राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 7 जनवरी| केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में लामबंद हुए किसानों के आंदोलन का गुरुवार को 43वां दिन है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसान आज कुंडली मानेसर पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के किसान नेता हरिंदर सिंह लाखोवाल ने बताया कि 8,000 से 10,000 ट्रैक्टर के साथ किसान 11 बजे से केएमपी एक्सप्रेसवे पर मार्च निकालने जा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल)के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह ने बताया कि दिल्ली की सीमाओं पर स्थित विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर पहले से मौजूद ट्रैक्टरों के अलावा 1,000 ट्रैक्टर पंजाब से आया है और तकरीबन इतने ही अतिरिक्त ट्रैक्टर लेकर हरियाणा से किसान आए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसान भी ट्रैक्टर लेकर आ रहे हैं, इस तरह 8,000 से 10,000 ट्रैक्टरों का केएमपी पर मार्च निकलेगा।
हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि गुरुवार का ट्रैक्टर मार्च गणतंत्र दिवस का ट्रैलर परेड का ट्रेलर होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा तय कार्यक्रम के अनुसार, गुरुवार को सुबह 11 बजे ट्रैक्टरों के साथ चार जत्थे एकसाथ रवाना होंगे। पहला जत्था सिंघु बॉर्डर से टिकरी बॉर्डर की तरफ निकलेगा जिसका केएमपी पर एंट्री प्वाइंट कुंडली में होगा। दूसरा जत्था टिकरी बॉर्डर से कुंडली की तरफ निकलेगा जिसका केएमपी पर एंट्री प्वाइंट सांपला में होगा। यह दोनों जत्थे सांपला और कुंडली के मिड-प्वाइंट को छूकर वापिस अपने आरंभिक स्थान पर लौट जाएंगे।
इसी प्रकार, तीसरा जत्था गाजीपुर से पलवल की तरफ बढ़ेगा केएमपी पर इसका एंट्री प्वाइंट डासना में होगा। वहीं, चौथा जत्था रेवासन से पलवल की तरफ बढ़ेगा और केएमपी पर इसका एंट्री प्वाइंट रेवासन होगा। यह दोनों जत्थे पलवल से वापस अपने प्रस्थान बिंदु पर लौट जाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर मार्च का एलान पहले ही किया था जिसमें सरकार के साथ चार जनवरी की वार्ता विफल होने की सूरत में छह जनवरी को मार्च निकालने का ऐलान किया गया था। मगर, मौसम खराब होने के पूवार्नुमान हो देखते हुए इसे एक दिन बढ़ाकर सात जनवरी कर दिया। हालांकि दिल्ली-एनसीआर में मौसम आज भी खराब है, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि आज ट्रैक्टर मार्च निकलेगा और इसकी पूरी तैयारी पहले ही कर ली गई है।
आंदोलन तेज करने के मकसद से सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे किसान संगठनों के नेता बुधवार को दिनभर ट्रैक्टर मार्च की तैयारी में जुटे रहे।
केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
इस मसले के समाधान के लिए किसानों की सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता सोमवार को बेनतीजा रहने के बाद अब अगले दौर की वार्ता आठ जनवरी को तय की गई है। पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेकेट्ररी हरिंदर सिंह ने कहा कि सरकार के साथ शुक्रवार को होने वाली वार्ता भी अगर विफल रहती है तो आंदोलन तेज करने को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। (आईएएनएस)
ग्वालियर, 7 जनवरी| मध्य प्रदेश की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निष्ठा विद्युत मित्र योजना शुरु की है। इस योजना से जहां बिजली कंपनी को बिजली चोरी की रोकथाम, बिल की वसूली से लेकर नए कनेक्शन में मदद मिली है वहीं महिलाओं की आमदनी भी बढ़़ी है। इस काम में लगी महिलाओं को गांव में 'वसूली भाभी' के तौर पर पहचाना जाने लगा है। बताया गया है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में महिला आत्मनिर्भरता के लिए विशेष योजना 'निष्ठा विद्युत मित्र योजना' संचालित की है। राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूह में पंजीकृत महिलाओं को निष्ठा विद्युत मित्र के रूप में अनुबंधित किया गया है। योजना से 200 से भी अधिक महिलाओं को आर्थिक लाभ हो रहा है और वे अपने घर की जरूरतें और बच्चों की परवरिश को पूरा कर रही हैं।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि यह योजना बेहतर परिणाम के साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है। योजना में निष्ठा विद्युत मित्रों को बिजली बिल की वसूली और नये कनेक्शन, राजस्व वसूली, बिजली चोरी की रोकथाम आदि के काम दिए गए हैं।
बताया गया है कि मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र में 224 निष्ठा विद्युत मित्रों ने 31 लाख से भी अधिक राजस्व वसूली की है। नये बिजली कनेक्शन दिए हैं। निष्ठा विद्युत मित्रों को गांवों में लोग 'वसूली भाभी' के नाम से जानते हैं।
बताया गया है कि इस योजना के जरिए महिलाएं आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर भी बन रही है। इस योजना में अर्धवार्षिक गणना के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में स्व सहायता समूह द्वारा अधिक वसूली गई राशि पर 15 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। नवीन सिंगल फेज कनेक्शन जारी करवाने पर 50 रुपये प्रति कनेक्शन प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके साथ ही तीन फेज सिंचाई पंप कनेक्शन जारी करवाने पर दो सौ रुपये प्रति कनेक्शन प्रोत्साहन राशि मिलती है। इसके अलावा बिजली चोरी की सूचना देने पर प्रकरण सही पाए जाने पर बिल की गई राशि प्राप्त होने पर 10 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। (आईएएनएस)
औरैया (उत्तर प्रदेश), 7 जनवरी | पिछले साल अक्टूबर में एक मुस्लिम महिला हिंदू युवक के साथ चली गई थी, अब वह अपने माता-पिता के घर लौट आई है। साथ ही उसने इस बात से इनकार किया है कि उसका युवक ने अपहरण किया था। उसने कहा है कि यदि लड़का इस्लाम अपनाने के लिए राजी हो जाए तो वह उसके साथ रहना चाहेगी। सेंगनपुर की रहने वाली महिला 12 अक्टूबर 2020 को पास के गांव कुलगांव के आकाश के साथ कथित तौर पर भाग गई थी। इसके बाद उसके पिता ने बेटी का अपहरण करने के आरोप में लड़के के खिलाफ अयाना पुलिस थाने में एफआईआ दर्ज कराई थी।
पुलिस के मुताबिक, दोनों ने दिल्ली के एक मंदिर में 14 अक्टूबर को आर्य समाज की रस्मों से शादी कर ली थी। वे मंगलवार को उसी मंदिर द्वारा जारी किए गए विवाह प्रमाण पत्र के साथ अयाना पुलिस स्टेशन पहुंचे।
अयाना पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ललित कुमार ने कहा, "महिला के पिता की शिकायत पर 14 अक्टूबर को युवक आकाश के खिलाफ पुलिस ने धारा 366 के तहत मामला दर्ज किया था। बाद में दंपत्ति को अदालत में पेश किया गया, जहां महिला ने अपने परिवार के साथ फिर से जुड़ने की इच्छा जताई थी और इसके बाद बुधवार को उसे उसके माता-पिता के साथ भेज दिया गया।"
पुलिस अधिकारी ने कहा, "अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि युवक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी या नहीं। हम इस संबंध में कानूनी राय ले रहे हैं।"
खबरों के मुताबिक निजी कंपनी में काम करने वाले युवक ने शुरू में दावा किया था कि उसके माता-पिता उनके रिश्ते को स्वीकार करने के लिए तैयार थे, लेकिन महिला के परिवार और रिश्तेदार इसके खिलाफ थे। यहां तक कि युवक का परिवार आर्य समाज मंदिर में उनकी शादी में भी मौजूद था।(आईएएनएस)
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को हरी झंडी दे दी.
इस प्रोजेक्ट का मक़सद लुटियंस दिल्ली के 86 एकड़ क्षेत्र का पुनर्निमाण और विकास है जिसमें भारत की ऐतिहासिक इमारतें संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक भी शामिल हैं.
जस्टिस एएम खनविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने 2-1 के बहुमत से फ़ैसला सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से ये फ़ैसला तो दिया लेकिन चर्चा में रही बेंच के सदस्य जस्टिस संजीव खन्ना की असहमति.
जस्टिस खन्ना ने अपने विरोधी फ़ैसले में कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में जनता की हिस्सेदारी कोई मशीनी प्रक्रिया या औपचारिकता भर नहीं हो सकती.
अपने फ़ैसले में उन्होंने कहा, "असहमति और सुझाव के अधिकार में पर्याप्त और स्पष्ट जानकारी का अधिकार भी आता है."
जस्टिस खन्ना ने ज़मीन के इस्तेमाल में बदलाव पर दिए फ़ैसले से असहमति जताते हुए कहा कि इस केस में हेरिटेज कमेटी का पहले अप्रूवल होना चाहिए था.
उन्होंने कहा, "क्योंकि जस्टिस एएम खनविलकर के साथ जनता की हिस्सेदारी, क़ानूनी प्रावधानों की व्याख्या, हेरिटेज कमेटी की अप्रूवल ना होने और एक्सपर्ट अप्रेज़ल कमेटी के आदेश को लेकर मेरा दुराव है तो मैंने अलग से असहमति का फ़ैसला लिखा है."
जस्टिस खन्ना ने लिखा, "विकास योजना को लेकर इस केस में पर्याप्त नोटिस नहीं दिया गया."
उनके मुताबिक़ मौजूदा और प्रस्तावित लैंड यूज़ और प्लॉट नंबरों का गज़ट नोटिफ़िकेशन काफ़ी नहीं है.
उनका कहना है कि प्रस्तावित पुनर्विकास योजना के बारे में स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए थी ताकि लोग जानकारी के साथ कोई राय बना सकें जिससे जनता की हिस्सेदारी का फ़ायदा होता, ना कि सिर्फ़ एक मशीनी प्रक्रिया या औपचारिकता.
सेंट्रल दिल्ली को एक नई शक्ल देने वाले इस प्रोजेक्ट के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दी गई थीं जिनमें लुटियंस ज़ोन में निर्माण का विरोध करते हुए कई तरह के नियमों के उल्लंघन के आरोप भी लगाए गए थे. इन आरोपों में चेंज ऑफ़ लैंड यूज़ और पर्यावरण संबंधी चिंताएं भी शामिल थीं.
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस खन्ना 13 साल दिल्ली हाई कोर्ट में जज के तौर पर कार्यरत रहने के बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट पहुँचे.
वे दिल्ली हाई कोर्ट की उस बेंच का हिस्सा थे जो दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा योजना की निगरानी कर रही थी.
बाद में इस बेंच ने दिल्ली पुलिस को टाइमलाइन का पालन करते हुए पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने का आदेश भी दिया.
वरिष्ठता और मेरिट ऑर्डर के आधार पर जस्टिस खन्ना 2024 में भारत के मुख्य न्यायाधीश हो सकते हैं.
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
सेंट्रल विस्टा को नई शक्ल देने की शुरुआत संसद से होगी और नई इमारत में तक़रीबन 971 करोड़ रुपये ख़र्च होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण का शिलान्यास किया था.
केंद्र सरकार का दावा है कि परियोजना 'राष्ट्र हित' में है क्योंकि सेंट्रल विस्टा के आधुनिक होने की ज़रूरत है जिससे सैकड़ों करोड़ रुपये भी बचेंगे और नई इमारतें ज़्यादा मज़बूत और भूकंपरोधी बनेंगी.
रहा सवाल इस हरे-भरे और खुले इलाक़े में ज़्यादा इमारतें बनाने का तो सरकार का कहना है कि वो इसमें ज़्यादा हरियाली लाने वाली है. लेकिन विरोध के ज़्यादा स्वर पर्यावरण को लेकर ही उठे हैं. (bbc)
पड़ोसी राज्य राजस्थान और हिमाचल में पक्षियों के मौत के बाद हरियाणा में भी रहस्यमय तरीके से मुर्गियों की मौत हो रही है। बीते दस दिनों में हरियाणा के पंचकूला जिले के बरवाला क्षेत्र में करीब चार लाख मुर्गियों की मौत हो चुकी है। मुर्गियों के मौत का कारण बर्ड फ्लू माना जा रहा है, लेकिन अधिकारिक तौर पर गुरुवार सुबह तक पुष्टि नहीं हुई थी। लगतार मुर्गियों के मौत होने के बाद हरियाणा पशुपालन और डेयरी विभाग ने चिकन या अंडे खाने को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए अच्छी तरह पकाकर खाने और पॉल्ट्री फॉर्म के अंदर नहीं जाने की सलाह दी है।
बुधवार को भी गांव गढ़ी कुटाह और गांव जलोली के पॉल्टी फार्म में करीब 20 हजार मुर्गियों की मौत हुई थी। लगातार मुर्गियों के मौत की घटना सामने आने के बाद पशुपालन एवं डेयरी विभाग की टीम ने सैंपल लिए है और जांच के लिए हिसार और सोनीपत भेजे गए है। बुधवार को मृत मुर्गियों के सैंपल क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (आरडीडीएल) जालंधर भी भेजा गया है। गुरुवार को आरआरडीएल की दो टीमें बरवाला क्षेत्र में पहुंचकर नमूने लेने का काम शुरू कर दिया है। आरआरडीएल की टीम ने दो सैंपल लिए है, एक सैंपल को भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भेजा जाएगा। मुर्गीपालकों ने आशंका जताई है कि संदिग्ध बीमारियां रानीखेत या संक्रामक लारेंजो-ट्रैक्टिस हो सकती हैं।
पंचकूला के उपायुक्त एमके आहूजा ने डाउन टू अर्थ को बताया कि जिले में करीब 80 लाख मुर्गियां है। जिसमें बुधवार शाम तक करीब 4,09,970 की मौत हुई है। जो सामान्य से कही ज्यादा है। इसकी सूचना पशुपालन एवं डेयरी विभाग को दी गई थी। आरआरडीएल की टीम ने सैंपल लेने के लिए आई हुई है। मुर्गियों के मौत का कारण रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जा सकता है।
पॉल्ट्री फॉर्म एसोसिएशन के अध्यक्ष दर्शन सिंह का कहना है कि रायपुररानी और बरवाला क्षेत्र में लगभग 150 पॉल्ट्री फार्म है। यहां से रोजाना सवा करोड़ से डेढ़ करोड़ अंडे की सप्लाई देश के सभी हिस्सों में होता है। बर्ड फ्लू की आशंका को खारिज करते हुए दर्शन सिंह ने बताया कि मुर्गियों के मरने का कारण ठंड भी हो सकता है। अभी हाल ही में मुर्गियों को रूटीन वैक्सीन लगाई गई थी, उसके रिएक्शन से भी इनकी मौत हो सकती है। सही जानकारी के लिए विभागीय रिपोर्ट का इंतजार कर रहे है।
बरवाला एग ट्रेडर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद अफजल का कहना है कि जैसे-तैसे कोरोना के बाद अंडा और चिकन के बाजार ने रफ्तार पकड़ी थी, अब यह परेशानी आकर खड़ी हो गई। अधिकांश मुर्गियों की मौत गर्दन अकड़ कर हुई है। इसे देखते हुए कह सकते है कि यह मुर्गियां रानीखेत बीमारी से मरी है।
गाइडलाइन की मुख्य बातें:
-चिकन या अंडा खाने से पहले सुनिश्चित करें कि सभी भाग पूरी तरह से पके हुए हो
-चिकन या अंडे को 70 डिग्री सेल्सियस पर पकाए
-कच्चा चिकन या अंडा हरगिज नहीं खाएं
-चिकन बनाने वाले व्यक्ति पकाने के बाद अपने हाथों को साबुन और गर्म पानी से अच्छी तरह से धोए
-चिकन या अंडों के संपर्क में आने वाली सतहों को सैनिटाइज करें (downtoearth)
अंतराष्ट्रीय जर्नल नेचर क्लाइमेट चेंज में छपे एक शोध से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन के चलते दुनिया भर के शहरों में नमी की मात्रा घट जाएगी। अनुमान है कि सदी के अंत तक यदि उत्सर्जन में वृद्धि जारी रहता है तो तापमान में 4.4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है।
शहर जोकि धरती के केवल तीन फीसदी हिस्से पर फैले हैं, पर उनमें विश्व की 50 फीसदी से ज्यादा आबादी रहती है, जो 2050 तक बढ़कर 70 फीसदी पर पहुंच जाएगी। एक ही जगह पर आबादी का जमावड़ा कई समस्याओं को भी जन्म दे रहा है। इसमें गर्मी से बढ़ता तनाव, पानी की कमी, वायु प्रदूषण और ऊर्जा की कमी जैसी समस्याएं प्रमुख हैं।
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के असर को समझने के लिए कई मॉडल विकसित किए गए हैं। इस शोध से जुड़े शोधकर्ताओं का मानना है कि उन मॉडलों को बड़े स्तर पर विश्लेषण करने के लिए तैयार किया गया है। इन्हें शहरों को ध्यान में रखकर नहीं तैयार किया गया है। लेकिन इस नए शोध में शोधकर्ताओं ने शहरों पर जलवायु परिवर्तन के असर को करीब से समझने के लिए पारम्परिक क्लाइमेट मॉडल के साथ-साथ आंकड़ों पर आधारित स्टैटिस्टिकल मॉडल का भी प्रयोग किया है। जिसे विशेष तौर पर शहरों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
इस शोध से जुड़े प्रमुख शोधकर्ता ली झाओ के अनुसार ”शहरों में सतह कंक्रीट और डामर की बनी होती है, जो कच्ची जमीन की तुलना में बहुत अधिक गर्मी को सोखती है और उसे बनाए रखती हैं। ऐसे में वातावरण बहुत तेजी से गर्म होता है और नमी खो देता है।” ऊपर से घटते पेड़ इस हीट आइलैंड की समस्या को और बढ़ा रहे हैं। यही वजह है कि शहरों में तापमान कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि शहरों का तापमान अपने आस-पास के ग्रामीण इलाकों से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा होता है।
क्या है इस समस्या का समाधान
इस मॉडल से पता चला है कि यदि शहरों में ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाए तो वह भविष्य के लिए एक अच्छा निवेश होगा। पेड़-पौधे वातावरण में नमी बरक़रार रखते हैं। यह ने केवल प्रदूषण को कम करते हैं साथ ही तापमान को कम करने के साथ-साथ हवा को भी ठंडा करते हैं। मॉडल से पता चला है कि अगली सदी में तट से दूर शहरों की हवा खुश्क हो जाएगी ऐसे में यह पेड़ पौधे और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर जलवायु परिवर्तन से निपटने में बहुत मददगार होंगे।
ऐसे में झाओ को उम्मीद है कि यह मॉडल शहरों में बढ़ते तापमान से निपटने में मदद करेगा। साथ ही शहरी योजनाकारों और नीति निर्माताओं को भविष्य को ध्यान में रखकर योजना तैयार करने में मददगार होगा। (downtoearth)
पटना, 7 जनवरी | बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने युवा नेताओं और विपक्षी पार्टियों के उतराधिकारियों पर जमकर कटाक्ष किया है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख चिराग पासवान पर तंज कसते हुए कहा कि समय आने पर ये अपना कहीं 'हनीमून' मनाने चले जाते हैं। हम की कार्यकारिणी की बैठक के बाद बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए मांझी ने राजद के नेता तेजस्वी यादव के दिल्ली में रहने के संबंध में कहा कि, "लोकसभा चुनाव में हारने के बाद भी तेजस्वी पटना से बाहर चले गए थे। उस समय 'हम' महागठबंधन के साथ था। उस समय भी मैंने कहा था कि तेजस्वी यादव लालू प्रसाद नहीं हो सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "आज भी मैं कहता हूं कि मुख्य मुद्दा जब आता है, बाढ़ का मामला हो या चमकी बुखार का मामला, आज किसान आंदोलन का मामला है वे दिल्ली जाकर क्यों बैठ जाते हैं। उन्हें दिल्ली का काम करना चाहिए, लेकिन बिहार को नहीं छोड़ना चाहिए।"
राजग में शामिल हम के नेता मांझी ने आगे कहा, "ये हिन्दुस्तान के, बिहार के तीनों जो युवराज लोग हैं, चाहे राहुल गांधी हों, चिराग पासवान हों या तेजस्वी यादव, समय आने पर तीनों अपना कहीं हनीमून मनाने जाते हैं, क्या करने जाते हैं पता नहीं।"
उल्लेखनीय है कि तेजस्वी काफी दिनों से पटना से बाहर हैं, जिसे लेकर उनके विरोधी लगातार सवाल उठा रहे हैं।
--आईएएनएस
प्रदूषित कोयला खरीद कर बिजली उत्पादन के मामले में पश्चिम बंगाल देश में पहले स्थान पर है। इसका मतलब है कि यह राज्य सबसे अधिक कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जित कर के मामले में देश में पहले पर नंबर है। यह खुलासा सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने किया है।
सीएसई ने कोयला आधारित बिजली खरीद का राज्यवार आकलन और विश्लेषण किया और इसमें पाया कि पश्चिम बंगाल सल्फर के अनुपालन में देश में सबसे फिसड्डी राज्य है। और प्रदूषित कोयला खरीद कर बिजली उत्पादन में नंबर एक राज्य है।
सीएसई द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार राज्य में बिजली की आपूर्ति करने वाले अधिकांश स्टेशनों ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित दिसंबर, 2015 के सल्फर डाइऑक्साइड मानदंडों के अनुपालन के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए हैं।
इस संबंध में सीएसई के औद्योगिक प्रदूषण कार्यक्रम के निदेशक निवित कुमार यादव कहते हैं, “कोयला आधारित बिजली स्टेशनों में तीन प्रमुख प्रदूषक हैं- कण पदार्थ, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। पावर स्टेशन सल्फर डाइऑक्साइड मानदंड के अनुपालन में विशेष रूप से पिछड़ गए हैं।
ध्यान रहे कि पहले से ही सल्फर डाई आक्साइड के मानदंडों को कमजोर करने के लिए दबाव बना हुआ है। दिसंबर, 2015 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कण पदार्थ, नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए एक निश्चत मानदंड निर्धारित किया हुआ है, लेकिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय इस मानदंड में और छूट देने की मांग कर रहा है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि बिजली संयंत्रों से सल्फर डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भारत में आधे से अधिक मानवजनित उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं।
सीएसई ने अपने मूल्यांकन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उनके बिजली उत्पादन के प्रतिशत के आधार पर श्रेणी प्रदान की है। 33 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से ही बिजली खरीदी जाती है।
इन राज्यों के पास विभिन्न कोयला-फायरिंग पावर जनरेटर के साथ टाई-अप है जो विभिन्न राज्यों में भी स्थित हैं। सीएसई ने बिजली मंत्रालय की वेबसाइट से आंकड़ों को लेकर आकलन किया है कि किसी विशेष राज्य द्वारा कितनी क्लीन बिजली खरीदी जा रही है।
सीएसई ने अपने अध्ययन में पाया कि देश के नौ राज्य प्रमुख रूप से सरकारी मापदंडों को पालन में चूक कर रहे हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि राज्य अपनी कोयले पर आधारित बिजली का लगभग 60 प्रतिशत अशुद्ध स्रोतों से खरीद रहे हैं।
इस मामले में पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और गुजरात शीर्ष पर हैं। पश्चिम बंगाल में राज्य को बिजली की आपूर्ति करने वाले 84 प्रतिशत बिजली स्टेशन अशुद्ध हैं और सल्फर डाइऑक्साइड के मानदंडों को पूरा करने से बहुत दूर हैं।
पश्चिम बंगाल अपने बिजली स्टेशनों के माध्यम से अपनी जरूरत की सभी बिजली उत्पन्न करता है। इसलिए राज्य में नियामक अधिकारियों के पास प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक शक्तियां हैं।
तेलंगाना में यह आंकड़ा 74 प्रतिशत है और गुजरात में यह 71 फीसदी है। इन राज्यों में स्थित और आपूर्ति करने वाले अधिकांश पावर स्टेशनों ने मानदंडों को बहुत कम पूरा किया है। (downtoearth)
बैतूल, 7 जनवरी | मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में नकली सोने को असली सोना बताकर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों केा पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके पास से 10 किलो सोना और पीतल के अलावा सात किलो चांदी के बिस्कुट बरामद किए हैं। पुलिस कंट्रोल रूम में बुधवार को पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य ने छिंदवाड़ा जिले के अविनाश करड़े को असली सोना बताकर पीतल थमा दिया था। शिकायत पर साईंखेड़ा थाने की पुलिस द्वारा अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की तो बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हो गया। गिरोह के सरगना अलगीर पारधी द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर बैतूल के अलावा प्रदेश के कई जिलों एवं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में भी असली के नाम नकली गिन्नी थमाकर ठगी की जाती थी।
पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने इस मामले की जिम्मेदारी अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस (एसडीओ,पी) नितेश पटेल के नेतृत्व में टीम बनाकर सौंपी। इस टीम ने संदेह के आधार पर चार पारधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। आरोपियों के पास गिन्नी बनाने वाला पीतल, औजार समेत 10 किलो असली सोने और नकली पीतल की गिन्नियां, सात किलो पीतल के बिस्किट बरामद किए गए हैं।
उन्होंने आगे ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के द्वारा सुनियोजित ढंग से लोगों को यह बताते थे कि उन्हें गड़ा हुआ धन मिला है, इसे बेचना है। नमूने के रूप में असली सोने की गिन्नियां देते थे। इनके झांसे में आकर लोग सोना खरीदने का सौदा कर लेते थे। चयनित स्थान पर गिरोह के सदस्य खरीदार को बुलाकर रकम लेकर नकली गिन्नियां थमा देते थे और पुलिस के आने का खतरा बताकर वहां से भाग जाते थे।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 7 जनवरी | कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को चांदनी चौक में दशकों पुराने प्राचीन हनुमान मंदिर को गिराने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अरविंद केजरीवाल सरकार की मंजूरी से मंदिर को गिराया गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा और अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारे लगाए। साथ ही पार्टी ने भाजपा व आप पर हनुमान मंदिर में तोड़फोड़ करने और फिर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी सरकार ने अदालत के सामने सही तथ्य नहीं रखे हैं, बल्कि केवल अनुमान लगाया है कि हनुमान मंदिर चांदनी चौक में पैदल मार्ग पर एक 'अतिक्रमण' था, और यह ऐतिहासिक स्थान के पुनर्विकास में बाधा बन रहा था।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने चेतावनी दी कि "अगर चांदनी चौक में ध्वस्त ऐतिहासिक मंदिर में भगवान हनुमानजी की मूर्ति को फिर से उचित धार्मिक संस्कार के साथ स्थापित नहीं किया गया और अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन शॉपिंग मॉल के सामने शराब की दुकान को तुरंत बंद नहीं किया जाता है, कांग्रेस पार्टी एक आंदोलन शुरू करेगी और कानूनी कदम उठाएगी, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 7 जनवरी | भारतीय वायुसेना के अधिकारी अब गुजरात से संबद्ध एक निजी संस्थान में उच्च अध्ययन के लिए दाखिला ले सकते हैं। भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा, बल ने इस संबंध में गुजरात विश्वविद्यालय की स्वायत्त संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड रिसर्च (आईडीएसआर) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस एमओयू से भारतीय वायुसेना के अधिकारी डॉक्टरेट रिसर्च, पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा शुरू करने में सक्षम होंगे जिसमें रक्षा अध्ययन, रक्षा प्रबंधन, राष्ट्रीय सुरक्षा, एयरोस्पेस और विमानन विज्ञान और रक्षा प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्र शामिल हैं ।
परियोजना आकाशदीप के हिस्से के रूप में, भारतीय वायुसेना ने अधिकारियों द्वारा अनुसंधान को बढ़ावा देने और रणनीतिक ज्ञान और बौद्धिक कौशल के साथ थिंक टैंक का एक पूल बनाने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठित शिक्षाविदों के साथ ऐसी साझेदारी की है।
इन अधिकारियों की विशेषज्ञता हाइब्रिड सैन्य अभियानों में ठोस रणनीतिक योजनाओं और नीतियों के निर्माण में योगदान देगी।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 7 जनवरी | चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) लद्दाख में खानाबदोशों का इस्तेमाल भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण करने के लिए कर रही है, जबकि भारतीय सेना ने अपने खानाबदोशों को चारागाह भूमि तक सीमित कर दिया है, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन पर गंभीर असर पड़ रहा है। यह बात लद्दाख हिल डेवलपमेंट काउंसिल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बताई है। लद्दाख हिल डेवलपमेंट काउंसिल के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को सिंह से मुलाकात की और स्थानीय लोगों के लिए चराई और अन्य सीमा विकास के मुद्दों के लिए अप्रतिबंधित पहुंच बनाने का आग्रह किया। मई 2020 में भारत और चीन के बीच गतिरोध शुरू होने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास स्थानीय लोगों के जीवन पर गंभीर असर पड़ा है।
शिष्टमंडल के दो अन्य सदस्यों के साथ चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टेनजिन द्वारा दिया गया प्रत्यावेदन।
प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री से कहा, सीमा की तरफ से संबंधित खानाबदोशों की हरकतें रोकने के लिए भारतीय सेना द्वारा पारंपरिक चरागाह भूमि पर अपने पशुधन चराने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत की ओर से बिना वर्दी के सैनिक तैनात हैं।
प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें सिंह के साथ बैठक के बाद कुछ त्वरित कार्रवाई की उम्मीद है।
--आईएएनएस
जयपुर, 7 जनवरी | कांग्रेस की राजस्थान इकाई में नई टीम बनने का छह महीने से किया जा रहा इंतजार बुधवार को उस समय खत्म हो गया, जब पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने 39 पदाधिकारियों के नामों की घोषणा कर दी। अब तक प्रदेश इकाई में केवल इसके अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे को नवगठित टीम में बराबर महत्व दिया गया है। नई टीम में सात उपाध्यक्ष, आठ महासचिव और 24 सचिव शामिल हैं।
उपाध्यक्षों में वयोवृद्ध नेता गोविंद राम मेघवाल, हरिमोहन शर्मा, डॉ. जितेंद्र सिंह, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, नसीम अख्तर 'इंसाफ', राजेंद्र चौधरी और रामलाल जात शामिल हैं, जबकि महासचिवों में जीआर खटाना, हकीम अली, लखन मीणा, मांगीलाल गरासिया, प्रशांत बैरवा, राकेश पारिख, रीता छाऊधारी और वेद प्रकाश सोलंकी शामिल हैं।
पार्टी की राजस्थान इकाई को पिछले जुलाई में पायलट की बगावत के बाद भंग कर दिया गया था। उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी और अंतत: उनका डिप्टी सीएम और राज्य प्रमुख का पद छीन लिया गया था।
राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने घोषणा की थी कि नई टीम 31 दिसंबर तक बन जाएगी, लेकिन गहलोत और पायलट खेमों के बीच असंतोष के कारण देरी हुई।
गहलोत ने ट्वीट कर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी का आभार जताया और नई टीम के लिए शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने नई टीम के लिए लिखा, "मुझे विश्वास है कि आप सभी कांग्रेस की नीतियों, विचारधाराओं और कांग्रेस के सिद्धांतों को गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में हर गांव में ले जाएंगे।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 6 जनवरी | केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि ब्रिटेन में पाए गए कोरोनावायरस के नए प्रकार का कुल मामलों की संख्या 73 हो गई है। पॉजिटिव रोगियों को स्वास्थ्य सुविधा में आईसोलेशन में रखा गया है। इस तरह के कुल मामलों में से 8 का पता दिल्ली में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी), 20 सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) और 11 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो (निमहंस) बेंगलुरु में चला है।
हैदराबाद में सेलुलर और आणविक जीवविज्ञान में ऐसे तीन मामलों का पता चला है, जबकि एक मामला पश्चिम बंगाल के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स में और 30 मामला नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे में पाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन सभी व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा नामित हेल्थ केयर सुविधाओं में सिंगल रूम आइसोलेशन में रखा गया है।
पॉजिटिव लोगों के सपर्क में आए लोगों को भी आईसोलेट कर दिया गया है। (आईएएनएस)
जयपुर, 6 जनवरी | कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की अवधि में प्रतिभाशाली बच्चों ने कई प्रेरणादायक कहानियों को जन्म दिया। इनमें से एक कहानी है पांच साल की बच्ची प्रेशा खेमानी की, जिसने सिर्फ चार मिनट और 17 सेकंड में 150 देशों के झंडे पहचाने और उनके नाम व राजधानी बताकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। प्रेशा के कौतुक को हाल ही में वल्र्ड रिकॉर्डस इंडिया बुक में सबसे कम उम्र के बच्चों को दिए जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रेशा हाल ही में अपने माता-पिता के साथ जयपुर यात्रा पर थीं, जो मूल रूप से उज्जैन के रहने वाले हैं। उसके पिता भरत पुणे में चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं।
प्रेशा की मां संगीता ने आईएएनएस को बताया, "हमारे दोस्तों ने भूगोल और विभिन्न राष्ट्रों के झंडों में प्रेशा की गहरी रुचि को देखते हुए उसे एक किताब भेंट की।"
उन्होंने कहा, "प्रेशा ने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले रंगीन झंडों में गहरी रुचि दिखाई और मुझसे उन देशों के बारे में पूछना जारी रखा। उसने देश और उनकी राजधानियों के नाम सुनकर याद रखा और उन देशों के झंडों को भी पहचानने का अभ्यास करती रही।"
प्रेशा के पिता भरत ने आईएएनएस को बताया, "प्रेशा ने सात सप्ताह के लॉकडाउन के दौरान, लगभग 150 देशों, उनकी राजधानियों और उनके झंडों के बारे में अच्छी तरह से सीखा। आखिरकार, सात सप्ताह में वह दुनिया के सात महाद्वीपों में स्थित विभिन्न देशों के नाम और राजधानियों के साथ उनके झंडे को पूरी तरह से याद कर लिया।"
प्रेशा का लक्ष्य अब विभिन्न राष्ट्रों की मुद्राओं, भाषाओं और प्रधानमंत्रियों/राष्ट्रपतियों के नाम सीखना है। उसने कहा, "अब मैं जल्द ही दुनियाभर के देशों की मुद्राओं, भाषाओं और नेताओं के बारे में जानूंगी।" (आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 6 जनवरी | ओडिशा में अब तक बर्ड फ्लू के किसी भी मामले का पता नहीं चला है। राज्य सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि, राज्य सरकार ने कहा कि राज्य में किसी भी संभावित बर्ड फ्लू के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन तैयार है।
मुख्य सचिव सुरेश चंद्र मोहापात्र ने बुधवार को राज्य में बर्ड फ्लू के परिदृश्य की समीक्षा की। विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 11,000 नमूनों का परीक्षण किया गया है और कोई भी मामला पॉजिटिव नहीं पाया गया है।
मुख्य सचिव ने निगरानी गतिविधियों को तेज करने का निर्देश दिया है।
मोहापात्र ने किसी भी संभावित प्रकोप को कम करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर एक त्वरित प्रतिक्रिया टीम बनाने का निर्देश दिया।
इस सर्दी के मौसम में चिलका झील में 1.2 मिलियन प्रवासी पक्षियों के आने का रिकॉर्ड बना है। एक अधिकारी ने कहा कि इसी तरह, भितरकनिका अभयारण्य में लगभग 1 लाख पंख वाले मेहमान आए हैं और हीराकुंड बांध के जलाशय में लगभग 1.60 लाख पक्षी हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 जनवरी | केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के विकास और भाषा तथा संस्कृति के संरक्षण के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने अहम कदम उठाया है। उन्होंने बुधवार को गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में एक कमेटी के गठन का फैसला किया है। यह कमेटी लद्दाख के विकास में स्थानीय निवासियों की सहभागिता को बढ़ावा देने के साथ समस्याओं का समाधान भी करेगी। दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह से बुधवार को लदाख के एक प्रतिनिधिमंडल ने बैठक कर केंद्रशासित प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार लद्दाख के विकास और उसकी भूमि व संस्कृति के संरक्षण के प्रति संकल्पित है और सरकार ने लद्दाख के लोगों की दशकों से लंबित संघ शासित राज्य की मांग को पूर्ण कर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है।
गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में कमेटी गठन का निर्णय लिया गया। यह कमेटी लद्दाख की भाषा, संस्कृति एवं भूमि के संरक्षण तथा लद्दाख के लोगों की विकास में सहभागिता के समुचित समाधान के लिए कार्य करेगी।
इस कमेटी में गृह मंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल से नामित व्यक्ति, लद्दाख से निर्वाचित सदस्यगण, लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (एलएएचडीसी)के सदस्य तथा भारत सरकार एवं लद्दाख प्रशासन के पदेन सदस्य होंगे। कमेटी के सदस्य मिलकर प्रतिनिधिमंडल की चिंताओं का समाधान करेंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 जनवरी | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को लोगों से एप स्टोर्स पर उपलब्ध 'को-विन' नाम के कई फर्जी एप्लीकेशंस डाउनलोड या रजिस्टर नहीं करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी देते हुए कहा, "कुछ असमाजिक तत्वों ने सरकार के आगामी 'को-विन' एप्स के आधिकारिक प्लेटफार्म के समान एप का निर्माण किया है, जो एप स्टोर्स पर उपलब्ध है।"
मंत्रालय ने कहा, "इसे डाउनलोड न करें या इसपर निजी जानकारी साझा न करें। एमओएचएफडब्ल्यू आधिकारिक मंच को इसके लॉन्च पर पर्याप्त रूप से प्रचारित किया जाएगा।"
'शार्ट फॉर कोविड वैक्सीन इंटिलिजेंस नेटवर्क' एपलीकेशन यानि को-विन एप का उपयोग टीककारण अभियान के प्रबंधन के लिए किया जाएगा, जिसे जल्द ही देश के समक्ष लाया जाएगा।
एप न केवल सरकार को बड़े पैमाने पर टीकाकरण प्रक्रिया का समन्वय करने में मदद करेगा, बल्कि स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता के लिए वास्तविक समय में कोरोनावायरस टीकों की निगरानी भी करेगा।
इसे जल्द ही जनता के लिए लॉन्च किया जाएगा। लाभार्थी आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन और बैंक पासबुक जैसे पहचान दस्तावेजों को अपलोड करने के बाद खुद को पंजीकृत करने में सक्षम होंगे। (आईएएनएस)
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में ‘ठाकुर’ ब्रांड जूते को लेकर हंगामा हो गया. पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर जूता बेच रहे दुकानदार को पहले हिरासत में लिया लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया.
डॉयचे वैले पर समीरात्मज मिश्र का लिखा-
उत्तर प्रदेश, 6 जनवरी | बुलंदशहर के गुलावठी इलाके में टाउन स्कूल के पास नासिर नाम का युवक सड़क किनारे पटरी पर दुकान लगाकर जूते बेचता है. उसकी दुकान पर जूता खरीदने गए विशाल चौहान नाम के एक युवक ने एक जूते के सोल पर ठाकुर लिखा देखा तो नाराज हो गया. युवक ने आरोप लगाया कि विरोध करने पर नासिर ने उससे मारपीट की. युवक ने इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई.
इस बीच, बजरंगदल के कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर दबाव बनाया तो नासिर को हिरासत में ले लिया गया. हालांकि बाद में सोशल मीडिया पर काफी आलोचाना के बाद उसे छोड़ दिया गया. इस बारे में बुलंदशहर पुलिस ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ‘युवक को इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि दोनों पक्षों के बीच मारपीट की नौबत आ गई थी.'
शिकायतकर्ता विशाल चौहान ने एफआईआर में अपनी धार्मिक भावनाएं आहत होने की बात कही थी और दुकानदार के साथ ही जूते बनाने वाली कंपनी के खिलाफ भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी. पुलिस ने दुकानदार नासिर को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन कंपनी पर नामजद एफआईआर की बजाय अज्ञात लिखकर केस दर्ज किया. बाद में नासिर को भी छोड़ दिया गया.
आहत हुई धार्मिक भावनाएं?
इस बारे में बुलंदशहर के नगर पुलिस अधीक्षक अतुल श्रीवास्तव का कहना था, "विवेचना में यह पता चला है कि धार्मिक भावनाएं आहत करने जैसी कोई बात नहीं है. अन्य धाराओं के तहत भी मुकदमा पंजीकृत किया गया है. जांच में जो बात सामने आएगी उसी के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी."
पुलिस हिरासत से बाहर आने के बाद नासिर ने मीडिया को बताया, "कुछ युवक सोमवार को मेरे ठीहे पर आए और सफेद सोल वाले जूते मांगे. जब युवकों को ठाकुर लिखा सफेद सोल वाला जूता नहीं मिला तो उन्होंने मोबाइल पर जूते का फोटो दिखाकर जाति वाला जूता निकलवाया और युवक हंगामा करने लगे. कुछ देर बाद पुलिस आई और मुझे उठा ले गई. मैं तो दिल्ली से जूते लाकर यहां बेचता हूं. कोई बनाता तो हूं नहीं. पिछले कई साल से ये जूते बेच रहा हूं."
बताया जा रहा है कि ठाकुर शूज आगरा की पुरानी और जूता बनाने वाली बड़ी कंपनी है, जो पिछले चालीस साल से ठाकुर ब्रांड के जूते बना रही है. इस कंपनी के जूते पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली तक बिकते हैं.
जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल पर हंगामा
यूपी में पिछले कुछ दिनों से जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल को लेकर हंगामा मचा हुआ है. इससे पहले, राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने जातिसूचक शब्दों को गाड़ियों पर लिखने पर पाबंदी लगा दी थी. यूपी में कई जगहों पर जातिसूचक शब्दों जैसे- गुर्जर, ब्राह्मण, यादव, ठाकुर, क्षत्रिय, जाट इत्यादि को गाड़ियों पर लिखाने का काफी चलन है.
लेकिन पिछले हफ्ते इस पर पाबंदी लगाते हुए साफ कर दिया गया कि यदि बाइक या कार पर जातिसूचक शब्द किसी ने लिखाया तो उस पर कार्रवाई होगी और पकड़े जाने पर परिवहन अधिकारी गाड़ी का चालान करके जुर्माना वसूलेंगे. इस मामले में अपर परिवहन आयुक्त मुकेश चंद्रा ने आरटीओ और एआरटीओ प्रवर्तन को आदेश जारी करते हुए नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
जातिसूचक शब्द लिखाने वालों के पकड़े जाने पर धारा 177 के तहत कार्रवाई की जा रही है. इसमें पहली बार में पांच सौ रुपये और दोबारा पकड़े जाने पर 1500 रुपये जुर्माना अदा करना पड़ेगा. पिछले एक हफ्ते में इस तरह से कई लोगों पर कार्रवाई की गई है.
हालांकि इस नए नियम के तहत जो पहली कार्रवाई हुई, वह सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. नए प्रतिबंध के बाद पहला चालान कानपुर के रहने वाले आशीष सक्सेना का कटा. उन्होंने अपनी गाड़ी के नंबर प्लेट पर ‘सक्सेना जी' लिखा रखा था. पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 105 के तहत चालान काट दिया. मोटर वाहन एक्ट के मुताबिक नंबर प्लेट पर यदि नंबर के अलावा कुछ भी लिखा है, तो परिवहन विभाग ऐसे वाहन और वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.
दरअसल, पूरे उत्तर भारत में सिर्फ वाहन के नंबर प्लेट पर ही नहीं बल्कि उसके पीछे और आगे के शीशों पर भी जातिसूचक शब्द लिखवाने का चलन बहुत ज्यादा है. लोग न सिर्फ अपना नाम बल्कि अपना पद और घर-गांव का नाम भी गाड़ियों के आगे-पीछे के शीशों पर लिखा लेते हैं. जानकारों का कहना है कि इसकी वजह से कार चला रहे व्यक्ति को पिछला शीशा साफ नहीं दिखता और दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है. (dw.com)
नई दिल्ली, 6 जनवरी | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक के ग्राम पंचायत चुनावों में मिली सफलता का श्रेय मोदी सरकार की नीतियों को दिया है। कहा है कि चुनाव कृषि सुधार कानूनों पर फैलाये जा रहे झूठ के बीच हुए इस चुनाव में जनता और किसानों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें मोदी सरकार पर भरोसा है। भाजपा के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखर ने पार्टी मुख्यालय पर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, पिछले 10-11 महीने में देश के सामने 2 चुनौतियां आई हैं। एक तो कोरोना वायरस की, दूसरी, झूठ, पाखंड और यू-टर्न की राजनीति, जिसकी शुरूआत 2019 से पहले शुरू हुई थी। मई 2019 में कर्नाटक में भाजपा को 51.38 प्रतिशत वोट के साथ 28 में से 25 सीट मिलीं थी। कांग्रेस को 1 और जेडीएस को भी केवल 1 सीट मिली थी।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राम पंचायतों में भी हाल ही में हुए चुनाव में भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर विश्वास जताते हुए निर्णायक बहुमत दिया है। यह चुनाव कृषि सुधार कानूनों पर फैलाये जा रहे झूठ के बीच हुआ था। इसमें से 55 प्रतिशत ग्राम पंचायत भाजपा समर्थित हैं और 53 प्रतिशत सदस्य भाजपा समर्थित हैं।
बीजेपी सांसद ने कहा कि इसका सीधा मतलब है कि कर्नाटक के किसानों ने बड़ा सीधा और स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें मोदी जी के विजन और पिछले कुछ वर्षों में किसानों के फायदे के लिए सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं पर पूर्ण विश्वास है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 जनवरी | उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को 'उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्मातरण निषेध अध्यादेश, 2020' और 'उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2018' कानूनों की वैधता की जांच करने के लिए सहमति व्यक्त की और दोनों राज्यों को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ताओं ने इन 'लव जिहाद' कानूनों पर भी रोक लगाने की मांग की, मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह अच्छा होता, यदि याचिकाकर्ता शीर्ष अदालत में आने के बजाय संबंधित उच्च न्यायालय जाते।
वरिष्ठ अधिवक्ता सी.यू. सिंह ने याचिकाकर्ताओं में से एक का प्रतिनिधित्व करते हुए, कहा कि विवाहित जोड़े को इस बात का प्रमाण देना कि यह विवाह धर्मातरण नहीं है, यह उनपर एक तरह का दबाव डालने जैसा होगा। सिंह ने कहा कि कई घटनाएं रिकॉर्ड में आई हैं जहां भीड़ ने अंतरधार्मिक विवाह में बाधा पहुंचाई और इन कानूनों के तहत कठोर सजा का भी हवाला दिया।
एक याचिकाकर्ता के एक अन्य वकील ने बताया कि कि मध्य प्रदेश और हरियाणा में इस तरह का कानून लाने की कवायद चल रही है।
पीठ में शामिल न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यम ने कहा कि वे कानून के खिलाफ याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनेंगे और फिर कानून पर नोटिस जारी करेंगे।
शीर्ष अदालत इस मामले पर चार सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।
दो अधिवक्ताओं-विशाल ठाकरे और अभय सिंह यादव - और एक कानून शोधकर्ता प्राणवेश द्वारा दायर याचिका में से एक में कहा गया है कि अध्यादेश संविधान के मूल ढांचे में हस्तक्षेप करता है। सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि क्या संसद के पास संविधान के भाग तीन के तहत निहित मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की शक्ति है।"
याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि संसद के पास मौलिक अधिकारों में संशोधन करने की कोई शक्ति नहीं है, और यदि इस अध्यादेश को लागू किया जाता है तो यह बड़े पैमाने पर जनता को नुकसान पहुंचाएगा और समाज में अराजकता की स्थिति पैदा होगी। (आईएएनएस)
भुवनेश्वर, 6 जनवरी | राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) में काम करने वाले कम से कम चार ठेका मजदूरों की मौत हो गई और कुछ अन्य लोग बुधवार को एक कोयला रासायनिक विभाग से जहरीली गैस के रिसाव के बाद बीमार पड़ गए। मौतों की पुष्टि करते हुए राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी के अध्यक्ष हिमांशु सेखर बल ने मृतकों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की।
चार संविदा कर्मचारी निजी कंपनी स्टार कंस्ट्रक्शंस द्वारा लगाए गए थे।
सूत्रों ने बताया कि घटना सुबह हुई जब यूनिट में कुल 10 कर्मचारी ड्यूटी पर थे।
इन चारों को इस्पात जनरल हॉस्पिटल (आईजीएच) की गहन चिकित्सा निगरानी में रखा गया है।
मृतकों की पहचान गणेश चंद्र पैला (55), रवीन्द्र साहू (59), अभिमन्यु साह (33) और ब्रम्हानंद पांडा (51) के रूप में की गई।
इस बीच, दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संयंत्र सामान्य रूप से काम कर रहा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 जनवरी | राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में कथित तौर पर 50 वर्षीय एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म किए जाने की मीडिया रिपोर्ट्स पर संज्ञान लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, अपराध तब हुआ जब महिला प्रार्थना करने के लिए एक मंदिर में गई थी।
आयोग ने एक बयान में कहा, "पीड़ित के परिवार ने प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के लिए पुलिस पर उदासीनता का भी आरोप लगाया है। आयोग ने कथित घटना और पुलिस उदासीनता पर गहरा रोष जताया है।"
एनसीडब्ल्यू की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
एनसीडब्ल्यू के सदस्य पीड़ित के परिवार और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
बयान में कहा गया है, "आयोग ने पुलिस से मामले में विस्तृत कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है। पत्र की एक प्रति पुलिस अधीक्षक, बदायूं को भी भेजी गई है।" (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 6 जनवरी | केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव ओमन चांडी ने बुधवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र कोट्टायम जिले के पुथुपल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ 'पदयात्रा' (विरोध मार्च) निकाली। यह पहली बार है जब राज्य में किसी राजनीतिक नेता ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन मार्च निकाला हो।
चांडी ने कई सामाजिक नेताओं से मुलाकात की, जिनमें चर्च प्रमुख और नायर सर्विस सोसायटी के महासचिव सुकुमारन नायर शामिल थे। नायर समुदाय कांग्रेस और ओमान चांडी के लिए एक पारंपरिक समर्थन का आधार रहा है।
चांडी ने हालांकि, मीडियाकर्मियों को बताया कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनका विरोध मार्च विशेष रूप से उत्तर भारत के किसानों के समर्थन में है, जो कानून के खिलाफ लड़ रहे हैं।
विरोध मार्च को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है, क्योंकि हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी की हार के बाद ओमान चांडी को फिर से पार्टी के भाग्योदय के लिए कमान उनके हाथ में सौंपने की मांग उठ रही है।
विधानसभा चुनाव समीप आने के साथ ही, कांग्रेस पार्टी पूरे जोश में है।
केरल के कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर के नेतृत्व में पार्टी नेताओं की एक टीम राज्य के नेताओं के साथ चर्चा कर रही है, जिसमें स्थानीय निकाय चुनावों में हार के बारे में उनकी प्रतिक्रिया पर जमीनी कार्यकर्ताओं सहित पार्टी नेताओं के साथ चर्चा की जा रही है। (आईएएनएस)
मुंबई/नई दिल्ली, 6 जनवरी | शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पीएमसी बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर पूछताछ के लिए बुलाया है। एजेंसी ने उन्हें 11 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। जांच से जुड़े ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमने वर्षा राउत को 11 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा है।"
वर्षा राउत 4 जनवरी को ईडी के सामने इसी मामले में पेश हो चुकी हैं और अपना बयान दर्ज करवा चुकी हैं।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, 2010 और 2011 में वर्षा राउत के बिजनेस पार्टनर रही माधुरी राउत ने उनके खाते में ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 55 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। माधुरी राउत पर एचडीआईएल केस में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
सूत्र ने आगे कहा कि वर्षा राउत से अवनी कंस्ट्रक्शन में माधुरी राउत के साथ उनकी साझेदारी और 12 लाख रुपये के प्राप्त धन राशि के बारे में भी पूछताछ की जाएगी।
ईडी के सूत्रों के अनुसार, वर्षा राउत की 12 लाख रुपये की ऋण राशि अभी भी बकाया है।
इससे पहले, वर्षा राउत से ईडी की पूछताछ को लेकर शिवसेना ने बड़ा राजनीतिक बखेरा खड़ा किया था, जब सत्तारूढ़ महागठबंधन के सहयोगी दलों और भारतीय जनता पार्टी के बीच जमकर बयानबाजी हुई थी।
संजय राउत ने केंद्र पर ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने का आरोप भाजपा पर लगाया था। (आईएएनएस)