जशपुर

दस्तावेजों में त्रुटि, पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र नहीं बन रहा, रौनियार समाज के लोग मिले मंत्री से, बताई समस्या
22-Sep-2021 7:29 PM
 दस्तावेजों में त्रुटि, पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र नहीं बन रहा, रौनियार समाज के लोग मिले मंत्री से, बताई समस्या

पत्थलगांव/जशपुरनगर, 22 सितंबर। रौनियार समाज जशपुर जिलाध्यक्ष जगन्नाथ गुप्ता के नेतृत्व में रौनियार समाज के लोगों ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक विकास, स्कूल शिक्षा, एवं सहकारिता विभाग के मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम से मिलकर रौनियार समाज के लोगों के नाम के दस्तावेजों में लिखे गए त्रुटि से समाज के लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग को फायदा नहीं मिलने की बात से अवगत कराया।

उन्होंने डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम को दिये आवेदन में उल्लेख किया है कि रौनियार जाति के लोग छतीसगढ़ राज्य के अधिकांश जिलों एवं गांवों में निवासरत हैं । रौनियार जाति को वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ राज्य की अन्य पिछड़ा वर्ग सूची ( क्रमांक 95) में शामिल किया गया था। रौनियार जाति का भूमि सेटलमेंट एवं दाखिल खारिज स्कूल रिकार्ड आदि में जाति के रूप में रौनियार, बनिया , रोनियर, रौनियार वैश्य, साव, साह आदि दर्ज हंै। जिसके कारण अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र रौनियार समाज के अधिकतर लोगों के नहीं बन पा रहे है । ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर निगम आदि निकाय से प्रस्ताव पारित कराने हेतु उनके द्वारा वांछित मांगे गए दस्तावेजों की पूर्ति कर पाने एवं हमारे पास उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर उन्हें संतुष्ट कर पाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि पहले काफी परिवार के लोग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे और वे अपने बच्चों के स्कूल दाखिले करवाने समय इन बातों का ध्यान नहीं दे पाए। दाखिले के समय या जमीन लेने समय पटवारी को रौनियार तो बोल दिया पर गलतीवश कई स्कूल या जमीन की रजिस्ट्री करते समय उन दस्तावेजों में कई तरह की मात्रात्मक त्रुटि हो गई।  ज्यादा पढ़े लिखे न होने के कारण इन बातों में उस समय ध्यान नहीं दे पाए। आज जब शासन ने रौनियार समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया तो वहीं त्रुटि आज उनके लिए मुसीबत का सबब बन गया, जिसके कारण प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे है। इन्ही कारणों से रौनियार समाज के लोग पिछड़ा वर्ग का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। फलस्वरूप रौनियार समाज के होनहार बच्चों को नौकरी, छात्रवृत्ति, एडमिशन आदि क्षेत्र में शासकीय लाभ नहीं मिल पा रहा है।जिसके कारण समाज के हजारों छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है।

आगे बढऩे का अवसर नहीं मिल रहा

रौनियार जाति होते हुए भी दस्तावेजों में और कुछ लिखे होने से अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र नहीं बनवा पा रहे हंै। जिसके कारण उनका मनोबल गिर रहा है। ज्यादातर रौनिवार समाज के लोग आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। फेरी , ठेला एवं झाला लगा कर जीविकोपार्जन हेतु व्यवसाय करते हैं। अर्थात आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नहीं है। अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल होने के बाद समाज के लोगों में एक आशा जगी थी, परन्तु राजपत्र/आदेश में जाति के रूप में केवल रौनियार शब्द दर्ज होने के कारण सम्पूर्ण जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलने वाले लाभ से वंचित हो गए हैं।  इन्हीं बातों को लेकर पिछड़ा वर्ग  विभाग के मंत्री प्रेम सिंह टेकाम से रौनियार समाज के लोगों ने मिल कर इन बातों से अवगत कराया। 

जशपुर जिलाध्यक्ष जगन्नाथ गुप्ता ने शासन को इन त्रुटियों को जल्द दूर करने की बात कही, जिससे रौनियार समाज के युवाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग का पुर्ण लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि निश्चय ही हमारी उक्त समस्याओं पर राज्य शासन और आयोग गौर करेंगे एवं रौनियार जाति को पिछड़ा वर्ग का समुचित लाभ दिलाने हेतु आदेश में आवश्यक संशोधन करने की पहल करेंगे। दस्तावेज में रौनियार के साथ रोनियर, बनिया, वैश्य, साय, साह, आदि दर्ज होने पर पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र बनाये जाने हेतु आदेश पारित करने एवं उक्तनामों को राजपत्र/आदेश में शामिल करें और हम रौनियर जाति के लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग का पूरा लाभ मिल सकें। जिससे रौनियार समाज के युवाओं को आगे बढऩे का मौका मिल सकेगा।

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