सरगुजा
अम्बिकापुर,12 जून। जि़ला कांग्रेस कमेटी ने 11 जून को कांग्रेस राजीव भवन में शहीद विद्याचरण शुक्ल को उनकी शहादत दिवस पर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की और उनकी छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया।
इस अवसर पर पादप औषधि बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि भारतीय राजनीति के धूमकेतु थे विद्या भैय्या, जिन्होंने राजनीति को अपने अनुकूल प्रवाह दी, विद्या भैय्या कर्म योगी थे, वे राजनीति में पक्ष-विपक्ष से ऊपर उठकर लोगों का काम करते थे, कभी उन्हें पद का घमंड नहीं रहा, हर एक व्यक्ति से बड़ी आत्मीयता से मिलते थे और युवाओं को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करते थे।
विद्या भैय्या एक कुशल प्रशासक, कुशल राज नेता थे, कांग्रेस से 9 बार लोकसभा का नेतृत्व किया। पूरे भारत मे रायपुर की पहचान विद्याचरण के कर्मक्षेत्र के नाम से जाना जाता था। विद्याचरण शुक्ल ने छत्तीसगढ़ के विकास में अहम भूमिका निभाई। उनकी योग्यता का ही परिणाम था कि सभी प्रधानमंत्री के चहेते रहे, विद्याचरण शुक्ल का जन्म स्वतन्त्रता सेनानी परिवार में हुआ। पिता रविशंकर शुक्ल और अग्रज श्यामा चरण शुक्ल से विरासत में राजनीति मिली,1957 में सबसे कम आयु के सांसद बने और 1966 में पहली बार केंद्रीय मंत्री बने और लगातार जीत दर्ज की किन्तु एक समय ऐसा भी आया कि उन्हें कांग्रेस से अलग होना पड़ा, फिर भी विद्याचरण की राजनीतिक ऊंचाई में कोई अंतर नहीं पड़ा।
विद्याचरण शुक्ल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए संघर्षरत थे और परिवर्तन यात्रा के दौरान 25 मई 2013 को झीरम में नक्सली हमले में गम्भीर रूप से घायल हो गए, 11 जून को मेदांता में उनका निधन हो गया।
कार्यक्रम में ब्लॉक अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, सैयद अख्तर, संजय सिंह, रजनीश सिंह, पप्पन सिन्हा, अविनाश प्रियांसु, नरेन्द्र भानु विश्वकर्मा, अमित सिंह, अनिल सिंह, कलीम, चंद्र प्रकाश सिंह, मिथुन सिंह रोशन कनौजिया,शकीला,सूरज,आदि सक्रिय कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित थे।