसे बड़े दवा विनिमार्ताओं में से एक होने के बावजूद हम जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी का सामना कर रहे हैं?(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार को कहा कि भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन सार्स-सीओवी 2 के सभी वेरिएंट के खिलाफ असरदार है और प्रभावी रूप से डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को भी बेअसर करता है।
आईसीएमआर ने उनके द्वारा किए गए एक अध्ययन के निष्कर्षों का हवाला देते हुए यह दावा किया है।
देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है और ऐसे में सरकार ने टीकाकरण अभियान और तेज कर दिया है। मौजूदा समय में देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का टीका लोगों को दिया जा रहा है।
कोवैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया गया है।
आईसीएमआर की राष्ट्रीय जीवाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने सार्स-सीओवी-2 वायरस के विभिन्न प्रकारों : बी.1.1.7 (ब्रिटेन में मिला प्रकार), बी.1.1.28 (ब्राजील का प्रकार) और बी.1.351 (दक्षिण अफ्रीका का प्रकार) को सफलतापूर्वक अलग किया और संवर्धित किया।
आईसीएमआर ने एक ट्वीट में कहा, "आईसीएमआर का अध्ययन दिखाता है कि कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के विभिन्न प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार परिवर्तित किस्मों के खिलाफ भी प्रभावी रूप से काम करता है।"
स्वास्थ्य अनुसंधान के शीर्ष निकाय ने कहा कि आईसीएमआर-एनआईवी ने ब्रिटेन के प्रकार और ब्राजील के प्रकार को बेअसर करने की कोवैक्सीन के सामथ्र्य को प्रदर्शित किया।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने जानकारी दी कि उनके नए शोध से पता चला है कि भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन टीका सार्स-सीओवी 2 के सभी वेरिएंट के खिलाफ असरदार होने के साथ ही प्रभावी रूप से डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को भी बेअसर करता है।
आईसीएमआर का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब एक मई से देश में टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू होने वाला है और उसमें 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की अनुमति मिल गई है।(आईएएनएस)
लखनऊ, 21 अप्रैल (आईएएनएस)| बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफील खान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने निलंबन रद्द करने का अनुरोध किया गया है ताकि वह कोविड रोगियों के इलाज के लिए अपनी चिकित्सा विशेषज्ञता का उपयोग कर सकें। डॉ कफील खान अगस्त 2017 में सुर्खियों में आए थे। जब उन्हें गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति में व्यवधान के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसके कारण लगभग 60 बच्चों की मौत हो गई थी, उन्होंने कहा कि वह इस आपातकालीन स्थिति में देश की सेवा करना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि महामारी खत्म होने के बाद उन्हें फिर से निलंबित किया जा सकता है।
खान वर्तमान में समान विचारधारा वाले डॉक्टरों के समूह के साथ काम कर रहे हैं। 'डॉक्टर्स ऑन रोड' के माध्यम से वह कोविड के उचित व्यवहार पर जागरूकता फैलाना, गांवों और दुर्गम क्षेत्रों में रोगियों को राहत और उपचार प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय की आधिकारिक ईमेल आईडी पर भेजे गए पत्र में उन्होंने लिखा "वर्तमान में देश दूसरी घातक कोविड लहर में उलझा हुआ है। मेरे पास 15 साल का चिकित्सा अनुभव है जो शायद कुछ लोगों की जान बचाने में मदद कर सकता है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं। मेरे निलंबन को रद्द करें ताकि मैं राष्ट्र की सेवा कर सकूं।"
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | भारत के लगभग 54 प्रतिशत छात्र अब ऑनलाइन लनिर्ंग मॉडल के लिए सहज हैं। यह खुलासा ब्रेनली के सर्वेक्षण से हुआ है, जो एक ऑनलाइन लनिर्ंग प्लेटफॉर्म है। लॉकडाउन एंड लर्न-फ्रॉम-होम मॉडल नाम का सर्वेक्षण देश भर के 2,371 छात्रों पर किया गया था, ताकि यह समझा जा सके कि पिछले वर्ष ने भारत के छात्रों के शिक्षा और सीखने के पैटर्न को कैसे बदला है।
हाल ही में कोविड-19 के मामलों में हुए जबरदस्त उछाल के साथ, अधिकांश छात्र वर्तमान में स्कूल जाने के बारे में आशंकित थे। अभी के हालात को देखते हुए लगभग 56 प्रतिशत छात्रों ने ऑनलाइन सीखने को जारी रखा। सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक छात्रों ने दूसरों पर मिश्रित शिक्षण मॉडल को प्राथमिकता दी।
इसके अलावा छात्रों ने ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों के साथ अधिक सशक्त महसूस किया। लगभग दो-तिहाई छात्रों ने कहा कि वे अब पहले से अधिक 'लचीले' और 'आत्मनिर्भर' थे।
उनमें से भी छात्रों ने अधिक 'आत्मविश्वास' महसूस किया। छात्रों के एक बड़े समूह ने यह भी दावा किया कि ऐसे प्लेटफार्मों ने उन्हें अपनी गति से सीखने में मदद की, ऐसा कुछ जो अन्यथा संभव नहीं है।
ब्रेनली में सीपीओ राजेश बिसानी ने कहा, "शिक्षाविदों के इतिहास में कभी भी वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन लनिर्ंग चैनलों का इतने बड़े पैमाने पर उपयोग नहीं किया गया था। अब, अधिक छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने शिक्षा के लिए ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल करना सीख लिया है और हमारा मानना है कि मिश्रित शिक्षण ²ष्टिकोण तरीका होगा।"
ब्रेनली के पास 3,50,00,000 लाख से अधिक छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों का एक समुदाय है, जो मिलकर शिक्षण को चलाते हैं। इसके भारत में कुल 55,00,000 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं और अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया, ब्राजील, पोलैंड समेत दूसरे देशों से भी हैं।(आईएएनएस)
सुबीर भौमिक
कोलकाता, 21 अप्रैल (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में आठ-चरण के विधानसभा चुनावों के बीच कोविड -19 टीकों की भारी कमी है, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए हवाई यात्रा पर नेताओं ने 100 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
इस खर्च का कम से कम 90 फीसदी बीजेपी से संबंधित है, क्योंकि उनके स्टार प्रचारक जैसे पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और मंत्री स्मृति ईरानी राज्य से बाहर के हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के कुछ चुनिंदा सदस्य विशेष रूप से उत्तर बंगाल में उड़ान भर रहे हैं।
तृणमूल सांसद काकोली घोष हस्तिदार ने कहा, "यह मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि दीदी घायल हैं और सड़क पर लंबी यात्रा उनके पैर पर असर डालती है। हमारे पास भाजपा के जितने पैसे नहीं है। इसलिए हमने कभी-कभार हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया।"
भाजपा नेताओं ने पश्चिम बंगाल जैसे चुनावी युद्ध में हवाई यात्रा पर होने वाले खर्च को 'अपरिहार्य' बताया।
बीजेपी के राज्य इकाई के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "तगड़ा लड़ाई में गोली ज्यादा लगता है।"
एक 7-सीटर यूरोकॉप्टर प्रति घंटे 2 लाख रुपये चार्ज करता है और एक वरिष्ठ नेता पांच घंटे में अभियान समाप्त करते हैं, जिससे 10 लाख रुपये का बिल आता है। पार्किं ग और प्रतीक्षा शुल्क जोड़ें और शाम के शुल्क के बाद, एक वरिष्ठ नेता एयर-हॉप अभियानों के लिए 15 से 20 लाख रुपये खर्च कर सकता है।
एक ट्विन-इंजन 20 सीटर हेलीकॉप्टर प्रति घंटे 2.5 लाख रुपये लेता है। प्राइवेट इंजन दोगुना चार्ज करते हैं। 15 मार्च से अबतक उसका भी 30 बार इस्तेमाल हो गया है।
कलकत्ता, अंडाल और बागडोगरा हवाई अड्डों से प्राप्त आंकड़े के अनुसार 15 मार्च से 20 अप्रैल तक हेलीकॉप्टरों और हल्के हवाई जहाजों के उपयोग पर अब तक कुल 98.73 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
इस खर्च में से 92 प्रतिशत बीजेपी ने, 7 प्रतिशत तृणमूल कांग्रेस ने और बाकी एक प्रतिशत ने खर्च किया।
वाम मोर्चे के नेताओं ने राज्य के भीतर हवाई यात्रा का इस्तेमाल नहीं किया है।
सीपीआई-एम के प्रवक्ता देबाशीष चक्रवर्ती ने कहा, "केवल हमारे वरिष्ठ नेताओं ने बंगाल से बाहर तक पहुंचने के लिए हवाई यात्रा के लिए भुगतान किया है लेकिन किसी ने भी विशेष सुविधाओं का उपयोग नहीं किया है। उन्होंने आम यात्रियों के साथ उड़ानों में यात्रा की।"
10 वर्षों से बंगाल में सत्ता से बाहर, वामपंथी सावधानी से खर्च करने के लिए मजबूर हैं।
राज्य पुलिस और प्रवर्तन शाखा ने पिछले दो महीनों में चुनावों से जुड़े लगभग 250 करोड़ रुपये नकद, शराब और अन्य उपहारों की जब्ती की सूचना दी है।
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय बसु ने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बीच, 248.9 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य सामान जब्त किए गए हैं।
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | भारत और ग्रेट ब्रिटेन के बीच आठ और नौ मई को लंदन में होने वाले एफआईएच हॉकी प्रो लीग मुकाबलों को स्थगित कर दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने एक बयान में कहा कि ब्रिटेन सरकार ने भारत को यात्रा से संबंधित रेड लिस्ट में डाल दिया है जिसके बाद यह फैसला किया गया है।
एफआईएच ने कहा, " एफआईएच, हॉकी इंडिया और ग्रेट ब्रिटेन हॉकी स्थिति की नजर रख रहे हैं और उन्हें किसी अन्य तारीख पर इन मैचों के आयोजन की उम्मीद है।"
भारतीय टीम बाद में मई में स्पेन (15-16 मई) और जर्मनी (22-23 मई) के दौरे पर जाएगी। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने हाल में एफआईएच प्रो लीग के मुकाबले में ओलंपिक चैंपियन अर्जेटीना को हराया था।(आईएएनएस)
मुंबई, 21 अप्रैल | आदिल हुसैन स्टारर फिल्म 'राहगीर द वेफर्स' 26 मई से शुरु होने वाले तेइस वें यूके एशियन फिल्म फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म बनी। अभिनेता ने इस न्यूज को अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया। निर्देशक गौतम घोष और अभिनेत्री तिलोत्तमा शोम को टैग करते हुए उन्होंने लिखा "यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमारी फिल्म 'राहगीर द वेफर्स' 26 मई से होने वाले 23 वें यूके एशियाई फिल्म महोत्सव का उद्घाटन कर रही है। "
फिल्म की कहानी दो ऐसे लोगों के इर्द गिर्द घूमती है, जो एनकाउंटर के बाद आर्थिक मौका खोज रहे होते हैं।
आदिल को 'मुक्ति भवन', 'लाइफ ऑफ पाई', 'द रिलेटेंट फंडामेंटलिस्ट' और 'इंग्लिश विंग्लिश' जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। उन्हें हाल ही में ओटीटी रिलीज की गई फिल्म 'द इलीगल' में देखा गया था।
तिलोत्तमा ने 'मॉनसून वेडिंग्स', 'किस्सा', 'ए डेथ इन द गुंज', और 'हिंदी मीडियम' जैसी फिल्मों में अपनी दमदार भूमिकाओं से पहचान बनाई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | एप्पल ने खुलासा किया है कि आईओएस 14.5 आधिकारिक तौर पर अगले सप्ताह से शुरू होगा। जैसे कि एप्पल ने नए टाइल-लाइक एयरटैग ट्रैकर को लॉन्च करने की घोषणा की, कंपनी ने मंगलवार को कहा, "एयरटैग को आईओएस 14.5 या उसके बाद के आईफोन या आईपॉड टच की आवश्यकता है, या आईपैड को आईपैड 14.5 या बाद में चलाने की आवश्यकता है। ये सॉफ्टवेयर अपडेट अगले सप्ताह से उपलब्ध होंगे।"
एप्पल ने कहा, "ग्राहकों के पास एक एप्पल आईडी होनी चाहिए और उनके आईक्लाउड अकाउंट में साइन इन होना चाहिए। कुछ विशेषताओं के लिए फाइंड माय आईक्लाउड सेटिंग्स में सक्षम होना आवश्यक है।"
एप्पल ने पहली बार आईओएस 14.5 बीटा को वॉचओएस 7.4 बीटा के साथ इस साल की शुरूआत में फरवरी में लॉन्च किया था।
14.5 बीटा आईपैडओएस के साथ क्यूपर्टिनो आधारित तकनीकी दिग्गज जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश, इतालवी और पुर्तगाली के लिए एप्पल पेंसिल स्क्रिबल सपोर्ट का विस्तार कर रहा है।
नया आईओएस 14.5 बीटा अपडेट अपने साथ 200 से अधिक नए इमोजी पेश करता है, जिसमें एक नया एयरपोड्स मैक्स इमोजी भी शामिल है।
नया अपडेट अपने साथ टेक स्क्रीनशॉट, ओरिएंटेशन लॉक सहित ऐप के लिए नए शॉर्टकट भी लाता है, जहां शॉर्टकट ऐप स्क्रीन ओरिएंटेशन को ऑन या ऑफ करता है।
एप्पल ने आगामी आईओएस अपडेट के माध्यम से आईफोन 11 सीरीज डिवाइस के साथ बैटरी ड्रेन और अन्य प्रदर्शन मुद्दों को ठीक करने की भी घोषणा की है।
एप्पल सपोर्ट डॉक्यूमेंट के अनुसार, जब आप आईफोन 11, 11 प्रो, या 11 प्रो मैक्स को आगामी आईओएस 14.5 अपडेट के साथ अपडेट करेंगे तो रिकैलिब्रेशन प्रक्रिया होगी।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 21 अप्रैल | कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर महामारी के दौर में रैलियां करने को लेकर निशाना साधा तो भाजपा से जुड़े लोगों ने पलटवार किया है। प्रियंका गांधी ने कहा था कि जब जनता की जान बचाने की जरूरत है, तब प्रधानमंत्री चुनावी रैलियां कर हंस रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सहयोगी आदित्य त्रिवेदी ने कहा, "प्रियंका गांधी की जानकारी बहुत सीमित है। असम में समय से पहले चाय की पत्ती तोड़ने चली गईं और बंगाल में तो किसी ने बुलाया नहीं है। प्रियंका गांधी को जानकारी होनी चाहिए कि भाजपा ने अपनी जनसभाओं में संख्या कम करने का निर्णय ले लिया है और साथ ही 6 करोड़ मास्क बांटने का भी लक्ष्य रखा है।"
दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा था कि कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान लोग इलाज के अभाव में मर रहे हैं। सरकार का फोकस स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर होना चाहिए था। यह वक्त चुनावी रैलियां करने का नहीं है। ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री मोदी को पीड़ित जनता के आंसू पोंछना चाहिए था, इस महामारी से जनता को बचाना चाहिए था, तब वो रैलियां कर रहे हैं और चुनावी सभाओं में हंसते नजर आ रहे हैं। प्रियंका गांधी के इस बयान पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऑफिस ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रियंका को जानकारी का अभाव है। उन्हें पता नहीं है कि भाजपा अब 500-500 लोगों की छोटी सभाएं कर रही है। (आईएएनएस)
दमोह, 21 अप्रैल | मध्य प्रदेश में कोरोना के गहराए संकट के बीच ऑक्सीजन की किल्लत बनी हुई है, आलम यह है कि मरीजों के परिजनों में ऑक्सीजन के लिए मारामारी मची है। दमोह में तो मंगलवार की रात को जब ऑक्सीजन के सिलेंडर पहुंचे तो मरीजों के परिजन सिलेंडर उठा ले गए। दमोह के जिला चिकित्सालय में उपचार करा रहे मरीजों को ऑक्सीजन आसानी से सुलभ नहीं हो पा रही है। मंगलवार की रात को जब ऑक्सीजन के सिलेंडर यहां पहुंचे तो मरीजों के परिजनों ने ऑक्सीजन के लिए लूटमार शुरू कर दी। मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के सिलेंडर उठा-उठाकर ले जाने लगे। कई लोग तो एक से ज्यादा तक सिलेंडर ले जाने की कोशिश में लगे रहे।
हालत यह हुई कि हालात को संभालने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा क्योंकि अस्पताल स्टॉफ ने जब लोगों को ऑक्सीजन के सिलेंडर ले जाने से रोका तो लोग भड़क उठे और स्थिति विवाद की बन गई। बाद में पुलिस ने लोगों को समझाया तब कहीं जाकर मरीजों के कुछ परिजन ऑक्सीजन के सिलेंडर लौटाने को तैयार हुए। (आईएएनएस)
जयपुर, 21 अप्रैल | राजस्थान में फलोदी जेल ब्रेक की घटना में 16 कैदी भागने के बाद अब बीकानेर जिले की नोखा जेल से पांच कैदी फरार हो गए हैं। जेल तोड़ने की यह घटना मंगलवार को मध्यरात्री में हुई।
रिपोर्ट दर्ज होने तक उनके ठिकाने के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं थी। फरार कैदियों की तलाश में बीकानेर से जाने वाली आसपास के जिलों की सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, जेल तोड़ने की घटना रात 2.30 बजे के आसपास की बताई जा रही है। जब कैदियों ने खिड़की की छत को तोड़ने के बाद कंबल का उपयोग करके जेल की दीवारों को पार किया।
इनमें से चार कैदी हनुमानगढ़ और एक हरियाणा का है।
सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और आसपास के सभी पुलिस स्टेशनों को अलर्ट कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस घटना में किसी बाहरी व्यक्ति की मिलीभगत हो सकती है। सभी फरार आरोपी मादक पदार्थों के मामले में जेल में थे।
बता दें कि 5 अप्रैल की रात जोधपुर जिले की फलौदी जेल से सोलह कैदी जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से फरार हो गए थे। (आईएएनएस)
जयपुर, 21 अप्रैल | राजस्थान में फलोदी जेल ब्रेक की घटना में 16 कैदी भागने के बाद अब बीकानेर जिले की नोखा जेल से पांच कैदी फरार हो गए हैं। जेल तोड़ने की यह घटना मंगलवार को मध्यरात्री में हुई।
रिपोर्ट दर्ज होने तक उनके ठिकाने के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं थी। फरार कैदियों की तलाश में बीकानेर से जाने वाली आसपास के जिलों की सड़कों को ब्लॉक कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, जेल तोड़ने की घटना रात 2.30 बजे के आसपास की बताई जा रही है। जब कैदियों ने खिड़की की छत को तोड़ने के बाद कंबल का उपयोग करके जेल की दीवारों को पार किया।
इनमें से चार कैदी हनुमानगढ़ और एक हरियाणा का है।
सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और आसपास के सभी पुलिस स्टेशनों को अलर्ट कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस घटना में किसी बाहरी व्यक्ति की मिलीभगत हो सकती है। सभी फरार आरोपी मादक पदार्थों के मामले में जेल में थे।
बता दें कि 5 अप्रैल की रात जोधपुर जिले की फलौदी जेल से सोलह कैदी जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से फरार हो गए थे। (आईएएनएस)
भोपाल, 21 अप्रैल | मध्य प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में ऑर्ट ऑफ लिविंग भी मदद करेगा। यह बात श्री श्री रविशंकर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बातचीत के दौरान कही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के विरूद्ध रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और कोरोना से प्रभावित व्यक्तियों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए योग और आयुर्वेद का सहयोग लिया जाएगा। इस दिशा में श्री श्री रविशंकर ने राज्य सरकार को सहयोग का आश्वासन दिया है। इस संबंध में श्री श्री रविशंकर से फोन पर बात हुई है।
बताया गया है कि आर्ट ऑफ लिविंग की टीम योग, आयुर्वेद और मरीजों की मनोस्थिति को कमजोर तथा नकारात्मक होने से बचाने और उनका मनोबल बनाए रखने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन देने में सहयोग प्रदान करेगी। कोविड महामारी को लेकर मन में बेचैनी, व्यग्रता, चिंता, तनाव और अवसाद जैसी स्थितियों को बनने से रोकने में सहयोग करने के साथ संक्रमण अवधि में उपचार के दौरान मरीज को स्वास्थ्यप्रद पौष्टिक आहार लेने के संबंध में भी मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा।
होम आइसोलेशन तथा कोविड केयर सेंटर में रह रहे व्यक्तियों को वीडियो कॉल, फोन कॉल के माध्यम से योग, प्राणायाम, आसन तथा आहार के संबंध में मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा। जन अभियान परिषद इस गतिविधि में आवश्यक समन्वय और सहयोग करेगा। (आईएएनएस)
मधुबनी, 21 अप्रैल | बिहार के मधुबनी जिला के खिरहर थाना क्षेत्र के धरोहरनाथ महादेव मंदिर स्थान में मंगलवार की रात अपराधियों ने पुजारी सहित उनके एक सहयोगी साधु की गला रेतकर हत्या कर दी और फरार हो गए। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मंगलवार देर रात पुजारी सहित एक अन्य साधु मंदिर परिसर के धर्मशाला पर सोए हुए थे, इसी दौरान अपराधियों ने दोनों की हत्या कर दी। दोनों शवों के सिर धड़ से अलग हैं।
हत्या की सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे खिरहर के थाना प्रभारी अंजेश कुमार ने बताया कि मृतक की कुदाल या अन्य धारदार हथियार से हत्या की गई है और शरीर से सिर अलग कर दिया।
उन्होंने बताया कि मृतक पुजारी की पहचान बासोपट्टी थाना क्षेत्र के सिरियापुर निवासी हीरानंद दास (65) एवं भगवानपुर निवासी आनंद मिश्र (45) के रूप में हुई है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दी है तथा पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। (आईएएनएस)
पटना, 21 अप्रैल | कोरोना काल में जब बड़े अस्पतालों में बेडों और ऑक्सीजन के लिए मारामारी हो रही है, तो वहीं पटना के रहने वाले गौरव राय लोगों के मसीहा बनकर सामने आए हैं। गौरव अपनी क्षमता के मुताबिक जहां तक हो सके लोगों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचा रहे हैं। गौरव के पास प्रतिदिन दो हजार से ज्यादा कॉल आते हैं। गौरव कहते हैं कि वे सभी को तो ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मुहैया करा पाते हैं लेकिन क्षमता के मुताबिक उनकी कोशिश सभी जरूरतमंदों तक सिलंेडर पहुंचाने की होती है।
गौरव की मानें तो पिछले साल जुलाई में वे खुद कोविड से संक्रमित हुए थे और उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में ले जाया गया था। उन्हें वहां कोई सुविधा नहीं मिली। उस दौरान गौरव का ऑक्सीजन लेवल में लगातार गिरावट आ रही थी और कोई ऑक्सीजन देने वाला नहीं था। उनकी पत्नी द्वारा चार-पांच घंटे के परिश्रम के बाद एक ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था हुई थी।
गौरव इसके बाद कोरोना को मात देकर जब घर पहुंचे तब उन्होंने कोविड मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने की ठानी और तब से अब तक इस काम को वे बखूबी अंजाम दे रहे हैं।
उन्होंने आईएएनएस को बताया, "प्रारंभ में उन्होंने अपने घर में ऑक्सीजन सिलेंडर बैंक बनाया और आसपास के लोगों और मित्रों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने लगे। जब उन्होंेन सिलेंडर मुहैया कराने की शुरुआत की तो उनके पास मात्र 10 सिलेंडर थे, लेकिन कड़ी मेहनत के बाद आज उनके 200 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर है, जो कई मित्रांे द्वारा डोनेट किए गए हैं।"
पटना में 'ऑक्सीजन मैन' नाम से मशहूर 52 वर्षीय गौरव राय अपनी छोटी वैगन आर कार में ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करते हैं। गौरव राय अपने दिन की शुरूआत सुबह 5 बजे से करते हैं। गौरव कहते हैं कि कई लोग तो फोन पर संपर्क कर आकर सिलेंडर ले जाते हैं और कई को पहुंचाना पड़ता है।
उन्होनंे कहा कि "इस काम में उनकी पत्नी भी खूब मदद करती हैं। गौरव का दावा है कि उन्होंने अब तक 900 से अधिक लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर दे चुके हैं। इस कार्य के लिए गौरव किसी से एक पैसा नहीं लेते।"
गौरव कहते हैं कि इस काम में वे कोई कोताही नहीं बरतते। उन्होंने बताया कि उनके पास अधिकांश वैसे लोगों के फोन आते हैं जो होम क्वारंटीन होते हैं और उनका ऑक्सीजन लेवल गिरता जाता है। गौरव उन मरीजों तक खुद पहुंचते हैं और उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर लगाते हैं।
बहरहाल, गौरव आज इस मुसीबत भरे समय में दूसरे लोगों के लिए आदर्श बने हुए हैं। आज कई कोरोना मरीजों के लिए गौरव मसीहा बन गए हैं। (आईएएनएस)