राजनांदगांव

मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति चुनाव
24-Jun-2022 7:28 PM
मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति चुनाव

भैयाजी पैनल का सुपड़ा साफ, मातेश्वरी पैनल मनोज अग्रवाल का अध्यक्ष बनना तय

9 के मुकाबले 6 के अंतर से मिली जीत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 जून।
मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट चुनाव में कड़ी मशक्कत के बाद नए पैनल की ताजपोशी तय हो गई है। बेहद रोमांचक मुकाबले से जुड़े चुनाव में  आमने-सामने प्रतिद्वंदी मातेश्वरी पैनल ने भैयाजी पैनल को 9-6 से मात दे दी है। इसी के साथ ही ट्रस्ट में नए पैनल का कब्जा होना लगभग तय है। 

पैनल के मनोज अग्रवाल के हाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष की कमान रहेगी। पिछले दो दिनों से चुनावी परिणाम को लेकर कई तरह के कयास लग रहे थे। मातेश्वरी पैनल के मनोज अग्रवाल ने निवर्तमान कोषाध्यक्ष बिरदीचंद भंडारी को  4 वोट से शिकस्त देकर सत्ता में कब्जा करने की तैयारी कर ली है। 

भैयाजी पैनल ने अध्यक्ष के रूप में  किसी चेहरे को अधिकृत घोषणा नहीं की थी। जबकि मातेश्वरी पैनल ने मनोज अग्रवाल को अध्यक्ष के रूप में सामने लाया था। जिसका उन्हें फायदा मिल गया।  इधर काफी घमासान के बीच हुए मतदान में दोनों पैनल जीत को लेकर दावा करते रहे। कल सुबह से शुरू हुई गिनती के बाद अधिकृत घोषणा शुक्रवार को की गई। जिसमें तीन श्रेणी के 15 ट्रस्टी में 9 मातेश्वरी पैनल से चुनकर आए हैं। इस तरह पैनल का कब्जा हो गया है। भैयाजी पैनल को महज 6 मत मिले हैं।

बताया जा रहा है कि भैयाजी पैनल को कोषाध्यक्ष बिरदीचंद भंडारी की हार का अनुमान नहीं था। इस परिणाम को आश्चर्यजनक रूप से देखा जा रहा है। वहीं ट्रस्टी संजय अग्रवाल को अनिल गट्टानी ने मात दी है। इसी के साथ ही मातेश्वरी पैनल का ट्रस्ट पर अधिकृत कब्जा हो गया।

तीन साल का रहेगा कार्यकाल
मां बम्लेश्वरी ट्रस्ट समिति के चुनाव में मातेश्वरी पैनल के सिर जीत का सेहरा बंधा। नई कार्यकारिणी को कार्य करने के लिए तीन साल का वक्त मिलेगा। हालांकि मौजूदा भैयाजी पैनल ने 2 कार्यकाल यानी 6 साल तक अपना कब्जा रखा। वर्तमान अध्यक्ष नारायण अग्रवाल से पूर्व बृजरतन भैया अध्यक्ष थे। बृजरतन के नाम पर ही भैयाजी पैनल का गठन किया गया। 
बताया जा रहा है कि मातेश्वरी पैनल के पास डोंगरगढ़ की पावनधरा को विकसित करने और अत्याधुनिक सुविधा से लैस करने की खास योजना है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रसाद योजना की राशि से भी ट्रस्ट मां बम्लेश्वरी मंदिर और पहाड़ का जीर्णोद्वार करने पर विशेष जोर लगा सकता है। 
 

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