राष्ट्रीय
चेन्नई, 11 अप्रैल | तमिलनाडु के अरुवरकुरिची विधानसभा क्षेत्र से पूर्व आईपीएस अधिकारी और भाजपा उम्मीदवार के. अन्नामलाई का कोविड -19 का सकारात्मक परीक्षण किया गया है। अन्नामलाई ने ट्वीट किया है कि उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और उन्होंने अनुरोध किया है कि जो लोग उनके संपर्क में आए हैं, उन्हे भी अपना कोविड टेस्ट करवा लेना चाहिए। अन्नामलाई मदुरई के एक अस्पताल में भर्ती हैं। अन्नामलाई (36) 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी थे और उनके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री है। एक सख्त अधिकारी के तौर पर, उन्होंने 'उडुपी के सिंघम' के रूप में नाम कमाया, क्योंकि उन्होंने सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ मजबूत कदम उठाए थे, छात्र मुद्दों को हल किया और अपराधियों और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त थे।
उन्होंने नौ साल में सिविल सर्विसेज छोड़ दी थी और तब कहा था कि वह युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं। हालांकि बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और अब उन्होंने द्रमुक के सेंथिल बालाजी जो तमिलनाडु के पूर्व परिवहन मंत्री थे, के खिलाफ अरुवरकुरीची निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा।
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने भाजपा में शामिल होने के दौरान मीडिया को बताया कि उन्होंने नरेंद्र मोदी में एक प्रशासक के लिए आवश्यक सभी लक्षण पाए थे और वह भाजपा में शामिल हुए थे क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री के विचार पसंद थे।(आईएएनएस)
चेन्नई, 11 अप्रैल (आईएएनएस)| श्रीविल्लिपुथुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके कांग्रेस उम्मीदवार माधव राव का रविवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
63 वर्षीय राव को 20 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मदुरै के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनका तब कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया था।
राव की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए, द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा कि राव को एक सदस्य के रूप में विधानसभा में प्रवेश करना चाहिए था और उनका अचानक निधन कांग्रेस पार्टी और श्रीविल्लीपुथुर के लोगों के लिए एक नुकसान है।
मनिठानिया मक्कल काची (एमएमके) नेता एम.एच. जवाहिरुल्लाह ने राव की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है।
संजीव शर्मा
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)| अप्रैल के पहले 10 दिनों में जब लोग टीकाकरण के लिए गए तो करीब पांच में एक (18 प्रतिशत) नागरिकों या उनके सामाजिक नेटवर्क में से कोविड-19 की खुराक नहीं मिल सकी। लोकलसर्कल सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
यह आंकड़ा ऐसे समय पर सामने आया है, जब देश भर में कोविड-19 की दूसरी लहर चल रही है और भारत में अब दैनिक तौर पर 1,50,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। संक्रमण का आंकड़ा 2020 में एक ही दिन में 97,400 मामलों के उच्चतम स्तर से भी काफी आगे चला गया है।
भारत 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को उपलब्ध होने वाले टीके के साथ अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार कर रहा है और प्रत्येक दिन 50 लाख लोगों को टीका लगाने की योजना बना रहा है, इस बीच देश में कुछ राज्यों के नेता वैक्सीन की कमी बता रहे हैं।
मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कुछ हिस्सों के नागरिकों ने लोकलसर्कल पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा है कि कुछ अस्पतालों में यह संकेत मिलता है कि उनके पास या तो सीमित खुराक है या किसी विशेष दिन पर कोई खुराक उपलब्ध नहीं है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने संकेत दिया है कि देश में पर्याप्त खुराक है।
यह समझने के लिए कि वास्तव में जमीनी स्थिति क्या है, लोकलसर्कल इसके लिए एक सर्वेक्षण किया है। सर्वेक्षण में भारत के 255 जिलों में स्थित नागरिकों से 24,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं।
इस सर्वे में पाया गया कि 18 प्रतिशत नागरिक या उनके सामाजिक नेटवर्क में आने वाले व्यक्ति, जो अप्रैल के पहले 10 दिनों में टीकाकरण के लिए गए थे, उन्हें वैक्सीन प्राप्त नहीं हो सकी।
इस साल 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से भारत ने अपने नागरिकों को 10 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी है
इसने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के साथ-साथ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा प्रत्यक्ष आपूर्ति समझौतों के तहत दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में कोविड-19 की 4.81 करोड़ से अधिक खुराक की आपूर्ति की है।
सर्वेक्षण के अनुसार, चिंताजनक तथ्य यह है कि भारत भर के कोविड मामलों में हो रही वृद्धि के बावजूद, राज्यों की मीडिया ग्राउंड रिपोर्ट यह संकेत दे रही है कि वर्तमान में केवल पांच दिनों के वैक्सीन का स्टॉक शेष बचा हैं, जबकि एक अतिरिक्त सप्ताह की आपूर्ति पाइपलाइन में है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में मौजूदा स्टॉक दो दिनों से कम का बचा हुआ है, जबकि ओडिशा में मुश्किल से चार दिनों का स्टॉक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि टीकों के निर्यात पर भारत का कदम घरेलू आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
टीकाकरण केंद्रों के बारे में भारत भर के लोगों से पोस्ट और टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं, जो उनके वर्तमान स्टॉक स्तर को प्रदर्शित कर रही हैं। यह सामने आया है कि कुछ लोग टीकाकरण केंद्रों से बिना टीका लगवाए वापस लौट रहे हैं।
सर्वेक्षण में नागरिकों से यह सवाल पूछा गया कि क्या उनके या उनके सामाजिक नेटवर्क में किसी को इस प्रकार की स्थिति का सामना करना पड़ा है कि अप्रैल के पहले 10 दिनों में वे या उनके नेटवर्क में कोई व्यक्ति टीका लगवाने गया हो और टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन का स्टॉक ही न हो।
इसके जवाब में 6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके सामाजिक नेटवर्क में 4 या अधिक व्यक्तियों के साथ ऐसा हुआ है। वहीं 6 प्रतिशत ने कहा कि उनके सामाजिक नेटवर्क में 2-3 व्यक्तियों के साथ ऐसा हुआ, जबकि अन्य 6 प्रतिशत ने कहा कि उनके जानने वाले लोगों एक व्यक्ति ऐसा रहा, जिसे इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ा।
हालांकि 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके जानने वाले लोगों में किसी के साथ ऐसा नहीं हुआ।
जबकि 6 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। समग्र प्रतिक्रिया से संकेत मिला कि 18 प्रतिशत नागरिकों के पास उनके सामाजिक नेटवर्क में ऐसा कोई न कोई व्यक्ति जरूर था, जो अप्रैल के पहले 10 दिनों में टीकाकरण के लिए गया, मगर उसे वैक्सीन नहीं मिल पाई। सर्वेक्षण में इस सवाल को 9,016 प्रतिक्रियाएं मिलीं।
यह ध्यान देने वाली बात है कि मार्च के पहले 10 दिनों में काफी वरिष्ठ नागरिकों ने अपनी पहली खुराक प्राप्त की थी और अप्रैल के पहले 10 दिनों के दौरान ही उन्हें दूसरी खुराक प्राप्त करनी थी।
अमरावती, 10 अप्रैल | आंध्र प्रदेश के उद्योग मंत्री मेकापति गौतम रेड्डी ने शनिवार को कहा कि उनके ट्विटर अकाउंट से छेड़छाड़ की गई है और असंबंधित संदेश पोस्ट किए जा रहे हैं। रेड्डी ने कहा, "व्यूअर और फोलोवर्स कृपया ध्यान दें कि मेरे आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कुछ असामाजिक तत्वों ने छेड़छाड़ की है और वे असंबंधित और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट कर रहे हैं।"
उन्होंने आम जनता से माफी मांगी और उनसे कहा कि उनके हैक किए गए अकाउंट से किए जा रहे फर्जी ट्वीट को नजरअंदाज करें।
मंत्री ने कहा, "कृपया उन्हें अनदेखा करें और असुविधा के लिए क्षमा करें।"
इस बीच, वह इस साइबर अपराध पर पुलिस विभाग के साथ शिकायत दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं।
रेड्डी इस सोशल मीडिया अकाउंट का उपयोग कई आधिकारिक संदेश देने के लिए भी करते थे। (आईएएनएस)
कोलकाता, 10 अप्रैल: सुरक्षा गश्त के दौरान सीआईएसएफ के दस्ते पर कथित हमला और उस दौरान एक बच्चे का घायल होना पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के मतदान केंद्र पर हिंसा की शुरुआत का कारण बना. आधिकारिक सूत्रों ने ये जानकारी मिली है. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई है.
वहीं इस मामले पर सुरक्षाबलों की ओर से बयान भी जारी किया गया है. बयान में कहा गया है कि सुबह करीब साढ़े नौ बजे इसकी शुरुआत तब हुई जब एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में सीआईएसएफ की टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र के जोर पातकी इलाके की निगरानी कर रही थी. उन्होंने बताया कि बल अमताली माध्यमिक शिक्षा केंद्र में बने मतदान केंद्र संख्या 126 और आसपास के क्षेत्रों में मतदाताओं को पहुंचने से रोकने का प्रयास करने वाले तत्वों को हटा रही थी.
भीड़ को हटाने का प्रयास
बयान में कहा गया है कि सुरक्षाबलों ने करीब 50-60 लोगों की भीड़ को हटाने का प्रयास किया और इसी क्रम में एक बच्चा गिर गया और घायल हो गया. इसके बाद कुछ बदमाशों ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) को लेकर जा रहे चार पहिया वाहन और उसमें सवार कर्मियों पर हमला कर दिया.
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'क्यूआरटी ने आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हुए भीड़ को हटाने के लिए हवा में छह गोलियां चलायीं. बाद में डिप्टी कमांडर रैंक का अधिकारी और सीआईएसएफ यूनिट (567/चार्ली कंपनी) के प्रभारी मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत कराया. फिर अधिकारी वहां से चले गए.'
पिटाई की
अधिकारी ने बताया कि करीब एक घंटे बाद करीब 150 लोगों की भीड़ परिसर में बूथ संख्या 186 पर पहुंची और मतदान कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया. उन्होंने बताया कि भीड़ ने होम गार्ड के एक जवान और एक आशा कार्यकर्ता की कथित रूप से पिटाई कर दी और इसमें हस्तक्षेप करने पर ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ कर्मी का हथियार छीनने का प्रयास किया.
अधिकारियों ने बताया कि भीड़ के उग्र होने पर हवा में दो गोलियां चलायीं गईं, लेकिन जान पर खतरे को भांपते हुए आत्मरक्षा के लिए सुरक्षाबलों ने भीड़ पर सात गोलियां चलाईं. पुलिस ने बताया कि केंद्रीय बलों की गोलीबारी में चार लोग मारे गए हैं. उन्होंने बताया कि इस बीच सीआईएसएफ क्यूआरटी और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने कहा कि मतदान रुकने के बाद भीड़ वहां से छंटने लगी.
मुंबई, 10 अप्रैल | अशनूर कौर और डेलनाज ईरानी की अपकमिंग आगामी वेब सीरीज 'परी हूं मैं' का पोस्टर लॉन्च हो गया है। यह सीरीज 'पटियाला बेब्स' फेम अशनूर की डिजिटल शुरुआत है। अशनूर ने कहा, "मैं लॉन्च के लिए बेहद उत्साहित हूं, क्योंकि हम सभी ने पूरी मेहनत की है।"
अशनूर की मां की भूमिका निभाले वाली डेलनाज ने कहा, "एक कलाकार के रूप में, यह तकनीकी रूप से पहला वेब शो होने जा रहा है। अशनूर और बाकी कलाकारों के साथ काम करना बहुत अद्भुत था और निश्चित रूप से, विवेक खट्टर जी, जो एक शानदार लेखक हैं।"
सीरीज में जितेन लालवानी और अरुशी हांडा भी हैं, और यह 18 अप्रैल को वाह ऐप पर रिलीज होने के लिए तैयार है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अप्रैल | भारत के शीर्ष भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने शनिवार को खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) द्वारा दिए गए समर्थन को अपने हाल के अच्छे प्रदर्शनों का श्रेय दिया। एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता नीरज ने कहा कि टॉप्स कार्यक्रम के समर्थन के बिना, महामारी के दौर में एथलीटों के लिए प्रतिस्पर्धा में लौटना मुश्किल होता।
चोपड़ा, जो इस महीने के अंत में हमवतन शिवपाल सिंह के साथ तुर्की में एक प्रशिक्षण कार्यकाल के लिए रवाना होंगे, ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि साई और टॉप्स का समर्थन पाकर भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
23 वर्षीय चोपड़ा ने कहा, उनका (साई और टॉप्स) उपकरण, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर ट्रिप्स और प्रतियोगिता के दौरान घायल हुए खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता और प्रतियोगिता और प्रशिक्षण में मदद करते हैं। वे हमें अपना सर्वश्रेष्ठ शॉट देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। साई ने सुनिश्चित किया कि लॉकडाउन के बाद एथलीटों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण मिल सके और यह कि कोविड-अनुरूप प्रोटोकॉल के साथ मैदान और प्रशिक्षण सुविधाओं को तुरंत खोला गया।
भाला फेंक में 88.07 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड रखने वाले चोपड़ा ने स्वीकार किया कि लॉकडाउन ने मन और शरीर पर भारी असर डाला, लेकिन पूरे जोश में प्रशिक्षण के साथ, पूरी फिटनेस पर लौटने में देर नहीं लगेगी। (आईएएनएस)
अर्चना शर्मा
जयपुर, 10 अप्रैल | हालांकि राजसमंद 17 अप्रैल को उपचुनाव होंगे, लेकिन यहां के थानेटा में ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह 8 बजे से 5 बजे तक अलग-अलग कारणों से निर्धारित उपचुनावों से पहले अपने वोट डाले।
हालांकि, यहां मतदान राजनीतिक नेताओं को चुनने के लिए नहीं, बल्कि गांव में शराब की दुकान बंद करने के लिए किया गया था।
ग्रामीण अपने प्रयास में सफल रहे क्योंकि उन्होंने शराब की दुकान को बंद करने के पक्ष में एकजुट होकर मतदान किया।
जानकारी के अनुसार, ग्रामीण हाल ही में गांव में शराब की दुकान खोलने से नाखुश थे और इसका विरोध कर रहे थे। हालांकि जब दुकान का संचालन जारी रहा, तो ग्रामीणों ने चौपाल बुलाई और इस दुकान के खुलने के खिलाफ मतदान करने का फैसला किया।
नियम के अनुसार, यह तय किया गया था कि अगर इसके खिलाफ 51 फीसदी से अधिक वोट पड़े तो शराब की दुकान बंद कर दी जाएगी।
कुल 95.62 प्रतिशत ग्रामीणों ने शराब की दुकान के खिलाफ मतदान किया।
ग्रामीणों ने वास्तव में कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेताओं से दुकान बंद करने का अनुरोध किया था क्योंकि वे उपचुनावों के प्रचार के लिए गांव आते रहे हैं। हालांकि, उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। इसलिए उप-चुनाव से आठ दिन पहले शुक्रवार को मतदान हुआ और शराब की दुकान बंद करने की मांग करते हुए 95.62 प्रतिशत वोट डाले गए।
मतदान सुबह 8 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे तक जारी रहा। कुल 3244 वोटों में से 2307 वोट पड़े। कुल 95.62 प्रतिशत यानी 2206 ने दुकान बंद करने के लिए मतदान किया, जबकि इसके निरंतर संचालन के पक्ष में केवल 61 वोट पड़े।
वास्तव में, यह तीसरी बार है जब इस जिले के लोग शराब की लत की समस्या का हल खोजने निकले हैं।
2016 में, इस जिले की कछबलि पंचायत में मतदान के बाद एक शराब की दुकान बंद कर दी गई थी। 2018 में भी मंडावर में मतदान के बाद एक शराब की दुकान को बंद कर दिया गया था और अब यह तीसरी बार है जब ग्रामीणों ने मतदान करके शराब की दुकान को बंद करने के लिए मजबूर किया। (आईएएनएस)
गुरुग्राम, 10 अप्रैल | गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को सेक्टर-34 से 1.51 लाख रुपये के नकली नोट के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान राजस्थान के नागौर जिले के निवासी सरज ऊर्फ सोनू के रूप में हुई।
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता सुभाष बोकेन ने कहा कि गुरुग्राम पुलिस की अपराध शाखा इकाई ने सेक्टर -34 मारबल बाजार से उस व्यक्ति को पकड़ा और उसके कब्जे से 200 रुपये के 758 नकली नोट जब्त किए।
उन्होंने कहा, "सरज नकली नोट देने के लिए गुरुग्राम आया था। वह कमीशन के आधार पर नकली नोट की आपूर्ति करता था। आरोपी ने जयपुर और अन्य क्षेत्रों में ऐसे नकली नोटों की आपूर्ति की थी। हम उससे पूछताछ कर रहे हैं। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 10 अप्रैल | हैदराबाद के वनस्थलीपुरम इलाके में शुक्रवार से तीन किशोरियों को उनके घर से लापता होने की सूचना मिली है। वनस्थलीपुरम पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के मुताबिक, 17, 15 और 14 साल की तीन बहने गायब हैं, जो अपने माता-पिता के साथ वनस्थलीपुरम के प्रगतिनगर इलाके में रहती हैं।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की शाम लड़कियों ने अपनी मां के साथ किसी बात पर बहस कर ली थी और जब शनिवार सुबह उनके माता-पिता उठे तो उनकी बेटियां गायब मिलीं। तीनों लड़कियों का कुछ पता नहीं चला तो, माता-पिता ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी।
परिवार के सदस्यों को डर है कि लड़कियों का इलाके में किसी ने अपहरण कर लिया होगा।
पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और इलाके की सीसीटीवी फुटेज से जांच कर रही है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 10 अप्रैल | उत्तर प्रदेश में जेलों की सूरत बदलनी का सिलसिला लगातार जारी है। राज्य में जिला कारागार लखनऊ, गौतमबुद्धनगर, आजमगढ, चित्रकूट और बरेली को हाईटेक करते हुए सरकार ने अपराधियों को सुरक्षित निगरानी में रखने के लिए कारागारों को आधुनिक सुविधाओं के साथ लैस कर दिया है। ड्रोन कैमरे से लेकर डीप सर्च मेटल डिटेक्टर तक की व्यवस्था इन कारागारों में की गई है। इन पांच जिला कारागारों में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर इन्हें बेहतर बना दिया गया है। इसके तहत जेलों की मुख्य प्राचीर की मेनवॉल पर कन्सरटीना फैन्सिंग कराई गई है। हर कारागार में एक-एक अदद् नॉन लिनियर जंक्शन डिटेक्टर ,एनएलजेडी और पांच ड्रोन कैमरा लगाए गए हैं। यही नहीं, पांच नाइट विजन बाइनाकुलर, 25 हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर भी लगाए गए हैं। इन उपकरणों को हाईवोल्टेज से क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए हैवी ड्यूटी स्टैब्लाइजर रखा गया है, ताकि इन उपकरणों को कोई नुकसान न हो सके। जिला कारागार लखनऊ में 48 अतिरिक्त उच्च मेगापिक्सल के सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
सीसीटीवी सर्विलांस इकाइयों की बात करें, तो प्रदेश के सभी कारागारों में सीसीटीवी सर्विलांस इकाइयां स्थापित की गई हैं। साथ ही प्रदेश के सभी कारागारों में 30-30 कैमरे लगे हैं। वर्तमान की बात करें तो 55 कारागारों में 04/05 मेगा पिक्सल के 220 अतिरिक्त कैमरे लगे हैं। सभी कारागारों में 3080 कैमरे स्थापित हैं। इन कैमरों की फीड मुख्यालय वीडियो वॉल/कमाण्ड सेण्टर में देखने की व्यवस्था है। यानि राजधानी से सूब के सभी कारागारों की लाइव फीड मुख्यालय में सीधे देखी जा सकती है। यही नहीं, बंदियों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक पोल मेटल डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया है। जिसके तहत प्रदेश के सभी कारागारों में एफजी-1 मेटल पोल डिटेक्शन सिस्टम स्थापित किया गया है। सभी कारागारों में एक-एक मल्टीजोन डोरफ्रेम और 3-5 की संख्या में हैण्डहेल्ड मेटल डिटेक्टर भी स्थापित कर दिए गए हैं।
महानिरीक्षक कारागार आनंद कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सभी कारागारों में आन्तरिक संचार व्यवस्था के लिए इंटरकाम प्रणाली की व्यवस्था की है। बंदियों को एक साथ संबोधित किया जा सके, इसके लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था की गई है। मल्टी मीडिया प्रोजेक्टर के साथ-साथ गुड प्रिजन प्रैक्टिस के प्रचार प्रसार और फोटोग्राफी के लिए सभी कारागारों को डिजिटल कैमरे दिए गए हैं। अब कारागारों में बंदियों के मनोरंजन के लिए एलईडी टेलीविजन के साथ-साथ ठंड में गीजर की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
उत्तर प्रदेश सुरक्षा मुख्यालय के माध्यम से कारागारों में विभिन्न स्थानों पर जमीन के नीचे, नालियों, टेरिस और अन्य स्थानों पर छिपाई गई बड़ी या छोटी से छोटी धात्विक सामग्री की विश्वसनीय तलाशी के लिए डीप सर्च मेटल डिटेक्टर की सुविधा दी गई है। प्रदेश की सभी कारागारों में दो या एक की संख्या में और प्रशिक्षण उपयोग के लिए डॉ. सम्पूर्णानन्द कारागार प्रशिक्षण संस्थान में कुल 121 डीप सर्च मेटल की व्यवस्था की गई है। कारागारों के अंदर संचार व्यवस्था को सु²ढ़ करने के लिए हैण्डहैल्ड और स्टैटिक वायरलेस सेट स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में प्रदेश की सभी कारागारों में कम से कम 10 हैण्डहेल्ड और एक स्टैटिक सेट के साथ-साथ बड़े कारागारो में 20 हैंडसेट और 01 स्टैटिक सेट स्थापित हैं।
जेलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने की वजह से ही विचाराधीन बंदियों की रिमांड के लिए प्रदेश की कारागारों और जनपद न्यायालयों में वीडियो कांफ्रेंसिंग इकाइयों की व्यवस्था कराई गई है। अभी तक प्रदेश में संचालित 75 जिलों में से 73 जनपद न्यायालयों और संचालित 70 कारागारों में इकाईयां स्थापित हैं। सीआरपीसी की धारा-167 (2) के अधीन विचाराधीन बन्दियों की रिमाण्ड की कार्यवाही इन इकाईयों के माध्यम से हो रही है। अभी तक लगभग 17 लाख बन्दियों की रिमाण्ड वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सम्पादित होने से जहां सुरक्षा जोखिम कम हुई है, वही शासकीय धन की बचत भी हुई है। (आईएएनएस)
नयी दिल्ली, 10 अप्रैल | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में तालाबंदी की योजना नहीं बना रही है। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि सरकार आने वाले दिनों में कुछ और प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है। केजरीवाल ने वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ समीक्षा बैठक के बाद कहा, "लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, हम वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाएंगे। दिल्ली सरकार आने वाले कुछ दिनों में कुछ नए प्रतिबंध लगाएगी।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली सहित पूरे देश में नए कोविड -19 के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। केजरीवाल ने कहा, "हमें एक साथ टीकाकरण अभियान को तेज करने की जरूरत है और साथ ही ऐसे उपाय भी करने चाहिए जो अस्पताल प्रबंधन को समान रूप से प्रभावी बनाने के साथ वायरस के प्रसार को प्रभावी रूप से दूर कर सकें।"
उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजधानी कोरोनावायरस की चौथी लहर का सामना कर रही है। आखिरी लहर नवंबर में थी, जिसके बाद दिल्ली में मामले कम हो गए थे और स्वास्थ्य एजेंसियां शिथिल होने लगी थीं। केजरीवाल ने कहा, "यह जरूरी है कि वे अपनी गति को फिर से हासिल करें और उसी कुशल तरीके से काम करना शुरू करें।
एलएनजेपी के एक वरिष्ठ चिकित्सक, जो कि प्रशासन के प्रभारी भी हैं, अंकित गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि अस्पताल में 2000 बेड में से 1500 कोविड -19 संक्रमित रोगियों के लिए आरक्षित किए गए हैं जबकि 500 गैर-कोविड बेड हैं। उन्होंने कहा, "हमने अभी तक गैर-कोविड सेवाओं को निलंबित नहीं किया है, लेकिन अगर स्थिति की मांग की जाती है, तो आने वाले दिनों में एक और निर्णय लिया जा सकता है।" (आईएएनएस)
कोलकाता, 10 अप्रैल | अवैध कोयला तस्करी मामले के कथित किंगपिन अनूप मांझी ऊर्फ लाला से एक बार फिर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले के संबंध में पूछताछ कर रही है। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, मांझी सुबह 11 बजे के आसपास सीबीआई के सामने पेश हुए।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि उनसे मामले के संबंध में और राज्य में उनके वित्तीय व्यवहार और उनकी संपत्तियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
सीबीआई ने इससे पहले 1 अप्रैल, 6 और 8 अप्रैल को 30 मार्च को और मामले के सिलसिले में पूछताछ की थी।
माझी के करीबी सहयोगी गणेश बावरिया से 3 अप्रैल को पूछताछ की गई, और बीरभूम के पूर्व पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह से 1 अप्रैल को पूछताछ की गई थी
5 अप्रैल को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मांझी की 165.86 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त किया था। (आईएएनएस)
कोलकाता, 10 अप्रैल | बंगाल में चौथे चरण के मतदान के दौरान दो अलग-अलग जगहों पर हिंसा की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई है। शनिवार को कूचबिहार जिले के सीताकुल्ची विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत माथाभांगा ब्लॉक में उपद्रवियों के एक समूह को काबू में लाने के लिए केंद्रीय बलों द्वारा गोलीबारी किए जाने के दौरान चार लोगों की मौत हो गई। इसी निर्वाचन क्षेत्र में हुई एक दूसरी घटना में पहली बार मतदान कर रहे एक मतदाता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसी के साथ कुल मौतों की संख्या पांच दर्ज हुई है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे के पास पहुंची प्रारंभिक रिपोर्ट में सुझाया गया है कि केंद्रीय बलों को आत्मरक्षा के लिए गोलियां चलानी पड़ीं।
रिपोर्ट के मुताबिक, सीताकुल्ची के जोर पाटकी गांव के आमतली में 126 नंबर के मतदान केंद्र में सुबह से तनाव का माहौल था क्योंकि यहां मतदान केंद्र के सामने 400 से अधिक लोगों की भीड़ जमा हुई थी। केंद्रीय बलों ने जब भीड़ को वहां से हटाने की कोशिश की, तो और भी लोगों ने भीड़ लगाना शुरू कर दिया था। भीड़ ने सुरक्षा बलों से बंदूके छीनने की कोशिश भी की। इस स्थिति के चलते बलों को गोलीबारी करनी पड़ी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।
चुनाव आयोग ने सीईओ अरीज आफताब से एक विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। पश्चिम बंगाल के उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने सीईओ से घटना के वीडियो फुटेज सहित एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा है। जैन ने यह भी जानना चाहा कि आखिर किन कारणों से बल द्वारा लोगों पर गोलियां चलाई गईं। आयोग ने घटना की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
कूचबिहार में ही हुई एक दूसरी घटना में पहली बार मतदान करने गए 18 वर्षीय आनंद बर्मन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वोट देकर मतदान केंद्र से बाहर आने के बाद कुछ अज्ञात हमलावरों के द्वारा आनंद को गोली मार दी गई। सीताकुल्ची के ही एक स्वास्थ्य केंद्र में आनंद को ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इस घटना में आनंद की मां भी चोटिल हुई हैं। (आईएएनएस)
मनोज पाठक
पटना, 10 अप्रैल | बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी इन दिनों संकट के दौर से गुजर रही है। लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह के जनता दल (युनाइटेड) का दामन थाम लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी लोजपा में सेंध लगाने की तैयारी में है।
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा के कई नेता टिकट नहीं मिलने या पार्टी से नाराजगी के कारण भाजपा को छोडकर चिराग पासवान की पार्टी लोजपा का दामन थाम लिया था। उस समय इसे लेकर भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू ने नाराजगी भी दिखाई थी।
विधानसभा चुनाव में लोजपा जहां एक सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी, जबकि भाजपा राजग में सबसे अधिक सीट जीतकर बड़े भाई की भूमिका में पहुंच गई है। ऐसी स्थिति में भाजपा को छोड़कर लोजपा में जाने वाले नेताओं ने अब नरमी दिखाना प्रारंभ कर दिया है।
भाजपा के सूत्र भी कहते हैं कि पार्टी छोड़कर गए नेताओं के प्रति भाजपा का नेतृत्व भी सख्त नहीं है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि ऐसे नेता एकबार फिर से भाजपा में शामिल होंगे।
भाजपा के एक दिग्गज नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि पार्टी अब अपने जनाधार को राज्य में मजबूत करना चाहती है। पार्टी के कुछ लोग नाराजगीवश पार्टी छोड़कर भले ही गए हो, लेकिन अगर वे अपनी गलती मान लेते हैं, तो उन्हें पार्टी में वापस लेने में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि पार्टी छोड़कर गए सभी नेताओं को पार्टी में शामिल करने की तैयारी है, जो भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि चुनाव के बाद लोजपा के इकलौते विधायक राजकुमार ने चिराग पासवान का दामन छोड़ जदयू का हाथ थामा है। इससे पहले लोजपा के 200 से ज्यादा नेता जदयू में शामिल हो चुके हैं।
भाजपा से दूसरे दलों में शामिल हुए नेताओं में से कुछ ने पार्टी अपनी इच्छा के अनुसार छोड़ी थी, तो कुछ को अनुशासनहीनता के कारण निकाल दिया गया था। इनमें कुछ पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष और संगठन से जुड़े हुए हैं। अब पार्टी की नजर ऐसे नेताओं पर है, जिन्होंने दूसरे दल में जाने के बाद भी भाजपा के खिलाफ नहीं कहा है।
पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया पहले ही लोजपा से इस्तीफा दे चुके हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह कभी भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा छोड़कर लोजपा में गए राजेंद्र सिंह, पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी भी भाजपा में फिर से लौटना चाहते हैंे।
सूत्रों का कहना है कि ऐसे दो दर्जन से ज्यादा नेताओं की भाजपा ने पहचान कर ली है, जो भाजपा में फिर से आ सकते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का भी कहना है कि भाजपा को छोड़कर गए नेता भले ही पार्टी छोड़कर गए हो, लेकिन अब तक पार्टी के खिलाफ कोई भी बयान नहीं दिया है। ऐसे में पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने के लिए ऐसे नेताओं पर डोरे डाल रही है। देखना है कि इन नेताओं की फिर से कब 'घर वापसी' होती है। (आईएएनएस)
कुशीनगर, 10 अप्रैल | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूख, कुपोषण, बदहाली और उपेक्षा का दंश झेल रहे मुसहर समाज के जीवन में व्यापक परिवर्तन लेकर आए हैं। अब आलम यह है कि उन्हें न सिर्फ सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा है, बल्कि वह अब फर्श से अर्श का सफर कर रहे हैं। कुशीनगर जिले में 138 ग्राम सभाओं में 159 बस्तियों में मुसहर समाज के 10,414 परिवार हैं। चार साल पहले तक राशन के अभाव में भूख, कुपोषण, बीमारी और मौत ही इन्हें सुर्खियों में लाते थे, लेकिन किसी सरकार ने इनकी सुध नहीं ली। बेबसी में जीवन से संघर्ष कर मुसहर भगवान को कोसने के अलावा कुछ कर भी नहीं पाते थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही इनके लिए न सिर्फ नई योजनाओं की शुरुआत की, बल्कि धरातल पर योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों के भी पेंच कसे।
अब इन परिवारों में से 9,336 को अंत्योदय कार्ड और 1078 को पात्र गृहस्थी के तहत राशन कार्ड मिल चुका है। चूंकि सरकार की सख्ती राशन वितरण प्रणाली पर सतत रहती है, इसलिए इन मुसहरों को समय से चावल, गेहूं के साथ ही चना भी उपलब्ध कराया जाता है।
मुसहर बाहुल्य कुशीनगर के 10 ब्लॉकों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 7894 और इससे छूटे मुसहरों के मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 2572 घर बन चुके हैं। स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ 10,159 परिवारों को शौचालय की भी सुविधा मिली है।
मुसहरों के जीविकोपार्जन में कोई बाधा न आए, इसके लिए कुशीनगर जिले में मनरेगा के तहत 10,320 मुसहरों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं और उन्हें समय से रोजगार मुहैया कराने के लिए सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं। पेंशन योजनाओं में पात्रों का चयन कर लाभान्वित करने का कार्य भी तेजी से किया गया, जिस कारण 1297 को वृद्धावस्था पेंशन और 180 को विकलांग पेंशन का लाभ मिल रहा है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सभी पात्रों को योजनाओं का लाभ मिलेगा। इसके लिए आवास, शौचालय और पेंशन आदि योजनाओं के लिए लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया भी जारी है।
मुसहरों के लिए मकान और बच्चों की शिक्षा की बात सोचनी ही बेमानी थी, दो वक्त की रोटी के इंतजाम के ही लाले थे। लेकिन 'दलितों में भी दलित' समझे जाने वाले मुसहर समाज के लिए अब यह बातें इतिहास के पन्नों में सिमट रही हैं। सीएम योगी ने उन्हें तेजी से समाज और विकास की मुख्य धारा से जोड़ा है। मुसहर अब सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों में गिने जाते हैं। आवास, जमीन, शौचालय, बिजली, रसोई गैस, पेयजल, राशन कार्ड, पेंशन योजनाओं का लाभ, मनरेगा के तहत रोजगार सब कुछ उनके लिए सुलभ हो चुका है। मुसहरों की आगे की पीढ़ी और तरक्की करे, इसके लिए उनके बच्चे स्कूल भी जाने लगे हैं।
मार्च 2017 में सूबे की सत्ता संभालने के बाद से ही योगी सरकार ने ऐसे वंचित तबकों को अभियान चलाकर योजनाओं का लाभ पहुंचाया है। योगी सरकार की मंशा मुस (चूहा) पकड़ने वाले मुसहरों की वर्तमान और अगली पीढ़ी को कंप्यूटर का माउस पकड़ाने की है, ताकि वे बदलते दौर में किसी से भी पीछे न रहे। बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ सरकार मुसहरों की शिक्षा पर भी खासा ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री योगी जब भी वनवासियों-आदिवासियों के बीच होते हैं, तो आत्मीयता से उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हैं।
घुरपट्टी बांसगांव के मुसहर राजेंद्र की बातें वाकई गौर करने लायक हैं। "चार बरिस पहिले अउर आज के जिनगी में जमीन-आसमान जइसन फरीक आइल बा। राशन कारड ते बनल ही, हर महीना समय से राशन भी मिल जाला, जबकि पहिले राशन के कउन कहे कर्डवे नाही बनल रहे।" वह बताते हैं, "जोगी जी ने हम्मन के खबर लिहले त लकडवून (लॉकडाउन) में भी काम होत रहल।" राजेंद्र मुसहर के आवास का निर्माण लॉकडाउन के ही दौरान हुआ, सौभाग्य योजना से निशुल्क बिजली कनेक्शन भी मिला।
भेंडी जंगल गांव में 101 मुसहरों को आवास मिल गया है, जो गिनती के बचे हैं, उनका आवास भी स्वीकृत हो चुका है।
भेंडी जंगल गांव की ही विधवा मुसहर इसरावती देवी के जीवन में आए बदलाव के बारे में पूछने पर वह भावुक हो जाती हैं। "मड़ई (झोपड़ी) में रहे के मजबूर मुसहरन के खातिर मकान, शौचालय, फिरी के बिजली, रसोई गैस, राशन सब जरुरति के पूरा कई दिहलन। मुसहरन के लइके अब पढ़े जालें।" वह बताती हैं कि कुछ लोगों के मकान बाकी रह गए हैं, उन्हें भी मिलने वाला है।
विधवती देवी और नरेंदर मुसहर के मुताबिक ऐसा लगता है कि उजाले की पहली किरण ने दस्तक दी है। उनका मानना है कि बदलाव की शुरुआत करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी उन्हें बहुत कुछ देने वाले हैं।
जागरूकता अभियान से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि बताते हैं कि वाकई योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद मुसहर समाज की दशा में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। योगी जी अपने संसदीय कार्यकाल से ही मुसहरों की बेहतरी के लिए प्रयासरत रहे हैं, उनको हक दिलाने के लिए पदयात्रा तक की है। अब जबकि सूबे की कमान उनके हाथों में है, उन्होंने संघर्ष के दिनों के मुद्दे को अमलीजामा पहनाया है।
योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद पूर्वाचल के सर्वाधिक मुसहर आबादी वाले जिले कुशीनगर में जुलाई, 2017 में मुसहर परिवार वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया गया। इस सोसाइटी की प्रबन्ध कार्यकारिणी में डीएम अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष और एडीएम वित्त एवं राजस्व सचिव हैं। सीएमओ, डीआईओएस, बीएसए, डीएसओ, जिला गन्ना अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य हैं। इसके अलावा समाज के 21 गणमान्य लोगों को सोसाइटी का सदस्य बनाया गया है। सोसाइटी मुसहर समाज के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन पर मंथन करती है।
ब्लॉक मुसहर बाहुल्य ग्रामसभा
कसया 5
खड्डा 30
नेबुआ नौरंगिया 4
फाजिलनगर 10
तमकुहीराज 6
सेवरही 15
रामकोला 1
दुदही 36
विशुनपुर 14
पडरौना 17
मुसहर परिवारों की कुल संख्या 10,414
सर्वाधिक मुसहर परिवार, दुदही 2,770
अंत्योदय कार्ड 9,336
पात्र गृहस्थी कार्ड 1,078
जॉब कार्ड 10,320
शौचालय 10,159 (आईएएनएस)
चेन्नई, 10 अप्रैल | पीएमके (पाटली मक्कल काची) के संस्थापक एस रामदौस ने कोरोना के बढ़ते प्रसार के चलते केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाएं और तमिलनाडु बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली 12वीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने की मांग की। रामदौस ने कहा कि अगर सीबीआई को परीक्षाएं आयोजित करनी ही है, तो ऑनलाइन आयोजित कर सकता है।
तमिलनाडु राज्य बोर्ड 12वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर रामदौस ने कहा कि परीक्षा रद्द कर देनी चाहिए और छात्रों को स्कूल परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर पास करना चाहिए।
बता दें, पीएमके और दूसरे राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने हाल ही में विधानसभा चुनाव के लिए रैलियों को संबोधित किया था, जिसमें हजारों लोग बिना सोशल डिस्टेंसिग का पालन किये बगैर वहां जमा हुए थे। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 10 अप्रैल | देशभर में कोरोना महामारी ने एक बार फिर तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है। तेलंगाना में भी कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार और लोगों को परेशान कर रखा है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,909 नये मामले सामने आये हैं। शुक्रवार को कोरोना के 2,478 केस दर्ज किये गये थे वहीं अब 2,909 नये मामले सामने आये हैं। जिसके बाद यहां कोरोना के कुल मामले 3,24,091 हो गये हैं।
पिछले 24 घंटों में कोरोना से 6 लोगों की मौत भी हुई है, नये मौत के आंकड़े के साथ मरने वालों की कुल संख्या 1,752 हो गई है। लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक द्वारा जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, यहां मृत्यु दर 0.54 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.31 प्रतिशत है।
सक्रिय मामलों की संख्या शुक्रवार को दर्ज 15,472 की संख्या से बढ़कर 17,791 हो गई। इसमें 11,495 वे लोग हैं,जो घर/ संस्थागत आइसोलेट हैं।
पिछले 24 घंटों में 584 लोग महामारी से ठीक हुए हैं, इस आंकड़े के बाद रिकवरी लोगों की संख्या 3,04,548 हो गई है। शुक्रवार की 93.86 प्रतिशत से रिकवरी दर में सुधार हुआ है, जो अब 94.63 हो गया है। जबकि राष्ट्रीय औसत 91.2 से 90.8 प्रतिशत हो गया है।
ग्रेटर हैदराबाद में 487 कोरोना मरीज मिले। जबकि मेडचल मल्कजगिरी में 289 और रंगारेड्डी में 225 मामले दर्ज हुए।
महाराष्ट्र की सीमा से जुड़ा निजामाबाद में 202 नए मामले आये। वहीं, निर्मल में 131 नए मामले दर्ज किए गए। इसके बाद जगतिल में 121, संगारेड्डी में 117, कामारेड्डी में102, महबूबनगर में 93, करीमनगर में 92, नलगोंडा में 89, वारंगल अर्बन में 86, सिद्दीपेट में 82, वारंगल अर्बन में 86, मनचेरियल में 77 और आदिलाबाद में 70 दर्ज किए गए।
अधिकारियों ने एक ही दिन में एक लाख से अधिक टेस्ट किए। पिछले 24 घंटों के दौरान किए गए कुल 1,11,726 टेस्ट किये गये, इसमें से 99,478 नमूने सरकारी प्रयोगशालाओं में और 12,248 निजी प्रयोगशालाओं में टेस्ट किए गए। (आईएएनएस)
अमरावती, 10 अप्रैल | आंध्र प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। पत्र में पीएम मोदी से 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच आयोजित होने वाले 'टीका उत्सव' के लिए कोरोना वैक्सीन की 25 लाख खुराक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया गया है। शुक्रवार को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, "हमारे राज्य के लिए 25 लाख खुराक की तत्काल आवश्यकता है, जिसे अगर 11 अप्रैल से पहले उपलब्ध कराया जाये, तो राज्य में आपके नेतृत्व में 'टीका उत्सव' को भव्य तरीके से मनाया जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्य में अभी केवल 2 लाख वैक्सीन की खुराक है और अन्य 2 लाख खुराक शुक्रवार को मिलने की उम्मीद थी।
गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद मुख्यमंत्री रेड्डी ने अधिकारियों को 11 से 14 अप्रैल के बीच होने वाले टीकाकरण के दौरान एक दिन में कम से कम 6 लाख लोगों का टीकाकरण करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के जरिये स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से 25 लाख खुराक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है।
रेड्डी ने कहा, "मेरे राज्य में वॉलेंटियर की एक टीम है जहां एक वॉलेंटियर 50 परिवारों की जरूरतों का ख्याल रखता है। इन वॉलेंटियरों को टीकाकरण के लिए योग्य व्यक्तियों को जुटाने के लिए तैयार किया जाएगा।"
मुख्यमंत्री के अनुसार, अभियान के दौरान हर दिन हम 1,145 गांवों और 259 वाडरें से संबंधित क्षेत्रों को कवर करेंगे।
"चार दिनों में 4,580 गांवों और 1,036 शहरी वाडरें को यह सुनिश्चित करने के लिए कवर किया जाएगा कि 45 साल से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को टीका लगाया जाए। संपूर्ण जिला प्रशासन इस अभियान में शामिल होगा।" (आईएएनएस)
मुंबई, 9 अप्रैल | मुंबई की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने विस्फोटक से लदी एसयूवी स्कॉर्पियो खड़ी करने के मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत समाप्त होने के बाद विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था। विशेष न्यायाधीश पी. आर. सितरे ने निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को 23 अप्रैल तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दरअसल एजेंसी ने उनकी रिमांड बढ़ाने की अपील नहीं की थी, जिसके बाद उन्हें अब जेल जाना होगा।
25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के पास एक रवश् से जिलेटिन की छड़ें बरामद होने और फिर ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद वाजे एनआई की जांच के घेरे में आए थे।
इससे पहले मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के लेटर-बम की जांच के सिलसिले में निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे से लगातार तीसरे दिन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूछताछ की।
एजेंसी ने कहा है कि पिछले 4 हफ्तों के दौरान वाजे से पूछताछ के दौरान एसयूवी-हिरेन मामलों के कई महत्वपूर्ण पहलू सामने आए हैं, जिसमें कई लग्जरी वाहनों और नकदी की बरामदगी भी शामिल है। इसके अलावा कुछ सबूतों को नष्ट करने की बात भी सामने आई है।
एनआईए का कहना है कि जांच में वाजे द्वारा रची गई एक साजिश का खुलासा हुआ है। (आईएएनएस)
बीड (महाराष्ट्र), 9 अप्रैल | एक चौंकाने वाली घटना में, महाराष्ट्र के बीड के एक दंपति बुधवार को अमेरिका के न्यू जर्सी में उनके घर पर मृत पाए गए। पड़ोसियों ने दंपति की चार वर्षीय बेटी को बालकनी में रोता देख पुलिस को इसकी सूचना दी। अधिकारिक सूत्रों ने यहां शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। मृतकों की पहचान 32 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर बालाजी रुद्रवर और 30 वर्षीय उनकी पत्नी आरती के रूप में हुई है, जो सात महीने की गर्भवती थीं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मामले को देखने और परिवार की एकमात्र जीवित सदस्य, उनकी 4 वर्षीय बेटी की मदद करने की व्यवस्था करने की अपील की है।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "कृपया मामले पर गौर करें और पूरी जांच करवाएं। उनकी चार वर्षीय बेटी की मदद करने का अनुरोध कर रही हूं, जो अकेली है और बिना किसी की मदद के है। कृपया उसे भारत में उनके परिवार के पास वापस लाने में आवश्यक मदद करें।"
बच्ची की पहचान अभी स्पष्ट नहीं है। वह वर्तमान में अपने माता-पिता के कुछ पारिवारिक दोस्तों के साथ रह रही है।
बीड में टेंपल टाउन अम्बेजोगाई के रहने वाले कपल अगस्त 2015 में शादी के बाद अमेरिका चले गए थे।
रुद्रवार 21ई गार्डन टेरेस, उत्तरी अर्लिगटन, न्यू जर्सी में रहते थे, जो लगभग 15,000 की आबादी वाला एक छोटा सा शहर है।
बालाजी के पिता भरत रुद्रवार ने मीडियाकर्मियों को बताया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें इस बारे में सूचना दी थी, लेकिन कहा कि उनकी मौतों के कारणों पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है।
हालांकि, अमेरिकी स्थानीय मीडिया ने बताया कि रुद्रवार दंपति को उनके अपार्टमेंट में चाकू से गोदे जाने के निशान के साथ पाया गया और यह घटना पड़ोसियों द्वारा उनकी रोती हुई बेटी को देखने के बाद सामने आई। (आईएएनएस)
शोभित चतुर्वेदी
नई दिल्ली, 9 अप्रैल | भारत की महिला मोटर रेसर गरिमा अवतार का कहना है कि चूंकी भारत में मोटर रेसिंग हमेश से पुरुष प्रधान खेल रहा है, लिहाजा उनके लिए इस खेल में खुद की पहचान बनाना काफी कठिन रहा।
गरिमा भारत की शीर्ष महिला मोटर रेसर हैं। वह एक रेसर होने के साथ-साथ डेलटॉन केबल्स की वाइस प्रेसिडेंट भी हैं। गरिमा को 2013 में सर्वश्रेष्ठ महिला ड्राइवर का अवॉर्ड दिया गया था।
मोटर रेसिंग आमतौर पर पुरुषों का खेल माना जाता है, ऐसे में गरिमा ने इस फील्ड में अपनी खुद की एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने कहा कि उनके लिए यह सफर आसान नहीं था लेकिन उनकी लगन के कारण वह ऐसा करने में सफल रहीं।
मर्सिडीज टीम ऑफ प्रोफेशनल ड्राइवर का हिस्सा रह चुकीं गरिमा ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, "जब मैंने ड्राइविंग शुरू की तो मैंने रैली, फॉर्मुला रेसिंग या मोटर स्पोटर्स के बारे में इससे पहले सुना भी नहीं था। मेरे दोस्त या परिवार से से कोई इस खेल से जुड़ा भी नहीं था।"
उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह पूरी तरह अंजान था और शायद ही कोई महिला इसमें हिस्सा लेती थी। मेरे लिए मेंटर खोजना भी मुश्किल था। इसके बाद मुझे लगा कि मोटर रेसर बनने के लिए बड़ी मायने में वित्तीय समर्थन की जरूरत पड़ती है।"
गरिमा ने कहा, "जब मैंने पहले रेस में हिस्सा लिया तो मेरी इसमें रूचि जागी और धीरे-धीरे मैंने अपना करियर बढ़ाया। मेरे लिए इतना आसान नहीं था। इसके बाद मैंने करियर में कई ट्रॉफी भी जीती। ट्रेनिंग के बाद मैंने इंटरनेशल रैली में हिस्सा लिया और एक्ट्रीम रैली में भाग लिया, जहां स्पीड काउंट होती है।"
महिला रेसर ने कहा, "मेरा मानना है कि आपको हमेशा ट्रैक पर खुद को साबित करना होता है जिसके लिए लगातार तैयार रहने की जरूरत है। पिछले साल लॉकडाउन से ठीक पहले मैंने ट्रेनिंग ली थी, जहां मैंने एडवांस ड्राइविंग की ट्रेनिंग ली।"
गरिमा सेलीब्रिटी कॉमर्स के क्षेत्र में एशिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म-गोनट्स के माध्यम से अपने चाहने वालों तक पहुंचती हैं। गोनट्स के साथ जो उनकी साझेदारी है, उसके तहत उनके चाहने वाले अलग-अलग तरह के मैसेजेज का रिक्वेस्ट कर सकते हैं, जिनमें बर्थडे से लेकर एनिवर्सरी और पूरे परिवार के लिए फेस्टिव ग्रीटिंग्स के अलावा और भी बहुत कुछ शामिल है।
गोनट्स का पोर्टफोलियो काफी व्यापक है। इस प्लेटफार्म पर फिल्म, टेलीविजन, खेल एवं संगीत के अलावा दूसरे फील्ड्स के 700 से अधिक सेलीब्रिटीज हैं। इससे यूजर्स को अपने खास लोगों के लिए खास पलों पर पर्सनलाइज्ड मैसेजेज देने की आजादी मिलती है।
बहरहाल, गरिमा ने नौकरी और खेल करियर में संतुलन को लेकर कहा कि कि चूंकी उन पर बेटी की जिम्मेदारी है, लिहाजा वह नौकरी और खेल के बीच संतुलन बना लेती हैं।
गरिमा ने कहा, "मैंने अपनी जीवन में कई झटके झेले हैं और मेरे ऊपर अपनी और मेरी बेटी की जिम्मेदारी है। लेकिन एक महिला होने के नाते मैं नौकरी और खेल के बीच संतुलन बनालेती हूं। मुझे पता है कि इसके लिए मुझे कई त्याग करने है। करियर में कई चुनौतियां आती हैं। इसके बावजूद मैं आगे बढ़ती हूं क्योंकि मेरा मानना है कि उम्मीद नहीं खोनी चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए।"
गरिमा ने कहा, "सभी के लिए सफलता की परिभाषा अलग होती है और मेरे लिए यह यात्रा काफी मायने रखती है। नेल्सन मंडेला ने भी कहा है कि आप किसी को उसकी सफलता से नहीं पहचाने बल्कि यह देखें कि वह कितनी बार गिरकर वापस उठा है।" (आईएएनएस)
हैदराबाद, 9 अप्रैल | तेलंगाना सरकार राज्य के मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को वित्तीय सहायता और चावल उपलब्ध कराने के लिए हर महीने लगभग 42 करोड़ रुपये खर्च करेगी। 10,530 स्कूलों के 1.45 लाख से अधिक शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को वर्तमान माह से प्रत्येक को 2,000 रुपये की वित्तीय सहायता और 25 किलो चावल मिलेगा। शिक्षण संस्थानों के फिर से खुलने तक उन्हें मासिक सहायता प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, शिक्षा मंत्री पी. सबिता इंद्रा रेड्डी और नागरिक आपूर्ति मंत्री गंगुला कमलाकर द्वारा निर्णय लेने के एक दिन बाद शुक्रवार को जिला कलेक्टरों और अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की गई।
बैठक में इस योजना को लागू करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। अनुमान है कि हर महीने राज्य को 42 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सरकार जहां 29 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, वहीं 13.50 करोड़ रुपये के चावल की आपूर्ति उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से की जाएगी।
इंद्र रेड्डी ने कहा कि शिक्षा विभाग 10 से 15 अप्रैल तक जिलों को विवरण प्रदान करेगा। लाभार्थियों की पहचान 16 अप्रैल से 19 अप्रैल के बीच सत्यापन के बाद जिला कलेक्टरों द्वारा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वित्तीय सहायता 20 अप्रैल से 24 अप्रैल तक लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाएगी।
कमलाकर ने कहा कि निजी स्कूलों के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को चावल उपलब्ध कराने के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है। इसमें कहा गया है कि सरकार इस योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण चावल उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने जिला कलेक्टरों और अधिकारियों से इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था करने को कहा। लाभार्थियों की पहचान उचित मूल्य दुकान स्तर पर की जाएगी।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि हर लाभार्थी को सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण वित्तीय समस्याओं के बावजूद मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सभी वर्गों के लोगों की मदद कर रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 अप्रैल | 2019 राष्ट्रमंडल खेलों में महिला 64 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली राखी हल्दर डोप टेस्ट में फेल होने के कारण अगले सप्ताह होने वाले एशिया भारोत्तोलन चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम से बाहर हो गई हैं। राष्ट्रीय स्तर के कोच ने कहा, "राखी का राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने नवंबर 2020 में टेस्ट किया था लेकिन इसका नतीजा हाल ही में आया। इन्हें प्रारंभिक तौर पर निलंबित किया गया है।"
कोच ने कहा, "अगर राखी जैसी भारोत्तोलक एशिया चैंपियनशिप से पहले डोप टेस्ट में फेल हो जाती हैं तो इससे उनके पिछले प्रदर्शन पर सवालिया निशान लगता है।"
नाडा ने मार्च में 19 ब्लड सैंपल सहित कुल 163 डोप सैंपल लिए थे।
इस बीच, राष्ट्रीय स्तर के ग्रीको रोमन पहलवान मनीष और जूनियर पुरुष रेस वॉक 10 मीटर इवेंट में हिस्सा लेने वाले विश्वेंद्र सिंह भी डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। दोनों को प्रारंभिक तौर पर निलंबित किया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 9 अप्रैल | भारत की महिला धाविका और जकार्ता एशियाई खेलों में 100 तथा 200 मीटर में रजत पदक जीतने वाले दूती चंद को छत्तीसगढ़ वीरनी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण इस अवॉर्ड का आयोजन 14 अप्रैल को वर्चुअली किया जाएगा।
छत्तीसढ़ सरकार खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए महिलाओं का सम्मान करेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, दूती को खेल में उनके योगदान के लिए इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है।
2019 में दूती ने इटली में आयोजित हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीता था और वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला एथलीट बनी थीं। (आईएएनएस)