सरगुजा
अम्बिकापुर, 14 अप्रैल। राज्य शासन प्राकृतिक संसाधनों के विकास के लिए प्रयासरत है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाले वन एवं उस क्षेत्र के वनवासियों के आर्थिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेकर उन्हें कार्यान्वित कर रही है। पूवोत्तर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित लघु वनोपज की संख्या को बढ़ाया गया है। पहले समर्थन मूल्य पर 52 लघु वनोपज की खरीदी होती थी। राज्य शासन ने इसे बढ़ाकर 65 वनोपज कर दिया है। शासन ने अब 18 लघु वनोपज के संग्रहण दरों में वृद्धि की है। इसमें महुआ फूल, तेंदूपत्ता, इमली, चिरौंजी गुठली, रंगीनी लाख, कुसुमी लाख, फूल झाड़ू, गिलोय, चरौंटा बीज, धवई फूल, नागरमोथा इत्यादि है।
राज्य शासन वन विभाग के माध्यम से विभिन्न वनोपज की खरीदी करती है।
वर्तमान में साल बीज, हर्रा, इमली बीज, चिरौंजी गुठली, महुआ बीज, कुसुमी लाख, रंगीनी लाख, कालमेघ, बहेड़ा, नागरमोथा, कुल्लु गोंद, पुवाड़, बेल गुदा, शहद, फूल झाड़ू, महुआ, जामून, कौंच, व धवई फूल को सूखा खरीदती है। वहीं आंवला, बेल, जामुन, आदि वनोपज को कच्चा खरीद कर संग्राहकों को उसका लाभ पहुंचाई जाती है।